हेलो एंड जय हिंद वेलकम बैक टू योर ओन चैनल और आपने कहा हमने बनाया हां लास्ट वीडियो में आपने कमेंट किया था कि सर टुवर्ड्स इंडिपेंडेंस एंड पार्टीशन इस टॉपिक को क्लियर करिए मैंने आपसे प्रॉमिस कहा था कि जो आप कहेंगे वही इस चैनल पर आएगा यह चैनल एक्सक्लूसिव है आईएससी स्टूडेंट्स के लिए हां आईएससी ह्यूज या आर्ट्स जिसे कहते हैं उसके लिए है तो यह कंटेंट आप लोगों के लिए है और आपके रिक्वेस्ट पे है यह सारे चैप्टर्स हम तभी बना रहे हैं जब आप जैसे आप जैसे रॉक स्टार्स और सुपरस्टार्स हमें मदद कर रहे हैं तो मुझे चाहिए आपका ढेर सारा सपोर्ट ताकि हम और कंटेंट्स आपके लिए बना सके हां क्योंकि आईएससी ह्यूमैनिटीज के स्टूडेंट्स है कम पर इनमें है बहुत दम चलिए इसी विश्वास के साथ कि यू आर देयर टू सपोर्ट मी और उसी सपोर्ट के भरोसे हम आगे आपके लिए कंटेंट बना रहे हैं तो जैसा कि चैप्टर में ईयर दिया हुआ है 1935 से 1945 तक क्यों यह ईयर बड़ा इंपॉर्टेंट है 1927 में 1927 में आएगा साइमन कमीशन सर कहां लिखा है अरे भाई स्टोरी है पूरी सीक्वेंस में समझेंगे आप तो 1927 में साइमन कमीशन आया साइमन कमीशन के सारे मेंबर्स इंग्लिश थे ब्रिटिशर्स थे और जहां-जहां इंडिया में आया वहां पर उसका विरोध हुआ आया क्यों था वो गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1919 को रिव्यू करने आया था इंडियंस को क्या नए लॉज की और उसको अमेंड करने की क्या जरूरत है इस पर उसको अपने अपने व्यू पॉइंट्स देने थे इंडिया में जहां पे आया वहां उसका विरोध हुआ इसी विरोध के दौरान लाला लाजपत राय जी को लाठी चार्ज हुई लाहौर पे और उनकी मृत्यु भी हो गई 1928 में अब देश में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग जगहों पे साइमन कमीशन का विरोध हुआ बट साइमन कमीशन आया भी उसने रिकमेंडेशंस गवर्नमेंट को दी ब्रिटिश गवर्नमेंट को दी उन्होंने एक नया कानून देश में अप्लाई किया गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 हां इसीलिए मैंने कहा था ये स्पैन बड़ा इंपॉर्टेंट है 1935 से लेकर के 1947 जब हमारा देश फाइनली आजाद हो जाएगा तो इस दौरान क्या हुआ वह सारी एक्टिविटीज हम समझेंगे तो द मेन ऑब्जेक्टिव एंड द ग्रोथ ऑफ द किसान सभा मूवमेंट तो किसानों ने भी अंग्रेजों के खिलाफ मूवमेंट शुरू कर दिया था यह मूवमेंट शुरू हुआ था 1929 में 1929 में जो फार्मर्स थे वह ब्रिटिशर्स के खिलाफ एग्रेसिवली क्या हो गए थे तैयार हो गए थे मोर्चा ले लिया था क्यों क्योंकि अंग्रेजों ने तीन तरीके से तीन तरीके से एक जमीदारी सिस्टम जिसमें कि लैंडलॉर्ड होते थे जमींदार होते थे जो किसानों को डराकर धमकाकर उनसे हाई लैंड रेंट ले लेते थे लगान जैसे बोलते हैं ना खूब लगा लेते थे या उन्होंने एक सिस्टम लगा र रखा था