जी नमस्कार मित्रों तो एक नई चीज आई है सामान्य रूप से आप बैंकों में पैसा डिपॉजिट करते हैं तब जानते हैं उसके ऊपर 4.5% क्र लगता है मतलब उतना पैसा बैंक रिजर्व बैंक में जमा कर देता है वह पैसा लॉक हो जाता है लेकिन अभी अगस्त महीने की मॉनिटरी पॉलिसी में आरबीआई नया चीज लेकर जुलाई महीने तक यह खासकर ₹2000 की नोटबंदी के बाद के समय में जो एक्स्ट्रा डिपॉजिट आए थे उसे पर 10% सियार अलग से लगेगा उसको हम कहेंगे इंक्रीमेंट क्र तो वह क्यों है क्या फायदे नुकसान है वह हम इस वीडियो में समझेंगे लेकिन मैं आपको पहले ही बता डन की इधर हम अभी से एचडी करने नहीं बैठेंगे उसका करण यह अगस्त को अनाउंस किया फिर शक्ति खुद बोला है की सितंबर की 8 तारीख को मैं इसको वापस रिव्यू करूंगा उसके बाद अगले साल मां लीजिए 31st जनवरी इकोनॉमिक्स एक और चीज एचडी नहीं करने का दूसरा करण यह है की मित्रों यह आईसीआई भारत के इतिहास में पहले बार नहीं हो रहा है इससे पहले भी 2016 में जब 500 और 1000 रुपए की नोटबंदी हुई थी और जीत पटेल गवर्नर थे उसे वक्त भी उन्होंने ऐसा किया था यह टेंपरेरी चीज थी टेक्निकल चीज थी तो उसे साल भी यूपीएससी ने 2016 में पूछा था 17 में ना कभी उसके बाद प्रेमी में मेंस में कहानी भी उन्होंने इंप्लीमेंट क्र नहीं पूछा अब कुछ लोग यह कहेंगे की नए-नए वह 2016 तो वैसे भी आसन पेपर निकलते थे आजकल बहुत टॉप क्वेश्चन निकाल रहे हैं इसलिए हमने तो एचडी करनी चाहिए तो उनको भी मैं कहना चाहूंगा की नहीं फिर भी हम लोगों को एचडी नहीं करनी चाहिए उसका करण यह है की टॉप क्वेश्चन बाढ़ रहे हैं बराबर है यूपीएससी प्रीलिम में लेकिन वह मॉनिटरी पॉलिसी ठीक है जब भी एग्जाम होती है तो मैं उसका सब एनालिसिस करता हूं इकोनामी के अंदर यह बात सही है 2020 21 से धीरे-धीरे सब टॉप हो रहा है लेकिन अगर आप एनालिसिस करें तो इसको मैं कहूं इकोनामी का पिलर 182 मॉनिटरी पॉलिसी सियार रेसलर जो आता है तो 2020 से लेकर 21 22 और 23 में जी टाइप के प्रश्न पूछे गए बेसिक थ्योरी एकदम वो पूछता है की तेरी पॉलिसी क्या मनी मल्टीप्लाई क्या असर होगा अगर लाख रुपए कोई व्यक्ति अपने बैंक खाता से निकाल लेट है टेक्निकल था आरबीआई पॉलिसी बनाकर महंगाई को कैसे काबू में रखती है अगर पुरी दुनिया के अंदर सेंट्रल बैंक क्यों अपना लोन इंटरेस्ट बड़ा रहे हैं उसे क्या असर होने वाली टॉपिक आसन से सवाल आते है इसलिए बहुत एचपी नहीं करें यह बात सही है कुछ जगह अतरंगी पूछ रहे हैं पर वह ज्यादातर आता है तो टिलर वंश यानी जिसको मैं कहता हूं शेर मार्केट से पर अभी हम उसे टॉपिक में नहीं तब समझ यह की यूपीएससी पास करनी है तो हार्ड क करना है डेट इस करेक्ट हार्ड क और गधा मजदूरी में फर्क है तो आईसीआर पे एचडी करना वो