बिस्मिल्ला रौखमाईन रौखीम, अस्सलाम वालेकुम स्टूडर्न्स, इस आतिफ एहमर, आपका फिजिक्स टीचर है। बच्चो आज की इस वीडियो में हम डिस्कस करने जा रहे हैं एलेक्ट्रिक करंट को। एलेक्ट्रिक करंट का टॉपिक आपने क्लास 10 में और कुछ नए चीजें भी साथ आपको सिखाएंगे ओके चलिए स्टार्ट करते हैं सबसे पहले यह सीख लेते हैं यह करंट होता है जो सिंपली करंट का लफ्ट आएगा तो आपने समझ देने किसी चीज का फ्लो होगा जैसे आपने क्लास नाइंथ में सीखा तो यह एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट की तरह फ्लो करके जा रही होती है तो हम कहते हैं यह एयर करंट है तो करंट का मतलब सिंपली क्या है फ्लो है जब हम बात करेंगे एलेक्ट्रिक चार्जी की तो हम कहेंगे किसी कनेक्टर में चार्जी का फ्लो है सिंपली क्या है करंट है तो उसको एलेक्ट्रिक करंट करते हैं ठीक है अच्छा अब इसको किस तरह से हम देखते हैं मान लीजिए यह हमारे पास कोई एक कन्डक्टर है मैं एक वायर बना देता हूं इस तरह से ठीक है ऐसे है और इसका cross section area आप देख सकते हैं यहाँ पर यहाँ पर भी आप बना सकते हैं यह इसका cross sectional area है एक ही के यहाँ पर मैं से शो कर देता हूँ ठीक है अब किसी की किसी भी conductor के cross sectional area में से एक second में कितना charge flow करके जाता है वो उसका current होता है क्योंकि electric charge flow करके जा रहा है तो उसी निस् आफ एलेक्ट्रिक चार्ज इस कार्ड एलेक्ट्रिक करंट तो रेट आफ लो आफ चार्ज का मतलब है टाइम रेट आफ लो यानि भी किसी भी कनेक्टर के क्रॉस सक्नी एरिया में से एक सेकंड में कितना चार्ज फ्लो करके जाता है वह क्या होता है तो यहां पर और अगर एक सेकंड में ज्यादा चार्ज फ्लो करके जाएंगे तो इसका मतलब ज्यादा है सिंपल सी बात है ठीक है तो तो इसलिए हम कहते हैं यह time rate of flow of charges है यह simply भी आप rate of flow of charges कह सकते हैं ठीक है यह सबसे आसान definition है इसकी क्या है हमने सीखा कि किसी भी connector के cross section area में से एक second में कितने charges flow करके जाते हैं तो यह charges का flow है न इसी वज़े से हम इसको electric current कहते हैं ओके चलिए फिर बात आती है इसके formula की आप जानते हैं class time में पढ़ा था I से हम इसको represent करते हैं और इसका formula होता है q divided by t q वो charge है जो उस cross sectional area में से flow करके गया t वो time है कितने time में वो charge flow करके गया तो जब आप charge को time से divide कर देते हो तो आपको मिल जाता है current ठीक है और इसका जो system international unit है वो है ampere ठीक है अब ampere को आप define करना चाहते हैं ठीक है तो ampere को कैसे define करेंगे आप चाहते हैं कि वह चार्ज का फॉर्मुला है तो आपको चार्ज डिवाइरेड बाइ टाइम होता है अब इसके पूर्ट करें इसके पूर्ट का पूर्ट है वह एक अंपेयर है आप एक अंपेयर लिखें चार्ज का पूर्ट कोलम है तो वह एक कोलम लिखें ताइम का जुनोट सेकंड होता है तो वन सेकंड लिखें तो अब आप देखें जरा आपको यहां से देखें डेफिनेशन बन जाएगा आपकी कि एक अंपेयर एक कोलम और एक सेकंड तो आप कहेंगे कि अगर किसी कनेक्टर में एक second में उसके cross sectional area से एक coulomb charge फ्लो कर जाएगा तब उसका current वन ampere होगा फिर से सुनिये आपने current का unit बनाने current का formula लिखिए i is equal to q by t और इनके units बूट कीजिए current का unit ampere होता है charge का unit coulomb होता है time का unit होता है हमारे पास second तो आपके पास यह आ गया one ampere is equal to one coulomb divided by one second अब इससे definition आप खुद से बना सकते हैं कि एक second में किसी connector के cross sectional area में में से अगर एक coulomb charge फ्लो करके जाएगा तब उसका current कितना होगा 1 ampere होगा तो इस तरह से आप आसानी से इसको define कर सकते हैं बजाए कि आप इसको याद करें ठीक है चलिए इसको हम कैसे लिखेंगे यह भी देख