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Alaska's Journey from Russia to America

ये है यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका इसके पास कुल मिला के 50 स्टेट्स हैं यहां पे आपको 49 तो दिख रहे होंगे पर ये जो अलग आपको दिख रहा है जो ऊपर कहीं कनाडा से जुड़ा हुआ है ये है इसका 50 वां स्टेट इसका नाम है अलास्का जब आप ये मैप देखेंगे तो आपके मन में एक सवाल आएगा कि ये अलास्का कनाडा का हिस्सा होना चाहिए था अमेरिका का हिस्सा कैसे है ये एक बहुत ही लॉजिकल और वैलिड सवाल है और इसके पीछे एक बहुत ही इंटरेस्टिंग कहानी है इस कहानी में तीन मेन किरदार हैं अलास्का यूनाइटेड स्टेट्स और रशिया कहानी शुरू होती है साल 1581 से उस टाइम जो रशिया था वह रशियन अंपायर था और रशियन अंपायर का साइज आज के रशिया से बहुत छोटा था तो साल 1581 में रशियन अंपायर ने साइबेरिया में खाने ऑफ सिविर नाम की टेरिटरी को कैप्चर कर लिया था यह टेरिटरी उस समय चंगेज खान के एक वंशज के पास थी और इसको कैप्चर करने के बाद साइबेरिया के दरवाजे रशियन अंपायर के लिए पूरी तरह खुल गए थे इस टेरिटरी को जीतने के बाद रशियंस का बहुत फायदा था क्योंकि वो यहां से ईस्ट की तरफ बढ़ते जा रहे थे इसका एक रीजन था कि उनको अपना एक्सपेंशन करना था अपने अंपायर को बड़ा करना था और दूसरी बात ये थी कि इनको ऐसा लग रहा था कि ईस्ट की तरफ जितना हम जाएंगे वहां पे बहुत फर का ट्रेड होता है तो उस ट्रेड से हमको बहुत पैसा मिलेगा और तीसरा रीजन ये था कि जितने हम आगे बढ़ेंगे जितने लोगों को हम अपने अंपायर में मिलाएंगे उतना हमारे अंपायर का टैक्सेशन से पैसा आएगा तो ओवरऑल रशिया के लिए ईस्ट की तरफ बढ़ना बहुत ही फायदेमंद था अब हम यहां से जंप मार के सीधा पहुंचते हैं साल 1724 में यह वो टाइम था जब रशियंस को यह पता नहीं था कि उनका ये जो पूरा अंपायर है वह ईस्ट में कितना आगे तक जा रहा है मतलब जमीन कहां तक है उनको ऐसा लग रहा था कि रशियन अंपायर जो एशिया का जो एकदम ईस्टर्न मोस्ट कॉर्नर है शायद वो नॉर्थ अमेरिकन कॉन्टिनेंट से टच होता हो तो ये पता करने के लिए रशियन एंपरर पीटर द फर्स्ट जिनको पीटर द ग्रेट भी कहते हैं उन्होंने डिसाइड किया कि वो अपना एक नेवल एक्सपीडिशन भेजेंगे मतलब कुछ बंदों को भेजेंगे कि तुम जाओ एकदम ईस्टन मोस्ट हिस्से में और वहां जाके पता करो कि क्या हम नॉर्थ अमेरिका से डायरेक्टली कनेक्ट होते हैं क्या ये जो पूरा इन्होंने एक्सपीडिशन प्लान किया था इसको फर्स्ट कमचा का एक्सपीडिशन कहते हैं और इसके कमांडर थे टस बेरिंग ये एक्सपीडिशन स्टार्ट हुआ 1725 में और वहां से वो 1731 तक पूरा चला इन छ सालों में इनको ये तो पता चल गया कि इनकी कोस्टल बाउंड्री कितनी लंबी है और सबसे इंपॉर्टेंट बात उनको ये पता चला कि एशिया का जो ईस्टन मोस्ट कॉर्नर है वो अमेरिकन कॉन्टिनेंट