कुछ राज्यों में मलवारी सिस्टम जहां कि पूरा कम्युनिटी ऑफ फार्मर्स को मिलकर के रेंट देना होता था और या तो कुछ राज्यों में रतवार सिस्टम तो इन तरीकों से अंग्रेजों ने सिर्फ अपने इकोनॉमिक गेंस के लिए फार्मर्स को एक्सप्लोइट कर रखा था उनकी वेल बीइंग के लिए कोई योजना नहीं थी जैसे आज गवर्नमेंट फार्मर्स को क्रॉप इंश्योरेंस देती है सस्ता सीड्स फर्टिलाइजर देती है और जो क्रॉप तैयार हो जाते हैं उसको सरकार मुंह मांगी कीमत पर खरीद भी लेती है तो आज गवर्नमेंट बहुत कुछ कर रही है फार्मर्स के लिए पहले नहीं ब्रिटिशर्स तो आए इसीलिए थे कि उन्हें इंडिया को इकोनॉमिकली एक्सप्लोइट करना था और य किसान सभा के फाउंडर थे स्वामी सहजानंद सरस्वती जी हां 1929 में इन्होंने फाउंड किया था बिहार में फाउंड किया था और धीरे-धीरे इसके मेंबर्स बहुत सारे किसान जो कि सफरर्स थे जो ब्रिटिशर्स ब्रिटिश सिस्टम के सफरर्स थे वो सब एक सोत हो गए तो किसान मूवमेंट फैलता गया फार्मर्स हाईटेक से परेशान थे एक्सप्लोइटेशन से परेशान थे अनफेयर लॉज से परेशान थे ये सारे फार्मर्स एकजुट हो गए क्योंकि वह चाहते थे कि लैंड रेंट्स शुड बी रैशन आइज शुड बी रिड्यूस्ड लैंड रिफॉर्म सिस्टम्स अप्लाई किया जाए बट ऐसा हुआ नहीं और इनके मूवमेंट में और सहयोग मिला यह मूवमेंट स्प्रेड करता गया फ्रॉम बिहार टू यूपी टू बंगाल हां जहां कॉमन फार्मर्स अवेलेबल है वहां चला गया और किसान सभा के बहुत सारे बहुत सारे लीडर्स आ गए जैसे आपने आचार्य पटवर्धन का नाम सुना होगा आचार्य नरेंद्र देव का नाम सुना होगा और लोहिया जी का तो पक्का ही नाम सुना होगा हां जय प्रकाश नारायण जी यह तो पक्का श्यर जानते होंगे यह सब पॉपुलर लीडर्स थे इस किसान सभा के जिन्होंने किसान मतलब फार्मर्स याद रखिएगा जिन्होंने फार्मर्स के एसोसिएशन को धार दी पूरे देश में इस मूवमेंट को फैलाया अब आया बीच में एक पीरियड जब कम्युनलिज्म फैलने लगा सर ये कम्युनिज्म क्या होता है जब आप सिर्फ अपने धर्म के बारे में सोचते हैं और मेरा धर्म महान बाकी से मैं परेशान यह फीलिंग है ये फीलिंग है कम्युनिज्म की तो अपने धर्म से प्यार करना ये बुराई नहीं है पर दूसरे धर्म का डिसरेटर या उनसे नफरत करना ये बुराई है बात समझ में आ गई तो कम्युनिज्म यही बुराई है और कम्युनिज्म का बीज अंग्रेजों ने 1905 में बो दिया था ये अंग्रेजों का प्री पलन तरीका था कि हिंदुओं और मुसलमानों को लड़ाऊ क्योंकि अगर ये एकजुट रहेंगे तो हमसे लड़ेंगे हमें देश से बाहर निकाल देंगे इसीलिए इन दोनों में ही लड़ाई करा दो तो पार्टीशन ऑफ बंगाल किया और कई तरीकों से उन्होंने हिंदू और मुस्लिम्स को एक दूसरे के कंफ्रे रख दिया एक दूसरे के सामने कर दिया नतीजा ये हुआ हुआ कि हिंदू की एक अलग ऑर्गेनाइजेशन धीरे-धीरे