अलो चिलोरें, वेलकन टू असाया की पेशुम। आज हमें पूरों हैं थर्ड चैप्टर इंडिया फर्स्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडिट। ये आपका सोचल साइंस ब्रुक से है वेड गेस्ट। बच्पते में आपने कई बार उन लोगों का नाम सुना हैं जो हमारे लिए राणी लक्ष्मी भाई जाती, मंगल पांडे, ताक्या तोपे, नाना साहे कि वो महान हस्तियां हैं जिनोंने फर्स्ट वार अप इंडिपेंडन्स के लिए लगाई लगाई इसको हम जानते हैं वार अप इंडिपेंडन्स और एबी फिटी सेवन के लिए इसे रिवोल्ड अप एबी फिटी सेवन की कहा जाता है एक बहुत बड़ा चैलेंज था प्रेटिशन्स के अगेज और हमारे तरफ से हमारे इंडिया की तरफ से जो लोग लड़ रहे हैं उनकी पूरी तरफ से कोशिश की इन विचेटर को हमें बाहर निकारना है अपनी पर्टीस उसके लिए इन्होंने अपनी जीवन की कुर्बानी थी ताकि जो बृति शुरू है वो हिल सके और इंडिया को आजाधी लगाए अपनी यहां दिया हुआ है वीजियों क्या रहे हैं और उनके लिए आपको सबसे पहले वीजियों तो मेन रीजन था इस स्ट्रगल का वो क्या था? सबसे पहले समय ठीक पोशिश करते हैं कि कौन से पैसे पे रीजन्स है इस स्ट्रगल के? वो भी टोनलोजिकल ओर्डर में, किनीज में जहें वो देखते हैं पॉलिटिकल रीजन क्या क्या है?
मेन रीजन जो इस स्ट्रगल का था वो ये था कि जो बिरिटिशर्स हैं वो अपनी पावर जो है वह इंडिया में स्टैबिश कर रहे हैं तो इंडिया को वह गुलाब मनाकर अपना उसके ऊपर पाज करना चाहते हैं जो बैटल ओफ लासी हुआ 1737 एरी में यहाँ से भृद्धि शुरूति इंडिया में शुरू हुआ थी उसके बाद मैसूर वॉर लड़े और टीपो फुल्टान थे उनकी शासन ताओं कर देख सांवाद उसको खत्म कर दिया फिर उन्होंने अपने सांवाद लेकर और बढ़ाया लच को हरा के प्रेंट कंपनी पर हराकर जो इंडिया में मौधन नवाब अवध थे निजाम थे हदराबाद के बुगल्स थे जो एक पर उस टाइम पर नवाब बैंगोर के एक एक करके सबको यह खराब जाने माराठा उसको हराया माराठा वॉर में एटीन तक आते आते इनकी पॉलिटिकल पावर पूरी इंडिया में स्टैंब्लिश्ट हो गई थी अब क्योंकि वितिशस्ट का एक सामगाज्य था अरीक इंडियलिट सामगाज्य वाली इंडियस जो हैं वो बहुत जादा जूर थे इस पॉलिटिकल पावर तो नेटिव किंदर्स थे सर्वाइब कर रहे थे जो उन्होंने भी जो है वैलस्ले की सब्सिडारी अलाइन सिस्टम को एक्सेप्ट कर लिया अब वैलस्ले का आपने पहले भी पढ़ा होगा कि ऐसे में क्या करते थे वो लो आप जो हैं अपनी जो भी कहते थे हैं पावर्स हैं अपने कुछ भी आप अपने पास नहीं रखेंगे बदलाब आपके आर्मी है आप उसको मिंटेन नहीं करें अगर आपने मिंटेन करी तो फिर हम आपके लि उस सेजा का खर्चा आप अगर आप पहले ऐसे में आपका जो एक तरीके है उसका कुछ हिस्सा हमें ले जाए तो इस तरीके से यह कभजा जमाते और दिरेदने उस सारे स्केट्स को अपने अपने एक फॉरेंड कंपनी जो है वह इंडिया में रूम करना उसने पर इंडिया इंडिया इसका शोषण हो रहा था सिट्वेशन ने बनती जा रही थी शायद यही मेड का रूम है इससे लोगों ने संघर्ष किया तो बेटर पर अटाना तरह जो थे उन्होंने भी स्केट पर कभ्या किया तो 17 संबल फोल्ड नाकूल अवन ब्रेडिशन पायाती और उनके लिए लाइवो डॉक्ट्रिन ऑफ लैब नहीं नहीं इन्होंने जो पेंशन थी तो पेशवार नाना साही और किंज को देते थे वहां सारे लैंड लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स लॉड्स इंडिया के पास कोई जगह नहीं थी एडमिस्ट्रेशन में कंपनिया खाली इंग्रेश लोगों को भी अपॉइंट किया जाता था ऑफिसर्स के दौर पर हाई पोस्ट के लिए लोगों के लिए बहुत ज्यादा लगाते हैं आप जलता के ऊपर जलता के ऊपर पूरी स्ट्रिफिकल फराब और चाहिए बहुत नहीं थी और पुलिस फोर्स तो है वह बिल्कुल भी इन एक्सी कार्टी नहीं थी बहुत ज्यादा डिफरेंस था इन सब कारणों की वजह से फर्स्ट वार ऑफ इंडिपेंटिशन इकनॉमिक इजन्स ने इंडिया को इकनॉमिकल आर्थिक और ज्यादा चोचन पूरी इंडिया का फॉरेंड ट्रेड तो था मुबरवार के लिए वो इंडिया को एक ऐसा institution बनाना चाहते हैं जो raw