इकोनॉमिक्स सिलेबस - मैक्रोइकोनॉमिक्स
सर्कुलर फ्लो ऑफ इनकम
- चैप्टर का नाम: सर्कुलर फ्लो ऑफ इनकम
- मुख्य बिंदु: इस चैप्टर में हम इनकम के बिहेवियर और इसके सर्कुलर मूवमेंट का अध्ययन करेंगे।
इकोनॉमी के क्षेत्र
- चार प्रमुख सेक्टर:
- हाउसहोल्ड्स (कंज्यूमर)
- फार्म्स (प्रोड्यूसर्स)
- सरकार (सोशल वेलफेयर)
- रेस्ट ऑफ द वर्ल्ड (इंटरनेशनल ट्रेड)
सर्कुलर फ्लो का अर्थ
- सर्कुलर फ्लो: यह बताता है कि पैसे का प्रवाह कैसे एक अर्थव्यवस्था में होता है।
- फैक्टर्स ऑफ प्रोडक्शन:
सर्कुलर फ्लो का प्रक्रिया
- प्रोडक्शन: फार्म्स प्रोडक्शन करते हैं।
- फैक्टर पेमेंट्स:
- भूमि के लिए किराया
- श्रम के लिए वेतन
- पूंजी के लिए ब्याज
- उद्यमिता के लिए लाभ
- कंजंप्शन: हाउसहोल्ड्स इनकम का उपयोग वस्तुओं और सेवाओं पर खर्च करते हैं।
सर्कुलर फ्लो के प्रकार
- मनी फ्लो: पैसे का प्रवाह।
- रियल फ्लो: वस्तुओं और सेवाओं का प्रवाह।
लीक और इंजेक्शन
- लीक: जब पैसे बचाए जाते हैं या खर्च नहीं किए जाते।
- इंजेक्शन: जब बाहरी स्रोतों से पैसे आते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
- टू सेक्टर इकोनॉमी: हाउसहोल्ड्स और फार्म्स के बीच सर्कुलर फ्लो।
- पेमेंट्स और कंजंप्शन का संतुलन: जितनी पेमेंट होती है, उतना ही कंजंप्शन होता है।
होमवर्क
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पुस्तकें: NCERT या अन्य साइड बुक्स से रीड करें।
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नोट्स बनाना: दिए गए नोट्स को अच्छी तरह से समझें और लिखें।
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कोर्स की अगली क्लास: अगले पाठ में माइक्रोइकोनॉमिक्स पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
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