डीप लर्निंग जो कि एक सबसेट है मशीन लर्निंग का जो कि खुद एक सबसेट है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का होता क्या है डीप लर्निंग सबसे पहले यह समझते हैं इमेजिन करो आप किसी कंप्यूटर को ट्रेन कर रहे हो टू रिकॉग्नाइज द पिक्चर्स ऑफ कैट्स अब कैट्स के बारे में डायरेक्टली बताने से पहले आप उसे टंस ऑफ पिक्चर्स दिखा रहे हो जिसमें कभी ब्राउन कैट है ब्लैक कैट है वाइट कैट है या कुछ पिक्चर्स ऐसी है जिनके अंदर कैट है भी नहीं अब कंप्यूटर इसके अंदर पैटर्स को रिकॉग्नाइज करना स्टार्ट करता है जैसे कि अ कैट हैज अ पॉइंट इयर्स और अ स्मॉल नोज और विकर्स एज वेल अब ऐसे ही डीप लर्निंग यूजर्स आर्टिफिशियल न्यूट्रल नेटवर्क्स जो कि लेयर्स हैं ऑफ इंटरकनेक्टेड नोड्स जो कि इंस्पायर्ड है हमारे खुद के ह्यूमन ब्रेन से हर लेयर हर पैटर्न को रिकॉग्नाइज करती है जैसे एक लेयर समझ रही है शेप को दूसरी लेयर समझ रही है कलर को एंड ऐसे ही अलग-अलग लेयर्स अलग-अलग चीजों के ऊपर काम करती हैं ट्रेनिंग के दौरान कंप्यूटर अपने ही कनेक्शंस को एडजस्ट करता है ऑन हाउ वेल इट इज रिकॉग्नाइजिंग इट एंड जैसे कि हम प्रैक्टिस से बेटर होते हैं वैसे ही कंप्यूटर को भी जैसे जैसे और डाटा मिलता जाता है इट कीप्स गेटिंग बेटर जैसे ही ट्रेनिंग कंप्लीट हो जाती है वैसे ही कंप्यूटर इज एबल टू रिकॉग्नाइज द कैट अगर आप उसको नई पिक्चर्स भी देते हो तो वहां पे भी वो रिकॉग्नाइज कर लेता है सो बेसिकली इन अ नट शेल डीप लर्निंग इज ऑल अबाउट टीचिंग कंप्यूटर हाउ टू लर्न डाटा एंड मेक सेंस ऑफ इट ऑन इट्स ओन जिसमें हमें अलग से हर सिनेरियो के लिए प्रोग्रामिंग करने की भी नीड नहीं है इजन दैट इंटरेस्टिंग गाइज एंड नॉट जस्ट दिस एक डीप लर्निंग इंजीनियर की एवरेज सैलरी इन इंडिया इज 11 लाख और अगर इसकी ग्रोथ की मैं यहां पे बात करूं तो अगर आप अभी linkedinsign.com गेट स्टार्टेड इफ यू वांट टू बिकम अ सक्सेसफुल डेटा साइंटिस्ट या डटा एनालिस्ट विद डब्ल्यू एस क्यूब टेक तो आप अभी स्क्रीन पर दिए गए नंबर पर कॉल कर सकते हैं या फिर डिस्क्रिप्शन में दिए गए फॉर्म प भी क्लिक कर सकते हैं सो नाउ लेट्स गेट स्टार्टेड [प्रशंसा] गाइस हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डब्लू कपटेक माय सेल्फ ग और आज की इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे डीप लर्निंग के बारे में तो देखिए डीप लर्निंग क्या चीज है डीप लर्निंग आपके पास मशीन लर्निंग का एक सब पार्ट है यस काफी लोग बोलते हैं कि डीप लर्निंग एक अलग चीज है यहां पर एक अलग थिंग्स है नहीं डीप लर्निंग मशीन लर्निंग यह डेटा साइंस के ही पार्ट है और यह सब पार्ट एआई के हैं तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अंदर मशीन लर्निंग भी आती है डीप लर्निंग भी आती है एंड डाटा साइंस भी आती है अब यह मशीन लर्निंग से कितना अलग है तो देखिए मशीन लर्निंग के अंदर हम बहुत से काम करते थे जैसे आप क अन सुपरवाइज मशीन लर्निंग के अंदर हम बेसिकली डाटा को क्लस्टर करते थे यस और रिकमेंडेशन सिस्टम बनाते थे आपके पास यहां पर बात करें तो सुपरवाइज मशीन लर्निंग के अंदर हम प्रोडक्शन करते थे मतलब हम रिग्रेशन एंड क्लासिफिकेशन करते थे राइट तो यह जो आपके पा सिचुएशन होती है इसी सिचुएशन को देखते हुए हम डीप लर्निंग को इस्तेमाल करते हैं डीप लर्निंग आपके पास मशीन लर्निंग का ही सब पार्ट है इसके अंदर रिग्रेशन एंड क्लासिफिकेशन की जो प्रॉब्लम्स होती है व सॉल्व की जाती है तो यदि मैं एक ओवरऑल स्ट्रक्चर देखूं डीप लर्निंग और मशीन लर्निंग और डेटा एंड साइंस का तो वो स्ट्रक्चर्स आपको कुछ इस तरीके से देखने को मिलेगा यस आपके पास सबसे ऊपर आपको क्या मिलेगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिलने वाली है उसी के अंदर आपकी मशीन लर्निंग आती है उसी के अंदर आपकी डीप लर्निंग आती है उसी के अंदर आपके न्यूरल नेटवर्क्स आते हैं अब इन सब में डेटा साइंस कहां पे आती है तो यदि मैं डेटा साइंस की बात करूं तो इन सभी को आप ओवरलैपिंग कर ले तो यहां पे आपकी जो डाटा साइंस है यहां पर वो आती है मतलब डाटा साइंस के अंदर की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग लर्निंग न्यूरल नेटवर्क यह सब कुछ इसी के अंदर आपके पास आते हैं मशीन लर्निंग का ही एक सब पार्ट है आपके पास डीप लर्निंग तो अब ये मशीन लर्निंग से कितना डिफरेंस है यस मशीन लर्निंग से क्या डिफरेंस है यहां पर इसको अब जरा समझेंगे लेकिन उससे पहले मशीन लर्निंग के अंदर आपके पास दो डिफरेंट काम होते थे कौन-कौन से एक तो होता था आपका सुपरवाइज का और एक होता था अन सुपरवाइज का सुपरवाइज के अंदर हम क्या करते थे गाइस यहां पर सुपरवाइज के अंदर हम क्लासिफिकेशन करते थे यहां पर एंड क्या करते थे गाइस यहां पर रिग्रेट रेशन करते थे राइट वहीं पे अन सुपरवाइज के अंदर हम क्या करते थे गाइ यहां पर हम क्लस्टर करते थे एंड हम रिकमेंडेशन सिस्टम बनाते थे यहां पर राइट जबकि डीप लर्निंग के अंदर आप देखेंगे तो डीप लर्निंग के अंदर आपका सुपरवाइज मशीन लर्निंग का जो वर्क होता है बस वही काम आपको देखने को मिलता है मतलब इसी के अंदर आपको क्लासिफिकेशन एंड रिग्रेशन का काम ही देखने को मिलेगा आपको रिकमेंडेशन सिस्टम नहीं मिलेगा आपको क्लस्टरिंग सिस्टम नहीं देखने को मिलेगा आपको यहां प क्या मिलेगा क्लासिफिकेशन एंड रिग्रेशन सिस्टम ही आपको देखने को मिलेंगे यह काम आपके पास किस में होता है डीप लर्निंग में होता है तो डीप लर्निंग और मशीन लर्निंग से अपना डिफर है अब इसे जरा समझते हैं यहां पर तो डीप लर्निंग क्या है गाइ यहां पर डीप लर्निंग आपके पास क्या है कलेक्शंस है क्या है गाइज यहां पर कलेक्शन है और कलेक्शंस किसका है यहां पर कलेक्शंस ऑफ स्टैटिकल टेक्निक्स ऑफ मशीन लर्निंग का है मतलब मशीन लर्निंग की जो टेक्निक थी यहां पर उनका क्या है स्टैटिकल जो मशीन लर्निंग टेक्निक्स थी उनका क्या है कलेक्शंस है डीप लर्निंग राइट और एक्चुअल में डीप लर्निंग के अंदर बात करें तो डीप लर्निंग के अंदर आपके पास आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है अब यहां पे मैं आपको पॉइंट ऑफ सिनेरियो को थोड़ा क्लियर करना चाहूंगा कि देखिए मशीन लर्निंग जब हमने इस्तेमाल की थी तो मशीन लर्निंग के अंदर आपने क्या स्टडी की थी बहुत सारी एल्गोरिथम इस्तेमाल की थी मतलब बेसिकली गाइज बात करें वहां पर आपने बहुत सारी स्टैटिकल एनालिसिस की थी यहां पर उसके अंदर आपने लीनियर अलजेब्रा को डिस्कस किया था आपने स्टैटिक्स को डिस्कस किया था और भी बहुत सारी चीजों को डिस्कस किया था राइट वहीं पे मैं बात करना चाहूं किसके बारे में डीप लर्निंग के बारे में बात करना चाहूं तो डीप लर्निंग के अंदर क्या होता है गाइज यहां पर डीप लर्निंग के अंदर अंदर आपके न्यूरल नेटवर्क्स बनते हैं मतलब डीप लर्निंग के अंदर आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क्स के ऊपर वर्किंग करता है जबकि मशीन लर्निंग की बात करें तो मशीन लर्निंग आपके पास एल्गोरिथम के बेसिस पे वर्क करती है अब देखिए यहां पर न्यूरल नेटवर्क्स और एल्गोरिथम्स में क्या डिफरेंस है तो एल्गोरिथम्स क्या होती है गाइज यहां पर एल्गोरिथम्स के अंदर आपका सेट ऑफ फार्मूला होता है जिनका आप इस्तेमाल करते हैं जबकि न्यूरल नेटवर्क्स के अंदर बात करें यहां पर तो न्यूरल नेटवर्क्स के अंदर आपके कनेक्शंस होते हैं जहां पे आप छोटे-छोटे कनेक्शंस बना के एक नेट नेटवर्क तैयार करते हैं और उस नेटवर्क से आपके पास क्या होता है गाइज यहां पर आपका प्रिडिक्शन सिस्टम यहां पर बनता है मतलब आप चाहे क्लासिफिकेशन सिस्टम बनाए चाहे आप रिग्रेशन सिस्टम बनाएं उसके थ्रू आपके पास डिजाइन होता है आप ये जो एग्जांपल नीचे ये जो डायग्राम देख रहे हैं ये एक न्यूरल नेटवर्क का है जहां पे हम इमेज को क्लासिफाई कर रहे हैं यहां पर कि इमेज के अंदर कौन-कौन से चेहरे किस-किस तरीके दिख रहे हैं ये इस तरह से ये काम कर र है तो बेसिकली गाइज यदि मैं बात करूं डीप लर्निंग के बारे में तो डीप लर्निंग क्या है एक न्यूरल नेटवर्क्स का कनेक्शंस है अब यहां पे बात करेंगे न्यूरल नेटवर्क क्या तो आने वाले वीडियो के अंदर आप न्यूरल नेटवर्क को और अच्छे से समझने वाले हैं लेकिन एक मैं इंट्रोडक्शन देना चाहूंगा कि न्यूरल नेटवर्क क्या होता है यहां पर तो बेसिकली जैसे कि हमारे ह्यूमंस के अंदर न्यूरॉन्स होते हैं यहां पर उसी तरह से हम क्या करते हैं एक आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क तैयार करते हैं अब ह्यूमंस के अंदर न्यूरॉन्स क्या होता है गाइज यहां पर बात करें तो देखिए आप कभी भी कोई भी चीज को छूते हैं या कभी भी किसी चीज को देखते हैं या फिर कभी भी किसी चीज का टेस्ट लेते हैं यहां पर तो आपके जो न्यूरॉन्स होते हैं वो न्यूरॉन्स क्या करते हैं उस डाटा को कलेक्ट करते हैं मतलब मतलब उस डेटा चीजों को सेंस करते हैं एंड सेंस करने के बाद वो जितना भी डेटा कलेक्ट होता है वो सारा कलेक्शन हुआ हुआ डेटा आपके माइंड तक वो पहुंचाते हैं और जैसे ही वो आपके डाटा माइंड तक पहुंच जाता है तो उसके बाद आपके न्यूरॉन्स के थ्रू माइंड को एक सिग्नल पहुंचता है कि ये जो डाटा है ये किस तरह का डाटा है जैसे कि अभी मैंने अपने हाथ में ये पेन पकड़ रखा है तो मेरे न्यूरॉन्स मुझे सेंस कर रहे हैं कि ये जो पेन है वो प्लास्टिक का है यस ये जो पेन आप देख पा रहे हैं ये पेन किसका है प्लास्टिक का है और ये मेरे माइंड के अंदर जाके क्या हो रहा है सिग्नल पहुंच रहा है सिग्नल पहुंचने के बाद में वहां पे मुझे एक आंसर मिल रहा है कि दैट इज मटेरियल यस यहां पर पहुंचा जा रहा है एक सिग्नल पहुंचा है सिग्नल के अंदर ये बताया जा रहा है कि इस चीज का मटेरियल जो है यहां पर वो किस चीज का है प्लास्टिक का यहां पर देखने को मिल रहा है तो ये जो आपके पास काम करता है हमारे जो ह्यूमन सिस्टम के अंदर यहां पे ये जो न्यूरॉन्स काम करता है सेम टू सेम हमारे पास आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क बनाया गया है जो कि ये काम करते हैं जिसके अंदर हमारे पास जितने भी अलग-अलग तरीके के इनपुट्स होते हैं इनपुट्स मतलब हमारे पास जितने भी तरह का डाटा होता है उस डेटा से कलेक्शंस ऑफ डेटा से आपके पास क्या करता है एक मैसेज कन्वे पहुंचाते हैं और उस मैसेज के थ्रू आपके पास क्या करते हैं वापस एक आंसर निकालते हैं कि ये जो प्रोडक्ट है वो क्या है यहां पर तो इस तरीके से क्या कर रहा है गाइ यहां पर हमारे जो आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क्स है वो काम करते हैं अब ये आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क्स लगभग लगभग आपके पास ह्यूमन न्यूरल नेटवर्क्स के सिमिलर होते हैं और आपके पास यहां पर उसी तरह से वर्क करते हैं और हमें एक प्रोडक्शन सिस्टम बना के देते हैं अब हम बात करते हैं कि ये डीप लर्निंग का इस्तेमाल कहां-कहां होता है तो डीप लर्निंग का इस्तेमाल रियल वर्ल्ड के अंदर बहुत सारी जगह पे होता है जैसे कि आप अभी अपने मोबाइल को ओपन करेंगे और मोबाइल को ओपन करने के बाद आप ओके google2 टेक्स्ट का इस्तेमाल करते हैं वो सारा का सारा किससे बना होता है गाइज यहां पर डीप लर्निंग से बना होता है इमेज को क्लिक करने के बाद में इमेज किस चीज की है कि जैसे ये माउस है या फिर ये आपके पास आपके पास फोन है या फिर आपके पास यह आपका पेन है इस तरह से इमेज के अंदर आपको यहां पे बताना है कि ये किस चीज का प्रोडक्ट है इस चीज को बताने के लिए भी आपके करते हैं डीप लर्निंग का इस्तेमाल करते हैं ऑटोपायलट जो कार होती है यहां पर सेल्फ ड्राइविंग कार जिसे हम बोलते हैं यहां पर यस उसके अंदर भी आपका क्या होता है डीप लर्निंग सिस्टम लगा होता है एंड इवन दैट हमारे पास जो ट्रांसलेटर बने हुए होते हैं वो भी क्या है गाइज यहां पर डीप लर्निंग के मॉडल्स हैं तो डीप लर्निंग आज के टाइम के अंदर बहुत ज्यादा यूज होती है और उसके पीछे रीजन क्या है यहां पर तो वो अब हम जरा समझते हैं कि मशीन लर्निंग को इस्तेमाल ना करते हुए हम डीप लर्निंग को क्यों इस्तेमाल कर रहे हैं पहला चीज यहां पर यह है कि आज के टाइम के अंदर जो हमारा डाटा है वो डेटा स्मॉल अमाउंट ऑफ डेटा ना रख बिग अमाउंट ऑफ डेटा आपके पास बन चुका है मतलब बिग डाटा आपके पास बन चुका है और जब भी आप बिग डाटा के ऊपर काम करते हैं तो आपके मशीन लर्निंग जो एल्गोरिथम्स होती है वो प्रॉपर वर्किंग नहीं कर पाती है यस वहां पे आपके पास वेल परफॉर्मेंस नहीं दे पाती है तो फिर उसके लिए हमें कहां आना पड़ता है हम डीप लर्निंग में आते हैं जहां पे हम न्यूरल नेटवर्क्स बनाते हैं और न्यूरल नेटवर्क्स के थ्रू हम यहां पे क्या करते हैं हमारे आंसर्स को निकालते हैं तो बेसिकली सबसे इंपॉर्टेंट चीज क्या है यहां पर कि डीप लर्निंग जो है हमारे पास वो बिग डाटा के ऊपर काम करने के लिए बहुत अच्छी कैपेबल है जबकि मशीन लर्निंग की बात करें तो मशीन लर्निंग इतना वेल परफॉर्म नहीं दे पाती है यहां पर अब बात करें यहां पर तो आपके पास यहां पर हार्डवेयर की बात करें तो हार्डवेयर के अंदर हमारे पास मशीन लर्निंग के कंपैरेटिव डीप लर्निंग की जो हार्डवेयर कंपैरिजन है वो ज्यादा चाहिए गी मतलब डीप लर्निंग को ज्यादा अच्छे हार्डवेयर की जरूरत पड़ती है क्योंकि ये बिग डाटा के ऊपर काम करता है तो इसके लिए गाइज यहां पर इसके अंदर हार्डवेयर की जरूरत है वो बहुत अच्छी की जरूरत पड़ेगी यहां पर उसके बाद यहां पर बात करें तो आपके पास डाटा के बारे में बेसिक अंडरस्टैंडिंग होगी तब भी आप यहां पर इसके अंदर काम कर सकते हैं इसका जो ट्रेनिंग टाइम है वो बहुत ज्यादा मिलने वाला है आपको बहुत ज्यादा ट्रेनिंग टाइम लगेगा क्योंकि डेटा आपके पास यहां पर बहुत ज्यादा है तो बिग डाटा के ऊपर काम करने के लिए आपको ज्यादा टाइमिंग की जरूरत पड़ेगी इसके साथ-साथ मैं बात करूं प्रोसेसर टाइम वो प्रोसेसर टाइम आपके पास क्या है यहां पर भी ज्यादा है यहां पर बेसिकली और सबसे इंपॉर्टेंट चीज यहां पर जो है जो नंबर ऑफ एल्गोरिथम्स है यहां पर वो बहुत ही कम देखने को मिलती है मतलब ज्यादा अच्छी है ज्यादा एल्गोरिथम नहीं मिलेगी आपको एक या दो एल्गोरिथम्स ही देखने को मिलेगी और उन एक या दो एल्गोरिथम्स के बेसिस पे ही आप क्या करते हैं पूरी डीप लर्निंग को हैंडल कर लेते हैं और बात करें यहां पर डेटा इंटरफेस के अंदर तो डेटा इंटरप्शन के अंदर थोड़ी सी दिक्कत आपको देखने को मिलती है डीप लर्निंग की एक सबसे खासियत चीज ये है कि डीप लर्निंग क्या है डेटा हंग्री होती है मतलब बेसिकली ये बिग डाटा के ऊपर काम करती है जब आप इसे लार्ज अमाउंट ऑफ डेटा देंगे तो ये बेटर परफॉर्मेंस करेगी जब आप इसे स्मॉल अमाउंट ऑफ डेटा देंगे तो ये आपको बेटर परफॉर्मेंस नहीं देने वाली है तो डीप लर्निंग तभी इस्तेमाल करनी चाहिए जब आपके पास बिग डाटा हो आप बिग डटा कितना होना चाहिए तो ऑलमोस्ट आपके पास यहां पर 50 के से ज्यादा आपके पास यहां पर रोज हो या फिर आपके पास बात करें 10k से ज्यादा रोज हो तब आप यहां पे क्या करें डीप लर्निंग को इस्तेमाल करें अब डीप लर्निंग के अंदर क्या होता है बहुत सारे डिफरेंट डिफरेंट तरीके के न्यूरल नेटवर्क्स होते हैं अभी जो हमने यहां पे आपने देखा यहां पर ये तो आपके पास क्या था सिंपल सा एक न्यूरॉन्स था यस ये क्या था आपके पास यहां पर एक सिंपल सा न्यूरॉन्स था इस न्यूरॉन्स के बहुत सारे कनेक्शंस मतलब आपके पास ऐसे-ऐसे बहुत सारे न्यूरॉन्स आपस में कनेक्ट होते रहते हैं तो आपके पास क्या बनाते हैं एक न्यूरल लेटक्स बनाते हैं राइट और उन न्यूरल नेटवर्क्स के थ्रू हम क्या करते हैं हमारा प्रेडिक्शन सिस्टम हमारा रिकमेंडेशन सिस्टम वगैरह बहुत सारी चीजें यहां पर बनाते हैं बेसिकली इन न्यूरल नेटवर्क्स के थ्रू हम क्या करते हैं हमारा प्रेडिक्शन सिस्टम यहां पर बनाते हैं चाहे वो रिग्रेशन का हो चाहे वो क्लासि का हो तो डीप लर्निंग के अंदर आप क्या क्या होता है बहुत सारे न्यूरल नेटवर्क्स होते है क्योंकि इस तरह के न्यूरॉन्स जो है वो आपस में कनेक्ट होके एक बहुत सारे न्यूरल नेटवर्क बनाते हैं अब ये न्यूरल नेटवर्क कितने टाइप्स के होते हैं क्या-क्या टाइप्स के न्यूरल नेटवर्क हम यूज करने वाले हैं एनए क्या होता है सीएनए क्या होता है आगे आने वीडियो के अंदर हम बहुत अच्छे तरीके से डीप ले से स्टडी करने वाले हैं हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम डब् कपटेक माय सेल्फ गौरव और आज के इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे कि न्यूरॉन्स क्या होते हैं और ये न्यूरल नेटस क्या है तो बेसिकली न्यूरॉन्स क्या होते हैं इसके बारे में हमने पहले भी देख रखा है अब मैं आपको थोड़ा डिटेल के साथ न्यूरॉन्स की कहानी समझाने वाला हूं यहां पर कि न्यूरॉन्स किस तरह से काम करते हैं और फिर उसी तरह से हमारा न्यूरल नेटवर्क्स किस तरह से काम करता है मतलब हमारा जो आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क हम जिसे बोलते हैं वो किस तरह काम करता है उसको भी हम थोड़ा डिटेल के साथ देखने वाले हैं तो देखिए जब भी हम किसी चीज को छूते हैं या जब भी हम किसी चीज को देखते हैं तो ये जितनी भी चीजें हमारे पाइंट तक पहुंच है ये सारी चीजें न्यूरॉन्स के थ्रू पहुंचती है अब ये न्यूरॉन्स के थ्रू किस तरह पहुंचती है क्या प्रोसेसर है उसको जरा समझते हैं यहां पर सपोज मान लीजिए कि मेरे आगे एक कप ऑफ टी है यहां पर और वो बहुत ही ज्यादा हॉट है अब मैं क्या करूंगा उस चीज को टच करूंगा मतलब उसका कप ऑफ टी को रहा हूं टच करने जा रहा हूं जैसे ही मैं उसे टच करूंगा तो मेरे जो हैंड की जो आपके पास स्किन है वो ये सेंस करेगी कि वो जो कप ऑफ टी है आपके पास यहां पर या वो कप ऑफ कॉफी जो आपके पास है वो हॉट है एंड वो जो सिग्नल है यहां पर वो न्यूरॉन्स के थ्रू हमारे माइंड तक पहुंचाएगी अब वो न्यूरॉन्स के थ्रू कैसे माइंड तक पहुंचाती है उसको जरा यहां पर देखें तो क्या होता है कि हमारे पास जो आपके हैंड के जो आपके स्किन होती है यहां पर जो हमारे सेंसिंग डिवाइस है यहां पर वो सेंसिंग डिवाइस आपके पास क्या होता है डेंडर से कनेक्टेड होता है यस किससे कनेक्टेड है डेंडर से कनेक्टेड है और डेंडर से होते हुए ये जितने भी सिग्नल्स है वो कहां जाते हैं न्यूक्लियस सेल्स के पास चले जाते हैं यहां पर ये सेल्स के अंदर सारे डाटा क्या होता है कलेक्टेड हो जाता है एंड कलेक्टेड होने के बाद में ये कहां जाते हैं एग्जॉन के पास जाते हैं और एग्जॉन के पास जाते हुए हमारे पास कहां जाते हैं स्नेप्स के पास जा जाते हैं और ये जो स्नेप्स है ये स्नेप्स हमारे माइंड से कनेक्टेड रहता है यहां पर और वहां पे ले जाके हमारे जो सिग्नल्स है वो पहुंचा देते हैं अब माइंड के अंदर यदि पहले से डाटा स्टोरेज है कि ये जो कप ऑफ टी है यहां पर ये कप ऑफ कॉफी जो है यहां पर हॉट है तो हमारा माइंड तुरंत हमें सिग्नल देता है कि ये हॉट है हमें अपना अपने जो हाथ हैं वो वहां से हटा लेने चाहिए तो हम क्या करते हैं वहां से अपना हाथ हटा लेते हैं यदि हमारे माइंड के अंदर वो डाटा फिट है तो यदि हमारे माइंड के अंदर वो डाटा फिट नहीं है तो हम उस हाथ को नहीं हटाते हैं बेसिकली राइट तो बेसिकली गाइज यहां पे क्या हो रहा है कि हम डेंड के थ्रू हमारे जो इनपुट सेंसिंग डिवाइस है यहां पर उनसे हम क्या करते हैं डाटा कलेक्ट करते हैं एंड डाटा कलेक्ट करते हुए न्यूक्लियस सेल के थ्रू एग्जॉन के होते हुए स्नैप्स तक पहुंचाते हैं और स्नेप्स हमारे माइंड के साथ कनेक्ट होता है और वहां पे हमारे माइंड के अंदर सिग्नल पहुंचते हैं और सिग्नल के थ्रू प्रोसेस होके हम एक आउटपुट जनरेट देखने को मिलता है कि हमें ये हाथ हटाना चाहिए या फिर हमें ये हाथ नहीं हटाना चाहिए तो इस तरह से हमारा जो न्यूरॉन्स है हमारे ह्यूमंस बॉडी का जो न्यूरॉन्स है वो यहां पे क्या करता है वर्किंग करता है सेम एज इसी कंसेप्ट को देखते हुए हमारे जो साइंटिस्ट हैं मतलब हमारे पास जो इंजीनियर्स हैं यहां पर या फिर साइंटिस्ट बोल दीजिए राइट जिन्होंने इनका इन्वेंशन किया था राइट उन्होंने एक आर्टिफिशियल न्यूरोल नेटवर्क बना लिया इसी चीज के फॉर्मेशन को देखते हुए और इसके थ्रू जो प्रॉब्लम्स थी यहां पर क्लासिफिकेशन एंड रिग्रेशन की उसको सॉल्व किया अब ये कैसे सॉल्व किया जा रहा उसको देखते हैं यहां पर तो देखिए अब हम बढ़ते हैं हमारे आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क्स के अंदर देखिए डेंट के थ्रू हमारे पास जितने भी सिग्नल्स थे वो सारे क्या हो रहे थे कलेक्ट हो रहे थे यस कलेक्ट हो रहे थे हमारे जो इनपुट्स है वो सारे कलेक्ट हो रहे थे फिर सेल्स से होते हुए हमारे पास कहां जा रहे थे एग्जॉन के पास जा रहे थे और सिनेप्सिस के पास आ रहे थे सेम एज हमारे पास यहां पे भी यही होता है हमारे पास जो हमारे इनपुट्स हैं वो सारे के सारे क्या होते हैं कलेक्ट्स होते हैं यहां पर इनपुट्स नोड्स के अंदर अब ये इनपुट्स का मतलब क्या है गाइज यहां पर तो मान लीजिए आपके पास कोई टेबल है उस टेबल में x1 एक कॉलम है x2 एक कॉलम है x3 एक कॉलम है एंड आपका y आउटपुट है तो ये x1 x2 x3 जो है हमारे ये आपका पा क्या कहलाएंगे आपके इनपुट्स कहलाएंगे ये सारे के सारे इनपुट्स आपके क्या हो र है कलेक्ट हो रहे हैं और इनपुट कलेक्ट होने के बाद में ये इनके साथ क्या हो रहा है एक वेटेज ऐड किया जा रहा है अब ये वेटेज कैसे ऐड किया जा रहा है क्यों ये ऐड किया जा रहा है इसके बारे में हम डिटेल के साथ देखेंगे लेकिन क्या किया जाता है गाइज यहां पर आपके पा ये जो वेटेज है यस एक वेटेज ऐड किया जाता है सम ऑफ अमाउंट ऑफ डाटा ऐड किया जाता है ताकि इस चीज को बैलेंस कर सकें एंड एक साथ ही हम बायस को ऐड करते हैं फिर जैसे सेल्स के अंदर यस हमारे पास न्यूक्लियस सेल्स के अंदर हमारे पास क्या हो रहा था सारा का सारा डाटा कलेक्ट हो रहा था उसी तरीके से हमारे पास यहां पर एक सिशन होता है जहां पे हम क्या करते हैं हमारा जितना भी डाटा है उसको कलेक्ट कर लेते हैं मतलब ये जो आपके पास इनपुट सेल्स आ रहे हैं उसको वेटेज के साथ मल्टीप्लाई करके बायस के साथ ऐड करके हम क्या करते हैं गाइज यहां पर कलेक्शन कर लेते हैं जहां पे हमारा सारा डाटा क्या होता है कलेक्ट हो जाता है मतलब मैं सिंपल सेंटेंस में बोलूं तो आपका x1 w1 प्स x2 w2 प्लस आपके पास x3 w3 ये सारा हो गया आपके पास यहां पर मल्टीप्लाई एंड समेशन प्लस एक बायस ऐड कर दिया जाता है जो कि इस चीज को आपके पास क्या करता है मैनेज करने के लिए काम आता है मतलब आपके पास न्यूरॉन्स को सेट करने के लिए काम में लिया जाता है तो बेसिकली आप क्या करते हैं यहां पर ये सार चीजें ऐड करते हैं ऐड करने के बाद में जितना भी डाटा है जैसे आप यहां पे क्या कर रहे थे एन के थ्रू पास करा रहे थे snps.edu.in को कलेक्ट करता है एंड कलेक्ट करके एक सर्टेन रेंज के अंदर कन्वर्ट कर देता है यदि आपका डाटा क्लासिफिकेशन का है तो उसे जीरो या वन के अंदर कन्वर्ट करता है यदि आपका डाटा रिग्रेशन का है तो रिग्रेशन एनालिसिस के अकॉर्डिंग आपका आंसर दे देता है तो एक्टिवेशन फंक्शन क्या करता है आपके डाटा को कन्वर्जन करता है आपके डिजायर आउटपुट के अंदर एंड देन ये आपके पास क्या करता है आपके आउटपुट यहां पर दिखा देता है मतलब जो भी आपका आउटपुट है वो आपको दिखा देता है तो इस तरह से हमारा न्यूरल नेटवर्क काम करता है जैसे कि हमारा यहां पर न्यूरॉन्स काम कर रहा था व से ही सेम टू सेम आपके पास क्या करता है गाइज यहां पर न्यूरल नेटवर्क्स काम करता है राइट अब ये न्यूरल नेटवर्क जो आप देख रहे हैं देर इ कॉल ऑफ सिंगल लेयर प्रेसेप्टल इसे हम क्या बोलते हैं गाइज यहां पर सिंगल लेयर प्रिसेप्ट कहते हैं लेकिन आज के टाइम के अंदर हम सिंगल लेयर प्रिसेप्ट का इस्तेमाल नहीं करते हैं मतलब बहुत ही कम यहां पे यूज़ करते हैं यहां पर बेसिकली सिंगल ला प्रिसेप्ट का क्योंकि सिंगल ला प्रिसेप्ट से हम जो हमारे डिजायर आउटपुट है वो नहीं गेट कर सकते तो उसके लिए हम क्या करते हैं मल्टी लेयर न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं या मल्टी लेयर परसेप्ट्रॉन का करते हैं ये जो मल्टी लेयर प्रिसेप्ट होते हैं यहां पर इनको हम न्यूरल नेटवर्क्स के कैटेगरी में डालते हैं और ये बहुत सारे तरीके के होते हैं अब यहां पे बात करें कि कौन-कौन से तरीके के डीप लर्निंग के न्यूरल नेटवर्क्स होते हैं यहां पे गाइ तो बेसिकली गाइस बात करें तो ये बहुत सारे तरीके होता हैं सबसे पहले सबसे बेसिक्स बात करूं तो यहां पे सबसे पहला होता है प्रिसेप्ट होता है फिर आपका फीड फॉरवर्ड नेटवर्क्स होता है अच्छा फीड फॉरवर्ड नेटवर्क और परसेप्ट्रॉन क्या होता है दोनों सेम ही होता है यहां पर फिर यही नेटवर्क्स आपके पास मल्टीपल हो जा जाता है तो मल्टी लेयर परसेप्ट हो जाता है यहां पर मल्टी लेयर प्र परसेप्ट को गाइज यहां पर ए ए भी बोला जाता है आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क्स भी बोला जाता है यहां पर फिर यहां पर रेडियल बेस न्यूरल नेटवर्क भी होता है अच्छा कन्वेंशनल बेज न्यूरल नेटवर्क भी होता है कन्वेंशनल बेस न्यूरल नेटवर्क आपका मेजर्ली उस वक्त यूज़ किया जाता है जब आप यहां पर इमेज डाटा के ऊपर काम कर रहे हैं मतलब आपके जो डाटा का सिग्नेचर है यहां पर या फिर मैं बात करूं डाटा का टाइप जो है यहां पर वो इमेज है यहां पर बहुत सारी कलेक्शंस ऑफ इमेज है और उस कलेक्शंस ऑफ इमेज के ऊपर आप काम करना चाहते हैं तो कन्वेंशनल न्यूरल नेटवर्क का आप इस्तेमाल करते हैं अब बात करते हैं रिक्रूटेड न्यूरोल नेटवर्क के ऊपर बात कर रहे हैं गाइ यहां पर तो रिक्रूटर न्यूरल नेटवर्क आपके पास कब का क्या जाता है जब आप से रिलेटेड काम करने जा रहे हैं मतलब सिंपल सा एग्जांपल मैं आप लोगों को दूं तो आप सब लोग google2 whatsapp2 पे आप रिक्रूटर न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं यहीं पे आप लॉन्ग शॉर्ट टर्म्स मेमोरी नेटवर्क्स का भी इस्तेमाल होता है तो ये इतने टाइप्स के आपके पास क्या है न्यूरल नेटवर्क्स हैं इसके अलावा भी और भी टाइप के न्यूरल नेटवर्क्स होता है यहां पर लेकिन ये कुछ मेजर न्यूरल नेटवर्क है जिनका इस्तेमाल डीप लर्निंग के अंदर किया जाता है आने वाले वीडियो के अंदर हम इन न्यूरल नेटवर्क्स के बारे में वन बाय वन इन सभी न्यूरल नेटवर्क के में डिस्कस करेंगे और प्रैक्टिकली हम इन न्यूरल नेटवर्क्स को अप्लाई करके भी देखेंगे कि यदि हमारे पास कोई डाटा आता है तो उसके ऊपर ये न्यूरल नेटवर्क कैसे वर्क करते हैं लेकिन हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डब्लू कपटेक माय सेल्फ ग और आज के इस वीडियो के जरिए हम बात करने वाले हैं प्रिसेप्ट के बारे में यस आप इसे सिंगल सिंगल लेयर नूरल नेटवर्क भी बोल सकते हैं या फिर सिंगल लेयर प्रेसेप्टल भी बोल सकते हैं यहां पर दैट इज अ सिंगल आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क या फिर इसे हम बेस न्यूरल नेटवर्क्स भी बोल सकते हैं यहां पर देखिए हमने बहुत सारे आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क के बारे में देखा था लास्ट व वीडियो लेक्चर के अंदर जहां पे हमने टाइप्स ऑफ न्यूरल नेटवर्क के बारे में डिस्कस किया था उन सारे टाइप्स ऑफ न्यूरल नेटवर्क्स के अंदर जो सबसे बेस न्यूरल नेटवर्क होता है जिसके अंदर के थ्रू ही हमारे सारे न्यूरल नेटवर्क्स रेडी होते हैं यहां पर उन सारे न्यूरल नेटवर्क्स के अंदर जो सबसे बेस न्यूरल नेटवर्क होता है वो हमारे पास क्या होता है हमारा सिंगल लेयर प्रिसेप्ट होता है मतलब हमारा जो सिंगल लेयर प्रिसेप्ट है दैट इज अ बेस न्यूरल नेटवर्क अब इस बेस न्यूरल नेटवर्क के जरिए ही आपके पास आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क बनता है मतलब एए बनता है जिसे हम मल्टीलेयर न्यूरल नेटवर्क बोलते हैं इसी के थ्रू ही आपके पास क्या बनता है cnn's न्यूरोल नेटवक क्या होता है और ये कैसे काम करता है यदि आपको पाइथन मशीन लर्निंग डेटा साइंस एंड डेटा एनालिसिस की फीड में अपने आप को ग्रो करना है तो इसके लिए डब्ल्यू एस क्यूब टेक के ऑनलाइन एंड ऑफलाइन बने बैच के अंदर जवाइन करके आप अपने स्किल को इंप्रूव कर सकते हैं इसके लिए दिए गए कांटेक्ट नंबर पे कॉल करके आप हमारी टू डेमो फ्री क्लासेस ले सकते हैं तो चलिए अब जरा इसे समझते हैं तो देखिए बेस न्यूरल नेटवक को आपको देखना है तो ये बेस न्यूरल नेटवर्क आपके पास कुछ इस तरीके से होता है यहां पर अब ये कैसे काम करता है इसको जरा समझते हैं यहां पर तो देखिए मेरे पास एक डाटा सेट है जैसे कि आप यहां देख रहे हैं और इस डाटा सेट को जब मैंने प्लॉट किया है यहां पर ये प्लॉटिंग कुछ इस तरह से हो रहा है यहां पर अब अब हम क्या चाहते हैं कि यहां पर यदि मैं कोई नया डाटा लेके आऊं लेटस से हमारे पास ये जो ग्रीन कलर का डाटा है वो कुछ यहां पे आ रहा है तो अब ये ग्रीन कलर का जो डटा आप यहां पर देख रहे हैं ये ग्रीन कलर का डटा जो है यहां पर ये ब्लू कलर में आना चाहिए रेड कलर में आना चाहिए इस चीज को फाइंड आउट करने के लिए ही हम क्या करते हैं आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं अब इस आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क के अंदर बात करें तो इस सिंगल ए प्र सेप्टन का जो स्ट्रक्चर होता है वो कुछ आपके पास इस तरह से होता है जो कि हमने न्यूरॉन्स के अंदर भी समझा था यहां पर या फिर नेटवर्क के अंदर भी समझा था अब इसके अंदर क्या होता है ये कैसे फंक्शनैलिटी वर्क करता है इसको जरा समझते हैं और इसके अंदर फीड फॉरवर्ड नेटवर्क क्या होता है वो भी हम यहां पर डिस्कस करने वाले हैं तो देखिए सबसे पहले क्या होता है कि जो भी आपका डेटा सेट है लेट्स सपोज आपका डेटा सेट है उसके अंदर x1 एक कॉलम है x2 एक कॉलम है x3 एक कॉलम है और x4 एक कॉलम है और इसके करेस्पॉन्डिंग्ली तो यह जो आपके आउटपुट का जो पहली रो जो होती है आपके पास यहां पर यह एज ए इनपुट के तौर पे आपको यहां पर देनी पड़ती है जैसे कि मैंने यहां पर दे दिया कि x1 आपके पास दे दिया x2 का आपका डाटा दे दिया x3 का डाटा दे दिया x4 का डाटा आपके पास दे दिया ये जब सारा डाटा आपके पास जाता है तो इसको हम एक टर्म से मल्टीप्लाई करते हैं दैट द टर्म्स ऑफ वेटेज ये वेटेज क्या क्या काम आता है ये वेटेज आपके पास ये जो y आउटपुट है इसको मैनेज करने के लिए काम आता है मतलब सिंपल सा ये है कि आप इस डाटा से आप अपना आउटपुट जो है वो 01 के फॉर्मेट में डायरेक्टली नहीं निकाल पाते हैं तो इस चीज को मैनेज करने के लिए हम इस वेटेज का यूज करते हैं इस वेटेज के थ्रू हमारे पास क्या होता है हमारा जो ये डाटा है हमारे पास जो आउटपुट है इस डाटा के थ्रू जो हमारा आउटपुट है वो मैनेज होता है अब ये जितना भी आपके डाटा आ रखा है इसको हम क्या करते हैं आपके पास मल्टीप्लाई करके सम करते हैं मतलब आपके पास यहां पे जो आपका डाटा है यस आपका जो ये डाटा आ रहा है x1 * आपके पास w1 ये मल्टीप्लाई होता है तो जैसे x1 * w1 किया प्लस आपके पास x2 * w2 किया प्लस आपके पास x3 * w3 किया यहां पर एंड आगे चलते हैं हम यहां पर यस आगे चलते हैं यहां पर + x4 * w4 किया यहां पर ये सारा डाटा क्या हो रहा है यहां पर ऐड हो रहा है ऐड होने के बाद प्लस मैं यहां पे क्या कर रहा हूं एक एक्स्ट्रा टर्म ऐड किया जाता है दैट इज कॉल ऑफ बायस यस हम यहां पे क्या करते हैं एक एक्स्ट्रा टर्म को क्या करते हैं ऐड करते हैं दैट कॉल ऑफ बायस ये भी आपके पा क्या करता है डाटा मैनेज करने के लिए काम में ले जाता है अच्छा ये जो आप इक्वेशन देख रहे हैं ये इक्वेशन आपके पास कुछ-कुछ तक आपके पास जानी पहचानी होगी यदि आपने मशीन लर्निंग को बहुत अ तरीके से डिस्कस किया होगा तो मशीन लर्निंग के अंदर यदि मैं बात करूं सिंपल लीनियर रिग्रेशन की इक्वेशन के बारे में तो वो इक्वेशन होती है y = mx3 यस ये इक्वेशन हमारे पास होती है सिंपल लीनियर रिग्रेशन की इसके अंदर जो इक्वेशन है इसके अंदर यदि इस इक्वेशन को यदि हम यहां पर मल्टीपल डाटा के ऊपर बना लें तो ये इक्वेशन कन्वर्ट हो जाती है y = m1 x1 ् यहां पे m2 x2 + m2 x2 प्स यहां यहां पर m3 x3 प्लस आपके पास c के अंदर कन्वर्ट हो जाती है वहां पे ये जो m था ये क्या था स्लोप ऑफ द कर्व था एंड c जो था वो आपके पास इंटरसेप्ट था मतलब लाइन का इंटरसेप्ट था अब यहां पे बात करें अकॉर्डिंग टू इज दिस डाटा तो वो जो m है वो कन्वर्ट हो चुका है किसके अंदर डब् के अंदर और वो जो डबल है वो यहां पर ले चुका है वेटेज की बारी तो बेसिकली गाइज यहां पर बात करें तो ये आपके पास क्या हो गया वेटेज हो गए हैं वेटेज के साथ आप क्या कर रहे हैं आप अपने डाटा इनपुट को मल्टीप्लाई कर रहे हैं और उसके बाद क्या कर रहे हैं आप यहां पर बायस के साथ ऐड कर देते हैं अब ये जो आपने बायस के साथ ऐड करने के बाद में जो आपका डाटा आया यहां पर इसको आप क्या करते हैं एक एक्टिवेशन फंक्शन से पास करते हैं अभ ये एक्टिवेशन फंक्शन क्या काम आता है यहां पर गाइ तो देखिए आपके पास ये जो y आउटपुट आया है यहां पर ये वा आउटपुट क्या होगा एक नंबर होगा मतलब एक रेंज का एक नंबर आपको देखने को मिलेगा मतलब आपके पास माइनस से लेके प्लस के बीच में आपको एक नंबर देखने को मिलेगा अब अकॉर्डिंग टू योर आउटपुट आपका आउटपुट यदि क्लासिफिकेशन इन नेचर के अंदर है तो आप क्या चाहेंगे आपका आउटपुट जीरो या वन के फॉर्मेट में मिले आपका आंसर यदि आपका आउटपुट रिग्रेशन के फॉर्मेट में है तो आप जैसा आंसर आया वैसा ही आप चाहते हैं यहां पर एंड यदि आपके क्लासिफिकेशन में भी मल्टी क्लास क्लासिफिकेशन है तब भी आप अपना आउटपुट कुछ और चाहते हैं ओके बेसिकली आपके पास आपका जो डेटा है यहां पर यस बेसिकली आपके पास जो आपका डाटा है यहां पर वो डाटा आप अलग-अलग डिजायर आउटपुट में जाते हैं अब आपके पास जो अलग-अलग जो डिजायर आउटपुट है यहां पर उसके करेस्पॉन्डिंग्ली चेंज करना पड़ेगा अब इसे y को हम कैसे चेंज कर सकते हैं तो इसको चेंज करने के लिए हम इस्तेमाल करते हैं एक्टिवेशन फंक्शन अब ये एक्टिवेशन फंक्शन डिफरेंट डिफरेंट टाइप का हो सकता है डिफरेंट डिफरेंट आउटपुट के बेसिस पे अब आपका जो भी ये आपका जो डाटा है यहां पर यस आपका जो भी ये डाटा है इसको आप क्या करते हैं एक एक्टिवेशन फंक्शन से पास करते हैं एक्टिवेशन फंक्शन क्या करता है कि आपके पास जो इस इक्वेशन का जो आउटपुट आया है यहां पर इसको क्या करता है चेंजेज करता है अकॉर्डिंग टू योर डाटा अब जैसे ही आउटपुट चेंज करेगा तो आपको एक वा आउटपुट यहां पर देखने को मिल जाएगा यह वा आउटपुट आपके पास जो भी आपने डटा दिया होगा उसके अकॉर्डिंग एक प्रिडिक्शन आउटपुट होगा अब यहां पे कांसेप्ट आता है कि यदि ये वाई आउटपुट आपका जो डिजायर आउटपुट है वो नहीं आया तो हमें क्या करना होगा तो इसके लिए हम इस्तेमाल करते हैं बैक प्रोपो केशन का बैक प्रोपो केशन के जरिए हम क्या करते हैं कि हम डल एंड डब् मतलब वेटेज की एंड बायस की वैल्यू को क्या करते हैं चेंजेज करते हैं वेटेज और बायस की वैल्यू को जब हम चेंजेज करते हैं तो उससे हमारा जो डिजर आउटपुट है वो चेंज होने लग जाता है और उससे हमारा जो आउटपुट है वो जो हमारा डिजर आउटपुट है उसमें पहुंच जाता है अब एक्चुअल में ये क्या काम करता है तो आपके पास यदि आपका डाटा इस तरह से पड़ा है यहां पर तो ये क्या करता है इस तरह से एक सेपरेशन लाइन बनाने का काम करता है राइट आपके पास जो क्लासिफिकेशन है उसके अंदर क्या करता है एक सेपरेशन लाइन बनाने का काम करता है ताकि यदि आपके पास कोई नया डाटा है तो वो नया डाटा किस रेंज के चला रहा है यहां पर वो आपको पता चल सके और उसका क्या नेचर होना चाहिए मतलब वो ब्लू कलर का होना चाहिए या रेड कलर का होना चाहिए ये चीज आपको पता लग सके तो बेस बेसिकली सिंगल लेयर परसेप्ट के अंदर क्या हो रहा है कि आपके सिंपल से जितने भी इनपुट्स हैं उनको वेटेज के साथ मल्टीप्लाई करा जा रहा है फिर उसके साथ बायस के साथ ऐड किया जा रहा है एक इक्वेशन बनाई जा रही है फिर उस इक्वेशन को हम क्या करते हैं अलग-अलग डिफरेंट डिफरेंट टाइप के एक्टिवेशन फंक्शन से पास कराते हैं अकॉर्डिंग टू आवर आउटपुट डिजर आउटपुट देन जो भी आउटपुट आता है हम उसे गेट करते हैं राइट यदि मैं यहां पे इस इक्वेशन की बात करूं तो ये इक्वेशन कैसी होती है यहां पर तो ये इक्वेशन आपके पास होती है गाइ यहां पर आपके पास w * x प् आपके पास पास क्या होता है बायस यस ये आपके पास होती है यहां पे टी और x क्या चीज है गाइज यहां पर तो टी एक मैट्रिक्स है यहां पर जो कि आपके जो x मैट्रिक्स है उसके साथ मल्टीप्लाई हो रही है प्लस b वाली जो मैट्रिक्स है वो यहां पर ऐड होती है राइट इस तरह से क्या बनती है गाइज यहां पर आपके पास सिंगल लेयर प्रिसेप्ट का आपकी एल्गोरिथम्स बनती है जिसके थ्रू आप अपना डिजायर आउटपुट गेट करते हैं तो यदि हम सिंगल लेयर प्रिसेप्ट की बात करें तो इसका यूज ज्यादातर नहीं किया जाता है रीजन सिंपल है यहां पर कि आज के टाइम के अंदर जो आपका डाटा है वो बहुत ही ज्यादा कॉम्प्लेक्शन डाटा पे काम कर रहे होते हैं तो कॉम्प्लेक्शन डाटा के ऊपर आपके पास सिंगल लेयर परसेप्ट्रॉन अच्छे तरीके से रिजल्ट नहीं दे पाता है जिसकी वजह से हम आज के टाइम के अंदर सिंगल लेफ सेप्टन का इस्तेमाल नहीं करते हैं हम इसके लिए मल्टी लेयर परसेप्ट्रॉन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन आपको एक बेस मॉडल जरूर पता होना चाहिए कि बेसिकली सिंगल लेयर परसेप्ट्रॉन कैसे वर्क करता है इसी के थ्रू आप मल्टी ले प्रेसटन को देख पाएंगे एंड देन फर्द आप आगे काम कर पाएंगे तो आई थ थ आई होप सो समझ में आया होगा कि सिंगलर प्रेसटन कैसे काम करता है अब इसके अंदर कुछ नई नई टर्म्स है जैसे कि एक्टिवेशन फंक्शन कितने टाइप के एक्टिवेशन फंक्शन होते है किस समय कौन सा यूज होता है ट्स अ पॉइंट ठीक है और उसके बाद में यदि हमारे पास एक रियल वर्ल्ड डाटा है तो उसके ऊपर हम सिंगल लेर प्रसन को कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं वो सारी चीजें हम आने वाले वीडियो के अंदर डिस्कस करने वाले हैं तब तक आपको हमारे साथ यूं ही बना रहना है फिलहाल आज की वीडियो के लिए बस इतना ही रखते हैं मिलते हैं हमारे नेक्स्ट वीडियो के साथ टिल देन गुड बाय हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टूडल कपटेक माय सेल्फ को और आज के इस वीडियो के अंदर हम बात करेंगे सिंगल ल प्रस अपटन के बारे में देखिए इसके लिए जो रिक्वायर्ड डटा सेट है पहले मैं आपको दिखाता हूं देन उसके बाद में हम आगे बढ़ेंगे और जहां पे हम सिंगल ले परसेप्ट को प्रैक्टिकली लगाएंगे य यूजिंग अ साइकल एंड लाइब्रेरी हम क्या करेंगे सिंगल प्र सेप्टन को यूज करेंगे तो चलिए जरा इसे देखते हैं यहां पर तो मैं आ चुका हूं फोल्डर के अंदर फोल्डर के अंदर देखिए मेरा प्लेसमेंट सए के तौर पे मेरा एक डाटा है यहां पर जिसके अंदर सीजीपी और स्कोर दे रखा है उसके बेसिस पे हमें बताना है कि किसी पर्सन का प्लेसमेंट हुआ है या नहीं हुआ है अब इसके लिए आप चाहें तो बहुत सारी एल्गोरिथम से मशीन लर्निंग की वो अप्लाई कर सकते हैं लेकिन हम मशीन लर्निंग के एल्गोरिथम को अप्लाई ना करते हुए हम यहां पर सिंगल लेयर प्र सेप्टन को यूज करेंगे और उसके थ्रू हम ये देखेंगे कि इसका डिसीजन रीजन किस तरह से बनता है राइट तो चलिए अब जरा चलते हैं यहां पर तो मैं आ चुका हूं यहां पर जुपिटर नोटबुक के अंदर जहां पर मैं एक नई फाइल बनाने जा रहा हूं यहां पर और ये जो मेरा प्लेसमेंट वाला डाटा है इसके ऊपर मैं करूंगा यहां पर प्रस अपटन को अप्लाई करूंगा इसके लिए जो मेरी रिक्वायर्ड लाइब्रेरी है मैं उसे इंपोर्ट कर लेता हूं जैसे पांडा है हमारी सबसे पहले रिक्वायर्ड लाइब्रेरी तो े हम इंपोर्ट करते हैं उसके बाद में हम यहां पर इंपोर्ट करते हैं किसे मैट पॉलिप को क्योंकि हम ग्राफ बनाने वाले हैं तो मैट पॉलिप ड पवा प्लॉट को हम लेने वाले हैं यहां पर एलियाज ऑफ पलटी रखेंगे यहां पर उसके बाद में मैं यहां पे इंपोर्ट करूंगा किसे इंपोर्ट करना है गाइ यहां पर सी बन को एलियाज ऑफ एसएनएस रखने वाले हैं यहां पर अच्छा इसके अलावा मुझे डिसीजन रीजन बनाना पड़ेगा तो उसके लिए मैं जाऊंगा यहां पर एएल एक्सटें मॉड्यूल के पास एएल एक्सटें के अंदर जाने के बाद डॉट कहां जाऊंगा यहां पर प्लॉटिंग में जाऊंगा यहां पर जहां से हम इसके ग्राफ को प्लॉट कर पाएंगे तो एमल के अंदर जाके प्लॉटिंग पे जाना है एंड प्लॉटिंग में जाने के बाद में मुझे क्या करना है प्लॉट डिसीजन रीजन को करना है तो मैं यहां पे क्या करूंगा इंपोर्ट करूंगा और इंपोर्ट किसे करना है गाइज यहां पर प्लॉट डिसीजन रीजन को राइट तो यहां पे हमें क्या करना है इंपोर्ट करना है किसे प्लॉट डिसीजन रीजन को ठीक है तो ये हमने ले लिया यहां पर अब हम क्या कर रहे हैं गाइज यहां पर हम डटा सेट नाम से एक वेरिएबल बना रहे हैं जहां पे पडी डरी सए के हेल्प से हमारा जो डाटा है उसे हम लोड कर रहे हैं और डाटा का नाम क्या है गाइज यहां पर डाटा का नाम है हमारा प्लेसमेंट ड सीएवी तो मैं इसे लोड कर रहा हूं उसके बाद मैं अपना जो डाटा सेट है उसे लूंगा और डॉट हैड लगाते हुए इसके तीन डाटा को देखूंगा तो देखिए डॉट तीन लगा के डाटा को देखा यहां पर तो आपका देखिए सीजेपी है स्कोर है और प्लेस है हम देखिए क्या करेंगे सीजेपी और स्कोर के बेसस पे प्लेसमेंट को चेक करेंगे कि इसका हम प्रोडक्शन मॉडल कैसे बना सकते हैं विद द यूजिंग ऑफ प्रेसटन चलिए पहले यहां पर देखते हैं कि ये डाटा कैसा दिखाई देता है राइट डेटा को देखने के लिए मैं यहां पे क्या करूंगा ग्राफ बनाऊंगा ग्राफ बनाने के लिए हम यहां पर स्केटर प्लॉट का इस्तेमाल करेंगे स्केटर प्लॉट में एक्स एक्सिस के अंदर बात करें यस स्केटर प्लॉट के अंदर यदि मैं यहां पर एक्स एक्सिस की बात करूं यहां पर तो एक्स एक्सिस के अंदर हम क्या लेने वाले हैं सीजी पे लेने वाले हैं एंड वा एक्सिस के अंदर हम क्या लेने वाले हैं गाइ यहां पर स्कोर लेने वाले हैं राइट तो मैंने एक्स एक्सेस और वा एक्सेस के अंदर डाटा ले लिया यहां पर उसके बाद में हमारे पास क्या है यहां पे गाइस डेटा की बात करें तो जो डाटा हमारा आया है वो कहां से आया है डेटा सेट से आया है उसके बाद में नेक्स्ट चीज हो गया यहां पर हमारा ह्यू पैरामीटर और ह्यू पैरामीटर में हम क्या लेने वाले हैं गाइ यहां पर प्लेस लेने वाले हैं राइट अब इस ग्राफ को देखना है तो मुझे क्या करना पड़ेगा पीएटी डॉट यहां पर शो फंक्शन को कॉल करना है जिसके थ्रू हम हमारे ग्राफ को देख पाएंगे तो हमारा ग्राफ आ चुका है अब यदि मेरे को यहां पे इस ग्राफ को छोटा करना है तो क्योंकि छोटा इसलिए करना है क्योंकि हमारा ग्राफ प्रॉपर एक स्क्रीन के अंदर नहीं आ रहा है यहां पर तो मुझे इसको छोटा करना पड़ेगा छोटा करने के लिए मैं फिगर का इस्तेमाल करूंगा फिगर के अंदर मैं क्या करने वाला हूं गाइ यहां पर फिक्स साइज का इस्तेमाल करूंगा फिक्स साइज के अंदर मैं 43 का एक छोटा सा ग्राफ बनाऊंगा जिसके थ्रू हम यहां पे देखेंगे कि हमारा जो डाटा है वो लीनियर सेपरेबल है यहां पर मैं एक लाइन बना सकता हूं जिसके थ्रू मेरा जो ग्राफ है वो लीनियर सेपरेबल हो जाएगा अब जो हमारा प्रेसेप्टल है वो किस तरह से इसको सेपरेबल करता है यहां पर किस तरह से सेपरेट करता है उसको अब जरा देखते हैं यहां पर तो चलिए पहले हमारे जो डाटा है उसको इनपुट और आउटपुट में अलग-अलग कर लेते हैं तो उसके लिए मैं क्या कर रहा हूं गाइज यहां पर x ले रहा हूं यहां पर x के अंदर क्या करूंगा डेटा सेट लूंगा डॉट मैं आलग लूंगा जिसके अंदर सारी नंबर ऑफ रो लूंगा सारे नंबर ऑफ कॉलम्स लेंगे लेकिन -1 करके जो आपका प्लेस्ट वाला कॉलम है उसे हम लीव कर देंगे चलिए उसके बाद में गाइज यहां पर बात करें वा एक्सेस के बारे में तो y एक्सेस के तौर पे मैं डेटा सेट लूंगा और यहां पे जाके मेरा जो प्लेस्ट वाला कॉलम है उसे मैं लेने वाला हूं तो ये मेरा x एक्सिस और y एक्सिस का डाटा आ चुका है अब इसके बाद में मेरे पास एक्स्ट्राऑर्डिनरी और कोई डाटा पड़ा नहीं है यहां पर तो इसके लिए मुझे क्या करना है इसी डाटा में से कुछ टेस्टिंग का डाटा निकालना पड़ेगा कि मेरा मॉडल कितने पर एक्यूरेसी के साथ चल रहा है तो इसके लिए मैं कर रहा हूं यहां पर ट्रेन टेस्ट स्प्लिटिंग कर रहा हूं मेरे डाटा को कैसे करेंगे तो मैं जागा फ्रॉम साइकल न के पास जाऊंगा गाइ यहां पर डॉट मैं जा रहा हूं यहां पर मॉडल सिलेक्शन के