हेलो एवरीबॉडी आई होप यू ऑल आर डूइंग गुड आई एम दीपिका फ्रॉम लर्न हब एक ऐसा फ्री लर्निंग प्लेटफॉर्म जहां पर आप पढ़ सकते हो फिजिक्स केमिस्ट्री मैथ्स बायोलॉजी एसएसटी एब्सलूट फॉर फ्री ओनली @ learn.com तो बच्चों आज हम शुरू करने जा रहे हैं क्लास सेवन बायोलॉजी का लास्ट चैप्टर एंड द चैप्टर नेम इज एलोजी एक ऐसी सेंसिटिविटी जो बहुत सारे बच्चों ने लोगों ने अपने अंदर फील की होगी एंड द रीज़न कैन बी एनीथिंग राइट तो आज हम इसी एलर्जी को इन डिटेल डिस्कस करेंगे सो विदाउट वेस्टिंग एनी टाइम लेट्स गेट स्टार्टेड बहुत बार आपने देखा होगा कि आपकी स्किन में रशेस हो जाते हैं स्किन में रेडनेस हो जाती है और जहां पर रेडनेस होती है वहां से आप आपको एक हीटेड फीलिंग आने लगती है कुछ गर्म जैसे कुछ लग रहा हो वैसी फीलिंग आने लगती है और कई बार ऐसा भी होता है कि अगर आप अ कहीं बाहर हो बहुत हवा चल रही है उस हवा में अ कुछ भी हो सकता है जिसकी वजह से आपको आप कंटीन्यूअसली स्नीज करने लग जाते हो तो ये जो सारी चीजें हैं दीज आर एलर्जी सो बेसिकली एलर्जी एक कांसेप्ट है जो इंट्रोड्यूस किया था 1906 में बाय अ विनीज पीडियाट्रिशियन जिनका नाम था क्लिमेंस परकू तो इन्होंने ये नोटिस किया कि इनके जितने भी पेशेंट्स हैं वो कुछ ऐसी चीजों को लेकर काफी सेंसिटिव है उनकी बॉडी जो अदर वाइज हार्मलेस सब्सटेंसस हैं जैसे हार्मलेस सब्सटेंसस जैसे कि डस्ट हो गया जैसे कि पॉलिस हो गए जैसे कि कुछ खाने की चीजें हो गई तो इन सब्सटेंसस को लेके ना उनके कुछ पेशेंट्स काफी सेंसिटिव थे उनमें उनकी बॉडी काफी अ काफी रिस्पांसस जनरेट करती थी जब वो लोग इन चीजों के टच में आते थे तो उन्होंने इसको नाम दिया एलर्जी और एलर्जी में एलर्जी का ग्रीक में मतलब होता है अदर वर्क तो बेसिकली एलर्जी जो है ना वो एक एक उसको हम एलर्जिक डिजीज भी बुलाते हैं मतलब कुछ ऐसी कंडीशन जिसमें हमारी हमारा जो इम्यून सिस्टम है वो हाइपर सेंसिटिव हो जाता है लेकिन बाकी सारे जो लोग हैं जो और लोग हैं उनको इससे कोई फर्क नहीं पड़ता मतलब एक सेट ऑफ पीपल है मान लो 100 लोग हैं 100 में से 10 ऐसे लोग हैं जो एनवायरमेंट में कोई ऐसी चीज है जिससे मान लो डस्ट है और डस्ट से ना उनका इम्यून सिस्टम एकदम हाइपर सेंसिटिव है एकदम सेंसिटिव हो जाती है हो जाता है उनका इम्यून सिस्टम लेकिन बाकी के जो 90 लोग हैं उनको उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है ठीक है तो इस कंडीशन को बुलाते हैं एलर्जी तो यहां पर हम एक वर्ड सुन रहे हैं इम्यून सिस्टम तो इम्यून सिस्टम बेसिकली एक डिफेंस सिस्टम है हमारी बॉडी का नाउ अब ये जो एलर्जी होती है ना एलर्जी कुछ सब्सटेंसस से होती है तो जैसे हमने डिस्कस किया कि अगर 100 लोग हैं ना तो उसमें से 90 ऐसे होंगे ना जिनको कोई फर्क नहीं पड़ता उन चीजों से लेकिन 10 ऐसे होंगे जो बहुत सीवियरली अफेक्ट होती है जिनकी बॉडी इन पर्टिकुलर सब्सटेंसस से तो एलर्जेंस बेसिकली वही सब्सटेंसस होते हैं जो एलर्जी कॉज करते हैं तो कॉमन एलर्जी हैं डस्ट स्पोर्स पोलेन इंसेक्ट स्टिंग्स कुछ क्लोथ्स और फूड तो बहुत सारे तरह के एलर्जन होते हैं जैसे कि कुछ लोग होते हैं जिनको मशरूम से एलर्जी होती है कुछ लोग होते हैं जिन्हें पीनट से एलर्जी होती है सो देयर आर डिफरेंट रिस्पांसस दैट आवर बॉडी जनरेट टू दीज एलर्जेंस ठीक है कई ऐसे लोग होते हैं जिनको कोई फर्क ही नहीं पड़ता जो मर्जी खाओ ठीक है जहां मर्जी घूमो देयर इज नो प्रॉब्लम राइट बट दीज सब्सटेंसस व्हिच कॉसेस एलर्जी