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ऑटोमोबाइल और प्रदूषण की समझ

[संगीत] हाय फ्रेंड्स वेलकम ऑन यर पीडिया एंड मा दिस वीडियो इज रिलेटेड टू पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन उसमें एक इंपोर्टेंट टॉपिक है आपका दैट इज रिलेटेड टू ऑटोमोबाइल आईसी इंजन ऑटोमोबाइल पोल्यूटेंट्स जो इंटरनल कंबशन इंजन में एसआई इंजन और सीआई इंजन में पोल्यूटेंट है उससे रिलेटेड आपका यह टॉपिक है अ पंजाब पब्लिक सर्विस क मिशन का जो तुम्हारा एग्जाम है दैट इज जेई एग्जाम और एई एग्जाम जेई और एई एग्जाम उसका अ टॉपिक है यह ऑटोमोबाइल एयर पोल्यूशन जो काफी इंपॉर्टेंट टॉपिक है और यह जो जितना भी तुम्हारा सिलेबस है पंजाब पब्लिश सशन का उसमें चार टॉपिक दे रखे हैं उनमें से पहला टॉपिक यह चारों टॉपिक करने से पहले यह एग्जामिनेशन पैटर्न मैं आपको हर वीडियो में बताता हूं जिसमें 100 क्वेश्चन आपके पार्ट ए हैं और 20 क्वेश्चन आपका जो है जनरल जनरल टॉपिक्स है सो पहला टॉपिक आपका एयर पोल्यूशन है अब इस एयर पोल्यूशन में मेरा जो आज का लेक्चर है व इस टॉपिक से है दैट इज कंट्रोल ऑ ऑफ ऑटोमोबाइल एमिशंस ऑटोमोबाइल पोलूशन ऑफ इंटरनल कंबशन इंजन पेट्रोल इंजन स्पार्क इशन डीजल यह आपका पार्टिकुलेट मैटर एंड कंट्रोल टेक्नोलॉजीज फॉर इंजन डीजल इंजन यह टॉपिक है हमारा जहां से आपका आज का मेरा लेक्चर जो मैंने बनाया हुआ है और फिर बाद में अल्टरनेट फ्यूल यूज ऑफ फ्यूल टू कंट्रोल पोल्यूशन यह हम इसी में ऐड कर लेंगे तो आज का जो मेरा लेक्चर है वो इस टॉपिक में से स्टार्टिंग टॉपिक का लेक्चर है जिसमें हम इंटरनल कंबशन इंजन के आईसी इंजन जो इंटरनल कंबशन इंजन होता है उसमें दो तरह की कैटेगरी होती है पेट्रोल इंजन डीजल इंजन स्पार्क इग्निशन इंजन को एसआई इंजन बोलते हैं और डीजल इंजन को कंप्रेशन इग्निशन इंजन बोलते हैं यह दो अ अलग तरह के पेट्रोल और डीजल इंजन होते हैं पेट्रोल को गैसोलीन भी बोलते हैं तो पेट्रोल स्पार्क लगा होता उसमें इसलिए इसको स्पार्क इग्निशन इंजन बोलते हैं डीजल जो होता है आपका कंप्रेशन इग्निशन इंजन होता है और डीजल जो है वो आपका वो पार्ट होता है दैट इज द रिलेटेड टू दिस राइट सो ये हमारा सारे का सारा वो अ वो है जो अ ऑटोमोबाइल से रिलेटेड टॉपिक्स हैं तो पहला लेक्चर मेरा आज इसी का है और एयर पोल्यूशन के साथ-साथ फिर आपका जो दूसरा टॉपिक है वो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का है तो मेंटर्स आपको इसका सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के टॉपिक्स करवाएंगे आपके सिविल इंजीनियरिंग के मेंटर हैं जो आपको ये टॉपिक करवाएंगे और इसका भी आपकी टॉपिक्स की क्लासेस वगैरह साथ चल रही है उसके बाद तीसरा टॉपिक आपका हाइड्रोलॉजी एंड ग्राउंड वर्क का है यह भी आपके सिविल इंजीनियरिंग में मेंटर्स आपको इस सारे टॉपिक्स को करवाएंगे एंड फोर्थ टॉपिक भी मेरा टॉपिक है जो एनवायरमेंट एंड इकोलॉजिकल स्टडीज का है इसके कुछ लेक्चर हमने लिए भी हैं सिलेबस सारे का सारा कवर हो चुका है पैनल प पड़ा हुआ है इसको आप गो थ्रू कर सकते हैं सो यह चार टॉपिक है और यह चारों को बड़े सिस्टम टिकली आपको कंप्लीट करना है कोई भी टॉपिक छोड़ना नहीं है अगर आप इस एग्जाम को निकालना चाहते हैं तो कोई टॉपिक आपको छोड़ना नहीं है अब ये जो डॉक्यूमेंट है जो जिसके बेस पे हम ये आज का लेक्चर अभी लेंगे इस डॉक्यूमेंट में आपको एक-एक पॉइंट बड़े ध्यान से पढ़ना है और जो लाल रंग से मार्क किया हुआ है वो मोस्ट इंपोर्टेंट पार्ट है जिसको आपको गो थ्रू करना है इस टॉपिक के बेस पे जो न्यूमेरिकल जो क्वेश्चन सॉरी जो क्वेश्चन का बेस क्वेश्चंस बनते हैं इस पूरे डॉक्यूमेंट के बेस प उसका अलग से हमने कवर किया हुआ है उसका लेक्चर भी अपलोड हो चुका है उसको भी आप एक बार देख लें तो ऑटोमोबाइल पोल्यूशन होता क्या है इससे पहले आपको पता होना चाहिए कि पोल्यूशन क्या होता है और ऑटोमोबाइल पोल्यूशन एक एयर पोल्यूशन है