पास यहां पर जिसके थ्रू हमारे डाटा को दो पार्ट के अंदर तोड़ने वाले हैं ट्रेन और टेस्ट के अंदर इसके लिए हम क्या करेंगे गाइज यहां पर ट्रेन टे स्प्लिटिंग को कॉल करेंगे अब यहां पर मैं x अर क्या करने वाला हूं गाइ यहां पर ट्रेन के नाम से एक पैरामीटर बना देता हूं यहां पर फिर x अंडर टेस्ट के नाम से पैरामीटर बनाता है y अंडरस्कोर मैं क्या कर रहा हूं गाइस यहां पर ट्रेन के नाम से एक पैरामीटर बना रहा हूं ठीक है और क्या कर रहा हूं यहां पर y टेस्ट के नाम से एक पैरामीटर बना रहा हूं यहां पे ट्र टेस्ट स्लिटिंग करेंगे और इसके अंदर x y डाटा डालेंगे और हमारा जो टेस्ट साइज है वो हम देखेंगे टेस्ट साइज क्या देने वाले है गाइ यहां पर 0.22 और रैंडम स्टेट की बात करें यहां पर तो रैंडम स्टेट इ इक्वल टू 42 देने वाले है चलिए इसे रन करते हैं यहां पर अब नेक्स्ट क्या होगा गाइ यहां पर हमारा टा जो है वो ट्रेन टेस्ट पटिंग में उड़ चुका है अब मेरा काम यहां पे ये होगा कि हमारा जो मॉडल बने अब मॉडल बनाने के लिए हम क्या करेंगे प्र सेप्टन को कॉल करेंगे इसके लिए क्या कर रहा हूं गाइ यहां पर फ्रॉम मैं जाऊंगा यहां पर साइकल न के अंदर साइकिल न के अंदर जाने के बाद आपको लीनियर मॉडल में जाना है लीनियर मॉडल के अंदर आपको मिल जाएगा प्र सेप्टर यस क्या मिलेगा परसेप्ट मिलेगा यहां से आप प्रिसेप्ट का मॉडल बना सकते हैं अब प्रिसेप्ट के लिए मैं प नाम से एक रेबल बना रहा हूं और प्रिसेप्ट को क्या कर रहा हूं कॉल करूंगा अब प्रिसेप्ट को कॉल करने के बाद में प डॉट क्या करना है गाइज यहां पर मॉडल को फिट करना है फिट के अंदर मैं क्या कर रहा हूं गाइ यहां पर x ट्रेन एंड y ट्रेन पास करा दूंगा रन करते हैं मेरा मॉडल जो है यहां पर ट्रेंड हो चुका है अब मॉडल की हम क्या कर रहे हैं गाइज यहां पर एक्यूरेसी चेक करते हैं कि कितने परसेंट एक्यूरेसी है क्या मेरा मॉडल ओवर फिटेड हुआ है या नहीं हुआ है ये भी हमें देखना है तो इसके लिए मैं प डॉट क्या करूंगा गाइज यहां पर स्कोर चेक करूंगा स्कोर के अंदर यदि मैं यहां पर x ट्रेन एंड y ट्रेन डालूं यहां पर और मल्टीप्लाई बाय 100 करूंगा यहां पर प डॉट क्या करूंगा गाइज यहां पर स् कोड चेक करूंगा जिसके अंदर x टेस्ट एंड y टेस्ट डालने वाला हूं और इसको भी क्या करने वाला हूं गाइज यहां पर मल्टीप्लाई बाय 100 करूंगा रन करते हैं तो देखिए आपकी जो ट्रेनिंग एक्यूरेसी वो कम है और टेस्टिंग एक्यूरेसी ज्यादा है इसका मतलब कहीं कई प्रॉब्लम हुई है तो हम क्या कर रहे हैं हमारे रैंडम स्टेट की वैल्यू को चेंज करते हैं रैंडम स्टेट की वैल्यू को 10 करता हूं यहां पर और 10 के हिसाब से ट्रेन करूं तो देखिए हमारे पास 77 आ रहा है 75 आ रहा है इसका मतलब मॉडल ओवर फिटिंग तो हुआ है लेकिन ठीक है हमारा मॉडल यहां पे सही आया है अब मुझे यहां पे देखना है कि मेरा मॉडल जो है वो किस तरह से लाइन बना रहा है मतलब यहां पर ये किस तरीके से डिसीजन रीजन बना रहा है ये चीज हमें यहां पर चेक करनी है इसके लिए हमने यहां पे यूज़ किया था प्लॉट डिसीजन रीजन को तो मैं बस वही प्लॉट डिसीजन रीजन यूज़ कर रहा हूं यहां पर अब मुझे मुझे यहां पे x एक्सिस का डाटा चाहिए और वो भी किस फॉर्मेट में एरे में तो मैं यहां पर 2 मैं यहां पे नपाई का कॉल करूंगा राइट उसी तरीके से मैं यहां पे y डॉट यहां पे क्या कर रहा हूं 2 नपाई को कॉल करूंगा उसके बाद मेरे पास है यहां पर सए मैं सए को कॉल कर रहा हूं और सए के तौर पे मैं प को कॉल करूंगा इसके ग्राफ को देखने के लिए मैं पटी शो फंक्शन को कॉल करूंगा और रन करूंगा इसने मुझे क्या कर रखा है यहां पर डिसीजन रीज़न बना के दे दिया है अब देखिए यह जो डिसीजन रीज़न है यह काफी बड़ा है तो इसको पहले छोटा करते हैं पीटी डॉट किसके थ्रू फिगर के थ्रू छोटा करते हैं तो पीएटी डॉट यहां पर मैं फिगर को कॉल कर रहा हूं फिगर के अंदर मैं फिक्स साइज को कॉल कर रहा हूं और इसके अंदर 43 के थ्रू इस फिगर को छोटा करो अभी देखिए ये डिसीजन रीजन की जो लाइन बनी है यहां पर वो परफेक्ट नहीं बनी है अब आप चाहे तो इसके जो हाइपर पैरामीटर हैं उन्हें आप चेंजेज कर सकते हैं जैसे देखिए पेनल्टी है अल्फा है l1 रेशो है मैक्स नंबर ऑफ इटरेशन है टोटल शफल्स वगैरह और भी बहुत कुछ दे रखा है जैसे देखिए अल्फा की वैल्यू आपके पास क्या दे रखी है 0.01 दे रखी है हम चाहे तो इस अल्फा की वैल्यू को चेंजेज कर सकते हैं जैसे 0.01 दे रखी है तो मैं इसको 0 01 कर देता हूं अब ये 0.01 के ऊपर हमारा जो मॉडल है वो ट्रेन किस तरह से हुआ वो देख लेते हैं तो ये वही है हमारे पास ज्यादा अच्छा ट्रेन नहीं हुआ यहां पर मैं यदि अल्फा की वैल्यू को वन कर दूं तो फिर चेक करते हैं कितना ट्रेंड हुआ है यहां पर तो अभी भी एक्यूरेसी वही के वही है राइट अभी हम चाहे तो यहां पर पेनल्टी को चेंज कर सकते हैं l1 रेशियो को चेंज कर सकते हैं और भी बहुत सारी चीजों को चेंज कर सकते हैं लेकिन यदि हम बात करें परसेप्ट न के बारे में तो गाइ परसेप्ट न हमारे पास क्या सिंगल लेयर प्र सेप्टन होता है वो यहां पर परफेक्टली वर्क नहीं करता कभी भी आपके पास परफेक्टली वर्क नहीं करता परफेक्ट ली सेपरेशन नहीं करता है राइट तो इसी के लिए हम क्या करते हैं मल्टी लेयर प्रेसटन का यूज करते हैं जिसे आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क्स भी कहते हैं राइट तो आने वाले वीडियो के अंदर हम क्या करेंगे आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क को समझेंगे चलिए मैं आपको थोड़ा प्रिसेप्ट के बारे में एक और चीज दिखा दूं यहां पर थोड़ा सा विजुलाइजेशन आपको दिखाऊं यहां पर तो देखिए परसेप्ट को यदि आपको और अच्छे से विजुलाइजेशन करना है तो आप ये पलेग्राउंड 10f जो वेबसाइट है यहां पे आ सकते हैं यहां पे अपने हिसाब से कोई भी आप डाटा को चूज कर सकते हैं और प्रे सेप्टन बना सकते हैं राइट चलिए देखिए कैसे बनता है यहां पर तो देखिए सिंगल लेयर परसेप्ट्रॉन आपको बनाना है यहां पर तो सिंगल लेयर परसेप्ट्रॉन के अंदर पहले तो आप डेटा सेलेक्ट कर लीजिए जैसे मैंने ये डटा सेलेक्ट कर लिया यहां पर राइट ये डाटा सेलेक्ट करने के बाद में अब हमारे इनपुट्स कितने रहने चाहिए वो आप इनपुट चूज कर सकते हैं यहां पर यस यहां पे आप अपने इनपुट चूज कर सकते हैं इनपुट फीचर कौन-कौन से लेने है यहां पर और इनपुट फीचर लेने के बाद में आप अपने बीच में न्यूरॉन्स रख सकते हैं और उसके बाद काम कर सकते हैं अब आप अपना मॉडल चलाएंगे तो ये किस तरह से सेपरेशन हो रहा है वो आपको देखने को मिल जाएगा ये कब हो रहा है जब आपका लीनियर सेपरेबल डाटा हो यहां पर जब हमारा नॉन लीनियर सेपरेबल डाटा हो जैसा कि कुछ इस तरह से या जैसा कि कुछ इस तरह से जैसा कि कुछ इस तरह से अब यहां पर हम परसेप्ट्रॉन चलाते हैं तो ये लीनियर सेपरेबल डाटा नहीं कर पाता है तो इसके लिए हमें क्या करना पड़ेगा हमें नंबर ऑफ न्यूरॉन्स को बढ़ाना पड़ेगा हमें क्या करना पड़ेगा नंबर ऑफ न्यूरॉन्स को बढ़ाना पड़ेगा ताकि ये अच्छे तरीके से क्या करें सेपरेबल करें जैसे देखिए मैंने यहां पे नंबर ऑफ न्यूरॉन्स बढ़ा दिए यहां पर ताकि ये अच्छे से सेपरेबल करें तो देखिए आपके पास यहां पे बढ़ रहे हैं जैसे मैं कुछ और न्यूरॉन्स को यहां पे और इकट्ठा कर लेता हूं फिर मैं रन करता हूं यहां पर तो देखिए ये कोशिश कर रहा है आपके पास यहां पर डाटा को सही तरीके से सेपरेशन करने की राइट तो बेसिकली जब आप सिंगल लेयर पसपन का इस्तेमाल करते हैं तो सिंगल लेयर पसपन आपको एक सिंगल लाइन देता है जो कि हर किसी डाटा के लिए कैपेबल नहीं हो पाता है जैसे कि इस डाटा के लिए देखें तो ये आपके पास क्या कर रहा है मिस क्लासिफिकेशन बहुत ज्यादा कर रहा है यहां पर तो जब ये मिस क्लासिफिकेशन करता है तो गाइज यहां पर आपको परफेक्ट आंसर देखने को नहीं मिलता है तो फिर इस सिचुएशन के अंदर हमें क्या करना पड़ता है हमें जाना पड़ता है मल्टी लेयर प्र सेप्टन के ऊपर जिसे हम आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क भी बोलते है ए जिसे बोलते हैं यहां पर वहां पर जाके हमें वर्क करना पड़ता है और वहीं से हम क्या करते हैं डाटा को सेपरेट करना स्टार्ट करते हैं तो आई थिंक आई होप सो समझ में आ चुका होगा यहां पर कि किस तरह से आपके पास सिंगल लेयर परसेप्ट्रॉन वर्क करता है यहां पर हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डलस कपटेक मा सफ गौरव और आज के इस वीडियो के जरिए हम बात करने वाले हैं मल्टी लेयर परसेप्ट के बारे में देखिए इससे पहले हमने सिंगल लेयर परसेप्ट के बारे में बात किया था तो आज के इस वीडियो के अंदर हम कंपेयर करेंगे कि सिंगल लेयर परसेप्ट को हमने क्यों रिजेक्ट करना है और मल्टीलेयर परसेप्ट्रॉन को क्यों इस्तेमाल करते हैं इसके बारे में देखेंगे और मल्टीलेयर परसेप्ट्रॉन कैसे से बनता है यहां पर उसके बारे में भी हम डिस्कस करने वाले हैं जब हमारे पास यदि आपको python-tk के ऑनलाइन एंड ऑफलाइन बने बैच के अंदर जॉइन करके आप अपने स्किल को इंप्रूव कर सकते हैं इसके लिए दिए गए कांटेक्ट नंबर पे कॉल करके आप हमारी टू डेमो फ्री क्लासेस ले सकते एक नॉन लीनियर सेपरेबल डाटा है जैसे कि हमारे पास ये दे रखा है यहां पर एक डेटा सेट दे रखा है इस डेटा सेट के अंदर हमारा x1 हमारे पास क्या है एक इनपुट है x2 हमारा एक और दूसरा इनपुट है जिसके बेसिस पे हमें क्या करना है आउटपुट यहां पर हमें क्या करना है क्लासिफाई करना है जो कि आपके पास रेड और ग्रीन के अंदर है अब ये जो आपके पास देखेंगे तो ये क्या है एक नॉन लीनियर सेपरेबल डेटा यस और जब हमारे पास नॉन लीनियर सेपरेबल डटा आता है तो उसके अंदर आपका जो सिंगल लेयर परसेप्ट्रॉन है यस जो आपका सिंगल लेयर परसेप्ट्रॉन है यहां पर वो सिंगल लेयर परसेप्ट्रॉन यहां पर बैटर वर्क नहीं करता यस यहां पर जैसे कि मैं इसका एक एग्जांपल दूं आप लोगों को तो मैं यहां पर देखिए एक इसका डुप्लीकेट बना लेता हूं राइट और डुप्लीकेट बनाने के बाद में आप इसे समझते हैं यहां पर कहां बनाया इसने डुप्लीकेट ओके तो जब अ भी हमारे पास यहां पर नॉन लिनियर डेटा आता है तो उसके ऊपर हमारा जो सिंगल लेयर प्र सेप्टन है वो सही तरीके से वर्क नहीं करता है तो जब ये सही तरीके से वर्क नहीं करता है तो हमारे पास क्या करता है हमें रॉन्ग प्रेडिक्शन देता है कैसे देखिए सिंगल लेयर प्रस टॉन क्या करेगा इस तरह से हमारे पास एक लाइन बनाएगा जो कि आपके पास क्या है एक रॉन्ग प्रेडिक्शन लाइन है यस ये हमारे पास क्या है एक रॉन्ग प्रेडिक्शन लाइन है मतलब नॉन सेपरे रॉन्ग आपके पास यहां पर सेपरेबल लाइन है यहां पर है तो जब भी हमारे पास सिंगल ले रे सेप्टन का इस्तेमाल करते हैं तो सिंगल लेफ रे सेप्टन हमारे पास क्या करता है यहां पर हमें रॉन्ग रिजल्ट यहां पर देता है काफी बार हमारे पास जब हम नॉन लीनियर सेपरेबल डाटा हो तब हमें रॉन्ग रिजल्ट देता है तो उसके में हम कहां करते हैं मूव यहां पर हम मूव करते हैं मल्टी लेयर परसेप्ट के अंदर मल्टी लेयर परसेप्ट के अंदर हम क्या करते हैं कि बहुत सारे सिंगल लेयर न्यूरल नेटवर्क को ऐड करके एक मल्टी लेयर न्यूरल नेटवर्क बनाते हैं जिसके थ्रू हम क्या करते हैं कि जब हमारे पास नॉन लीनियर सेपरेबल डाटा आ जाए यहां पर तब भी हम क्या कर सके उसके ऊपर बेटर रिजल्ट लेके आ सके तो उसके लिए हम क्या इस्तेमाल करते हैं मल्टी लेयर प्रसन का इस्तेमाल करते हैं अब ये मल्टी लेयर प्र सेप्टन दिखता कैसा है यहां पर तो मल्टीलेयर प्रस अपटन कुछ इस तरह का दिखता है अब ये कैसे बनता है यहां पर तो जरा उसको समझते हैं तो देखिए जब हम यहां पर हमारा इस तरह से नॉन लीनियर सेपरेबल डाटा यूज़ करते हैं तब हम क्या करते हैं हम सिंगल आपके पास लेयर प्रेसेप्टल का इस्तेमाल कर लेते हैं अब सिंगल लेयर परसेप्ट्रॉन के अंदर क्या होता है गाइज यहां पर आपके पास सबसे पहले क्या आता है आपके इनपुट्स आते हैं जैसे आप आपका x1 एक इनपुट हो गया आपके पास x2 एक इनपुट हो गया ये दोनों क्या करते हैं गाइज यहां पर आपके पास क्या करते हैं वेटेज के साथ मल्टीप्लाई होता है जैसे w1 आपका एक वेटेज है w2 आपका एक वेटेज है अब ये वेटेज के साथ मल्टीप्लाई होने के बाद क्या करते हैं यहां पर एक बायस के साथ क्या करते हैं ऐड करते हैं यहां पर मतलब यहां पे आपका क्या होगा सबका समेशन होगा समेशन होने के बाद में क्या होता है गाइ यहां पर यहां पर एक फंक्शन लगता है दैट इ कॉल्ड ऑफ एक्टिवेशन फंक्शन और उसके बाद आपका वाहेड प्रोडक्शन आता है जो कि आपका क्या करता है एक सिंगल लाइन देता है लेकिन अब हमें यहां पे क्या करना है कि भाई हमारे पास नॉन लीनियर सेपरेबल डेटा है तो नॉन लीनियर सेपरेबल डेटा होने की वजह से गाइस यहां पर आपका सिंगल परसेप्ट्रॉन वर्किंग नहीं करेगा तो इसके लिए हम क्या करेंगे ऐसे-ऐसे मल्टीपल परसेप्ट्रॉन लगाएंगे मतलब यहां पर सिंपल सा यहां पर ये काम है कि जैसे ये हमारे पास यहां पर नॉन लीनियर सेपरेबल डाटा है तो हमारे पास क्या हुआ कि हमारे पास एक लाइन ने हमें यहां पर परफेक्ट सेपरेबल ले करके नहीं दिया तो हमने क्या किया गाइज यहां पर हमने दूसरी एक सेपरेबल लाइन और बना ली हमने क्या किया गाइज यहां पर तीसरी एक और सेपरेबल लाइन और बना ली फिर हमने क्या किया गाइज यहां पर एक और लाइन यहां पर बना ली मतलब तीन-चार यहां पर आपके पास क्या किए आपके कास सेपरेबल लाइन यहां पर क्रिएट कर ली बहुत सारे मल्टीपल लेयर्स है अब जब हमने यहां पे क्या किया इसका कॉमन पॉइंट निकाला जैसे हमने यहां पर एक और सेपरेबल लाइन बना ली तो अब जब हमने यहां पे इनका कॉमन रिजल्ट निकाला तो वो एक परफेक्ट सेपरेबल लाइन बन गई मतलब हमने क्या किया गाइज यहां पर पहले हमने क्या किया एक सिंगल न्यूरॉन इलेक्ट्रो का इस्तेमाल इस्तेमाल करने की जगह हमने क्या किया और बहुत सारे न्यूरल नेटवर्क मतलब हमारे पास सिंगल लेयर प्र सेप्टन का इस्तेमाल कर दिया जैसे x1 एक और ले लिया यहां पर x2 और ले लिया यहां पर फिर हमने क्या किया गाइज यहां पर इनको फिर से w1 और w2 से मल्टीप्लाई कर दिया यहां पर अच्छा ये जो w1 है और ये जो w2 है यहां पर ये इन दोनों से डिफरेंस है मतलब ये जो नेटवर्क्स है आपके पास यहां पर ये नेटवर्क वन है यहां पर और ये नेटवर्क टू है ये दोनों नेटवर्क्स आपके पास क्या है अलग-अलग है फिर से हमने क्या किया यहां पर समेशन किया समेशन करके हमने बायस कर दिया बायस करके फिर से फंक्शन लगा के आपका क्या गया वाहेड का प्रोडक्शन निकाल दिया लेकिन हमारे पास यहां पे तो आउटपुट क्या है ट ही है लेकिन ये हमें क्या करेगा फोर अलग-अलग आउटपुट देगा तो हमने क्या किया गाइज यहां पर हमने यहां पे क्या किया इन सारे न्यूरल नेटवर्क के अंदर मतलब हमने क्या किया बहुत सारे न्यूरल नेटवर्क को आपस में ऐड करके क्या किया गाइज यहां पर इन सभी को वापस एक सिंगल नेटवर्क के साथ कनेक्ट कर लिया मतलब इनके जो आउटपुट है यहां पर इनको वापस एक न्यूल नेटवर्क के साथ कनेक्ट करके बायस के साथ ऐड करके मतलब इनके अंदर भी क्या किया हमने यहां पर w और ड को मल्टीप्लाई करके बायस को ऐड करके हमने क्या किया एक फंक्शन से पास करवा दिया और उसके बाद हमारा जो वा आउटपुट है वो हमने निकाल दिया तो बेसिकली हो क्या रहा है यहां पर कि हमारे पास बहुत सारे सिंगल लेयर जो प्रस एप्टन थे उन सभी को क्या किया आपस में मिक्स किया एंड मिक्स करके एक न्यूरल नेटवर्क डिजाइन कर दिया जो कि कुछ इस तरह से दिखता है अब यहां पे डिपेंडेंट रहता है यहां पर कि आप यहां पर जो ये अगला नेटवर्क कनेक्ट कर रहे हैं ये अगला नेटवर्क आप एक ही कनेक्ट कर रहे हैं या फिर दो कनेक्ट कर रहे हैं तीन कनेक्ट कर रहे हैं दैट्ची मल्टी लेयर न्यूरल नेटवर्क काम करता है अब आप बोलेंगे कि सर मल्टी लेयर न्यूरल नेटवर्क की जो यहां पे इमेज है वो कुछ इस तरह से दिखती है जिसके अंदर आपके पास जो पहली लेयर होती है गाइज यहां पर वो आपके पास कैस की होती है इनपुट लेयर होती है इसके साथ-साथ जो आपके पास ये बीच वाली लेयर होती है इसे आप हिडन लेयर बोलते हैं यहां पर और जो आपके पास सबसे लास्ट वाली लेयर होती है वो आपकी आउटपुट लेयर होती है अब आपकी आउटपुट लेयर डिपेंड करती है कि आपके पास आउटपुट कितने बाहर आने चाहिए मतलब आपके पास सिंगल आउटपुट है तो एक ही नोड रहेगा यहां पर बहुत सारे मल्टीपल आउटपुट है यहां पर तो आपके पास मल्टीपल नोड यहां पर रहने वाले हैं पर और ये जो नेटवर्क डिजन देख रहा है ये आपका टोटली डिफरेंस है तो बेसिकली ये दोनों आपस में कैसे कनेक्टेड होंगे तो बहुत ही सिंपल तरीका है यहां पर इन दोनों को आपस में कनेक्ट करने का तो बहुत ही सिंपल तरीका कैसे है यहां पर देखिए मैं इस नेरो नेटवर्क से आपका जो आर्टिफिशियल न्यूरोल नेटवर्क जो कि आपको दिखाई देता है वो मैं बनाने जा रहा हूं कैसे बनाते हैं हम यहां पर तो देखिए ये आपका x1 आ गया यहां पर और ये आपका x2 आ गया अब यहां पे मैं क्या कर रहा हूं यहां पर y1 हैट आपका ला रहा हूं यहां पर और ये आपके पास क्या आ गया y2 हैट आपके पास आ गया मतलब पहले वाले का आपका यहां पर आउटपुट एंड दूसरे वाले का आउटपुट ठीक है हमने क्या किया देखिए गाइज यहां पर x1 को इससे कनेक्ट कर लिया और x2 को इससे कनेक्ट कर लिया फिर वापस देखिए x1 को इससे कनेक्ट कर लिया और x2 को इससे कनेक्ट कर लिया और ये सब आपस में आगे जाते हुए आपके पास क्या कर रहे हैं गाइज यहां पर ये इसके साथ कनेक्ट हो रहे हैं और आपके पास यहां पर वाय प्रोडक्शन आपके पास यहां पर गेट मिल रहा है राइट तो इस तरह से आपके पास क्या मिलता है आपको एक कॉम्प्लेक्शन रिजल्ट मिलता है लेकिन जब आप इसे एक्सपेंड करेंगे तो एक्सपेंड करने का जो रिजल्ट है वो आपके पास कुछ इस तरह से दिखाई देता है अब यहां पे बात करें कि सर देखिए वेटेज की वैल्यू क्या होती है तो देखिए यहां पे आप क्या कर सकते हैं वेटेज को ऐड कर सकते हैं और इसी के अंदर आपके पास क्या था फइस ऐड होता है सबमिशन ऐड होता है और इसी के अंदर आपके पास आपके एक्टिवेशन फंक्शन भी लगे हुए होते हैं अब इन सब के अंदर यहां पे बात करें तो ये जो आपकी लेयर होती है जिसके अंदर आपका डाटा इनपुट के तौर पे जाता है ये आपका क्या कहलाता है गाइज यहां पर इनपुट लेयर कहलाता है यहां पर और ये जो आपका डाटा कहलाता है यहां पर इसे हम यहां पर हमारा फर्स्ट आउटपुट लेयर या फिर जनरली आप इसे क्या बोलते हैं यहां पर हिडन लेयर बोलते हैं यस क्या बोलते हैं यहां पर हिडन लेयर बोलते हैं और ये जो आपका यहां पे फाइनल होता है दैट इज कॉल्ड ऑफ यहां पर आउटपुट आपके पास लेयर होती है यस ये क्या होती है गाइज यहां पर आउटपुट लेयर होती है तो आपके किसी भी न्यूरल नेटवर्क के अंदर आपके पास क्या होती है इनपुट लेयर होती है हिडन लेयर होती है ना आउटपुट लेयर होती है अब जितने ज्यादा आप यहां पे कट्स लगाते हैं जैसे कि जितने ज्यादा आप यहां पर जितने ज्यादा न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं उतने ही ज्यादा आपके पास क्या होती है आपकी हिडन लेयर बढ़ती रहती है आप चाहे तो एक हिडन लेयर लगा सकते हैं आप चाहे तो मल्टीपल हिडन लेयर लगा सकते हैं अकॉर्डिंग टू योर डटा आपके डटा के ऊपर डिपेंड रहता है कि आप कितनी नंबर ऑफ हिडन लेयर यहां पर लगाना चाहते हैं जितनी ज्यादा आप हिडन लेयर लगाएंगे उ इतना ज्यादा आपको बेस्ट रिजल्ट आपको देखने को मिलता है तो बेसिकली मल्टीलेयर परसेप्ट के अंदर क्या होता है कि जो आपके छोटे-छोटे न्यूरल नेटवर्क्स होते हैं जो आपके छोटे-छोटे आपके प्रसे पटन होते हैं उन परसेप्ट को आपस में कनेक्ट करा जाता है यहां पर और कनेक्ट करके आपके पास क्या करते हैं आप एक फाइनल रिजल्ट पे पहुंचते हैं जो कि आपके पास जो कंप्लीट स्ट्रक्चर होता है दैट इज कॉल्ड ऑफ आपके पास मल्टीलेयर प्रस अपटन अब मैं बात करूं यहां पर कि इसके अंदर आपके पास यहां पे नेटवर्क के अंदर इक्वेशन क्या बनेगी तो इक्वेशन आपकी वही बनने वाली है जो आपके पास यहां पर आपके सिंगल लेन न्यू नेटवर्क में बन रही थी कौन सी इक्वेशन यहां पर तो देखिए आपके पास यहां पर पहले वाई हेड की इक्वेशन क्या बन रही थी गाइज यहां पर वाहेड की जो इक्वेशन बन रही थी वो कैसे बन रही थी आपके पास यहां पर यहां पर आपका एक एक्टिवेशन फंक्शन एक्टिवेशन फंक्शन के साथ आप क्या कर रहे थे गाइ यहां पर एक्टिवेशन फंक्शन के साथ यहां पर w1 * आपके पास x1 जोक एक डॉट प्रोडक्ट होता है यहां पर ये जो इनटू होता है ये क्या होता है डॉट प्रोडक्ट होता है w t * x आपके पास बोल सकते हैं प्लस एक बायस टर्म आपके ड हो जाती है इधर बात करें यहां पर तो इसके अंदर भी क्या आएगा यहां पर सिगमा w t आपके w t * x प्स आपके पास क्या बन जाएगा y बन जाएगा अब जो ये आपके पास y आउटपुट आए हैं ये y आउटपुट क्या होंगे इस न्यूरल नेटवर्क के लिए इनपुट्स का रूल करेंगे ये जो y आउटपुट आए हैं ये जो y आउटपुट ये क्या करेंगे इस न्यूरल नेटवर्क के लिए इनपुट्स का रोल करने वाले हैं तो गाइज यहां पे इसके लिए क्या बनेगा इसके लिए आपके पास क्या बनेगा वापस वही बन जाएगा w t आपके पास x प्लस आपके पास क्या बनेगा 2 बन जाएगा तो ये आपके पास यहां पर इस तरह से वर्क करने वाला है तो बेसिकली गाइज यहां पे बात करें तो मल्टी लयर प्स ऑफ्टन में क्या हो रहा है कि जो आपका सिंगल लेयर प्रस ऑफ्टन की जो इक्वेशन है वही आपके पास आ रही है यहां पर लेकिन जैसे-जैसे आगे हिडन लेयर के ऊपर बढ़ते जा रहे हैं वैसे क्या हो रहा है कि जो पुराने वाला का जो आउटपुट है वही आपके पास अगले वाले का क्या बनता है इनपुट बनता है अब यहां पे एक कांसेप्ट आता है कि जो पुराने वाला का इनपुट है वो हमारे पास उसके अंदर हमने एक्टिवेशन फंक्शन लगा दिया सिग्मो इड तो वहां पे हमें बाइनरी आउटपुट मिलेगा तो फिर उस केसेस में तो हमारा जो आउटपुट आगे जाएगा वो बाइनरी फॉर्मेट में जाएगा तो फिर हमें हमारा रिजल्ट कैसे मिलेगा यहां पर तो इस वक्त हम क्या करते हैं कि जो आपके पास हिडन लेयर होते हैं इन हिडन लेयर के अंदर हमारा जो एक्टिवेशन फंक्शन होता होता है उसे हम क्या करते हैं चेंज करते हैं मतलब यहां पर हम जो है सिग्मो इड एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल नहीं करते हैं रीजन बहुत क्लियर है क्योंकि इस वक्त आपका जो सिग्मो इड एक्टिवेशन फंक्शन है वो आपको क्या देता है रिजल्ट के तौर पे रो या वन आपको रिटर्न करके देता है तो जब आपको ये रो या वन रिटर्न करके देगा जब आगे से आगे आपके जो ये आउटपुट है वो आगे इनपुट के तौर पे कनेक्टेड होंगे तब आपके पास जो आपका रिजल्ट है वो आपको बेटर नहीं मिल पाएगा तो उस वक्त हम क्या करते हैं कि जो हिडन लेयर होते हैं उस हिडन लेयर के एक्टिवेशन फंक्शन को चेंज करा जाता है अब ये एक्टिवेशन फंक्शन क्या होते हैं कितने तरीके होते हैं यहां पर और किस समय कौन सा एक्टिवेशन फंक्शन यूज करना चाहिए इसके बारे में हम जानेंगे डिटेल के साथ हमारी अगली वीडियो के अंदर तो फिलहाल आज की वीडियो के लिए बस हमने इतना ही देखा यहां पर कि मल्टी लेयर प्र सेप्टन क्या होता है सिंगल लेयर प्र सेप्टन से कितना डिफरेंस है और जब कि आपके पास नॉन लीनियर सेपरेबल डाटा आ जाए तब आप क्या इस्तेमाल करेंगे मल्टी लेप सफन का इस्तेमाल करेंगे हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डब्स क्यूब टेक माय सेल्फ ग और आज की इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे फॉरवर्ड एंड बैकवर्ड प्रोपो केशन के बारे में देखिए सबसे पहले हम बात करेंगे यहां पर फॉरवर्ड प्रोपो केशन के बारे में देन सेकंड हम यहां पर बात करेंगे बैकवर्ड प्रोपेगेशन के बारे में तो चलिए जानते हैं यहां पर ये कैसे वर्क करते हैं तो देखिए जब भी आप किसी न्यूरल नेटवर्क के ऊपर काम करते हैं तो उस न्यूरल नेटवर्क के अंदर सबसे पहले आपके पास क्या होती है इनपुट लेयर होती है उसके बाद आपके पास क्या होती है हिडन लेयर होती है ये हिडन लेयर एक से ज्यादा भी हो सकती है उसके बाद में आपके पास आती है आपकी आउटपुट लेयर अब इस हिडन लेयर के अंदर नंबर ऑफ नोड्स कितने हैं वो डिपेंड करते हैं आपके ऊपर कि आप कितने नोट्स लेकर अपने मॉडल को ट्रेन करना चाहते हैं मतलब आप अपने न्यूरल नेटवर्क को ट्रेन करना चाहते हैं दैट डिपेंड ऑन यू अब मैं बात करूं यहां पर कि ये तो बहुत ही कॉम्प्लेक्शन नेटवर्क है यदि मैं यहां पर इसे एक सिंपल न्यूरल नेटवर्क के अंदर लेके जाऊं यहां पर कॉम्प्लेक्शन नेटवर्क का मतलब है ये मल्टी लेयर प्रस प्टोन है इसको हम यहां पर क्या बोलते हैं मल्टीलेयर प्रस पटन या फिर एनएन नेटवर्क्स भी बोला जाता है यहां पर ये बहुत ही कॉम्प्लेक्शन करके एक सिंपल न्यूरल नेटवर्क में लाऊं मतलब आपके पास यहां पर एक सिंगल लेयर न्यूरल नेटवर्क में लाए यहां पर राइट उसके ऊपर का करें तो आप यहां पर बेटर समझ पाएंगे कि किस किस तरह से आपके यहां पर फॉरवर्ड प्रोपेगेशन वर्क करता है देखिए यदि हम बात करें सिंगल लेयर प्र सेप्टन के बारे में तो उसके अंदर होता क्या है कि आपके पास यहां पर नंबर ऑफ नोड्स होते हैं जो कि ये नंबर ऑफ नोड्स क्या होते हैं आपके पास इनपुट नोड्स होते हैं यस ये आपके पास क्या होते है इनपुट नोट्स होते हैं जैसे x1 आपका एक इनपुट हो गया x2 आपका एक इनपुट हो गया x3 आपका एक इनपुट हो गया और x4 आपका इनपुट हो गया ये सारे इनपुट जो होते हैं यहां पर ये क्या करते हैं आपका सम वेटेज से आपके पास क्या होते हैं मल्टीप्लाई होते हैं यस आपके पास क्या होते है ये ल नेटवर्क ये जितने भी नोट्स है आपके पास यहां पर ये जितने भी इनपुट्स नोट्स हैं यहां पर ये क्या करते हैं कुछ वेटेज से मल्टीप्लाई होते हैं अब ये जो वेटेज की वैल्यू होती है गाइज यहां पर ये स्टार्टिंग के अंदर जस्ट स्टार्टिंग के अंदर रैंडम कुछ भी रख दी जाती है ये आप अपने हिसाब से इसे एडजस्टमेंट कर सकते हैं इसे हम वेट इनिश इइ जशन टेक्निक बोलते हैं जिसके अंदर हमें क्या करना पड़ता है हमें इनिश इज मतलब इनिशियल स्टेज के अंदर हमें कुछ वेटेज की वैल्यू सेल्फ देनी पड़ती है राइट तो फॉरवर्ड प्रोपेगेशन के अंदर आप क्या करते हैं कि सबसे पहले आपका जो भी आपका नेटवर्क ट्रेंड हो र होता है उस नेट टोक ट्रेन के अंदर आप क्या करते हैं आप अपने वेटेज की वैल्यू को कुछ असाइन करते हैं जैसे समथिंग यहां पर बात करें तो प 1 प2 पथ इस तरह से आप दे सकते हैं यहां पर एंड उसके बाद में आप क्या कर सकते हैं गाइ यहां पर अपने बायस की वैल्यू को एडजस्ट करते हैं मतलब बायस की वैल्यू को देते हैं अब ये जितना भी डाटा होता है ये जितना भी डटा होता है ये आपस में क्या होता है मल्टीप्लाई होता है और मल्टीप्लाई होके आपके पास क्या होता है बायस के साथ क्या होता है सम करता है मतलब यहां पे आपके पास क्या लगता है समेशन लगता है ये चीज आप अच्छे से समझ चुके होंगे कब जब आपने यहां पर सिंपल न्यूरल नेटवर्क पढ़ा होगा या फिर आपने परसेप्ट के बारे में बात करा होगा या सिंगल लेयर प्स अप्टन के ऊपर बात की होगी तब आपने इसे डिटेल के साथ देखा होगा इस वक्त क्या होता है गाइज यहां पर कि जो भी आपके इनपुट्स होते हैं वो क्या होते हैं बायस से मल्टीप्लाई होते हैं और वेट इस के साथ एडिशन होता है राइट उसके बाद ये जो भी आउटपुट होता है इस आउटपुट को हम क्या करते हैं एक एक्टिवेशन फंक्शन से पास करते हैं अब ये एक्टिवेशन फंक्शन डिपेंड करता है कि आपका डिजायर आउटपुट क्या है जैसे डिजायर आउटपुट यदि आपका क्लासिफिकेशन इन नेचर का है तो हम जनरली सॉफ्ट मैक्स या फिर आपके पास यहां पर सिगम एक्टिवेशन फंक्शन को चूज करना है यदि आपका जो यहां पर डिजायर्ड जो आउटपुट है यहां पर वो रिग्रेशन का है तो हम यहां पर लीनियर एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल करते हैं राइट जैसे हम नोड्स की बात करें हिडन नोड्स की बात करें यहां पर हिडन लेयर की बात करें तो इनके रीलो एक्टिवेशन फंक्शन यूज़ होता है तो अलग-अलग सिनेरियो के अंदर आपके पास क्या होता है अलग-अलग एक्टिवेशन फंक्शन यूज़ होता है ये एक्टिवेशन फंक्शन आपके पास क्या करता है आपका आउटपुट आपको लाके देता है मतलब आपको वाई हैट लाके देता है अब ये आपके पास क्या कहलाता है आपका फॉरवर्ड प्रोपो केशन कहलाता है मतलब आपने अपना इनपुट दिया उसके साथ वेटेज आपका मल्टीप्लाई हुआ बायस के साथ क्या हुआ आपका एडिशन हुआ उसके बाद आपने एक एक्टिवेशन फंक्शन से पास किया और आपका जो डिजायर आउटपुट है वो आपको y मिला यदि मैं इक्वेशन के टर्म्स में यदि मैं इसकी बात करूं कि इक्वेशन के टर्म में क्या मिलेगा यहां पर तो यहां पर इक्वेशन के टर्म के अंदर वा हैड की जो वैल्यू बनती है यस इस वा हैड की वैल्यू को मैं यहां पे लिख रहा हूं तो ये जो वा हैड की जो वैल्यू लिखती है बनती है यहां पर ये आपके से बनता है एक एक्टिवेशन फंक्शन अब इसमें एक्टिवेशन फंक्शन को क्या कर रहा हूं यहां पर सिग्मा के तौर पे दिखा रहा हूं यहां पर तो ये आपके पास एक्टिवेशन फंक्शन है इस एक्टिवेशन फंक्शन के साथ में आपको क्या करना है ड ट्रांसपोर्ट करना है यस w का क्या करना है ट्रांसपोजर है यहां पर और इसके साथ आपको क्या करना है डॉट प्रोडक्ट करना है किसका x का x कौन सा x1 x2 x3 x4 यस इनका आपको क्या करना है ट्रांसपोजर है प्लस इसके साथ आपको क्या करना है यहां पर बा की वैल्यू को ऐड करना है तब जाके आपके पास यहां पर आपका जो डिजर आउटपुट है y आपको मिलेगा राइट तो गाइज होता क्या है सबसे पहले आपके इनपुट्स आपके जो भी है यहां पर वो आपके पास कलेक्ट होते हैं उसके बाद वेटेज से क्या होता है मल्टीप्लाई होता है अब यहां पे देखिए मैंने यहां पे डॉट प्रोडक्ट लगाया क्यों डॉट प्रोड लगाया क्योंकि हमारा जितना भी डाटा होता है यहां पर ये सारा का सारा जो डाटा होता है गाइ यहां पर ये किस फॉर्मेट में होता है मैट्रिक्स फॉर्मेट के अंदर होगा यस हमारा जो डाटा है यहां पर वो सारा का सारा क्या होता है मैट्रिक्स फॉर्मेट में होता है और मैट्रिक्स के अंदर हमें क्या करना पड़ता है डॉट प्रोडक्ट करना होता है तो इसलिए मैंने डॉट प्रोडक्ट किया यहां पर देन उसके बाद में आपके पास क्या करना है आपको बायस की वैल्यू को क्या करना है यहां पर ऐड करना है और उसके बाद जो भी आपका डिजर आउटपुट है उसे हमें क्या करना है एक एक्टिवेशन फंक्शन से पास कराना है जो कि आपका जो आउटपुट है एक गिवन रेंज के अंदर लाके दे देगा या फिर आपके पास यहां पर जो आपका आंसर है वो जीरो या वन के फॉर्मेट में लाके देगा तो ये जो प्रोसीजर होता है दैट इज कॉल्ड ऑ फॉरवर्ड प्रोपेगेशन अब इसको फॉरवर्ड प्रोपोर्शन क्यों बोला जा रहा है क्योंकि इसके अंदर जो आपका काम हो रहा है यहां पर वो पीछे से आगे की तरफ यहां पर रहा है मतलब एक फॉरवर्ड डायरेक्शन के अंदर हम क्या कर रहे हैं यहां पर आगे से आगे मूव कर रहे हैं अब यहां पे एक बहुत बड़ा क्वेश्चन ये आता है कि ये जो वेटेज और बायस की वैल्यू जो हम यहां पर रख रहे हैं मतलब इनिश इज कर रहे हैं यहां पर हम खुद रैंडम देखिए आपके पास यहां पर स्टार्टिंग के अंदर यदि आप नहीं देते हैं तो आपके पास क्या होता है आपके सिस्टम के अंदर आपकी जो वैल्यू होती है वो डिसाइड हो रही होती है वन वन आपके पा से डिसाइड हो रखी होती है यहां पर पॉइंट व किसीके अंदर वन आपका डिसाइड हो रखी है वो उसको लेके काम करता है लेकिन यदि आप चाहते हैं मतलब आप इनके वेटेज की वैल्यू को अपने हिसाब से चेंजेज कर सकते हैं इसको हम आगे चलते हुए पढ़ेंगे किसके अंदर वेट इनिन टेक्निक के अंदर यस वेट इशन इनिश इइ जेशन टेक्नीक होती है जहां पे हम इनिशियल वेट को इनिशियल वेट का मतलब क्या है जब हमारा न्यूरल नेटवर्क जब हमारा ट्रेंड हो रहा होता है उस समय हम हमारे वेट को क्या कर सकते हैं गाइज यहां पर हमारे वेट को चेंजेज कर सकते हैं ताकि हमारा जो यहां पे न्यूरल नेटवर्क है वो अच्छे से ट्रेन हो सके और अच्छे से वर्किंग कर सके तो बेसिकली यहां पर क्या कर रहे हैं हम गाइज यहां पर इनिश इज वेट दे रहे हैं अब जब हम यहां पर इनिश इइ वेट्स दे रहे होते हैं यहां पर तो ये जरूरी नहीं है कि आपका जो y आउटपुट है और जो आपका डिजायर आउटपुट है वो सेम हो राइट जैसे कि आप एग्जांपल लेते हैं यहां पर जैसे कि मैं बात करूं यहां पर कि मेरे जो वाहेड की वैल्यू है यहां पर वो आ रही है आपका समथिंग यहां पर 2 3 4 और फाइव और आपकी जो y की वैल्यू जो ओरिजिनल y की मैं बात करूं यहां पर वो वैल्यू आपके पास आ रही है यहां पर 3 4 5 6 इसका मतलब क्या हुआ गाइज यहां पर कि आपका जो इयर आउटपुट है और जो आपका वाय प्रिडिक्ट है मतलब जो प्रेडिक्शन आउटपुट है और जो ओरिजनल आउटपुट है इसके बीच में क्या आया गाइज यहां पर डिफरेंस आया अब इस डिफरेंस को हमें क्या करना है मिनिमम करना है क्यों मिनिमम करना है क्योंकि गाइ ये जो डिफरेंस है ये जितना ज्यादा होगा गाइज यहां पर उसके हिसाब से आपका जो लॉसेस है वो उतना ही ज्यादा बढ़ता रहेगा राइट तो हमें क्या करना है गाइज यहां पर कि ये जो y प्रेडिक्शन है और y ओरिजिनल के बीच का जो डिफरेंस है जिसे हम यहां पर लॉस कहते हैं लॉस को हमें क्या करना पड़ता है गाइज यहां पर मिनिमम करना पड़ता है अब इस लॉस को मिनिमम करने के लिए हम जो टेक्निक इस्तेमाल करते हैं दैट इज कॉल्ड ऑफ यहां पर ग्रेडिएंट डिसेंट यस हम क्या करते हैं यहां पर ग्रेडिएंट डिसेंट टेक्निक का इस्तेमाल करते हैं जिसके थ्रू हम क्या करते हैं लॉस को मिनिमम करते हैं और लॉस को मिनिमम करने के बाद में ये जो वेटेज की वैल्यू देख रहे हैं यहां पर ये जो w1 w2 w3 या w4 जो वेटेज की वैल्यू देख रहे हैं और जो बायस की वैल्यू दिख रहे हैं यहां पर इनको हम एडजस्टमेंट कहते हैं तो मतलब पॉइंट ऑफ यहां पे बात करना चाहूं यहां पर तो क्या है यहां पर कि देखिए आप जब यहां पर स्टार्टिंग के अंदर वेट ले रहे हैं यहां पर उन वेटेज और बायस की वैल्यू की वजह से आपके पास आपका डिजायर्ड आउटपुट कभी नहीं आता है यस आप जो डिजायर आउटपुट चाहते हैं वो आपको कभी नहीं देखने को मिलता है तो यदि आप अपना डिजायर आउटपुट चाहते हैं आप अपना चाहते हैं कि भाई आपको जो है लॉस कम मिले आपके पास यहां पे एक्यूरेसी बहुत ज्यादा हाई हो तो आपको क्या करना पड़ता है वेटेज और बायस की वैल्यू को अपडेट करना पड़ता है और इस वेटेज और बायस की वैल्यू को अपडेट करने के जो प्रोसीजर को हम क्या बोलते हैं गाइज यहां पर बैक प्रोपो केशन बोलते हैं तो बैक प्रोपो केशन कोई बड़ी टेक्निक नहीं है बैक प्रोपो केशन क्या है यहां पर कि आपका जब न्यूरल नेटवर्क ट्रेड हो जाता है उस समय जो आप वेटेज की वैल्यू आप पहले लाइज करके रखते हैं वो आपके पास एक्यूरेट नहीं होती है काफी केसेस में हो सकती है काफी केसेस में नहीं होती है तो जब वो नहीं होती है तो हमें क्या करना पड़ता है हमें हमारे आउटपुट के ब हमारे डिजर आउटपुट के अकॉर्डिंग हमें क्या करना पड़ता है वेटेज ऑफ वायस की वैल्यू को अपडेट करना पड़ता है इस अपडेट करने की जो प्रोसेसर है इस अपडेशन प्रोसेसर को हम क्या बोलते हैं गाइज यहां पर बैकवर्ड प्रोपेगेशन बोलते हैं अब यह बैक प्रोपेगेशन क्या होता है यहां पर तो बक ब प्रोपो केशन क्या है एक आपका प्रोसेसर है यस बैक प्रोपो केशन क्या है यहां पर एक आपका प्रोसेसर है जिसके थ्रू आप क्या करते हैं आपके न्यूरल नेटवर्क को अच्छे से ट्रेन करते हैं जिसके थ्रू आपके पास यहां पर बेयस बायस और आपके जो वेटेज की जो वैल्यू है यहां पर वो आप क्या करते हैं अपडेट करते हैं और बेस्ट लाने की कोशिश करते हैं अब ये बेस्ट लाने का प्रोसीजर क्या है क्या स्टेप्स हमें फॉलो करने पड़ेंगे उसको जरा थोड़ा डिटेल के साथ देखते हैं देखिए अभी मैं बात करना चाहूं यहां पर तो सबसे पहले आपने क्या किया आपने अपने वेटेज को इनिला कर दिया यहां पर स्टार्टिंग के अंदर फिर आपको क्या करना है आपको वाहेड की वैल्यू निकालनी है अब आपने क्या किया वेटेज की वैल्यू लाइज की जैसे क्या करा हमने यहां पर हमारा जो न्यूरल नेटवर्क है यस ये हमारा न्यूरल नेटवर्क है इस न्यूरल नेटवर्क के अंदर आपने क्या किया अपने अपने वेटेज यहां पे लिए जैसे मैंने यहां पर क्या किया मेरे न्यूरल नेटवर्क लिया यहां पर अब इसके अंदर x1 आपका इनपुट हो गया x2 आपका इनपुट हो गया x3 आपका इनपुट हो गया और x4 आपका इनपुट हो गया इसके अंदर आपने क्या किया वेटेज की वैल्यू को अपडेट किया वेट वन वेट टू वेट थ्री और वेट फोर ये आपने इनिला इज किया इनिश इइ करने के बाद में आपने इसको समेशन किया समेशन किसके साथ किया गाइज यहां पर बा इस के साथ समेशन किया और उसके साथ आपने क्या किया y आउटपुट आपने निकाला अब ये क्या किया आपने एक्टिवेशन फंक्शन से होते हुए आपने क्या किया y आउटपुट आपने यहां पर निकाला अब गाइज यहां पे बात करें तो आपने इनिश इज कुछ किया होगा यहां पर जैसे w1 की वैल्यू आपने वन रखी होगी w2 की वैल्यू आपने वन रखी होगी w3 की वैल्यू आपने वन रखी होगी w4 की वैल्यू भी आपने वन रखी होगी और y इस की वैल्यू आपने ज़ीरो रख दी होगी राइट इस तरह से आपने क्या किया सबको इनिश इज किया इनिश इइ करने के बाद में अब आपका स्टेप आता है कि आपने वा हैड निकाला अब लेटस सपोज आपका जो y हैट है गाइज यहां पर वो आपके पास कुछ इस तरह से निकल के आया 2 3 4 5 एंड 6 अब यदि मैं y ओरिजिनल की बात करूं मतलब y हमारे पास जो ओरिजिनल डाटा है उससे यदि मैं कंपेयर करके चलूं यहां पर तो वो कंपैरिजन आपके पास इस तरह से आ रहा है वन 2 3 फर और फाइव अब देखिए यहां पर वा हैट और y के बीच में आपके पास क्या आ रही है यहां पर आपका डिफरेंस आ रहा है अब इस डिफरेंस को देखने के लिए हम क्या यूज करते हैं लॉस को इस्तेमाल करते हैं राइट तो गाइज यहां पर बात करें तो आपके पास लॉस क्या होगा गाइ यहां पर लॉस आपके पास होगा यहां पर कि आपके पास जो y ओरिजिनल है यस जो आपका y ओरिजिनल है आपके पास यहां पर उसमें से आपको सबट करना है यहां पर किसे आपके y पीआरडी को जिसे हम वाई हैड भी बोलते हैं राइट हमें क्या करना है गाइज यहां पर लॉस को सबट करना है इसी चीज के लिए हमने क्या करे थे लॉस के फंक्शन को डिस्कस किया था हमने लॉस के फंक्शन को डिस्कस किया था लास्ट वाले वीडियो के अंदर जहां पे हमने डिफरेंट डिफरेंट टाइप के लॉस के फंक्शंस को देखे थे तो ये लॉस के फंक्शन करते क्या है ये लॉस के फंक्शन क्या करता है गाइज यहां पर आपके पास जो वेटेज ऑफ आयस की वैल्यूज है यहां पर इन्हें अपडेट करने में आपकी हेल्प करते हैं इन्हें क्या करते हैं गाइस यहां पर इन्हें अपडेट करने में आपकी क्या करते हैं हेल्प करते हैं ये क्या करते हैं कि आपके पास यहां पर पहले लॉस को निकालते हैं अब हमारा डिजड आउटपुट क्या है हमें लॉस कम मिले हमें एक्यूरेसी अच्छी मिले जिसकी वजह से वेटेज ऑफ वायस की वैल्यू क्या हो यहां पर और अच्छी से हमें यहां पर मिल राइट तो बेसिकली हमें क्या मिला यहां पर लॉस मिला और लॉस क्या है यहां पर y ओरिजिनल माइनस y पीआरडी अब अकॉर्डिंग टू आपके पास डिजायर आउटपुट यदि आप रिग्रेशन एनालिसिस कर रहे हैं तो इसके अंदर आप क्या करते हैं यहां पर मीन स्क्वायर लॉस के बात कर रहे हैं मीन एब्सलूट लॉस के ब बात करते हैं और आपके पास आरएमएस लॉस के बारे में बात करते हैं यदि आपके पास बात करें इसके अलावा हिंज लॉस के ऊपर भी बात करते हैं यहां पे गाइ यदि आप बात करें क्लासिस के अंदर तो क्लासिफिकेशन के अंदर भी हमारे पास बहुत सारे लॉस होते हैं जैसे लॉग लॉस होता है आपके पास यहां पर राइट तो ऐसे आपके पास डिफरेंट डिफरेंट टाइप के होते है गाइज यहां पर लॉसेस होता है इन लॉसेस की वैल्यू को हम क्या करते हैं फाइंड आउट करते हैं इस लॉसे इस लॉसेस की वैल्यू को हम क्या करते हैं निकालते हैं यहां पे बेसिकली लॉस फंक्शन के थ्रू अब हमारे पास लॉस आ जाता है तो उसके थ्रू हम कैसे वेटेज की वैल्यू को अपडेट करते हैं तो यूजिंग अ बैक प्रोवोकेशन अब ये बैक प्रोपेगेशन कैसे लगता है यहां पर जरा समझते हैं यहां पर तो ये जो बैक प्रोपेगेशन है गाइज यहां पर ये क्या इस्तेमाल करता है ये इस्तेमाल करता है गाइ यहां पर ग्रेडिएंट आपके पास डिसेंट का यस ग्रेडिएंट डिसेंट जो टेक्निक है यहां पर जिसके थ्रू आप क्या करते हैं पीछे जाते हैं पीछे जाने का मतलब क्या है गाइज यहां पर आप यहां पर पीछे जाएंगे जिसे हम बैकवर्ड बोलेंगे पीछे जाने के तरीके को हम क्या बोलते हैं बैकवर्ड बोलते हैं और पीछे जाके ये जो वेटेज आप देख रहे हैं ये जो बायस आप देख रहे हैं इनकी वैल्यू को अपडेट करते हैं कैसे करते हैं आप जरा समझते हैं यहां पर देखिए तो गाइज यहां पे बात करें तो ये फॉर्मूला क्या होगा तो दिस यूज़ ऑफ ग्रेडिएंट डिसेंट फॉर्मूला और ये ग्रेडिएंट डिसेंट फॉर्मूला कैसे काम करता है तो देखिए आपके पास जो w है यदि आपको इसकी नई वैल्यू निकालनी है तो इसके लिए आपको क्या करना पड़ेगा कि जो w की ओल्ड वैल्यू है मतलब जो पुरानी वैल्यू है इसमें से आपको सबस्टैक करना पड़ेगा क्विज किससे सबट करना है लैडा अब ये लैडा क्या है गाइज यहां पर इट्स कॉल्ड ऑफ लर्निंग रेट इट्स कॉल ऑफ आपके पास क्या आता है गाइज यहां पर लर्निंग रेट कहलाता है तो आपको लर्निंग रेट से सबस्टैक करना है और उसके बाद में आपको लगाना है dl8 करना है किससे विद रिस्पेक्ट ऑफ ड से यस विद रिस्पेक्ट ऑफ w से करना है अब बात करते हैं कि लॉस की वैल्यू क्या रही होगी तो यदि मैं लॉस फंक्शन की बात करूं अब यहां पे लॉस अकेला काम तो नहीं करेगा हमें बात करनी पड़ेगी किसके बारे में कॉस्ट के बारे में क्योंकि हमें एंटायस मान के चलूं कि ये रिग्रेशन एनालिसिस है यस हमारा यहां पे क्या है रिग्रेशन एनालिसिस है यहां पर रिग्रेशन के ऊपर हम बात कर रहे हैं बेसिकली तो इसके ऊपर जो लॉस में यहां पे लगा रहा हूं दैट अ मीन स्क्वायर लॉस यस यहां पे जो हम लॉस के ऊर बात कर रहे हैं कौन सा है मीन स्क्वायर लॉस है तो यदि मैं मीन स्क्वायर लॉस के बारे में बात करूं तो वो लॉस का फॉर्मूला क्या होगा गाइज यहां पर 1 / n समेशन ऑफ y माइ अबके क आएगा y हैड का होल स्क्वायर राइट ये होने वाला है अब यदि मैं y हैड की वैल्यू को यदि मैं वापस अपडेट करूं तो वो क्या होगा गाइज यहां पर तो ये होगा w1 x1 माइ ऑफ w2 x2 अभी मैं दो ही इनपुट ले रहा हूं यहां पर और माइनस ऑफ बायस का होल स्क्वायर बन जाएगा दैट इज आवर लॉस फंक्शन अब हमें क्या क्या रखना है dl2 करूं तो ये फार्मूला क्या बनने वाला है गाइज यहां पर विद एक्सपेक्ट ऑफ w अब w कौन सा है w1 है या w2 तो फिलहाल के लिए मैं w1 की बात कर रहा हूं यहां पर यस ये फंक्शन किसके लिए निकाला है w1 के लिए निकाला है तो मैं w1 लूंगा यहां पर ओके उसके बाद में ये w1 का फॉर्मूला क्या बनेगा तो 1 / n बन जाएगा यहां पर समेशन ऑफ यहां पे बनेगा y - w1 x1 माइनस ऑफ यहां पे w2 x2 फिर माइनस y का होल स्क्वायर फिर आपके पास क्या होगा - ऑफ x1 ये आपका dl1 w बन जाएगा अब ये लर्निंग रेट क्या है यस ये लर्निंग रेट क्या है तो इसको समझने के लिए पहले हमें लॉस फंक्शन के बारे में देखना पड़ेगा कि ये लॉस फंक्शन कैसा दिखाई देता है तो यदि मैं लॉस फंक्शन का कर्वेचर बनाऊं तो यदि मैं लॉस फंक्शन का कर्वेचर बनाऊं विद रिस्पेक्ट ऑफ किसके x के य विद रिस्पेक्ट ऑफ किसके x के तो मैं x1 के करेस्पॉन्डिंग्ली यहां पर वो कुछ इस तरह से बनेगा यस ये जो लॉस का ग्राफ बनेगा वो कुछ इस तरह से बनेगा अब इसमें क्या हुआ हमने क्या किया हमारी इनिला कुछ डबल रखा था लाइजेशन में हमने क्या रखा था कुछ डब्लू रखा था तो जो इनिला इजेशन में डबल रखा था वो क्या था हमारे पास यहां पे क रहा होगा हो सकता है यहां पे भी रहा होगा राइट हमें कहीं पे भी र होगा अब हमें क्या करना है गाइस यहां पर हमें w1 की वैल्यू यस मैंने गलती से लिख दिया यहां पर x1 हमें w1 निकालना है ओके तो हमें क्या करना है w1 की वैल्यू निकालनी है कब जब हमारा लॉस मिनिमम हो कब निकालना है हमारे पास यहां पर लॉस मिनिमम मिनिमम क्यों जब हमारे पास लॉस मिनिमम होगा तो जो w1 की वैल्यू मिलेगी वो बहुत ही ज्यादा क्या मिलेगी गाइज यहां पर एक्यूरेट मिलेगी उससे हमें क्या मिलेगा बैटर प्रोडक्शन मिलेगा तो हमें क्या करना है हमें हमारे लॉस को क्या करना है मिनिमम करना है लॉस को क्या करना है मिनिमम करना है अच्छा लॉस को मिनिमम करना है तो इस कर्वेचर के अंदर लॉस मिनिमम की वैल्यू की बात करूं तो वो कहां मिलेगी तो लॉस मिनिमम की वैल्यू हमें यहां पर देखने को मिलेगी और इसके करेस्पॉन्डिंग्ली जाना है तो यहां से यहां आने के लिए हमें किसका इस्तेमाल करना पड़ेगा इस ग्रेडियंट फॉर्मूले का इस्तेमाल करना पड़ेगा क्या करना पड़ेगा इस ग्रेडियन फॉर्मूले का इस्तेमाल करना पड़ेगा जिसके थ्रू हम इस पॉइंट से इस पॉइंट के अंदर पहुंच पाएंगे अदर वाइज यहां तक नहीं पहुंच सकते राइट तो अब हमें