डिस्कवरी ऑफ सब एटॉमिक पार्टिकल्स यहां पर लो प्रेशर पे उसने गैस फाइल कर दी शैडो बना देती है अगर इसके रास्ते में कोई ऑब्जेक्ट रखो तो थॉमसन के एटॉमिक मॉडल यूनिफॉर्म डिसटीब्युटेड नहीं होता इसने एक बहुत ही इंपॉर्टेंट एक्सपेरिमेंट किया नेचर किस तरह का होता है फ्रॉम मैग्नेटिक रेडिएशन में क्या खास बात होती है हमारे इस एक्स रेज यू वे राज विजिबल रीजन तो ये कुछ फार्मूले हैं जो आपको ध्यान में रखना है यस हेमिल टोनी है ना ऑपरेटर अंदर रूट ल * ल + 1 हा / 2π अरे ये दुनिया जानती है की सिमेट्री लीड्स तू स्टेबिलिटी हेलो और वेलकम तू जो मी डियर स्टूडेंट क्या हाल-चाल है आप लोगों के कैसे हैं आप सब लोग तो उम्मीद करता हूं यार सब बहुत बढ़िया होंगे एक बार फिर से मैं आप सब लोगों का वेलकम करता हूं मन मैप सीरीज में हम लोग एक चैप्टर पढ़ चुके हैं जिसका नाम था माल कॉन्सेप्ट आज वाले सेशन में हम लोग बात करने वाले स्ट्रक्चर ऑफ एटम बहुत सारे लोग इसको एटॉमिक स्ट्रक्चर भी लिखने हैं दोनों में से कुछ भी लिखो आपकी श्रद्धा है एक ही बात है है ना हमें चैप्टर पढ़ने से मतलब होना चाहिए यस तो सेशन स्टार्ट करने से पहले मैं आप लोगों को बता देता हूं की अगर आप लोगों ने ये वाला सेशन ये वाला चैप्टर पहले नहीं पढ़ा है तो ये सेशन आप लोगों के लिए नहीं है जो राइट यह सिर्फ और सिर्फ उन्हें बच्चों के लिए है जो इस चैप्टर का एक क्विक रिविजंस आते हैं वह चाहते हैं की एक इतना बड़ा चैप्टर जो कम से कम 20 25 ओवर लगता हैं जी चैप्टर को कंप्लीट करने में वह विदीन 1 ओवर अगर आप इसको कंप्लीट करना चाहते हैं रिवाइज करना चाहते हैं आप देखना चाहते हैं की चैप्टर का समरी किस तरह से है चैप्टर का सीक्वेंस क्या है इसमें कौन-कौन से फार्मूले हैं जो आपको याद होने चाहिए तो आप लोग ये वाला सेशन जरूर देखें ठीक है इस चैप्टर की इंर्पोटेंस मुझे बताने की जरूर हनी नहीं चाहिए क्योंकि आप सारे लोग स्ट्रक्चर ऑफ एटम के बाद आगे आने वाले चैप्टर हैं वो भी पढ़ चुके हैं और उसमें आपको पता भी ग चुका है की आज स्ट्रक्चर ऑफ एटम का कितना बड़ा रोल है अगर मैं के पॉइंट ऑफ व्यू से बात करूं तो हर साल एक क्वेश्चन पक्का इस चैप्टर से आता है निहायती आसन क्वेश्चन होता है जो चैप्टर से पूछा जाता है बहुत ही स्कोरिंग चैप्टर है ठीक है तो चलो जी इस चैप्टर की साड़ी कहानी मैंने आप लोगों को सुना दी अब इस सेशन को स्टार्ट करते हैं कौन-कौन से टॉपिक हम लोग देखने वाले हैं आपके सामने लिखे हैं सर चैप्टर ही हमें इस वाले सेशन में कर करना है लेकिन सबसे पहले हम लोग बात करेंगे डिस्कवरी ऑफ सब एटॉमिक पार्टिकल्स कौन-कौन से सब एटॉमिक पार्टिकल्स हैं जिनकी डिस्कवरी की हम अब बात करेंगे तो यहां पर दादा तीन पार्टिकल्स होगी इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन और न्यूट्रॉन इनके डिस्कवरी की हम लोग बात करने वाले हैं ठीक है सबसे पहले बात करेंगे किसकी डिस्कवरी ऑफ इलेक्ट्रॉन ज थॉमसन भाई साहब है जिन्होंने इसको डिस्कवरी किया था इन्होंने क्या किया एक ग्लास की ट्यूबली जिसको डिस्चार्ज ट्यूब बोला जाता है एक कैथोड था एनोड था कैथोड पे नेगेटिव चार्ज एनोड पे पॉजिटिव चार्ज यहां पर लो प्रेशर पे उसने गैस फाइल कर दी और साथ-साथ यहां पर एक बहुत हाय वोल्टेज सप्लाई किया उसने क्या किया एनोड के पीछे यहां पर जिंक सल्फाइड की कोचिंग कर दी जिंक सल्फाइड एक ऐसा सब्सटेंस है जिसकी खास बात होती है अगर इसको कोई पार्टिकल आके हिट करता था तो वहां पर आपको ब्लू दिखाई देता है स्पार्किंग दिखाई देती है तो जैसे ही प्रेशर लो किया और हाय वोल्टेज यहां अप्लाई किया तो उसने एक बहुत शानदार चीज नोटिस कारी की यहां पर जनस की जो कोचिंग हो राखी है उसके ऊपर उसको गला दिखाई दिया यह तभी पॉसिबल था यह तभी पॉसिबल है जब कोई इधर से पार्टिकल आए और इस जिंक सल्फाइड की कोचिंग को हिट करें अब क्योंकि ये पार्टिकल पॉजिटिविटी इलेक्ट्रोड की तरफ जा रहा था इस पर कर से पॉजिटिव तो ये पार्टिकल पॉजिटिव इलेक्ट्रोड की तरफ ए रहा है डेट्स वही वो जो पार्टिकल रहा होगा उसपे चार्ज रहा होगा नेगेटिव और उसे नेगेटिविटी चार्ज पार्टिकल को क्या नाम दिया गया था दादा इलेक्ट्रॉन बोला गया यस और ये जो पार्टिकल्स की बहुत साड़ी रेस है विच आर मूविंग फ्रॉम कैथोड उनको नाम दिया जाता है क्या कैथोड रेस यस मेरे हिसाब से कोई दिक्कत नहीं यह कैथोड की बहुत साड़ी प्रॉपर्टी जैसे यह स्ट्रेट लाइन में मूव करती हैं और यह शैडो बना देती है अगर इसके रास्ते में कोई ऑब्जेक्ट रखो तो लेकिन उनमें सबसे इंपॉर्टेंट जो जो प्रॉपर्टी है वो आपके सामने लिखी है की रेस की जो प्रॉपर्टीज होती हैं इनका जो आई/एम रेशों होता है वो किस पे डिपेंड नहीं करता वो यहां पर कौन सी गैस फाइल कर राखी है नेचर ऑफ गैस पीस की कोई डिपेंडेंसी नहीं होती यह सबसे इंपॉर्टेंट चीज है इलेक्ट्रॉन का कर साड़ी दुनिया जानती है इलेक्ट्रॉन का मां सारे लोगों को पता है ये चीज आपको बता डीज आर दी एब्सलूट चार्ज और एब्सलूट मैक्स है ना अगर आपसे कोई पूछे रिलेटिव चार्ज कितना इलेक्ट्रॉन का तो -1 होता है रिलेटिव मास अगर बोले तो लगभग जीरो होता है इसको 1.1837 टाइम्स ऑफ मास ऑफ हाइड्रोजन ऐसा भी लिखा होता है बिल्कुल सिमिलर एक्सपेरिमेंट था कौन सा डिस्कवरी ऑफ प्रोटॉन वाला अबकी बार क्या किया गया था जो कैथोड था उसमें छोटे-छोटे होल्स कर दिए और कैथोड के पीछे कैथोड के पीछे सिंह सल्फाइड की कोचिंग कर राखी है पिछली बार एनोड की पीछे था और यहां पर करोड़ के पीछे था यस एक चीज नोटिस की गई वापस से वही बहुत लो प्रेशर और बहुत हाय वोल्टेज आपको अप्लाई करना है यहां पर एक बार फिर से चीज नोटिस की गई की यह जिंग सल्फाइड की कोचिंग जो थी उसे पे गला दिखाई दिया और ये तभी पॉसिबल था जब कोई पॉजिटिवली चार्जड पार्टिकल इधर से इधर की तरफ मूव करें मैं इसको पॉजिटिवली चार्ज पार्टिकल क्यों का रहा हूं बिकॉज़ वो कौन सी इलेक्ट्रोड की तरफ जा रहा है नेगेटिव इलेक्ट्रोड की तरफ मूव कर रहा है वो जो पर्सनली पॉजिटिवली चार्ज पार्टिकल था अगर आपने इसमें हाइड्रोजन गैस फाइल कर राखी है कौन सी अगर आपने इसमें हाइड्रोजन गैस फाइल कर राखी है तो उसे पॉजिटिवली चार्ज पार्टिकल h+ को नाम दिया गया प्रोटॉन यस बोलो बोलो और ये जो पार्टिकल्स की रेस थी जो कहां से कहां की तरफ मूव कर रही है एनोड से कैथोड की तरफ उनको बोला गया एनोड्रिस एनोड्रिस या फिर या फिर एक और नाम भी है इनका क्या कैनाल रेस भी आप इसको का सकते हो आनो ड्रेस या फिर कैनाल रेस जो सबसे इंपॉर्टेंट चीज है वो वापस से यहां पर लिखी है की इनका जो होता है या फिर जो नेचर ऑफ डिपेंड करता है किस पे कौन सी गैस आपने इस पे फाइल कर राखी है क्यों क्योंकि हर गैस का जो पॉजिटिवली चार्ज पार्टिकल होगा उसका मास डिफरेंट होगा और उसका चार्ज भी डिफरेंस होगा डिफरेंट होगा थॉट्स वही जो ए / एम रेशों होगा वो डिपेंड करेगा किस पे नेचर ऑफ गैस पे यहां पर चार्ज और मास आपके सामने लिखा हुआ है जो की साड़ी दुनिया को पता होता है तो ये हो गया डिस्कवरी ऑफ प्रोटॉन आगे बढ़ते हैं डिस्कवरी ऑफ न्यूट्रॉन की सबसे आसन है क्या किया गया बेरिलियम लिया और बैलियम पर अल्फा पार्टिकल ये क्या है डाला अल्फा पार्टिकल की बॉन्बार्डमेंट करवाई अल्फा पार्टिकल क्या होता है हीलियम न्यूक्लियर तू हा सी फोर फोर यूनिट ऑफ मास और तू यूनिट ऑफ पॉजिटिव चार्ज उसको अल्फा पार्टिकल बोला जाता है जब आपने बेरिलियम की सीट पे अल्फा पार्टिकल मुंबई करवाया तो एक बहुत अजीब सा पार्टिकल मिला वो जो पार्टिकल था उसमें खास बात क्या थी की उसका जो मास था वो लगभग प्रोटॉन के मास के बराबर था लेकिन उसका चार्ज जीरो था वो न्यूट्रल पार्टिकल था चार्ज कितना था जीरो था तो ऐसा जो पार्टिकल है उसको नाम दिया गया क्या न्यूट्रॉन और उसको दिखाने का तरीका आपके सामने लिखा है इसका ये एब्सलूट मास है अगर आप इसका रिलेटिव मास लिखोगे तो वो वन होगा यस और इसका रिलेटिव चार्ज कितना हो जाएगा जीरो हो जाएगा इसका रिलेटिव मास बैंड और रिलेटिव चार्ज +1 हो जाएगा ठीक है ना तो ये डिस्कवरी ऑफ सब एटॉमिक पार्टिकल्स रिलेटेड बहुत छोटी-छोटी सी इनफॉरमेशन थी जो आपको पता होती है और वैसे भी छोटी क्लासेस में आप लोगों ने पढ़ रखा होता है अब इसके बाद हम लोग चल रहे हैं एटॉमिक मॉडल की तरफ तथा सबसे पहले हम लोग बात करेंगे किसकी थॉमसन के एटॉमिक मॉडल की इसको सपना आया रात को है ना क्योंकि सपना जैसा ही था थॉमसन ने ये बोला की जो आइटम होता है उसका शॉप कैसा होता है स्फेरिकल होता है इसके अंदर जो नेगेटिव चार्ज है वो यूनिफॉर्म डिसटीब्युटेड नहीं होता और जो पॉजिटिवली चार्ज है वो यूनिफॉर्म डिसटीब्युटेड है थ्रोट डी एटम यस अब इसमें अपना जो एटॉमिक मॉडल था उसको रिलेट किया वाटरमेलन के साथ इसने कहा की जैसे वाटर मिलन