Hello friends, welcome to GatesMesh. The topic is Introduction to Operating System and its functionalities. वीडियो स्टार्ट करने से पहले मैं अपने viewers को एक request करना चाहता हूँ कि आप please मेरे channel को subscribe करें अगर आपने नहीं किया हुआ and please press the bell button ताकि आपको सारी नई वीडियो के notifications मिलते रहें.
इस वीडियो में हम सबसे पहले introduction to operating system देखेंगे और फिर उसके बाद operating system की क्या functionalities हैं ये हम discuss करेंगे. तो operating system basically होता क्या है operating system is a system software मतलब यह एक software है जो आपके system के अंदर है और इसकी basic functionality क्या है यह basic definition क्या है it works as a interface between user and hardware यह बड़ी layman language में है कि जितने भी मेरे users है उन users को hardware के बीच में interaction जो provide कर रहा है वो कौन कर रहा है operating system अब इस diagram में सबसे पहले अगर हम देखें hardware कौन से हैं हम एक अपने laptop का scenario अगर लेके चलें हमारे normal laptop या desktop में hardware basically क्या है CPU जिसको brain of the system बोलते है CPU then input output devices input output devices में majority में क्या आता है आपका keyboard आता है माउस है, प्रिंटर, स्कैनर, ये सारे मेरे input, output devices हैं, then RAM, RAM मेरी आती है, जो major जिसको हम बोलते है, main memory, उसके एलावा secondary memory, that is our hard disk, तो बहुत सारे ये hardwares हैं, इन hardwares को जब हम access करते हैं, जब मैं अपने system को access कर रहा हूँ, तो मैं इन devices को ही access कर रहा हूँ, लेकिन क्या मैं उन devices को directly access कर रहा हूँ, क्या user... devices को like hardware को directly access कर रहे हैं?
नहीं, वो access कर रहे हैं किसके थूँ? operating system के थूँ, तो operating system यहाँ पे interface की तरह काम कर रहे हैं, अब दूसरा point आता है कि क्यों? why there is a need of operating system? अगर operating system नहीं होगा, तो scenario क्या होगा?
तो scenario कैसे होगा? कि जो भी user किसी particular hardware को access करना चाहता है, उसके लिए उसको प्रोग्राम लिखना पड़ेगा, मतलब एक प्रोग्राम लिखना पड़ेगा, उस प्रोग्राम के थूँ वो हमेशा उस डिवाइसिस को एकसेस करेगा, मतलब हमेशा उसको एक प्रोग्राम लिखना पड़ेगा उन डिवाइसिस को एकसेस करने के लिए, जितने भी डिवा� मैंने एक print की command देनी है simply, एक मेरे पास word की file है, उस file को print करना है, तो मैं direct print पे जाके, और उसको मैं direct print पे नहीं दे सकता, मुझे सबसे पहले उसके लिए एक program लिखना पड़ेगा, ताकि printer को पता लगे, printer को हम invoke करें, कि वो प्रिंट करें ऐसे ही अगर मैं एक नॉर्मल अगर हम सीपीओ की भी बात करें अगर मैं कोई प्रोसेस है कोई जॉब एक्जिक्यूट करना चाहता हूं तो वह जॉब एक्जिक्यूट करना तो बाद में है सबसे पहले सीपीओ को हमें एक एक एक लिखने पड़ेंगे तो इसकी वजह से जो मेरी इंटरेक्टिव इंटरेक्ट हो रहा है यूजर और और हाडवेर के बीच में जो कमिनिकेशन हो रहा है वो बहुत ही ज� complex हो जाएगा, दूसरा एक और हो सकता है, कि हो सकता है user एक hardware को access करके बैठे हैं, और दूसरा user अगर उस hardware को access करना चाहता है, तो मैं उसको release नहीं कर रहा, क्यों? क्योंकि मैं user direct access कर रहा हूँ hardware को, तो यानि बीच में कोई authority नहीं है, जो मेरे से वो hardware वापिस ले सके, तो बहुत सारे reasons हैं, जिनकी वज़े से हमें operating system को use करना पड़ता है, जो user and hardware के बारे में, के बीच में एक तरह से क्या काम हो रहा है interface की तरह काम हो रहा है उसको हम देखेंगे functions में जो भी different functions है operating system के उसको हम कह सकते है कि this is the reason why we are using the operating system in our system तो operating system के अगर मैं basic सा example दूं तो सबसे पहला operating system जो majority में use होता that is windows अब operating system की primary functionality अगर हम बात करें कि operating system हम क्यों use कर रहे है the major goal of the operating system is primary goal of the operating system is to provide convenience to provide convenience to the user, yes, convenience provide करना है, मतलब मैं अपने hardwares को easiest way से