Transcript for:
Making of the Indian Constitution

गुड इवनिंग एवरीवन एक बार यार यह बता दो कि आप लोगों को मेरी वॉइस समझ में आ रही है एम आई ऑडिबल टू एवरीवन क्या सभी को मेरी आवाज आ रही है एक बार कमेंट्स में लिखकर बता दो भाई लोग कि आपको आवाज आ रही है कि नहीं ऑडियो और वीडियो क्वालिटी बढ़िया है कि नहीं एक बार फटाफट से बता दो ताकि फिर हम बिना टाइम खराब किए क्लास को शुरू करें जल्दी से कमेंट्स में बता दो एम आई ऑडिबल टू एवरीवन भाई लोग वेट कर रहा हूं मैं फटाफट से बता दो वॉइस क्लियर है चलो ठीक है ठीक है चलिए शुरू करते हैं दोस्तों मेरा नाम है भवानी सिंह और मैं आप सभी का स्वागत करता हूं इस शानदार you9 बजे तो जैसा सर ने कहा वैसा हो रहा है और और आज से हम आपके जीके के सारे के सारे कंटेंट को लेकर साथ में चलेंगे बिल्कुल भी लोड लेने की जरूरत नहीं है भाई लोग कोई लोड लेने की जरूरत नहीं है सब कुछ बहुत आसान है बस आपको कंसिस्टेंट रहना है और अपना डेडिकेशन और हार्ड वर्क दिखाना है ठीक है जी आपका यह डेडिकेशन कि आपको एग्जाम क्लियर करना है हमारे लिए उतना ही काफी है बाकी मेहनत हम कर लेंगे ठीक है जी कोई लोड लेने वाली बात नहीं है अब जैसा कि आप सबको पता है कि जीके का सिलेबस थोड़ा फस्ट होता है है ना जीके का सिलेबस थोड़ा फस्ट होता है फैक्ट्स इतने सारे होते हैं कि एक टाइम पर इतने सारे फैक्ट्स को याद रखना थोड़ा पॉसिबल नहीं हो पाता पर देखो सिंपल सी चीज है जितना रिवीजन करोगे भाई उतना लंबे टाइम के लिए कंटेंट रिटेन रहेगा दिमाग में तो रिवीजन इज द ओनली की जिससे आपको सक्सेस मिलने वाली है और बाकी मैं तो पूरी मेहनत आपके साथ करूंगा ही है ना तो कोई लोड लेने वाली बात नहीं है और मैं जैसे अपने बारे में आपको बताऊं तो मेरा नाम भवानी सिंह और मुझे पिछले सात आठ साल से एक्सपीरियंस है एसएससी के बच्चों को पढ़ाने के लिए ऑफलाइन में काफी सारे बच्चों को पढ़ाया है और अब साहिल सर के साथ मैं ऑनलाइन भी शुरू कर रहा हूं और आप लोगों का प्यार और आप लोगों के सपोर्ट की जरूरत है बाकी आपको जो कंटेंट चाहिए वो मुझे मालूम है कि भाई सिलेक्शन किस चीज से होना है किस कंटेंट से होना है वोह कंटेंट आपको प्रोवाइड किया जाएगा कंटेंट में कहीं कोई कमी नहीं होगी सर ने भी बोला था कल बोला है उन्होंने कि भाई जबरदस्त कंटेंट मिलने वाला तो बिल्कुल सही बात है मुझे एगजैक्टली पता है कहां से क्वेश्चंस आ रहे हैं कोई लोड लेने वाली बात नहीं तो बिना आपका टाइम खराब किए हम शुरू करते हैं अपने टॉपिक को इंडियन पॉलिटी से शुरू कर रहे हैं भाई लोग और टॉपिक आपके सामने है मेकिंग ऑफ दी इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन इसका मतलब है हमारे भारतीय संविधान का निर्माण अब देखो यार इस पूरे टॉपिक में इस पूरे टॉपिक में हमें कुछ चार से पांच टॉपिक्स कवर करने मैं पूरी कोशिश करूंगा कि आज के सेशन में हमारे यह जो तीन चार टॉपिक्स आपको दिख रहे हैं यह कंप्लीट हो जाए सबसे पहले आपको दिख रहा होगा यहां पर सबसे पहले आप देखिए यहां पर आपको दिख रहा है इंट्रोडक्शन परिचय दो तीन बातें हैं उनके बारे में हम थोड़ा सा यहां पर डिस्कस करेंगे उसके बाद है डिमांड ऑफ कंसीट असेंबली संविधान सभा की मांग कि भाई संविधान सभा जो है जिसने हमारे कांस्टिट्यूशन को बनाया है संविधान को बनाया उसके एसिस्टेंसिया [संगीत] उसका कंपोजीशन उसका संगठन कैसा था कौन-कौन लोग थे कहां-कहां से वह निर्वाचित होकर आए कहां-कहां से मनोनीत होकर आए यानी कहां से इलेक्ट होकर आए कहां से नॉमिनेट होकर आए कितने लोग आए वह सब हम यहां पर देखेंगे और उसी के साथ हम देखेंगे कि भैया हमारे कांस्टिट्यूशन को बनाने के लिए हमारी कंसीट असेंबली ने किस तरह से काम किया फंक्शनिंग ऑफ कंसीट असेंबली तो आज के सेशन में मेरे दोस्तों आज हम इन चारों टॉपिक्स को कवर कर वाले और देखिए टॉपिक जैसे आपको मालूम है कि मेकिंग ऑफ द इंडियन कांस्टिट्यूशन है भारतीय संविधान का निर्माण तो सबसे पहले तो यार हमें यह पता होना चाहिए कि संविधान क्या होता है भाई कांस्टिट्यूशन क्या होता है यह कांस्टिट्यूशन क्या है यह बहुत जरूरी है तभी इसके आगे का जो सिस्टम है पूरा का पूरा जो प्रोसेस है बनने का समझ में आएगा देखिए कांस्टिट्यूशन बेसिकली एक सेट है रूल्स एंड रेगुलेशंस का रूल्स एंड रेगुलेशंस का एक पूरा का पूरा सेट है जिसके थ्रू किसी कंट्री को गवर्न किया जाता है जिसके थ्रू किसी कंट्री को रन किया जाता है यानी आप सीधी सी भाषा में यह कह लो कि भैया कुछ कानून है कुछ नियम है जिससे किसी देश को चलाया जाता है संचालित किया जाता है तो पूरी की पूरी हमारे पास एक किताब है एक पूरी की पूरी बुक है जिसे हम संविधान बोल रहे हैं उस बुक के थ्रू हमारी कंट्री को रन किया जा रहा है गवर्न किया जा रहा है अच्छा बात यह है कि इस संविधान को बनाने की जो प्रक्रिया है जो एक प्रोसेस है व काफी लंबा रहा है और थोड़ा सा यह जटिल भी था कॉम्प्लेक्शन में जबरदस्त राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन हो रहे थे जबरदस्त पॉलिटिकल और सोशल चेंजेज हो रहे थे अब पॉलिटिकल चेंज क्या था भाई देश नया नया आजाद हुआ था 20050 साल की गुलामी से अंग्रेजों की गुलामी से हम लोग आजाद हुए थे तो एक तो यह क्या था कि पॉलिटिकल चेंज था कि भाई सत्ता जो है वह हस्तांतरित हो रही थी पावर ट्रांसफर हो रही थी अंग्रेजों से इंडियंस के पास और दूसरा सामाजिक परिवर्तन यह हुआ कि भाई दिक्कत यह थी कि आजादी तो मिली पर पार्टीशन के साथ विभाजन के साथ तो हमारी जो दो कम्युनिटीज है हिंदू और मुस्लिम उनके बीच में काफी ज्यादा कॉन्फ्लेट देखने को मिला उस पार्टीशन की वजह से तो सामाजिक परिवर्तन भी हो रहे थे सोशल डिफरेंसेस भी आ रहे थे इन सारी सिचुएशंस के बीच में हमारी कं सटट असेंबली बनती है उसमें हमारे कॉन्स्टिट्यूशन मेकर्स शामिल होते हैं संविधान निर्माता शामिल होते हैं और सभी कम्युनिटीज जो हमारे देश में है चाहे वह रिलीजन के बेसिस पर हो चाहे वोह हिंदू हो मुस्लिम हो सिख हो ईसाई हो पारसी हो बुद्धिस्ट हो जैन हो या फिर कास्ट के बेसिस पर हमारी कम्युनिटीज हो लैंग्वेज के बेसिस पर हमारी कम्युनिटीज हो इन सारी चीजों को देखते हुए हमारे देश के इतिहास