एयर पोल्यूशन के साथ-साथ आपके सोइल पोल्यूशन वाटर पोल्यूशन बहुत सी टाइप्स होती हैं तो एयर पोल्यूशन क्या है और ऑटोमोबाइल पोल्यूशन क्या होता है यह आपको नॉलेज होना चाहिए तो आपका जो पोल्यूशन है उसका डेफिनेशन तो आपसे कोई नहीं पूछ रहा है एमसीक्यू में मेंस का अगर एग्जाम है तो वहां पे ये चीज को पूछता है लेकिन मिक्सिंग ऑफ अनडिजायरेबल सब्सटेंस इन टू द अवर सराउंडिंग उसको पोल्यूशन बोलते हैं अ जैसे अगर कोई आपका एयर है एयर के अंदर नाइट्रोजन ऑक्सीजन कार्बन डाइऑक्साइड यह होना चाहिए अब अगर उस एयर के अंदर तुम कार्बन मोनोऑक्साइड डाल दो तो पोल्यूशन है अनवांटेड चीज अगर डल जाए एओ सल्फर ऑक्साइड या ए एक नाइट्रस ऑक्साइड अगर डल जाए तो पोल्यूशन है एयर पोल्यूशन जो है वह बेसिकली एयर के अंदर होने वाला पोल्यूशन है उसको एयर पोल्यूशन बोलते हैं जो एटमॉस्फेयर में होता है और जो ह्यूमन बीइंग के लिए एक हार्मफुल चीज है उसको एयर पोल्यूशन बोलते हैं ऑटोमोबाइल पोल्यूशन जो है वो एयर पोल्यूशन का ही एक एग्जांपल है और ऑटोमोबाइल पोल्यूशन बेसिकली आपका ऑटोमोबाइल के अंदर जो व्हीकल्स के अंदर आपका फ्यूल यूज होता है जैसे पेट्रोल डीजल उसको बर्न करने से जो गैसेस निकलती है एटमॉस्फेयर में उससे रिलेटेड पोल्यूशन होता है तो हाइड्रोकार्बन नॉर्मली जो आप यूज करते हो इंटरनल कंबशन इंजन के अंदर जब उसकी रिफाइनिशिव जैसे मैंने आपको बताया दो तरह के हैं स्पार्क इग्निशन और कंप्रेशन इग्निशन वैसे ही एक्सटर्नल कंबशन इंजन भी होते हैं जिनको पावर प्लांट पावर प्लांट्स बोलते हैं तो एक्सटर्नल कंबशन इंजन आर पावर प्लांट्स तो पावर प्लांट्स जो हैं व्हिच आर द एक्सटर्नल कंबशन इंजन यह पावर प्लांट्स के अंदर कोयला एज अ फ्यूल यूज़ होता है और इंटरनल कंबशन इंजन के अंदर एसआई में पेट्रोल यूज़ होता है और सीआई के अंदर आपका डीजल यूज़ होता है पेट्रोल एंड डीजल यह दो फ्यूल्स हैं और पावर प्लांट के अंदर कोयला यूज होता है तो कोयला के अंदर सल्फर होता है इंटरनल कंबशन इंजन के अंदर सल्फर निकाल दिया जाता है तो एओ जो एक पोल्यूटेंट होता है वो आपका इंटरनल कंबशन इंजन के लिए अंदर नहीं होता वो पावर प्लांट्स के अंदर होता है बाकी इंटरनल कंबन इंजन के अंदर बाकी टाइप के आपके जो है वो पोल्यूटेंट्स होते हैं जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड नाइट्रस ऑक्साइड हाइड्रोकार्बन ये तीन मेन पोल्यूटेंट होते हैं जो आपके इंटरनल कंबशन इंजन के अंदर होते हैं कार्बन मोनोऑक्साइड नाइट्रस ऑक्साइड जिसको मैं ए एक लिखूंगा एंड हाइड्रोकार्बन जो अनबर्न्ट आपके कार्बन पार्टिकल्स हैं वो आपके इसके अंदर होते हैं तो ये तीन मेन आपके कंपोनेंट्स होते हैं फ्यूल के जिनको इंटरनल कंबशन इंजन से एग्जॉस्ट में ये निकलते हैं और ये बेसिकली जितने भी हैं आपके वो एमिट होते हैं व्हीकल के थ्रू तो ये आपके तीन मेन पोल्यूटेंट हैं कई तरह की डिजीज होती हैं इनसे जैसे लंग इश्यूज आते हैं लंग्स में प्रॉब्लम आती है रेस्पिरेटरी डिजीज होता है अस्थमा होता है एसिड रेन ग्रीन हाउस गैसेस ये कई तरह के इसमें जो है वह आपके डिजीज इसमें से हो सकती हैं और एक और इंपॉर्टेंट चीज कि कार्बन डाइऑक्साइड जो है उसको पोल्यूशन नहीं मानते व्हाई बिकॉज कार्बन डाइऑक्साइड वैसे भी एयर का एक कंपोनेंट है एयर के अंदर कार्बन डाइऑक्साइड होता है और कार्बन डाइऑक्साइड को इसलिए पोल्यूटेंट नहीं माना जाता कार्बन मोनोऑक्साइड पोल्यूटेंट है और बाकी ए एक एओ पार्टिकुलेट मैटर यह सारे के सारे पोल्यूटेंट है लेकिन कार्बन डाइऑक्साइड पोल्यूटेंट नहीं है अगर एग्जाम में क्वेश्चन आए तो आप उसको बोलोगे पोल्यूटेंट नहीं है और सल्फर डाइऑक्साइड जो है वो पोल्यूटेंट तो है लेकिन यह कंप्लीट कंबशन से निकलता है बाद में हम ये भी डिस्कस करेंगे कि कौन सा पोल्यूटेंट ऐसा है जो कंप्लीट कंब का प्रोडक्ट है और कौन सा पोल्यूटेंट ऐसा है जो इनकंप्लीट कंबशन का प्रोडक्ट है ये दो अलग-अलग तरह के आपके प्रोडक्ट होते