में शीट्स प्रेजेंट होते हैं जो यूनिफॉर्म डिसटीब्युटेड होते हैं वैसे ही एटम के अंदर नेगेटिव चार्ज यूनिफॉर्म डिसटीब्युटेड नहीं होता और जो आपका रेड वाला पोर्शन है जिसको आप निपटा देते हो वो वाला जो पोजीशन है वो यूनिफॉर्म डिसटीब्युटेड है तो वो होगा पॉजिटिव चार्ज तो इसके अकॉर्डिंग पॉजिटिव चार्ज का डिस्ट्रीब्यूशन सिमिट्रिक है यूनिफॉर्म है और नेगेटिविटी चार्ज जो है वो एनिमल लीड डिसटीब्युटेड है जैसे की वाटर मिलन में ये सिट्स आने वाली डिसटीब्युटेड होते हैं डेट्स वही इसको वाटरमेलन मॉडल या फिर प्लम पुडिंग मॉडल भी कहा जाता है ठीक है ना तो ये बहुत ज्यादा इनफॉरमेशन आपको नहीं का थॉमसन एटॉमिक मॉडल इसके बाद नेक्स्ट एटॉमिक मॉडल आता है जिसका नाम था रदरफोर्ड एटॉमिक मॉडल इसने बहुत आसन आसन सी चीज लिखी इसने एक बहुत ही इंपॉर्टेंट एक्सपेरिमेंट किया है ना जिसको बहुत वेल नॉन एक्सपेरिमेंट है जिसको अल्पवारिस कैटरिंग एक्सपेरिमेंट बोला जाता है इसने क्या किया गोल्फोल एक्सपेरिमेंट भी बोला जाता है इसने क्या-क्या गोल्ड की फाइल ली और इधर से अल्फा पार्टिकल उसे पे बम बाढ़ करवा फिर उसने चेक किया की अल्फा पार्टिकल्स जब इस गोल्ड फील्ड से पास होते हैं तो उनका नेचर किस तरह का होता है उसने कुछ ऑब्जरवेशन देखिए उन ऑब्जरवेशन के बेसिस पे उसने कुछ कंक्लुजन निकाला ऑब्जरवेशन क्या था इसने सबसे पहले चीज ये बोली की जो मोस्ट ऑफ डी अल्फा पार्टिकल्स है वो बिना किसी डिवीजन के सीधे निकाल गए कुछ अल्फा पार्टिकल्स ऐसे थे जो एक हल्के से एंगल से डिबेट हुए और बहुत ही कम अल्फाबेटिकल ऐसे थे जो जी रास्ते पे गए थे इस रास्ते पे वापस ए गए बाउंस बैक 180° का डिफरेंस लेकिन ऐसे अल्फा पार्टिकल बहुत कम थे नंबर आपको याद रखना की जरूर नहीं है यहां से उसने क्या कंक्लुजन निकाला अब आप खुद सोच के देखो अल्फा पार्टिकल पर चार्ज होता है पॉजिटिव अगर मोस्ट ऑफ डी अल्फा पार्टिकल बिना किसी डिवीजन के सीधे निकाल रहे हैं इसका मतलब उनको रास्ते में कोई नहीं मिला रास्ते में कोई नहीं मिला इसका मतलब की मोस्ट ऑफ डी परेशन जो एटम का है वो बिल्कुल खाली है यस अच्छा दूसरी चीज दूसरी चीज एटम के अंदर जो पॉजिटिव चार्ज है वो बहुत ही छोटी सी जगह पे कंसंट्रेट है यस अल्फा पार्टिकल पे पॉजिटिव चार्ज है उसको डिफलेक्ट कौन करेगा अपने पाठ से डेबिट कौन करेगा पॉजिटिव चार्ज ही करेगा यस लेकिन वो जो पॉजिटिव चार्ज है वो बहुत छोटी सी जगह पे कंसंट्रेटेड है एटम के अंदर और वो जो छोटी सी जगह थी उसको नाम दिया गया था न्यूक्लियस तो ये जो भाई साहब है इन्होंने क्या नाम दिया न्यूक्लियस नाम दिया अब यहां से उसने ये भी बोला की जो न्यूक्लियस का वॉल्यूम है वो एटम की वॉल्यूम के कंपैरिजन में नेगलिजिबल है डाटा भी लिखा है की जो एटम का रेडियस होता है वो 10 तू दी पावर -10 के रिस्पेक्ट में होता है 10 तू 10 - 10 मी की ऑर्डर का होता है और साथ में जो न्यूक्लियस का होता है वो 10 तू दी पावर -15 मी के ऑर्डर का होता है ठीक है ना तो एटम का जो वॉल्यूम है उसके कंपैरिजन में जो न्यूक्लियस का वॉल्यूम होगा वह बिल्कुल नेगलिजिबल होगा ठीक है ना ये इसका कंक्लुजन था लेकिन इस एक्सपेरिमेंट की कुछ लिमिटेशंस भी थी क्या इमिटेशन थी इसने इसने आगे चल के ये भी बोला की जो भाई इलेक्ट्रॉन होता है वो न्यूक्लियस के चारों तरफ एक सर्कुलर पाठ पे घूमता है और वो जो सर्कुलर पाठ होगा उसको नाम दिया इसने और बीट यस क्या नाम दिया ऑर्बिट अंदर की तरफ इलेक्ट्रोस्टेटिक फोर्स ऑफ अट्रैक्शंस लगता है जिसको बैलेंस करने के लिए बाहर की तरफ से सेंट्रीफ्यूज फोर्स लगता है है ना लेकिन ये कुछ चीज ऐसी थी जिसको ये वाला मॉडल नहीं समझा पता उसमें सबसे पहले चीज थी की इलेक्ट्रॉन के डिस्ट्रीब्यूशन के बड़े में कोई आइडिया नहीं दिया इसने की भाई इलेक्ट्रॉन न्यूक्लियस की चारों तरफ घूम रहा है एक पाठ पे लेकिन ये बताओ अगर मां लो 10 इलेक्ट्रॉन है तो क्या 10 के 10 इलेक्ट्रॉन एक ही पाठ पे घूमेंगे या अलग-अलग पाठ पे घूमेंगे कौन से पाठ पे कितने इलेक्ट्रॉन घूमेंगे इलेक्ट्रॉन की डिस्ट्रीब्यूशन के बड़े में इस फॉर्म इस रदरफोर्ड एटॉमिक मॉडल में कोई इनफॉरमेशन नहीं थी दूसरा चीज ये था की जो मैक्सवेल की थ्योरी है उसको भी एक्सप्लेन नहीं कर पाया स्टेबिलिटी ऑफ एटम के अकॉर्डिंग क्या कहता है मैक्सवेल की अगर मां लो यह न्यूक्लियस है एक कोई पॉजिटिव चार्ज पार्टिकल है इलेक्ट्रॉन इलेक्ट्रॉनिक चार्ज पार्टिकल है अगर इलेक्ट्रॉन अंदर एक्सीलरेशन है तो वो एनर्जीमित करेगा और एनर्जीमित करते-करते-करते-करते एक दिन वो जो इलेक्ट्रॉन है वो किसमे समझ आएगा न्यूक्लियस में समझ आएगा अगर ऐसा हो गया तो आपका एटम स्टेबल नहीं होगा ये किसके अकॉर्डिंग मैक्सवेल के अकॉर्डिंग लेकिन जब रदरफोर्ड से पूछा गया की ऐसा क्यों नहीं हो रहा आपके एटॉमिक मॉडल में तो रदरफोर्ड ने कहा मुझे नहीं पता रदरफोर्ड के पास इस चीज का कोई जवाब नहीं था तो ये इसकी लिमिटेशंस दो वेल नाउन एप्लीकेशंस है जो आपको ध्यान में रखती है दान आई फिर यहां पर कुछ छोटी-छोटी चीज और भी लिखी होती है मेरे हिसाब से वो छोटे-छोटे चीजें आपको पता होती है क्या-क्या होता है तथा एक होता है आइसोटोप है ना आइसोटोप होता है आइसोबर सोते हैं ना ज्यादातर यही चीज पूछी जाति है और साथ-साथ आइसोइलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज के बड़े में भी आपको पता होना जरूरी है यस आइसोइलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज क्या होती है जिम से नंबर ऑफ इलेक्ट्रोंस प्रेजेंट होते हैं जैसे mg2+ l3 प्लस इन सबके पास 10 इलेक्ट्रॉन है तो जब नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन से हो तो उनको आइसो इलेक्ट्रॉनिक बोला जाता है आइसोटोप क्या होते हैं की भैया जिनका एटॉमिक नंबर से होना चाहिए लेकिन मास नंबर डिफरेंट होता है आइसोबर में जस्ट अपोजिट होता है एटॉमिक नंबर डिफरेंट से नंबर ऑफ न्यूट्रॉनस प्रेजेंट हो उनको हम लोग टोंस कहते हैं ना तो ये बहुत छोटी-छोटी चीज हैं जो आपको वैसे ही पता होती है दान चलिए जी अब इसके बाद हम लोग आगे चलेंगे और बात करेंगे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन में क्या खास बात होती है खास बात यह होती इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन में की तीन चीज होती हैं वहां तीन चीज कौन-कौन सी फर्स्ट वन इसे योर इलेक्ट्रिक फील्ड सेकंड वन इसे योर मैग्नेटिक फील्ड और थर्ड वन इसे योर डायरेक्शन ऑफ प्रोपेगेशन यह जो यह जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन होती हैं या एसिड रेडिएशन हैं जिम ये जो तीनों चीज होती हैं ये एक दूसरे के परपेंडिकुलर होती है मैग्नेटिक फील्ड और इलेक्ट्रिक फील्ड एक दूसरे के परपेंडिकुलर डायरेक्शन में ओसिलेट करेगा और बोथ डीज फील्ड आर अलसो परपेंडिकुलर तू डी डायरेक्शन ऑफ प्रोपेगेशन 20 टाइप्स ऑफ रेडिएशन आर नॉन एस इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन अगर मैं इनकी प्रॉपर्टीज की बात करूं तो ये इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन को ट्रैवल करने के लिए किसी मीडियम की जरूर नहीं होती दादा ये वेक्यूम में भी ट्रैवल कर शक्ति हैं और वेक्यूम में ये स्पीड ऑफ लाइट से ट्रैवल करती है साथ-साथ इसमें एक चीज मैं आपको पहले ही बता चुका हूं की इसमें इलेक्ट्रिक और मैग्नेटिक फील्ड एक दूसरे के परपेंडिकुलर होता है और वो डायरेक्शन ऑफ प्रोपेगेशन के भी परपेंडिकुलर होता है यस ऐसी बहुत साड़ी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन होती हैं यस कौन-कौन सी कौन-कौन सी जैसे होगी आपकी गम राज एक्स रेज यू वे राज विजिबल रीजन यर माइक्रोवेव रेडियो वेव्स अगर इन साड़ी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन को आप वेवलेंथ या फिर फ्रीक्वेंसी के इंक्रीजिंग या फिर डिक्रीजिंग ऑर्डर में अरेंज कर दो अगर आप इन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन को अरेंज कर दो एक ऑर्डर में किस ऑर्डर में फ्रीक्वेंसी क्या ऑर्डर में या फिर वेवलेंथ के ऑर्डर में तो जो अरेंजमेंट बनेगा डेट पर्टिकुलर अरेंजमेंट इस नॉन आज इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम क्या बोला जाता है उसको डी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम बहुत बढ़िया कुछ छोटी-छोटी चीज हैं जो आपको पता हनी चाहिए सबसे पहले आता है वेवलेंथ वेवलेंथ को हम लोग लामबीडीए से दिखाई हैं यस जैसे मां लो या आपकी एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन है यस यह मैक्सिमम है दो मैक्सिमा के बीच का डिस्टेंस उसको आप लामबीडीए लिख सकते हो यस दो मिनीमा के बीच का डिस्टेंस इसको आप लामबीडीए लिख सकते हो यहां से यहां तक का डिस्टेंस इसको भी आप लामबीडीए लिख सकते