दे आर कॉल्ड एज जल्दी से बोलो एलर्जेंस वेरी गुड ओके तो जब भी कोई अनवांटेड पार्टिकल अब हमारी बॉडी में एंटर कर गया है अब क्या होगा अब जो हमारा इम्यून सिस्टम है ना वो प्रोड्यूस करेगा कुछ इम्यूनोग्लोबुलिंस ठीक है तो इम्यूनोग्लोबुलिंस को हम इन शॉर्ट आईजी भी लिखते हैं तो जब हम बड़ी क्लासेस में जाएंगे तो हम देखेंगे कि बहुत सारे तरह के इम्यूनोग्लोबुलिंस होते हैं तो ये बेसिकली वो प्रोटींस होते हैं जो स्पेसिफिक होते हैं कि किसी एलर्जन के लिए तो ऐसा है कि अगर आपकी बॉडी है डस्ट से बहुत ज्यादा सेंसिटिव तो क्या होगा आप जब आपकी बॉडी डस्ट के कांटेक्ट में आएगी तो क्या होगा हमारा जो इम्यून सिस्टम है वो ऐसा इम्यूनोग्लोबुलिंस पर्टिकुलर डस्ट के अगेंस्ट स्पेसिफिक है और उस डस्ट से होने वाले किसी भी तरह के रिएक्शन से हमारी बॉडी को बचाएगा ठीक है तो हर एक पर्टिकुलर एलर्जन के अगेंस्ट हमारी बॉडी में कुछ इम्यूनोग्लोबुलिंस होते हैं व्हिच आर स्पे स्पेसिफिक टू दैट पर्टिकुलर एलर्जन क्लियर नाउ द प्रोटींस दे बाइंडर एलर्जन एंड देन डब्ल्यूबीसी ऑफ द सेल तो इम्यूनोग्लोबुलिंस जो है ना वो कुछ ऐसे स्ट्रक्चर्स होते हैं वाई शेप्ड स्ट्रक्चर्स होते हैं और एक नहीं होता है बहुत सारे हमारे ब्लड में होते हैं तो अब प्रोटींस होते हैं कुछ जो हमारे एलर्जन से बाइंडर हैं सो बेसिकली दे आर द इम्यूनोग्लोबुलिंस तो मान लो ये एक डस्ट पार्टिकल आ गया है तो इससे आके ना हमारा जो स्पेसिफिक है वो बाइंडर जाएगा और फिर यह जाके बाइंडर जाएंगे डब्ल्यूबीसी व्हाट आर दीज डब्ल्यूबीसी दे आर द वाइट ब्लड सेल्स और वाइट ब्लड सेल्स का हमने फंक्शन पढ़ा है क्या फंक्शन है वाइट ब्लड सेल्स का वाइट ब्लड सेल्स का फंक्शन है हमारी बॉडी को बचाना हमारी बॉडी का जो अ डिजीज कॉजिंग ऑर्गेनिस्ट मस है उनसे बचाए रखना ठीक है तो अब जैसे ही हमारी बॉडी इस एलर्जन के कांटेक्ट में आई है वैसे ही हमारे रे अंदर कुछ इंफ्लेमेटरी केमिकल्स ट्रिगर हो गए हैं और इन केमिकल्स को हम बुलाते हैं हिस्टामिन क्या बुलाते हैं हिस्टमर सो रिमेंबर दिस वर्ड सो एज सून एज यू कम इन कांटेक्ट विद एलर्जन योर बॉडी ट्रिगर्स अ रिस्पांस अ अ रिलीजस अ केमिकल फॉर दैट पर्टिकुलर एलर्जन एंड दैट इज कॉल्ड एज हिस्टमर तो अब ये जो हिस्टमर होते हैं ना ये बेसिकली हमारी बॉडी में ना एलर्जिक सिमटम्स शो करते हैं तो हमें कैसे पता चलेगा कि हमें किसी चीज से एलर्जी है या कोई चीज ऐसी है जो हमारी बॉडी में कुछ तो प्रॉब्लम क्रिएट कर रही है तो उसके लिए हमारी बॉडी में ये जो केमिकल बन रहा है दैट इज हिस्टमर ये हिस्टमर बॉडी में वो सिम्टम्स लेके आएगा जिससे हमें पता चलेगा कि हमारी बॉडी इस पर्टिकुलर सब्सटेंस से थोड़ा प्रॉब्लम ये पर्टिकुलर सब्सटेंस हमारी बॉडी में थोड़ा प्रॉब्लम क्रिएट करता है तो अब ये जो सिम्टम्स हैं एलर्जी के ये कैसे होते हैं जैसे कि इंफ्लेमेशन आपने देखा होगा कई बार रेडनेस हो जाती है और फिर वहां पर थोड़ी सी स्किन में स्किन फूल जाती है और वहीं पर आपको ना थोड़ी बर्निंग सेंसेशन होती है सो दैट इज इंफ्लेमेशन देन स्किन रशेस और द कंस्ट्रक्शन ऑफ ब्रॉकल्स तो ये कंस्ट्रक्शन ऑफ ब्रॉकल्स बहुत कॉमनली हमें देखने को मिलते हैं एस्मा पेशेंट्स में तो यहां पर जो ब्लड वेसल्स होती है ना वो कंस्ट्रिक्ट हो जाती हैं अंदर से मतलब कि अदर वाइज व काफी वाइड होंगी लेकिन यहां पर क्या होता है कि वो नैरो हो जाती हैं क्या हो जाती हैं नैरो ठीक है सो दिस इज कंस्ट्रक्शन ऑफ ब्रॉकल्स क्लियर सो