लें when one coulomb charge flow through a conductor in one second यहनी एक second में अगर एक coulomb charge फ्लो करेगा तो फिर उस conductor में से फ्लो होने वाला जो current होगा वो 1 ampere कहलाएगा ठीक हो गया चलिए अब यहाँ पर एक term आती है steady current की तो इसका बात गोर से सुनिये कि आप वह कछवा और खरगोष वाली कहानी सुनी होगी कि जो कछवा है वह बड़ा स्लो स्लो चलता है लेकिन एक जैसी स्पीड से चलता जाता है और जो खरगोष है वह शुरू में बड़ा तेज बागता फिर उसने देखा कछवा तो बहुत winter is जो शुरू करता है और एक जैसी स्पीड से चलता है वह रेस को जीत जाता है यह कभी तेज चले और कभी शुरू करना शुरू है जैसे खरगोष ने किया है तो स्टेडी का मतलब आपने माइंड में यह लेना है एक जैसी स्पीड बस समझ करें अब स्टेडी करंट का क्या मतलब होता है देखिए अभी मैंने आपको यह समझाया कि करंट क्या होता है एक सेकंड में कितना चार्ज फ्लो कर रहा है यह समझ लीजिए कि चा अच्छा अब हर सेकंड में अगर एक जितना चार्ज फ्लो करता जाएगा एक सेकंड में अगर 10 कुलम चार्ज फ्लो किया तो नेक्स सेकंड में भी 10 कुलम चार्ज फ्लो करें उससे नेक्स्ट में भी 10 कुलम चार्ज फ्लो करें तो यह जो rate of flow of charge यह एक जैसा है तो अगर rate of flow प्रोडूस होता है उसको हम steady current कहेंगे ठीक है ऐसा नहीं है कि कभी एक सेकंड में 10 coulomb charge flow कर रहे है कभी एक सेकंड में 6 coulomb charge flow कर रहे है ऐसा नहीं होना चाहिए जो उसका flow rate है न time के respect से जितना charge flow कर रहा है वो एक जैसा रहना चाहिए यानि हर second में अगर 10 column है तो next second में भी 10 column उसके बाद भी जो second में एक second में 10 column तो हर second में 10 column 10 column 10 column अब ये एक जैसा rate of flow इसको हम steady flow कहते हैं सिंपल सी बात आसान सी ठीक है तो हम इसको define कैसे करते हैं ज़रदेखे if magnitude of rate of flow of charge ने में constant अगर rate of flow constant रहे या rate of flow का magnitude कह लें वो constant रहेगा तो उससे बनने वाला current हमारा steady current होगा ठीक है अब कुछ point पर उनको भी डिस्कस कर लेते हैं जो करंट है ना करंट करंट एक एक अप्स कलर कांटिटी है अब स्टूडेंट्स के लिए ना इस चीज को एब्जॉब करना बड़ा मुश्कल होता है क्योंकि हम कह रहे होते हैं करंट की कौन चीज डिरेक्शन है तो यहां स्टूडेंट्स परिशान होते हैं कि हम तो डिस्कस करते हैं इसकी करंट बी होता है करंट बी होता है लेफ्ट राइट भी होता है लेकिन फिर हम क्यों कहते हैं कि यह करंट जो एक स्केलर कांटिटी है देखिए हमने जो definition class 9th में पड़ी थी ना vector की और scalar की वो हमने बस इतना ही पड़ा था कि वो quantity जिसके साथ magnitude and direction दोनों होती हैं जिसको explain करने के लिए describe करने के लिए magnitude and direction दोनों चीज़े चाहिए होती हैं उसको हम क्या बोलते हैं vector बोलते हैं लेकिन असल में अगर देखा जाए तो कुछ और भी rules हैं जो vector quantities हैं उनको special जो rules होते हैं उनके साथ आप add और subtract करते हो ठीक है scalar quantity को simple mathematics के rules आपके पास टेन रहेगा सिंपल मैथमेटिक्स में लेकिन वेक्टर की फार्म में फाइब प्लेस फाइब नाइन भी हो सकता है मैं बता दूं आपको फाइब प्लेस फाइब जीरो भी हो सकता है कैसे मैं बता दूं देखिए हम दो वेक्टर ले लेते हैं यह हमारे पास एक व आपको 10 न्यूटन आंसर देगा ठीक है लेकिन यही 5 और 5 अगर इस तरह से आगे मान लीजिए कि एक ऐसे है ठीक है इस तरह से 5 न्यूटन और एक जो है वो इस ट्रक्शन मिला गई है फोर्स यह भी 5 न्यूटन अब इसका जो resultant मिलेगा ना आपको यह resultant यह 10 नहीं होगा possibly हो सकता है यह कम मिले आप calculate नहीं कि आप calculate करना है यह इसकी value 10 से कम होगी कोई भी value ले ले आप बट वो 10 नहीं होगी 10 से कम होगी अगर आप इस angle को और change कर दें आप