हो ठीक है ना और ऑब्वियस है जो वेवलेंथ होगा वो क्या होगा वेवलेंथ का यूनिट किसका यूनिट होगा जो डिस्टेंस का यूनिट होता है क्योंकि डिस्टेंस ही होती है लामबीडीए है ना टू या फिर क्रस्ट के बीच की डिस्टेंस अच्छा फिर आता है फ्रीक्वेंसी फ्रीक्वेंसी क्या होता है की 1 सेकंड में कितने साइकिल पूरा करता है वाव साइकिल का मतलब क्या है अरे वो वाली साइकिल नहीं जो चलते हो साइकिल का मतलब ये वाव की साइकिल मतलब ये एक साइकिल ये है एक साइकिल तो अगर आपकी वाव 1 सेकंड में जितने साइकल्स पूरा करेगी इस को बोला जाएगा फ्रीक्वेंसी फ्रीक्वेंसी को न्यू से दिखाए जाता है एक साइकिल पूरा करने में जो टाइम लगता है दादा उसे टाइम को क्या बोला जाएगा टाइम पीरियड बोला जाएगा एक बहुत इंपॉर्टेंट फॉर्मूला आपको ध्यान में रखना है फ्रीक्वेंसी = 1 / टी यस फिर उसके बाद वेलोसिटी यह साड़ी दुनिया जानती है की यूनिट टाइम में जितनी डिस्टेंस ट्रैवल की जाति है उसको वेलोसिटी बोलते हैं एक बहुत इंपॉर्टेंट फॉर्मूला जी पर खूब सारे क्वेश्चंस आते हैं म्यूजिक इक्वल तू सी बाय लामबीडीए साड़ी जनता को ये वाला फॉर्मूला याद रखना है और कसम खाली नहीं है किसको बोलोगे नहीं कसम तो मेरी नहीं खानी है वो तुम देख लेना यूं यहां पर है फ्रीक्वेंसी सी इस इक्वल तू स्पीड ऑफ लाइट और लामबीडीए लामबीडीए है आपकी उसके बाद सबसे लास्ट में आता है वाव नंबर इसको बाहर से दिखाए जाता है μ बार होता है बेटा 1 / लामबीडीए एक और इंपॉर्टेंट फॉर्मूला जो आपको याद रखना पड़ेगा है ना क्या होता है यूनिट लेंथ में जितनी वेव्स प्रेजेंट होगी यूनिट लेंथ में जितनी वेव्स प्रेजेंट होगी इस को बोला जाएगा तो ये वाव से रिलेटेड कुछ चार-पांच इनफॉरमेशन है जो आपको पता हनी चाहिए कुछ तीन-चार फार्मूले हैं मैंने आपको लिखवा दिए म्यूजिक इक्वल तू वन बाय तू ये सबसे पहले फॉर्मूला आता है म्यूजिक इस पे क्वेश्चन पूछा जाता है साथ-साथ व्यू नंबर पे भी क्वेश्चन ए सकता है तो इन फॉर्मूला को द्वारा गौर से देखना है अब जो आपकी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन होती हैं साड़ी दुनिया को पता है की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन ड्यूल नेचर शो करती हैं ड्यूल नेचर का मतलब हो गया वो पार्टिकल नेचर भी शो करती है और वाव नेचर भी शो करती है लेकिन कुछ करैक्टेरिस्टिक्स ऐसी हैं जिसको आप वाव नेचर के अकॉर्डिंग एक्सप्लेन नहीं कर सकते वो करैक्टेरिस्टिक्स आपके सामने लिखी है ब्लैक बॉडी रेडिएशन फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट एन स्पेक्ट्रम ऑफ हाइड्रोजन और साथ-साथ वेरिएशन ऑफ हिट कैपेसिटी ऑफ सॉलिड विद टेंपरेचर ये कुछ फिनोफेना ऐसे हैं जिनको वाव नेचर ऑफ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन सिक्स प्लेन नहीं किया जा सकता उसके लिए जरूर पड़ती है किसकी पार्टिकल नेचर की डिफ्रेक्शन इंटरफ्रेंस ये ऐसा फिनोमेना है जिसको आप लोग पार्टिकल नेचर से नहीं समझा सकते उसको एक्सप्लेन करने के लिए किसकी जरूर पड़ती है वाव नेचर की जरूर पड़ती है तो सबसे पहले क्वेश्चन ये आता है की सर ब्लैक बॉडी रेडिएशन क्या होती है क्या होती है ब्लैक बॉडी रेडिएशन ब्लैक बॉडी एक ऐसा आइडियल बॉडी होता है जिसको अगर आप जितनी भी रेडिएशन दे दो अलग-अलग विवरण की साड़ी रेडिएशन को ऑब्जर्व कर लगा और टाइम आने पर वापस अमित भी कर देगा उसका पेट कभी नहीं भरत जो आए का लिया और वापस भी निकाल दिया इस तरह की जो बॉडी होती है उसको बोला जाता है ब्लैक बॉडी है यस और ये जो रेडिएशन हैं जो ब्लैक बॉडी निमित कारी हैं डोज रेडिएशन आर नॉन एस ब्लैक बॉडी रेडिएशन आपके सामने ग्राफ दिया गया है इंटेंसिटी और वेवलेंथ का ग्राफ लिखा है ब्लैक बॉडी रेडिएशन के लिए जैसे जैसे वेवलेंथ बढ़ेगा इंटेंसिटी बढ़ेगी एक टाइम पे आके मैक्सिमम होगी और फिर भी अगर आप वेवलेंथ बढ़ते जाओगे तो जो इंटेंसिटी होगा धीरे-धीरे डिक्रीज करता जाएगा ये जो ग्राफ है इसको इस एक्सपेरिमेंट रिजल्ट को आप लोग वाव नेचर से एक्सप्लेन नहीं कर सकते इसमें कोई न्यूमेरिकल हा सच नहीं बंता ब्लैक बॉडी रेडिएशन पे ठीक है अच्छा जी यहां पर जो न्यूमेरिकल बनते हैं वो आते हैं प्लैक्स क्वांटम थ्योरी से यस सबसे पहले न्यूमेरिकल प्लैक्स क्वांटम थ्योरी क्या कहता है इसका यह कहना था की अगर कोई भी एक एटम या फिर मॉलिक्यूल या फिर कोई एक सैंपल ले लेते हैं हम लोग वो एनर्जी एमेद करेगा या फिर एनर्जी ऑब्जर्व करेगा इन दी फॉर्म ऑफ पैकेट है ना वो कंटीन्यूअस एनर्जी अमित नहीं करता वो कंटीन्यूअस एनर्जी ऑब्जर्व नहीं करता एनर्जी का अब्जॉर्प्शन या फिर एनर्जी का एमिशन हमेशा छोटे-छोटे एनर्जी के पैकेट में होता है और ये जो एनर्जी का सबसे छोटा पैकेट जो कोई भी आइटम मॉलिक्यूल ऑब्जर्व कर सकता है या फिर अमित कर सकता है उसको नाम दिया जाता है क्वांटम अगर आप लोगों ने लाइट ले राखी है तो लाइट का जो क्वांटम होता है उसका नाम है फोटोन क्या नाम है दादा फोटो जो होता है वो सबसे छोटा एनर्जी का पार्टिकल है इन कैसे ऑफ लाइट बात ये आई है की ये जो एनर्जी होती है फोटोन की किसके डायरेक्टली प्रोपोर्शनल होती है ये डायरेक्टली प्रोपोर्शनल होती है साहब फ्रीक्वेंसी ऑफ लाइट यस और अगर आप प्रोपोर्शनैलिटी का साइन हटाओगे तो कांस्टेंट उसे करोगे हा इसको नाम है ब्लैंक कांस्टेंट इसको क्या बोला जाता है दादा ब्लैंक कांस्टेंट 6.62 * 10 तू दी पावर -34 इसका वैल्यू होता है जो की क्वेश्चंस में जिवन होता है और आपको बता भी होता है साथ-साथ आप न्यू की जगह और क्या लिख सकते हो सी / लामबीडीए लिख सकते हो तो एनर्जी और फोटोन का फॉर्मूला बन जाता है इसे इक्वल तू क / लामबीडीए ये है एनर्जी ऑफ वन फोटोन कितने में कितने फोटो उनके एनर्जी है दादा एनर्जी ऑफ वन फोटो ऑन अगर मां लो आपसे एन फोटोस की एनर्जी पूछी जाए तो आप इसको मल्टीप्लाई कर डॉग एन फोटॉन्स की एनर्जी हो जाएगी एनएचसी / लामबीडीए ठीक है ना तो इस फार्मूले पे भी न्यूमेरिकल जनरली पूछे जाते हैं बहुत ही इंपॉर्टेंट फॉर्मूला होने वाला है ये पार्टिकल नेचर ऑफ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन में ही अगला फिनोमिना है जिसके बड़े में हम लोग बात करेंगे इसका नाम है फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट बहुत इंपॉर्टेंट है इस पे जनरली क्वेश्चंस पूछे जा सकते हैं क्या होता है फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट देखो आपने क्या कर रखा है एक मेटल की सरफेस ले राखी है और इस मेटल की सरफेस पे यहां पर एक लाइट इस पे ऊपर दाल रहे हो यस यहां पर दो इलेक्ट्रोल ले रखें पॉजिटिव इलेक्ट्रोड होगा एक नेगेटिव इलेक्ट्रोड होगा साथ में आपने मी ले रखा है जैसे ही सर्किट में करंट फ्लो होगा इस सेमेस्टर में डिफ्लेशन आएगा और आपको पता ग जाएगा है ना आप अगर यहां पर लाइट डालोगे तो आप एक चीज नोटिस करोगे लाइट की फ्रीक्वेंसी बढ़ते गए बढ़ते गए बढ़ते गए बढ़ते गए एक फ्रीक्वेंसी ऐसी आएगी जी फ्रीक्वेंसी पे आपका ये जो मेटल है ये क्या करेगा अपनी सरफेस से ये जो मेटल है अपनी सरफेस से इलेक्ट्रॉन बाहर निकाल देगा इलेक्ट्रॉन का इंजेक्शन हो जाएगा और वो जो इलेक्ट्रॉन है इलेक्ट्रॉन बाहर निकाला नेगेटिव चार्ज था वो पॉजिटिव इलेक्ट्रोड की तरफ जाएगा पॉजिटिव इलेक्ट्रोड की तरफ जाएगा तो सर्किट कंप्लीट होगा और सर्किट कंप्लीट होगा तो इसमें करंट फ्लो होगा करंट फ्लो होगा तो एमिटर में डिफ्लेशन आएगा किसी भी मेटल की सरफेस से इलेक्ट्रॉन का जो इलेक्शन है दिस इस नॉन आज फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट और ये जो इलेक्ट्रॉन बाहर निकले हैं इन इलेक्ट्रोंस को क्या बोला जाता है फोटो इलेक्ट्रोंस कहा जाता है मेरी बात समझ में ए गई आपको बहुत आसन चीज है लेकिन इंपॉर्टेंट चीज क्या है की इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालना के लिए एक पर्टिकुलर फ्रीक्वेंसी की जरूर पड़ती है वो मिनिमम फ्रीक्वेंसी जिससे पहले इलेक्ट्रॉन बाहर नहीं आएगा उसे मिनिमम फ्रीक्वेंसी को न्यू नोट से दिखाए जाता है और उसको बोला जाता है थ्रेसोल्ड फ्रीक्वेंसी यह जो थ्रेसोल्ड फ्रीक्वेंसी की वैल्यू है यह डिफरेंट डिफरेंट मेटल के लिए डिफरेंट डिफरेंट हो शक्ति है अगर आपकी फ्रीक्वेंसी इस फ्रीक्वेंसी से कम है तो कभी भी फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट ऑब्जर्व नहीं होगा हमेशा इससे ज्यादा या फिर इसके बराबर होगा तभी ऐसा होने वाला है साथ-साथ कुछ ऑब्जरवेशन भी है जो आपको ध्यान में रखना हैं पहले ऑब्जरवेशन बहुत आसन है क्या है की जैसे ही फोटोन जा के मेटल की सरफेस को हिट करेगा वैसे ही इलेक्ट्रॉन का इंजेक्शन हो जाएगा है ना कोई टाइम ग नहीं होता है ना ऐसा नहीं होता की इलेक्ट्रॉन आया इसको हिट किया आ फोटोन आया इलेक्ट्रॉन को