और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए हमारे संविधान निर्माताओं ने हमारे कांस्टिट्यूशन को संविधान को बनाया तो बहुत ही कॉम्लेक्स यह कह लो कि प्रोसेस था क्योंकि इतनी ज्यादा डाइवर्सिटी इंडिया में इतने ज्यादा धर्म इतनी ज्यादा कम्युनिटी सबका ध्यान रख के कांस्टिट्यूशन बनाना है किसी को भी ऐसा ना लगे कि भाई हमारे साथ भेद हो गया तो कॉम्प्लेक्शन इसलिए रहा क्योंकि यार इतनी ज्यादा डाइवर्सिटी सबका ख्याल रखना है तो कम से कम यह मान के चलो कि न साल का टाइम लग गया इस संविधान को बनाने में अगर मैं एग्जैक्ट टाइम की बात करूं तो भाई लोग दो साल 11 महीने और 18 दिन का टाइम लगा हमारे कांस्टिट्यूशन को बनाने में ठीक है जी अब जब इतना टाइम लगा तो चीज भी फिर ऐसी बनी कि आज भी सिर्फ 106 अमेंडमेंट के साथ 75 सालों से हमारे देश को चला रहा है व कांस्टिट्यूशन यानी इतना प्रोग्रेसिव और इतना डेमोक्रेटिक कांस्टिट्यूशन हमारा है बाकी देशों के कांस्टिट्यूशन के कंपैरिजन में तो इस तरह से हम देखते हैं कि हमारे संविधान को बनाने का जो पूरा का पूरा सिस्टम है जो प्रोसेस है वो चालू हो गया अब बात करते हैं कि जिस संविधान सभा ने हमारे कांस्टिट्यूशन को बनाया है जिस कंसीट असेंबली ने हमारे कांस्टिट्यूशन को फॉर्म किया है वो एसिस्टेंसिया है और यहां से डायरेक्ट फैक्ट्स पूछे जाते हैं भाई लोग बिल्कुल भी स्किप नहीं करना है बिल्कुल भी स्किप नहीं करना है क्योंकि डायरेक्ट फैक्ट्स आते हैं और आपके एसएससी का चाहे सीजीएल हो चाहे सीपीओ हो चाहे एमटीएस हो चाहे सीएचएसएल हो सब में डायरेक्ट फैक्ट्स आते हैं और मैंने सिर्फ उन्हीं फैक्ट्स को शामिल किया है जो रिपीटेडली आ रहे हैं तो यानी हाई चांसेस है कि जो हम पढ़ रहे हैं वहां से कंटेंट का आना पक्का है अब मैं आपको कंसीट एंट असेंबली यानी संविधान सभा के बनने की कहानी बताता हूं होता क्या है ब्रिटिशर्स हमारे ऊपर रूल कर रहे थे ब्रिटिश हमारे ऊपर रूल कर रहे थे तो 1928 में 1928 में जवाहरलाल नेहरू जी जो हमारे पहले मिनिस्टर थे उनके पिताजी हुआ करते थे मोतीलाल नेहरू उन्होंने 1928 में एक रिपोर्ट बनाई उसे हम लोग ना नेहरू रिपोर्ट बोलते हैं अब उस नेहरू रिपोर्ट में पहली बार मोतीलाल नेहरू जी ने संविधान की डिमांड कर दी कि भाई देश के लिए एक संविधान होना चाहिए भले ही हमारे ऊपर अंग्रेज रूल कर रहे हैं पर भैया कुछ रूल्स एंड रेगुलेशंस तो हो ऐसी थोड़ी आप रूल करोगे कुछ भी लॉ बन रहे हैं कहीं पर भी इंप्लीमेंट हो रहा है कोई भी एक्सप्लोइट हो रहा है ऐसा काम नहीं चलेगा भाई आपको पूरा प्रॉपर संविधान बनाना पड़ेगा उसके थ्रू आप हमारे ऊपर रूल करो अब इस चीज को लेकर अंग्रेजों ने भी थोड़ा इंटरेस्ट दिखाया उनको लगा कि भाई प्रेशर है मोतीलाल नेहरू जी का प्रेशर है इंडियन नेशनल कांग्रेस के दूसरे लीडर्स का प्रेशर है तो संविधान के बारे में तो कुछ करना पड़ेगा तो अंग्रेजों ने क्या किया 1928 में मोतीलाल नेहरू जी ने अपनी रिपोर्ट में ये बात उठाई थी कि संविधान होना चाहिए 1930 से 1932 के बीच में 1930 से 193 के बीच में अंग्रेजों ने तीन राउंड टेबल कॉन्फ्रेंसेस कंडक्ट करवा दी लंदन में तीन राउंड टेबल कॉन्फ्रेंसेस यानी गोलमेज सम्मेलन कंडक्ट करवा दिया अब यह जो गोलमेज सम्मेलन हुए हैं पहली बार अंग्रेजों ने हमें अपने बराबर कंसीडर किया और हमें बुलाने की कोशिश की कि भाई आओ तुम्हारे साथ डिस्कशन करना है वन ऑन वन कि भैया तुम्हारा कांस्टिट्यूशन हम कैसा बनाए तो आप आओ और हमारे साथ डिस्कस करो कि कैसा कांस्टिट्यूशन चाहिए हालांकि डिस्कस वो ये नहीं करना चाहते थे कि हमें कैसा कांस्टिट्यूशन चाहिए वो हमें यह बताने के लिए बुला रहे थे लंडन कि भैया हमने क्या बनाया तुम्हारे लिए इसी को इंप्लीमेंट करना है अब क्या हुआ चलो कांस्टिट्यूशन की तो बात हो ही रही है पर 1934 में हमारे यहां एक कम्युनिस्ट लीडर थे पॉलिटिशियन थे एम एन रॉय बहुत इंपोर्टेंट फैक्ट है बहुत ज्यादा ऑलरेडी आपके एग्जाम में फैक्ट आ चुका है इसलिए मैं आपको बता रहा हूं भैया संविधान की बात तो हमने कर ली कि संविधान की डिमांड पहली बार फुल फ्लेज तरीके से मोतीलाल नेहरू ने की पर यार संविधान बनाने के लिए संविधान सभा तो चाहिए कोई बॉडी तो चाहिए जो संविधान बनाए कोई ऐसा थोड़ी एक आदमी को हमने पकड़ लिया व संविधान बना देगा एक आदमी कांस्टिट्यूशन नहीं बनाएगा वी नीड अ बॉडी जिसमें कई सारे लोग हो एक्सपर्ट हो लॉ के जानकार हो जो हिंदुस्तान के लोगों की एस्पिरेशन को समझते हो तो 1930 में एम एन रॉय जो कि कम्युनिस्ट लीडर थे उन्होंने बोला भाई संविधान के बारे में बाद में बात करो पहले यह बताओ कि संविधान बनाएगा कौन वी नीड टू हैव अ कॉन्टेंट असेंबली हमारे पास एक संविधान सभा होनी चाहिए जो हमारे कांस्टिट्यूशन को बनाएगी तो पहली बार ध्यान से सुनो भाई लोग पहली बार अगर कंसीट असेंबली की डिमांड किसी बंदे ने की है तो वो 1934 में हम एम एन रॉय थे इनका पूरा नाम अगर आपको जानने की इच्छा है तो मैं बता देता हूं पर एग्जाम में यह एम एन रॉय के नाम से आएगा भाई तुम्हें पूरा नाम याद करके जाने की जरूरत नहीं मैं पूरा नाम बता देता हूं मानवेंद्र नाथ रॉय इनका पूरा नाम है मानवेंद्र नाथ रॉय तो एम एन रॉय ने पहली बार कॉन्टेंट असेंबली का आईडिया दिया 1934 में पर तुम मुझे एक बात बताओ अंग्रेज ऐसे लोग थे कि जो पूरे देश को रन कर रहे हैं और एक्सप्लोइट करते हुए कर रहे हैं शोषण करते हुए कर रहे हैं हमारा तो वो एक बंदे की बात को कहां सुनेंगे तो यह बात जो एम एन रॉय ने बोली यह कांग्रेस को समझ में आ गई इंडियन नेशनल कांग्रेस को आईएनसी को कि भाई इस बंदे ने बात तो पते की की है मतलब कांस्टिट्यूशन तो बन जाएगा कं सटट असेंबली पहले चाहिए जो कांस्टिट्यूशन बनाएगी तो 1935 में वेरी नेक्स्ट ईयर अगले ही साल कंसीट असेंबली की डिमांड कर दी ऑफिशियल आईएनसी ने भाई एमएन रॉय ने तो चलो एक इंडिविजुअल होने के नाते डिमांड की आईडिया दिया पर आईएनसी की बात कहीं ना कहीं अंग्रेजों को हिट करती थी तो आईएनसी ने जब ऑफिशियल डिमांड की कि भाई कॉन्टेंट असेंबली तो होनी चाहिए और वही बनाएगी हमारा कांस्टिट्यूशन तो 1930 में ये बात रखी 1935 में ये बात रखी और फिर ये डिमांड काफी टाइम बाद पूरी होती है इस बीच 1938 में