से टच नहीं होता है तो ओवरऑल ये एक्सपीडिशन एक सफल एक्सपीडिशन था और इसी वजह से से फिर रशियन एंपरर ने कहा कि तुम फिर से एक एक्सपीडिशन प्लान करो और पूरा हमको मैपिंग करके दो कि वहां पे क्या-क्या चीजें हैं क्या-क्या चीजें हम यूज़ कर सकते हैं और वहां का क्या सिचुएशन है वो पूरा पता करके लेके आओ तो इसीलिए फिर साल 1733 में मतलब फर्स्ट एक्सपीडिशन के जस्ट 2 साल के बाद ये सेकंड एक्सपीडिशन स्टार्ट हुआ इसको सेकंड कमचा द का एक्सपीडिशन या फिर द ग्रेट नॉर्दर्न एक्सपीडिशन कहते हैं और इसमें रशियंस को और बहुत सारी इंफॉर्मेशन मिली इसको भी लीड कर रहे थे कमांडर बटस बेरिंग इस एक्सपीडिशन में उन्होंने नए-नए आइलैंड्स की नई-नई जमीन नों की खोज की जैसे बेरिंग आइलैंड इल्यूशन आइलैंड्स कमांडर आइलैंड पर सबसे इंपॉर्टेंट जो खोज थी उनकी इस एक्सपेडिन में वो थी अलास्का इस खोज की जो सबसे इंपॉर्टेंट बात थी इस पूरे एक्सपीडिशन के लिए वो ये थी कि उन्होंने यहां पे देखा कि क्योंकि यहां बहुत ठंडी है तो यहां पे ऐसे बहुत सारे जानवर हैं जिनके शरीर के ऊपर फर है मोटा-मोटा कोट है और अगर इन जानवरों को हम मार के लेके जाएं तो यहां हम बहुत अच्छा पेल्ट्स का और फर का बिजनेस कर सकते हैं तो इसी वजह से जब ये सेकंड एक्सपेडिन खत्म हुआ तो यहां से बहुत सारे सी टर्स और फॉक्स को ये लोग लेके गए और वहां जब ये रशियन अंपायर की बाउंड्री में पहुंचे और वहां के रशियन हंटर्स ने देखा कि यहां तो इतने सारे ऐसे जानवर हैं जिनमें फर लगा हुआ है तब उनको लगा कि ये जहां से आ रहे हैं अलास्का से अगर हम भी वहां पे जाके हंटिंग करें यही जानवर अगर हम लेके आए तो हम कितना पैसा कमा सकते हैं पैसा ही पैसा होगा तो इस तरह से 1770 के दशक में रशियंस ये अलास्का के कोस्टल रीजंस में आके रहने लग गए अब यहां पे ट्विस्ट ये है कि जब रशियन सेटलर्स यहां पे रहने के लिए आए और कोस्टल रीजंस में आके सेटल हो गए तो ऑलरेडी यहां पे नेटिव अलाक रहते थे यानी ऑलरेडी कुछ लोग थे जो यहां पे थे और ओबवियसली उनको इस बात से आपत्ति थी कि कौन से लोग हैं जो यहां पे आके रहने लग गए हैं ये वही बात है कि आपने एक बहुत बड़ा प्लॉट लिया हुआ है और कोई और आके वहां पे रहने लग जाए तो इसीलिए फिर वहां रशियंस की और नेटिव अलास्कान की लड़ाई हुई एक पर्टिकुलर नेटिव ट्राइब थी जिसका नाम उन्नन था उन्होंने पहली बार रशियंस का सामना किया अब नेटिव लोगों के पास तो क्या था बस लकड़ी के हथियार या कुछ पत्थर के हथियार या ज्यादा से ज्यादा धनुष भाण उसके सामने रशियंस के पास थे मॉडर्न वेपंस उनके पास तलवारें थी उनके पास मेटल के भाले थे उनके पास गन पाउडर था और उनके पास मस्कट थी तो कहां एक तरफ आपके पास लकड़ी के हथियार है और कहां आपके पास मॉडर्न वेपन री तो ऑब् वियस जब रशियंस और नेटिव लोगों की लड़ाई हुई तो उसमें रशियंस की जीत हुई और फिर