हेलो एवरीवन वेलकम बैक टू जिरान अकैडमी से जैसे आप ओल्डी जानते हैं कि क्लास टेंथ आई सी आई सी फिजिका चेप्टर नंबर फाइव जिसका नाम है रिफ्रेक्शन थ्रू अ लेंस इसके अंदर कुल मिलाकर चार आपके पार्ट्स ने जिसमें से पहले तीन पार्ट्स देड़ एवं बी एंड सी की थ्यूरी उसके कोशिश अंसर नुमेरिकल सब कुछ मैंने पूरी डिसकस करके अपलोड कर दिया है आज के लेक्शन के अंदर हम डिसकस करने वाले हैं उसके दी पार्ट के बारे में और वह हमारा मैंने फाइव ग्लास और हां उपर जितने भी चैनल और जो पेजिस दी गए हैं उनके जो लिंक से डिस्क्रिप्शन बॉक्स में डाल दी हैं तो बिने कोई टाइम वेस्ट किये चले शुरू करते हैं तो देखिए आज की लेक्चर के अंदर हम स्टेडी करने वाले हैं मैंगनीफाइंग ग्लास के बारे में जिसको सिंपल माइकरोस्कोप भी हम कहते हैं सबसे वहले तो ये जाने कि हमें सिंपल माइकरोस्कोप की जरूरत क्या है बास यह है कि अगर माली जी कि मेरे पास दो ऑब्जेक्ट है और वह दो ऑब्जेक्ट एक दूसरे के बहुत नज़दीक है और मैं उनको अलग अलग देखना चाता हूँ तो हमें कोई ना कोई ऐसे उप्टिकल इंस्ट्रूमेंट की जुरूत पड़ती है जिनसे मैं उनके सा है तो जितना आप उनको अपने आंखों के नज़दीक लेकर आओगे वह जो पर्टिकलर ऑब्जेक्ट है उनके बीच का जो डिस्टेंस है वह आपको ज्यादा दिखना शुरू हो जाएगा मतलब वह आपको अलग अलग दिखने शुरू हो जाएगा और साथ उन ऑब्जेक्ट का जो साइज है वह बड़ा होना शुरू हो जाता है अब आपके मन में आ रहा है सर साइज बड़ा कैसे होता है अलग वह डिस्टेंस बिहाइंड वह बताने से पहले मैं एक बात और आपसे यहां पर शेयर करना चाहता हूं अ देखे ये बात सच है कि object को अपने पास आप लेके आओगे तो हमारा object है उसका जो size है वो हमें बड़ा नजर आता है basically जो उसकी image हमारी आँखों के retina में बन रही है वो जो image का size है वो बड़ा होना शुरू हो जाता है है लेकिन आप ऐसे नहीं कि बिल्कुल इसको आंखों के पास ही ले और तब जाकर उसको देखोगे वह बहुत बड़ा नजर आएगा ऐसा बिल्कुल नहीं है एक नॉर्मल आई के लिए जिस पर्टिकुलर डिस्टेंस पर आप अपने ऑब्जेक्ट को ला सकते दिखाई देनी शुरू हो जाती है मतलब उसके बाद आप अपने ऑब्जेक्ट को क्लीर नहीं देख सकते या वह पर्टिकुलर डिस्टेंस जो image formation बने वो maximum बने या फिर जो size of an object है हमें वहाँ पर बड़ा दिखाई दे उस minimum distance को हम कहते है the least distance of distinct vision क्या बोलते हैं उसको हम बोलते हैं उसको that is least distance of distinct vision मतलब क्या कि किसी भी दो objects को आप distinctly अगर देखना चाते हो बेस्ट तरीका है, object को अपने पास लेके आओ, जितना नज़दीक लेके आओगे, उतने जो object के size है, वो बड़े हो जाएंगे, और हमें उनके बीच में separation दिखाई देने शुरू हो जाएगी, तो कितने distance तक आप लाग सकते हो, वो है least distance of distinct vision तक आप लाग सकते हो, क्योंकि अ यह होती है 25 सेंटीमीटर तो यह याद रखें कि किसी भी दो ऑब्जेक्ट को अगर आपने डिस्टिंक्ट लिए देखना है तो आप उन ऑब्जेक्ट को कहां तक लेकर