क्या लाइट जा रहा है हां चलो चलता है अंधेरे में भी वही बोलेंगे [प्रशंसा] हम गेस इन द न्यूज रूम में आज के हमारे मेहमान है नाना पाटेकर जी [संगीत] अरे भाई मेहल मांजी को कहना कीमा बहुत अच्छा हो गया था राज साहब कीमा नहीं है वो खले के सब्जी है नहीं नहीं जानी यह तो कीवा है क्रांतिवीर का आखिरी का सीन जो था वो लिखा हुआ ही नहीं है आ गई मेरी मौत का तमाशा देखने वो वो ऐसे ही बोल दिया था वो हिजड़े का भी जो सीन है ना वो मैंने नाचा मेरे को अभी आके नाचने लगा अब सिग्नल बंद है तो मैं बतरा मैंने कहा मैं नाचा ऐ मैंने कहा मैं नाचा मुझे दे भगवान आपने असल में ये किया तो वही वैसे का वैसे मैंने वो सीन उधर डाल दिया सलाम बम्बे का एक फ्रेम है जिसमें वो जो लड़की मैं ऐसे उसको उठाता और ये पूरी ऐसे बिल्डिंग खाली हो और ऐसे बाहर पकड़े ऐसे करता और फिर रख देता अब किसी को मालूम ही नहीं था मैं करने वाला हंगे और मुझे भी मालूम नहीं था बच्चे हाथ से सूट जाती मर जाती है एंड में मुझे वो बच्चा भोग देता है ना चकू व चकू टायर के आर पार गया और मेरे गया अंदर और उनको लगा क्या एक्टिंग की है और बाद में देखा तो पूरा ये खून से भरा हुआ था जो अन्ना का किरदार है उसमें परिंदा में और वो जो बिल्कुल आखिरी जिस सीन का जिक्र कर रहा था वो जो सीन देखते हो ना मैं ऐसे ऐसे कर रहा हूं वो मैं बाकायदा जल रहा था ये जो आग वगैरह का जो है ना एंगल वो कुछ नहीं था उसमें पहले पूछो विनोद को बुला मेरे सामने बिठा दोनों को सामने एक दिन ऐसा इंटरव्यू करो ऐसी बत्ती बुझ जाएगी ये सीन इतने इंटेंस और फिर जलता है मजनू व इधर आन व उधर से बो नान मैंने बोला मैंने तेरी अनिल मल देखी ये संजय लीला बंशाली की फिल्म है सीमा विश्वास है और इस झगड़ा होता है एक अरे यार एक झगड़ा नहीं बहुत झगड़े लेकिन संजय संजय अच्छा अच्छा डायरेक्टर है हुआ क्या था वहां प अरे कुछ नहीं छोड़ो यार डायरेक्टर और एक्टर लड़ रहे हैं कुर्ता फट गया फिर बनियान में सीन हो रहा है क्या विदू को पसंद नहीं आ रहा था कुर्ता आपका अरे विदु को मुझे विदू ही पसंद नहीं क्या हुआ था नाना अरे कुछ नहीं यार मैं मैं मैं झगड़े प काबू नहीं मतलब गुस्से प काबू नहीं कर पाता कर पाते थे या अभी भी नहीं कर पा अभी भी वही हाल है तू फिक्र मत कर लेकिन आखिरी बार कब मिले आप दोनों जब भी मिलते हैं मुझे लगता है कि ये आखिरी बार हो अमिताभ बच्चन मिठाई बाठ र थ मैंने कहा क्या हो गया अरे मैं नाना बन गया मेरा पैसा मैंने कहा अरे कितने साल लगे हम तो बचपन से ये नाना नाम के पीछे की क्या कहानी है विश्वनाथ मेरा नाम था ओके विश्वनाथ कहता है बहुत दुष्ट लड़के थे क्या आप छोटे में हमारे जो टीचर भी थे ना वो हमें ऐसे बगल में लेकर बैठते थे बार-बार कौन उठ के जाएगा और मने के लिए कभी जिक्र नहीं करते हैं कि आप कारगिल वर का हिस्सा थे इवें आई वा मेंबर ऑफ क्य आरटी क्विक रिएक्शन टीम वन ऑफ द मोस्ट इलीट फोर्स इतना सा तो कुछ हम कर सकते हैं देश के लिए आपके पास कभी किसी पॉलिटिकल पार्टी का ऑफर आया मैं वहां रह नहीं सकता मेरे जहन में जो आता है मैं बोल देता हूं इस बार भी हमको पूछे मेरे पार्टी का मुखिया होगा उसको मैं बोलूंगा तू पागल है यार निकाल देगा वहा हाथ को पकड़ के ह आपको गुस्सा आया जब तनु श्री दत्ता ने आप पर इल्जाम लगा अब जो बातें हो गई थी उसके बारे में क्या बोले क्या हुआ था कुछ हुआ ही नहीं था तो हमें क्या मालूम आप नीलकांति जी से कब मिले थे हर चीज पे अपने हंसने की जो आदत थी ना वो जिंदगी का साथ निभाता चला गया फिक्र को धुए में उड़ाता चला गया वो एटीट्यूड बहुत अच्छी थी रोते बैठने की रोए नहीं हम रोए कैमरा के सामने और उसके पैसे वसूले जब आप लोग जब ग्रो अप कर रहे थे जैसे होता है ना कि ये हीरोइन बहुत पसंद है इनके पोस्टर इनके वॉलपेपर तो आप लोग के जमाने में कौन बहुत सुंदर बहुत आकर्षक कमा जी हमको बहुत अच्छी ल कभी आपने बताया उनको ये आप बता रहे हैं नाट यू बाय कैड डस्टिंग पाउडर एंड अमेरिकन पिशज कैड डस्टिंग पाउडर रेडनेस इरिटेशन स्वेट रश और फंगल इंफेक्शन जैसे चार स्किन प्रॉब्लम का एक एक्सपर्ट सलूशन अब रहो अनस्टॉपेबल कैड डस्टिंग पाउडर के साथ सवा एपिसोड हम लोने रिकॉर्ड किया है थैंक यू आज सबसे पहले एक कविता है यह अमिताभ चौधरी की कविता है शीर्षक है भूख में दुख का अनुभव नहीं होता भूख में दुख अनुभव नहीं होता ऐसा नहीं कि कलेजा नहीं कटता किंतु एक अन्य प्रकार से आंखों में आंसू नहीं उतरते रोटी की भड़ास में लहू जलता है पेट की आग में भुंती रहती हैं अस्थियां देह की सिकुड़न में ईश्वर का दम घुटता चला जाता है अनि इच्छाएं उसकी मृत्यु का संवरण करती हैं अलबत्ता इस समय में मैं नीरस कविता लिखकर पाठक ना होने के घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करता हूं एक आग है एक पानी है एक उडपी रेस्तरां है जिसके बाहर कोई है जो जिंदगी के लिए जरूरी से कहीं ज्यादा लंबी सांस खींच रहा है क्योंकि पकते हुए भोजन की खुशबू आ रही है लेकिन कोई उसकी इस हरकत में किसी भी किस्म की दरिद्रता ना पढ़ ले इसलिए जब पूछा जाता है तो उसका तुर्शी भरा जवाब होता है भिकारी समझ रखा है क्या यह आग है और यह पानी है और एक फिल्म का क्लाइमैक्स है जिसमें वह एक झूले पर खड़ा है जंजीर भरपूर गर्म हो चुकी है चमड़ी ने जवाब देने से इनकार के आगे का रास्ता नाप लिया है स्टन डायरेक्टर है जो बार-बार पूछ रहा है किसी और से करवा ले क्या यह कपड़े पहन लो लेकिन वह फिर से अपनी चिर परिचित तुलसी में जवाब देता है फिर मुझसे एक्टिंग नहीं होती और ये एक्टिंग इसका सिलसिला कैसे शुरू हुआ एक बाप है जिससे जितनी मोहब्बत है ठीक-ठीक तराजू पर खड़े होकर कहे कहीं भीतर उतना ही डर भी है लेकिन जब वो बच्चा वाल्मीकि का रोल कर रहा है और उसे सामने बाबा दिखते हैं और सुनाई देती हैं तालियां तो उसे लगता है कि यह एक तरीका है जो मेरी सब शैतानियां पर या जो मुझे मेरी त्वचा पर रंग मिला उस पर भारी पड़ेगा वरना इस तरह के मजाक की जिंदगी में क्या ही जरूरत थी कि पड़ोस की बच्ची आए और उससे हर दफा पूछा जाए तू किससे शादी करेगी और वोह हर दफा बच्चे के बड़े भाई का नाम ले क्योंकि उसका रंग उजला था पर जिंदगी कितनी ही उजली रहती है पिता को धोखा मिलता है और रोज फिर 8 किलोमीटर का सफर तय करना होता है तो क्या हुआ जो पाठशाला में तुम्हारे नाम के आगे कक्षा सिर्फ नवी लिखी थी तो क्या हुआ जो फिर ऐसे दोस्त भी मि ते हैं जो कुछ पसीज हैं और जानबूझकर इसलिए ताश के पत्तों में आपसे हारते हैं कि आपका मेहनताना कुछ बढ़ जाए लोगों को आपके भीतर की तुर्शी दिखती है लेकिन अन्न के पकने की और अन्न के अभाव की जो गर्मी पैदा हुई है और इन सबके बावजूद अपनी चमड़ी से ज्यादा अपनी ईमानदारी और खरे पन से चिपके रहने की जो जिद है वो शायद कुछ कम दिखती है या कभी-कभी दिखती भी है जैसे उनको दिखी जो मराठा लाइट इन्फेंट्री के नाम से जाने जाते हैं या फिर उनको दिखी जो गोवा में उस वक्त साथ थे जब मुंबई जल रहा था और कोई पहलू बदलते हुए कह रहा था मुझे इस वक्त वहां होना चाहिए था पर हमेशा चीजें तयशुदा कहां होती हैं भाई समान एक दोस्त वहां था जब बम फटा था और वो टीस आज तक है वो टीस आज तक है कि एक नवजात के होठ कटे थे और उसको उतना प्यार नहीं दे पाए जिसकी शायद उसे जरूरत थी और यह कचोट बार-बार भीतर करुणा पैदा करती है अपने सब अभाव याद दिलाती है और इन सबके बीच क्या है पुरुष के लिए मिलती हुई वो तालियां हैं जो पिघले शीशे सी लगती थी कान में क्योंकि वो एक नेगेटिव किरदार था तो क्या हुआ जो अभिनेता नाटक के शुरुआत में आकर कहता था कि यह एक बुरा किरदार है तालियां मत बजाइए तालियां बजती रही और एक दिन इस किरदार का इसी के चलते अंत कर दिया गया भूख बहुत है मशहूर अत की तो कतई नहीं है इसीलिए भरपूर निर्दोष पन के साथ वो ट्रॉफी के लेके मंच पर बोल देता है मुझे लगता था कि यह खरीदी जाती है जिनको नहीं मिलता शायद उनको भी लगता होगा पर मैं गलत था यह ईमानदारी बनी रहे बची रहे इसके लिए जरूरी है कि आग के साथ-साथ पानी भी भरपूर रहे लेकिन पानी सिर्फ आंख में नहीं होना चाहिए पानी सिर्फ अना का नहीं होना चाहिए पानी हर उस सूखे होठ के लिए होना चाहिए जिसके लिए जिंदगी एक मौलिक हक है और तब इस कहानी में एंट्री होती है एक फाउंडेशन की जो अब तक 900 से ज्यादा गांव की प्यास बुझाने का जतन कर चुका है सवा से ज्यादा नदियों को पुनर्जीवित कर चुका है हम और आप भले ही उन्हें उनकी फिल्मों के लिए उनके अंगार से डायलॉग्स के लिए या उनकी मर्म स्पर्शी एक्टिंग के लिए याद करें लेकिन उनके इर्दगिर्द के लोग कहते हैं कि यह आदमी अपने बनले ढंग से जब मोहब्बत करता है तो शायद हम भरपूर तैयार नहीं होते हैं और इसलिए या तो बदक जाते हैं या कोई और राय बना लेते हैं लेकिन जब यही पयाई आंखों वाला आदमी इस सब मशहूर को छोड़कर सारी प्रसिद्ध प्रसिद्धि सारे लोभ को छोड़कर पानी के लिए काम करता है गांव-गांव भटकता है तो लोगों को एक 74 75 साल का ऐसा नौजवान दिखता है जिसने अभी तक उत्साह को अलविदा नहीं कहा जो सबसे ज्यादा चहक हुए अपने शुरुआती दो घंटे की कसरत के बारे में बात करता है पर कभी कम वक्त बात नहीं करता है उन मसालों के बारे में जिनको यह अपने एकांत में तैयार करता है आप इसकी बनाई रेसिपी को चकिए इनको लुत्फ मिलेगा आप इनके बनाए पत्थर के उन गेस्ट हाउस में रुकिए जो इनके खेत में है इनको लुत्फ मिलेगा अगर आप बहुत सौभाग्यशाली हैं तो कभी इनको पुरानी नई मराठी कविताएं पढ़ते हुए भी सुनिए लेकिन रेसिपी नहीं मिलेगी फार्मूला नहीं मिलेगा फार्मूला है नहीं क्या अभी भी बन रहा है अभी भी बिगड़ रहा है या जिंदगी जीने का एक सरस जतन है जो सबसे ज्यादा मुश्किल है आज इन सब कहानियों से इन सब तजुर्बे से दो चार होंगे क्योंकि गेस्ट इन द न्यूज़ रूम के 100वें एपिसोड में ललन टॉप बहुत गौरान वित महसूस कर रहा है एक ऐसी शख्सियत को अपने बीच पाकर जो इस देश में पर्यावरण के लिए शिक्षा के लिए पानी के लिए लगातार काम कर रहे हैं और जिनका अभिनय जीवन दशकों तक फैला है भरपूर समृद्ध है हालांकि उनके इर्दगिर्द के लोग कहते हैं छटपटाहट अब भी उतनी ही है अगर तसल्ली ना हो यकीन ना हो तो कागज पर मचलती उनकी कलम को देखिए जो कि जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स के कैलीग्राफी के सबक नहीं भूली हैं और आज भी अपने खेत की लाई हुई लेमन ग्रास वाली चाय की चुस्कियां लेते हुए अपने एक-एक संवाद को खुद से लिखती हैं वोह उंगलियां और जो उनके इर्दगिर्द के लोग इस भव्यता से आक्रांत हो जाएं जो अपने तई भरपूर सहज थी तो कहते हैं दर्शक को सिर्फ एक शॉट दिखेगा उसके पहले मेरे बेटे जितने रिहर्सल करने हैं कर लो पर जिंदगी में रिहर्सल नहीं होते होता है एक जीता जागता आमने सामने का संवाद और आज का संवाद होगा हमारे समय के सबसे कमाल पुरुषों में से एक नाना पाटेकर जी से बहुत-बहुत स्वागत है आपका [प्रशंसा] स्वागत है आपका तुझे नहीं लगता कुछ ज्यादा ही बोल दिया तूने यार इतनी अच्छी मैं हिंदी बोल लेता ना मैं बहुत बड़ा एक्टर बन जाता है पर आप तो बहुत बड़े एक्टर है नहीं नहीं मैं नहीं हूं ये इतना है नहीं उतनी वोकैबुलरी नहीं है उतनी फ्लुएंसी नहीं है अब क्या होता है कि व सपने जो मराठी में ही आते हैं हम तो वो वो जुबान होती है तुम्हारी तो इतनी साफ सुथरी मैं संजय मिश्रा अपना जो है उसको मैं हमेशा कहता हूं कि यार तुम लोगों की जुबान हिंदी है इसलिए कितने आसानी से इंप्रोवाइज कर सकते हो तुम जिस तरह से तुम बोल रहे होते स्क्रोल आ रहा था नहीं नहीं कोई स्क्रोल नहीं मन से बोल रहा था तो फिर कितना बेहतरीन कहीं तेरा कुछ फमल नहीं है कुछ नहीं कुछ नहीं कुछ नहीं कितना और यह रट के नहीं हो सकता व अंदर से आए तो आए नहीं तो नहीं आएगा जी यार हमको सिखा दो आप सपनों का जिक्र कर रहे थे और मुझे वो शब्द याद आ रहा था जो शूट से ठीक पहले मैंने आपसे पूछा मराठी भाषा का समंदर की लहर को लहरों का आना गाज बोलते हैं उसको गाज गाज गाज गाज यह जो मराठी का जो ज आ के साथ आता है हा वो अभी हिंदी में ल नहीं है ना हां जी हां जी तो वो है हर एक भाषा का अपना एक है होता जब हमने आपके परिवार के लोगों से और बुजुर्गों से बात की तो सबने सबसे ज्यादा किससे आपकी शैतानियां के सुनाए बहुत दुष्ट लड़के थे क्या आप छोटे में हां थे थे मतलब बहुत ही थे यार क्या करें क्या था कि कोई भी चीज हम सीधी देख ही नहीं पाए कभी हमें ऐसे हमारे जो टीचर भी थे ना वो हमें ऐसे बगल में लेकर बैठते थे बार-बार कौन उठ के जाएगा और मारने के लिए वहां अगर बच्चे हंस देते थे तो उनको मालूम नहीं इसने कुछ शरारत किया फिर ऐसे बिना कुछ देखे बोले वो मार देते थे क्योंकि वो मालूम नहीं आदत थी बचपन की व वैसे ही थे सीधा कुछ कभी देखा नहीं हमारे यहां व सुविचार लिखते थे जी ब्लैक बोर्ड पर मेरा हस्ताक्षर अच्छा था मतलब अभी भी है तो सुविचार मुझसे लिखवा थे लेकिन क्लास जब शुरू हो जाती तो तो मैं ऐसे अंगूठे पकड़ के तो मैं दो टांगों के बीच में से वो सुविचार हमेशा उल्टे पढा करता थाट प्रॉब्लम ये गिरगांव की बात है या गाव की मुरू की मुरू जंजीरा की गिरगांव में मैं आया सातवी कक्षा में वो हम हमारी मुंसिपल स्कूल होते है ना जहा फीस वगैरह कुछ नहीं होती जी तो वैसे वैसे स्कूल में पढ़ा मैं यहां गांव में भी फीस कुछ नहीं और उनके पास कब जाते थे मासी के पास जीजा क्षेत्र नाम था हां जो मौसी थी हमारी मैं हमेशा कहता हूं कि उनके ये शरारती होने की वजह से मां ने छठी कक्षा तक गांव में रहा मैं और सातवी में हमको भेज दिया मौसी के पास वो ये थी अ हेड मिस्ट्रेस थी स्कूल में सुधारने के लिए हमें भेज दिया एक साल के बाद हमारी मौसी ने हमें वापस भेज दिया ताकि उनके बच्चे ना बिगड़ जाए [संगीत] मतलब बाकायदा यही लाइन थी उनकी मां के साथ के मैं अनू त तेरे बेटे को मैं तु पोरा नहीं तो माझी पोरे बिगड़ती मेरे बच्चे बिगड़ जाएंगे उसको लेके जा फिर आठवी कक्षा से हम दादर में आए फिर वहां तीन आठवी नवी दसवी और 11वी थी हमारे वक्त आपके वक्त तो दवी तक था ना जी हमारे यहां फाइनल जो एग्जाम होती थी 11वी 11वी के बाद साल फर्स्ट यर सेकंड यर थर्ड यर फोर्थ यर तो हम गए ज स्लट [संगीत] में वहा भी गुरबत तो थी यार इतने पैसे थे ही नहीं अब क्या करें तो हमारी टर्म फी थी उस वक्त जज स्कल ऑफ आट की र हमारे जो डीन थे य किस साल की बात है ना 68 69 तो हमें हनुमंत हमारे डीन थे और दामू केरे के हमारे प्रोफेसर थे जो थिएटर के बहुत बड़े डायरेक्टर थे विजय ककरे जो है थिएटर जो करता है वो उनका बेटा है तो यह फ्लोट डिजाइनिंग गवर्नमेंट के बहुत काम होते थे ना फैमिली प्लानिंग के पोस्टर बनाओ ये है बहुत से काम होते थे तो फ्लोट डिजाइनिंग जो होती थी कंपटीशन जो होती थी पूरे स्टेट्स की होती थी तो महाराष्ट्र स्टेट का जो फ्लोट डिजाइनिंग का होता था वोह जेज स्कूल ऑफ आर्ट में करते थे फिर हमें वहां वो जो जरूरतमंद बच्चे है तो उनको तो 00 400 मिलते थे हमको एक 26 जनवरी का वो फ्लोट डिजाइन में डिब्बा पकड़ो लेटरिंग करो चलो पीछे वॉच दे दो मजा आता था किसी के सामने हाथ नहीं फैलाने पड़े इससे और ज्यादा क्या चाहिए है यार झुकना नहीं पड़ा ये डिजाइन में या कला में दिलचस्पी आपको अपने बाबा से गजानन पाटी टेक्सटाइल प्रिंटिंग का पहले बिजनेस था व अचानक से कहीं एक कुछ ऐसा हादसा हुआ कि एक रात में वह सब कुछ चला गया और दूसरे दिन हमको नौकरी करनी पड़ी क्या हादसा हुआ था व छोड़ो किसी ने उसको गफला कर दिया और हो गया उनके साथ बिजनेस में धोखा धड़ी हुई थी तो दूसरे दिन हम नौकरी करने लगे तो हमको 3 रप मिलता था मैंने का 3 र बहुत बड़ी अमाउंट थी उस वक्त मैं यह बात कर रहा हूं 60 4 63 64 की 13 साल के थे हम तो आ किलोमीटर पैदल जाओ 8 किलोमीटर पैदल चल के आ जाओ 16 किलोमीटर चलना पड़ता था 55 र मिलता था और एक वक्त का खाना मिलता था और रात को खाते वक्त हमको दिक्कत होती थी कि यार मां ने खाया होगा पिताजी ने खाया होगा भाई ने खाया होगा जहन में तो आता था लेकिन हम खा लेते थे यार भूख इतनी बड़ी थी उनसे प्यार से हम खा लेते थे जी एस तारी साब के यहां काम करते जीस तारी बहुत बहुत उन्होंने हमको संभाला उनकी बीवी थी बच्चे थे शशिकांत पुष्पकांत और विश्व कांत तीन बच्चे थे उनके उन लोगों ने बहुत संभाला हमें फिर हम उसी वक्त नाटक में काम करते ही थे स्कूल में गांव में भी तो फिर कंपटीशन शुरू हुआ हमारा तो उसमें कुछ अवार्ड मिल गया तो हमको साक्षात्कार हुआ कि हम एक्टर है त फिर अब तय करना था कि थिएटर करे या नौकरी करे अच्छी खासी नौकरी थी 1200 पगार था उस वक्त य कहां प थी नौकरी सा एडवरटाइजिंग विजुलाइजर थे आप व हा लेटरिंग का ज्यादा काम था मेरा स्पेशलाइज मैंने लेटरिंग में किया था लेटरिंग क्या होती है दर्शकों को जरा बता द लेटरिंग कैलीग्राफी अभी तो हमको कंप्यूटर पे कुछ भी कर सकते हैं हम लेकिन उस वक्त सब हाथ से करना पड़ता था तो उसकी अहमियत होती थी यार वो उसकी लेटरिंग बहुत अच्छी है हम ये झेब्रा क्रॉसिंग रहती थी ना हां जी हां जी वो हम पेंड करते थे हमको ₹1 मिलते थे एक एक क्रॉसिंग के एक कर दिया तो ₹ तो रात को हम शुरू करते थे जैसे ट्रैफिक बंद हो जाए एक डेढ़ बजे शुरू करते थे नहीं तो फिर उसके ऊपर से गाड़ी चली जाए तो वो धब्बे आ जाएंगे टायर के तो मार्क्स आते तो फिर वो दूसरे दिन र मिलेंगे नहीं तो पहले दोनों बाजू तीन जन दूसरे जो हमारे दोस्त थे वो खड़े रहते थे फटाफट फटाफट लगा दो फिर अगला वो करेगा ऐसे करके एक रात में 253 जेब्रा क्रॉसिंग हो गई तो पैसे मिल जाते अरे बड़ा मजा आता है वो कमाने का जो जो मजा है अब तो पैसे ऐसे ही आसानी से मिल जाते हैं लेकिन य आसानी उससे नहीं है वो जो गुजरा जमाना जो है उसमें जो कुछ इन्वेस्ट किया है उसी की वजह से आज आसानी से मिलते हैं और हम थोड़ी एक्टिंग थोड़ी करते हैं यार हम तो हमारे इमोशन बेचते हैं ज उस दिन हम रोए नहीं वो रखा है हमने अंदर तो फिर कैमरा के सामने रो देते हैं तो आपको लगता है हा क्या एक्टिंग की पैसे भी मिलते हैं और बढ भी निकलती है आप यह बोल रहे हैं मुझे वजूद का वो सीन याद आ रहा है जिसमें आप डांटते हुए कहते हैं माधुरी के किरदार को कि कैसे आंसू नहीं निकलता 10 की गिनती में निकलता है एक दो तीन चार अरे वैसे ही है आंसू का क्या है ऐसे बैठो और आ जा यार कुछ एक ट्रिगरिंग पॉइंट याद कर लो तुम्हारा आखें गिली हो जाती है एक कोई कुछ कुछ हादसा है जो अंदर तुम्हारे दबाए रखा है तुने हो जाती है आंखें गलिए फिर बंद करो अंदर ही पानी जो है जैसे हम निगल लेते हैं तो आंख भी आंसू निगल लेती है अच्छा है आपके लिए वो ट्रिगर पॉइंट क्या रहता है पिता बहुत है एक दो बहुत है बहुत है रस है अब एक सेकंड में मैं रो दूंगा वो क्या है वो आसान है यार बहुत आसान है लेकिन व उसके लिए घूमना पड़ेगा भुगतना पड़ेगा आजकल जो हमारे यहां एक्टर बन जाते हैं जो नसीब है उनका चलो ठीक है लेकिन जब तक तुम्हारे पास उधार लेते जाओ यार दुख तब जाकर तुम्हें पता चलेगा एक ही तरह का दुख है जो तुम दिखाते रहोगे तो फिर वह स्टीरियो टाइप हो जाएगा जाओ उधार के दुख लो हम तो हमारी जिंदगी उधार की है ना हम हमारा कब जी है हम वक्त ही नहीं मिला हमारी जिंदगी जीने का आज इस किरदार की जिंदगी जर कल दूसरे कल और जिस दिन कभी ठहर जाएंगे तो पता चलेगा अपने बारे में सोचेंगे हम लेकिन वो होता ही नहीं है वो आदत सी होती है ना हम हमेशा मैंने पहले कई बोला है एक जगह कि नाटक करते हुए सामने तो अंधेरा रहता है ना हम स्टेज पर रहते हैं तो यह कलाकार का मतलब य फितरत ही ऐसी है कि उस अंधेरे में अपने सुख ढूंढने पड़ते हैं हमें व जो गुंज होती है ना तालियों की समुंदराची गाज बनतो ना और य तालियों की गाज व आदत हो जाती है यार उससे निकल नहीं पाते हम व जिंदगी जिस दिन व आवाज बंद हो जाती है वही मौत हो जाती है हमारी फिर आप हमको कास भी नहीं करेंगे लेंगे नहीं खत्म हो जाता है और यह तालियां पहली बार आपने किस परफॉर्मेंस के लिए सुनी वाल्मीकि के लिए नहीं मुझे याद नहीं हैय लेकिन पहला नाटक कौन सा किया था आपने वो स्कूल में वही वाल्मीकि किया था वो वाल्मीकि का रोल नहीं था मेरा मेरा रोल था वाल्मीकि के दो हेंचमन थे ना उसमें तो वो कुंजर कुंजर करके दो नाम थे एक शरद पकल करके हमारा एक था वो उसने एक किया था कुंजर मैंने कुंजर ऐसे कुछ वो देखने पिताजी आ गए शहर से हमारे गांव में तो मुझे हमेशा लगता था कि वो पिताजी जो है हमारे दूसरे जो भाई है उनसे ज्यादा प्यार करते हैं हम हम ऐसे काले क लूटे तो हम अशोक से या दिलीप से अशोक से या दिलीप से दोनों से उन दोनों से ज्यादा करते हम ये ऐसा हमारा वम था ये तो हम नाटक में काम कर रहे थे वो पिताजी मुंबई से वो देखने आए मैंने कहा ये अच्छा जरिया है उनका ध्यान अपनी तरफ खींचने का नाटक करते रहो तो वहां से को शुरुआत हो गई और फिर यहां एक बार वो तय हुआ कि नहीं थिएटर ही करेंगे तो उसके बाद नौकरी छोड़ दी फिर स्टेट