हिट किया इलेक्ट्रॉन बोले या रुक जा अभी थोड़ा चाय पानी पी के निकलेंगे नहीं अगर उसे फोटोन के पास सफिशिएंट एनर्जी है तो जैसे ही उसे इलेक्ट्रॉन को हिट करेगा इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालना पड़ेगा वेयर इस नो टाइम लाइक ठीक है दूसरी चीज आपको एक मिनिमम फ्रीक्वेंसी की जरूर पड़ेगी अगर आपको फोटो लेक्चर इफेक्ट ऑब्जर्व करना है और वो जो मिनिमम फ्रीक्वेंसी होता है उसको थ्रेसोल्ड फ्रीक्वेंसी कहते हैं कितने ज्यादा इलेक्ट्रोंस बाहर आएंगे नंबर ऑफ फोटो इलेक्ट्रोंस किस पे डिपेंड करता है इंटेंसिटी ऑफ लाइट पे बहुत इंपॉर्टेंट है ये जो लास्ट दो पॉइंट लिखे हुए बहुत इंपॉर्टेंट है नंबर ऑफ ऑटो इलेक्ट्रॉन इस डायरेक्टली प्रोपोर्शनल तू इंटेंसिटी ऑफ लाइट उसका फ्रीक्वेंसी से कोई लेना देना नहीं है लेकिन जो फोटो इलेक्ट्रॉन की काइनेटिक एनर्जी है फोटो इलेक्ट्रॉन कितने एनर्जी से बाहर निकलेगा काइनेटिक एनर्जी जो होती है वो फ्रीक्वेंसी पे डिपेंड करती है इसका इंटेंसिटी से कोई लेना देना नहीं है फिर का देता हूं ये लास्ट वाले जो दोनों प्वाइंट्स हैं बहुत इंपॉर्टेंट है इस पे ग्राफिकल क्वेश्चन आपसे पूछा जा सकता है क्या कहा मैंने नंबर ऑफ फोटो इलेक्ट्रॉन डायरेक्टली प्रोपोर्शनल तू इंटेंसिटी ऑफ लाइट उसका फ्रीक्वेंसी से लेने देना नहीं है काइनेटिक एनर्जी ऑफ फोटो इलेक्ट्रॉन इस डायरेक्टली प्रोपोर्शनल तू फ्रीक्वेंसी ऑफ लाइट उसका इंटेंसिटी से लेना देना नहीं है यह जो फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट था उसको एक्सप्लेन किया था किसने आगे चल के एक भाई साहब थे आइंस्टीन उन्होंने इस फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट को एक्सप्लेन किया इन्होंने क्या कहा इन्होंने कहा की जो टोटल एनर्जी है यहां से जो लाइट की टोटल एनर्जी है अगर मैं इसको हा यू लिख देता हूं तो ये जो टोटल एनर्जी है ये दो कम करेगी क्या एक तो इलेक्ट्रॉन को मेटल की सरफेस से बाहर निकलेगी इलेक्ट्रॉन को मेटल की सरफेस से बाहर निकालना के लिए कितने एनर्जी चाहिए एक्चुअली नोट न्यू नोट है यहां पर थ्रेसोल्ड फ्रीक्वेंसी और अगर एक्स्ट्रा एनर्जी उसके पास बैक गई है ना जो एक्स्ट्रा एनर्जी है वो उसकी काइनेटिक एनर्जी में कन्वर्ट हो जाएगी तो ये चीज है जो आपको ध्यान में रखती है दिस इस योर टोटल एनर्जी टोटल एनर्जी जो लाइट्स के फोटोन की है दिस इस योर थ्रेसोल्ड एनर्जी इसको आप फ्रेसवर्ल्ड एनर्जी का दो और या फिर आप इसको क फंक्शन भी का सकते हो क्या कहा जाता है इसको बताओ क फंक्शन भी कहा जाता है साथ में हाफ ऑफ mv² साड़ी दुनिया जानती है बचपन से ही इसको काइनेटिक एनर्जी कहते हैं यस तो यहां पर जो टोटल एनर्जी ए रही है फोटोन की वो दो कम कर रही है पहले इलेक्ट्रॉन को मेटल की सरफेस से बाहर निकालना और जो एक्स्ट्रा एनर्जी है उसको काइनेटिक एनर्जी में कन्वर्ट कर देना तो इसका एक्सप्लेन किसने दिया था ठीक है बहुत इंपॉर्टेंट चीज है इसके बाद हम लोग आगे बढ़ते हैं और बात कर लेते हैं स्पेक्ट्रम की क्या होता है स्पेक्ट्रम बहुत आसन चीज है आपके सामने ग्लास का प्रिज्म था यहां पर आपने व्हाइट लाइट डाली जैसे ही व्हाइट लाइट इस प्रिज्म से पास होती है ये प्रिज्म क्या करता है व्हाइट लाइट को 7 डिफरेंट कलर्स में स्प्लिट कर देता है है ना और ये जो 7 डिफरेंट कलर्स हैं ये एक फ्रीक्वेंसी या फिर वेवलेंथ के इंक्रीजिंग ऑर्डर में अरेंज होते हैं यहां पर जो डिफ्लेशन होता है वो इनकी फ्रीक्वेंसी के इनकी वेवलेंथ के अकॉर्डिंग होता है है ना वेवलेंथ कम उसका डिफ्लेशन ज्यादा जिसकी वेवलेंथ ज्यादा उसका डिफ्लेशन कम होता है तो ये जो फोटोग्राफिक फिल्म आपने यहां लगा राखी है इन कलर्स का जो इंप्रेशन इस फोटोग्राफिक फिल्म पे प्रोड्यूस हुआ है डेट इस नॉन एस स्पेक्ट्रम तो स्पेक्ट्रम अपने आप में और कुछ नहीं है ये कुछ वेवलेंथ का एक ऑर्डर है है ना आपने क्या किया है डिफरेंट डिफरेंट फ्रीक्वेंसी की लाइट को डिफरेंट डिफरेंट फ्रीक्वेंसी की कलर्स को आपने क्या किया एक एक पर्टिकुलर ऑर्डर में अरेंज कर दिया और डेट पर्टिकुलर अरेंजमेंट इस नॉन अज्पेक्ट हमारे सिलेबस में लाइट का स्पेक्ट्रम पढ़ना नहीं है लाइट का जो स्पेक्ट्रम होता है दादा वो कंटिन्यू उस होता है कंटिन्यू स्पेक्ट्रम का मतलब ऐसा है ना बीच में कहानी पर भी आपको डिस्कंटीन्यूटी नहीं दिखाई देगी एक पर्टिकुलर रेंज में साड़ी वेवलेंथ आपको प्रेजेंट होती है ये भी कैसा है कंटीन्यूअस लेकिन अगर मैं डिस्कंटीन्यूअस स्पेक्ट्रम की बात करूं तो वहां पर कुछ फ्रीक्वेंसी ऐसी होती है जो गायब होती है देख रहे हो यहां से यहां तक तो लाइट प्रेजेंट है लेकिन यहां पर इस पर्टिकुलर वेवलेंथ के कॉरस्पॉडिंग जो वेवलेंथ इस पर्टिकुलर कॉरस्पॉडिंग वेवलेंथ के कॉरस्पॉडिंग जो रेडिएशन है वो स्पेक्ट्रम में प्रेजेंट नहीं है तो डिस्कंटीन्यूटी ए गई है ये भी डिस्कंटीन्यूअस स्पेक्ट्रम के एग्जांपल्स हैं जो एटम के स्पेक्ट्रम होते हैं मॉलेक्युलिस के स्पेक्ट्रम होते हैं वो कभी भी कंटीन्यूअस नहीं होते वो हमेशा कैसे होते हैं डिस्कंटीन्यूअस स्पेक्ट्रम होते हैं जिसको आप डिस्कंटीन्यूअस स्पेक्ट्रम भी बोल सकते हो जिसको आप लाइन स्पेक्ट्रम भी बोल सकते हो देखो लाइन दिखे रही है ना लाइंस है ना लाइन दिखे रही है इनको लाइन स्पेक्ट्रम या फिर डिस्क कंटीन्यूअस स्पेक्ट्रम भी कहा जा सकता है तो ये जो लाइन स्पेक्ट्रम होता है वो दो तरह का हो सकता है एमिशन लाइंस स्पेक्टर और एब्सप्शन लाइंस स्पेक्ट्रम डिफरेंस आपको ध्यान में रखना है क्या एमिशन लाइंस स्पेक्ट्रम में क्या होगा बैकग्राउंड देखो बैकग्राउंड कैसा है ब्लैक है उसे पे आपको कलर लाइंस दिखाई देगी देख रहे हो आपको क्या होगा ये आपको ध्यान में रखना था एमिशन लाइंस स्पेक्ट्रम में क्या होगा जो बैकग्राउंड है वो डार्क रहेगा उसे पर कलर लाइट्स दिखाई देगी और वहीं पर अगर मैं अब्जॉर्प्शन लाइन स्पेक्ट्रम की बात करूं तो वहां पर कलर जो बैकग्राउंड जो है वो कलर है ब्राइट बैकग्राउंड है और उसे पर आपको डार्क लाइंस दिखाई देगी देख रहे हो डार्क लाइंस डार्क लाइंस डार्क लाइंस यह डार्क लाइंस यह बता रही हैं की इस पर्टिकुलर वेवलेंथ की जो रेडिएशन है उसको एटम ने अब्जॉर्ब कर लिया जितनी वेवलेंथ अब्जॉर्ब करेगा आइटम उतनी ही लाइंस आपको यहां पर दिखाई देगी यहां पर कलर लाइट का मतलब ये है की वो जो आपके पास एटम या फिर मॉलिक्यूल का सैंपल है उसने इस पर्टिकुलर वेवलेंथ की रेडिएशन को अमित किया है जितनी रेडिएशन विमित करेगा जितनी रेडिएशन विमित करेगा उतनी ही लाइंस आपको इसे स्पेक्टर में दिखाई देगी सो दिस इसे डी बेसिक डिफरेंस बिटवीन हमेशा लिनिस्पेक्ट्रम और अब्जॉर्प्शन लाइन स्पेक्ट्रम यहां से बात आई है हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की जो हाइड्रोजन का स्पेक्ट्रम होता है बेटा कैसा होता है एमिशन लाइंस स्पेक्ट्रम होता है यस आपके पास एक इलेक्ट्रॉन है जो की मां लेते हैं लोअर एनर्जी लेवल में प्रेजेंट था उसको जैसे एनर्जी मिली वो कहां गया n2 में चला गया हायर एनर्जी लेवल में चला गया साड़ी दुनिया जानती है एनर्जी ज्यादा स्टेबिलिटी कम इलेक्ट्रॉन को अपनी गलती का एहसास हुआ और इलेक्ट्रॉन वापस अपनी ग्राउंड स्टेट में आने की कोशिश करता है लोअर एनर्जी वाली स्टेट में आने की कोशिश करता है तो क्या करेगा वो कुछ रेडिएशन को अमित करेगा और जो रेडिएशन उसने अमित कारी हैं उन रेडिएशन को आपने एक प्रिज्म के थ्रू पास किया है और आपने स्पेक्ट्रम बनाया है जिसको आप लोगों ने एमिशन लाइंस स्पेक्टर बोला है यह जो हाइड्रोजन का स्पेक्ट्रम होता है इस स्पेक्ट्रम में डिफरेंट डिफरेंस लाइंस आपको दिखाई देती है डिफरेंट डिफरेंट सीरीज की लाइंस आपको दिखाई देती हैं वो कौन-कौन सी सीरीज होती है देखो ध्यान रखना लेमन सीरीज लेमन पाषाण ब्रैकेट फंड हम फ्री है ना ये डिफरेंट डिफरेंट सीरीज की लाइंस आपको दिखाई देगी इनमें इंपॉर्टेंट चीज यह है की जो लेमन सीरीज है वो अल्ट्रा वॉलेट रीजन में लाइक करती है बामर सीरीज विजिबल रीजन में और उसके बाद वाली साड़ी जो सीरीज है वो साड़ी की साड़ी इंफोर्ट रीजन में लाइक करती है जी आते इस हाइड्रोजन एटम ने जो रेडिएशन अमित कारी है जो रेडिएशन अमित कारी है अगर आप उनका वाव नंबर निकालना चाहे अगर आप उनका वन बाय लमदा निकालना चाहे फॉर्मूला आपके सामने है आर z² 1 / n1² - 1 / n2² जहां पर हमेशा ध्यान रखो n1 का वैल्यू कम होगा और n2 का वैल्यू ज्यादा होगा n2 होगा हायर एनर्जी लेवल यस अच्छा यहां पर जो आर है बेटा उसकी वैल्यू वन जीरो नाइन सिक्स डबल्स कांस्टेंट इसको बोला जाता है कुछ जगह पर इसको र भी लिखा होता है और ये वैल्यू किसमे आएगी सेंटीमीटर इन्वर्स में आएगी ये एक बहुत इंपॉर्टेंट फॉर्मूला है और यहां पर स क्या