गधा मजदूरी होगी ऑफ कोर्स इसकी अभी हाइट बनाई जाएगी कोचिंग माफिया और युटयुबर्स द्वारा क्योंकि वह लोग आपको दारा कर या तो पैसा चाहते हैं पेज भी चाहते हैं मॉक टेस्ट के नाम पर ऐसा टेक्निकल इंस्टिट्यूट को पूछा जाए जिसका अर्थ एग्जाम के साथ कोई नाना नीचे होने का संबंध नहीं हूं तो इस समझ के साथ हम बीजी अंडरस्टैंडिंग ले रहे हैं चलिए अब टॉपिक में जाते हैं कोई भी बैंक के अंदर एक तरफ जनता पैसा डिपॉजिट में डालते है उसमें से कुछ पैसा लॉक हो जाता है जिसको हम कहते हैं क्र अब एक नई चीज आई जिसको हम कहते हैं तो वह रिजर्व बैंक से एक्स्ट्रा लोन ले शक्ति है उसके लिए रेपो रेट होता है बैंक रेट होता है एमएसएफ होता है वगैरा अलग-अलग जाति के टूल से और इन सब की मदद से जिनको लोन चाहिए उनको लोन दिया जाता है अब हमारे पास तीन कर प्रश्न कुछ ऐसे पहले क्या है इसको क्यों लागू किया दूसरा प्रश्न की नॉर्मल सी ए रहा है तो इस को बड़ा देते यह नया करने की क्या जरूर थी और तीसरा की यह जो रेपो रेट नाम की चीज है तो इसी को बादल देते हैं कोई आपको प्रॉब्लम दिखे रहा है तो फिर उसको करो ये सब नया नया क्यों चालू करें तीनों क्वेश्चंस को एक-एक करके देखेंगे लेकिन सबसे पहले बेसिक समझते हैं उनके लिए जो मेरे चैनल के साथ अभी नए जुड़े हैं तो उनको शायद सारे टॉपिक बताना है तो क्या करना चाहिए पब्लिक को बोलो उसका शॉपिंग नहीं करें अब रिजर्व बैंक ये कैसे बोल शक्ति है लोन में आगे करके तो रिजर्व बैंक अगर लोन मांगे करवा देगी तो जनता खरीदारी कम करेगी तो दुकानदार पर प्रेशर बनेगा की हां अभी मैं जिसका भाव है प्राइस है उसको गिरा देता हूं और गिरा देता हूं तो अपने आप जो ₹50 का है वो चीज ₹40 की हो जाए तो सस्ता हो जाए अब इसके बाद अलग-अलग टूल्स होते हैं सर्क लर एयरपोर्ट 4:30 रुपए रिजर्व बैंक में जमा करने अब आप समझना की जब मैं मृणाल बैंक में पैसा से करता हूं तो बैंक हो सकता है मुझे स्पेस सपोर्ट परसेंट बास दे अब यहां क्या हो रहा है की यह बैंकर कुछ पैसा रिजर्व बैंक में जमा कर रहा है तो क्या रिजर्व बैंक उसे एक्सिस बैंक को बास देगा तो जवाब नहीं आरबीआई बिल पे जीरो परसेंट इंटरेस्ट रेट ऑन दिस डिपॉजिट्स जो क्र के रूप में डालिए तो ये हुआ केसरी अब इसको बढ़कर कम करके मनीष सप्लाई को आप चेंज कर सकते हैं उसे हिसाब से लोन सस्ते में आएंगे हो सकते हैं उसे पर 4:30 लगता था और सितंबर तक वह सब लेकर जुलाई तक में से लेकर जुलाई तक जो एक्स्ट्रा डिपॉजिट बैंकों में आए हैं खास करके ₹2000 के नोटबंदी के चलते जितना पैसा नया बैंक में जमा हुआ उन पर 10% इंक्रीमेंट क्र लगेगा मतलब उसका 10% और लॉक करके रिजर्व बैंक में डालना होगा उसको हम कहते हैं 10% अब यह कैसे एक्जेक्टली कैलकुलेट होगा