नेहरू जी एक डिमांड लेके और आ जाते हैं कि भाई देखो कंटेंट असेंबली तो बननी चाहिए नेहरू जी ने भी बोला कंटेंट असेंबली तो बननी चाहिए ताकि हमारा कांस्टिट्यूशन बने इंडिया के लोगों के हिसाब से पर एक चीज उसमें होनी चाहिए कि जो लोग है जो लोग चुन के आएंगे उस कंटेंट असेंबली में संविधान सभा में जो लोग चुन के आएंगे वह भैया एक तो इंडियन हो एक तो इंडियन हो हिंदुस्तानी हो क्योंकि हिंदुस्तानी ही हिंदुस्तानी की एक्सपेक्टेशन को एस्पिरेशन को समझता है कि भैया अगला चाहता क्या है तो हिंदुस्तानी लोग होने चाहिए और दूसरा वो चुन के आने चाहिए यूनिवर्सल एडल्ट फ्रेंज के कांसेप्ट से यानी सार्व भौम वयस्क मताधिकार यानी हिंदुस्तान के लगभग सभी लोगों को वोट डालने का अधिकार मिलना चाहिए जो वोट डालने लायक है ताकि ज्यादातर हिंदुस्तान के लोग पार्टिसिपेट कर सके हिंदुस्तान के ऐसे लोगों को चुनने में जो देश का संविधान लिखेंगे तो भाई 1938 में नेहरू जी नेय नई डिमांड रख दी कि एक तो हिंदुस्तानी होने चाहिए संविधान सभा में और दूसरा वो चुन के आने चाहिए सार्वभौम वयस्क मताधिकार से यानी ज्यादातर लोगों के थ्रू चुन के आए वो और 1940 में हार के अंग्रेजों को ये डिमांड एक्सेप्ट करनी पड़ी और इसे नाम दिया गया अगस्त ऑफर इसे क्या नाम दिया गया भाई लोग अगस्त ऑफर अगस्त प्रस्ताव हिंदी में बोलते हैं भाई लोग अगस्त प्रस्ताव क्योंकि अगस्त के महीने में ही इसे एक्सेप्ट किया गया था अब एक क्वेश्चन यहां से यह बन सकता है बहुत इंपॉर्टेंट है मैं आपको बताता हूं कि अगस्त प्रस्ताव यानी जो अगस्त ऑफर है जिसमें ब्रिटिश ने यह डिमांड एक्सेप्ट की कि भाई तुम्हारी कंटेंट असेंबली होनी चाहिए और तुम्हारा कांस्टिट्यूशन वही संविधान सभा बनाएगी यह डिसीजन लिया गया लॉर्ड लिन लिथ गो के टाइम पर हमारा जो वाइस रॉय था ना उस टाइम पर उसका नाम था लॉर्ड लिन लिथ गो लॉर्ड लिन लिथ गो इसके टाइम पर अगस्त प्रस्ताव को पारित किया गया तो अगर आपसे क्वेश्चन पूछ लिया जाए कि भैया कंसीट असेंबली की डिमांड को किस वॉयस रॉय की वॉयस रॉय शिप के दौरान एक्सेप्ट किया गया तो याद रखिएगा लॉर्ड लिलिथ को यह आगे मैं जब मैं प्रैक्टिस क्वेश्चन करवाऊंगी ना भाई लोग तो बहुत जरूरत पड़ेगी इन फैक्ट्स की और जो हम पढ़ते चल रहे हैं बिल्कुल अच्छे से याद करते चलना है मैं आपको एक चीज बता देता हूं एक मिनट का टाइम लूंगा जो पीपीटी हम यहां पढ़ रहे हैं मैंने ये पीपीटी भाई लोग हिंदी और इंग्लिश दोनों में बनाई है ठीक है तो यह पीपीटी आपके साथ शेयर की जाएगी तो ना हिंदी वालों को दिक्कत आएगी ना अंग्रेजी वालों को दिक्कत आएगी कंटेंट आपको वैसा मिलेगा जैसा आप चाहते हो और सिंपल लैंग्वेज में ताकि समझ में आए ठीक है भाई और दूसरी चीज कि जब भी हमारा टॉपिक पूरा होगा तो हम क्वेश्चन प्रैक्टिस करेंगे ताकि आपको ये ना लगे कि भाई जीके में थ्योरी तो सब पढ़ा दे देते हैं क्वेश्चंस हमसे होते नहीं है ये बिल्कुल भी नहीं होने वाला है जो टॉपिक पढ़ेंगे उसके तुरंत बाद जैसे ही टॉपिक खत्म होगा हम तुरंत बाद प्रैक्टिस क्वेश्चंस करेंगे पी वाई क्यूज करेंगे ताकि आपको कॉन्फिडेंस आए कि जो आपने पढ़ा है वो बिल्कुल करेक्ट है कि नहीं वो किसी काम का है कि नहीं भाई देखो आलतू फालतू चीज मैं पढ़ाने नहीं वाला अगर तुम कहोगे कि सर एंटरटेन कर दें इधर की बात उधर की बात करके बिल्कुल नहीं भाई तुम्हारा टाइम इंपॉर्टेंट है बहुत ज्यादा एग्जाम नजदीक आ रहा है काम की चीज पढ़ेंगे यार ठीक है कोई लोड नहीं 40 45 50 मिनट एक घंटे की जो क्लास है अपनी उसमें जबरदस्त पढ़ाई ताकि लगे कि साला आज कुछ किया है हमने अब देखो ध्यान से अब हमने अभी तक जो पढ़ा उसमें हमने यह फैक्ट्स को कवर किया मैं एक बार रिकॉल करवा देता हूं फटाफट से कि 1928 में मोतीलाल नेहरू जी ने पहली बार संविधान की डिमांड कर दी कि देश का कांस्टिट्यूशन होना चाहिए अंग्रेजों ने इसको हल्का सा सीरियसली लिया और बोला कि ठीक है डिस्कस करने आ जाओ लंडन में गोलमेज सम्मेलन कर रहे हैं राउंड टेबल क्रेंस कर रहे आ जाओ मिलते हैं 1930 से 1932 के बीच में तीन राउंड टेबल कॉन्फ्रेंसेस हुई कुछ ज्यादा खास नतीजा निकला नहीं पर 1934 में एम एन रॉय ने यह बोला कि भाई कांस्टिट्यूशन से पहले वी नीड टू हैव अ कंसीट असेंबली हमें एक संविधान सभा की जरूरत है जो संविधान बनाएगी पर यह बात अकेले आदमी की सुनेगा कौन तो इस बात को 1955 में 1935 में कांग्रेस ने ऑफिशियल रख दिया कि भाई कंटेंट असेंबली होनी चाहिए जो देश के कॉन्स्टिट्यूशन को लिखे गी और फिर 1938 में नेहरू जी ने एक डिमांड और रख दी कि भाई देखो कंटेंट असेंबली तो होगी पर जो लोग उसमें चुन के आएंगे वो चुन के आएंगे सार्वभौम वयस्क मताधिकार से यूनिवर्सल एडल्ट फ्रेंचाइजी या ज्यादातर लोगों के थ्रू चुन के आएंगे और सारे के सारे लोग इंडियन होने चाहिए ताकि इंडियन का कांस्टिट्यूशन इंडियंस बनाए और 1940 में अंग्रेजों ने आखिरकार इस प्रस्ताव को मान लिया और अगस्त प्रस्ताव पारित कर दिया अगस्त ऑफर पारित कर कर दिया और इसका क्रेडिट जाता है लॉर्ड लिन लिथ गो को क्योंकि वो उस टाइम पर हमारा वॉइस वय था और फाइनली भाई लोग ध्यान से देखो ये है तुम्हारा इंपॉर्टेंट फैक्ट मोस्ट इंपॉर्टेंट फैक्ट ऑफ दिस पर्टिकुलर स्लाइड कि एक मिशन हमारे इंडिया में आता है 1946 में 16 में 1946 भाई लोग यह वो टाइम है जब वर्ल्ड वॉर टू खत्म हो गया है वर्ल्ड वॉर टू खत्म हो गया है 1940 में आप सबको मालूम होगा द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चला था 1939 से 1945 तक चला था और 1945 के बाद ध्यान से सुनो 1945 के बाद अंग्रेजों ने पहला स्टेप लिया पहला कदम उठाया हमें आजादी देने के टुवर्ड्स कि भाई इनकी कंसेंट असेंबली बनानी है जो इनके संविधान को लेख क्योंकि आने वाले टाइम में हमें छोड़ना तो है ही देश तो पहले इनका संविधान वगैरह बनवा देते हैं तो 16 में 1946 को हिंदुस्तान में कैबिनेट मिशन आता है एक मिशन अंग्रेज भेजते हैं जिसे बोलते हैं कैबिनेट मिशन और इस कैबिनेट मिशन को भेजने वाला जो अंग्रेज था वो था अंग्रेज प्राइम मिनिस्टर अंग्रेज प्रधानमंत्री उसका नाम है भाई लोग क्लेमेंट एटली क्लेमेंट इटली इस बंदे ने कैबिनेट मिशन भारत भेजा है कि जाओ और हिंदुस्तानी के लिए