क्यों कर दें इसे ये भी 5 न्यूटन और ये भी 5 न्यूटन ऐसे तो अब जो आपको ये result मिलेगा वो इससे भी काम मिलेगा तो vectors के case के अंदर सिर्फ हम ये कहते हैं कि इनके value जो magnitude जो आएड करते हैं वो simple mathematics के rule के मताबिक तो ऐसा नहीं होता जो vector quantities होती है वो special rule जैसे ये head special rule है इसके थूँ उनको add किया जाता है current की बात करें तो current जो है वो इन rules के मताबिक add नहीं होता current simply 10 ampere plus 10 ampere 20 ही होगा 5 plus 5 10 ही होगा वायर के दरवान में कुछ भी अंगल हो जाए मतलब अगर आप कहते हैं मैं एक वायर को यू लेके आ रहा हूँ दूसरी को यू ले जाएं जैसे मरजी आप कर लें वायर के अंदर जो करंट फ्लो करने वाला है वो इस special rule को नहीं मानता वो simple mathematics के rule के मताबिक current scalar quantity है क्यों scalar है क्योंकि scalar वो होते हैं जो के simple mathematics के rule के मताबिक add होते हैं एक scalar quantity है बलाई उसके बाद उसके बाद फिर नेक्स्ट हमारे पास पॉइंट आता जी टू टाइप ऑफ करंट होते हैं उन देश आफ नेचर आफ चार्जेस देखो बच्चों हमने मजीद डिटेल से बताऊंगा ताकि आपको वह चीजें सही से समझ आ जाए एक हो एक होता है एलेक्ट्रोनिक चार्ज एक होता है जी हमारे पास कंवेंशनल सॉरी एलेक्ट्रोनिक करं ठीक है यह दो करंट होते हैं हमने पढ़ा था कि एलेक्ट्रोनिक करंट वह करंट होता है जो एलेक्ट्रान के फ्लो करने की वजह से सरकर्ट में फ्लो करता है उसको हम एलेक्ट्रोनिक करंट करते हैं ठीक है फिर हमने यह पढ़ा था कि कन्वेंशनल करंट एक ऐसा करंट होता ठीक है अब उनको हमने जरह डिटेल से डिसकस करना है अगर मैं सही मानों में आपको बताऊं ना तो जो रियल करंट होता है एक्चुअल में जो करंट होता है वो एलेक्टोनिक करंट ही होता है लेकिन हम उसको डिसकस नहीं करते हम डिसकस करते हैं सिर्फ कन्वेंशन करंट उसको इसको इस्तेमाल करना उसको समझना आसान है क्यों अभी डिटेल से उसे भी हम बात करेंगे पहले हम यह देख लेते हैं बहुत एलेक्ट्रोनी करंट क्या होता है देखो हमारे पास कोई एक माली जे यह एक बल्ब आ गए ठीक है और इस बल्ब के साथ तो हम एक बैटरी एटेज कर देते हैं ऐसे से लगा देते हैं इसके साथ एक यह पॉजिटिव और यह नेगेटिव ठीक है अब होता क्या है कि यह बैटरी क्या करती है एलेक्ट्रांस जो एलेक्ट्रांस उनको उसका पॉजिटिव टोमिनल इसकी से एलेक्ट्रांस जो वह रिपेल होकर नेगेटिव टोमिनल से इधर फ्लू कर रहे होते हैं तो इसका जो एलेक्ट्रांस इस फ्लू ने एलेक्ट्रोंस एलेक्ट्रोंस का फ्लू जो होता है वह आपके पास यह ऐसे नेगेटिव टू पॉजिटिव फ्लो करके जा रहा होता है इस करंट को हम क्या बोलते हैं एलेक्ट्रोनिक करंट और यही हमारे पास एक्शनल करंट रियल करंट होता है बात समझ के टर्मिनल टू पॉजिटिव टर्मिनल ऐसे चार्ज इस अलेक्ट्रोन फ्लो करते हुए जाते हैं वह यह नेगेटिव चार्ज पार्टिकल इस करंट को हम बोलते हैं एलेक्ट्रोनिक करंट पास समझ कर और आप देखें यह बैटरी के नेगेटिव टर्मिनल से पॉजिटिव टर्मिनल की तरफ फ्लो करता है और फिजिक्स में हम नेगेटिव टर्मिनल मीन लो पोटेंशल लेते हैं और एक positive number है एक negative number है कौन से number बड़ा होगा positive number है हमेशा negative number से बड़ा होता है है ना तो उसे respect से हम positive को high potential मान लेते हैं और negative को हम low potential मान लेते हैं like अगर plus का 5 और minus का 5 है तो plus का 5 जो है वो आपके पास बड़ा है और minus का 5 आपके पास छोटा है ठीक है अगर मैं plus 1 और minus 5 की बात कर लूँ तो plus 1 बड़ा है minus 5 छोटा है समझते हैं ना इस चीज़ को math के basic rules हैं तो positive number is always greater than the negative number that's प्रेस्ट्रीव एज आई पोटेंशियल एंड नेगेटिव लोग पोटेंशियल ओके तो यह एलेक्ट्रोनी करेंट सिंपल बात एलेक्ट्रोन की बैच की दिर ले आता है तो इस तरह से एक लूप में यह फॉर करता है समझ कर अच्छा इसको हम कैसे