दो लंबी समानांतर तारों में समान धारा बहने पर उन पर अनुभव होने वाला बल प्रति इकाई लंबाई 2 x 10^-7 न्यूटन/मीटर होता है। यदि दोनों तारों में धारा n एम्पियर है।
बायो सावाट ला
बायो सावाट ला का उपयोग तब होता है जब किसी तार में धारा बहती है। यह धारा चारों ओर एक मैग्नेटिक फील्ड पैदा करती है।
बायो सावाट ला और चार्ज के बीच बल की तुलना की जाती है।
अनुभव
आर्डी प्रयोग
जब धारा एक तारे में बहती है, तो उसके चारों ओर एक मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न होता है।
पहले अनुभव के परिणाम:
"करंट कैरिंग कंडक्टर के चारों ओर मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न होता है।"
करंट की दिशा को बदलने पर मैग्नेटिक नीडल की दिशा भी बदल जाती है।
दूरी का प्रभाव
अगर तारों के बीच की दूरी बढ़ाई जाए, तो मैग्नेटिक फील्ड का प्रभाव कम हो जाता है।
मैग्नेटिक फील्ड की ताकत दूरी बढ़ने पर कम होती है।
बायो सावाट ला का गणितीय रूप
मैग्नेटिक फील्ड की गणना के लिए:
[ B = \frac{\mu_0 I dL \sin(\theta)}{r^2} ]
जहाँ,
B = मैग्नेटिक फील्ड
( \mu_0 ) = मैग्नेटिक पर्मियबिलिटी
I = धारा
( dL ) = तार की लंबाई का एक छोटा भाग
( \theta ) = तार और बिंदु के बीच का कोण
r = दूरी
एप्लीकेशन
बायो सावाट ला का उपयोग लूप के कारण मैग्नेटिक फील्ड की गणना में किया जाता है।
आगे के लेक्चर में लूप सेंटर पर मैग्नेटिक फील्ड के बारे में चर्चा की जाएगी।
विशेष नोट्स
1 टेस्ला = 10^4 गाउस।
मैग्नेटिक फील्ड की SI यूनिट न्यूटन/एम्पियर मीटर।
निष्कर्ष
बायो सावाट ला के प्रयोग मैग्नेटिक फील्ड के अध्ययन में महत्वपूर्ण हैं।