कांस्टीट्यूएंट असेंबली संविधान सभा बना के आओ और इनकी संविधान को बनाने के काम को सुनिश्चित करके आओ तो क्लेमेंट एटली ने कैबिनेट मिशन 16 मई 1946 को भाई लोग हिंदुस्तान भेज दिया अब मैं तुम्हें बता रहा हूं बहुत काम की बात बिल्कुल भी इस फैक्ट को स्किप नहीं करना है इसको अच्छे से याद कर लेना है कैबिनेट मिशन में तीन बंदे आए तीनों बंदों के नाम देखो क्योंकि ऑलरेडी भैया तुम्हारे एसएससी में सवाल आ रखा है मैं जब भी तुम्हें यह बोल रहा हूं कि इससे रिलेटेड क्वेश्चन आया है मैं तुम्हें गारंटी दे रहा हूं कि वो क्वेश्चन आया है और मैं तुम्हें दिखा दूंगा जब हम प्रैक्टिस क्वेश्चन करेंगे पी वाई क यज करेंगे मैं दिखा दूंगा तो कैबिनेट मिशन में तीन बंदे आए इस मिशन को लेकर हिंदुस्तान तीन बंदे आए 16 में 1946 डेट याद रखनी है एसएससी में डेट्स पूछते हैं तो भाई तीन बंदे आए एक तो आया स्टेफ क्रिप्स स्टेफ क्रिप्स स्टेफ क्रिप्स आया एक बंदा आया पथक लॉरेंस पथक लॉरेंस और भाई लोग एक बंदा आया एवी अलेक्जेंडर देखो मैं फिर बोल रहा हूं पूरा नाम याद करने की कोई जरूरत नहीं है और इन ससुर को वैसे भी भाव नहीं देना चाहिए तो एवी एलेक्जेंडर जो है इसका पूरा नाम है अल्बर्ट विक्टर देखो यार मुझे मालूम है तुम्हें याद करने की जरूरत नहीं है तुम साला आराम से जो तुम्ह बताया जा जा रहा क्योंकि एग्जाम में एज इट इज पूछा जाता है स्टेफ क्रिप्स है पथिक लॉरेंस है एवी अलेक्जेंडर है तीन बंदे कैबिनेट मिशन लेके आए और इसमें ये जो पैथिक लॉरेंस है भाई लोग ये जो पैथिक लॉरेंस है ना ही वाज द हेड ऑफ दिस मिशन ही वाज द हेड ऑफ दिस कैबिनेट मिशन ये हेड था भाई कैबिनेट मिशन का अध्यक्ष है ये लेके आ रहा है बाकी दो बंदों को अब इन तीनों को जिम्मेदारी क्या दी है भाई इन तीनों को जिम्मेदारी ये दी है कि तुम तीनों जाओ और एक काम तो तुम्हें यह करना है कि भाई तुम्हें इनका बनाना है कंसीट असेंबली इनको पहली जिम्मेदारी क्या दे दी कि भाई संविधान सभा बनानी है इनकी इतने दिनों से डिमांड कर रहे और हमारा टाइम आ चुका है यहां से जाने का तो भाई ऐसा करना कि एक तो इनकी संविधान सभा बनवा देना और दूसरा जब संविधान सभा बन जाए और संविधान का काम चालू हो जाए बनाने का तो ऐसा करना इनको हमें सत्ता सौंपने है इनको आजाद करना है तो इनको इंडिपेंडेंट करना है इनको आजादी देनी है ठीक है भैया दो काम दिए इनको एक तो संविधानसभा बनाओ इनकी जाके और दूसरा इनको इंडिपेंडेंट करो इनको आजाद करो तो ये तीन बंदे आए पैथिक लॉरेंस वाज द हेड ऑफ दिस पर्टिकुलर कैबिनेट मिशन एनीवेज यह पूरी हिस्ट्री रही और इस कैबिनेट मिशन ने क्या किया हमारी संविधान सभा को बना दिया बेसिकली मई में ये लोग आए जुलाई में भाई लोग इन्होंने इलेक्शन करवा दिया हमारी कंटेंट असेंबली के संविधान सभा के और जैसे ही इन्होंने इलेक्शन करवाए हमारी संविधान सभा बनके तैयार है मतलब यह मान के चलो जुलाई अगस्त में संविधान सभा बन गई है काम चालू होगा संविधान बनाने का दिसंबर में तब तक बाकी की जो छोटी मोटी तैयारियां है वोह शुरू होंगी तो आई होप आपको यह पूरी की पूरी जो जर्नी है कि कंटेंट असेंबली कैसे बनी कैसे उसकी बात उठी यह सब समझ में आया है चलिए आगे बढ़ते हैं अब देखो भाई जो हमने अभी उधर पढ़ा उस स्लाइड में उसका हिंदी वर्जन है तो आराम से आपके साथ य पीपीटी शेयर की जाएगी आप आराम से पढ़ सकते हो अब हमारे पास है कि कंपोजीशन ऑफ कंसंट असेंबली क्या था भाई संविधान सभा का स्ट्रक्चर कैसा था उसकी उसकी संगठन कैसी थी उसमें कितने लोग आए कहां से आए यह सारी चीजें पता करना बहुत जरूरी है क्योंकि सीधे-सीधे क्वेश्चन पूछा जाता है देखो यार एसस इज ल अबाउट फैक्ट्स वन वी टॉक अबाउट जीएस इट इज ल अबाउट फैक्ट्स तुमसे फैक्ट्स पूछे जाएंगे तो फैक्ट्स एक तो तुम चले जाओ रट के कि तुम्हें समझ में आ नहीं रहा है रट के चले गए तो वो क्या होगा एक दिन पढ़ लिया दूसरे दिन भूल जाओगे पर अगर तुम समझ के किसी फैक्ट को पढ़ रहे हो याद कर रहे हो तो भाई वह लंबे टाइम तक रिटेन रहेगा दिमाग में जहां कुछ समझ में ना आए भाई मैं बता रहा हूं तो मैं कमेंट्स में लिख के बता दो मैं आपको यहां पर तुरंत जवाब दूंगा ठीक है जी कोई चीज ऐसी हो जो तुम्हें नहीं समझ में आ रही कमेंट में लिख के दे दो कि सर समझ में नहीं आ रहा रिपीट कर दो मैं रिपीट करवा दूंगा पर एटलीस्ट मुझे पता चलना चाहिए कि यार तुम्हें समझ में आ रहा है कि नहीं ठीक है तो कम्युनिकेशन जरूरी है अब कम्युनिकेशन इस क्लास में कमेंट्स के थ्रू हो सकता है आप कमेंट करो मैं इधर से जवाब दूंगा चलो शुरू करते हैं अब बात यह है कि कांस्टेंट असेंबली बन गई तो कांस्टीट्यूएंट असेंबली में जो इलेक्शंस हुए जो बंदे चुन के आए या नॉमिनेट होके आए यानी जो निर्वाचित होक आए जो मनोनित होके आए यानी इलेक्ट होके आए नॉमिनेट होके आए तो वो आए कहां से तो मैं आपको पहले यहां चीज बता देता हूं कुछ देखो टोटल नंबर जो लोगों का था हमारी कंटेंट असेंबली में संविधान सभा में जो लोग चुन के आए वो थे 389 389 बंदे हमारी कांस्टेंट असेंबली में चुन के आए और बहुत ही जबरदस्त लोग थे ये बहुत ही एक्सपर्ट लोग थे अपने अपने फील्ड के तो बहुत ही महान लोगों को यहां पर शामिल किया गया कांस्टिट्यूशन बनाने के लिए तभी हमारा कांस्टिट्यूशन भी ऐसा बना है सबसे अलग सबसे जबरदस्त तो 389 बंदे हैं ये अब इन 389 में मैं आपको बता दूं कि कौन ककन कहां से आया है मतलब मैं एक एक बंदे के बारे में नहीं बता रहा हूं 389 में से 292 सीट्स यह तो आई भाई लोग ब्रिटिश प्रोविंसेस से ब्रिटिश प्रांतों से मैं एक एक चीज बताऊंगा ये प्रोविंस क्या होता हैय सारी चीज क्या होती है बस बने रहो जुड़े रहो समझ में आएगा सब कुछ कोई लोड नहीं है भाई कोई लोड नहीं है 292 सीट्स ब्रिटिश प्रोविंसेस से 93 सीट्स आई है प्रिंसली स्टेटस यानी राजे रजवाड़ों की रियासतों से ठीक है मैं अभी बताता हूं क्या सीन है और चार सीट्स को फिल किया गया चीफ कमिश्नर रीजन से मैं ध्यान से देखो फिर से बता रहा हूं 292 बंदे आए हैं ब्रिटिश प्रांतों से 93 लोग आए हैं राजे रजवाड़ों की रियासतों से और चार लोग आए चीफ कमिश्नर रीजन से यानी जो मुख्य आयुक्त क्षेत्र है उनसे अब पहले मैं आपको बता देता हूं जैसे आज के टाइम में आज