क्या करना है इस पॉइंट से इस पॉइंट तक पहुंचना है तो इस पॉइंट से इस पॉइंट तक पहुंचने के चलने के तरीके होते हैं मतलब हमें कैसे चलना है इसके लिए हम क्या करते हैं मेथड को स्टार्ट स्टार्ट करते हैं तो गाइज ये जो चलने का तरीका है पहला लने का तरीका क्या है गाइज यहां पर कि मैं इस इस तरह से चल जाऊं या तो फिर या तो मैं इस तरह से चल जाऊं इसमें एक प्रॉब्लम है क्या प्रॉब्लम है इसमें कि यदि मैं इस तरह से चल जाऊं तो कभी भी मैं अपने मिनिमम पॉइंट्स को कभी भी अचीव नहीं कर पाऊंगा रीजन क्यों क्योंकि देखिए जब मैं अगला स्टेप यहां पे चलना होंगा तब मैं यहां से यहां यहां से यहां करते हुए बाहर चला जाऊंगा तो बेसिकली इसमें एक बहुत बड़ी प्रॉब्लम है कि हम कभी भी हमारे मिनिमम पॉइंट को कभी भी अचीव नहीं कर पाएंगे तो अब यहां पे अल्टरनेटिव ऑप्शंस क्या है अल्टरनेटिव ऑप्शंस है कि हम यहां पे क्या करें हमारे जो स्टेप्स हैं उन्हें छोटे-छोटे से स्टार्ट करें यस हमारे जो स्टेप्स हैं उन्हें क्या करें हम यहां पे छोटे-छोटे छोटे-छोटे स्टेप्स से स्टार्ट करें और फिर हमारे जो मिनिमम पॉइंट है वहां पर पहुंच जाएं अब ये जो छोटे-छोटे चलने का तरीका होता है जो छोटे-छोटे चलने का तरीका को बनाता है यहां पर वो कौन बनाता है हमारा ये लर्निंग रेट बनाता है तो लर्निंग रेट के कंसेप्ट के ऊपर बात करें तो लर्निंग रेट क्या करता है गाइज यहां पर हमें हमारे चलने के तरीके को बताता है कि हमें किस तरीके से चलना है अब हमने क्या निकाला हमारा लॉस निकाला लॉस निकालने के बाद में हमने उसको डिफरेंशिएबल यहां पर हमारी पुरानी वाली वैल्यू ली w की जैसे पुरानी वाली वैल्यू क्या थी वन थी 1 माइनस अब ये लर्निंग रेट कितनी होनी चाहिए तो लर्निंग रेट डिपेंड करती है आप क्या लेना चाहते हैं आप अपने स्टेप को छोटा करना चाहते हैं तो इसकी वैल्यू 0.001 भी ले सकते हैं आप एवरेज रखना चाहते हैं तो 0.01 ले सकते हैं तो लर्निंग रेट जो होती है गाइज यहां पर वो क्या होती है यहां पर 0.1 से लगाकर आप 0.001 से भी आप ले सकते हैं यहां पर राइट ये अपने अकॉर्डिंग यहां पर अपने हिसाब से लर्निंग रेट डिसाइड कर सकते हैं उसके बाद आपको करना है लॉस का डिफरेंशिएबल का जैसे डिफरेंशिएबल यहां पे रखेंगे तो आपको डबली की न्यू वैल्यू मिल जाएगी और इस न्यू वैल्यू को लेके आप काम कर सकते हैं राइट तो ये आपका मेथड हुआ जहां पे आपने क्या किया सिंगल लेयर यस अभी हमने बात की है किसके बारे में सिंगल लेयर प् सेप्टन के ऊपर बात की है सिंगल लेयर प् सेप्टन के ऊपर ही हमने काम किया है राइट यदि हमारा मल्टी ल पसटन बन जाए तो वहां पे हमारा ड कैसे अपडेट होगा किस तरह से डब् काम करेगा उसको जरा समझते हैं तो देखिए ये फार्मूला आपका एज इट इज रहेगा फॉर्मूले के अंदर कोई चेंजेज नहीं होगा यहां पर मल्टी लेयर परसेप्ट्रॉन के अंदर आपके पास कुछ कहानी आपकी चेंज हो जाएगी कैसे चेंज होगी जरा यहां पर देखें तो जरा इसको समझते हैं कि मल्टी लाइप ऑफ्टन में क्या होगा यहां पर किस तरह से आपके पास वेटेज की वैल्यू अपडेट होगी कब हम यहां पर एक्चुअल प्रोसेस में पहुंच पाएंगे ये बलैक प्रपोजिशन कैसे काम करता है वो देखेंगे अ यहां पर तो चलिए जरा अब यहां पर समझते हैं कि किस तरह से काम होता है तो फिलहाल मैं यहां पर ज्यादा मॉडल को कॉम्प्लिकेट नहीं करूंगा मैं दो इनपुट के ऊपर ही काम करूंगा ताकि आप अच्छे से समझ पाए किस तरह से काम होता है तो मैंने यहां पे क्या किया दो इनपुट लिए हैं और दो इनपुट के ऊपर दो मैंने हिडन लेयर यहां पे डिसाइड की है और एक आउटपुट मैंने डिसाइड किया है दैट इज अ मल्टीलेयर क्लस अपटन जिसे आप आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क भी बोलते हैं राइट अब क्या होगा ये आपका इससे कनेक्टेड होगा एंड देन ये इससे कनेक्टेड होगा ये इससे कनेक्ट हो जाएगा ये इससे कनेक्टेड हो जाएगा और ये दोनों आपके पास इससे कनेक्ट हो जाएंगे और यहां से आपका y आउटपुट मिल जाएगा मतलब y प्रोडक्शन मिल जाएगा अब देखिए क्या होगा गाइज यहां पर x1 आपका यहां पे कनेक्टेड होगा एंड यहां पे मैं बात करूं तो आपका x2 यहां पे कनेक्ट हो जाएगा अब देखिए इसको मैं मान लेता हूं w1 मान लेता हूं इसको मैं w2 मान लेता हूं इसको मैं w3 मान लेता हूं एंड इसको मैं w4 मान लेता हूं अब जब ये आपस में जाएंगे तो यहां पे आपको क्या मिलेगा यहां पे आपको आउटपुट मिलेगा और ये आउट आट क्या मिलेगा गाइज यहां पर आउटपुट वन एंड देन आउटपुट टू यस ये आपको मिलेगा और ये क्या करेगा गाइज यहां पर w5 एंड w6 से कनेक्टेड होते हुए y आउटपुट निकालेंगे अब हमें क्या करना है बैकवर्ड प्रोपो केशन करना है तो जस्ट सपोज w5 को अपडेट करने गया तो w5 को अपडेट कैसे करेंगे यहां पर तो w5 जो होगा यहां पर न्यू यस w5 जो न्यू होगा गाइज यहां पर वो क्या होगा कि w5 जो हमारा ओल्ड होगा उसमें से सबस्टैक करेंगे किसे गाइज यहां पर सबट करना है पहले तो हमें लर्निंग रेट से मल्टीप्लाई करना है उसके बाद d बाय आपका पास क्या करना है w फाइव करना है राइट अब यहां पे लॉस का फंक्शन की इक्वेशन क्या बनेगी यस ये जो लॉस के फंक्शन की इक्वेशन है यहां पर वो क्या बनने वाली है जरा अब उसके ऊपर डिस्कस करते हैं तो देखिए हमारे पास l की वैल्यू क्या बनने वाली है यहां पे गाइ उसकी बात करें यहां पर तो देखिए ये जो लॉस की फंक्शन है यहां पर ठीक है वो क्या बनेगा गाइज यहां पर तो ये 1 / n बनेगा यहां पर समेशन ऑफ आएगा यहां पर आपके पास क्या आएगा सबसे पहले ये y आएगा यस y ओरिजिनल आएगा अब y हैड की बारी है अब इस y हैड के बारे में बात करें यहां पर तो ये y हैड क्या बनेगा गाइज यहां पर ये y हैड बनेगा आपके पास यहां पर यस इस वाय हेड के बारे में बात करें तो ये क्या बनेगा आपके पास एक एक्टिवेशन फंक्शन आएगा उसके बाद में एक्टिवेशन फंक्शन कब काम आता है बाहर आउटपुट के लिए काम आता है तो फिलहाल के लिए अभी यहां पे एक्टिवेशन फंक्शन हम हटा रहा हूं यहां पर अब देखिए इसका इनपुट क्या है गाइज यहां पर o1 इसका इनपुट है और ये किसके साथ मल्टीप्लाई हो रहा है w5 के साथ ठीक है किसके साथ मल्टीप्लाई हो रहा है w5 के साथ प्लस यहां पे क्या है गाइज यहां पर o2 इसका मल्टीप्लिकेशन है यहां पर और ये किसके साथ कनेक्ट हो रहा है w6 के साथ कनेक्ट हो रहा है अब देखिए o1 आउटपुट क्या है आपके डिजर इनपुट ही है यहां पर लेकिन ये किससे आए हैं यहां पर ये आए हैं आपके x1 x2 से तो अब मुझे o1 और o2 की वैल्यू निकालनी पड़ेगी तो यदि मैं y हेड की बात करूं यस किसकी बात करूं y हेड की बात करूं तो y हेड की इक्वेशन क्या हो जाएगी तो देखिए ये जो o1 है इस o1 की इक्वेशन क्या होगी गाइ यहां पर o1 की इक्वेशन होगी w x1 * w1 ठीक है उसके बाद में क्या होगा गाइज यहां पर आपके पास देखिए x2 * w2 यस क्या होगा यहां पर प्लस आपके पास x2 * w2 प्लस यहां पर प्लस यहां पर इसके अंदर भी क्या आगा गाइज यहां पर 2 आएगा यस इसके अंदर क्या आएगा 22 आएगा 22 b1 कर देता हूं यहां पर इसका बा मैं b1 कर देता हूं अच्छा इसके अंदर 22 नहीं लगा है यहां पर b1 b2 एंड b3 कर देते हैं राइट तो b3 आ गया ये किसका आया गाइज यहां पर ये o1 की वैल्यू आई है इस o1 की वैल्यू को हमें मल्टीप्लाई करना पड़ेगा किससे w5 से मल्टीप्लाई करना पड़ेगा प्लस उसके बाद में अब बारी है किसकी गाइज यहां पर o2 की o2 की बात करें यहां पर तो o2 के लिए क्या केसेस आएगा गाइज यहां पर o2 के लिए यदि मैं बात करूं तो आपके पास क्या आएगा आपका x1 आएगा x1 किससे मल्टीप्लाई होगा गाइज यहां पर w3 से मल्टीप्लाई देखिए ये रहा w3 लिखा यहां पर तो ये देखिए x1 * क्या आएगा w3 प्लस यहां पे आपके पा क्या आएगा x2 * w4 आ जाएगा यहां पर प्लस आपके पास बायस टू ऐड हो जाएगा यहां पर अब इसके साथ क्या मल्टीप्लाई होगा यहां पर w6 हो जाएगा और प्लस आपका जनरल जो बायस है वो आपके पास आएगा तो आपने o1 o2 और बायस तीनों की वैल्यू निकाल ली है यहां पर अब आपके पास ये आपके पास क्या आई y प्रोडक्शन की वैल्यू आई है ये y प्रोडक्शन की वैल्यू यहां रखनी है ये वा प्रोडक्शन की वैल्यू क्या रखनी है यहां रखनी है तो ये आपका लॉस का फंक्शन बन जाएगा अब हमें क्या करना है गाइज यहां पर इसे पूरा ओपन करना है और w5 यस w5 को अपडेट करना है तो w5 के करेस्पॉन्डिंग्ली को क्या करेंगे अपडेट करेंगे जैसे-जैसे हम इसे अपडेट करेंगे तो उससे हमारे पास क्या होगा हमारा जो फाइनल आउटपुट है वो हमें यहां पर देखने को मिल जाएगा और हमारे पास जो लॉस है वो मिनिमम हो जाएगा और हमें क्या मिलेगी यहां पर गाइज यहां पर हमें हमारे जो डब्लू और बायस की जो ऑप्टिमम सॉल्यूशन है यहां पर वो हमें देखने को मिल जाएगी इस प्रोसीजर को हम बैकवर्ड प्रोपेगेशन बोलते हैं बैकवर्ड प्रोपेगेशन के अंदर हम क्या कर रहे हैं गाइज यहां पर पीछे जाके यस बैक जाके हम क्या कर रहे हैं कि ये जो डब् और वेटेज की जो वैल्यू है यहां पर इन्हें यहां पर क्या कर रहे हैं अपडेट कर रहे हैं तो दैट इज कॉल ऑफ यहां पर बैकवर्ड प्रोपेगेशन और इसके लिए हम क्या करते हैं गाइज यहां पर हम इस प्रोसेसर के लिए हम क्या यूज़ कर रहे हैं हम यूज़ कर रहे हैं यहां पर ग्रेडिएंट डिसेंट को यस किसे यूज कर रहे हैं यहां पर ग्रेडिएंट डिसेंट को यूज़ कर रहे हैं ग्रेडिएंट डिसेंट की हेल्प से हम क्या करते हैं हमारे जो आपके पास जो वेटेज या वायु की वैल्यू को क्या करते हैं अपडेट करते हैं तो गाइज ये पूरा प्रोसेसर रता है इदर अ मैथमेटिकल प्रोसेस जिसके थ्रू हम वेटेज और वायस की वैल्यू को अपडेट हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डब्ल्यू एस क्यूब टेक माय सेल्फ गौरव और आज के इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे एक्टिवेशन फंक्शन के बारे में तो चलिए जानते हैं एक्टिवेशन फंक्शन क्या होता है और इसे कहां यूज किया जाता है और कितने तरीके का होता है यहां पर देखिए जब हमने यहां पर सिंगल लेयर परसेप्ट को समझा था तो सिंगल लेयर परसेप्ट के अंदर हमने क्या देखा था कि सबसे पहले हमारे पास जो भी हमारा इनपुट डटा होता है मतलब जो भी हमारा डेटा सेट होता है उस डेटा के अंदर जो भी हमारे इनपुट फीचर्स होते हैं यहां पर वो सारे इनपुट्स क्या होते हैं वेटेज के साथ आपके पास क्या होता है मल्टीप्लाई हो जाते हैं और उसके बाद आपके पास क्या होता है बायस के साथ जाके क्या होता है समेशन हो जाते है अब ये जो बायस के साथ समेशन होने के बाद में जो आपका आउटपुट है वो आगे जाता है यहां पर तो आगे जाते वक्त हमारे पास डिपेंडेंसी रहती है कि हमारा जो आउटपुट निकलने वाला है वो आपके पास क्या है बाइनरी है या फिर लीनियर है यस या फिर बाइनरी या फिर मैं बोल सकता हूं यहां पर रिग्रेशन है यस रिग्रेशन मतलब आपका कंटीन्यूअस है यहां पर तो उसके ऊपर डिपेंड करता है कि आपके पास आउटपुट क्या है अब देखिए यहां तक जो आपका आउटपुट निकल के आता है ये आपके पास क्या होता है एक नंबर होता है जो कि रेंज होती है और ये रेंज आपके पास क्या होती है यहां पर माइनस इनफिनिटी टू इनफिनिटी के बीच में होती है राइट अब आपके पास कुछ भी नंबर हो सकता है अब आपके पास जो आपका डिजायर आउटपुट है वो बाइनरी आपके पास है तब आपको क्या करना पड़ता है कि ये जो भी रिजल्ट है उस रिजल्ट को एक फंक्शन से पास कराना पड़ता है और दैट फंक्शन इज कॉल्ड ऑफ एक्टिवेशन फंक्शन यस आपको एक फंक्शन से पास कराना पड़ता है इस आउटपुट को ताकि आप अपने डिजायर्ड आउटपुट को क्या कर सके गेट कर सके इसके साथ-साथ जब आप यहां पर मल्टी लेयर प्रिसेप्ट के अंदर वर्क करते हैं तो मल्टी लेयर प्रिसेप्टर में क्या होता है कि बहुत सारे सिंगल लेयर जो न्यूरल नेटवर्क होते हैं या सिंगल लेयर जो प्रेसटन होते हैं वो आपस में कनेक्टेड होते हैं तो वो क्या करते हैं अपना जो आउटपुट है वो अगले न्यूरल नेटवर्क को देते हैं अगला न्यूरल नेटवर्क उसके अगले न्यूरल नेटवर्क को देता है अपना आउटपुट तो बेसिकली ये जो आउटपुट है वो आगे से आगे क्या होता है आपका ट्रांसर होता है तो इस ट्रांसफर के दौरान आपके पास क्या करना पड़ता है आपके जो आउटपुट है इस आउटपुट को एक रेंज के अंदर कन्वर्ट करना होता है या फिर इस आउटपुट को एक आपके पास क्या करना पड़ता है आपके पास चेंजेज करना होता है राइट तो उसके लिए आप क्या करते हैं एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल करते हैं जैसे आपका जो आउटपुट है वो माइनस इनफिनिटी टू इनफिनिटी के बीच में आ गया लेकिन अब आप चाहते हैं कि आपका जो आउटपुट है वो बाइनरी में आए या तो जीरो आए या फिर वन आए तो फिर उसके लिए आपको क्या करना पड़ेगा उसके लिए फिर आपको एक्टिवेशन फंक्शन को चूज करना पड़ेगा एक्टिवेशन फंक्शन के थ्रू आप यहां पे क्या कर कर सकते हैं उसको आउटपुट को चेंजेज कर सकते हैं तो बेसिकली आपके पास यहां पर न्यूरल नेटवर्क के अंदर एक्टिवेशन फंक्शन बहुत ही ज्यादा जरूरी है अब हम बात करते हैं कि एक्टिवेशन फंक्शन जो होता है वो कितने तरीके होता है तो बेसिकली एक्टिवेशन फंक्शन के अंदर बात करें तो आपके पास बाइनरी होता है लीनियर होता है आपके पास यहां पर और नॉन लीनियर आपके पास फंक्शन होता है ये तीन तरह के एक्टिवेशन फंक्शन होते हैं देखिए जनरली जो हम जो एक्टिवेशन फंक्शन जो इस्तेमाल करते हैं वो हमारे सारे के सारे कैसे होने चाहिए नॉन लीनियर होने चाहिए क्योंकि जब हम रियल वर्ल्ड डाटा के ऊपर काम करते हैं तो उसके अंदर हमें बहुत रेयर चांसेस होते हैं कि हमारा जो डेटा सेट है वो लीनियर को फॉलो करें तो जब हमारा डाटा लीनियर को फॉलो नहीं कर रहा होता है तो उस वक्त हमें यहां पर नॉन लीनियर आपके पास एक्टिवेशन फंक्शन की जरूरत पड़ती है तो बस हमें इनकी ही सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है तो इनके बारे में आज हम थोड़ा और डिटेल के साथ जानेंगे चलिए अभी हम जानते हैं कि एक्टिवेशन फंक्शन कैसे काम करते हैं और इनके मैथमेटिकल फॉर्मूले क्या है यहां पर जरा इनको देखते हैं देखिए सबसे पहले मैं बात करूं यहां पर बाइनरी स्टेप फंक्शन के बारे में तो बाइनरी स्टेप फंक्शन आपका बहुत ही सिंपल एक्टिवेशन फंक्शन होता है ये एक्टिवेशन फंक्शन कैसे काम करता है कि जो भी आपका y हेट आ रहा है यहां पर y हेट कैसे आ रहा है यहां पर आपका x1 w1 प्लस यहां पर x2 आपके पास w2 आ रहा है यहां पर प्लस आपका y आ रहा है जैसे ये आपके पास आ रहा है तो ये जो y आपके पास आ रहा है इस y को चेक करता है इस y को चेक करके क्या करता है गाइज यहां पर इस y को चेक करके यहां पर लाता है कि ये ग्रेटर दन 0 है या फिर लेस दन ़ है यदि आपके पास यहां पर जो वैल्यू है लेस दन ़ है यहां पर तो उसे रो कर देता है और यदि आपके पास ग्रेटर दन इक्व ट 0 है यहां पर तो आपके पास क्या करता है वन कर देता है बस इतना ही इसका काम है यहां पर कि आपके पास जो जो भी आपका आउटपुट आ रहा है यहां पर उस आउटपुट को चेक करता है कि वो आपके पास यहां पर पॉजिटिव है या नेगेटिव है पॉजिटिव है तो आपके पास वन कर देगा और नेगेटिव है तो उस जगह पे क्या कर देता है गाइज यहां पर जीरो कर देता है उसे यहां पर तो इस तरह से आपके पास क्या काम करता है ये बाइनरी स्टेप फंक्शन आपके पास यहां पे वर्क करता है बाइनरी स्टेप फंक्शन का यदि आप ग्राफ देखेंगे तो वो कुछ इस तरीके से आपको नजर आता है चलिए अब हम बात करते हैं यहां पर लीनियर एक्टिवेशन फंक्शन के बारे में देखिए लीनियर एक्टिवेशन फंक्शन कब आपको इस्तेमाल करना चाहिए यस जब आपका जो आउटपुट है वो रिग्रेशन हो तो रिग्रेशन के अंदर आपके पास क्या होता है कि आपका जो भी आउटपुट है वो आउटपुट के तौर पे आपको वापस दिखाना होता है यहां पर तो उस वक्त आपके आउटपुट के अंदर कोई भी चेंजेज नहीं करना होता है अब जब आपके पास आउटपुट के अंदर कोई भी चेंजेज नहीं करना होता है तो उस वक्त आपको कौन से एक्टिवेशन फंक्शन की जरूरत पड़ेगी तो वहां पे आप लीनियर एक्टिवेशन फंक्शन को फॉलो कर सकते हैं लीनियर एक्टिवेशन फंक्शन कैसा होता है गाइज यहां पर वो फंक्शन होता है y = आपके पास x होता है मतलब आप x के अंदर जो भी वैल्यू रखेंगे y आपको दोबारा वही वैल्यू रिटर्न कर देगा मतलब y की वैल्यू के अंदर कोई चेंजेज आपको नहीं देखने को मिलेगा तो बेसिकली गाइज लीनियर इवेशन फंक्शन की बात करें यहां पर तो ये कब काम आता है जब आपके जो आउटपुट है डिजर आउटपुट है वो लीनियर आपको रखना हो तब आप क्या कर रहे हैं इसका इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन जब हम आपके रियल वर्ल्ड डाटा के ऊपर काम करते हैं तो रियल वर्ल्ड डाटा के अंदर क्या होता है गाइज यहां पर कि जो आपके पास यहां पे इनपुट्स लेयर होते हैं इस इनपुट लेयर के बाद में आपके पास जो हिडन लेयर होती है वो हिडन लेयर जाके आपके पास और हिडन लेयर से कनेक्टेड होती है एंड देन आपके पास क्या होती है आउटपुट्स के साथ कनेक्टेड होता है तो इस वक्त जब आपके पास इंटरनली जब आपके पास यहां पे वर्किंग चल रहा होता है इसके साथ-साथ जब आप आप यहां पे बाहर अपने आउटपुट के ऊपर जा रहे होते हैं तब आपका जो डाटा होता है वो नॉन लीनियर हो सकता है इसके साथ-साथ क्लासिफिकेशन इन नेचर का हो सकता है तो देन उस वक्त हम यहां पर कौन से एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल करेंगे तो वहां पे हम जो एक्टिवेशन फंक्शन इस्तेमाल करते हैं वो होता है हमारा नॉन लीनियर एक्टिवेशन फंक्शन जो कि बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट होता है यहां पर अब इस नॉन लीनियर एक्टिवेशन फंक्शन के अंदर कौन-कौन से एक्टिवेशन फंक्शन आते हैं तो उसके अंदर हमारे पास जो पहला आता है दैट इज अ सिग्मो इड एक्टिवेशन फंक्शन जो कि लॉजिस्टिक एक्टिवेशन फंक्शन भी कहलाता है यहां पर उसके बाद आता है आपका 10 एच आता है फिर आपका रेलो आता है फिर आपका सॉफ्ट मैक्स फंक्शन आता है तो ये आपके पास क्या है चार तरीके के एक्टिवेशन फंक्शन होते है जो कि नॉन लीनियर एक्टिवेशन फंक्शन है नॉन लीनियर जब आपके पास डाटा आता है तो उनके अंदर क्लासिफाई करने के लिए काम में ले जाता है अब ये कब और कौन सा किस वक्त यूज करना चाहिए वो अब जरा थोड़ा डिटेल के साथ देखते हैं तो देखिए सबसे पहले मैं बात करूंगा यहां पर सिगमॉड फंक्शन के बारे में ये है होता है हमारा सिगमंड फंक्शन की इक्वेशन यहां पर इस सिगमंड फंक्शन को आपने पहले भी यूज किया है कब यूज किया है जब आपने ल टिक रिग्रेशन बड़ा होगा तो देखिए गाइ लॉजिस्टिक रिग्रेशन के अंदर हमने क्या देखा गाइ यहां पर कि हमारा जो आउटपुट होता है वो क्या होता है जीरो होता है या वन होता है मतलब हमारा जब भी आउटपुट बाइनरी केसेस के अंदर हमारे पास निकलना आ जाए तब हम क्या करते हैं यहां पर सिग्मो इड फंक्शन को इस्तेमाल करते हैं तो देखिए जब भी आपका जो आउटपुट है डिजायर आउटपुट जो है गाइ यहां पर वो कैसा हो जाए गाइज यहां पर बाइनरी हो जाए यस कैसा हो जाए बाइनरी बाइनरी का मतलब आपका जो आउटपुट है वो जीरो या वन के अंदर आपको देखने को मिले तो आपको कौन सा एक्टिवेशन फंक्शन इस्तेमाल करना है दैट इज सिगमॉड एक्टिवेशन फंक्शन आपको इस्तेमाल करना है राइट इसका कर्व जो आप देखेंगे तो ये कर्व जो होता है गाइज यहां पर ये आपके पा क्या करता है रो से लेके वन के बीच में ही आपके पास लाई करता है मतलब इसका कर्वेचर आपको रो से लेके वन के बीच में ही देखने को मिलेगा अब इस एक्टिवेशन फंक्शन की आपके पास क्या बेनिफिट है तो देखिए इस एक्टिवेशन फंक्शन के बेनिफिट्स की बात करें तो दैट इज़ अ डिफरेंशिएबल एक्टिवेशन फंक्शन देखिए हमें एक्टिवेशन फंक्शन ऐसे ढूंढने चाहिए जो कि डिफरेंशिएबल हो यस हमें डिफरेंशिएबल एक्टिवेशन फंक्शन होने चाहिए जिसके थ्रू हम आगे क्या कर सके हम ग्रेडिएंट डिस्टेंस के अंदर यूज कर सके यदि हमारे पास नॉन डिफरेंशिएबल एक्टिवेशन फंक्शन होगा तो हम उसे ग्रेडिएंट डिसेंट के अंदर यूज नहीं कर पाएंगे और जब हम उसे ग्रेडिएंट डिसेंट के अंदर यूज नहीं कर पाते हैं तो हम हमारे जो आपके पास वेटेज है उन वेटेज की वैल्यू को अपडेट नहीं कर पाते हैं तो बेसिकली वेटेज की वैल्यू को अपडेट करने के लिए हमें क्या चाहिए गाइज यहां पर हमें आपके पास डिफरेंशिएबल एक्टिवेशन फंक्शन चाहिए और जो हमारा ये जो सिग्मो इड फंक्शन है है ये आपके पास क्या है एक डिफरेंशिएबल एक्टिवेशन फंक्शन है इसे हम क्या कर सकते हैं गाइज यहां पर हम इसका यूज कर सकते हैं कब यूज़ कर सकते हैं गाइज यहां पर गेड एंड डिस्टेंट के अंदर यूज़ कर सकते हैं इसके साथ-साथ जब भी हमारा जो आउटपुट है जो हमारा डिजायर आउटपुट है वो बाइनरी में हो तब भी हम इसका यूज़ कर सकते हैं अब इसके अंदर जो सबसे बड़ी प्रॉब्लम है वो ये है कि ये जो एक्टिवेशन फंक्शन है वो जीरो सेंटर्ड नहीं है अब जीरो सेंटर का मतलब क्या है यहां पर जब आप यहां पर इसकी एरर निकालते हैं तो इसका एरर का जो मीन होता है वो जीरो कभी भी नहीं आता मतलब ये जीरो सेंटर्ड आपके पास यहां पर एक्टिवेशन फंक्शन नहीं है यहां पर अब जीरो सेंटर एक्टिवेशन फंक्शन नहीं होने की वजह से क्या होगा यहां पर तो जीरो सेंटर एक्टिवेशन फंक्शन नहीं होने की वजह से इसके अंदर आपके पास क्या होता है गाइज यहां पर आपके पास वर्निल ग्रेडिएंट डिसेंट की प्रॉब्लम आती है अब ये वनिस ग्रेडिएंट डिजइन क्या होती है यहां पर तो इसको आने वाले वीडियो के अंदर हम और ज्यादा डिटेल के साथ देखने वाले हैं तो बेसिकली लॉजिस्टिक एक्टिवेशन फंक्शन या सिगमॉड एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल बाइनरी के अंदर आप कर सकते हैं इसके साथ-साथ ये डिफरेंशिएबल है तो इसका यूज आप ग्रीड डिस्टन के अंदर भी कर सकते हैं चलिए अगले एक्टिवेशन फंक्शन के अर बात करते हैं तो अगला एक्टिवेशन फंक्शन है 10 एच एक्टिवेशन फंक्शन यस 10 एच एक्टिवेशन फंक्शन आपके पास यूज किया जाता है जब आप यहां पर आरएनए नेटवर्क के ऊपर काम करेंगे मतलब रिक्रूटर न्यूरल नेटवर्क के ऊपर काम करेंगे तब आप 10 एच एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल करेंगे इसके पीछे रीजन ये है कि इसका जो आउटपुट है वो -1 से लेके वन के बीच में लाई करता है एंड देन ये आपका जो एक्टिवेशन फंक्शन है वो डिफरेंशिएबल भी है इसके साथ-साथ ये जीरो सेंटर्ड भी है मतलब यहां पे वर्नेस ग्रेडन डिसेंट की जो प्रॉब्लम है गाइज यहां पर वो आपको नहीं देखने को मिलती है तो बेसिकली नच एक्टिवेशन फंक्शन जो है गाइज यहां पर इसका इस्तेमाल हम कहां करने वाले हैं आरएनएन नेटवर्क्स के अंदर करने वाले हैं लेकिन अब यहां पे पॉइंट आता है कि हमारे आउटपुट यदि हमारा जो डिजायर आउटपुट है वो बाइनरी ना होके कैटेगरी कल हो जाए कैटेगरी कल का मतलब क्या है गाइज यहां पर आपका जो आउटपुट है वो आपके पास बहुत सारी कैटेगरी के अंदर है जैसे कैट आपके पास हो गया डॉग आपके पास हो गया काउ आपके पास हो गया तब आपको क्या करना है तो देखिए जब आप सिगमॉड फंक्शन का इस्तेमाल करते हैं तो या फिर फिर जब आप t का एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल करते हैं तो वहां पे जो डिजल आउटपुट होता है वो आपके पास क्या होता है बाइनरी के अंदर काम करता है लेकिन आपके पास यहां पर एक से ज्यादा आउटपुट हो जाए तब आपको क्या करना है तब आपको क्या करना है सॉफ्ट मैस एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल करना है ये भी आपके पास क्या है डिफरेंशिएबल है यहां पर और ये कब काम आता है गाइज यहां पर ये उस वक्त काम आता है जब आपके जो आउटपुट है वो आपके पास क्या दो से ज्यादा आउटपुट आपके पास निकलना जाए तब आपके पास क्या करता है सॉफ्टवेयर फंक्शन यहां पे वर्क करता है तो उस वक्त आपको क्या करना है सॉफ्टवेयर एक्टिवेशन फंक्शन को इस्तेमाल करना है चलिए अब हमारे पास रह गया हमारे हिडन लेयर के अंदर क्या यूज़ कर सकते हैं देखिए हिडन लेयर के अंदर आप लीनियर एक्टिवेशन फंक्शन को इस्तेमाल नहीं कर सकते रीजन बहुत सिंपल सा यहां पर है क्योंकि जब आप लीनियर एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल करते हैं तो आपको वनिस ग्रेडिएंट डिसेंट प्रॉब्लम देखने को मिलती है मतलब आप आगे से आगे डाटा ट्रांसफर करते हैं तब आपके पास क्या आती है वनिस ग्रेडिएंट डिसेंट प्रॉब्लम आ जाती है तो फिर उसको रोकने के लिए हम क्या करते हैं यहां पर रिलो एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल करते हैं रिलो एक्टिवेशन फंक्शन जो है गाइज यहां पर ये लीनियर फंक्शन से डिफरेंस है राइट लीनियर एक्टिवेशन फंक्शन से बहुत ज्यादा डिफरेंशिएबल इसका जो फंक्शन का जो फार्मूला है गाइज यहां पर वो क्या होता है मैक्स 0x होता है जबकि लीनियर फंक्शन का यदि आप बात करेंगे तो वो क्या होता है fx2 x आपके पास होता है वहां पे नेगेटिव और पॉजिटिव वैल्यू दोनों कंसीडर कर सकते हैं लेकिन मैं बात करूं यहां पर तो रिलो एक्टिवेशन फंक्शन के अंदर ऐसा नहीं होता है सेकंड चीज आपके पास क्या होता है लीनियर एक्टिवेशन फंक्शन क्या होता है लीनियर को फॉलो करता है और यदि मेरा डाटा नॉन लीनियर आ जाता है तब हम क्या कर सकते हैं तो नॉन लीनियर डाटा के लिए आप रिलो एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि ये नॉन लीनियर एक्टिवेशन फंक्शन है यहां पर अब यहां पे बात करें क्या ये डिफरेंशिएबल है तो यस ये डिफरेंशिएबल है आप इसको डिफरेंशिएबल डिफरेंशिएबल जनरली हिडन लेयर्स के अंदर किया जाता है तो एक समरी बात करें यहां पर कि कौन सा एक्टिवेशन कब इस्तेमाल करना है तो देखिए जब आप रिग्रेशन एनालिसिस के अंदर वर्क कर रहे हैं तब आप लीनियर एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल करेंगे जब आप बाइनरी क्लासेस में काम कर रहे हैं तब आप सिग्मो इड फंक्शन का इस्तेमाल करेंगे जब आप मल्टी क्लास की बात कर रहे हैं तब आप यहां पे सॉफ्टवे का इस्तेमाल करेंगे जब आप मल्टी लेवल की बात कर रहे हैं तब आप क्या करेंगे सिग्मा एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल करेंगे इसके साथ-साथ जब आप कन्वेंशनल न्यूरल नेटवर्क की बात कर रहे हैं तब आप क्या करेंगे लो का इस्तेमाल करेंगे और हिडन लेयर जो हमारी होती है यस हिडन लेयर जो होती है उस हिडन लेयर के अंदर भी आप रलो का इस्तेमाल कर सकते हैं उसके बाद रिक्रूटर न्यूरल नेटवर्क की बात करें तो ल नेटवर्क के अंदर हिडन लेयर के अंदर आप 10 का इस्तेमाल कर सकते हैं और सिग्मो इड एक्टिवेशन फंक्शन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं यहां पर तो ये अलग-अलग न्यूरोल नेटवर्क के अंदर आप अलग-अलग डिफरेंट डिफरेंट टाइप्स के एक्टिवेशन फंक्शन को इस्तेमाल करके अपना जो डिजायर आउटपुट है वह लेके आ सकते हैं हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डब्ल्यू कपटेक माय सेल्फ गौरव और आज के इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे लॉस फंक्शन के बारे में तो देखिए लॉस फंक्शन होता क्या है यहां पर और यह क्यों निकाला जाता है यहां पर यस यह क्यों यहां पर लाया गया है यहां पर इसके बारे में जरा जानते हैं देखिए जब भी आप कोई डीप लर्निंग न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर जब आपने मशीन लर्निंग पढ़ी होगी तो मशीन लर्निंग के अंदर जब भी आप कोई एल्गोरिथम का इस्तेमाल करते हैं व अथम कितना स्कोर करती है स्कोर का मतलब कितना एक्यूरेसी के साथ आंसर देती है तो वो तो होता है हमारे पास एक्यूरेसी स्कोर मतलब कितना अच्छा रिजल्ट देती है दैट एक्यूरेसी स्कोर इसके साथ-साथ हमारी जो एल्गोरिथम है वो कितने गलत प्रोडक्शन करती है या फिर कितना गलत आंसर देती है इस चीज को मेजर करने के लिए हम यहां पे यूज करते हैं लॉस फंक्शन का तो बेसिक लॉस फंक्शन का मतलब ये होता है कि हमारे पास जो हमारा आंसर आ रहा है चाहे वो मशीन लर्निंग के कांसेप्ट में हो चाहे वो डीप लर्निंग के कांसेप्ट में हो कि जो भी हम जो यहां पर इनपुट दे रहे हैं उस इनपुट के बेसिस पे जो हमारा आउटपुट निकल के आ रहा है वो हमारे ओरिजिनल आउटपुट से कितना डिफरेंस आ रहा है यहां पर जो आंसर निकल के आता है दैट इज अ कॉल ऑफ लॉस और उस चीज को निकालने के लिए हम जिस फंक्शन का इस्तेमाल करते हैं दैट इज अ लॉस फंक्शन यदि आपको python-tk के ऑनलाइन एंड ऑफलाइन बने बैच के अंदर जॉइन करके आप अपने स्किल को इंप्रूव कर सकते हैं इसके लिए दिया ग कांटेक्ट नंबर पे कॉल करके आप हमारी टू डेमो फ्री क्लासेस ले सकते जैसे लॉस फंक्शन की बात करें तो लॉस फंशन का मतलब क्या हुआ यहां पर तो लॉस फंक्शन का बेसिक मतलब ये हुआ कि हमारे पास जो भी हमारा ओरिजिनल डाटा है यहां पर उसमें से जो हमारा प्रिडिक्टेड डाटा है यस जो हमारा प्रिडिक्टेड डाटा है इसको हम यहां पर सबस्टैक कर दें तो ये जो हमें रिजल्ट मिलता है गाइ यहां पर यस दैट इज कॉल्ड ऑफ लॉस और इसको हम जब फंक्शंस के थ्रू यहां पे निकालते हैं यहां पर तो दैट इज कॉल्ड ऑफ लॉस फंक्शन अब गाइ यहां पर लॉस फंक्शन की जरूरत क्यों पड़ती है तो देखिए जब भी आप मशीन लर्निंग के अंदर काम कर रहे हैं तो वहां पे आप इस्तेमाल करते हैं एल्गोरिथम का का उस एल्गोरिथम के अंदर आपके पास एल्गोरिथम के क्या होते हैं कुछ पैरामीटर्स होते हैं जैसे एग्जांपल के तौर पे आप सिंपल लीनियर रिग्रेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सिंपल लीनियर रिग्रेशन के अंदर आपकी जो इक्वेशन होती है वो होती है y = mx-p लर्निंग में काम कर रहे होते हैं तो डीप लर्निंग के अंदर होता है आपका न्यूरल नेटवर्क और इस न्यूरल नेटवर्क के अंदर जब आप यहां पर एल्गोरिथम की बात करें इस न्यूरल नेटवर्क की एल्गोरिथम की बात करते हैं या इस न्यूरल नेटवर्क की इक्वेशन की बात करते हैं तो वो क्या होता है यहां पर y हैट इक्वल टू तो वो इक्वेशन होती है w1 x1 प्स यहां पे w2 x2 + n सो ऑन करते हुए आपके पास बायस ब राइट ये क्वेश्चन होती है इसके अंदर आपके पास यहां पर w1 w2 और बायस ये आपके पास क्या होता है इसके पैरामीटर्स होते हैं इन पैरामीटर्स की हमें क्या चाहिए वैल्यू चाहिए अब वैल्यू कौन सी वाली चाहिए यहां पर जिसके ऊपर हमारे जो लॉसेस है वो मिनिमाइज आ सके तो बेसिकली हम क्या करते हैं कि हमारे पास मशीन लर्निंग के अंदर जो हमा पैरामीटर्स होते हैं और डीप लर्निंग के अंदर जो हम न्यूरल नेटवर्क इस्तेमाल कर र होते हैं उन न्यूरल नेटवर्क के जो पैरामीटर्स होते हैं उन पैरामीटर्स को निकालने के लिए मतलब वो आपके पास यहां पर पैरामीटर बेस्ट पैरामीटर्स फाइंड आउट करने के लिए हम क्या करते हैं लॉस फंक्शन का इस्तेमाल करते हैं मतलब आपके पास जितना कम लॉस होगा यहां पर उतने ही बेस्ट पैरामीटर्स हमें यहां पर देखने को मिलेंगे तो बेसिकली लॉस फंक्शन का इस्तेमाल किस चीज के लिए किया जाता है लॉस फंक्शन का इस्तेमाल आपके पास किसी भी पैरामीटर्स को बेस्ट निकालने के लिए मतलब आपके पास यहां पे क्या है पैरामीटर की बेस्ट वैल्यू फाइंड आउट करने के लिए हम क्या करते हैं लॉस फंक्शन का इस्तेमाल करते हैं अब यहां पे दो टर्म्स लॉजी आती है पहली टर्म्स लॉजी आती है आपके पास यहां पर लॉस फंक्शन दूसरी पैरामीटर्स आता है आप पास यहां पर कॉस्ट फंक्शन तो लॉस फंक्शन एंड कॉस्ट फंक्शन में क्या डिफरेंशिएबल फंक्शन और कॉस्ट फंक्शन में क्या डिफरेंशिएबल फंक्शन और कॉस्ट फंक्शन में बहुत ज्यादा डिफरेंस है काफी लोग इसे सेम मानते हैं लेकिन ये दोनों चीजें सेम टर्म लॉजी नहीं है दोनों के अंदर बहुत ही बड़ा मेजर डिफरेंस है क्या डिफरेंस है यहां पर जरा बात करें तो देखिए इसको समझने के लिए मैं एग्जांपल के तौर पे एक डाटा ले रहा हूं ज जैसे मान लीजिए मेरे पास x1 एक कॉलम है यहां पर यस x2 एक कॉलम है यहां पर और इसके करेस्पॉन्डिंग्ली y की वैल्यू आपके पास 2 3 4 5 आ रही है यहां पर और y हेड की वैल्यू 3 4 5 और 6 आ रही है यहां पर अब मैं बात करता हूं यहां पर लॉस के बारे में तो लॉस की जो वैल्यू होगी वो क्या होगी गाइज यहां पर आपके पास 3 - 2 होगी मतलब आप क्या कर रहे हैं केवल और केवल जब आप यहां पर सिंगल डाटा पैरामीटर्स के ऊपर आप यहां पर एरर फाइंड आउट कर रहे हैं या फिर सिंगल डेटा पैरामीटर के ऊपर जब आप यहां पर लॉस फाइंड आउट करते हैं तो वो आपके पास क्या कहलाता है गाइज यहां पर लॉस कहलाता है बेसिकली सिंपल लॉस कहलाता है और उसका जो फंक्शन होता है गाइज यहां पर वो फंक्शन क्या होता है यहां पर अकॉर्डिंग टू आप यहां पर कौन सी एल्गोरिथम इस्तेमाल कर रहे हैं अकॉर्डिंग टू कौन सा न्यूल नेटवर्क इस्तेमाल कर रहे हैं उसके ऊपर होता है लेकिन बेसिक मैं बात करूं यहां पर वो क्या होता है y - y हैट का होल स्क्वायर होता है यहां पर इस बेसिक लॉस फंक्शन का हम इस्तेमाल करते हैं राइट लेकिन हम यहां पर हर बार एक-एक लाइन के ऊपर मतलब आपके पास एक-एक आपकी जो रो है उनके ऊपर लॉस पॉइंट फ आउट नहीं करते हैं तो क्या करते हैं हम यहां पर सभी जो आपके पास लाइंस है यहां पर जभी सभी जो डाटा है यहां पर उन सभी के ऊपर हम क्या करते हैं लॉस फाइंड आउट करते हैं अब सभी डाटा के ऊपर जब हम लॉस फाइंड आउट करते हैं तो उनका हमें क्या चाहिए हमें यहां पर एवरेज चाहिए मतलब बेसिकली बात करूं यहां पर गाइस तो हमें उनका मीन यहां पे फाइंड आउट करना होता है तो जब हम यहां पर हमारे पास जितने भी डेटा पॉइंट्स हैं उन डेटा पॉइंट्स के मीन को फाइंड आउट करते हैं तो वो जो आपके पास डाटा जो आंसर निकलता है या फिर उससे जो फार्मूला आपका जनरेट होता है यहां पर तो वो आपके पास क्या होता है फंचर होता है और उससे जो वैल्यू निकलती है यहां पर वो क्या होती है गाइज यहां पर कॉस्ट वैल्यू होती है मतलब मैं बेसिकली गाइज मैं बात करूं कि यहां पर मैंने क्या किया सभी का लॉस निकाल दिया जैसे l1 इसका लॉस निकाल लिया l2 निकाल दिया l3 निकाल दिया l4 निकाल दिया राइट ये निकालने के बाद में हमने क्या किया मीन निकाल दिया इसका मतलब हमने क्या किया इसकी एवरेज वैल्यू फाइंड आउट कर ली दैट इज कॉल्ड ऑफ कॉस्ट और इसके लिए जो रिगार्डिंग हमने फंक्शन यूज़ किया है यहां पर दैट इज कॉल्ड ऑफ कॉस्ट फंक्शन तो बेसिकली हम यहां पर पहले हम ये चीज क्लियर कर लेते हैं कि लॉस्ट और कॉस्ट में क्या डिफरेंस ता है तो लॉस आपके पास क्या है गाइज यहां पर पर केवल सिंगल डेटा पॉइंट के ऊपर हम जो एरर फाइंड आउट करते हैं दैट इज़ कॉल ऑफ लॉस और जब हम यहां पर एंटायस हम जो लॉस फाइंड आउट करके उसका मीन निकालते हैं दैट इज कॉल ऑफ कॉस्ट और अब आगे जितनी भी चीजें हमारे पास आने वाली है जितने भी फंक्शंस हम पढ़ने वाले हैं उन सभी के अंदर हम क्या करने वाले हैं एवरेज को देखने वाले हैं मतलब हम वहां पे एवरेज की बात करेंगे ठीक है तो वो हमारे लिए कैसे होंगे कॉस्ट फंक्शन होंगे तो बेसिकली लॉस फंक्शन और कॉस्ट फंक्शन के अंदर बहुत बड़ा मेजर डिफरेंस है राइट तो चलिए अब यहां पर समझते हैं कि डीप लर्निंग के अंदर कौन-कौन से लॉस फंक्शन हमें देखने को मिलते हैं तो चलिए अब जरा यहां पर देखें तो देखिए लॉस फंक्शन क्या होता है तो लॉस फंक्शन क्या करता है आपके मॉडल के इवोल्यूशंस को वाइड करता है मतलब बेसिकली आपका मॉडल कितनी अच्छी तरीके से वर्क कर रहा है कितनी एरर यहां पे कर रहा है इस चीज को फाइंड आउट करने के लिए हम क्या करते हैं लॉस फंक्शन का इस्तेमाल करते हैं अब जरा बात करें गाइस यहां पर तो हमारे पास कितने टाइप्स के लॉस फंक्शन होते हैं तो बेसिकली हमने क्या किया हमारे डटा को तीन चार पार्ट के अंदर डिवाइड कर रखा है पहला जो हमारा पार्ट है यहां पर डीप लर्निंग के अंदर वो है हमारा रिग्रेशन मॉडल यस जब हम बात कर ें यहां पर कि हमारा जो पहला मॉडल कौन सा है वो हमारा रिग्रेशन मॉडल है रिग्रेशन मॉडल के अंदर हमें कौन से मिलते हैं लॉस यहां पर तो मीन स्क्वायर आ मिलता है मीन एब्सलूट एरर मिलता है और कौन सा मिलता है हबल लॉस मिलता है इसके साथ-साथ यदि मैं बात करूं क्लासिफिकेशन के बारे में तो क्लासिफिकेशन के अंदर हमने बाइनरी मिलाया यहां पर बाइनरी के साथ-साथ हमें कैटेगरी कल मिलता है इसके साथ-साथ हमारे पास ऑटो इनकोडर के अंदर के एल डायवर्जन लॉस मिलता है यहां पर एंड यहां पर गेन जो हमारा नेटवर्क है यहां पर उसके अंदर हमें डिस्क्रिमिनेटेड लॉस मिलता है मिन मैक्स गेन मिलता है यहां पर ऑब्जेक्ट डिटेक्शन के अंदर हमें फोकल लॉन्स मिलता है यहां पर और वर्ल्ड इमेजस सिस्टम जिसे हम एनएलपी के थ्रू वर्क करते हैं यहां पर उसके अंदर आपका क्या मिलता है ट्रिपलेट लॉन मिलता है अब ये इतने सारे हमारे पास क्या होते हैं लॉस के फंक्शन होते हैं अकॉर्डिंग टू न्यूरल नेटवर्क हमारे पास बहुत सारे तरह के न्यूरल नेटवर्क होते हैं जैसे एनए हो गया उसके बाद हमारा सीएनएन हो गया यहां पर उसके बाद हमारा आरएनएन हो गया इसके अंदर हमारे हिडन लेयर्स हो गए तो बहुत सारी जगह होती है यहां पर हमारे पास बहुत सारी जगह पर बहुत अलग-अलग टाइप के लॉस फंक्शंस यहां पर वर्क करते हैं तो बस हम उन्हीं के बारे में जान रहे हैं यहां पर तो बेसिकली अभी मैं आपको थोड़ा और और डिटेल के साथ एक्सप्लेन करने जा रहा हूं कि रिग्रेशन लॉस के अंदर हमें मीन स्क्वायर एरर कब यूज़ करना चाहिए मीन एब्सलूट एरर कब यूज़ करना चाहिए आपके पास हब लॉस कब यूज करना चाहिए इसके साथ-साथ क्लासिफिकेशन के अंदर बात करें बाइनरी कॉस्ट एंट्रोपय कब यूज करना चाहिए कैटेगरी कॉस्ट एंट्रोपय यूज करना चाहिए इसके बारे में अब हम डिटेल के साथ देखने वाले हैं इसके साथ-साथ ये जो लॉस पंक्चर होते हैं ये आपके पास क्या करते हैं बैक प्रोपोर्शन में बहुत यूज आते हैं जब भी आप न्यूरल नेटो को ट्रेन कर रहे होते हैं तो न्यूरल नेट को ट्रेन करते वक्त आपको बैक प्रोपेगेशन का यूज़ करना पड़ता है जिसके थ्रू आपके पास वेटेज और बायस की वैल्यू क्या होती है अपडेट होती है मतलब वेटेज और बायस की वैल्यू क्या होती है आपके पास यहां पर बेस्ट वैल्यू आपको फाइंड आउट होती है तो यह बेस्ट वैल्यू को निकालने के लिए हमें किसकी जरूरत पड़ती है लॉस फंक्शन की जरूरत पड़ती है विदाउट एनी लॉस फंक्शन आप इस चीज़ को नहीं निकाल सकते तो इन चीजों के लिए हमें क्या चाहिए लॉस फंक्शन चाहिए तो बस हम उसी की बात को जान रहे हैं यहां पर कि किस समय कौन-कौन से लॉस फंक्शन हम यूज़ करते हैं चलिए अभी हम बात करते हैं यहां पर सबसे पहले यहां पर रिग्रेशन लॉस के बारे में रिग्रेशन लॉस के अंदर जो सबसे पॉपुलर जो सबसे बेस्ट लॉस फंक्शन है दैट इज अ मीन स्क्वायर लॉस यस ये कौन सा है यहां पर मीन स्क्वायर लॉस है इसको काफी लोग स्क्वायर लॉस भी बोलते हैं देयर इज अ l2 लॉस यहां पर बोला जाता है यहां पर इस लॉस का फंक्शन का फार्मूला क्या है यहां पर गाइ कि जो भी आपका ओरिजिनल वैल्यू आ रही है उसमें से आप क्या करें प्रेक्ट वैल्यू को क्या करें सबै कर लें सबट क्ट करने के बाद आपको क्या करना है स्क्वायर करना है और स्क्वायर करने के बाद उसका क्या करना है मीन निकाल देना है तो दैट इज अ मीन स्क्वायर एरर लॉस ठीक है तो ये क्या क रहा है मीन स्क्वायर एरर लॉस बोलता है यहां पर इसे अब अब ये मीन स्क्वायर एरर लॉस हमें कब यूज करना पड़ता है तो जनरली ये जो लॉस है यहां पर वो आपके पास ऑलमोस्ट सारी जगह यूज होता है यहां पर जब भी आप लीनियर रिग्रेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर जब भी आप डीप लर्निंग के अंदर रिग्रेशन एनालिसिस का इस्तेमाल करेंगे तब भी आप इस रिग्रेशन लॉस के अंदर आप मीन स्क्वायर एल लॉस का इस्तेमाल करेंगे और इसके पीछे रीजन क्या है यहां पर क्योंकि ये जो लॉस है यहां पर ये डिफरेंशिएबल है अब ये डिफरेंशिएबल है तो इसका यूज क्यों किया जा रहा है डिफरेंशिएबल है तो कहां डिफरेंशिएबल यूज होता है तो देखिए जब भी आप बैक प्रोपेगेशन का इस्तेमाल करते हैं है तो बैप प्रोपो केशन के अंदर जो आपका वेटेज अपडेट करने का जो फार्मूला होता है यहां पर मतलब जिसे हम यहां पर ग्रेडिएंट डिसेंट फॉर्मूला बोलते हैं यहां पर तो वो ग्रेडन डिस्टेंट का फॉर्मूला क्या होता है गाइज यहां पर तो ग्रेडन डिस्टेंट का फॉर्मूला होता है w न्यू यस w न्यू इक्वल्स टू क्या होता है गाइज यहां पर w ओल्ड माइनस आपके पास क्या होता है लैडा इट्स कॉल्ड ऑफ लर्निंग रेट और उसके बाद क्या होता है dl7 में लगता है अब ये जो फॉर्मूला आपका लग रहा है इसके अंदर आपके पास क्या होता है आपका dl5 इंट नहीं देखने को मिलता है मतलब आपके पास क्या है ये प्रॉपर्ली डिफरेंशिएबल है और जब आप इसकी प्लॉटिंग करेंगे ना तो आपको कैसा मिलेगा गाइ यहां पर आपको एक पैराबोलिक कर्वेचर मिलेगा और इस पैराबोलिक कर्वेचर के अंदर हमें ये जो सबसे मिनिमम पॉइंट है ये निकालने में बहुत ज्यादा आसानी रहेगी तो बेसिकली आपके पास जब भी आप यहां पर वेटेज को अपडेट करते हैं या फिर जब आप वेटेज की वैल्यू को फाइंड आउट करते हैं तब आप क्या करते हैं मीन स्क्वायर एरर लॉस का इस्तेमाल करते हैं अब पॉइंट यहां पे ये आता है कि कब आपको इसका इस्तेमाल नहीं करना है तो देखिए जब आपके डाटा के अंदर बहुत सारे आउटलायर हैं यस बहुत सारे आउटलायर है यहां पर तब आप इसका इस्तेमाल बिल्कुल नाना करें क्यों नहीं करना यहां पर सिंपल सा रीजन ये है क्योंकि देखिए इसके अंदर जो आपके पास लॉस के अंदर जो टर्म लॉजी हो रही है वो आपके स्क्वायरिंग की हो रही है तो ये क्या करेगा गाइज यहां पर जैसे आपके पास मान लीजिए कि आपके पास यहां पे डाटा है ठीक है उस डाटा के अंदर यदि आपके पास एरर है एरर आपके पास यहां पर मिनिमम आई जैसे वन आई आपके एरर 2 आई एरर 3 आई एरर तो ठीक है लेकिन जैसे आपके पास आउटलायर होगा तो आउटलायर में एरर ज्यादा आएगी यहां पर तो जब आपके पास आउटलायर में ज्यादा आएगी तो वो स्क्वायर करेंगे तो वो टर्म्स और ज्यादा बढ़ जाएगी जिसकी वजह से आपके पास क्या होगा आपकी जो लाइन के अंदर जो शिफ्टिंग है वो बहुत ज्यादा आपके पास देखने को मिलेगी तो बेसिकली गाइज यदि आपके सिस्टम के अंदर आउट लायर है यदि आपके सिस्टम के अंदर क्या है यहां पर आउटलायर प्रेजेंट है तो आप यहां पर मीन स्क्वायर एरर लॉस का इस्तेमाल ना करें क्योंकि उस वक्त ये आपके पास क्या करेगा आपके सिस्टम के अंदर रॉन्ग प्रेडिक्शन करना स्टार्ट कर देगा क्योंकि आपके पास जो आपकी प्रेडिक्शन लाइन है या फिर आपके जो प्रेडिक्शन आउटपुट है यहां पर वो आउटलायर की तरफ टिल्ड कर देगा बहुत ज्यादा जिसकी वजह से आपके पा क्या होगा यहां पे गाइस आप यहां पर बेटर रिजल्ट नहीं देख पाएंगे तो फिर इसका अल्टरनेटिव क्या है तो इसका अल्टरनेटिव आता है गाइज यहां पर मीन एब्सलूट एरर यस मीन एब्सलूट एरर का इस्तेमाल करें जब भी आपके डेटा सेट के अंदर आपके पास क्या है आउटलायर प्रेजेंट हो तब आप क्या करें मीन एब्सलूट एरर का इस्तेमाल करें अब मीन एब्सलूट एरर के अंदर क्या करते हैं गाइज यहां पर कि जो भी आपकी एरर है y - y हैड जो आपकी एरर है यहां पर इसका आप क्या करते हो गाइज यहां पर मॉड्यूस ले लेते हो क्या ले लेते हैं यहां पर मॉड्यूस यहां पर कंसीडर कर लेते हैं मॉड्यूस का मतलब क्या होता है गाइज यहां पर मॉड्यूस का मतलब सिंपल सा ये है कि इस मॉड्यूस के अंदर जब भी आपकी कोई पॉजिटिव वैल्यू आएगी तो वो तो एज इट इज रिटर्न कर देगी लेकिन जब भी आपकी नेगेटिव वैल्यू आती है गाइ यहां पर तो ये उसे क्या करती है पॉजिटिव में रिटर्न करती है किसमें रिटर्न करती है पॉजिटिव में आपके पास यहां पर रिटर्न करके दे देती है तो बेसिक गाइज यहां पे बात करें तो मॉड्यूस का मतलब क्या हुआ गाइज यहां पर y - y हाट आपके पास आ गया तो इसका आपने क्या किया मॉड्यूस किया मतलब आपके नेगेटिव वैल्यू को भी क्या कर देगा ये पॉजिटिव रिटर्न कर देगा उसके बाद आपको क्या करना है यहां पर मीन ले लेना है देखिए इसका यूज़ जनरली ज्यादातर नहीं किया जाता है ठीक है क्यों नहीं किया जाता क्योंकि जब आप इस मोड का ग्राफ बनाते हैं यहां पर तो ये ग्राफ क्या होता है यहां पर ये ग्राफ आपका नॉन डिफरेंशिएबल होता है रीजन इसका सिंपल से ये है क्योंकि ये आपके पास क्या करता है एक शार्प कॉर्नर पॉइंट देता है यस ये आपका पास क्या है एक शार्प कॉर्नर पॉइंट देता है क्यों देता है क्योंकि जब आप यहां पर इसे नेगेटिव वैल्यू डाल रहे हैं तब तो ये पॉजिटिव रिजल्ट दे रहा है यहां पर जब आप यहां पर पॉजिटिव रिजल्ट डाल रहे हैं तब बी आपका पास क्या कर रहा है पॉजिटिव रिजल्ट दे रहा है राइट तो जब भी आपका पास क्या कर रहा है यहां पर पॉजिटिव रिजल्ट दे रहा है चलिए इसको थोड़ा और अच्छे से सिंपलीफाई करने के लिए मैं इस ग्राफ को क्या करता हूं इधर बना लेता हूं और जब आप इसमें जीरो देते हैं यहां पर तो जीरो पे ये क्या देता है रिजल्ट आपको जीरो ही देता है तो बेसिकली ये जीरो नंबर पॉइंट पे आपका क्या करता है यहां पर आपके पास ये शार्प पॉइंट आपको देता है इस वजह से आपके पास