कंपटीशन में अवार्ड मिले फिर एक पहला एक्सपेरिमेंटल जो नाटक था पाईज जाति विजय तेंडुलकर जी का था जात पूछ साधु की और अरविंद देशपांडे जी ने यह किया था डायरेक्ट किया था सुलभ देशपांडे जी के आविष्कार नाम था उस आविष्कार आविष्कार से जहां मैं सुलवा देशपांडे जी मैं ऐसे भीड़ में बैठा था कई रियर सल देखने गया था मैं य मुंबई की बात है बंबई में और सतीश पुलेकर चांगुना करके नाटक था रोनिया टंगड़ी थी उसमें उसके मिया ने जयदेवा टंगड़ी ने डरेक्ट किया था और मैं वहां जाकर हसी मजाक मेरा चलते रहता था तो एक दिन स्टेट कंपटीशन का नाटक तय करना था तो सुलवा जी ने कहा कि अरविंद वह जो बेटा है बैठा है ना उधर बच्चा उसको दे दो रोल वो अच्छा करेगा व वो नाटक था टेनेसी विलियम का रो टैटू जो ओरिजिनल फिल्म थी उसमें बर्ट लंकर अना मगनानी आई थिंक एना मगनानी को ऑस्कर था या शी वाज नॉमिनेटेड फॉर दैट उसका मराठी अडॉप्टेशन था वेंकटेश माडल करर ने किया हुआ सो आई प्लेड बल्ट लंकर रोल एंड आई गट अबोर्ड तो वहां से फिर वो शुरुआत हो गई और पाइजे जातीचे के बाद लोगों को ज्यादा अच्छा लगा फिर पहला कमर्शियल प्ले जो था हमीदाबाई चि कोठी इट वास डायरेक्टेड बाय विजय मेहता अ विजय मेहता तो मतलब उन परे तो हमें आपसे बहुत विस्तार से सुनना है अरे यार वो तो मतलब वो तो मतलब सुलभा और वो तो मां है हमारी और क्या उनके बदौलत तो हम है आप लोग हमको देखते हैं उनके बदौलत अभी तो उनका स्वास्थ्य भी बहुत खराब रहता है अभी विजय हाल में उनका उनके पति जो थे उनका देहात हो गया बहुत कमाल के वो भी अ अच्छे एक्टर थे फारूक मेहता तो उनके उजर जाने के बाद भाई थक गए हन में में जाके आया मिलके आता हूं मैं अब याद थोड़ी कुछ धुली सी हो गई है तो एक ही बात बार-बार दोहराते रहती है तो और हमें बड़ा दुख होता है यार वो देखते हुए हम सह नहीं पाते फिर भी हम हस के निकल जाते हैं लेकिन वहां से दरवाजे के बाहर निकलने के बाद तो बड़ी तकलीफ होती है अपनी मां को कोई देखेगा इस हालत में और मां ही तुम्हें अगर पूछेगी कौन है बेटे नाम क्या है तुम्हारा तो फिर हैरान हुई क्या थी इसकी कहानी क्या थी हमदा हमीदा जी कोठी की उस जमाने के जहां जो ये हमारे शुरुआत हुई थी ना रिकॉर्ड आने लगे तो कोठिया जो थी वहां जाना लोगों ने बंद कर दिया जहां गाया गाया करती थी तवायफ वो गाना कम होने लगा मतलब प्रोस्टिट्यूशन नहीं गाने वाले जो यह होते थे कोठे जो तो रिकॉर्ड आने लगी और वह खत्म हो रहा है उस वक्त का वह लिखा हुआ था प्ले व जो बूढ़ी औरत है वह कहती है कि नहीं हमारी तो यह बेजान त बकड़ी नहीं निकलेगी हम तो हमारे साथ हमारी आवाज चली जाएगी व पीछे नहीं रहेगी उसको मंजूर नहीं है और उसकी बेटी है दूसरे जो है वो कहते कि हमको वक्त के साथ बदलना होगा वो कहते और मैं उस मोहल्ले में एक कही कचरे के बाज पर पड़ा हुआ जो बच्चा था उसको उसने बड़ा किया है उस हमदा भाई ने तो मैं तो उसके सामने बिल्कुल ऐसा हमदा भाई कैसे तो मतलब अधीन है उसका पूरा ऐसा बहुत कमाल का था हम वहां वो बैठते थे ना वो खिड़की प ऐसे एक छोटी सी जगह रहती थी उसके ऊपर हम जैसे कागज का ऐसे ऐसे यह करते हैं ना थो ऐसे करके बैठना इतनी सी जगह में ताकि उसके एटीट्यूड ही ऐसी थी तो बॉडी लैंग्वेज जो कभी खुल के ऐसे बोल ही नहीं सकता था हमेशा लगता था उसका कि मैं इनके बदौलत मैं फेंका हुआ हूं मैं कुछ मेरा कुछ अस्तित्व नहीं है जो हमदा भाई बोलेगी वही कमाल का रोल था बहुत लिखा भी बहुत अनिल बरवे ने लिखा था नीना कुलकर्णी थी भारती अचरेकर थी अशोक सराफ था जी जनार्दन था पर दिलीप लटकर था तो वो उस वक्त हम पत्ते खेलते थे हमको 50 रप मिलते थे एक शो के और अशोक को अई 50 रप एक शो के अशोक वा बिग स्टार आज भी अशोक मतलब मराठी में हमारा बहुत बड़ा स्टार हिंदी में भी बहुत अच्छा कर तो 50 रप तो यार बहुत कम मिलते हैं कम से कम सबसे कम मुझे मिलते थे तो हम पत्ते खेलते थे रमी खेलते थे तो मेरे से पा प रुप हार जाता था जानबूझ के अब हमें मालूम था व जानबूझ के हार रहा है लेकिन फिर भी हम ले लेते थे पैसा हम जरूरत थी उस वक्त तो लेकिन अशोक ने बहुत बहुत बहुत मदद की मुझे मैं उसका मालिश करता था पैर दबाता थारा तो उसके पा रप देता था मैं तो बाकायदा पा पाच रुपए आज भी कहीं मिलता है तो मैं उसका जाके पैर दबाने लगता हूं ऐसा नहीं तो मैं ऐसे करता हूं तो फिर र निकल चल महंगाई बढ़ गई है ले यह रिश्ता है यार कमाल के हमारे विक्रम गोखले कमाल के बहुत मदद की लोगों ने हरे मराठी इंडस्ट्री के एक बहुत अच्छी बात है जरा किसी को किसी की जरूरत होगी तो बिना बोले बहुत कुछ करते हैं एक दूसरे के लिए सभी मराठी के सभी के सभी आज भी आज भी उन दिनों की हमने जब भी बात की आपके पुराने मित्रों से तो बार-बार एक नाटक का जिक्र आया जो हमें बताया गया कि आपके द्वारा प्ले किया गया वो आखिरी नाटक भी था पुरुष पुरुष था पुरुष मैंने 1860 शो किए शुरुआत मुझे 00 मिलते थे 16 साल मैंने किया वो नाटक लगाता पहला शो कब हुआ था इसका 81 में हुआ था शायद 81 81 और 96 में बंद हो गया उस हजारों में 46000 फिल्म आने लगी लोगों को फिर नाना को देखना था नाटक नहीं देखना था फिर व नाटक मर जाता है क्या होता है कि लोग अंकुश वाला नाना फिर परिंदा वाला नाना फिर उनको जैसे आया तो सिटी मने मैं तो खलनायक का रोल अदा करता था उसमें हालांकि उसको जूता मारना चाहिए वैसे जूते भी मारे हैं कई औरतों ने अच्छा हा क्या हुआ था वही मतलब परफॉर्मेंस देख के व इतना घिनौना था आदमी और नाटक खत्म होने के बाद वापस मांगने आए मैंने कहा नहीं ये सोनियर करके मैं रख देता हूं अच्छा जूते फेंके उन्होंने परफॉमेंस वो तो था ही बहुत लिखा बहुत अच्छा था किसने लिखा था जवन दलवी मेरे तीन नाटक मैंने जो किए एक महासागर पुरुष और पहला हमदा भाई हमदा भाई अनिल बरवे और बाकी के दो जयवन जवन दलवी प्रोफेशनल मैंने सिर्फ तीन नाटक किए लेकिन लोगों ने इतना प्यार दिया यार इतना प्यार दिया कमाल कमाल है स्मिता पाटिल जी से आपकी पहली मुलाकात इसी दौरान हुई थी स्मिता को मैं पहले से जानता था स्मिता पुना से थी तो जानता तो पहले से था वो टीवी पर न्यूज पढ़ती थी वो भक्ति परवे तो फिर गोविंद के साथ और इनके साथ वह काम करके वो जो आगे आ गई उसका स्क्रीन प्रेजेंट कमाल का था मतलब ऐसे देखोगी तो तुम्हें लगेगा ये है लड़की ये नहीं जैसे वो कैमरा तुम स्क्रीन देखो उसको वो बदल ही जाती थी कमाल की स्क्रीन प्रेजेंस कमाल का था उसका तो वो एक दिन मुझे कहते कि वो ऐसे ऐसा फिल्म बन रही है मैंने कहा मैं फिल्म में काम ही नहीं करना मुझे आई एम हैप्पी विद थिएटर नहीं नहीं तो जबरदस्ती मुझे ले गई बीआर चोपरा जी के साथ उनका बेटा रवि चोपरा डरेक्ट कर रहा था आज की आवाज और वो उसमें एक चार हेंचमन थे एक ऐसे रेपिस्ट बच्चे थे उसमें से एक रोल हमको ऑफर किया अब मैं यहां मैंने क्या बोला व बोल नहीं सकता आपने गालिया बकी हम तो मतलब व आ गई बाहर यार क्या हम एक्टर है ऐसे यह काम करने को बोलते हो झे इतना सब कुछ करने के बाद आपने देखा हमारा काम किस तरह का रोल आप हमको ऑफर कर रहे हो मैं बोल के मैं नीचे उतरा नीचे से स्मिता ऊपर आ रही थी क्या हो गया मैंने यार बकवास आदमी यार ऐसे ऐसे र करते कोई तरीका है य बातचीत मराठी भाषा में चल रही मेरी गंदी जुबान है तो मारतो का मराठी मे इ छान काम के हिंदी रोल देता नहीं कर हिंदी म नहीं करूगा क्या फरक पड़ता ऊपर ग कुछ बात की फिर नीचे आए अच्छा तू तो वो रोल करेगा क्या वो मेन जो विलन का है वैसा मैंने कहा एक शर्त मैं लिखूंगा व जो है लिखा हुआ वह सही नहीं है मैं लिखूंगा मुझे अब यार रवि चोपरा बी आर चोपरा जी का लड़का उन्होंने काम किया हुआ एक कोई नया बच्चा आता है ऐसे बेशर्म से ऐसे बात कर रहा है उन्होंने भी कहा ठीक है लिख लो अब इंसाफ का तराजू बहुत चली थी फिल्म और शब्द कुमार हमारे जो बहुत बड़े राइटर थे उन्होंने डायलॉग लिखे थे अब उनको मैंने कह दिया तो थोड़ा सा लेकिन वो बहुत कमाल के थे यार मतलब यह मेरी ज्यादती थी तो उन्होंने कहा हां लिख लो ना ना आप लिख लो तो मैं लिख के लेकर गया कुछ उनको पसंद आया हिंदी सुधार दी उन्होंने उसमें उतनी अच्छी हिंदी तो हमारी है नहीं खैर तो फिर हम सेट पर पहले दिन गए तो रवि थोड़ा सा गुस्सा हुआ था मुझसे तो अच्छा लिख भी लिया अने तो अब बताओ कैमरा कहां रखे हम तो वरुण मुकर जी कैमरा बन था तो मैंने कहा एक काम करो ये मैं यहां बैठा हूं यहां ऐसे ट्रॉली लगाओ कैमरा वहां रखो इनको यहां खड़ा करो और फिर अच्छा आप बताने भी लगे मैंने ट्रॉली लगा दी उसने कहा बरुण लगा दो मैंने कहा ऐसा ऐसा ऐसा ऐ ऐसा फर बाद में कैमरा पैन करो मैं फिर यहां का रिवील करो ले लिया उन्होने देखना शॉर्ट वो अभी भी पहले मेरा सिर्फ कान दिखता है फिर ऐसे ऐसे देखो जेजे स्कलाफ का कुछ तो फायदा होना चाहिए फ्रेम कैसी होगी क्या होगा कैसे दिखेगा वो तो उतना तो विजुलाइज तुम कर सकते हो रोल तो वही करते अदा करते थे ना हम अपने एडवरटाइजिंग एजेंसी में अब यह बंदा तुझे कहता है कि नहीं इस कैमरा में बोलना देखना है तुझे यह कहता है मुझे इस कैमरा में देखना है अब इसके लिए उन्होंने फ्रेमिंग तो जमा दी है ना अब इसके बाद वो अगर ऐसा है ऐसा है ऐसा ऐसा ऐसा कर रहा है तो उनका कुछ कंपोजीशन तो होगा कि नहीं उनके जहन में व विजुलाइज तो करते ही होंगे अब मैं इतनी देर तुझसे बात कर रहा हूं तो मुझे मालूम है यह कैमरा मुझे कवर कर रहा है लेकिन एक वक्त ऐसा आना चाहिए कि यह कैमरा तुम्हारे जहन से अपसेट होना चाहिए जो तू अभी बोल रहा था मैं सच कहता हूं बच्चे की कसम मैं सीख रहा था तुझसे जिस तरह से तू कर रहा था ऐसे ही तो हम ऐसे चोरी करके तो मैं इतना बड़ा बन गया यहां से चोरी करो वहां से चोरी सच कितना बेहतरीन करता था कितना बेहतरीन बोना था थैंक य तो मैं कहता हूं ये लोग देखेंगे एपिसोड वो तुझे देखने के लिए मुझे देखने के लिए नहीं ये आपने जैसे कहा कि हम लोग ऑब्जर्व करते हैं आप उसको चोरी करना कह रहे हैं विजया मेहता जी ने आपको क्या सिखाया देख एक ही सीन जो है तू करेगा अलग तरीके से क्योंकि तेरा जो अनुभव है तजुर्बा है जिंदगी है जैसे कटी तो नहीं मैं अलग तरीके से करूंगा यह यह बच्ची अलग करेगी तोक हर एक का पनपना अलग है उसका इस्तेमाल करो तुम्हारे जहन में वो होना चाहिए तो मुझे लगता है हर एक का अपना एक अपना तरीका है उनका कहना है था कि तुम तुम्हारे यह किरदार है तुम्हारी जिंदगी की कौन सी ऐसी चीज है जो इससे मिलती है उसमें थोड़ी घोल दो एक्टिंग मत करो पहले अपने जैसे रहो अपने तरीके से रहो कोई कोई कोई देख रहा है नहीं देख रहा है उसकी फिक्र मत करो स्वाभाविक तरीके से और क्या होता है स्वाभाविक अब तू जो कर रहा है तू जो बोल रहा है वो तेरा स्वाभाविक होना है ना लेकिन हर किरदार का स्वाभाविक होना अलग होगा मैं एक रोल जो कर रहा हूं य परिंदा का कर रहा हूं वह अलग है अग्नि साक्षी का अलग है शक्ति का अलग है अंकुश का अलग है तो उनका स्वाभाविक कैसे होना होगा तो पहले वो सोच लो वो बन लो कहीं ना कहीं तो जिंदगी में कुछ कोई तो लोग मिले हुए होते हैं यार मैं वो ये ऐसे करूंगा अब ये पुरुष का जो किरदार था उसमें थोड़े से विजय तेंडुलकर भी थे ओके उनको उनको ये आदत थी हमारे एक राजवाड़े करके मित्र थे सीनियर थे उनको आदत थी हम एक हाथ ड्रिंक लेने के बाद व ऐसे बैठते थे और और नाना क्या है वो उनकी वो तो वो जहन में कहीं बैठा था यार ये मुझे वो उनकी तरफ देखते हुए बड़ा अच्छा लगता था तो मैंने कहा शायद ये उसमें फिट बैठेगा तो वो मैंने कहीं वो वहां इस्तेमाल किया व कभी कभार क्या होता है कि ये ऐसे है यह पैर ऐसे ऐसे बैठे हैं और क्या बात है कि वो हमें ऐसे होता था तो ये पैर उठा के इसके ऊपर रख तो छोटी-छोटी बातें होती है वो तो वो यहां से कुछ उठाओ यहां से कुछ उठाओ यहां से और फिर जाके वो एक ही इंसान की तरफ से लेकर वो किरदार नहीं बनता तो हमें लगता है कि यह अच्छा लगेगा यह अच्छा लगेगा हो जाता तो विजा बाई ने हमें ढूंढो पहले हम तो हाथ में मैं खड़ा रह जाऊंगा तो व त कवर कर सकता है क्या हां हा कहां तक फ्रेम है तेरी नहीं तू ऐसे ही खड़ा र बोलो म फ्रेम कहां तक है नहीं नहीं मैं ऐसे ही मैं बोल रहा हूं तो वो वहां हमारे यहां हम आप खड़े हो सकते हम ऐसे रिमा लागू थी वहां पुरुष में चंद्रकांत गोखले थे विक्रम गोखले के पिताजी उषा नाडकर कमाल का रोल करती थी तो मेरे हाथ में स्क्रिप्ट रहती थी जब तक वो पूरी ना उतर ले तब तक मेरे हाथ में स्क्रिप्ट रहती थ तो मैं काम करते वक्त हमेशा फिर ऐसे हां तो वो सब उनके हाथ से स्क्रिप्ट निकल गई थी तो वो बिल्कुल इमोट करते थे और मैं हां भाई कुल था र सा म तुम्हा बै रा इधर आता हूं फिर मैं तो ऐसे करता सो उनको बड़ी दिक्कत होती थी फिर वो तकरार करने लगे भाई के पास कि भाई ये क्या है का हम हम इमोट पूरी तरह कर नहीं पाते उसको बोलो वो स्क्रिप्ट छोड़ देया व आंखें जब तक मिलती नहीं है तो हम कैसे रिएक्ट होंगे तो उसके पहले मैंने एक नाटक किया था भाई के साथ महासागर तो भाई ने कहा जिस दिन छूट जाएगी छूट जाएगी ठ तुम थोड़ा पेशेंस रखो तो एक दिन वो दारू का सीन करना था मुझे भाई ते तो क्या तो मैं ऐसे ही करते स्क्रिप्ट थी तो ऐसे स्क्रिप्ट थी तोव ऐसे इधर गई और मैं ऐसे शुरू हो गया अखर तो यह जैसे शुरू हो गया तो बाद में मुझे बताया सबने कि भाई हम हमको सबको इशारे से मतलब अभी देखो तो वो पूरा जब तक उतरता नहीं होता नहीं था अब सिनेमा में भी अभी हम जर्नी करके आए और जब तक पूरा 100 बार रिहर्सल में अपने आप करता हूं रात को मतलब पैकअप के बाद लोग घर जाएंगे और आराम करेंगे वैसे होता नहीं है दूसरे दिन के लिए मुझे जब रिटेक होता है तो बड़ा अपमान लगता है यार हालांकि रिटेक प्रोविजन है ना य और तुम अच्छा करो और बेहतर कर सकते हो य मुझे लगता है नहीं यार इतने सालों के बाद मुझसे रिटेक कैसे चले नहीं अब गुस्सा है तो हम कभी फिर कुछ दो गालियां बकी ये गुस्सा होता ऐसे नहीं है यार कई जगह गुस्सा ऐसे भी होता है यार तुमने ऐसे किया है हम तुमको क्या समझ बैठे थे और हमारे पीठ पीछे तुमने ऐसे कर दि ये अच्छी बात नहीं है यार देखिए आप गुस्से की और पीठ पीछे की बात कर रहे हैं आपके एक दोस्त ने किस्सा सुनाया यह संजय लीला भंसाली की फिल्म है सीमा विश्वास है और आपको कहा जा रहा है कि आपको पलट के देखना और आप पूछ रहे कि क्यों पलटना है ऐसे और इस पर झगड़ा होता है एक अरे यार एक झगड़ा नहीं बहुत झगड़े है लेकिन संजय संजय अच्छा अच्छा डायरेक्टर है हुआ क्या था वहा अरे कुछ नहीं छोड़ो या थोड़ा गुस्से का प्रोसेस कैसे आता है वो समझना जा नहीं यार वो क्या है उसको हार्ट अटैक आता है बच्ची को मेरी बीवी को मैं वहां ताश खेल रहा हूं और वो पीछे हम दोनों गूंगे हैं अब मुझे मालूम नहीं उसको क्या हो रहा है और मैं तो अपना इसमें ही मशगूल हूं खेल रहा हूं मैं अब संजय को चाहिए था कि मैं पीछे देखूं उसका कहना था कि तुम्हारी बीवी है तुम्हारे अनस्पोकन ऐसा एक जो रिश्ता है तुम्हारा तुमको अंदर से ही लगता है कुछ हो रहा है पीछे इसलिए तुम देखते हो मैंने कहा ऐसा नहीं होगा मुझे चाहिए हालांकि उसने उस उसके बाद मेरे साथ काम नहीं किया कभी बज चाहिए बज मिल गई उनको वै नहीं अच्छा है यार हमने जरा कुछ ज्यादा किया होगा ज्यादा बोल दिया होगा हमारे जहन में देख तेरा मेरा रिश्ता यह जो है जी वो सिर्फ काम के लिए नहीं होना चाहिए यार उसके बाद भी जिंदगी में हम काम करें ना करें यार वो तो होना चाहिए ना ऐसे कैसे चलेगा नहीं तो ये को चला हा बोलो यार क्या करना है ऐसे हमसे होता नहीं है व पूरी तरह इवॉल्व होकर हम काम करेंगे हां मजा आया फिल्में तो लगती है चलती है गिरती है वो ठीक है यादें हमारे साथ रहेगी ना जिंदगी भर फिल्म थोड़ी फिल्म तो है ही ये हां मतलब पर आपके केस में वो यादें अ मतलब डायरेक्टर और एक्टर लड़ रहे हैं कुर्ता फट गया फिर बनियान में सीन हो रहा है हां वो क्या विधु को पसंद नहीं आ रहा था कुर्ता आपका अरे विधु को मुझे विधु ही पसंद नहीं क्या हुआ था नाना अरे कुछ नहीं यार मैं मैं मैं झगड़े पर काबू नहीं मतलब गुस्से पर काबू नहीं कर पाता कर पाता थे या अभी भी नहीं कर पाते अभी भी वही हाल है तू फिक्र मत कर लेकिन हमारे यहां अब यह जो सन्नाटा है यह जो हम बोल क्या होता है कि तुम हर एक सीन का एक सुर होता है ना हर जगह एक हम बोलते हैं हम कभी बात करते हैं हम एक दूसरे से कैसा है बाकी गांव कौन सा है तेरा कौन सा अलीगढ़ अच्छा अच्छा और वहां पढ़ाई कहां तक की जम हु अभी गांव कौन सा है तेरा ऐसे तो हम बोलते नहीं हम इधर ही बोल रहे तो गांव कौन सा है तेरा पिताजी क्या करते हैं बिनेस काहे का शूज का होल शू शूज का बिजनेस है तो यह सर है हर एक का अपना जो प्रसंग होगा उसका एक सुर है तुमने जब शुरू किया हे साउंड कैमरा क्लैप अब हम सीन कौन सा है तु देखा तूने ना वो पर अब उसमें तुम बोलोगे एक्शन तो कान में गूंजती है वह आवाज तकलीफ देती है हमको रहने दो यार उसमें रहने दो हमको मालूम है हमको कहां से हम शुरुआत की नहीं तो वह तुम्हारी आवाज की जो नोट है वह हमको वह हम पकड़ लेते हैं एक्टर को सब कॉन्शियस लेवल पर हम उस पर जाते हैं तो तुम क्या करो हां बोलो या एक्शन हमको हमारा वक्त दो हमको वो सुर में जाने दो और फिर तो उस वजह से कुछ होगा और उसकी बहुत बकवास कुछ यादें हैं और आदत भी है विधु की विधु सुन ले मैं सामने कभी आएगा ना तेरे सामने में बोलना चाहता हूं सब कुछ तेरे पीठ पीछे नहीं कब मिले आप लोग आखरी बार आखिरी बार कब मिले आप दोनों जब भी मिलते हैं मुझे लगता है कि आखिरी बार हो स क्या होता है अभी अनिल शर्मा मैंने उसके साथ कभी काम नहीं किया गदर किस किस्म का डायरेक्टर है तुम लोगों को मालूम गदर हाकी का है उसका सभी हाई वोल्टेज ड्रामा रहता है अभी आप जर्नी कर रहे हैं उनके साथ जर्नी हो गई डबिंग भी हो गई वह सजाता बहुत कमाल का है सीन सजाने का बहुत है लेकिन उसकी एक कन्वेंशनल उसकी अपनी एक तरीके हैं अब मैं उसको कहता कि अनिल ये ये ये तो उसने मुझे इसमें फिल्म में कहा कि नाना मैं आपको एक्टिंग सिखा नहीं सकता आप बताइए कैसे करेंगे मैं कैमरा लगा देता हूं मैंने कहा ऐसे भी मत करो मुझे बताओ तुम्हें यह यह चाहिए तरीका में अब लिखने से हम साथ में हैं पिछले आन 10 महीने से हमको मालूम है ना क्या है किरदार तो हमको अपने तरीके से करने दो हमें पूरा उसका ग्राफ मालूम है उसने कोई लेकिन वोह सीन जो है यहां से यहां उठाकर लेकर जाता अब मैंने उनको कहा कि दूसरी फिल्म हम साथ में करते हैं प्रकाश झा जो है उसके साथ अगर काम करो तो मतलब कुछ बोलना ई सेट मुझे बुलाएगा देख ऐसा ऐसा ऐसा ऐसा ऐसा इतना इसता से अगर कुछ कहना है तो कान में थोड़ा सा ऐसा ऐ बस डबिंग में मैं उसको कहता हूं कि मेरे साथ में बैठ हम ताकि वो लजा जो है तुम्हारा बिहारी वो कुछ नहीं हम क गते ना कुछ नहीं ऐसे नहीं करता व हम कहते हैं ना बोल दिया था ना खामखा का खींचना जो होता है ना तो कहता है ना ना ये लोग जो कहते हैं ना ये ये नहीं ऐसी नहीं है बिहारी हमारी ऐसी है मैंने कहा हमको तो मालूम नहीं हमको बोल दो हम जो बोलोगे हमको दुनिया की कोई भी लैंग्वेज बोल दो हम बोल देंगे हमने काला जो है तमिल में डब की है अपनी आवाज में हालांकि शूटिंग के वक्त हम हिंदी में बोले अच्छा और डबिंग के वक्त तमिल में किए ऐसे दो लाइने करनी थी मैंने कहा हां बोलो वो लड़की ऐसे बोलती थी हां हां हां य माइक है हां हां अभी कैसे हो एर ऐसे है तो वो एक बार कान में गया हां हां ओके ऐसे ऐसे पूरी फिल्म की मैंने और मैंने कहा रजनी अन्ना थे मैंने कहा दादा मतलब व आदमी तो इंसान मतलब ऐसा नाना बहुत अच्छा क्या बहुत थैंक य कैसे हम लोग ने तो कहानिया सुनी आप बताइए आपने साथ में काम पर्सन ट पर्सन कहां पर शूट किया था आप लोने चेन्नई में य वही चेन्नई में इधर भी थोड़ा पोर्शन बंबई में किया उनके बारे में या राजकुमार साहब जो थे हमने तिरंगा में काम किया था इतने बेहतरीन इंसान है यार खामखा अवाए फैली हुई है उनके बारे में क्या अवा फैली आपने भी सुनी थी किसके राजकुमार साहब के बारे में ना ना मैंने सुनी थी लेकिन मेरे जहन में ने हमने तो उनको बोल दिया हम आपकी मतलब पिता समान है हमारे बड़ी इज्जत करते हैं आपकी इसको बरकरार रखना आपके हाथ में है पर वो जो कहानिया चलती है कि आपने मेहुल कुमार जी क कि एक भी सीन नहीं बदला जाएगा और वो चिल्लाए नहीं कुछ नहीं ये सही बात है नहीं नहीं अरे यार उल्टा उल्टा था क्या था ना ना एक काम करना है तुम्हें राज साहब कहते थे वो जो सीन है मेहुल लाएगा वो सब देख लो सही करवा लो हां व ऐसे ही मत करो वह कुछ लिख के लाएगा और तुम चेक करो य वो कहते थे हमको नहीं शूट के दौरान आप लोग की केमिस्ट्री बिल्ड हो गई थी हमार मतलब केले के फूल की सब्जी खाई है तूने कभी जी केले के फूल की फूल की नहीं तने की केले की फूल की केले के फूल बहुत मतलब तकलीफ होती है वो बनाने में रात को छिल के रखो यह करो साफ करो तो वो बना के हम लेकर गए थे मां