है स इसे योर एटॉमिक नंबर यस मेरी बात समझ में यह जो n1 और n2 की वैल्यू है ये डिफरेंट डिफरेंट लाइंस के लिए डिफरेंट होती है लेमन सीरीज की जब मैं लाइन कहता हूं इसका मतलब इसके लिए हमेशा और वन का वैल्यू वन होगा इलेक्ट्रॉन एक्साइड स्टेट से ग्राउंड स्टेट n1 = 1 में आता है तो लाइनमैन सीरीज अगर मैं बामर की बात करूं तो इसके लिए हमेशा n1 का वैल्यू तू होगा ब्रैकेट पैशन के लिए और वन का वैल्यू थ्री होगा एन तू कुछ भी हो सकता है है ना जैसे अगर मां लो इलेक्ट्रॉन फोर्स से वन में ए रहा है फोर से वन में ए रहा है इसका मतलब n1 हो गया है वन n2 हो गया फोर तो लेमन सीरीज के लिए n1 हमेशा वन होगा बामर के लिए n1 हमेशा 2 होगा पश्चिम के लिए हमेशा n13 होगा ब्रैकेट के लिए अंडमान हमेशा 4 होगा तो ये फॉर्मूला है आपके सामने इस फार्मूले को याद रखें और इस फार्मूले पे काफी सारे क्वेश्चंस आपको देखने को मिल सकते हैं बताइए ठीक है यहां पर स्पेक्ट्रम ऑफ हाइड्रोजन चलो फिर आगे चलते हैं इसके बाद नेक्स्ट आता है आपका बर्स एटॉमिक मॉडल जब आपका रदरफोर्ड एटॉमिक मॉडल फेल हो गया तो मार्केट में कौन आया फिर बर एटॉमिक मॉडल आया इसने बहुत अच्छी चीज बोली इसने क्या कहना था इसका सबसे बड़ी चीज ये कहानी थी की जब तक इलेक्ट्रॉन एक पर्टिकुलर पाठ पे घूमेगी तब तक उसकी एनर्जी मैं कोई चेंज नहीं आएगा अगर आपका इलेक्ट्रॉन लोअर एनर्जी स्टेट से हायर एनर्जी स्टेट में जाता है एनर्जी एब्सर्ब करेगा उसके एनर्जी बढ़ेगी तब उसके एनर्जी में चेंज आएगा अगर आप का इलेक्ट्रॉन एक्साइड स्टेट हायर एनर्जी लेवल से लोअर एनर्जी लेवल में आता है तो रेडिएशन को अमित करेगा उसके एनर्जी डिक्रीस करेगी लेकिन जब तक इलेक्ट्रॉन एक पर्टिकुलर पाठ पे घूम रहा है तब तक उसकी एनर्जी में टाइम के साथ कोई वेरिएशन नहीं आएगा साथ-साथ उसने एक बहुत बढ़िया चीज और बोली की जो एंगुलर मोमेंटम होता है जिसको एमबीआर से दिखाई हैं वो एंगुलर मोमेंटम हमेशा हा / 2 पी का एक इंटीग्रल मल्टीपल होगा मतलब एन की जो वैल्यू है वो 1 2 3 4 इस तरह से हो शक्ति है जो आपका आर्बिटल एंगुलर मोमेंटम होता है वो कभी भी 1.5 हा/2π नहीं हो सकता 3.5 / 3.5 हा / 2 पी नहीं हो सकता वो हमेशा हा / 2 पी का एक इंटीग्रल मल्टीपल होगा ये बहुत इंपॉर्टेंट चीज है इसको क्वानटाइजेशन ऑफ एंगुलर मोमेंटम भी कहा जाता है वो एटॉमिक मॉडल में कुछ और बहुत बढ़िया चीज की गई थी कौन क्या-क्या चीजें थी उसमें रेडियस का कैलकुलेशन किया गया अगर आपका इलेक्ट्रॉन अनाथ ऑर्बिट में घूम रहा है तो ऑर्बिट के रेडियस का फॉर्मूला आपके सामने लिखा है डायरेक्ट ये फॉर्मूला याद होना जरूरी है अनंत ऑर्बिट के रेडियस 0.529 * n² / जैन यहां पर ऑर्बिट नंबर है और स यहां पर एटॉमिक नंबर है साथ-साथ वेलोसिटी ऑफ इलेक्ट्रॉन उसका फॉर्मूला आपके सामने लिखा है और एनर्जी ऑफ इलेक्ट्रॉन एनर्जी ऑफ इलेक्ट्रॉन एनर्जी ऑफ इलेक्ट्रॉन फर्स्ट सेल सेकंड सेल थर्ड सेल जहां पर भी घूम रहा होगा उसकी एनर्जी का फॉर्मूला भी आपके सामने लिखा है माइंस 13.6 * z² / n² अगर आप इसको रूल में कन्वर्ट करना चाहें -2.18 * 10 तू दी पावर माइंस 18 इन स स्क्वायर बाय एन स्क्वायर जल पर एटम भी आप लोग लिख सकते हैं ये फार्मूले डायरेक्ट आपको याद होने जरूरी है के की अगर मैं बात करूं डायरेक्ट इस फार्मूले पे इतने सारे क्वेश्चन पूछे गए हैं तुम्हारा दिल खुश हो जाएगा की जैसे आपने फॉर्मूला याद कर लिया वो सारे के के क्वेश्चन आप बड़े आराम से सॉल्व कर पाओगे अच्छा साथ साथ इसकी कुछ लिमिटेशंस भी थी क्या इमिटेशन थी बर एटॉमिक मॉडल की सबसे पहले इमिटेशन यह थी की वह मल्टी इलेक्ट्रॉन एटम का स्पेक्ट्रम नहीं समझा पता ये सिर्फ और सिर्फ सिंगल इलेक्ट्रॉन जो स्पीशीज होते हैं जिसमें एक ही इलेक्ट्रॉन प्रेजेंट होता है उन्हें के लिए एप्लीकेबल था एक से ज्यादा इलेक्ट्रॉन के लिए ये वाला एप्लीकेबल मॉडल है एप्लीकेबल नहीं था दूसरी चीज ये मैन्युफैक्चरर को एक्सप्लेन नहीं कर पता जीमेल इफेक्ट का मतलब क्या है अगर आप स्पेक्ट्रेल लाइन को मैग्नेटिक फील्ड में से पास करो तो यह स्प्लिट हो जाति है है ना दिस इसे स्मॉल आगे वूमेन इफेक्ट लेकिन आपका बर एटॉमिक मॉडल इस गान इफेक्ट को एक्सप्लेन नहीं कर पाया यह स्टार इफेक्ट को भी नहीं समझा पता तार इफेक्ट क्या होता है जब आपकी एन स्पेक्ट्रेल लाइंस को आप इलेक्ट्रिक फील्ड में से पास करते हो तो स्पेक्ट्रेल लाइंस स्प्लिट कर जाति हैं इसका एक्सप्लेन 20 के पास नहीं था अगर आपने हाय रिजॉल्विंग स्पेक्ट्रोस्कोपी से देखा तो एक्चुअली पता लगा की जो स्पेक्ट्रेल लाइंस होती हैं ये एक लाइन नहीं है है ना ये एक लाइन नहीं है ऐसी बहुत सी दो तीन लाइंस एक दूसरे के पास पास जुड़ी हुई है दो लाइंस हैं तो उसको डुप्लेट बोला गया तीन लाइन ऐसे उसको टिप्पलेट बोला गया इसका एक्सप्लेन भी बर के पास नहीं था बर के पास तो सिर्फ ये कहना था की अगर इलेक्ट्रॉन तू सेवन में ए रहा है तो एक रेडिएशन अमित करेगा एक लाइन आपको स्पेक्ट्रम में दिखाई देगी लेकिन एक्चुअली वो एक लाइन नहीं थी एक से ज्यादा लाइंस थी और वो बहुत पास-पास थी जो हाय रिजॉल्विंग जिसकी हाय पावर होती है जूमिंग पावर ज्यादा होती है उससे देखने पर ही पता ग रही थी तो उसका एक्सप्लेन भी इसके पास नहीं था और आगे जाके आएगा ईसन क कंजरवेटिव प्रिंसिपल इसका भी ये खतरनाक वॉयलेशन करता है कौन आपका बोर्ड एटॉमिक मॉडल कैसे करता है उसको भी हम लोग थोड़ी डर में देखने वाले हैं अब हम लोग आगे चल रहे हैं और बात करने वाले हैं ड्यूल नेचर ऑफ मटर की देखो इससे पहले हम लोगों ने पढ़ा ड्यूल नेचर ऑफ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन ड्यूल नेचर शो करती हैं पार्टिकल नेचर भी होता है वाव नेचर भी होता है वैसे ही एक साइंटिस्ट थे जिनका नाम था लुइस दी ब्रोग्ली उन्होंने कहा की पार्टिकल्स होते हैं माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल्स अगर मूव कर रहे हैं तो उनके साथ भी वे एसोसिएटेड होती है मतलब आपका जो मटर होता है उसका भी ड्यूल नेचर होता है वो भी पार्टिकल नेचर आज वेल आज वाव नेचर शो करता है है ना इलेक्ट्रॉन है वो मूव कर रहा है इलेक्ट्रॉन हम सब लोग जानते हैं की इससे पहले सिर्फ पार्टिकल नेचर की गई थी कंसीडर की गई थी इलेक्ट्रॉन की लेकिन जब दी ब्रोग्ली में ये बात बोली तो इलेक्ट्रॉन के लिए फिर वाव नेचर भी कंसीडर की जान लगी जो दी ब्रोग्ली वेवलेंथ होती है है ना जो पार्टिकल के साथ वेवलेंथ एसोसिएट होता है उसका फॉर्मूला होता है लामबीडीए = हा / बी एम है वेलोसिटी विद डी पार्टिकल उसका फॉर्मूला आपके सामने लिखा है यस इस फार्मूले को आप ऐसे भी लिख सकते हो लामबीडीए इस इक्वल तो हा / √2mke 2m काइनेटिक एनर्जी ये क्या है दादा काइनेटिक एनर्जी एम आपका मास है और काइनेटिक एनर्जी जो होती है चार्ज पार्टिकल के लिए काइनेटिक एनर्जी का फॉर्मेशन फॉर्मूला होता है के * वी क्यों स्टार्च वे इस एक्सीलरेटिंग पोटेंशियल क्या होता था ये एक्सेलरेटिंग पोटेंशियल अगर आप काइनेटिक एनर्जी की जगह ये वाला चीज लिख दो तो आपका जो लामबीडीए का फॉर्मूला बनेगा हा / √2m केवी जो की के में पूछा हुआ क्वेश्चन तो ये फार्मूले आपके सामने है इनमें से किसी भी फार्मूले के अकॉर्डिंग क्वेश्चन की जो डिमांड है उसके अकॉर्डिंग आप लोग दी ब्रोग्ली वेवलेंथ का फॉर्मूला कैलकुलेट दी ब्रोग्ली वेवलेंथ की वैल्यू कैलकुलेट कर सकते हो ध्यान में रखना है जब भी आप एम लेते हो एम हमेशा किलोग्राम में होना जरूरी है और वे तो आपका वही मी पर सेकंड अगर आप लोग तो लामबीडीए है वो भी आपको सी यूनिट में मिलने वाला है ठीक है ना यूनिट के साथ आपको छेड़खानी नहीं करनी है उसमें आपको गलती नहीं करनी है दूसरी चीज यह तो ड्यूल नेचर में हमने बात कारी यह जो दी ब्रोग्ली वेवलेंथ है आईटी इस सिग्निफिकेंट पर माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल्स ओनली माइक्रोस्कोपिक मतलब जो छोटे पार्टिकल्स हैं ऐसा क्यों अरे दादा एक बात बता लामबीडीए जो है वो एम है इसका मतलब लामबीडीए इसे इन्वर्सली प्रोपोर्शनल तू एम है जो आपके माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल्स होते हैं उनका मास बहुत कम होता है मास कम होगा तभी लमदा ज्यादा होगा लामबीडीए की वैल्यू इतनी होगी की उसको मेजर किया जा सके एक अप्रिशिएबल वैल्यू होगी जिसको मेजर किया जा सकता है वहीं पर अगर माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल है जैसे आप हो मैं हूं माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल का जो मास होता है बहुत ज्यादा होता है उसके साथ जो लामबीडीए एसोसिएट होता है उसका वैल्यू नेगलिजिबल होता है इसी वजह से हम लोग ऐसा बात कभी नहीं करते की एक बालक घूम रहा था उसके साथ इतनी लामबीडीए एसोसिएट दी नहीं