कि अ हेलो बच्चों आज हम केमिस्ट्री का क्लास 11 का सेकंड चाप्टर स्टार्ट करेंगे जो कि आईटीज़ी और नीट के पॉइंट से बहुत ही इंपोर्टेंट टॉपिक है एटोमिक स्ट्रक्चर हर साल इस टॉपिक में से दो और तीन या चार सवाल आपके competitive exam में आ जाते हैं, मैं फिर से बोला हूँ, दो, तीन या चार सवाल competitive exam में आते हैं, यह पूरा topic बहुत ही important है और काफी lengthy topic भी है, जो यह topic cover होगा बच्चो, atomic structure, सबसे पहले हम बात करेंगे, कि atom के जो sub atomic particles हैं, electron, proton, neutron, वो कैसे कैसे आए, उसके बा� उसके बाद हम quantum numbers पर discussion करेंगे और कुछ wave theory के बारे में भी study करेंगे तो आज first lecture है welcome you all a very good morning, very good afternoon, very good evening or very good night whenever you are watching me so आज हम start करते हैं बच्चो atomic structure और आज जो हम बात करेंगे वो sub atomic particles के बारे में करेंगे atomic structure ठीक है इस part से theoretical सवाल एक आ भी सकता है नहीं भी आ सकता है बड़ी ये basic है यही से start करोगे आप इस टॉपिक पर लगा रहे होंगे, लेकिन यह बारीबारी डाउट्स होंगे जो हम प्लीयर करेंगे अटॉमिक तरह की कहानी बहुत पुरानी है, आप सबको पता होगा कि पहले महारीशी कन्नद्र ने बोला कि हम सब पांच तत्व से बने हैं तो बच्चों, जो पहले जो रिकगनाइज्ड मॉडल आया था, वह जॉन डाल्टन का था डाल्टन अटॉमिक थ्यूरी, तो डाल्टन अटॉमिक थ्यूरी सबने क्लास 9, 10, 8, 6, 7 कहीं न कहीं पढ़ी होगी डाल्टन ने बोला क्या था कि the smallest fundamental particle in this universe is atom. अब देखो ये बात सही नहीं है. हम सबको पता है कि atom के अंदर भी particle है, electron, proton or neutron.
But John Dalton 1805 में ये बात नहीं जानते थे. उन्होंने कहा the smallest fundamental particle is atom. उन्होंने बोला atom can not be further subdivided.
ठीक है तो उस टाइम के साप से एक बड़ी discovery थी, atom आया, फिर molecules आया, ये सारी बातें start हुई होना. कि किस चीज से हम बने हैं इस बारे में लोग सोचना है स्टार्ट किये except for this religion or anything else की मतलब discovery स्टार्ट हो गई हम atom के अंदर गुशना शुरू किये molecules या किसी particle के अंदर जाना फिर John Dalton ने बहुत सी theories में बहुत सी points दिये Dalton atomic theory जो की fail कर गई on every step फिर भी एक बहुत बड़ी theory बहुत important breakthrough क्योंकि कोई अब exactly atom की बात करनी किसी ने ने स्टार्ट कर दी थी जैसे जॉन डाल्टर ने बोला था कि डिफरेंट एलिमेंट के आटम जान सो डिफरेंट एलिमेंट के आटम हमेशा डिफरेंट होंगे डिफरेंट एलिमेंट के आटम हमेशा डिफरेंट होंगे उनकी प्रॉब्लम नहीं से हो सकती उनका पास नहीं से हो सकता आज के जमाने में यह डिफरेंट नहीं लगती आप देखते हो आईजो बार्स आईजो बार्स डिफरेंट एलिमेंट के आटम जिनका मास बराबर होता है जॉन डांटन ने भी बोला कि सेम एलिमेंट के आटम हमेशा एक जैसे होंगे सेम एलिमेंट के आटम हमेशा एक जैसे होंगे आज के टाइम पर यह भी फ्लॉप हो गया आइजोटोप्स आ गए है ना अब हाइड्रोजन के ही दो आइजोटोप्स हैं प्रोटीयम भी है ड्य� उसके बाद बच्चों जो सबसे बड़ा breakthrough आने start हुआ वो तब आया जब सब atomic particle की discovery start हुई John Dantel का model करीब करीब 100 साल तक करीब करीब आप मालो 70-80 साल तक valid था और लोग उसको बहुत strongly belief कर रहे थे फिर John Dantel का model तब break हुआ जब हुई बच्चों discovery of electron discovery of electron तो इसका जो credit जाता है वो तो JJ Thompson को जाता है कि इन्होंने discovery की ठीक है ठीक है नाम इनका दिया हुआ नहीं नाम किसी और ने दिया था फिर भी डिस्कवरी का क्रिडिट यहीं को जाता है जेजे थॉमसम पर बहुत बड़ा वर्ल्ड शामिल होता गया आज भी हम इसी रेस में चल रहे हैं डिस्कवरी यहीं से तो शाट हुई ना तो इन्होंने experiment क्या किया था किस experiment से electron की discovery हुई थी तो आप topic डाल लो discovery of electron तो discovery of electron हुई थी बच्चों cathode ray tube से cathode ray tube तो cathode ray tube क्या है ठीक है एक बार आप इसका diagram देख लीजे मैं image आपको दिखा रहा हूँ ठीक तो जैसा कि बच्चों आप देख सकते हो कि यहाँ पे एक cathode है ज ठीक ह एक एलेक्ट्रोड है और एक एलेक्ट्रोड दूसरा है जो पॉजिटिव से कनेक्टेड है जिसको हम एनोड बोलते हैं यह जो पूरा एक ग्लास का ट्यूब दिख रहा है बच्चों इसको हम बोलते हैं डिस्चार्ज ट्यूब डिस्चार्ज ट्यूब ग्लास एक्सपेरिमेंट इसमें एक पंप लगा हुआ है जिससे हम इवेक्वेशन पंप बोलते हैं जिससे हम अंदर की गैस को सक करके भाग निकाले और कुछ भी प्रेशर अंदर मेंटेन कर सकें एज लो एस पॉसिबिल हम सारी गैस को सक करके एयर को सक करके बाहर निकाल लें और अंदर के प्रेशर को लो कर सके इसलिए पंप लगा रखा है ठीक है इसके अंदर हमने कोई भी गैस डाल दी इसके अंदर हमने कोई भी गैस डाल दी एवाक्वेशन पंप से प्रेशर को टेंट टू दी पार माइनस थ्री मिलीमीटर ऑफ मरकरी तक ले गए बहुत ही बहुत ही लो प्रेशर पर ले गए टेंट टू दी पार माइनस थ्री एमेम ऑफ एचजी तक ले गए ऐसा करने बच्चों हमने देखा अ और यह जो अब कैथोड और अनोड था इसको बहुत हाई पोटेंशियल से कनेट किया बहुत ही स्ट्रांग पोटेंशियल डिफरेंस करीब-करीब 1000 वोल्ड से कनेट कर दिया 1000 वोल्ड और ऐसा करने पर हमने देखा कि हमारे कैथोड से एनोड की तरफ एक इनविजिबल रेस जा रही थी तो हमको दिखाई तो नहीं पड़ी होंगी तो बच्चों पता