ने बनाई थी तो नाना क्या लाया खाने में तो मैंने डिब्बा लेकर जाता था तो अरे वाह तो खाई थोड़ी वाह ये तुम खाओ वो घर से कुछ लाया था और खाई और मुझे कहने लगे कि मां जी को कहना कि कीमा बहुत अच्छा हो गया था मैंने कहा राज साहब कीमा नहीं है वो केले की सब्जी है नहीं नहीं जानी ये तो कीवा है व जिस तरह से बोलते रे यार अरे भाई मैं हूल कभी एक इतना गंदा लब्ज नहीं उनके मुंह में कभी गुस्सा भी हो गए तो सिर्फ बस एक लब्ज नहीं मुह से निकल गया पर उस समय के फिल्मी जर्नलिस्ट लिखा करते थे कि यह फिल्म बनना असंभव है य तिरंगा कभी नहीं स है इसमें ये मैं नहीं कह उन्होंने कहा था सबने लिखा भी था यह फिल्म मेहुल कभी पूरी ही नहीं होगी लेकिन नहीं यार हम तो मतलब बाकायदा उनके पैर छूते थे क्या आप लोग की मतलब ड्रामे फिल्म लेकिन ब्रिगेडियर सुदेव और इंस्पेक्टर वागले और आप जब बोलते हैं व जो पीछे से म्यूजिक बजता है मराठा मरता है मारता है उस फिल्म का लॉजिक नहीं पूछने नहीं लॉजिक तो हम फ्यूज कंडक्टर का किसी पूछेंगे नहीं बट द काइंड ऑफ कन्न इट ब्रॉट हा देखो भाई झूठ है ना इतने कण से बोलो कि वो सच लगे तो वैसी थी वो फि क्रांतिवीर करते वक्त क्रांतिवीर वो पहले बम ब्लास्ट हुए थे तो उस वक्त जो घूमे थे हम मैं अकेला घूमता था जीव पानी की बोतल एक सैंडविच कोई होता था कोई ने कुछ लाठी काठी कुछ नहीं चक छरी कुछ नहीं अकेला हमने मुझे अलाव किया था सब जगह जाकर सब से बात करता था मैं उस वक्त का जो एक्सपीरियंस था उसके ऊपर तो बनी हुई है क्रांतिवीर क्या एक्सपीरियंस था बताइए ही है जो क्रांति मुंबई बिखर गई थी पूरी तरह मुझे कभी कभी कोई प्रॉब्लम ही नहीं महसूस हुई मुसलमान मुसलमान मोहल्ले में अकेला चला जाता था मुझे किसी ने कभी ऐसे यह नहीं किया आके ऐसे मिलते रात को 3 बजे 4 बजे रात को नाना भाई क्या खाओगे यह खाओगे खौफ इतना था ना और हमें हम कुछ नहीं यार हमारे ये सियासत दन उते और हम खा खाए एक दूसरे के सर तोड़ते हैं वैसे तो हम साथ में ही रहते कितने सालों से खैर चलो सियासत के बारे में ना बोले तो बेहतर है आप यह बता रहे थे मुझे नजीरा अनवरी जी का घर याद आ गया हा अरे यार येय हमारे मिया मत साहब थे हम जिनके घर में रहते थे उनकी दो बीविया थी अनवरी और नजीरा उनके बेटे थे सैफुल अनवर जी जी का दिलशाद बच्ची थी उनके अब अमेरिका में है शायद और इनकी बाबला थी छगन थी पप्पू पप्पू था और उसी घर में तो पले है हम हमको कभी ऐसे आपको कोई फर्क मालूम है हिंदू मुसलमान में कोई अगर हमको कोई समझा दे क्या फर्क है तो कोई समझा इतने बच्चे हो तुम नए सिरे से यहां है कोई मुसलमान है कोई कोई नहीं है नहीं नहीं पीछे हमारी टीम में है कैमरे के पीछे वो है आले है कुछ फर्क है मुझे बता देगा तू हिंदू मुसलमान का फर्क मैं समझना चाहता हूं यार इतने सालों में 75 होंगे अगले साल हमको समझ में नहीं आ रहा हम कोई समझा देगा तो बेहतर होगा क्या है तूने कभी आज तक तू समझ पाया कुछ क्या फर्क है तू कहां रहता दिल्ली में ही नहीं पहले कहां रहता था बचपन से गांव में अपने कहां उ उरई के पास कहां मतलब किसम चमारी नाम है गांव का य यूपी में यूपी में बुंदेलखंड में बुंदेलखंड में यूपी में जी तो तुझे कहीं कहीं दिक्कत महसूस हुई ऐसे कभी मुझे कभी आज तक नहीं महसूस मुझे लगता है कि हम सबसे पहले देश होना चाहिए बस और कुछ नहीं उसके बाद मेरा रिश्ता मेरे रिश्तेदार मेरा धर्म यह व सब पहला देश यह होने के बाद फिर हमको कोई दिक्कत ही नहीं होनी चाहिए उस तरफ जाने के रास्ते अलग अलग होंगे लेकिन हमारा है नहीं मेरी मतलब पहचानी ही क्या है मेरी परदेश में जाता हूं तो मुझे इंडियन ही कहते हैं ना तो जानते जात तो पूछते ही नहीं मेरे तो हम यह कब समझेंगे हमें समझ में नहीं आता आप यह बोल रहे हैं एक बाहर जाते हैं तो हम सब ऐसे मिलते हैं एक दूसरे को और यहां रहते तो हमें दिक्कत है एक दूसरे से समझ में नहीं आता क क्या बोल रहा एक ये अ डायलॉग है आपका राजू बन गया जेंटलमैन का हां तो सबब लोग हिंदू को नमस्कार नहीं बोलेगा मुसलमान को सलाम नहीं बोलेगा क्रिश्चियन को गुड मॉर्निंग नहीं बोलेगा क्योंकि अपुन यहां लैंग्वेज का लफड़ा करने नहीं आया है अभिवादन से ही वह भेद शुरू हो जाता है और फिर और यह अजीज मिर्जा ने यह फिल्म डायरेक्ट कि है जी अजीज भी वैसा ही है उसने कभी यह माना नहीं उसकी बीवी हिंदू थी हिंदू मेरी बहन ने मुसलमान से शादी की थी अब्बास से तो मेरे जो भाई है उन्होंने रिश्ता तोड़ दिया तो मैंने कहा वो कहां गई शशि तो हमारे पास है हमें अब्बास मिल गया लेकिन यह नजरिया है हम कैसे सोचते हैं अब मालूम नहीं मैं अब मैं सच कहता हूं सौरव अब मैं चाहता हूं कि मैं कहीं ऐसी जगह जाकर रहूं कि जहां मुझे कोई कुछ पूछे ना मैं पढ़ता रहूं या मैं अगर चाहूं तो लिखता रहूं या वहां के लोगों से रिश्ता बना दूं मैं इतने तो लोग जुड़ पाएंगे जो उठा के ले जाएंगे बाद में उतने ते रिश्ते बना लूंगा मैं अब यह इससे बड़ी कोप हो या रे इर्दगिर्द जो चलता है ना वो बड़ी तकलीफ होती है अब ये साफा पहना है तो य सीख है य कोई हिंदू है मैं जाट हूं ब्राह्मण है दलित है ऐसे थे नहीं हम लोग अच्छे थे जैसे भी थे सभी वर्ण तो साबूत थे वहा सब जगह लेकिन हम साथ में थे तोब ये तमाशा देखने वालों की भीड़ बढ़ गई है आप सब लोग जानते हैं क्या है मैंने बात कह दी मैंने कहा पहले देश बाद में सब कुछ हो जाएगा हम किसानों के लिए हम जब कहते हैं ना कि जो हमारा कर्जा है माफ कर दो यह व बाद की बात है हमारा जो मुआवजा है जो हमारी यह फसल है 00 रुप की लागत है हमारी 1 स देने हैं स्वामीनाथन जो आयोग है उस हिसाब से हमको कुछ नहीं चाहिए कुछ नहीं मांगे आपके पास कुछ चाहिए नहीं सभी तुम्हारी चीज के दाम बढ़ गए मॉल में जाकर तुम इसका भाव करते हो तुम्हारी जींस का जो होता है वही लेकर आते हैं हमारे यहां इतने में देती हो इतने में देते हो क्या यार अब मैं देख रहा हूं ना मैं अपने यहां अभी फसल धान की फसल अभी लगेगी गेहू कटा है माजरा कटा है जवार कठी है हमें मालूम है लागत कितनी लगती है हमारे यहां फसल कम भी आए चलो हमको चलेगा हमारे पास है दो पैसे व जाएंगे कहां पूरी धन दौलत आसमान के नीचे रखी हुई है पंछी आते हैं सूअर आते हैं हिरन आते हैं नीलगाय आती खा जाती है खरगोश है देखने में ग लहर कितनी अच्छी लगती है कितनी नुकसानी करती है हम किसको बोले करें क्या हम अब यार मैं किसान होने के नाते मैं अपने आप को मार सकता हूं मैं आत्महत्या कर सकता हूं तो तुझ पर हाथ उठाना मुझे कितना आसान है मुझे क्या फर्क पड़ेगा मैं तो वैसे भी मर रहा हूं ना नहीं मांग रहे ज्यादा यार नहीं मांग रहे ददा हम इतना सा मा उतना दे दो कितनी तादाद में है 60 पर है किसान है पहले 85 थे 90 थे कहां जाएंगे हम अब बारिश है बारिश का कोई ये ठिकाना ही नहीं है कब आएगी कब नहीं आएगी हम मराठी में दुबार पेरणी बोलते हैं दोबारा करनी पड़ती है बारिश नहीं हुई एक बार की फिर दोबारा की लाएंगे कहां से बीज लाने हैं लाएंगे कहां से उतने पैसे है नहीं हमारे पास भाई दोबारा जाकर यह करेंगे हम शराब नहीं पीते हम कुछ भूलना चाहते हैं है क्या हमारे पास व हमारा एक गरीब बिचारा बोले ना बोले जाने दो छोड़ो कही दीजिए बात पूरी वो कहता है कि हमने गुनाह किया बड़ा क्या किया मतदान किया कल की बात नहीं है पहले उ जिनको देना चाहते थे उनको दिया वो फिर बाद में कबाड़ा हो गया सब कौन किसके साथ जा रहा है हमें समझ में नहीं आ रहा हम तो सोचे य हमारे लिए करेंगे हमने इनके खिलाफ दिया य जाके उनके साथ बैठे हम कौन है उल्लू तुम्हारे नाम का टीका लगाते हैं ना हम यहां और किसी और के साथ शादी कर लो तो कैसे चलेगा है ना आप कह रहे थे कि अब मन नहीं करता है कि कुछ बात करें लिखें पढ़े जब आप प्रहार लिख रहे थे तब किस तरह की बेचैनियां चल रही थी मन में मेरे फिल्म का अगल बगल में जो घटता है उसी के ऊपर तो होता है सौरभ ऐसे थोड़ी कहानी थोड़ी है फिल्म थोड़ी है नहीं तो मैं पैसे बटोरने होते तो मैं वही करते रहता प्रोड्यूसर भी बन जाता हमारे अगल बगल में जब आर्मी का प्रदेश में आर्मी का बंदा जब आ जाए तो तुम्हारा प्रेसिडेंट भी उठ खड़ा हमारे यहां कोई इज्जत ही नहीं है आम लोग होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी बनती है कि यह बंदा मेरे लिए जान देता है यार शरत पर खड़ा है एक बंदूक लिए हुए हमारी जिम्मेदारी होती है खड़े रहो भाई मुझे आदत थी खड़की में जहां पुना में वहां ये है ना बैसे खड़की खड़की खड़कवासला में तो एनडीए अच्छा खड़की में आर्मी का और उसका तो वहां मैं पुणा में जाता था जब पहले मतलब बहुत पहले की बात जब कॉलेज स्कूल में था तो बड़े-बड़े ट्रंक होते थे इनके जी ऐसे सामान के तो मैं उतर के मैं उसमें हाथ लगाता था ऐ मुझे मुझे खाकी और यह ऑलिव ग्रीन जो है मिलिट्री ग्रीन उसके लिए बड़ी इज्जत है या मैं आज भी ट्रैफिक पुलिस है या कोई पुलिस है य तो मैं गाड़ी व शीशा नीचे करके मैं कैसे हो हा अरे फिर आते है कैसे कैसा है मुझे अच्छा लगता है क्या है मैंने क्या इतना ही तो पूछा कैसे हो अब उसके लिए तो मैं नाना पाटेकर हूं एक्टर हूं लेकिन उसको अच्छा लगता है यार एक मेरे कैसे हो पूछने से थोड़े 1015 मिनट की थकान कम हो जाती होगी अच्छा है मजा आता है शुरुआत कैसे हुई प्रहार लिखने की क्या वाकया था यह 1900 कब की बात है परिंदा के बाद इमीडिएट जी वही यही ऐसे ही कुछ कोई कुछ बोल दिया था मैंने कहा ऐसे नहीं चलेगा इनको और वैसे मैं आर्मी जवाइन करना चाहता था तो वो बड़ा भी निकाल दी मैंने कहा अपने आप को बना दो काफी आपने मराठा लाइट इन्फेंट्री के साथ ट्रेनिंग ली थी कितने लंबे वक्त तक ट्रेन हुए थे तीन साल तक मैं वहां आते जाते मैं बहुत बहुत यार मैं 40 की उम्र में कमांडो कोर्स का वो सभी किया हुआ है बीओसी बैटल ऑब् सेकल कोर्स और बाकी का वह सभी 28 तो उनके आउटर लिमिट है ना हमारे बच्चे क्या थे हमारा सही परा का लड़का था ना वो जो मेन रोल किया है तो वो कैमरा देबू का असिस्टेंट था मैंने कहा यह काम करेगा गौतम जोगलेकर हम अरे नाना उसको कुछ नहीं वो बा बराबर बोलने उन्होने कहा मुझे वैसा ही चाहिए हो जाएगा क्या लाइट जा रहा है हां हां चलो चलता है अंधेरे में भी वही बोलेंगे हम तो कितना बेहतरीन काम किया उसने उसने वो फिल्म की थी मराठी अ पकपक पकाक उसमें मैंने काम किया उसने डायरेक्ट की थी बहुत अच्छा डायरेक्टर है मालूम नहीं वो क्या हो गया बाद में बहुत अच्छा करता है अरुण जोगलेकर और सही परांस इनका बेटा वो प्रहार करने के बाद फिर मैंने पैसे कमाना चाहा मैंने मुझे घर लेना है मुझे पैसे चाहिए मुझे यह चाहिए उसमें मैं अटक गया थोड़ा उस परे हम जाएंगे आगे लेकिन थोड़ा ठहर के क्योंकि हम सब लोग जिन फिल्मों की खुराक प पले बढ़े हैं हा उसमें प्रहार हमारे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण फ बहुत से मेरे आर्मी के भी जो बच्चे हैं मुझे कहते कि हमने और पुलिस में भी हमने यह देख के फोर्स जॉइन किया बहुत ऑथेंटिक हुई थी फिल्म लाइजन ऑफिसर हमारे सुनील देशपांडे करके थे बंडू देशपांडे जो मराठा लाइट इन्फेंट्री के ही थे उन्होंने मुझे बहुत मदद की प्रहार बनाने में सभी जो इंफॉर्मेशन हमारे वीके सिंह जो थे आर्मी के चीफ थे ना बाद में वो कमांडो विंग में डेप्युटी थे और जेरी गुंजल वास कमांडर कमांडो विंग एक सीन में दिखते भी है वो हां वो है ना वो है बके है ना तो सभी कुछ सही था वो जो ची जो बना है मेरा तो वो जरी है जरी नो मोर नाउ रिसेंटली डाइड तो उनसे कौन बेहतर काम करेगा यार और डायरेक्शन क्या होता है व ऐसा दिलाना है यार तुम कर सकते हो और हम जब ऊपर से ऐसे चल रहे थे पहली बार चल रहे हैं हम हमको कोई दिक्कत नहीं पैर रखने को कितनी जगह रख 60 फीट प थे हम और यह एक फीट का है लेकिन पैर रखने को 4 इंच लगता है ना तो इधर भी 4 इंच है इधर भी 4 इंच है तो क्या प्रॉब्लम क्या है यह दिमाग में डाल दो तो कोई फिकर ही नहीं है ना नहीं इधर गिर जाएगा तो तो तो फिर तुम उधर ही देखोगे अरे इधर है ना समझ में आया ना मुझे वो सीन भी ध्यान आ रहा है जिसमें वो मैं ऊपर भी नहीं जाऊंगा नीचे भी नहीं आऊंगा वो टू बाय टू बोलता है वो जी वो सब डर गया था यार मैं सच कहता हूं आप लोगों को मालूम नहीं आपने फिल्म देखी होगी नहीं देखी होगी तो देख लेना उसमें ऊपर जाने के बाद वो ऊपर चलना था ऐसे मुझे ऐसे चलना था तो य ये समझो ये है य इस पर ऐसे चलना है तो उस परे चलते वक्त वो जो हमारा एक था शिव सुब्रह्मण्यम जो लंबा था व प्रॉक्टोस्कोप ला तो वो चेकिंग के के लिए ये करते थे ना उधर वो कहता मेरा सर दुख रहा है प्रॉक्टस कोपला बोता मेरा इधर कुछ नहीं हुआ मेरा सर दुख रहा है नहीं वो प्रोकट तो झूठ बोलते थे यार आराम करने के लिए वो ऊपर गया तो वो सच ही वो डरता था हाइट के मतलब उसको तो ही स्टार्टेड पिसिंग देर और वो ही स्टार्टेड पिसिंग रोने लगा तो उसमें जो दूसरा शॉट था मैं पानी में कूदता हूं और ऊपर चढ़ता हूं वो शॉट था नहीं मेरे जो गुरु थे मतलब है राजदत्त जी वो तो मैंने उनको क्लैप मारने के लिए मैं पहली फिल्म कर रहा हूं आप क्लप देने के लिए आए हो पहली महूरत की व पहले दिन आए महूरत की क्लब द कहे मैं पूरी फिल्म में मैं क्लब दूंगा तुम्हारे आशीष बन कर मेरे गुरु है राजदत्त जिनको 14 बेस्ट डायरेक्टर के अवार्ड मिले पांच नेशनल अवार्ड मिले हैं ही वाज असिस्ट मी तो उन्होंने देखा मैं गुस्सा हो गया तो उन्होंने कैमरा ऑन किया ही ग्रेट रे या मालूम था उनको क्या लेना है क्या नहीं लेना और वैसे वो सीन बन गया मैं ऊपर गया वो स्क्रिप्ट में सीन नहीं है क्या जा बिल्कुल नहीं है वो उनकी वजह से है मैं ऊपर गया डबिंग में मैं बोल रहा हूं अरे यार उठ क्या प्रॉब्लम है उठो उठो यहां से यहां चलना है ये क्या कितनी जगह लगती है ये देख ये देख मैं मैं ऐसे पीछे आता हूं आगे जाता हूं फिर उसके ऊपर से ऐसे जाके मैं ऐसे आया आ जा य ऐसे सब तुमको फिल्म में सुनाई देगा असल में मैंने बोला अबे ते सब गालिया है एक एक भी लज ऐसे नहीं इतनी गंदी गालिया दे रहा था आर्मी के लोग नीचे खड़े हैं जो देख रहे हस रहे और मैं इनको गाली सुन नहीं पाएंगे तुम डबिंग में मैंने व कितनी अच्छा ऐसे होता है या धकेल देता हूं उसको मैं वो करने में वो फिल्म बनी इन बच्चों की वजह से क्या डिवोशन था उन बच्चों का बहुत कमाल हमारा कैमरामैन देबू था अरे वाह वाह देबू देबू अमेजिंग कहना ही नहीं पड़ता था कुछ मेरी पहली फिल्म थी डायरेक्शन की अच्छा बताओ नाना साहब कैसे लगाए कहां लगाया कैमरा ये नहीं कि मैं यहां से लेता हूं वहां से बताओ बाद में मल्हार ने भी उसे असिस्ट किया था प्रहार बन गई लेकिन य अब तू जर्नी देखेगा ना क्या बनी है यार फिल्म ब बड़ा मज सुकून मिला देखने के बाद डबिंग करते वक्त तो देखना पड़ा ना सब कुछ जहां नहीं अच्छा लगता उसमें एक जो मब सबके अपने एक पर्सनल फेवरेट होते है ना ये सीन ये सीन ये सीन तो खिलेंद्र पन के अंदाज में तो वो जो लड़कियां आके कहती हैं कि आपके कमांडो सीटी बहुत अच्छी हो जाते हैं वो वो दोनों जो लाइजन ऑफिसर थे उनकी बेटिया है हां तो पर उसमें एक सीन आता है जिसमें शोभा गुर्टू जी की आवाज में याद पिया कि आए बज रहा है मां की मेरी याद होती है एंड यू आर वकिंग वो इतना हंटिंग सीन है ना वो बाकायदा हमने रेड लाइट एरिया में किया हुआ है उसकी मां वैसे गाने वाली थी जो तवायफ थी उसका यह बेटा था नाजायज था और वह जो कहता है वह आर्मी वाला जो बच्चे ट्रेनिंग में उनके सामने में जा रहा हूं और कहता और उसके ऊपर से फ्लैशबैक शुरू होता है मेरा लेकिन अभी क्या आइसोलेशन में मैं इनको समझ में नहीं आएगा व लगातार वह फिल्म देखनी चाहिए आज भी मैं देखता हूं तो मैं एंड्रस हो जाता हूं मैं मैंने कहा यार अपने से यह बन गई थी फिल्म होता है मुझे तो कोई पिछला सीन बोलेगा ना कि नाना यह तुम बताओ वो मुझे नहीं आता अपने जहन में पहले जब करते वक्त पूरा डाल दो जैसे ही कंप्लीट हो गया अनवाइज उसे बर्तन तो उतना ही है उ तना ही भरेंगे फिर दूसरा रोल भरो पहला ही रहेगा उधर तो फिर बाद में दूसरा भरेगा नहीं वो जाएगा नहीं नहीं तो बहुत से लोग ऐसे होते हैं कि हमने वो जो किया था यार वो तो कमाल का था उसमें से बाहर ही नहीं निकलते और फिर वो थोड़ा आत्मा प्रौढ़ होती है वो फिर व मजा नहीं आता हम लोग जैसे आपके पिता के बारे में भाई के बारे में इतना जिक्र आया मलहार का भी जिक्र आ गया अभी आगे भी आएगा निर्मला जी के बारे में आपकी मां के बारे में बहुत कम बात हो पाती है मां के बारे में क्या बात करें यार हैय उनके बदौलत उसने रायगढ से आकर जो जीवन उन्होंने देखा और जूझती रही जू हमारे मां की तरफ से जो सभी जो है ना फैमिली वो कलि ने फैमिली है सब अंडरवर्ल्ड वाले मेरी मां सुरवे जी हमारे मामा जो सभी थे वो उधर के ही सब वो हम वैसे ना बने इसलिए हमें उठा के मां गांव लेकर गई नहीं तो हम भी वही होते है तो है वह खून में तो है ना वैसे कैसे वैसे मतलब अंडरवर्ल्ड में मतलब नाम नहीं बताएंगे अभी जाने दो छोड़ो तो हम थे बड़े नामचीन थे फिल्में बनी उन पर हम बहुत गुस्से है जो ई बात ज अच्छी लगती तो नहीं लगती अभी हमको वो कंट्रोल करना चाहिए व करना चाहिए शायद हो सकता है कई ब्रेन हमरे हो जाएगा या चिल्ला के हम गुस्से करके हो सकता है लेकिन वो होता सोचते हैं हम कि नहीं हम ये ठीक नहीं है गुस्सा करना ऐसे बोलते हैं और दूसरे ऐसे हो ही जाता है मां टकती थी गुस्से के लिए मा पहली गुस्से थी बहुत बहुत ही गुसल बहुत मारती थी बहुत मारती थी इतनी गुसल थी बाप रे जो गवाया वो एक मेरा बड़ा भाई जो अशोक से भी बड़ा भाई था एक वसंत तो मेरे मावसी के जहां मुझे सुधारने के लिए रखा था उनके पति एक दिन गांव आ गए वह तो कभी हमारे गांव आए नहीं थे तो आए तो पहले माने पूछा क्या क्या बात है आप कैसे है नहीं चलो जरा बंबे जाना है नहीं क्या बात और फिर पता चला कि हमारा वह जो बड़ा भाई जो हमारे चाचा ने अडॉप्ट किया था वो पतंग पकड़ते हुए दो बिल्डिंग के बीच में ऐसे गिर गया इस कवेलू से और और वो गुजर गया 14 साल का था वो उस 14 15 साल तो वोह बात मुझे याद है लेकिन वो मां कैसे सह पाई मुझे मालूम नहीं जो गुजरा जो गया अकेले में रोती थी लेकिन जो है उनके लिए फिर वापस जिंदगी ने छावर कर दो हाल में गुजरी 99 होके गुजरी आपने कैसे सहा अपने बड़े बेटे के जाने को बड़ा बेटा मेरा जो था वो जन्म से उसको क्लिप पैलेट ये था एक आंख में तकलीफ थी वो दिखता नहीं था और उसको जैसे देखते ही मुझे उसको इस तरह से देखते हुए मुझे लगा यार मतलब कितना घिनौना आदमी हूं मैं देख सोच ले कि पहली बात मेरे जहन में आई लोग क्या बोलेंगे नाने का बेटा कैसे मतलब मुझे क्या लगता है वो नहीं क्या नाम था उसका दुर्वास दुर्वास क्या मतलब होता है शब्द दुर्वास मुनि जो थे दुर्वासा मुनि जो थे उनके नाम जो गुसल जो थे सबसे तो उनके इससे नाम रखा था अढ़ाई साल का होकर गुजरा हु लेकिन अढ़ाई साल में उसने बहुत सिखा कुछ ट्रिगरिंग पॉइंट वह है तो लेकिन क्या करे यार वो होता है चलता है आप नीलकांति जी से कब मिले थे वो जो जात ना पूछो साधु की नाटक है उसके हां उसी वक्त उसी वक्त मिले थे वो भी नाटक में काम करती थी और फिर वो बैंक में थी मैं ये थी अफसर थी हम हमको 50 मिलते थे एक शो के और उनको अज तनखा थी अरे उसके लिए वो अलग से ऑफिस जाती थी हा जी अज तनखा और हम 15 भी शो करें तो 50 मिलते थे पूरा महीना 30 शो करो तो दुगने मिलेंगे फिर भी कितने मिलेंगे 15000 मिलेंगे तो उन्होंने हमको कहा कि आप अगर करियर करना चाहते तो करो अपने पास पैसे तो आते हैं हमारी तनखा है तो बड़ी मेहरबानी है उनकी बदौलत उनके हम यह कर पाए एक प्रोफेशन करके के चलो हम यही करेंगे अब सक्सेस किसे मालूम था हमको क मालूम क्या सक्सेसफुल होंगे नहीं होंगे लेकिन वह हर चीज पर अपने हंसने की जो आदत थी ना व जिंदगी का साथ निभाता चला गया फिक्र को धुए में उड़ाता चला गया वो एटीट्यूड बहुत अच्छी थी रोते बैठने की रोए नहीं हम रोए कैमरा के सामने और उसके पैसे वसूले हमने और और एक्टिंग तो जैसे उन्होंने सचिन पिलगांवकर की फिल्म की थी हां उसम उनको स्ट अवार्ड है उनको बेस्ट बेस्ट एक्ट्रेस का पर फिर उन्होंने कंटिन्यू नहीं की नहीं वो बाद में मलार था फिर बाद में मां थी हमारी हम अलग रहते थे वो साथ में रहते थे आपकी मां उनके साथ रहती हां वो मां के साथ ही रहती थी मां मल्लर और वो और हम अलग अकेले रहते थे और फिर हमने ब बहुत तो जब ये थिएटर की बात होती है सिनेमा की बात होती है तो एक एक हम लोगों के सामने एक फिल्मोग्राफी पेश कर दी जाती है इनफैक्ट मैं बताऊं जब हम आपके आने का इंतजार कर रहे थे तो मैं और गजेंद्र बैठे बात कर रहे थे तो मैं ऐसे फिल्म पढ़ता मैंने कहा या गज मैंने तो ये सारी फिल्में देखी है लगभग और ऐसे वो ऐसे इमेज सी आती जा रही थी अच्छा प्रहार में ऐसा था यशवंत में ऐसा था यशवंत का कोई सीन याद आ रहा है कि जिसमें आप और मधु एक इंटीमेट सीन है और और शपथ के शब्द बोले जा रहे हैं