material का institution हो और एक market जहां finished goods को बेचा जा सकते हैं तब हम तुम्हारे आए कुछ नहीं करते हैं तुम सिर्फ हमें raw material देते हो कि हमें ये चाहिए हमारे ने ये उग्राओ, हमारे ने उग्राओ और जब हमारे आए प्रोड़क्ट बनते हैं एक policy compulsory production चीज़ों के कि बहुत जरूरी था जैसे कॉटन इंडिगो सिल्व यह सब यह इंडियन से चाहिए तरफ यह ऐसे पर यहां पर वह कम होने लगे तो यह जो पॉलिसी नाइक बहुत ही अन्यायक नोट बहुत सारी और भी इंडियार्की के इंपोर्टेंट पेड़िंग सेंडर्स थे वो बरबाद कर दिया विचिक्षस के बाद शुखा पड़ रहा था उस चाहिएं तो लोगों की जो सफरिंग थी वो और जादा हो गई थी लाखों की संख्या में इंडियास नहीं हो जाने चली गई फूल शॉर्टेज के कारण तो ये गोरफ इंडियास आपके रूप से रख दो प्रशासन जो किंज लैनलोर्ड पीडल्स और आर्टिसन्स तो ते सब ने इससा लिया ताकि जो है इन इंडिया को आजारी जुना जा सके प्रशासन तो आता है सोशो रिलीजस विलेश प्रतिशार ने आप सोशल और रिलीजियस मैटर्स में लिया गए थे, इसमें भी इंटरफिया करना है, लगदारी शुरू करें। जो क्रिशियन पैस्टर्स थे, वह बहुत कोशिश कर रहे थे कि हिंदूँद और मुस्लिंद्स को क्रिशियानिती ने कंवर्च करें। उनका मेन था कि गवर्णन को प्रोटेक्शन में उनको मिला हुआ था, कि कुछ भी चाहते लो अपनी मरजी से करते हैं। एडिस एडि में ब्रिटिशन से एक लॉ लेकर यह मुस्लिम तो जो भी पिछल बनेंगे उनको जो है जो उनकी विरासत वाली जो उनकी पूर्व क्वार्टी है उसमें जो ने इससे गया तो भी दूसरे जो शंकाती और ज्यादा मजबूत होगा ब्रिटिशन के साथ ट्विट करते हैं ऐसे लोग जो कोई रिस्पेक्ट वर्ण नहीं जाता है वो मानते थे कि नेर्ज बहुत गंडे हैं बिमारियों से भरे हुए हैं और हमारे सामने बहुत की नीचे लोग है और हम इनके ऊपर राज करेंगे कोई भी नहीं होती थी जिसके पार ओम्स इनके अलग-अलग थे टैक्सल लगाए जाते थे जो टॉपर्ट ने थी टेंपल्स और मॉस्क ऐसे जो रिमिटिशन सोशल इस्क्वेशन हुए उससे इन्यों लोगों के माइं में एक विरोर खील मस्त बाता जाता है फिर आते हैं यह जो वार फिर फिर यह विशय क्या थी इस पॉलिसी बृतिशियस की वो काफी एक्सप्लॉइटेटिव थी इंग्यन प्रूप्स के बाद इतनी कड़ी मिलिटरी सर्वस देने के बावजूर वो सैलरीज और फैसलिटरी इंग्यन सुर्यास की बहुत ही नामात है कोई इन्यन सोजर थाया रेंड का टेल नहीं कर सकता बल्कि इससे सुबह जाते हैं तब उसका लेवल सिर्फ सुबह जाते हैं तब से ज्यादा वो जो है कुछ नहीं कर सकते एलावा बेटिक्शर्स ने कभी भी सोशल डीलिंग नहीं करी इन्यन सोजर के साथ उनको टर्बन पहनने से बैंक कर दिया कि लग बीर्ड से निजारी वे असल हफ्ने से बना कर दिया यहां तक इन्यन सोजर को गैरंटी करना होगा कि वो जो है अपने रिमिटिस सेंटिमेंट यह सारे रिजन्स के पर वह बढ़ता गया कि इंडियन ट्रोड्स पर उनको बच जाता है इमीडियेट रिजन्स क्या रहा है एक जो इमीडियेट कॉस माना जाता है 1857 एली वार्ड अपने लिए जाता था तो था कार्टरेज विद सैट इसमें क्या कहा नहीं रही थी जो बिटेज कॉमेंस के लिए इसलिए डिसाइब किया कि वो एक नई एंड फील्ड राइफर जो उसको इस्तमाल करने की बजाए जो पूरा उपयोग यह नई एंड फील्ड राइफिल यह वह इस्तेमाल करें इसके लिए जो कैप है तो इस राइफिल के उसको वह जो है रीफिल करने के लिए है पार्टेज को और उसको जो है दार्ज से पोरना पड़ते अब जैनरी 1857 में अपना ओर रही है इसके अंदर जो बनवाल यह थे कि जो काव और पिर्ख फैट है उसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इसका इस अगर उनको अपने ये चीज मूँ में डालने करें तो ये उनका एक ऐसे धर्म धर्च चोने वाली वाली तो जो सिपाही थे उन्होंने मना करने लिए वो कार्टिन को नहीं सकमाए और इसी में ही जो है वार अपने पढ़ने की शिरुआत करें कुछ हिस्टोरियस कहते हैं तो ये खारी अपवाह है नहीं के बाद सच मिलें फिर आता है नेक्स्ट टॉपिक विग्री और डवलपमेंट अप द वार ये करते हैं अगर इसे