बनने लगी कुछ सो कॉल्ड जो ऑर्थोडॉक्स हिंदू थे उन्होंने एक अलग बॉडी बनाई जैसे कि आरएसएस नाम सुना है हां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आपने बड़ा पॉपुलर नाम सुना होगा आपने शायद बीजेपी का भी नाम सुना होगा बीजेपी इसी की एक अलाई है कह सकते हैं या इससे मिलती जुलती है या कहे इससे एंपावर्ड है ये क्या है आरएसएस हां ये जानना चाहते हैं तो आरएसएस एक सोच है एक तरह का नॉन गवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशन है जो हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्र के बारे में सोचती है ये प्रमोशन ऑफ हिंदू राष्ट्र के बारे में बात करती है अब कौन आए थे इसको फाउंडर तो केशव बलिराम हेगड़े व 1925 में हां नाम सही सुना है केशव बलिराम हेगड़े व ने 1925 में नागपुर में इसकी रचना की थी किसकी आरएसएस की बट ये क्योंकि एक हिंदू लोगों के लिए ही सिर्फ था ऑर्गेनाइजेशन थी तो एक तरह से क्या हो गया इन्होंने एक अलग ऑर्गेनाइजेशन बनाई उसी तरह से 1930 के आसपास हां वहां बनी मुस्लिम लीग यह कैसी बॉडी है यह ऑल मुस्लिम्स बॉडी है इसके फाउंडर में से एक है नवाब समीउल्लाह खान हां डाका के नवाब थे तो इन्होंने क्या किया सिर्फ मुसलमानों को अलग स्टेट दिलाने के लिए अलग पॉलिटिकल राइट्स दिलाने के लिए एक बॉडी बनाई नाम था मुस्लिम लीग तो अब दो अलग-अलग बन गए बॉडीज बता समझ में आ गई तो इसी तरह से क्या हो गया देश में अब धर्म के नाम पर झगड़े होंगे तो 1930 40 का दौर था जब ये कम्युनलिज्म पैदा हुआ क्योंकि हर कहते हैं ना हर ऑर्थोडॉक्स लोग हर कट्टर लोग अपने ही धर्म के लोगों को क्या करते हैं एकजुट करना चाहते हैं और यही हुआ ही हिंदू उस को एकजुट करने के लिए आरएसएस जिसको संघ के नाम से जानते हैं वो हिंदू उस को एकजुट करने लगे हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करें हिंदुत्व की बात करें है ना वैसे करेंटली कौन है इस समय संघ का संघ सर चालक क्या मोहन भागवत हां तो देखा क्या कहना चाहते हैं ना और मुस्लिम कम्युनिटी में क्या हुआ मैंने कहा मुस्लिम को ग्रोथ कम्युनिज्म ग्रो करने के लिए कौन आया जैसे ऑल इंडिया मुस्लिम लीग हां ये ये एक्सक्लूसिव मुस्लिम पार्टी थी जिसका मकसद था मुस्लिम्स को के पॉलिटिकल राइट्स को प्रिजर्व करना मुसलमानों के लिए एक अलग नेशन स्टेट की मांग करना और इस परे वह अड़े रहे जिसका उन्हें मिला भी पाकिस्तान इस मुस्लिम लीग की ही रचना से के वजह से बना है पाकिस्तान तो उनके लीडर में से एक का नाम दिया है मोहम्मद अली जिना जो कि बाद में पाकिस्तान के पहले प्रेसिडेंट भी बनेंगे तो इवें मुसलमानों के लिए एक सेपरेट स्टेट उन्होंने मांगा अच्छा गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट बनी आफ्टर दी