डिफाइन करेंगे तरह वह भी देख लें कि द करेंट ड्यू टू फ्लो आफ एलेक्ट्रोन इस कार्ड एलेक्ट्रोन इस डायरेक्शन फ्रॉम नेगेटिव टू पॉजिटिव टॉमिनल आफ द बैटरी हमने देख लिया यह नेगेटिव से पॉजिटिव की तरफ लोग करके जाता है क्यों जाता है वह भी रीजन भी आपको बता दी ठीक है फ्लो फ्रॉम लोग पोटेंशियल टू द हाई पो� अब हम आज इतने conventional current पे और फिर मैं दोनों का comparison भी करूँगा ठीक है न conventional current क्या होता है ये समझना जो है वो बच्चों के लिए एक थोड़ा सा problem होता है मैं आपको वो चीज़ा clear कर देता हूँ बड़े ध्यान से बात सुननी है आपने बच्चों देखिए अभी अभी हमने पढ़ा के conventional current जो है वो एक ऐसा current होता है जो के positive charge के flow करने की वजह से flow करता है ठीक है अब student का पहला question यह होता है कि सर हमें ये बताईए कि क्या पॉजिटिव चार्ज फ्लो कर सकता है पॉजिटिव चार्ज का मतलब यह हमारे पास प्रोटांस होते हैं तो क्या प्रोटांस फ्लो कर सकते हैं आपकी बैटरी प्रोटांस को फ्लो करा सकती है तो आपकी बात बिल्कुल ठीक है पॉजिटिव चार्ज फ्लो नहीं क अगर आप कहें कि इधर से निकल के दूसरे टॉमिनल के ताव जाते हैं तो ऐसा possible नहीं है, मुम्किन नहीं है, क्यों? इसके लिए प्रोटान पाए जाते हैं इनसाइड द नीकलिस, आपकी बैटरी में तो इतनी अबिलिटी भी नहीं होती कि एक इंसुलेटर के एटम में से आखिर एलेक्ट्रान को निकाल ले, उसको मूव करा ले, ठीक है? वो तो सिर्फ फ्री एलेक्ट्रान जो पड़ा होता ह काफी ज़्यादा amount of energy चाहिए होती है वो battery के बस तो फिर हम क्यों कहते हैं जी ये conventional current जो है वो हमारा positive charge के flow करने की वज़े से flow करता है अब ये तमाम बाते बड़े दियां से सीखने हैं आपने बच्चो एक बात याद रखेगा ये तो clear है कि positive charge जो है वो flow नहीं करता लेकिन जब हमने एलेक्ट्रोनिक करंट को डिसकबर नहीं किया था तो इससे पहले यह समझा जाता था कि जो करंट है किसी भी सरकेट में वो पॉजिटिव चार्च के फ्लो करने की वज़ास यह फ्लो करता है और वो हाई पोटेंशल से लोग पोटेंशल की तरफ जाता है और यही कि विशेष प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रोटान प्रो� नाम दे दें कि यह रवायत चलती हुई आ रही है कि जैसे यह रवायत चलती हुई आ रही है कि पॉजिटिव नेक्टिव की तरफ लोग करता है लोग की तरफ लोग करता है पॉजिटिव चार्ज की वजह से फॉलो करता है उसको आज मान कि उसको करने नाम दे गया यह हमारे पास एक कनेक्टर है ठीक है यह एक कनेक्टर है अच्छा यह न्यूट्रल है अब हम क्या करते हैं यह किसी बात ऐसा करते हैं कि न्यूट्रल होने का मतलब है कि इधर जितने पॉजिटिव चार्जीज हैं ऐसे और उतने ही इधर हमारे पास negative charges भी है ठीक है तो मैं अगर इसको यहां से half line शो कर दू तो इधर जो है वो इस वक्त initially 3 positive और 3 negative है तो 3 positive 3 negative charge 0 हो गया इसको पर net charge 0 3 positive 3 negative एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक ए और वह एलेक्ट्रान इस तरफ आ गया अब देखें यहाँ पर जो है वह 3 positive है और 2 negative है यहाँ पर net charge आज़ेगा वह है plus 1 इस end के उपर ठीक है न और यहाँ पर जो देखा जाए तो 4 एलेक्ट्रान है और 3 हमारे पास proton है तो यहाँ पर minus 4 और plus का 3 तो आएगा minus का 1 charge ऐसे यह एक effect अगर एलेक्ट्रान इदर से इदर move करता है तो यह एक effect create होता है कि इदर 1 positive और इदर 1 negative charge आता है ठीक है अब जरह एक positive charge को उसकी reverse direction में move करा के देखो हमने अब हमने क्या किया जी एक positive चार्ज को reverse direction में move कराते हैं यह हमारा positive चार्ज है और इसको reverse में move कराते हैं अब इसका मतलब यह हुआ पहले यह था ऐसे neutral था हमने क्या किया यहां से एक positive चार्ज को इदर से निकाल लिया और इस positive चार्ज को हमने इदर add कर दिया इदर से उदर