वो हमारे लिए कम का नहीं एग्जाम में मैंने आपको बताया बेसिक पूछे जाते हैं यूपीएससी में ये वाले टॉपिक से तो बस मां लो लाइव में जो एक्स्ट्रा पैसा आया उसका 10% लॉक हो जाएगा तो यह तो हमने समझ लिया की आईसीआई क्या है व्हाट आईटी इसे वे हैव अंडरस्टैंड अब प्रश्न पर यह लाया क्यों ऐसा करने की क्या जरूर थी तब समझ यह ₹2000 की नोटबंदी से पहले जनता मां लीजिए की ₹200 का ही बैंक में पैसा जमा कर दी थी 2000 अपने घर पे रखती थी और यह ₹200 के ऊपर जो आपने डिपॉजिट किया सपोज बैंक कर आपको परसेंट इंटरेस्ट आता था और बैंकर एक्सिस बैंक वही पैसा लोन में घूमता था प्रॉफिट हो जाए वापस जमा कर देगी यह बात सही है की उसको जमा करेंगे तो नए नोट्स मिलेंगे 500 के और बाकी जो जो अलग डिनॉमिनेशन है पर आप समझो सारे के सारे लोग सारे पैसे वापस एक्सचेंज करके घर नहीं ले जैन वो जमाई कर देंगे और रखो ताकि मुझे उसमें से कुछ बास मिल जाए तो इसके चलते होना ये है की बैंकों के पास अचानक से लोनेबल फंड्स पद जाएंगे जो पहले ₹200 थे अभी कितने ₹200 हो गए डिपॉजिट में और ये आप ऐसा लोन में घुमा सकते तो लोन से जब भी बैंकों के लोनेबल फ्रेंड्स बढ़ते हैं तो याद रखना है की लोन इंटरेस्ट रेट सस्ते हो जाते वैसी बातें आपके पास आप एक व्यापारी आपके पास बहुत सारे टमाटर ए गए और आप जानते हो तो बिगड़ जान तो आपने उसको बेचना है तो आप बहुत सस्ता करते हो जब भी आपके पास सप्लाई या क्वांटिटी बढ़नी तो बैंक भी एक प्रकार से लोन बीच रहा है और उसके पास यह सप्लाई बाढ़ गया मनी का और अगर ऐसे पड़े रहने देगा तो उन सब डिपॉजिट उसको बास भी तो देना है तो बैंकर तो हमेशा जाएगा एक सेकंड भी डिपॉजिट का पैसा मेरे पास नहीं रहना चाहिए पॉसिबल यह कोई फॉरेन इकोनामी स्नेक रिसर्च किया था उसको हम कहते हैं कैंटीन इफेक्ट वह ऐसा बोलना है की मां लीजिए अचानक से यह जो बैंकों में डिपॉजिट नॉर्मली जो 200 आते थे अब बाढ़ के और 20 एक्स्ट्रा ए गए तो यह ₹2000 का क्या होगा क्या ऐसा होगा रिच मिडिल क्लास और पुर तीनों को डिस्ट्रीब्यूशन हो जाएंगे की ₹2000 का नोट है और तीन जाट के लोग हैं अमीर मध्य वर्ग तो क्या हरेक को 66.67 रूपी मिल जाएंगे क्या यह ताज पैसे का एक समाज रूप से वितरण होगा तो जवाब है नो वह नहीं होगा उसका करण यह है की रियल लाइफ में ऐसा होगा की जो ₹2000 एक्स्ट्रा ए गए हैं उसमें से उसमें से हो सकता है की अमीर आदमी को 1800 मिले मिडिल क्लास को 190 मिले और गरीब को सिर्फ ₹10 कई लोन मिले ऐसा क्यों क्योंकि जो अमीर आदमी है उसका सिविल स्कोर अच्छा होगा सिविल स्कोर क्या होता है की आपने पुराने लोन टाइम पर का थे की नहीं आपके पास फाइनेंशियल की सब वो हिस्ट्री रखना है तो स्वामी उसका स्कोर गुड होगा तो उसका एप्लीकेशन