आई होप द कांसेप्ट ऑफ एलर्जी एंड द एलर्जेंस इज क्लियर टू यू अब हम आगे बढ़ते हैं जहां पर हम ये देखेंगे कि थ्रू आउट द वर्ल्ड कैसी-कैसी एलर्जी होती है तो बड़ी अलग-अलग तरह की होती है जैसे अगर आप मोस्ट डेवलप्ड कंट्रीज में देखोगे ना तो लोग ज्यादा एलर्जिक होते हैं ठीक है तो इन कंट्रीज में जो ये हमारे एलर्जेंस होते हैं ये काफी कम होते हैं और यहां पर लोग जो है ना वो ज्यादा एलर्जिक होते हैं मतलब वो छोटी-छोटी चीजों में उनकी बॉडी काफी ज्यादा हाइपर सेंसिटिविटी क्रिएट करती है जैसे 20 पर ऑफ द पीपल थ्रू आउट द वर्ल्ड आर अफेक्टेड विद एलर्जिक रिनाइट विद व्हाट एलर्जिक रिनाइट ठीक है तो इसमें क्या होता है कि रनिंग नोज नाक जो है व बहती ही रहती है अराउंड सॉरी अराउंड 6 पर ऑफ पीपल थ्रू आउट द वर्ल्ड आर हैविंग फूड एलर्जी ठीक है एंड नाउ अराउंड 20 पर हैव एलर्जिक डर्मेटाइटिस सो दे हैव एलर्जिक डर्मेटाइटिस जहां पर य जो सिमटम्स है नाय स्किन पे आते हैं स्किन में रशेस होना इंफ्लेमेशन होना सो दिस इज वेरी कॉमन इसके सिवा हमारी अ वर्ल्ड में थ्रू आउट द वर्ल्ड अराउंड 1 टू 18 पर ऐसे लोग हैं जिन्हें एस्मा की कंडीशन जिनमें देखी गई है और जैसे-जैसे हमारी बॉडी फास्ट फूड के कांटेक्ट में आती है जिससे न्यूट्रिशन बिल्कुल भी नहीं मिलता है और दूसरा हमारी बॉडी किसी ऐसे एनवायरमेंट में है जहां पर बहुत ज्यादा पोल्यूशन है बहुत ज्यादा पोल्यूटेंट्स हैं तो ऐसी चीजें फास्ट फूड और पोल्यूटेंट्स हमारी बॉडी को ज्यादा अ ससेप्टिबल बनाती हैं टुवर्ड्स दीज एलर्जी ठीक है सो आई होप इतना जो कांसेप्ट है एलर्जी का वो समझ आ गया है तो अगर कोई भी डाउट है प्लीज आस्क इट ऑन आस्क क्वेश्चन सेक्शन ऑफ learn.com नाउ कमिंग ऑन टू द एंट्री रूट फॉर एलर्जी तो एलर्जी इस का एंट्री रूट क्या है तो मतलब कि यह जो एलर्जेंस है ना ये एंटर कहां से हो रहे हैं तो एंटर ये हो रहे हैं तीन जगह से स्किन माउथ एंड नोज स्किन से कैसे मतलब कोई भी ऐसी चीज जिससे हमारी बॉडी सेंसिटिव है तो हमारी बॉ जब हमारी स्किन के कांटेक्ट में वो चीज आती है तो हमारी बॉडी एक हाइपर सेंसिटिविटी से जो है वो जनरेट करती है तो यहां पर क्या होता है कि लेटेक्स या फिर कुछ ऐसे अ क्लोज्स या फिर इंसेक्ट बाइट्स जो हैं ये हमारी बॉडी में जनरेट करती हैं कुछ रिस्पांसस कुछ एलर्जिक रिस्पांसस दूसरा है माउथ तो माउथ में से कौन से लोजन एंटर करेंगे ऑफकोर्स वही करेंगे जो चीजें हम खाएंगे तो अराउंड 90 पर ऑफ दीज एलर्जी आर रिलेटेड दे आर कॉज्ड बाय बेसिकली द काउ मिल्क सोया एग्स व्हीट पीनट्स फिश एंड द शेलफिश ठीक है तो यह सारी चीजें जो है वह हमारे माउथ में एलर्जी को जनरेट करती हैं अब बाकी जो मिल्क है अब मिल्क के लिए ना बहुत सारे बच्चे ऐसे हैं जो जो मिल्क के लिए एलर्जिक होते हैं मतलब कि कई बच्चे ऐसे हैं जिनको गोट का मिल्क टॉलरेट नहीं होता कई बच्चे ऐसे हैं जिन्हें अ जिन्हें काउ मिल्क भी इवन टॉलरेट नहीं होता है तो जैसे ही वो मिल्क कंज्यूम करते हैं जैसे ही वो दूध पीते हैं वैसे ही उनकी बॉडी जो है वो हाइपर सेंसिटिविटी जनरेट करने लग जाती है मतलब एलर्जिक रिएक्शंस एलर्जिक रिस्पांस जो है वो एकदम बढ़ने लग जाता है ट्रिगर हो जाती है एलर्जी उनके अंदर सो मेनी ऑफ द चिल्ड्रन थ्रू आउट द वर्ल्ड आर एलर्जिक टू मिल्क एंड दोज हु आर एलर्जिक टू मिल्क उनमें से बहुत कम ऐसे हैं जो पूरे के पूरे डेरी प्रोडक्ट्स को एलर्जिक है मतलब जितने भी डेरी प्रोडक्ट्स हैं उन सबके लिए इनकी बॉडी सेंसिटिव है ठीक