आएगे 25 सेंटीमीटर तक लेकर आओ बस उससे ज्यादा नज़दी के लेकर आओगे तो वो आपको क्ल सबसे बड़ा सवाल यहाँ पर यह होता है कि जब कोई object हमारे पास आ रहा है तो उसका जो size है वो बढ़ता कैसे है क्या हो क्या रहा है यहाँ पर देखिए सबसे पहले बात यहां पर मैंने आपको दो इमेजेस दिखाई है इन दो इमेजेस में आपको अच्छे से समझ में आजेगा कि क्या बात कर रहा हूं सबसे पहले आप इस इमेज को देखो यह जो apple है यह मेरे eyes के बहुत नजदीक है right मान लेते हैं कि यह है मेरा least distance of distinct एंड सबसे नीचे वाले पॉइंट से मालो दो रेज ऑफ लाइट इसके अंदर एंटर कर रही है तो कहने का बतलब है कि हमारी जो आई है जो हमारा लेंस है उस लेंस के अंदर कुछ एंगल सबस्टेंड कर रही है और वो एंगल माल लेते हमारा क्या है ए है ठीक हो गया और एक inverted image आपकी बनेगी तो वो जो आपकी image बनेगी कैसे होगी inverted image मतलब नीचे की तरफ उसका arrow बनाओंगा मैं अगर इसका एरो ऊपर की तरफ है तो ये नीचे की तरफ बनेगा सो मैं सिर्फ आपको ये कहना चाहता हूँ कि इनवर्टेड इमेज तो बनेगी तो ये जितना जादा ये एंगल होगा उतना जादा इस पर्टिकुलर इमेज का साइज होगा इसलिए अगर एपल को जब आप दूर रखते हो अववेस है ने वो less than angle A है और क्यूंकि less than angle A है तो ये छोटा सा vertical opposite angle बनेगा, जिसके वैसे जो आपकी image बन रही है, जो आपकी inverted image बन रही है, retina के उपर, वो भी छोटी से बनेगी, सर कहने का मतलब ये होता है, कि object जैसे जैसे आपकी आंखों के नज़दीक आता है, वैसे वैसे हमारे lens के उपर, ये जो angle सबस्टेंड करता है, उसका size कम या जादा होता है, तो जितना कम होगा, उसी के basis पे, जो image formation होती है, उसका size decide होता है, और यही तो बोला गया प्रिंसिपल के अंदर कि यार अगर आप चाहते हो कि जो ऑब्जेक्ट आप देखना चाहते हो उसका मैक्सिमम साइज अगर आप ऑब्जेक्ट करना चाहते हो कि उसके बाद अगर आप और नज़दीक लाओ तो वो ब्लर ना हो तो यार 25 सेंटिमेटर एंड एस उसे ज्यादा कुछ करने की जरूरत आपको नहीं है अब हम बात करेंगे कुछ इंपोर्टेंट नोट के बारे में और इसी नोट से आपको समझ में आएगा कि यार मुझे मैं निफाइन ग्लास की जरूरत क्यों पड़ती है तो सबसे पहला पॉइंट देखिए कि जो इमेज बन रही है उसका साइज कम है के ज्यादा है यह बात तो आपको क्लायरिटी है राइट पॉइंट डमर वन की तरफ चलते हैं और यह बहुत इंपोर्टेंट पॉइंट है कहता द आई इज नोट एबल टो सी एंड ऑबजेक्ट डिस्टिंक्टली इफिट इस कि यह अपने में से दो रेस्ट निकाल रहा है वन एंड टू यह अपने में से दो रेस्ट निकाल रहा है थ्री एंड फोर यह मेरा क्या है दिस माइलेंस यह क्या है बेटा ओवियस लेंस है मेरा अच्छा अब यह जो रेजोफ राइड क्लियर कोई प्रॉब्लम वाली बात नहीं है मेरा जो मेन फोकस है वाला किस बात पर वह देखो यह दो ऑप्शन साफ को दिख रहे हैं यह एक्चुली में कितना एंग्ल सब्सक्राइब कर रहे हैं मैं मेरा जो में ध्यान है वह इस बात पर है यह जो एंग्ल है ना अगर देखो यह दोनों एक दूसरे के जितना नज़दीक आएंगे यह जो