इसे प्रीवियस हम डब्ल्यू एओ का जो क्लासिफिकेशन सिस्टम है लकीम का उसको डिस्कस कर चुके हैं और इस वीडियो के अंदर हम फैब क्लासिफिकेशन ऑफ एक्यूट माइला लकीम इसको डिस्कस करेंगे अ फर्स्ट ऑफ ऑल फैब का क्या मतलब होता है अ फ्रेंच अमेरिकन ब्रिटिश क्लासिफिकेशन तो इसको हम फ्रेंच अमेरिकन ब्रिटिश क्लासिफिकेशन सिस्टम ऑफ एक्यूट मालाड ल्यूकेमिया भी कह सकते हैं इसकी बेस किस चीज के ऊपर होती है तो इट इज बेस्ड अपॉन मॉर्फो जीी यानी कि जो सेल्स इवॉल्व होंगे इन मुख्तलिफ सब टाइप्स के अंदर उनकी मॉर्फो जीी क्या है उनकी शेप क्या है क्या वह डिफरेंशिएबल को देखेंगे और इससे प्रीवियस जो डब्ल्यू एओ की क्लासिफिकेशन थी उसके अंदर हम मुख्तलिफ ट्रा लोकेश को देखते थे सेल सरफेस मार्कर्स को देखते थे किस लकीम के अंदर कौन सा सेल सरफेस मार्कर है या फिर उसकी मुख्तलिफ किस्म के लमिया की क्लीनिकल प्रेजेंटेशन क्या है तो उसकी बेस पर हम एक बेटर अंडरस्टैंडिंग कर सकते थे और एक बेहतरीन ट्रीटमेंट स्ट्रेटजी भी उसके जरिए से तरतीब दी जा सकती है लेकिन यहां पर हम फैब क्लासिफिकेशन को देख रहे हैं और इसकी बेस मॉर्फो जीी पे है सेल्स की मार्फो जीी और इसमें टोटल जो सब टाइप्स हैं वह ए0 से ए7 तक है जिनको हम अभी देखेंगे फर्स्ट ऑफ ल अगर एम0 की बात की जाए तो यह क्या होती है एक्यूट माइलाइन लिमिया एमएल विद मिनिमल डिफरेंशिएबल का क्या मतलब होता है यह यहां पर आप समझ ले क्योंकि यह जब भी आप नपली जिया को या लकीम याज वगैरह को डिस्कस कर रहे होते हैं तो उसमें यह वाला लफ्ज आता है इसका मतलब ये होता है कि फर्ज कर ले कि यह नॉर्मल सेल्स पड़े हुए हैं या प्रोजन इटर सेल्स पड़े हुए हैं और यहां पे कुछ और सेल्स बने और वोह भी इन सेल से बिल्कुल सिमिलर है इन मिलते जुलते हैं तो ये जो सेल्स नए बने जो इन नॉर्मल सेल से या प्रोजन इटर सेल से मिलते जुलते हैं इनको आप कह सकते हैं कि यह वेल डिफरेंशिएबल या प्रजनाट्यमंडली सेल्स बने जिनकी शेप जो है वो बिल्कुल ही नहीं मिलती जुलती अपने प्रजना इटर सेल से या नॉर्मल सेल से तो यह वाले क्या होंगे पुरली डिफरेंशिया प्रोजन इटर सेल से इसको एक और तरह से भी देख सकते हैं फर्ज कर ले कि यह एक सेल पड़ा हुआ है ठीक है इसके अंदर यह न्यूक्लियस है यहां पर मुख्तलिफ ग्रेन्यूल्स पड़े हुए हैं ठीक है यहां पर एक और सेल पड़ा हुआ है और उसका जो न्यूक्लियस है उसका साइज भी बड़ा है और उसकी शेप भी बिल्कुल उसके न्यूक्लियस से मुख्तलिफ है और इसके अंदर ग्रेन्यूल्स भी नहीं पड़े हुए तो यह क्या इसके साथ सिमिलर है तो यह तो सिमिलर नहीं है या इसको आप इस तरह से करें कि सेल की शेप ही उससे डिफरेंट है ठीक है तो यह इसके साथ इसकी सिमिलरिटी नहीं है तो यह डिफरेंशिएबल सेल नहीं है इस नॉर्मल सेल के साथ अगर आप एक और