है तो मतलब वो चीज हो कर्ड हो पनीर हो वो कोई भी ऐसी चीज नहीं खा सकते हैं जो डेरी प्रोडक्ट है क्लियर अब उसके बाद आती है द थर्ड एंट्री फॉर एलर्जी दैट इज नोज तो नोज की बात करें सो नोज की तरह मतलब जो हवा से चीज हमारे अंदर जाएगी कौन-कौन सी जा सकती है डस्ट पार्टिकल्स जा सकते हैं पॉलिस जा सकते हैं वैसे ही कुछ केमिकल्स जा सकते हैं स्पोर्स जा सकते हैं तो ये सारे हमारी बॉडी के अंदर कुछ रिएक्शंस इनिशिएटिव करते हैं क्लियर सो आई होप द एंट्री रूट फॉर दीज एलर्जी इज क्लियर टू एवरीवन नाउ कमिंग ऑन टू द साइंस एंड सिमटम्स ऑफ एलर्जी तो हमारी बॉडी में ना एलर्जी के बहुत सारे साइंस और सिम्टम्स देखे गए हैं जैसे कि जो एलर्जी होते हैं उनके रूट क्या हैं या तो हवा से आएगा या इंसेक्ट से आएगा या फिर अ किसी खाने वाली चीज से आएगा इवन कुछ ऐसी मेडिसिंस हैं जिनसे ये एलर्जिक रिस्पांसस ट्रिगर होते हैं तो हमारी बॉडी में सबसे पहला जो तरीका है वो है एयर बोन एलर्जेंस मतलब हवा के थ्रू हमारी बॉडी में एलर्जेंस का आना तो इसमें ये देखा गया है कि हमारी नोज में जैसे मान लो कहीं पर भी बहुत ज्यादा डस्ट है या पोल्यूशन है तो वहां पर पर नोज में इरिटेशन होने लग जाती है आप कंटीन्यूअसली कफ करते हो स्नीज करते हो इवन हमारे जो रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट है उसमें ज्यादा म्यूकस बनने लग जाता है जिसे हम बार-बार स्प्लिट आउट करते हैं उसके सिवा हमारी जो बॉडी है ना जो स्किन है स्किन में भी आपको रशेस देखने को मिलते हैं एंड देन द शॉर्टसचेंज एलर्जेंस है ये मेनली हमारे रेस्पिरेटरी ट्रैक को अफेक्ट करती हैं ठीक है तो यहां पर कफ देन स्नीज देन व्हाट एल्स देन वाटरी आइज बिकॉज आइज आर आल्सो वेरी मच इन कांटेक्ट विद द एयर ठीक है बाकी स्किन में आपको इचिंग होना राइट देन एंड सिम्टम्स ऑफ एलर्जी व्हिच इज कॉज्ड ड्यू टू द एयर बोर्न एलर्जेंस द सेकंड वन इज द फूड बोन एलर्जी तो मतलब हमने कुछ ऐसा खा लिया है जिसकी वजह से अब हमारी बॉडी कुछ रिस्पांस जनरेट कर रही है तो जब भी फूड बोर्न एलर्जी होती हैं ना उनका बहुत ही सीधे-सीधे से असर पड़ता है हमारे पेट पर तो या तो पेट में दर्द होने लग जाएगी ब्लोटिंग होने लग जाएगी या फिर आप वोमिटिंग जाएगा स्किन इची हो जाएगी या फिर स्किन में आपको स्वेलिंग देखने को मिलेगी तो यह सारे के सारे हैं हमारे फूड बोन एलर्जी ठीक है सो दीज आर द साइंस एंड सिम्टम्स ऑफ द फूड बोर्न एलर्जी आपको हर एक के पता होने चाहिए ठीक है लेट अस नाउ टॉक अबाउट द इंसेक्ट बाइट एंड द रिएक्शन टू एंटीबायोटिक्स तो अगर हम इंसेक्ट बाइट और अ एंटीबायोटिक्स के रिएक्शंस की बात करें तो एंटीबायोटिक्स में लोग काफी ज्यादा सेंसिटिव होते हैं कुछ एंटीबायोटिक्स के जैसे कि पेनिसिलिन और एस्पिरिन तो ये वो एंटीबायोटिक्स है जिससे जो मोस्ट कॉमनली जिनसे लोग एलर्जिक होते हैं तो यहां पर ना जब भी कोई इंसान इन एलर्जेंस के कांटेक्ट में आता है तो उनकी बॉडी में एक नहीं बट बहुत ज्यादा एलर्जिक रिस्पांसस जनरेट होते हैं और जिसे हम बुलाते हैं एना फाइलेक्स तो एना फाइलेक्स मतलब एक ऐसी कंडीशन है जहां पर एक ऑर्गन अफेक्ट नहीं हो रहा है जहां पर मल्टीपल ऑर्गन्स अफेक्ट हो रहे हैं जैसे डाइजेस्टिव सिस्टम भी हो रहा है सर्कुलेटरी सिस्टम के ऑर्गन्स भी हो रहे हैं रेस्पिरेटरी सिस्टम के ऑर्गन्स भी हो रहे हैं तो इनमें क्या-क्या देखने को मिलता है इनमें स्किन में रेडनेस देखने को मिलेगी रशेस देखने को मिलेंगे स्वेलिंग इंफ्लेमेशन