एंग्ल है उतना छोटा होता जाएगा ना तो note क्या है? note ये बोलता है कि अगर ये जो angle सबस्टेंड कर रहा है इसकी value less than one minute हो गया तो ये दो एक दूसरे के इतने नज़दीक आ जाएंगे कि आप उन दोनों को अलग लग देखी नहीं पाओगे तो अब सवाल मन में ये आता है कि sir exactly ये one minute होता क्या है? देखो I hope ये बात समझ में आए नहीं है क्या बोर रहा हूँ देखो देखे मेरे पास क्या था दो object है ये एक object हो गया ये एक object हो गया ये दोना angle substand करते हैं हाँ जी बिलकुल करते हैं उसके correspondingly दोनों की बीच में separation हमें दिखाई देती है अगर ये जो angle substand कर रहे हैं अगर एक है तो आपका जो एंगल है वह क्या होना चाहिए वन मिनट से ज्यादा होना चाहिए तो अब सवाल यह आता है कि सर्वाद मिनट का मतलब क्या है देखिए यार आप भी जानते हो कि एक सर्कल के अंदर अगर यह आपका सेंटर पॉइंट है ठीक है मान लेते हैं कि पहला ए पॉइंट यहां पर था फिर बी पॉइंट यहां पर है एसे बी के जाते हैं और जो यह एंग्ल सब्सक्राइब कर रहा है मान लो यह वन डिग्री है प्रोटेक्टर के अंदर वन डिग्री तो पता है अब तो इस वन डिग्री का यह क्या है इस वन डिग्री मैंने कह इस वन डिग्री के 60 इक्वल पार्ट कर दिए क्या कर दिए 6060 इक्वल पार्ट कर दिए ठीक है मान लेते मैंने सिस्टिकल पार्ट कर दिए अब उनमें से जो एक पार्ट है ना एक पार्ट जो यहां सेंटर में एंगल सब्स्टेंड करेगा यह छोटा से जो एंगल आप देख रहे हो इसको हम वन मिनिट कहते हैं तो वन मिनिट है क्या एक डिग्री का वन बाई सिस्टीयत पार्ट तो आप सोच के देखो कितना छोटा सा एंगल है और जब तक वो एंगल कम हो गया मतलब अब देखो object कितने नज़दीक आ चुके है कि अब जो मेरे आँखों में angle सबस्टेंड करें वो एक मिनिट से कम है तो मैं उन objects को अच्छी तरह नहीं देख सकता तो अब सवाल पैदा होता है कि सर ऐसे particular objects को देखने के लिए हम क्या करेंगे मैं मैं निफाइड इमेज क्रिएट करता है कहां पर करेगा वह जो इमेज क्रिएट करता है वह करता है एट लीस्ट डिस्टेंस ऑफ डिस्टिंक्ट विजिन और उसके बाद जो एंग्र सेंट करेगा हमारे आंखों पर वह एक मिनट से ज्यादा होता नहीं तो वह जरूर समाल ऑब्जेक्ट विच सब्सक्राइब एंगल स्मॉलर देड़ वन मिनट वह एक मिनट से कम कोई एंगल सब्सक्राइब कर रहा है वे प्लेस एडिस्ट लिस्ट डिस्टेंस ऑफ डिस्टिंक्ट विजिन तो वह कहता विटेट ए वह पॉइंट फॉर कल वेक्स लेंस ऑफ शॉर्ट फोकलेंथ अपने कई हो के मन में यह बातें आती है कि सब्सक्राइब क्यों यूज किया वह आगे बताऊंगा बट अभी के लिए क्या देखो अ कि अगर आप चाहते हो ऐसे दो ऑब्जेक्ट को डिस्टिकली देखना जिसका एंगल जो है वन मिनट से कम है तो हमें को एक्सलेंस का इस्तेमाल करेंगे जिसका फोकरेंट क्या हो शॉट अब सवाल आता कि सर ऐसा क्या करने वाले हैं ध्यान से हम इस्तेमाल करते हैं अपने को एक्सलेंस का किसी भी छोटे से ऑब्जेक्ट को देखने के लिए हम पता क्या करते हैं मालू किसी भी ऑब्जेक्ट को अगर मैंने मैंने फाइड करके देखना है तो हमारा जैसे बालू यहां पर एक चीटी है एक एंट