What's up everyone, welcome back to the channel अब ये वाले जो वीडियोस आपके पास आ रहे हैं ये आपकी काफी मदद करेंगे exam से पहले एक बार पूरे chapter का overview लेने में इनके अंदर सारी की सारी theory भी cover है और इसके साथ साथ आपके practicals का भी एक बार revision है complete तो आपको बहुत helpful रहेंगे ये दो parts जो मैं upload करने वाला हूँ इसके अंदर हम complete partnership cover करेंगे जो की आपकी 36 marks की है और अगले पार्ट में हम analysis और shared adventure कवर करेंगे जो कि आपकी remaining 44 marks की है तो बहुत ज़ादा ज़रूरी, बहुत important videos ध्यान से देखना और इसको हर किसी को share करना है चलिए जली से let's begin चलो यार शुरू करते हैं बिल्कुल फर्स्ट चाप्टर के साथ जो कि हमारे पास फंडामेंटल्स फंडामेंटल्स की बात करें तो सबसे पार्टनर्शिप का मतलब आता है इसके अंदर आपको सेक्शन याद रखना है बेटा अकॉर्डिंग टू सेक्शन फोर सेक्शन मत भूलना बिल्कुल भी सेक्शन याद रखना है सेक्शन फोर अपने इंडियन पार्टनर्शिप आक 1932 यह भी आद रखना है ठीक है learn कर लेना यही वाली छोड़के मत जाना partnership पूरी किताब है at least definition तो याद होनी चाहिए और as it is लिखके आना अगर आजाए according to section 4 of the Indian Partnership Act partnership is the relation between the persons who have agreed to share the profits of business carried on by all or any one of them acting for all या तो सभी लोग कर रहे होंगे या कोई एक कर रहा होगा जो सब के लिए act करेगा ठीक है फीचर्स आफ पार्टनर्शिप की अगर हम बात करें तो टू और मोर पर्सन्स एट लीस्ट कम से कम कितने लोग चाहिए दो लोग चाहिए जो मिलकर बिजनस कर सकें मैक्सिमम नंबर आफ पार्टनर्स पार्टनर्शिप आक्ट स्पेसिफाई नहीं करता वेरी इंपॉर्� याद रखना पार्टनर्शिप एक्ट सिर्फ मिनिमम बताता है मैक्सिमम नहीं बताता वैसे मैक्सिमम कितने होते हैं 250 यह 50 कहां दिए गए हैं कंपनीज एक्ट में ठीक है याद रखना अगर एक नंबर में एमसीज में आ जाएगी मैक्सिमम नंबर पार्टनर्स कितने होते हैं 50 होते हैं वह कौन स्पेसिफाई करता है पार्टनर्स पैक नहीं कंपनी आफ ठीक है यह आदरहें एग्रीमेंट होना चाहिए एग्रीमेंट करेंगे मिलजुल के तभी बिजनस हो पाएगा लॉफल बिजनस possibility है वह unlimited रहती है इसके बाद not a separate legal entity यह बहुत important है partnership एक सेपरेट लीगल एंटिटी नहीं है इसका मतलब अगर फर्म ने कोई कर्जा लिया है वह नहीं चुका पारी वह ट्रांसफर नहीं हो सकता जब तक सारे पार्टनर्स एग्रीन आपकर जाएं ठीक है इसके बाद एक बहुत इंपोर्टेंट टॉपिक partners जो specify करता है the terms and conditions of a partnership यानि business में किस हिसाब से profit बटेगा कितना salary होगा interest on capital कितना होगा ये सब terms and conditions specify करने वाले agreement को हम partnership deed बोलते हैं it is a partnership agreement between the partners of the firm which outlines the terms and conditions of the partnership इसका other name आपसे पूछ लेता है जो आपको याद रखना है articles of partnership partnership deed को ही क्या बोलते है articles of partnership राइट इसके बाद अगर deed ना हो provisions of