ब्रोंकास क्शन एंड इवन लो बीपी तो ये सारे के सारे रिस्पांसस हमें इन उस इंसान में देखने को मिलेंगे या यह वो साइंस और सिमटम्स हैं एलर्जी के जो इंसेक्ट बाइट या फिर एंटीबायोटिक्स की वजह से होती है नाउ लेट अस टॉक अबाउट सम ऑफ द कॉमन एलर्जिक रिएक्शंस जिसमें सबसे पहले है हे फीवर तो यह एक ऐसा ऐसी कंडीशन है जहां पर लोग बहुत ज्यादा सेंसिटिव होते हैं टू द पॉलिस तो ये हमें देखने को मिलता है जब फ्लावर्स ओपन होते हैं तो बेसिकली जब फ्लावर्स मैच्योर होते हैं और उनके एंथर से तो एंथर याद है सो दिस इज द दिस इज द स्टेम ठीक है तो ये क्या है दिस इज स्टेम स्टेम में दिस वन इज फिलामेंट एंड ओवर हियर इज़ एंथर एंथर में होते हैं क्या पॉलिस तो जब हमारा फ्लावर मैच्योर होता है यह एंथर बर्स्ट होता है पॉलिस बाहर निकलते हैं हवा में होते हैं तो उस टाइम कुछ लोगों में क्या होता है कि उनका जो अह नेसल पैसेज है ना यह सेंसिटिव हो जाता है इंफ्लेम्ड हो जाता है बहुत ज्यादा म्यूकस बनना शुरू हो जाता है जिसकी वजह से रनिंग नोज और स्नीजिंग देखा जाता है इवन यह सिर्फ हमारे रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को ही नहीं हमारी आइज को भी अफेक्ट करता है जिसमें हमारी आइज इची हो जाती हैं सोर हो जाती हैं और वीपी हो जाते हैं मतलब पानी निकलता है आइज में इचिंग होती है सो दीज ऑल आर द सिम्टम्स ऑफ हे फीवर तो यहां पर जब एक इंसान एक हद से ज्यादा स्नीज कर रहा है या बहुत ज्यादा वाटरी आइज है बहुत ज्यादा इचिंग है आइज में तो उस कंडीशन को हम बोला हैं उस कंडीशन में हम यह बोलते हैं कि दिस पर्सन इज एलर्जिक टू द पॉलिन और दिस पर्सन हैज हे फीवर राइट सो दिस इज़ द फर्स्ट कॉमन एलर्जिक रिएक्शन दैट वी कैन दैट वी सी अराउंड अस नाउ कमिंग ऑन टू द नेक्स्ट कंडीशन दैट इज एजमा एजमा जिसे हम अ अपनी कंट्री में बहुत कॉमनली अस्थमा बुलाते हैं तो यह वो कंडीशन है जहां पर जो ब्रोंकियोल है जो वॉल्स की जो ब्रोंकियोल की वॉल्स हैं वो कांट्रैक्ट हो जाती है बेसिकली क्या होता है कि वैसे ये वाइड होती हैं लेकिन इस कंडीशन में यह जो वॉल्स हैं ये काफी नैरो हो जाती हैं और यहां पर जो यह ट्यूब्स है ये नैरो हो जाती है तो एयर का जो पैसेज है ना वो थोड़ा रिस्ट्रिक्टर है एयर को थोड़ी कम जगह मिलती है पास होने में तो उस कंडीशन में एक इंसान को थोड़ी डिफिकल्टी हो जाती है ब्रीदिंग के लिए और यह पॉलिस की वजह से भी हो सकता है डस्ट की वजह से भी या फिर बहुत ओकेज ये किसी फूड की वजह से होता है मेनली इसका रीजन डस्ट और पोलेसस होते हैं तो इस कंडीशन में क्या होता है कि कई बार जब किसी भी इंसान को अगर ऐसा लगे कि मुझे सांस नहीं आ रही है तो वह ऑटोमेटिक नर्वस होने लग जाता है वो ऑटोमेटिक उस टेंशन में आ जाता है जिसकी वजह से यह कंडीशन जो है ये और भी वर्स हो जाती है तो यह बहुत ही एक मो यह एक तरह से बहुत ज्यादा सीरियस कंडीशन है लेकिन इसको इजली हम लोग मेडिसिन से ट्रीट कर सकते हैं तो मेडिसिंस का यूज करके ये यहां पर जो वॉल्स हैं उनको रिलैक्स कर सकते हैं और जैसे ही व बॉल्स रिलैक्स होंगी जो ट्यूब का पैसेज है वह ब्रॉड हो जाएगा वाइड हो जाएगा और एयर जो है वह इजली पास कर पाएगी मूव कर पाएगी इसके थ्रू तो यहां पर बहुत इंपॉर्टेंट है किसी भी ऐसे पेशेंट के लिए जिसको एजमा हो कि डरना नहीं है टेंशन नहीं लेना है नर्वस नहीं होना है ठीक है सो दिस विल ऑटोमेटिक कम डाउन एज द पर्सन विल बी गिवन मेडिसिंस द नेक्स्ट कंडीशन इज हाइव्स तो हाइव्स बेसिकली एक ऐसी