इन्हीं रशियंस ने इन सारे नेटिव लोगों को पकड़ना शुरू किया और उनसे ही यह लोग यहां के जो जानवर थे उनका शिकार करवाते थे पहले तो रशियंस ने नेटिव लोगों को अपने वेपन से दबाया उसके बाद क्योंकि वह यूरोप से आए थे तो उनके पास बहुत सारे ऐसे जर्म्स थे बहुत सारी ऐसी बीमारियां थी जो नेटिव लोगों के लिए बिल्कुल नहीं थी तो इस वजह से बहुत सारे नेटिव लोग बीमारियों से मर रहे थे ऐसी बीमारियां जो यूरोप से आई थी अब अगर देखा जाए तो अलास्का के अंदर रशियंस की संख्या बहुत ही कम थी इनफैक्ट अपने पीक पे पूरे अलास्का में सिर्फ 800 रशियंस रहते थे उसके जवाब में ऐसा माना जाता है कि जब रशियंस यहां पे आए तो पूरे अलास्का में लगभग एक लाख नेटिव लोग थे ओबवियसली ये 1 लाख नेटिव्स एक साथ नहीं रहते थे अलास्का बहुत बड़ा है तो अलग-अलग जगह इनकी छोटी-छोटी ट्राइब्स थी बट पहली बार जब रशियंस के साथ इन नेटिव्स का सामना हुआ तो उनकी वहां पे हार हुई अब रशियंस भी ये बात देख रहे थे कि अलास्का में वो पूरी तरह अकेले हैं यहां कोई खेती नहीं होती आप कुछ उगा नहीं सकते और अगर आपको अपने रशियन अंपायर की राजधानी सेंट पीटर्सबर्ग से बात करनी है तो आपको अपना मैसेज पहुंचाने के लिए महीनों या सालों लग सकते हैं तो आप समझ सकते हैं कि यहां जो रशियंस थे वो बहुत ही अकेला और बहुत ही बोर्डन फील कर रहे थे तो इसीलिए इन रशियंस ने अलास्का से दक्षिण की तरफ मूव करना शुरू किया अब जब वो दक्षिण की तरफ मूव कर रहे थे तो उनको यहां पे आके मिला यूनाइटेड स्टेट्स का वेस्टर्न कोस्ट हालांकि अलग बात है कि जब ये रशियंस यहां वेस्टर्न कोस्ट पे पहुंचे थे तो उस समय वो वेस्टर्न कोस्ट यूनाइटेड स्टेट्स का नहीं था उस समय कैलिफोर्निया जो है वो स्पेन के लोगों के पास था तो साल 1812 में रशियंस यहां नीचे कैलिफोर्निया तक आ गए थे और इनफैक्ट कैलिफोर्निया में फोर्ट रॉस में उन्होंने एक छोटा सा सेटलमेंट भी बनाया था ये आज हम सोचते हैं तो बहुत अजीब लगता है बट हां रशियंस का फुटप्रिंट अमेरिका में कैलिफोर्निया में भी था और इसके कुछ टाइम के बाद जो कंपनी रशियंस को यहां भेज रही थी इस फर के ट्रेड को कराने के लिए हेल्प कर रही थी वो कंपनी फेल हो गई उसके अलावा जो यहां पे इतने सारे सी टर्स भर भर के लोग रशिया भेज रहे थे ट्रेड कर रहे थे उन सी टर्स की पॉपुलेशन कम हो रही थी वो लोग एक्सटिंक्ट होने वाले थे और क्योंकि अलास्का इतना दूर था इसी वजह से वहां पे सेटलमेंट बनाना बहुत सारे लोगों को लाना भी आसान नहीं था क्योंकि उस टाइम वहां पे आसानी से खेती होती नहीं थी आप घर से इतना दूर हो और ऐसा भी नहीं है कि आप यहां पे आ रहे हो तो आपको सैलरी मिल रही है आप यहां पे आ रहे हो इन सी ऑट्स को पकड़ के आगे बेचने के लिए पर जब सी टर्स की पॉपुलेशन ही खत्म हो गई है तो आप यहां से पैसा भी नहीं कमा पाओगे तो रशियंस को यहां