shift हो गया अब इदर कितने positive में 2 इदर कितने negative में 3 effect क्या produce हुआ यहां पर minus 1 चार्ज क्योंकि minus 3 plus 2 minus 1 चार्ज आएगा यहां पर plus का 4 और minus 3 तो यह बन जगा plus का 4 तो आप जरह यहां से उन्होंने observe किया कि अगर एक electron इस तरफ से इस तरफ आता मैं इसको लिख देता हूँ यह मेरा right end है और यह वाला मेरा left end है अगर एक electron right से left की तरफ move करता है तो एक effect create करता है कि इधर one positive charge और इधर one negative charge है अगर इसके opposite में एक proton को move कराए जाए इसके opposite में यह लेफ्ट टू राइट तो भी बिल्कुल same इसका मतलब यह हुआ बात बड़े ध्यान से सुनिये अगर एलेक्ट्रान राइट टो लेफ्ट मूव करता है तो वह सेम एफेक्ट क्रिएट करता है जैसा एक प्रोटान लेफ्ट से राइट मूव करते हैं यह देखो पॉजिटी वन पॉजिटी वन नेगटी वन नेगटी वन सेम एफेक्ट आया फर्क क्या है सिर्फ कि अगर एलेक्ट्रान इधर मूव करेगा तो प्रोटान को ओपोजिट में मूव करना है ठीक है तो हम अपने वो जो पुराने साइंटिस्ट है उनको credit देने के लिए कि उनके जो work किया इतना ज़दा तो इस current को हमने conventional मान लिया क्या हम ये कहेंगे कि अगर electron इदर शेदर move करेगा न तो हम ये नहीं कहेंगे electron इदर शेदर move कर रहा है हम ये कहेंगे proton इदर शेदर move कर रहा है proton इदर से इदर move कर रहा है बाय समझ के हैं क्योंकि electron की movement और proton की movement जब opposite direction में होती है तो वो same effect create करती है बिलकुल same to same effect create होगा फरक नहीं है तो हमने कहा भाई ठीक है और दूसरी बात ये कि हमने real लाइफ में observe किया हर चीज हाई से low की तरफ move करती है ठीक है अब देखा आपने जो water है वो एक high potential से low potential की तरफ उपर से नीचे की तरफ आता है है ना और अगर किसी भी चीज को आप देख लें जैसे आप diffusion का process देख लें एक bowl के अंदर concentration high है वहाँ से वो low की तरफ move करता है बहुत सारी चीज़ें आपको आसपस मिलेंगे जहांपर आपको high से low का rule मिलेगा, high से low का कानून मिलेगा, तो यहाँपर current को पिर low से high की तरफ लेके जाने इसको समझना पिर थोड़ा सा little bit confusing था, एक यह भी factor था इसमें, तो पिर कहा गया कि ठीक है जो क्योंकि electron की movement और proton की movement तो इस तरह से पॉजिटिव चार्ज के फ्लो करने के वजह से करंट आ जाएगा लेकिन क्या होगा डिरेक्शन एलेक्ट्रोनी करंट के रिवर्स में हो जाएगी तो इस करंट को हम क्या बोलते हैं कर्मेंशन करंट लेफ्ट से राट की तरफ मूव कर रहा है तो इस वज़े से हम कहते हैं कि यह हमारा एक बल्ब आ गया और इसके साथ हमने एक बैटरी अट्याज कर दी है यह पॉजिटिव और यह नेगटिव ठीक है असल में क्या हो रहा है एलेक्ट्रान जो है वो नेगटिव टर्मिनल से पॉजिटिव टर्मिनल की तरफ फ्लो कर रहे हैं लेकिन हम यह नहीं कहेंगे हम यह कहेंगे कि एक प्रोटान जो है वो पॉजिटिव टर्मिनल से नेगटिव टर्मिनल की तरफ फ्लो कर रहा है यह करंट तो इस तरह से ऐसे ऐसे ऐसे हम आते हैं इदर से इदर को मूव करते वे जा रहे हैं यह ऐसे negative की तरफ जो यह नहीं जाएंगे इनके positive चार्ज यहां से इसको रिपेल करेगा यहां से गूमता हुआ था यह आएगा यह ठीक है तो यह हमारे पास कंसेप्ट आ जाता है कन्वेंशनल करेंट का ठीक है फिर से एक बार समर्याज करा देता हूं कि एलेक्ट्रोन और प्रोटान जब दोनों आप विडियो डिरेक्शन मूव करते हैं तो वह सेम एफेक्ट क्रिएट करते हैं तो हम एलेक्ट्रोन को इधर मूव करने को यह एजूम कर लेते हैं कि प्रोटान इधर से इधर मूव कर रहा है ठीक है यह एजूम कर लेते हैं इसके साथ हमें सरकर्ट को समझना आसान होता है हर जिस हाई से लोग की तरफ जा रही है यह भी हाई से लोग की तरफ ही जा रहा है ठीक है इसके अलावा एक और एग्जांपल से मैं आपको समझाना चाहूंगा उसके बाद मैं आगे बढ़ूंगा और उससे आपका इंशाला एक पॉजिटिव