के टाइम में जो हमारा देश है हमारा भारत जो है इंडिया जो है वो दो तरह की क्षेत्रीय इकाइयों से बना हुआ है दो तरह की टेरिटोरियल यूनिट से बना हुआ है ध्यान से देखो एक तो हमारे यहां स्टेट्स है राज्य है और दूसरा हमारे यहां पर है यूटी केंद्र शासित प्रदेश राज्य है और केंद्र शासित प्रदेश है ठीक है जी 28 तो स्टेट्स है अपने य 28 तो राज्य है और आठ यूटी है इनको मिलाकर बोल रहे हैं इंडिया इनको मिलाकर हम बोल रहे हैं भारत जब 1947 से पहले जब हम आजाद नहीं थे तो अंग्रेज हमारे ऊपर रूल कर रहे थे तो उनके टाइम पर जैसे आज स्टेट और यूटी है ना तो भैया स्टेटस की जगह हुआ करते थे ब्रिटिश प्रोविंसेस तुम यह मान लो जिन्हे आज तुम राज्य बोल रहे हो उस जमाने में ब्रिटिश प्रांत बोला जाता था इन्हें बोला जाता था ब्रिटिश प्रोविंसेस ठीक है जी ब्रिटिश प्रोविंसेस और जिन्हे आज तुम यूटी समझ रहे हो भाई इन्हे तुम समझ लो चीफ कमिश्नर रीजंस यानी आज जैसे स्टेट्स तो बड़े-बड़े हैं अपने पास राज्य तो बड़े-बड़े हैं केंद्र शासित प्रदेश छोटे छोटे हैं सिमिलरली ब्रिटिश प्रांत बड़े-बड़े होते थे और जो चीफ कमिश्नर रीजंस हैं ये जो मुख्य आयुक्त क्षेत्र है ये छोटे-छोटे इलाके होते थे तो हम स्टेट्स और यूटी के साथ कंपेयर कर रहे हैं पर एक चीज है यार आज तो हमारे पास दो तरह की यूनिट्स है दो तरह की टेरिटोरियल यूनिट्स है उस जमाने में भैया तीन तरह की थी यानी स्टेट्स और यूटी के अलावा यानी ब्रिटिश प्रांत और चीफ कमिश्नर रीजंस के अलावा प्रिंसली स्टेट्स भी होते थे क्योंकि उस जमाने में राजा महाराजा थे तो राजा महाराजाओं की जो रियासतें थी भाई लोग वो 562 से भी ज्यादा थी 562 प्लस थी 562 प्लस रियासतें थी थी उनको भी शामिल किया गया तो अब तुम यह देख लो कि 292 तो आए उन ब्रिटिश प्रोविंसेस से तो ब्रिटिश प्रोविंसेस अगर तुम पूछोगे सर कितने थे उस टाइम पर जैसे आज तो 28 राज्य हैं उस जमाने में ब्रिटिश प्रांत कितने थे भाई लोग 17 प्रांत थे 17 प्रांत 17 प्रोविंसेस थे ठीक है जी तुम बोलोगे सर चीफ कमिश्नर रीजंस कितने थे भैया आठ से न आठ से नौ हमारे ये चीफ कमिश्नर रीजंस थे ठीक है 17 प्रोविंसेस आठ से न चीफ कमिश्नर रीजंस अब मैं आपको एक चीज बताता हूं ध्यान से देखो जैसे आज हमारे स्टेट का पॉलिटिकल हेड हमारे राज्य का जो राजनीतिक मुखिया होता है वह होता है सीएम चीफ मिनिस्टर ठीक है जी आज के टाइम में आज के टाइम में हमा हमारे राज्य का मुखिया होता है चीफ मिनिस्टर मुख्यमंत्री भैया ब्रिटिश प्रोविंस में यानी ब्रिटिश प्रांत में जो मुखिया होता था वो होता था उस जमाने में लेफ्टिनेंट गवर्नर लेफ्टिनेंट गवर्नर आज के टाइम में लेफ्टिनेंट गवर्नर हमारी यूटी को संभाल रहे हैं उस जमाने में राज्य को संभालते थे लेफ्टिनेंट गवर्नर तो आज जैसे हमारे पास मुख्यमंत्री हैं उस जमाने में हुआ करते थे लेफ्टिनेंट गवर्नर्स जो प्रोविंस को संभालते थे फिर तुम बोलोगे सर प्रिंसली स्टेट को अरे प्रिंसली स्टेट को राजा संभाल रहे भाई अलग अलग राजा है जोधपुर का राजा जयपुर का राजा उदयपुर का राजा जैसलमेर का राजा भोपाल का नवाब रामपुर का नवाब 10 तरह के राजा भाई 562 रियासत यार छोटे बड़े बहुत राजा थे और चीफ कमिश्नर रीजन को यानी मुख्य आयुक्त क्षेत्रों को संभाल रहे थे चीफ कमिश्नर्स है ना तो उन्हीं के नाम पर नाम रख दिया य तो तो बेसिक बात यह है बेसिक बात यह है भाई लोग कि ब्रिटिश प्रोविंसेस को जो कि 17 थे लेफ्टिनेंट गवर्नर संभालते थे प्रिंसली स्टेट्स को रूलर संभालते थे चीफ कमिश्नर रीजंस को चीफ कमिश्नर संभालते थे और एक चीज याद रखना भाई जो यह ब्रिटिश प्रोविंसेस के मालिक है ना ये लेफ्टिनेंट गवर्नर्स यह ससुरे अंग्रेज है और जो ये चीफ कमिश्नर्स है यह भी ससुरे अंग्रेज है जो हमारी रियासतों के राजा है वह हिंदुस्तानी है तो इन तीन तरह की यूनिट्स को मिलाकर हम बोल रहे हैं कि यहां से बंदे आए चुन के कंटेंट असेंबली में संविधान सभा में और हमें पता चल गया कि प्रोविंसेस से 292 हमारे रजवाड़ों की रियासतों से 93 लोग 93 लोग और चीफ कमिश्नर रीजन से चार अब मैं आपको थोड़ा सा यहां पर डिस्क्रिप्शन देना चाहूंगा ध्यान से देखो ध्यान से देखो कोई चीज ना समझ में आए मैं कमेंट्स देख रहा हूं ठीक है जी कोई दिक्कत हो कोई दिक्कत हो तुम सीधे-सीधे सवाल पूछो साला यही बताएंगे यही डिस्कस करेंगे ठीक है बस तुम जुड़े रहो भाई भा तुम जुड़े रहो चलो देखते हैं अब हमारे पास अब हमारे पास है कि चीफ कमिश्नर रीजन जो है वो तो आठन है बंदे आए हैं चार भाई देखो अ ये सीधा क्वेश्चन पूछा जाता है और ऑलरेडी पूछा हुआ है मैं प्रैक्टिस क्वेश्चन में लाऊंगा इसे पवाई क्य में लाऊंगा क्वेश्चन यह पूछा जाता है कि चलो मान लिए ब्रिटिश प्रोविंसेस से आ गए 292 बंदे अच्छा ये 292 इलेक्टेड है ये 292 इलेक्टेड है निर्वाचित भाई इनको चुन के भेजा है दूसरी चीज प्रिंसली स्टेट से जो बंदे आए हैं 93 तो भाई 562 राजा है छोटे बड़े राजा 562 है 562 से ज्यादा है 562 से ज्यादा है तो उन्होंने आपस में डिसाइड कर लिया म्यूचुअल कंसेंट से कि भाई ऐसा है 562 तो जा नहीं सकते साला 389 का तो वहां पर मेंबरशिप तो 562 में से 93 सीट है जो रा महाराजाओं को मिली है तो 562 हम राजाओं में से 93 बंदे पहुंचेंगे ठीक है जी तो बड़े-बड़े बड़े-बड़े जो राजा महाराजा थे वो पहुंच गए 93 म्यूचुअल कंसेंट से यानी उन्होंने खुद को ही अपने बीच में से नॉमिनेट कर लिया मनोनित कर लिया भाई इन्होंने खुद में से ही अपने आप को चुन लिया कोई इलेक्शन नहीं हुए 562 में से ये 93 लोग हैं ये जा रहे हैं प्रिंसली स्टेट्स को रिप्रेजेंट करने और भैया फिर आते हैं चीफ कमिश्नर रीजन से तो मैंने तुम्हें बोला कि यार आठ नौ थे आठ न थे पर आए चार अब तुम्हारे लिए क्वेश्चन यह बनता है कि वो कौन से चार चीफ कमिश्नर रीजंस थे जहां से वो चार बंदे आए हैं 389 में शामिल होने तो मैं आपको बता दूं मैं मैप मैंने इसलिए लेके रखा है ताकि आपको लोकेशंस याद हो जाए आपको लोकेशंस याद हो जाए तो देखो भाई ध्यान से मैं मार्क कर रहा हूं इन्हे सबसे पहले जो एक मेंबर आया चीफ कमिश्नर आया वो आया दिल्ली का जैसे आज भी दिल्ली यूटी है यूनियन टेरिटरी केंद्र शासित प्रदेश है क्योंकि राजधानी है भाई उस जमाने में भी अंग्रेजों