access कर सकूं, that is the functionality of the operating system, और यही एक reason है कि windows ने बहुत, पूरी market में acquire किया, there was a time जब window 95% market को acquire किया हुआ था, मतलब पूरा का पूरा जो market था, वो Microsoft ने acquire किया हुआ था, उनका इतना बोल बाला था क्योंकि मेजर गोल क्या है convenience और Windows जो है वह सबसे ज्यादा क्या प्रोवाइड कर रहा है convenience और आप अपने लैपटॉप्स में अपने फ्रेंड्स के लैपटॉप में कहीं भी भी देखो तो मेजॉर्टी में आपको operating system कौन सा मिलेगा Windows विंडोज में अलग वर्जन हो सकते हैं, 2007, 8, 10, that depends, लेकिन विंडोज हम basically क्यों provide कर रहे हैं, because of convenience, लेकिन धीरे धीरे जैसे जैसे time बढ़ता गया, problems, जो मेरी problems हम solve कर रहे हैं, अपने systems में, वो problems complex होती गई, और user के पास time की value बहुत बढ़ती जा रही है, मतलब user चाहता है कि मेरी जो problem है, वो बहुत ही fast access, बहुत ही fast access, execute हो, तो उसके लिए मेरे को throughput की हम बात करें, throughput throughput का मतलब क्या है एक simple सी अगर definition देखे throughput number of tasks executed per unit time, that is a simple definition of throughput तो जितने मेरे number of tasks ज़्यादा execute हो रहे हैं, एक particular amount of time में, उतनी मेरी throughput ज़्यादा होगी, तो यानि हमें अब ऐसे operating system चाहिए, जिनकी throughput भी बहुत ज़्यादा हो, as well as convenience भी ज़्यादा हो, तो throughput में जो maximum use होते हैं, वो है हमारा Linux, although Linux operating system, doesn't mean कि वो convenience नहीं provide कर रहा है मैं इसको सिर्फ इस वज़े से compare कर रहा हूँ कि Windows जो है 95% market को क्यों acquire किया because of this reason only that is convenience लेकिन अब Windows का at present अगर हम देखा जाए 2018 में it is approximate 82% मतलब अब इनका जो acquisition है market के अंदर वो बहुत कम हो गया as compared to the last years अब Linux का भी जो पहले 1 और 2% परेसेंट में था वह इंक्रीज हो गया क्यों बिकॉज ऑफ थ्रूपुट और इसके अलावा और भी है लाइक वे आफ इन अपल क��� अपना है बट डेट इज अ डिफरेंट थिंग यह तो है रियल लाइफ एग्जांपल अगर हम देखें विंडोस है लिनक्स है मैकेंटोश है तो बट मेजर गोल जो है वह कन्वीनियन्स एंड थ्रूपुट नेक्स्ट पाट आता है यहां पर कि ऑपरेडिंग सिस्टम की मतलब अगर मैंने operating system को अपने system में रखा हुआ है तो उसकी functionality क्या है the major functionality of operating system is first one जो है वो है resource governor या resource manager रिसोर्सिस को क्या करता है? ये मैनेज करता है रिसोर्सिस को कैसे मैनेज करते हैं हम?
अगर मैं अकेला यूजर, अगर मैं अकेला हूँ अपने सिस्टम को मैं खुद एकसेस कर रहा हूँ तो वहाँ पे मेरे को रिसोर्स गॉर्नर की बहुत ज़रूरत नहीं है लेकिन जहां पे भी parallel access हो रहा है, मतलब multiple user एक hardware को या एक particular system को access कर रहे हैं, वो majority में कहा होता है, server level पे, अगर एक हम बात करें, server की, जहां पे बहुत सारे user, request send कर रहे है to access some data उस point पे resource management की तरह resource manager की तरह काम आता है operating system मतलब किस user को कितना hardware या कितना particular amount के लिए hardware provide करवाना है that is done by the operating system उस time के बाद वो उस particular device को user से वापिस ले लेगा that is what resources को कैसे हम manage करते हैं ताकि particular system पे load लोड मेरा ना है जैसे हम नॉर्मल टास्क मैनेजर को ओपन करते हैं अगर अपने सिस्टम में तो टास्क मैनेजर में आपको वहां पर इजीली ऐसे बहुत सारी वैल्यूज मिल जाएंगी कि सीपियो को कितना परसेंट यूज करें हम रैम को कितना परसेंट यूज करें वह सारी वैल्यूज क्या है ऑपरेटिंग सिस्टम जो है वह मैनेज करता है ताकि बहुत ज्यादा भी सिस्टम के ऊपर लोड ना हो और बहुत कम भी सिस्टम पर लोड ना हो मतलब वह ट्राइड करता है parallel processing जहांपे multiple user एक device को access करने की कोशिश कर रहे हैं second point is storage management यहां we can say first that is process management Process Management मतलब हम अपने सिस्टम में, majority में क्या कर रहे हैं? Processes को manage कर रहे हैं, मतलब हम Processes को execute कर रहे