साइड है और यह एक नेगेटिव साइड है ठीक है एक कनेक्टर है मेरे पास ठीक है मैं यहां बना देता हूं जी यहां पर मैंने एक कनेक्टर ऐसी अटैज किया हूं यह इस तरह से ऐसे ठीक है इन दोनों के तरमें है और इसके अंदर atoms पड़े होंगे यह एक atom यह दूसरा यह तीसरा यह चोथा यह पांचवा यह छटा छे atoms पड़े हैं ठीक है अब होता क्या है कि यहाँ पर जो positive terminal है battery का वो क्या करेगा इससे एक electron को एक एलेक्ट्रान को छीन लेगा तो यहां से एलेक्ट्रान इधर शिफ्ट होगा इधर को ठीक है और होगा क्या उससे जब नीचे बनाते हूं दोबारा से उसके बाद क्या होता है नेक्स्ट सिट्वेशन में यह होता है 123456 आगे अब नेक्स्ट में यह होता है यह पॉजिटिवली चार्ज हो गया यह साथवेले आटम के एक एलेक्ट्रान छीन लेगा तब इससे एक एलेक्ट्रान छीन लेगा तो इस पर पॉजिटिव चार्ज आ लेगा और इस पर पॉजिटिव क्यों आया था क्योंकि एक एलेक्ट्रा एक टाइम को छीन लेता है तो इस पर पॉजिटिव चार आ जाता है और यह वापस क्या हो जाएगा यह वापस हो जाएगा हमारे पास प्रोफेक्शन में क्या होता है यहां से 12345 और ये 6, अब ये 7 वाले से एक एलेक्ट्रान छीन लेगा, उस पर positive चार आ रहेगा, एलेक्ट्रान इधर shift हो गया, उसके बाद next क्या होता है जी, next ये होता है मेरे पास, मैं इसको चले आगे बढ़ा देता हूँ थोड़ा सा, 1, 2, 3, 4, 5, और ये 6, ये इस से एक एलेक्ट्र इस connector के अंदर positive charge यहां पर पड़ावा था फिर पॉजिटिव चार्ज शिफ्ट होकर यहां पर आ गया करते करते पॉजिटिव चार्ज यहां से यहां तक इदर से इदर यह चार्ज शिफ्ट हो गया पार्टिकल शिफ्ट नहीं हुआ, प्रोटान इदर से इदर मूव नहीं हुआ लेकिन चार्ज शिफ्ट हो गया, यह देख लो पॉजिटिव यहां था फिर यहां फिर यहां फिर यहां फिर यहां फिर यहां फिर यहां फिर यहां फिर यहां फिर यहां फिर यहां फिर यहां फिर यहां फिर यहां फिर यहां फिर यहां फिर यहां फिर लेकिन उससे shift चार्ज हो रहा है इधर से इस hand के ऊपर तो इससे आपको बिल्कुल clear हो जाना चाहिए कि electron अगर एक hand से दुशी तरफ shift होता है तो एक तरह से देखा जाए तो positive charge ही shift हो जाता है positive particle या proton shift नहीं हो रहा लेकिन चार शिफ्ट हो रहा है क्योंकि जब एलेक्ट्रान इदर से इदर आएगा तो positive चार आगे शिफ्ट होता जा रहा है यह देख सकते हैं ऐसे ऐसे ऐसे step by step आगे जब जा रहा है तो उमीद है इस example से अब आपकी जो थोड़ी बहुत confident रहती थी वो भ वह विशेष करें और इसको हम देख लेते हैं करने के लिए क्या होता है करंट विश फ्लॉट फ्रॉम आ हाई पोटेंशियल लो पोटेंशियल यह इसके बाद इसकी जो जरूरत नहीं है कि आपको समझ आगी होगी समझ गए ओके तो इसकी जो डायरेक्शन होती है डायरेक्शन फ्रॉम पॉजिटिव नेगेटिव पॉजिटिव चार जी हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंगे हम बात करेंग होता है क्योंकि रियल में तो एलेक्ट्रोनिक रंट ही होता ना कन्वेंशनल तो हमने एक रवायती करंट माना हुआ है जैसे हमारे पहले संटिस्ट कहते थे उसी उसी की बनी हुआ रवायत को हमने एक्सेप्ट कर लिया क्यों एक्सेप्ट कर लिया क्योंकि हमें एक उद्देखने में पता चल गया कि इसको समझना आसान है ठीक है और इस इफेक्ट सेम ही है यह पॉजिटिव चार्ट इधर चेहर मूव करके जा रहे हैं ने कन्वेंशनल करंट है तो जो नेगेटिव चार्ट इधर ना असल में इसकी रिवर्स ड्रेक्शन के अंदर मूव करके जा रहे हैं यह एलेक्ट्रोनिक करंट इसकी रिवर्स ड्रेक्शन में यह देखो आपस वाला है यह हमारे पास एलेक्ट्रोनी करंट है एक ही सरकेट के अंदर एलेक्ट्रोनी करंट और कंवेश्चन करंट की डिरेक्शन जो वह दूसरे के साथ आपको बटाएं क्योंकि असल में एलेक्ट्रोन इधर से इधर जाएंगे तो कंवेश्चन जो यह उसके आप तो हमारे पास होते हैं मेटेली कनेक्टर होते हैं इसमें फ्री एलेक्ट्रोन के वजह से फ्लॉट करता है उसके बाद नेक्स्ट हम बात करेंगे एलेक्ट्रोलाइट की एलेक्ट्रोलाइट बताओ आप कोई भी लिक्विड बना देते हो ठीक है उसके रहते हैं ठीक है तो इन आइंज की मूवमेंट से आपके पास करने चाहिए वह