की राजधानी क्या थी भाई 1912 में कोलकाता से राजधानी शिफ्ट कर ली थी दिल्ली में तो 1912 से लेके अब तक भारत की राजधानी इंडिया की कैपिटल दिल्ली है तो दिल्ली क्योंकि उस वक्त भी राजधानी था आज भी राजधानी है तो इसे यूटी के तौर पर यानी कि चीफ कमिश्नर रीजन के तौर पर कंसीडर किया गया तो भैया एक मेंबर तो आ गया दिल्ली से ठीक है जी एक तो आ गया दिल्ली से तो दिल्ली के चीफ कमिश्नर रीजन से आ गया दूसरा आया अजमेर मारवाड़ अजमेर मारवाड़ अजमेर आपने सुना होगा राजस्थान में है आप सबने हिस्ट्री में भी पढ़ा होगा ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है और दूसरा पृथ्वीराज चौहान तृतीय पृथ्वीराज चौहान थर्ड जिसकी आपने कहानियां सुनी है वो अजमेर का शासक था बाद में वो दिल्ली का राजा बना तो अजमेर मारवाड़ यानी अजमेर और जोधपुर के आसपास का एरिया यह यह है अजमेर मारवाड़ अजमेर मारवाड़ तो यहां का एक चीफ कमिश्नर आ गया यहां से एक मेंबर आ गया तो अजमेर मारवाड़ और उसके बाद देखो भैया तीसरा उसके बाद बिल्कुल बिल्कुल बिल्कुल एम के सिंह राम राम भाई राम राम दिव्या बिल्कुल बिल्कुल ब्रिटिश प्रोविंस डायरेक्टली रूड बाय ब्रिटिशर्स बट प्रिंसली स्टेट्स व रूड बाय प्रिंस और किंग एटली बिल्कुल वही हमने बताया बिल्कुल मूवीज मैनिया इसी तरह से पॉलिटी कवर करेंगे जियोग्राफी हिस्ट्री सब कवर करेंगे लोड ना लो तुम बस बने रहो देखो तो दिल्ली अजमेर मारवाड़ और तीसरी जगह जहां से एक चीफ कमिश्नर चुन के आया वह था भैया कर्नाटक में एक जगह है कुर्ग कर्नाटक में यहां पर एक जगह है कुर्ग आज तो इसका नाम बदल गया आज ये फेमस हो गया है कोडागु के नाम से कुर्ग को आज के टाइम में कोडागु बोलते हैं और कोडागु अगर मैं यहां पर एक चीज बता दूं आपको कोडागु इज फेमस फॉर कॉफी प्रोडक्शन इंडिया में सबसे ज्यादा कॉफी यहीं पर प्रोड्यूस होती है वर्ल्ड में तो ब्राजील में होती है अपने इंडिया में कोडागु में होती है तो कोडागु यानी पुराना कुर्ग तो कुर्ग से भी एक बंदा आ गया और चौथा जो बंदा आया वो आया भैया बलूचिस्तान से वो कहां से आया बलूचिस्तान तो पाकिस्तान में बलूचिस्तान यह वाला एरिया है तो चार बंदे आ गए चीफ कमिश्नर रीजन से तो तुम अब एक बात बताओ तुम्हें समझ में आया कि नहीं एक बार कमेंट्स में बता दो भाई इतना समझ में आया कि नहीं दिल्ली अजमेर मारवाड़ कुर्ग और ब्रिटिश बलूचिस्तान यहां से चार बंदे आए हैं तो 292 तो इलेक्टेड है यानी मोस्ट ऑफ द मेंबर्स वर इलेक्टेड 93 मेंबर्स हु केम फ्रॉम प्रिंसली स्टेट्स दे वर नॉमिनेटेड दे नॉमिनेट ड देम सेल्स उन्होंने अपने आप को नॉमिनेट कर लिया अपने बीच में से ही और यह जो चार है यह भी नॉमिनेटेड ही है ये भी नॉमिनेटेड ही है ठीक है जी यह भी नॉमिनेटेड अब देखो इसके बाद आगे बढ़ते हैं हमने यहां पर अभी तक देख लिया कि किस तरीके से हमारी कंटेंट असेंबली जो है एक्जिस्टेंस में आई अस्तित्व में आई और किस तरह से हमारे कांस्टिट्यूशन में सॉरी कंटेंट असेंबली में संविधान सभा में लोगों को शामिल किया गया एक ची जो यहां पर रह गई है व मैं आपको बता देता हूं देखो यार सीन क्या है कि कांस्टिट्यूशन बनाने के दौरान ही कांस्टिट्यूशन बनाने के दौरान ही हमारा पार्टीशन भी हुआ है अब कांस्टिट्यूशन बनाने के दौरान अगर पार्टीशन भी हुआ है तो भाई एक बात बताओ मैं यही पर लिख के बताता हूं आपको मुझे एक बात बताओ टोटल 389 मेंबर्स है टोटल 389 मेंबर्स है वो भी उस टाइम पर जब हमारी कंट असेंबली बनी 1946 में पार्टीशन हो गया है विभाजन हो गया 1947 में ब्रिटिश भारत दो हिस्सों में बट गया एक तो हिंदुस्तान जो हिंदू मेजॉरिटी नेशन यानी भारत और एक मुस्लिम मेजॉरिटी नेशन यानी पाकिस्तान ओबवियस सी बात है कि जो 389 मेंबर्स हैं उनमें से कई लोग जो है पाकिस्तान की तरफ चले जाएंगे जो पाकिस्तान के इलाकों से चुन के आए थे तो हुआ यह हुआ यह कि 389 में से ध्यान से देखो मैं अभी बात करूंगा 292 बंदे प्रोविंसेस से आए और 93 बंदे यह आए भाई लोग कहां से प्रिंसली स्टेट से तो 292 में से अच्छा मैं उन चार को काउंट नहीं कर रहा हूं यह सुपरविजन के लिए है यह सुपरविजन के लिए है कि भैया कांस्टिट्यूशन बनाने का काम कांस्टेंट असेंबली बढ़िया से कर रही है कि नहीं तो एक्चुअल जो मेंबर्स थे वह 292 प् 93 यानी 385 ही मानो तुम एगजाम में तो टोटल जब मेंबरशिप आएगी तो 389 389 को ही टिक मार्क करना है पर मैं आपको बता रहा हूं प्रैक्टिकली कि वो जो चार है वो सुपरविजन के लिए है तो अपने जो इंडियंस है वो 385 है अब 292 प्रोविंसेस से 93 अपने आए हैं प्रिंसली स्टेट से तो जब पार्टीशन हुआ 1947 में तो 93 में से अपने यहां 70 रियासतें रह गई 70 रियासतें रह गई बाकी चली गई पाकिस्तान में और 292 मेंबर्स में से अपने पास रह गए 229 तो प्रोविंसेस के 229 मेंबर्स और प्रिंसली स्टेट से 70 मेंबर्स तो यह हो गए 299 मैं उन चार को कंसीडर ही नहीं कर रहा हूं यानी एक्चुअल में हमारे जो संविधान बनाने वाले लोग 385 है 385 तो 299 रह गई स्ट्रेंथ पार्टीशन के बाद तो भैया यहां पर यही लिखा हुआ है तुम देखो कुछ भी अलग नहीं है भाई कुछ भी अलग नहीं है कहीं कोई टेंशन नहीं आ आराम से जुड़े रहो देखो क्लास स्किप नहीं करनी है यार फ्लो नहीं टूटना चाहिए ठीक है ध्यान से देखो तो मैंने तुम्हें बताया कि भाई यहां पर 299 सीटों पर सारी चीजें आके रखी जैसे लिखा भी है कि लेटर ड्यू टू पार्टीशन ऑफ इंडिया सम टेरिटरीज व ट्रांसफर्ड टू पाकिस्तान दिस रिड्यूस्ड द नंबर ऑफ सीट्स टू 299 अब एक चीज मैं आपको बताता हूं जो पी वाई क्यू में आया हुआ है सीजीएल में ही आया हुआ है मैं आपको बताता हूं और देखो भाई सीजीएल सीजीएल बोलने से ऐसा नहीं कि वो सीएचएसएल में नहीं आएगा सीपीओ में नहीं आएगा एमटीएस में नहीं आएगा मोर और लेस सब कुछ सेम है भाई जीके को लेकर सब कुछ सेम है बस थोड़ा सा ये होगा कि कोई हल्का क्वेश्चन आ जाएगा एमटीएस में सीएचएसएल में सीजीएल सीपीओ में थोड़ा सा लेवल बढ़ जाएगा पर कंटेंट वही है तो यही चीज फॉलो करनी है अब देखो सबके लिए यही सिलेबस है पूरे एसएससी के एग्जाम्स के लिए अब तुम बोलोगे सर 389 सीट्स क्यों ये क्या हिसाब है इतना बड़ा देश है 389 इसको या तो 390 कर लेते कोई मतलब थोड़ा ऐसा फिगर तो लेकर आओ कि याद करने लायक