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कैप्टन अंशुमन सिंह का अलौकिक बलिदान
Jul 12, 2024
कैप्टन अंशुमन सिंह का अलौकिक बलिदान
पारिवारिक पृष्ठभूमि
धर्म पत्नी:
श्रीमती स्मृति
माता:
श्रीमती मंजू सिंह
कैप्टन अंशुमन सिंह की कहानी
पहली मुलाकात और प्रेम कथा
पहली मुलाकात कॉलेज के पहले दिन
एक महीने बाद एफएमसी में चयन
इंजीनियरिंग कॉलेज से मेडिकल कॉलेज का सफर
लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप: 8 साल
21 जून की घटना:
बर्थडे पर मुलाकात न होने पर नाराजगी
9:30 बजे रात को बालकनी में आकर सरप्राइज
Pune से Gurudaspur आने की घटना
पेरेंट्स के साथ पहली मुलाकात: विवादित स्थिति लेकिन उनके समर्थन से शादी
शादी और पोस्टिंग
विवाह के दो महीने बाद सियाचिन ग्लेशियर में पोस्टिंग
मैथुन (मैरिज) जीवन की चुनौतीपूर्ण शुरुआत
18 जुलाई: भविष्य के 50 साल की चर्चा
19 जुलाई:
दुखद घटना की सूचना
दुखद घटना और बलिदान
19 जुलाई 2023:
सियाचिन ग्लेशियर में अग्नि दुर्घटना
मेडिकल इन्वेस्टिगेशन शेल्टर के बचाव प्रयास
आग की लपटों के बावजूद उपकरणों और दवाइयों को बचाने का प्रयास
17700 फीट की ऊंचाई पर तेज हवाओं के कारण आग का विस्तार
असाधारण बहादुरी और त्याग का परिचय देते हुए प्राणों का बलिदान
पुरस्कार और सम्मान
सम्मान ग्रहण:
श्रीमती स्मृति एवं श्रीमती मंजू सिंह
कीर्ति चक्र:
सर्वोच्च बलिदान और वीरता के लिए सम्मानित
स्मृति की प्रतिक्रिया और विचार
अपने पति अंशुमान के बलिदान की गर्वपूर्ण स्वीकारोक्ति
अविस्मरणीय प्रेरणा और उच्च आदर्शों का प्रतीक
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