तो गजेंद्र बोला हां ऐसा हीय देखिए हम लोगों के जीवन में कितने किस कदर दाखिल है ये आज हम लोग बैठे हैं इनसे बात करने तो हमें एक-एक करके याद आ रहा है पर ये आर्टिस्ट के तौर पर आपको कब इस बात का एहसास रहता है या अब नहीं रहता है तंग आ चुके हैं सुन सुन के कि कितने करोड़ों लोग हैं जिनके जीवन में बहुत अलग-अलग स्मृतियां है जैसे मैंने आपसे कहा कि वो याद पिया कि आए शोभा गुटू गा रही हैं वो एक मेमोरी जो हमेशा साथ चलती है या वो क्रांतिवीर में व खून निकालता है किसान को कहां याद रहेगा कौन सा दाना कौन से पंछी ने चुना है या चुभा है या हमको तो मालूम नहीं है ना हम तो मैं बोलता हूं ना अनवा करके भूल जाता हूं आज मुझे किसी फिल्म का डायलॉग बोलो तो मैंने मुझे नहीं याद हो हा लेकिन सिटी खानवलकर की कविता बोलो तो मुझे हा हा दुखाचा डोंगर रणा पाप उचल पाहते त्या सूर्यो सूर्योदयादी हवेला आणि निर्जरा सोन साक्या उसक पड़ता नल तो होती र ये ये मैं कविता बार-बार बोलता हूं मुझे बहुत अच्छी लगती है छुटा रेत सा हाथों से हयात तेरा वो दामन रह गई कुछ खवाबों की कलिया और कुछ भीगे सावन आया था सौगात में लेकर कुछ सांसों के वादे बोझ उन्हीं का कैसे ढो ए तू ही मुझे बतला दे अब तो बस यह दिल का पत्थर ले सिरहाने उम्र ढले खवाबों की लगी है कलिया भी मुरझाने य हमारे किका है जर्नी का जर्नी में मैंने गाना गाया है अच्छा अरे आप गाने को बोलेगा सब भाग जाएंगे नहीं गाना तो आपने क्रांतिवीर में भी गाया था हा लेकिन यह जो है बाकायदा मजा मजा आएगा तुमको बैठ के गाया है प्रकाश झा के साथ भी उसमें वो जो वेब सीरीज किए हमने जी अ लखनऊ में शूट कर रहे थे आप लखनऊ और प्रयागराज में बहुत अच्छे उसमें जीशान कुबरा ये सब लोग भी हैं हां जीशान बहुत बहुत कमाल का मुझे बहुत अच्छा लगता है वो लड़का बेटा ही समझो यार वो लड़की भी बहुत अच्छे है सभी उस फिल्म नाय से हम लोग की बातचीत बड़े बहुत स्नेह के साथ आपकी एक्टिंग प्रोसेस को वो समझा रहे थे वी लाइक वाओ नहीं वो बहुत अच्छा लड़का है बहुत अच्छा है उसको मिलना चाहिए काम अच्छा काम मिलना चाहिए उसमें वह ताकत है करने की और हमारे यहां अभी देखो यार हमारे वक्त वह सभी गोड़ गोरे चिट्टे चॉकलेट हीरो थे अब सब ऐसे और हमें ये शक्ल लेकर आए हमारी तरफ कौन देखेगा हमारा एक दोस्त था मराठी थिएटर का वो कहता है कि नाना तू नौकरी कर ले और कभी कभार कई नाटक में मलब मजाक के तौर पर काम कर लो हम मतलब तूने शक्ल देखी है कि नहीं कहता था आईना देख यार कौन देखेगा तुम्हें और वह काफी खूबसूरत था अब बदली है चीजें अरे यार रघुवीर यादव है पंकज है हमारा संजय मिश्रा मैं तो बहुत बहुत बहुत सीखता यान इन लोगों से तुम लोगों से क्योंकि स्वाभाविक होना क्या होता है और नाटक कैसे इस्तेमाल करना संजय से कोई सीखे कमाल का है वह एक आपकी बिल्कुल शुरुआती दौर की फिल्म है अ जिसका बड़ा जिक्र होता है अंकुश अंकुश हां एन चंद्रा के जी जी और एक कहानी सुनाई जाती है कि आपने अपना मकान गिरवी रख दिया था उसके हां बीच में वो क्या था उस वक्त वो चंदू था गुलजार साहब का असिस्टेंट हम उन्होंने बनाई थी मेरे अपने जी बंगाल में उसकी बनाई थी तपन सिन्हा ने अपंजन अपंजन का इन्होंने बनाया मेरे आपने और फिर इसको लगा कि हम ऐसे कुछ करें तो इसने बनाई अंकुश ओके हालांकि मेरे अपने और इसमें फर्क है तो अंकुश बनाई तो हमारे पैसे तय हो गए हमको 00 रप एक फिल्म के सबको तय हो गए उसमें से 3000 अंडर प्रोडक्शन मिलेंगे और अगर ब की तो बचे हुए सात मिलेंगे और सबने हमने हां बोल दिया और फिर बाद में बीच में पैसे खत्म हो गए तो मैं जो अंधेरी में रहता था वह घर मैंने गिर भी रखा और उसमें से वो दो दो अाई लाख जो भी कुछ थे वो उनको दिए हम जैसे फिल्म बी उन्होंने इमीडिएट मुझे दे दिए वापस उसके बाद चंदू ने मुझे एक स्कूटर दी थी अच्छा तो मेरी जिंदगी की पहली व्हीकल है वो वो चंदू ने दी थी और कि नहीं नाना यार ये वही वाला घर है जिसमें एक कमरे में जिम बना हुआ और एक कमरे में हां अभी वो टूट गया अभी वो हां री डेवलपमेंट में तो चंदू ने उस वक्त मुझे वजूद तो उसने क्या कमाल की फ प्रतिघात मैंने काम किया हुआ उसमें उसमें एक लंबी कितनी सुंदर गद्य कविता है वजूद में कैसे कहूं मैं तुम्हें तुम मेरे लिए कौन हो उस वजूद में अपना कैसे बताऊं मैं तुम्हें मेरे लिए तुम कौन हो तुम जिंदगी का गीत हो नक मु जावेद साहब ने लिखी हुई है जी बहुत सुंदर कविता है चंदू कहता था उनको कि जावेद साहब और कुछ चाहिए इस और जावेद साहब कहते हैं चंद्रा जी आप नहीं समझते आपको नहीं मालूम ये बहुत अच्छा नाना जी बोलेंगे बहुत अच्छा और उन्होने मेरी डबिंग थी उनको सुबह की 5 बजे की फ्लाइट थी उनकी जावेद साहब की तो मेरे साथ अई बजे तक रात को डबिंग थिएटर में बैठे तो हमको उर्दू आती नहीं हमको हिंदी साफ सूत्री नहीं बोलते उर्दू कहां से बोले तो वहां मैं वो बैठ के हर एक लफ्ज कैसे बोलना है क्या बोलना है वो सिखा रहे थे हां क्योंकि मैं ये पूरी कविता मेरे सामने है अभी तो मैं देख रहा हूं इसमें हा बीच-बीच में कहीं कहीं उर्दू के अल्फाज आते हैं जैसे जिंदगी है ख्वाब है नहीं नहीं हां नहीं कैसे बताऊ मैं तुम्हें मेरे लिए तुम कौन हो कैसे बताऊं मैं तुम्हें धड़कनों का गीत हो जीवन का तुम संगीत हो तुम जिंदगी तुम बंदगी तुम रोशनी तुम ताजगी हर खुशी प्यार हो प्रीत हो मन मीत हो आंखों में तुम यादव में तुम तो वो तुम ये उसका ये है तो मुझे वो सिखा रहे थे वो ये तुम है आंखों में तुम यादों में तुम तुम हो मेरी हर बात में तुम हो मेरे दिन रात में तुम सुबह में तुम शाम में तुम सोच में तुम काम में मेरे लिए पाना भी तुम मेरे लिए खोना भी तुम मेरे लिए हंसना भी तुम मेरे लिए रोना भी तुम और जागना सोना भी तुम जाऊं कहीं देखूं कहीं तुम हो वहां तुम हो वही कैसे बताऊ मैं तुम्हें तुम बिन तो मैं कुछ भी नहीं कैसे बताऊ मैं तुम्हें मेरे लिए तुम कौन हो उन्होंने वो उसका जो रिदम है व सब य मेरा नहीं है वह जावेद साहब ने मुझे सिखाया हमने तो वो तीन शॉट में शूट किया था राव साहब हमारे कैमरामैन थे हैट पहनते थे वो जी तीन इस में शूट किया रात को मैं गया अई तीन बज गए ऑपरा उस में शूट किया था थिएटर जो है वो और रात को मैं अईती बजे मैंने चंदू को फोन किया मैंने कहा चंदू हा ना क्या नाना रात को और मैंने ये शुरू किया और मैं आखिर तक मैं बोला फोन पे मैंने कहा ये एक शॉट में करे तो तो उसने कहा यार तू अभी पढ़ रहा है तो वो ठीक है मैंने कहा पढ़ नहीं रहा था मैं बोल रहा था सच्ची हां फिर दोबारा हम गए दूसरे दिन शॉट लगा दिया और फिर एक एक शॉट में ले ली वो पूरी कविता और एक सेफ्टी लेते हैं करके दूसरा एक शॉट ले लेकिन जो पहला शॉट था वही है फिल्म में वन शॉट हो जाता है यार ऐसे थोड़ी उसके लिए हम ऐसे कैसे हो जाता है बड़ा बड़ा अभ्यास लगता है अ हजाम तूने अभी यह खड़ा रहकर जो बोला था इतनी देर हो जाता है तू दोबारा ऐसे करके बोल के दिखा नहीं होगा जिस तरह से तू बोलता ना वो गट लेवल से होना चाहिए होता है उसके लिए सब सब सब माहौल होना चाहिए तू मुंह से नहीं बोल रहा था तू यहां से बोल रहा था मैं तेरी आंखें देख रहा था मैं तेरे लब्ज नहीं सुन रहा था हमारी दो जुबान सबसे बड़ी जुबान यह है बात की यह है कई डायरेक्टर्स ने इस चीज को बहुत अच्छे से इफ आई मे से इस्तेमाल भी किया है कि आप मतलब आधी जनता है जो आपको आपके डायलॉग के लिए याद रखती है तिरंगा क्रांतिवीर य जो भी फिल्में है और आधी उस खामोशी के लिए जिसम कैमरा क्लोज अप दे रहा है आपकी आंख प यू नॉट से एनीथिंग दिस क्रेडिट यू मस्ट गिव टू संजय उसने मेरे डायलॉग को काट के नाना को सिर्फ पैसा में इस्तेमाल करने का आईडिया तो उसका है ना उसने सोचा है यह मेरा नहीं है सो क्रेडिट गोस टू हिम और मैंने वोह एक्सेप्ट करना कि मेरा फोटो क्या है मैं डायलॉग अच्छे बोलता हूं चलो यह है ना चलो वही काट दो करके देखते अब उस वक्त वो एक्सपेरिमेंट करना मुझे अच्छा लगा या मजा आया एक एक्टर होने के नाते बहुत सीखने को मिला लेकिन यह सभी कुछ है वो संजय लीला बंशाली का इससे नारा और पीछे जाते हैं अ हम लोग रोजमर्रा की फिल्में देखते थे उसमें ड्रामा होता था आप आपकी फिल्में जब देखी तो शायद हम तैयार नहीं थे उसको देखने के लिए तो हमें बड़ी बेचैनी जब हमने पहली बार अंकुश परिंदा देखी अंकुश देखी सो वी वर या सलाम बम्बे देखी यूनिवर्सिटी में भी आके जेनयू में के भी वी वर फीलिंग वेरी अन सेटल्ड क्योंकि वो वो के बाहर के क्योंकि वो भयानक होने की हद तक यथार्थ था और जो अन्ना का किरदार है उसमें परिंदा में और वो जो बिल्कुल आखिरी जिस मैं इंट्रो में जिस सीन का जिक्र कर रहा था जो आग लगती है और उसको डर लग रहा आग लगी वाकई आग लगी थी मैं जल रहा था उसके बाद एक साल तक मैं कुछ नहीं कर पाया मैं ऐसे था 60 दिन अस्पताल में वो जो सीन देखते हो ना मैं ऐसे ऐसे कर रहा हूं वो मैं बाकायदा जल रहा था हम 60 दिन हमारा य यहां से यहां कुछ नहीं था यह सब यह निकल के वो गिर गया था मेरे चप्पल पर और इधर पैजामा पे स्किन थी नहीं दाढ़ी नहीं थी मुछे नहीं थी बवे नहीं थी आईलेट्स नहीं थे कुछ नहीं था सब जल गया था छ महीने तक मैं ऐसा ही था और इतना बड़ा रिस्क क्यों लिया अब रिस्क यार हो गया हो गया एक्सीडेंट रिस्क थोड़ी वहा सभी कुछ था लेकिन जलने में तुमको कितना वक्त लगता है मालूम है वन टू थ्री फोर फ गया तुम जल गया तब तक सब कुछ जल गया पहले टेक में हमने तीन बकेट डाली थी दूसरे टेक में 14 डाली तो वो ऐसी आ खैर वो हस्सा था वो थोड़ी विनोद चाहता था कि मैं जलू हो गया चलता है पहला नेशनल अवार्ड ठीक है अवार्ड मिलते रहते हैं यार अवार्ड क्या होता है वो एक थपथपाना होता है बस ठीक है ये 74 साल के नाना कह रहे हैं या नहीं नहीं तभी भी मुझे कभी अवार्ड से कभी अहमियत ही नहीं रखी कोई अवार्ड ने मेरे लिए मुझे तुमको अच्छा लगा ना तुम लोगों को मुझे बड़ा अच्छा लगा मजा आया अवर्ड क्या होता है मुझे मालूम भी नहीं कहां है उस दिन माफ करना यार मुझे तीन तीन नेशनल अवर्ड कहां थे मुझे मालूम नहीं था मतलब मालूम नहीं कहां है मालूम मैंने कहा कहां एक डिब्बा था उसम थे वो हां भी वहां से माइग्रेट हो गए वहां वहां से वहां वहां से वहां तो कहां रखे मालूम नहीं एक कहानी चलती है परिंदा को लेकर कि पहले आप अनिल कपूर के बड़े भाई का रोल करने वाले बिल्कुल हां मैं पहले जकी का रोल करने वाला था और नसीर अन्ना करने वाला था नसीर बैकआउट हो गया और मैं और हमने रिहर्सल की काफी मैंने और अनिल ने मैंने इसका जागी के रोल के लिए मैंने काफी तैयार किया छ महीने तक और फिर अचानक से अब हाल में मैंने अनिल से बात की तब बोला मैंने कहा ले तूने विनोद को ऐसे बोल दिया कि नाना को निकाल दो तो कहता है सच कहूं नाना यार क्या मालूम है क्या क्या हो गया मालूम है यार मैं सोचा कि नाना को का को मैं स्टार बनाओ यार हां मतलब यार वो तो जाहिर था कि वो स्टार बनेगा वो जाके का रोल जो तने तू करने वाला था तो मैंने कहा हम नाना के ले को उसको स्टार बनाया तो मैंने कहा उस वक्त मैंने तुझे बताया था ना साला कोई भी रोल करर में हम स्टार बनाकर देखेंगे तेरी तरफ कोई नहीं देखेगा ऐसे मज अनिल में मुझ में सब कुछ चलता है आजकल लेकिन उस वक्त वह तो स्टार था विनोद ने मान लिया उसकी बात को हमको निकाल दिया फिर हम निकल गए फिर हम अपना नाटक करने लगे फिर एक चार तीन चार महीने के बाद विनोद आया के चल तू अन्ना का रोल करेगा क्या पहले तो गुस्सा आया उसको देख के मैंने कहा मैं करूंगा मैं तेरी क्या अभी मार्केट में तुझे जितने पैसे लेता है उतने दूंगा वो तो मैंने कहा वो मेहरबानी थोड़ी करता है वो तो लूंगा लेकिन लिखूंगा मैं ये जो आग वगैरह का जो है ना एंगल हम वो कुछ नहीं था उसमें पहले पूछो विनोद को बुलाओ मेरे सामने बिठा हो दोनों को सामने एक दिन ऐसा इंटरव्यू करो ऐसे बत्ती बूझ जाएगी दो महा गुस्सेल महा क्रिएटिव लोग नहीं गुस्सा क्या उससे ऊपर क्या गुस्सा करना है यार गुस्सा नहीं रमता है वो सामने सामने बिठा के बोलने का सामने हैसे अन्ना बन गया बन गया इमतियाज हुसैन ने लिखा है डायलॉग भाई भाई का प्यार बीच में आए तो दोनों को गोली मार इमतियाज हुसैन का लिखा हुआ ये क्या लिखा है जब वह परफॉर्म करो तब तुमको पता चलता है ना क्या लिखा है वो आखरी में जब बोलता है मार के धंधे के धंधे में कोई किसी का भाई नहीं कोई किसी का बेटा नहीं और वैसे ही होता है देख मुझे मालूम है तू करता होगा वैसे लेकिन तू अगर दुनिया से प्यार करना चाहता है ना कुछ अच्छा करना चाहता पहले तू खुद से प्यार करना सीख जो तू करता है तुझे बहुत प्यार है अपने आप से व तेरे आंख में छलकता है तू बहुत इज्जत करता है अपनी मैं भी करता जब तक हम वो नहीं करेंगे तब हम इनसे नहीं प्यार कर पाएंगे एहसास तो हो ना प्यार क्या है वह तो पता तो चले आयने में देखने के बाद अच्छा लगना चाहिए मां कहती है ना मेरा लाल कितना खूबसूरत है हमको मालूम है हम कितने बदसूरत है लेकिन वह मां बोलते है तो अच्छा लगता है मैं सुंदर हूं मैं महमूद साहब कहते हैं मां कहती है उसको तूने झूठ बोला आज मुझसे यह करता है तू यह करता है और वेटर की नौकरी करता है ू बोलता झूठ बोला तो क्या तू तो मुझे बचपन से झूठ बोलते आई मैंने क्या झूठ बोला तुसे तो कहता तूने कहती है कि मेरा कितना सुंदर है मेरा बेटा मैं बदसूरत हूं उनके दात ऐसे वैसे क्या काम किया महमूद साहब सुलोचना जी और व तो वैसे है हमको मालूम होना चाहिए यार हम कितने बदसूरत और खूबसूरत है य ये दोनों चीजें एक ही साथ एक फ्रेम में दिखती है सलाम बम्बे का एक फ्रेम है जिसमें वह जो लड़की और आप उसके बगल में बैठे हो सिल्क का कुर्ता एकदम बिल्कुल मोहक और फिर एकदम से जो क्रूरता बिना किसी पूर्व चेतावनी के प्रकट होती है मैं लेकिन मैं सौरभ यह तुम सभी सहमत होंगे इससे कि यह सभी क्रेडिट जाता है वो हमारा चलो एक्टर होने के नाते हमको तुम 40 50 पर दे दो लेकिन बाकी सभी उनका है 50 भी नहीं हमारा हमारा 30 35 है बाकी का डायरेक्टर है राइटर है कैमरामैन है वो को आर्टिस्ट है हमारे उनके बदौलत है अब वहां तो मीरा थी हम कुछ भी उसमें एक शॉट है सलाम बमबे में वो बच्ची आके वो रोने लगती है ऐसे वैसे मैं ऐसे गैलरी में खड़ा हु तो मैं गुस्सा होता हूं मैं ऐसे उसको उठाता और ये पूरी ऐसे बिल्डिंग खाली और ऐसे बाहर पकड़े ऐसे करता और फिर रख देता अब किसी को मालूम ही नहीं था मैं करने वाला होंगे और मुझे भी मालूम नहीं था मुझे गुस्सा आया क्या करो बच्चे हाथ से सूट जाती मर जाती यार लेकिन उसको रख दिया करने के बाद वो सभी कुछ कितनी देर तक कोई बोल नहीं पाया मैं देखता रहा बाद में करने के बाद मुझे कुछ ठीक है मेरा इमीडिएट कितना भीमो सीन हो कुछ भी हो क्या हो तो पहला हमारा यह मेरा सवाल होता है कैसा था ओ क्या है मतलब मैं ऐसे अभी धाय धाय रो रहा हूं और जैसे कट बोला हां ओके तभी तक कोई उधर से अंदर से अभी निकला ही नहीं उसमें इमोशन से तो मैंने कहा बताओ तो सही अरे या ठहरो जरा हमको निकलने दो उसमें से तो उनको मैं सुन के शॉक्ड हूं जो देख रहे थे उनका क्या हाल होगा हां नहीं सच्ची और वो वो जो एंड में मुझे वो बच्चा भोग देता है ना चकू तो हमने वो टायर हां टायर टायर लगाया था टायर ऐसे काट के इधर तो व साला चकू टायर के आर पार गया और मेरे गया अंदर अब शॉट तो देना था मैं गिर शॉट में आखरी में चाकू मार के भागता है बाबा व भागता है वो तो मैं घुस गया चक्को ऐसे इधर से किधर मार तो घुस और उनको लगा क्या एक्टिंग की है और बाद में देखा तो पूरा ये खून से भरा हुआ था फॉर्चूनेटली वो स्पाइन में नहीं गया इधर बाजू में गया तो होता है यार क्या करें ऐसे हाद से होते रहते हैं लेकिन भूलना तुम में वह ताकत होनी चाहिए जो किया है वो भूलो अच्छा जो किया है व जो बुरा जो कुछ किया है वो कभी जिंदगी में में मत भूलो एक हमने फिल्म की थी आंच करके जी वो कभी कभार देखो तुम जी आज राजेश सिंह ने की है हम हमने वो वहां यूपी बिहार का कहीं वो क्या किरदार है कमाल के आप ये फिल्म बोल रहे हैं मुझे अ दीक्षा नाम है फिल्म का नहीं ये तो आंच है हां मैं दीक्षा में मैं मैंने वो दीक्षा थ थी वो फिल्म थी गिरीश कासर वेल्डी की नेशनल अवार्ड विनर घट श्राद्ध करके एक फिल्म थी जी गिरीश कासर वलडी उसका हिंदी वर्जन बनाया था दीक्षा आपने थोड़ी देर पहले जब परिंदा इसका परिंदा का जिक्र करते हुए हाथ ऐसे किए तो मुझे उसकी दीक्षा में वो हमेशा इतना विन हां ऐसे रहता है ना ऐसा रता जो आप पहला प्ले बता रहे थे जब बकल ऐसे मुझे धनहा सुकू के पूरे बॉडी को पूरा ऐसे स्क्विज करके ऐसे वो जो होते हैं ना जिनकी कोई अपनी अहमियत नहीं है बेचारे है वैसे वो कोई अपने कुछ सोचती वैसे मैंने किया लोगों को ठीक लगा किस तरह का फर्क आता है जैसे आप अपने डायरेक्शन में काम कर रहे हैं एक तो मुझे ये जानना भी है कि डायरेक्टर नाना पाटेकर और एक्टर नाना पाटेकर के बीच क्या संवाद हो होरहा जब प्रहार शूट हो रही थी नहीं वहां तो मुझे कोई दिक्कत ही नहीं हुई तो मुझे मालूम था कि मुझे क्या करना है कैसे कर ओके तो यहां भी जब मैं फिल्में करता हूं तो मैं जब लिखना शुरू होता है तभी से मैं इवॉल्व होता हूं तो मुझे डायरेक्टर के साथ कोई झगड़ा नहीं होता होता है लेकिन उतना नहीं होता कहते हैं ना दखल अंदाजी बहुत करता है नाना कहते हैं हां तो शुरू से होने के बाद फिर व उतनी तकलीफ नहीं होती डायरेक्टर को मालूम है कि ऐसे ऐसे और मैं वो जब लिखते हैं तो मैं परफॉर्म करके दिखाता हूं उसी वक्त कि ऐसे होगा ऐसे होगा ऐसे होगा और मैं जैसे बोलता हूं फिर वैसे ही हम लिखते जाते हैं सीन दिखता है तब लिखो सीन लिखने के बाद जैसे लिखा है वैसे करना मुश्किल हो जाता है मुझे मुझे दिख रहा है य ऐसे ऐसे ऐसे ऐसे तो ऐसे करो हो जाता इसीलिए कहा जाता है कि कई लोगों ने आपको जो जानने का दावा करते हैं कहा कि क्रेडिट में भले ही ना है लेकिन नाना जो लाइने बोल रहे हैं बहुत संभावना है कि वो उन्हीं की लिखी हुई हो मेरी लिखी हुई नहीं होती लेखी लिखी ख तो उसकी होती है राइटर की लेकिन बोली मेरी हुई होती है लिखते हो लिखने से पहले हां क्योंकि बोली हुई मतलब अभी ये तू कभी मेहुल कुमार को बुला ले क्रांतिवीर का आखरी का सीन जो था वो लिखा हुआ ही नहीं है आ गई मेरी मौत का तमाशा देखने वो ऐसे ही बोल दिया था हमने वो बहुत कल सीन है हम लोगों को बहुत मतलब मेरे पास पूरा लिखा हुआ है वो सीन वो अब तुम मुझे पूछो तो मुझे एक भी नहीं व वो लाइन याद आएगी यह पूरा सीन ये इप्रोम टू है ये हां आ गए मेरे मौत का तमाशा देखना मुझे लटका देंगे दुबा से बाहर आ जाएंगे आख बरा ये वहां जाने के बाद हमने कि हम अस्पताल में थे दूसरे दिन शूटिंग होने वाली थी मैंने कहा हम आज मर गए तो मेरा प्रोड्यूसर और डायरेक्टर कल मर जाएगा तो हम जाकर कर लेते हैं डॉक्टर को साथ लेते हुए तीन चार हमने अपने कार्डियोग्राम निकाले देखा नहीं ठीक है ठीक डॉक्टर कहता है नहीं दो तीन दिन आराम करो बाद में करो अब वहां को तो सबको बुलाया था पूछो तुम मेहुल को मेहुल कमाल का इंसान है यार मुझे वो भी कह रहा है नहीं होने दो नुकसान ना ना करते हैं दो दिन के बाद क्या हो गया था आपको क्या हो गया था मुझे कु चस में पेन हुआ था तो हम एडमिट हो गए छ सात दिन का हमारा क्लाइमैक्स था ये हम वहां पहुंचे डॉक्टर के साथ पहुंचे मेरा वह दोस्त जो मुझे सभी कुछ देखभाल करता था मेरा नानावटी का अशोक ह तोलक रिसेंटली ही डाइड एक महीना ढ़ महीना पह लाइक मैं जुड़वा भाई यार तो हम वहां पहुंचे और फिर मैंने कहा सीन लिखते हैं मैंने कहा लिखते है क्या ऐसे ऐसे ऐसे ऐसे होगा मैंने कहा ठीक है मैंने कहा अभी लंच ब्रेक कर दो अई बजे शुरू करेंगे मैंने कहा चार पा कैमरा लगा दो और सब में मैगजीन एक्स्ट्रा और रख दो एक खत्म हो गया इजट दूसरा एक कैमरा तो चालू रहना चाहिए कोई बात अभी यहां हम बोल रहे हैं अगर एक कैमरा सभी यह कैमरा बंद हो गया तो यह तो चालू है तो मिलना चाहिए बीच में ऐसे ना हो कि नहीं मिला अई बजे शुरू हमारे सात दिन का यह था क्लाइमेक्स का शूटिंग अ बजे शुरू किया हमने 5 बजे खत्म हो गया क्योंकि हमको मालूम ही नहीं था हमको क्या बोला हम गए अपना बोलना शुरू कर दिया जिस वक्त मेरे को लगा कि अभी कुछ नहीं सुता लारे लालाला मैंने पना जोने फांसी लेने का है ना वो लास का व उसके पास से व लेता है व ऐसे काली पहन चल क्योंकि उसके बास कुछ सूझ नहीं रहा था खम हो तो ये अब तुम इसकी नकल करने वाले बहुत है लेकिन मुझे नहीं य नकल करने आएगी मुझे बीच में किसी ने बोला कि आपका वोह डायलॉग मैंने कहा देखो यार अपनी ही नकल उतार के पेड़ भरने की नौबत नहीं आई अभी तक जबसे एक्टर करते हैं हां तो मुझे अच्छा नहीं लगता मुझे अगर कोई किसी एक्टर को कहते हैं ना कि नहीं आपने वो बोला था वो जरा बोल के दिखा बोल के दिखाइए वो अपमान है उनका ऐसे मत किया करो उन्होंने अपने आप बोल दिया तो ठीक है तलत महमूद साहब की एक इंटरव्यू था एक तलत साहब यार