हो या 400 कर लेते भाई देखो सीन क्या है जो भी लोग इलेक्ट होकर आए नॉमिनेट होकर आए उनका एक प्रपोज रहा है लोगों का जो भी लोग आए हैं हमारी कंटेंट असेंबली में भाई एक सीट 10 लाख लोगों पर है यानी 10 लाख लोगों में से एक बंदा चुन के आ रहा है कांस्टेंट असेंबली में समझ रहे हो भाई 10 लाख को तुम न मिलियन कंसीडर कर सकते हो है ना न मिलियन ही बोलते है 10 लाख को 10 लाख लोगों पर एक बंदा मुझे एक बात बताओ अगर मैं यह कहूं यार कि जयपुर रियासत या जयपुर रियासत को मारो गोली पंजाब प्रोविंस की बात करते हैं पंजाब प्रांत था 17 प्रांतो में पंजाब भी एक प्रांत था आज पंजाब स्टेट है मैं यह कहता हूं कि यार पंजाब की अगर पॉपुलेशन उस जमाने में 41 मिलियन थी समझो इस चीज को मैं क्या बोल रहा हूं 41 मिलियन 41 मिलियन यानी समझ रहे हो इस चीज को 41 मिलियन का मतलब है भाई 4 करोड़ और 10 लाख के आसपास ठीक है तो यह मान के चलो आप की कितनी सीट्स आएंगी 1 मिलियन पर 10 लाख पर एक सीट है एक मिलियन पर एक मिलियन पर एक मिलियन यानी 10 लाख पर एक सीट तो 41 मिलियन पर पंजाब में कितनी सीट्स मिलेंगी कनट असेंबली में 41 इस तरह का रेशो इस तरह का प्रोपोर्शन है न मिलियन पर एक सीट यानी 10 लाख पर एक सीट मान लो किसी प मतलब किसी प्रोविंस की किसी प्रांत की पॉपुलेशन मान लो 60 लाख है 60 लाख बोल रहा हूं मैं मिलियन नहीं बोल रहा अगर इस मिलियन में कन्वर्ट करोगे तो 6 मिलियन होगा तो न मिलियन पर वन सीट 10 लाख पर एक सीट इसका मतलब यही है तो 60 लाख पर कितनी सीट भाई 6 मिलियन पर कितनी सीट छ सीट समझ रहे हो भाई इस तरह के प्रोपोर्शन के हिसाब से लोगों को लाया गया है चलिए तो याद रखना प्रोपोर्शन क्या था एक सीट 10 लाख लोगों पर यह क्वेश्चन आया हुआ है ऑलरेडी और मैं इसे पी वाई क्यूस के प्रैक्टिस क्वेश्चन में शामिल करूंगा अब देखो इतनी सारी चीजें डिस्कस करने के बाद हमारे पास फंक्शनिंग ऑफ कंसीट असेंबली यानी हमारे संविधान सभा की कार्य प्रणाली संविधान सभा की कार्य प्रणाली को देखना है अब यार देखो फंक्शनिंग को ना दो तरह से देखा जाता है मैं तुम्हें यहीं पर बता देता हूं बहुत ही बढ़िया फैक्टस है बहुत ही इंटरेस्टिंग फैक्ट है और यह जो तुम देख रहे हो ना पूरी की पूरी स्लाइड भाई मैं यह बता रहा हूं तुम्हें कि कितने सारे क्वेश्चन तुम्हारे सीधे-सीधे ये जो फैक्ट्स लिखे हुए ये पूछे गए हैं ठीक है और मैं प्रूफ देने में टाइम लगा एक बार टॉपिक पूरा हो जाने दो पी वाई क्यू में तुम्ह दिख जाएगा सब कुछ काम का कंटेंट पढ़ रहे कि फालतू का कंटेंट पढ़ रहे चलो देखो फंक्शनिंग ऑफ कांस्टेंट असेंबली की कंस्ट असेंबली बन गई बंदे चुन के मनोनित होके आ चुके हैं अब भैया हमारी संविधान सभा काम कैसे कर रही है कनट असेंबली काम कैसे कर रही है यह हमें देखना है ठीक है जी काम कैसे कर रही यह देखना है तो दो तरीके से देख सकते हैं इसकी फंक्शनिंग को फंक्शनिंग कैन बी न थ्रू टू फॉर्मेट ध्यान से देखो दो फॉर्मेट के थ्रू आप इसको देख सकते हो पहला एक तो आप देख लो भाई डेट्स के हिसाब से जो कि मैंने यहां पीपीटी में रखी है सेन टू ए डेट्स है और यह ऐसी डेट्स है जो तुम याद भी कर लोगे तुम कहीं इनको भूलने वाले नहीं हो एक तो फंक्शनिंग हमें देखनी है डेट्स के थ्रू आधी फंक्शनिंग डेट्स के थ्रू देखनी है और आधी देखनी है हमें कमिटीज के थ्रू कमिटीज के थ्रू कमिटीज क्या है आगे बताऊंगा पहले देखते हैं कि डेट्स के थ्रू फंक्शनिंग कैसी रही मतलब कार्य प्रणाली हम देखते हैं डेट वाइज किस डेट को कंसंट असेंबली ने संविधान सभा ने क्या काम किया बहुत इंपॉर्टेंट है ध्यान से देखो सबसे पहले देखो तीन डेट्स हमारे पास तीन डेट्स है और इन तीन डेट्स में एक तो है भाई नाथ दिसंबर 9 दिसंबर 1946 फिर दो दिन बाद 11 दिसंबर 1946 ठीक है जी 11 दिसंबर 1946 और फिर है 13 दिसंबर 1946 भाई यह तीन डेट तो ऐसे याद रख लोगे यार सिंपल है 9 11 13 बस ईयर याद रखना 1946 की बात हो रही है यानी उस ईयर की बात हो रही है जब हमारी कंटेंट असेंबली संविधान सभा फॉर्म हुई है एब्लिश हुई है गठित हुई है जिस साल कांस्टेंट असेंबली बनी उस साल हर दो दिन के गैप पर तीन सेशन तो लगातार हो गए नाइंथ दिसंबर 11th दिसंबर 13th दिसंबर मुझे उम्मीद है कि तुम्हें ये याद हो रहा है है ना भाई भाई बिल्कुल देखो रिस्पॉन्ड करते रहना कोई दिक्कत हो तो मुझे बताते रहना कोई टेंशन वाली बात नहीं है पूरी पॉलिटी इसी तरीके से कवर करेंगे पूरा का पूरा कंटेंट काम का और क्वेश्चंस आएंगे यहीं से मैं तुम्हें गारंटी दे रहा हूं ठीक है क्योंकि कंटेंट ही पूरा काम का है उठाया ही वही है अब देखो फटाफट से इसको समझाते हैं नाथ दिसंबर 11 दिसंबर और 13 दिसंबर आज इन तीन डेट्स को कर लेते हैं कल बाकी फंक्शनिंग पूरी हो जाएगी 9 बजे मिलेंगे और उसके बाद फिर पी वाई क्यू दबा के करेंगे ताकि कोई क्वेश्चन ना छूटे देखो नाथ दिसंबर मैंने तुम्ह बताया कि भाई में तो आया था वो कैबिनेट मिशन जुलाई में उसने इलेक्शन करवा दिए और दिसंबर वह महीना है जब हमारी कांस्टेंट असेंबली ने पहली बार कांस्टिट्यूशन लिखने का काम शुरू किया मतलब अब कांस्टिट्यूशन का काम चालू हो गया दिसंबर से और व जो पहली डेट है पहली डेट जब हमारी कंसंट असेंबली की पहली मीटिंग हुई है हमारे संविधान सभा की पहली बैठक हुई है वह है नाथ दिसंबर 1946 हमारी कंसंट असेंबली की फर्स्ट मीटिंग हो रही है भैया और देखो इस टाइम पर मेंबर्स तो हमारे 389 ही थे 1946 की बात हो रही है पर पहली मीटिंग में 211 मेंबर्स प्रेजेंट थे 211 मेंबर्स प्रेजेंट थे फर्स्ट मीटिंग में मैं रिपीट कर रहा हूं मैं रिपीट कर रहा हूं मैं रिपीट कर रहा हूं तो समझ जाओ यह कैसा क्वेश्चन है काम का है कि नहीं 211 मेंबर पहली मीटिंग में 211 ठीक है नाथ दिसंबर को पर तुम बोलोगे सर पहली मीटिंग को हुआ क्या ऐसा तो हो नहीं सकता कि भाई पहले दिन ही चालू हो कशन लिखना कि भाई लिखना शुरू करो ऐसा कुछ नहीं हुआ है देखो फर्स्ट मीटिंग में क्या डिसाइड हुआ यार 389 मेंबर्स है अब ऐसा तो हो नहीं सकता कि 389 को बोल दे भाई तू यह काम कर ले भाई तू वह काम कर ले तू यह काम कर ले वो यह काम कर ले ऐसे तो पूरा काम स्कैटर्ड रहेगा है ना हमें कांस्टिट्यूशन बनाना है ऑर्गेनाइज मैनर में हमें कांस्टिट्यूशन