Indian Partnership Act, in the absence of deed, अगर deed ना हो, तो कोई interest on capital नहीं देंगे, interest on drawings चार्ज नहीं करेंगे, firm ने अगर loan लिया है, तो 6% पर अनम के साथ से pay करेंगे, very important, कोई remuneration, यानि salary bonus commission नहीं दिया जाएगा, profits, losses बराबर बटेंगे, और कोई भी न���ा partner admit नहीं हो सकता, जब तक सारे partners agree ना कर ज फिक्स कापिटल की बात करें तो दो अकाउंट बनते हैं, कापिटल और करंट, फ्लक्चुएटिंग की बात करें तो एक ही बनता है, कापिटल अकाउंट, फिक्स कापिटल में कापिटल फिक्स रहती है, इसके अंदर फ्लक्चुएट होती रहती है, इसके अंदर क्या होगा बैलेंशीट में, partnership deed में specifically mention होना पड़ेगा yes उसको कोई ज़रूरी नहीं है उसके बाद credit debit balance यह important है South Indian सवाल fixed capital का हमेशा credit balance होगा fluctuating capital में कई बार debit balance हो सकता है ठीक है लेकिन fixed में कभी भी possible नहीं है क्यों नहीं है sir इसलिए possible नहीं है क्योंकि जितना पैसा लगाया है तो यह possible नहीं है alright फिर एक P&L Appropriation Account आता है हमारे पास Fundamental में, P&L Appropriation Account कैसे बनता है बच्चो, फटाफट से कुछ Pointers याद रखना, किसी भी Question में P&L Appropriation बनाने के लिए आएगा, तो ये Debit Credit नहीं भूलना है, Debit Credit आपको जरूर लिखना है, और ऐसे Heading डालेंगे, लाइन है पीएंडल अप्रोपेशन अपाउंट फॉर द यह रेंडिंग जिस भी यह का वह यह डालते ना राइट फॉरमेट जल्दी से लाइट कर लो प्रॉफिट ट्रांसफर कर रहे हो तो इधर इंट्रस्ट ऑन ड्राइंग्स आ जाएगा यहां पर लॉस तो हम लो लॉस के केस में भी सर क्या कभी पीएंडल अप्रोप्रेशन बन सकता है लॉस के केस में सिर्फ तभी बन सकता है अगर लॉस हो और इंटरस्ट ओन ड्रॉइंग्स हो तो भाई लॉस को लेके आना पड़ेगा इंटरस्ट ओन ड्रॉइंग्स तो यही आएगा ना तो लॉस के क इसके बाद past adjustments, past adjustments में आपको कुछ basic चीज़े हैं, आपको पता होना चाहिए, past adjustments करने के दो तरीके होते हैं, या तो single adjustment entry होती है, या अलग-अलग adjustment entries कर सकते हैं, इसमें ऐसा कुछ theory का गाम नहीं है, next we have goodwill, sir goodwill क्या होता है, सबसे बहुत याद रखना बच्चो, goodwill is an intangible asset, क� ठीक है, the value of an enterprise, brand name, solid customer base, functional customer associations, good employee association, any patent, ये सब goodwill है, ठीक है, अब goodwill क्यों value करनी पड़ती है, goodwill value करने के कई सारे reason हो सकते हैं, अगर firm बिख जाए, ठीक है, firm convert हो जाए company में, सही ये तो हो गया sole proprietorship के case में, sole proprietorship के case में ऐसा होता है, अगर partnership firm है, तो अगर एक नया partner आ रहा है, कोई partner retire हो रहा है, कोई change आ रहा है, profit sharing ratio में किसी partner की death हो गई है, या different firms amalgamate हो जाएं, यह important है, amalgamate का मतलब होता है, मिल के एक business कर लें, दो firms, तीन firms ने मिल के एक