कंडीशन है जहां पर हमारी बॉडी में स्किन का जो कुछ पैच है ना वो थोड़ा फूल जाता है या फिर पेल रेड बम्स हमें देखने को मिलते हैं या फिर हमें पैचेज देखने को मिलते हैं तो यहां पर हमारी बॉडी ना कुछ एलर्जिक अ कुछ कुछ चीजों से एलर्जिक हो जाती है और एलर्जिक रिएक्शन शो करती है और ये जो एलर्जेंस है ये फूड भी हो सकता है और ये मेडिसिन भी हो सकता है कि कुछ खाया और उसकी वजह से हमारी बॉडी में ये एलर्जी प्रोड्यूस हुई है या फिर कोई हमने मेडिसिन ऐसी ली है जिसकी वजह से हमारी बॉडी में एलर्जिक रिस्पांस जनरेट हुआ है सो दिस इज द थर्ड टाइप ऑफ एलर्जिक रिएक्शन दैट इज़ हाइव्स नाउ द लास्ट वन इज़ एनाफाइन एना फाइलेक्स एक सडन एलर्जिक रिएक्शन है कैसा है एक सडन एलर्जिक रिएक्शन जहां पर हमारी हमारा जो ब्लड प्रेशर है वो एकदम डिक्रीज कर जाता है तो यहां पर ब बीपी जो है वो फॉल कर जाता है एंड देयर इज है ना जो हमें ऐसा लगेगा कि धीरे-धीरे इंप्रूव हो रही है हो रही है बेटर हो रही है लेकिन हो सकता है कि वो रिअसेंबल हो जाता है नाउ कमिंग ऑन टू द नेक्स्ट दैट इज़ प्रिकॉशंस सो व्हाट प्रिकॉशंस वी कैन टेक सो एज टू अवॉइड दीज एलर्जी तो पहली चीज तो यह इसका कोई एक तरह से परमानेंट क्योर है नहीं ठीक है यहां पर हमें सिर्फ प्रिकॉशंस लेनी पड़ती हैं प्रिकॉशंस जैसे कि हमें सबसे पहली चीज तो यह पता होनी चाहिए कि कौन सी ऐसी चीज है जो हमारी बॉडी में एलर्जिक रिएक्शंस जनरेट करती है या एलर्जिक रिस्पांस जनरेट करती है वो खाने की चीज भी हो सकती है वो डस्ट पॉलिस कुछ भी हो सकता है तो हमें सबसे पहले तो यह पता होना चाहिए कि एलर्जी हमारी बॉडी में हो क्यों रही है उसमें हमें मेडिकेशन बहुत ज्यादा हेल्पफुल है मतलब हम दवाई लें और उस दवाई से हम क्या करें खुद को बचाएं ठीक है दूसरा अवेयरनेस अबाउट एलर्जन तो जो एलर्जन है उसके बारे में हमें पता हो और पता है तो उससे रिलेटेड मेडिसिन भी हम अपने पास रखें दूसरा एंटी एलर्जी शॉट्स आर क्वाइट हेल्पफुल एंड इन केस यू आर नॉट अवेयर ऑफ दिस एलर्जी तो उस केस में यू शुड गो एंड कंसल्ट अ डॉक्टर और साथ में ही हमें अगर ये सिचुएशन किसी भी तरह का जो एलर्जी है अगर वो हमें सिवियर होती हुई दिखाई देती है तो उस केस में एक ऐसे डॉक्टर के पास ही जाएं जो एक स्पेशलाइज्ड डॉक्टर हो इन सब चीजों के लिए तो बहुत इंपॉर्टेंट है हमारे लिए प्रिकॉशंस लेना क्योंकि इन एलर्जी का कोई परमानेंट क्योर नहीं है तो हमारा काम क्या है पहली चीज कि डॉक्टर के पास जाके यह पता लगाना कि हमें किस चीज से एलर्जी है ताकि डॉक्टर सीरीज ऑफ टेस्ट करके वो पता लगाए और फिर उन चीजों से खुद को बचाना नाउ द क्वेश्चन कम्स हाउ टू डायग्नोज फॉर एलर्जी कि हमें एलर्जी है और कौन सी है तो उसके लिए ना एलर्जिक टेस्टिंग इज वेरी वेरी इंपॉर्टेंट तो यहां पर क्या होता है कि आप एक डॉक्टर के पास जाओगे डॉक्टर एक करेक्ट डायग्नोसिस देगा फिर आपको काउंसिल करेगा और आपको यह बताएगा कि आपको किस चीज से बच के रहना है तो उस केस में आपको एक तो ये पता चल जाएगा कि आपको एलर्जी किस चीज से है और इससे हमें बहुत हेल्पफुल हो इससे हमें बहुत हेल्प मिलेगी क्योंकि इन सब चीजों के करेक्ट डायग्नोसिस से देन काउंसलिंग से एंड अवॉइडेंस एडवाइस से हमें हम अपने इंसीडेंस के सिमम सिम्टम्स के इंसीडेंस को कम कर सकते हैं कि मतलब हम उस स्टेज तक ही ना पहुंचे कि वो एलर्जन हम तक पहुंच पाए ठीक है देन हमें मे मेडिसिंस की जरूरत ना पड़े मेडिकेशन की जरूरत ही ना पड़े और इससे क्या