हैं तो यह आप इंटरनल कंबशन इंजन में जो हमने अभी डिस्कस किया कौन से तीन मेन कैटेगरी है पोल्यूटेंट्स की हाइड्रोकार्बन हाइड्रोकार्बन मतलब फ्यूल होता है अनबन चार्ज उसमें से निकलता है हाइड्रोकार्बन और दूसरा है हमारा कार्बन मोनोऑक्साइड तीसरा है ए एक ये तीन तरह के हमारे पोल्यूटेंट हैं जो ए है सो ये आपके अलग-अलग टाइप के आपके पल वो चीज होते हैं ओके सो दीज आर द पोल्यूटेंट्स सो दैट इज अनबन हाइड्रोकार्बन नाइट्रस नाइट्रिक ऑक्साइड कार्बन मोनोऑक्साइड तो दिस अनबन हाइड्रोकार्बन एंड नाइट्रिक ऑक्साइड इन दोनों से फोटोकेमिकल स्मॉग होता है यह एक प्रॉब्लम है फोटोकेमिकल स्मॉग वो इन दोनों से होता है कार्बन मोनोऑक्साइड टॉक्सिक होता है लेड कंपोनेंट भी टॉक्सिक होते हैं और यह मेन इंटरनल कंबन से निकलने वाले पोल्यूटेंट हैं अब एक-एक के बारे में डिस्कस करेंगे ये मैं आपको जो प्रोवाइड किया डॉक्यूमेंट आप इसको गो थ्रू करना अनबर्न्ट हाइड्रोकार्बन जो होता है वो इंजन के एग्जॉस्ट में होता है और कई बार इवेपरेटिव लॉसेस से भी निकलता है और स्कैवेंजिंग से भी निकलता है अभी इन टर्म्स को समझने की ट्राई करो जब आप फ्यूल को बर्न करते हो तो कई बार क्या होता है वो फ्यूल बर्न नहीं होता कंबशन चेंबर के अंदर वो बाहर निकल जाता है एग्जॉस्ट पाइप से बाहर निकल जाता है कई बार वो बर्न होके बाहर निकलता है कई बार बिना बर्न हुए बाहर निकल जाता है कई बार लीकेज वगैरह होता है तो वैसे ही निकल जाता है तो फ्यूल एक्चुअली तुम्हारा हाइड्रोकार्बन है और हाइड्रोकार्बन दो तरीके से बाहर निकलता है बर्न्ड और अनबर्न्ट अनबर्न्ट मींस बर्न नहीं हुआ बाहर निकल गया स्कैवेंजिंग टू स्ट्रोक इंजन के अंदर होती है और स्कैवेंजिंग का मतलब होता है किसी चीज को स्वीप करना किसी चीज को झाड़ू लगाना किसी चीज को साफ करना तो आप स्कैवेंजिंग में क्या हो सकता है कि अनबर्न्ट जो आपका फ्रेश एयर फ्यूल मिक्सचर है आप उस एयर फ्यूल मिक्सचर के थ्रू आप एग्जॉस्ट पाइप के से जो बर्न कार्बन है उसको बाहर निका डाल रहे हो जैसे कई बार आप हाई प्रेशर एयर प्रेशर पाइप या हाई प्रेशर वाटर है उसको आप यूज करते हो साफ करने के लिए जैसे आपने पाइप पकड़ी है वाटर आ रहा है बड़े प्रेशर के साथ और फिर उस वाटर को प्रेशर के साथ आप जो यूज कर रहे हो और आप डस्ट को क्लीन कर रहे हो तो वैसे ही कई बार इंजन के अंदर जो आपका फ्यूल एयर मिक्सचर होता है उसको आप बड़े प्रेशर के साथ भेजते हो और वहां पे जो बर्न्ड गैसेस है उसको बाहर निकालते हो तो जो अनबर्न्ड चार्ज है वो भी बाहर निकलता है जिसको आप स्कव बोलते हैं तो इंजन के एग्जॉस्ट में इवेपरेटिव लॉसेस होते हैं फ्यूल सिस्टम के अंदर और स्कैवेंजिंग के थ्रू थोड़ा सा वो बाहर निकलता है यह सारे के सारा आपका अ बेसिकली एक अनबर्न्ड हाइड्रोकार्बन का जो रीजन होते हैं अनबर्न्ड हाइड्रोकार्बन इस तरीके से बाहर निकलता है सनलाइट की प्रेजेंस में कई बार हाइड्रोकार्बन और जो एन एक है वो आपका फोटोकेमिकल स्मोक प्रोड्यूस करता है फोटोकेमिकल स्मोक बनने के लिए अल्ट्रा जो आपका सोलर रेडिएशन है है अल्ट्रावायलेट रेडिएशन है वो अनबर्न्ट हाइड्रोकार्बन और ए एक को मिला के एक स्मॉग प्रोड्यूस करती है और वो एक काफी पोल्यूशन का कारण बनता है यह आपका जो आपके जितने भी अनबन हाइड्रोकार्बन है जो फोटोकेमिकल स्मोक बनता है उनसे कौन-कौन सी तरह की बीमारियां हो सकती हैं जैसे आइज में बर्निंग होता है आइज में वाटरिंग होता है रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम्स आती हैं सांस लेने की प्रॉब्लम्स आती हैं और अनबर्न्ट हाइड्रोकार्बन जो है वो पार्टिकुलेट मैटर पार्टिकुलेट मैटर मींस ऐसा जिसको जिसका एक पर्टिकुलर साइज होता है जिसको आप देख सकते हैं वो भी पर्टिकुलर मैटर भी इससे निकल के आता है एटमॉस्फेयर में तो यह आपका उसका एक कारण बनता है डिजीनेस नोजिया और जो हाई जो जितने भी आपकी प्रॉब्लम्स है वो आपकी हाई अमाउंट ऑफ हाइड्रोकार्बन अगर