ऐसे चला जो हमारा एनोड था एनोड के पीछे हमने एक फ्लूरेसेंट स्क्रीन लगा रखी थी अ पॉजिटिव टेमिनल के पीछे क्या लगा रही थी एक स्क्रीन लगा रखी थी जो कि फ्लोरोसिंट मटीरियल की थी फ्लोरोसिंट मटीरियल वो होते हैं जिन पे जब कोई पार्टिकल पड़ता है तो वो चमक जाते हैं ठीक तो वो लगातार चमक रहे थे जो एनोट के पी� तो आइए वापस देखते हैं तो जैसा कि मैंने बताया कि वो पार्टिकल कहां से आ रहा था कैथोड से तो नेगेटिव टर्मिनल से बच्चों निकल के कुछ पार्टिकल बाहर आ रहे थे वो तो मैंने भी बना लिया एलेक्ट्रॉन ठीक है और पॉजिटिव से लगा था एक एनोड ठीक है और नेगेटिव से लगा था कैथोड ठीक है ये सब डिस्चार्ज ठीक है और यहाँ पर लगा रखी थी fluorescent screen, इसके पीछे लगा रखी थी हमने fluorescent screen, ठीक है, fluorescent screen, जैसे zinc sulfide हो गया हमारा, ठीक, तो हमने देखा यह screen लगातार चमक रही है, तो इसका reason यह दिया गया कि यहाँ से electron की एक raise बनी होगी, यहाँ से कोई raise बनी होगी, किसी चीज की, और वो raise आक पर फू रेटेड एनोड तो यहां से एलेक्ट्रोन निकल किस पर मार रहे होंगे और यहां पर लड़ रहे होंगे अब आज आपको पता एलेक्ट्रोन तब नहीं पता था अभी होता कि आप बहुत हाई पोटेंशन लगाओंगे तो यह देखो एक मेटल की प्लेट अब रास्ते में एलेक्ट्रोन ज्यादा टकराये भी नहीं, क्यों नहीं टकराये? क्योंकि आपने प्रेशर कम कर रखा है, यही सवाल आता है कि प्रेशर लो क्यों किया? 10 to the power minus 3 mm of Hg का प्रेशर लिया, आपने very very low प्रेशर, हमारा प्रेशर क्या है असपास? 760 mm, तो आप ब इतने लोग प्रेशिप पर यह इजली मतलब है ऐसा नहीं है वेरी स्मॉल कांटिव तो यह बहुत ही तेज स्पीड में यहां से वेरी फास्ट मूविंग पार्टिकल्स निकले और इतने तेज थे कि यह इनविजबल दिखें इनका कोई कलर नहीं था और यहां कि दिखाई नहीं पड़ रहे हमने बोला क्या है यह रेज है और इस रेज का नाम बच्चों दिया गया कैथोड रेज तो कैथोड क्योंकि cathode rays positive terminal की तरफ attract हो रही थी, इसलिए बोल दिया गया कि cathode rays के उपर negative charge है, क्योंकि वो positive की तरफ भाग रही थी, फिर cathode rays की कुछ properties भी है, क्या-क्या properties है cathode rays की, जो-जो पता चली, कुछ properties पता चली, जैसे, पहली, they are negatively charged, तो बच्चों, क्यों negatively charged है, मेरे कहाल से आप समझ गये होंगे, निगेटिव से किस तरह भाग रही है?
पॉजिटिव की तरफ सेकंड पॉइंट वे ट्रेवल इन स्ट्रेट लाइन वे ट्रेवल इन स्ट्रेट लाइन अब बच्चों यह कैसे पता चला कि वह स्ट्रेट लाइन में चल रही है हमने क्या किया कैथोडरेज की रास्ते में एक ऑब्जेक्ट रख दिया ओपेक ऑब्जेक्ट है ना ओपेक को हिंदी में क्या बोलेंगे कि एक तो यह बताएगा कि वे बारे में प्रदान पर बहुत चोटे और बहुत लाइट होते हैं या ऐसा नहीं कि बड़े-बड़े साइकल के वील रखे हैं पैडल वाले बहुत ही चोटे पैडल वील बहुत ही लाइट बहुत ही लाइट हमने रास्ते में रखे तो हमने देखा पैडल वील घूमने लगे मतलब पैडल चलने लग पार्टिकल्स किसे बने हैं स्माल पार्टिकल्स है अगर नहीं बने होते तो काइनेटिक एनरजी कहां से आती बाई काइनेटिक एनरजी किसके पास होती है पार्टिकल्स के पास होती है जिसके पास मास हो हाफ एम बी स्क्वेर तो इन्होंने कहा कि they are made up of small particles तभी वो particle आके paddle भी पे मारता है और wheel घूम रहा है इतने conclusion हुए मेरे cathode rays के बारे में और भी बाते हुई हैं जैसे next point था अब जैसे they are negatively charged, ये पता करने का एक तरीका और था, क्या, they are deflected, they are deflected towards positive plate in electric field, ठीक है, हमने electric field apply की, discharge tube के उपर और नीचे, या सामने और पीछे, एलेक्ट्रिक फिल्ड क्या होती है बच्चों एलेक्ट्रिक फिल्ड होती है कि एक तरफ हमने बड़ी सी पॉजिटिव प्लेट डिस्टार्ज ट्यूब के बाहर जैसे मालो ये डिस्टार्ज ट्यूब है इसके बाहर तो जब कैथोर्डरेज ऐसे जा रही थी तो वो डेवियेट हो गई किस तरफ डेवियेट हुई पॉजिटिव प्लेट की तरफ जिसका मतलब क्या है देया नेगेटिवली चार्ज्ड तो ये डिफलेक्शन भी शो करती है अगला पॉइंट था दे इन मैगनेटिक फील्ड देट डिफरेक्टेड इन मैगनेटिक फील्ड मैगनेटिक फील्ड में डिफरेक्ट हुई आपने टेंट क्लास में पढ़ा होगा ना मैगनेटिजम पढ़ा था तो आपने पढ़ा था कि जब भी कोई चार्ज पार्टिकल मैगनेटिक फील्ड से अगली चीज जो बच्चों इनके बारे में थी वो यह थी they produce fluorescence they produce fluorescence fluorescence मतलब illumination जब zinc sulfide की screen पे वो पड़े तो चमक आने लगी जगा जगा पे so they produce fluorescence next property जो बच्चों इनकी पता चले property number 8 they produce x-rays अब ये different topic हो गया पूरा देखा गया जब fast moving cathode rays cathode rays are moving very fast very fast very fast when fast moving cathode rays strike a metal target of heavy atomic mass जब यही cathode ray एक भारी भरकम metal से टकराई तो x rays निकली x rays आपने पढ़ी होगी न जो आपका होता है ठीक है तो ये थारी properties थी किसकी cathode rays की और कैथोडरे के individual particle का नाम दिया गया electron कि cathode rays जिस particle से बनी हैं जो वो particle हैं जो cathode से negative से निकल के positive की तरफ जा रहे हैं जो illumination produce कर रहे हैं, जो paddle को घुमा रहे हैं, जो shadow को बना रहे हैं जिसमें kinetic energy है वो particle कौन से है electron and this is the discovery of electron पर रुको किया क्या