क्या है ये आपके पास नॉन डिफरेंशिएबल आपके पास क्या है इक्वेशन है या फिर नॉन डिफरेंशिएबल आपके पास क्या है यहां पर लॉस है लेकिन इसका इस्तेमाल उस वक्क करना है जब आपके सिस्टम में आउटलायर बहुत सारे हो और आउटलायर आपको कंसीडर करने हो यहां पर तब आप क्या करेंगे इसका इस्तेमाल आप करेंगे लेकिन अब इसके अंदर आती है कि इसके अंदर हम प्रेडिक्शन वैल्यू कहां से निकालेंगे जब हमारे पास यहां पर ये डिफरेंशिएबल नहीं है तो फिर हम ग्रेडन डिसेंट का यू इस्तेमाल कैसे करेंगे तो ग्रेडन डिसेंट क्या करता है गाइज यहां पर कि ये एग्जैक्ट पॉइंट पे तो रिजल्ट नहीं निकालता है मतलब इसके अंदर आपको एग्जैक्ट आंसर नहीं मिलेगा इसके अंदर आपको क्या मिलेगा इस तरफ आपका आंसर मिलेगा मतलब ऊपर ऊपर तक आपके थोड़े-थोड़े आंसर्स आपको यहां पर देखने को मिलेंगे तो बेसिकली मीन एब्सलूट एरर जो आपके पास है यहां पे गाइ वो आपके पास क्या है आपके पास एक नॉन डिफरेंशिएबल है यहां पर और इसका जो रिजल्ट है यहां पर वो एग्जैक्ट ना मिलते हुए आपको कुछ लम समम आईडिया के हिसाब से आपको देखने को मिलता है तो बेसिकली आपके पास मीन एब्सलूट र कब मिलना है जब आपके सिस्टम के अंदर आउटलायर प्रेजेंट हो अब आता है यहां पर हब लॉस अब ये हब लॉस कब काम करता है तो बेसिकली हबल लॉस के बारे में बात करें यहां पर तो आपके पास मान लीजिए सपोज करें आपके पास एक ऐसा डाटा है जिसके अंदर 30 पर आपके पास क्या है आउटलायर है यस 30 पर ऑफ योर डाटा यस 30 पर ऑफ योर डेटा आपके पास किसमें है यहां पर आउटलायर के अंदर है और रिमेनिंग 70 पर जो डेटा है यहां पर आपके पास नॉर्मल डाटा के तौर पे है तो अब इसके अंदर यहां पे क्या है आपका डटा कितना है 30 टू 35 पर यदि आपके पास आउटलायर में है तो वो डटा आउटलायर नहीं कहलाएंगे उस डेटा के अंदर जो आपका डटा पड़ा है यहां पर वो आउटलायर डेटा नहीं कहलाते हैं तो फिर अब यहां पे क्या करें तो उस सिचुएशन के अंदर वो डेटा आपके पा एक कंसीडरेबल डाटा है बस आपका पास डेटा क्या है उस डाटा से थोड़ा सा दूर किसी रेंज के अंदर जा चुका है यहां पर तो ऐसे सिचुएशन के अंदर हमें क्या करना है गाइज यहां पर हमें यूज़ करना है हब लॉस जब आपके पास आउटलायर जो है 1 2 पर ना होते हुए आपके पास क्या जाए है 30 40 पर मतलब आपके पास यहां पर 1/2 परट ऑफ डेटा आपके पास क्या हो जाए यहां पर आउटलाइन में कन्वर्ट हो जाए तो यू गो टू अ हार्बर्ड लॉस यस हार्बर्ड लॉस आपके पास इस्तेमाल करना है अब हब लॉस कैसे इस्तेमाल करना है गाइज यहां पर तो हब लॉस के अंदर दो आपकी सिचुएशन आपके पास होती है यहां पर हब लॉस जो होता है गाइज यहां पर एक पैरामीटर पे काम करता है दैट द कॉल्ड ऑफ हाइपर पैरामीटर यस ये हाइपर पैरामीटर की वैल्यू ट्र ट्यून होती है यहां पर और ये हाइपर पैरामीटर क्या है यहां पर ये आपके क्या हब लॉस फंक्शन का एक ट्रांजिशंस है क्या है यहां पर हब लॉक ट्रा हब लॉक पॉइंट का यहां पर क्या है एक ट्रांजिशंस है यहां पर इस वैल्यू के डेल्टा की ठीक है ये क्या करता है गाइज यहां पर जब ये वैल्यू एक हाइपर पैरामीटर से कम आती है मतलब आपके लॉस की वैल्यू किसी हाइपर पैरामीटर से कम आ जाती है तब तो ये आपके क्या करता है बेसिकली मीन स्क्वायर लॉस की तरह काम करता है लेकिन जब एक हाइपर पैरामीटर की वैल्यू जो होती है उससे लॉस की वैल्यू ज्यादा आ जाती है यस लॉस की वैल्यू क्या होती है उससे भी ज्यादा आ जाती है तब आपके पास क्या करता है बेसिकली गाइस आपके पास यहां पर नॉर्मली वर्क करता है मतलब आपके पा हर्ड लॉस नॉर्मली वर्क करता है तो बेसिकली गाइज यहां पे बात करें तो रिग्रेशन के अंदर हमें तीन तरह के लॉस देखने को मिलते हैं कौन-कौन से लॉस हमारे पास है यहां पर सबसे पहला लॉस है यहां पर मीन स्क्वायर एर लॉस यहां पर राइट ये कब यूज़ करना है नॉर्मल केसेस के अंदर यूज़ करना है लेकिन जब आपके सिस्टम में आउटलायर हो और आउटलायर आपको कंसीडर करने हो यहां पर तो आप यहां पे कौन सा यूज़ करेंगे मीन एब्सलूट लॉस का इस्तेमाल करेंगे लेकिन जब आपके सिस्टम के अंदर आपके पास 30 टू 40 पर डाटा आउटलायर में प्रेजेंट हो तब उस केस में आप क्या करेंगे हबल लॉस का इस्तेमाल करेंगे तो ये किसके थे रिग्रेशन एनालिसिस के लॉस थे अब बात करते हैं यहां पर क्लासिफिकेशन एनालिसिस के लॉस के बारे में देखिए तो अब हम जानते हैं यहां पर पहला लॉस के बारे में दैट इज अ बाइनरी क्रॉस एंट्रोपय में जानते हैं तो देखिए बाइनरी क्रॉस एंट्रोपय यहां पर ये कब इस्तेमाल किया जाता है इसे हम लॉग लॉस भी बोलते हैं इसका जो फॉर्मूला है गाइज यहां पर ये आपके पास होता है लॉग लॉस का फॉर्मूला इसके अंदर लॉग का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए हम इसे लॉग लॉस भी बोलते हैं यहां पर ठीक है ये कब इस्तेमाल किया जाता है ये आपके पास उस वक्त इस्तेमाल किया जाता है जब आपके पास कोई भी आपका डेटा सेट यस किसकी बात कर रहे हैं यहां पर डेटा सेट के अंदर बात कर रहे हैं डेटा सेट का यदि आपके पास यहां पर आउटपुट जो है यहां पर वो किसके अंदर हो यहां पर बाइनरी फॉर्मेट के अंदर हो किसके फॉर्मेट में हो बाइनरी फॉर्मेट के अंदर बाइनरी फॉर्मेट का मतलब क्या है यहां पर गाइ जीरो या वन के फॉर्मेट में हो या फिर कैट एंड डॉग के फॉर्मेट में हो आपका जो रिजल्ट है यहां पर वो दो ही रिजल्ट के अंदर मिल रहा है दो ही रिजल्ट का मतलब क्या है गाइ यहां पर आपके पास जीरो या वन मिल रहा है कैट एंड डॉग मिल रहा है या फिर कोई भी दो नंबर मिल रहे हैं यहां पर उस वक्त आपके पास क्या करते हैं लॉग लॉस का इस्तेमाल किया जाता है तो जब भी आपके डाटा का रिजल्ट जो हो बाइनरी फॉर्मेट में हो तब आपका ये वाला जो फॉर्मूला है वो इस्तेमाल किया जाता है अब ये फॉर्मूला कैसे वर्क करता है जरा उससे डिटेल सा समझते हैं देखिए आपका जो आउटपुट है वो किसमें है बाइनरी फॉर्मेट में है बाइनरी फॉर्मेट का मतलब क्या है यहां पर रो या वन के फॉर्मेट में है यहां पर तो देखिए जब आपके जो आउटपुट की वैल्यू है यस जब आपके पास जो आपका आउटपुट जो है यहां पर उस आउटपुट की वैल्यू जरो होती है तब आपके पास ये लॉस का फॉर्मूला कैसे वर्क करता है तो ये लॉस का फॉर्मूला हो जाता है 1 / n यस 1 / n समेशन ऑफ आपके पास क्या आ जाएगा गाइज यहां पर i = 1 2n आ जाएगा यहां पर और उसके बाद देखिए क्या फॉर्मूला बन जाएगा यहां पर आपके पास लॉग ऑफ यस लॉग ऑफ 1 - y हैट आपके पास बन जाएगा मतलब देखिए क्या हो रहा है गाइज यहां पर देखिए इसमें रो आ जाएगा तो 0 * लॉग के साथ मल्टीप्लाई होके क्या बनेगा रो बन जाएगा यहां पर बेसिकली लेकिन इस केसेस में 1 - 0 हो के क्या बनेगा वन बनेगा तो ये आपका जो पीछे वाला जो मेथड है यहां पर ये यूज़ करेगा मतलब जो पीछे वाला जो रिजल्ट है यहां पर वो वर्किंग में आएगा लेकिन जब भी आपके जो आका आउटपुट है यहां पर वो आपके पास क्या हो जाए गाइज यहां पर वन हो जाए तो उस केसेस में ये जो फॉर्मूला है वो चेंजेज होके क्या बनेगा 1 / n समेशन ऑफ i = 1 2n की बात करेंगे यहां पर और ये फार्मूला क्या बन जाएगा गाइज यहां पर y आप क्या y की वैल्यू तो वन हो गई यहां पर देन आपके पास क्या रिजल्ट बनेगा लॉ ऑफ y हैट आपके पास बन जाएगा मतलब आपके पास देखिए ये 1 - 1 - 1 = 0 हो जाएगा रो इस पूरे टर्म से मल्टीप्लाई होके रो बन जाएगा तो पीछे कौन सी टर्म्स लॉजी रह गई पीछे आपकी ये वाले टर्म्स लॉजी रह गई है गाइज यहां पर तो बेसिकली ये वाला फार्मूला बन जाएगा तो बाइनरी क्रॉस एंट्रोपय स है यहां पर ये दो तरीके से वर्क करता है कैसे आपके पास आउटपुट पे डिपेंड करता है आउटपुट इ इल टू 0 रहेगा तो कुछ और रिजल्ट आएगा आउटपुट इक्वल ट 1 रहेगा तब आपके पास क्या करेगा कुछ और रिजल्ट आपको देखने को मिलेगा तो ये कब काम आता है जब आपके क्लास एक् विशन के अंदर आपके जो डाटा है यहां पर उसका जो आउटपुट है वो बाइनरी हो लेकिन अब आपका आउटपुट जो है वो बाइनरी ना होते हुए आपके पास क्या हो जाए कैटेगरी कल में हो जाए कैटेगरी कल का मतलब क्या है बहुत सारे हो जाए जैसे कैट डॉग काउ इस तरह से आपके पास आ जाए तब आप क्या करेंगे तो उसके लिए हम यूज करते हैं कैटेगरी कल क्रॉस एंट्रोपय स उसके लिए हम क्या करते हैं कैटेगरी कल क्रॉस एंट्रोपय करते हैं ये कैटेगरी क्रॉस एंट्रोपिक यहां पे जो अभी आपका डाटा है समेशन करके उन सबका यूज़ किया जाता है अब ये कैसे यूज़ किया जाता है गाइज यहां पे जरा बात करें तोब हम क्या करते हैं कैटेगरी कॉस एंट्रोपिक का इस्तेमाल करते हैं अब ये कैटेगरी क्रॉस एंट्रो पी कैसे काम करता है जैसे लेट्स सपोज आपके पास जो आपका आउटपुट है वो इस तरह से आ रहा है यहां पर कैट आ रहा है यहां पर आपके पास यहां पर डॉग आ रहा है यहां पर देन आपके पास क्या आ रहा है यहां पर काउ आ रहा है राइट इस तरह से रिजल्ट आ रहा है तो ये क्या करेगा यहां पर गाइस - y और ये y आउटपुट किसका हो जाएगा गाइ यहां पर कैट का हो जाएगा और ये किसका लेगा लॉग ऑफ आपका क्या आएगा वा हैट आपका आ जाएगा किसका कैट का आ जाएगा उसके बाद यहां पर माइनस आ जाएगा क्योंकि देखिए इसके बाद आपका माइनस टर्म लगा हुआ है तो एक काम करते हैं यहां पर इसको माइनस को बाहर निकाल देते हैं एक बार के लिए यस माइनस को बाहर निकाल देते हैं और अंदर ही अंदर चलते हैं देन प्स आएगा यहां पर और प्लस आके क्या मिलेगा गाइज यहां पर आपके पास क्या मिलेगा वा ऑफ डॉग मिलेगा यहां पर लॉग ऑफ आपके पास क्या मिलेगा वा ऑफ हेट आपके पास क्या मिलेगा डॉग मिलेगा एंड उसके बाद प्लस ऑफ आपके पास क्या मिलेगा यहां पर वाय हैट ऑफ काउ मिलेगा काउ के अंदर आपको क्या मिलेगा लॉग ऑफ आपके पास क्या मिलेगा वाय हैट ऑफ यहां पर काउ मिलने वाला है राइट तो ये जो फर्मूला है आपके पास कुछ इस तरह से वर्क करेगा यहां पर कब जब आपके पास कैटेगरी कल क्रॉस एंट्रोपय अंदर हो तब अब देखिए कैटेगरी क्रॉस एंट्रोपय पर ये इंटरनली कैसे वर्क करता है तो इंटरनली क्या करता है गाइज यहां पर आपके पास जो आपका कैटेगरी कल डाटा है जस कैटेगरी मतलब आपके पास एक से ज्यादा यहां पर डाटा है यहां पर जैसे कि आपके पास आ गया यहां पर कैट आ गया फिर आपका डॉग हो गया यहां पर फिर आपका यहां पर काउ हो गया तो ये क्या करता है कि आपके पास जो आपका आउटपुट है उसकी वन हॉट इनकोडिंग कर लेता है मतलब आपके पास क्या करता है गाइज यहां पर कैट अलग कर देता है फिर उसके बाद डॉग अलग कर लेता है यहां पर एंड देन आपके पास यहां पर काउ अलग कर देता है राइट फिर उसके बाद क्या करता है यहां पर जैसे वन है मतलब आ रहा हो तो वन कर देता है देन बाकी स रिमेनिंग 0 0 1 0 देन 0 0 एंड वन इस तरह से आपके पास क्या करता है आपके आउटपुट की वन हॉट इनकोडिंग कर देता है अब यहां पे एक पॉइंट आता है कि जब आपके पास यहां पर कैटेगरी जो है आपके डाटा के अंदर वो बहुत ज्यादा हो जैसे अभी दो तीन कैटेगरी है तब तो आपके पास यहां पर क्या करें कैटेगरी क्रॉस एंट्रो पी का इस्तेमाल करें हैं लेकिन जब आपके पास यहां पर तीन चार से ज्यादा आपके पास कैटेगरी आ जाए जैसे 10 कैटेगरी आ जाए 20 कैटेगरी आ जाए तो उस वक्त कैटेगरी कॉस इंटरव्यू का इस्तेमाल हम नहीं करते हैं क्योंकि उस समय हम यहां पर वन हट एन कोडिंग करेंगे तो वन हट एन कोडिंग की जो वैल्यू होगी जो डेटा पैरामीटर होंगे वो बहुत ज्यादा बन जाएंगे तो फिर उस वक्त हम क्या करेंगे यस उस वक्त हम यहां पे इस्तेमाल करते हैं स्पर्स कैटलर कॉस एंट्रोपिक क्रॉस्ट एंट्रोपय क्या होता है कि गाइ आपका जो आपका आउटपुट है उस आउटपुट को हम क्या करते हैं वन हॉट इनकोडिंग की जगह लेबल इनकोडिंग करते हैं लेबल इनकोडिंग का मतलब क्या है 1 2 3 4 यहां पर इस तरह से हम क्या करते हैं रिजल्ट के तौर पे देते हैं तो बेसिकली जब भी आपके जो आउटपुट है यदि आपका आउटपुट यहां पर तीन चार यहां पर हो कैटेगरी के अंदर तीन-चार कैटेगरी के अंदर आउटपुट हो तो यू गो टू अ कैटेगरी ऑल कॉस्ट एंटॉप लेकिन जब आपके पास आपका जो आउटपुट है वो बहुत ज्यादा हो यहां पर बहुत ज्यादा टर्म्स के अंदर हो देन यू गो टू अस स्पर्स कैटेगरी क्रॉस एंट्रोपय पर स्पर्स कैटेगरी क्रॉस एंट्रोपिक इस्तेमाल करते हुए आपको आगे बढ़ना है क्योंकि इसके अंदर आपके जो डटा पॉइंट है उसकी लेबल एन कोडिंग होती है लेबल एन कोडिंग का मतलब क्या है गाइज यहां पर 1 2 3 4 इस तरह से नंबर दिए जाते हैं आपके डाटा पॉइंट को और फिर आपके पास क्या होता है प्रेडिक्शन इस्तेमाल होता है यहां पर तो इस तरीके से आप क्या करते हैं क्लासिफिकेशन में तीन लॉस का इस्तेमाल करते हैं और वो तीन लॉस कौन-कौन से हैं बाइनरी कॉस्ट एंट्रो पी कब इस्तेमाल करना है जब आपके डेटा पॉइंट के अंदर आउटपुट के अंदर जो भी आपका डाटा है यहां पर वो बाइनरी फॉर्मेट के अंदर वो मतलब जीरो व के अंदर हो और यहां पर कैटेगरी कॉस एंट्रोपिक का इस्तेमाल कब करना है जब आपके पास यहां पर डिफरेंट डिफरेंट आउटपुट हो मतलब आपके पास दो से ज्यादा यहां पर आउटपुट हो लेकिन पांच छ से कम आपके पास आउटपुट हो तब आप क्या करेंगे कैटलर कॉस्ट एंट्रो का इस्तेमाल करेंगे लेकिन जब आप नंबर ऑफ आउटपुट यहां पर बहुत ही ज्यादा आपके पास हो जाए आपके पास फव टू ज्यादा आपके पास यहां पर आउटपुट हो जाए तब यू गो टू अ स्पर्स कैटलर कॉस एंट्रोपय इस तरीके आपके पास क्या होता है कैल्सिफिक के अंदर लॉस होते हैं और रिग्रेशन के अंदर लॉस होते हैं इन्हीं लॉस का इस्तेमाल आगे चलते हुए हम कहां पे करने वाले हैं हम बैक प्रप लोशन में करने वाले हैं इसके साथ-साथ जब हम आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क बनाएंगे यहां पर तब भी हम इसी का इस्तेमाल करने वाले हैं हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डब्लू कपटेक माय सेल्फ गौरव और आज के इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे ऑप्टिमाइजर के बारे में कि ऑप्टिमाइजर क्या होते हैं और कैसे वर्क करते हैं देखिए जब भी हम हमारे न्यूरल नेटवर्क को ट्रेन कर रहे होते हैं तो सबसे पहले आपका फॉरवर्ड प्रोपेगेशन वर्क करता है जिसके अंदर आप कुछ वेटेज की जो वैल्यू है उनसे इनिला इज करते हैं और इनिला करके आप यहां पे क्या करते हैं अपना जो भी वाय प्रोडक्शन का जो फंक्शन है यस जो न्यूल नेट को ट्रेन करने के बाद जो वाय प्रोडक्शन का जो फंक्शन आपके पास निकला है यहां पर उसे आप बनाते हैं अब यह जो वाय प्रोडक्शन करता है यहां पर यह आपके पास जो आपका डिजायर आउटपुट होता है उससे मैच नहीं हो रहा होता है या फिर मैं बेसिक बात करूं यहां पर तो उसके अंदर लॉस बहुत ज्यादा हो र होते हैं तो अब आप क्या करते हैं लॉस को मिनिमम करने की कोशिश करते हैं अब इस लॉस को मिनिमम करने के लिए आप क्या करते हैं गाइज यहां पर अपने वेटेज और बायस की वैल्यू को अपडेट कर करते हैं अब वेटेज और बायस की वैल्यू को अपडेट करने के लिए आप यहां पे इस्तेमाल करते हैं बैक प्रोपेगेशन का और इस बैक प्रोपेगेशन के अंदर आपके पास जो इस्तेमाल होती है गाइज यहां पर दैट इज अ ग्रेडिएंट डिसेंट यस क्या इस्तेमाल होता है यहां पर ग्रेडिएंट आपके पास डिसेंट का यूज होता है इस ग्रेडन डिस्टेंट की हेल्प से आप क्या करते हैं यहां पर आपका जो वेटेज है और जो बायस है इनकी वैल्यू को क्या करते हैं हम अपडेट करते हैं और हम न्यू वेटेज और बायस की वैल्यू को क्या करते हैं फाइंड आउट करते हैं यहां पर राइट अब इस न्यू और वेटेज की वैल्यू को वाइंड आउट करने के लिए हम गेड इन डिसेंट का यूज़ करते हैं गेड इन डिसेंट जो आपके पास वर्क करता है वो लॉस के बेसिस पे करता है और लॉस को क्या करता है वो मिनिमम करता है अब देखिए जनरली जब हम यहां पर लॉस के फंक्शंस की बात करते हैं यहां पर तो लॉस का जो फंक्शन होता है यहां पर वो कैसा होता है वो आपका लगभग पैराबोलिक शेप के अंदर दिख रहा है यस कैसा दिखता है गाइज यहां पर यस मैं एग्जांपल के ऊपर बात करूं तो आपके कैसा दिखता है यहां पर इस तरह के शेप के अंदर दिखता है राइट ट्स कॉल्ड ऑफ पैराबोलिक शेप और ये पैराबोलिक शेप क्या करता है गाइज यहां पर आपको बेस्ट यहां पर वैल्यू फाइंड आउट करता है डबल की कैसे मिनिमम लॉस लाके मतलब आपके पास क्या करता है गाइज यहां पर इस ग्राफ का आपके पास जो ग्लोबल मिनीमा है यस अब मैंने यहां पे ग्लोबल आपके पास क्या किया मिनीमा यस ग्लोबल मिनीमा का जो पॉइंट है उसे फाइंड आउट करके आपके पास काम करता है तो क्या करता है गाइज यहां पर अब मैं इसे ग्लोबल मिनिमाप केवल एक ही पॉइंट है यहां पर मिनीमा तो मैं यहां पर क्या करूंगा मिनिमम जो वैल्यू है उसे फाइंड आउट करता है लेकिन कभी-कभी क्या होता है कि हमारा जो डाटा सेट है वो कुछ इस तरह से होता है और कुछ लॉस फंक्शन ऐसे होते हैं यहां पर जिसकी वजह से हमारा जो यहां यहां पे जो फंक्शन है यस ये जो लॉस और आपके पास किसी वैल्यू का जैसे हम w की वैल्यू फाइंड कर रहे हैं या फिर हम y की वैल्यू को फाइंड आउट कर रहे हैं इस वक्त जो हमारा लॉस और आपके पास यहां पर जो फंक्शन होता है गाइज यहां पर किसका-किसका यहां पर लॉस ऑन वेटेज एंड बायस का जो फंक्शन होता है यस किसका मैं बात कर रहा हूं यहां पर लॉस एंड वेटेज का जो बा का फंक्शन होता है वो आपके पास क्या होता है यहां पर इस तरह के कर्वेचर में ले जा है जहां पे हमारे पास बहुत सारे मिनिमम पॉइंट्स होते हैं अब इन मिनिमम पॉइंट के अंदर कुछ पॉइंट्स आपके पास क्या होता है लोकल मिनीमा होते हैं यहां पर और आपका यहां पे जो मेन पॉइंट होता है वो आपका पास क्या होता है ग्लोबल मिनिम होता है यस क्या होता है गाइज यहां पर ग्लोबल मिनिम होता है तो अब यहां पे ग्रेडिएंट डिसेंट के अंदर क्या प्रॉब्लम है ग्रेडिएंट डिसन जब टेक्निक को हम इस्तेमाल करते हैं तो वो क्या करते है गाइज यहां पर आपके पास स्टेप बाय स्टेप आपके पास क्या करती है वेटेज और वायस की वैल्यू को अपडेट कर रही होती है वो भी आपके पास कैसे वो भी आपके पास सिंगल आपके पास लर्निंग रेट्स के ल से जो हमने लैडा पढ़ा था देखिए वेटेज की वैल्यू को अपडेट करने का फार्मूला हमने क्या देखा था वेटेज इक्वल्स टू मतलब मैं यहां पे न्यू वेटेज की बात करूं यहां पर तो वो क्या आएगा होल्ड वेटेज माइनस लडा अप dl8 ज की वैल्यू को अपडेट करने का जो तरीका है ग्रेड एंड डिसेंट टेक्निक यहां पर इस ग्रेड एंड डिसेंट टेक्निक के अंदर जो आपका लैडा है जो लर्निंग रेट है आपके पास यहां पर वो एक सिंगल लर्निंग रेट के हेल्प से क्या होता है ट्रेन कर रहा होता है अब जब ये सिंगल लर्निंग रेट के हिसाब से अपना ट्रेन कर रहा होता है तो यहां पर एक बहुत बड़ी प्रॉब्लम में फस जाता है और वो प्रॉब्लम कौन सी है कि मान लीजिए आपका डाटा पॉइंट यहां कहीं आपने पिक अप किया अब ये क्या कर रहा है वेटेज और बायस की वैल्यू को अपडेट करते करते आपके पास यहां यहां वाले पॉइंट पर पहुंच गया और इट्स कॉल्ड ऑफ लोकल मिनीमा यस इट्स कॉल्ड ऑफ लोकल मिनीमा तो वो लोकल मिनीमा के अंदर आके क्या होता है फर्स जाता है और आपका जो ओरिजिनल आउटपुट है वो आपको कभी अचीव नहीं होता है मतलब आपके पास लॉस जो है गाइज यहां पर वो एक समान रहता है भले आप उसे कितनी बार भी ट्रेनिंग कर ले आपका जो लॉस है वो आपके पास एक समान रहता है अब ये जो हम लोकल मिनीमा के अंदर फस चुके हैं यहां पर इससे बाहर निकालने की जो टेक्नीक है इससे आपके पास यहां पे बाहर करना की जो टेक्निक है यहां पर दैट इज़ कॉल्ड ऑफ़ ऑप्टिमाइजर यस ऑप्टिमाइजर आपके पास यहां पर हेल्प करता है किस तरह के हेल्प करता है गाइज यहां पर कि आपके पास जब कभी भी आपका डटा और लॉस का फंक्शन के बीच में आप ग्राफ बना रहे होते हैं या डाटा और लॉस का जो फंक्शन आप यूज़ कर रहे होते हैं व आपके आज कभी कभी क्या होता है आपके पास इस तरह के कर्वेचर्स में आ जाता है जहां पे बहुत सारे मिनिम पॉइंट्स हो हैं और उनके अंदर एक आपके पास क्या होता है ग्लोबल मिनिमम पॉइंट होता है और आप कभी भी उस ग्लोबल मिनिमम पॉइंट के ऊपर अचीव नहीं कर पाते हैं तो उस मिनिमम पॉइंट से बाहर निकालने का जो काम करता है दैट इज अ ऑप्टिमाइजर यस यहां पे आपका इस पॉइंट से बाहर निकालने का जो काम करता है वो होता है ऑप्टिमाइजर तो ऑप्टिमाइजर क्या है गाइज यहां पर ऑप्टिमाइजर क्या है आपके पास एक तरह के एल्गोरिथम्स है क्या है यहां पर एल्गोरिथम्स है या फिर आप बोल सकते हैं मेथड है जो कि क्या करता है यूज टू चेंज द एट्रबीक करता है चेंज करता है किसकी न्यूरल नेटवर्क की कैसे यहां पर सच एज यहां पे वेटेज हो गया और लर्निंग रेट हो गया टू रिड्यूस द लॉसेस हमें लॉसेस को रिड्यूस करने के लिए क्या करता है हेल्प करता है तो मेजर्ली ऑप्टिमाइजर उस वक्त काम में ले जाता है जब हमारे पास य यहां पे इस तरह के कर्वेचर आता है जहां पे हमें बहुत सारे लोकल मिनीमा मिलते हैं और एक ग्लोबल मिनीमा मिलता है यहां पर और उस ग्लोबल मिनीमा को कभी भी हम अचीव नहीं कर पाते हैं तो उसको अचीव कराने के लिए हमारे पास क्या करता है ऑप्टिमाइजर हेल्प करता है अब ये ऑप्टिमाइजर कैसे-कैसे हेल्प करता है गाइस यहां पर तो इसके अंदर बहुत सारी चीजें होती है जैसे कि आपका जो वेटेज की वैल्यू को आप अपडेट कर रहे हैं यहां पर ये वेटेज की वैल्यू को अपडेट करते वक्त आप क्या इस्तेमाल कर रहे हैं आप यहां पर लॉस का फंक्शन का इस्तेमाल कर रहे हैं जो कि डब्लू से डिवाइड हो रहा है इसके साथ-साथ लर्निंग रेट का इस्तेमाल कर रहे हैं अब हमें क्या करना है यहां पर कि गाइज जब हम यहां पर चल रहे होते हैं जब हम यहां पर चल रहे होते हैं तो हमारे पास क्या होता है एक सिंगल कांस्टेंट आपका लर्निंग रेट चल रहा होता है मतलब आपके पास लर्निंग रेट की जो वैल्यू होती है गाइज यहां पर वोह फिक्स रहती है और उस लर्निंग रेट की वैल्यू को फिक्स रहने के लिए फिक्स रहने की वजह से हम लोकल मिनिमम में जाके फस जाते हैं अब हमें क्या करना है इस लर्निंग रेट की जो वैल्यू है इसे क्या करनी है अपडेट करनी है ताकि इस लोकल मिनीमा के पॉइंट से हम क्या करें बाहर निकल सकें राइट तो मेन काम क्या है गाइज यहां पर ऑप्टिमाइजर का कि हमें लोकल मिनिम में जो हम फंस चुके हैं उससे हा निकालने का काम करता है इसके लिए ये क्या करते हैं कि जो हमारा लर्निंग रेट है इस लर्निंग रेट की वैल्यू को अलग-अलग करते हैं यस लर्निंग रेट की वैल्यू को वैरी करते हैं अब डिपेंडेंस रहता है कि आपके पास लर्निंग रेट की वैल्यू को किस तरह से अपडेट करना है जैसे एग्जांपल के तौर पे यदि मुझे यहां से यहां जाना है राइट यहां से यहां जाना है तो पहले मैंने क्या किया यहां पर यहां से यहां पे एक लर्निंग रेट पे आ गया लेकिन उसके बाद में मैंने क्या कि अपनी लर्निंग रेट को चेंज किया अकॉर्डिंग टू अवर डाटा तो फिर मैंने क्या किया यहां पर लर्निंग रेट को चेंज करते करते यहां पर पहुंचा तो बेसिक बेसिकली यहां पर स्टेप क्या हो रहा है कि भाई आपको यहां पर हर एक हमारे वेटेज के ऊपर आपकी लर्निंग रेट जो है यहां पर डिफरेंट डिफरेंट होनी चाहिए तभी हम उस लोकल मिनीमा से क्या निकल सकते हैं बाहर निकल सकते हैं और ग्लोबल मिनीमा को अचीव कर सकते हैं इसके लिए हम यहां पर डिफरेंट डिफरेंट टाइप के ऑप्टिमाइजर को इस्तेमाल करते हैं अब ये डिफरेंट डिफरेंट टाइप के ऑप्टिमाइजर क्या है कैसे होते हैं जरा इनको समझते हैं तो हमारे पास कुल मिला के कुछ इतने सारे आपके पास ऑप्टिमाइजर हैं जैसे कि हमारे पास क्या है आपके पास ग्रेडिएंट डिसेंट ऑप्टिमाइजर है उसके बाद च कोस्टिक ग्रेडिएंट डिसेंट ऑप्टिमाइजर है उसके बाद चको ग्रेड एंड डिसेंट विद मोमेंटम ऑप्टिमाइजर है मिनी बैज ग्रेड एंड डिसेंट ऑप्टिमाइजर है एडा ग्राड ऑप्टिमाइजर है आरएमएस प्रॉप आपके पास ऑप्टिमाइजर है एड डेल्टा ऑप्टिमाइजर है एंड एडम ऑप्टिमाइजर है तो ये कुछ ऑप्टिमाइजर होते हैं जिनकी हेल्प से हम हमारे जो लोकल मिनीमा के अंदर जो हमारा पॉइंट फस्ट चुका है लोकल मिनीमा के अंदर हमारा न्यूरल नेटवक चुका है उसको बाहर निकालकर ग्लोबल मिनीमा को अचीव कराने में ये आपकी हेल्प करते हैं इनके अंदर जो आज के टाइम के अंदर जो सबसे फेमस जो टेक्निक है यहां पर जो हम आज के टाइम के अंदर हर जगह इस्तेमाल करते हैं दैट इज कॉल ऑफ एडम ऑप्ट माइजर तो आने वाले वीडियो के अंदर हम यही समझेंगे कि जितने भी ऑप्टिमाइजर है यह कैसे वर्क करते हैं यहां पर और किस तरह से आपको लोकल मिनीमा से बाहर निकालकर ग्लोबल मिनीमा तक पहुंचाते हैं राइट तो बेसिकली ऑप्टिमाइजर टेक्निक क्या है गाइस यहां पर आपकी जो ऑप्टिमम वैल्यू है यहां पर ऑप्टिमम वैल्यू का मतलब क्या है लॉस को मिनिमम करके जो आपकी ऑप्टिमम सॉल्यूशन मिलती है वेटेज एंड वाइस की यस उसको फाइंड आउट करने में आपकी हेल्प करते हैं हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम डब कपटेक माय सेल्फ ग और आज की इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे मल्टी लेयर प्रिसेप्ट के बारे में इसके प्रैक्टिकल के बारे में तो चलिए अब जरा इसे शुरू करते हैं और देखते हैं कि कैसे प्रैक्टिकल होता है यहां पर यदि आपको python-tk के ऑनलाइन एंड ऑफलाइन बने बैच के अंदर जॉइन करके आप अपने स्किल को इंप्रूव कर सकते हैं इसके लिए दिए गए कांटेक्ट नंबर पे कॉल करके आप हमारी टू डेमो फ्री क्लासेस ले सकते तो इसके लिए हमें एक डेटा सेट की जरूरत पड़ेगी तो देखिए मैंने एक डेटा सेट ले रखा है देर इज अ रन मॉडल के नाम से यहां पर डेटा सेट है जिसके अंदर क्या है कि कोई भी बैंक के अंदर जो कस्टमर है उस बैंक के कस्टमर का क्या क्रेडिट स्कोर रहा है यहां पर उसकी एज क्या है यहां पर उसका टर्नर क्या है यहां पर उसका बैलेंस कितना था मतलब अकाउंट बैलेंस में कितना था यहां पर उसके बाद नंबर ऑफ प्रोडक्ट उसने कितने ले रखे हैं अ उसके पास कोई क्रेडिट कार्ड था या नहीं था यस वो एक एक्टिव मेंबर था या नहीं था और उसकी जो एस्टीमेट सैलरी है वो कितनी थी और उसके ऊपर उस पर्सन ने हमारी बैंक को लीव किया है या नहीं किया है उसके रिगार्डिंग ये डाटा है तो मतलब बेसिकली के बात गाइज यहां पर बात करें तो आपके पास क्या है यह एक बैंक का डाटा है जिसके ऊपर कोई पर्सन यहां पर बैंक को छोड़ के गया है या नहीं गया है उसका यहां पर डाटा दे रखा है अब यहां पे पर्टिकुलर कुछ डाटा के ऊपर आपके पास किसी पर्सन का यहां पर बैंक का छोड़ना या नहीं छोड़ना हमें यहां पर प्रेडिक्शन करना है यहां पर तो इसके लिए हम यहां पर इस्तेमाल कर रहे हैं मल्टी लेयर प्रेश पटन का मतलब बेसिकली गाइज मैं यहां पे बात करना चाहूं तो आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं अब ये आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क कैसे वर्क करता है जरा आप इसे थोड़ा डिटेल के साथ समझते हैं तो इसके लिए आपको चलना है यहां पर इसके लिए हम चल रहे हैं यहां पर जुपिटर नोटबुक के अंदर और जहां पे जाके हम पहले सबसे पहले हमारी जो रिपीटर नोटबुक की जो नोटबुक है वो बना लेते हैं यहां पर और सबसे पहले जो रिक्वायर्ड लाइब्रेरी है सबसे इंपॉर्टेंट जो रिक्वायर्ड लाइब्रेरी है जिसके थ्रू हमारा डेटा लोड होगा जिसके थ्रू हमारे ग्राफ्स बनेंगे वो पहले मैं यहां पर लोड कर लेता हूं तो उसके लिए मैं यहां पे क्या कर रहा हूं यहां पे गाइज इंपोर्ट कर रहा हूं पांडा को एज ऑफ पीडी जिसके थ्रू हम यहां पे क्या करेंगे हमारे डाटा को लोड करेंगे सबसे पहले हमारा जो डाटा है उसे लोड कर लेते हैं लोड करने के लिए पडी ड यहां पर _ सए का इस्तेमाल करूंगा जिसके अंदर जो हमारा चूरन मॉडल है उस डाटा को हम लोड कर लेंगे अब मैं क्या कर रहा हूं गाइ यहां पर डाटा को देख लेते हैं हैड लगा के इसके तीन डाटा को तो हमारे पास जो हमारा डाटा है वो हमें दिखाई देने लग गया है अब सबसे पहले हमारे डाटा के अंदर हमें क्या करना है नल वैल्यू को फाइंड आउट करना है यदि हमारे पास डाटा के अंदर नल वैल्यू है तो उसे हम फिल करेंगे नल वैल्यू नहीं है तो हम यहां पर आगे के प्रोसेस को फर्द स्टार्ट करेंगे तो चेक करते हैं इसके अंदर कोई नल वैल्यू प्रेजेंट है या नहीं है तो डाटा सेट के अंदर जाके मैं यहां पे जाके इज नल को कॉल करूंगा यहां पर यस क्या करने वाले हैं यहां पर इज नल को कॉल करने वाले हैं इज नल के बाद में डॉट सम लगा के उसे रन करेंगे तो देखिए फिलहाल अभी यहां पर कोई भी नल वैल्यू प्रेजेंट नहीं है तो इसका मतलब हम आगे फर्द वर्किंग कर सकते हैं अब यहां पर नल वैल्यू नहीं है तो अब हम क्या करेंगे हमारे डेटा सेट को इनपुट और आउटपुट के अंदर अलग करेंगे एंड देन उसके बाद में हमारे जो डाटा है उसकी हम स्केलिंग करने वाले हैं तो चलिए यहां पर इनपुट और आउटपुट को अलग-अलग करते हैं तो उसके लिए मैं डेटा सेट के पास जाऊंगा और उसके बाद में इनपुट आउटपुट को अलग-अलग करने के लिए उसके लिए मैं यहां पे इनपुट अंडर डटा के नाम से एक वेरिएबल बना लेता हूं उसके लिए हम क्या कर रहे हैं डेटा सेट को कॉल करते हैं आक लेके आपके के पास यहां पर सारा डाटा कंसीडर करते हैं यस सारी रो कंसीडर करते हैं और आपके पास जो इनपुट के अंदर जो हमारा एक्साइटेड वाला कॉलम है यहां पर इसे हम छोड़ देते हैं इसी तरह से मैं यहां पे आउटपुट अंडर डाटा ले लेता हूं यहां पर जिसके अंदर हम क्या करेंगे गाइ यहां पर हमारा जो डेटा सेट है वो कंसीडर करेंगे आई लॉक लेंगे और सारी नंबर ऑफ रोज हमें यहां पर लेनी है और यहां पे -1 हमें लास्ट में छोड़ देना है राइट तो ये हमारा इनपुट आउटपुट डटा आ गया लेकिन हमें इनपुट जो डाटा हमारा है इसकी स्केलिंग करनी है स्केलिंग करने के लिए मैं फिर से ऊपर जाऊंगा यहां पर और क्या करूंगा गाइज यहां इंपोर्ट करूंगा इंपोर्ट किसे करेंगे यहां पर हम इंपोर्ट करेंगे साइक लन को साइक लन के बाद में हम यहां पे कॉल करेंगे किसे यहां पे गाइस आपके पास प्री प्रोसेसिंग को मैं एक काम करता हूं यहां पर फ्रॉम से इसे इंपोर्ट कर लेता हूं राइट तो देखिए मैं यहां पे कर रहा हूं फ्रॉम लगा रहा हूं फ्रॉम के बाद में मैं साइकल लाइन पे जाऊंगा डॉट यहां पर हम प्री प्रोसेसिंग को कॉल करेंगे अब देखिए प्री प्रोसेसिंग हमारे पास दो बार आ गया तो मैं एक बार ये जो साइके लन इस यहां पर हटा देता हूं यहां पर उसके बाद में गाइज यहां पर मैं इंपोर्ट कर रहा हूं इंपोर्ट किसे कर रहे हैं यहां पर तो हम यहां पर इंपोर्ट करेंगे स्टैंड स्केलर को तो मैं स्केलर को कॉल कर रहा हूं जिसके थ्रू हम स्केलिंग करेंगे आ जाइए अब हम स्केलिंग करने वाले हैं हमारे डाटा को कैसे करेंगे स्केलिंग यहां पर तो उसके लिए मैं यहां पर एसएस के नाम से एक वेरिएबल बना रता हूं और स्टैंडर्ड स्केलर को कॉल कर देता हूं उसके बाद एसस डॉट यहां पे क्या करेंगे हम हमारे डाटा को फिट करेंगे एंड फिट की जगह मैं यहां पे क्या कर रहा हूं फिट ट्रांसफॉर्म करूंगा डायरेक्टली फिट ट्रांसफॉर्म कर सकते हैं आप अपने डाटा को जिसके अंदर हमारा जो इनपुट डाटा है उसे हम यहां पर लगा देंगे तो हमारा जो डाटा है यहां पर वो आपका स्केलिंग हो चुका है अब उसके बाद में इसको वापस डेटा फ्रेम में कन्वर्ट कर लेते हैं डेटा फ्रेम में कन्वर्ट करने के लिए मैं वापस यहां पर पहले तो इसको इनपुट अंडर डाटा में प्लेस करूंगा डटा फ्रेम में कन्वर्ट करने के लिए पडी डटा फ्रेम को कॉल करूंगा यहां पर जिसके अंदर यह हमारा डाटा हो जाएगा और हमारे कॉलम की बात बात करें यहां पर तो कॉलम्स इक्वल्स टू क्या करेंगे गाइज यहां पर इनपुट अंडरस्कोर डाटा को लेके डॉट कॉलम को कॉल कर देते हैं राइट कॉलम्स को कॉल कर देते हैं और रन कर देते हैं तो हमारा जो इनपुट डाटा है वो आ चुका है और वो भी किस फॉर्मेट के अंदर स्केलिंग हुए है डाटा के अंदर तो देखिए हमारा डाटा क्या हो चुका है यहां पर स्केलिंग हो चुका है अब यहां पे पॉइंट ये आता है कि स्केलिंग करने की क्या जरूरत थी तो इसका जवाब आने वाले वीडियो के अंदर आपको पता चल जाएगा कि हमारा जो डाटा हमें मिलता है यहां पर उसको स्केलिंग क्यों करनी है यहां पर जब भी आप आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क में काम कर रहे हैं जब भी आप यहां पर डीप लर्निंग में काम कर रहे हैं तब आपको एक चीज का प स्पेशली ध्यान रखना है कि आपका डाटा जो है वो स्केलिंग हुआ हुआ रहना चाहिए विदाउट स्केलिंग डाटा आपको नहीं कंसीडर करना चाहिए स्केलिंग हुआ हुआ डटा के ऊपर ही आपको वर्क करना चाहिए चलिए आगे बढ़ते हैं यहां पर आगे बढ़ के अब हम क्या करते हैं हमारा आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क बनाते हैं कैसे बनाएंगे तो उसके लिए हमें जरूरत पड़ेगी टेंसर फ्लो की एंड उसके साथ-साथ हमें जरूरत पड़ेगी केरा की ये दो मॉड्यूल आपके सिस्टम के अंदर क्या करना है इंस्टॉल कर लेना है यहां पर उसके बाद आप आगे वर्किंग कर पाएंगे तो चलिए यहां पर स्टार्ट करते हैं तो सबसे पहले मैं क्या करूंगा यहां पर इंपोर्ट करूंगा इंपोर्ट कैसे करूंगा गाइज यहां पर टेंसर फ्लो को तो मैं यहां पे इंपोर्ट कर लेता हूं टेंसर फ्लो को टेंसर फ्लो इंपोर्ट होने के बाद में अब आपको क्या करना है यहां पर फ्रॉम आपको जाना है केरा के अंदर केरा के अंदर जाने के बाद में आपको यहां पे चूज करना है लेयर्स को लेयर्स के अंदर आप जाके क्या करेंगे इंपोर्ट करेंगे और इंपोर्ट किसे करना है गाइज यहां पर डेंस लेयर को इंपोर्ट करना है उसके बाद यहां पे फॉर्म फम केरा के अंदर जाना है यहां पे फिर से केरा के अंदर जाने के बाद में आपको कॉल करना है मॉडल को मॉडल के अंदर जाके कॉल इंपोर्ट करना है यहां पर यस इंपोर्ट किसे करने है यहां पर सीक्वेंस को यस आपको सीक्वेंशियल को कॉल करना है दैट्ची जें आपके पास क्या करेगी आपके पास आर्टिफिशियल न्यूल नेटवर्क बनाने में आपकी हेल्प करेगी चलिए अब थोड़ा आगे बढ़ते हैं यहां पर अब हमारा जो नेटवर्क्स है वो बनाना स्टार्ट करते हैं तो मैं देखिए एन के नाम से हमारा नेटवर्क बना रहा हूं यहां पर सबसे पहले मैं यहां पर क्या करूंगा सीक्वेंशियल को यहां पर कॉल करूंगा और उसे रन कर दूंगा उसके बाद में आपको क्या करना है ए एंड डॉट यहां पर ऐड करना है और ऐड किसे करना है गाइज यहां पर ऐड आपको यहां पर करना है डेंस लेयर को इस डेंस लेयर के अंदर बहुत सारी चीजें आएगी जैसे आपके पास नंबर ऑफ यूनिट्स आपके जाएगी एक्टिवेशन फंक्शन जाएगा यहां पर उसके बाद यहां पर बाइस इंस लाइजर जाएगा कर्नल इंटरनल इंस लाइजर जाएगा और भी बहुत सारी चीजें जाने वाली है तो चलिए एक-एक करके यहां पर इराइज करते हैं सबसे पहले है आपके पास कि जो पहली आपकी डेंस लेयर बनने वाली है मतलब पहली जो आपकी लेयर बनने वाली है पहली जो हिडन लेयर बनने वाली है उसके अंदर नंबर ऑफ नोड्स कितने होने चाहिए ये हमें आइडेंटिफिकेशन है इनपुट नोड देखने के लिए मतलब इनपुट के अंदर कॉलम कितना आ रहे है वो हमें देखना जरूरी है तो उसके लिए मैं क्या करने वाला हूं गाइज यहां पर उसके लिए मैं यहां पे इनपुट अंडरस्कोर डटा जाऊंगा एंड डॉट यहां पर से शेप को कॉल कर दूंगा तो देखिए इनपुट नट कितने है गाइ यहां पर इनपुट नट हमारे एट है हम यहां पर एट नट देने वाले हैं तो मैं एक काम करने वाला हूं गाइस यहां पर एट से थोड़ा कम मैं यहां पर सिख सकूंगा क्योंकि यहां पे जो मैं पैटर्न बनाने जा रहा हूं दैट इज अ रिकल पैटर्न तो मैं यहां पे रिकल पैटर्न बनाने जा रहा हूं उसके बाद में यहां पर इनपुट अंडरस्कोर यहां पे डायमेंशन देंगे यस इनपुट अंड स्को डायमेंशन देंगे इनपुट डायमेंशन कितनी है एट आने वाली है और यहां पर एक्टिवेशन फंक्शन े एक्टिवेशन फंक्शन के अंदर मैं रलो का इस्तेमाल करने वाला हूं अब रलो क्यों इस्तेमाल करना है इसके बारे में हम पहले से ही जान चुके हैं उसके बाद में हमारे पास एक लेयर बनने के बाद में मैं यहां पे दूसरी लेयर और बनाऊंगा तीसरी लेयर और बनाऊंगा और चौथी लेयर बन बनाऊंगा देखिए जो पहली लेयर है उसमें सिक्स नोड होने वाले हैं दूसरी लेयर के अंदर हम यहां पर फोर नोड लेने वाले हैं और अब मुझे यहां पर इनपुट डायमेंशन की जरूरत नहीं रहेगी क्योंकि एक बार ही आपको इनपुट डायमेंशन देनी है जब आप यहां पे पहली बार वर्क कर रहे हैं तब उसके बाद जो अगले लेयर के अंदर जो नोड रखने वाला हूं मैं टू रखने वाला हूं यहां पर और एक्टिवेशन फंक्शन रिलो रखने वाला हूं उसके बाद जो लास्ट नोड है मैं यहां पे वन रखूंगा रीजन क्यों क्योंकि हमारा जो आउटपुट है वो जीरो या वन के फॉर्मेट में आने वाला है तो रो और वन की फॉर्मेट में आने के लिए हमारे पास आउटपुट क्या होना चाहिए सिंगल आउटपुट होना चाहिए इसलिए मैंने यहां पर ये वन रखा है उसके बाद में हमारा जो नेक्स्ट टारगेट है दैट इज कॉल्ड ऑफ एक्टिवेशन फंक्शन तो लास्ट वाले का एक्टिवेशन फंक्शन मैं चेंज करूंगा और यहां पर मैं सिग्मो इड एक्टिवेशन फंक्शन को इस्तेमाल कर रहा हूं सिगम ोड एक्टिवेशन फंक्शन इसलिए क्योंकि जो हमारा आउटपुट है वो कैसा है बाइनरी फॉर्मेट के अंदर है इसलिए हम यहां पर सिगम एक्टिवेशन फंक्शन को इस्तेमाल कर रहे हैं चलिए ये हमारा एन का नेटवर्क हमारा तैयार हो चुका है उसके बाद में ए ए डॉट आपको क्या करना है यहां पे गाइस कंपाइल करना है यहां पर कंपाइल करने के वक्त आपको क्या-क्या चीजें लगानी है तो कंपाइल के अंदर भी आपके पास क्या-क्या आता है ऑप्टिमाइजर आता है लॉस आता है और मैट्रेस आती है चलिए सबसे पहले बात करते हैं ऑप्टिमाइजर के लिए तो देखिए जब आप ऑप्टिमाइजर लगा रहे होते हैं यहां पर तो इस वक्त सबसे जो अच्छा ऑप्टिमाइजर है दैट इज अ एडम ऑप्टिमाइजर तो आपको एडम ऑप्टिमाइजर लगाना है यहां पर उसके बाद में नेक्स्ट जो टारगेट आपके पास आता होता है गाइज यहां पर लॉसेस तो देखिए लॉसेस के तौर पे आप यहां पे बाइनरी क्रॉस एंट्रिप का इस्तेमाल करेंगे क्योंकि जो आपका डिजायर आउटपुट है वो कैसा है बाइनरी फॉर्मेट में है इसलिए आपको बाइनरी क्रॉस एंट्रोपिक गाना है तो मैं यहां पे क्या लगा रहा हूं बाइनरी अंडरस्कोर मैं यहां पे क्रॉस एंट्रोपिक गाने जा रहा हूं यहां पर और मैट्रिसेज के अंदर की बात करें यहां पर तो मैट्रिसेज के अंदर आपको एक्यूरेसी आपको लगानी है यहां पर ठीक है तो मैंने एक्यूरेसी लगा दी है अब हमारे मॉडल को कंपाइल करते हैं कंपाइल करने के बाद में अब हमारे मॉडल को क्या करना है फिट करना है फिट करने के लिए n ए डॉट यहां पर क्या करेंगे गाइज यहां पर फिट को कॉल करेंगे और फिट के अंदर जाने के बाद में मुझे क्या कॉल करना है यहां पर x ट्रेन और y ट्रेन लगाना है देखिए हमने यहां पर हमारे डाटा को अभी ट्रेन और टेस्ट के अंदर स्प्लिटिंग नहीं किया है तो पहले हम क्या करते हैं हमारे डटा को ट्रेन और टेस्ट के अंदर स्प्लिटिंग करते हैं उसके लिए जो रिक्वायर्ड लाइब्रेरी है उसे कॉल करते हैं यहां पर तो मैं फ्रॉम फिर से साइकल लाइन के अंदर जाऊंगा डॉट यहां पे क्या करने वाला हूं मॉडल सिलेक्शन को कॉल करने वाला हूं मॉडल सिलेक्शन के अंदर जाने के बाद इंपोर्ट करूंगा और इंपोर्ट किसे कर रहे हैं गाइ यहां पर ट्रेन और टेस्ट स्प्लिटिंग को चलिए आ जाते हैं यहां पर और अब ये जो ट्रेन और टेस्ट स्प्लिटिंग है ये हमें चार डाटा देगा कौन-कौन से x यहां पर ट्रेन देने वाला है x यहां पर टेस्ट देने वाला है y यहां पर ट्रेन देने वाला है और y आपके पास यहां पर टेस्ट देने वाला है और ये जो ट्रेन टेस्ट स्लिटिंग है इसे हम कॉल कर देंगे यहां पर हमारे पास जो डाटा है वो इनपुट अंड डाटा एंड आउटपुट अंड डाटा के तौर पे जाएगा उसके बाद में हमारे पास जो हमारा डाटा है इसको हमें स्प्लिट करना है मतलब आपके पा ट्रेनिंग और टेस्टिंग साइज देनी है तो मैं यहां पर टेस्ट साइज दे देता हूं टेस्ट साइज मैंने 0.22 दे दिया यहां पर उसके बाद गाइज यहां पर हमें रेंडम स्टेट देना है रेंडम स्टेट की वैल्यू मैं 42 यहां पर रख रहा हूं चलिए अब हमारे पास यहां पर हमारा जो डाटा है वो ट्रंट है स्प्लिटिंग के अंदर अलग-अलग हो चुका है तो चलिए अब फिट के अंदर क्या करते हैं गाइज यहां पर x ट्रेन देते हैं और क्या देना है यहां पे गाइज y ट्रेन देना है उसके बाद जो नेक्स्ट चीज है यहां पर वो होती है हमारी बैच साइज यस बैच साइज हमें कितनी देनी है वो हमें बताना पड़ेगा तो गाइज यहां पर बैच साइज की तौर पे मैं यहां पे देखूंगा यहां पर पहले तो देखूंगा हमारा डेटा कितना है तो बेसिकली हमें यहां पे क्या करना है जो हमारा ट्रेनिंग डाटा है उसको हमें चेक करना पड़ेगा तो इसके लिए मैं यहां पर चेक करूंगा कि हमारा ट्रेनिंग डाटा कितने में डिवाइड हुआ है तो देखिए x न को लेना है फिर से कॉल करना है और डॉट यहां पर मैं शेप को कॉल करूंगा शेप के अंदर हमें पता चला कि इसके अंदर 8000 रो है तो देखिए 8000 रो है तो इसका मतलब क्या हुआ कि मैं यहां पर 100 100 के यहां पे बैचेज बनाने वाला हूं राइट उसके बाद में क्या है गाइज यहां पर उसके बाद है हमारे पास इपोच इपोच मतलब कितनी बार हमें यहां पर ये रूल को चलाना है यहां पर तो इसके लिए मैं यहां पर क्या करने वाला हूं 10 इपोच को यहां पे अप्लाई करूंगा उसके बाद देखिए नीचे आपके पास क्या है वेर बॉस है उसके बाद कॉल बैक वगैरह यहां पर है ये आने वाले वीडियो के अंदर हम डिटेल के साथ समझेंगे कि इनको कब और कहां इस्तेमाल करना है चलिए अभी हम इसे क्या करते हैं फिलहाल रन करते हैं तो देखिए हमारे जो बैचेज हैं वो बनना स्टार्ट हो चुके हैं और एक छोटी सी मिस्टेक की वजह से ये अटक चुका है ओके चलिए एक छोटी सी गलती की वजह से हमारा मॉडल रुक चुका था लेकिन हमने फिर से ट्रेन कर दिया है और ट्रेन करने के बाद देखिए हमारे मॉडल की जो एक्यूरेसी है वो यहां पर आप डायरेक्टली नहीं दे सकते उसके लिए हमें यहां पर साइकल लर्न को इस्तेमाल करना पड़ेगा और साइकल लर्न के थ्रू हमें एक्यूरेसी को कॉल करना पड़ेगा उसके लिए मैं फ्रॉम फिर से साइकल न के अंदर जाऊंगा यहां पर डॉट यहां पर किसके अंदर जाएंगे मैट्रेस के पास जाएंगे और मैट्रेस के अंदर जाने के बाद इंपोर्ट करेंगे यहां पर किसे इंपोर्ट करेंगे यहां पर एक्यूरेसी स्कोर को तो मैं यहां पे एक्यूरेसी स्कोर को कॉल कर रहा हूं उसके बाद में देखिए ये जो एक्यूरेसी स्कोर है हमारा यहां पर इसको जब हम कॉल कर रहे हैं तो ये हमें क्या पूछता है यहां पर एक तो y ट्रू वैल्यू पूछता है एक y पीआरडी वैल्यू पूछता है तो पहले हमें क्या करना पड़ेगा y की प्रेडिक्शन वैल्यू निकालनी पड़ेगी y की प्रेडिक्शन वैल्यू निकालने के लिए ए डॉट यहां पे क्या करेंगे प्रिडिक्ट फंक्शन का कॉल करेंगे प्रिडिक्ट फंक्शन के अंदर मैं यहां पे क्या करूंगा x जो टेस्ट है यहां पर वो पास कराऊंगा जैसे ही मैं x अंडर स्को टस्ट पास करा रहा हूं मुझे यहां पर कुछ ना कुछ आउटपुट देखने को मिल रहा है अब ये जो आउटपुट है ये हमें किसके तौर पे मिल रहा है ये हमें जो आउटपुट देखने को मिल रहा है ये हमें यहां पर नंबर्स के फॉर्मेट में मिल रहा है ना कि हमें रो और वन के फॉर्मेट में मिल रहा है मतलब बाइनरी में नहीं मिल र है मुझे कंटीन्यूअस डटा अंदर मिल रहा है अब ये जो आप देख रहे हैं यहां पर ये रो और वन के बीच में हमें आउटपुट देखने को मिला है तो अब हमें क्या करना है यहां पर ये जो पेडिक फंक्शन मिला है इसके ऊपर हम क्या करेंगे कंडीशन लगाएंगे कि आपके पास ये जो डाटा है ये 5 से ग्रेटर देन है या 5 से लेस देन है ये हमें यहां पर चेक करना है तो चलिए इस आउटपुट को हम क्या करते हैं किसी में सेव कर लेते हैं जस्ट लाइक मैं पी के अंदर यहां पे क्या करता हूं पडी के अंदर इसे सेव कर लेता हूं राइट अभी देखिए यहां पर मैं पीडी को यदि मैं रन करूं तो यहां पे मुझे ये डाटा देखने को मिलता है अब मुझे क्या करना है इसका एक-एक डाटा लेके आना है मतलब मुझे इसको इटरेट करना है देखिए इसको इटरेट करते हैं यहां पर और फिर हम यहां पे क्या करेंगे सेव करेंगे 01 के तौर पे तो मैं यहां पे फोर्ड लूप चलाऊंगा फॉर आई इन क्या कर रहे हैं गाइज यहां पर रेंज का इस्तेमाल कर रहे हैं फॉर आई इन यहां पे क्या कर रहे हैं पीआरडी का का इस्तेमाल कर रहे हैं यहां पर और उसके बाद मैं क्या कर रहा हूं गाइज यहां पर प्रिंट ऑफ आई कर रहा हूं तो देखिए हमारे पास हर एक डाटा मिलने लग गया है यहां पर अब इसके अंदर ये जो डाटा आ रहा है ये लिस्ट के तौर पे आ रहा है तो मैं यहां पे स्क्वायर ब्रैकेट ऑफ ़ कर देता हूं यहां पर तो मुझे मेरा ओरिजिनल डाटा देखने को मिल गया अब मुझे यहां पे क्या करना है सेव करना है रो और वन के तौर पे तो मैं यहां पे क्या कर रहा हूं पीआरडी अंडर डटा के नाम से एक वेरिएबल बना देता हूं और इसको लिस्ट के अंदर सेव कर लेता हूं अब मैं यहां पे क्या कर रहा हूं कंडीशनल स्टेटमेंट लगा रहा हूं यहां पर क्या कंडीशन स्टेट बना रहा हूं इफ आपकी जो वैल्यू है यहां पर वैल्यू मतलब i स् बके ऑफ 0 की जो डटा है यहां पर वो आपके पास ग्रेटर दन 0.5 आ जाए यहां पर तो अब हमें क्या करना है गाइ यहां