आप इन्हेल करते हैं तो उससे रिलेटेड यह सारी की सारी प्रॉब्लम्स होती हैं सो आप इसको जो प्रॉब्लम्स क्या-क्या हो सकती हैं हाइड्रोकार्बन के रिलीज होने से और किस तरह की आपकी चीजें बनती है वोह इसको याद कर लेना एग्जाम में अगर आएगा तो यह क्वेश्चन बनेगा कि फोटोकेमिकल स्मॉग किस तरीके से बनता है अनबर्न्ट हाइड्रोकार्बन लार्जली कहां पर निकलता है कौन से बेसिकली इंजंस के अंदर ये निकलता है तो जैसा आप देख रहे हैं यह आपका टू स्ट्रोक पेट्रोल इंजंस में यह स्केंज की एक ट्रबल होती है तो वहां पर यह चीज निकल के आती है कौन-कौन सी बीमारियां होती है इससे वो भी आप इसको गो थ्रू करना कि क्या-क्या टाइप की इससे इलनेस हो सकती है उसके बाद कार् मोनोऑक्साइड कार्बन मोनोऑक्साइड जो है वह इन सफिशिएंट ऑक्सीजन सप्लाई की वजह से होता है अगर आपकी ऑक्सीजन सफिशिएंट अमाउंट में है तो कार्बन डाइऑक्साइड प्रोड्यूस होता है जैसे अगर मैं कोई आपको हाइड्रोकार्बन दे दूं और फिर आपको ऑक्सीजन के साथ उसको मिक्स करो तो कंप्लीट अगर कंबशन होगा तो कार्बन डाइऑक्साइड और वाटर निकलेगा अगर इनकंप्लीट कंबशन होगा कि ऑक्सीजन सफिशिएंट नहीं है तो आपका कार्बन मोनोऑक्साइड निकलेगा तो कार्बन मोनोऑक्साइड नॉर्मली इन सफिशिएंट सप्लाई ऑफ एयर की वजह से होता है और एक और बहुत इंपोर्टेंट चीज कि जो कार्बन मोनोऑक्साइड होता है वो हीमोग्लोबिन के साथ मिलके लंग्स तक चला जाता है और लंग्स डिजीज क्रिएट करता है तो हीमोग्लोबिन के लिए सबसे ज्यादा जो एफिनिटी होती है वो कार्बन मोनोऑक्साइड की होती है और वो प्रॉब्लम क्रिएट करता है कार्बन मोनोऑक्साइड एक कलरलेस टेस्टलेस एंड ऑर्डर लेस गैस होती है ना तो उसका कलर होता है ना उसका टेस्ट होता है ना उसका कोई स्मेल होती है तो ऐसी वो एक गैस होती है और यह आसानी से इसको ट्रेस नहीं किया जा सकता फिर ये जो आपका हीमोग्लोबिन है वो उसके साथ मिलके बेसिकली ब्लड के अंदर चली जाती है और वो प्रॉब्लम क्रिएट करती है ह्यूमन बॉडी के अंदर और कौन से इसके सिमटम्स होते हैं लाइट हेड हेडेक होती है सिर में पेन होता है सिर में हेडेक होता है इसमें और वर्टिगो जैसे सिर का घूमना वो टाइप की प्रॉब्लम्स आपकी कार्बन मोनोऑक्साइड के साथ होती है तो कार्बन मोनोऑक्साइड किस रीजन से होता है और कार्बन मोनोऑक्साइड जो है वो किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स देता है और कार्बन मोनोऑक्साइड एज अ गैस को कैसे डिटेक्ट कर सकते हैं ये सारे के सारा इंपोर्टेंट है इसको गो थ्रू आप कर लेना इसको अंडरस्टैंड करना नाइट्रस ऑक्साइड जो है वो बेसिकली आपका पेट्रोल इंजन के अंदर आपका ज्यादा देखने को मिलता है जैसे हाइड्रोकार्बन जो है वो ज्यादातर आपके डीजल इंजन के अंदर देखने को मिलते हैं क्योंकि हाइड्रोकार्बन बेसिकली जो डीजल इंजन है उसके अंदर आप फ्यूल को इंजेक्ट करते हो तो हाइड्रोकार्बन आपका डीजल इंजन के अंदर ज्यादा मिलता है और कार्बन मोनोऑक्साइड पेट्रोल इंजन के अंदर ज्यादा होती है और यह जो आपका अ नाइट्रस ऑक्साइड है अ नाइट्रस ऑक्साइड है वो बेसिकली आपका अ ज्यादा हाई टेंपरेचर जो इंजन है उसके अंदर होता है जिसका टेंपरेचर ज्यादा हो उस इंजन के अंदर होता है और ये आपका बेसिकली ये भी आपका हीमोग्लोबिन के साथ ब्लड में जो हीमोग्लोबिन है उसके साथ इसकी एफिनिटी ज्यादा होती है जिस इंजन की भी टेंपरेचर ज्यादा होता है उस इंजन में जिसमें टेंपरेचर 1500 डि से ऊपर जाने के जाता है उसमें नाइट्रस ऑक्साइड बनता है तो नॉर्मली पेट्रोल इंजन या स्पार्क इग्निशन इंजन में टेंपरेचर इतना ज्यादा जाता है इसलिए नाइट्रस ऑक्साइड इसमें प्रोड्यूस होता है एक और बहुत इंपॉर्टेंट चीज है कि नाइट्रस ऑक्साइड वाटर के साथ मिलके नाइट्रिक एसिड बनाता है जिसको एसिड रेन बोलते हैं तो ए एंड ए एक ये दो टर्म्स होती हैं मैंने आपको बताया कि इंटरनल कंबशन इंजन के अंदर ए तो कम होता है लेकिन no1 जो है वो आपका पेट्रोल इंजन के अंदर होता है जब ये दोनों