है अगर मैं इसको magnify देखना चाहता हूँ तो मुझे बता क्या करना पड़ेगा आपने कभी देखा होगा कि जिस object को देखना चाहते हो आप उस object के पास अपने lens को लेके जाते हो और जब आप lens को लेके जाते हो तो बता क्या करते हो आप actually में आप ये try कर रहे होते हो कि जो आपकी end है वो actually में उस lens के optical center और focus के बीज में वो object आ जाए आप चाहते हैं actually ये हो जब आप आगे लेके जाते हो तो actually में आप क्या कर रहे होते हैं कि जिस object को आप देखना चाहते हो वो उस lens के focus और optical center के बीच में आप उस object को लाने की कोशिश करते हैं अब मन में स्वाला था कि sir ऐसा होने से क्या होगा लीजिए तो हमने convex lens का sixth case बहुत अच्छे से study किया हुआ है और वो ये कहता है कि अगर माल लीजिए कि मेरे पास यहाँ पे एक convex lens है है और यह हो गया आपका प्रिंसिपल एक्सिस यह मेरा ऑप्टिकल सेंटर है यह मेरा फोकस हो गया यह वैसे तो यह मैं इसको एफ वन बोलूंगा इसको एफ टू बोलूंगा अगर किसी ऑब्जेक्ट को आप मान लीजिए ऑप्टिकल सेंटर और एफ वन के बीच में लेकर आते हो तो इसमें से दो रेस निकलेंगे राइट पहले मालो यह रे निकली और यह कहां से parallel to the principal axis, it will pass through the second focus, that is F2, और दूसरी जो ray of light है, वो आपके optical center से बिना किसी deviation के जाएगा, यह आप अच्छे तरह जानते हो, और आप देख सकते हो कि यह दोनों जो rays हैं, वो आपस में आगे जाएगे कहीं पर intersect नहीं करेगी, so what, क्या होगा, they will appear to meet at the back, they will appear to meet at the back, है और यहां पर आपकी जो इमेज बनेगी यह हो गया मालों अगर यह ए और बी है इस विल बी ए डेश बी डेश यहां से देखते हो मैं कैसे बना रहा हूं जब आप कोई ऐसी चीज बना रहे होते जो रियल में एक्जिस्ट नहीं करती तो वोटर लाइन से इसको रिप्रेजेंट करते हैं पहली सबसे बड़ी बात दूसरी बात जो इमेज यहां पर बन रही है वह पास कैसे बन रही है वह उसका मला नेचर क्या है वह पहली बात तो वर्चुल है आप देख सकते हो बिल्कुल वर्चुल है कि क्या वह इरेक्ट है बिल्कुल जी रेक्ट है और क्या वह मैंने फाइड हां जी बिल्कुल मैंने फाइड है बिल्कुल मैंने फाइड है अब क्या होता है मैं उसके बारे में बताता हूं पहले आप यह नेचर समझ लो क्या है क्यों अब होता क्या है वे उफ यूजिंग द माइक्रिस्कोप जैसे आपको अलड़ी बताया कि हम एक्शन क्या कर रहे होते हैं कि जो हमारा ऑब्जेक्ट होता है हम उसको ऑप्टिकल सेंटर फोकस के बीच में लेकर आते हैं जिसकी वजह से एक वर्चुल इरेक्ट मैंने फाइड इमेज त्यार होती है और सबसे बड़ी बात पता क्या है प्लीज समझना इस बात को जब पहले अच्छा पहले एक चीज में क्लिक कर दो प्लीज यह जो आपकी यहां पर इमेज बनी है यह कहां बनी है यह बनी है लीस्ट डिस्टेंस ऑफ डिस्टिंक्ट वीजिन पर लेट में एग्जेट वेली क्लियर टू यू यह मेरा ऑप्टिकल सेंटर है इस ऑप्टिकल सेंटर से यहां तक के जो डिस्टेंस है वह है लीस्ट डिस्टेंस ऑफ डिस्टिंक्ट वीजिन