ऐसे मखमली आवाज अब उनके इतने बुढ़ापे में उनका आखिरी दिनों में कहीं वो इंटरव्यू था हम और वो इंटरव्यू लेने वाला यार मैं मुझे मेरे सामने होता तो मैं तो लफड़ लगा देता पूछ रहा है तल साहब आपने वो गाया था वो ऐसे क था वो सीने और बेचारे उस वक्त वो और उनकी आवाज नहीं आ रही है तो यार यहां देखते हुए बड़ा दर्द होता है ऐसे नहीं करने का होता है ना एक जो है वह जाने वाला है यार हम कल हमारी भी शायद याददा चली जाएगी य आवाज चली जाएगी धुला दिखेगा हमें मज उड़ाओ गया हमारा ऐसे कैसे चलेगा इज्जत करोगे कि नहीं तुम्हारे पास कागज है तुम इसलिए कुछ भी सवाल करोगे उटपटांग ऐसे कैसे चलेगा भाई जिंदगी दी है उन्होंने वो आपकी एक फिल्म में सीन है जिसमें कार की सफाई हो रही है और एक बच्चे को आप डांट रहे हैं कि ये तुम्हारा बाप है इससे ऐसे बात करोगे यह मैनर्स है हा व तुम मिलो तो सही जी मुझे वही ध्यान आ गया अभी हां डिंपल और मैं था जी तो चली नहीं वो तो वो हिजड़े का भी जो सीन है ना वो मैंने नाचा मेरे को पैसे हां वो अरे वो तो क्या था हमारे चार चार बंगला का जो से सिग्नल है वहां वो इधर से उधर से गाड़िया आते है तो वो लंबा रहता है सिग्नल और वहां वो जो आते हैं वो ये हमारे तृतीय पंथी जो है वहां भीख मांगने आते थे देरे देरे दे ये रहा तेरा फिल्म चलेगा रे तो अभी आके नाचने लगा अब सिग्नल बंद है तो मैं बतरा मैंने कहा मैं नाचा मैंने कहा मैं नाचा मुझे दे पैसे भगवा आपने असल में ये किया तो वही वैसे का वैसे मैंने वो सीन उधर डाल दिया हम हां नहीं देखो यार वो मतलब वैसे है इसका मतलब मैं तो उनसे बातें करता हूं और उनको मालूम है कि मैं रुकूंगा कैसा है क्या है एक तो वो ग्रेजुएट है तो वो कैसा है हाय कैसा ठीक तो ऐसे हमारे साथ बात कर रहा था तो मैं उनको बाकी कभी मेरे पास एक रुपया नहीं मांगा उन्होंने उसके बाद मैंने कहा ऐसे मत करो यार तुम बोलो ना काम करते दूसरा कोई कुछ य करते और बा लोग अगल बगल के हस रहे वहां सिग्नल पर फिर सिग्नल गिर गया फ बज रहा है चलो यार पीछे तो मालूम नहीं तो ऐसे ही होते जिंदगी के ही सीन होते हैं इंपल्सिव हां अब यार तुम पैसे हमारे हाथ में चॉकलेट टिका देते हैं दो रुपए नहीं है तीन रपए नहीं है ये चॉकलेट ले लो का को ले लो यार हमको डायबिटीज है हम नहीं चॉकलेट खाएंगे ऐसे थोड़ी होता है चॉकलेट देते हाथ में नहीं नहीं इसकी कीमत रप है तो ये हमारे जूते ले लो इसकी कीमत 00 है ये ले लो बाकी के पैसे वापस करो ऐसा वो जैसे इसमें भी यशवंत में भी जो है ना कि वो अरे यार इनका कैमरा गुम हो गया दे दो वो जो चोर है उसको लाकर बिठाते हैं ये ले बिरयानी खा उसके समझ में नहीं आता है फिर कोको कोला पिलाता है और फिर कहता है इनका कैमरा है वो दे दो तूने चुराया वो नहीं मैंने सच ही नहीं दिया तो एक झापड़ लगाता है अभी लाता हूं कहता है देखा बिरयानी खिलाया कोको कोला पिलाया नहीं भा एक झापड़ मारा इमीडिएट दिया तो उसने वो पत्रकार है उसने इसके खिलाफ लिखा है आप हाथ उठाते हैं लोगों प मारते हैं क्यों मारते हैं पता चला तेरा कैमरा मिल गया ना एक झपेटपुर [संगीत] फोड़ो तो वो अलग अप्रोच था एक तेरी मां है तू बचा सामने पत्थर पड़ा है फोड़ दे बुआ का बल्ब इलेक्ट्रिक का बल्ब समझ के फोड़ दे पर ये जो हम ट्रांसफॉर्मेशन देखते हैं कि यह सीनस इतने इंटेंस और फिर जलता है मजनू अब फिर वही कि वो हमारा अनीश बजमी है उसकी वजह से हमको ो हमारे लिए वो जनर अलग था बहुत अलग हां बिल्कुल मैंने कहा चलो यह भी करके देखते हैं उसम क्या आपको पता है ना कि आपने जो उस फिल्म में पेंटिंग बनाई है हा मैंने नहीं उसने उसकी उसकी टीशर्ट हम लोगों के पास है हमारे भतीजे भतीजी हैं अविरल और गौरीशा तो उन दोनों के पास थी फिर एक मैंने भी खरीदी मुझे मेरी दोस्त प्रतीक्षा उने गिफ्ट की जिसम वो गधा बना हुआ है घोड़े के ऊपर बकरी पता नहीं क्या है एंड वी प्राउडली कैरी इट कल्ट फिल्म मिस फिल्म पर सच में आपने उनको बोला था कि तू मां कसम खा के ये फिल्म पूछो उसको मैंने कहा यह रोल मैं करूं हा नाना जी आप बहुत अच्छा कर ग मैंने कहा मां की कसम लेकर बोल मैं अच्छा करूंगा तो उसके समझ में नहीं आ रहा कि यह क्या बोल रहा हूं मैंने कहा मां की कसम लेकर बोल मुझे रोल करना चाहिए या नहीं करना चाहिए मां की कसम करना चाहिए मैंने कहा करता हूं चल लेकिन वो मैं और अनिल साथ में नहीं है तो वो कंप्लीट नहीं हो होगा अनिल और मैं है तो ही वो ये वेलकम है हां उसमें उसको निकाल दो तो मेरे अकेले से नहीं बनेगी मुझे निकालो तो उसके अकेले से नहीं बनी उसका सीक्वल अनाउंस हुआ था अभी एक आ साल पहले उसका सीक्वल भी हुआ था वो उतना नहीं चला अभी तीसरी बन रही उसमें हम दोनों नहीं है हां क्या उन्होंने अप्रोच नहीं किया या नहीं किया था हमने ना बोला ओके कहानी नहीं उतनी मजा नहीं आया एक छोटा सा ब्रेक लेते हैं और उसके बाद बातचीत आगे बढ़ाएंगे ये हमारी बातों का सबसे मजेदार पहलू यह है कि इसका कोई तय शोदा व्याकरण नहीं चल रहा है लेकिन मैं फिर से खींच के क्रांतिवीर के क्लाइमेक्स सीन की तरफ आ रहा हूं इसलिए नहीं कि सीन के बारे में आपने बताया और यह भी बताया कि आप बीमार थे और एक वाकया मुझे और याद आ रहा है जब एक महिला ने आपके सामने कहा कि अभी मुझे क्या-क्या और देखना है और फिर आपने सिगरेट पीनी छोड़ी मेरी बहन थी उसका एकलौता बेटा गुजर गया था और मैं सिगरेट पी रहा था और खास रहा था कितनी पी लेते थे दिन में ं 60 60 202 के तीन बैकेट पीता था मैं नहाते वक्त भी ऐसे इसके मीम कटेंगे सिगरेट प्रेमियों के बीच की नहाते हुए भी नहीं बहुत गंदा गंदी तरह मेरे कार में भी कोई बैठता नहीं था इतनी बदबू आती थी बहुत गंदा था शराब हमने कभी नहीं उतनी पी लेकिन सिगरेट में बहुत ज्यादा ख हमने फिर कैसे छूटी वही वो बहन ने कहा वो मुझे देखा वो खसते हुए और अभी आठ दिन पहले उसने बच्चा खोया था मेरी तरफ देख के ई थ अब और मुझे क्या-क्या देखना है बहुत बुरा लगा मुझे फिर मैंने उस दिन नहीं सिगरेट पी फिर दूसरे दिन नहीं तीसरे दिन नहीं फिर मैं बंबई आ गया पाच दिन हो गए फिर मैंने उसे फोन किया मैंने कहा कैसी है क्या है और फिर मैंने कहा पाच दिन हो गए मैं सिगरेट नहीं पिया कहती है नहीं तुझे लेकिन कम कर तकलीफ होती है तुझे तो मैं रोज कहता था कि आज नहीं पिऊंगा उसको हो गए 20 साल अभी आज भी कहता हूं आज नहीं पिऊंगा छट हम लोग आपके नाना को देखते हैं जो सुबह अपने फार्म हाउस पर उठते हैं दो घंटे कसरत करते हैं और फिर 6 सिगरेट पीने वा तो व तारतम में नहीं बैठता क्यों क्योंकि अब हमें पता है कि आप कितनी स्वस्थ जीवन शैली जीने की कोशिश करते हैं और यह उसके ठीक अपोजिट ये पहला ना हा तो था पहले बहुत ही सब कुछ एकदम छो हुआ मतलब चोटी का हुआ करता था रोल भी देखना तो हाईकी के है सब मेरे सॉफ्ट ऐसा रोल है नहीं सभी हाईकी है अभी जाके थोड़ा सा कुछ बदल गया लेकिन स्ट्रिक होती है हमारी जिंदगी का अंग है ना अग अब इर्ग जो घटता है उसी के ऊपर अपना बिहेवियर होगा ना बर्ताव तो उसी के ऊपर होगा ना और बदतमीजी करेंगे यहां कोई बच्चे तो चीड़ तो आ जाएगी ना चुपके से सुन रहे ठीक है समझ में आ रहा है ना तो यह है नहीं कि तुम पागल होकर को ऐसे ही छिड़ रहे हो वजह होती है ना कुछ तो आजकल मिलता जुलता नहीं कि लोगों को ज्यादा इसलिए गुस्सा कम होता है आपको गुस्सा आया जब तनु श्री दत्ता ने आप पर इल्जाम लगाए गंभीर इल्जाम मुझे मालूम था कि वो है नहीं ऐसी बात है झूठ तो गुस्सा किस बात का अब जो बातें हो गई थी उसके बारे में क्या बोले मुझे नहीं गुस्सा आया उन्होंने एफआईआर की हालांकि एक साल बाद पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की उस नहीं वो तो ठीक है यार वो बाकी का कुछ भी होता है उसके लिए मुझे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अभी इतने सामने ग सर अगर कोई एक बच्चा बच्ची बोले कि हमने इसने हमसे ज्यादती की अब सभी मालूम है ना सबको क्या हुआ है क्या हुआ था कुछ नहीं मालूम ही नहीं कुछ हुआ ही नहीं था तो हमें क्या मालूम हुआ होता तो कुछ हम बया करते थे बताते म प्र कोई कहता है कि आपने ऐसे किया हम क्या कहेंगे हमने नहीं किया इसके अलावा क्या कह सकते आप इस तरह का कोई वाकया होता है या फिल्म रिलीज होती है तो सोशल मीडिया पर जो चीजें लिखी जाती है अच्छी या बुरी पढ़ते हैं कभी मैं कुछ पढ़ता ही नहीं देखता भी नहीं मुझे कोई अच्छा कहता है भला कहता है बुरा करता है अब तेरा मुंह मैं कैसे बंद करूं यार कुछ भी बोलो तुम अब हम है हा गलत कुछ करो तो एक दिन फिर कोर्ट में खींचें तुम्हें तो फिर तुमको पता चलेगा ना क्या बोलना है क्या नहीं लेकिन उसके लिए मेरे पास वक्त नहीं है जो इसलिए मैं तुझे बताया ना हमको मालूम होना चाहिए हम कितने अच्छे और बुरे हैं जो बताया ना तुझे क्या हमें मालूम होना चाहिए हम अपने आप से प्यार करने के लायक है कि नहीं है पर एक जो यह पूरा मूमेंट चला मीटू का पहले हॉलीवुड में और फिर यहां पर भी आपने इंडस्ट्री को इतने क्लोज देखा है आपने इंडस्ट्री को इतने क्लोज देखा है 80 के दशक में 90 के दशक में उसके बाद भी आपको कभी आपके सामने ऐसा वाकया आया किसी ने अपने अनुभव शेयर किए जिसमें मैं सच कह मैं इंडस्ट्री का ू ही नहीं मैं वहां जाता हूं काम करता हूं और वापस आता हूं आई एम प्रोफेशनल जो किलर होते हैं ना प्रोफेशनल ज दे गो देयर किल देम डू देयर जॉब टेक देयर मनी आई एम प्रोफेशनल आई जस्ट गो देयर आई डू माय जॉब आई कम बैक आई डोंट देयर हम है नहीं इंडस्ट्री में क्या घटता है क्या होता है हमें कोई दिलचस्पी नहीं है उसमें कोई अच्छी बात है तो वह सामने आ ही जाती है कोई कहता है ऐसा फिर देख लेंगे बुरी बात अगर कुछ घटती है कुछ ऐसे हुआ ऐसा वाकया है तो हम क्यों देखें क्या है इतना वक्त है तुम्हारे पास हमारे पास बहुत सी चीजें हैं जी इससे बेहतर जैसे पानी जैसे नाम फाउंडेशन नाम फाउंडेशन की वजह से तो जिंदगी बदल गई कैसे सिलसिला शुरू हुआ ये जो आत्महत्या हो रही थी किसानों की जी खासतौर प विदर्भ के इलाके में और और जगह विदर्भ मराठवाड़ा सब और जगह भी जी और हम एक नई गाड़ी खरीदना चाहते थे हमने पैसे इकट्ठा कर लिए थे ढ़ करोड़ रुपए हमने रख दिए नई गाड़ी लेते चलो शाम को ऐसे बैठते थे सिपिंग माय ड्रिंक टीवी देख रहा था किसान ने आत्महत्या की थी उसके फैमिली का इंटरव्यू चल रहा था अब एक औरत ने अपना पति खोया है बच्चों ने अपना बाप खोया है मां बापने ने अपना बेटा खोया है इनका इंटरव्यू चल रहा उनके चेहरे पर बाप मर गया मर्द मर गया बेटा मर गया उससे ज्यादा रात की शाम की भूख थी आंखों में बोलने में उनका ना तो कोई आंसू है ना तो कुछ है वह जिस तरह से बात कर रहे थे मैं तो डर गया यार मैंने कहा हम काहे की गाड़ियां खरीदे यार हमारा यह दोस्त है मकरन अनासपुरे वो मराठवाड़ा का है उसको हमने फोन किया मैंने कहा 1000 जो है जिन्होंने आत्महत्या की उनके फैमिली को 15000 का एक चेक भेज दो 15 15 15 15 डेढ़ करोड़ खत्म हो जाएंगे अपना काम हमने बहुत बड़ा काम किया ऐसा एक एहसास तो होता है ना हमने कितना बड़ा काम किया अपनी हम पीठ तप त पाते हैं उन्होंने कहा कि भाई एक काम करो आप हम करेंगे डिस्ट्रीब्यूटर लेकिन पहले जो चेक्स जो है बीड़ में जो डिस्ट्रीब्यूटर हैं दो सवा 2 स लड़किया है लड़कियां औरतें तो वह पहले आप करो मैं ना चाहते हुए भी मैं गया वहां सौरभ एक साथ दो 2 स बच्चियां बै है एक बच्चा है एक गोद में है एक उंगली पकड़ के है जो विधवा हमारे जहन में एक ही बात आई अगर इसमें से एक बच्चे हमारी होती तो हम क्या करते तो उस दिन सोचा कि नहीं यार यह काम कभी खत्म होने वाला नहीं साल 2015 में मराठवाड़ा और विदर्भ की हालत कुछ ऐसी ही थी दिल दहलाने वाला सूखा बंजर जमीन और खोखले [संगीत] दिल लेकिन दुनिया में जब तक इंसान है इंसानियत आबाद रहेगी ऐसी भयानक हालातों से तंग आकर दो अभिनेताओं ने आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को मदद करने का जिम्मा उठाया देखते ही देखते दोनों का मकसद एक सामाजिक अभियान बन गया किसी ने पैसे दिए किसी ने वक्त और किसी ने अपनी प्रतिभा लोग जितनी हो सके हर उस तरीके से मदद करने लगे और इसी के साथ शुरुआत हुई एक अद्भुत क्रांति की इस क्रांति का नाम नाम [संगीत] फाउंडेशन 000 देक नहीं खत्म होना तो फिर हमने नाम फाउंडेशन शु जैसे ही अनाउंस किया हुआ दो महीने में लोगों ने 60 करोड़ रुपए दिए और कोई इंडस्ट्रियलिस्ट वगैरह ऐसे नहीं है मिडिल क्लास लोर मिडिल क्लास पुअर क्लास उन्होंने 60 करोड़ कितनी बढी अमाउंट होती है मुख्यमंत्री निधि को नहीं दिए नाम फाउंडेशन को उतना भरोसा था कि यह पैसे सही काम के लिए खर्च हो जाए आज अपना काम तू उसमें मैंने तुझे भेजा है देख म उसमें देख लेना तू आज तक वह हमारा वह यह है एक्सक वेशन जो है जहां व मिट्टी जमा हो जाती है और नदी जो है पहले यहां बहती थी अ मिट्टी जमा जमा होते होते होते अब यहां तक आई अब यहां तो रा शुरू हो जाता है अब यहां रास्ता शुरू हो गया बाढ़ आ गई तो पानी यहां आ जाता है फिर हमारा गांव पानी के नीचे चला जाता है तो इसका एक्सक बशन करके वापस उसी तरह से जैसे पहली नदी थी तो त देखेगा वह तो आज तक वह एक्सक वेशन जो है तो तीन करोड़ मतलब 3 करोड़ 66 लाख 4135 स् मीटर एक्सक वेशन हुआ जल संधारण का काम है 9.1 टीएमसी 1.5 टीएमसी यह खड़कवासला डैम है 1 प 5 टीएमसी हमारा काम हुआ है 9.1 टीएमसी और हमारा मैं करता नहीं है हमारे जो बच्चे हैं गांव खेड़े के इतना काम करते हैं हमारा गणेश थोरात है क्या बच्चा काम करता है खुद सिविल इंजीनियर है मल्हार बाकी के पृथ्वी है बाकी सभी हमारे ट्रस्टी जो है जैग जो है हमारा इसके नामकरण की क्या कहानी है हम बीड़ा उठाते हैं ना हम अपने आप को सुपुर्द करते कि हम यह करेंगे नाम लगाते मतलब ये यहां वो ऐसे टीका लगा देते हैं हम नाम ऐसे लगा देते गंध लगा देते हैं हरि नामा सा गजर हरि नाम तो यह जो नाम है हमने बीड़ा उठाया कि यह हम काम करेंगे अब यह काम रुकने वाला नहीं है अभी तो महाराष्ट्र गवर्नमेंट टाटा इनसे एमओयू हुआ पहले तो काम अपना होता था 500 हजार करोड़ अब हजारों करोड़ में काम और यह महाराष्ट्र के लिए सीमित नहीं रहा अब पूरे भारत के लिए यूपी के लिए अभी शुरू होगा बुंदेलखंड में पानी की समस्या तू तो जानता है वहां तो लड़की देते नहीं ताकि क्या हमारी बच्ची पर पानी भरती रहेगी दो दो तीन तीन मल से तो वहां हर घर में घर में नल लगेगा ये जो इनकी योजना थी जी तो हमने उनसे मिले हम योगी जी से हमने उनको कहा कि हम मिलकर काम करेंगे फिर उसमें वक्त गया अभी टाटा के साथ हमारा जब यह हो गया एमओयू तभी यूपी गवर्नमेंट और हम मिलके जम्मू कश्मीर में भी काम कर जम्मू कश्मीर में स्कूल सभी स्कूल जो है उसकी मरम्मत करके कोई बैठने के लिए नहीं है कंक्रीट किया हुआ नहीं है छप्पर नहीं है और चिल्लाने का चिल्लाना क्या है अपने अपने को सुकून मिलता है ना और क्या चाहिए इसके बदले में तुम्हें क्या चाहिए नाम चाहिए शौहरत चाहिए पुरस्कार चाहिए उपाधि चाहिए क्या चाहिए करो ना और भूल जाओ यही वजह है कि आप कभी जिक्र नहीं करते हैं कि आप कारगिल वर का हिस्सा थे नहीं नहीं कारगिल वर का हिस्सा मतलब वो हम हम फर्नांडीज साहब थे रक्षा मंत्री और हम जाना चाहते थे हालांकि हमने कमांडो कोर्स पूरा किया था हम अच्छे शूटर हैं हम नेशनल खेले हुए हैं जी राइफल में हां 300 मीटर में अच्छा हमने यह किया है मावलंकर में हमको ब्रॉन्ज मेडल है अच्छा हम निशाना है हमने कहा जाएंगे यार तो हमने फोन किया तो वहां जनरल पाटन करते 28 डीवी के तो उन्होंने कहा हम आपको नहीं यहां दे सकते आप सिविलियन है मैंने कहा ऐसे ऐसे हमने किया नहीं मैंने कहा कौन कह सकता है फर्नांडीस साहब वो रक्षा मंत्री थे उस समय तो हमने फोन किया तुम जानते थे मुझे नाना सिविलियन को अलाउ नहीं कर सकते ऐसे कैसे होगा मैंने कहा सिविलियन छ महीने में तो कमीशन हो जाता है हमने तीन साल गुजारे हुए मुझे नहीं मालूम मैंने कहा अब बता रहा हूं कब जाना चाहता मैंने कहा आज निकल गया तो 60 दिन था मैं सभी जगह मुगलपुरा में था द्रास में था ले में था कुपरा में था मारा मुला में था सोपर में था क्या कर रहे थे आप वहां प अब मत पूछो वो नहीं बताए इवेंचर ऑफ क्य आरटी क्विक रिएक्शन टीम ट्स द मोस्ट वन ऑफ द मोस्ट इलीट फोर्स हम गए थे 76 केजी जब आया तो 56 केजी दो महीने में जसे हड्डी फसली हो गए थे लेकिन हम आज कितने सालों के बाद जिक्र कर रहे तने पूछा इसलिए तो वो भी नहीं बताते मजा है यार उसे क्या लोगे हमको खुशी मिली ना इतना सा तो कुछ हम कर सकते हैं देश के लिए आपकी अजीत डवाल से दोस्ती भी उन्हीं दिनों की है नहीं नहीं अजीत देवाल साहब तो हमारे बड़े भाई समान है उनकी दोस्ती दोस्ती कहना गलत है वो रिश्ता हमारा रिश्ता अलग किस्म का उनका अदा क्या है वह कौन है उसके लिए नहीं मित्र बने हम नहीं वो शुरू कब हुआ नहीं याद यार दूसरा सवाल हा ठीक रिस्पेक्ट यो प्राइवेसी एक कारगिल का दौर एक 261 के हमले का दौर उस वक्त यार मतलब दुर्भाग्य बस हम गोवा में थे हम वहां से निकल नहीं पाए फिर हमको होना चाहिए था उस वक्त कुछ तो हम क्या मतलब मालूम नहीं क्या कर पाते लेकिन मम्मे में होना चाहिए था काफी लोग खोया हमने गंदा माहौल था 93 के ब्लास्ट और राइट्स में किसको खोया था आपने उसी वक्त तो मैं घूम रहा था वो उस ब्लास्ट में हमने हमारा भाई खोया बड़ी राम गमरे वो भी हमने हमको हम पहचाने नहीं उसको उसका जो कड़ा था वो वह भी पिघल गया था उससे पहचाने के वो गया बाकी तो कहां पर थे वो ब्लास्ट के समय बंगाल केमिकल में जो बस में जो हुआ था उसम पहले उसकी पहली बस में मल्हार की मां थी वो तो उसको उस बस में जगह नहीं मिली इसलिए वो रुका मैं आता हूं पिछली बस से अगली बस चली गई यह शिवाजी पर उतर गए और पिछली बस में बम लास्ट हुआ उस बस में जगह मिल जाती तो बच जाता और इनको नहीं मिलती तो यह भी चली जाती अमूमन जब कोई इस तरह की हिंसा में अपने परिवार को खोता है तो उनके अंदर का गुस्सा और भड़क जाता है पर आप कुछ ही हफ्तों बाद उन्हीं इलाको अमन और शांति के लिए घूम रहे थे अब दिखाया क्रांतिवीर के जरिए जो कहना था वह कह दिया कब तक एक दूसरे को काटोगे तुम मारोगे कब तक मालू हमको जो सही लगा हमने किया वो सही है गलत है आप सोचो हमको जो हमने किया किस हद तक जाओगे सभी जगह अच्छे बुरे तो लोग है ही सभी जगह हर बार हम बुरे को को देखो हम अच्छे को देखेंगे ना अच्छा है उसको सुधारने की कोशिश करेंगे और सब में ताकत है तुझ में है मुझ में इनमें है सब में है अपना हिस्सा उठाएंगे तो सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन अनफॉर्चूनेटली हम भीड़ का हिस्सा बन जाते हैं नेता होने के नाते तू चिल्लाता है फिर हम मेमने बन जाते हैं तो कहीं तो हमें सोचना चाहिए हमें अपने बारे में आपके पास कभी किसी पॉलिटिकल पार्टी का ऑफर आया सभी सभी पार्टी ने पूछा लेकिन मैं वहां रह नहीं सकता मेरे जहन में जो आता है मैं बोल देता हूं मेरे पार्टी का मुखिया होगा उसको मैं बोलूंगा तू पागल है यार यह ऐसे कैसे मुझे निकाल देगा वहां हाथ को पकड़ के हट तो फिर क्यों जाए व वो माहौल ही कुछ अलग है ना इस भी हमको पूछे लोकसभा चुनाव के लिए हां शरद राव से बात हुई मेरी शरद राव ने मुझे फोन किया नाना इलेक्शन को खड़े रह रहे हो मैंने कहा मैं आपको पहले बता देता आप जानते हैं मुझे क उनको खबर मिली कि आप दूसरे पक्ष से खड़े हो रहे हैं किसी पार्टी से मैं और मुझे भी उनसे खबर मिली कि मैं कहीं से खड़ा हो कि मेरा नाम चल रहा है मुझे तो कुछ मालूम नहीं वो तो ऐसे अफवाह तो चलती ही रहती है कंगना चुन के आई ना हां जी मंडी से वो जीती उन्होने लगभग 74000 के मार्जिन से विक्रमादित्य 74000 के मार्जिन से इतना ही है ना विक्रमादित्य सिंह को हराया और हमारे कोई एक्टर जीते जी शत्रुगन सिन्हा टीएमसी के टिकट पर आसन सोल से जीत कर आए हैं अरे वाह जी और बांगला फिल्मों के कुछ क्या बांगला फिल्मों के कुछ एक्टर्स भी टीएमसी के टिकट पर जीते हैं और भोजपुरी और हिंदी फिल्मों से बीजेपी के रवि किशन है गोरखपुर से उन्होंने कंटिन्यू किया और मनोज तिवारी है यहां दिल्ली में अच्छा तो वो फिर से जीत के आए हैं तीसरी बार लगातार हेमा जी हेमा जी मथुरा से जीत के आई और बहुत अच्छे मार्जिन से जीत के आए वा हेमा जी बधाई हो हमारे एक जमाने की हमारी हीरोइन हेमा जी हां तो जब आप लोग जब ग्रो अप कर रहे थे जैसे होता है ना कि ये हीरोइन बहुत पसंद है इनके पोस्टर इनके वॉलपेपर तो आप लोग के जमाने में कौन बहुत सुंदर बहुत आकर्षक बहुत क हेमा जी हमको बहुत अच्छी लग कभी आपने बताया उनको ये आप बता रहे हैं [हंसी] ना जी बहुत अच्छे होता है ना कि उस वक्त हेमा जी थी वैसे हमको बैदा जी एक बहुत अच्छी लगती थी क्या क्या काम करती थी वाह सो ब्यूटीफुल सो ग्रेसफुल कमाल कमाल हर जगह ऐसे मुझे पुरानी जो फिल्में है ना और उससे गाने और ये मुझे मैं मैं अटकता हूं मैं जिम में भी जब जाता हूं तो हैरान