वाटर के साथ मिलते हैं तो h2so 4 सल्फ्यूरिक एसिड एंड hno3 नाइट्रिक एसिड ये दो चीजें आपकी बनती है जो कि एसिड रेनस है तो ये दोनों एसिड रेन का एग्जांपल है अगर आपसे को पूछे कि कौन से पोल्यूटेंट है जो एसिड रेन प्रोड्यूस करते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि आपका जो एओ है और ए एक है वो आपका एसिड रेन प्रोड्यूस करते हैं और ये दोनों पोल्यूटेंट आपके उस तरीके से होते हैं तो ये दोनों पोल्यूटेंट में आपका एसिड रेन प्रोड्यूस होता है एंड इसलिए ये आपके एक डेंजरस बेसिकली माने जाते हैं पोल्यूटेंट दोनों अब उसके बाद ये इंपोर्टेंट पार्ट इसमें एन एक आपका फोटोकेमिकल स्मॉग बनाता है यह हमने पहले डिस्कस किया किस तरह की कलर की यह आपकी गैस का कलर क्या होता है रेडिश ब्राउन टॉक्सिक गैस होती है यह और इससे लोगों की आइज लंग्स रेस्पिरेटरी सिस्टम अफेक्ट होता है फोटोकेमिकल स्मॉग बनाता है जो मैंने आपको बताया नाइट्रिक एसिड एसिड रेन बनाती है एक और इसमें आपको इंपॉर्टेंट पॉइंट यह है कि ए जो है वो ओजोन लेयर को भी डिप्लीट करता है ओजोन लेयर एक स्ट्रेटोस्फीयर में एक लेयर है जो अल्ट्रा ट रेडिएशन से ह्यूमन बीइंग को बचाती है अदर वाइज स्किन कैंसर होने के चांस होते हैं तो तीन कंडीशंस जो है जो एन एक प्रोड्यूस करती हैं वो तीन कंडीशंस आपको पता होनी चाहिए तीन कंडीशंस है कि हाई टेंपरेचर होना होता है हाई ऑक्सीजन होती है और सफिशिएंट टाइम होता है कंबशन के लिए तो अगर कंबशन होगा तभी तो टेंपरेचर ज्यादा होगा अगर कंबशन नहीं होगा तो टेंपरेचर ज्यादा कैसे होगा तो कंबशन को होने के लिए कंप्लीट कंबशन को होने के लिए सफिशिएंट ऑक्सीजन होनी चाहिए तो ए नॉर्मली कब प्रोड्यूस होता है और ये प्रोड्यूस होता है आपका नॉर्मली पेट्रोल इंजंस के अंदर ज्यादा ये तब प्रोड्यूस होता है अगर आपका ऑक्सीजन की सप्लाई सफिशिएंट है और अगर आपका सफिशिएंट टाइम है बर्निंग के लिए और अगर आपका टेंपरेचर बहुत ज्यादा राइज होता है और तीनों लिंक्ड है कि अगर ऑक्सीजन ज्यादा होगी तो कंबशन कंप्लीट होगा कंबशन कंप्लीट होगा और टाइम ज्यादा मिलेगा कंबशन को तो टेंपरेचर भी ज्यादा होगा तो ये तीन अगर कंडीशंस है तो ए एक प्रोड्यूस होता है और ए एक आपका एक इंपोर्टेंट फ्लूइड जो आपका फ्यूल कंपोनेंट पोल्यूशन है ऑटोमोबाइल का पोल्यूशन कंपोनेंट्स है वो फिर कंसंट्रेशन ऑफ ऑक्सीजन जैसे मैंने आपको बताया एक इंपॉर्टेंट इसका पार्ट है ए एक का जो पोल्यूशन का पार्ट जो इंपोर्टेंट पोल्यूशन जो होता है वो ए एक की वजह से होता है और ए एक नॉर्मली अगर एयर फ्यूल रेशो 1.1 के आसपास है मतलब एयर ज्यादा है अब आप सिविल इंजीनियरिंग के जो स्टूडेंट उनको बहुत डिटेल में जाने की रिक्वायरमेंट नहीं है लेकिन इतना समझ लो कि एयर और फ्यूल मिलके कंबशन होता है तो अगर एयर फ्यूल रेशो मतलब एयर फ्यूल का जो रेशो है वो अगर वन रेशो स्टोच मेट्रिक माना जाता है तो एयर थोड़ी सी ज्यादा होनी चाहिए मतलब थोड़ी सी एयर अगर ज्यादा होगी तो ओबवियसली आपका वहां पे एक्सेस एयर जो होगी वह आपका सफिशिएंट ऑक्सीजन प्रोवाइड करेगी जिससे कंबशन कंप्लीट होगा एक्सेस एयर होनी चाहिए थोड़ी सी और अगर ऐसा होगा तो आपका हीट एनर्जी ज्यादा रिलीज होगी और जिससे टेंपरेचर भी अंदर बढ़ेगा इग्निशन टाइमिंग का भी इंपैक्ट पड़ता है और डिलेड इग्निशन सिस्टम जो है वो डिक्रीज कर देता है एओ एक मैंने जो आपको तीन कंडीशन बताई कि आपका ए ज्यादा प्रोड्यूस तब होगा अगर आप सफिशिएंट टाइम देंगे कंबशन को अगर आपका जो कंबशन है उसके अंदर हीट एनर्जी ज्यादा रिलीज होगी और अगर टेंपरेचर ज्यादा होगा तो आपका ए से ज्यादा प्रोड्यूस होगा सल्फर ऑक्साइड अ मैंने आपको बताया कि बहुत कम होता है इंटरनल कंबशन इंजंस के अंदर उसका एक कारण कि जो फ्यूल यूज होता है इंटरनल कंबशन इंजन के अंदर पेट्रोल डीजल वो रिफाइंड फ फ्यूल होता है और जो फ्यूल रिफाइंड होता है उसके अंदर यह कंपोनेंट्स आपके कम होते हैं कोयले के अंदर