पे प्रॉब्लम होने लगी और इसीलिए फिर रशियंस ने अपने सीनियर लोगों को अपने बसेस को बताया कि भैया अलास्का में बहुत प्रॉब्लम हो रही है अभी क्या करना है आप बताओ मुझे कैसे भी करके निकाल मेरे भाई मैं फंस गया हो गया अब दूसरी तरफ जब रशिया को ये बात पता चली तो उनकी यूरोप में एक अलग ही खिचड़ी पक रही थी ये बात है 1850 के स्टार्टिंग की और 18533 6 ततक रशिया एक वन में उलझा हुआ था इसको क्रीमियन वॉर कहते हैं इसमें एक तरफ था रशियन अंपायर और सामने था फ्रांस ऑटोमन अंपायर सार्डी निया पीमन और ब्रिटेन ये ब्रिटेन मैं आपको बता रहा हूं यूरोप की हर लड़ाई में किसी ना किसी तरह से तो घुसा ही होता है क्रीमियन वॉर में रशियन अंपायर की हार हुई थी और इस हार के बाद उनको बहुत नुकसान हुआ था उनकी आर्थिक हालत बहुत ही खराब थी और उनको चाहिए था पैसा और जब उनको बताया गया कि हमने जो अलास्का में सेटलमेंट बना के रखी है वहां से हम फर ट्रेड करने की कोशिश कर रहे हैं अब वहां से भी पैसा नहीं आएगा तब इनको लगा कि ये एक प्रॉपर्टी हमने खरीद ली है जिससे कुछ फायदा नहीं होने है तो इसको हम बेच देते हैं अब बेचे किसको तो इसके लिए फिर से एक बार मैप पे नजर डालते हैं अलास्का को अगर आप देखेंगे तो आप पाएंगे कि कनाडा से बिल्कुल जुड़ा हुआ है तो ये बहुत ही नेचुरल लगता है कि आप सबसे पहले कनाडा के पास जाओगे कि आपको अलास्का खरीदना है क्या परंतु रशियन अंपायर को कनाडा को तो यह बिल्कुल नहीं बेचना था क्यों क्योंकि उस समय कनाडा पे ब्रिटिश लोगों का राज था और ये वही ब्रिटिश लोग थे जिसने अभी-अभी क्रीमियन वॉर में रशियन अंपायर को हराया था तो रशियन अंपायर पूरी तरह खुन्नस में थे कि ब्रिटेन को तो हम ये अलास्का नहीं बेज उसके अलावा रशियन अंपायर के सामने एक और चुनौती थी जिसके वजह से उनको अलास्का को बेचना पड़ रहा था क्योंकि अलास्का इतना दूर था सेंट पीटर्सबर्ग से कि अगर ब्रिटिश लोग चाहे जो ऑलरेडी कनाडा में है तो सीधे अलास्का में घुस जाएंगे और सेंट पीटर्सबर्ग से हम आर्मी ही नहीं भेज पाएंगे अलास्का को डिफेंड करने के लिए तो रशियन अंपायर को लग रहा था कि इससे पहले कि ब्रिटिश हमसे जबरदस्ती बिना कोई पैसे दिए अलास्का को छीन ले क्यों ना हम खुद जाके इसको किसी को बेच दें अब कनाडा को तो वो नहीं बेचने वाले थे तो नेक्स्ट ऑप्शन कौन था नीचे यूनाइटेड स्टेट्स तो फिर रशियंस गए अमेरिकंस के पास और उन्होंने कहा कि हम अलास्का बेचना चाहते हैं आपको खरीदना है क्या ये बात है 1850 की और ये वो टाइम था जब यूनाइटेड स्टेट्स खुद अपनी बाउंड्रीज को बढ़ाने में लगा हुआ था उन्होंने टेक्सस को ऑलरेडी अपने में मिला लिया था उसके बा मैंने एक वीडियो भी बनाया है लिंक डिस्क्रिप्शन में है उसके बाद उन्होंने मेक्सिको से लड़ाई की उस लड़ाई में यूनाइटेड स्टेट्स की जीत हुई जिसके बाद उसको वेस्टर्न कोस्ट