हैं, मैंने laptop on किया, मैं उसमें Microsoft Word पे काम कर रहा हूँ, मैंने साथ की साथ अपना window media player भी open किया हुआ है, उसके साथ मैंने कोई gaming की app भी open किया हूँ, मतलब multi... processes को मैं वहाँ पे open करके बैठा हूँ ये सारे processes को कैसे execute करना है that is also done by the operating system, ये काम कैसे करता है CPU scheduling इसमें हम use करते हैं various CPU scheduling algorithms, CPU scheduling का मतलब एक process को execute करना है, मतलब अगर मैंने एक simple सा C program लिखा, उस program को मैंने dot C से save कर दिया, अब उस program को मुझे execute करना है, तो वो process को प्रोग्राम प्रोसेस बन गया, अब इस प्रोसेस को एक्सिक्यूट करना है, तो कहां पर करेंगे, CPU पर, तो CPU पर कैसे उस प्रोसेस को एक्सिक्यूट करना है, that is done by the CPU scheduling, और CPU scheduling में बहुत सारे लग-लग एलगोरिदम्स आते हैं, जो प्रॉपर और efficient way से CPU को access करने का और उनको स्टोरेज मैनेजमेंट का मतलब क्या है बेसिकली स्टोरेज में आता है हमारा सेकेंडरी डिवाइस यानि जिसको हम बोलते हैं हार्ड डिस्क हार्ड डिस्क मतलब जो डेटा हम परमानेंटली अपने सिस्टम में रखना चाहते हैं स्टोर करना चाहते हैं उस डेटा को कैसे स्टोर करना है वो कौन मैनेज कर रहा है ओपरेटिंग सिस्टम और स्टोरेज मैनेजमेंट करते हैं फाइल सिस्टम के तुरू NIFS, CFS, बहुत सारे CIFS और NFS, Common Interface File System, Common Internet File System and Networked File System, ये Linux and Windows में यूज़ होते हैं, इनका major goal क्या है, जितना भी मेरा data आ रहा है, उस data को हम hard disk में permanently कैसे store करेंगे वो file system जो है वो अपने अब उसको manage करता है कि कैसे हमने उसको tracks में या अलग-अलग sectors में जो disk की एक architecture है उसमें हम कैसे store करते है that is also done by the that is also managed by the operating system then fourth one is memory management Memory Management Memory Management में मेरे पास आता है यहाँ पे RAM Because अगर हम बात करें कि Storage Management और Memory Management हमने अलग-अलग क्यों किये Because Storage Management में आता है Hard Disk hard disk को manage करना operating system की functionality तो है ही लेकिन hard disk के actually constraint नहीं है कोई RAM के अंदर हमारे पास एक constraint है वो है limitation of size मतलब हमारा जो RAM है system में वो है limited और जितने भी processes execute होते हैं वो सबसे पहले कहां आते हैं?
RAM में यह जो topic है इसको हम बोलते हैं multitasking या multi-programming का concept है कि जितने भी processes को हमने execute करना है वो सबसे पहले हम किस में लेकर आते हैं? RAM के अंदर और RAM में जब वो आते हैं उसके बाद हम उसको एक-एक करके CPU को देते हैं तो कितनी memory RAM की हमें देनी है? और जब process execute हो जाए तो वो RAM की value जो है वो हमें वापिस लेने allocation and deallocation because the RAM is limited ऐसा ना हो कि एक process execute हो चुका और वो तब भी RAM के अंदर पड़ा है और दूसरा process जो execute होना चाहता है वो RAM में नहीं आ पा रहा because RAM full हो चुकी तो operating system क्या करता है जैसे ही एक process हो गया वो उसको वहां से बाहर निकाल देगा और दूसरे process को ले देगा this is called the swapping ये पूरे-पूरे actual में क्या है ये पूरे-पूरे topics है मतलब पूरा-पूरा ये यह units हैं इसके अंदर, यह तो मैं यहाँ पर सिर्फ broad एक तरह से discuss कर रहा हूँ कि क्या functionalities हैं, इनके बारे में मैंने already discuss कर चुका हूँ, पूरी मेरी videos जो हैं वो इनके ऊपर बन चुकी हैं, जिसमें मैमरी management, storage management, जिसमें हम disk और file system की बात करते हैं, CPU scheduling, resource management को हमने already discuss की हैं, इसक security and privacy is also provided by the operating system जब भी हम अपने system को ओन करते हैं जैसे windows को ओन करते हैं तो उसमें सबसे पहले वहाँ पे क्या आता है password वो password हम क्यों लगाते हैं ताकि authenticate बन दाओ authenticate मतलब जिस बन्दे के पास proper password है वही उसको access कर सके और windows जो है वो Kerberos security protocol को use करता है उस password को properly secure तरीके से वो अपने files में रखता है ताकि कि कोई भी उसको access ना कर सके, इसके लावा जो RAM के