कंपोनेंट ज्यादा होते हैं तो कोयले के अंदर सल्फर वगैरह ज्यादा होता है और इनके अंदर कम होता है इसलिए सल्फर डाइऑक्साइड वगैरह में सल्फर डाइऑक्साइड वगैरह बेसिकली आपके जो ऑटोमोबाइल है उसमें कंपोनेंट s एक का कम होता है दो जितना भी निकलता है उससे आपका एसिड रेन प्रोड्यूस होती है अब एक टर्म आती है पार्टिकुलेट मैटर वो हाइड्रोकार्बन से रिलेटेड है पार्टिकुलेट मैटर इनका साइज निकालते हैं आप पार्टिकुलेट मैटर 2.5 पार्टिकुलेट मैटर 10 इसका मतलब है ऐसा पार्टिकल जिसका साइज 2.5 माइक्रोन है उसको बोलते हैं पार्टिकुलेट मैटर 2.5 ऐसा पार्टिकल जिसका साइज 10 माइक्रोन है उसको बोलते हैं पार्टिकुलेट मेटर 10 माइक्रोन अब पार्टिकुलेट मैटर जिनका साइज आपका बेसिकली ज्यादा होता है वो विजिबल हो जाते हैं जिनका साइज छोटा है वो विजिबल नहीं होते अब ऑटोमोबाइल के अंदर हाइड्रोकार्बन जो आप बर्न कर रहे हो तो उनका साइज बड़ा होता है पार्टिकल्स का और वो जब बाहर निकल जाते हैं एग्जॉस्ट के साथ तो उनको पार्टिकुलेट मैटर बोलते हैं और भी डस्ट पार्टिकल वगैरह भी इसमें होते हैं तो वो बेसिकली एक आपका पोल्यूशन का काम करता है वो भी एक पोल्यूशन का ही एक पार्ट होता है तो पार्टिकुलेट मैटर आपका हाइड्रोकार्बन से भी होता है सल्फर डाइऑक्साइड से भी होता है लेड एडिटिव से होता है इनका साइज आपका बड़ा होता है इसलिए वह पार्टिकुलेट मैटर कैटेगरी में आप इसको डाल देते हो यह थोड़ा सा आपका एक कंपैरेटिव एनालिसिस के पेट्रोल में डीजल में कौन सा कंपोनेंट कितना होता है आपने जो पोल्यूशन सर्टिफिकेट लेते हैं उसके अंदर भी यह कंपोनेंट आपके रहते हैं मेंशन होते हैं ये कंपोनेंट्स तो इनका थोड़ा सा आपको आईडिया होना चाहिए कि so2 ए एक ड कार्बन कार्बन मोनोऑक्साइड यह कितने होते हैं और मैंने आपको बताया कि लार्जली आपके पास यह तीन कंपोनेंट होते हैं कार्बन मोनोऑक्साइड आप ध्यान से देखो कार्बन मोनोऑक्साइड [प्रशंसा] आपका कंपोनेंट में इस तरीके से यह होता है ओके अब न एज अ सेकेंडरी पोल्यूटेंट सेकेंडरी पोल्यूटेंट क्या होता है प्राइमरी पोल्यूटेंट तो वो है जो इंटरनल कंबशन इंजन से डायरेक्टली निकलता है जैसे ए एक कार्बन मोनोऑक्साइड हाइड्रोकार्बन पार्टिकल यह डायरेक्टली निकलते हैं और जो डायरेक्टली नहीं निकलते बाद में निकल के मिक्स होकर बनते हैं जैसे फोटोकेमिकल स्मोक तो फोटोकेमिकल स्मोक जो है सेकेंडरी पोल्यूटेंट है कि ए एक मिला हाइड्रोकार्बन मिला और फोटोकेमिकल स्मोक बन गया वैसे ही ओजोन जो है वो सेकेंडरी पोल्यूटेंट होता है ओजोन भी डायरेक्टली नहीं निकलता ऑटोमोबाइल से लेकिन वो आपका रिएक्शन के थ्रू बनता है ग्राउंड के ऊपर वैसे तो ओजोन आपकी स्ट्रेटोस्फीयर में होती है जो अच्छी ओजोन मानी जाती है दे इज अ गुड ओजोन दे इज अ बैड ओजोन गुड ओजोन वो है जो स्ट्रेटोस्फीयर में है स्ट्रेटोस्फीयर कहां है ट्रोपो स्फीयर से ऊपर कितना किलोमीटर के बाद आता है 10 किलोमीटर के ऊपर अर्थ के सरफेस से 10 किलोमीटर के ऊपर स्ट्रेटोस्फीयर है जिसमें अच्छी ओजोन है जो हमें अल्ट्रावायलेट रेडिएशन से बचाती है और बुरी ओजोन वो है जो सरफेस के ऊपर है वो गलो ग्लोबल वार्मिंग ग्रीन हाउस गैस का भी काम करती है और वो वैसे भी ट इज नॉट गुड फॉर हेल्थ तो इससे कफिंग होता है इससे सांस लेने में प्रॉब्लम होता है लंग्स डैमेज होते हैं तो यह जो है आपका यह हाइड्रोकार्बन और एन एक् के मिक्सचर से जो स्मोक बनती है वो ओजोन भी प्रोड्यूस करती है अब यह सारी चीजों को हटाने के बाद अगर पोलूशन हमें नहीं चाहिए तो हम मीथेन को यूज करते हैं जो सीएनजी गैस में एक नेचुरल गैस होती है उसको हम यूज करते हैं एसआई इंजन के एमिशन में बेसिकली तीन जगह से आपका पोल्यूशन निकलने के चांस होते हैं स्पार्क इग्निशन इंजन में देरर थ्री पोजीशन जहां से एसआई इंजन में आपका पोलूशन निकलता है एक तो एग्जॉस्ट में निकलता है एक इवेपरेटिव एमिशन होता है एक क्रैंक केस एमिशन होता है अगर मैं आपको इंटरनल कंबशन