पर हमें ये जो पीआरडी है यस पीआरडी डॉट यहां पीआरडी अ जो डाटा है यहां पर इसके अंदर क्या करना है गाइज यहां पर अपेंड करना है और अपेंड क्या करना है गाइ यहां पर अपेंड हमें करना है यहां पर ग्रेटर दन 0.5 के ऊपर हमें वन अपेंड करना है और नहीं तो हमें यहां पर एल्स अपेंड करना है और एल्स में हमें क्या करना है पीआरडी अ जो डाटा हमारे पास है यहां पर इसके अंदर हम क्या करेंगे यहां पर अपेंड करेंगे और अपेंड क्या करेंगे गाइज यहां पर रो मतलब ग्रेटर दन 0.5 पे हम वन अपेंड करेंगे और लेस दन 0.5 के अ पर क्या करेंगे रो न करेंगे चलिए रन करते हैं हमारा डटा यहां पे आ चुका है अभी देखिए अब हम क्या कर रहे हैं गाइज यहां पर यहां पर पीआरडी अंडर जो डेटा है यहां पर उसे रन करते हैं तो हमारे पास देखिए डाटा 0 और 0.5 के बीच में हमारा जो डटा आ चुका है और ये ऑलमोस्ट सारा डाटा क्या आ रहा है ज जीरो ही आ रहा है यहां पर यस ऑलमोस्ट सारा डाटा हमारे पास क्या आ रहा है जीरो ही आ रहा है कोई बात नहीं अभी हम उसे चेक कर लेंगे कि हमारे मॉडल की एक्यूरेसी कितनी है देखिए अभी हमारे पास क्या है y ट्रू है y ट्रू के अंदर हमारे पास क्या है y आपके पास टेस्ट है यहां पर और आपके पास y ट्र प्रू के अंदर बात करें तो वो आपके पास क्या है यहां पर पीआरडी अंडर डाटा के तौर पे तो मैं यहां पर पीआरडी अ डाटा के तौर पे दे दूं तो देखिए हमारे पास जो रिजल्ट निकल के आया गाइस यहां पर वो 80 पर एक्यूरेसी के साथ निकल के आया है मतलब हमारा जो मॉडल है यहां पर वो 80 पर एक्यूरेसी के साथ वर्क कर रहा है अब इसी के साथ-साथ मुझे यहां पे क्या करना है ये आपके पास यहां पे किसकी है टेस्टिंग की एक्यूरेसी है मुझे मेरे मॉडल की ट्रेनिंग की एक्यूरेसी भी देखनी है ट्रेनिंग की एक्यूरेसी देखने के लिए मैं y क्या करूंगा ट्रेन लगाऊंगा लेकिन यहां पर मुझे क्या करना है y पीआरडी डाटा देना है यहां पर किसका देना है हमें गाइज यहां पर ये हमें देना है y आपके पास यहां पर जो आपके पास x ट्रेन गया है उसका अब x ट्रेन गया है उसका हमें देना है यहां पर तो मुझे फिर से ये वाला जो काम है वो मुझे दोबारा फिर से लगाना पड़ेगा तो फिलहाल इसको मैं यहां पे क्या करता हूं ऊपर रख देता हूं यहां पर और एक बार और मैं यहां पे अप्लाई कर लेता हूं और देखता हूं हमारा मॉडल ओवर फिटिंग तो नहीं हुआ है इस ओवरफिटिंग को चेक करना पड़ेगा और ओवरफिटिंग को चेक करने के लिए गाइज यहां पर मैं पीआरडी वन कर रहा हूं और डाटा वन कर रहा हूं और यहां पे भी पीआरडी व डटा वन और डटा वन का इस्तेमाल करूंगा उसके बाद में ये x टेस्ट है इसको हटा के मैं x ट्रेन लगा दूंगा रन करेंगे हमारा जो ट्रेनिंग डाटा है वो हमारे पास आ चुका है किसके अंदर हमारे पास पीआरडी डटा व के अंदर चलिए पीआरडी इंडस्ट को डटा वन देके रन करते हैं यहां पर तो हमारे मॉडल की एक्यूरेसी कितनी आ रही है यहां पर 79 आ रही है और यहां पे कितनी आ रही है 80 आ रही है तो कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ आपके पास क्या हो रही है मिस्टेक हो रही है इसको हमें देखना पड़ेगा इसको देखने के लिए हम क्या करेंगे जो हमारे नंबर ऑफ पपोज है इसको हम बढ़ाएंगे नंबर ऑफ पपोज को मैं कर देता हूं यहां से 50 ताकि हमारा जो मॉडल है वो और भी अच्छे तरीके से ट्रेड हो सके चलिए एक बार हम क्या करते हैं यहां पे गाइ ऊपर से वापस एन के मॉडल को स्टार्ट करते हैं हम सीक्वेंशियल से स्टार्ट करते हैं फिर उसके बाद यहां पे कंपाइल करते हैं मॉडल को फिर हम हमारे मॉडल को अ फिट करते हैं फिट के वक्त ये 50 बार क्या होगा ट्रेंड होगा और देखिए मैंने क्या किया यहां पर 100 आपके पास यहां पे डाटा बनाया मतलब बेसिकली गाइज यहां पर जो आपके पास 800 आपके पास यहां 8000 जो आपका डाटा है इसके मैंने क्या किया है 100 100 के पैकेज बनाए हैं मतलब एक पैकेज आपके पास कितने का होने वाला है 80 का आपके पास यहां पे होने वाला है वो मैंने यहां पे बनाया है तो देखिए आपके जो मॉडल है वो यहां पर ट्रेड हो रहा है और ये 50 टाइम हमारा मॉडल ट्रेन हो चुका है अब देखिए मैं हमारी ट्रेनिंग की एक्यूरेसी देखना चाहूंगा उसके बाद हमारी जो टेस्टिंग एक्यूरेसी है वो भी मैं यहां पे देखना चाहूंगा इसके लिए मैं साइकल एन को कॉल करता हूं एक्यूरेसी स्कोर को कॉल करता हूं एक्यूरेसी स्कोर जो टेस्टिंग का है वो कितना आ रहा है 85 आ रहा है और यदि मैं ट्रेनिंग का देखूं तो आपके पास 84.5 आ रहा है लगभग आपके पास यहां पर ओवरफिटिंग का सिनेरियो खत्म हो चुका है तो गाइस इस तरह से हमारा जो मॉडल है वो ट्रेंड हो चुका है अब यदि हमारे पास कोई नया डाटा आता है तो उसके ऊपर ये हमारा मॉडल कैसे वर्क करेगा उसके लिए हम कैसे काम करेंगे तो यदि आपके पास कोई नया डाटा आता है उसके ऊपर हम कैसे काम करेंगे तो देखिए सबसे पहले मैं यहां पे आ जाता हूं और आपको बताता हूं कि नए डाटा के ऊपर हमारा मॉडल कैसे काम करेगा तो देखिए सबसे पहले आप नीचे आ जाइए नीचे आने के बाद में यहां पे रन कर लीजिए अब आपको क्या चाहिए पीआरडी डाटा चाहिए तो देखिए मैं यहां पे क्या कर रहा हूं पीआरडी अंडर जो डाटा है यहां पर वो लगा देता हूं अब जो भी नया डाटा आएगा वो कहां देना है आपको x टेस्ट के अंदर देना है जैसे कि x टेस्ट के अंदर यदि मैं कोई नया डाटा डालता हूं जैसे एग्जांपल के तौर पे हम ऊपर चलते हैं और कोई भी डाटा उठा के लाते हैं ठीक है और डाटा कहां से लाना है x को टेस्ट चलाना है लेट्स सपोज x टेस्ट चलाना है राइट तो मैं यहां पे चलता हूं और ये जो x टेस्ट है इसे रन कर देता हूं अब ये जो हमारा पहला नंबर ऑफ डाटा है यहां पर मैं इसे यहां पे क्या कर रहा हूं गाइस कॉपी कर लेता हूं और कॉपी करके जाके यहां पे चेक करता हूं कि जो मेरा पहला डाटा है उसका रिजल्ट क्या निकलता है क्या मेरा डाटा का पहला रिजल्ट जो है वो सही निकलता है या गलत निकलता है चलिए इसको समझने के लिए मैंने अपना डाटा ले लिया है और जो भी हमने डाटा लिया है यहां पर इसको टू डायमेंशन के अंदर कर देते हैं पहले तो जितने भी हमारे स्पेसेस हैं उनको मैं कॉमा से सेपरेट कर देता हूं क्योंकि हमारा जो डाटा होता है वो सारा कैसा होता है कॉमा सेपरेटेड होता है तो मैं यहां पे कॉमा सेपरेटेड कर देता हूं हमारा जितना भी डाटा है उसको और फिर चेक करते हैं इसका रिजल्ट क्या निकल के आ रहा है राइट तो मैं यहां पे क्या कर रहा हूं हमारा जितना भी डाटा है उनको कॉमा सेपरेटेड यहां पे बना रहा हूं ताकि हमारा जो ओरिजिनल डाटा होता है वो भी आपके पास क्या होता है इस तरह से कॉमा सेपरेटेड ही हमें देखने को मिलता है चलिए अब हम इसे रन करते हैं और प्रेडिक्शन वैल्यू क्या आई है यहां पर जीरो आई है चलिए y टेस्ट की एक्चुअल वैल्यू देख लेते हैं कि y टेस्ट हमें क्या रिजल्ट दे रहा है तो ंडर स्कोर टेस्ट हमारा पहले रिजल्ट का आंसर क्या दे रहा है जीरो ही दे रहा है तो इसका मतलब क्या हुआ गाइज यहां पर जो हमारा एए नेटवर्क बना है वो बहुत ही सही बना है यहां पर अब जरा थोड़ा सा ऊपर चल के देख लेते हैं ये क्या चीज है तो देखिए ट द फर्स्ट हिडन लेयर है यहां हमारी उसके बाद ये हमारी सेकंड हिडन लेयर है ये हमारी थर्ड हिडन लेयर है और ये हमारी फाइनल लेयर है जिसके अंदर हमारा सिंगल आउटपुट यहां पर निकल के आ रहा है उसके बाद हमने हमारे मॉडल को क्या किया है कंपाइल किया है कंपाइल करने का मतलब क्या है उसे रन किया है और उसके बाद हमने हमारे मॉडल को क्या किया फिट किया है फिट का मतलब क्या है कि जो भी हमारा डाटा आया है उसके ऊपर हमारा मॉडल हमने क्या किया है ट्रेन किया है ट्रेन करने के बाद में हमने हमारे मॉडल की क्या निकाली है गाइज यहां पर एक्यूरेसी निकाली है एक्यूरेसी के लिए हमने क्या किया यहां पर प्रिडिक्ट फंक्शन का इस्तेमाल किया है और एक्यूरेसी के लिए हमने क्या किया है साइकिल न का इस्तेमाल करते हुए आपके पास एक्यूरेसी स्कोर को कॉल करके हमने यहां पे एक्यूरेसी निकाली है और फिर उसके बाद कोई भी नया डेटा आ जाए तो उसके ऊपर हम इस तरीके से प्रेडिक्शन कर सकते हैं तो आई थिंक आई होप सो समझ में आ गया होगा यहां पर कि किस तरीके से हम ए ए का मॉडल बना सकते हैं लेकिन फिलहाल अभी ये एए का मॉडल अच्छे तरीके से ट्रेंड नहीं हुआ यहां पर यस इसके अंदर बहुत सारी मिस्टेक है हम इस मॉडल को और अच्छे तरीके से इंप्रूव कर सकते हैं इस इंप्रूव को लाने के लिए हमें कुछ स्टेप्स को फॉलो करना पड़ेगा अब वो स्टेप्स कौन-कौन से हैं तो वो हम जानेंगे हमारे अगले वीडियो के अंदर और हम एक-एक वीडियो यहां पर बनाने वाले हैं जिसके अंदर इंप्रूवमेंट के जितनी भी टेक्निक है उनको हम डिटेल के साथ देखने वाले हैं हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डब्लू कपटेक माय सेल्फ ग और आज के इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे कि हम हमारे न्यूरल नेटवर्क को कैसे इंप्रूव कर सकते हैं तो पहले ये जानते कि हमारे न्यूरल नेटवर्क के अंदर क्या-क्या प्रॉब्लम्स हो सकती है और किस-किस तरीके से उस प्रॉब्लम को दूर कर सकते हैं देखिए सबसे पहले जब आप अपने न्यूरल नेटवर्क को ट्रेन करते हैं तो न्यूरल नेटर को आप बेसिक तरीके से टड करते हैं जिसकी वजह से आप अपनी एक्यूरेसी को कभी अचीव नहीं कर पाते मतलब आपको बेस्ट एक्यूरेसी कभी नहीं मिल पाती है तो इस एक्यूरेसी को दूर करने के लिए हम यहां पर हाइपर पैरामीटर को ट्रेन कर सकते हैं मतलब हाइपर पैरामीटर की ट्यूनिंग कर सकते हैं बेसिकली हमारे पास बहुत सारे तरीके के हाइपर पैरामीटर्स होते हैं उन हाइपर पैरामीटर को ट्रीन करके हम हमारे मॉडल की एक्यूरेसी को इंप्रूव कर सकते सकते हैं अब मैं बात करना चाहूंगा कि ये हाइपो पैरामीटर कौन-कौन से होते हैं यहां पर तो देखिए जब भी आप किसी न्यूरल नेटवर्क को ट्रेन करते हैं तो उसके अंदर आपने बेसिकली कुछ-कुछ चीजें देखी थी जैसे एग्जांपल के तौर पे मैं बात करूं सबसे पहले आपके पास क्या होती है नंबर ऑफ आपके पास क्या होती है गाइज यहां पर हिडन लेयर यस नंबर ऑफ गस क्या होती है हिडन लेयर होती है यहां पर तो आप अपने नंबर ऑफ हिडन लेयर को कम या ज्यादा करके आप इस्तेमाल कर सकते हैं राइट आपके पास नंबर ऑफ हिडन लेयर जितनी ज्यादा होगी आपके मॉडल की कॉम्प्लेक्शन उतनी ज्यादा बढ़ती रहेगी जितनी कम होगी यहां पर उतने कम वो पिम ले पाएगा तो आपको एक एक्यूरेट मतलब आपके पा से मिडल एक आपके पास यहां पर रेंज पकड़नी पड़ेगी जितने नंबर ऑफ हिडन लेयर्स के ऊपर काम करना पड़ेगा तो नंबर ऑफ हिडन लेयर आप यहां पर बढ़ा के या कम करके आपके पास यहां पर अपने मॉडल की एक्यूरेसी को अचीव कर सकते हैं सेकंड चीज नंबर ऑफ हिडन लेयर के बाद में आता है गाइज यहां पर नंबर ऑफ आपके पास यहां पर नोड यस नंबर ऑफ नोड का मतलब आपके पास क्या है एक लेयर के अंदर कितने नंबर ऑफ नोड होने चाहिए यहां पर देखिए जनरली क्या देखा गया है यहां पर कि यदि आप एक लेयर के अंदर बहुत सारे नोड डालते हैं और उसके बाद सिंगल लेयर रखें यहां पर जैसे एग्जांपल के तौर पे आपके पास दो इन तीन इनपुट है और उसके बाद में आपने यहां पे क्या कर दिया चार आपने इनपुट ले लिया फिर उसके बाद आपने फिर दो ले लिया फिर वन ले लिया इस तरह का आपने एक पैटर्न डिज़ाइन किया आपने न्यूरल नेटवर्क के साथ में तब आपके पास आपके मॉडल की एक्यूरेसी आने के चांसेस कम रहते हैं तो जनरली यहां पे क्या खा गया है कि आपके पास जो पिरामिड शेप होता है उसमें एक्यूरेसी आपके पास ज्यादा अच्छी आती है यहां पर तो आपको क्या करना चाहिए नंबर ऑफ नोड्स को कम या ज्यादा करना चाहिए कम या ज्यादा करते रहना चाहिए चेंज करना चाहिए जिसकी वजह से आपके पास क्या होती है आपकी मॉडल की एक्यूरेसी और ज्यादा अच्छी होती है राइट चलिए नंबर ऑफ नोड और नंबर ऑफ हिडन लेयर के बाद में जो हमारी नेक्स्ट चीज आती है गाइज यहां पर हमारा एक्टिवेशन फंक्शन यस एक्टिवेशन फंक्शन यस हमें यहां पर हमारे जो एक्टिवेशन फंक्शन है उसे यहां पर चेंज करके देखना चाहिए कि हमारे मॉडल की एक्यूरेसी आ रही है या नहीं आ रही है क्योंकि वो भी एक हमारे पास क्या होता है एक हाइपर पैरामीटर होता है तो नंबर ऑफ एक्टिवेशन को भी हमें चेंज करना चाहिए अब देखिए जनरली हमें यहां पर देखा गया है कि जब हम हिडन लेयर का इस्तेमाल करते हैं तब हम रिलो एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल करते हैं और जब हम यहां पर आउटपुट लेते हैं तो आउटपुट के ऊपर डिपेंड करता है कि हमारा आउटपुट क्या आने वाला है हमारे पास क्लासेन है या फिर रिग्रेशन है उसके हिसाब से हम क्या करते हैं हमारे जो एक्टिवेशन फंक्शन है उसे हम यहां पर चेंज करते हैं और उसके हिसाब से हम क्या करते हैं हमारा आउटपुट यहां पर गेट करते हैं तो बेसिकली एक्टिवेशन फंक्शंस भी आपके पास यहां पे हाइपर पैरामीटर है उसके बाद में आपके पास आता है गाइज यहां पर आपका लॉस फंक्शन यस आप अपना जो लॉस फंक्शन आप डिसाइड करने जा रहे हैं यहां पर वो लॉस फंक्शन भी बहुत डिपेंडेंसी रहती है देखिए आपके पास जो आपका आउटपुट है उसके हिसाब से आपको अपना लॉस फंक्शन चेंज करना पड़ेगा देखिए लॉस फंक्शन से रिगार्डिंग हमने पहले भी बात कर रखी है यहां पर तो हम क्या कर रहे हैं हमारा लॉस फंक्शन चूज करते हैं कि हमारा डिजर आउटपुट क्या है उसके अकॉर्डिंग हमारा जो लॉस फंक्शन क्या चूज होना चाहिए लॉस फंक्शन के बाद में गाइ जो आपके पास आता है नेक्स्ट यहां पर दैट इज अ कॉल ऑफ ऑप्टिमाइजर यस आपको ऑप्टिमाइजर चूज करना पड़ेगा अलग-अलग डिफरेंट डिफरेंट टाइप के ऑप्टिमाइजर होते हैं उनमें से आपके पास आपके न्यूरोल नेटवर्क के ऊपर बेस्ट ऑप्टिमाइजर कौन सा है यहां पर उसे आप यहां पर चेंज करके काम में ले सकते हैं फिलहाल अभी के टाइम के अंदर बात करें तो एडम ऑप्टिमाइजर आपको बेस्ट सॉल्यूशन देता है तो बेसिकली आप एडम का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन डिपेंड ऑन योर डटा सेट आप यहां पर अपने ने ऑप्टिमाइजर की वैल्यू को चेंज करके भी आप यहां पर एक्यूरेसी को और अच्छी गेन कर सकते हैं उसके बाद में जो गाइज यहां पर नेक्स्ट अब बात करते हैं यहां पर तो नेक्स्ट जो आपके पास आती है गाइज यहां पर वो होती है बैच साइज यस आप यहां पर अपनी जो बैच साइज है यस उसे भी आप यहां पर अपने अकॉर्डिंग चेंज करके अपने जो मॉडल है उसकी एक्यूरेसी को इंप्रूव कर सकते हैं बेस्ट साइज के बाद में आता है नंबर ऑफ इपोच यस नंबर ऑफ इपोच के अंदर भी आपके पास क्या होता है गाइज यहां पर आपके मॉडल के अंदर इंप्रूवमेंट देखने को मिलती है उसके बाद में आपके पास आता है गाइज यहां पर लर्निंग रेट यस आपके पास जो लास्ट है यहां पर दैट कॉल्ड ऑफ लर्निंग आपके पास रेट आपको देखने को मिलती है लर्निंग रेट की वैल्यू को चेंज करके आप अपने बेस्ट ऑप्टिमम सल तक पहुंच सकते हैं तो ये थे बहुत सारे हाइपर पैरामीटर इन हाइपर पैरामीटर की ट्यूनिंग करके आप अपने क्या कर सकते हैं मॉडल को इंप्रूव कर सकते हैं उसके बाद में हमने यहां पर क्या देखा था कि जब भी आप अपने न्यूरोल नेटवर्क को ट्रेन कर रहे होते हैं तो न्यूरोल नेटवर्क को ट्रेन करते वक्त आपके सामने दो प्रॉब्लम आती है क्या प्रॉब्लम आती है पहली होती है वार्निशिंग गेडियन प्रॉब्लम यहां पर दूसरी होती है एक्सप्लोडिंग गेडियन प्रॉब्लम ये कब आती है जब आप बैक प्रोपो केशन यहां पे ले रहे होते हैं तो बैक प्रोपेगेशन के वक्त आपको वर्निल ग्रेड डिशन एंड एक्सप्लोडिंग गेड डिशन की प्रॉब्लम देखने को मिलती है तो आप इसे भी यहां पर चेंजेज कर सकते मब इसको भी आप इंप्रूव कर सकते हैं इसको इंप्रूव करने के लिए आप यहां पर क्या कर सकते हैं डिफरेंट डिफरेंट ऑप्टिमाइजर को चेंज कर सकते हैं यस ऑप्टिमाइजर चेंज कर सकते हैं यहां पर इसके साथ-साथ जो आपके पास इनिश इजेशन आपने वेट रखा था यस आपने क्या किया था यहां पर इनिश इजेशन जो आपने यहां पर वेट रखा था यस उस इजेशन वेट की वैल्यू को आप क्या कर सकते हैं चेंज कर सकते हैं इसके साथ-साथ आप क्या कर सकते हैं गाइज यहां पर अपने बैच को नॉर्मलाइज कर सकते हैं यस बैच नॉर्मलाइजेशन का इस्तेमाल करते हुए भी काम में ले सकते हैं तो आप यहां पे बैच नॉर्मलाइजेशन का यूज़ करते हुए आप इस प्रॉब्लम को दूर कर सकते हैं उसके बाद में गाइज यहां पर है कि जब भी आप अपने मॉडल को ट्रेन कर रहे हो जब न्यूरल नेटवर्क को ट्रेन कर रहे होते हैं न्यूरल नेटवर्क को ट्रेन करते वक्त आपको बहुत ज्यादा लार्ज अमाउंट में डाटा चाहिए होता है यदि आपके पास लार्ज अमाउंट ऑफ डाटा नहीं है तो आपको डाटा क्रिएशन करना पड़ता है और डेटा क्रिएशन करने के लिए आप ट्रांसफॉर्म लर्निंग का इस्तेमाल कर सकते हैं यस डाटा यदि आपको क्रिएशन करना है तो यहां पर ट्रांसफर या ट्रांसफर आपके पास क्या होगा लर्निंग का इस्तेमाल करते हुए आप यहां पर आगे बढ़ सकते हैं इसके अंदर अब कभी-कभी क्या होता है गाइज यहां पर आपके डाटा के अंदर आपके जो डटा के अंदर क्या होता है स्लो ट्रेनिंग हो रही होती है राइट आपका जो ट्रेनिंग है वो बहुत स्लो हो रही होती है तो इस स्लो ट्रेनिंग से भी आप यहां पर दूर हो सकते हैं यहां पर डिफरेंट डिफरेंट तरीके से उसके बाद में क्या क्या आता है यहां पर ओवर फिटिंग आपके इस मॉडल के अंदर देखने को मिल जाती है इस ओवर फिटिंग से दूर होने के लिए आप यहां पे क्या कर सकते हैं l1 एंड l2 यस रेगुलराइजेशन टेक्निक का इस्तेमाल कर सकते हैं यहां पर l1 एंड l2 रेगुलराइजेशन के बाद में आप यहां पे क्या कर सकते हैं अर्ली स्टॉपिंग कर सकते हैं ठीक है क्या कर सकते हैं गाइज यहां पर आप यहां पर अर्ली यस अर्ली स्टॉपिंग का भी इस्तेमाल आप यहां पर कर सकते हैं और इसके साथ-साथ ओवरफिटिंग को दूर करने के लिए आप यहां पर बैच नॉर्मलाइजेशन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं तो ये कुछ तरीके हैं यहां पर जिसके अंदर क्या होता है कि आपके मॉडल को आप इंप्रूव कर सकते हैं तो मेजर्ली पहले तो हाइपर पैरामीटर ट्यूनिंग होती है इन हाइपर पैरामीटर ट्यूनिंग के हिसाब से आपके पास क्या होता है आपकी एक्यूरेसी इंप्रूव हो जाती है यदि आपकी मॉडल के अंदर हाइपो पैरामीटर ट्यूनिंग की वजह से भी आपकी एक्यूरेसी ना बढ़े तो आप वनिस ग्रेडिंग डिसेंट पे जाइए वनि गेन डिसेंट के अलावा स्लो ट्रेनिंग हो रही है उसे चेक कीजिए आपके मॉडल के अंदर ओवरफिटिंग हो रही है उसे आप चेक कीजिए देन लास्ट ऑफ लीस्ट आपके पास डाटा ही आपके पास कम है तो आप डाटा को और ज्यादा बढ़ाने की कोशिश कीजिए इन सारी चीजों से आप क्या कर सकते हैं आप अपने मॉडल को बहुत ही अच्छे से इंप्रूव कर सकते हैं हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डबल कपटेक माय सेल्फ गर और आज के इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे ओवरफिटिंग के बारे में और वो भी न्यूरल नेटवर्क के अंदर तो आप देखिए न्यूरल नेटवर्क के अंदर ओवर फिटिंग को हम कैसे आइडेंटिफिकेशन तो देखिए जब भी आप किसी मॉडल को ट्रेन कर रहे हैं तो ट्रेन करते वक्त आपके पास आपको मिलता है एक ट्रेनिंग डाटा राइट जब भी आप किसी मॉडल को ट्रेन करें चाहे वो आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क की बात करें या चाहे आप मशीन लर्निंग के अंदर बात करें यस आपको अपना मॉडल क्या करना है आपको ट्रेन करना है यहां पर तो इसके लिए दो तरीके का डाटा चाहिए का यहां पर सबसे पहले आपको चाहिए यहां पर ट्रेनिंग डाटा राइट क्या चाहिए आपको ट्रेनिंग डाटा चाहिए दूसरा चाहिए आपको टेस्टिंग डाटा तो देखिए ट्रेनिंग डाटा के ऊपर आप क्या करते हैं अपना मॉडल ट्रेन करते हैं और मॉडल ट्रेन करने के बाद आपको एक पेडिक फंक्शन देखने को मिलता है अब इस पेडिक फं के अंदर आप क्या देते हैं यहां पर आप अपना टेस्टिंग डाटा देते हैं जिसके थ्रू आपके पास जो मॉडल है वो टेस्ट होता है और फिर कोई आपके पास टेस्टिंग डेटा देते हैं और टेस्टिंग डेटा देने पर आपको आंसर देता है यहां पर राइट अब आपको कैसे पता चलेगा कि हमारा मॉडल ओवर फिटिंग हुआ है या अंडर फिटिंग हुआ है या बेस्ट फिटिंग हुआ है तो इस चीज को पता लगाने के लिए हम क्या कर रहे हैं एक एग्जांपल मैं आप लोगों को बता रहा हूं जैसे यदि आपने पास आपका कोई डाटा है राइट उसके अंदर दो डाटा आपने कन्वर्ट किया आपने एक ट्रेनिंग डाटा लिया यहां पर यस एक ट्रेनिंग डाटा लिया और दूसरा आपने यहां पर टेस्टिंग टर लिया यहां पर अब मान लीजिए कि जब आपने अपने ट्रेनिंग डेटा से मॉडल को ट्रेन किया यहां पर ट्रेन करने के बाद में वापस दोबारा उसी डाटा का आपको क्या करना है प्रेडिक्शन निकालना है राइट उसी डटा का क्या करना है प्रेडिक्शन निकालना है प्रेडिक्शन निकालने का मतलब क्या है गाइज यहां पर उसी डाटा का स्कोर निकालना है मतलब एक्यूरेसी निकालनी है उसी डाटा की ऊपर उसकी एक्यूरेसी कितनी है उस मॉडल के ऊपर यदि आपके पास आपके डाटा के अंदर यदि आपकी ट्रेनिंग की एक्यूरेसी यस ट्रेनिंग की एक्यूरेसी आपके पास ग्रेटर देन आ जाए किसके आपके पास यहां पर टेस्टिंग की एक्यूरेसी से इट्स मीन दैट हमारा मॉडल क्या हो चुका है ओवर फिटिंग हो चुका है हमारा ये जो मॉडल है गाइज यहां पर वो क्या है यहां पर ओवर फिटिंग हो चुका है तो अब क्या करें यहां पर इसे बचाना चाहिए ओवरफिटिंग से और ओवरफिटिंग से बचाने के लिए हमारे पास बहुत सारे और भी तरह की टेक्निक्स होती है राइट अब मैं बात करूं यहां पर ओवर फिटिंग से अलावा बेस्ट फिटिंग का मतलब क्या होता है बेस्ट फिटिंग का मतलब होता है कि जो आपका ट्रेनिंग डाटा है यहां पर वो ऑलमोस्ट इक्वल्स टू हो जाए मैं एगजैक्टली इक्वल्स टू नहीं बात करूंगा यहां पर क्या कर रहा हूं यहां पर ऑलमोस्ट इक्वल्स टू जाए मतलब आपके पास प 5 का डिफरेंस आपको दिखने मिल जाए ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग एक्यूरेसी के अंदर तो इसका मतलब आपके पास मॉडल जो है आपका बेस्ट फिटिंग है यहां पर लेकिन यदि आपके पास ये दोनों की दोनों एक्यूरेसी बहुत ज्यादा कम हो जाए यहां पर तो इसका मतलब क्या है गाइज यहां पर ये दोनों अंडर फिटिंग पे है तो बेसिकली हमें यहां पे क्या करना है हमारे मॉडल को ओवर फिटिंग से बचाना है अब ओवरफिटिंग से बचाने का रीजन सिंपल सा ये है कि जब भी हमारा मॉडल ओवरफिटिंग हो जाएगा मतलब वो क्या कर रहा है कि जो भी आपने ट्रेनिंग डाटा दिया है यहां पर उसके ऊपर क्या करेगा प्रॉपर्ली मेमराइज कर लेगा और जब वो प्रॉपर्ली मेमोराइज कर देगा तो गाइज यहां पर जब वो प्रेडिक्शन करने चलेगा नए डाटा के ऊपर तो वो आपको रॉन्ग प्रेडिक्शन देगा कैसे जरा एग्जांपल के तौर पे समझते हैं इस ओवरफिटिंग के सिनेरियो को मान लीजिए कि आपके पास क्या है आपका इस डटा सेट है अब ये डेटा सेट कैसा है जरा समझिए यहां पर तो देखिए मैं यहां पे क्या कर रहा हूं एक एग्जांपल के तौर पे मैं अपना ट्रेनिंग डाटा दे रहा हूं ठीक है मैं क्या कर रहा हूं यहां पर कुछ ट्रेनिंग डाटा बना रहा हूं और ट्रेनिंग जो डाटा है यहां पर वो कुछ इस तरह से है कि कुछ आपके लाल पॉइंट्स पड़े हैं यहां पर यस कुछ आपके क्या है यहां पर रेड पॉइंट्स यहां पर पड़े हैं यहां पर एंड आपके पास बात करें यहां पर तो कुछ आपके पास ब्लू पॉइंट्स भी पड़े हैं यस आपके पास क्या है यहां गाइ इस तरह से आपके पास क्या है कुछ आपके पास यहां पर पर्पल कलर्स के पॉइंट्स भी यहां पर डिस्ट्रीब्यूटर पड़े हैं अब यहां पर यदि आपका डाटा ओवर फिटेड है तो आपके पास ये कर्वेचर एक डिजाइन करेगा मतलब इसको पार्टीशन करने के लिए कर्वेचर डिजाइन करेगा और वो कर्वेचर्स आपके पास कुछ इस तरह का हो सकता है कैसे देखिए वो क्या कर रहा है यहां पर एगजैक्टली आपके क्या कर रहा है इस कर्वेचर्स को प्रेक्ट मतलब डिफरेंशिएबल बनाएगा अब यदि आपको इस तरह का कर्वेचर देखने को मिल जाए मतलब आपको हर एक पॉइंट के ऊपर अच्छे से पार्टिसिपेंट करने वाला कर मिल जाए आपके पास यहां पर इसका मतलब आपका जो मॉडल है वो ओवर फिटेड हो चुका है यस अब आपका मॉडल क्या हो चुका है यहां पर ओवर फिटिंग हो चुका है यहां पर अब ओवरफिटिंग होने के बाद क्या होगा गाइज यहां पर ये किसका है यहां पर ये आपका ट्रेनिंग डाटा है यस ये आपका क्या है गाइज यहां पर ये आपका एक ट्रेनिंग डाटा है और उस ट्रेनिंग डाटा के ऊपर आपका मॉडल जो हो रहा है वो ट्रेड हो रहा है और ट्रेन करके इस तरह से आपके पास क्या कर रहा है एक प्रोडक्शन बाउंड्री बना रहा है मतलब एक डिसीजन बाउंड्रीज बना रहा है जिसके थ्रू आपके जो दोनों डाटा है वो आपके डिफरेंशिएबल आपके पास ट्रेनिंग डाटा नहीं ये काम किया यहां पर अब ये ट्रेनिंग डाटा ओवरफिटिंग है कैसे पता चला यहां पर क्योंकि वो हर एक पॉइंट पे प्रेस साइली वर्क कर रहा है हर एक पॉइंट पे क्या कर रहा है प्रेस साइली वर्क कर रहा है और उसके ऊपर क्या कर रहा है अच्छे से ट्रेंड हो रहा है मतलब आप इस तर से इस तरह से मान लीजिए कि वो हर एक पॉइंट को रट रहा है मेमराइज कर रहा है यहां पर कि यस इसका आंसर ये आना चाहिए इसका आंसर ये आना चाहिए इसका आंसर ये आना चाहिए इस तरह का आंसर ये आना चाहिए यस गाइ क्या होगा यहां पर अब यदि आपके पास कोई नया डाटा आता है लेट सपोज आपके पास कोई नया डटा आता है और हम उसमें बोलते हैं कि अब इसमें प्रोडक्शन बाउंड्रीज डिजाइन कीजिए यस ये कुछ रेड पॉइंट्स आ रहे हैं और यहां पे आपके पास कुछ ब्लू पॉइंट्स आ रहे हैं अब आपके पास डिसीजन बाउंड्रीज यहां पर बनाइए यस अब आप यहां पे क्या कीजिए इसके अंदर आपका डिसीजन बाउंड्रीज बनाई है तो वो क्या करेगा गाइज यहां पर वो आपके पास यस जैसी ये डिसीजन बाउंड्रीज थी वैसी की वैसी ये डिसीजन बाउंड्रीज यहां पे बनाएगा और आपका रॉन्ग प्रेडिक्शन करना स्टार्ट कर देगा यस क्या करेगा यहां पर रॉन्ग प्रेडिक्शन करना स्टार्ट कर देगा राइट तो बेसिकली गाइज क्या हो रहा है तो ओवरफिटिंग का मतलब क्या हो रहा है गाइस यहां पर कि आप जो ट्रेनिंग डाटा दे रहे हैं उस ट्रेनिंग डाटा को वो अच्छे तरीके से मराइज कर रहा है ना कि उसके कांसेप्ट को समझ रहा है ना कि उसके फीचर की अंडरस्टैंडिंग कर रहा है यहां पर राइट उसको कर रहा है याद कर रहा है यहां पर और इसकी वजह से जब कोई नया डाटा आता है आपके पास यहां पर यस उस समय आपके पास क्या होता है रॉन्ग प्रेडिक्शन स्टार्ट होने जाता है यहां पर तो इस प्रोसीजर को हम क्या बोलते हैं गाइज यहां पर ओवरफिटिंग कहते हैं राइट ओवरफिटिंग कहते हैं अब ये ओवरफिटिंग की पहचान हम कैसे करेंगे तो बहुत ही सिंपल है यहां पर आपको क्या करना है गाइज यहां पर सिंपल सी ट्रेनिंग की आपको एक्यूरेसी निकालनी है यहां पर और आपको क्या करना है यहां पर आपकी टेस्टिंग की एक्यूरेसी भी आपको यहां पर फाइंड आउट करनी करनी है अब इसका गैप जो यहां पर है वो बहुत ज्यादा मिले मतलब आपके ट्रेनिंग की एक्यूरेसी ज्यादा मिले टेस्टिंग के कंपेरटिवली इसका मतलब आपका मॉडल यहां पर क्या हो चुका है ओवर फिटेड हो चुका है अब आपको इसे यहां पर सही करना पड़ेगा चलिए आइडेंटिफिकेशन को हमसे दूर करना है यहां पर राइट तो इसके लिए मैं इसको क्या कर रहा हूं यहां पर कीप रख रहा हूं एंड उसके बाद मैं ले चलता हूं आपको जुपिटर नोटबुक के ऊपर जहां पे हम ये समझेंगे कि ये मॉडल हमारा ओवर फिटेड हुआ है या नहीं हुआ है अब देखिए इसके लिए हमने पहले से मॉडल बना रखा है अी ये पहले से मॉडल कब बनाया था जब हमने पहले यूज़ किया था याद होगा आप लोगों को हमने इससे पहले मॉडल बनाना सीखा था बस उसी की मॉडल की मैं बात कर रहा हूं यहां पर राइट चलिए अभी देखिए यहां पर मुझे क्या-क्या करना है हम रिक्वायर्ड मॉडल को इंपोर्ट कर लेते हैं यहां पर उसके बाद हम यहां पर क्या करते हैं हमारे डेटा सेट को लोड करते हैं फिर हेड लगा के कुछ डेटा को देखते हैं यहां पर फिर हमारे डाटा के अंदर इनपुट और आउटपुट डाटा को अलग-अलग करते हैं यहां पर स्टैंडर्ड स्केलर को कॉल करते हैं देखिए स्केलिंग करना बहुत ज्यादा जरूरी है यदि आपने अपने डटा के अंदर स्केलिंग नहीं की है तो आपके मॉडल की एक्यूरेसी कम हो जाती है राइट चलिए इनपुट आउटपुट डाटा को अलग-अलग कर लेते हैं यहां पर यस ये हमारा डाटा को स्केलिंग करके इनपुट आउटपुट डटा को मैंने क्या किया अलग-अलग कर लिया यहां पर और ये मैं हटा देता हूं अब मुझे क्या करना है गाइज यहां पर टेंसर फ्लो को कॉल करना है जो कि हमारा एए का नेटवर्क बनाएगा जो हमारा आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क का नेटवर्क डिजाइन करेगा यहां पर राइट उसको मैंने यहां पे इंपोर्ट किया फिर उसके बाद के रास को कॉल किया है जहां पे हमने सीक्वेंशियल और डेंसिल लेयर को कॉल किया यहां पर फिर सीक्वेंशियल को कॉल किया है और यहां पर मैंने एन का नेटवर्क बना लिया है उसके बाद मैंने क्या किया मॉडल को कंपाइल किया है और मॉडल को फिट कर दिया है यहां पर चलिए मॉडल हमारा फिट हो जाता है फिट होने के बाद बाद ही हम क्या करेंगे हमारे मॉडल की एक्यूरेसी को पता लगाएंगे यहां पर चलिए एक्यूरेसी कैसे पता लगाएंगे उसको भी हम देखेंगे अभी चलिए हमारा मॉडल पहले 50 टाइम इसे प्रिंट टेस्ट कर लेते हैं अब देखिए हमारा मॉडल की एक्यूरेसी आ चुकी है यहां पर मॉडल की एक्यूरेसी के अंदर मैंने क्या किया यहां पर टेस्टिंग डटा की एक्यूरेसी निकाली है और मैंने क्या किया है ट्रेनिंग डटा की एक्यूरेसी निकाली है चलिए पहले मैं यहां पर ट्रेनिंग डाटा की एक्यूरेसी निकालता हूं टेस्टिंग डेटा की एक्यूरेसी निकालता हूं यहां पर और यहां पे मुझे पीआरडी डाटा निकालना है बेसिकली पहले हमें क्या करना है पीआरडी डाटा निकालना है अब ये पीआरडी डाटा कैसे निकलेगा यहां पर मतलब प्रेडिक्शन कैसे निकलेगा यहां पर जरा उसको समझ लेते हैं यहां पर यस प्रेडिक्शन डाटा कैसे निकलने वाला है जरा उसको समझते हैं यहां पर कि प्रेडिक्शन डाटा का काम कैसे होगा ओके प्रेडिक्शन डाटा कैसे निकलेगा गाइस यहां पर तो ये देखिए मैंने यहां पर प्रेडिक्शन डाटा का कोड लिख रखा है यहां पर राइट एक कोड मैं और लिख लेता हूं यहां पर प्रोडक्शन डाटा का राइट कंट्रोल जड कर लेते हैं पहले तो इससे यहां पर ओके एंड यहां पर ये रहा हमारे पास प्रोडक्शन डाटा का कोड यहां पे आसा गया पीआरडी डाटा का हमारे पास कोड आ चुका है यहां पर राइट ये पीआरडी डाटा का आपको कोड लिखना है यहां पर और इस पीआरडी डाटा का कोड क्या है गाइ यहां पर कि जो भी आपका ए का नेटवर्क आया यस उसे आप क्या करेंगे प्रेडिक्शन में डालेंगे जहां पे आप क्या ंग एक्संड स्को टेस्ट डालेंगे और उस x स् टेस्ट के बेसिस पे आपका पीआरडी डाटा आपके सामने यहां पे आ जाएगा चलिए फिलहाल मैं इसे रन कर लेता हूं यहां पर हमारा रन हो चुका है यहां पर फिर हम क्या कर रहे हैं हमारे एक्यूरेसी को रन करते हैं और प्रेडिक्शन डाटा की एक्यूरेसी को निकालते हैं अब उसके साथ-साथ हमें यहां पे क्या करना है ट्रेनिंग डाटा की एक्यूरेसी भी निकालनी है इसके लिए हमें फिर से क्या चाहिए गाइज यहां पर पीआरडी डाटा चाहिए अब ये पीआरडी डाटा कैसे लाएंगे यहां पर तो देखिए ये वाला जो कोड है यहां पर सेम एज कोड मैं क्या कर रहा हूं यहां पर वापस लिख रहा हूं यहां पर और इस जगह पर x इस जगह पर x टेस्ट की जगह मैं यहां पे क्या डा रहा हूं x को ट्रेन डालो पीआरडी की जगह पीआरडी वन कर देता हूं यहां पर पीआरडी डाटा वन कर देता हूं पीआरडी डाटा वन कर देता हूं पीआरडी डाटा वन करके पीआरडी डाटा वन कर देता हूं राइट यही सेम कोड मैं वापस लिख रहा हूं पीआरडी डटा वन के लिए और इसे हम क्या करते हैं रन कर देते हैं और उसके बाद मैं फिर से इसे रन कर देता हूं यहां पर तो अभी क्या आ रहा है यहां पर एक्यूरेसी स्कोर हो गया है एक्यूरेसी स्कोर की जगह चलिए एक्यूरेसी स्कोर कर देते हैं देखिए आपके पास ट्रेनिंग और टेस्टिंग की एक्यूरेसी के अंदर डिफरेंस कितना आ रहा है ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग एक्यूरेसी के अंदर डिफरेंस देखेंगे तो आपके पास क्या आ रहा है केवल और केवल यहां पे पॉइंट व का आ रहा है इसका मतलब क्या हुगा यहां पर हमारा मॉडल ओवर फिटेड नहीं हुआ है हमारा मॉडल क्या हुआ है यहां पर ओवर फिटिंग नहीं हुआ जो कि हमें यहां पर देखने को मिल रहा है राइट तो हमारा मॉडल यहां पर ओवरफिटिंग नहीं हुआ है गाइ यहां पर बेसिकली यदि हमारा मॉडल ओवर फिटेड होता तो यहां पे ट्रेनिंग और टेस्टिंग एक्यूरेसी में बहुत ज्यादा गैप आपको देखने को मिलता चलिए मैं कैसे ही करके इसके अंदर ट्रेनिंग और टेस्टिंग की एक्यूरेसी में थोड़ा गैप लाने की कोशिश करता हूं मैं यहां पर रैंडम स्टेट की वैल्यू को थोड़ा चेंज करके देखता हूं शायद उसकी वजह से हमारे पास यहां पे एक्यूरेसी स्कोर में कुछ अंतर देखने को मिल जाए राइट चलिए चेक कर लेते हैं एक बार इससे भी राइट मैंने इसको 50 टाइम ट्रेन कर लिया है और मॉडल एक्यूरेसी और ज्यादा अच्छी इंप्रूव हो गई है बल्कि यहां पर देखिए एक्यूरेसी स्कोर देखेंगे आप यहां पर तो एक्यूरेसी स्कोर और ज्यादा इंप्रूव यहां पर देखने को मिल रहा है राइट चलिए तो अभी थोड़ा सा इसे और ज्यादा ट्रेंड होने देते हैं अच्छा आ जाते हैं यहां पर नीचे और फिर से रन करते हैं और फिर से रन करते हैं फिर से रन करते हैं फिर से रन कर लेते हैं देखिए अभी हमारे मॉडल के अंदर एक्यूरेसी स्कोर देखेंगे आप यहां पर तो ये क्या बन रहा है ओवर फिटेड बन रहा है कैसे बन रहा है यहां पर देखिए 84 है और यहां पे क्या है 85 है ट्रेनिंग के अंदर एक्यूरेसी ज्यादा है टेस्टिंग के कंपैरेटिव 1 पर ज्यादा है लेकिन ये 1 पर ज्यादा बहुत होता है यहां पर इस इसका मतलब हमारा मॉडल क्या है यहां पर ओवर फिटेड है अब इस ओवर फिटिंग मॉडल को कैसे यहां पर सही करना है ओवरफिटिंग से कैसे बचना है इसके कुछ कांसेप्ट होते हैं राइट इसके कांसेप्ट क्या है यहां पर सबसे पहला यहां पर आप क्या करें क्रॉस वैलिडेशन करें ट्रेनिंग के अंदर मोर डटा लाए यहां पर रिमूव फीचर्स फीचर्स को कुछ रिमूव करके कर सकते हैं यहां पर अर्ली स्टॉपिंग कर सकते हैं रेगुलराइजेशन कर सकते हैं असेंबल लर्निंग का इस्तेमाल कर सकते हैं और हाइपर पैरामीटर ट्यूनिंग कर सकते हैं तो ये कुछ तरीके हैं जिसकी हेल्प से आप क्या कर सकते हैं यहां पर जो ओवर फिटिंग है उसे आप कम कर सकते हैं राइट चलिए अब इसमें से देखिए क्रॉस वैलिडेशन तो हम नहीं कर रहे हैं अभी फिलहाल यहां पर ट्रेनिंग के अंदर हमारे पास और डाटा नहीं है यहां पर रिमूव फीचर हम फीचर को अभी रिमूव करना नहीं चाहते हैं अभी हम जो कांसेप्ट समझ रहे हैं दैट इज द कॉल ऑफ अर्ली स्टॉपिंग राइट अभी हम कांसेप्ट क्या समझ रहे हैं यहां पर अर्ली स्टॉपिंग का कांसेप्ट समझ रहे हैं कि अर्ली स्टॉपिंग के हेल्प से हम कैसे ओवरफिटिंग से बच सकते हैं अर्ली स्टॉपिंग की हेल्प से हम कैसे ओवरफिटिंग से बच सकते हैं वो चीज हम यहां पर अब देखने वाले हैं चलिए अब मैं क्या करने वाला हूं गाइज यहां पर अर्ली स्टॉपिंग कर रहा हूं अब अर्ली स्टॉपिंग कैसे काम करता है पहले उसको जरा समझ लेते हैं यहां पर तो देखिए मैं अर्ली स्टॉपिंग करने से पहले मैं अली स्टॉपिंग कैसे काम करता है वो आपको समझाऊ यहां पर देखिए अर्ली स्टॉपिंग कैसे होता है जैसे मान लीजिए कि आपके पास क्या हो रहा है आप यहां पर नंबर ऑफ टाइम यहां पर उसे ट्रेनिंग कर रहे हैं नंबर ऑफ टाइम क्या कर रहे हैं यहां पर ट्रेनिंग कर रहे हैं यहां पर मतलब नंबर ऑफ नोड यहां पर चेंज कर रहे हैं तो उससे होता क्या है कि जब आपके पास मॉडल ट्रेड होता है तो मॉडल ट्रेड होते वक्त आपके पास कुछ ट्रेनिंग के एक्यूरेसी कुछ इस तरह से आती है मान लीजिए आपके पास क्या होती है ट्रेनिंग की एक्यूरेसी कुछ यहां पे इस तरह से जस्ट अब मैं थोड़ा चेंज करूंगा यहां पर ट्रेनिंग की एक्यूरेसी आपके पास कुछ इस तरह से आती है राइट ये आप क्या क्या आई यहां पर ट्रेनिंग की एक्यूरेसी आई यहां पर राइट फिर से आपने अपना मॉडल ट्रेन किया और मॉडल ट्रेन करने के बाद में अब आपके पास क्या आगी आपके पास गाइज यहां पर टेस्टिंग की एक्यूरेसी आई और टेस्टिंग की एक्यूरेसी आपके पास कुछ इस तरह से आ जाती है राइट क्या आ जाती है टेस्टिंग की एक्यूरेसी कुछ इस तरह से आ जाती है तो ट्रेनिंग की एक्यूरेसी और टेस्टिंग की एक्यूरेसी के अंदर आप देखेंगे तो बहुत बड़ा एक डिफरेंस आपको देखने को मिल जाता है ये डिफरेंस ही आपके पास क्या करता है ओवर फिटिंग का सिनेरियो रहता है अब इस कर्वेचर के अंदर यदि आप गौर से देखेंगे तो गौर से देखने पर हमें क्या पता चला गाइज यहां पर कि यहां से यहां तक का जो एरिया था हमारे पास यहां पर इसके बीच तक हमारे पास क्या था यहां पर एक्यूरेसी लगभग क्या थी बराबर थी लेकिन उसके बाद में मॉडल की एक्यूरेसी क्या हुई यहां पर आपके पास उसमें ज्यादा डिफरेंस देखने को मिला चलिए इसको मैं थोड़ा प्रैक्टिकली थोड़ा दिखाना चाहूंगा ग्राफिकल तौर पे अब प्रैक्टिकली कैसे देखेंगे तो उसके लिए सबसे पहले जो हमारी रिक्वायर्ड लाइब्रेरी है यस उसको जरूरत पड़ेगी जस्ट लाइक इंपोर्ट करेंगे यहां पर मैट पल लिप जिसके थ्रू हम यहां पे ग्राफ बनाएंगे और हम हमारी ओवरफिटिंग को समझाए पहचानेंगे तो मैट पलि पे जाना है यहां पर पलट एलस पीएटी कर देते हैं यहां पर चलिए इसे मैं रन कर देता हूं अब आ जाते हैं नीचे देखिए जब आप अपना मॉडल को ट्रेन कर रहे होते हैं यहां पर ए एंड मॉडल को तो एन एंड टर्न को ट्रेन करते वक्त जो आपका एनए है यस जो आपका ये एनए है यहां पर इसी एनए में आपको यहां पर जाना है एएन के पास जाने के बाद में आपको यहां पे क्या मिलेगा आपको हिस्ट्री मिलेगा इस हिस्ट्री के अंदर जाके फिर से आपको क्या करना है हिस्ट्री को कॉल करना है और रन कर देना है यहां पर राइट हिस्ट्री को कॉल करके क्या करना है रन कर देना है यहां पर राइट हिस्ट्री को कॉल करके आपको क्या करना है रन करना है ब्लैंक डिस्टिन क्यों आ रही है हिस्ट्री के पास जाना है यहां पर हिस्ट्री के पास जाके अब आपको क्या करना है गाइज यहां पर एन पे बा जाना है और आपको हिस्ट्री पे कॉल करना है और फिर आप जाके हिस्ट्री पे कॉल करेंगे तो आपको हिस्ट्री मिल जाएगी अब हिस्ट्री के अंदर देखिए आपके पास यहां पर लॉस मिल रहा है यहां पर आपको लॉस के साथ-साथ देखिए आपको एक्यूरेसी मिल रहा है यहां पर इसके साथ-साथ थोड़ा सा नीचे आएंगे आपके पास यहां पर तो एक्यूरेसी भी आपको मिल रहा है अब इस एक्यूरेसी में आपको ट्रेनिंग की एक्यूरेसी नहीं मिल रही आपको केवल किसकी मिल रही है यहां पर के सॉरी इस एक्यूरेसी के अंदर आपको क्या मिल रहा है केवल और केवल ट्रेनिंग की एक्यूरेसी मिल रही है टेस्टिंग की एक्यूरेसी नहीं मिल रही है अब आपको टेस्टिंग की एक्यूरेसी भी चाहिए तो पहले हमें टेस्टिंग की एक्यूरेसी लानी पड़ेगी कैसे लाएंगे यहां पर तो देखिए इसके अंदर जाएंगे इसके अंदर जाने के बाद में आपको मिलेगा वैलिडेशन डाटा यस आपको क्या मिलेगा वैलिडेशन डाटा मिलेगा इस वैलिडेशन डेटा के अंदर आपको डाटा रखना है यहां पर अब ये वैलिडेशन डाटा में क्या डाटा रखना है जरा देखें यहां पर तो वैलिडेशन डाटा में आपको अपना डाटा रखना है कैसे एक टपल के तौर पे जहां पे आपको वैलिडेशन डाटा रखना है जहां पे आप यहां पे क्या रखेंगे x आपका टेस्ट रखेंगे और y आपको क्या रखना है टेस्ट रखना है तो आपको क्या मिलेगा एक वैलिडेशन एक्यूरेसी भी आपको एक साथ मिलती रहेगी मतलब आपको टेस्टिंग की एक्यूरेसी भी आपको साथ में मिलती रहेगी तो आपको क्या करना है गाइज यहां पर सबसे पहले यदि आपको ओवर फिटिंग को पहचानना है तो आपको वैलिडेशन डाटा देना पड़ेगा और वैलिड शशन डाटा में आपको अपना टेस्टिंग का डाटा जरूर देना है राइट विदाउट गोइंग अ टेस्टिंग डाटा आप आगे नहीं बढ़ सकते अब चलिए मैं यहां पे वापस जा हिस्ट्री को रन करता हूं यहां पर तो देखिए लॉस मिलता है फिर उसके बाद देखिए गाइज एक्यूरेसी मिलता है एक्यूरेसी की जड़ नीचे आते हैं यहां पर तो आपको क्या मिलता है यहां पर वेल लॉस मिलता है वेल लॉस का मतलब क्या है यहां पर वैलिडेशन डेटा का लॉस मिलता है और इसके साथ-साथ वैलिडेशन डेटा की आपको क्या मिलती है एक्यूरेसी देखने को मिल जाती है राइट तो आपको ये दोनों चीजें देखने को मिल गई यहां पर और ये दोनों चीजें किसमें है डिक्शनरी में अब यदि मुझे यहां पर एक्यूरेसी निकालनी है क्या निकालनी है एक्यूरेसी निकालनी है है तो मैं रन करूंगा मुझे मेरी एक्यूरेसी देखने को मिल जाएगी अब ये एक्यूरेसी किसकी है गाइज यहां पर ये हमारे मॉडल के ट्रेनिंग की एक्यूरेसी है तो यदि मैं यहां पर कॉल करूं किसको कॉल कर रहा हूं यहां पर गाइस यहां पर ट्रेनिंग को कॉल करता हूं यहां पर तो ये ट्रेनिंग की क्या है गाइस यहां पर एक्यूरेसी है यस ये किसकी एक्यूरेसी है गाइस यहां पर ट्रेनिंग की एक्यूरेसी है इसी तरीके से मुझे मेरी टेस्टिंग की एक्यूरेसी भी निकालनी है तो मैं क्या करूंगा यहां पर इसे पेस्ट कर दूंगा ताकि मैं ओवर फिटिंग को पहचान सकूं राइट तो अभी मैं क्या कर रहा हूं गाइ यहां पर हमारे पास क्या कर रहा हूं टेस्ट अंडरस्कोर क्या कर रहे हैं यहां पर एक्यूरेट निकाल रहे हैं यस टेस्ट अंडरस्कोर क्या कर रहे हैं गाइ यहां पर एक्यूरेसी निकाल रहे हैं और इसके लिए हम क्या करेंगे गाइस यहां पर वैलिडेशन एक्यूरेसी को कॉल करेंगे तो हमारे ट्रेनिंग और टेस्टिंग दोनों की एक्यूरेसी आ चुकी है अब हमें क्या करना है गाइज यहां पर अब हमें इसको प्लॉट करना है और प्लॉट करके देखना है यहां पर कि किस तरह से ग्राफ नजर आता है यहां पर अब ये डाटा है कितना पहले हमें ये देखना पड़ेगा कि इसके अंदर डाटा कितना आया है यहां पर तो मैं पहले इसकी क्या करूंगा लेंथ निकालूं लेंथ करने के लिए मैं करूंगा यहां पर आपके पास टेस्ट एक्यूरेसी को कॉल कर देता हूं यहां पर रन करता हूं 50 लेंथ है यहां पर चलिए अब ग्राफ बनाते हैं यहां पर कैसे बनाएंगे पीएटी डॉट आप यहां पे प्लॉट बनाइए पीएटी डॉट क्या प्लॉट बनाते हैं प्लॉट के अंदर एक्स एक्सेस का डाटा चाहिए एक्स एक्सेस का डाटा चाहिए तो मैं आई फॉर आई एन क्या करेंगे यहां पर रेंज को अप्लाई करेंगे और वन बार ट्रेनिंग करने से लेके आपके 50 वन टाइम हमारा क्या हो र ट्रेनिंग हो रहा है उसके बाद में हम यहां पे क्या कर रहे हैं ट्रेनिंग की जो हमारी एक्यूरेसी है यहां पर वो कॉल कर रहे हैं यहां पर सेम एज हम क्या कर रहे हैं गाइज यहां पर कॉल करेंगे आपके पास किसकी टेस्टिंग की एक्यूरेसी की तो यहां पर हमने ट्रेनिंग की एक्यूरेसी लगाई और फिर फिर मैं यहां पे क्या लगा रहा हूं टेस्टिंग अरसी लगा रहा हूं इसके साथ-साथ मैं कलर इक्वल्स टू क्या करूंगा गाइ यहां पर रेड कलर डाल रहा हूं यहां पर राइट और इस ग्राफ को देखने के लिए मैं क्या कर रहा हूं पीटी डॉ शो फंक्शन को कॉल कर रहा हूं चलिए देखिए हमारा ग्राफ आ रहा है और ग्राफ देखिए स्टार्टिंग से देखिए 79.8 से चल रहा है यहां पर ये 79.9 पे चल रहा है यहां पर और लगभग लगभग ये चल रहा है यहां पर दोनों के बीच में गैप नजर आ रहा है यहां पर दोनों पासपास नजर कहीं नहीं आ रहे देखिए जीरो से लेकर 50 तक के बीच में एक सिंगल लाइन नजर आ रही है यहां पर कोई भी आपके पास यहां पर डिफरेंस नहीं नजर आ रहा इसका मतलब क्या हुआ कहीं ना कहीं ये ओवर फिटेड हुआ होगा राइट कहीं ना कहीं क्या हो रहा है ओवरफिटिंग हुआ होगा चलिए एक बार देख लेते हैं यहां पर क्या एक्यूरेसी स्कोर आ रहा है यहां पर दोनों का वो भी चेक कर लेते हैं यहां पर तो एक्यूरेसी स्कोर देखिए 78 और 79 आ रहा है दोनों के बीच में आपको गैप नजर जरूर आ रहा है राइट अब इसमें हम अर्ली स्टॉपिंग कैसे करेंगे उसका इस्तेमाल जानते हैं यहां पर देखिए जब आप अपना मॉडल ट्रेन कर रहे हैं यहां पर मॉडल ट्रेन करते वक्त आपके पास इसके अंदर एक पैरामीटर होता है और वो पैरामीटर क्या होता है गाइज यहां पर दैट अ कॉल बैक यस आपको यहां पे क्या करना है कॉलबैक का इस्तेमाल करना है ये कॉलबैक क्या करेगा गाइज यहां पर आपके मॉडल की एक्यूरेसी को इंप्रूव करेगा कैसे करेगा अब जरा समझते हैं यहां पर तो देखिए आपको जब यहां पे ओपन करेंगे आपको मिलेगा एक कॉलबैक्स पैरामीटर इस कॉलबैक्स पैरामीटर को आपको देना है जहां पे ये आपके मॉडल की एक्यूरेसी आपके पास इंप्रूव करेगा कैसे ये ओवर फिटिंग जहां पे भी हो रगी वहां पे ये स्टॉप कर देगा कैसे जरा समझते हैं यहां पे इसके लिए क्या करना है गाइ यहां पर आपको फ्रॉम केरा के अंदर जाना है केरा के अंदर जाने के बाद में अब आपको यहां पे क्या करना है यहां पर आपको कॉल करना है कॉल बैक्स को इसको कर कॉल बैक्स को कॉल करेंगे और इंपोर्ट करेंगे और इंपोर्ट क्या करना है गाइज यहां पर अर्ली स्टॉपिंग को यस आप किसे इंपोर्ट करेंगे अर्ली स्टॉपिंग को इंपोर्ट करेंगे अब यहां पे ये कॉल बैक्स जो इस्तेमाल किया है यहां पर इसके अंदर जाके क्या करना है गाइ यहां पर अर्ली स्टॉपिंग