सेल ले और वह बिल्कुल उसी तरह का हो उसकी शेप भी उससे मिलती जुलती हो उसके न्यूक्लियस की शेप भी मिलती हो उसमें भी ग्रेन्यूल्स पड़े हुए हैं तो यह भी क्या है कि उस नॉर्मल सेल से बिल्कुल मिलता जुलता है तो यह क्या है डिफरेंशियल यहां पर एम0 की बात हो रही थी कि यहां पर एक्यूट माइला ल्यूकेमिया होगा विद मिनिमल डिफरेंशिएबल जो माइलोब्लास्ट होते हैं उनके साथ कम सिमिलरिटी होती है थोड़ी बहुत उनकी डिफरेंस होती है ए1 क्या होता है एमएल विदाउट मैचुरेशन यानी के यहां पर भी एक्यूट माइ लाइड लिमिया होगा लेकिन विदाउट मैचुरेशन यानी इसके अंदर जो ब्लास्ट होंगे व मैचोर नहीं होंगे आपको पता है कि मालो ब्लास्ट आगे उनसे प्रो माइलोसाइट्स बनते हैं और प्रो माइलोसाइट्स आगे मैचोर सेल्स के अंदर कन्वर्ट होते हैं माइलोसाइट्स के अंदर तो यहां पर विदाउट मैचुरेशन यानी सेल्स जो है वह इचोर हालत में होंगे मैच्योर नहीं होंगे ए2 के अंदर क्या होता है एमएल विद मैचुरेशन तो यहां पर एक्यूट माइला लिमिया होगा लेकिन इसमें आपको विद मैचुरेशन यानी आपको मैचोर सेल्स भी नजर आए आ रहे होंगे यानी के ब्लास्ट जो है वो आगे प्रो माइलोसाइट्स में और प्रो माइलोसाइट्स फर्द आगे अपने मैचोर सेल्स के अंदर कन्वर्ट हो चुके होंगे इस m2 के अंदर आपको मैचोर सेल्स भी नजर आ रहे होंगे एमएल के साथ एम3 क्या है इसके अंदर एक्यूट प्रोमाइलोसिटिक लकीम यानी इसके अंदर जो प्रो माइलोसाइट्स हैं उनकी नियोप्लास्टिक प्रोलिफ्ट उनके ऊपर एमपीओ स्ट्रेनिंग की जाती है तो उसके साइटोप्लाज्म में आपको आयोर जो है वह नजर आ रहे होते हैं इसके अलावा आपने इसमें पढ़ा था कि इसमें ट्रांसलोकेशन हो जाती है रेटिनो एसिड रिसेप्टर की ट्रांसलोकेशन 151 और फिर इसका ट्रीटमेंट था कि आप इसके लिए अल्ट्रांस रेटिनो एसिड वह इसमें दे सकते हैं और वह क्या करेगा कि इचोर सेल्स जो कि एक्यूट प्रो माइलोसिटिक ल्यूकेमिया के अंदर इचोर सेल्स अमूलेट हो रहे थे और वह मैच्योर नहीं हो रहे थे इस ट्रांसलोकेशन की वजह से तो ऑल ट्रांस रेटिनो एसिड वो उनको कन्वर्ट करता जाएगा इचोर सेल्स को मैचोर सेल्स के अंदर उसके बाद ए4 की बात की जाए तो एक्यूट माइलो मोनोक ल्यूकेमिया यानी इसके अंदर माइलो ब्लास्ट और मोनोब्लास्ट दोनों की नियोप्लास्टिक स्टार्ट हो जाएगी और ए5 के अंदर क्या होता है एक्यूट मोनो ब्लास्टिक लकीम इसके अंदर शामिल होता है यानी इसमें मोनोब्लास्ट उनकी नियोप्लास्टिक [संगीत] प्रोलिफिकेसी के अंदर एक्यूट मेगा कैरिओबनाहली एब नॉर्मली प्रोलिफिक करना स्टार्ट कर देंगे तो यह तमाम टाइप्स हमने डब्ल्यू एओ का जो क्लासिफिकेशन सिस्टम है उसमें डिटेल से पढ़ी थी और उसका ल्यूकेमिया प्लेलिस्ट का जो लिंक है वह भी डिस्क्रिप्शन में मौजूद है अगर आप नहीं देखा तो आप उसको देख सकते हैं