अंदर, like RAM के अंदर, जैसे कि मैंने पहले बताया, जब हम एक process को execute करते हैं, तो RAM में उसको particular portion मिल जाता है, जैसे memory allocation मिल गी 0 to 100, एक process P2 है, उसको memory allocation मिल गी 101 to 200, kind of, अगर कोई भी process, प्रोसेस अपने दिये हुए सेगमेंट से बाहर किसी इंस्ट्रक्शन को कॉल करता है या उसको एग्जिक्यूट करने कोशिश करता है तो वो प्रोसेस साथ की साथ ब्लॉक हो जाता है मतलब अगर P2 की कोई भी इंस्ट्रक्शन डेटा को एकसेस करता है कर रही है लेकिन पीवन में अगर वो इंटरफेयर कर रही है तो वो प्रोसेस जो है वो ब्लॉक हो जाता है मतलब प्रोसेस के बीच में भी ये सिक्योरिटी प्रोवाइड कर रहा है ताकि कोई भी प्रोसेस अपस में इंटरफेयर जो है वो डेटा एक्सचेंज ना हो वो ना हो पाए, तो security and privacy is also given by or provided by the operating system, यहाँ पे और भी बहुत सारे मेरे पास functionalities हैं, लेकिन यह जो हैं, वो major functionalities आती हैं, operating system की, यहाँ पे एक मैं last point जरूर बताना चाहूँगा, कि user, जैसा कि मैंने diagram में लिखा है, यह user application, यहाँ पे application का funda क्या है, हम user, as a normal user, हम operating system को कैसे access करते हैं, mind में आए कभी, जब हम laptop को on करते हैं, desktop आता है, desktop में basically क्या है, यह interface है, हम my computer में चले जाते हैं, data को access करते हैं, कोई particular movie या particular song सुनना है, तो मेरे को पता है, CD या E में मैंने रखा हुआ है, हम उसको particular access करते हैं, अब actual में, user जो है, या तो application के थूँ access कर सकता है, या user direct be operating system को access कर सकता है, application, मज़ारिटी में हम application को use करते हैं, like अगर मुझे कोई भी particular file को print देना है, मतलब print करवाना है उस particular file को, तो मैं क्या करता हूँ, मैं सबसे पहले कोई Microsoft Office में उस file को बनाऊंगा, that is what, a kind of application, उस application के through, उस application में हम जब करते हैं control P, तो क्या होता है, लिखा आ जाता है कि do you want to print, yes, आपने print की command दे दी, वो print की command actual में क्या है, hardware को access कर रहे हैं, लेकिन, आप direct application के through इस hardware को access कर रहे हो, operating system बीच में वहाँ पे interface की तरह काम कर रहे है, क्या आपको feel होता है, नहीं, हमें user को यह चीज feel ही नहीं होती, तो यह इतना अच्छा interface provide कर रहा है, कि user को feel भी नहीं होता कि हम कब hardware को access कर रहे हैं, और कब हम उनको access नहीं कर रहे हैं, तो यह जो है, या फिर दूसरा तरीका है, हम shell, shell मतलब, जैसे कि अगर हम windows की बात करें, तो मैं command prompt पे जाके, भी direct operating system को access कर सकता हूँ या kernel को access कर सकता हूँ और जैसे Linux में हम क्या करते हैं Linux में हम terminal को open करते हैं terminal को open करके हम direct उसमें command लिख सकते हैं that is what command prompt के थूँ उसमें क्या होता है कि उसमें हम particular command लिखनी पड़ती है उसको हम बोलते हैं basically system call operating system basically काम करता है system call में यह हम next video में देखेंगे यहाँ पे मैं सिर्फ आपको introduction दे रहा हूँ कि जब भी operating system काम करेगा वो system call के थूँ करेगा तो जब भी हम एक application के थूँ कोई command दे रहे हैं कोई भी एक print की option दे दी वो print actual में क्या invoke करेगा एक system call और वो system call क्या है right ऐसी अगर हमने C या D drive में जाके हम particular file को double click करके open कर रहे हैं हमने तो normal open किया double click किया mouse से और और वो file open हो गई, लेकिन operating system ने उस file को कैसी open किया, open system call के तुरू, मतलब बहुत सारी लग-लग system call है, read, open, write, बहुत सारी system calls है, जिनके थुरू operating system जो है, वो काम करता है, application या user और hardware के बीच में, तो ये basic functionalities हैं और goal है operating system का, जो आपको basically याद रखना है, ये आपको normal theory में या पूछा जा सकता है, या तो gate के exam में, UGC net में, majority में यह आपके college या university level के exams में आएगा Thank you