business कर लिया, amalgamation हो गया, तब भी goodwill का calculation होता है, वन अफ़ दे इंपोर्टेंट टॉपिक्स कौन-कौन से फैक्टर है जो गुडविल को इंपैक्ट करते हैं यह क्वेश्चन लर्न करके जाना फैक्टर से फैक्टिंग गुडविल किस-किस तरीके से सबसे पहला होता है लोकेशन अच्छी जगह पर होगा तो गुडविल अच्छा कुड़ बनेगा ट्रेंड आफ प्रॉफिट्स अगर आपका ट्रेंड अच्छा है प्रॉफिट बढ़ी रहा है आप लोगों का तो गुड़ बेटर बनेगी इस तरीके से बहुत सारे पॉइंट्स है ऑनर की रेपोटीशन समय कितना हो गया बिजनेस किस प होने चाहिए गुड़ वेल वैल्यू करने के कितने मेथड होते हैं बेटा जी आपने सारे देखेंगे एक बार क्विकली रिविजियन ले लो आवरेज प्रॉफिट मेथड सुपर प्रॉफिट मेथड कैपिटलाइजेशन मेथड आवरेज प्रॉफिट मेथड में sum of profits multiplied by sum of weights super profit की बात करें तो super profit में भी number of year purchase into super profit super profit कैसे आता है average minus normal normal कैसे आता है capital employed into normal rate of return upon 100 capitalization of average profit की बात करते हैं capitalized value minus capital employed capitalized value कैसे निकलती है capitalized value निकलेगी आपके पास average profit into 100 upon NRR right उल्टा करना है नहीं है जस्ट कैपिटल इंप्लॉइड एसेट्स माइन लाइब्लीटीज फिर गुडविल निकल जाएगी कैपिटलाइज वैल्यू माइनस कैपिटल एंप्लॉइड को ही बच्चों नेट एसेट्स बोलते हैं यह भी याद रखना कै� चेंज इन पीएस आर की अगर हम बात करते हैं तो चेंज इन प्रॉफिट शेरिंग रेशो का मतलब होता है जब भी रेशो चेंज हो रहा है यानि पुराना वाला एग्रीमेंट खतम नए एग्रीमेंट बन रहा है उसको हम चेंज इन प्रॉफिट शेरिंग रेशो बोलते न्यू गेनिंग रेशो कैसे निकलती है न्यू माइनस ओल्ड इसकी डेफिनेशन भी एक बार पढ़ लेना सेटिफाइजिंग इस देशो इन विच वन और मोर पार्टनर्स है वैग्री टू सेक्रीफाइज देर शेयर और इसमें क्या होगा जहां पर गेन करेंगे और कुछ पार्टनर्स ओके रीवेल्यूएशन क्या होता है देखो इसको एड टाइम ऑफ री कंस्टिट्यूशन री कंस्टिट्यूशन जब भी एग्रीमेंट चेंज होगा ऑफ द पार्टनर्शिप फर्म द आक्शन रिलेट री वाल्यूशन ऑफ ऐसेड लाइबिटीज आई टेकन एंड नंबर ऑफ चेंजेस इस डिस्ट्रिबूटेड नं प्रोफिट हो या लॉस है इस टू डिस्ट्रिब्यूटेड अमांग्स तब पार्टनर्स इन दर ओल्ड प्रॉफिट शेयरिंग रेशो यहां पर रखना बच्चे ओल्ड प्रॉफिट शेयरिंग रेशो रिवाल्यूशन से होने वाला प्रॉफिट या लॉस ओल्ड र या तो revised value record होंगी, या revised value record नहीं होंगी, अगर revised value या altered value record होंगी, तो revaluation बनेगा, नहीं होंगी तो नहीं बनेगा, ठीक है न, इसको भूलना नहीं है, तो अगर revised value record होनी है, तो revaluation account बनता है, उसकी entry क्या होती है, तेको याद रखना, इसमें बच्चे बहुत confused होते हैं, अगर asset बढ़ रहा है, तो revaluation के credit में आएगा, बच्चे confused होते हैं, तो अगर asset बढ़ रहा है, तो asset debit to revaluation, Revaluation के credit में asset के debit में अगर कम हो रहा है तो Revaluation के debit में आएगा क्योंकि loss दिखाना है loss Revaluation के debit में आएगा Revaluation to asset narration भी लिखी है इस तरीके से आप