जल्द ही पास हो जाएगा दूसरा उसको गिरवी रखना के लिए भी उसके पास ऑलरेडी बहुत साड़ी प्रॉपर्टी और फैक्ट्री मशीन वगैरा होंगे तो भी उसका लोन जल्दी पास हो जाए कंपेयर तू डेट गरीब आदमी आएगा तो उसके पास लैंड के पेपर्स नहीं होंगे इनकम टैक्स का कुछ रिपोंट रिटर्न नहीं होगा तो बैंकर बिल हेसीटते लोन जल्दी पास नहीं होंगे तो ज्यादातर ऐसा जो भी नया पैसा लोन में घूमता है वो अमीर लोग कॉर्नर कर लेते अब वह कॉर्नर करते हैं वह खराब चीज क्यों हो शक्ति है की अगर उसको ज्यादा पैसा लोन में ए गया की मैं कुछ नया बांग्ला ले लेट हूं इन्वेस्टमेंट के लिए मतलब मैं रहने के लिए तो एक बांग्ला इन्वेस्टमेंट के लिए मैं एक और दूसरा लेट हूं ताकि उसका जो भाव बढ़ेगा मैं बेचूंगा मेरे को बहुत पैसा मिलेगा खरीदने लायक मकान की शॉर्टेज हो जाएगी और जो शॉर्टेज हो जाएगी तो फिर जब मिडिल क्लास व्यक्ति वही या दूसरे कोई मकान लेने जाएगा तो वह ऐसी बात है 2 करोड़ का मकान 5 करोड़ में मिल रहा है क्योंकि या तो बच्चे ने या जो अमीर आदमी ने पहले से खरीद के रखा है वो भी और महंगा बेचना चाहता है टूर रिकवरी इन्वेस्टमेंट तो इसलिए आईसर क्यों किया गया ताकि ₹2000 के नोटबंदी के बाद अगर ऐसा बहुत सर पैसा लोन में घूमने शुरू हो जाएगा आईटी बिल क्रिएट प्रॉब्लम्स इन डी इकोनामी महंगाई को वो शायद और बड़ा सकता है अब आप कहेंगे की अच्छा अगर ऐसा ही है जो नॉर्मल सियार होता है इस को बड़ा देते ना इसको 10% क्यों लेकर आए उसे भी समझते हैं की अगर आपको महंगाई से लड़ना था ₹2000 के नोट के चलते जो मनी सप्लाई बाढ़ जाएगा तो फिर नॉर्मल उसका करण है जीडीपी क्या होता है कोई एक देश के अंदर पूरे साल के अंदर कितने चीज वास्तु पैदा हुई उसका टोटल फाइनल मार्केट वैल्यू क्या है इसको निकालना की पूरे साल में पब्लिक ने कितना शॉपिंग किया कंजप्शन किया बिजनेसमैन ने कितना इन्वेस्टमेंट किया यह फैक्ट्री मशीन वगैरा कुछ बना है सरकार ने कितना पैसा खर्च किसने से अनाज खरीदा गवर्नमेंट एम्पलाइज को सैलरी दिया क्योंकि गवर्नमेंट एम्पलाइज पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन नाम की सर्विस पैदा कर रहे हैं तो वो भी अल में सर्विस है तो जीडीपी का हिस्सा है फिर हमने कितने एक्सपोर्ट किया माइंस कितना इंपोर्ट किया अब आप समझो ये सब जो चल रहा है उसको और बड़ा करेंगे तो जीडीपी बाढ़ जाएगा और उसके वेस्ट सस्ते लोन होना जरूरी है ताकि कंजप्शन इन्वेस्टमेंट गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर आसानी से बढ़ता रहे कोरोना के दौरान जब अपनी इकोनामी में स्लो डॉ की जो की लगी तो रिजर्व बैंक ने यह किया की ठीक है मैं लोन सस्ते करवा दे उसके लिए क्र को कम करके 3% कर दिया पहले जो भी फोर