हो जाएगा सुबह कौन क्या लगाया है तो सुरैया जी गा रही है अच्छा अब जिम में सुरैया जी गा रहे ये बच्चे तो जिम छोड़ के सन्यास [संगीत] लेंगे ऐसे ऐसे ऐसे करके सब ऐसे सभी डांस ऐसे ही थे और वो वही हो और वो बड़ा तल्लीन होकर मैं यह करता हूं मैं मुझे बड़ा अच्छा लगता एक सुरेंद्र करके थे जो सैगल साहब के जैसे ही गाते थे बहुत अच्छी आवाज थी हीरो हुआ भी करते थे मोगले जम में उन्होंने तानसेन का रोल किया था अच्छा बहुत अच्छा गाते थे तो मुझे ऐसे अब वर्कआउट करते हो बड़े गुलाम अली का भीम सेन जोशी साहब क्या बात है अरे बड़ा मजा आता है य मन कल्याण आज सुबह 5 बजे हम सुन रहे थे और वर्कआउट कर रहे थे भीम सेन जोशी गा रहे क्या मजा कौन सा पद कौन सा अभंग गा रहे थे वो नहीं अभंग नहीं यमन कल्याण बाकायदा अच्छा राग क्या म कितनी ये आजकल के गाने बहुत बहुत कम सुनता हूं मैं कोई सुना अभी हाल फिलहाल का पिछले दो चार साल में कोई गाना नहीं नहीं मेरा हाल अच्छा है तुझे लगता है ना इसलिए हाल फिलहाल का मैंने कुछ नहीं देखा हाल अच्छा है क्योंकि हाल फिलहाल से मुक्त हूं सची में एक समानांतर दुनिया बना रखी है आपने गांव में देखो यह क्वारंटाइन जो आप बोलते हैं ना तो वैसे हम मेरे लिए कुछ था नहीं मैं तो खेत प ही रहता हूं लोगों के लिए था क्योंकि वह अंदर आ नहीं सकते थे मैं तो वही रहता हूं मैं अकेला रहता हूं नाना तो किसी से मिलता हूं ना तो कुछ नहीं पढ़ना है कैरम खेलता हूं बहुत अच्छा अा ते कैरम बहुत अच्छ मला ने बताया मुझे बहुत अच्छा खेलता हूं कैरम चेस भी हा चेस हा खेलता हूं लेकिन कैरम मतलब कोई नहीं है तो अकेला मैं बैठता हूं एक यहां रखनी है इधर रख के उधर डालनी है तो फिर व इधर से इतना ही व और मैं ऐसे मारता हूं ऐसे नहीं खेलता अच्छा ऐसे स्ट्राइक करते हैं ऐसे ये स्ट्राइक है मेरा ये नहीं है तो ये शुरू से ही अभ्यास पहले से पहले से और बहुत अच्छा खेलता हूं मतलब कभी-कभी मतलब ऐसे होता है वो मल्हार क्या करता है वो शूट करते रहता है तो कहता है समझ में नहीं आता बाबा तू मार कहां रहा है कौन सी डाल रहा है मैंने ये फ्लूक नहीं है भाई हम वही मार रहे वही जाएगी फ्लूक से जाए तो क्या म सियासत मैं इतने दोस्त है मेरे कितने सियासत दन जो है अलग-अलग पार्टी के यह नहीं है जरूरी कि एक ही पार्टी के कोई है आज तक दोस्त है बड़े मुख्यमंत्री भी रहे आज तक दोस्त है बहुत अच्छे दोस्त है दोस्ती बरकरार इसलिए है कि आज तक उनके पास कुछ मांगा नहीं अपने लिए जिस दिन मांगोगे तुम पर टैग लगता है तुम्हारी कीमत क्या है नहीं मांगने का क्या कम दिया है यार आवाम ने लोगों ने आपको अचरज हुआ जब पद्मश्री के लिए आपका नाम अनाउंस हुआ 201 मैंने कोई गुनाह नहीं किया था किस बात के लिए पदम हमने क्या ऐसा कौन सा तीर मारा है इतना बड़ा योगदान आपका फिल्म इंडस्ट्री हमने क्या हर चीज के पैसे लिए यार हर चीज के पैसे लिए तुमने पोकट में थ थोड़ी तुमको तुम फिल्म दिखाई हमने हम तो समझते ल हम हमारे कलाकारों को ऐसे हमारे लिए है ना खेल के लिए खेल रत्न है हमारे लिए फलके अवार्ड है नहीं और जो काम आप करते हैं समाज के लिए उसका आप जिक्र नहीं करते हैं आप जिन शहीदों की विधवाओं के परिवारों को मदद कर रहे हैं अरे छोड़ या ऐसे ऐसे बातों का जिक्र करना भी मतलब गंदा है तोम कोई कुछ नहीं वग हमको जो अच्छा लगता है वो हम करते हैं हमको किसी को मारना भी अच्छा लगा मारते हैं हम कभी कभार गुस्सा आ ग ये आपने ये कहा गुस्सा आ गया तो मुझे पता नहीं क्यों फिर से विधु विनोद चोपड़ा याद आ गए तो क्या हो गया वो कहते हैं कि आपने उनको गालियां सिखाई है उन्होंने आपसे गालियां सीखी है अब उनको मेरे पास से सीखने ल उतनी चीज लगी है तो उन्होंने वो सीखी होगी हमने तो उनसे झूठ बोलना नहीं सीखा ये एक तो हमें समझ में नहीं आता कि ये इतने पुराने और इतने कद्दावर लोगों की ये आपस की चीटा कशी दोस्तिगिरी किया जाए मैं सच कहूं दुश्मनी होती ही नहीं हम और कोई कहता है दोस्ती होती है तो दोस्ती भी नहीं होती व्यवहार होता है आपकी दोस्ती है किसी भी इंडस्ट्री से हा कौन हमारी दोस्ती है जकी श्रॉफ है मिथुन है डनी है चिंटू था ऋषि कपूर और अब अनिल है अब दोस्ती है अनिल बकायदा फोन करते हैं न उधर से बो नान नाइस ना आज भी इतना मेहनत से काम करता है तना अच्छा काम करता है एनिमल में कितना बेहतरीन काम किया देखा मैंने बोला मैंने तेरी अनिल मल देखी नाना नाना कैसे लगा यार कैसे लगा मैंने कहा बहुत अच्छा क्या बहुत रिस्ट्रेंट बहुत अच्छा काम किया फिल्म कैसी लगी आपको बहुत बहुत उस पर डिबेट हुई में वो इतना वायलेंस पसंद नहीं मैं वायलेंस तूने गंगा जमुना देखे जी दिलीप साब दिलीप साब देखिए वायलेंस है उसमें कमाल का वायलेंस है लेकिन वह वायलेंस तुम्हें गंदा नहीं बनाता व वायलेंस जायज वायलेंस है व वायलेंस रिपल्सिव नहीं है यू क्रे फॉर जस्टिस और वो जो है भा अब तुम जवान ने किसी को उसको खून तो नहीं कहोगे ना हमारे देश के लिए मरा वो फर्क है तो हमें मुझे मालूम नहीं है मैं उस किस्म का हूं कभी कभार तो ऐसे लगता है कि मैं मेरे ख्याल पुरा पुराने हो गए क्या मैं ऐसे सोचता हूं क्या लेकिन हमको अी अभी हमने गाना किया है इसमें जर्नी में नहीं य जर्नी में हा तो एंड में नाचना है तो मुझे आजकल वो है ना स्टाइल तुम्हारी ऐसे कुछ नाचते हैं ना झटक दे कुछ अंदर कुछ कीड़ा गया है वैसे ऐसे ऐसे झटक शर्ट को तो मैंने कहा यह तो हम करेंगे नहीं हमारा फिक्सेशन व है ना हम जाएंगे तो आज का देख के हम नहीं जाएंगे हम जाएंगे तो हमारे जमाने में काहा ऐसे था तो हम ऐसे नाचेंगे तो उने कहा कैसे मैंने कहा ऐसे और फिर हम वैसे नाचे तू देख तुझे इतना पसंद आ नोस्टल जिक फीलिंग वो हमारे पुराने जमाने के वो दिलीप साहब है न लड़ गई है तो मनवा मा अब व है एक्सपे आ इतना ही होता था और व चेहरे पर जो आता था ना उनके लताजी का एक स्टेटमेंट है कि मैं जब गाना गाती हूं स्क्रीन पर वो मैं नहीं वो गा रही है ऐसे लगता है तो एक ही एक्ट्रेस है वो नूतन जी कि मेरे गाने गाते हुए मैंने जब सुना है उनको तो मुझे लगा कि वो उनके गाने मेरे नहीं इतनी बड़ी कम्प्लीनोस कर देती थी आंखे है यह है आज भी मुझे अगर कोई सोचती नहीं कोई नहीं आ रहा क्या कैसे करेंगे वो सीन क्या तो मैं देखता हूं नूतन जी की फिल्में बल्ला सानी जी की फिल्में मोतीलाल जी की फिल्में याकूब साहब करके थे एक जिन्होंने औरत में सुनील दत्त जी का काम किया था मदर इंडिया में जो सुनील दत्त जी ने किया था दिलीप साहब उस जमाने में यार मगले आजम में आज के किस्म की वो बातें करते हुए कौन है कौन है क्या आया और इन लोगों ने मुझे छुआ है मैं बड़ा खुशनसीब हूं यार एक दिन घर में बुलाया था दिलीप साहब ने हा बारिश हो रही थी मुझे मिला था बेस्ट एक्टर का अड तो ये क्रांतिवीर के लिए उनके हाथ से मिला था तो ऐसे अरे यार वो फोटो दिखाऊंगा मैं तो मैं घर बारिश हो गई घर गया तो मैं भीगा हुआ था तो पहले देखा दर द वाजे में अंदर गए तौलिया लाए अब ऐसे बिठा के मेरा सर पहुच रहे और कौन से अवार्ड चाहिए यार तुमको दिलीप साहब ऐसे सर पछ रहे सर्ट उतारो अपना कुर्ता लाते पहनाते हैं मिलाया सत्यजीत रे साहब की डायरी में एक पन्ना उनका पब्लिश होता है आई वांट टू वर्क विथ नाना पाटेकर कौन सा अकेडमी अवार्ड चाहिए आपको हमारी औकात नहीं है उनके साथ काम करने की लेकिन उनको लगा और क्या चाहिए यार हम बड़े खुश किस्मत हैको मालूम नहीं हम कितने अमीर है तुम सोचते हो उससे कई गुना अमीर है हम बहुत सी बातें हमारे पास ही है कौन ककन है ऐसे कितने क्या और क्या चाहिए इतने बड़े सत्यजीत रे तपन सीना उनके साथ मैंने काम किया आज का रोबिन डू में उनसे एक बात सख वो कहते एक्टिंग य लिखी हुई जो बातें है डोंट वरी अबाउट डायलॉग मेक बॉडी मेक योरसेल्फ कंफर्टेबल ऐसे बनाओ तुमको जैसे बोलना है बोलो जो बोलना है बोलो डोंट वरी अबाउट दिस रिटर्न वर्ड्स तुम्हारी जिम्मेदारी बढ़ती है आप यह ट्रांसफॉर्मेशन बता रहे हैं कि डोंट वरी अबाउट रिटन वर्ड्स उस फिल्म प उतनी चर्चा नहीं हुई शक्ति पर मुझे बहुत पसंद है आपका अरे यार क्या वो लिखी हुई कमल पांडे कमलेश पांडे नहीं कमल पांडे अरे क्या डायलॉग लिखे उसने वह कृष्णा ने कि कृष्णा मंशी जो रमैया है ना अभी इसमें थी बाहुबली में उसका मिया रम्या कृष्णा मशी बहुत कमाल का डायरेक्टर है मेरे ख्याल से उतने वह प्रतिघटना बनाई थी उसका प्रतिघात बनाया था इसमें युवा मतलब ऐसे देखते हैं उसको चूंकि मैं बीहड़ से आता हूं तो हमने वो परिवेश देखा है थोड़ा सा रक्त रंजित सा हां पर उसमें तो उसको और कई नौच ऊपर ले गए और जिस तरीके से व अपने बूढ़े बाप को दिखा रहा है अपनी बेटी को दिखा रहा है उस बच्चे को जैसे जो आपने जब आप सलाम बमबे का भी सीन बता रहे थे तो मुझे फिर शक्ति का भी सीन जिसम क और वो पलट के जवाब दे रहा है फिर जैसे आप दोनों पांव पटक के ऐसे एकदम एकदम बच्चे के साथ ब और अदर वाइज वो इतना क्रूर इतना निष्ठुर और इतनी ब्लैक आई शक्ति में बहुत अच्छा है वो लेकिन वहां जहां सहूलियत मिली ना थोड़ी ढील दे दी ना डायरेक्टर ने वहां काम जरा अच्छा मिलता है करने को अगर भरोसा करे कि नहीं इसको थोड़ी अकल है तो हम अच्छा काम करते हैं ऐसा होता है क्या कि जो किरदार आपकी प्रकृति के अलग-अलग शेट से मिलते हैं उनको निभाना थोड़ा ऐ जैसे आपने कहा कि अपने ट्रिगर पॉइंट याद करो अपने रेफरेंस पॉइंट लाओ पर फिर वो वजूद में वह आदमी जब अपने पिता के सामने है सुकड़ जाता है हां वो वो फिर रेफरेंस कहां से आता है बिकॉज ट इ प्रोबेबली नॉट यू और या हम नहीं जानते व पक्ष आपका इतना दब्बू इतना भीरू आ जाता है ढाल दो अपने आप को आ जाता है अब मैं सच बताता हूं अब रोल करने जा रहे अब तो आईम 74 नाउ सो हम रोल कर रहे 45 का ओके हा अब हमको वजन घटाना है और 6 किलो हम ऐसे होंगे य ऐसे होगा बाल एकदम इतने से होंगे ऐसे सफेद ही रहेंगे और बिल्कुल उपहार के कैसा था वोह जो फिजिक एकदम ऐसा सिंगल पछ ऐसा और व य हिट्स ट्स टू किल मारना है उसको जान से एक ही फटका मारना है एंड ही नो र टू हिट व डाय फम पर मारो इधर मारो इधर जरा मारो उसको मालूम है कितना मारना है कितना बारबार कितना मारोगे यार एक ठक करके दे बस हो गया तो वो रोल करते हुए वायलेंस करना है ना सो उसमें देखना वायलेंस कैसे होता इतना खून नहीं दिखेगा तुम्ह लेकिन देख देखना वायलेंस मतलब डर लगने कौन सा वायलेंस है अग्नि साक्षी में आई वास थिंकिंग ऑफ ट फिल्म कौन सा वायलेंस है ना तो कोई खून करता है ना तो कुछ है ना कुछ नहीं जस्ट टॉकिंग टू कौन सा वायले डर लगता है यार शिंग आई य शायद 96 में फिल्म आई थी और उन दिनों कक बैलेट पेपर होते थे और चुनाव के नतीजे आ रहे थे हम आठवी कक्षा में पढ़ते थे में रहते थे तो चुनाव के नतीजे बीच-बीच में आते थे और ये अग्नि साक्षी के गाने और ये सब और ये फिल्म और इतना इतनी ठंडी क्रूरता थी उसमें हां बहुत बहुत और हम लोगों को वो एक तिरंगा क्रांतिवीर वो वाला ये ये कौन है ये बिल्कुल उसमें व वो एक्चुअली वो पिकअप था स्लीपिंग विथ द एनिमी जी तो मुझे बताया नहीं था मैंने देखी नहीं थी फिल्मों तो इन्होंने कहा नहीं ये हमारी ओरिजिनल कहानी है तो मुझे बहुत अच्छी लगी मैंने कहा मैं करूंगा और बाकी का मैं अपना वो लिख देता हूं थोड़ी देर पहले आप अपनी फिल्म इंडस्ट्री के दोस्तों के बारे में बात कर रहे थे आपने कई पुरुषों के नाम गिनाए महिलाओं से भी मित्रता है आपकी जैसे पुराने जमाने के लोग आपका और स्मिता बाई का जो कंफर्ट था जो उनको जो स्नेह था आपसे व स्मिता तो मतलब वो मतलब औरत और मर्द की नहीं वो मित्र थे हम दोनों जैसे आज अभी परसों मैं आज बात कर रहा था सुबह कि मैंने कहा बड़ी याद आती है एक महीना पहले हमारी एक स्कू कॉलेज की मेरी संध्या हजारे करके में बहुत अच्छी दोस्त कमाल के दोस्त हमारी ये चार पांच बच्चियां थी कॉलेज की रेखा रूपा संध्या वीणा आशा ये ऐसे पांच और हम हमारा ग्रुप हम मैं मवाली करके मुझे लेते नहीं थे और नाटक में हमने काम किया तो लगा नहीं यार अलग लड़का है मोबा भी है पर य भी हैय है य तो फिर मुझे उनके ग्रुप में उन्होंने लिया तो वो संध्या जोती बहुत बहुत बहुत प्यार करती थी मतलब दोस्त ऐसे होने चाहिए य कैसा है रे तू मतलब और उसका मिया भी जो है गिरीश अरे इतना कमाल का इंसान तो वो गुजर गई तो मैंने फोन किया मैंने कहा मैं परसों आ रहा हूं हां राजा कैसा है तू क्या है ठीक है ना अब मेरी दोस्त व गुजर जाने के बाद मुझे उसका मैसेज आ गया तो एक होता है ना अपने में एक कोई एक हिस्सा है वह चला जाता है मर गया ऐसे लगता है कुछ एमपिट कर दिया हाथ कैसे लगता है कि अब इसके बाद वो दिखेगी नहीं वो कुछ नहीं है तो यह पुराने गाने जो सब है तलत महमूद के या यह आजा अब तो आ जाए हमको बहुत वो आदत है व हम ऐसे तबला बजाते इसके पर ऐसे ऐसे करके यह होता है इसके ऊपर तो व हमारा वो शुरू हो जाता है कोई भी गाना तो वो अपना चालू तो हम नाटक में हमिता बाई की कोटी में विजया बादी और हमारा काम इंटरवल में खत्म होता था बाद में अशोक और नीना और उनका तो हमारा वो पीछे जा के गांव खेड़े में होते थे तो स्टेज के पीछे बहुत मैदान बड़ा रहता था तो वहां कहीं जाकर टेबल पर बैठ के फिर व उधर ऐसे पुराने पुराने गाने और मैं थोड़ा सा ठेका बराबर बजाता हूं ड यू मिस थिएटर क्या थिएटर मिस करते हैं यह क्या है यह थिएटर ही तो है यह ब बैठे यह थिएटर ही है थिएटर मिस करना मतलब उधर होता है ना एक सामने उसी वक्त तुमको मिलता है ना पुरुष के बाद आपने किया नहीं कोई नाटक पुरुष के बाद हिंदी पुरुष किया मैंने 2000 में लेकिन अब शायद करूंगा मालूम नहीं मुझे एक थ कोई य यह बातें करना है ना यह ऐसे ऐसे नाटक में हम महासागर में ऐसे बातें करता था मैं ऑडियंस से उसको असाइट कहते हैं अंग्रेजी में हमको मालूम नहीं विजा भाई ने हमको बताया कि यहां मैं बात कर रहा हूं ओए व तेने पंजाबी आ हां बोल ना ब हा तो मेरे नाल पंजाबी भी कल कर व बता हाज क्या बोलला कुछ ये पागल आदमी है इसको समझ में नहीं आता यार इतनी जोर से वो कुछ खाया नहीं है सुबह से हा अच्छा लग रहा चंगा लग रहा है कजा की की करोगे घर जाके की करोगे क्या बोले सुनाई दे रहा है घर जाके की करोगे अब सब बता दिया हम अभी ये मैं इसके साथ बात कर रहा हूं और फिर मैं यहां बात कर रहा हूं और ये जो है ना ये आपको लगता है ये बहुत सीधा है और थोड़ा सा वो सटका हुआ आदमी है लेकिन वो मैं बोलूंगा नहीं उसको उसके बोलते वक्त वो पता नहीं चलता सरदार है ना तो फिर वापस से तो यह अाइड है यह ऑडियंस से बात करते हैं फिर यहां से होता है तो वह जो करना है ऑडियंस के साथ डायरेक्ट बात करो ऐसे आंखों में तो उन्होंने मुझे बताया था विजय भाई ने असाइट करते वक्त जब किसी से बात करोगे ऑडियंस से तो ऐसे तुम खड़े हो और ऐसे बोल रहे हो तो इस लड़की की तरफ देख रहा हूं तो और देखना यह बात तो उसकी आंख में मत देखना आंख में देखोगे तुम अटको ग उधर फिर उ से बात करते रहोगे तो देखना इधर फरड की तरफ और देखो ये ऐसे तो फिर उधर जाओगे तुम तो यार कितनी छोटी छोटी बातें है क्योंकि ये तुम्हारा कनेक्ट हो जाता है ना इमीडिएट तो तुम अरेस्ट हो जाते हो य थिएटर की बात तो वह सीखने को मिला था कि वह अल्काजी की स्टूडेंट थी विजया जी विजय जी अल्का जी से मिले कभी आप नहीं मैं नहीं मिल पाया काफी सनि मेरे पहले तो लेकिन क्या यहां तू आज तू मेरे लिए तू टीचर है तुझसे सीखने को मिला इनसे सीखने को मिला जिस तरह से मैं देख रहा हूं यह सब जब बंदे अब यह तो कुछ करना ही नहीं बैठे हैं कुछ करना नहीं आप लोगों को लेकिन जिस तरह से बैठे यह काम है यार कब खत्म होता है व मैं चेहरे पढ़ सकता हूं जिस वक्त हमारे चेहरे पर स्क्रोल आएगा ना यह खत्म करना है हम बंद देंगे डोंट वरी तो यह कमाल का लगता है यह इवॉल्वमेंट होने तो बात करने में भी मजा आता है मैं तो कहता है चलो यार थक गया बस करते हैं मजा आपको कविताओं पर बात करने में बहुत आता है आप शो किया करते थे हिरवाई हिरवाई शो था वो अमोल ने कब ये किया था पर्सीव किया था उसकी सोच थी तो वहां के हमारा एक इलाका जो है तो वहां वो सब पेड़ पौधे लगाने हैं लोगों को च ने के लिए घूमने के लिए जैसे हम पार्क में जैसे घूमते हैं ना वैसे तो वहां वोह रास्ता बनाने वाले थे कारपोरेशन तो उसने मना करके वहा हम यह करेंगे तो उसके लिए पैसे जमा करने थे तो उसमें मुझे बुलाया था कि नाना कुछ कविताएं तू बोल हमने आपके जिन भी दोस्तों से बात की सबने यही कहा कि अगर नाना अच्छे मूड में हो और कविताएं पढ़ने जैसे हमारी श्रीरंग गो बोले जी से बात हुई हमारी गिरीश कुलकर्णी जी से बात हुई सबने अलग अलग कविताएं और उन्होंने कहा कि अगर वह बस पढ़ दे जैसे कावी चिंतामणि खनोलकर की कविता च कल त होती खर आज जो मैंने बोली ते एक कविता है गेले दय राह तुझे नक्षत्रांची थोड़ी ओली पाने आलो होतो हसत मी काही श्वासा साठी फक्त दिवसान से आता उधे रात्र रात्र शोष रक्त आता मनाचा दगड़ घेतो कत उला होते कं से निर्माल्य अन पानांचा पाचला ची खूब मतलब गाजलेली मतलब बहुत फेमस उनके लोगों को बहुत पसंद आई मेरे पास ब इतना से ही बचा हुआ है माजा पा आता कुछ कलिया है और कुछ सूखे पत्ते हैं माझा पासा आता य नक्षत्र जो है वो देना चाहता था लेकिन आज मेरे पास इतना ही बचा वोले आप दूसरों की कविताएं पढ़ते हैं कभी अपनी कविताएं नहीं सुनाते जबक लिखते हैं आप हां मैं लिखता हूं लेकिन वो मराठी एक यह मैंने फोन इसलिए नहीं रखा था कि मैं कविता पढ यह मैं कहीं कोई चोरा ना ले इसलिए मैंने बगल में रखा था लेकिन वो लुनी पाहता आले ध्यानी पलट कर देखा तो जन में आया वाटप वाट पूती थक लिया है रास्ता पूरा थक गया है कॉर्नर पे जो वलना वर्षी खड़खड़ नारी जो आवाज करने वाली नदी जो बहती थी वह भी अब सुख गई है सांज कातर नात निजली निवडुंग च भली सावली श्याम के धूप में जो अभी तिरछी हो गई है उसमें कैक्टस की जो छाया है व सो गई है अभी लंबी वट वृक्षा व नमस बावटा वारा वर्ती झलता है बरगद का पेड़ है उसके ऊपर देखो ऐसे बाटे ये चिंदी बांधते हैं ऐसा कुछ राजदेव सर सर स बो आ मिनि त जात जासना सर जी हमारे महाराष्ट्र के अरे संभाल के रही है अरे नहीं र ग मुलगा नहीं सर सब सब बहुत हिंदी भाषिक व है बा बो तमिल भाषिक उर्दू भाषिक कन्नड़ भाषिक पंजाबी भाषिक हिंदी भाषिक सब हम एक है इसन यह जिस दिन हम तय करेंगे ना तो पूरा आसान होगा हमारा प्रॉब्लम क्या है य यह भाषिक है वो भाषिक है वो भाषिक है मैं इसके पास क्यों आया मालूम है मेरी एक बहुत अच्छी छोटी सहेली है गिरजा ओक तो उसने कहा मेरा एक दोस्त है वह आपके साथ वो उस इंटरव्यू करना चाहता मैंने कहा तेरा दोस्त है मतलब वह बंदा बेहतरीन होना ही चाहिए नहीं तो तू तेरा दोस्त हो ही नहीं सकता तुझे क्या दिक्कत है उससे नहीं ये फिल्म ये सर यह सौरभ अब फिल्म डायरेक्टर प्रोड्यूसर एक दिन बनना चाहता ये असलियत है यह तो टेंपररी उसका है कि एडिटर बन जाओ असली उसका असली ये लोग सब अनुराग कश्यप बनना चाहते हैं मैं सच कहूं ना आज का उसका परफॉर्मेंस देखता ना राजदीप तो हैरान हो जाता इतना बेहतरीन बोला है उसने मैं तो इतना हैरान रह ग इनकी हिंदी बहुत अच्छी है और इनकी पूरी टीम बहुत अच्छी है मैं यहां आता हूं क्योंकि क्या है ना आज की न्यूज की दुनिया में जो इतना आवाज है इतना शोरगुल है उसमें ललन टॉप थोड़ा अलग है और यह मुझे पसंद है उन्होंने वाकई पत्रकारिता को पत्रकारिता का एक जो नियम होता है उसे निभाया है तो फिर वो तू तू क्यों नहीं फॉलो करता उसको सर अभी प्रयत्न करतो हम इने भी बुरे नहीं है नहीं नहीं त तू बुरा बिल्कुल नहीं है लेकिन तुझे बुरे के सिवा अच्छा क्यों नहीं दिखता तू तू क्या करता है टोकता जो है ना राजदेव मैं मैं तो तुझे जब भी मैं फोन करता हूं मैं तुझे क्या पूछता तू है कैसा अपना ख्याल रख हमेशा वो कहते हैं मुझे हर एक महीने में उनका मैसेज आता है अपना ख्याल रखो तू रखता नहीं है लेकिन क्या कर पिताजी थे ना वो हमारे हीरो दिलीप सर देसाई जो थे वो उनका त अगर गेम देखता था आज भी कुछ अवेलेबल है जी व तुम निकाल के देखो ऐसे लगता है कि कोई वैसे ही हम भीम सेन जोशी का उनका जो जोशी जी का यमन कल्याण सुन रहे हैं ना वैसे लगता है इनकी बैटिंग वेस्ट इंडीज में जाक जब देखो खेला था उन्होंने अरे यार हिस्टोरिकल 71 टूर 71 टूर और नाना और वगैरा उस जमाने में शिवाजी पार्क में जाके मैच 71 में हम 22 थे यार 21 तो हम ऐसे नहीं थे कि बच्चे थे की मां जो है इनके साथ उन मेरा इतना अच्छा रिश्ता है प्रोफेसर साहिबा लेकिन आप नाना इज अ वंडरफुल एक्टर ह्यूमन बीइंग और वह उसी बिल्डिंग में मेरे दोस्त भी रहते हैं उनकी उन्हीं के बिल्डिंग में और वह कहते हैं कि नाना ज्यादातर आजकल फार्म हाउस में रहते हैं हां नहीं फार्म हाउस यार देखो नाना नाना चाहते हैं आप थोड़ा जरा आराम करें नहीं नहीं आराम नहीं वहां वहां आराम मिलता है अरे वाह शहर में आराम नहीं कर सकते आप चार दीवार में वो लगता है कि यह कबर है उसमें हमको अंदर रख दिया यार