का बहुत सारा एरिया मिल गया तो ऑलरेडी यूनाइटेड स्टेट्स फुल पेंशन मोड में था तो जब उनके पास ये अलास्का को खरीदने का ऑफर आया तो वो लोग फुल राजी थे कि हमको तो यह जमीन चाहिए परंतु यह बात है मिड 1850 की जब अमेरिका के अंदर ऑलरेडी एक अंदरूनी टेंशन चल रही थी और वो टेंशन थी सिविल वॉर की ये वो टाइम था जब अमेरिका के अंदर दो गुट बन गए थे जो यूनाइटेड स्टेट्स के ऊपर वाले नॉर्दर्न स्टेट्स थे जिनको हम यूनियन कह देते हैं वो स्लेवरी के अगेंस्ट जा रहे थे और जो नीचे वाले स्टेट्स थे जिनको हम कन्फेडरेशों कह रहे थे कि हम अपने स्लेव्स को नहीं छोड़ेंगे स्लेवरी बरकरार रहेगी तो इसकी वजह से इन लोगों में सिविल वॉर की टेंशन हो रही थी इस वजह से उस समय अमेरिका ने अलास्का की ट्रेड पे ध्यान नहीं दिया उन्होंने कहा हम पहले अपने घर को संभाल लें और जो उनका डर था कि सिविल वॉर हो जाएगा वही हुआ साल 18616 1 में स्टार्ट हुआ था ये 18653 ऑफ स्टेट जिनका जिनका नाम था विलियम सेवर्ड उन्होंने रशियंस को अप्रोच किया कि आप वो अलास्का बेचने की बात कर रहे थे ना आपको अभी भी बेचना है क्या और रशियन अंपायर को तो अलास्का को बेचना ही था उनकी सिचुएशन में कोई चेंज नहीं हुआ था और रशियन अंपायर वाज द ओनली यूरोपियन पावर जो सिविल वॉर के दौरान नॉर्दर्न स्टेट्स यानी यूनियन को सपोर्ट कर रही थी और क्योंकि सिविल वॉर में यूनियन की जीत हुई थी तो ऑब् वियस यूनियन चाहते थे कि रशियन एंपायर के साथ ये डील हो जाए ये जो अलास्का की डील थी इसको अमेरिका की तरफ से सबसे ज्यादा जो सपोर्ट कर रहे थे वो थे सेक्रेटरी ऑफ स्टेट विलियम सीवर्ड और रशियन एंपायर की तरफ से जो इस डील को सबसे ज्यादा सपोर्ट कर रहे थे वो थे रशियन एंपरर के छोटे भाई ग्रैंड ड्यूक कांस्टेंटिन और रशियन डिप्लोमेट एडवर्ड स्टोक उसके बाद फिर यूनाइटेड स्टेट्स और रशियन एंपायर के बीच में नेगोशिएशन स्टार्ट हुए अब यहां पे दिलचस्प बात ये है कि रशियन एंपरर जयर एलेग्जेंडर ने कहा था कि कुछ भी हो जाए हम अलास्का को 5 मिलियन डॉलर से कम तो नहीं बेचेंगे ये डील एक बिल्कुल मॉडर्न रियल स्टेट डील की तरह थी जहां पे रशियंस कह रहे थे कि अलास्का में तो बहुत कुछ है वहां तो रिसोर्सेस हैं हम आपको बहुत कम पैसे बेच रहे हैं आप ले लो पर अमेरिकंस कह रहे थे कि अगर इतना अच्छा है तो आप ही क्यों बेच रहे हो तने मेरे को येना समझाए तो बहुत ये नेगोशिएशन चला फिर फाइनली मार्च 187 में जाके इन दोनों ने उस डील पे हाथ मिला लिए और 18 अक्टूबर साल 186 7 को ऑफिशियल अलास्का यूनाइटेड स्टेट्स का हिस्सा हो गया अब बात करते हैं कि डील कितने पैसे में हुई थी उस जमाने में अमेरिका ने रशियन अंपायर को दिए थे 7.2 मिलियन डॉलर्स जो कि आज की तारीख में रफ बन जा जाता है 130 मिलियन यूएस डॉलर अगर आपको ये लग रहा है कि ये तो बहुत कम भाव है तो ये बिल्कुल सही लग