इंजन का स्कीमेटिक डायग्राम दूं तो ऐसा स्कीमेटिक डायग्राम बनता है यहां पर पिस्टन सिलेंडर मैकेनिज्म होता है ये क्रैंक शाफ्ट है ये इनलेट वल्व एग्जॉस्ट वल्व ये आपका पिस्टन है पिस्टन रेसिप प्रोकेट करता है ये पिस्टन है ये इनलेट वॉल्व एग्जॉस्ट वॉल्व एग्जॉस्ट वॉल्व से एग्जॉस्ट गैसेस बाहर निकलती हैं इनलेट वॉल्व से आपका एयर एंड फ्यूल रेशो आपकी अ एयर फ्यूल मिक्सचर आपका अंदर जाता है एयर फ्यूल कंब चेंबर के अंदर जाता है यहां बर्निंग होती है कंबशन होता है फिर पिस्टन पे प्रेशर पड़ता है और वो क्रैंक आपका क्रैंक शाफ्ट को रोटेट करता है ये आपका इंटरनल कंबन इंजन है अब इसमें जो आपका बेसिकली जो एसआई इंजन की एमिशन है जैसे आपका जो पोल्यूटेंट निकलने के स्कोप है या एमिशन कहां से होता है एक तो एग्जॉस्ट का एमिशन होता है यहां से गैसेस डायरेक्टली बाहर निकलती है तो डायरेक्टली गैसेस बाहर निकलती है उनमें पोलूशन होता है इवेपरेटिव एमिशन मींस फ्यूल एयर मिक्सचर में इवेपरेशन होगी और कहीं ना कहीं से लीकेज हो जाएगा तीसरा आपका क्रैंक केस एमिशन क्रैंक केस भी यह आपका सारे के सारा क्रैंक केस होता है इसको क्रैंक केस बोलते हैं जिसमें क्रैंक शाफ्ट और क्रैंक रोटेट करता है तो क्रैंक केस से भी होता है तो आपका इ जो स्पार्क इग्निशन इंजन है उसमें ये तीन जगह से आपके जो पोल्यूशन बाहर निकल सकता है जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड ए एक वो यहां से निकलेगा हाइड्रोकार्बन यहां से निकलेगा डायरेक्टली हाइड्रोकार्बन आपका लीकेज से बाहर निकल सकता है हाइड्रोकार्बन मींस जो अनबर्न्ड चार्जेस है वो बाहर निकल सकता है और नॉर्मली अगर आप देखोगे तो दो कार्बन डाइऑक्साइड को हम पोल्यूशन नहीं मानते लेकिन हाइड्रोकार्बन कार्बन मोनोऑक्साइड ए एक यह तीनों आपका एसआई इंजन में य तीन जगह से बाहर निकलते हैं एक छोटा सा आपको इंफॉर्मेशन यहां पर डाटा भी है कि कि कौन सी गैस कितने परसेंट निकलती है तो बेसिकली जो एसआई इंजन है उसमें कंप्लीट कंबशन और इनकंप्लीट कंबशन दोनों का डाटा हमारे पास है कंप्लीट कंबशन से कितना निकलता है इनकंप्लीट कंबशन से क्या निकलता है आ [प्रशंसा] [प्रशंसा] इफ द कंबन इज कंप्लीट इनकंप्लीट नहीं इफ द कंबन इ कंप्लीट द प्रोडक्ट विल बी कार्बन डाइऑक्साइड एंड वाटर वेपर बट इफ इट इज नॉट कंप्लीट देन कार्बन मोनोऑक्साइड सो दि आर द इनकंप्लीट कंबशन प्रोडक्ट इसको आप एक बार गो थ्रू करना फ्रेंड्स सो एसिड रेन कैसे बनती है सल्फ्यूरिक एसिड h2so hno3 किस तरीके से बनता है एसिड रेन किसको बोलते हैं दैट यू शुड बी अवेयर अब कई बार क्वेश्चन आता है कि एसआई इंजन गैसोलीन इंजन या पेट्रोल इंजन एंड सीआई इंजन डीजल इंजन इन दोनों के बीच में क्या डिफरेंस है तो दोनों इंजन के बीच में क्या डिफरेंस है इससे क्वेश्चन पूछा जाता है तो जो आपका पेट्रोल इंजन है उसके अंदर पार्टिकुलेट मैटर बहुत कम होते हैं क्योंकि पेट्रोल इंजन के अंदर तुम क्या करते हो पेट्रोल को एयर के साथ मिक्स करते हो कार्बोरेटर में फिर कंबशन चेंबर में बर्न करते हो और एक फ्लेम बनती है उस फ्लेम के थ्रू प्रेशर लगता है पिस्टन के ऊपर तो पेट्रोल इंजन के अंदर जो बड़े साइज का हाइड्रोकार्बन है पार्टिकल नहीं होता लेकिन डीजल इंजन के अंदर बड़े साइज का हाइड्रोकार्बन पार्टिकल होता है डीजल के अंदर हाइड्रोकार्बन ज्यादा होता है पेट्रोल के अंदर हाइड्रोकार्बन पार्टिकल पार्टिकुलेट मैटर नहीं होता है एक डिफरेंस तो सबसे ज्यादा ये है दूसरा जो मिक्स जो बर्निंग होता है पेट्रोल इंजन के अंदर वो यूनिफॉर्म बर्निंग होता है अ जो डीजल है उसके अंदर तुम क्या करते हो उसके अंदर तुम क एयर को कंप्रेस करते हो और उसके अंदर डीजल को फेंकते हो तो उससे होता क्या है कि वैसे तो ऑक्सीजन सफिशिएंट होती है अंदर जो एक्सेस एयर है या एक्सेस ऑक्सीजन है वो डीजल इंजन के अंदर होती है इसलिए डीजल में इनकंप्लीट कंबशन के चांस कम है या तो आपका जो हाइड्रोकार्बन है वो वैसे