इन्होंने, इन्होंने discharge tube के अंदर से gas को change कर दिया मतलब पहले कोई एक gas थी बाद में कोई दूसरी gas ले ली गैस को चेंज कर दिया अच्छे गैस को चेंज करने पर देखा गया ऑन चेंजिंग ऑन चेंजिंग द गैस और द एलेक्ट्रोड मटीरियल एलेक्ट्रोड के मटीरियल को भी चेंज किया एलेक्ट्रोड मटीरियल दोनों को चेंज किया गया एक साथ अलग-अलग सब कुछ change करके दिखा जा रहा है, कभी gas change कर रहे हैं, कभी electrode material, कभी दोनों को change कर दिया है the properties of cathode rays remain same मतलब cathode rays की property पे कोई फरक नहीं पड़ रहा है तुम gas को बदल दो, तुम electrode को बदल दो कहां से निकल रही हैं cathode rays, origin of cathode rays एलेक्ट्रोड कैथोड से निकल रही थी वो नेगेटिव वाले में पॉजिटिव वाला खीच के निकाल रहा था उसके आटम में से इसका तो कुछ एक पॉटेंट कंक्लूजियन निकलेगा इसका मतलब यह है इसका मतलब यह है कि यह मटेरियल पर डिपेंड नहीं कर लें मतलब यह सभी तरह के अटम में पाई जाने वाली कोई पार्टिकल है हम मटीरियल चेंज करने गैस चेंज करने अलेक्ट्रोड अभी आपके दिमाग चल रहा है गैस से क्या हो रहा है देखो गैस की भी कहानी है हर चीज का रीजन है आयोनाइजेशन की भी भी कहानी है होता क्या है यह गैस के पार्टिकल रास्ते में रास्ते में गैस के पार्टिकल यहां से एलेक्ट्रोन ठीक है मतलब गैस से भी थोड़ी-थोड़ी कैथोड रेस निकलती है कहा जाता है कैथोड रेस प्रोड्यूस आइनाइजेशन निकाल रहे हैं तो एलेक्ट्रोन कुछ गैस से भी निकल रहे थे मतलब गैस का निचर चेंज करने पर भी कहानी चेंज नहीं हुई क्योंकि भी एलेक्ट्रोन तो इन सब कंक्लूजियन से हमने बोला कि यह जो पार्टिकल्स थे यह जो एलेक्ट्रोन से द पार्टिकल्स आफ द पार्टिकल्स आफ कैथोड रेस और फंडामेंटल फंडामेंटल चीज है सब जगह पाए जा रहे हैं गैस चेंज करो एलेक्ट्रोड चेंज करो हर जगह पाए जा रहे हैं से भी कहा गया था क्या क्या किस तरह से कहा गया था किस तरह से कहा गया था किस तरह से ठीक है जजे थॉम्सन ने एक मेजरमेंट की थी जिसके विशेष ज्यादा फेमस हुए ठीक है यह मेजरमेंट ज्यादा फेमस क्या इन्होंने चार्ज और टू मास रेशियो नोट में डालेंगे इसको वेरी इंपोर्टेंट वेरी इंपोर्टेंट इन्होंने एक कैलिब्लेशन की चार्ज टू मास रेशियो की ठीक है इसके लिए एक पूरा मैगनेटिक फिल्ड एलेक्ट्रिक फिल्ड का सेटअप किया था जो कि आप स्लेबस में नहीं कि कैसे निकाला सम हॉट ही फाउंड चार्ज टू मास रेशियो ऑफ कैथोड रेस कैथोड रेस का जो चार्ज टू मास रेशियो को नियुक्त किया था ठीक है और जो charge to mass ratio था, charge to mass, आज के टाइम में इसको ऐसे लिखते हैं बच्चों, E बटे M, आप समझी रहे हो, E क्योंकि charge electron का है, mass M, ठीक है, वो बच्चों आया, 7, sorry, 1.75 into 10 to the power 11, अब उपर charge है बच्चों, charge की नूरती है coulomb, पर kg, 1.75 into 10 to the power 11 coulomb per kg, अब important कहानी सुनो एक बात बताओ अगर मैं gas change करूँ या cathode change करूँ क्या ये change होगा क्या ये change होगा नहीं क्योंकि electron है उसका charge वही रहेगा क्योंकि electron है उसका mass भी वही रहेगा particle तो वही है आप भी समझ गए हो तो एक चीज ये भी थी on changing the gas or the electrode material the E by M of cathode rays remained same तो जो E by M था जो charge to mass ratio था does it depend upon nature of gas डॉज डिपेंड अपने चरोफ गैस इट डॉजन्ट डॉजन्ट डिपेंड अपने मटीरियल ऑफ एलेक्ट्रोड इट डॉजन्ट द ई एम ऑफ कैथोड रेस रिमेन सेम नो मैटर वाटेवर विद नेचर ऑफ गैस वाटेवर विद नेचर ऑफ एलेक्ट्रोड विकॉस दिस अफ फंडामेंटल पार्टिकल एलेक्ट्रोन तो यह एक बड़ा हिट पॉइंट था इसी से कंक्लूड हुआ कि यह और यह विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष विशेष ओयल ड्रॉप एक्सपेरिमेंट मिलिकन ओयल ड्रॉप एक्सपेरिमेंट यह आपको समझ में तब आएगा जब आप 12 की मैंग्नेटिजम पढ़ लेंगे अभी इस प्रिवेशन बताते हैं, इन्होंने बताया क्या? मिलकन ने एक experiment किया, जिससे इन्होंने charge of electron निकाल लिया, और charge of electron इन्होंने conclude किया, 1.6 into 10 to the power minus 19 coulomb, इन्होंने ESU में बताया था, Electrostatic Unit, फिर, अब later on हम इसको, एक अच्छा यूनिट में लिखा है 1.6 इंटू 10 पार माइनस 19 आज की डेट में इसकी एक्सेप्टेड वैल्यू थोड़ी सी अलग है 1.602 कोई लोग बोलते हैं 6021 इंटू 10 पार माइनस 19 कूलम ठीक है धीमे-धीमे वैल्यू इंप्रूव हो रही है ठीक है निकाला है ठीक है कई बार हल्केफुल की कंपनीशन में मैच करने को आ जाता है अब तुमको चार्ज टू मास पता है और चार्ज भी पता है चार्ज मतलब E क्या आप मास ओफ एलेक्ट्रोन निकाल सकते हैं बिल्कुल आपको E बाई M पता है आपको E पता है यू केन फाइंड M तो फिर इसके बाद मास ओफ एलेक्ट्रोन निकाल लिया गया और मास ओफ एलेक्ट्रोन हमारा आया 9.1 इंटू 10 टू दी पार माइनस 31 केजी 9.108 है पर आप याद करने के लिए रखो इसको याद करने के लिए हमको ये पता था हमको ये पता था हमने दोनों values को use किया और mass of electron तो इस तरह से electron के बारे में सारी बाते हो गई electron की discovery cathode ray से हुई charge to mass ratio nature of gas और nature of electrode पर डिबेंड नहीं करता charge to mass ratio Thompson ने निकाला इसके अधिमिलकन ने charge निकाला फिर दोनों को मिला के हमने mass निकाला ठीक तो ये तो पहला subatomic particle था जिसकी discovery हुई इसके बाद जो अगली discovery थी बच्चों वो थी वो थी वो थी वो थी proton के अब क्योंकि डिस्चार्ज ट्यूब के एक्सपेरिमेंट इतने फेमस