क्यों क्योंकि जो बालक है वो कैसा है वो है माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल और उसके लिए दी ब्रोग्ली वेवलेंथ जो है वो सिग्निफिकेंट नहीं होती ठीक है ना तो ये कुछ फार्मूले हैं जो आपको ध्यान में रखना है इसके बाद हम लोग आगे बात करेंगे एक बहुत इंपॉर्टेंट चीज की जिसका नाम है हाइजेनबर्ग अनसर्टेंटी प्रिंसिपल क्या कहना था भाई साहब का बहुत बढ़िया चीज बोली इन्होंने इनका क्या कहना था की अगर आपका एक स्मॉल माइक्रोस्कोपिक मूविंग पार्टिकल है जैसे इलेक्ट्रॉन हो गया प्रोटॉन हो गया आपका अल्फा पार्टिकल हो गया छोटा माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल है जो मूव कर रहा है उसकी पोजीशन और उसका मोमेंटम 100% एक्यूरेसी के साथ एक पर्टिकुलर टाइम पे कभी भी कैलकुलेट नहीं किया जा सकता आईटी इस इंपॉसिबल तू मेजरसली डी पोजीशन और मोमेंटम ऑफ ए स्मॉल माइक्रोस्कोपिक मूविंग पार्टिकल विद एब्सलूट एक्यूरेसी और सर्टेनिटी उनके मेजरमेंट में हमेशा कुछ ना कुछ ऊणायूरेसी कुछ ना कुछ अनसर्टेंटी जरूर रहेगी और उसे अनसर्टेंटी के बड़े में भी इसने बता दिया की दलेक्स * एल्प ग्रेटर दें इक्वल्स तू हा / 4pi व्हाट इसे डी लेट इसे अनसर्टेंटी इन पोजीशन व्हाट इसे डेल्फी अनसर्टेंटी मोमेंटम और यही वाला जो फॉर्मूला है आगे जाके इसमें भी कन्वर्ट हो जाता है डायरेक्ट इन डेल्वी इसे ग्रेटर दें इक्वल्स तू हा / 4 / एम व्हाट इस डीलक्स अनसर्टेंटी पोजीशन व्हाट इसे दिल वे अनसर्टेंटी इन मोमेंटम और व्हाट इसे एम एम एस मास एस मास ऑफ पार्टिकल जो की किसमे होना जरूरी है क में होना जरूरी है इस फार्मूले पे काफी सारे क्वेश्चंस हैं जो पूछे जाते हैं जी में भी पूछे गए हैं है ना इसका एक्सप्लेन वगैरा की बात हम लोग अभी नहीं कर रहे वो डिटेल लेक्चर में हम लोग करते हैं अच्छा और ये वाला जो फॉर्मूला था ये वाला जो फॉर्मूला था ये जो प्रिंसिपल था ये भी सिर्फ और सिर्फ सिग्निफिकेंट था किसके लिए माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल्स के लिए क्योंकि अगर माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल है एम की वैल्यू बहुत कम होगी तभी जो आपके अनसर्टेंटी की वैल्यू होगी वो एक अप्रिशिएबल वैल्यू होगी जिसको आप मेजर कर सकते हो जिसको आप कैलकुलेट कर सकते हो डेट्स वही आईटी इसे एप्लीकेबल पर माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल्स ओनली दान अब एक चीज और खुद सोचो अगर आपका इलेक्ट्रॉन है और इलेक्ट्रॉन की पोजीशन और उसके मोमेंटम को अगर आप 100% एक्यूरेसी से मेजर नहीं कर सकते तो क्या आप इलेक्ट्रॉन के पाठ के बड़े में कोई इनफॉरमेशन दे सकते हो आप बोलोगे सर नहीं बात बताने के लिए इलेक्ट्रॉन की पोजीशन और वेलोसिटी दोनों एक पर्टिकुलर टाइम पे 100% एक्यूरेसी से मेजर हनी जरूरी है जो की पॉसिबल नहीं है इसका मतलब इलेक्ट्रॉन जो न्यूक्लियस के चारों तरफ घूम रहा है उसका एग्जैक्ट पाठ कभी भी बताया नहीं जा सकता लेकिन आपके जो वो भाई साहब हैं बोर्ड एटॉमिक मॉडल में वहां पर तो आपने रेडियस भी कैलकुलेट कर दी सब कुछ कैलकुलेट कर दिया इसी वजह से जो आपका बोर्ड एटॉमिक मॉडल था वो हजन वर्ग अनसर्टेंटी प्रिंसिपल को वायलेट करता है क्योंकि वहां पर एटम के फिक्स पाठ के बड़े में बात की गई थी यहां पर बोला जाता है फिक्स पाठ पॉसिबल है ही नहीं आप बता ही नहीं सकते इलेक्ट्रॉन का पाठ आप सिर्फ और सिर्फ इलेक्ट्रॉन की पे जान की प्रोबेबिलिटी बता सकते हो क्या बता सकते हो प्रोबेबिलिटी बता सकते हो यस तो मेरे हिसाब से यहां तक कहानी क्लियर है आपको चीज समझ में आई है इसके बाद जो इस चैप्टर में लास्ट एटॉमिक मॉडल है जिसके बड़े में हम लोग बात करने वाले हैं उसका नाम है क्वांटम मैकेनिकल मॉडल है ना ये लेटेस्ट मॉडल है जिसके बड़े में हमें पढ़ना होता है ये जो क्वांटम मैकेनिकल मॉडल है ये स्टडी करने दिया था 1926 और इसके लिए इनको नोबेल प्राइस के पुरस्कार से भी नवाज गया तो आप समझ सकते हो कितनी बड़ी टॉप कम किया होगा इन्होंने है ना और सबसे खास बात क्या है इसकी की ये वाला जायंटम मैकेनिकल मॉडल था ये पार्टिकल स वेल आज वाव नेचर ऑफ इलेक्ट्रॉन दोनों को कंसीडर करता है इससे पहले जितने भी एटॉमिक मॉडल थे सारे के सारे इलेक्ट्रॉन की सिर्फ और सिर्फ पार्टिकल नेचर को कंसीडर करते थे इस मॉडल में इलेक्ट्रॉन को एक थ्री डाइमेंशनल वाव माना गया है यस ये जो मॉडल है ये इक्वेशन पे बेस्ड है जिसको सोल्डिंग और वाव इक्वेशन भी बोला जाता है आपके सामने वो इक्वेशन लिखी है स्क्वायर प्लस दिल स्क्वायर प्लस 2 स्क्वायर प्लस 8 का स्क्वायर अपन x² ए - बी * साइज = 0 यहां पर जो ए है डेट इसे योर टोटल एनर्जी यस ये इलेक्ट्रॉन की टोटल एनर्जी की बात कर रहे हैं यहां पर जो वी होती है दादा वो होती है पोटेंशियल एनर्जी यस पोटेंशियल एनर्जी इसके अलावा बाकी साड़ी चीज आप लोग जानते ही हो हा प्लांस कांस्टेंट है एम मास है एक्स ए स जो है यहां यस एक्स ए स जो हैं डीज आर कोऑर्डिनेट्स ऑफ इलेक्ट्रॉन क्या है ये बी आर कोऑर्डिनेट्स ऑफ इलेक्ट्रॉन ठीक है और ये जो सही होता है दादा इसको बोला जाता है वाव फंक्शन साइको क्या बोला जाता है वाव फंक्शन ये जो वाव फंक्शन होता है इसका अपना कोई फिजिकल साइनिफिकेंस नहीं होता पहले मैं आपको बता डन एक इलेक्ट्रॉन से रिलेटेड जितने भी इनफॉरमेशन होती है वो आपके साइन में स्टोर रहती है ये जो आपकी सोल्डरिंगर वाव इक्वेशन है इसको आप एचसीएफ साइज इक्वल तू ए साइन इसमें भी लिख सकते हो ये इसकी शॉर्ट फॉर्म में एचसीएफ साइज इक्वल तू ए साइन यहां पर जो एचसीएफ होता है डेट इसे नॉन एस हेमिल्टो नियम ऑपरेटर इसको बोला जाता है हैमिल्टोनियन ऑपरेटर यस हेमिल्टो नियम ऑपरेटर अब जैसे हम लोग पढ़ के आए हैं हजन पर कंसर्टिनेटिव प्रिंसिपल हाइजेनबर्ग ने कहा की आप इलेक्ट्रॉन की एग्जैक्ट पोजीशन नहीं बता सकते लेकिन एटम के अंदर मां लो एटम के अंदर आपको बताना है की इस न्यूक्लियस से आर डिस्टेंस पे इलेक्ट्रॉन मिलने की प्रोबेबिलिटी कितनी है इलेक्ट्रॉन मिलने की प्रोबेबिलिटी कितनी है तो आपको क्या करना पड़ेगा इस पर्टिकुलर पॉइंट पे साइन स्क्वायर की वैल्यू निकालनी पड़ेगी किसी भी पर्टिकुलर पॉइंट पे प्रोबेबिलिटी ऑफ फाइंडिंग ऑफ इलेक्ट्रॉन जो होती है वो साइज स्क्वायर के डायरेक्टली प्रोपोर्शनल होती है किसी पर्टिकुलर पॉइंट में साइज स्क्वायर की वैल्यू जितनी ज्यादा होगी इसका मतलब उसे पर्टिकुलर जगह पर इलेक्ट्रॉन मिलने की प्रोबेबिलिटी उतनी ही ज्यादा होगी एटम के अंदर वो जगह जहां इलेक्ट्रॉन मिलने की प्रोबेबिलिटी मैक्सिमम होती है उसे जगह को क्या नाम दिया जाता है उसको बोला जाता है आर्बिटल यस तो इलेक्ट्रॉन मिलने की प्रोबेबिलिटी कहां मैक्सिमम होगी और विटल में मैक्सिमम होगी क्वांटम मैकेनिकल मॉडल में एक बहुत इंपॉर्टेंट टर्म है वो है क्वांटम नंबर्स किसी भी इलेक्ट्रॉन के एड्रेस के बड़े में जो इनफॉरमेशन देती है वो कर नंबर का सेट होता है एड्रेस ऑफ इलेक्ट्रॉन का मतलब ये हो गया इलेक्ट्रॉन कौन से सेल में प्रेजेंट है कहां सुशेल में है और साथ-साथ कौन से आर्बिटल में है उसकी स्पिन क्या है उसके बड़े में साड़ी इनफॉरमेशन आपको कहां मिलती है फोर नंबर का एक सेट होता है जिनको बोला जाता है क्वांटम नंबर्स सबसे पहले जो क्वांटम नंबर आई है वो प्रिंसिपल क्वांटम नंबर जिसको स्मॉल एन से दिखाए जाता है इसका वैल्यू एक पॉजिटिव वैल्यू होता है अमन तू थ्री फोर एक इंतजार वैल्यू होती है साथ-साथ इससे क्या पता लगता है इससे यह पता लगता है की इलेक्ट्रॉन आपके कौन से सेल में प्रेजेंट है अगर प्रिंसिपल क्वांटम नंबर वन है इसका मतलब इलेक्ट्रॉन फर्स्ट सेल में है तू है इसका मतलब सेकंड शैली में थर्ड है मतलब थर्ड शैली में इससे आपको एनर्जी ऑफ इलेक्ट्रॉन का भी पता लगेगा कैसे जो इलेक्ट्रॉन की एनर्जी होती है आईटी इस डायरेक्टली प्रोपोर्शनल तू डी प्रिंसिपल क्वांटम नंबर न्यूक्लियस से जितना दूर जाओगे इलेक्ट्रॉन की एनर्जी उतनी ही बढ़ेगी इससे आपको साइज ऑफ सेल के बड़े में भी पता लगता है साइज जो होती है वो भी डायरेक्ट प्रमोशन होती है प्रिंसिपल क्वांटम नंबर के एक पर्टिकुलर सेल में मैक्सिमम कितने इलेक्ट्रोंस हो सकते हैं 12 इलेक्ट्रोंस हो सकते हैं और एक सेल में मैक्सिमम आर्बिटल्स कितने हो सकते हैं n² हो सकते हैं ये दो छोटे-छोटे से फार्मूले हैं जिनको आप याद रख सकते हो फिर उसके बाद आता है एजीमूथल क्वांटम नंबर जिसको स्मॉल एन से दिखाए जाता है इसको सब्सिडियरी क्वांटम नंबर भी कहा जाता है साथ-साथ इसको आर्बिटल एंगुलर मोमेंटम क्वांटम नंबर भी कहा जाता है इससे क्या पता लगता है इससे हमें पता लगता है इलेक्ट्रॉन किसी सेल के कौन से सुबशेल में प्रेजेंट है किसी शैली के कौन से सब सेल में प्रेजेंट है अच्छा और