बनाना है एक पूरे सिस्टम के साथ तो सबसे पहले तो भाई कंसंट असेंबली में प्रेसिडेंट चुना जाए कि जिस की लीडरशिप में जिसकी लीडरशिप में काम होगा तो मैं आपको बताता हूं देखो जो हमारे प्रेसिडेंट चुने गए कंसंट असेंबली के वो प्रेसिडेंट जो एक्चुअल प्रेसिडेंट चुने गए वो तो थे अपने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मैं यहां पर फैक्ट क्लियर करना चाहता हूं ध्यान से सुनो हमारी कां सटट असेंबली के जो एक्चुअल और परमानेंट प्रेसिडेंट थे परमानेंट अध्यक्ष थे वो थे डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद कांस्टेंट असेंबली के भी ये प्रेसिडेंट थे और जब हमारा देश पहली बार कोई राष्ट्रपति चुनता है तो वह राष्ट्रपति के तौर पर भी डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद थे तो फर्स्ट प्रेसिडेंट ऑफ इंडिपेंडेंट इंडिया एंड फर्स्ट एंड लास्ट प्रेसिडेंट ऑफ हमारी कंटेंट असेंबली ठीक है जी संविधान सभा के भी यही थे अब एक चीज अपने दिमाग में बिठा कि सर फिर यह क्या लिखा हुआ है कि द फर्स्ट प्रेसिडेंट ऑफ दी असेंबली वाज डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा आप तो कंट्रा कर रहे हो अपनी बात से भाई देखो साफसाफ मैंने बोला कि हमारी असेंबली के परमानेंट प्रेसिडेंट परमानेंट प्रेसिडेंट डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद थे पर पहले दिन जब मीटिंग हुई ना तो एक बहुत बढ़िया प्रैक्टिस की यहां पर एक बहुत बढ़िया एक प्रथा यहां पर शुरू की बोला यह गया कि यार देखो राजेंद्र प्रसाद जो है वो तो चलो परमानेंट प्रेसिडेंट बन जाएंगे बेसिकली क्या हुआ प्रेसिडेंट डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद दिमाग में तो पहले से चल रहे थे कंट असेंबली के मेंबर्स के किई ना दिसंबर को चल रहे थे दिमाग में पर उन्होंने चार्ज अजूम किया 11थ दिसंबर को तो जब नाथ दिसंबर थी पहली मीटिंग थी तो यह बोला गया कि यार डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा सारे वो जो 389 मेंबर्स है ना भाई उनमें सबसे सीनियर मोस्ट है उम्र दराज है उस टाइम प ये सच्चिदानंद सीहा है भाई यह सच्चिदानंद सीहा है जो बैठे हुए हैं और यह उस टाइम पर 74 75 इयर्स ओल्ड थे पूरे संविधान सभा में सीनियर मोस्ट इन टर्म्स ऑफ एज एज के मामले में सबसे र मोस्ट थे ट है आप सबसे बुजुर्ग हो और हम आपके आशीर्वाद से संविधान लिखने का काम चालू करना चाहते हैं तो आज के लिए एक दिन के लिए जो हमारा फर्स्ट सेशन है आप हमारे टेंपरेरी प्रेसिडेंट बन जाओ देखो भाई टेंपरेरी प्रेसिडेंट सो द फर्स्ट प्रेसिडेंट ऑफ आवर कंसीट असेंबली वो थे डॉक्टर सचिदानंद सिन्हा बाय प्रोफेशन लॉयर थे एडवोकेट थे पर क्योंकि सबसे ज्यादा सीनियर लीडर थे तो को रेस्पेक्ट दिया गया ऑनर किया गया कि भाई आप एल्डेस्ट मेंबर हो आशीर्वाद दो अपना पहले दिन हमारा यहां पे पूरा का पूरा अध्यक्षता आप करो और उसके बाद हम डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जो हमने सोचे उनके साथ काम आगे बढ़ाएंगे तो डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा टेंपरेरी प्रेसिडेंट बने पहले दिन और एक चीज याद रखना ये जो प्रैक्टिस की गई ये जो एक्ट किया गया कि भाई सीनियर मोस्ट बंदे को हमें पहली मीटिंग का हेड बनाना है ये एक फ्रेंच प्रैक्टिस थी [संगीत] फ्रांस के संविधान से फ्रांस के संविधान से यह एक्ट लिया गया था जो फ्रांस का संविधान है उसमें ऐसा किया गया था तो वहां से हमने यह चीज बोरो की कि यार सीनियर मोस्ट बंदे को करो ये काम उसको ये रिस्पांसिबिलिटी दो कि पहले दिन आप संभालो जी आपका आशीर्वाद चाहिए तो फ्रेंच कांस्टिट्यूशन से हमने चीज बोरो की चलिए मुझे ऐसा लगता है कि आज के लिए इतना काफी है एक चीज मैं आपको दिखा देता हूं आप लोग अभी जाइएगा मत मत ये देखिए जैसे ही हमारा ये टॉपिक कंप्लीट हो जाएगा वैसे ही हमारे पास ये क्वेश्चंस है मैंने ये तैयार करके रखे हुए हैं भाई यह क्वेश्चंस मैंने तैयार करके रखे हुए हैं जैसे ही टॉपिक हो जाएगा यह तुम्हारे प्रीवियस ईयर्स क्वेश्चंस है इनको सॉल्व करेंगे तो आज जो पढ़ा है वीडियो भले ही दोबारा देख लेना अपने नोट्स अपने बनाओ हालांकि य पीपीटी आपके साथ शेयर की जाएगी पर अपने नोट्स की बात अपनी होती है ताकि तुरंत समझ में आ जाए हालांकि पीपीटी में भी जो काम की चीज है वही है पर जैसे आपकी मर्जी मैं तो यह कहूंगा कि अपने नोट्स भी बना लो य पीपीटी से यूज कर लो पर अब करना क्या है आपको पता है यह अच्छे से रिवाइज कर लेना हम क्वेश्चंस करेंगे कल यह पूरा खत्म हो जाएगा कल फंक्शनिंग वगैरह तो भाई लोग मुझे बस यह बताते जाओ कि क्लास आपको कैसी लगी क्योंकि आप जब तक नहीं बताओगे मैं इंप्रूव नहीं कर पाऊंगा ठीक है आपको मुझे बताना होगा मुझे बताना होगा कि भाई सर बढ़िया पढ़ा रहे हो या सर ऐसा पढ़ा रहे हो ऐसे पढ़ा दो क्योंकि कंटेंट देना मेरा काम है पर जब तक आप बताओगे नहीं कि यार कैसा कंटेंट चाहिए मैं फिर कैसे पता करूंगा हालाकि मुझे पता है कि कंटेंट काम का क्या है पर आपकी जो इच्छा है वह सरा आखों पर है ना जी तो आप इस परिवार का हिस्सा हो क्विक ट्रिक्स बाय साहिल सर पर आप इतने टाइम से जुड़े हुए हो और आप लोगों ने जो रिस्प दिया है उसे एक तरीके से मैंने फील किया और काफी खुश हूं मैं तो रोज 9 बजे हम जीके की क्लास को कवर करेंगे और आपका ज्योग्राफी हिस्ट्री पॉलिटी इकोनॉमिक्स सब बहुत अच्छे से कर लेंगे एक चीज मैं आपको बता दूं अगर जो हमारे रेलवे वाले जो स्टूडेंट्स हैं कोई हार्ड एंड फास्ट रूल नहीं है कि रेलवे की जीके अलग है या फिर एसएससी की जीके अलग है मोर और लेस सेम है भाई ज्योग्राफी हिस्ट्री और पॉलिटी इकोनॉमिक्स में क्या चेंज होना है सेम ही है आप अपनी जो आरपीएफ वाली या जो रेलवे की जो अपनी जीके है वो भी देखते रहो और यहां से भी कवर करते रहो है ना जी कंटेंट आपका जबरदस्त हो जाएगा कोई क्वेश्चन नहीं छूटेगा तो कमेंट्स में लिख के जाना भाई कि तुम्हें क्लास कैसी लगी और सेशन को लाइक कर दो यार सेशन को लाइक कर दो कमेंट्स में लिख के जाओ कि क्या आपकी डिमांड है क्या इच्छा है सब कुछ होगा सब कुछ प्रोवाइड किया जाएगा चलिए तो आज के लिए इतना काफी है थैंक यू सो मच टेक केयर बाय बाय गुड नाइट