हो गये थे कि हर कोई इसी को ट्राय कर रहा था ठीक है जैसे अभी आजकल आप देख लो यूटूब पे जो चीज फेमस होती है जैसे बीबीकी वाइंस फेमस हुआ था लोग वैसे ही है ना यूमिन नेचर इस सेम जो चीज हेट होती है लोग उसके पीछे चल जाते हैं ना कि हम भी कर लेते हैं तो यहां भी चल रहा था कि सब डिस्ट्रार्ज ट्यूब पर लगे हुए थे अ प्रेशर चेंज कर रहा था, कोई गैस चेंज कर रहा था, कोई मटेरियर ऑफ एलेक्ट्रोड मतलब लगे हुए थे कि कुछ चें��� करके शायद कुछ और निकल आये तो प्रोटॉन की डिसकवरी का जो क्रेडिट जाता है ओन पेपर, वो ई गोल्डस्टीन को जाता है, अल्थो अभी भी आप अगर इसको गूगल करोगे, तो ये जेजे थॉम्सन के नाम से दिखाता है, पर जितने भी कॉम्टेटिव एक्जाम, यूपियस्टी वेक इन्होंने की हमारी प्रोटॉन की डिसकवरी वही डिस्टार्ज ट्यूब की कहानी इनकी पास भी थी डिस्टार्ज ट्यूब तो इन्होंने डिस्टार्ज ट्यूब में क्या क्या चेंज किये पहला चेंज इन्होंने किया इन्होंने गास का जो प्रेशर था वो उतना लो नहीं रखा 10 की पार माइनस 1 एमेम हजी और वहाँ चला था 10 की पार माइनस 3 एमेम हजी ठीक है दूसरी चीज इन्होंने क्या यूज़ की इन्होंने परफुरेटेड पर फॉर रेटेड कैथोड यूज किया वहां पर वह एनोड यूज करें तो ने कैथोड में छेद किया ने चोटे-चोटे होल थे वह किसमें किए कैथोड साइड में नेगेटिव साइड में ठीक है और यह हमारा पॉजिटिव साइड है और ने प्रेशर को थोड़ा सा गिरा दिया दो डिफरेंस थे ठीक है प्रेशर गिराने का मतलब गैस ज्यादा हो गई इसके अंदर ने मोर गैस मॉलिक्यूल प्रेशर कम हो गया सॉरी प्रेशर बढ़ गया है ने पहले प्रेशर टेंक के पास माइनस 3 मिलीमीटर था वैक्यूम के पास था करीब करीब जो थॉमसन के एक्सपेरमेंट तो करीब करीब वैक्यूम के पास था यहाँ प्रेशर फिर भी है तो यहाँ पर गैस के पार्टिकल्स थे ऐसा करने पर इन्होंने देखा कि कलरड रेज पर कलर रेस निकली पिछली बार इनविजिबल थी इस बार कलर रेस निकली अब दिखाई भी पड़ रही जाती हुई जो कि पॉजिटिव से नेगेटिव की तरफ भाग रही थी जो कि पॉजिटिव से किस तरफ भाग रही थी नेगेटिव की तरफ भाग रही थी कैसे पता चला इसके पीछे फ्लोरोसेंट मटीरियल लगा लिया कैथोड के पीछे और यह जाकर वहां पर पड़ी स्ट्राइक की और चमक गई इससे पता चला अब देखो कि यह निकलिटिव की तरफ जा रही है तो डेफिनेटली इन पर कौन सा चार्ज होगा पॉजिटिव चार्ज होगा कि कहां जा रही है निकलिटिव की तरफ तुम पर कौन सा चार्ज होगा पॉजिटिव चार्ज होगा अब इन रेस के बारे में बातें स्टार्ट हुई कैनाल नाम रखा क्योंकि कैनल की तरह इसमें से निकल जा रही थी तो नाम दे दिया कैनाल रेस ना कैनाल की तरह फ्लो करेंगे चम्मी रही थी दिखाई पड़ रही थी और फ्लोरोसेंस प्रोड्यूस कर रही थी और कहां से निकल रही थी एनोड से कैथोर तो एनोड रेस एनोड से कैथोर की तरफ कैथोड रेस कैथोड से अनोड की तरफ याद नहीं करता इसको कोई भी समझते हैं पढ़ते हैं प्यार से समझते हैं ठीक अच्छा अब इनकी प्रॉपर्टीज क्या थी हमारी अनोड रेस की तो पहली बात तो अनोड रेस की फर्स्ट प्रॉपर्टी देया मेडब ऑ� ठीक है पॉजिटिव चार्ज कैसे पता चला होगा एलेक्ट्रिक फ्लीड लगाई एक तरफ पॉजिटिव बड़ा सा लगा लिया बाहर ट्यूब के एक तरफ नेगेटिव तो देखा वह नेगेटिव इतर भाग रही थी मतलब चार्ज ठीक है बाकी सब वहीं रहेगा रिजन क्या है वह रिजन यह है क्या यह है क्या दिजार दिजार गैसियस आइंस अ ठीक है समझो यह कैथोड हमारा यह एनोड हमारा ठीक है ना ठीक है भाई यहाँ पर गैस के मॉलिक्यूट्स हैं आपने पोटेंशल लगाया बाहर से तो हुआ क्या कि गैस में से कुछ एलेक्ट्रोन बाहर निकला है कुछ एलेक्ट्रोन बाहर बाहर पिछली बार कम थे प्रेशर इतना लोग था कि पार्टिकल्स थे इन गैस के इस बार हो गए है तो हो क्या रहा है कि गैस के एलेक्ट्रोन बाहर निकल रहे हैं और बाहर निकल किस तरफ भाग रहे हैं एनोड की तरफ मतलब एलेक्ट्रोन सारे इस तरफ भाग रहे हैं ये कौन सी रेज हैं कैथोड रेज पॉजिटिव चार्ज पॉजिटिव चार्ज पॉजिटिव चार्ज पॉजिटिव चार्ज पॉजिटिव चार्ज ये किदर भागे कैथोड की तरफ नेगेटिव की तरफ नेगेटिव की तरफ नेगेटिव तरफ नेगेटिव तरफ और इसको क� एनोड से कैथोड की तरफ इनका ओरीजन क्या है गैसियस आयंस है कि गैस के जो आयंस है गैस के जो एटम्स है उसमें से बनी है ये ठीक है और कैथोड रेस कहां से निकली थी कैथोड रेस कहां से निकली थी एलेक्ट्रोड से अच्छा तो सारी प्रॉबरिटीज करीब करीब डिपेंड अपन नीचर ऑफ डिपेंड अपन नीचर ऑफ गैस टेकन इनकी जो प्रॉपर्टीज थी वह नीचर ऑफ गैस पर डिपेंड कर रही है आप भी समझ रहे हो यहां मैं हाइड्रोजन रखूंगा तो पार्टिकल छोटे होंगे हिल्या रखूंगा पार्टिकल एक चीज़ बहुत अच्छे समझो कि एनोड रेज प्रोटॉन से नहीं बनी है कई लोग यही सुचते हैं कैथोड रेज तो एलेक्ट्रॉन से बनी है पर एनोड रेज आणोड मेड अप प्रोटॉन यह बात याद रखना एनोड रेज आर नॉट प्रोटॉन्स एनोड रेज गासियस आइन्स होते हैं जो गास के आइन्स हैं वो मूफ कर रहे हैं तो यह बोल सकते हैं कि अगर हम इनका भी चार्ज टू मास रेशियो निकाले चार्ज टू मास रेशियो चार्ज टू मास रेशियो निकाले किसका एनोड रेस का चार्ज टू मास रेशियो तो इस विल डिपेंड अपन नेचर ऑफ गैस जो कि यह प्रूफ करता है कि यह फंड बाई साब एनोड रेस जिससे बनी है वो फंडामेंटल पार्टिकल नहीं वह सब में नहीं पाया जा रहा कुछ अलग कहां नहीं है सब में चार्ज आप एक बात कर रहे हैं और यहां गलती मत करना एनोड रेस अनॉर्मेड ऑफ प्रोटोन अमेड ऑफ गैसियस आयंस यह है वह लाइट होते हैं तो यहां तक की बातें चल रही थी बच्चों तो अब हम लेकर लगा कि यार ठीक है अब यह समझ में आया कि आटम होता है एटम के अंदर एक निगेटिव चार्ज है जो एलेक्ट्रॉन है और कुछ पॉजिटिव भी है जो सब गैस में अलग-अलग है तो तो experiment करते करते करते करते इन्होंने एक काम किया, इन्होंने देखा कि