ही बाहर निकल जाएगा आप फ्यूल को फेंको ग वो कंबशन नहीं होगा तो आपका बाहर निकल जाएगा हाइड्रोकार्बन या कार्बन एयर के साथ मिलके कंप्लीट कंबशन प्रोड्यूस करेगा तो कार्बन मोनोऑक्साइड जो ज्यादा बनती है वो पेट्रोल इंजन में बनती है क्योंकि उसमें एक्सेस ऑक्सीजन नहीं होती डीजल में एक्सेस ऑक्सीजन होती है लेकिन डीजल में एक और ट्रबल है कि जो तुम डीजल को इंजेक्ट करते हो इंजेक्शन पंप के थ्रू वो डीजल वैसे ही एग्जॉस्ट गैस में बाहर निकल जाता है तो हाइड्रो कान जो बाहर निकलता है ज्यादा वो डीजल में हाइड्रोकार्बन ज्यादा बाहर निकलता है वो आपको पता होना चाहिए तो पेट्रोल और डीजल में ये थोड़े से डिफरेंस है जो आप एक बार उसको गो थ्रू करेंगे तो आपको आईडिया लग जाएगा डीजल फ्यूल वैसे भी थोड़ा सा मॉलिक्यूल डीजल का बड़े साइज का होता है अगर आपसे कोई पूछे कि पेट्रोल और डीजल में ज्यादा पोल्यूटिंग कौन सा है तो मेजॉरिटी लोग बोलते हैं डीजल ज्यादा पोल्यूटिंग है क्यों क्योंकि डीजल में काले रंग का धुआं दिखता है वो काले रंग का धुआ क्यों दिखता है क्योंकि डीजल का मॉलिक्यूल बड़े साइज का होता है और वो पार्टिकुलेट मैटर की फॉर्म में बाहर आता है जो दिखता है इसलिए बोलते हैं कि वो ज्यादा पोल्यूटिंग है लेकिन एक्चुअल में जो आपका पेट्रोल इंजन है उसमें से कार्बन मोनोऑक्साइड बाहर निकलती है कार्बन मोनोऑक्साइड बाहर क्यों निकलती है क्योंकि इनकंप्लीट कंबशन होता है इनकंप्लीट कंबशन क्यों होता है क्योंकि एक्सेस एयर अंदर नहीं होती है पेट्रोल इंजन के अंदर डीजल में होती है तो कार्बन मोनोऑक्साइड ऑर्डर लेस बेसिकली एंड कलरलेस गैस है आपको पता नहीं चलेगा कोई पोल्यूशन है दिखेगा नहीं आपको लेकिन वो लंग्स अटैक करेगी तो बेसिकली कार्बन मोनोऑक्साइड निकलती है पेट्रोल इंजन से जो हार्म करती है बॉडी को और डीजल से निकलता है आपका पार्टिकुलेट मैटर जो हार्म तो नहीं करता लेकिन काले रंग का धुआं दिखता है इसलिए आप काले रंग का धुआ सोच के अगर सोचे पोल्यूशन ज्यादा है वैसा नहीं है पेट्रोल इंजन के अंदर भी पोल्यूशन होता है तो कार्बन मोनोऑक्साइड जो है गैसोलीन में बनती है जो मैंने आपको बताया और उसके अंदर टेंपरेचर आपका ज्यादा होता है इसलिए ए एक भी वहां से ज्यादा निकलता है यह थोड़ा सा आप दोनों के अंदर एक डायग्राम है जिसको आप कंपेयर कर लेना बस इसमें देखना कि पार्टिकुलेट मैटर डीजल इंजन के अंदर होता है और एओ एक भी डीजल इंजन के अंदर होता है और कार्बन मोनोऑक्साइड वगैरह तो दोनों के अंदर होता है लेकिन ये जो दोनों चीजें हैं पार्टिकुलेट मैटर एंड एओ ये डीजल इंजन के अंदर ज्यादा होता है बाकी हाइड्रोकार्बन ए एक स दोनों के अंदर होता है स का परसेंटेज ज्यादा होता है जैसे देखो यहां पे स का परसेंटेज पेट्रोल इंजन के अंदर कितना ज्यादा दिख रहा है और यही कार्बन मोनोऑक्साइड आपकी लंग्स के ऊपर अटैक करती है लंग्स के लिए मेन ये चीज होती है और ये जो पार्टिकुलर मैटर है ये आपका ब्लैक स्मोक प्रोड्यूस करता है इसलिए डीजल इंजन के अंदर ब्लैक स्मोक नजर आता है तो ए एक स हाइड्रोकार्बन दोनों के अंदर होते हैं लेकिन हाइड्रोकार्बन और ज्यादा पार्टिकुलेट मैटर वो डीजल में होता है तो काले रंग का दिखता है कार्बन मोनोऑक्साइड ज्यादा इसमें होती है क्योंकि कंबशन इनकंप्लीट होता है तो यह थोड़े से आईडियाज आपको वैसे होने चाहिए [प्रशंसा] राइट सो दिस वी हैव डन इट सो फ्रेंड्स यह आपका ऑटोमोबाइल से रिलेटेड टॉपिक था आपका जो इसमें आपके पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन के सिलेबस में है इंपोर्टेंट टॉपिक है जो आपको डॉक्यूमेंट मिल रहे हैं जो आपको मटेरियल मिल रहा है जो आपको वीडियोस मिल रहे हैं वह सफिशिएंट है इस एग्जाम को निकालने के लिए क्वेश्चन की प्रैक्टिस करो इन टॉपिक्स की प्रैक्टिस करो एंड आई एम वेरी श्यर आप इस एग्जाम को निकाल ले जाएंगे तो अपना दीजिए सो दैट यू कैन कन्वर्ट दिस इनटू फाइनल सिलेक्शन थैंक यू [संगीत]