रहा है आपको आप सोच के देखिए कि आज की तारीख में अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है उनकी इकॉनमी कहीं ट्रिलियंस में है और कहां उन्होंने आज के दाम पे 130 मिलियन डॉलर देके उन्होंने अलास्का को खरीद लिया जब मैं आपको पर एकड़ का कॉस्ट बताऊंगा तो आपके होश उठ जाएंगे तो देखिए पूरे अलास्का में 365 मिलियन एकड़ जमीन थी और उसको उन्होंने खरीदा था 7.2 मिलियन य यूएस डॉलर तो अगर इस कैलकुलेशन को य करें तो उस जमाने में एक एकड़ का अमेरिका ने 2 सेंट के आसपास दिया था और उसको अगर दो सेंट को आज के आ आप कन्वर्ट करो तो लगभग 50 45 सेंट बनता है यानी रुपीज में अगर आप देखो तो अमेरिका ने आज के ₹ पर एकड़ के दाम पे अलास्का खरीद लिया इसीलिए बहुत लोग कहते हैं कि अमेरिका ने लिटरली चवन्नी के भाव पे अलास्का को खरीदा था अब अमेरिका ने अलास्का खरीद तो लिया और इनिशियली अमेरिकन जनता बहुत खुश थी इस परचेस से और लोग कह रहे थे कि हमने अपनी टेरिटरी को और बढ़ा लिया पर कुछ क्रिटिक्स थे जो ये कह रहे थे कि हमने बहुत बड़ी गलती कर दी है लोग यह कह रहे थे कि रशिया को अपने सर से मुसीबत हटानी थी किसी और के माथे मरनी थी और हमने पैसे देके उस मुसीबत को खरीद लिया वहां पे कुछ हो नहीं रहा है जो सी टर्स वो बेचते थे वो वहां पे खत्म हो चुके हैं तो हमने क्यों 7.2 मिलियन डॉलर खर्चा किया वहां पे कोई बिजनेस नहीं है और इसी वजह से उन अमेरिकन पॉलिटिशियन विलियम सीवर्ड जिन्होंने इस डील को बहुत सपोर्ट किया था उनको गालियां पड़ने लगी लोग कहने लगे कि सीवर्ड ने ऐसे ही टैक्स पेयर्स बनी स् कर दी और अलास्का को वो लोग कहने लगे सीवर्ट्स पॉली या सी वर्ड्स आइस बॉक्स मतलब सीवर्ड ने अपने मौज के लिए एक हमारे लिए आइस बॉक्स खरीद लिया जिसका कोई काम नहीं होगा और अगर देखा जाए तो यूएस गवर्नमेंट ने भी अलास्का को खरीदने के बाद वहां कुछ खास किया नहीं शुरुआती दशकों में परंतु फिर से एक ट्विस्ट आता है साल 18971 में क्लोंड आइक नदी में गोल्ड मिलने लगा वहां पे लोगों को सोना मिलने लगा और जब यह बात बाहर पहुंची कि लोंडा इक नदी में सोना मिल रहा है तो भर-भर के अमेरिका और कनाडा से लोग अलास्का जाने लगे उस सोने की खोज में तो इस तरह से अलास्का में यह गोल्ड रश शुरू हो गया जो इतने सारे लोग भर भर के अब अलास्का में आ रहे थे उसके वजह से अलास्का की जो नेटिव पॉपुलेशन थी उन पे बहुत ही भयंकर प्रभाव पड़ रहा था जैसे मैंने आपको पहले बताया कि जब 1741 में पहली बार यहां पे बेरिंग आए थे तो वहां पे लगभग 1 लाख नेटिव लोग रहते थे और ये बहुत अलग-अलग ट्राइब्स में थे इनमें से मेन ट्राइब्स थी इनु इट यूपिक उन गन और टिलिंग इट हालांकि इनके साथ ने हजार से भी कम रशियंस थे पर क्योंकि उनके पास वो वेपन नहीं थी इसी वजह से इनको रशियंस के नीचे रहना पड़ा और उसके बाद जब अमेरिकंस ने यह डील की