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मानव आंख और रंगीन दुनिया
Jul 14, 2024
मानव आँख और रंगीन दुनिया (Lecture Notes)
मुख्य विषय:
स्कैटरिंग: स्काई का नीला रंग और टाइडल इफेक्ट
डिलाइट vs. मून लाइट
मायोपिया और हाइपरमेट्रोपिया
सन फेकता है व्हाइट लाइट
स्कैटरिंग के टॉपिक:
स्काई का नीला रंग क्यों होता है
टाइडल इफेक्ट
ब्राइटनेस और डिलाइट:
फ्रंट पेज पे ब्राइटनेस होती है।
डिलाइट में साफ-साफ दिखता है।
मून लाइट में कम दिखता है।
पशु पक्षी मून लाइट में कम नहीं कर पाते।
सूरज डूबता ही सो जाते हैं।
सवाल हो सकता है मायोपिया या हाइपरमेट्रोपिया का।
मायोपिया (Near-sightedness):
पास का देख पाते हैं, दूर का नहीं।
पावर ज्यादा होती है, फोकल लेंथ छोटी।
हाइपरमेट्रोपिया (Far-sightedness):
दूर का ठीक से देख पाते हैं, पास का नहीं।
पावर कम होती है, फोकल लेंथ बड़ी।
सन और प्रिज्म:
सन फेकता है व्हाइट लाइट।
व्हाइट लाइट प्रिज्म पर पड़ती है तो अलग-अलग रंगों में बंट जाती है।
मानव आँख और रंगीन दुनिया का सार:
अध्याय 2: मानव आंख और रंगीन दुनिया
ये चैप्टर दो भागों में विभाजित है:
मानव आंख
डायग्राम
डिफेक्ट्स (मायोपिया, हाइपरमेट्रोपिया, प्रेसबायोपिया, कैटरैक्ट, अस्टिग्मेटिज़्म)
न्यूमेरिकल्ज
रंगीन दुनिया
डिस्पर्शन
एटमॉस्फेरिक रेफ्रेक्शन
स्कैटरिंग
मानवीय आंख की संरचना:
कॉर्निया:
लाइट को रिफ्रेक्ट करना
प्रोटेक्टिंग फंक्शन
एक्वा ह्यूमर:
प्रेशर बैलेंस करता है
आइरिस:
पीपल का साइज कंट्रोल करता है
कन्वेक्स लेंस:
रियल और इन्वर्टेड इमेज बनाता है
फ्लेक्सिबल होता है
सिलिअरी मसल्स:
फोकल लेंथ एडजस्ट करना
रिटिना:
इमेज छपती है
रोड सेल्स (ब्राइटनेस सेंस करने के लिए)
कॉन सेल्स (कलर देखने के लिए)
ऑप्टिक नर्व:
सिग्नल ब्रेन तक ले जाना
डिफेक्ट्स ऑफ विजन
मायोपिया:
नियर साइटेडनेस
दूर की चीजें धुंधली दिखती हैं
उत्कृष्ट लेंस की वजह से
हाइपरमेट्रोपिया:
फार साइटेडनेस
पास की चीजें धुंधली दिखती हैं
कम पावर की वजह से
प्रेसबायोपिया:
वृद्धावस्था में ये दोनों समस्याएं आती हैं
बायफोकल लेंस से ठीक की जाती हैं
अस्टिग्मेटिज़्म:
वर्टिकल और होरिजेंटल लाइन्स पर एक साथ फोकस नहीं बना पाते
सिलेंड्रिकल लेंस से ठीक होता है
कैटरैक्ट:
लेंस पर प्रोटीन का जमाव
सर्जरी से ठीक होती है
रंगीन दुनिया
डिस्पर्शन:
प्रकाश का विभाजन
विबग्योर
रेनबो:
पानी की बूंदों में प्रकाश विभाजन से बनता है
एटमॉस्फेरिक रेफ्रेक्शन:
बेंडिंग ऑफ लाइट इन एटमॉस्फेयर
स्टार्स की टिमटिमाहट
एडवांस सनराइज, डिलेड सनसेट
प्लेनेट्स डोंट ट्विंकल
स्कैटरिंग ऑफ़ लाइट
एटमॉस्फेरिक पार्टिकल्स लाइट को स्कैटर करते हैं
ब्लू लाइट ज्यादा स्कैटर होती है
इसलिए आकाश का रंग नीला दिखता है
एस्ट्रोनॉट को स्पेस में आकाश काला क्यों दिखता है:
एटमॉस्फेरिक पार्टिकल्स की अनुपस्थिति
नो स्कैटरिंग
समापन
ये सारे विषय कवर किए गए हैं और रिविजन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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