लिख सकते हो इसके बाद अगर liability बढ़ रही है फिर loss होगा तो Revaluation के debit में आएगा Revaluation to liability कम हो रही है तो फाइदा होगा liability to revaluation Unrecorded asset है अगर तो asset record करना है Unrecorded asset to revaluation liability है तो Revaluation to unrequited liability उसके बाद प्रॉफिट या लॉस की एंट्री इन केस इट ज़रूर प्रॉफिट तो रिवाल्यूशन डेबिट टो पार्टनर कैपिटल या करेंट अकाउंट इन केस इट ज़रूर लॉस तो पार्टनर कैपिटल या करेंट अकाउंट डेबिट टो रिवाल्यूशन डो इन ओल्ड प्रॉफिट चेरिंग रेशोस और र क्या-क्या जाते हैं एसेट्स लाइब्लिटीज अन्रिकॉर्डिट ऐसे तो दोन रिकॉर्ड लाइब्लिटीज अगर कोई एक्सपेंस रिकॉर्डिटीज अगर कोई एक्सपेंस आपको दिया है तो रिवेल्यूशन के डेबिट साइड में जाता है बैंक से कम हो जाता है ओके इसके बाद अगर आपको revised values नहीं लिखनी तो एक statement बनती है जिसके अंदर हम लोग बस profit या loss record करते हैं जिसको हम बोलते हैं the net effect on revaluation increase in the value of asset plus कर देना decrease in the value of decrease in the value of asset value of liability ये भी plus कर देना दोनों फाइदे हैं okay acid कम हो रहा है minus कर देना liability बढ़ रही है minus कर देना net effect आ जाएगा ठीक है और इससे entry करनी है gaining to sacrificing ठीक है अगर ये net effect बच्चो negative आ जाए in case net effect negative आ जाए तो entry उल्टी हो जाती है sacrificing to gaining इस बात को बिलकुल मत भूलना profit on revaluation, gaining to sacrificing, loss on revaluation, sacrificing to gaining, उसके बाद reserves का क्या treatment होता है, बच्चो, entry revise कर लो फटफट से, reserve debit, P&L debit, ये credit balance है, WCR, IFR debit to partners, capital या current account, सब कुछ old ratio में reserve distribute हो जाएंगे, ठीक है, और अगर कुछ losses है, accumulated पुराने, तो partners, capital या current account debit to P&L का debit balance to deferred revenue expenditure, admission of a partner की बात करें, तो ध्यान से देखो, admission of a partner is a mode of reconstitution, under which existing agreements come to an end and a new agreement between partners including incoming partner comes into existence ने एग्रिमेंट बनेगा इसके अंदर जो सबसे important बात है जो आपको याद रखनी है वो यह है कि कोई भी नेया partner without the consent of all the partners नहीं आ सकता इसका मतलब नेया partner तब ही आएगा जब पुराने सभी partners agree करते हैं admission का क्या impact आएगा पुरानी पार्टनर्शिप खतम हो जाएगी, old partnership comes to an end, combined share of old partner gets reduced, पुराना जो share है वो कम हो जाएगा, क्योंकि obviously नेया partner उनसे हिस्सा खरीदेगा, incoming partner एक तो capital लेके आएगा और एक goodwill लेके आएगा, ठीक है? adjustment is made regard to reserves, profits and losses, assets are revalued, assets revalued होंगे, यानि revaluation बनेगा, और goodwill का treatment आपको करना पड़ेगा, क्या क्या करना पड़ता है, new ratio, sacrificing ratio, goodwill, revaluation, treatment of reserves, adjustment of capital, balance sheet, balance sheet आपको नहीं पूछी जाएगी, तो आपको ये सब पता होना चाहिए, अल्राइट, तो अब यह आता है सबसे इंपोर्टेंट गुड़विल का ट्रीटमेंट चलता है बच्चे इन केस ऑफ एडमीशन तो गुडविल अगर प्राइवेटली दी गई है इन देट केस देर विल बी नो एंट्री अगर कैश में गुडविल लेकर आ जाए तो कैश या बैंक डेबिट टू कैपिटल आया और यह टू प्रीमियम फॉर गुडविल फिर प्र to sacrificing partners capital or current account उसके बाद goodwill अगर वो kind में लेके आ जाए, kind का मतलब है कुछ assets वे assets ले आए, तो assets debit to premium for goodwill to partners capital, partner capital ये capital के लिए आ रहा है ओके, and then premium debit to sacrificing partners capital account अगर वो ला ही ना पाए, तो उस case में क्या होता है, when premium for goodwill is bought by new partner and is withdrawn by old partners fully, अच्छा ये withdrawn के entry है, अगर goodwill निकाल ली गई तो देखो जब goodwill मिलती है, तो partners capital account credit होता है विड्रॉव कर लोगे तो capital account debit हो जाएगा, partners capital account debit to bank, सही, उसके बाद अगर new partner कुछ part लेके आए, बाकि ना ला पाए, तो ये combine ये important भी है, कि goodwill कुछ आ गई, कुछ नहीं आई, partly paid बोलते हैं इसको, कुछ goodwill आ गई, उसके लिए आप काश account debit करोगे, ठीक है, to premium for goodwill, और वो premium distribute हो जाएगा, partners capital account में, देखो क्या लिखा है, यह तो distribution की होगी, पहली जो हमारे पास same हो जाएगी, first entry will be same, दूसरा distribution हो रहा है, premium for goodwill debit, partners current account debit, to partners capital account, इसके बाद we have to write off the existing goodwill, अगर कोई already existing goodwill होती है, उसको राइट आफ कर देना है, Old Partners Capital Account Debit to Goodwill, Old Ratio में, Hidden Goodwill कैसे Calculate होता है, सबसे पहले आप Net Worth निकाल दो, यानि Total Capital of the Firm निकाल दो, उसके बाद उसमें से, दो Partners की Worth माइनस कर दो, तो आपके बाद Hidden Goodwill आ जाएगा, रिजर्व का ट्रीटमेंट है सेम ट्रीटमेंट है रिजर्व का यू जस्ट है टू डिस्ट्रिब्यूट रिजर्व इन केस आफ एडमीशन एस वेल रिवालूवेशन इज ऑलसो द सेम देन वी है रिटायरमेंट ऑफ पार्टनर रिटायरमेंट में क्या होता है बच्चे रि new profit sharing ratio कैसे निकलता है new ratio कैसे निकलेगा old share plus जो आपने gain करा है वो और gaining ratio कैसे निकलता है new minus old चीक है जी, calculation of new PSR, यह आप सीख चुके हो साथ, treatment of goodwill बच्चो, इसके अंदर gaining to sacrificing होता है, सही है, gaining to sacrificing, और उसके बाद अगर आपने नया वाला method करना है, तो raise or write off, पहले goodwill को raise कर दो old partner to old ratio में, फिर write off कर दो new partner to new ratio में, अगर आप भूल गए कि पहले क्या करना है, तो alphabetically सोच ले, पहले R आता है, W आता