को सिंपल सा कॉल कर देना है ठीक है अब इसे क्या करें यहां पर सिंपल सा रन करें जहां पे भी इसको लगता होगा ये वहां पे इसे रोक देगा जहां पे भी इसको लगेगा कि यहां से मॉडल की एक्यूरेसी के अंदर आपका फर्क आने लग गया है उसे ये क्या करेगा स्टॉप कर देगा चलिए अब यहां पर अप इसे रन करते हैं और इसे रन करते हैं गाइ यहां पर तो ये केवल और केवल कितने टाइम रन हुआ है यहां पर केवल 1 2 3 थ्री टाइम्स ही रन हुआ है यहां पर तो मैं यहां पे क्या करता हूं चेंज करके फोर कर देता हूं नीचे आता हूं चेंज करके क्या करता हूं फोर कर देता हूं और रन करते हैं यहां पर तो देखिए अब ये कॉलबैक्स और अर्ली स्टॉपिंग कर क्या रहे है ये कॉलबैक्स और अर्ली स्टॉपिंग क्या कर र है आपके मॉडल को इन डेप्थ ट्रेंड नहीं होने दे रहे हैं जहां पे भी उसे लगता है यहां पर थ्री पॉइंट्स के बाद में यस थ्री पॉइंट्स के बाद में जहां पे भी उसे लगता है कि नहीं यहां पर जाके हमारा मॉडल ओवर फिटेड हो रहा है यहां पर मॉडल के एक्यूरेसी इंप्रूव नहीं हो रही है यहां पर बेसिकली एक ही एक्यूरेसी पे है यहां पर तो फिर उस समय ये क्या करेगा वहीं पे ये मॉडल को स्टॉप कर देगा यस दैट इज कॉल ऑफ अर्ली स्टॉपिंग मतलब आपके मॉडल को इंटरनली पूरा ट्रेड नहीं होने देता है इंटरनली पूरा ट्रेंड होने नहीं देता है उसको पहले ही स्टॉप कर देता है ताकि आपका मॉडल ओवरफिटिंग से बच सके तो दैट द यूजिंग ऑफ कॉल बैक राइट अब यहां पे कॉल बैक के बाद में जो नेक्स्ट हमारे पास आता है यहां पर जो लिस्ट ऑफ आपके पास यहां पर ओवर फीडिंग को दूर कर सकता है वो है आपका रेगुलराइजेशन यस वो क्या है यहां पर रेगुलेशन कि रेगुलेशन का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं तो जरा समझते हैं रेगुलराइजेशन कैसे इस्तेमाल इल किया जाता है देखिए जब आप अपने हिडन लेयर को इस्तेमाल कर रहे होते हैं इसी हिडन लेयर के अंदर आपके पास रेगुलराइजेशन टेक्निक को आप इस्तेमाल कर सकते हैं जिसके थ्रू आपका मॉडल क्या होगा गाइज यहां पर इंप्रूव हो जाएगा अब कैसे होगा यहां पर तो देखिए ये एक्टिवेशन फंक्शन है यहां पर इस एक्टिवेशन फंक्शन के अंदर आप यहां पर ट्रैक करेंगे तो आपको यहां पर रेगुलराइजेशन मिल जाएगा देखिए आपके पास यहां पे कर्नल रेगुलराइजेशन के नाम से यहां पर जिसे आप रेगुलेशन लगा सकते हैं यस अब इसमें कैसे लगाया जाएगा यहां पर तो पहले आप कर्नल एस्टर को कॉल कर दीजिए यस पहले क्या करें कर्नल एग जस्टर को कॉल कर सकते हैं जहां पे रेगुलराइजेशन लगाना है यस रेगुलराइजेशन टेक्निक के अंदर आप यहां पर l1 रेगुलेशन लगा सकते हैं l2 रेगुलेशन लगा सकते हैं l1 एंड l2 रेगुलराइजेशन लगा सकते हैं अब ये l1 रेगुलेशन l2 रेगुलेशन क्या होते हैं यहां पर तो इसको मैंने इन डेप्थ तरीके से सखाया था कब जब हमने मशीन लर्निंग को स्टडी किया था यस जब हमने मशीन लर्निंग पढ़ा था तो वहां पे जब हम सिंपल लीनियर रिग्रेशन को पढ़ रहे थे उसी वक्त मैंने रेगुलराइजेशन टेक्निक को भी डिस्कस किया जहां पे मैंने l1 एंड l2 रेगुलराइजेशन को डिटेल के साथ आपको एक्सप्लेन किया था कि किस तरह से l1 रेगुलराइजेशन वर्क करता है किस तरह से l2 रेगुलराइजेशन वर्क करता है ठीक है तो चलिए अभी यहां पर इसे लगाने की बारी है कैसे लगाएंगे जरा समझते हैं यहां पर देखिए आपके पास लेयर है लेयर के अंदर आपके पास क्या है गाइ यहां पर डेंस लेयर है इस डेंस लेयर के अंदर आपके पास रेगुलराइजेशन भी आएगा यहां पर चलिए केरा में जाना है यहां पर केरा में जाने के बाद आपको रेगुलराइजर को कॉल करना है रेगुलराइजर को कॉल करने के बाद आप इंपोर्ट कर सकते हैं यहां पर l1 रेगुलराइज से मिल जाएगा l2 रेगुलराइज मिल जाएगा l1 और l2 रेगुलेशन दोनों मिल जाएगा तो फिलहाल के लिए मैं यहां पर l2 लगा रहा हूं अब l2 कैसे लगाएंगे गाइज यहां पर तो आपको यहां पर l2 लगाना है l l2 लगाने के बाद में इसके अंदर आपको देना है अल्फा पैरामीटर यस क्या देंगे आप यहां पर अल्फा पैरामीटर देंगे तो पहले तो मैं यहां पे l2 रेगुलराइजेशन लगाता हूं यहां पर राइट क्या लगाता हूं एलटू रेगुलराइजेशन लगाता हूं उसके बाद मैं इसको ओपन करता हूं तो आपको अल्फा मिल जाएगा जोकि एलटू रेगुलेशन है यहां पर इट्स कॉल ऑफ आपके पास इट्स अ हाइपर पैरामीटर यस ये हाइपर पैरामीटर मिल जाएगा इस हाइपर पैरामीटर की वैल्यू क्या है 0.01 है यहां पर अभी फिलहाल के लिए और इसे हम रन कर देते हैं चलिए इसे रन करते हैं और मॉडल को फिट करते हैं देखते हैं यहां पर मॉडल कितनी बार ट्रेंड हो रहा है यहां पर तो देखिए आपके पास दो तीन चार बार ट्रेंड हो रहा है यहां पर और मॉडल की एक्यूरेसी में फर्क भी आ रहा है यहां पर राइट हमने यहां पे अर्ली स्टॉपिंग भी लगा रखी है और ये 14 पे जाके अर्ली स्टॉपिंग रुकी है चलिए एक बार देखते हैं ट्रनिंग और टेस्टिंग की एक्यूरेसी के अंदर कितना आपके पास यहां पे मॉडल ट्रेंड हुआ है यहां पर मॉडल आपका ट्रेंड हुआ है यहां पर 14 टाइम यस कितनी बार हुआ है 14 टाइम ट्रेंड हुआ है यहां पर तो मैं बेसिकली यहां पे 15 कर दूंगा और इसके अंदर भी क्या कर दूंगा गाइज यहां पर आपका 15 कर दूंगा रन करते हैं तो देखिए आपके पास यहां पे एक्यूरेसी में कोई ज्यादा डिफरेंस तो देखने को नहीं मिला बट आपके रेगुलराइजेशन से आपके पास क्या हुई मॉडल की एक्यूरेसी आपके थोड़ी इंप्रूव हुई मतलब मॉडल थोड़ा और ज्यादा ट्रेड आप के पास यहां पे हुआ है राइट चलिए यही आपके पास यहां पर रेगुलेशन टेक्निक आप चाहे तो दूसरी जो हिडन लेयर है वहां पे भी अप्लाई कर सकते हैं और यही टेक्निक आप तीसरी में भी कर सकते हैं चलिए इसे रन कर लेते हैं फिर इसे रन करते हैं और फिर इसे रन करते हैं तो देखिए हमारे मॉडल की एक्यूरेसी कुछ ज्यादा तो बढ़ नहीं रही है राइट हमारे पास वही 79.8 पे ही अटक गई है यहां पर एक्यूरेसी और पहले भी यही थी एक्यूरेसी अभी भी वही एक्यूरेसी है ज्यादा एक्यूरेसी आपके यहां पर इंप्रूव नहीं हुई है हां हालांकि ये जो मॉडल जो है ट्रेन वो ज्यादा टाइम हो रहा है यहां पर ये 20 22 टाइम हो रहा है ये 23 टाइम्स हो रहा है पहले 15 टाइम पहले सिर्फ 14 टाइम था अब यहां पे क्या हो रहा है 24 टाइम्स हमारा मॉडल जो है वो ट्रेंड हो चुका है 24 टाइम्स हमारा मॉडल क्या हुआ है ट्रेंड हो चुका है चलिए रन करते हैं यहां पर ओके अ मुझे पहले तो इसे रन करना पड़ेगा फिर इसे रन करते हैं तो 24 टाइम्स हमारा मॉडल यहां पे टेंड हो चुका है लेकिन बट मॉडल की एक्यूरेसी में इतना कुछ ज्यादा फर्क यहां पर देखने को नहीं मिलर है हां यदि आप ये टेक्निक का इस्तेमाल करते हैं रेगुलराइजेशन टेक्निक का इस्तेमाल करते हैं या फिर अर्ली स्टॉपिंग टेक्निक का इस्तेमाल करते हैं तो आपके मॉडल की एक्यूरेसी इंप्रूव होने के चांसेस ज्यादा हो जाते हैं लेकिन फिलहाल इसके अंदर नहीं हो रहा है तो इसके अंदर और भी बहुत सारे रीजन हो सकते हैं जैसे कि मेरे पास अगला जो रीजन है यहां पर वो है यहां पर असेंबल असेंबल का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर हाइपर पैरामीटर ट्यूनिंग दैट अ वेरी वेरी इंपोर्टेंट पॉइंट हाइपर पैरामीटर ट्यूनिंग करने से भी हमारे मॉडल की एक्यूरेसी बढ़ती है और बढ़ती नहीं है बहुत ज्यादा बढ़ती है यहां पर हाइपर पैरामेट टनिंग करने से राइट और ओवर फिटिंग को दूर भी करती है तो ये हाइपर पैरामीटर ट्यूनिंग कैसे होती है हमारे किसी भी मॉडल के ऊपर इसको हम डिटेल के साथ समझेंगे कब हमारे आने वाले वीडियो के अंदर तो फिलहाल आज की वीडियो के लिए क्या कर रहे हैं बस इतना ही रख रहे हैं जिसके अंदर ओवर फिटिंग के अंदर हमने दो मेथड को समझाया यहां पर और वो दो मेथड कौन-कौन से हैं यहां पर अर्ली स्टॉपिंग है और रेगुलराइजेशन टेक्निक को समझा यहां पर आने वाले वीडियो के अंदर हम हाइपर पैरामीटर टनिंग को समझेंगे कि डीप लर्निंग के अंदर हम हाइपर पैरामीटर ट्यूनिंग कैसे कर सकते हैं हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डबल क्रिप्ट माय सेल्फ गौरव और आज के इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे यहां पर किसके के बारे में बैच नॉर्मलाइजेशन के बारे में अब देखिए बैच नॉर्मलाइजेशन टेक्निक किस तरह से वर्क करती है चलिए जरा अब इसे देखते हैं कि कैसे वर्क करती है तो देखिए जब भी आप आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क बनाते हैं तो वो आपके पास कुछ इस तरह से दिखते हैं जैसे कि मैंने यहां पर एक आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क बना रहा हूं जिसके अंदर आपके पास क्या होती है सब आपके जितने भी इनपुट्स होते हैं वो आपके पास इस तरह से कनेक्टेड रहते हैं जैसे कि ये आपस में कनेक्टेड है यहां पर एंड ये सब इनपुट्स जो होते हैं वो आपके पास एक आउटपुट लेयर y से आपके पास कनेक्टेड होता है अब ये इनपुट आपके पास x1 x2 एंड x3 आपके यहां पर कनेक्टेड रहते हैं और इसके करेस्पॉन्डिंग्ली वैल्यू को क्या करते हैं अपडेट करते हैं अब क्या होता है गाइस यहां पर कि जब आप पीछे जाके वेटेज और बायस की वैल्यू को अपडेट करते हैं तो होता क्या है कि ये जो पीछे जाके वेटेज और बायस की वैल्यू जो होती है कभी-कभी आपके पास क्या हो जाती है बहुत ही ज्यादा लोअर हो जाती है यस मतलब आपके पास बिल्कुल च च नहीं होती है या फिर कभी-कभी जाके क्या हो जाती है बहुत ही ज्यादा आपके पास क्या हो जाती है हाई हो जाती है यहां पर अब बहुत ज्यादा लोअर कैसे हो सकती है जैसे कि ये पीछे जा रही है यहां पर और जैसे कि मान लीजिए 0.1 0.1 एंड 0.1 इस तरह से अपडेट हो रही है राइट तो आपका जो वैल्यू अपडेशन जो आपको मिली यहां पर वो क्या मिली आपको गाइज यहां पर 00 आपके पास यहां पर वन आपको अपडेशन मिला है यस 00 आपके पास क्या मिला है आपको यहां पर वन का अपडेशन आपको मिला यहां पर कुछ इस तरह से छोटे अपडेट होचा रते हैं तो गाइस होता क्या है यहां पर कि आपको इस तरह की प्रॉब्लम देखने को मिलती है और ये प्रॉब्लम आपके पास किस तरह से आती है कि जब भी आपके पास यहां पर पीछे वेटेज और वायस की वैल्यू आपके पास चल रही होती है राइट तो ये आपके पास क्या होती है नॉर्मलाइज नहीं हो रही होती है यस ये आपके पास नॉर्मलाइजेशन नहीं हो रही होती है और आप यहां पे क्या करते हैं रिलो एक्टिवेशन फंक्शन का भी इस्तेमाल करते हैं तो रिलो का एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल यदि आप देखेंगे तो उसके अंदर क्या होता है कि आपके पास जो भी आपकी वैल्यू होती है यस जो भी आपकी वैल्यू यहां पे आती है यहां पर एक्टिवेशन फंक्शन के थ्रू तो वो क्या होती है गाइ यहां पर मैक्स ऑफ आपके पास जीरो से लगाकर आपके पास क्या होती है स आपके पास x की वैल्यू पती है मतलब आपकी जो भी वैल्यू होगी उसके अकॉर्डिंग होगी आपके पास वैल्यू तो गाइज आपके पास वर्नी गेड एंड डिसेंट जो प्रॉब्लम है यहां पर वो हमें यहां पर देखने को मिल जाती है कि जब भी आप बैकवर्ड प्रोपेगेशन की तरफ चलते हैं तो आपके पास वेटेज और वायस की वैल्यू यहां पर इतनी अच्छी तरीके से अपडेट नहीं हो पाती है और जिसकी वजह से हमारे पास क्या होती है प्रॉब्लम आ जाती है वहीं पे अब हमारे पास इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए हम इस्तेमाल करते हैं बैच नॉर्मलाइजेशन का देखिए बैच नॉर्मलाइजेशन टेक्निक क्या है यहां पर देखिए अभी तक हमने क्या देखा एक नॉर्मलाइजेशन टेक्निक को देखा था यस अभी तक हमने जो भी पढ़ा था मशीन लर्निंग के अंदर उस में केवल और केवल नॉर्मलाइजेशन टेक्निक को पढ़ा है और नॉर्मलाइजेशन टेक्नीक क्या करती है कि जो भी आपका इनपुट होता है यस जो भी आपका क्या है यहां पर इनपुट पार्ट है यहां पर इस इनपुट पार्ट को अंदर क्या करती है नॉर्मलाइज करती है लेकिन व्हाट अबाउट द हमारे पास हिडन लेयर यस हमारे हिडन लेयर के जो इनपुट्स बनते हैं जो कि आपके पास क्या होंगे इसके आउटपुट जो होंगे मतलब यहां पे ये जो आपके पास लेयर्स के अंदर जो नोड्स पड़े हैं यहां पर इनके जो आउटपुट होंगे जो आपके पास यहां पर किससे कनेक्टेड होंगे हमारे हिडन लेयर के नोड से कनेक्टेड होंगे तो इसके बारे में क्या है तो इसके बारे में यहां पर हमारा जो डाटा होता है वो नॉर्मलाइज होके नहीं आता है मतलब यदि हमारे पास कोई डाटा जैसा भी है यहां पर जैसे कि मैं बात करूं यहां पर कि हमारा डाटा y इक्वल टू आपके पास यहां पर कुछ आया जैसे 28 आया तो एज इट इज 28 आपके पास कनेक्ट हो जाता है यदि पास मान लीजिए y = 0.028 आया यहां पर तो वही आपके पास डायरेक्टली चला जाता है तो बेसिकली हमारा जो डाटा होता है यहां पर जो कि हमारे पास इस नोड के ऊपर आता है वो हमारा नॉर्मलाइज होके नहीं आता है और जब वो नॉर्मलाइज नहीं आता है तो हमारे पास यहां पर जब हम बैक प्रोपो केशन में यूज़ करेंगे डाटा हमारा पास तो वही का वही यहां पर कनेक्टेड हो जाता है तो बेसिकली यहां पे प्रॉब्लम क्या हो रही है ये जो आप हिडन लेयर देख रहे हैं यहां पर यस हिडन लेयर के अंदर जो डाटा हमारे पास आ रहा होता है वो हमारे पास नॉर्मलाइज होके नहीं आ रहा होता है तो इन हिडन लेयर के अंदर जो हमारा डाटा आ रहा होता है यहां पर इन्हें यदि हमें नॉर्मलाइज करना है तो उसके लिए हमें इस्तेमाल करना पड़ेगा बैच नॉर्मलाइजेशन का यस यहां पे हम क्या करेंगे बैच नॉर्मलाइजेशन टेक्निक का इस्तेमाल करते हुए हम क्या करने वाले हैं गाइ यहां पर कि जो हमारी वर्नेस गेड डिस जो प्रॉब्लम है यहां पर इसे हम रिजॉल्व करेंगे तो बैच नॉर्मलाइजेशन यदि आप लोगों से कोई पूछे तो आपको सिंपल जवाब देना है कि जो हमारे हिडन लेयर के अंदर जो हमारे इनपुट जो हिडन लेयर के अंदर जो नोड्स है हमारे पास उनके लिए जो डाटा इनपुट्स आ रहा होता है वो नॉर्मलाइजेशन नहीं हो रखा था है जिसकी वजह से हमें वनिस ग डिस्टेंट प्रॉब्लम देखने को मिलती है अब हमें इस प्रॉब्लम को दूर करना है तो हमें यहां पे क्या करना पड़ेगा बैच नॉर्मलाइजेशन लगाना पड़ेगा मतलब जो हमारे इनपुट लेयर है इस इनपुट लेयर के अंदर जो डाटा आ रहा होता है यहां पर इन्हें हम क्या करेंगे नॉर्मलाइज करेंगे तो उसके लिए हम क्या करेंगे गाइज यहां पर यूज करेंगे बैच नॉर्मलाइजेशन का अब ये बैच नॉर्मलाइजेशन टे नहीं कैसे यूज़ होती है इसको जरा थोड़ा डिटेल के साथ देखते हैं तो देखिए इससे पहले वाले वीडियो के अंदर हमने क्या कर रखा है यहां पर इस तरह का हमने एक मॉडल बना रखा है एन का यस जहां पे हमने क्या कर रखा है कुछ-कुछ हमारे पास यहां पे लेयर्स ऐड कर रखी हैं इस लेयर के अंदर मैंने अलग-अलग तरह की लेयर ऐड की है यहां पर और उसके बाद हमने एक प्रोडक्शन मॉडल बना रखा है फिर हमने एक्यूरेसी भी देख रखी है राइट तो चलिए अब मैं क्या कर रहा हूं यहां बार इस मॉडल को क्या कर देते हैं रन कर देते हैं और उसके बाद में हम देखते हैं कि हमारे पास जो यहां पर ये जो ए का नेटवर्क है ये हमें किस तरह की एक्यूरेसी दे रहा है पहले हम ये नोट डाउन कर लेते हैं तो मैंने यहां पे रन कर दिया रन करने के बाद ये जो हमारी अ इंपॉर्टेंट जो हमारे यहां पे मॉड्यूल है वो लोड हो रहे हैं यहां पर एंड देन हमारा डाटा लोड हो चुका है डाटा लोड होने के बाद में अब हमारा ट्रांसर फ्लो जो है वो लोड हो रहा है यहां पर हरा ट्रेंसर फ्लो यहां पर इंपोर्ट हो रहा है यहां पर उसके बाद केरा इंपोर्ट हो रहा है और उसके बाद हमने कुछ लेयर्स ऐड की थी वो यहां पे इंपोर्ट हो रही है और देखिए यहां पे मैंने अर्ली स्टॉपिंग भी लगा रखा है वैलिडेशन टेस्ट भी लगा रखा है बैच साइज भी कर रखी है यहां पर उसको अकॉर्डिंग हमारा जो डाटा है वो हमारे पास आ चुका है अब यहां पर चले एक्यूरेसी के बारे में तो देखिए ट्रेनिंग और टेस्ट एक्यूरेसी आप देखेंगे तो आपके पास यहां पे कितनी आ रही है टेस्टिंग एक्यूरेसी 78 आ रही है और ट्रेनिंग एक्यूरेसी 79 आ रही है राइट फिलहाल ये ओवर फिटिंग इतनी ज्यादा तो नहीं है यहां पर लेकिन यदि हमारा डाटा ओवरफिटिंग हो जाए तो हम क्या कर सकते हैं बैच नॉर्मलाइजेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं अब ये बैच नॉर्मलाइजेशन टेक्निक कैसे इस्तेमाल करेंगे उसको जरा देखते हैं तो फिलहाल के लिए मैं कह रहा हूं कुछ जो लेयर्स हैं वो हटा देता हूं क्योंकि ये कुछ एक्स्ट्राऑर्डिनरी लेयर्स हैं जिनकी हमें जरूरत फिलहाल नहीं है तो मैं यहां लगा रहा हूं अब मुझे क्या करना है नॉर्मलाइजेशन लगाना है बैच नॉर्मलाइजेशन लगाना है तो दैट इज अ लेयर ये क्या क्या हमारे पास यहां पे गाइज लेयर है यहां पर तो मैं यहां पर लेयर का इस्तेमाल करूंगा अब यहां पर लेयर कैसे लगाएंगे तो बहुत ही सिंपल तरीका है यहां पर आपको क्या करना है गाइज यहां पर बैच नॉर्मलाइजेशन को कॉल करना है यस बैच नॉर्मलाइजेशन को कॉल करना है और ये बैच नॉर्मलाइजेशन जो टेक्निक है यहां पर ये आपकी ऐड करनी है कैसे ऐड करेंगे तो देखिए ड क्या करना है गाइज यहां पर बैच नॉर्मलाइजेशन टेक्निक को इस्तेमाल करना है तो मैंने यहां पर बैच नॉर्मलाइजेशन टेक्निक इस्तेमाल की है अब यही जो टेक्निक है मैं यहां प भी नीचे वाले में भी लेयर के अंदर इस्तेमाल कर सकता हूं और ये वाली जो टेक्निक है यहां पे भी मैं इस्तेमाल करूंगा लेकिन आउटपुट लेयर के अंदर नहीं करनी है आउटपुट लेयर के अंदर जो हमारा डटा आ रहा है वो जीरो और वन के फॉर्मेट में ही चाहिए तो इसलिए मैंने इसको वैसा का वैसा रखा है हमारे जो यहां पे वार्निश गेड एन डिस्टन की जो प्रॉब्लम है ये उसे दूर कर देगा और हमारी एक्यूरेसी को क्या करेगा इंप्रूव करेगा चलिए यहां पर चेक कर लेते हैं हमारा मॉडल कैसे ट्रेंड हुआ है यहां पर ओके तो ये मैंने फिर से मॉडल ट्रेंड किया है यहां पर और यहां पर मैं एक्यूरेसी को देखूं यहां पर तो एक्यूरेसी अभी वही के वही है मतलब एक्यूरेसी में कुछ ज्यादा फर्क यहां पर देखने को नहीं मिला है चलिए एक काम करते हैं नो यहां पर थोड़ा सा चेंज करते हैं मतलब हमारे पास ये जो इनपुट्स लेयर है इनको भी हम चेंज कर सकते हैं बैच नॉर्मलाइजेशन के साथ-साथ देखिए एट है मैंने सिक्स किया सिक्स के बाद में मैं यहां पे क्या कर रहा हूं गाइ यहां पर फोर कर रहा हूं और फोर के बाद मैं यहां पे थ्री की जगह मैं टू कर रहा हूं मतलब मैं एक पिरामिड शेप बनाने की कोशिश कर रहा हूं यहां पर एंड पिरामिड शीट के थ्रू मैं यहां पे अपना मॉडल ट्रेन कर रहा हूं राइट तो हमारा जो वनस गे डिस्टेंट की जो प्रॉब्लम है गाइज यहां यहां पर वो इस बैच नॉर्मलाइजेशन टेक्निक के थ्रू यहां पर रिमूव हो जाएगी चलिए अभी देखिए नंबर ऑफ इपोच मैंने क्या रख रखा है वन रख रखा है इस नंबर ऑफ इपोच को मैं थोड़ा चेंज करता हूं और नंबर ऑफ इपोच इज इक्वल टू मैं 40 कर देता हूं राइट नंबर ऑफ इपोच इज इक्वल टू क्या करता हूं 40 कर देते हैं और चेक करते हैं कि 40 पोच के अंदर कितना हमारा ट्रेंड हो रहा है और एक्यूरेसी में कितना फर्क आ रहा है वो भी हम देख लेंगे चलिए हमारे पास 40 इपोच के अंदर आपके पास क्या हुआ है 10 इपोच ही हमारे ट्रेंड हो पाए हैं यहां पर क्योंकि उसके बाद जो हमारे पास डाटा है उसके अंदर ज्यादातर आपके पास वेरिएशन नहीं देखने को मिला है इसलिए हमारे पास क्या हुआ गाइज यहां पर आपके यहां पर केवल और केवल 10 पोच ही ट्रेंड हुए हैं एक्यूरेसी के अंदर देखिए एक्यूरेसी अभी भी वही है यहां पर कुछ ज्यादा फर्क यहां पर देखने को नहीं मिला है लेकिन जनरली हमारे पास यहां पे क्या होता है कि ये जो बैच नॉर्मलाइजेशन टेक्निक है इसको जब आप इस्तेमाल करते हैं तो आपकी वार्निश ग्रेट डिस्टन जो प्रॉब्लम है यहां पर वो दूर हो जाती है तो बैच नॉर्मलाइजेशन टेक्निक एक सिंपल टेक्निक है जो कि आपके पास इनपुट हिडन लेयर है यस इनपुट हिडन लेयर का मतलब यहां पे है कि जो हिडन लेयर के जो इनपुट्स है यहां पर इनको क्या करता है इनके डाटा को नॉर्मलाइज करके आपको आगे देता है यहां पर ताकि जो वनिस गेड की जो प्रॉब्लम है गाइज यहां पर वो यहां पर रिमूव हो सके हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डब्ल्यू कपटेक माय सेल्फ गरव और आज के इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे ड्रॉप आउट्टन करता है उससे पहले हम थोड़ा सा ओवर फिटिंग क्या होता है अंडर फिटिंग क्या होता है और बेस्ट फिटिंग क्या होता है इसको जरा समझ लेते हैं तो देखिए यहां पर मैंने रिग्रेशन एनालिसिस और क्लास एनालिसिस के अकॉर्डिंग ओवरफिटिंग और अंडरफिटिंग को थोड़ा एक्सप्लेन किया यहां पर देखिए अंडरफिटिंग उस वक्त होता है जब हमारे पास जो हम हमारा ट्रेनिंग डाटा है यहां पर वो ट्रेनिंग डाटा आपके पास प्रॉपर्ली पूरी तरह से डटा को ट्रेन नहीं कर पाता है और एक सिंपल सी लाइन क्रिएट करके दे देता है जिसकी वजह से आपके पास क्या होता है आपका डाटा जो है वो अंडरफिटिंग हो जाता है अब इसमें प्रॉब्लम क्या है यहां पर कि यदि हमारे पास कोई नया डाटा आता है तो नए डाटा के अकॉर्डिंग वो प्रेडिक्शन नहीं कर पाता है जस्ट सपोज मान लीजिए कि मेरे पास यहां पर ये आपकी एकस एक्सेस है और यहां पर मेरा y एक्सेस है यहां पर राइट तो यदि मेरे पास यहां पे कोई नया डाटा आया इस एक्स एक्सेस के अकॉर्डिंग नया डटा आया यहां पर तो डेटा के अकॉर्डिंग हमारा डाटा यहां होना चाहिए था बट हमारे पास ये प्रेडिक्शन लाइन के अकॉर्डिंग क्या होता है गाइज यहां पर ये टा यहां पे हमारे पास रिजल्ट के तौर पे दिखाने लग जाता है तो दैट इज कॉल ऑफ अंडरफिटिंग और यदि मैं बेस्ट फिटिंग का सिनेरियो यदि मैं यहां पे बात करूं तो बेस्ट फिटिंग क्या होगा यहां पर कि इसके मिडल में से एक लाइन जानी चाहिए अब मैं बात करता हूं जो मोस्ट इंपॉर्टेंट चीज है यहां पर गाइ वो है हमारा ओवरफिटिंग सिनेरियो और ओवरफिटिंग सिनेरियो के अंदर क्या होता है गाइज यहां पर कि हमारा जो डाटा होता है यस इस डाटा को ये क्या करता है हमारे पास प्रॉपर्ली पूरा आपके क्या करता है ट्रेन करता है प्रॉपर्ली पूरा ट्रेन करने का मतलब क्या है गाइज यहां पर हर एक पॉइंट को क्या करता है वो यहां पर मेमराइज करने की कोशिश करता है जिसकी वजह से यह क्या बन जाता है ओवर फिटेड बन जाता है अब इसमें प्रॉब्लम क्या है यहां पर कि कोई भी हमारे पास जब भी न्यू डाटा हमारे पास आएगा तो वो उसके ऊपर क्या करेगा बेस्ट रिजल्ट यहां पर नहीं निकाल के देगा एस पर जैसे कि अंडरफिटिंग में काम करता है राइट अब मैं बात करता हूं यहां पर क्लासिफिकेशन के अंदर क्या होता है बेस्ट लाइन की बात करें तो यह इस तरह बनता है और ओवरफिटिंग की बात करें तो ओवरफिटिंग के अंदर क्या होता है कि गाइज यहां पे कि आपका जो भी आपका डाटा है यस जो भी आपका डाटा है यहां पर इस डाटा के अंदर क्या करता है गाइज यहां पर वह परफेक्टली ट्रेन होने की कोशिश कर करता है मतलब आपके पास यहां पर जितने छोटे-छोटे मिनिमम पॉइंट्स हैं यहां पर उनके ऊपर भी वो क्या करता है अच्छे से स्प्लिट मार के कट करने की कोशिश करता है जिसकी वजह से हमारा जो डाटा होता है वो ओवर फिटेड हमारे पास हो जाता है अब ये ओवर फिटेड का सिनेरियो कहां प्रॉब्लम करता है लेट्स सपोज यहां पे तो क्या है हमारा ट्रेनिंग डाटा लेकिन हमारे पास हमारा जो टेस्टिंग डाटा है वो कुछ इस तरह से आ गया यस हमारा जो टेस्टिंग डाटा है यहां पर वो कुछ इस तरह से आ गया यहां पर राइट ये हमारा कुछ टेस्टिंग डटा यहां पे कुछ ब्लू कलर के पॉइंट्स हैं यहां पर और हमारे पास क्या है कुछ यहां पर रेड कलर के पॉइंट्स में हमारे पास यहां पर दिखाई दे र है तो हमारा डटा कुछ इस तरह से आ गया तो ये ओवरफिटिंग होने की वजह से ये क्या करेगा कि जैसे ये लाइन बन रखी है प्रोडक्शन लाइन बन रख ये इसी तरह से क्या करेगा एक प्रेडिक्शन लाइन बना देगा इसमें भी राइट एक क्या करेगा प्रेडिक्शन लाइन बना देगा और जिसकी वजह से हमारे पास क्या होगा हमारे गलत रिजल्ट निकलना शुरू हो जाएंगे जैसे कि ये बनाया मैंने यहां पर अब ये गलत रिजल्ट निकलना शुरू हो गया है क्योंकि लाइन के उस तरफ जो हमारे पास डटा है वो कैसा होना चाहिए रेड कलर का होना चाहिए जबकि यहां पे सारा डाटा कैसा कर रहा है यहां पर ब्लू कलर का पड़ा है यहां पर जिसकी वजह से हमारे पास क्या हुआ ये सही तरी से प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है राइट सही तरीके से ये क्लासिफिकेशन भी नहीं कर पा रहा है तो दैट इज ओवरफिटिंग सिनेरियो अब इस ओवरफिटिंग की सिनेरियो को बचने के लिए हम क्या इस्तेमाल कर सकते हैं ड्रॉप आउट लेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं ड्रॉप आउट लेयर के जरिए हम क्या कर सकते हैं इसे ओवरफिटिंग से बचा सकते हैं अब ये ड्रॉपआउट लेयर कैसे काम करती है जरा इसको समझते हैं यहां पर देखिए जब भी हम हमारे न्यूरल नेटवर्क को ट्रेन करते हैं तो न्यूरल नेटवर्क में क्या होता है कि हमारा स्टैंडर्ड न्यूरल नेटवर्क जो होता है वो कुछ इस तरह से बनता है जहां पे हमारे पास क्या होता है हमारे सबसे पहले हमारे पास जो भी हमारे इनपुट लेयर होती है वो आपके पास काम आती है यहां पर फिर उसके बाद आपके पास क्या होती है गाइज यहां पर हमारी हिडन लेयर आती है फिर हमारी दूसरी आपकी जितनी भी आपको हिडन लेयर लगानी है वो हिडन लेयर लगा सकते हैं यहां पर राइट क्या लगा सकते हैं हिडन लेयर लगा सकते हैं यहां पर और देन उसके बाद में हमारा जो आउटपुट लेयर है वो हमें देखने को मिलती है लेकिन ड्रॉपआउट लेयर के अंदर क्या किया जाता है गाइज यहां पर कि हमारे जो हिडन लेयर है यहां पर इन हिडन लेयर के अंदर जो भी हमारी हिडन लेयर है अ ये भी हमारी हिडन लेयर ही है यहां पर राइट इन हिडन लेयर के अंदर हम क्या करते हैं हमारे कुछ नोड्स को ड्रॉप आउट कर देते हैं अब ये ड्रॉप आउट करने का रीजन क्या है यहां पर बहुत ही सिंपल सा रीजन है कि जब भी हम हमारे न्यूरल नेटवर्क लेते हैं मतलब हमारा बेसिक न्यूरल नेटवर्क नेट लेते हैं यहां पर तो बेसिक न्यूरल नेटवर्क के अंदर होता क्या है यहां पर कि जो भी हमारे नोट्स है यहां पर जस्ट सपोज ये हमारा नोट्स है राइट जस्ट सपोज करते हैं यहां पर कि ये हमारा क्या है नोट्स है यहां पर तो गाइज यहां पर ये जो ओवर फिटिंग का आप सिनेरियो देख रहे हैं जिसके अंदर क्या हो रहा है आपके पास बहुत ही अच्छे तरीके से रेंड हो रहा है इसके अंदर होता क्या है कि आपके पास जो भी आपके नोट्स है जैसे मान लीजिए ये एक नोट्स हो गया राइट एक आपका ये एक नोड्स हो गया यहां पे आपका तो ये क्या करते हैं ये आपके पास क्या होता है बहुत बहुत ही ज्यादा अच्छे तरीके से ट्रेड हो जाते हैं मतलब आपके पास यहां पे ये जो नोट्स हैं यहां पर ये अच्छे तरीके से ट्रेंड नहीं हो पाते हैं और जितना भी हमारा इनपुट डाटा है वो सारा का सारा जो डाटा है यहां पर वो इनको ही मिल जाता है और बाकी जो नोड्स है यहां पर इनको अच्छी तरीके से डाटा नहीं मिल पाता है यस काफी केसेस में ये होता है काफी केसेस में ये होता है कि आपके पास यहां पे क्या होता है कि किसी पर्टिकुलर एक नोड के अंदर ही सारे इनपुट्स जो होते हैं यहां पर वो अच्छे तरीके से आपके पास डाटा दे देता हैं या फिर आपके पास कुछ जो है यहां पर अच्छे जो डाटा है यहां पर वही इसी के पास जाते हैं वो अच्छे से उसको ट्रेन नहीं कर पाते हैं ऐसा जनरली न्यूरल नेटवर्क के अंदर देखा जाता है यहां पर यस न्यूरल नेटवर्क के अंदर क्या देखा जाता है कि आप किसी भी नोड्स को ले लीजिए कुछ आपके पास इनपुट नोड्स जो होते हैं यहां पर वो यहां पर अच्छे से ट्रेन कर जाते हैं यहां पर और कुछ नोड्स जो होते हैं वो अच्छे से ट्रेन नहीं कर पाते जिसकी वजह से हमारे पास क्या होता है कि कुछ हिडन लेयर के जो नोड्स होते हैं वो अच्छे से ट्रेड हो जाते हैं और कुछ आपका जो नोड्स होते हैं वो अच्छे से ट्रेंड नहीं हो पाते हैं जिसकी वजह से हमारे पास क्या होता है कि हमारा जो मॉडल है यहां पर यस हमारा जो मॉडल है यहां पर वो डाटा के ऊपर आपके क्या करता है प्रेसा इजली आपके क्या करता है उनको पार्टीशन करने के लिए लग जाता है जिसकी वजह से हमारे पास यहां पे क्या होती है ओवरफिटिंग के सिनेरियो देखने लग जाते हैं वापस समझिए यहां पर क्या प्रॉब्लम हो रही थी यहां पर यस इस न्यूरोल नेटवर्क के अंदर क्या प्रॉब्लम होती है इस न्यूरोल नेटवर्क के अंदर एक ही बहुत ही सबसे बड़ी प्रॉब्लम ये ये है कि कुछ हमारे पास इनपुट्स जो होते हैं वो हमारे हिडन लेयर के जो नोड्स होते हैं यहां पर उनको बहुत ही प्रेस साइली क्या कर जाते हैं ट्रेन कर जाते हैं और कुछ जो इनपुट नट्स होते हैं वो अच्छे से ट्रेन नहीं कर पाते हैं राइट जिसकी वजह से कुछ हिडन लेयर के जो नोड्स होते हैं यहां पर वो बहुत ही परफेक्टली वर्क कर जाते हैं जिसकी वजह से वो डाटा को प्रिस साइली आपके पास क्या करता है आपके सेपरेट कर जाते हैं जिसकी वजह से हमें हमारे डाटा के अंदर ओवर फिटिंग का सिनेरियो देखने को मिल जाता है अब इस ओवरफिटिंग की वजह से हमारे पास हमारे जो मॉडल है यहां पर उसके अंदर एक्यूरेसी अच्छे से नहीं मिल पाती है तो अब इस एक्यूरेसी को कैसे इंप्रूव किया जा सके तो इसका जो सबसे बेस्ट सॉल्यूशन होता है वो होता है ड्रॉपआउट लेयर अब ड्रॉपआउट लेयर के अंदर क्या क्या होता है गाइ यहां पर ड्रॉप आउट लेयर के अंदर आपको ये डिसाइड करना होता है कि आपको कितने परसेंट नोट यहां पर ड्रॉप आउट करना है जैसे मैंने बोला यहां पर कि मेरे 20 पर जो नट्स है यहां पर वो ड्रॉप आउटस हो जाना चाहिए इसका मतलब क्या हुआ कि आपके पास जो भी आपकी इनपुट्स ले रहे है या अभी आप जिसमें भी ड्रॉप आउट लगाना चाहते हैं उसमें आप लगा सकते हैं तो जो भी आपकी लेयर है यहां पर उसके अंदर आप क्या करेंगे कि जितने भी नंबर ऑफ नोट्स है यहां पर उनमें से जो 20 पर नोट्स हैं वो आपके पास वर्किंग नहीं करेंगे लेकिन ये किस तरह से वर्किंग नहीं करेंगे जैसे से मान लीजिए कि आपके पास नंबर ऑफ जो इपोच है यस नंबर ऑफ जो इपोच है यहां पर आपने मान लिए पांच इपोच है तो फर्स्ट आपका जब पपो चलेगा यहां पर उसके अंदर रैंडम आपका जो आपके 20 पर जो नोट्स है यहां पर वो ड्रॉप आउट कर जाएंगे ड्रॉप आउट करने का मतलब है कि वो आपके पास एज अ इनपुट लेयर के तौर पे पार्टिसिपेंट नहीं करने वाले हैं राइट एज अ इनपुट लेयर की तरह क्या करेंगे पार्टिसिपेंट नहीं करेंगे और जो रिमेनिंग नोट्स हैं वो अच्छे से ट्रेड हो जाएंगे देन जब आपके पास यहां पर सेकंड आपका सपो चलेगा तो फिर से आप आपके पास क्या करेगा रैंडम आपके पास क्या करेंगे आपके जो 20 पर नोट्स हैं वो आपके पास इनपुट लेयर की तरह पार्टिसिपेंट नहीं करेंगे और जो रिमेनिंग जो नोट्स है यहां पर वो एज ए इनपुट लेयर की तरह पार्टिसिपेंट करके ट्रेन हो जाएंगे इससे क्या हमारा मॉडल इंप्रूव हो जाएगा बिल्कुल आपका मॉडल इंप्रूव हो जाएगा कैसे जैसे मान लीजिए कि ये जो दो नोट्स हैं यहां पर ये दो नोट्स आपके पास क्या कर रहे हैं इस नोड को बहुत ही अच्छे तरीके से ट्रेन कर रहे हैं जिसकी वजह से आपके पास क्या हो रहा है यहां पर आपका मॉडल ओवर फिटेड हो रहा है लेकिन जब आपने यहां पे ड्रॉपआउट लगा रखा है यहां पर तो ड्रॉपआउट लगाने के अंदर कोई एक ऐसी आपके पास इप हो जाएगा जिसके अंदर ये जो दो नोड्स हैं यहां पर ये आपके पास वर्किंग नहीं करेंगे तो जो रिमेनिंग जो नोड्स है यहां पर वो अच्छे तरीके से एज अ इनपुट के तौर पे वर्क करेंगे जिसकी वजह से ये जो नोट्स है यहां पर इन नोट्स के ऊपर भी अच्छे से ट्रेंड हो पाएगा और इन नोट्स के ऊपर आपके पास ज्यादा डिपेंडेंट नहीं हो पाएगा तो हमारा जो मॉडल है वो ओवर फिटिंग के सिनेरियो से क्या होगा बच जाएगा तो बेसिकली गाइज यहां पे क्या हो रहा है कि जब भी आप यहां पर क्या कर रहे हैं आपके आपको लगता है कि आपका डाटा ओवर फिटेड होने जा रहा है तो आप ड्रॉप आउट का इस्तेमाल कर सकते हैं ड्रॉप आउट के अंदर जितने परसेंट आप टा देंगे उतने परसेंट के हिसाब से आपके जो भी आपका इनपुट लेयर नोट्स है यहां पर उनमें से रैंडम यस मैं यहां पे एक वर्ड बोल रहा हूं रैंडम आपके पास क्या होगा आपके जो नोट्स हैं वो आपके पास क्या हो जाएंगे ड्रॉप आउट हो जाएंगे ड्रॉप आउट होने का मतलब है यहां पर कि वो वर्किंग में नहीं आने वाले लेकिन यहां पे डिपेंड करेगा नंबर ऑफ इपोच के ऊपर जैसे-जैसे नंबर ऑफ इपोच आके बढ़ेंगे उनमें से आपका क्या होंगे कुछ-कुछ नोट्स आपके पास रैंडम आपके पास क्या होंगे आपके पास ड्रॉप आउट होते रहेंगे और आपका मॉडल यहां पर ट्रेड हो जाएगा जिसकी वजह से आपके पास क्या होगा आपका जो मॉडल है वो ओवरफिटिंग से बच जाएगा इसका एक बेस्ट एग्जांपल ये है कि रैंडम फॉरेस्ट आपने सब लोगों ने पढ़ा होगा यस जब आपने मशीन लर्निंग डिस्कस की होगी तब आपने यहां पर रैंडम फॉरेस्ट भी पढ़ा होगा रैंडम फॉरेस्ट के अंदर भी सेम वर्किंग होता है कि आपका जो भी आपका डटा सेट होता है उस डेटा सेट को क्या करते हैं डिफरेंट डिफरेंट पार्ट के अंदर सबसेट के अंदर तोड़ देते हैं फिर क्या करते हैं गाइ यहां पर कि जो डिफरेंट डिफरेंट पार्ट के सबसेट के अंदर हमने जो डाटा तोड़ा यहां पर उसके अंदर क्या करते हैं वो रैंडम रिडर होते हैं और हर वक्त हमारे जो मॉडल है यहां पर उसे हम क्या करते हैं ट्रेंड करते ते रहते हैं यस क्या करते हैं यहां पर ट्रेन करते रहते हैं जिसकी वजह से हमारे पास जो हमारा मॉडल है यहां पर वो बहुत ही अच्छे तरीके से ट्रेंड हो जाता है राइट तो सेम एज हमारे पास यहां पे भी यही काम कर रता है ड्रॉप आउट लेयर के अंदर राइट तो फिलहाल अब यहां पर इसे समझते हैं कि ये ड्रॉप आउट लेयर कैसे काम करता है थोड़ा प्रैक्टिकली समझते हैं जिसके थ्रू हमारा मॉडल जो है वो ओवरफिटिंग के सिनेरियो से बच पाएगा चलिए तो देखिए यहां पे हमने हमारा जो मॉडल है पहले बना रखा था वही हमने वापस इस्तेमाल किया यहां पर देखिए पहले जो हमारी एक्यू थी वो हमारे पास कितनी आ रही है के मॉडल को लोड करते हैं और उसके बाद हमने हमारे मॉडल को ट्रेड किया यहां पर राइट और चेक करते हैं कि हमारे मॉडल की एक्यूरेसी कितनी होती है अभी मैंने कोई ड्रॉप आउट लेयर का इस्तेमाल नहीं किया है फिलहाल यहां पर राइट और कोई ड्रॉपआउट लेयर का इस्तेमाल करे बिना ही हम यहां पर हमारे मॉडल की एक्यूरेसी देखें तो हमारा मॉडल जो है यहां पर 40 टाइम ट्रेड हो चुका है यहां पर और एक्यूरेसी देखने पर हमें क्या मिल रही है यहां पर 84 जो है हमारी वो ट्रेनिंग की एक्यूरेसी देखने को मिली है और जो टेस्टिंग ट्रेनिंग की एक्यूरेसी देखेंगे तो 85 है यहां पर और टेस्टिंग की एक्यूरेसी देखेंगे तो आपके पास कहती है 84.5 आपके पास एक्यूरेसी दिख रही है राइट अब हम लगाते हैं हमारा ड्रॉपआउट लेयर जिससे हम हमारी मॉडल की एक्यूरेसी को इंप्रूव कर सके तो अब ये ड्रॉपआउट लेयर कैसे लगता है यहां पर तो इसके लिए आपको क्या करना पड़ेगा गाइज यहां पर केरा के अंदर जाना पड़ेगा यहां पे इंपोर्ट करना पड़ेगा डेंस लेयर को डेंस लेयर के अंदर जाके आपको यहां पे कॉल करना है किसे ड्रॉप आउट लेयर को यस आपको कैसे कॉल करना है ड्रॉप आउट लेयर को कॉल करना है ये क्या करेगा आपके इनपुट लेयर के अंदर जो आपके नोट्स आ रहे यहां पर उन नोट्स को हम क्या करेंगे ड्रॉप आउट करेंगे आप यहां पे क्या कर सकते हैं हिडन लेयर के अंदर भी इसे लगा सकते हैं तो चलिए इसे लगा लगाते हैं यहां पर तो देखिए मैं यहां पे क्या कर रहा हूं कि हमारे जो ये नोट्स आ रहे हैं दो नोट्स आ रहे हैं यहां पर इसके अंदर फोर नोट्स आ रहे हैं इसके अंदर हमारे पास कितने आ रहे हैं सिक्स नोट्स आ रहे हैं तो सबसे पहले मैं यहां पे क्या कर रहा हूं ड्रॉप आउट लेयर लगाता हूं ड्रॉप आउट लेयर लगाने के लिए आप ए एंड डॉट यहां पे क्या कर सकते हैं ऐड को कॉल कर सकते हैं यस एंड डॉट क्या करेंगे यहां पर ऐड को कॉल करेंगे यहां पर ताकि हम क्या कर सक नोड को लगा सकें तो मैंने ऐड को लगाया ऐड को लगाने के बाद में मैं यहां पे क्या कर रहा हूं ड्रॉपआउट को कॉल कर रहा हूं अब ड्रॉपआउट को कॉल करने के बाद में मुझे कितने परसेंट ड्रॉप आउट करना है वो मुझे बताना पड़ेगा तो जैसा कि मैं यहां पर 0.5 मतलब मैं 50 पर ड्रॉप आउट कर रहा हूं यहां पर लेयर को राइट सेम एज मैं यहां पे क्या कर रहा हूं इसके अंदर भी ड्रॉप आउट कर रहा हूं और सेम एज मैं क्या कर रहा हूं यहां पर इसके अंदर भी ड्रॉप आउट कर रहा हूं अब आउटपुट लेयर के अंदर ड्रॉप आउट मत कर दीजिएगा क्योंकि आउटपुट लेयर आपके पास एक है तो एक ही रहेगा चलिए अब हम इसे क्या करते हैं रन करते हैं फिर हमारे मॉडल को कंपाइल करते हैं और मॉडल को फिट करते हैं और देखते हैं हमारी एक्यूरेसी के अंदर कितना इंप्रूवमेंट आया है और हम लॉसेस से कितना बच पा रहे हैं यहां पर तो यहां पर एक्यूरेसी आप देखेंगे तो एक्यूरेसी अभी हमारे पास फिक्स चल रही है एक्यूरेसी के अंदर कोई भी फिलहाल अभी कोई चेंजेज नहीं देखने को मिला यहां पर ड्रॉपआउट लेयर लगाने के बाद भी राइट और अभी हम यहां पर फिट प्रिडिक्ट लगाएंगे और फिट प्रिडिक्ट लगाने के बाद में अब मैं यहां पे हमारी एक्यूरेसी को है उसको चेक करूंगा और चेक करने के बाद देखूंगा यहां पर कि हमारे आपके पास ओवर फिटिंग से दूर हुआ है या नहीं हुआ है तो फिलहाल देखिए ओवर फिटिंग से हमारा मॉडल नहीं दूर हुआ है यहां पर राइट तो अभी मैं क्या कर रहा हूं ड्रॉप आउट लेयर को थोड़ा सा चेंज करेंगे जैसे कि मैं यहां पे क्या कर रहा हूं इस ड्रॉप आउट लेयर को एक बार के लिए हटा देता हूं यहां पर और इस ड्रॉप आउट लेयर को भी हटा देता हूं और इस जो ड्रॉप आउट लेयर है इसमें 30 पर ही ड्रॉप आउट करने वाला यहां पर अच्छा हमने यहां पे एक मिस्टेक कर दी है ड डॉट डेंस के अंदर मैंने यहां पर एक ब्रैकेट को हटा दिया है चलिए इसे रन कर देते हैं यहां पर फिर से रन करते हैं और फिर से रन करते हैं राइट और हमारा मॉडल ट्रेन करते हैं और चेक करते हैं कि आपका जो ड्रॉप आउट है क्या वो एक्यूरेसी को इंप्रूव कर रहा है या नहीं कर रहा है राइट जनरली आपका जो आपका डाटा है वो बहुत ही ज्यादा ओवर फिटेड मिल जाए लेकिन अभी हमारे पास जो हमारा डाटा है वो इतना ज्यादा ओवर फिटेड नहीं है देखिए 28.9 है और ये 79.8 है यहां पर 8 पर का आपका फर्क आपको देखने को मिल रहा है यहां पर तो इतना ज्यादा फर्क यहां पर हमारे डाटा के अंदर नहीं है यहां पर फिलहाल राइट तो इस वजह से हमें ड्रॉपआउट लगाने की इतनी ज्यादा जरूरत नहीं है क्योंकि हमारे पास मॉडल इतना ओवर फिटेड नहीं है यहां पर यस बिना हमारे पास यहां पर ड्रॉपआउट लेर लगाए भी हम यहां पर हमारे मॉडल की जो एक्यूरेसी है अच्छी तरीके से गेट कर सकते हैं मतलब अच्छी गेट कर सकते हैं यहां पर राइट इस पर्टिकुलर ट के अंदर तो ऐसा जरूरी नहीं है कि आपको हर बार ड्रॉप आउट लगाना ही लगाना है यहां पर जब आपका मॉडल अच्छी एक्यूरेसी फिलहाल ऐसे ही दे दे मतलब आपके पास बिना ड्रॉप आउट लगाए दे दे यहां पर बिना ड्रॉप आउट लगाए भी आप मॉडल की अच्छी एक्यूरेसी गेट कर सकते हैं है लेकिन यदि आपको लगे कभी कि आपका जो मॉडल है वो ओवर फिटेड हो रहा है यहां पर तब आपको क्या करना है ड्रॉपआउट लेयर का इस्तेमाल करना है और ड्रॉपआउट लेयर का इस्तेमाल करते हुए आप अपने मॉडल को इंप्रूवमेंट कर सकते हैं उसके लिए आपको क्या करना पड़ेगा गाइज यहां पर उसके लिए आपको केरा में जाना पड़ेगा लेयर्स में जाना पड़ेगा और वहां से आपको ड्रॉप आउट को कॉल करना पड़ेगा फिर आप यहां पर एक लेयर को ऐड कर सकते हैं जहां पे आप ड्रॉप आउट लिख के जितने परसेंट का आपको ड्रॉप आउट देना है वो आप ड्रॉप आउट दे सकते हैं ड्रॉप आउट का मेन काम क्या होता है कि जो भी आपके इनपुट्स नो होते हैं चाहे वो आपके हिडन लेयर के इनपुट्स नोड बने यहां पर या हिडन लेयर अगले हिडन लेयर के इनपुट नोड बने इनके अंदर हमारे पास क्या होता है मॉडल बहुत ज्यादा ओवर फिटेड होने लग जाता है तो इस ओवरफिटिंग से बचने के लिए यस इस ओवर फिटिंग से बचने के लिए हम क्या करते हैं यहां पर हमारे डाटा के अंदर कुछ नोट्स को हम ड्रॉप आउट कर देते हैं मतलब हटा देते हैं जिसकी वजह से हमारा जो यहां पे मॉडल है वो ओवरफिटिंग से बच जाता है राइट तो इस तरह से आप क्या कर सकते हैं ड्रॉप आउट का इस्तेमाल कर सकते हैं अपने मॉडल की एक्यूरेसी को इंप्रूव करने के लिए और ओवरफिटिंग से बचाने के लिए हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डब्लू कपटेक माय सेल्फ ग और आज की इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे वर्स गेड एन डिसन प्रॉब्लम के बारे में तो चलिए जरा इसे समझते हैं यहां पर देखिए जब भी आप डीप न्यूरल नेटवर्क को ट्रेन कर रहे होते हैं तब आप यहां पे अपना डिजायर आउटपुट काने के लिए आप बैक प्रोपेगेशन का इस्तेमाल करते हैं जिसके थ्रू आपके पास वेटेज और बायस की वैल्यू अपडेट होती है अब वेटेज और बायस की वैल्यू को जब आप अपडेट करते हैं विद द हेल्प ऑफ यहां पर ग्रेडिएंट लर्निंग के हेल्प से मतलब ग्रेडिएंट डिसेंट की हेल्प से तो तो उस समय आपने यहां पर एक चीज नोटिस की होगी कि आपका जो वेटेज की वैल्यू है वह ज्यादा अपडेट नहीं होती है बहुत ही माइन्यूट सा चेंजेज देखने को मिलता है इस चेंजेज की वजह से आप अपने डिजायर आउटपुट तक नहीं पहुंच पाते हैं चाहे आप जितने भी आप नंबर ऑफ इपोच को लगा दीजिए तब भी आप अपने डिजायर आउटपुट तक नहीं पहुंच पाते हैं इस प्रॉब्लम को वनिस गडि डिजइन प्रॉब्लम बोलते हैं इसका मतलब एक सिंपल वे में बोलू यहां पर कि मान लीजिए कि आप क्या कर रहे हैं यहां पर वेटेज को अपडेट करने जा रहे हैं अब वेटेज के अपडेट के अंदर आपके पास कुछ इस तरीके कैसे वेटेज अपडेट हो रहा है 0.1 0.1 0.1 यस इस तरह से आपका क्या हो रहा है आपका वेटेज अपडेट हो रहा है यहां पर तो जब आप यहां पे इसे चेक करेंगे तो आपका वेटेज के अंदर क्या हो रहा है पॉइंट प 0.001 का अपडेशन हो रहा है यहां पर जिसकी वजह से आपके वेटेज के अंदर कुछ ज्यादा चेंजेज मेजर चेंजेज नहीं देखने को मिलता है अब जब आपके वेटेज के अंदर ज्यादा चेंजेज नहीं देखने को मिलता है इस प्रॉब्लम को हम वनिस गडन डिजइन प्रॉब्लम बोलते हैं और इस वजह से आप कभी भी अपने न्यू नेटो को अच्छे से ट्रेन नहीं कर पाते हैं आप अपना डिजायर आउटपुट जो है कभी भी गेट नहीं कर पाते हैं तो फिर अब हम किस तरह से यहां पर इसे सॉल्व कर सकते हैं प्लस इसके साथ-साथ ये इसके आने का रीजन क्या है यहां पर इसको थोड़ा डिटेल के साथ समझते हैं देखिए वनिज ग्रेडन डिसन का मतलब क्या होता है गाइस यहां पर कि जैसे ये हमारा न्यूरल नेटवर्क है इस न्यूरल नेटवर्क में हमें हमारा डिजर आउटपुट y चाहिए राइट मतलब मुझे y प्रोडक्ट चाहिए यहां पर और वा प्रोडक्ट की जो वैल्यू है यहां पर वो हमारे पास जो हमारे ओरिजिनल वाय है उसके इक्विवेलेंट नहीं आ रही है मतलब आपके पास यहां पर लॉसेस की जो वैल्यू है वो बहुत ज्यादा है अब इसके लिए हम क्या करते हैं बैक प्रोवोकेशन का इस्तेमाल करते हैं बैक प्रोवोकेशन करने के लिए हम किसका इस्तेमाल करते हैं ग्रेडिएंट डिसेंट का इस्तेमाल करते हैं इसका मतलब क्या हुआ गाइज यहां पर कि यदि मुझे वेटेज की वैल्यू अपडेट करनी है यदि मुझे वेटेज न्यू लाना है तो मुझे क्या करना पड़ेगा गाइज यहां पर वेटेज ओल्ड को लेना पड़ेगा माइनस लर्निंग रेट को लगाना पड़ेगा और लॉस को यहां पर डिफरेंशिएबल के राइट अब जब आप यहां पे बैक प्रोपो केशन करते हुए यहां पर अपडेट करने जाते हैं तो इस अपडेशन के अंदर आपका बहुत ही माइन्यूट सा अपडेट होता है माइन से अपडेट होने का मतलब क्या है 001 का अपडेशन होता है जैसे एग्जांपल के तौर पे यदि मैं बात करूं तो आपके पास जोड ट था वो मान लीजिए आपके पास 2.09 से इस तरह का था आपके पास यहां पर और जो डल न्यू निकल के आपके पास आया वो आपके पास कुछ निकल के आया 0.97 आपके पास नाइन निकल के आ गया अब यहां पे अपडेशन देखेंगे तो 0.009 का अपडेशन है यहां पर और ये अपडेशन बहुत ही माइनर सा होता है जिसकी वजह से आप अपने डिजायर आउटपुट तक नहीं पहुंच पाते कभी भी तो अब इस प्रॉब्लम को हम क्या बोलते हैं वनिस ग्रेडन डिसेंट प्रॉब्लम बोलते हैं अब इस वनिस ग्रेडन डिसेंट प्रॉब्लम आने के पीछे क्या रीजन हो सकते हैं उसको जरा समझते हैं देखिए वनिस ग्रेडन डिसेंट आने के आपके पास दो रीजन हो सकते हैं मेजर पहला मेजर रीजन आपके पास ये हो सकता है कि आप यहां पर डीप न्यूरल नेटवर्क को ले रहे हैं यहां पर यस डीप न्यूरल नेटवर्क ले रहे हैं यहां पर डीप न्यूरल नेटवर्क का मतलब क्या है यहां पर कि आप यहां पर नंबर ऑफ हिडन लेयर जो है यहां पर नंबर ऑफ आपके पास जितने भी हिडन लेयर यहां पर है यहां पर वो बहुत ही ज्यादा रख रहे हैं बहुत ही ज्यादा मतलब आपके पास नंबर ऑफ़ हिडन लेयर यहां पर 10 से 15 यहां पर रख रहे हैं इसकी वजह से आपको वनिस ग्रेडन डिसेंट प्रॉब्लम देखने को मिल जाती है लेकिन अब पॉइंट यहां पे भी ये आता है कि मान लीजिए हमारे