एनीवे थैंक यू सॉरी फॉर इंटरवेनिंग सॉरी फॉर इंटरप्शन र मैं सौरभ के साथ बीच-बीच में एक प्रोग्राम करता हूं नेता नगरी और उसमें मैं हमेशा उनको टोकता हूं कि वह हमारे प्रोग्राम के राजेश खन्ना है राजेश खन्ना क्यों क्योंकि हमेशा जब आते हैं प्रोग्राम में छ घंटे लेट आते हैं और मैंने सुना था जब राजेश खन्ना फिल्म फिम स्टार थे तो वो बाकियों को वेट करवाते थे छ घंटे के लिए तो यह हमारे प्रोग्राम के राजेश क्या बात कर और मेरा रोल है मुकरी का मुकरी था ना वो कॉमेडियन तो मेरा रोल मुकरी का है और वो राजेश खन्ना है उस ये इनकी साइड ऑफ द स्टोरी है मेरी साइड ऑफ द स्टोरी ये है कि ये सब लोग सुपरस्टार हैं सो दे कैन कम पर मैं मजदूर हूं तो मैं अभी देखिए ये शूट कर रहा हूं इसके ठीक बाद वो शूट करने जाऊंगा बड़ी मजदूरी बड़ी अच्छी होती दुनिया ऐसे मजदूर दे ऐसे ऐसे देख सुनाना ऐसे मजदूरों की दुनिया होनी चाहिए त प्रोग्राम अच्छा अच्छा जी हा त त्या मधली ती सुरुवात अ शुरुवात वनी पाहता आले धानी वाट पुती थकली है वनावर खड़क नारी नदी ही आता थकली है सा कातर उ निली निवडुंग भली सावली वट वृक्षा नवस बावटा वार्यावर ती झुल तो है उड गेले विहंग सु स्वर शवास केवल घुमतो है हाती कोरल रे घान वती शब्द बोबडे लि तो है तरीही काही क्षण सानलेबक सुकन फड़ी यह हमने मुझे जो विजुअल दिखते हैं मैं वैसे ही लिखता हूं मुझे कविता वगैरह नहीं आती मुझे जो सामने दिखता है मैं ऐसे ही मैं तुझे आप जो बोल रहे हैं ना [संगीत] इंपल्सिव जी आ रही आ रही है [संगीत] आवाज छटा रे सा हाथों से हयात तेरा वो दामन रह गई कुछ ख्वाबों की कलिया और कुछ भी दे [संगीत] सावन और कुछ भी दे सावन आया था सौगात में लेकर कुछ सासों के बाद मोछ मुनी का कैसे होए तू ही मुझे बतला दे अब तो बस यती का पत्थर लेता हूं [संगीत] स उम्र की लगी है लिया भी [संगीत] मुरने कलिया भी [संगीत] मुरझाने य हमने अभी इसम जर्नी में गाया क्या गाया मतलब ऐसे ही कटन कटन वाह साहिब वाह क्या गाते हो ली के नैना कटीले कटले छबीली के नैना कटले कटले चबीली के नैना कटल कटि करेगा लगन की उमरिया ऐसे हम कुछ उटपटांग बातें करते रहते हैं और इन्हीं उटपटांग बातों के बीच नाना कभी ये ये संशय आता है जैसे मेरी अनुराग कश्यप से बात हो रही थी द पूल के सिलसिले में में फिर वो सन डांस वगैरह में गई फिल्म फिर आपको एक बहुत बड़ा रोल ऑफर हुआ लेकिन आपने मना कर दिया कि मैं टेररिस्ट का रोल नहीं करूंगा अब नहीं एक तो पहले इनफीरियर था मैं अंग्रेजी बोल पाऊंगा नहीं पाऊंगा जी लेकिन वो नहीं प्रॉब्लम मुझे लगते है मैं रट के बोल लेता लेकिन टेररिस्ट का रोल क्यों करें यार कोई कैसे उतना ही अपने अगर बच्चे प्यार करते हैं तुमसे समझो एक ने वो कोई अपने को फॉलो कर लिया तो ऐसे कोई पर नेगेटिव किरदार तो आपने पुरुष में सलाम बम्बे में हां लेकिन वो टेररिस्ट तो नहीं था ना कई बम से उड़ा दो यह कर दो हम लोग बॉडी ऑफ लाइज फिल्म की बात करें बड़ी मशहूर फिल्म है यो मेरे ख्याल से बाद में यह रोल मार्क स्ट्रंग ने निभाया था बहुत अच्छा किया उन्होने तो थोड़ा अंग्रेजी को लेकर भी जिच थी आपको नहीं नहीं वो तो हम अब तमिल हम रट के बोल सकते तो कोई भी भाषा बोल सकते है ना वो तो वहां सिखाते तुम्हारा एक्सेंट कैसे होना चाहिए आसान है ट्स नॉ रेस्टिंग फिल्मों पर तो हम घंटों आपसे बात कर सकते हैं लेकिन थोड़ी समय की पाबंदी है आपके व्यक्तिगत जीवन को लेकर भी लोगों में बड़ी लोगों में बहुत कौतूहल रहता है कई लोगों ने सवाल पूछा कि क्या नाना पाटेकर पर्यावरण वादी हैं ईश्वर में यकीन करते हैं कैसा है उनका ईश्वर से ज्यादा में इंसानों में यकीन ज्यादा करता हूं ईश्वर तो खैर तुमको इंसान का जन्म दिया बहुत हो गया अब उनको परेशान मत करो अठन्नी फेंक के लाख रुपए मत मांगो हम अपना काम है वह करते रहे जिस दिन जाएंगे ब तो बात करेंगे उनके साथ सोलियस से एकदम बारबार जाने का उनको परेशान कर ने का मानते नहीं श्रद्धा नहीं ऐसी बात नहीं है लेकिन उससे बेहतर काम है उधर में व्यतीत करूं वक्त बजाय उसके मैं कहीं दूसरे काम में करूं एक आपकी फर्जी क्लिप बड़ी वायरल हुई कहा गया नाना पाटेकर बागेश्वर धाम गए हैं बाद में फैचर हुआ पता चला कि आप माउंट आबू के किसी कार्यक्रम माबी में वो ये क्या कौन सी वो बड़ा आश्रम है ना वहां जी यह सिस्टर शिवानी वाला जो वहां पे ब्रह्म ब्र ब्रह्म कुमारी वहां गया था उसी में से काटकूट के उन्होंने वो बनाया मैं तो कैसे जाता ही नहीं यार अभी जैसे आप बनारस में शूट कर रहे थे घाट प खूब घूमे मणिकर्णिका वगैरह गए घाट पर घूमे मणिकर्णिका वगैरह गए खूब हां मैं मुझे तकलीफ होती है वो देख के क्या देख के मणिकर्णिका घाट पे वो जो शब्दा हां जल रहा है सब वो देखें क्योंकि मैं आपकी कविता सुन रहा था उसमें अब जीवन के उत्तर काल की झांकिया आने लगी हैं वो तो उत्तर काल ही है ना हां उत्तर काल ही है अब यार 74 तो उत्तर काल नहीं तो क्या है अब थोड़ी 14 साल के है हम वो तो होगा लेकिन फिर भी उसमें कोई सुनहरे पल है जो तुम्हें याद आते हैं व तो फिर उनके साथ तुम खेलते रहते हो ना अब मां नहीं रही पिताजी नहीं रहे भाई नहीं रहे बहन नहीं रही सभी भाई गुजर गए कोई है नहीं तो मेरे पीढ़ा का तो कोई है नहीं ना अभी है अगले पीढ़ी के है सभी है फिर भी वह होता है ना कि ऐसे दूर से देखते रहते हैं हम जो मुझे ऐसा कोई है नहीं ना कौन डांटता था आपको पहले सभी सभी बा भाई से लेकर सभी नहीं नहीं लेकिन जब आप आप दुनिया की दृष्टि में जब सफल हो गए तब कभी डाट पड़ती थी आपको हा हा गलती अरे यार मुझे मैं एक दिन मैं ऐसे एक दिन मैं ये शुरुआत की फिल्म में जहां मैं कोई प्रोड्यूसर आए थे कि ऐसे ऐसी फिल्म करनी है तो मैंने कहा हां मैं करूंगा डेट्स क्या है ऐसे है हम मैं इतने पैसे लूंगा हम अच्छा ठीक है हम तो इतने में मां आई अंदर से हम वो उस वक्त मटुंगा में रहते थे कहते वो जा पीसने को दिया गेहूं वो लेके आ आटा लेके आ तो मैं गया वहां बाजू में चक्की थी तो वहां से मैं डिब्बा लेके आया आटे का मां को दिया फिर मैं इनके सामने वापस हजारों की बातें करोड़ लाखों की बातें शुरू कि ये डेट है ये है अब वो सब साइनिंग चेक वगैरह दे दी उनको जहन में तो था कते सर आप खुद करते हैं यह काम तो मैंने कहा अपने घर का करता तुम्हारे घर का तो नहीं करता ना मेरे घर में मैं ही हूं मेरी मां किसको बोलेगी और किसी को बोलेगी बगल का कोई बोलेगी जाओ भाई हम खाएंगे रोटी हमको आटा हमारा लाने में कोई दिक्कत है आपकी पत्नी नीलकांति जी ने कभी आपको डांटा या आपके गुस्से से ही व हां डाटा है डाटा है वो तो होता है मैं जान तो हर बीवी डांट है ना और मल्हार मल्हार ने भी एक बार डांटा है मुझे क्या किया था आपने अब गलत ही किया होगा कुछ नहीं तो क्यों [संगीत] डटे कैसा है मतलब जिनसे भी बात करिए सब बोलते हैं कि हमने नाना के बारे में दिस इज इंक्लूडिंग मी हमने बहुत सुन रखा था बहुत ही इंपल्सिव गुस्सेल लेकिन जो जो आपकी जिंदगी में आपके करीब गया सबने उलट पाया हमने कहा नहीं उनसे ज्यादा वात्सल्य लुटाने वाला इंसान नहीं मिलेगा बशर्ते वो आप पर भरोसा कर ले बशर्ते वह आपको समझ जाएं तो उनसे ज्यादा नरम इंसान नहीं मिलेगा संवेदनशील इंसान मिलेगा ये दो ध्रुव है एक तरफ आदमी कह रहा है बहुत झक्की गुस्स अनप्रिडिक्टेबल और दूसरी तरफ की बिल्कुल ममत्व से भरपूर दोनों सही है जहां गुस्सा है वहां गुस्सा है यार और उसकी वजह तो होगी ना आपको सिर्फ गुस्सा पता चलता है उसकी वजह नहीं पता चलती ना बताने वाला वजह नहीं बताता ना वह अपने तरीके से बताएगा ब बराबर है ना वह तो कुछ तो छि पाएगा अ पागल तो नहीं लगता ना मैं ऐसे ही गुस्सा करू किसको गाली दू या मारू मैं यह तो नहीं कहूंगा कि मैं गुस्सा नहीं करता करता हूं झगड़ा करता हूं मारपीट करता हूं करता हूं मतलब अभी मतलब वह सारी कहानियां सही है इंडस्ट्री की आपने फलाने डायरेक्टर को पीट पीट के लह लवान कर दिया जी सही है उस वक्त यह नहीं रहता था ना नहीं तो इमेजस शुरू हो जाते है वो होता था वजह भी थी ना हालांकि उनकी और मेरी दुश्मनी तो नहीं रही हिसाब बाकी था वह पूरा कर दिया उसके बाद दोस्ती कभी ऐसा हुआ कि इस छवि की वजह से कोई बहुत अच्छा रोल आपके हाथों से मि बहुत से गए बहुत से बहुत से अवार्ड्स भी बहुत से अब जो जूरी है उसमें से दो तीन जो है उनके साथ तो मैंने मारपीट की है या गाली गलोज की और कैसे अवार्ड मिलेंगे नहीं सची ड यू रिग्रेट इट ना कहां रखता यार मैं अवार्ड की नहीं गुस्से की बात कर रहा हूं हां उसे नुकसान भी हुआ तकलीफ भी हुई बाद में बुरा भी लगा कि नहीं यार मैं नहीं कहता तो अच्छा होता रिश्ते टूटे कई गुस्से की वजह से जी जी बुरा लगता है उसके बारे में अगर मैं उस वक्त ना बोलता तो अच्छा होता लेकिन ठीक है उसकी कीमत जो चुकानी थी व चुकाई ऑन दैट नोट द फ्लोर इज ओपन सर आप अपनी जिंदगी का कोई ऐसा किस्सा हमसे साझा करना चाहे कि आपको गुस्सा आया बहुत ज्यादा और बाद में आपको यह अफसोस हुआ कि मुझे उस वक्त यह गुस्सा नहीं करना चाहिए और हमारी जनरेशन को इससे आप कुछ बताना चाहे कि आप लोगों को ऐसी सिचुएशन में क्या करना चाहिए मुझे लगता है कि थोड़ा सा वक्त खुद को दे दो रिएक्ट इमीडिएट हम इंपल्सिव जैसे होते हैं थोड़ा सा वक्त अपने आप को दे दो कि यह मुझे कहना चाहिए इसी वक्त कि वो शांत हो जाए मैं शांत हो जाऊं फिर कहीं इत्मीनान से मैं उसे बता सकूं मेरी शैली है पिताजी है भाई है दोस्त है मिया है कि मुझे ऐसे लगता कि उस वक्त आप गलत थे अभी बताओगे मुझे लगता है तुम गलत हो तो फिर वह कहेगा कि वह कहेगी कि वैसे फिर व बात बढ़ती जाएगी मुझे लगता है थोड़ा सा वक्त जो ताकत मुझ में है नहीं मैं बहुत इंपल्सिव मैं इमीडिएट और मेरी जुबान गंदी है जो विनोद चोपरा जो कहता है ना कि मैं बहुत गाली देता हूं तो मैं बहुत गाली मेरे सच कहता हूं कि कभी कभार मेरे मुंह में जरा ज्यादा गंदे शब्द आ वो नहीं आने चाहिए उससे आदमी बहुत हर्ट हो जाता है अगर मुझे कोई गाली देगा तो मुझे नहीं अच्छा लगता तो मैंने दी तो उसको भी नहीं अच्छी लगेगी मुझे सोचना चाहिए तो मुझे लगता है थोड़ा सा वक्त देंगे ना लेकिन मैं सच क यह मैं जो कुछ कह रहा हूं ना बिल्कुल बकवास है तुमको जो सही लगेगा वो करो नसीहत देना बहुत बहुत गलत है क्योंकि यह तुम्हारी जिंदगी है उसमें घाटा तुम्हारा मुनाफा तुम्हारा तुमको क्या करना चाहिए तुम सोच लो मैं कौन होता हूं अब मैं बूढ़ा हूं यार 74 का मेरा अपना जो रवैया मेरा तरीका है व अलग है तुम्हारा अलग है तुम्हें तुम्ह मालूम होना चाहिए कि तुमको क्या करना चाहिए यह सवाल दोबारा कभी किसी को मत पूछना नमस्ते सर मेरा नाम रजत है हाय जब लखनऊ था और अभी भी घर जाता हूं तो टीवी पर सेट मैक्स पर मेरे पिताजी रिमोट लिए एक फिल्म अक्सर जब भी वह देखते रहते तिरंगा तो कई बार देखी हम लोग ने उस भी उस फिल्म को तो उसमें एक सीन है जब रुद्र प्रताप सिंह को कौन सी फिल्म तिरंगा हां उसमें जब रुद्र प्रताप सिंह मर जाते हैं और शोक सभा चल रही होती है जब सीएम आते हैं जीवनलाल टंडल और आपका फिर एक मोनोलॉग है सर उसके पीछे क्या तैयारी थी जो आप उनको बिल्कुल देते हैं सीएम साहब को मैं तैयार ही नहीं देखो एक थिएटर का बैकग्राउंड होने के नाते वो आसान हो जाता है रटना वो हमारे और तो एक ध्यान में रखो थिएटर के कोई हो या कहीं भी तुमको क्या बोलना है एक बार मालूम है उसके बाद व झक नहीं होती फिर वो तुम इमोट कर सकते हो इंप्रोवाइज करते हो उसका सबसे सही नमूना था यह जो अभी इसने बोला ना शुरुआत करते हुए और बिल्कुल उसको मालूम था वो क्या कहने जा रहा है उसको बिल्कुल मालूम उसकी आंखें हाथ मुंह उसके बाल सभी सिंक्रोनाइज हो रहे थे एक शब्दों के साथ उसके तो वो बहुत जरूरी होता है वोह आसानी से हो जाता है एक बार रट लो तुमको मालूम होना चाहिए क्या नहीं हो जाएगा कर देंगे एक्सटम पर होता है ऐसे कुछ नहीं होता तुमको तैयारी अभ्यास बाकी कुछ नहीं हेलो सर एक आपकी फिल्म है अक्सर उसके छोटे-छोटे रील मीम वायरल होते रहते हैं जिसमें आप किसी खटिया पर लेटे हुए हंस रहे हैं खूब जोर जोर से व क्रांतिवीर का तो वो उसमें मतलब उसका जब ओरिजिनल पार्ट देखा जाता है तो वह एक सेंसिटिव मुद्दे पर बात हो रही है किसी महिला के साथ कुछ हो रहा था उस पर आप लेकिन आपका उसको मीम गलत जगह पर यूज होता है ऐसे मीम आप देखते हैं तो आपकी फिल्मों प जो मीम बनते हैं पॉपुलर कचर आप तक पहुच जो अपने हाथ में नहीं है मुझे कुछ नहीं बुरा लगता मैं उसके ऊपर ध्यान ही नहीं देता व होता है वो क्या करेंगे देखो की एक फिल्म थी जिसमें हीरोइन को कहा कि तुमको वहां देख के सिर्फ हसना है एक देख के बहुत एक मीठी हंसी दे तुमको चेहरे पर आनी चाहिए तो उसने वह हस दिया अब उसके अगेंस्ट कौन सा विजुअल था और हसा तो उसमें एक खून हो रहा है और इसने हस दिया और उसके अगेंस्ट एक फूल है और इसने हर दिया मतलब तो बदलेगा ना तो निर्भर किस पर होता है उसके ऊपर हमको तो सिर्फ हसना है तो हमने तो हस दिया था आपको जो करना है विजुअल वहां क्या रखना है वह आपका प्रॉब्लम है हमको नहीं कुछ करना हम कुछ बोल भी नहीं सकते मेरे खिलाफ कोई कुछ गंदा बोलता है कुछ अच्छा बोलता है मैं रिएक्ट ही नहीं होता मेरे पास उतना वक्त नहीं है हिंदी अंग्रेजी मराठी भाषा के ऐसे कौन-कौन सी कवियत्री और कवि हैं जिनको पढ़ने के लिए आप बारबार लौटते हैं जिनका रचा या लिखा मुझे मुझे अब मैंने जैसे कि मेरे सपने मराठी में आते तो मराठी कवि जो है उनकी ज्यादा मैंने मुझे लेखक जो है मुझे मुंशी प्रेमचंद जी है मुझे बहुत अच्छे लगते उनकी किताबें जो है मैं जब पढ़ता हूं हीरामोती में पढ़ता हूं तो मैं जोर से मतलब गोदान पढ़ता हूं तो मैं जोर से पढ़ता हूं ताकि वो हिंदी मेरे कान में आए मैं सही बोल रहा हूं गलत बोल रहा हूं मुझे पता चले तो मैं जोर से पढ़ता हूं तो उससे क्या होता है अपना वो सेल्फ एजुकेशन जो कहते हैं अपने आप को व कहां नहीं या मैं पूछता हूं गुलदार साहब ने 10 कहानियों में एक कविता पढ़नी थी तो मैंने 100 बार उनको फोन करके परेशान किया मैंने कहा यह कैसे बोलना है यह कैसे बोलना है तो कहते यार तू बकवास है यार एक अकेला है जो मुझे इतनी बार फोन करके पूछ रहा है कि यह कैसे बोलना है मैंने कहा मुझे नहीं आती भाषा गिलहरी बोलना है तो कैसे बोलना है गिलहरी को गिलहरी को कैसे बोलना है क्या मुझे बताइए तब उनके मुंह से वो आसानी से आ है व आसान मुझे सीखनी है गिलर तो शब्द मालूम है मुझे तो मुझे वह आसानी सीखनी थी तो वह आसानी सीखने के लिए लेकिन हिंदी की जो कविताएं जो कवि सम्मेलन मैं बहुत सुनता हूं मुझे बड़े अच्छे लगते हैं हास्य कवि सम्मेलन है बाकी के भी आज स भी मैं सुनता हूं और वह इसीलिए नहीं सुनता हू कि मुझे अच्छा लगता है मैं बड़ा स्वार्थी आदमी हूं मुझे सीखना होता है इसलिए मैं पढ़ता सुनता हूं मराठी के कुछ कवियों का अगर जिक्र कर द आप नई उम्र के लोग उनको खोज के पढ़े मराठी के मतलब हमारे बहुत पहले हमारे भी पहले भरात आंबेकर के थे बाबा बोरकर थे बाब बोरकर बारा तांबे कुसुमाग्रज गोविंदा ग्रज ग्रेस इधर नए में किसी को पढ़ रहे हैं मराठी में फिलहाल तो नहीं मैंने पढ़ा फिलहाल मैंने कुछ नहीं पढ़ा यही पूरे मतलब जिंदगी भर हमको आज मैं वो सुबह जन पल भ्रमण तिल हाया हाय जाता राहील कार्य काय एक पल भर के लिए मुझे मैं जाऊंगा तो बोलेंगे कि अरे यार चला गया मेरी वजह से कुछ रुकने वाला तो है नहीं है हवा ऐसी चलती रहेगी चंद्र ऐसे ही आएगा सूरज ऐसे सब सब वो रोज होने वाला है कुछ तो फिक्र मत करो पल भर के लिए मरते हो तुम भारत अची कविता और वो उनकी है बाबू बो कर यनी जानी देवन निज गडले मानते से मंदिर परी जयां दहन भूमि व नाही चिरा नाही पनती तेथे करमा वहा मेरे हाथ ऐसे में अपने आप ही ऐसे जुड़ जाते हैं तेथे कमाज वहां जहां यनी जानी दे देवन निज यज्ञ जो हमारा संग्राम था अपना सर दिया देश के लिए यनी जानी देऊन निज गले मानवत से मंदिर तब जाकर य हमारा मानवता का मंदिर बन गया परी जया न लेकिन आज उनकी दन भूमि जो है जहां आज वहां कोई ना ही चिरा ना ही वहा कोई एक दिया नहीं जल रहा वहा मेरा हाथ जुड़ जाता है तेथे करमा जोड़ बाबू बोरक कविता हा बे मेरा नाम प्रशांत है अभी आपने बीच बातचीत में बोला कि आप इंडस्ट्री के नहीं है आप करने जाते तो यह इ इनसाइडर और आउटसाइडर वाली डिबेट है और यह कौन डिसाइड करता है कि इंडस्ट्री का कोई है या बाहर का कोई है और आप क्यों नहीं मानते हो अपने आपको देखो तुम में औकात है अगर तो तुम तुम रहोगे तुम में नहीं है तो तुम जाने की जरूरत नहीं व तुमको बाहर कर देंगे समझे ना यत तुमको करने की उतनी औकात होनी चाहिए तुम्हारा तुमको मालूम है कि नहीं हमारे सिवा नहीं चलेगा हमको लेना ही पड़ेगा सो कपेल देम टू कास्ट य तो उतनी तो ताकत होनी चाहिए और जिस दिन उनको लगेगा नहीं इसके सिवाय चलता है तो चलता है और चलने दो चलना ही चाहिए हमारे जैसे कितने आके गए हमारे यहां मराठी के बहुत कमाल के एक्टर थे मतलब एक हाल में गुजर गए विक्रम गोखले अगर मुझे कहे कोई कि जि दुनिया भर के 10 एक्टरों की लिस्ट बताओ तो उसमें से एक विक्रम गोखले होंगे हम उनके सामने तो है ही नहीं कुछ खड़े भी नहीं रह सकते हा बेटा नाना पॉलिटिक्स पर या देश के ऐसे मुद्दों पर बोलते हुए आपको कभी डर नहीं लगता क्या जिससे जनता बहुत ट्रिगर हो जाती है यह सवाल इसलिए पूछ रही हूं दो दिन पहले कंगना रनौत दिल्ली आ रही थी एयरपोर्ट पर कोई उनके बयान से आहत था जो उन्होंने किसानों पर कहा था और उन्होने उठाकर थप्पड़ मार दिया आपको नहीं लगता कि कहीं पर भी कुछ भी हो जाएगा या अभी की जनरेशन ज्यादा इनटोलरेंट हो गई है नहीं मुझे नहीं लगता मुझे नहीं लगता लेकिन अगर उसको किसी ने मारा है तो वह गलत बात है वह नहीं होना चाहिए उन्होंने क्या बोला वो मुझे मालूम नहीं है लेकिन ऐसे किसी को मारना एक तो पहले औरत हो या मरद हो ऐसे हाथ उठाना मैं व सही नहीं समझता मुझे भी गुस्सा बहुत आता है मैंने कहा मैं मारामारी करता हूं यह करता हूं लेकिन मैं ऐसे हाथ नहीं उठाऊंगा बीच में वह मैं वहां शूट कर रहा था घाट प तो एक वो ऐसे घुस गया क्या हुआ था वहां पर वो हमारा वो सीन था एक्चुअली तो वो रिहर्सल तीन चार पांच बार हो गई यार वो हो ही नहीं रहा थाय हो रहा था उसम यह कोई बंदा घुसा हमको लगा वही है तो हमने रख दिया और हमने रख दिया यार वो पहले गुस्सा हो गए थे तो फिर काफी बवाल मच गया था उसके ऊपर तो हमने फिर मैंने कहा माफ कर दो यार फिर उस बच्चे को बुलाया उसका इंटरव्यू मेरे पास है मैंने कहा यार तू बता दे नहीं तो खामखा मुझ हमको आदत नहीं है यार कोई प्यार करता है तो उनको मारे लेकिन मुझे मैं नहीं समझता तू क्या तुझे क्या लगता है मुझे कोई मारे मारे तो मारे यार हमको क्या है मार दो उसमें क्या है हमको जो सही लगता है वह सही बोलते है नहीं जो सही लगता है नहीं बोलते यार यर सबजि हर परफॉर्मेंस छाया आ रही है तेरी उसके ऊपर लाइट कवर कर रहा है जिंदगी में वह लाइट में आने की कोशिश कर रही है लाइमलाइट में रो नमस्ते सर मेरा नाम विभावरी है क्वेश्चन यह है कि आपको किस तरह की फिल्में करने में ज्यादा मजा आता है तिरंगा जैसी सीरियस मूवीज या वेलकम जैसी कॉमेडी मूवीज में जिस तरह की लेकिन वेलकम जैसी फिल्में मैं बार-बार नहीं कर पाऊंगा मुझे लगता है कि मेरे पास एक जो माध्यम है सिनेमा जिसके जरिए मैं बहुत कुछ बातें जो हमारे इर्द गिर जो विसंगति है उसके ऊपर भाष्य करना मैं ज्यादा सही समझता हूं और वेलकम जैसी वो हल्की फुलकी फिल्म है कभी कभार करने में मजा आता है लेकिन यह जो फॉर्मेट है वो सिर्फ मनोरंजन के लिए इस्तेमाल करना मैं जायज नहीं समझता नमस्ते सर सर मेरा सवाल आपसे ये है कि आपके हिसाब से आपके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है मैं यहां हूं तुम लोग मुझसे बात कर रहे हैं उपलब्धि क्या होती है यार उपलब्धि कुछ नहीं होती तुमको आईने में तुम देख सकते हो क्या इज्जत कर सकते हो अपनी तो यह सबसे बड़ी उपलब्धि है नजरें मिला सकते हो अपने आप से ये सबसे बड़ी उपलब्धि है जिस दिन अपनी घिन आएगी आने में अपने साथ आख नहीं मिला पाओगे तुम तो बहुत आसान है उपलब्धि क्या कुछ नहीं आज जो कुछ कमाया ना व कल भूलना सीखो तब जाकर नया कुछ कमाओगे नहीं तो प्रॉब्लम क्या होता है उसी में अटक हैं मैं य कमाया मैं य यह मेरा अवार्ड है मैं य ऐसे किया भूल जा उस वक्त है कल का जो बहुत मिष्टन था वो तो आज खत्म हो जाता है ना अया आज की रोटी नहीं सिर्फ चावल रोटी होगी दाल रोटी होगी उसमें मत अटको कल में हां बेटे सर जब आप जाति धर्म की बात कर रहे थे तो वो सीन याद आता है जब आप कहते हैं कि देख इसका ख हिंदू मुसलमान वो वा सीन याद आता है और सर मेरा सवाल यह है कि आपने हिंदी फिल्में करी हैं कन्नड़ फिल्में करी हैं तमिल फिल्में करी हैं बहुत सारी इंडस्ट्रीज में काम किया है तो आपको सबसे ज्यादा मतलब आसान इंडस्ट्री या सबसे अच्छी इंडस्ट्री कौन सी लगती है