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डायनेमिक प्रोग्रामिंग का परिचय
Aug 27, 2024
डायनेमिक प्रोग्रामिंग
परिचय
डायनेमिक प्रोग्रामिंग एक महत्वपूर्ण टॉपिक है।
यह त्रुटियों से सीखने की प्रक्रिया पर आधारित है।
रियल लाइफ उदाहरण
इंसान की गलती करना सामान्य है।
यदि वह गलती से नहीं सीखता, तो वह बार-बार वही गलती करता है।
डायनेमिक प्रोग्रामिंग में, व्यक्ति अपनी गलतियों से सीखता है और अगली बार बेहतर निर्णय लेता है।
प्रमुख सिद्धांत
दो झूठ नॉट रिमेंबर द पास्ट
: यह कहावत डायनेमिक प्रोग्रामिंग की मूलभूत सोच को दर्शाती है।
लर्निंग प्रक्रिया: छोटी-छोटी समस्याओं से सीखकर बड़ी समस्याओं का समाधान।
डायनेमिक प्रोग्रामिंग की प्रॉपर्टीज
ऑप्टिमल सब-सेट्रक्चर
: बड़ी समस्या को छोटी समस्याओं में विभाजित करना।
ओवरलैपिंग सब-प्रॉब्लम्स
: छोटी समस्याएँ बार-बार आती हैं, इसलिए उन्हें पुनः हल करने की आवश्यकता नहीं।
समाधान विधियाँ
मेमोराइजेशन
: पहले हल की गई समस्याओं का परिणाम स्टोर करना।
टेबल्यूलेशन
: नीचे से ऊपर की ओर समस्या को हल करना।
मेमोराइजेशन प्रक्रिया
किसी स्थिति को हल करने के बाद, उसे लुक्स टेबल में स्टोर करना।
बाद में उसी स्थिति का पुनः उपयोग करें।
टेबल्यूलेशन प्रक्रिया
छोटी समस्याओं से शुरू करें और ऊपर की ओर बढ़ें।
उदाहरण: किसी भी स्थिति के लिए परिणाम निकालना।
डायनेमिक प्रोग्रामिंग की समस्याएँ
आमतौर पर, मिनिमाइजेशन और मैक्सिमाइजेशन समस्याएँ।
बाइनरी सर्च तकनीक का उपयोग करके भी कई समस्याओं को हल किया जा सकता है।
निष्कर्ष
डायनेमिक प्रोग्रामिंग में छोटी समस्याओं को समझकर बड़ी समस्याओं का समाधान करना संभव है।
प्रैक्टिस आवश्यक है।
धन्यवाद
आगे के अध्ययन और प्रोग्रामिंग के लिए प्रेरित किया।
हमेशा कोडिंग करते रहें!
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