पास कोई एक एलस डेटा आया जिसके अंदर नंबर ऑफ फीचर बहुत सारे हैं इसके साथ-साथ उसी के अंदर नंबर ऑफ आपके पास यहां पर इंपॉर्टेंट जो डेटा है यहां पर वो भी बहुत ज्यादा है तब हमारे पास उसके इंपॉर्टेंट फीचर को गेट करने के लिए हमें डीप न्यूरल नेटवर्क की जरूरत पड़ती है तो क्या डीप न्यूरल नेटवर्क एक परफेक्ट पॉइंट है बिल्कुल नहीं डीप न्यूरल नेटवर्क एक परफेक्ट पॉइंट नहीं है हालांकि डीप न्यूरल नेटवर्क की वजह से आपको वर्नेस गन डिसेंट प्रॉब्लम देखने को मिल जाती है लेकिन सेकंड चीज यहां पे आती है कि यदि आप अपने जो एक्टिवेशन फंक्शन है अब ये एक्टिवेशन फंक्शन कौन सा है तो हिडन लेयर के एक्टिवेशन फंक्शन की बात करें यदि हिडन लेयर के एक्टिवेशन फंक्शन के अंदर यदि आप इस्तेमाल कर रहे हैं सिग्मो इड फंक्शन का या फिर आप इस्तेमाल कर रहे हैं यहां पर 10 एच एक्टिवेशन फंक्शन का तो आपको यहां पर वार्निश गेड इंडिसन प्रॉब्लम देखने को जरूर मिलती है क्योंकि ये दोनों जो एक्टिवेशन फंक्शन है ये अपना जो आउटपुट है वो आपके पास क्या करते हैं जीरो से लेके वन की रेंज में देता है स्पेशली मैं सिगमॉड एक्टिवेशन फंक्शन की बात करूंगा कि ये अपना जो आउटपुट है वो जीरो से लेके वन की रेंज में देते हैं मतलब आपके पास जो रिजल्ट होता है वो जीरो या वन की रेंज में आता है जिसकी वजह से आउटपुट जो होता है यहां पे गाइस वो बहुत ही ज्यादा छोटा हो जाता है तो यदि आप हिडन लेयर के तौर पे सिगमॉड एक्टिवेशन फंक्शन 10h एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको डेफिनेटली यहां पर आपको वनिस ग्रेडन डिसेंट प्रॉब्लम देखने को मिल जाती है तो गाइज यहां पर वनिस ग्रेडन डिसेंट आने के दो मेजर रीजन ले यहां पे पहला यदि आपने नंबर ऑफ डन लेयर बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है तब आपको वर्नेस गेड प्रॉब्लम देखने को मिलेगी सेकंड आपके पास क्या होती है गाइज यहां पर यदि आप एक्टिवेशन फंक्शन के तौर पे कौन सा हिडन लेयर एक्टिवेशन फंक्शन के तौर पे सिगमॉड या आपके पास 10h का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको ये प्रॉब्लम देखने को मिल जाएगी अब पॉइंट यहां पे ये आता है कि इसको रिमूव कैसे किया जा सकता है तो इसको रिमूव करने के बहुत से आपके पास तरीके हैं पहला तरीका आपके पास यह है कि आप हिडन लेयर पे सिग्मो इड एक्टिवेशन फंक्शन और नच एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल ना करें इसकी जगह आपको इस्तेमाल करना चाहिए यहां पर रीलो एक्टिवेशन फंक्शन को यस डीलो एक्टिवेशन फंक्शन को इस्तेमाल करना चाहिए जो कि जीरो टू मैक्स के बीच में आपके पास होता है मतलब आपका जो भी डाटा होगा वो रो से लेके मैक्स के बीच के रेंज के अंदर आपको देखने को मिलेगा तो आपका पहला आपका यहां पर तरीका है कि आप क्या करें यूजिंग आपके पास रिलो एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल करें सेकंड आपके पास यहां पे जो आप वेटेज ले रहे हैं यहां पर मतलब डब्लू जो आप पहला ले रहे हैं यहां पर उस वेट का इनिश इजेशन सेल्फ करें मतलब आपके पास यहां पर वेट इंजेशन आपको करना चाहिए सेकंड के बाद में थर्ड इंपॉर्टेंट चीज है यहां पर कि आप यहां पर इस्तेमाल करें बैच नॉर्मलाइजेशन का यस ये बैच नॉर्मलाइजेशन टेक्निक क्या होती है तो गाइस जो भी आपके हिडन लेयर से अगले नोट्स के ऊपर जो आपका इनपुट जाता है मतलब देखिए ये आपकी हिडन लेयर है इस हिडन लेयर से आपके पास यहां पे आपका इनपुट जा रहा है तो वो जो आपका डाटा जा रहा है उसको हमें क्या करना चाहिए स्केलिंग करके देना चाहिए दैट इज कॉल्ड ऑ बैच नॉर्मलाइजेशन टेक्निक तो आपको बैच नॉर्मलाइजेशन टेक्निक का इस्तेमाल करना चाहिए देखिए मैं आपको कुछ टेक्निक बता देता हूं यहां पर तो सॉल्यूशन क्या है यहां पर प्रॉपर पहले वेट लाइजेशन कीजिए यहां पर नॉन सैचुरेटेड एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल कीजिए नॉन सैचुरेटेड एक्टिवेशन मतलब आपके पास यहां पर है रिलो एक्टिवेशन फंक्शन का इस्तेमाल कीजिए बैच नॉर्मलाइजेशन का इस्तेमाल कीजिए बैच नॉर्मलाइजेशन टेक्निक का मतलब यहां पर है गाइ यहां पर बेसिकली कि आपको क्या करना है यहां पर कि आपके जो हिडन लेयर के जो नोड्स है यहां पर उनके अंदर जो डाटा आ रहा है यहां पर उसे भी आपको स्केलिंग करनी चाहिए थर्ड के बाद में फोर्थ जो चीज है यहां पर वो आपके पा से है ग्रेडन क्लिपिंग करनी चाहिए तो ये चार तरीके हैं आपके पास यहां पर जिसके थ्रू आप वनिस ग्रेडिएंट डिसेंट प्रॉब्लम से बच सकते हैं अब यहां पर जरा समझते हैं यदि हमारे न्यूल एटर के अंदर वनिस गडन डिसेंट प्रॉब्लम आ गई है तो हम उसे कैसे पहचानेंगे तो चलिए उसके पहचानने का तरीका मैं आप लोगों को बता देता हूं तो देखिए मैंने यहां पर हमारा एक मॉडल बना रखा है मैं पहले मॉडल को ओपन करके दिखा देता हूं आप लोगों को तो देखिए ये हमारा मॉडल बना रखा है जिसके ऊपर हम बहुत ही पहले से काम कर रहे हैं यहां पर अब यदि आपको आपके मॉडल के अंदर आपकी जो एक्यूरेसी है या फिर आपका जो लॉस है उस लॉस के अंदर कोई भी आपको वेरिएंट नहीं देखने को मिले मतलब आपका लॉस जो है यहां पर वो कंटीन्यूअसली आपके पास यहां पर सेम माता रहे जैसे देखिए यहां पर मैंने अपना मॉडल ट्रेन किया और मॉडल ट्रेन करने के अंदर देखिए मुझे लॉस के अंदर क्या देखने को मिला वेरिएंट देखने को मिला देखिए लॉस हमारे पास क्या हो रहा है लगातार लगातार आपके पास क्या हो रहा है कम होता जा रहा है यहां पर आप चेक करेंगे ना यहां पर तो आपका जो लॉस है यहां पर वो लगातार कम होता जा रहा है इसका मतलब इसके अंदर वनिस गडि डिसन प्रॉब्लम नहीं है यदि ये जो लॉस है यहां पर ये लॉस आपके पास चेंजेज नहीं हो रहा है आपका लॉस जो है वो कंटीन्यूअसली सेम आता जा रहा है इसका मतलब आपके न्यूरल नेटवर्क के अंदर वनिस ग्रेड एंड डिसेंट प्रॉब्लम आ चुकी है अब इसको दूर करने के लिए आप बैच नॉर्मलाइजेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर वेट लाइजेशन टेक्निक का इस्तेमाल करके आप इसे कर सकते हैं तो आई थिंक आई होप सो समझ में आया होगा कि वनिस ग्रेडियन डिसेंट प्रॉब्लम क्यों आती है और इस वनिस ग्रेडिएंट डिसेंट प्रॉब्लम की वजह से आप अपने न्यूरल नेटवर्क को अच्छे से ट्रेन नहीं कर पाते हैं इवन दैट आपके पास नंबर ऑफ इपोच आप बढ़ाने पर भी आपका जो न्यूरोल नेटवर्क है वो अच्छे से ट्रेंड नहीं हो पाता है जिसकी वजह से आप यहां पर अपने जो डिजायर आउटपुट है वहां तक नहीं पहुंच पाते हैं तो इसी के लिए आपको क्या करना चाहिए आपको वर्नेस गेड एंड डिसन प्रॉब्लम से दूर होने के लिए इन सारी टेक्निक का इस्तेमाल करना चाहिए हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डब्ल्यू कपटेक माय सेल्फ गरो और आज के इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे हाइपर पैरामीटर ट्यूनिंग के बारे में इससे पहले हाइपर पैरामीटर ट्यूनिंग करने से पहले हम यहां पर यह देखते हैं कि हमारे पास यहां पर हाइपर पैरामीटर्स कौन-कौन से हैं मतलब जिनको चेंजेज करने से हमारे पास हमारे मॉडल के अंदर इंप्रूवमेंट आती है ये चीजें देखते हैं तो चलिए अब जरा इस थोड़ा डिटेल के साथ देखते हैं तो देखिए ये हमारा a9 का मॉडल बना हुआ था जैसे कि हमने स्टार्टिंग में बनाया था और लास्ट वाली वीडियो के अंदर हमने अर्ली स्टॉपिंग के बारे में समझा था इसके साथ-साथ हमने एलटू रेगुलेशंस को भी यहां पर लगाया यहां पर हमने एलटू रेगुलेशन को भी समझा था और इसे हमने ट्रेन किया था और ट्रेन करने के बाद देखा था कि हमारा मॉडलर ओवरफिटिंग हो रहा है अंडरफिटिंग हो रहा है या बेस्ट फिटिंग हो रहा है ये सारी चीजें देखी थी लेकिन इस मॉडल के थ्रू हमने ये देखा था कि हमारे पास एक्यूरेसी के अंदर कोई भी इंप्रूवमेंट नहीं आ रहा मतलब आपका स्टार्टिंग से लेकर एंडिंग तक हमारी जो एक्यूरेसी है वो एक जैसी लगातार रह रही है यहां पर इसकी वजह से हमारे पास हमा हमारा जो मॉडल है वो अच्छे तरीके से ट्रेन नहीं हो पा रहा है तो अब हमें क्या करना पड़ेगा यहां पर हाइपर पैरामीटर ट्यूनिंग करनी पड़ेगी हाइपर पैरामीटर ट्यूनिंग मतलब इसके अंदर कुछ एन के मॉडल के अंदर कुछ चीजों के अंदर चेंजेज करना पड़ेगा अब वो चेंजेज करने के पैरामीटर्स क्या-क्या है जरा उसको समझते हैं तो सबसे पहले हम क्या करते हैं यहां पर हमारी जो रिक्वायर्ड लाइब्रेरी है उसे हम इंपोर्ट करते हैं और उसके बाद हम क्या करते हैं यहां पर हमारी जो सीएसपी फाइल उसे लोड करते हैं फिर डाटा सेट को देखते हैं फिर हमारे पास इनपुट आउटपुट को अलग-अलग करते हैं एंड देन स्टैंडर्ड स्केलर करते हैं और यहां पर आ जाते हैं ट्रेन और टेक स्प्लिटिंग के अंदर ट्रेंट स्प्लिटिंग के अंदर आने के बाद में अब हमारा जो टेंसर फ्लो मॉडल है इस टेंसर फ्लो को यहां पर इंपोर्ट करते हैं और उसके बाद जो यहां पर लेयर्स हैं और जो हमारे रेगुलराइजेशन हैं अर्ली स्टॉपिंग एंड सीक्वेंशियल है इनको भी हम क्या करते हैं इंपोर्ट करते हैं और उसके बाद एन का एक सीक्वेंशियल तैयार कर देते हैं अब देखिए इसके अंदर जो हाइपर पैरामीटर जो टर्म्स है यहां पर इनके अंदर सबसे पहली जो टर्म्स आती है यहां पर नंबर ऑफ हिडन लेयर यस आप यहां पर नंबर ऑफ हिडन लेयर्स को बढ़ा सकते हैं घटा सकते हैं अपनी इच्छा से यहां पर रख सकते हैं देखिए आईडियली जो चीज देखी गई यहां पर कि जो आपकी हिडन लेयर की जो पैटर्स होते हैं वो आपको एक पिरामिड शेप के अंदर रखने चाहिए मतलब सबसे पहले सबसे ज्यादा उसके बाद उससे कम फिर उससे कम फिर उससे कम और फिर सिंगल पैरामीटर राइट इस तरह से एक रार की बनाए रखनी चाहिए मतलब आपके पास एक पिरामिड शेप बनाए रखनी चाहिए जिससे हमारे मॉडल की एक्यूरेसी अच्छी आ सके तो बेसिकली गाइज यहां पर क्या करना है कि हमें हमारे मॉडल के अंदर यस हमारा ये जो मॉडल है यहां पर इसके अंदर हमें यहां पर कोशिश करनी है कि आपके पास यहां पर हायरा की बने राइट कभी-कभी इस राकी के अंदर भी अच्छा रिजल्ट नहीं आता है तो हमने यहां पर सीक्वेंशियल को लिया यहां पर सीक्वेंशियल के बाद में जो सबसे पहला हमारा हाइपर पैरामीटर है यहां पर दैट इज अ नंबर ऑफ हिडन लेयर देखिए नंबर ऑफ हिडन लेयर जो है यहां पर वो आप कितनी भी रख सकते हैं यहां पर लेकिन आपको ना तो ज्यादा हिडन लेयर एक्स्ट्रा रखनी है ना ही आपको हिडन लेयर कम रखनी है अब देखिए हिडन लेयर को यदि आप बढ़ाते हैं तो उससे क्या फायदा होता है देखिए हिडन लेयर को यदि आप बढ़ाते हैं तो जो भी आपका स्ट्रक्चर है आपका जो भी स्ट्रक्चर है डेटा स्ट्रक्चर है यहां पर या फिर आपका जो भी पैटर्स है उसके अंदर हर एक एजेस को हर एक एजेस को मतलब हर एक पॉइंट के ऊपर वो अच्छे से ट्रेंड होता है तो यदि आप नंबर ऑफ हिडन लेयर को इंक्रीज करते हैं तो वो अच्छे से हर एक चीज इस के ऊपर अच्छे से ट्रेंड होता है मतलब हर एक डेटा पॉइंट के ऊपर वो अच्छे से ट्रेंड होता रहता है राइट अब यहां पे पॉइंट आता है कि बेसिकली यदि आपने नंबर ऑफ हिडन लेयर कम रखी तो बेसिकली आपके पास यहां पर वो बिल्कुल भी यहां पर अच्छी तरीके से ट्रेंड नहीं हो पाएगा जैसे एग्जांपल के तौर पे मैं बात करूं कि मान लीजिए हमारे पास कोई फेसेस है मान लीजिए मेरे पास ये कोई आपके पास फेस है यहां पर जैसे कि ये मेरा फेस है अब इस फेस को मुझे क्या करना है यहां पर इसे लेन करना है मतलब स्पेस को यहां पर मुझे यहां पर क्या करना है इसको ट्रेन करना है अब ट्रेन करने पर क्या हुआ कि गाइ यहां पर यदि आपने नंबर ऑफ डन कम रखी है तो वो क्या कर पाएगा कि यह जो आपके पास यहां पे जो एजेस हैं उन्हें अच्छे तरीके से ट्रेंड नहीं कर पाएगा उनके अच्छे-अच्छे से प्रिमिटिव फीचर्स नहीं ले पाएगा तो बेसिकली नंबर ऑफ डन लेयर आपको क्या करनी चाहिए यहां पर थोड़ी सी ज्यादा लेनी चाहिए सेकंड चीज ये आता है कि इतनी भी ज्यादा नहीं लेनी चाहिए जा कि हमारे पास मॉडल जो है वो ओवर फिटेड हो जाए यस आपको यहां पर ओवरफिटिंग का सिनेरियो भी बचाना है यहां पर उसके लिए नंबर ऑफ हिडन लेयर को आप एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी ना ले राइट आपको एक लिमिटेड आपको रखनी है यहां पर हिडन लेयर को राइट एक लिमिटेड हिडन लेयर रखनी है और इतनी भी नहीं रखनी है कि आपके पास बहुत ही कम हो तो चलिए यहां पर देखिए हिडन लेयर अभी मेरे पास क्या है यहां पर बेसिकली आपके पास चार हिडन लेयर मैंने यहां पर रखी है जिसमें दे एक आउटपुट लेयर हो गई यहां पर और तीन मेजर हमारे पास यहां पर क्या है हिडन लेयर है अच्छा इसके ऊपर यदि मैं मॉडल की एक्यूरेसी को पता करूं तो मॉडल की एक्यूरेसी कितनी आ रही है तो यदि मॉडल की एक्यूरेसी देखें तो 78 और 79 हमारे पास आ रही है और जो कि बहुत ही ज्यादा कम है यहां पर राइट बहुत ही ज्यादा कम है यहां पर बेसिकली तो अब ये जो एक्यूरेसी है हमारे पास बहुत कम है यहां पर तो इसकी एक्यूरेसी को बढ़ाने के लिए मुझे क्या करना पड़ेगा मेरी हिडन लेयर को बढ़ाना पड़ेगा अब इन लेयर को कैसे बढ़ा सकते हैं तो देखिए हमारे पास इनपुट लेयर कितने है एट है एट के बाद मैंने क्या रखा सिक्स रखा सिक्स के बाद में मैं क्या कर रहा हूं गाइज यहां पर एक और यहां पर हिडन लेयर को ऐड कर रहा हूं यस एक और हिडन लेयर को ऐड कर रहा हूं और वो हिडन लेयर किस नंबर पे आएगी गाइज यहां पर फाइव नंबर पे आएगी फाइव के बाद फोर आ गई फोर के बाद में मैं एक और हिडन लेयर लगा रहा हूं यहां पर यस गाइ और वो फोर के बाद अपने अगली जो हिडन लेयर आएगी वो पॉइंट आएगी थ्री पे फिर 3 21 करके मैंने हिडन लेयर इस तरह से टड की है चलिए अब यहां पर क्या करते हैं हमारा मॉडल टेंड करते हैं इसके ऊपर हमारा मॉडल किस तरह से टेंड होगा कितनी एक्यूरेसी आएगी उसको भी जरा चेक कर लेते हैं ओके तो देखिए हमारे पास अच्छी तरह से मॉडल ट्रेंड हो चुका है यहां पर और अभी देखिए यहां पर मैं फिर से इसे रन करता हूं यहां पर फिर से इसे रन करता हूं फिलहाल देखिए हमारी जो एक्यूरेसी है वो कितनी थी पहले 78 थी मैं पहले वाली जो एक्यूरेसी है उसे नोट डाउन कर लेता हूं यहां पर कहीं पे ताकि आपको एक्यूरेसी के अंदर पता चल सके कि कितना फर्क हमें यहां पे आया यदि हमारे पास डनली जो बेसिक थी उसके ऊपर चेक करें तो हमारे पास जो एक्यूरेसी थी वो ये आई है और अब जो यहां पे कंसेप्ट चल रहा है उसके हिसाब से मैं एक्यूरेसी देखूं ठीक है तो आप देखिए एक्यूरेसी में अंदर फर्क आया यहां पर 81 आ गया है और आपके पास क्या हो गया गाइज यहां पर 79 आ गया है तो एक्यूरेसी के अंदर काफी फर्क आया है यहां पर और एक्यूरेसी आपके पास इंप्रूव हुई है सेकंड नंबर पे आपका जो हाइपर पैरामीटर ट्यूनिंग का पॉइंट आता है वो आता है हमारे पास नंबर ऑफ़ नट्स अब देखिए नंबर ऑफ नट्स के अंदर मैंने यहां पे जो पैटर्न बनाने की कोशिश की है यहां पर वो हमारे पास एक पिरामिड शेप है मतलब सबसे पहले यहां पर ट इनपुट लेयर हो गई यहां पर उसके बाद सिक्स आपके पास हो गई यहां पर उसके बाद फाइव हो गई है उसके बाद फोर हो गई है उसके बाद थ्री हो गई है इसके बाद टू हो गई है एंडन वन हो गई है तो मैंने यहां पे जो पैटर्न बनाने की कोशिश की है वो कैसी है पिरामिड शेप की है आप अपने हिसाब से यहां पर पैटर्न बना सकते हैं यहां पर लेकिन आपको ज्यादातर ध्यान रखना है कि आपका जो पैटर्न हो वो आपके पास मॉडल की एक्यूरेसी को इंप्रूव करता हो ऐसा ना हो कि आप कुछ भी रैंडम ली पैटर्न बनाए देखिए जनरली ये देखा गया है कि पिरामिड शेप का जो पैटर्न होता है वो आपको अच्छी एक्यूरेसी निकाल के देता है तो जैसा कि मैंने यहां पर पिरामिड शेप का पैटर्न बनाया तो इससे देखिए हमारी अच्छी एक्यूरेसी आई है यहां पर लेकिन मैं चाहूं तो इस पिरामिड शेप के पै पैरामीटर को चेंज कर सकता हूं और मैं चेक कर सकता हूं कि मेरी एक्यूरेसी किस तरह से बढ़ रही है जैसे देखिए यहां पर मैंने देखिए पहले में क्या किया दो फाइव ले लिया यहां पर फिर मैंने क्या किया गाइज यहां पर दो थ्र ले लिया अब इसके ऊपर मैं एक बार अपना मॉडल ट्रेन करके देखूं कि इसके ऊपर हमारी एक्यूरेसी का मॉडल किस तरह से आ रहा है देखिए आपके पास एक्यूरेसी जो है वो 79.8 पे अटका ई है यहां पर ओके 79.8 है यहां पर एक्यूरेसी अभी भी 79.8 है ठीक है और यहां पर आपके पास देखेंगे तो आपके पास 35 तक आपका जो मॉडल है वो ट्रेंड हुआ है यहां पर चलिए अब रन करते हैं यहां पर फिर से रन करते हैं यहां पर एंड फिर से रन करते हैं और फिर से रन करते हैं एंड देन फिर से रन करते हैं तो मॉडल के अंदर देखिए आपका जो ओवर फिटिंग है वो आपका कम हो गया है यहां पर आपके पास देखिए पुरानी वाली जो आपके पास यहां पर है एक्यूरेसी वही वापस आपके पास आ चुकी है तो मॉडल की एक्यूरेसी आप यहां पर बढ़ा सकते हैं कैसे नंबर ऑफ हिडन लेयर को बढ़ा के नंबर ऑफ नोड्स को चेंज करके सेकंड चीज आता है यहां पे गाइज आपके पास यहां पे नंबर ऑफ इपोच यस नंबर ऑफ इपोच को कम या ज्यादा करके भी आपके एक्यूरेसी इंप्रूव की जाती है इवन दैट बैच की साइज को भी आप चेंजेज करके एक्यूरेसी इंप्रूव कर सकते हैं अब बैच की साइजेस के अंदर क्या डिफरेंस है यहां पर जरा समझिए देखिए यदि मैं यहां पे बात करूं कि मेरे डेटा सेट के अंदर टोटल पॉइंट कितने हैं मतलब एक्स ट्रेन के अंदर आपके पास टोटल नंबर ऑफ आपके पास नंबर्स कितने हैं यहां पर नंबर ऑफ डेटा पॉइंट कितने हैं तो यदि वो आपको देखना है तो वो आप देख सकते हैं एक्ड शेप के हिसाब से एकड शेप के अंदर देखेंगे तो टोटल आपके पास कितने हैं 8000 आपके पास क्या है डेटा पॉइंट है अब 8000 डेटा पॉइंट है यहां पर तो इस 8000 डटा पॉइंट के अंदर आप किस तरह से ट्रेंड कर सकते हैं देखिए समझिए यहां पर आपके पास जब आपके बैस्ट साइज रखते हैं तो बेच साइज आपके पास ग्रेडिएंट डिसेंट की तरह वर्क करती है ये जो बेस्ट साइज है यहां पर ये किसकी तरफ वर्क करती है ये ग्रेडिएंट डिसेंट की तरह वर्क करती है अब ग्रेडियंट डिसेंट आपके पास क्या होता है तीन तरह का होता है जिसके अंदर आपके पास फर्स्ट होता है बैच ग्रेडन डिसेंट दूसरा होता है मिनी बैच ग्रेडन डिसेंट और तीसरा होता है चकट ग्रेडन डिसेंट अभी जो यहां पे गेड डिसेंट लग रहा है वो आपका लग रहा है बैच गेटन डिसेंट अब आप यहां पर इसे गेड एन डिसेंट को चेंज भी कर सकते हैं कैसे सबसे पहला तरीका आपके पास है यहां पर सबसे पहले बैच ग्रेड एंड डिसेंट बैच ग्रेड एंड डिसेंट में क्या होगा कि जो भी आपका ट्रेनिंग डेटा सेट है यस जो भी आपका ट्रेनिंग डेटा सेट है उसके हिसाब से आप इसे कंप्लीट लगा दीजिए मतलब 8000 है 8000 लगा दीजिए और फिर आप इसे रन कर दीजिए तो गाइ ये आपका पास क्या हो गया बैच ग्रेड एंड डिस्टेंट हो गया और बैच ग्रेड एंड डिस्टेंट के हिसाब से आपकी जो एक्यूरेसी आई है वो 79.8 आई है तो ये था आपका बैच गेट एंड डिसेंट जिसके अंदर हमने क्या किया गाइज यहां पर आपके पास यहां पे जितने भी डेटा पॉइंट थे वो सारे के डाटा पॉइंट आपने बैच साइज में लगा दिए इट्स कॉल्ड ऑफ बैच ग्रेडिएंट डिसेंट राइट यदि आप यहां पे वन लगाते हैं तो ये आपका पास क्या बनेगा च कस्टिक डेंटीशन बन जाएगा इसके अंदर आपके पास हर एक डेटा पॉइंट जो है वो आपके पास ट्रेंड होंगे और इसके अंदर आपका टाइम ज्यादा लगेगा लेकिन आपका मॉडल बहुत ज्यादा एक्यूरेट आपके पास क्या होगा ट्रेंड होगा और इसके अंदर जो आपको एक्यूरेसी मिलने वाली है वो काफी हद तक बहुत अच्छी मिलने वाली है एक्यूरेसी यहां पर चाहे वो ट्रेनिंग की एक्यूरेसी हो चाहे वो टेस्टिंग की एक्यूरेसी हो बहुत अच्छी मिलने वाली है लेकिन बट आपके पास इसके अंदर जो टाइमिंग है यहां पर वो बहुत ज्यादा देखने को मिलेगा आपके पास यहां पर किसके अंदर आपके पास च कोस्टिक गेड एन डिस्टन के अंदर अब बात करते हैं कि यदि हम मिनी बैच गेड एंड डिस्टन लगाए तो क्या होगा यहां पर तो देखिए मिनी बैच ग्रेडियन डिसेंट जो है आपके पास यहां पर वो बैच ग्रेडिएंट डिसेंट और चकट ग्रेडियन डिसेंट का मिक्स अप है राइट इसके अंदर जो टोटल नंबर ऑफ डाटा है यहां पर उसके अंदर आप कितने-कितने के बैच बनाना चाहते हैं वो आप डिसाइड करते हैं यहां पर जैसे कि मुझे यहां पर देखिए क्या है यहां पर मेरे टट लेटा पॉइंट यहां पर 8000 है मैं चाहता हूं यहां पर कि एक बैच 100 काड बने यहां पर तो वो बेसिकली मैं बना सकता हूं कैसे यहां पर 100 टा पॉइंट का बनाएंगे तो देखिए आपके पास यहां पे जाएंगे और यहां पे सिंपल सा 100 लिख दीजिए तो देखिए आपके पास यहां पर क्या बन रहा है यहां पर बेसिकली आपके पास 100 का एक बैच बन रहा है तो टोटल कितने हो गए गाइ यहां पर आपके 80 बैच हो गए तो यहां पे देखिए आपके 8080 बैच जो है यहां पर आपके ट्रेंड हो रहे हैं यहां पर इस तरह से यदि आप यहां पर बैच को बढ़ाना चाहते हैं मतलब मैं बैच की साइज जो है यहां पर 200 पॉइंट एक साथ रखना चाहता हूं तो देखिए जैसे आप यहां पर 200 यदि आप रखते हैं राइट तो आपके पास यहां पे बैच साइज चेंज होती है तो जैसे ही आप अपने बैच साइज के अंदर 200 300 400 इस तरह से आप डेटा डालते हैं यहां पर तो ये आपके बन जाता है यहां पर मिनी बैच टेशन तो आप अपने बैच साइज को चेंज करते हुए आप अपने मॉडल की एक्यूरेसी को इंप्रूव कर सकते हैं अब यहां पर थर्ड पॉइंट पे आता है आपके पास नंबर ऑफ रिपोज देखिए काफी बार क्या होता है आपके पास यहां पर नंबर ऑफ रिपोज बहुत कम देते हैं जिसके ऊपर आपका मॉडल जो है वो अच्छे तरीके से ट्रेन नहीं हो पाता है वो अच्छे तरीके से जो उसके फीचर्स होते हैं वो उनको गेट नहीं कर पाता है तो फिर इसके लिए सबसे बेस्ट तरीका है कि आप नंबर ऑफ कोच की जो वैल्यू है उसे इंक्रीज करें यस नंबर ऑफ आपके पास यहां पर इपोज जो है उसे इंक्रीज करें जितने ज्यादा आप यहां पर नंबर ऑफ इपोज करेंगे यहां पर आपके पास मॉडल के ट्रेन होने की आपके पा चांसेस है उतनी ज्यादा होती रहेगी लेकिन एक प्रॉब्लम ये है कि यदि आपने नंबर ऑफ इपोज की वैल्यू बहुत ही ज्यादा कर दी तो उससे आपका मॉडल ओवर फिटेड हो जाता है यस उससे क्या होगा गाइज यहां पर आपका मॉडल जो है यहां पर वो ओवर फिटेड होने के चांसेस ज्यादा रह जाती है यहां पर तो उस वजह से आपके पास आपको डाटा के अंदर एरर देखने को मिलेगी मतलब आपके जो आंसर्स है वो आपको रॉन्ग प्रेडिक्शन होने लग जाएंगे अब इसके लिए जो सबसे सही तरीका है वो आपके पास क्या है अ स्टॉपिंग अर्ली स्टॉपिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं यहां पर इससे क्या होगा कि जब भी आपका जो डाटा सेट है वो आपके पास ओवर फिटिंग की तरफ बढ़ रहा होगा तो ये आपके जो ओवर फिटिंग है उसे रोक देगा लेकिन ऐसा भी ना करें कि आपके पास नंबर ऑफ इपोज की वैल्यू कम ही करते हैं जैसे मैं नंबर ऑफ इपोज जो है यहां पर एक ही रख दूं यस क्या रखूं यहां पर एक ही नंबर ऑपोज रख के रन करूं तो ये दैट इज अ नॉट अ गुड पार्ट इससे आपकी मॉडल की एक्यूरेसी अच्छी नहीं होने वाली है तो गाइज यहां पर ये कुछ हाइपर पैरामीटर थे उसके बाद में हमारे पास कुछ ऑप्टिमाइजर हो है आप ऑप्टिमाइजर की वैल्यू को चेंज करके आपके यहां से पे काम ले सकते हैं अब ऑप्टिमाइजर की वैल्यू कैसे चेंज होती है जैसे फिलहाल अभी एडम ऑप्टिमाइजर है इसके अलावा आरएमएस प्रो ऑप्टिमाइजर भी होता है यहां पर इसके अलावा एड डेल्टा होता है एड ग्राड होता है इस तरह के ऑप्टिमाइजर को आप इस्तेमाल करके आप अपने मॉडल की एक्यूरेसी को इंप्रूव कर सकते हैं राइट तो ये कुछ आपके पास क्या थे आपका हाइपर पैरामीटर थे जिनकी वजह से आप अपने मॉडल की एक्यूरेसी को इंप्रूव कर सकते हैं राइट आने वाले वीडियो के अंदर हम और भी चीजों के बारे में डिस्कस करेंगे इस आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क से रिलेटेड हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डब्लू कपटेक माय सेल्फ ग और आज के इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे कनले न्यूरल नेटवर्क के बारे में जिसे हम सीएनए नेटवर्क भी बोलते हैं और बेसिकली यह कब काम आता है जब आपको डायरेक्ट इमेजेस का क्लासिफिकेशन करना हो मतलब आप इमेजेस को देकर आप यह पूछना चाहते हैं कि यह कैट की इमेज है यह डॉग की इमेज है तो उसके लिए हम इस नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं तो बेसिकली ये नेटवर्क कैसे काम करता है आज के इस वीडियो के जरिए समझेंगे और इस नेटवर्क के अंदर हमें कौन-कौन से लेयर्स की जरूरत पड़ती है इसको भी हम यहां पर डिटेल के साथ देखने वाले हैं तो चलिए जरा अ इसे समझते हैं यहां पर तो देखिए सीएनएन क्या है आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क का ही एक पार्ट है जिसका पूरा नाम कन्नल न्यूरल नेटवर्क है ये बेसिकली इमेज क्लासिफिकेशन के लिए बनाया गया यहां पर मतलब आप अपनी इमेज को देकर ये पूछ सकते हैं कि ये किसकी इमेज है यहां पर लेकिन इससे पहले आपको उन इमेजेस के ऊपर ट्रेंड करना पड़ेगा अपने मॉडल को मतलब अपने मॉडल को समझाना पड़ेगा यहां पर कि ये जो इमेजेस है ये कैट की है डॉग की है या काउ की है बफेलो की जिसकी भी आपके आस यहां पर ये समझाना पड़ेगा मतलब हमें पहले मॉडल को ट्रेंड करना पड़ेगा फिर हम एज पर टेस्टिंग के लिए हम उसे इमेज देंगे तो वो इमेजेस को रीड करते हुए हमें ये रिजल्ट देगा कि ये इमेज किस चीज की है तो इस चीज के लिए हम यहां पर इस्तेमाल कर रहे हैं कलेशन न्यूरल नेटवर्क का लेकिन क्वेश्चन यहां पे ये उठता है कि क्या केवल कन्वर्शन न्यूरल नेटवर्क के थ्रू ही हम इमेज का क्लासिफिकेशन कर सकते हैं क्या हम एनए नेटवर्क के थ्रू नहीं कर सकते क्या बिल्कुल आप एन नेटवर्क के थ्रू इमेज का क्लासिफिकेशन कर सकते हैं लेकिन अब आपको यहां पर एक पॉइंट उठा लेना पड़ेगा कि जो भी आप इमेज ले रहे हैं उस इमेजेस को हमें नंबर्स में कन्वर्ट करना पड़ेगा पहले देन उसके बाद में हम उन नंबर्स को लेते हुए हम हमारा एन का नेटवर्क डिजाइन कर सकते हैं तो यदि आप हमारे जो नेटवर्क है यहां पर ए का नेटवर्क है उसके अंदर इमेज लेना चाहते हैं तो उसको पहले नंबर्स में हमें कन्वर्ट करना पड़ेगा और आप सभी को पता है कि हम जो भी इमेजेस देखते हैं यहां पर वो इमेजेस एज ए बाइनरी फॉर्मेट के अंदर हमारे पास होती है मतलब एज अ नंबर फॉर्मेट के अंदर हमें देखने को मिल जाती है यहां पर और वो नंबर फॉर्मेट आपके पास यहां पर जीरो से लगाकर 2555 के बीच में एक रेंज के अंदर आपको देखने को मिलता है जिसके थ्रू आपकी इमेज बनती है आगे चलते हुए हम इस इमेजेस के बारे में समझेंगे भी कि इमेजेस कैसे होती है और किस तरह से बनती है राइट लेकिन हम यदि आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क के अंदर यदि काम करना चाहे तो हम हमारी इमेजेस को पहले नंबर में कन्वर्ट करेंगे देन फर्द फिर हम यहां पे क्या कर सकते हैं आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन इसके अंदर जो आपके मॉडल की जो एक्यूरेसी है वो बहुत ही कम आने वाली है उसकी जगह पर हम इस्तेमाल करते हैं हमारे कलेशन नेटवर्क का ये कलेशन नेटवर्क जो होती है ये हमारी आइज के जैसे के जैसे वर्क करती है आइज के जैसे वर्क करने का मतलब क्या है देखिए हमारी जो आइज होती है ह्यूमन आइज होती है ये क्या करती है किसी भी इमेजेस को पहले रीड आउट करती है और रीड आउट करके क्या करती है यहां पर उसकी जो इमेजेस हैं उसकी इमेजेस का जो इमेज है मतलब आपके पास ये इमेज का जो इमेज है यहां पर वो हमारे आइज के जो इनर पार्ट है वहां पे ये बनाती है फिर ये कुछ फिल्टर से होते हुए कुछ एजेस के डिटेक्शन करते हुए ये क्या करती है गाइज यहां पर हमारे ह्यूमन माइंड पहुं जाती है और यदि हमारे ह्यूमन माइंड के अंदर उस इमेजेस से रिलेटेड पहले से ही आपका स्ट्रक्चर बना हुआ है यहां पर और उसका नाम डिसाइड है तो हमें यह पता चल जाता है कि ये इमेजेस किसकी है जस्ट लाइक एग्जांपल के तौर पे यदि मैं आप लोगों के सामने यह मैं दिखाना चाहूं तो आप यहां पर इस मॉडल को देखते हुए यह बोल सकते हैं कि यह क्या है एक माउस है अब माउस का स्ट्रक्चर आपने पहले भी बहुत सारा देख रखा है यहां पर इसी की हेल्प से आपने इस माउस के स्ट्रक्चर को पहचान लिया है और आपने बता दिया है सेम एज इसी कांसेप्ट को इस्तेमाल करते हुए हमारे पास जो आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क के जो इंजीनियर्स हैं जो हमारे पास साइंटिस्ट हैं उन्होंने कन्वेंशनल ने नेटवर्क का डिजाइन किया इस कन्वेंशनल न्यूरल नेटवर्क के जरिए हम क्या करते हैं डायरेक्टली इमेजेस लेते हुए हम उसका प्रेडिक्शन करते हैं कि ये जो इमेजेस है वो किस चीज की है यहां पर मतलब क्लासिफाई करना स्टार्ट कर देते हैं राइट तो ये भी क्या है आपके पास यहां पर डीप न्यूरोल नेटवर्क का ही पार्ट है यहां पर अब मेन इंपॉर्टेंट पार्ट ये आती है कि ये काम कैसे करती है मतलब ये कन्वेंशनल नल नेटवर्क काम कैसे करता है तो देखिए कन्वेंशन नेटर के अंदर जब भी आपको ये अपनी इमेजेस देते हैं ये इमेजेस सबसे पहले जाती है है अपने कनोलेशन लेयर के अंदर ये कलेशन लेयर क्या करती है गाइ यहां पर कि आपकी जो भी इमेजेस हैं उस इमेजेस के अंदर जो भी आपकी इंपॉर्टेंट फीचर्स है यहां पर या जो इंपॉर्टेंट फीचर के जो आपके एजेस है यहां पर एजेस का मतलब मैं बेसिकली बात करूं तो जैसे कि ये हमारी इमेजेस है इस इमेज के अंदर जो हमारे इंपॉर्टेंट फीचर का जो एजेस है वो क्या-क्या है गाइज यहां पर ये वाला एज हो गया यहां पर हमारा ये वाला एज हो गया ये वाला एक एज हो गया इसके बाद में देखिए यहां पर ये वाला एक एज हो गया यहां पर ये एक एज हो गया यहां पर तो जितने भी एजेस है यहां पर उन एजेस को डिटेक्ट करती है ताकि आपकी जो इमेज है उसे अच्छे तरीके से रीड किया जा सके तो देखिए सबसे पहला काम क्या होता है यहां पर कि आपकी जो भी इमेजेस है उस इमेजेस के अंदर जितनी भी एजेस है यहां पर उन्हें आपके पास क्या किया जाता है फाइंड आउट किया जाता है विद द हेल्प ऑफ किससे कलेशन लेयर के हेल्प से अब कलेशन लेयर की जो आपके पास डाटा आता है यहां पर वो डाटा काफी हैवी डाटा होता है उसको आप डायरेक्टली आप इस्तेमाल नहीं कर सकते किसके लिए प्रेडिक्शन के लिए और ना ही आप आगे लेयर के अंदर इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि दैट अ वेरी वेरी लार्ज अमाउंट ऑफ डेटा अब लार्ज अमाउंट ऑफ डेटा क्यों बोल रहा हूं यहां पर लेट्स सपोज एग्जांपल के तौर पर बात करते हैं यहां पर कि आपके पास एक इमेज है जो यहां पर 1024 * 1024 की एक इमेजेस है राइट अब यहां पर ये क्या है इतनी पिक्सेल की आपके एक इमेजेस है अब ये क्या लिखा है मैंने पिक्सेल लिखा है आपकी जो भी इमेजेस होती है वो आपके छोटे-छोटे पिक्सल्स के अंदर डिवाइड होती है मतलब आप जब भी अपने इमेजेस को जूम करके देखेंगे तो आपको छोटे-छोटे छोटे छोटे बॉक्स दिखेंगे और वो कलर बॉक्सेस आपके पास क्या कहलाता है यहां पर प पिक्सल कराते हैं मतलब एक इमेजेस के अंदर 1024 आपके पास यहां पर पिक्सल्स आपके पास होंगे वर्टिकली एंड हॉरिजॉन्टल उसके बाद में आपकी जो एक इमेज है वो आपके पास बन के निकल के आती है अब कनोलेशन लेयर के अंदर जो आपकी इमेजेस तैयार होती है यहां पर वो काफी हैवी इमेजेस होती है और उसकी हैवी इमेजेस को यदि हमने डायरेक्टली यूज कर लेते हैं तो हमारा सिस्टम जो है वो क्रैश कर जाता है तो फिर इसका एक अल्टरनेटिव है यहां पर कि हम हमारी इमेजेस का जो यहां पर निकला है कन्वेंशनल के जो हमारी इमेज निकली यहां पर उसको हम क्या करते हैं कंप्रेस करते हैं और उस कंप्रेस करने के लिए हम इस्तेमाल करते हैं हमारी पलिंग लेयर का ये पूलिंग लेयर जो है यहां पर वो बार-बार यूज किया जाती है मतलब कन्वे लेयर पुलिंग लेयर कन्वे लेयर पुलिंग लेयर इनको बार-बार बारबार इस्तेमाल किया जाता है ताकि हमारे जो इमेजेस के अंदर जो आपके से इंपॉर्टेंट फीचर्स है यहां पर वो अच्छे तरीके से गेट कर ले जाए अब इसके बाद में पलिंग लेयर के बाद में हमारे इस नेटवर्क को हम कनेक्ट कर देते हैं फुली कनोलेशन के साथ या फिर हमारे पास इस डाटा को हम भेज देते हैं फुली कनोलेशन के पास अबी फुली कन्वर्शन लेयर क्या होती है गाइज यहां पर फुली कन्वर्शन लेयर की यदि मैं बात करूं यहां पर तो दैट इज़ अ एनए नेटवर्क यस आप कहां पहुंचा देते हैं गाइज यहां पर एए नेटवर्क को पहुंचा देते हैं मतलब आपके पास इसके आगे मतलब आपके पास जो भी आपकी इमेजेस आई इसको हमने कन्वेंशनल लेर के पास पहुंचाया उसके बाद हमने पूलिंग के लास पहुंचाया फिर वापस कनोलेशन के पास पहुंचाया फिर वापस पूलिंग के पास पहुंचाया ऐसे आप जितने प्रोसेस करना चाहे उतने प्रोसेस कर सकते हैं देन उसके बाद जो आपका डाटा बचा फाइनली उसको ले जाके हमने दे दिया फुली कन्वेंशनल लेयर को फुली कन्वेंशनल लेयर का मतलब है गाइज यहां यहां पर हमारे एनए के नेटवर्क को ताकि वो यहां से एक प्रेडिक्शन सिस्टम बना सके मतलब आपके पास एक क्लासिफिकेशन सिस्टम बना सके कि ये जो आपके पास गिवन इमेज है ये कार की इमेज है या डॉग की इमेज है या काव की इमेज है ये पहचान सके तो गाइस कन्वे न्यूरल नेटवर्क और आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क में एक मेजर डिफरेंस है कि आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क के अंदर हमारे पास जो डेटा डायरेक्टली आता है वो टेबुलर फॉर्मेट के अंदर होता है नंबर फॉर्मेट के अंदर देखने को मिलता है लेकिन कन्वेंशन न्य नेटवर्क के अंदर जो हमारा डाटा यहां पर आता है वो हमारा इमेजेस होता है और इस इमेजेस नेटवर्क के डाटा को हम क्या करते हैं नंबर डाटा में कन्वर्ट करते हैं विद द हेल्प ऑफ देन फिल कन्वेंशन लेयर देन पुलिंग लेयर एंड उसके बाद फुली कन्वेंशन लेयर की हेल्प से देन उसके बाद में इस डाटा को हम क्या करते हैं पास ऑन कराते हैं हमारे आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवक को जिसके थ्रू हम हमारा प्रोडक्शन सिस्टम तैयार करते हैं अब बात करते हैं यहां पे कि ये जो इमेजेस होती है इमेजेस है क्या यहां पर देखिए जब भी आप किसी कलर इमेजस की बात करते हैं यहां पर यस आप किसकी बात कर रहे हैं गा यहां पर आप किसी भी कलर इमेजेस की बात करते हैं तो उस कलर इमेजेस के अंदर हमारे पास तीन कलर चैनल होते हैं और वो कलर चैनल होते हैं r जी ब अब ये आरजीबी कलर चैनल का मतलब क्या है रेड ग्रीन एंड ब्लू कलर आपको चैनल देखने को मिलते हैं अब यहां पे आपने जो भी अपनी इमेजेस बोली है जैसे आपने इमेजेस है यहां पर 1024 * 1024 यहां पर तो ये 1024 * 1024 के आपके पास तीन कलर चन मिलेंगे होता है यहां पर ये आपके पास इस पिक्सेल की जो रेंज होती है यहां पर वो 0 से 255 के बीच में होती है यस ये जो रेंज आपको देखने को मिलेगी ये हमेशा रो से लेके 255 के बीच में देखने को मिलती है और इन केस हम यहां पे ब्लैक एंड वाइट इमेजेस की बात करें तो वहां पे हमारे पास एक ही कलर चैनल होता है यस ब्लैक एंड वाइट इमेज के अंदर हमारे पास क्या होता है एक ही कलर चैनल आपके पास मिलता है और उसके अंदर डायरेक्टली आपको कलर मिलता है यहां पर 255 के बीच में रो से लेकर 255 के बीच में हमें एक ही कलर चेंज देखने को मिलता है तो देखिए गाइज यहां पर जो भी आप इमेजेस इस्तेमाल कर रहे हैं उस इमेजेस के अंदर पहली तो चीज क्या है आपकी जो इमेजेस है वो इतने पिक्सल्स के अंदर होती है इवन दैट आपके यहां पर कलर चैनल इमेज का इस्तेमाल कर रहे हैं मतलब रंगीन इमेजेस का इस्तेमाल कर रहे हैं यहां पे कलरफुल इमेज का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसके अंदर आपके जो पिक्सेल की क्वांटिटी होती है वो इस तरह से बढ़ जाती है जैसे 1024 * 1024 यस 1024 * 1024 * 3 थ इसलिए किया यहां पर क्योंकि तीन कलर चला रहे हैं यहां पर r जी एंड बी रेड ग्रीन एंड ब्लू ये तीन कलर चिनल देखने को हमें मिलते हैं यहां पर तो गाइस ये जो आपकी इमेजेस होती है वो इमेजेस कुछ इस तरह की होती है अब ये जो हैवी इमेजेस होती है इनके डायरेक्टली वर्क नहीं किया जा सकता तो फिर इसके लिए हम कन्वेंशन लेयर पुलिंग लेयर कन्वेंशन लेयर पुलिंग लेयर से होते हुए हम क्या करते हैं इमेज क्लासिफिकेशन सिस्टम यहां पर तैयार करते हैं तो गाइज कन्वेंशन लील नेटवर्क के अंदर हम क्या कर रहे हैं गाइज यहां पर इमेज का क्लासिफिकेशन कर रहे हैं ना कि हमारे पास जो टेबुलर डटा आ रहा जिसके अंदर हमारा सारा डाटा न्यूमेरिकल फॉर्मेट में है उसके थ्रू नहीं हम यहां पर हमारी इमेजेस को लेते हुए उसके अंदर हम इस तरह से तैयार करते हैं अब यदि मैं फाइनलाइज लिखूं यहां पर कि हमें करना क्या होता है तो सबसे पहले हमारी इमेजेस होती है उसको कन्वेंशन लेयर से पास कराना है फिर हमें मैक्स पलिंग से पास कराना है फिर हमें फ्लैट से पास करना है फ्लैट इन क्या करेगा गाइज यहां पर कि देखिए आपके पास जो भी आपका न्यूरल नेटवर्क होगा आर्टिफिशियल नरल नेट होगा वो कुछ इस तरह से आपके पास होगा लेकिन आपके पास जो कलर चैनल इमेज होगी वो आपको एक एज ए मैट्रिक्स फॉर्मेट में आपको देखने को मिल जाएगी तो ये जो मैट्रिक्स फॉर्मेट में आपको जो इमेजेस देखने को मिल रही है इस मैट्रिक्स फॉर्मेट की इमेजेस को हमें क्या करना है यहां पर एक सिंपल नेटवर्क के अंदर मतलब सिंपल एक रो के अंदर कन्वर्ट करना है तो उसके लिए हम क्या इस्तेमाल कर रहे हैं फ्लेटन का इस्तेमाल कर रहे हैं और इस फ्लेटन के बाद में फुली कन्वेंशन लेयर का इस्तेमाल करते हुए हम हमारी इमेज का प्रिडिक्शन करते हैं हे एवरीवन वंस सकन वेलकम टू ल्यूस कपटेक माय सेल्फ गव और आज के इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे आपके पास तीन मेजर पॉइंट के बारे में जिसके अंदर फर्स्ट है कलेशन दूसरा है आपका पलिंग और थर्ड है आपका फ्लेट इन तीनों टॉपिक के बारे में बात करने वाले हैं जो कि एक आपके पास क न्यूरल नेटवर्क जिसे हम सीएनएन नेटवर्क बोलते हैं उसके अंदर बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट चीज होती है तो चलिए अब इसे वन बाय वन समझते हैं ये कैसे काम करते है और किस तरह से काम करता है यदि आपको python-tk के ऑनलाइन एंड ऑफलाइन बने बैच के अंदर जॉइन करके आप अपने स्किल को इंप्रूव कर सकते हैं इसके लिए दिए गए कांटेक्ट नंबर पे कॉल करके आप हमारी टू डेमो फ्री क्लासेस ले सकते देखिए जब भी आप कभी भी अपने इमेजेस के ऊपर काम कर रहे हैं और इमेजेस के अंदर यदि आपको क्या करना है क्लासिफिकेशन के ऊपर काम करना है यस इमेज का क्या करना है क्लासिफिकेशन के ऊपर काम करना है आपको यहां पर तो आप क्या इस्तेमाल करते हैं सीएनए इस्तेमाल करते हैं अब ये सीएनए का जो आर्किटेक्चर होता है यहां पर उसके अंदर क्या होता है कि जो भी आपकी इमेजेस हैं ये इमेज आप किसे देते हैं यहां पर आप इसे देते हैं सबसे पहले कलेशन लेयर को यस किसे देते हैं कलेशन लेयर को देते हैं कन्वेंशन लेयर जो है यहां पर ये आपको किसको दी जाती है यहां पर इस लेयर को हम पलिंग के अंदर डाल देते हैं राइट अब ये प्रोसीजर आप दो-तीन बार अप्लाई कर सकते हैं और उसके बाद जो आपका डाटा होता है वो पहले क्या होता है आपका फ्लेटन होता है और फ्लेटन के बाद में आपका जो भी डाटा होता है वो ए ए नेटवर्क के अंदर चला जाता है अब ये जो इमेज है इस इमेज को कलेशन लेयर में देते हैं तो कलेशन लेयर के थ्रू क्या काम होता है और कैसे काम होता है ये समझेंगे फिर ये जो कलेशन का डाटा है ये पूलिंग के अंदर जाता है तो इसमें क्या प्रॉब्लम होती है और कैसे काम होता है ये समझने वाले हैं एंड देन लास्ट ऑफ लीस्ट फ्लटर कैसे काम करता है इसको हम समझने पाएंगे और हमारे पास यहां पे आपके पास फुली कन्वेंशन लेयर ये कैसी होती है यहां पर इसे हम यहां पर देखेंगे तो चलिए इसको वन बाय वन जरा समझते हैं यहां पर तो देखिए सबसे पहले मैं यहां पे बात करने वाला हूं और ये बात है आपके पास यहां पर कलेशन लेयर के बारे में कि कलेशन लेयर क्या होता है देखिए कन्वेंशन लेयर क्या है आपके पास एक मैथमेटिकल फॉर्मूला है यहां पर यस और ये मैथमेटिकल फॉर्मूला क्या ता है गाइज यहां पर ये मैथमेटिकल फॉर्मूला कुछ इस तरह से दिखता है यहां पर ये आपके पास मल्टीप्लिकेशन नहीं होता है बेसिकली आपके पास क्या है इंटिगेट है आपके पास दो डाटा के बीच में अब बेसिकली इसका काम क्या है इसका काम होता है कि आपके पास जो भी आपकी इमेजेस हैं उस इमेजेस के अंदर के फीचर्स को निकालना अब इमेज के अंदर के फीचर्स को निकालने का मतलब क्या है यहां पर जरा समझे मान लीजिए कि मेरे पास एक इमेज है राइट मेरे पास क्या है एक इमेज है और ये इमेज कुछ इस तरह से दिखती है यहां पर मतलब एक आपके पास मैंने पर्सन की इमेज बना रखी है अब आप बोलेंगे सर पर्सन ऐसा कैसे दिख रहा है तो आप मिनी मनेशिया खेलते हैं या कोई भी गेम खेलते हैं तो उनके अंदर आपके पास कुछ पर्सन ऐसे ही बने हुए होते हैं राइट तो मान लीजिए ये क्या है एक पर्सन की इमेजेस है जो कि आप यहां पर देख रहे हैं यहां पर अब इस इमेजेस से मुझे क्या करना है इसके इंपॉर्टेंट फीचर्स निकालने है अब ये कलरफुल इमेजेस हो सकती है यहां पर और ब्लैक एंड वाइट इमेजेस भी हो सकती है लेकिन इसके अंदर के फीचर निकालने है अब फीचर निकालने का मतलब क्या होता है गाइज यहां पर फीचर निकालने का मतलब होता है इसके अंदर के जितने भी एजेस होते हैं यस कितने क्या हो है यहां पर जितने भी आपके इसके एज है यहां पर उन एजेस को डिटेक्ट करना है हमें यहां पर अब कलेशन लेयर के जरिए हम क्या करते हैं कि इस इमेजेस के अंदर आपके पास बहुत सारे पॉइंट्स हो सकते हैं मतलब ये कलर इमेज है तो यहां पे भी आपके डिफरेंट डिफरेंट कलर्स हो सकते हैं यहां पर इसके अंदर डिफरेंट डिफरेंट कलर्स हो सकते हैं लेकिन इस इमेजेस के अंदर के जो एजेस है यहां पर वो एजेस कौन-कौन से होंगे गाइज यहां पर वो एजेस आपके पास यही होंगे जैसे ये आपके पास हो गया ये एक एज हो गया ये एक आपका एज हो गया ये एक एज हो गया तो ये आपके पास क्या कहलाते हैं इस इमेजेस के एजेस कहलाते हैं राइट अब हमें क्या करना है कनोलेशन लेयर के थ्रू क्या होता है कि हमारी जो इंपॉर्टेंट इमेज है यस हम जो भी इंपॉर्टेंट इमेज ले रहे हैं यहां पर उस इंपॉर्टेंट इमेज के अंदर बैकग्राउंड के अंदर कुछ भी हो सकता है राइट बैकग्राउंड के अंदर आपके पास यहां पर सुनेरी हो सकती है आपके पास बादल हो सकते हैं जमीन हो सकती है कुछ भी हो सकता है एनीथिंग एल्स कुछ भी हो सकता है लेकिन हमारा मेन टारगेट क्या है यहां पर ये पर्सन है और ये पर्सन की जो इमेजेस है यहां पर इसको हमें एक्सट्रैक्ट करना है मतलब इसकी के जो एजेस हैं इमेजेस के जो एजेस होते हैं वही हमारे इंपॉर्टेंट वीच होते हैं तो गाइस इसमें से जो एजेस है ये एजेस करना डिटेक्ट करना ही हमारा इंपॉर्टेंट फीचर होता है तो बेसिकली इसके लिए हम क्या करते हैं कलेशन लेयर का इस्तेमाल करते हैं कन्न लेयर क्या करता है यहां पर कि इस इमेजेस के एजेस को गेट करता है अब ये इमेजेस के एजेस को कैसे गेट करता है इसको जरा समझते हैं मान लीजिए अभी जो मैंने आपको इमेज बताई थी वो इमेज कुछ इस तरह से है मतलब आपके पास ये इनपुट डाटा इस तरह से है अब ये इनपुट डाटा के तौर पे क्या है हमारी इमेजेस है यहां पर यस ये हमारी क्या है यहां इमेज है यहां पर राइट ये हमारी इमेज है अब इस इमेज के साथ मैं क्या कर रहा हूं यहां पर कन्वेंशन लेयर के लिए मतलब कन्न लेयर कराने के लिए मुझे क्या करना पड़ता है गाइज यहां पर एक कर्नल को ऐड करना पड़ता है मतलब एक कर्नल लगाना पड़ता है अब ये कर्नल किसी भी तरह का हो सकता है दैट इ द कॉल ऑफ मैट्रिक्स इसका न्यूमेरिकल नंबर आपके पास मैट्रिक्स होती है जो कि क्या करती है इस इमेज के साथ कन्वेंट होके हमें क्या करती है हमें हमारे फीचर देती है राइट क्या देती है यहां पर हमें हमारे फीचर्स देती है अब ये फीचर्स हमें कैसे देती है यूजिंग दिस कर्नल अब ये कर्नल आपके पास एक से ज्यादा भी हो सकते हैं डिपेंड ऑन आपके इमेज की क्वालिटी के ऊपर आपकी इमेज की क्वालिटी कैसी है उसके हिसाब से आप क्या कर सकते हैं नंबर ऑफ कर्नल्स ले सकते हैं जिसकी हेल्प से आपके पास जो अच्छे फीचर्स हैं यहां पर अच्छी तरीके से एजेस जो है यहां पर वो कैट हो सके अब मेन पॉइंट आता है कनोलेशन होता कैसे है यहां पर तो देखिए गाइ ये जो आपकी मैट्रिक्स है यस ये जो आपकी मैट्रिक्स है जैसे आप कर्नल मैट्रिक्स आप बोल रहे हैं यहां पर तो इस कर्नल मैट्रिक्स का यूज़ करके आप यहां पर इस कनल मैट्रिक्स के साथ यहां पर क्या कर सकते हैं कलेट करा सकते हैं जब आप इसके साथ कलेट कराएंगे तो कलेट कराने के बाद में आपके पास क्या होगा गाइज यहां पर ये रिजल्ट आएगा अब जैसे मैंने यहां पे एक रिजल्ट का एग्जांपल दे रखा है जैसे देखिए क्या होता है गाइज यहां पर ये वन जो है इस वन के साथ क्या हो रहा