और अलास्का को खरीद लिया तो अमेरिकंस ने भी इन नेटिव्स के साथ वही बर्ताव किया वो भी उनको दुश्मन ही मान रहे थे और यहां सबसे बड़ी विडंबना की बात यह है कि अलास्का अगर आप देखो तो ओरिजनली नेटिव्स का ही था सबसे पहले नेटिव्स वहां पे रह रहे थे पर ये जो पूरी डील हुई अलास्का की उसमें नेटिव से तो किसी ने कुछ पूछा ही नहीं वही बात हो गई कि आपकी जमीन प कोई और आके रहने लगा और आपसे उसने काम करवाया उसके बाद आपकी जमीन को बिना आपसे पूछे किसी और को बेच के चला गया और फिर जो नया बंदा आया है वो भी आपको परेशान नहीं कर रहा है यूनाइटेड स्टेट्स ने अलास्का को खरीद तो लिया था पर अलास्का में जो नेटिव रहते थे उनको यूनाइटेड स्टेट्स ने सिटीजनशिप नहीं दी और ये ऐसा ही चलता रहा 1924 तक जब फाइनली इंडियन सिटीजनशिप एक्ट आया और फिर ये सिचुएशन थोड़ी सी इंप्रूव हुई इस एक्ट के आने के पहले तक तो नेटिव्स की हालत वहां बहुत ही खराब थी उनकी अपनी ही जमीन अपने ही अलास्का में वो प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकते थे वो वहां खुदाई नहीं कर सकते थे इनफैक्ट उनको कभी किसी पब्लिक जगह पे जाना हो तो वहां पे उनको जाना अलाउड नहीं था बहुत जगह ऐसे पोस्टर लगे रहते थे नो डॉग्स एंड नो नेटिव्स अलाउड इस तरह का ट्रीटमेंट उनको अपनी ही जमीन पे देखना पड़ रहा था उसके बाद फिर 1936 में इंडियन रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट आया जिसमें यूनाइटेड स्टेट्स ने उनको ये परमिशन दी कि आप ट्राइबल गवर्नमेंट बना सकते हो इसके बाद साल 1945 में आता है एंटी डिस्क्रिमिनेशन एक्ट और इसके अंतर्गत जो नेटिव्स के साथ इतना बुरा सलूक किया जा रहा था अत्याचार हो रहा था उस पे थोड़ी रोक लगी और ये जो साइंस लगे होते थे कि नो डॉग्स एंड नो नेटिव्स अलाउड उन सबको हटाया गया देखिए अभी तक अलास्का यूनाइटेड स्टेट्स की सिर्फ एक टेरिटरी थी पर 1959 में अमेरिकन प्रेसिडेंट ड्वाइट आइजनहावर ने अलास्का स्टेटहुड एक्ट पे साइन किया और उसके बाद अलास्का ऑफिशियल यूनाइटेड स्टेट्स का एक स्टेट बन गया और इसी वजह से आज अलास्का दिखता तो कनाडा के पास है पर वह अमेरिका का स्टेट है जब रशियंस अलास्का को अमेरिका को बेच रहे थे तो उनको नहीं पता था कि अलास्का आगे आने वाले दशकों में कितना पैसा कमा के देने वाला है पहले तो अलास्का में निकला गोल्ड जब दुनिया भर के लोग वहां गोल्ड की तलाश में आ रहे थे उसके बाद वहां पे निकला सिल्वर जिंक कॉपर कोल और सबसे इंपॉर्टेंट वहां पे निकला ऑयल अलास्का से इतना ऑयल प्रोड्यूस होता है कि अगर आज की तारीख में आप 2023 का जब अलास्का का जीडीपी देखेंगे तो आप पाएंगे कि वह 53 बिलियन डॉलर्स है अमेरिका ने अलास्का को 7.2 मिलियन यानी आज की तारीख में 130 मिलियन डॉलर में खरीदा था और 53 बिलियन डॉलर एक साल में वो लोग वहां से जीडीपी निकाल लेते हैं इससे