अगर कर रहा होता यह एबी है मालो यह भी एबी है मैंने यहां से पहले ऑप्जेक्ट कहां रखा हुआ है फोकस एंड कि अगर इस ऑब्जेक्ट को मैं लीज डिस्टेंस से ऑब्जेव करता तो क्या होता तो यार देखो तुम खुद देख सकते हो कि तुम्हारा यह जो एंगल यहां सबस्टेंड हो रहा है यह बहुत छोटा है अगला है अब मेरे बाद समझने कोशिश करना वह लिस्ट डिसेंस ऑफ डिस्टिंक्ट विजन मैंने यह चेक किया कि यार यह मेरे सेंटर में कितना एंगल बना रहा है तो एक मिनित, एक मिनित को dash से दिखाते हैं, ये मेरे less than एक मिनित है, तो इसका मतलब मुझे clear image नहीं दिखाई देगी, तो मैंने कहा कोई नहीं, नहीं दिखाई देती, तो मैं convex lens ले आया, convex lens को मैंने इस तरह से use किया, कि वो जो object है, वो actually में मेरे focus और optical center के बीच में आ जाए, कि वह मैंने फाइड इमेज अब कहां बनी है लिए स्टेट्स विजिन बनी है और अब अगर आप देखोगे तो कितना एंगल बना रहा है वह नेट से ज्यादा बना रहा है नहीं बना रहा है क्योंकि अब वह अपना एंगल वन मिनट से ज्यादा बना रहा है इसलिए मैं उस ऑब्जेक्ट को असानी से मैं डिफरेंट फॉर में यह डिस्टिंक्ट अगर में पर तो कन्वेक्सलेंस एक्शुली क्या करता है जो भी आपका ऑब्जेक्ट है जो हमारे आंखों में एंगल बना रहा है लेस्ट देन वन मिनिट एट लीज डिस्टिंक्ट विजिन वो उसको एक हाईली मैंग्निफाइड एरेक्ट वर्चुल इमेज बना देता है जो हमारे ली� तो अगर object को रखता least distance पे, तो तो less than 1 minute, उससे बनाई हुई image जो बन रही है, least distance of distinct vision पे, उसका angle 1 minute से जादा, तो जिसकी वज़ा से, मैं दो objects को distinctly आराम से देख सकता हूँ, I hope आपको यह बात अच्छी जरा समझ में आगी होगी, दूसरा, देखो, a lens is placed near the eye, इस डिस्टेंस फॉर अब जैक्टिज एडजस्टेड सच देट द इमेज इस फॉर्म्ड कहां बन रही है बिहाइंड डिओ ऑब्जेक्ट बिहाइंड डिओ ऑब्जेक्ट कहां बिहाइंड डिओ ऑब्जेक्ट कहां बिहाइंड डिओ ऑब्जेक्ट कहां बिहाइंड डिओ ऑब्जेक्ट कहां बिहाइंड डिओ ऑब्जेक्ट कहां ब और अब जो यह angle substance कर रहा है यह greater than 1 minute है इसकी वज़े से हम उन objects को अच्छे से देख पाते हैं I hope आपको यह बात अच्छी तरह समझ में आगी होगी अब सबसे बड़ी बात बता क्या आती है सर एक बात बताओ आपने यह तो हमने चलो study करी लिया है अब है जो मैंने short focal length की बात करी थी कि सर short focal length का मतलब क्या है और हम क्यों इसका यहाँ पे इस तरह इस्तेमाल कर रहे हैं जब भी हम किसी कोनवेक्स लेंस का मैगनीफाइंग पावर फाइंड करते हैं देखिए आप 12 क्लास के अंदर आएंगे तो आपको मैगनीफाइंग पावर जो मैं अभी फॉर्मला देने वाला हूं यह आप डिवाइव करते हो ठीक है तो अभी डेरिवेशन तो आवर को हम से रिपरेजेंट करते हैं उसका फॉर्मला होता है वन प्लस डी बाई एफ यह फॉर्मला है बेटा आपका इसका अब सबसे बड़ा स्वाल यह है कि सर यह D क्या है तो D हो गया least distance of distinction जिसकी value 25 cm आपकी होती है F क्या है F होता है focal