है मल्टीप्लाई होता है आंसर आपका वन आ रहा है यहां पर रो जीरो के साथ मल्टीप्लाई होके आपका आंसर रो आ रहा है यहां पर इस जीरो के साथ वन मल्टीप्लाई होके आंसर क्या आ रहा है रो आ रहा है यहां पर फिर वन आपके पास रो के साथ मल्टीप्लाई होके आपके पास क्या आ रहा है जीरो आ रहा है वन आपके पास यहां पे वन से मल्टीप्लाई होके वन आ रहा है फिर रो से मल्टीप्लाई होके आपके पास क्या आ रहा है ज जीरो आ रहा है यहां पर वन वन से मल्टीप्लाई हो के आपके पास क्या आ रहा है वन आ रहा है ऐसे करके आपके पास क्या बन रहा है यहां पे आपके कन्न हो रही है ऐसे करके क्या हो रहा है गाइज यहां पे कन्वर्शन हो रही है और उसके बाद में आपके पास जितना भी रिजल्ट आ रहा है वो उसका ऐड होके आपके पास यहां पे पहुंचा दिया जा रहा है अभी तो ये आपके क्या हुआ एक बार कलेट हुआ देखिए कलेशन कैसे होता है सबसे पहले इसका इस वाली इमेजेस के साथ कलेट होगा फिर वापस इसका इस वाली इमेज के साथ कलेट होगा इसका इस वाली इमेजेस के साथ कलेट होगा ऐसे करके आपका जो कलेशन प्रोसीजर है वो आपके पास चलता रहता है फिर एज इट इज नीचे भी आएगा एज इट इज नीचे आएगा ऐसे करके आपकी जो भी इमेजेस है उस इमेज से आपके फीचर्स को गेट कर लिया जाएगा मतलब आपके जो भी एजेस है उन्हें गेट कर लि जाएगा अबी कैसे होता है यहां पर तो इसको थोड़ा सा एक लाइव डेमोंस्ट्रेट देखते हैं यहां पर यस मेरे पास एक लाइव डेमोंस्ट्रेट है राइट एक वेबसाइट है जिसके अंदर मैं आपको ये दिखाना चाहूंगा कि ये कैसे कन्नेट्टी है दैट इज अ डीप लिजर्ड वेबसाइट जहां पे आप कलेशन को बहुत अच्छे तरीके से समझ सकते हैं कि कनोलेशन कैसे हो रहा है अब देखिए कनोलेशन करने से पहले आपके पास यहां पे देखिए कलेशन का ऑपरेशंस आपके पास बताया गया यहां पर ठीक है अब कनोलेशन ऑपरेशन के लिए हम क्या कर रहे हैं सबसे पहले हमारा नंबर चूज कर रहे हैं कि हमें कौन से नंबर पे काम करना है तो मैं कह रहा हूं यहां पर मुझे टू नंबर चाहिए अब देखिए टू को हैंड रिटर्न के अंदर देखा जाए तो ऐसा लखता है और दैट्ची नंबर यहां पर राइट उसके बाद में देखिए ये हमारे पास विंडो डाटा है ये विंडो डाटा का मतलब क्या है ये जो हमारा पहला डाटा है ये हमें दे रखा है यहां पर जिसके अंदर 00 दे रखा है यहां पर और एक हमारे पास क्या बना रखी है एक फिल्टर मैट्रिक्स बना रखी है राइट ये फिल्टर मैट्रिक्स आप अपने अकॉर्डिंग यहां पर चेंज कर सकते हैं वैसे तो ये फिल्टर मैट्रिक्स जो आप देख रहे हैं यहां पर दैट कॉल्ड ऑफ कर्नल जैसे हम ने यहां पे कर्नल बोला था यहां पर राइट ये जो कर्नल मैट्रिक्स देख रहे हैं यहां पर ये कर्नल अपने आप चेंज हो जाती है राइट अकॉर्डिंग टू योर डेटा आपके पास कर्नल अपने आप चेंज होता है क्योंकि आपके इमेजेस के फीचर को कैट कर लेता है राइट अब देखिए इसका आउटपुट क्या आ रहा है यहां पर ज़ीरो आ रहा है कैसे आ रहा है यहां पर देखिए 0 * -1 होगा तो -1 अगल आएगा ये भी -1 हो जाएगा ये भी -1 हो जाएगा यहां पे + 1 होगा यहां + 1 होगा यहां + 1 होगा देन उसके बाद 0 * 0 0 करके आउटपुट विल बी ज़ीरो यस आउटपुट क्या आ रहा है यहां पर ज़ीरो आ रहा है इस तरह से आप क्या सो रहा है अब देखिए मैं इसे कलेट करने जा रहा हूं और कलेशन का रिजल्ट आप देखेंगे तो इसके जो एजेस है इसके जो मेन एजेस हैं वही एजेस हमें यहां पे गेट होंगे बाकी के जो बैकग्राउंड है वो हमें यहां पर गेट नहीं होने वाला है अब देखिए कैसे होने वाला है तो मैं इसे थोड़ा सा प्ले कर देता हूं यहां पर तो देखिए आपके इमेज जो है यहां पर उसमें से देखिए एजेस गैट होना स्टार्ट हो गया है अब देखिए यहां पर आपका जो एजेस है वो एकदम लाइट है तो यहां पे भी आपको एकदम लाइट एजेस मिला यहां पर अब देखिए बीच वाला जो एरिया है वो थोड़ा सा डार्क्स एरिया मतलब आपके पास यहां पे आपकी जो इमेज है वो काफी गहरी आपके पास है तो देखिए यहां पे भी वो आपका जो इमेजेस का एरिया जो है आपके पास वो काफी गहरा आया है यहां पर उसके बाद नीचे जाके देखेंगे तो आपके पास ये जो इमेजेस हैं इसके अंदर के जो डाटा है यहां पे वो आपके काफी कम आए अब जैसे देखिए यहां पे जो आप देखेंगे जस्ट यहां पे देखेंगे तो आपकी इमेज देखिए यहां पे इमेज आपके पास काफी गहरी है यहां पर मतलब जो नंबर्स है वो काफी गहरा है तो देखिए आपके जो इमेजेस का कलर भी है वो काफी गहरा यहां पर नजर आ रहा है तो बेसिकली दैट इज अ कलेशन प्रोसेस जो कि आपके पास इमेज बाय इमेज होता है यहां पर राइट मैं फिर से आपका प्ले करके दिखा रहा हूं देखिए ये आपका इस तरह से चल रहा है आपका कलेशन लेयर राइट जैसे-जैसे ये आगे बढ़ रहा है कलेशन लेयर चलता रहता है चलता रहता है चलता रहता है और इस तरह से आपके पास ये पूरा काम होता है यहां पर राइट तो दैट इज अ कलेशन यहां पर जिससे रिशन के थ्रू आपके जो इमेजेस हैं उसमें से हमने क्या निकाले इंपॉर्टेंट फीचर्स निकाले अब इंपॉर्टेंट फीचर निकालने के बाद में ये क्या कहलाता है गाइस यहां पर दैट इज अ कॉल ऑफ फीचर मैप ये क्या लता है गाइज यहां पर दैट इज कॉल ऑफ आपके पास फीचर मैप आपके पास कहलाता है यहां पर या फिर आप इसे कनोलेशन फीचर भी बोल सकते हैं राइट अब कनोलेशन फीचर आने के बाद में अब आपके पास जो आपका नेक्स्ट लेयर ले जा है दैट इज कॉल्ड ऑफ पुलिंग लेयर अब यहां पे पॉइंट आता है कि व्हाई पूलिंग लेयर क्या जरूरत है पुलिंग लेयर की तो गाइस इसके पीछे दो मेजर इंपॉर्टेंट रीजन है पहला इंपॉर्टेंट रीजन है यहां पर कि आपके पास जो आपका डाटा है जो आपके पास जो आपकी इमेज यहां पर ले रहे हैं यहां पर कंसीडरेशन कर रहे हैं यहां पर आप जो इमेज कंसीडरेशन कर रहे हैं यहां पर ये जो इमेजेस है यहां पर इस इमेजेस की जो साइज है यहां पर वो काफी बल्की हो जाएगी राइट इमेजस की साइज काफी बल्की हो जाएगी और इस बल्की साइज की जो इमेजेस हैं इसे आप डायरेक्टली यूज नहीं कर सकते किस जगह पे यूज़ नहीं कर सकते आप डायरेक्टली नेटवर्क के अंदर यूज़ नहीं कर सकते रीजन बहुत सिंपल सा है यहां पर क्योंकि यदि आप इस बल्की इमेजेस को यूज़ करेंगे तो आपके लिए एक हैवी सिस्टम की जरूरत पड़ेगी अब इतना ज्यादा हैवी सिस्टम आप लोगों के पास कंफर्टेबल नहीं होता है यहां पर तो फिर इसके लिए हमें क्या करना पड़ता है पूलिंग लेयर को इस्तेमाल करना पड़ता है ये पलिंग लेयर क्या करता है कि आपकी इमेजेस की साइज के अंदर से जो आपके इंपॉर्टेंट फीचर होता है यहां पर ये उसी को गेट करता है बाकी सबको क्या करता है रिड्यूस कर सकता है इसके साथ-साथ आपकी इमेजेस के अंदर एनहांस करने का काम करता है एनहांस करने का मतलब क्या है देखिए कलेशन लेयर जब आप यहां पर इस्तेमाल करते हैं तो काफी ऐसी चीजें होती है जो आपके पास यहां पर जो काफी एजेस होती है वो आपके पास नहीं आ पाती है राइट काफी जगह आपके पास क्या होती है काफी एजेस आपके पास नहीं गैट हो पाती है तो ये आपकी इमेजेस के अंदर क्या करता है उसे एनहांस करता है एनहांस करने का मतलब क्या है यहां पर उसके अंदर जो एजेस है उसे और ज्यादा यहां पर डार्कनेस करने की कोशिश करता है ताकि जो एजेस आपके गायब हो चुके हैं वो भी आपके पास यहां पर गैट हो सके तो पहली मेजर प्रॉब्लम है कि आपकी इमेजेस की साइज जो है वो काफी बल्की हो जाती है अब इतनी बल्की साइज को इमेज को आप डायरेक्टली कंसीडरेशन नहीं कर सकते जस्ट एग्जांपल के तौर पे मैं बात करूं कि मेरे पास एक 250 * 250 की इमेजेस है राइट ये इतने फीचर्स तो आपके पास हो गई है इतने फीचर मतलब इतने पिक्सेल की तो आपकी इमेजेस सही है इतने आपके पास यहां पर फीचर बने मतलब x एक्सस के अंदर इतने फीचर आने वाले हैं इसके साथ-साथ आपने कनोलेशन लगाया यहां पर और प्लस आपके पास कलर इमेजेस है यहां पर तो जैसे मान लीजिए आपने 10 कनोलेशन लगाया और प्लस आपकी कलर इमेजेस है तो इन सबको मल्टीप्लाई कर दीजिए इतने आपके पास क्या बनेंगे आपके पॉइंट्स बनने वाले मतलब इतने एक्स एक्सेस के कॉलम बनने वाले हैं ये एक्स एक्सस के कॉलम बहुत ही ज्यादा होते हैं इसके ऊपर आप डायरेक्टली वर्क नहीं कर पाएंगे तो पॉइंट इज दैट यदि आप यदि आप यहां पर बिना पुलिंग लेयर के आगे बढ़ते हैं यहां पर तो ये आपके पास क्या होता है आप की मेमोरी साइज को बहुत ज्यादा कंज्यूम करता है तो इसके लिए हम क्या करते हैं पूल करते हैं अब पूलिंग के अंदर यहां पर बहुत सारी तरह की पूलिंग होती है यस कौन-कौन सी होती है यहां पर पूलिंग के अंदर आपके पास यहां पर पूलिंग होती है मैक्स पूलिंग और दूसरी होती है गाइज यहां पर एवरेज पूलिंग यस दो तरह के आपके पूलिंग है यहां पर पहली मैक्स पूलिंग या दूसरी एवरेज पूलिंग होती है इन दोनों पूलिंग में से कोई भी आप एक पूलिंग ले सकते हैं अब ये पूलिंग क्या काम करती है पलिंग कैसे काम करती है तो देखिए जो सबसे पहले आपका फीचर मैप आ रखा है फीचर मैप कहां से आया था ये कन्वेंशन लेयर से आपका फीचर मैप आया इस कन्वेंशन लेयर के जो फीचर मैप है इसके साथ क्या करती है यहां पर अब ये पूलिंग आप अपने हिसाब से ले सकते हैं जैसे कि मैं यहां पे जो पूलिंग ले ले रहा हूं यहां पर ये कितने की ले रहा हूं यहां पर टू क्रॉस टू की पुलिंग लेयर ले रहा हूं कितनी कॉस्ट की टू क्रॉस टू की पुलिंग ले ले रहा हूं राइट अब टू क्रॉस टू की पुलिंग लेयर का मतलब क्या है कि इनमें से ये जो डटा मैंने लिया है यहां पर इसमें से जो सबसे मैक्सिमम आपका डाटा है यहां पर वो मैंने कंसीडर कर लिया मैक्सिमम यहां पे क्या है वन है वन को मैंने यहां पर क्या किया है कंसीडरेशन कर लिया है उसके बाद फेस में से मैंने मैक्स कंस डायरेक्शन कर लिया है तो ऐसे करके मेरे पास क्या बन गया एक पलिंग फीचर मैप बनके आ चुका है चलिए इसका भी एक लाइव डेमोंस्ट्रेट देखते हैं ताकि आप लोगों को थोड़ा और आईडिया हो सके कि किस तरह से काम करता है तो देखिए मेरे पास इसकी भी वेबसाइट का है यहां पर तो देखिए मैं पलिंग का डेमो आपको दिखाना जा रहा हूं कि पूलिंग कैसे काम करता है यहां पर तो जैसे मेरा ये डाटा है यहां पर अब पुलिंग मुझे करना है यहां पर तो मैं पुलिंग करने जा रहा हूं अब आप अपने हिसाब से नंबर ले सकते हैं जैसे कि मैं टू नंबर्स का ही वापस क्या करूंगा पुल करूंगा और उसके बाद देखिए मैं प्ले कर रहा हूं तो देखिए पूलिंग के बाद में मेरा जो नंबर है वो कुछ इस तरीके से दिख रहा है राइट जैसे आप देख पा रहे हैं यहां पर तो देखिए जो इंपॉर्टेंट फीचर जैसे अब देखिए यहां से आपके पास मैक्स पूलिंग लगाया गया है तो जो सबसे मैक्सिमम डटा है वो हमें मिल गया है यहां पर तो आपके पास देखिए आपकी इमेज देखिए इमेज के पिक्सेल कितने बड़े हैं कितनी बड़ी इमेज है यहां पर और पलिंग करने के बाद देख लीजिए आपके पास जो आपकी इमेज जो निकल के आई है वो काफी छोटी हो चुकी है राइट आपकी इमेजेस के जो पिक्सल्स हैं यहां पर वो काफी छोटे हो चुके हैं अब आप इसे यहां पर काम कर सकते हैं लेकिन एक चीज का ध्यान रखिएगा पुलिंग करने से पहले और पलिंग करने के बाद में आपके जो इमेज है उसके पिक्स पल्स आपके छोटे हुए हैं मतलब आपके पास यहां पर पिक्सल मतलब इमेज की साइज छोटी हुई है रिड्यूस हुई है यहां पर लेकिन अंदर के जो फीचर्स हैं यहां पर वो वो नहीं खत्म हुए हैं देखिए अभी भी फीचर वही है अभी भी आप इस इमेजेस को देखेंगे ना यहां पर तब भी आपको टू दिखेगा और इस इमेजेस को भी देखेंगे तब भी आपके पास टू ही दिखने वाला है आप क्या इमेजेस के अंदर कोई चेंजेज नहीं आया है हालांकि इमेजेस छोटी हो गई है यहां पर ताकि आप इसके ऊपर क्या कर सके डीप लर्निंग का काम आसानी से कर सक लेकिन पॉइंट ये है यहां पर कि इसके अंदर जो काम है यहां पर वो क्या हो रहा है आपके इमेजेस इसको रिड्यूस करर है अब ये आप प्रोसीजर जो है काफी बार अपना सकते हैं पूलिंग आपके पास वापस यहां पर कन्न पूलिंग कन्न ताकि जो इमेजेस हैं उस इमेजेस को आपको क्या कर सके रिड्यूस कर सके ताकि आपका जो सिस्टम है वो कैपेबल हो सके किस चीज के लिए यहां पर आपके पास आपके वर्किंग के लिए राइट अब पलिंग होने के बाद में नेक्स्ट जो लास्ट वर्किंग होता है यहां पर दैट इज कॉल्ड ऑ फ्लेटन फ्लेटन क्या करता है गाइज यहां पर कि जो भी आपका पूल मैप का जो डाटा आ रखा है वो डटा कुछ इस तरह से नजर आएगा अब ये डाटा आपके पास कैसा है यहां पर देस टू डायमेंशन स्ट स्ट्रक्चर ऑफ डाटा लेकिन जब भी हम हमारे डाटा के अंदर इनपुट देते हैं तो हमारे पास क्या होता है एक एक्स एक्सिस की रो होती है और उसके करेस्पॉन्डिंग्ली अभी तक आपने एन के अंदर देखा था तो ए ए के अंदर क्या होता है गाइस यहां पर x1 एक फीचर होता है x2 एक फीचर होता है x3 एक फीचर होता है x4 एक फीचर होता है इसके करेस्पॉन्डिंग्ली जो रो होती है ये आप एज क्या देते हैं यहां पर इनपुट के तौर पे आप यहां पर देते हैं राइट लेकिन अभी तक आपका जो डाटा है जो आपका आउटपुट होना चाहिए वो नहीं आया है यहां पर तो अब क्या करना है यहां पर तो देखिए ये जो पूल्ड फीचर मैप आया इसे हम कन्वर्जन करेंगे विद द हेल्प ऑफ फ्लेटन और विद द हेल्प ऑफ फलटन कैसे कन्वर्जन होता है जरा समझ लेते हैं यहां पर तो देखिए आपके पास देखिए x1 आ गया यहां पर जस x2 आपके पास आ गया x3 आपके पास आ गया x4 आपके पास आ गया x5 आपके पास आ गया x6 आपके पास हो गया x7 आपके पास हो गया x8 आपके पास हो गया और x9 आपके पास हो गया एंड इसके करेस्पॉन्डिंग्ली स्ट्रक्चर डटा सेट है ये टूडी स्ट्रक्चर डेटा सेट जो है आपके पास यहां पर इसको क्या करता है वन डायमेंशन स्ट्रक्चर डेटा सेट में कन्वर्जन करता है कैसे गाइज यहां पर वन वन फिर आपका रो फिर फोर फिर टू फिर वन फिर ज़ीरो फिर टू एंड देन फिर लास्ट में वन इस तरह से आपका पास क्या होगा आपका जो डटा स्ट्रक्चर है यहां पर जो 2d डाटा स्ट्रक्चर था उसको हमने 1 डी डाटा स्ट्रक्चर के अंदर कन्वर्जन कर लिया है एंड देन आउटपुट की बात की जाए यहां पर तो आउटपुट आपका कुछ भी हो सकता है जैसे लाइक कैट डॉग काउ जो भी आपको देना है वो आपके पास यहां पर हो सकता है तो गाइज इस तरह से आप क्या करते हैं फलटन का इस्तेमाल करते हैं अब आपकी जो इमेज थी हमने उस इमेजेस को कैसे कन्वर्ट कर दिया यहां पर टेबुलर डाटा के अंदर कन्वर्ट कर दिया अब ये जो टेबुलर डाटा आपको दिख रहा है यहां पर यस इट्स अ टेबुलर डाटा इस टेबुलर डाटा को हम किसमें पास कर देते हैं फुल्ली कन्वेंशन लेयर के अंदर पास करते रहे हैं फुली कन्वेंशन लेयर को यदि आपको समझना है तो दैट इज अ काइंड ऑफ एनए यस आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क जो कि हमने इस्तेमाल किया था जिसके अंदर सबसे पहले क्या आता है गाइज हमारे इनपुट फीचर आते हैं यहां पर उसके बाद हमारे हिडन लेयर आप पास आती है यस उसके बाद क्या आती है गाइज यहां पर आपकी हिडन लेयर आती है उसके बाद फिर से आपके पास क्या आती है हिडन लेयर आती है एंड देन आपके पास हिडन लेयर आती है अब अकॉर्डिंग टू आउटपुट यदि आउटपुट आपका यहां पर बाइनरी है तो सिंगल आउटपुट होगा यदि आपका जो आउटपुट है वो बाइनरी नहीं है तो आपके पास मल्टीपल आउटपुट्स निकल आएंगे तो ये आपका क्या होगा आउटपुट फीचर आपके पास हो जाएगा इसमें आप अपना न एन का नेटवर्क्स यहां पर डेफिनेटली तैयार कर सकते हैं तो गाइस यहां पे हमने क्या देखा कि हमारे पास जब भी हम इमेजेस के थ्रू यदि प्रोडक्शन करने जा रहे हैं क्लासि स करने जा रहे हैं तो उसके अंदर हमें इस नेटवर्क की जरूरत पड़ती है जिसके अंदर सबसे पहला हमारा कलेशन होता है जहां से हम क्या करते हैं इंपॉर्टेंट जो एजेस हैं वो गेट करते हैं उसके बाद हम हमारे डाटा को रिड्यूस करने के लिए पूल का इस्तेमाल करते हैं एंड देन लास्ट ऑफ लीस्ट हम क्या करते हैं फ्लटर का इस्तेमाल करते हैं अब ये जो फ्लूट से थ्रू डाटा जो आ रखा है यहां पर इसको हम क्या करते हैं पली कनेशन लेयर हम जो आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क है उसे पास करवा देते हैं ताकि हम हमारे जो डाटा है उससे हमारा प्रेडिक्शन मॉडल बना सकें तो ये पूरा जो प्रोसेस होता है गाइ यहां पर ये होता है सीएनएन के नेटवर्क का अब ये जो फुली कन्वेंशन लेया जो ए ए का इस्तेमाल कर रहे हैं इसके अंदर वो सारे कांसेप्ट लगे गेंगे जो हमने ए ए के अंदर यूज किए थे कौन-कौन से कांसेप्ट यूज किए थे गाइस यहां पर तो वहां पे हमने यूज किया था बैकवर्ड प्रोपोर्शन फॉरवर्ड प्रोपेगेशन इसके साथ-साथ हमने यूज किया था इसके मॉडल इंप्रूवमेंट के कांसेप्ट वो सारी की सारी जो चीजें है यहां पर वो यूज होती है क्लियर है गाइस यहां पर हे एवरीवन वंस अगेन वेलकम टू डब्लू एस कपटेक माय सेल्फ ब और आज के इस वीडियो के जरिए हम बात करेंगे कन्वर्शन न्यूरल नेटवर्क के बारे में जिसे आप सीएनएन नेटवर्क से भी जानते हैं अब ये सीएनएन नेटवर्क का प्रैक्टिकल इंप्लीमेंटेशन कैसे होने वाला है जरा उसे यहां पर देखते हैं तो मैं ले चलता हूं पहले आपको डेटा सेट दिखा देता हूं तो हम चलते हैं डेटा सेट के अंदर तो देखिए मैं यहां पर अपना डेटा सेट खोलता हूं जो कि सीएनए के नाम से मेरे पास है अब इस डेटा सेट के अंदर देखिए आपके पास कुछ टेस्टिंग डाटा है यहां पर टेस्टिंग डाटा के अंदर मैंने कैट की कुछ बहुत सारी इमेजेस ले रखी हैं कुछ नहीं बहुत सारी इमेजेस ऑलमोस्ट मेरे पास क्या है 1000 इमेजेस है ओके इसी तरह से मैंने 1000 इमेजेस यहां पर किसकी भी ले रखी है यहां पर डॉग की भी 1000 इमेजेस ले रखी है अब ये तो हो गया हमारा टेस्टिंग डाटा इसी तरह से हमारे पास क्या है ट्रेनिंग डाटा भी है अब ट्रेनिंग डाटा को जब आप देखेंगे तो यहां पर देखिए आपके पास क्या है कैट का डाटा है यहां पर जिसके अंदर कैट की बहुत सारी इमेजेस हैं अराउंड 4000 आपके पास इमेजेस है इसी तरह से यदि मैं बात करूं आपके पास डॉक की इमेजेस के ऊपर तो देखिए आप डॉक की इमेजेस को देखेंगे तो इसके अंदर भी अराउंड 4000 डॉक की इमेजेस ही आपके पास है राइट अब हमें क्या करना है इन इमेजेस को लेके प्रिडिक्शन करना है यहां पर कि यदि मैं ये इमेज दूं तो ये इमेज डॉग की है या कैट की है ये हमें पहचान सके राइट तो हमें एक प्रोडक्शन मॉडल बनाना है यहां पर बेसिकली इन इमेजेस के ऊपर तो पहला चीज क्या होती है कि यदि मैं इस इमेजेस के ऊपर काम कर रहा हूं तो इस इमेजेस को मुझे टेक्स्ट के अंदर कन्वर्ट करना होता है और इस टेक्स्ट के अंदर कन्वर्ट करने के लिए टेक्स्ट का मतलब यहां पर है बेसिकली टेबुलर फॉर्मेट डेटा के अंदर कन्वर्ट करने के लिए मुझे यहां पर सीएनएन नेटवर्क की जरूरत पड़ती है चलिए अब सीएनएन नेटवर्क यहां पे यूज़ करते हैं सीएनए नेटवर्क कैसे काम करेगा तो इसके लिए मैं ले चलता हूं आपको जुपिटर नोटबुक के ऊपर और यहां पर मैं अपना कोड लिखने वाला हूं कि यहां पे किस तरह से रहने वाला है तो सबसे पहले हम हमारे डेटा साइट को लोड करने से पहले हम यहां पे क्या करेंगे हम एक अपना सीएनए नेटवर्क तैयार कर लेंगे एंड देन सीएनएन नेटवर्क तैयार करने के बाद में हम क्या करने वाले हैं यहां पर अपना डाटा लोड करेंगे और इसके अंदर डाटा ट्रांसफर करेंगे राइट तो ये हमारा टारगेट रहने वाला है तो इसके लिए सबसे पहले जो रिक्वायर्ड लाइब्रेरी है उसे हम यहां पे इंपोर्ट कर लेते हैं जस्ट लाइक इंपोर्ट क्या करना है यहां पर सबसे पहले मुझे यहां पर ट्रांसर फ्लो को इंपोर्ट करना है जिसके थ्रू हम हमारी इमेजेस के ऊपर काम कर पाएंगे और हम हमारा आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क एंड सीएनए नेटवर्क बना पाएंगे तो सबसे फर्स्ट चीज है दैट इज अ टेंसर फ्लो राइट टेंसर फ्लो लोड करने के बाद में मुझे यहां पर क्या करना है केरा को यूज करना है और केरा के जरिए हमें कुछ-कुछ लेयर्स को ऐड करना है अब टेंसर फ्लो लोड होने में काफी टाइम लगता है क्योंकि इट्स अ वेरी ह्यूज आपके पास अमाउंट ऑफ मॉड्यूल यस ये एक बहुत बड़ा मॉड्यूल है तो इसको लोड होने के लिए थोड़ा टाइम लगेगा तो इसके लिए थोड़ा वेट करते हैं ओके चलिए यहां पर सबसे पहले इंपोर्ट करते हैं और इंपोर्ट किसे करना है गाइ यहां पर हम इंपोर्ट करेंगे सबसे पहले टेंसर फ्लो को चलिए टेंसर फ्लो को लोड करते हैं और टेंस फ्लो को लोड होने में काफी टाइम लगेगा रीजन क्यों क्योंकि ये एक बहुत बड़ा मॉड्यूल है जिसके जरिए हम यहां पर हमारा नूरन नेटवर्क को तैयार करेंगे तो इसके लिए थोड़ा टाइम लगेगा तो इसके लिए थोड़ा सा वेट करते हैं चलिए ये लोड हो चुका है इसके बाद में हम चलते हैं किसके अंदर केरा के अंदर चलते हैं केरा के अंदर जाने के बाद हम यहां पर इंपोर्ट करेंगे और क्या इंपोर्ट करना है गाइज यहां पर केरा के अंदर हमें लेयर को इंपोर्ट करना था राइट तो केरा के अंदर जाएंगे डॉट यहां पर लेयर्स को इंपोर्ट करेंगे इंपोर्ट करने वाले हैं लेयर्स के अंदर कौन-कौन सी लेयर्स इंपोर्ट करनी है यहां पर सबसे पहले जो लेयर्स है हमारी दैट इज अ डेंस लेयर यस डेंस लेयर को इंपोर्ट करना है डेंस लेयर के बाद में हमें यहां पर सीएनएन नेटवर्क बनाना है तो सीएनएन नेटवर्क बनाने के लिए हमें क लेयर की जरूरत पड़ेगी यहां पर तो इसके लिए मैं क्या कर रहा हूं कलेशन 2d का इस्तेमाल करूंगा राइट कलेशन 2d के बाद में मुझे पूलिंग की जरूरत पड़ेगी तो इसके लिए मैक्स पूलिंग का इस्तेमाल करूंगा अब मैक्स पुलिंग के अंदर कौन सा इस्तेमाल करना है गाइज यहां पर मैक्स पलिंग आपको 2d का इस्तेमाल करना है राइट ये दो चीजों की जरूरत पड़ने वाली है उसके बाद में यहां पर चलते हैं फ्रॉम फिर से चलते हैं यहां पर केरा के अंदर केरा के अंदर जाने के बाद हमें यहां पर बनाना है हमारा मॉडल और मॉडल बनाने के लिए हम यहां पर इंपोर्ट करेंगे और इंपोर्ट कैसे करना है गाइज यहां पर सीक्वेंशियल मॉडल को इंपोर्ट करना है तो ये हमारे पास कुछ डिटेल्स की जरूरत पड़ेगी चलिए अब हमें क्या करना है गाइज यहां पर अब हमें यहां पे हमारा सबसे पहले सीएनए का नेटवर्क बनाना है सीएनए का नेटवर्क बनाने के लिए मैं सीएए के नाम से एक वेरिएबल बना लेता हूं अ cnn-ibn तो c9 के अंदर जो सबसे पहला काम होता है गाइ यहां पर सबसे पहला आपके पास क्या होता है कलेशन होता है कलेशन के बाद में आपकी पलिंग लगती है फिर से आपका कलेशन होता है फिर पुलिंग होती है फिर कलेशन होता है फिर पुलिंग होती है इस तरह से आपका जो वर्किंग है वो चलता रहता है मतलब फर्स्ट कलेशन देन पुलिंग देन कलेशन देन पुलिंग उसके बाद फ्लेटन फ्लेटन के बाद में आपका दूसरा काम चलता है अच्छा हमें फ्लेटन लेयर भी लेनी थी तो मैंने फ्लेटन यहां पे यूज नहीं किया है तो चलिए वो फ्लेटन लेयर भी यहां पर ले लेते हैं चलिए अभी यहां पे चलते हैं कलेशन लेयर के पास सबसे पहले कलेशन टूडी को इंपोर्ट करते हैं राइट तो मैंने कलेशन 2d यहां पे इंपोर्ट किया जैसे ही कलेशन प्रोड इंपोर्ट करते हैं तो कनोलेशन लेयर के अंदर सबसे पहले पूछा जाता है आप फिल्टर कितना स्टार्ट करने वाले हैं देखिए जब आपने कलेशन लेयर को समझा था तो मैंने आपको बताया था कशन लेयर क्या करती है एजेस डिटेक्ट करती है अब इन एजेस के अंदर हम एजेस के लिए कितने फिल्टर यूज़ करना चाहते हैं वो हमें यहां पर चूज करना पड़ेगा उसके साथ-साथ वो फिल्टर की साइज क्या रहने वाली है जैसे देखिए हमने जब ट्रैक थ्योरी पार्ट बढ़ा था तो हमने फिल्टर की साइज यहां पे ली थी 33 की आपके पास ली थी 3 क3 की ली थी यहां पर तो वही आपको यहां पर देखनी पड़ेगी इसके साथ-साथ यहां पर एक्टिवेशन फशन क्या रहने वाला है यहां पर और जो हम इनपुट लेने वाले हैं हमारी इमेज यहां पर उस इनपुट इमेज की शेप क्या रहने वाली है साइज क्या रहने वाली है ये भी हमें यहां पर बताना पड़ेगा चलिए अब वन बाय वन इन सारी चीजों को बताते हैं सबसे पहले बात आती है फिल्टर यस कितने नंबर ऑफ फिल्टर चाहिए आपको यहां पे बताना पड़ेगा तो अराउंड मैं 32 फिल्टर्स यहां पर स्टार्टिंग में लूंगा यहां पर उसके बाद में मेरे पास क्या है यहां पर हमारे पास जो डाटा है मतलब आपके पास फिल्टर की साइज है वो मुझे देनी है अच्छा देखिए फिल्टर की जो साइज है यहां पर एज अ टपल फॉर्मेट में आएगी देखिए कैसे पता चला यहां पर एज अ टपल फॉर्मेट जाएगी तो देखिए आप फिल्टर के अंदर आएंगे कर्नल अ कर्नल साइज़ की बा बात करते हैं यहां पर कर्नल साइज इज़ अ 2d इंटी जर फॉर्मेट में जाती है आपके पास यहां पर और यह आपको एज़ अ टपल फॉर्मेट के अंदर देनी है राइट किस फॉर्मेट में देनी है आपको एज ए टपल फॉर्मेट के अंदर आपको यहां पे पास करवानी है राइट तो वही मैंने पास की है यहां पर कर्नल साइज़ और कर्नल साइज़ जो है यहां पर वो मैंने ली है 33 की यहां पे ले ली राइट उसके बाद में गाइज यहां पे आते हैं इनपुट अंडरस्कोर जो यहां पर शेप है यहां पर वो लेने वाले हैं कि भाई हमारे इनपुट साइज़ क्या रहने वाली है हमारे डाटा की वह हमें देनी पड़ेगी तो देखिए हमारी जो इमेजेस है यहां पर व काफी बड़ी है राइट हमारी इमेजेस काफी बड़ी है इमेजेस बड़ी होने का मतलब क्या है गाइ यहां पर जैसे यदि मैं इस इमेजेस की बात करूं तो इस इमेजेस का पिक्सेल देख लेते हैं एक बार के लिए मैं क्या कर रहा हूं इसके ऊपर राइट क्लिक करके इसका एक बार पिक्सेल चेक करूं यहां पर राइट तो पिक्सेल चेक करने के लिए हम इसकी प्रॉपर्टी में जाएंगे प्रॉपर्टी में जाने के बाद यदि आप यहां पर देखेंगे तो आपकी इसकी डिटेल्स मिल जाएगी डिटेल्स के अंदर आपकी इमेजेस जो है वो काफी बड़ी-बड़ी इमेजेस है हम चाहते हैं कि हमारी जो इमेजेस है वो छोटी आए और इसके साथ-साथ कलर इमेजेस के अंदर आए तो बेसिकली गाइज मैं यहां पे क्या करने वाला हूं कि मेरी जितनी भी इमेजेस होगी वो क्या होगी 64 64 पिक्सल्स की होगी और थ्री करनल चैनल में चलेगी यस थ्री कलर चैनल का मतलब है यहां पर आपके पास आरजीबी कलर चैनल के फॉर्मेट में रहनी चाहिए राइट ये हमने यहां पर लिखा अब उसके बाद में गाइज क्या है हमारा एक्टिवेशन फंक्शन एक्टिवेशन फंक्शन के तौर पे हम यहां पर भी रलो का इस्तेमाल करेंगे आर एलय रलो ले लेता हूं यहां पर तो ये हमारा पहला कलेशन लेयर हो गया उसके बाद में हम क्या करें गाइज यहां पर cn2 d को इस्तेमाल कर रहा हूं यहां पर इसके अंदर आपको सबसे पहले देना है आपकी पूल साइज पूल साइज आपके पास कितनी होनी चाहिए तो देखिए पूल साइज जितनी है हम उतनी ही पूल साइज देंगे इसके अंदर कोई छेड़छाड़ नहीं करने वाले इसके अंदर कोई भी आपका एक्टिवेशन फंक्शन नहीं अप्लाई हुआ राइट अब ये जो लेयर है यहां पर ये हमें दो बार यूज करनी है यस आप अपनी इच्छा अनुसार कितनी बार भी ले सकते हैं जैसे देखिए 32 उसके बाद में मैं यहां पे क रहा हूं आपका 16 यस 32 के बाद में मैं 16 ले रहा हूं और ये जो इनपुट शेप है ये मैं एक बार के लिए हटा देता हूं क्यों हटा रहे है क्योंकि देखिए एक बार इनपुट शेप आने के बाद में बार-बार इनपुट शेप नहीं दी जाती है राइट तो मैंने यहां पे क्या किया इसको दो बार लगा दिया दो बार लगाने के बाद में अब हमारा जो डाटा है यहां पर वो नेटवर्क रन कर लेता हूं अब बारी है हमारे एन के नेटवर्क की तो एन का नेटवर्क कैसे लगाते है गाइ यहां पर आप सभी लोगों को पता होगा क्योंकि इससे पहले वाले वीडियो के अंदर जरूर आपने देखा होगा यस इसके लिए अंदर क्या करते हैं सबसे पहले हम डेंस लेयर को ऐड करते हैं अब डेंस लेयर के अंदर हमें क्या करना होता है गाइज यहां पर सबसे पहले नंबर ऑफ यूनिट्स नंबर ऑफ नोट्स कित लगा रहे हैं वो आपको बताना पड़ता है एक्टिवेशन फंक्शन कौन सा लगा रहे हैं वो आपको बताना पड़ता है फिर आप यहां पे बहुत सारी चीजें हैं जो आप इसके हाइपर पैरामीटर ट्यूनिंग के लिए इस्तेमाल करते हैं फिलहाल के लिए मैं ऐसा कुछ भी नहीं कर रहा हूं नंबर ऑफ नोट्स लगा रहा हूं यहां पर 64 नोट्स यहां पर इस्तेमाल कर रहे हैं यहां पर ओके उसके बाद बाद में नेक्स्ट जो चीज होती है गाइ यहां पर एक्टिवेशन फंक्शन के बारे में एक्टिवेशन फंक्शन के तौर पे आप यहां पर आरई एल यू रल ही इस्तेमाल करेंगे यस आप यहां पर क्या करेंगे आरई एलय रिलो ही इस्तेमाल करना है राइट अब ये जो लेयर्स लग रही है यहां पर ये मैं बहुत सारी लगाने वाला हूं यस चलिए अभी देखिए यहां पर सबसे पहले 64 64 के बाद में मैं रार की बनाने के लिए इसके अंदर क्या दूंगा 34 दूंगा या 32 ले लेता हूं यहां पर यस कितना देते हैं यहां पर अ 32 कर देते हैं यहां पर 32 के बाद में अब यहां पर मैं 16 कर देता हूं और 16 के बाद में मैं एट कर देता हूं और और एट के बाद में गाइ यहां पर फोर कर देते हैं और फोर के बाद में अब मैं यहां पर इसका आउटपुट डिसाइड कर लेता हूं राइट अब जरूरी नहीं है कि जो मैंने नेटवर्क बनाया है वो उसी के हिसाब से आप भी नेटवर्क बनाए नहीं आप अपने हिसाब से इसका नेटवर्क तैयार कर सकते हैं अब देखिए ये जो आउटपुट है ये आउटपुट आपके पास जो भी आ रहा है यहां पर दैट इ द बाइनरी आउटपुट यस ये कैसा बाइनरी आउटपुट है जिसके अंदर आप कैट और डॉग दो ही क्लासिफाई कर रहे हैं बेसिकली तो इसके लिए आपको ये रीलो हटाना पड़ेगा और रिलो हटा के यहां पर क्या लगाना पड़ेगा सिगमॉड को लगाना पड़ेगा ठीक है सिगमॉड को यहां पर लगाना पड़ेगा ये आपका क्या तैयार हो गया आपका एनन का नेटवर्क तैयार हो गया ऊपर ले गया कशन फिर मैक्स पूलिंग फिर फ्लेटन फ्लेटन के बाद में फुली कनेशन लेयर जिसे आप एनिन का नेटवर्क बोल रहे हैं इसके बाद में अब आपके मॉडल के कंपाइल की बारी है तो मैं सीनन डॉट अब क्या करूंगा यहां पर आपका मॉडल को कंपाइल करूंगा कंपाइल के अंदर सबसे पहले आपके पास क्या आता है गाइ यहां पर लॉस के तौर पे आप क्या इस्तेमाल करते हैं बाइनरी क्रॉस एंट्रोपय बाइनरी क्रॉस एंट्रोपय गाइज यहां पर आपको इस तरह से लिखनी है राइट उसके बाद में गाइ यहां पे क्या है आपका ऑप्टिमाइजर है यहां पर तो मैं ऑप्टिमाइजर लगा देता हूं और ऑप्टिमाइजर के र पे एडम ऑप्टिमाइज आपको लगाना है यहां पर राइट इसके बाद में अब आ जाते हैं यहां पर ये कंपाइल मॉडल तैयार होने के बाद में अब आता है ज्यादा याद रखने की जरूरत नहीं है आप जा सकते हैं केरा के अंदर यस कहां जाएंगे यहां पर केरा पाइथन में जाएंगे केरा का मॉड्यूल आपके पा ओपन हो जाएगा यहां पर अब केरा पाइथन के अंदर जाने के बाद में आप इसका डॉक्यूमेंटेशन को ओपन कर दें डॉक्यूमेंटेशन के अंदर जैसे ही आप यहां पर इसके सेकंड डॉक्यूमेंटेशन पे पहुंचेंगे तो आप इसके पर पहले ऐसे क्लिक कर लें क्लिक करने के बाद आप थोड़ा सा नीचे आए यहां पर तो आपको इमेज प्रोसेसिंग से रिलेटेड चीजें मिल जाएगी देखिए यहां पर सीक्वेंशियल प्रोसेसिंग भी है टेक्स्ट प्रोसेसिंग भी है और इमेज प्रोसेसिंग भी है फिलहाल हमें इमेज प्रोसेसिंग पे काम करना है इमेज प्रोसेसिंग पे आने के बाद में अभी आपको क्या लिख रहा है इमेज डेटा जनरेटर यहां से आप अपना डेटा जनरेट भी कर सकते हैं इमेज का वो आप क्या लिखा हुआ है हम इमेज डेटा जनरेटिंग नहीं करना चाहते हैं बेसिकली हम बेसिकली इमेज को यूज करना चाहते हैं तो इसके अंदर देखिए फॉलो x एंड y भी मिलेगा एंड फॉलो फ्रॉम द डायरेक्ट्रीएंट्री का मतलब यहां पर ये होता है कि आप फोल्डर के अंदर बहुत सारी इमेजेस हैं उनके ऊपर काम करना चाहते हैं तो गाइस उससे रिगार्डिंग आपके पास ये कोड लिखा है बहुत बड़ा ये कोड आपको यूज करना है यहां पर तो ठीक है मैं इसे कॉपी कर लेता हूं इस कोड को पहले और यहां पे ले जाके पेस्ट कर लेता हूं अब इसके अंदर हमें क्या करना है इमेज डेटा जनरेटर को पहले कॉल करना पड़ेगा इमेज डेटा जनरेटर कॉल करने के बाद ही हम इसे यूज कर पाएंगे तो देखिए इमेज डेटा जनरेटर कॉल करने के लिए आप ऊपर चलेंगे तो देखिए केरा में जाके प्री प्रोसेसिंग प्रोडक्ट प्रोसेसिंग में इमेज और फिर आपको इमेज डाटा जनरेटर मिल जाएगा तो अब हमें क्या करना है एक और लाइब्रेरी को इंपोर्ट करना है यहां पर कैसे देखिए फ्रॉम केरा में जाएंगे केरा में जाने के बाद मैं प्री प्रोसेसिंग में जाने के बाद डॉट में किस में जाऊंगा इमेजेस के पास जाऊंगा यहां पर इमेजेस के अंदर जाने के बाद अब देखिए दो-दो बार आ चुका है तो फिलहाल के लिए मैं एक को यहां से हटा देता हूं राइट इमेज के अंदर आने के बाद आप यहां पर क्या करेंगे इंपोर्ट करेंगे और इंपोर्ट क्या करना है गाइस यहां पर इमेज डाटा जनरेट राइट ये इमेज डाटा जनरेट करेगा यहां पर अब ये इमेज डाटा जनरेट आ गया जहां पे हमारा ट्रेनिंग डाटा जनरेट आ गया और दूसरा टेस्टिंग डाटा जनरेटर आ गया उसके बाद देखिए ट्रेनिंग डेटा जनरेटर आ गया और उसके बाद वैलिडेशन डेटा जनरेटर है इस वैलिडेशन डेटा जनरेटर को आप यहां पे क्या करें ट्रेनिंग की जगह टेस्टिंग डाटा बना द मतलब वैलिडेशन की जगह आप यहां पे क्या करें टेस्ट डाटा जनरेटर बना दें राइट उसके बाद में देखिए ये वै टेस्ट डेटा जनरेटर यहां पे भी यूज़ हो रहा है तो फिलहाल के लिए मैं यहां पे ये भी हटा देता हूं और टेस्ट डाटा जनरेटर कर देता हूं ठीक है तो ये मैंने कुछ काम कर दिया यहां पर अब देखिए ट्रेनिंग डाटा जनरेटर भी आ गया सैंपल साइज वगैरह सब आपको पूछा जा रहा है आपके पास मॉडल भी यूज़ किया जा रहा है तो ये सारी चीजें हम वन बाय वन यूज करेंगे अभी यहां पर राइट इससे पहले मैं थोड़ा सा सेट कर लेता हूं इन सारी चीजों को और मैं आपको बताता हूं इस कोड के अंदर कौन सी चीजें कहां पे और किस जगह पे रखनी है चलिए एज फिलहाल तो अभी हम क्या करते हैं ऊपर चलते हैं वापस और ये हमारा इमेज डाटा जनरेटर है जहां पे हमें कुछ भी चीज छेड़छाड़ नहीं करनी है यहां पर ये हमारी इमेजेस से रिलेटेड चीजें है कि इमेज की रिसाइम मेज की रिस्के निंग करनी है जूम करना है उससे रिगार्डिंग हमके चीजें बता रखी है अब बातें करते हैं ट्रेन डाटा जनरेटर के बारे में ट्रेन डाटा जनरेटर के अंदर सबसे पहले ट्रेन डाटा आपको यहां पे डालना पड़ेगा मतलब आपके डाटा का आपको एड्रेस डालना पड़ेगा अब ये एड्रेस आएगा कैसे तो देखिए ट्रेनिंग डाटा का एड्रेस कहां पर है ये रहा हमारा ट्रेनिंग डाटा का एड्रेस इसके ऊपर आपको क्लिक करना है क्लिक करने के बाद में आपको कॉपी एज पाथ कर देना है यहां पर यहां पे आ जाइए और ये जो भी डाटा लिखा है यहां पर इसके जगह जाके पेस्ट कर दीजिए आपका डाटा का एड्रेस आपके पास आ गया है लेकिन इसके आगे आर लगाना ना भूले दैट कॉल ऑफ रिलेटिव एड्रेस इसी तरह से हमें टेस्टिंग का भी डाटा का एड्रेस लाना है तो मैं टेस्टिंग डाटा के ऊपर जाके क्लिक करूंगा और कॉपी एज पाथ केप जाके क्लिक कर दूंगा और ये जो डाटा है यहां पर इसकी जगह जाके पेस्ट कर देंगे देन इसके जगे जाके आ रिलेटिव पार्ट लगा देंगे अब देखिए टारगेट साइज यहां पे देखिए 150 150 जबकि हमने ऊपर जब इस्तेमाल किया था तब हमने 60 64 64 का इस्तेमाल किया था मतलब हमें टारगेट साइज को चेंज करना पड़ेगा यहां पर चलिए टारगेट साइज को 64 बना लेते हैं यहां पर यस टारगेट साइज को क्या करते हैं गाइ यहां पर 64 बना देते हैं यहां पे भी टारगेट साइज को चेंज करके 64 बना लेते हैं यहां पर और ये जो टारगेट साइज लिखी है इसको भी चेंज करके 64 बना लेते हैं तो मैंने यहां पे कुछ चीजें चेंजेज कर दी है यहां पर अब बात करते हैं ये मॉडल फिट के अंदर मॉडल के नाम हमारे पास क्या है यहां पर सीएनए हो चुका है यहां पर अब बात करते हैं ये सैंपल साइज वगैरह के लिए देखिए सैंपल पर रिपोर्ट जो है यहां पर वो तो एज इट इज है यहां पर इसके अंदर काफी चीजें आपके पास क्या हो गई चेंज हो गई है काफी चीजें आपके पास क्या हो गई चेंज हो गई जैसे एनबी पोच यहां पर चेंज हो गया यहां पर यस एनबी वैलिडेशन सैंपल डाटा भी आपका यहां पर चेंजेज हो चुका है तो ये जितनी भी चीजें चेंजेज हुई है ये हमें लगाना पड़ेगा देखिए सबसे पहले यहां पर सैंपल पर इपोज की जगह यहां पर स्टेप परपोज आ चुका है तो मैं सैंपल पर इपोज की जगह क्या कर देता हूं यहां पर आपके पास स्टेप पर इपोज कर देता हूं और यहां पर एनबी पोच की जगह देखिए यहां पर अब नया नाम आ चुका है दैट इज अ इपोच बिकॉज यहां पे क्या हो रखा है केरा लाइब्रेरी ने अपने कुछ डाटा को अपडेट कर दिया वैलिडेशन डाटा एज इट इज है एबड सैंपल वैल्यू के बारे बात करें यहां पर तो यह रहा वैलिडेशन स्टेप्स आपके पास दे रखा है और भी बहुत सारी चीजें दे रखी है फिलहाल के लिए मैं इसे यहां पर इस हाइपर पैरामीटर को हटा दे रहा हूं राइट इस हाइपर पैरामीटर को हम हटा देते हैं अब देखिए ये क्या कर रहा है यहां पर स्टेप पर पोच में मेरी 2000 इमेजेस ट्रेन करेगा वो भी 50 बार तो मैं 50 बार ट्रेन नहीं करूंगा मैं इसको केवल पांच बार ही ट्रेन करूंगा मैं कम टाइम के लिए ट्रेन करूंगा और मेरी कम इमेजेस को ट्रेन करने वाला हूं यहां पर ऑलमोस्ट 200 इमेजेस को ही ट्रेन कर रहा हूं रीजन बहुत ही क्लियर है यहां पर रीजन इसलिए यहां पर ये कर रहे हैं यहां पर बिकॉज देखिए इस डाटा को ट्रेन होने में बहुत ज्यादा टाइम लगेगा तो इसी चीज के लिए क्या कर रहा हूं मैं यहां पर चीजों को थोड़ा सा चेंजेज कर रहा हूं मतलब इपोज को कम कर रहा हूं ताकि ये थोड़ा सा इजी और फास्टेस्ट वे में काम हो सके राइट चलिए अब इसे रन कर देते हैं यहां पर और हमारी जो मॉडल है वो ट्रेंड होना स्टार्ट हो चुका है अब ये एक ही पोच के अंदर क्या कर रहा है गाइ यहां पर 200 इमेजेस को ट्रेन कर रहा है अभी भी 200 इमेजेस काफी ज्यादा है तो मैं फिलहाल के लिए इसको स्टॉप कर दूंगा रीजन बहुत ज्यादा टाइम लग जाएगा यहां पर और हम आगे के प्रोसीजर को नहीं समझ पाएंगे तो मैं एक इपोच के अंदर केवल और केवल 20 इमेजेस को ही ट्रेन करूंगा राइट फिलहाल मेरी एक्यूरेसी कम आने वाली है लेकिन यदि आप इसे प्रैक्टिस तौर पर यूज कर रहे हैं तो आप इसे अच्छे से पूरे डटा केपर ट्रेन कीजिए ताकि आपको अच्छी एक्यूरेसी मिल सके राइट चलिए अब इसे मैं रन करता हूं यहां पर 20 पोच को मुझे ट्रेन करना है पांच बार तो ये हमारा ट्रेड हो रहा है राइट अभी लॉसेस काफी ज्यादा है यहां पर राइट लेकिन ये ट्रेंड होने जा रहा है यहां पर और देखिए हमारे पास दूसरा इपोच स्टार्ट हो गया पहला इपोच होने के बाद में हमारा दूसरा इपोच स्टार्ट हो गया दूसरे के बाद तीसरा इपोच होगा ऐसे करते करते नंबर ऑफ इपोच होते रहेंगे और हमारा मॉडल यहां पर ट्रेंड हो जाएगा हमारा मॉडल यहां पर ट्रेंड हो चुका है लेकिन अभी हमारा मॉडल के देखिए लॉस की बात करें तो लॉस काफी है यहां पर 69 पर लॉस यहां पर है और यह बहुत ज्यादा लॉस है यहां पर फिलहाल लेकिन ये होने के पीछे रीजन बहुत सिंपल सा है यहां पर क्योंकि हमने स्टेप पर इपोज कम लिए यहां पर नंबर ऑफ इपोज कम लिए यहां पर सब कुछ क्राइटेरिया बहुत ही कम ले रखा है यहां पर इसलिए ये होना तो वाजिब था बट अभी मैं आपको यहां पर सिर्फ प्रैक्टिस कैसे कर सकते हैं कोड कैसे लिख सकते हैं वो मैं आपको समझाने जा रहा हूं इस वजह से मैं यहां पर कम ट्रेनिंग कर रहा हूं चलिए अब हमारे पात है टेस्टिंग की बारी टेस्टिंग कि है टेस्टिंग के अंदर क्या कैसे करेंगे कोई नई इमेज आएगी तो कैसे वर्क करेंगे उसकी बारी है यहां पर तो आ जाते हैं उसके कोड के लिए तो उसके लिए हम चलेंगे यहां पर फ्रॉम किसके अंदर आपके पास यहां पर केरा के अंदर जाएंगे सबसे पहले केरा के अंदर जाने के बाद मैं प्री प्रोसेसिंग में जाऊंगा प्री प्रोसेसिंग के अंदर जाने के बाद मैं यहां पर इंपोर्ट करने वाला हूं यहां पर किसे इंपोर्ट करेंगे गाइज यहां पर हम इंपोर्ट करेंगे इमेजेस को राइट किसे इपोर्ट करेंगे इमेजेस को इंपोर्ट करेंगे इमेजेस को इंपोर्ट करने के बाद मेरी जो इमेज है उसे मैं लोड करने वाला हूं उसके लिए मैं इमेजेस के पास जाऊंगा और डॉट यहां पर मैं क्या करूंगा हमारी इमेज को लोड करूंगा इमेज डायरेक्टरी के जनरेटर को नहीं करूंगा यहां पर लोड इमेज का यूज़ करूंगा यहां पर लोड इमेज इसके अंदर मुझे मेरी क्या करनी है इमेज डालनी है कौन सी जिसकी मुझे टिंग करनी है जस्ट लाइक मुझे इसकी टेस्टिंग करनी है तो मैं इसके ऊपर जाके क्लिक करूंगा एंड कॉपी एज ए पाथ करके इसका पाथ लेके आ जाऊंगा एंड देन मैं यहां पे इसे पेस्ट कर दूंगा राइट ओके मेरे पास पहले से डबल कोड है तो इसको हटा के यहां पे पेस्ट कर देंगे राइट इसके आगे r लगा देते हैं ताकि रिलेटिव पाथ बन सके एंड देन अब मुझे क्या करना है गाइज यहां पर इसके अंदर मेरी जो इमेजेस है उस इमेज का मुझे साइज भी देनी पड़ेगी कि इमेज के टारगेट साइज क्या है यहां पर तो देन मुझे मेरी टारगेट साइज देनी है और टारगेट साइज अभी नन नहीं है नन अभी चेंज हो गई है यहां पर और वो हो गई है 6464 बिट्स क्यों क्योंकि देखिए हम जब ऊपर से काम करते आ रहे हैं तो हमने 64 64 बिट्स की ही इमेज ली है राइट तो ये हमारी इमेज यहां पर लोड हो गई है इमेज लोड होने के बाद में अब इसे हमें क्या करना है एरे में कन्वर्ट करना है एरे में कन्वर्ट करने के लिए मैं यहां पे वापस इसी इमेज के अंदर लोड कर रहा हूं उसके लिए मैं क्या करूंगा यहां पर इमेज को कॉल करूंगा और इमेज को कॉल करने के बाद में इमेज टू एरे का फंक्शन का इस्तेमाल करूंगा राइट इमेज टू एरे क्या करेगा मेरी जो इमेज है उसे एरे में कन्वर्ट कर देगा अभी मैं आपको यदि मेरी इमेज दिखाऊं यहां पर तो ये इमेज कुछ इस तरीके से दिख रही है दैट इज अ एर लाइक शेप यस ये कैसे दिख रही है गाइ यहां पर एरे लक शेप में दिख रही है मतलब मेरी जो भी इमेज है वो उसमें एरे बन चुका है अब इसके अंदर क्या करना है हमारा सीएन का नेटवर्क यूज़ करना है लेकिन सीएन का नेटवर्क यहां पर डायरेक्टली यूज नहीं होगा मुझे इसको क्या करना है यहां पर फ्लेटन करना पड़ेगा मतलब एक तरीके से यहां पर डायमेंशन इसकी चेंजेज करनी पड़ेगी तभी जाके यहां पे काम होगा तो चलिए इसके लिए हम क्या करेंगे गाइज यहां पर इसके लिए हमें यूज करना पड़ेगा नं पाई का तो मैं यहां पे क्या कर रहा हूं यहां पर इंपोर्ट कर रहा हूं किसे नपाई एलियाज ऑफ एप को राइट चलिए इसे रन कर लेते हैं अब आते हैं यहां पर और अब हमारा जो रिजल्ट है उसको निकालने जा रहे हैं लेकिन उससे पहले हम हमारी इमेज को थोड़ा सा फ्लड न कर लेते हैं यहां पर उसके लिए मैं क्या कर रहा हूं यहां पर एक्सपेंड यस क्या यूज़ कर रहा हूं गाइ यहां पर एक्सपेंड डायमेंशन का यूज़ करूंगा जिसके अंदर जो हमारी इमेज है यहां पर उसे मैं पास करवा दूंगा तो हमारी एक्सपेंड डायमेंशन आ गई है लेकिन यहां पर मैं एक चीज़ देना भूल गया एक्सेस देना भूल गया तो मैं एक्सेस = 0 पास करवा देता हूं राइट अब हमारी इमेज आ चुकी है इस इमेज को अब हमें क्या करना है प्रेडिक्शन मॉडल में डालना है कैसे डालेंगे यहां पर तो ये ये जो डटा सेव हो रहा है इसके अंदर मैं p के अंदर सेव कर लेता हूं राइट फिर मैं यहां पे कंडीशन लिखूंगा यहां पर इफ आपकी जो इमेज है इमेज मतलब आपका जो रिजल्ट आ है p देन स्क्वा बकेट ऑफ 0 देन स्क्वायर बकेट ऑफ 0 इज इक्वल्स टू इक्वल्स टू लेसन 0.5 हो यहां पर तब आपको क्या करना है यहां पर आपको बताना है प्रिंट कर देना है कि दैट इज अ क्या है यहां पर डॉग है राइट इसी तरह से मैं यहां पे एल्स डालूं यहां पर तो एल्स में आप क्या करोगे प्रिंट कर दोगे यहां पर और वो प्रिंट क्या करोगे गाइज यहां पर कैट है राइट तो अभी क्या दिखा रहा है है डॉग आ रहा है अब मैं यहां पर अपनी इमेजेस को थोड़ा सा चेंज करता हूं जस्ट सपोज मैं ये इमेज लेके आता हूं कैट की और पूछता हूं ये किसकी इमेजेस है यहां पर तो फिलहाल ये डॉक की बताएगा रीजन बहुत सिंपल है क्योंकि हमारा मॉडल अच्छे से ट्रेंड नहीं हो पाया यहां पर लेकिन यदि थोड़ा सा भी अच्छा से ट्रेंड हुआ होगा तो ये रिजल्ट में तो कुछ ना कुछ चेंजेज दिखाने वाला है फिलहाल डॉग ही दिखा रहा है यहां पर रीजन सिंपल सा है क्योंकि हमने हमारा मॉडल जो है अच्छी तरह से ट्रेड नहीं कि रहा है और लॉसेस भी काफी अच्छे हैं यहां पर राइट लेकिन यदि आप यहां पर इसे बहुत सारे नंबर ऑफ इपोच देते हैं यहां पर और ज्यादा स्टेप्स पर यहां पे इमेजेस को ट्रेन करवाते हैं यहां पर तो बेसिकली 100% ये बहुत अच्छे तरीके से काम करता है और बहुत अच्छे रिजल्ट भी निकाल के देता है आपको यहां पर तो ये था हमारा सीएनए का नेटवर्क यस सीएनए का नेटवर्क कैसे यूज़ करना है वो आप लोगों को समझ में आ गया होगा किस तरह से हमें कन्वर्शन लगाना है कि पुडिंग लगाना है राइट किस तरह से फ्लटर लगाना है डेंस लेयर कैसे लगानी है कंपाइल कैसे करना है ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग जो इमेज आ रही है उसे कैसे यूज़ करना है वो प्रॉपर वन बाय वन स्टेप बाय स्टेप मैंने आप सभी लोगों के सामने यहां पे डिक्लेयर कर दिया राइट तो फिलहाल आई थिंक आई होप सो समझ में आ गया होगा कि किस तरीके से आपका सीएनएन नेटवर्क वक करता है फिलहाल आज के वीडियो के लिए बस इतना ही रखेंगे मिलते हैं हमारी अगली वीडियो के साथ जहां पे हम और भी मजेदार और भी चीजों को डिस्कस करने वाले हैं तब तक आप हमारे साथ यूं ही बने रहिए टिल देन देन गुड बाय