फ्लो करता है समझ गए अच्छा इसी तरह से आप फिर हमारे पास तो हम यह कहेंगे कि चार्ज के रिजिटिव इन द लेक्टर लाइट वर्क पॉजिटिव नेगेटिव आइंज होते तो वह आइंज और फ्री लेक्ट्रोन के वजह से फ्लो कर सकता है ठीक है अब हम बात करेंगे करंट की जी हमने पहले तो देखा कि करंट की दो हमारे पास टाइप्स आती है वह टाइप्स किस बेस पर है वह चार्ज की नेचर की बेस के पर है एक वह करंट है जो पॉजिटिव चार्ज के फ्लो करने के वजह से फ्लो करता है एक वह जो नेक्टिव चार्ज के फ्लो करने के वजह से फ्लो करता है तो यह था हमारे पास एक को एलेक्ट्रोनिक करंट कहा दूसरे को हमने कर्नेशनल करंट कहा दिया अब नेक्स्ट हमारे प एक होता है हमारे बाद आल्टरनेटिंग यानि एसी करेंट होता है ठीक है एक को डायरेक्ट बोलते हैं एक को आल्टरनेटिंग बोलते हैं जरा इसको भी समझ लीजिए ताकि कहीं पर इस्तेमाल हो तो आपको पता होना चाहिए इसका भी बच्चों डायरेक्ट ऐसा होता है जो एक ही डायरेक्शन होती है उसकी फ्लॉट करने की और जो दूसरा है हमारे पास आल्टरनेटिंग यानि इसका क्यों होता है जब वह जान लेते हैं देखिए यह हमने एक जो बल्ब लगाया साथ में एक बैटरी लगाती बैटरी होगी सेल हो गया है हमें डी सी करंट प्रोवाइड करते हैं इसके जो टॉमिनल है ना पॉजिटिव और नेगेटिव इस सोर्स के जो टॉमिनल है इसक यह पॉजिटिव पॉजिटिव रहता है यह नेगटिव नेगटिव रहता है बैटरी अपनी पॉलारिटी चेंज नहीं करती तो कंटिनूसली एकी डिरेक्शन के अंदर करने फ्लो करता रहता है हाई प्रटेंशल से लोग प्रटेंशल की तरफ कनिवेंशनल करने की बात क इस तरह के विशेष को डिरेक्ट करेंट बोलते हैं इसका ग्राफ वो बिल्कुल स्ट्रेट मिलेगा इसके अलावा एक और भी होता है जिसके अंदर वैल्यू चेंज भी हो सकती है लेकिन डिरेक्शन चेंज नहीं होगी इसका वैल्यू चेंज हो सकती है इसका वैल्यू चेंज नहीं हो सकती है वहां पर डायोड की हेल्प से हम चेंज करते हैं तो इस तरह का आपको डीसी मिलता है अब देखें यह इसका मैं लिट्यूट तो चेंज हो रहा है ठीक है लेकिन डिरेक्शन चेंज हो रही वह एक डिरेक्शन रहेगी उसकी यानि इस लाइन से नेगेटिव अगर स्ट्रेट लाइन मिलता है समझ गए और जब हम बात करते हैं अल्टरनेटिंग करंट की तो अल्टरनेटिंग करंट जो है वो हमारे पास एक ऐसे सोर्स से मिल रहा होता है जो लगतार अपनी पॉलारिटी को चेंज करता है इसी जनरेटर आपने सुना होगा ठीक है आपने पर भी था वह दो मैगनेट्स के अंदर मैं एक आप लग देते हैं उसको आपके ऊपर अपने पर करते हैं उसको रोटेट करते हैं उसकी प्लाइट में चेंज इनफ्लेक्स आता है जिसकी वजह से ट्रैंट इन्ड्यूस होता है ठीक है और वह ट्रैं� एक बार सरकेट में यूँ, दूसरी बार उसके reverse traction में ऐसा क्यों होता है? क्योंकि AC current जो है वो एक ऐसे source से मिलता है जिसकी polarity यानि positive negative polarity है वो time के respect से continuously exchange होते रहते हैं यानि first करने के एक second के लिए ये positive ये negative है तो एक second के बाद ये negative ये positive हो जाएगा है ठीक है तो फिक्स टाइम के बाद अपनी प्रोवेटी चेंज करते रहते हैं फिक्स टाइम के बाद अपनी प्रोवेटी चेंज करते रहते हैं तो हम इसलिए कहते हैं जी ऐसा इसके रोग करंट होता है वह एक बार इस पॉजिटिव से नेक्टिव से फ्लो करेगा फ्लो करके इधर आ जाएगा फिर यहां से यह पॉजिटिव एन एक्टिव तो इधर से इधर फिर इधर से इधर ऐसे तो ऐसे जो यह करंट जो है वो उसकी वैल्यू चेंज होती रहती है ठीक है ओके तो बचो वो करंट जो के अपनी डिरेक्शन को कंटिनिशन चें या उसको हम AC current बोलते हैं ग्राफिकली अगर हम शो करने के लिए तो आप देख सकते हैं इसका ग्राफ जो है वो positive axis, negative axis दोनों के उपर आता है एक इसका positive half cycle होता है फिर इसके बाद negative half cycle जिसमें polarity change हो जाती है ये negative बन जाएगा, ये positive बन जाएगा फिर positive half cycle, फिर से ये positive, ये negative बन जाएगा फिर negative half cycle आएगा, फिर ये negative, ये positive बन जाएगा तो इस तरह से time के