और एक डायरेक्टर जो आप कहना चाहेंगे जिनके साथ काम करके आपको बहुत अच्छा सभी इंडस्ट्री में ऐसे कोई ये नहीं है कि ये अच्छी है कि ये बुरी है ऐसे नहीं सभी इंडस्ट्री के जो है बच्चे वो बेहतरीन काम करते हैं लेकिन आसान मुझे होता है जहां काम करते वक्त मुझे कोई दिक्कत नहीं होती तो मराठी बोलते वक्त में मैंने जैसे हर बार बोला कि इसके जैसे मुझे हिंदी अगर आती तो मुझे मैं बड़ा खुशनसीब होता लेकिन वो वैसे है नहीं है तो मुझे दिक्कत तो नहीं आती कोई नाना हमने आपकी आमद के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तो वहां पर भी सैकड़ों सवाल आए हमने उसमें से 10 सवाल चुने छोटे-छोटे एक सवाल बहुत कॉमन हैय न्यूज रूम में भी कई साथियों ने पूछा य नाना नाम के पीछे की क्या कहानी है इनफैक्ट जब मैं पहली मर्तबा मैंने गिरिजा से कहा कि हम उनको बुलाना चाहते हैं तो हमारी एक बातचीत हुई कि मैं उन्हे संबोधित कैसे करूं क्योंकि हमारे यहां नाना अपने आप में एक संबोधन में बहुत सम्मानजनक शब्द है मलहार जब बात कर रहे थे हमसे आपके बेटे तो वो नाना साहेब श इस्तेमाल कर रहे थे मैं कभी सर बोल रहा था आपको कभी दादा बोल रहा था बातचीत में कई बार मैंने नाना बोला तो नाना ही बोलना चाहिए इस नाम की क्या कहानी है नहीं कहानी कुछ नहीं मुझे वो बचपन में मेरी मा मां की सहेली थी बहन के जैसी तो वो मुझे नाना नाना नाना करती थी तो तोव विश्वनाथ मेरा नाम था हां ओके विश्वनाथ कहता है विश्वनाथ गजानन पाटकर हां विश्वनाथ गजानन पाटेकर था पाटेकर तो वो उस नाम से कोई पुकारता नहीं है आज भी मुझे कोई विशु ऐसे बोला तो मैं समझता हूं कि य जज स्कला पाट का है हा अच्छा वहां तक ये नाम चला तो या स्कूल का मेरा तो पर अभी तो आपके सारे डॉक्यूमेंट में भी नाना पा नाना पाटे मतलब पासपोर्ट प भी नाना पाटे तो वो वैसे नाना नाना ना मैंने कहा यार छोड़ो यार बदली कर दो अच्छा है यार नाना नाना कुमार अच्छा नहीं लगता अच्छा एक सवाल ईशान ने पूछा अरुण कौल की दीक्षा फिल्म के बारे में अरु और अरुण कौल जी के साथ काम करने का आपका तजुर्बा उस बहुत अच्छा बहुत मजा आया बहुत पैशनेट था बंदा फिर भी उनके साथ एक बार झगड़ा तो हुआ एक वो सीन था उसके ऊपर से तो लेकिन बहुत उनका बेटा भी था मेरे ख्याल से कैमरामैन था वो उनका बेटा अ एक सवाल पूछा गया है आपकी अंकुश फिल्म को लेकर कि आपने बेरोजगार युवा की संजीदगी से भूमिका निभाई क्या उस दौरान आपको अपना संघर्ष याद आ रहा था और इसमें मैं जोड़ दूं यह जो मिठाई से विरक्ति और खाने की बर्बादी को देख के गुस्सा तो व जितने वह जो भूख वाले दिन थे हां वही तो व उसमें परकलेट तो होगा ना वही तो है वैसे ही होता है उसमें तो आ जाता है मिक्स हो जाता है ना व हमें सबसे सुगंधी फूल कौन सा है तुमको कौन सा सबसे सुगंधी फूल कौन सा है हमको रोटी लगता है उससे बड़ी सुगंध हमने हमको कभी जिंदगी में इसीलिए मैंने उस कविता से बात शुरू की थी क्योंकि वो चीज मुझे लगातार घूम रही थी ऐसे दिमाग में हा कौन सी जो मैंने शुरू में बिल्कुल रोटी वो रोटी जो है उसकी मैं सच कहता हूं ऐसे उस सुगंध के लिए हम तड़पते थे आज भी मैं वो रोटी देखे ना मैंने तो मैंने खाया यार काफी खाया पेड़ भर खाया मैंने शाम को बहुत भूख लगी थी बेहतरीन वो बीवी को बोल देना यार बहुत अच्छा बनाया खाया मैंने आप बहुत अच्छा खाना बनाते हैं अरे मैं बेटर कुक देन एक्टर मजाक नहीं और एक वक्त में 200 लोगों का खाना बना सकता हूं लेकिन मैं सबको काम को लगाता हूं सभी हीरो हीरोइन सभी जो कोई है सब तो तू ये काट तू वो काट ये कर मसाले आप अपने खुद तैयार करते तैयार करते हैं अभी भी कल 10 किलो कूट के लाया बहुत कमाल तू तू आके तू मटन खा यार ऐसा हैरान हो जाएगा मटन पाया कीमा कलेजी भेजा मुझे ध्यान आ रहा है जब आप पुरुष के शुरुआती एपिसोड में शुरुआती परफॉर्मेंस में ब्रेक लेके गए थे सबके लिए पैक करवा के लाए थे सबर ब्रेक लेके गए थे आप एक प्ले के दौरान और सबके लिए खाना पैक करवा के ला अरे मैं तुझे सच कहता हूं य अभी हम यहां गए थे ना शिमला में तो हर चार दिन के बाद कुछ ना कुछ बनाता था पूरे यूनिट कर 200 250 का यूनिट था पूरे उतने लोगों के लिए मिसल बनाओ तो मिसल बनाए और खुद परोसने में मजा आता है और भुक्कड़ जैसे चेहरे देख के ऐ सबको वो आपके खेत की अदरक और लेमन ग्रास वाली चाय नसीब नहीं वो वहा तू आजा मैं सच कहता हूं अपने स्टाफ को मैं सच ही बोलता हूं ऐसे यहां आया हूं खाखा बोल रहा हूं ऐसी बात नहीं है आप खेत पर आ जाओ वहां इतना बेहतरीन खाना खिलाऊंगा आप रह सकते हो वहां नहीं मैं तो आ ही रहा हूं अगस्त में हां हां तू आा यार और लेके आ बंदों को यार नहीं मैं अपनी बंदी को लेके आऊंगा अपनी बीवी के साथ इनके साथ कौ राजदीप को ले बेचारा एक ये सवाल ग राजदीप तुम्हारे ही इसका है राजदीप इ पार्ट ऑफ इंडिया टुडे ग्रुप जी इंडिया टीवी में है ये सवाल गजेंद्र सिंह ने लिखा है आपके लिए कि जो आपसे मिले थे हमारे सिनेमा एटर बी कर प्रहार के लिए आपने ढाई साल ट्रेनिंग की खामोशी के लिए 14 महीने साइन लैंग्वेज सीखी कौन सी फिल्म आपकी ऐसी रही जिसने फिजिकली या मेंटली आपको बहुत ब्रेक किया हो बड़ा मुश्किल एकदम थका देने वाला तजुर्बा चैलेंजिंग भी पर थका देने वाला वह ज्यादा पुरुष था और दूसरी थी फिल्म नट सम्राट बहुत बहुत थका नट सम्राट जो नाटक जो था जिन्होंने किया वह सब गुजर गया जितने थे एक हाथ कोई बचा होगा मैंने प्ले के फिल्म की तो मैं बचा हूं अभी तक बहुत तोड़ देने वाला बहुत बहुत इमोशनली तुमको ऐसे पूरा निचोड़ देता निचोड़ देता है मतलब समझ में नहीं आता व सीन करने के बाद तो मतलब कोई सामने बोल रहा है आपने अच्छा किया बुरा किया तो ऐसे सांस हम ले नहीं पाते एक सवाल पूछा गया कि अगर कोई नाम फाउंडेशन से जुड़ना चाहे वेबसाइट वेबसाइट है ना तुम वेबसाइट है जी पूरा का पूरा आमना ने एक सवाल पूछा कि आज की फिल्मों में कहानी से ज्यादा स्टारडम हावी है शाहरुख सलमान अक्षय कहानी से बड़े दिखते हैं कई बार इससे सिनेमा की क्षति भी होती है आप इस पर क्या सोचते हैं मैं क्यों सोचू तू जाती है देखती है ना दीक्षा का सवाल है कि आप सुशांत सिंह राजपूत के घर गए थे पटना हां क्या बात हुई परिवार कुछ नहीं पिता अब बच्चा गुजर गया है मेरा अपना बच्चा गुजर जाता तो क्या होता हमने कुछ किया भी नहीं कुछ बोले भी नहीं हम सिर्फ उनका हाथ पकड़ के बैठे थे वो भी कुछ बोल नहीं पाए आखिरी में मैं आपसे 10 नाम लूंगा और आपकी रिएक्शन चाहिए आपकी जो मेमोरी हो पहला नाम है बाला साहब ठाकरे नमस्कार मिलते थे आप उनसे बहुत बहुत बच्चे जैसा प्यार करते थे मुझसे बहुत बहुत बहुत बहुत कभी बैठ के पार्टी भी की उनके साथ बहुत हम मैंने कहा ना जो कुछ भी हमने भुने चने और गरम बियर भुने चने और गरम बियर नहीं बियर उनके साथ बैठ के एक तो क्या था उनके साथ का रिश्ता ही कुछ अलग था मतलब बताइए आखिर तक भाई मतलब आखिर के दिनों में भी हमारे वह अमित माहादेव कर के डॉक्टर थे वह उनको ट्रीट कर रहे थे बहुत अच्छा रिश्ता था बहुत ही मतलब आज तक मैंने कभी बोला नहीं तो ना बोलू तो बेहतर है बहुत सी बातें कुछ फोटो है तो आप देखोगे तो हैरान हो जाओगे मैं घर में आओगे दिखाऊंगा हालांकि उन्होंने यह एल्बम भेजा है मेरे पास मैं उनके पास गया था तो उनके फोटोग्राफर ने वो खींचे हुए फोटो है एक भी फोटो मैं दिखाऊंगा तुम हैरान हो जाओगे मैंने कभी किसी को दिखाया नहीं आज तक एक फोटो सिर्फ मैंने घर में लगाई थी उनकी उसमें से ज मैं ऐसे हूं बाकी के देखोगे तो वो दो हम उमर दोस्त होंगे ना वैसे फोटो है बहुत कमाल उन्होंने बहुत प्यार किया इज्जत दी मुझे एक बड़ा सा एक प्लॉट मुझे मुंबई में यह तुम ले लो मण में मैंने कहा मुझे नहीं चाहिए मेरे पास घर है और उस नॉम में यह बैठता नहीं है अमिताभ बच्चन अरे हमने काम किया उनके साथ मिलते हैं अभी कभी नहीं कभी कभार मैं फोन करता हूं कभी लेकिन अभी पहले तो यह करते थे उनका एक लेटर है मेरे पास उस दिन मैं सब कबड जरा साफ कर रहा था तो एक खत मिला 26 जो हुई थी उसमें उन्होंने देखने के बाद मुझे लिखा था आपके सभी किरदार तो हमें अच्छे लगते हैं लेकिन यह जो कुछ आपने किया है वाह वाह वा बहुत बड़ा अच्छा लगा वो रखा है मैंने व उनको बेटी को बच्चा पैदा हुआ है बच्ची पैदा हो गई थी तो हम कोराम कर रहे थे तो एक दिन सुबह मिठाई बाट रहे थे मैंने कहा क्या हो गया अरे मैं नाना बन गया मेरा मैंने कहा अरे कितने साल ल हम तो बचपन एक दिन शर्ट पहन के आए थे बहुत अच्छी शर्ट थी मैंने कहा वाह क्या शर्ट है शाम को मेरे वैनिटी में उनकी व शर्ट टंगी हुई थी प्रोडक्शन का कोई भी शर्ट पहन के चले गए थे शर्ट मैंने रखी है अभी तक दिलीप साहब की वो और वो दिलीप साहब ने जो कुर्ता दिया था है हमारे पास बड़े-बड़े अवार्ड है हमारे शाहरुख खान अरे आज भी बहुत प्यार से मिलता है बहुत प्यार से मिलता है क्योंकि वो पहली फिल्म थी राजू बन गया जेंटलमैन नहीं उससे कोई फर्क नहीं लोग भूल जाते हैं वो भूला नहीं हम वो इतना प्यार से मिलता है आज भी और मुझे अच्छा लगता है मुझे वो अच्छा लगता है बच्चा बहुत अच्छा मेरे लिए तो वो बच्छा ही कहूंगा मैं कहां मुलाकात होती है आप लोग अभी मुझे एक बार बीच में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में मिला गोवा में मुलाकात तो ज्यादा होती है लेकिन जब भी होती है वो मतलब ऐसे ऐसे मिलता है जैसे बीच के सभी साल है व अलग हो गए जैसे कल ही मिले थे वेरी नाइस अगला नाम है स्मिता पाटिल जब आप उनका नाम सुनते हैं तो पहली मेमोरी क्या फ्लश होती है क्या लेट म रि फ्रेज दिस क्वेश्चन जब उनकी मौत की खबर आई आप कहां पर थे हम वही थे जहां शो चल रहा था बाबा आमटे के लिए वहां ब्रेन स्टेडियम पर उसके बाद हम गाड़ी चलाते उसकी वजह से उसने सिखाई चल बैठ मैं बैठ हूं बगल में वो पोपट कर के नाम का एक ड्राइवर था य सिखाए इसको बता फर्स्ट कैसे डलते सेकंड कैसे ते बता कुछ नहीं होगा नहीं मुझे नहीं आ मैं ठोक दूंगा गाड़ी कुछ नहीं मैं मरूंगी तेरे साथ चल बैठ साड़िया लेनी है चल कौन सी लेनी है बता मैंने कहा का को घर के लिए तेरे कौन स लेनी है अलग ही थी यार क्या बहुत जल्दी गई बहुत अलग थी कमाल थी ऐसे इंसान बहुत कम होते हैं सच कहता हूं व आज होती ना इंडस्ट्री में अभी भी वही रहती अमेजिंग लिस्ट में अगला नाम है मनीषा कोयराला ग्रेट एक्ट्रेस बहुत जल्दी बीमारी ने उसको अभी देखी तुने हीरा मंडी देखी किसी ने कैसी लगी अच्छा काम किया बहुत अच्छा काम किया आपने देखी बधाई दी उनको ना फोन नंबर अभी वो नहीं है मेरे ख्याल से बदली हो गया शायद नरेंद्र मोदी मिले कभी आप आमने सामने से बहुत बार जब मुख्यमंत्री थे प्रधानमंत्री बनने के बाद नहीं मि ना मिला तब दूर रहना चाहिए इतने बड़े हो गए तो हम दूर रहे तो बेहतर शरद पवार काफी बार मिने बहुत बार उनके फार्म पर दिवाली में हमको नता रहता था खाना खाने पर बुलाते थे बारामती में बारामती हमसे जमीन पर सभी बैठ के पंगत बोलते हैं मराठी में खाना खाते यह हमसे पूछा गया सवाल कि नए एक्टर्स आपने काफी के साथ काम किया कौन सा आपको बहुत प्रॉमिसिफाई का शाहिद का हम वो कौन सा सिंह क क क्या काम किया उसके कोई भी इंटेंस रोल कियार सभी सभी सभी मुझे वो अच्छा ही लगता है मेरे साथ मैंने पाठशाला में किया था छोटा सा ये था बहुत अच्छा है इंटेंस है ब कपूर के साथ तो आपने मैंने राजनीति की थी हालांकि मैं जानता हूं उसको मिलता है कभी कभार मतलब वो चिंटू के बेटे के तौर पर देखते हैं या अभी एक्टर करके देखता हूं देखता तो पहले चिंटू के बेटे के तौर पर ही देखता था चिंटू और मेरी मतलब तू हैरान हो जाएगा वो और गाली बहुत देता था वो जैसे आपसे भी ज्यादा अरे ये गालि तो हट उसको क्या है एक टेक दूंगा मैं एक टेक के ऊपर मैं टेक नहीं दूंगा एक्टम पोर है यार हम तुम्हारे जैसे वो थिएटर वाले नहीं है बकवास बात करते च मैंने कहा यार बकवास शॉट है एक और दे दे नहीं यार ये कौन डायरेक्टर है शफी तू डायरेक्टर है कि रे हटाओ यार इसको गाटी को तो फिर दूसरा टेक हो गया वो भी बकवास था मैंने कहा चिंटू ये बकवास है यार तू तू समझ में नहीं रहा अरे यार तू क्या समझता इतनी गंदी गालि पांच पांचवा टेक देते हुए अबे साले मैं अभी मारूंगा तू तू समझ पांचवा टेक दिया उने बेहतर मैंने कहा दिस वाज बेस्ट यही रहेगा किस फिल्म की बात कर रहे किस फिल्म की बात कर रहे हैं हम दोनों शफी नांद ने डायरेक्ट की थी और वही टेक रहा तो मैं डबिंग को आया तो मैंने कहा देखा वही टेक रहा ठीक है ठीक है यार फिर वो अभी भी उसके ट्रीटमेंट को जाने के बाद के फिर हमारे बहुत से कन्वर्सेशन है नाटक कौन सा आपने लास्ट देखा जिसने आपको मंत्र मुग्ध कर दिया कि क्या कमाल लिखा गया या परफॉर्मेंस आइंस्टाइन नसरद्दीन शाह नमस्कार हम अगल बगल में भी नहीं जा सकते उसके फिर क्या काम किया तूने देखी नहीं मैंने नहीं देखा अभी मैं ओल्ड वर्ल्ड देखने जा रहा हूं 30 तारीख को मुंबई में बा बा बा वो नसीर काम जो करता था एक अकेला डेढ़ घंटा वो अकेला स्टेज आपने कहीं कहा भी है कि मैं तो शौकिया करता हूं जुनून तो जीता है एक्टिंग का ध्यास है तला उनका छंद है उसका ध्यास है दिस मराठी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है जुनून बोला वो तो मतलब य बड़ा सुंदर इत्तेफाक है कि कल यहीं पे रत्ना पाठक शाह बैठी हुई थी और हम थिएटर उसकी मां का लिखा हुआ नाटक था अड़ने सा गाड़ हा वो हमने आविष्कार में किया था उस दीना पाठक जी का ये तो ये बच्चियां थी तब सुप्रिया और रत्ना हां रत्ना मैं तो बच्चियां मतलब छोटी थी मैं बात कर रहा हूं 40 वो है भी आपसे 10 एक 10 12 साल छो 10 साल 40 साल पहले की बात है 40 45 साल तो आज उसकी उम्र होगी कितनी व 65 66 की है वो हां तो फिर 45 मतलब 20 साल की थी तब हम दिना जी एकदम टॉप पे थी हिंदी इंडस्ट्री में तब की बात है अब नाना एक सवाल पूछेगा लाओ इधर नहीं एक आखिरी सवाल में कर लू उसके बाद आप पूछेंगे नहीं फिर भी ला जी आपके कैलीग्राफी प्रेम के बारे में हमने बहुत कहानियां सुनी हम लोग श्रीरंग गट बोली जी का मैंने पहले भी जिक्र किया आप उनका एक नाटक देखने गए नाटक देखते देखते आपने उस नाटक का जो टाइटल है उसको ड्र कर दिया और बाद में पब्लिसिटी में वही इस्तेमाल हुआ अच्छा आपको नहीं ध्यान है मुझे यार मैं बताता हूं आपको उसका नाम हमने लिखा है नाको रे बाबा हां नरे बाबा नको रे बाबा तो उन्होंने बताया कि आप प्ले देखने आए टाइटल ये दिखाता हूं तेरे पास मार्कर है जी मार्कर दे और एक पेपर दे मुझे हा वो पेपर दे ये देखो नाना वाओ तो यह जो है मराठी में हम कहते वल तो सूत नहीं तो भूत सीधा है तो सीधा है नहीं तो ते है थैंक यू सो मच थ का कागज ल ये ले चल अब नाना को एक सवाल मेरा ऐसा है क्या अ आजम थक नहीं जाता बस कर थंक यथ और मेरे को हिंदी सिखा दे अरे क्या कर रहे तो मंजू देवी जी का मैंने आपको बताया ये पोस्टमॉर्टम ये वाला एपिसोड आप बोल आपने देखा है हा अच्छा बेजवाड़ा विलसन जी जो मैनुअल स्वज का काम है मैला ढोने का काम लोग कर रहे थे उस सुनवाई नहीं हो रही थी उन्होने बहुत संगठित मुहिम चलाई खुद भी उसी पृष्ठभूमि से संघर्ष करके आगे बढे उनको मै अवाड भी मिला है शेयर किए विस्तार से ये सुनील गुप्ता जी तिहाड़ के जेलर जेल के अंदर की जिंदगी कैसी होती है जो तमाम सजा याता कैदी जिनको फांसी मिल रही तो फसी दो दिन पहले इनका बर्ताव कैसा होता है एक दिन पहले आखरी में कैसे तो ब्लैक वारंट रिलीज किया जाता है जब किसी को फांसी दी जाती है तो ब्लैक वरं के नाम से इन्होने वो किताब लिखी बहुत दिलचस्प किताब है दे दो मुझे मैं मंगता हूं कॉपी और ये मेरठ से आए थे जी पवन जल्लाद इनके पिता और दादा भी यही काम करते थे तो गांधी जी के हथियारों को फांसी देने का काम इंदिरा जी के हथियारों को फांसी देने का काम निर्भया के रेपिस को फांसी देने का काम सब इसी परिवार से हुआ है और बाकी दिनों में ये मेरठ के ए साइकिल पर ला के पुराने कपड़े बेचते हैं कितना कंट्रास्ट एकदम ल तो मैंने पूछा भी कि लोगों का बर्ताव बोले कि नहीं वो तो उनको लगता है अच्छा काम ही कर रहे हैं पर दिक्कत भी बहुत होती है इस तरह के काम में सामाजिक स्वीकृति को लेके या आर्थिक रूप से लेकिन वो छोड़ता क्यों नहीं काम उनका ये कहना है कि ये ड्यूटी है जो हमें सोसाइटी की तरफ से दी गई किसी को तो यह काम करना है तो हम बाकी टाइम पर और व्यवसाय करने की कोशिश करते हैं और उम्मीद करते हैं कि सरकार मदद करेगी क्योंकि अब जेलों में परमानेंट जल्लाद का पद भी नहीं निकलता है तो जब फांसी देनी होती है तो उतने दिन के लिए इनको बुला लिया जाता है दो दिन तीन दिन पहले और दो चज र ही इनको फिर जो भी उसमें तयशुदा है जेल मैनुअल के हिसाब से वो मिलता है तो ऐसा नहीं कि ये मंथली एंप्लॉई है जेल फांसी की तादाद भी नहीं और पहले रखते थे अब कॉस्ट कटिंग भी चल रही है वो मामला ता है सलमा सुल्ताना जी तो आपको ध्यान हो य डॉक्टर सरीन है लीवर के देश के सबसे नामचीन डॉक्टर में से एक है और बहुत दिलचस्प चीज बताते हैं लीवर लेके बज्जू भाई तो आप जानते जाकिर बड़े नामचीन अच्छा यह डॉक्टर डोगरा है फॉरेंसिक के एक्सपर्ट तो इन्होने जब हम लोगों को बताया कि इंदिरा जी को एम्स में लाया गया और फिर इनकी गवाही हुई उस पूरे ट्रायल में क्योंकि जितनी गोलिया जितनी गोलियो नके शरीर पर थे और जितने पा हदे मिले वो मिसमैच थे तो बचाव पक्ष उसी पर दलील करताय जो पूरा केस बिल्ड किया गया तना दोस्त है नहीं तो वो पूरी जो केस हुआ राम जेठ मिलानी ने जो इन लोगों से पूछे सवाल क्या फॉरेंसिक एविडेंस थे वो एक एक्स्ट्रा छर्रा कहां मिला तो व पिस्टल से जो फायर किया गया था तो उसकी ट्रेक्टर प गमले में एक छर्रा मिला ये सब कहानिया हम तो बहुत सुनके मनोज जी के साथ तो आपने काम भी विकास देवी जी बहुत मशहूर शिक्षक कमी में मिला व जी को कमांड किता और इनको एक अलग दम से बोलते तो हैय इतने ऐसे और उनको बात ऐसी करनी पड़ती है इनकी किताब आई है कितने गाजी आए कितने गाजी गए परवाह नहीं वो जो इनका मशहूर है इनके साथ होता है बातचीत होती रहती है लेकिन मैं बज्जू को मैं पहचान नहीं पाया यार हां उन्होंने हमें अंधा युग का वो पूरा पार्ट नेक्ट करके भी दिखाया था तो बड़ा मार्मिक जिसम वो गांधारी का और कृष्ण का सं भारती जी जी ध और ये विजय तेंदुलकर जी का जो घासीराम कोतवाल में ये ना इसका रोल करते हैं तो वो भी ंद में ये यशोधरा है ये अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट के लिए काम करती है तो जो दुनिया भर से अवैध रूप से अमेरिका में घुसने की कोशिश करते हैं बच्चे खासतौर पर उनको धकेला जाता है या वह पूरे साउथ अमेरिका वाले रूट से आते हैं जखमी हो जाते हैं तो उनको ले तो लेता है अमेरिका का सिस्टम पर वो प्रिजनर होते हैं एक किस्म के तो उनकी पूरी काउंसलिंग वो किस पृष्ठभूमि से आते हैं क्क वो लोग अपने पासपोर्ट भी देते हैं ये वही रहती है और उनकी काउंसलिंग करना क्या नाम है इनका नाम यशोधरा है हमारे मित्र है य भी आ के के मोहम्मद साहब बताया था मंदिरों के रेस्टोरेशन कमाल है ये हिंदुस्तान की सेना की पहली महिला ऑफिसर है जो पहली महिला ऑफिसर सिलेक्ट हुई थी तो इन्होने अपने पूरे तजुर्बे किरण देशमुख जी सेक्स वर्कर एक्टिविस्ट है एचआईवी के लिए भी काम करती है खुद भी एचआईवी सेय तो बहुत मशहूर क्रिकेटर है रणवीर बरा बड़े मशहूर शेफ है बहुत चर्चित रहते हैं इनके भी प्रोग्राम दे प्रोफेसर एच सी वर्मा फिजिक्स बहुत मशहूर शिक्षक है और आईआईटी में प्रोफेसर रहे और रिटायरमेंट के बाद भी लगातार ट्रेन द टीचर्स कि साइंस को बोरिंग ढंग के बजाय रुचिकर ढंग से और आसपास के उदाहरणों के जरिए पढ़ाया जाए इसमें इनका बड़ा जोर है तो वैसे अभी गुरुकुल से बना रखा है गांव में सरकारी और ग्रामीण परिवेश के शिक्षकों की ट्रेनिंग का बहुत ह गांव के जो थे ना टीचर उनको एक ही तरीका आता था हमारे कान का इस्तेमाल उन्होंने ज्यादा किया हमसे ऐसे ऐसे पीटते थे ये इधर भी कुछ ये एक बहुत दिलचस्प व्यक्ति है डॉक्टर सलमान अखतर ये साइको एनालिस्ट जेफरसन मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर एटस है अमेरिका में इनका एक इंट्रोडक्शन और है इनके भाई हिंदुस्तान में बहुत मशहूर है जावेद अखतर अच्छा हा तो ये डॉक्टर है और बड़े कमाल के इंसान है और बहुत इनकी किताब है शेर शायरी भी करते हैं टिपानिया जी मालवा शैली में कबीर गायन करते हैं रघुराम राजन जी तो इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर है शुभा जी शास्त्री संगीत तो आप जाते रघु राय साहब कितनी चर्चित इनकी तस्वीर है यह तो आपकी थिएटर बिरादरी से ही जी रत्ना मैम प्रवीण कुमार क्रिकेटर यह भी क्रिकेटर है प एक्ट्रेस है सपना चौधरी बहुत मशहूर हरियाणवी संगीत की डास सर हा जय किशोरी भागवत का पाठ करती है बहुत किशोर वै से ही क्या जया किशोरी जो है क्या करते कृष्ण कथा करती है भागवत का पार करते हैं कि बड़े पाखंड [संगीत]