बेहतर रियल एस्टेट डील हो नहीं सकती आज बहुत सारे लोग ये बात करते हैं कि क्या रशिया इस बात को रिग्रेट करता है इनफैक्ट अगर आप से एनालाइज करते हो तो हमारे सामने सारा डाटा होता है हमने देख लिया होता है कि बाद में क्या-क्या निकला वहां से सोना निकला मतलब इतना मेटल निकला तेल निकला पर 186 7 में जब ये डील हो रही थी उस टाइम किसी को भी पता नहीं था कि यहां से क्या-क्या निकलेगा अमेरिकंस को भी पता नहीं था वो सिर्फ अपनी टेरिटरी बढ़ाना चाह रहे थे और उनको लग रहा था कि यहां से हम कुछ मछलियों का व्यापार कर लेंगे उनको नहीं पता था कि यहां पे क्या-क्या निकलने वाला है तो आप सोच के देखिए कि अगर 186 7 में आप रशिया के एंपरर होते और आपके सामने फैसला होता कि अलास्का जो है बिल्कुल कनाडा से लगा हुआ है कनाडा में ब्रिटिश लोग हैं और ब्रिटिश लोग आसानी से अलास्का में घुस जाएंगे और अलास्का में आपके हजार लोग भी नहीं है तो क्या अलास्का को आप बचा पाओगे नहीं बचा पाओगे जबरदस्ती ब्रिटेन कनाडा के साथ अलास्का को जोड़ देगा और आपके हाथ में कुछ भी नहीं आएगा तो इससे बेहतर ये नहीं होगा कि आप खुद से जाके उसको बेच दो कुछ पैसा तो आपको मिले पर इसके जवाब में कुछ लोग यह भी काउंटर करते हैं कि नहीं आपको यह अंदाजा होना चाहिए था कि अगर आपने यूनाइटेड स्टेट्स को बेच दिया तो यूनाइटेड स्टेट्स फिर आर्कटिक के रीजन में पेसिफिक के रीजन में डोमिनेट करने लगेगा और सही बात है कि आज भी अलास्का में इतने लोग रहते हैं और उसमें बहुत सारे लोग मिलिट्री के लोग हैं यूएस मिलिट्री की बहुत स्ट्रांग प्रेजेंस है अलास्का में क्योंकि अलास्का के वजह से यूएस को आर्कटिक के और पैसिफिक के रीजन में बहुत जबरदस्त डोमिनेंस मिलता है जब आर्कटिक सागर की बात होती है वहां की रिसोर्सेस की बात होती है तो अमेरिका भी उसमें क्लेम करता है क्योंकि अलास्का अमेरिका का है अगर अलास्का अमेरिका का नहीं होता और वो रशिया का होता तो आर्कटिक के रीजन में अमेरिका का कोई भी से नहीं होता उनकी बात नहीं सुनी जाती पर क्योंकि अमेरिका ने वो डील की रशिया ने अलास्का बेच दिया इसी वजह से आज का जिओ पॉलिटिक्स कितना निर्भर करता है आर्कटिक के रीजन का अलास्का के ऊपर इसके बारे में आपकी क्या रय है अगर आप रशियन एंपरर होते और आपके सामने वो सिचुएशन बनी हुई थी कि आप अभी भी वॉर हारे हो और ब्रिटेन का वो टेंशन चल रहा है वो ब्रिटेन लोग घुस जाएंगे अलास्का के अंदर आपसे छीन लेंगे तो क्या आप ये डील करते कि क्या आपने फौजियों को अलास्का में भेजते और ये आगे का सोचते कि मुझे यूनाइटेड स्टेट्स को मजबूत नहीं होने देना है मैं अपनी और मिलिट्री भेज दूंगा बट मैं बेचूंगा नहीं इसको आप क्या करते हो सिचुएशन में मुझे कमेंट्स में जरूर बताना और अगर आपको ये वीडियो अच्छा लगा 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