है, आर से raise, W से write off, तो पहले raise होगा, फिर write off होगा, ठीक है, पहले old ratio में old partners में, फिर new ratio में new partners में, already appearing goodwill है, उसको just आपको write off कर देना है, revaluation will be the same, बिल्कुल simple, वो ही जैसे आप करते आ रहे हो, उसके बाद profits और losses जो पुराने वाले हैं, वो भी बिल्कुल same आ जाएंगे, sorted है जी तो यह इंबॉर्टेंट है इसे करना है इसे के लिए बच्चों जो रिटायरिंग पार्टनर है उसको या तो पे कर दिया जाएगा ठीक है या फिर उसका जो अमाउंट है वह लोन में ट्रांसफर कर दिया जाएगा अगर सरक्षन साइलेंट है तो क्या करेंगे लोन अगर पे कर दिया गया तो रिटायरिंग पार्टनर कैपिटल अगर टू बैंक अगर लोन में ट्रांसफर किया गया तो पार्टनर कैपिटल डाइबिट टो रिटायरिंग आदा पे कर दिया तो कुछ cash में credit कर देना, कुछ loan में डाल देना, note if the question is silent on payment or retiring partner, amount is transferred to his loan account, unless agreed, retiring partner is entitled to interest at the rate 6% per annum, ठीक है, यह याद रखेंगे, उसके बाद we have डेथ आफ पार्टनर, डेथ आफ पार्टनर में बच्चों आपको सिर्फ और सिर्फ जो सबसे important है, वो है profit calculate करना आना चाहिए, profit calculate करने के दो तरीके हैं, on the basis of turnover, यानि sales, और on the basis of time, सबसे वहले time basis के अगर हम बात करें, तो याद रखें, याद रखना वह किसी भी पर्टिकलर अवरेज प्रॉफिट निकलवा सकता है आपसे प्रीवियस यह का उसको आपको मल्टिप्लाई करना पड़ेगा जितने टाइम के लिए आपको चाहिए ठीक है ना डेज में है तो डेज अपन थी सिस्टीफाइब मंस में तो सेल पर हम एप्लाई कर देते हैं यह फॉर्मला आपको याद रखने हैं अ कि उसके बाद प्रॉफिट का ट्रीटमेंट क्या होता है सर प्रॉफिट का ट्रीटमेंट अगर रेशो चेंज नहीं हुआ तो पीएंडल सस्पेंस अगर बिट टू पार्टनर्स का बिटल अगर जिसकी डेट हुई है और अगर रेशो चेंज हो गया तो इन तुझे ठीक है मुझे पता आपका बुलट है आओ जी मेरे टाइसन को ऐसा लगता है कि हमारे घर के बार किसी ने बम चला दिये आओ जी इसके बाद क्या आता है देखो डिजीज पार्टनर कापिटल अकाउंट कैसे बनता है जाता है यह बहुत इंपोर्टेंट है इस पार्टनर की डेट हो गई उसका कैपिटल अकाउंट कैसे बनेगा देखो उसको क्या-क्या मिलेगा सबसे पहले तो उसका कैपिटल का बैलेंस अगर करंट अकाउंट है तो वह भी मिल जाएगा अगर यह लोन है जो फर्म ने लिया था वह भी ट्रांसफर हो जाएगा फिर यह प्रॉफिट आ गया पीएंडल सस्पेंस रिवायूशन loan, अगर firm ने उससे लेना था, devaluation में loss आया तो, accumulated loss हुआ तो, drawings, interest on drawings, P&L suspense अगर loss हुआ, goodwill, अगर कोई existing goodwill हुई, ये सब minus करके, जो balance बचता है, वो हम partners के executor में डाल देते हैं, ठीक है, perfect है, done sir. इसके बाद बच्चे एक्जिक्यूटर में डालने के बाद अगर इमीडियेटली पेमिंट हो जाए तो एक्जिक्यूटर डेबिक टू बैंक ठीक है इमीडियेटली ना हो तो फिर इंटरस्ट आपको उसमें डालना पड़ेगा एक्जिक्यूटर में जितने भी दिन में हो ओके, तो interest debit to executor, then executor debit to bank, last we have dissolution, dissolution