charge to mass ratio highest कब आ रहा है, कि इस गैस को लेने पर चार्ज टू मास रेशियो हाईएस्ट आ रहा है हाईएस्ट आ रहा है तो यह देखा जब इन्होंने लाइटेस्ट गैस ली जब इन्होंने लाइटेस्ट गैस ली है विच इस हाइड्रोजन इस जिसका मास सबसे मिनिमम तरफ की गैस है जब उसको यूज किया तो चार्ज टू मास रेशियो हाईएस्ट आ रहा है ठीक है आज की डेट में आपको पता हाइड्रोजन के अंदर होता क्या भाई एक प्रोटोन होता है और क्या होता है एक एलेक्ट्रोन होता है इसके अंदर न्यूट्रोन तो होता नहीं है तो जब हाइड्रोजन का यह आटम रहा होगा इसके अंदर एक प्रोटोन रहा होगा बाहर एक एलेक्ट्रोन रहा होगा आपने इधर यानि इस बार जो गैसिये साइन है इस केस ऑफ हाइड्रोजन इन केस ऑफ हाइड्रोजन अब लिख सकते हैं आप इन केस ऑफ हाइड्रोजन इन केस ऑफ हाइड्रोजन हाइड्रोजन के पास है क्या सिर्फ एक प्रोटोन बाकी कैसे से बहुत से प्रोटोन उते न्यूट्रोन होते हैं इन केस आफ हाइड्रोजन एनोड रेज एनोड रेज आर मेड अप ऑफ प्रोटोन अब हम बोल सकते हैं अब समझ लिया या कैथोडरिस हमेशा एलेक्ट्रोन से बनी पर एनोड रेज प्रोटोन से सिर्फ तब बनती है जवाब हाइड्रोजन को यूज करो अब आप बोल सकते हैं अनोडरेस आर मेडअप ऑफ प्रोटोन एंड इस चार्ज टू मास्ट रेशो एड इस मुमेंट इस हाईएस्ट है ठीक है क्योंकि मास्ट सबसे कम पढ़ रहा था ठीक है यह है डिसकवरी ऑफ प्रोटोन डिसकवरी ऑफ प्रोटोन कब हुई ठीक है, अच्छा, कैसे वो समझ गए ये बात, लॉजिकल कैसे हुआ सर की, यही प्रोटॉन है, हाइड्रोजन में एक एलेक्ट्रॉन था, वेरी गुड, जॉन डाल्टन ये बात बोल के गए है, कि आटम इस एलेक्ट्रिकली न्यूट्रल, सबको पता है आटम न्यूट्रल ह जेजे थॉमसन समझ गया थे, जेजे थॉमसन ने काफी पहले कंक्लूड कर दिया था कि एक और पार्टिकल है, पॉजिटिव भी और उसके बाद भी एक पार्टिकल है, क्योंकि आटम का मास जो था वो सही नहीं आ रहा था, अगर न्यूट्रोन और प्रोटोन और एलेक्ट् तो यार proton की थोड़ी बात करनी है तो कर लेते हैं proton के बारे में बात कर लें बच्चो proton का charge पता चला वही charge है जो electron का है बस plus positive है 1.6 into 10th power minus 19 coulomb और proton का जो mass है बच्चो तो approximately 1.625 1.625 into 10th power minus 27 kg ऐसे ही बोल सकते हो कि जो mass of proton है वो 1837 times of mass of एलेक्ट्रॉन है मतलब प्रोटोन एलेक्ट्रॉन से काफी गुनेंभारी है कितने गुनेंभारी है 1837 तो इतनी बातें पता चली प्रोटोन के बारे में तो अभी यहां डिस्कवरी कंप्लीट हुई किसकी एलेक्ट्रॉन की और प्रोटोन की अभी एलेक्ट्रॉन का कोई अतापता नहीं है 18th century 1890s 1880s यह सब चल रहा है अभी ठीक है एक्जैक्ट सेंचरी में याद नहीं कि कब कौन है कोई नहीं कहा नहीं पूरी तो अभी 1880-1890 यह सब समय चल रहा है ठीक है अच्छा इसी बीच ये सब बाते देखते हुए जेजे थॉम्सन ने प्रपोस कर दिया फर्स्ट सब अटॉमिक मॉडल आफ एटम जेजे थॉम्सन जिसके लिए उनको नोबल प्राइस मिला है मॉडल फेल किया है पर बात देखो न किस जमाने में ये बात कर दी नोने जेजे थॉम्सन प्रपोस सब एटॉमिक पार्टिकल्स के बारे में बता रहा है हाँ इनकी सोच थोड़ी अजीब थी आज की टाइम पे पर उस टाइम पे बहुत बड़ी बात थी इन्होंने बोला कि आटम इस मेड अप ओफ पॉजिटिव स्फिर क्या बोला क्या बोला क्या बोला आटम इस मेड अप ओफ पॉजिटिव स्फिर आटम पूरा पॉजिटिव स्फिर का बना है मतलब ग्रेंस है पॉजिटिव जैसे हमारी खीर होती है खीर दूद से बनी है तो खीर में दूध है वैसे अटम में पॉजिटिव चार्ज वैसे है पूरी तरफ स्प्रेड है एटम एक स्फियर है एटम एस फियर आप पॉजिटिव चार्ज मतलब उस स्फीर में पॉजिटिव चार्ज नहीं है, इस पॉजिटिव चार्ज के लिए है, पॉजिटिव चार्ज से ही कुछ कुछ कुछ दोत से ही बन रही है पूरी खीर, और उसके बीच में कहीं कहीं पे एलेक्ट्रोन ऐसे काजू किसमिस की ऐसे इसमें लेक्ट्रोन लगे हुए हैं ठीक है ऐसा इन्होंने कहा वह इसको आप इमेजिन कर सकते हो दो बड़े नाम इनके हैं प्लम पुडिंग मॉडल प्लम पुडिंग या वाटर मिलें मॉडल ठीक है वाटर मिलें सब समझ गए होंगे कि जो रेड पार्ट चार्ज है ठीक है तो ऐसा इन्होंने बताया इन्होंने यह भी बताया कि आटम इज एलेक्ट्रिकली न्यूट्रल एटम इज न्यूट्रल कैसा न्यूट्रल एलेक्ट्रिकली मतलब जितने प्रोटोन है उत्ते ही न्यूट्रोन है इन्होंने वाले जो प्रोटोन है वह पूरे में बिखरे हुए हैं एलेक्ट्रोन ऐसे इंबिरिटी इस फर्स्ट एटॉमिक मॉडल इसके लिए ही गॉट नोबल प्राइस और धीमे ध वाइट इस एटोमिक तो जेजे थॉमसन ने अपना मॉडल दे दिया कि भाई जो प्रोटोन से वह पूरे में स्प्रेड है पूरा मास जो है जो पूरा मास है जो प्रोटोन है वह स्प्रेड है कि मास तो प्रोटोन पर और एलेक्ट्रोन बीच-बीच में रहे थे एटम के ऊपर वह इस मॉडल को सपोर्ट नहीं कर रहे थे तो दिमे-दिमे लोग समझ कर कि यह मॉडल कहीं न कहीं पर कुछ बातें गलत है कि पूरा मास स्प्रेड है ठीक है तो यह सारी चीजें सही हुई जब बच्चों रदर फोड ने अपना एक एक्सपेरिमेंट क्लेम किया अरनेस्ट रदर फोड अलांग विथिस कलीग इन्होंने एक अपना एक्सपेरिमेंट क्लेम किया जो की था अल अल्फा पार्टिकल सब लोग जानते होंगे अल्फा पार्टिकल एक ऐसा पार्टिकल है जिसके ऊपर प्लस टू का चार्ज होता है जिसका मास चार टाइम आफ मास आफ प्रोटॉन होता है या फोर एम्यू भी बोल सकते हैं एक भारी पार्टिकल है आप ऐसे भी समझ सकते हो अटम में से जब एलेक्ट्रोन निकाल लोगे तो बचेगा क्या सिर्फ उसका न्यूक्लियस बचेगा हिल्यूम का न्यूक्लियस है तो चार्ज कितना हुआ प्लस टू प्रोटोन के वाशब मास कितना हुआ टू टू फॉर ठीक तो जो अल्फा पार्टिकल था यह है वी जो रेडियो अक्टिविटी के ऊपर डिस्कवरीज कर रही थी और पैसे कमा रही थी तो इनकी टीम ने इनको रिपोर्ट किया कि साहब हमने जब अलफा पार्टिकल को किसी मेटल की