परसेंट चला था और रैपन को कम करके 4% कर दिया जो पहले 6.50 के आसपास चल रहा था तो रिजर्व बैंक ने इस तरह से सियार और रैपन को कम करके लोन सस्ते करवाएं ताकि पब्लिक दे दनादन शॉपिंग करें अब आप लोग कहेंगे की हां तो फिर यह सब जो चल रहा है और आपको लगता है महंगाई और बढ़ेगी यह डिमॉनेटाइज 2 हजार के नोट ए जाएंगे उसके चलते तो सियार नॉर्मल क्र को यह भाई और बड़ा देते ना यह नया इंक्रीमेंट क्र क्यों लेकर जो अभी 4.5 है उसको हम और बड़ा देंगे पांच तक छह का तो जीडीपी को बहुत ज्यादा नुकसान होगा क्योंकि लोन बहुत ज्यादा महंगे हो जाएंगे क्योंकि जो नॉर्मल सी ए रहा है उसको हम जब भी बढ़ते हैं तो वो मनी मल्टीप्लाई इफेक्ट पे बहुत ही नुकसान कर देता है वो कैसे करता है वह सब अलग से ही बड़ा टॉपिक है व्हाट इसे मनी मल्टीप्लाई इफेक्ट और हाउस यार इसे रिलेटेड तू आईटी अब यह वीडियो इतना दो घंटे उसे पर खींचना नहीं है तो आप एक्सेप्ट कर लो की हां भाई वो करते तो बहुत ज्यादा नुकसान होता है लिक्विडिटी यह सब बाढ़ रहा है तो वह तो टेंपरेरी प्रॉब्लम है ना तो उसके लिए में चीज को छेड़ने की अभी कोई जरूर है आगे बढ़ाने से पहले मैं जल्दी आपको बता डन की इकोनामी का मेरा फूल लेंथ कोर्स प्रीलिम 202425 के लिए पांच सप्टेंबर यानी की शिक्षक दिन टीचर्स दे से शुरू होगा और उसके बाद मेंस के लिए कोर्स दिवाली के बाद मेरे ख्याल से 16 नवंबर उसके बाद से शुरू होगा की जहां पर हम ये साड़ी चीज कंप्रिहेंसिवली सिस्टम्मेटिकली पढ़ने वाले हैं हैंड आउट होंगे क्विज होगा रात को क्लास होते हैं ताकि सब लोग उसको अटेंड कर सकें वगैरा और ये अनअकैडमी का प्लस प्रोग्राम वैसा है की सिर्फ इकोनामी ने हिस्ट्री ज्योग्राफी पालिटी एनवायरनमेंट साइंस सारे के सारे सब्जेक्ट के सारे लाइव क्लासेस हम लोग हो जाते हैं समथिंग लाइक नेटफ्लिक्स सब समझ लो की एक सबसे पूछा लॉक हो नोट्स मिलते हैं इसकी टेस्ट सीरीज भी थी वैल्यूएशन की भी तैयारी और यह सब कुछ आपको मिले और उसमें भी अभी अप तू 50% डिस्काउंट ऑफर है ये फ्रीडम ऑफर बोल के डिस्काउंट कोड इस monal.org आई थिंक अराउंड 39000 समथिंग एक साल की पुरी वो सब स्टेशन होती है उससे कम वाले भी पैकेज होते हैं डिफेंडिंग ऑन योर रिटायरमेंट उसे नुकसान होता है अब हम समझते हैं अगर आपको लगता है महंगा जान वाली ठीक है की जब भी कोई बैंकर को शॉर्ट टर्म में रिजर्व बैंक से लोन में पैसा चाहिए तो वह लोन में पैसा लेट है रिजर्व बैंक उसे पर जो बास चार्ज करता है 6.50 तो उसे रेट को हम कहते हैं प्रश्न यह है की अगर आपको लगता है 2000 की नोटबंदी से महंगाई आएगी वो कैंटीन इफेक्ट वगैरा होने वाला है तो रेपो रेट को क्यों नहीं बड़ा है उसका करण यह है की अगर रेपो को चेंज किया महंगाई