होगा इससे हमारी क्वालिटी ऑफ लाइफ इंप्रूव होगी जैसे अगर आपको पता है कि आपको डॉग से डर लगता है तो जब आप डॉग को देखोगे तो आप वहां से चुपचाप निकल जाओगे कि मुझे कोई स्ट्रेस नहीं चाहिए राइट मुझे टेंशन नहीं चाहिए या फिर अगर आपके फ्रेंड के घर में डॉग है और आप उससे बहुत आप मतलब डॉग से बहुत डरते हो तो एक सीधी सी चीज है कि आप उसके घर जाओगे ही नहीं सो दैट इज अवॉइडेंस ठीक है तो बस ऐसा ही कुछ यहां पर भी है तो आपको किन चीजों से बच के रहना है क्या करना है और आपकी जो काउंसलिंग हुई है जो आपको बताया गया है उसके अकॉर्डिंग आपको एक्ट करना है ताकि हमार जो जिंदगी है व काफी अच्छे से निकले तो यहां पर दो मेथड्स हैं द फर्स्ट वन इज स्किन प्रिक टेस्ट एंड एलर्जी ब्लड टेस्ट तो दोनों जो है वो इक्वली वैलिड है और दोनों के इक्वली गुड रिजल्ट्स आते हैं तो अगर किसी को भी किसी में भी इनका टेस्ट करना है किसी में भी एलर्जी को डायग्नोज करना है कि किस चीज की एलर्जी है तो ये दोनों टेस्ट ये दोनों मेथड्स यूज किए जाते हैं तो देखते हैं दोनों मेथड्स में है क्या-क्या तो सबसे पहला जो मेथड है दैट इज स्किन प्रिक टेस्ट या फिर हम इसे पंचर टेस्टिंग भी बुलाते हैं या प्रिक टेस्टिंग भी बुलाते हैं तो इसमें क्या होता है कि हमारी ना स्किन पे कुछ छोटे-छोटे पंक्चर्स या प्रिक्स किए जाते हैं किसी भी पेशेंट के स्किन के ऊपर या जैसे हमारी स्किन के ऊपर किसे कुछ एक छोटे से प्लास्टिक से या किसी मेटल डिवाइस से और अब यहां पर एलर्जन इंट्रोड्यूस कि किए जाते हैं सो एलर्जेंस आर इंट्रोड्यूस्ड इंट्रा डर्मल टू द पेशेंट स्किन यूजिंग नीडल और अ सिरिंज ठीक है तो अब बहुत ही कॉमनली क्या होता है कि ये जो फोर आर्म वाला एरिया है ना ये वाला जो है यहां पर पेन से मार्किंग की जाती है जैसे कि अगर ये मेरी एक आर्म है ठीक है फोर आर्म है यहां पर ना याय मार्क कर दिया जाएगा पहले पर लिख दिया जाएगा पॉलिन दूसरे पे लिख दिया जाएगा डस्ट ठीक है ऐसे हर तरह का दो-तीन तरह के जो अ जो सस्पेक्टेड एलर्जेंस हैं उनके नाम लिख देंगे उसके बाद क्या होगा यहां पर वही पर्टिकुलर एलर्जन इंट्रोड्यूस किया जाएगा 30 मिनट्स में अगर यहां पर रेडनेस हो गई या किसी तरह से स्वेलिंग हो गई या फिर किसी भी तरह का एक एलर्जिक रिस्पांस जनरेट हो गया ठीक है इचिंग हो रही है या फिर बर्निंग सेंसेशन है सो दैट विल कंफर्म कि उस पर्टिकुलर पेशेंट को किस चीज की एलर्जी है सो द स्मॉल अमाउंट ऑफ सस्पेंडेड एलर्जेंस दे आर इंट्रोड्यूस्ड टू द साइड अ ऑन द स्किन मार्क्ड विद द पेन तो ऐसे ही मार्किंग की जाएगी और इसी साइट पे एलर्जन इंट्रोड्यूस कर दिया जाएगा और 30 मिनट्स के लिए वेट किया जाएगा और 30 मिनट्स बाद यहां पर चेक किया जाएगा कि वो पर्टिकुलर इंसान के की बॉडी में कौन सा एलर्जन जो है वोह यह सारे रिएक्शंस या फिर रिस्पांसस जनरेट कर रहा है कमिंग ऑन टू द ब्लड टेस्टिंग तो ब्लड टेस्टिंग एक काफी क्विक और काफी सिंपल टेक्नीक है और साथ ही साथ ये काफी सेफ है देखो जब हम स्किन ब्रिक टेस्ट कर रहे थे ना तो उसमें क्या कर रहे थे कि पेशेंट की स्किन के ऊपर ही एक टेस्टिंग हो रही है वहीं पर एलर्जेंस इंट्रोड्यूस हो रहे हैं और फिर हम सेंसिटिविटी चेक कर रहे हैं लेकिन इस केस में ऐसा कुछ नहीं होता है इस केस में सिंपली पेशेंट का ब्लड लिया जाता है और उसको लैब में भेज दिया जाता है फॉर एनालिसिस अब क्या होगा जब ये सैंपल एनालाइज होता है है तो इस सैंपल में यह चेक किया जाता है कि उसमें एंटीबॉडीज