प्लेट पे मारा या किसी भी सबस्टेंस की प्लेट पे मारा तो अलफा पार्टिकल सीधे सीधे प्लेट के अंदर से निकल जा रहे अगर थॉम्सन का मॉडल सही होता कि पॉजिटिव चार्ज हर तरफ स्परेट किये हैं वो अंदर से नहीं निकल पाता अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अगर अ� जिसमें से हम alpha particle निकालेंगे इसको इन्होंने बोला source of alpha particle एक radioactive element ठीक है उसको एक box के अंदर डाल दिया लेड के box के अंदर ठीक है अब सामने इन्होंने एक gold का foil रखा gold का thin foil of gold उसके सामने रखा एक पतली सी paper एक पतला सा sheet रखा gold का ठीक है और इसके पीछे एक U shape में screen लगाई zinc sulfite की fluorescent material की एक screen लगा ली ठीक है फिर इन्होंने यहां से अलफा पार्टिकल एजिट कराए, वो अपने आप ही निकलेंगे क्योंकि रेडियो एक्टिव सब्स्टेंस है, अलफा, बीटा, गामा देता है, तो यह अलफा पार्� एक्सपेरिमेंट है तो रदफोर्ड इसको कर पाए क्योंकि इनका अलफा पार्टिकल पहले से एक्सपेरिमेंट्स इनके पास बहुत सारे चल रहे थे तो यह अलफा पार्टिकल गोल्ड फॉयल की शीट पर गए और कुछ ऑब्जर्व हुआ क्या-क्या ऑब्जर्व हुआ तो वह था इस ऑब्जर्वेशन ऑब्जर्वेशन बेसिस बनेंगे अल्फा पार्टिकल स्कैटरिंग एक्सपेरिमेंट का सो इस ऑब्जर्वेशन स्वर फर्स्ट नियरली नियरली 99.9% alpha particles passed undeviated मतलब जिस रास्ते से आ रहे थे उसी रास्ते से चले गए gold foil को चीरते हुए सामने जिस तरफ से आ रहे थे सामने जाके उन्होंने zinc sulfide की screen पे एकदम सामने spots बनाए nearly 99.9% इन्होंने करोडो alpha particle पे experiment किया एक दो पे नहीं second point सम अप दी अल्फा पार्टिकल्स, सम अप दी अल्फा पार्टिकल्स वर डिफलेक्टेड, वर डिफलेक्टेड बाई स्माल एंगल्स, यानि कुछ अल्फा पार्टिकल थोड़ा सा डिफलेक्ट हो गए, थोड़ा सा अपने रास्ते से बहग गए, सोर्स से, तो कुछ अल्फा पार्टिकल सीधे न जाकर डिफलेक्ट हुए, बहुत कम, ठीक है, पॉइंट नंबर थ्री, वेरी फ्यू, और इसका इन्होंने काउंट भी बताया, वन इन ट्विंटी थाउजन, अल्फा पार्टिकल रिटर्न्स बैक, रिटर्न्स बैक, या ये कि जो डिफ्लेक्ट हुए डिफ्लेक्ट बाई लार्ज एंगल या यह बोल दो डिफ्लेक्ट बाई 180 डिग्री कुछ अलफा पार्टिकल आए और लौट और वापस चले गए करीब-करीब 180 ऐसे ऐसे ठीक है तो यह कैसे पता चला होगा तो एक्सपेरिमेंट में चीज किताब में तभी तो उनको पता चाहिए कि अल्फा पार्टिकल पीछे हिट किया तो पीछे भी दिखा कि कुछ स्पॉट्स जहां पर आपने सोस रखा है कुछ स्पॉट्स के इस तरफ इस तरफ पीछे की तरफ आगे इस तरफ भी बन रहे हैं बैक साइड में इसका मतलब है कुछ अल्� तो इसके लिए आप यह वाली एक image देखें, देखें, इसमें दिखाया है कि क्या हुआ होगा अंदर, देखें, यह atom का picture इन्होंने सोचा, क्या picture सोचा इन्होंने atom का, कि atom में जो positive charge है, वो कहीं बीच में है, और पूरा का पूरा atom खाली है, अब पूरा का पूरा atom खाली है, कुछ पार्टिकल न्यूक्लेस के पास से आए होंगे या पॉजिटिव चार्ज के पास से निकले होंगे तो जो पॉजिटिव चार्ज के पास से निकले वह डिफलेक्ट हुए थोड़ा सा मतलब positive charge पूरे आटम में बिखरा हुआ नहीं है, बिखरा हुआ होता था सारे alpha particle deviate होते, वापस आते, कुछ ही वापस आये, मतलब positive charge बहुत छोटी जगे पे है, और ये जो छोटी जगे है, इसको Rutherford ने नाम दिया nucleus, और Rutherford को credit जाता है discovery of nucleus का, अगर आप discovery of nucleus इंटरनेट प नियुक्त ठीक है, image को देखिए, most part of the atom is empty, तभी तो maximum value for particle चले गए, दूसरा conclusion दिया, कि जो positive charge वो बहुत चोटी सी चगह में है, the positive charge is constituted in a very small space, बहुत चोटी चगह में है, और तीसरा conclusion इन्होंने क्या दिया, दिया तीसरा conclusion ये दिया कि जो positive charge ना वो heavy भी है क्योंकि alpha particle बहुत ही heavy particle है 4 amu का mass है वो किसी चीज से लड़कर वापस आ रहा है तो मतलब उसका भी mass जादा होगा जैसे मानलो एक cycle वाला है और तेजी cycle चला रहा तो वो भिड़कर वापस कब आएगा जब उसके सामने truck खड़ कि कुछ भारी सा है प्रोटोन और न्यूट्रोन मिलकर कुछ भारी है जिससे लड़का अल्फा पार्टिकल वापस आ गया तो तीन कंक्लूजियन यह दिया फर्स्ट मोस्ट पार्ट ऑफ द एटम इस एमटी सेकंड द पॉजिटिव चार्ज रिसाइड इन अ वेरी स्मॉल यह बताया द इंटायर पहली ले दें मोस्ट पार्ट ऑफ द एक्टम इज हॉलो यानि मैक्सिमम स्पेस एक्टम का हॉलो है एक खाली है सेकंड पॉइंट इन्होंने बताया बच्चों द पॉजिटिव चार्ज द पॉजिटिव चार्ज रिसाइड इज इन ए बेरी स्मॉल स्पेस एंड इस स्मॉल स्पेस ही टर्म एस न्यूक्लियस यह क्यों बोला क्योंकि कुछ ही अल्फा पार्टिकल डिफलेक्ट हो रहे थे वही अल्फा पार्टिकल डिफलेक्ट हो रहे थे जो पॉजिटिव चार्ज के आसपास पहुँच रहे थे थर्ड इसको ऐसे भी बोला था इन्होंने देर समथिंग कई किताब में लिखा हुआ है देर इस समथिंग वेरी है वीडियो वेरी है वीडियो इन एटम वह है वीचीज कहां पर है कहां पर है वह है वीचीज न्यूक्लियस पर है क्यों बोला ऐसा जैसे मैंने आपको चौथा पार्ट इन्होंने वही बोला कि number of protons is equals to number of electrons in a neutral atom तो यह पुछली थिओरी को follow किया ठीक है the positive charge, positive charge कौन है हम सबको पता है कौन है proton तो यह बात इन्होंने कही कि most part of the atom is hollow the positive charge proton resides in a very small space and that space is called nucleus नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस नूक्लियस न� इस वेरी वेरी स्माल कंपेर्ट टू ए टाइज ऑफ एटम तो इन्होंने साइज ऑफ न्यूक्लियस पर भी कमेंट किया कैसे किया एक्सपेरमेंट से देखा कितने अल्फा पार्टिकल डेविएट है कितने डेविएट हो रहे हैं तो उससे पता चल रहा था कि लो पॉजिटिव चार्ज बहुत छोटी जगह पर कितनी छोटी बच्चों मान लो अगर एटम का साइज हम बोलें 10 की पार माइनस 10 मीटर तो न्यूक्लियस का साइज बच्चों 10 की पार minus 15 meter, यानि nucleus इससे कितना चोटा है, या atom nucleus से कितना बड़ा है, 10 की पार 5 times बड़ा है, 1, 0, 0, 0, 0, 1, 2, 3, 4, 5, 1, 10, 100, 1000, 10, 1000, 1, 10, 100, 1000, 10, 1000, lakh, तो जो atom है, atom की size एक लाग गुना बड़ी है nucleus के size से, ठीक है, इसको लिखा मैंने ताकि imagine हो, एक लाग गुनी बड़ी है न्यूक्लियस से जैसे किताबों में दिया जाता है एंसीआटी में लिखा है कि न्यूक्लियस को अगर आप क्रिकेट बॉल समझो न्यूक्लियस को क्रिकेट बॉल तो जो ग्राउंड है ना जो एटम है वह ग्राउंड है जो एटम है वह ग्राउंड है वह ग्राउंड हर दिशा में 5 किलोमीटर लंबा है 5 किलोमीटर 5 किलोमीटर का आइडिया होगा कि अगर वह न्यूक्लियस आप एक बॉल समझो तो जो फील्ड है जो एटम है वह पांच-पांच किलोमीटर लंबा इतनी न्यूक्लियस इतनी बातें इन्होंने रदरफोड ने की फिर से देख लो सारे पॉइंट मोस्ट पार्ट ऑफ द एटम इस हॉलो पॉजिटिव चार्ज किसी छोटे से स्पेस में जिसको न्यूक्लियस पॉजिटिव चार्ज है भी है देश नूकलेस, size of nucleus is very small, size of nucleus कितना चोटा है अगर अगर अटम को 10 की पार minus 10 meter तो नूकलेस को 10 की पार minus 15 meter यानि अटम एक लाग गुना बड़ा है नूकलेस की साइज से। इन सारी conclusion के सिवा एक बहुत ही important point रदरफोड ने बताया है। जय जय थॉम्सन के model के एकदम opposite जिसके बारे में किताबों में बात होती है बहुत कम बहुत कम बात होती है वो क्या था? वह था जो आप क्लास 9th 8th से पढ़ते आ रहे हो most important जो point इन्होंने बताया most important point एक तो discovery of nucleus इनके नाम से है ये सबसे बड़ी चीज एक इन्होंने बताया electrons revolve in closed circular orbits around the nucleus अगर nucleus यहाँ पे है और nucleus में भी सिर्फ proton है, positive charge, तो electron इसके अगल बगल घूम रहा है, electrons revolve around the nucleus, इसके अगल बगल घूम रहा है, ठीक है, यह model आप compare कर सकते हो solar system से, rather 4K model को solar system model भी बोलते हैं, जैसे sun बीच में है और earth या planets इसके अगल बगल revolve कर रहे हैं, उसी तरह से proton बीच में है, एक बात मैं और बोलना चाहूंगा इस प्रेसिडेट आप जब ग्राविटेशन में प्लानेट के बारे में पढ़ोगे संगे बारे में पढ़ोगे और एनर्जी वगैरह पढ़ोगे कि क्या एनर्जी है का एनर्जी पोटेंशनल एनर्जी कौन सी फोर्स है वह सबकुछ यहां पर भी वैलिड होंगी विद डिफरेंट वेरियेबल्स पर कंसेप्ट से मतलब यह एनर्जी नोडी थी जो कि आज की date में आप competition हो जाओगी बहुत ही common हो गई है तो इनकी model को solar system model कहते हैं उनको है electron revolve कर रहे हैं proton की अगल बगल जबकि JJ Thompson ने बोला था कि electron ऐसे embedded हैं ऐसे ऐसे लगे हुए electron और positive charge पूरे में फैला हुआ है तो यार ये तो बात होगी तो alpha particle scattering experiment से ये बात कैसे कर सकता है कोई सोचो कैसे कोई alpha particle scattering experiment से यहां पहुँच सकता है पर एलेक्ट्रोन रिवॉल्व कर रहा है, ये बात कैसे की उन्होंने? पॉस करके सोचो, ये बात कैसे की कि एलेक्ट्रोन रिवॉल्व कर रहे हैं?
तो इसके बीचे रीजन समझाता हूँ मैं, मान लो ये एलेक्ट्रोन है और ये प्रोटोन है, बच्चों ये नेगेटिव चार्ज है, ये पॉजिटिव चार्ज है, पॉजिटिव चार्ज नेगेटिव चार्ज को अपनी तरफ खीचता है, सबको पता है, इलेक्ट्रोस्टाटिक फोर्स ऑफ अट्रैक्शन इलेक्ट्रोस्टाटिक फोर्स ऑफ अट्रैक्शन इसकी वजह से एलेक्ट्रोन को प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोटोन प्रोट यहां से उन्हें समझ में आया कि इनके बीच में एलेक्ट्रोस्टाटिक फोर्स है एलेक्ट्रोन आ किससे चिपक जाना चाहिए तो उन्होंने कहा कि एलेक्ट्रोन भाई साब इस फोर्स को किसी और तरह से यूज करेगा किस चीज में यूज करेगा सरकुलर मोशन में इस फो आप ध्यान से देखो तो इसकी velocity लगातार change होगी agreed इसकी speed same हो सकती है वो सकता हो पर velocity तो velocity में आ रहा है velocity में क्या होता है direction अब मैं physics का teacher भी हूँ थोड़ी physics में आ गया velocity क्या होता है direction वेलोस्टी direction भी डिबिंड करती है तो आप देखो इसका direction of motion change हो रहा है अगर velocity में change हो रहा है तो definitely इसके पास होना चाहिए बच्चो acceleration और बच्चो acceleration तभी आ सकता है जब किसी के पास हो force इतना तो सबने पर रखा है 19th में पहली बात electron घूम रहा है घूम रहा है घूम रहा है घूम रहा है मतलब velocity change वेलॉस्टी चेंज मतलब एक्सेलेरेशनल, एक्सेलेरेशनल मतलब फोर्स यह जो फोर्स होती है बच्चों, इसको हम फिजिक्स में बोलते हैं सेंट्री पीटल फोर्स किसी भी चीज़ को घूमने के लिए चाहिए होती है सेंट्री पीटल फोर्स जैसे मालो आपने हाथ में एक स्टोन लिया, उसको धागे से बांधा और ऐसे लेके घुमाया लगातार अंदर खीच रहे हो पर स्टोन अंदर नहीं आ रहा क्यों नहीं आ रहा उस फोर्स को भी यूज कर रहा है इन द फॉर्म ऑफ एंट्रीपीटल फूर्स जैसे अपना यह सिस्टम ले लो सन और अर्थ का है तो अर्थ को सन अपनी तरफ खींचता है किस फोर्स सबको पता है यार ग्राविटेशनल फॉर्स फोर्स खीसता है कि नहीं सन अर्थ को खीसता किससे ग्राविटेशनल फोर्स तो अर्थ क्यों नहीं आकर संसे लड़ जा रही है क्योंकि अर्थ इस फोर्स को यूज कर रही है घूमने के लिए मतलब किस तरह यूज कर रही है सेंट्रीपीटल फोर्स की तरह और यहाँ से रदर फोर्ड ने बोला कि एलेक्रोन्स डिवॉल्ब अरांड दा न्यूक्लियर्स इन क्लोज सर्कुलर और बेट्स और इन्होंने एक विजन भी दी कि जो एलेक्रोस्टाटिक फोर्स है वह किसके एक्वल हो जाएगी सेंट्रीपीटल फोर्स के जो एलेक्रोस्टाटिक फोर्स है वह किसके एक्वल हो गई सेंट्रीपीटल फोर्स के और दोनों फोर्स को बैलेंस करके 1890s में आया बहुत हिट हुआ यह बहुत-बहुत हिट हुआ ठीक काफी इंपोर्टेंट पॉइंट्स ने बता दी इसमें पर फिर आया बच्चों फेलियर ऑफ रदर फोर्ड मॉडल यह भी नहीं ठीक है बड़ा अच्छा मॉडल लग रहा है आपने भी यह पढ़ाएं क्लास नाइन टेंथ में यह पढ़ाएं कि एलेक्ट्रोन भूमता है, न्यूक्लेस है, न्यूट्रोन की वजह से फेल नहीं हुआ, अगर कोई सोचने लगा, न्यूट्रोन की वजह, अभी न्यूट्रोन डिसकवरी नहीं हुआ, न्यूट्रोन तो बहुत बाद में डिसकवर हुआ, 1930 में, अभी बहुत टाइम है, नह Maxwell ने एक थिओरी दी, Maxwell भी हमारे बहुत बड़े scientist है, ये सब बहुत बड़े scientist हैं, पूरी electricity, पूरा magnetism सब Maxwell का है, आभी तक आप Einstein, Newton जानते थे, electricity, electrostatics, electrodynamics, magnetism सब Maxwell के लिए है, electromagnetic wave, तो ये बहुत बड़े scientist है, तो ये electricity की थिओरी दे रहे थे, अब electron charge particle है, याद रखना, तो Maxwell इमिट्स रेडिएशन रेडिएशन का समझ सकते हो एनरजी लाइट लाइट की जरूर समझ सकते हो इमिट्स रेडिएशन एंड लूजेस लूजेस एनरजी अगर रेडिएशन करेगा तो एनरजी खत्म होगी कि नहीं तो जलाओगे थोड़ी बाटरी खत्म हो जाएगी तो यह Maxwell की थिओरी थी और यह well-proofed थिओरी थी, ऐसा नहीं कि यह थिओरी गलत है, यह थिओरी well-proof थी, इन्होंने बोला था, any accelerated charged particle emits radiation and loses energy, कोई भी अगर charged particle है और वो accelerated है, accelerated मतलब उसकी velocity change हो रही है, तो वो energy को lose करेगा, अब यह बात rather 4K model पे लगाओ, यह रहा electron, electron घूम रह चेंज हो रही ही तो एलेक्ट्रोन हो गया एस्क्लेरेटेड एलेक्ट्रोन में एक वास है चार्ज तो इस सारी कंडिशन सेटिस्फाई कर रहा है एस्क्लेरेटेड भी है चार्ज पार्टिकल भी है क्यों मान लो स्कूल में टगो वार हो रहा है वह खीचम कीची वाला रसी वाला गेम ठीक है सामने वाले बंदा खाना नहीं खा रहा पानी नहीं पी रहा तुमको खाना भी मिल रहा पानी भी मिल रहा यह सामने वाले बंदा है इसका खाना पीना सब चला जा रहा है देख रहे हो इसकी एनर्जी निकल रही है इसके ऊपर धूप पड़ रही है पसीना निकल रहा विद न्यूक्लियस और एटम नहीं बचा एटम इस डिस्ट्रोइड खत्म हो गया दोनों पार्टिकल दूसरे लड़के एटम इस डिस्ट्रोइड है सो जो पहला फेलियर था उसका जो नाम लिखा है वह यह कहते हैं ही कैननॉट एक्सप्लेन इस टेबिलिटी ऑफ एटम वो ये बात सावित नहीं कर पाए कि आटम स्टेबल है क्या ये चीज होती है ये चीज नहीं होती भाई आटम स्टेबल होता है पर अगर हम रदर फोट की थिओरी को माने और मैक्सवेल की थिओरी सही है तो रदर फोट के नौट एक्सप्लेइन स्टेबिलिटी ऑफ एटम सो पहला पॉइंट एग्जाम में आप यह मतलब ना मैक्सवेल थिवरी आप पहला पॉइंट यह लिखोगे कि फेलियर ऑफ रदरफोड मॉडल क्या है ही कैननॉट एक्सप्लेइन स्टेबिलिटी ऑफ एटम ही कैननॉट पहली चीज क्या थी फ़स गए वही कैननॉट एक्सप्लेइन स्टेबिलिटी ऑफ एटम जूटो मैक्सवेल एलेक्ट्रो मैंने टिप्स मैक्सवेल इनके ठीक है बहुत बड़े महारती थे सेकंड पॉइंट क्या था ही कैन नॉट एक्सप्लेइन ही कैन नॉट एक्सप्लेइन ही कैन नॉट एक्सप्लेइन लाइन स्पेक्ट्रम यह इसी को बोलो डिस्क्रीट स्पेक्ट्रम डिस को डिस्क्रीट स्पेक्ट्रम ऑफ आटम फिर एक नए चीज आपको पास ही लाइन स्पेक्ट्रम या डिस्क्रीट स्पेक्ट्रम कितने लोग को स्पेक्ट्रम आता है हां तो आप तो स्पेक्ट्रम क्या होता आप देखते हो कि जब लाइट ग्लास प्रिज से पास करता है प्रिज से जो प्रिज से लाइट पास करती है तो अपने साथ कलर स्क्रीन पर जाकर उसको हम स्पेक्ट्रम बोलते हैं इसमें क्या कहानी है हमने देखा कि हमने एक ट्यूब में बच्चों एक ट्यूब में हमने हाइड्रूजन गैस ले ली ठीक है कोई भी गैस ले ली हीलियम गैस ले ली हाइड्रोजन गैस ले ली कोई भी गैस ले ली इस ट्यूब के अंदर ठीक है और इसको हमने ही किया यह समझ लो ही छोड़ आपने यहां पर गैस ली और आपने इसके ऊपर वाइट लाइट डाली ऐसे समझ लो क्या डाली वाइट लाइट डाली और वाइट लाइट देख डालने पर आपने देखा कि इस तरफ स्क्रीन पर इस तरफ स्क्रीन पर इस तरफ स्क्रीन पर वाइलेट है इंडिगो है ब्लू है ग्रीन येलो और इंज रेट सब गायब है कुछ कलर्स गायब थे वायलेट वाला कलर बहुत ज्यादा है इंडिगो वाला थोड़ा सा है ब्लू वाला एकदम कम है और बाकी सब गायब आपने गैस चेंज किया इनविजबल भी होती है इनफ्रारेड माइक्रोवेव सुनाएं सुनाओगा गामा रेस तो कुछ एलेक्ट्रो मैंग्नेटिक वेव्स इससे पास करके यहां पहुंच रही थी कुछ रेस यहां पहुंच नहीं रही थी इसको इन्होंने लाइन स्पेक्ट्रम या डिस्क्रीट स्पेक्ट्रम डिस्क्रीट बतला कुछ है लाइन मतलब कुछ लाइन है कुछ लाइन गायब है दो तरह के यह भी एक इमेजन था एक एप्स ऑप्शन था यह एप्स ऑप्शन स्पेक्ट्रम है अभी उसके बारे में तो ये दो reason थे जिससे रदर फोट का model fail किया and then came the person the man who challenged Einstein who is the man who challenged Einstein comment करके बताओ और वो होगा अपना next video next model of atom