respect से continuous लिए उसके अंदर change आता रहता है और दूसरी बात है इसकी voltage भी आप देख सकते हैं maximum भी फिर ऐसा ऐसा कम होता है तो अब आप सोचते होंगे अगर ऐसा होता है लगतार इसका मैग्निट्यूट चेंज होता तो फिर हमारा भल्ब जो है वह हमें ऐसे ऐसे फ्लक्चुएट करता नजर क्यों नहीं आता देखो बच्चो यह ��सकी जो फ्रीक्वेंसी होती है ना वह 50 हर्ज होती है एक सेकरेंड में 50 मर्तबाई चेंज होता है तो इतनी हाई स्पीड फ्लक्चुएशन होती है ना ऐसे तो आपकी आंख चो जो हो रहा होता है ठीक है और हाई फ्रीकॉंसी से फिल्क्ट्रीएड हो रहा होता है मैं आपको छोटी सी एग्जांपल देता हूं और रात के टाइम अगर आप कोई भी एक कुछ तिंका ले उसके सामने आप आग जलाकर उसको रोशन कर ले आप अगर आप इसको लाइन ऐसे-ऐसे ऐसा पता क्यों होता है क्योंकि वह जो आपने देखा ना उसका इमेज आपके माइंड में अभी सेव है चेंज कर ली वह भी सेव है और साथ में नहीं भी रिप्रेशन आपको मिल गई तो जब तेजी से ऐसे-ऐसे करेंगे अब खुद घर में एक्सपीरियंस कर सकते हैं तेजी से ऐसे-ऐसे मूव करें तो तो ऐसा ही है कि यह इतनी हाई फ्रीक्वेंसी से फ्लक्चुएट कर रहा होता है ऐसे-ऐसे कि वह हमें फील नहीं होता हमें लगता है कंटिन्यूसली लाइट आ रहा है बात समझ गए ओके तो यह होता है जी हमारे पास अ डी सी करंट असरी आईटरनेटिंग एसी ग्राम जी सेंट करते हैं क्या होता है इसके प्लेटी विद रिस्पेक्ट टाइम कांटिन्यूसली चेंज होती रहती है चलिए अब हमने बात करनी है जी करंट थ्रू दा मैटल एक कंडक्टर मेटेलिक कंडक्टर के अंदर जो वह ग्राइट किस तरह से फ्लो कर दो बचो जो भी हमारे पास मेटल्स होते हैं उनके पास लाज नंबर आफ रिलेक्ट्रोंस होते अब देख सकते हैं यहां पर इसके अंदर फ्री लेक्टर यह ग्रीन कलर का एटम है तो यह ऐसे random motion इदर इदर इदर इदर इदर फ्लो कर रहे होते हैं अब सवाल यह पैदा होता है कि अगर यह बिना battery को attach किये continuously फ्लो कर रहे हैं तो फिर यहाँ पर current क्यों नहीं है तो बच्चो देखो इसमें मान दीजे कि जितने electrons इस cross-section area से toward right move कर रहे हैं उतने ही electrons उससे left भी move कर रहे होंगे तो जितने electrons right move करते हैं उतने left भी move कर रहे हैं सारे तो यह एक दूसरे के effect को cancel कर देते हैं तो effect के cancel करने के वज़े से हमारे पास कोई भी amount of current वो नहीं होती है लेकिन जब हम इसको एक battery के साथ attach कर देते हैं तो ये सारे के सारे जो electrons हैं वो एक specific direction के अंदर up travel करना start कर देते हैं जो के पहले randomly move कर रहे थे तो जितने एक end से right की तरफ move करने हैं तो left की तरफ move करने वाले right की तरफ move करने वाले लेकिन अब आप एक battery से attach कर देते हैं तो ये सारी के सारे एलेक्ट्रोन एक specific direction के अंदर travel करना start कर देते हैं ठीक है जैसे आप यहाँ पर देख सकते हैं अब ये साब एलेक्ट्रोन इधर को travel करते बजा रहे हैं अब दो तरह के current होते हैं अमने पड़ा conventional current भी पड़ा अमने electronic current भी पड़ा तो actually देखा जाए तो एलेक्ट्रोन जो हैं वो इधर से इधर यानि negative terminal से positive terminal की तरफ flow करते बजा रहे हैं तो इसमें जो electronic current है वो negative से positive की तरफ flow करता बजा रहा है from a low potential to high potential लेकिन अगर हम बात कर लें conventional current की तो conventional current को हम assume करते हैं कि एलेक्ट्रान नेगेटिव से पॉजिटिव के तरफ फ्लो नहीं कर रहे हैं बल्कि प्रोटान पॉजिटिव से नेगेटिव के तरफ फ्लो कर रहे हैं तो हम यह कहते हैं भी प्रोटान जो हैं वो इदर से इदर मूव कर रहे हैं पॉजिटिव चार्ज फ्लो करते बजा रहे हैं और पॉजिटिव चार्ज के वज़े से फ्लो कोनीवाला जो करंट होता है इसको हम केनवेंशनल करंट कहते हैं रवायती करंट जो एक रवायत चलती हुई आ रही थी ठीक है अच्छा तो इस तरह से इसके अंदर जो अबो कर