से लड़ने के लिए तो वो एक सिलाई अब करने बैठे और सामने 13 जगह और से आपका कपड़ा फैट जाएगा उसके बाद से आपको एक और कॉन्सेप्ट समझना पड़ेगा एक्सटर्नल बेंचमार्क समझ को साफ कर रहा हूं अभी मां लीजिए आरबीआई ने रेपो रेट के नाम पर 6.50% बास पर बैंकर को लोन दिया है तो कस्टमर को लोन कितने में पड़ेगा उसका एक फॉर्मूला है उसको हम कहते हैं एक्सटर्नल बेंचमार्क एक्सटर्नल बेंचमार्क समझते हैं की एक्सटर्नल बेंचमार्क के बैंकर कोई भी ऐसा एक इंडिकेटर पकड़ सकता है की जैसे उसने आरबीआईपोरेट पड़ा उसके अलावा भी ऐसे इंडिकेटर होते हैं ट्रेजरी व्हील वगैरा अपन अभी उसमें उसको जटिल नहीं करना है लेटेस्ट नोट कॉम्प्लिकेटेड सिर्फ हम जो किया रेपो रेट उसने फॉर्मूला में डाला उसके बाद बैंकर मां लीजिए रेपो रेट 6% जिसको हम कहें की उसे हम एक्सटर्नल बेंचमार्क ऐसे इंडिकेटर के रूप में उसे करें फिर बैंकर उसके ऊपर अपना स्प्रेड यानी की प्रॉफिट जोड़ेगा की मुझे यह जो लोन का धंधा है उसमें दो तक और प्रॉफिट चाहिए और फिर वह उसमें सिविल स्कोर क्या है उसकी नौकरी है सरकारी नौकरी है प्राइवेट सेक्टर की है फ्रीलां से युटुब और टिक टॉक के वीडियो बनाता है तो हर एक आदमी का अपना अलग-अलग रिस्क है की वह लोन वापस कर पाएगा की नहीं तो फिर इस प्रीमियम के हिसाब से अच्छा इसको मैं वन परसेंट इस प्रीमियम है यह पर्टिकुलर जो भी गवर्नमेंट एम्पलाई है तो इस कम है सैलरी मिलती है लोन वापस करें जो लोन इंटरेस्ट है और बैंकर के ऊपर शरद होती है की आपने हर तीन-तीन महीने पर यह फॉर्मूला में नया लेटेस्ट क्या रेपो रेट चल रहा है उसको आप फीड करते रहो तो इसका मतलब यह है की जो नया ग्रह के लोन वाला उसको भी सस्ता मिल सकता है और जो पुराना है जिसमें ऑलरेडी लोन ले लिया है तो उसका एमी का बोझ कम हो जाएगा इक्वेटर इंस्टॉल में जिन लेना चाहिए तो उतना लोन नए कस्टमर के लिए भी महंगा हो जाएगा और जो पुराना है उसका एमी का बोझ बाढ़ जाएगा इसलिए मैंने आपको बताया की यह ₹2000 की नोटबंदी से महंगाई को सुधारने गए रेपो रेट चेंज करके तो वह फैट जाएगा तो यह मैंने आपको बताया अब कुछ लोग इस पर और एक और नया क्वेश्चन पूछेंगे की चलिए आपकी बात को मां लिया की रेपो जो होता है उसके चलते लोन इंटरेस्ट ते होते हैं तो इसका तो मतलब यह हुआ की यह जो आईसीआई नाम की चीज है वो तो यूजलेस है क्र हो की नहीं वो क्या ही फर्क पड़ता है जब अगर लोन के बास डर रेपो से ही ते होने बिकॉज़ ऑफ दिस एक्सटर्नल बेंचमार्क फॉर्मूला तो फिर ये जो हमने ये जो क्र 10% और ये ये सब का कोई मतलब ही नहीं है तो जहां पर की डिपेंड्स ऑन डी टाइप ऑफ लोन वैसी बात है की आप जो लूट रहे क्या वह रेपो एक्सटर्नल बेंचमार्क के साथ जुड़ी हुई है तो जवाब है हां अगर