कौन सी हैं तो रिकॉल करो जब हमने चैप्टर शुरू किया था ना तो मैंने आपको एक चीज बोली थी कि जब भी हमारी बॉडी में कोई एलर्जिक रिएक्शन या रिस्पांस जनरेट होता है तो उस केस में हमारी बॉडी जनरेट करती है कुछ इम्यूनोग्लोबुलिंस दैट इज आईजी ठीक है तो आईजी को क्या बुला रहे थे हम इम्यूनो ग्लोबुलिंस ठीक है तो ये जो इम्यूनोग्लोबुलिंस होते हैं ना ये पर्टिकुलर एलर्जन के स्पेसिफिक होते हैं मान लो डस्ट से एलर्जी है तो इसके स्पेसिफिक आईजी जो है वो जनरेट होगा अगर पोलन से एलर्जी है तो इससे स्पेसिफिक आईजी जनरेट होगा ठीक है तो बेसिकली हो क्या रहा है कि जिस भी पर्टिकुलर एलर्जन जो हमारी बॉडी में एंटर किया है जिसने ये एलर्जी का रिस्पांस ट्रिगर किया है उसी से रिलेटेड एंटीबॉडी हमारी ब्लड में होगी और इसी एंटीबॉडी को टेस्ट करके हम यह पता लगा सकते हैं कि इस पर्टिकुलर पेशेंट को किस चीज की एलर्जी है तो देखो ये काफी सेफ है काफी क्विक भी है और इसमें इंसान को कोई खतरा नहीं है क्योंकि जो स्किन प्रिक टेस्ट है ना वो हम सब पे नहीं कर सकते जैसे हम किसी छोटे से बच्चे पे नहीं कर सकते हम किसी ओल्ड एज इंसान पे नहीं कर सकते हमें नहीं पता कि कैसा रिएक्शन हो जाएगा ना ही हम किसी प्रेग्नेंट वमन पे कर सकते हैं ना ही किसी ऐसे इंसान पे कर सकते हैं जिसको मल्टीपल डिजीज हैं राइट तो उस केस में ब्लड टेस्टिंग जो है इट इज द ओनली मेथड टू फाइंड आउट द एलर्जन दैट इज प्रेजेंट दैट इज कॉजिंग द एलर्जिक रिस्पांस इन द पर्सन बॉडी ठीक है सो आई होप दिस मच इज क्लियर कोई डाउट है सो प्लीज आस्क इट ऑन आस्क क्वेश्चन सेक्शन नाउ बिफोर रैपिंग अप दिस सेशन एंड आल्सो द कंप्लीट सिलेबस ऑफ आवर क्लास सेवन बायोलॉजी तो हम क्या करेंगे हम कुछ क्वेश्चंस लेंगे सो द फर्स्ट क्वेश्चन इज नेम द इंफ्लेमेटरी केमिकल रिलीज्ड बाय द बेसो फिल्स कॉजिंग स्किन रिएक्शन और द कंस्ट्रक्शन ऑफ ब्रोंकियोल तो इंफ्लेमेटरी केमिकल कौन सा है सो दिस इन्फ्लेमेटरी केमिकल इज हिस्टमर कौन सा है हिस्टमर ठीक है यह जो हिस्टमर बॉडी में बेसो फिल्स रिलीज करते हैं जिसकी वजह से स्किन में रिएक्शंस होते हैं ब्रोकस की कंस्ट्रक्शन होती है ठीक है नाउ कमिंग ऑन टू द नेक्स्ट क्वेश्चन सो द क्वेश्चन इज व्हिच टेस्ट इज मोस्ट फेवर्ड फॉर टेस्टिंग एलर्जी प्रिक टेस्ट ऑफ ब्लड टेस्ट एंड वय तो देखो अभी हमने दोनों टेस्ट पढ़े हैं और मैंने आपको बताया था कि जो प्रिक टेस्ट है ना उसमें जो भी एलर्जन है उस एलर्जन को हम डायरेक्टली क्या कर देते हैं डायरेक्टली एडमिनिस्टर कर देते हैं ऑन पेशेंट ऑन पेशेंट्स बॉडी वेयर एज ब्लड टेस्ट में हम क्या करेंगे हम ब्लड का सैंपल लेंगे और फिर उसकी टेस्टिंग करेंगे इन लैब ठीक है तो इसका मतलब यह है कि ज्यादा फेवर्ड जो है वो ब्लड टेस्ट है क्योंकि हम हर किसी की स्किन पे जाके टेस्टिंग नहीं कर सकते हैं ना ही एक छोटे से बच्चे ना ही किसी डिजीज इंसान के ना ही एल्डरली पीपल के और ना ही किसी प्रेग्नेंट लेडी के तो उस केस में इन सब पे एक ही टेस्ट करना सबसे सेफ है एंड दैट इज द ब्लड टेस्ट क्लियर सो आई होप दिस मच इज क्लियर सो दिस वाज ऑल फ्रॉम द टुडेज सेशन आई होप यू लाइक द सेशन आई होप यू एंजॉयड द सेशन आई होप यू अंडरस्टूड द कांसेप्ट अगर कोई भी डाउट है प्लीज आस्क इट ऑन आस्क क्वेश्चन सेशन ऑफ learn.com सो विद दिस वी कंप्लीट आवर सिलेबस फॉर क्लास सेवन आईसीएससी बायोलॉजी नाउ प्लीज गो थ्रू ऑल द वीडियोस कहीं पर कोई भी डाउट हो प्लीज आस्क इट ऑन आस्क क्वेश्चन सेक्शन