length of a focal length of convex ठीक है जी और M तो आपके magnifying power है अब please बात समझने कोशिश करें यहाँ पे आप देख सकते हो कि जो F है वो denominator में है तो F की value जितनी छोटी होगी यह जो overall fraction है इसकी value जादा हो जाएगी और अगर overall fraction की value बढ़ गई तो मतलब आपकी magnifying power बढ़ जाएगी magnifying power का मतलब होता है कि किसी object को कितने times वो बढ़ा करके magnify करके दिखाएगा तो magnifying power जितनी जादा होगी आप उतना बढ़ा उसका magnified image देख सकते हो So, अगर इसमें confusion बता रहा है, तो जैसे 1 by 2 और 1 by 3, अब आपने यह देखना है, कि 1 by 2 बड़ा है कि 1 by 3, और आप अच्छी तरह जानते हैं कि 1 by 2 बड़ा होता है आपका, तो अगर f की value कम करूँगा, तो overall fraction की value बढ़ जाती है, जिसकी वज़े से magnified power बढ़ती है, और इसलि� आप यह क्लियर हो गया राइट अच्छा अगर मन में स्वाल आता है इसका मतलब यह कि मैं जितना मुर्दी शोर्ट फोकल लेंथ वाला ले लूं नहीं ऐसा भी नहीं होता आप किसी प्रतिकल लिमिट यह रेंज तक आप कर सकते हो ऐसा नहीं कि आपने बिल्कुल ही कम फोकल लेंथ वाला यूज कर लें ऐसा पॉसिबल नहीं होता आपका हर एक लिमिट होती था इस लिमिट क्लियर सो इसके लिए आपको मैंने फाइन पावर उसका रीजन मैंने फाइन मैंने जो मैंने फाइन ग्लास समक्यू यूज करते कैसे यूज करते कि अब रहा जाता है बिटारे पास एप्लीकेशन ऑफ लेंसिस अब जल्दी से खत्म कर देते हैं क्या है एप्लीकेशन बहुत सिंपल से एप्लीकेशन है आप कहां यूज करते हैं कैसे यूज करते उसके बारे में है तो सबसे पहले देखिए हमें पता है कि अगर मैं टेलिस्कॉप की बात करूं कैमरा की बात करता हूं या प्रोजेक्टर की बात करता हूं तो उनके अंदर हम कॉन्वेक्स लेंस का इस्तेमाल करते हैं ताकि एक रियल जो इनवर्टेड इमेज में को मिल सके राइट तो यह हो गया मेरा सबसे पहला एप्लीकेशन नेक्स्ट एप्लीकेशन है कि हमारी आंख का जो लेंस है वह एक तरह से कॉर्वेक्स लेंस ही है अब सबसे पहले आपको मैं एक बात यहां पर थोड़ा सा दिखाना जाता हूं वह यह कि यह जो आप यहां पर मसल देख रहे हो ना इन मसल की सबसे बड़ी खास बात होती है अ कि ऑब्जेक्ट जितना दूर या पास आएगा यह जो मसल है उसके हिसाब से स्ट्रेच या रिलैक्स होंगे ताकि यह प्रॉपरली हमारे आने वाली लाइट को रेटिना के ऊपर फोकस कर सके तो लेकिन यह जो हमारा लेंस है वह एक्शन इमेज की तरह काम करता है यह कनवर्ज करता है हमारे रेजोफ्लाइट को जिसकी वजह से हमारे स्क्रीन के पर एक अगर करते हैं रियल इनवर्टेड इमेज जो है वह बनती है बाकि हमारा जो ब्रेन है उसको फिर से वर्ड करके आपको इरेक्ट वह चीज दिखा देता है कि आई हॉप यह बात आपको चित्रा समझ में आई है इसके अलावा अगर किसी को आंख की कोई प्रॉब्लम है जैसे नो प्रॉब्लम तो नहीं है देखिए क्या होता है ना कभी बार कई उनको नज़दी का ऑब्जेक्ट नहीं दिखता कई उनको दूर का ऑब्जेक्ट नहीं दिखता अब जैसे यह भी यह के स है तो मायोपिया आई में क्या होता है कि नजदीग के ऑप्जेक्ट को तो मैं देख सकता