आप रिटेल हाउसिंग ऑटो लोन यह सब ले रहे हैं लेकिन आप एक बड़े आदरणीय बेंचमार्क वाली फॉर्मूला नहीं है उसमें तो वह बैंकर का डिस्क्रिप्शन है उसके विवेक पे है की उसको क्या लगता है यह प्रोजेक्ट कितना वेबल है कंपनी की लोन रिपेयर करने की कितनी कैपेसिटी है वगैरा तब समझो रेपो में बदलाव होने से यह अदानी एयरटेल जिओ को जो बड़े-बड़े लोन जाते हैं उसके ऊपर कोई असर नहीं होता तो अगर आप मतलब आरबीआई को डर लगता है की ये जो 2000 के नए डिमॉनेटाइजेशन होने के चलते मनी सप्लाई बढ़ाने वाले टेंपरेरी और लोन सस्ते हो जाएंगे तो आरबीआई को इनका डर लगता है की जो कंपनियां को लोन जा रहा है वह बहुत सस्ता हो जाएगा और उसके चलते और नए-नए प्रॉब्लम्स ए जाएंगे इन्फ्लेशन वाला कैंटीन जो मैंने आपको बताया इसलिए की जुलाई महीने में जो एक्स्ट्रा डिपॉजिट है उसके ऊपर 10% टेंपरेरी इंक्रीमेंट क्र लगे दूसरा रेपो रेट को अगर ज्यादा बड़ा तो मैंने आपको बताया तो जिसने पहले से होम लोन लेकर रखा है उसको काफी कष्ट होगा क्योंकि फॉर्मूला के हिसाब से उसका एक्जिस्टिंग जो भी एमी इंस्टॉलमेंट है वो भी बाढ़ जाएगी इंक्रीज मोर आईटी बिल क्रिएट प्रॉब्लम्स पर डी एक्जिस्टिंग बोरो इसके वेस्ट यह जो काफी समय से ये 6.50 पे ही चल रहा है रेपो रेट उसको आरबीआई चेंज नहीं कर रही है दूसरा यह जो रेपो का नंबर होता है बाकी बहुत सारे मॉनिटरी पॉलिसी टूल्स के नंबर उसके साथ लिंक हुए होते की सपोज रेपो 650 पर है तो कुछ नियम होता है की उसे पर 25 चड्ढा दो तो कितना आएगा 6.75 यह मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी का रेट होता है वह क्या है वह दूसरे इकोनामी के वीडियो में आराम से पढ़े अभी वो वापस रिपीट करेंगे वीडियो लंबा हो जाएगा तो यह बहुत सारे और भी इंडिकेटर चेंज हो जाएगा और उसका अलग से जो भी पॉजिटिव नेगेटिव इंपैक्ट इकोनामी होगा तो बात वही है और 13 जगह से कपड़ा फैट जाएगा फिर देखेंगे इस तरह जो लोग मेंस की तैयारी कर रहे हैं तो इनको भी बहुत डरने की जरूर नहीं मैं इसमें अगर आप इकोनामी के प्रश्न देखो ज्यादातर वो ऐसा कोई टेक्निकल बैंक की कोई कॉन्सेप्ट को सीधा पूछते नहीं और ये भी ऐसी चीज है की इसको नोट रिक्वायर जनरल साइंस में आप जवाब को आराम से लिख सकते हैं डेट बाज इकोनामी बाकी फूल लेंथ मेरा इकोनामी का कोर्स फिफ्थ सप्टेंबर यानी टीचर्स दे से शुरू हो रहा है और दिवाली के बाद मेंस का भी कोर्स शुरू हो रहा है जो लोग 202425 को टारगेट कर रहे हैं और ये अनअकैडमी मैंने आपको बताया एक ही सब्सक्रिप्शन जिसमें सभी सब्जेक्ट अनलॉक हो जाए ज्योग्राफी इकोनामी और ये सी सेट की भी अंदर एंबेडेड चीज है प्रीलिम की भी टेस्ट सीरीज 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