साथ-साथ शॉप ऑफ भी सुबशेल के बड़े में भी आपको ये चीज ध्यान रखती है की एक पर्टिकुलर जिवन वैल्यू ऑफ एन के लिए ल का जो वैल्यू होता है वो जीरो तू एन माइंस वन होता है मतलब अलका जो वैल्यू होगा वो जीरो तू एन माइंस वन होगा खाने का मतलब ल और एन कभी भी इक्वल नहीं हो सकता ये एक बहुत इंपॉर्टेंट इनफॉरमेशन आपको पता हनी जरूरी है अच्छा यहां से देखो अगर मैं फर्स्ट सेल की बात करूं यस अगर मैं फर्स्ट सेल की बात करूं तो दादा उसमें एक ही सुबशेल प्रेजेंट होता है एक ही सुबशेल प्रेजेंट होता है जिसको आप लोग एफ सुबशेल्स कहते हो यस अगर मैं सेकंड शैली की बात करूं तो सेकंड शैली में दो सुशेल प्रेजेंट होते हैं दो सुबशेल्स प्रेजेंट होते हैं एक एस और पी सुबशेल अगर मैं थर्ड शैली की बात करूं तो थर्ड शैली में तीन सुबशेल्स प्रेजेंट होंगे तीन सुबशेल्स प्रेजेंट होंगे कौन-कौन से एसपी और डी सुबशेल और वैसे ही अगर मैं फोर्थ सेल की बात करूं तो उसमें कर सुबशेल प्रेजेंट होंगे एस पी दी और एफ जो आपका वैल्यू जीरो होता है ल का वैल्यू वन होता है पी सब सेल के लिए ल का वैल्यू तू होता है दी सुबशेल के लिए और ल का वैल्यू थ्री होता है अब सुबशेल के लिए उसके बाद आगे कहानी ग इसी तरह से चलती रहेगी ठीक है ये चीज आपको ध्यान में रखती है जो राइट अगर आपको सुबशेल का पता ग गया फिर उसके बाद हम नेक्स्ट बात करेंगे उसका नाम है क्या मैग्नेटिक क्वांटम नंबर जिसको एम से दिखाए जाता है ये क्या बताती है इलेक्ट्रॉन की ओरियंटेशन के बड़े में बताती है प्रेफर्ड ओरियंटेशन या फिर जिसको मैं क्या बोल सकता हूं आर्बिटल के बड़े में बताती है आपका जो एम का वैल्यू होता है ये माइंस सेल्फ से प्लस सेल होता है इंक्लूडिंग इंक्लूडिंग जीरो इंक्लूडिंग जीरो जितनी ल की वैल्यू होती है जितनी एम की वालुज होती हैं उतने ही नंबर ऑफ आर्बिटल्स प्रेजेंट होते हैं जैसे अगर मैं बात करूं ए = 1 ल = 1 मतलब पी सब सेल और पी सब सेल में एम की कितनी वालुज पॉसिबल है -1 0 + 1 लिखा है ना माइंस l2 + ल - 1 + 1 इंक्लूडिंग जीरो एम की तीन वैल्यू उसे पॉसिबल है इसका मतलब तीन आर्बिटल्स पॉसिबल है यस पी सुबशेल में तीन आर्बिटल्स पॉसिबल है अगर वैसे ही मैं बात करूं डी सब सेल तो दी सुबशेल में एम की पांच वालुज होगी उसमें पांच आर्बिटल्स प्रेजेंट है यस अगर मैं बात करूं एफ सुबशेल तो एफ सुबशेल में एम की साथ वैल्यू उसे पॉसिबल है -3 से +3 इंक्लूडिंग जीरो इसका मतलब उसमें साथ और विटल्स प्रेजेंट है और वैसे ही अगर आपसे बोला जाए सुबशेल के बड़े में तो दादा अप सुशेल में सिर्फ और सिर्फ एक ही और विटल प्रेजेंट होगा एक ही आर्बिटल प्रेजेंट होगा ठीक है जो पी सुबशेल में तीन आर्बिटल्स प्रेजेंट होते हैं उनको पीसी पी और पी स से दिखाए जाता है ठीक है और जो दी सुबशेल में पांच और विटल्स होते हैं वो होते हैं डीएस बाय डी ए स दी जेडएक्स dx²y² और दी स स्क्वायर ये इनका रिप्रेजेंटेशन होता है बाकी के जो साथ आर्बिटल्स होते हैं ये इसके बड़े में हमें ध्यान में रखना नहीं होता एस सुबशेल जो होता है वो स्फेरिकल इन शॉप होता है पी सब सेल डबल इन शॉप होता है दी सुबशेल डबल डबल होता है और जो आपका अब्जॉर्प्शन होता है वो परिसर शॉप होती है इसके बड़े में हमें ध्यान नहीं रखना अच्छा फिर उसके बाद लास्ट क्वांटम नंबर आता है जिसको स्पिन क्वांटम नंबर एस से भी आप लोग दिनो कर सकते हो जैसे इलेक्ट्रॉन जो होता है इलेक्ट्रॉन अपनी स्क्रीन पे भी घूमता है और इलेक्ट्रॉन न्यूक्लियस के चारों तरफ भी घूमता है अपनी स्पिन पे इलेक्ट्रॉन बहुत सारे ऐसे घूम सकता है एक तो क्लाकवाइज और दूसरा एंटीक्लाकवाइज तो इलेक्ट्रॉन किस और एंटीक्लाकवाइज पी को बताने के लिए उसे किया जाता है स्पिन क्वांटम नंबर स्पिन क्वांटम नंबर की दो वालुज पॉसिबल हो शक्ति है एक तो प्लस हाफ या फिर एक माइंस हाफ ठीक है इलेक्ट्रॉन का इनमें से दोनों में से कोई भी एक स्पिन पॉसिबल हो सकता है ठीक है ना इसको कई बार स्पिन अप और स्पिन डॉ इस तरह से भी दिखाए जाता है ऐसा कोई जरूरी नहीं है की इलेक्ट्रॉन अगर क्लाकवाइज घूम रहा है तो उसका प्लस हाफ होगा या फिर एंटी क्लाकवाइज गुमराह तो माइंस हाफ होगा ऐसा कोई जरूरी नहीं है अगर क्लाकवाइज में आप प्लस आप मां रहे हो तो एंटी क्लॉक वाइस मैं आपको माइंस मानना पड़ेगा ठीक है अगर मैं एक पर्टिकुलर आर्बिटल की बात करूं तो एक आर्बिटल और मैक्सिमम दो इलेक्ट्रॉन ए सकते हैं लेकिन खास बात क्या है उन दोनों इलेक्ट्रॉन का जो स्पिन है वो अपोजिट होना जरूरी है ये इसकी खास बात होती है दान बहुत बढ़िया अब यहां से एक बहुत इंपॉर्टेंट पॉइंट आता है जिसका नाम है लोड देखो न्यूक्लियस के अराउंड किसी भी एटम के अंदर एक रीजन ऐसा होगा एक जगह ऐसी होगी जहां पर इलेक्ट्रॉन मिलने की प्रोबेबिलिटी जीरो होगी जहां पर इलेक्ट्रॉन मिलने की प्रोबेबिलिटी जीरो होती है c² का वैल्यू जीरो होता है उसको बोला जाता है नोट यस यहां पर जो लोड होते हैं वो दो तरह के हैं जो आपको ध्यान में रखना हैं एक होता है बेटा रेडियल नोड और दूसरा होता है नोडल प्लेन यस एक होता है रेडियल मोड और दूसरा होता है नोडल प्लेन जिसको एंगल आर नोट कुछ जगह पर एंगुलर नोड भी लिखा होता है आपको फॉर्मूला पता होना जरूरी है यस रेडियल नोड का जो फॉर्मूला होता है बेटा उसका फॉर्मूला होता है एन - ल - 1 और जो नोडल प्लेन है उसका फॉर्मूला एंगुलर नोड का फॉर्मूला होता है ल ये चीज आपको ध्यान में हनी जरूरी है ठीक है अच्छा जैसे अगर मैं वंस की बात करूं अगर आप वंस की बात करोगे तो 1s में एस मतलब ल का वैल्यू जीरो है उसमें कोई एंगुलर नोट प्रेजेंट नहीं होता उसमें सिर्फ और सिर्फ क्या प्रेजेंट होता है एक रेडियल नोड यस इसमें रेडियल नोड कितने आएंगे एक रेडियम मोड आएगा आप चाहे तो चेक कर सकते हो वन नहीं रेडियल लोड भी कितना होगा जीरो होगा ज्यादा है ना एन की वैल्यू वन ल जीरो तो वन माइंस वन कितना हो जाएगा जीरो हो जाएगा अगर आप इसके लिए साइन स्क्वायर और आर का ग्राफ बनाते हो अगर आप इसके लिए साइज स्क्वायर और आर का ग्राफ बनाते हो तो क्योंकि इसमें कोई नोट प्रेजेंट नहीं है इसमें कोई नोट प्रेजेंट नहीं है इसका मतलब साइज स्क्वायर का वैल्यू जीरो नहीं होगा कभी जीरो नहीं होगा भाई साइज स्क्वायर जीरो कब होता है जब लोड प्रेजेंट होता है इसमें नोट नहीं है मतलब साइज स्क्वायर का वैल्यू जीरो नहीं होगा ठीक है अगर वही चीज मैं 2s के लिए बनाऊं 2s में सिर्फ और सिर्फ रेडियम मोड है कितना एक अगर एक रेडियल नोड है इसके लिए साइन स्क्वायर और आर का ग्राफ बनोगे साइज स्क्वायर और आर का ग्राफ बनोगे तो ये ग्राफ एक बार जीरो होगा ये देखिए ये वाला जो चीज है यहां पर साइज स्क्वायर जीरो है स्क्वायर जीरो होने का मतलब इसमें एक नोट प्रेजेंट है मेरी बात आपको समझ में ए चुकी है वैसे अगर मां लो मैं 2p के लिए ग्राफ बनाओ तथा 2p के लिए अगर आप रेडियल मोड निकलोगे ना तो वो होगा जीरो और एंगुलर मोड होगा वन या फिर नोडल प्लेन होगा वन जो 2p का ग्राफ होगा पी सुबशेल का जो ग्राफ होता है हमेशा ध्यान रखो पी का ग्राफ हमेशा यहां से स्टार्ट होता है क्यों क्योंकि यहां पर ल = 0 आर = 0 पर बंता है एंगुलर मोड इस वजह से 2p का ग्राफ अब देखो इसमें एंगुलर मोड ये रहा अब उसके बाद रेडियल लोड नहीं है ग्राफ इस तरह से आएगा यस अगर वहीं पर मां लो यही से ग्राफ यही से ग्राफ मैं 3p के लिए बनाना चाहूं अगर यही से ग्राफ में 3p के लिए बनाना चाहूं तो इसमें रेडियल नोड एक है और एंगुलर नोट भी एक है एंगुलर नोड हमेशा कहां बंता है न्यूक्लियस पे बंता है ये रहा अब एक रेडियम लोड है इसका मतलब एक बार जीरो होगा खत्म है ना ये रहा आपका एंगुलर मोड और गधा ये है आपका रेडियल लोड मेरी बात आपको शायद समझ में ए चुकी है तो ये वाला कॉन्सेप्ट होता है जो आपको ध्यान में रखना होता है दान साइन स्क्वायर और आर का ग्राफ अगर यही से चीज आप सही और आर का ग्राफ बनाना चाहते हो तो साइज स्क्वायर का वैल्यू हमेशा पॉजिटिव होगा सही का वैल्यू सही और आर में अगर इसी के लिए सही और आर का वैल्यू ग्राफ मुझे बनाना हो मां लो आपसे बोले सही और आर का ग्राफ बना तो बताइए ग्राफ इस तरह से बनेगा बस प्लस माइंस है ना ये ग्राफ इस तरह से बनेगा प्लस और माइंस ये प्लस माइंस प्लस माइंस अल्टरनेट इस तरह से चला है ठीक है ना तो लेकिन ये वाली जो चीज इनफॉरमेशन है ये इंपॉर्टेंट है इस पे जनरली क्वेश्चन पूछे जा सकते हैं आपको ये चीज पता हनी जरूरी है इसके बाद हम लोग बात करेंगे एनर्जी ऑफ इलेक्ट्रॉन की देखो एनर्जी ऑफ इलेक्ट्रॉन दो अलग-अलग कैसे में देखते हैं पहले है हाइड्रोजन और हाइड्रोजन लाइक स्पीशीज मतलब जिसमें एक ही इलेक्ट्रॉन प्रेजेंट हो अगर इलेक्ट्रॉन की एनर्जी की बात करें तो उसके एनर्जी सिर्फ और सिर्फ प्रिंसिपल क्वांटम नंबर की