क्या होता है बच्चो, dissolution होता है कि business ही बिलकुल बंद हो रहा है, दो प्रकार का dissolution होता है, dissolution of firm and dissolution of partnership, तो dissolution of partnership में सिर्फ agreement बंद होता है, नए agreement बंद होता है, dissolution of partnership firm में firm ही बंद हो जाती है, ठीक है, अब जब dissolution होगा, तो सबसे पहले याद रखना कि उसके क्या-क्या modes हैं, modes of dissolution, सबसे पहले होता है dissolution by mutual agreement, जो आपने mutual agreement से करा, then we have compulsory dissolution, compulsory कब होता है, अगर insolvent हो जाए partner, या business illegal हो जाए, फिर होता है dissolution by notice, notice, देकर आप कर सकते हो उसके बाद अगर कोई ऐसा event हो जाए जैसे death of a partner expiry of the term completion of the venture या फिर adjudication of partner as insolvent insolvent court उसको करार कर दे फिर dissolution by court कौन-कौन सा आता है अगर कोई person unsound mind हो जाए पागल-पागल हो जाए partner become permanently incapable वो करी ना पाए या फिर partnership agreement is breached ब्रीज्ड का मतलब है कोई partner उसको तोड़ दे ब्रीज कर दे partner is found guilty of misconduct कोई misconduct फ्रॉड करे कुछ ऐसा करे कोट को लगे कि बस कर देना चाहिए डिसोलूशन जस्टिफाई कर दो ठीक है और कोट फाइंड फर्म कैनोट बी कैरिड एक्सेप्टेट अ लॉस या कोट को लगे कि ये फर्म लॉस के बिना चर्न नहीं जी सकती तब भी वो डिसोलूश सब्सक्राइब करते हो तो डेबिट साइड में तो तो क्या होता है realization debit to asset liability transfer करते हो credit side में liability to realization ठीक है asset बिके तो credit से बिकेगा bank to realization partner ले गया तो partner capital debit to realization उसके बाद अन्रिकॉर्डिट एसेट की अगर आपको सेल रिकॉर्ड करनी है कोई अन्रिकॉर्डिट एसेट था वो बिग गया तो रिलाइज़ेशन के क्रेडिट में आएगा कैश डेबिट बैंक डेबिट टू रिलाइज़ेशन लाइबलिटी पे करनी है रिलाइज़ेशन टू बै Unrequited liability, realization to bank, realization expenses pay karay partner ne, realization to partner's capital account, credit balance aaya agar, यानि profit aaya to realization to partner's capital account, loss aaya to partner's capital to realization. Dissolution में बच्चो, partner loan.
लोन अकाउंट अगर जरूरी हो तो बन जाता है पार्टनर कापिटल अकाउंट आपको बनाना आना चाहिए और कैश बैंक लास्ट में बनता है जाएंगे इधर लाइब्रिटीज आ जाएंगी सारी की सारी सही है उसके बाद हमारे पास बड़े ध्यान से पूरा पूरा अगर आपको एक बार नदर दोड़ानी है तो जल्दी से दोड़ा लो कि क्या क्या चीजें हो सकती है इन केस ऑफ डिजोलूशन कैसे बैंक लास्ट में आपका मैच होता है एंड इस हाउ आपका पूरा पार्टनर्शिप में आपने यह सारे कॉन्सेप्स पड़े चाहिए पेपर में लगभग नियर अबाउट सेवन टू टेन साथ से दस नंबर की थिवरी बनती है इससे ज्यादा नहीं बनेगी तो यह आपको पता होनी चाहिए साथ से दस नंबर की थिवरी में भी एमसीज और दो तीन नंबर में सवाल आपका बन जाता अनालेसिस वाले पार्ट की थिवरी कवर करते हैं थैंक यू सो मच एब्रिवान और अ