हूं बड़े अराम से कोई प्रॉलम नहीं है बट दूर का जो ऑप्जेक्ट है वह हमें थोड़ा धूंदला दिखाई देता है अब ऐसा क्यों होता यह है है तो हमें प्रॉपर इमेजेस अब दिखाई देती है कभी-कभार क्या होता है कि कभी-कभी यह जो मसल के बारे में बताया जो हमारे थे जो उसको स्ट्रेच करते हैं या वह करते अगर उनमें थोड़ी बहुत विकनेस आ जाए या कभी-कभार क्या होता है कि जो आई बोल है ना आई बोल का जो साइज है वह थोड़ा से चप्टा हो जाता है जिसके वजह से अलोंगेटेड हो जाता थोड़ा सा अंडा अकार हो जाता है वह तो जिसकी वजह से जो आपकी रेज ऑफ लाइट आ रही होती है वह प्रॉपर रेटिना डाइवर्ज होकर फिर अगर करवर्ज होती है जिसके वजह से रेटना पर प्रॉपरली आपकी जो इमेज है वह बचाती है तो अगर आपसे पूछता कि मायोपिया अगर किसी को है तो उसको करेक्ट करने के लिए कौन सा लेंस इस्तेमाल होगा तो आप जाएगे कौन सा लेंस का इस्तेमाल होता है इसके इलावा अगर हाइपर मेट्रोपिया है वहां पर मेट्रोपिया या जिसकी वजह से इमेज आईबोल की रेटेना के पीछे बन रहा है या वह मसल वाइज ऐसी प्रॉब्लम है कि वह मेरे लेंस को अजस्ट नहीं कर पाता जिसकी वजह से जो इमेज है वह आपकी रेटना के पीछे बन रही है अब मैं चाहता कि रेटना पे बनें तो उसके रस्ते में लगाए क्या जाता है एक कॉनवेक्स लिंस करता है कि रेटना के ऊपर फॉल कर देता है जिसकी वजह से मैं आराम से इसको देख पाता हूं और कई पर से कि हम लेंस का इस्तेमाल करें वह बाई फोकल लेंस बोलते हैं अगर उसका नीचे वाला हिस्सा देखेंगे तो कोई और लेंस का उपर वाला हिस्सा देखेंगे तो कोई और लेंस का तो नीचे वाला जो बेसिकली होता वह रीडिंग के लिए है वह पूरे कर देता है फुल्फिलमेंट कर देता है उनकी रिक्वाइमेंट्स को आयो यह बात आपको समझ में आगे चलिए इसके अलावा अब मैं निफाइंग लास्ट अभी जिस तरह बताया मैं निफाइंग लास्ट के बारे में कि मैं निफाइंग लास्ट का काम क्या है यह आपके यह जो आप देख रहे हैं यह क्या है यह कॉनवेक्स लेंस है अब इस को नेट्सर काम क्या है देखिए जो लाइट है यह सोर्स है जहां से लाइट बन रही है और वह लाइट जब एंटर करती है और इस लेंस का काम होता है कि इन रेज ऑफ लाइट को वह एक्शन में आपस में पैरलर करते बस अब पर कंफ्यूजन हो जाएगी में चीज पकड़ो यह कि कोलीमेटर के अंदर क्या होता है कोनवेक्स लेंस होता है जिसको एक्शन काम करता है रेजोफ लाइट को पैलर करने काम लाता है लेट वेरी आगे देखते हैं उस वह गैलिलियो गैलिलियो जो rays of light है वो बिल्कुल पैरलेली हमारे आंकों में अंदर enter करती है और हम उसको आराम से retina में follow करवा के उसको अच्छे से देख पाते हैं तो यह जो चीज मैंने आपको पताई है यह है इसकी application आपको यह अच्छी तरह समझ में आया होगा कि magnifying glass क्या होता है और उसकी application क्या है ठीक है तो आज की lecture के अंदर हमने study किया magnifying glass के बारे में I hope आप अच्छी तरह समझे होंगे कि हमें उसका क्या use था और साथ हमने application of lenses भी कर लिया है और अगर आपको मेरी वीडियो पसंद आ रही है तो प्लीज लाइक इट शेयर इट एंड सब्सक्राइब