वैल्यू पे डिपेंड करती है जैसे अगर मैं लिखूं 1s 2s 2p 3s 3p 3d तो जहां-जहां वंस के एनर्जी सबसे कम होगी 2s और 2p दोनों की एनर्जी से होगी 3s 3p 3d इनके एनर्जी से होगी लेकिन ये कब होगा ये सिर्फ और सिर्फ तब होगा जब एटम के अंदर एक ही इलेक्ट्रॉन प्रेजेंट हो उसे कैसे में अगर मल्टी इलेक्ट्रॉन स्पीशीज हैं तो मल्टी इलेक्ट्रॉन स्पीशीज के कैसे में आपकी जो एनर्जी होती है और विटल की वो एन और ल दोनों की वैल्यू पे डिपेंड करती है अब एनर्जी में फॉर्मूला आता है एन + ल रूल या फिर बोरिस रूल इसके अकॉर्डिंग एनर्जी निकाल जाति है इसने क्या कहा इसमें ये बोला जाता है की एन + ल की वैल्यू जितनी ज्यादा होगी एन + ल की वैल्यू जितनी ज्यादा होगी एनर्जी भी उतनी ही ज्यादा होगी जैसे अगर मैं आपसे पूछूं 1s पावर टूल्स इसका एन = 0 तो एन + ल हो गया वन यहां पर एन + ल आएगा तू एनर्जी किसकी ज्यादा है 2s की एनर्जी ज्यादा है अगर मैं आपसे पूछूं 2s और 2p 2p के लिए एन = 2 और ल = 1 तो एन + ल ए गया थ्री इसका मतलब इसकी एनर्जी ज्यादा होगी तो एन + ल जितना ज्यादा एनर्जी उतनी ज्यादा लेकिन अगर मां लो मैं तुमसे पूछूं 2p और 3s इसका एन + lb3 इसका एन + lb3 अगर एन + ल से हो जाए तब कैसे एनर्जी निकले तो बात ये आई है की जिसका एन बड़ा उसका एनर्जी ज्यादा होगा इसका एन बड़ा है तो इसकी एनर्जी ज्यादा होगी लेकिन ये तब होगा जब एन + ल का वैल्यू से होगा उसकी इसमें ये वाली टर्म ये वाली चीज आपको उसे करनी है दें मेरे हिसाब से कहानी यहां तक क्लियर है जब हमें एटॉमिक आर्बिटल्स की एनर्जी का ऑर्डर पता ग जाए तो फिर हम लोग इलेक्ट्रॉन को फाइल करते हैं एटॉमिक आर्बिटल्स में इलेक्ट्रॉन को फाइल करने के लिए कुछ रूल्स होते हैं कुछ रूल्स होते हैं जिनको हमें फॉलो करना पड़ता है उसमें सबसे पहले रूप है और वो प्रिंसिपल बहुत आसन चीज ऑफर है क्या बोला इसका ये कहना था की जहां जी आर्बिटल की एनर्जी कम होगी उसमें पहले इलेक्ट्रॉन जाएगा और इलेक्ट्रॉन जो होंगे वो एनर्जी के इंक्रीजिंग ऑर्डर में फाइल किया जाएंगे और विटल जो होंगे वो एनर्जी के इंक्रीजिंग ऑर्डर में फाइल किया जाएंगे किसने कहा यह चीज ऑफ बोन का ही पॉलिटिक्स एक्सक्लूजन प्रिंसिपल का यह कहना था की एक आर्बिटल में जो दो इलेक्ट्रॉन हैं वो से स्पिन वाले नहीं हो सकते उनका स्पिन अपोजिट होना जरूरी है इसको आप ऐसे भी का सकते हो की किन्हीं दो इलेक्ट्रॉन के लिए चारों क्वांटम नंबर का सेट कभी भी इक्वल नहीं हो सकता यस अच्छा सबसे लास्ट में आता था हंस रूल ऑफ मैक्सिमम मल्टीपलीसिटी दी जेनरेट जो एटॉमिक आर्बिटल्स होते हैं डिसेंट्रेट मतलब ऐसे एटॉमिक आर्बिटल जिनकी एनर्जी से हो तो मां लेते हैं ये तीन डिजनरेट एटॉमिक आर्बिटल्स हैं इनमें जब आप इलेक्ट्रॉन फाइल करोगे तो सबसे पहले एक-एक इलेक्ट्रॉन फाइल करना है विद सम स्पिन उसके बाद इलेक्ट्रॉन की पेयरिंग करवानी है और जब आप पेयरिंग करवाओगे तो उसे पी अपोजिट फूल करना है यस तो पेयरिंग तब तक नहीं होगी जब तक हर डीजल रेट आर्बिटल में एक इलेक्ट्रॉन नहीं चला जाता इन्हीं रूल्स को ध्यान में रखते हुए आप इलेक्ट्रॉन का इलेक्ट्रॉन एलिमेंट्स का इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन लिख सकते हो इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन का क्या मतलब है इसका मतलब है इलेक्ट्रॉन को आपको फाइल करना है डिफरेंट शेल्स सुवास और आर्बिटल्स में जैसे अगर मैं हाइड्रोजन की बात करूं इसका इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन 1s1 होता है हीलियम के पास दो इलेक्ट्रॉन हैं उसको आप 1s में दो इलेक्ट्रॉन फाइल कर सकते हो 1s2 हो जाएगा अगर मैं लिथियम की बात करूं तो इसमें तीन इलेक्ट्रॉन होते हैं 1s2 2s 1 हो जाएगा है ना अगर मैं ऑक्सीजन की बात करूं ऑक्सीजन का एटॉमिक नंबर आठ होता है आठ इलेक्ट्रॉन फाइल करना है 1s में दो 2s में दो और 2p में कर आएंगे यस मेरी बात समझ रहे हो अगर मैं सोडियम की बात करूं सोडियम का एटॉमिक नंबर 11 होता है 11 इलेक्ट्रॉन फाइल करने हैं वंस में दो 2s में दो 2p में छह 3s में एक यस आप सब लोग जानते हो एस सुबशेल में मैक्सिमम दो इलेक्ट्रॉन ए सकते हैं पी सुबशेल में मैक्सिमम छह इलेक्ट्रॉन ए सकते हैं दी में मैक्सिमम 10 इलेक्ट्रॉन ए सकते हैं और एफ में मैक्सिमम 14 इलेक्ट्रोंस ए सकते हैं ये चीज आपको पता हनी जरूरी है यस यहां पर एक और फॉर्मूला था जो हम लोगों ने मिस कर दिया था शायद यह ध्यान में रखना है आर्बिटल एंगुलर मोमेंटम है ना ये वाला फॉर्मूला मिस किया हमने और विटल एंगुलर मोमेंटम का जो फॉर्मूला होता है ना वो होता है बेटा अंदर रूट ल * ल + 1 हा / 2π यहां पर ल क्या है अल इस योर आगे मेथनल क्वांटम नंबर ल क्या है अल इस योर एजीमूथल क्वांटम नंबर तो आर्बिटल एंगुलर मोमेंटम जो होता है किसी भी इलेक्ट्रॉन के लिए उसका फॉर्मूला ये होता है एकदम से मुझे याद ए गया तो मैंने आप लोगों को बता दिया ठीक है ऐसे ही जब आप इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन लिखोगे आप डिफरेंट डिफरेंट एलिमेंट्स इलेक्ट्रोंस को आप फाइल करोगे डिफरेंट डिफरेंट आर्बिटल्स में तो आप लोग देखोगे की क्रोमियम और कॉपर का जो इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन है जैसा होना चाहिए वैसा नहीं मिलेगा जो क्रोमियम होता है दादा उसका एटॉमिक नंबर होता है 24 और इसके अकॉर्डिंग अगर आप इलेक्ट्रॉन फाइल करोगे तो होना चाहिए था 3s2 4s2 34 लेकिन एक्चुअली इसका जो इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन होता है वो होता है 4s1 3d5 ये वाला इलेक्ट्रॉनिक कंफीग्रेशन सही होता है वैसे अगर मैं कॉपर की बात करूं तो कॉपर का एटॉमिक नंबर बेटा 29 होता है अगर आप इसका इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन लिखोगे एक्चुअली तो वो ये होना चाहिए था लेकिन जो होता है वो ये है 4s 13 दी 10 क्यों क्योंकि देखो आप लोगों ने शिखा है की दी में पांच आर्बिटल्स होते हैं पांच आर्बिटल्स होते हैं यहां पर है हाफ फील्ड ये कैसा है दादा हाफ फील्ड और ये है फूली फील्ड 10 इलेक्ट्रॉन रेडी में वो है फूली फील्ड ऐसा कहा जाता है की हाफ फील्ड और फूली फील्ड आर्बिटल्स होते हैं उनकी स्टेबिलिटी ज्यादा होती है वो ज्यादा स्टेबल है इसी वजह से इस कंफीग्रेशन की बजे ये वाला कॉन्फ़िगरेशन ज्यादा स्टेबल है इस कॉन्फ़िगरेशन की बजे ये वाला कॉन्फ़िगरेशन ज्यादा स्टेबल है बात ये आई है की क्यों ज्यादा स्टेबल होते हैं उसका रीजन है एक्सचेंज एनर्जी देखो होता क्या है अगर मैं d5 की बात करूं यस अगर मैं d5 की बात करूं तो बेटा पांच इलेक्ट्रॉन हैं ये पांच इलेक्ट्रॉन का स्पिन से है से स्पिन वाले इलेक्ट्रॉन की खास बात क्या होती है की वो अपनी पोजीशन को दूसरे इलेक्ट्रॉन के साथ एक्सचेंज कर सकते हैं हर एक्सचेंज में कुछ एनर्जी रिलीज होती है और जो एनर्जी रिलीज होती है इस को एक्सचेंज करना जी बोला जाता है जितनी ज्यादा एनर्जी रिलीज होगी स्टेबिलिटी उतनी ही ज्यादा होगी तो d5 और दी 10 कॉन्फ़िगरेशन में ये जो एक्सचेंज एनर्जी की वैल्यू होती है ज्यादा होती है इसी वजह से ये d5 और दी 10 कॉन्फ़िगरेशन ज्यादा स्टेबल होता है और सबसे लास्ट में स्टेबिलिटी का रीजन है सिनेमैटिक डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ इलेक्ट्रोंस की इन दोनों में ही इलेक्ट्रोंस का डिस्ट्रीब्यूशन सिमिट्रिक है d5 मतलब हर आर्बिटल में एक-एक इलेक्ट्रॉन है d10 मतलब हर एक आर्बिटल में दो दो इलेक्ट्रॉन हैं सिनेमैटिक डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ इलेक्ट्रॉन और साड़ी दुनिया जानती है की सिमेट्री लीड्स तू स्टेबिलिटी तो ये रीजन होता है इनकी ज्यादा स्टेबिलिटी का ठीक है चलिए फिर इसी के साथ हम लोगों ने यह वाला जो चैप्टर है यह भी कर कर लिया लगभग 1 घंटा हमें इसमें टाइम लगा है इस चैप्टर को कंप्लीट करने में है ना हालांकि ये चैप्टर अपने आप में बहुत सारे क्वेश्चंस हैं इसमें और और भी बहुत साड़ी थिअरीज हैं लेकिन उसको वन शॉट में विदीन 1 ओवर मन मैप की फॉर्म में जितना ज्यादा अच्छे तरीके से हम लोग कर सकते थे उतने कोशिश मैंने इस वाले सेशन में कारी है उम्मीद करता हूं एक चैप्टर का पूरा फ्लो आपको पता ग गया होगा फार्मूले आपको पता ग गए होंगे कौन सी चीज आपकी वीक है कौन से स्ट्रांग है यह चीज आपको पता ग गई होगी और यही मेरा मोटिव है इस सीरीज का तो थैंक यू सो मैच इस सेशन को देखने के लिए नेक्स्ट क्षेत्र में मिलेंगे हम लोग एक और फिजिकल केमिस्ट्री का सेशन लेक तब तक के लिए सारे लोग अपना ख्याल रखें खुश रहे हंसते- मुस्कुराते रहे और प्राइस जरूर करते रहे क्योंकि बेटा कम पढ़ने से चलेगा सिर्फ मुस्कुराने से नहीं नेक्स्ट क्लास में मिलते हैं तब तक के लिए टाटा बाय बाय लव यू जो