रिकमेंडेशन ऑफ दी साइमन कमीशन ठीक है क्या था इस एक्ट में तो यह इंडिया को सेपरेट कह सकते हैं फेडरल स्ट्रक्चर देने के लिए आई थी इसमें इंडियन को कुछ और एंपावर किया गया अर्थात इंडिया को इंडियंस को रूल करने का पावर दे दिया ठीक सुना इंडिया को इंडियंस को रूल करने का पावर दे दिया गया मोर पावर वाज गिवन एंड द पावर वाज डिवाइडेड बिटवीन द सेंटर एंड द प्रोविंसेस सेंटर में जो की पावर्स थे जो सबसे इंपॉर्टेंट पावर्स थे जैसे डिफेंस हो गया ठीक है ना तो फाइनेंस हो गया यह गवर्नमेंट ने अर्थात ब्रिटिशर्स ने अपने पास में रखा बाकी कंट्री को गवर्न करने के लिए चलाने के लिए क्या किया उन्होंने प्रोविंसेस को पावर दे दिया तो फेडरल स्ट्रक्चर बनाया गया जिसमें सेंट्रल और प्रोविंशियल गवर्नमेंट्स को पावर दिए गए कीपिंग दी सेंट्रल गवर्नमेंट एज मोर पावरफुल एंड दैट पावर वाज होल्ड बाय द ब्रिटिश गवर्नमेंट तो प्रोविंसेस को भी डिसीजन लेने का अधिकार दिया गया 1937 में एक समय आया जब इसी याद रखिएगा गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट के अंदर ही है कि देश में चुनाव होंगे ठीक है तो 1937 में प्रोविंशियल असेंबलीज इलेक्शन हुए जिसमें इंडियन नेशनल कांग्रेस बड़ी जीत हासिल करती है अब इसकी जीत हासिल करना तो कोई बुराई नहीं है बट इसकी वजह से जो दूसरी पॉलिटिकल पार्टीज है जैसे मुस्लिम लीग है इनमें टेंशन हो जाएगी क्योंकि इनकी सीट्स कम मिलेगी इनको तो इन दोनों के बीच में क्या हो जाएगा कमल टेंशन हो जाएंगे कांग्रेस और जो नॉन कांग्रेस मिनिस्टर्स हैं इनमें भी टेंशन हो जाएगा क्योंकि कांग्रेस की जीत मतलब दूसरों की हार और दूसरों की हार मतलब हार बर्दाश्त नहीं है तो झगड़े तो होने ही होने हैं ठीक है ना तो पॉलिटिकल कॉन्फ्लेट्स होंगे अलग-अलग पार्टीज के बीच में होंगे कॉन्फ्लेट्स जिसमें मेजर चंक ऑफ दी सीट्स कांग्रेस के पास आएगी और कांग्रेस को काम नहीं करने देगी कौन मुस्लिम लीग हां प्रोविंशियल गवर्नमेंट को चलाने नहीं देगी उनके काम को ऑब्स्ट्रक्ट करेगी वो चुनाव जीतेंगे तो व चुनाव जीत के क्या करेंगे सरकार के काम को बांधा डालेंगे अब आता है नेशनल मूवमेंट ड्यूरिंग द सेकंड वर्ल्ड वॉर बात करते हैं वर्ल्ड वॉर टू की हां इस पर एक डिटेल वीडियो मैंने आपके लिए ऑलरेडी अपलोड कर रखा है इसी चैप्टर के नाम से जरूर जाइएगा देखिएगा हां वर्ल्ड वॉर ट 1939 में स्टार्ट हुआ और 1945 तक चलेगा 6 साल 6 साल तक चलने वाला वॉर है ये तो इस दौरान क्या होगा अब इस दौरान हम इंडियंस परेशान होंगे क्योंकि ब्रिटिशर्स ने पंगा ले रखा जापान से और जापान हम पर अटैक इसलिए कर रहा था जापान इंडिया पर अटैक इसलिए कर रहा था क्योंकि हमारी लड़ाई नहीं है जापान से ना ना ना वो ब्रिटिशर्स को हराने के लिए हमें डबा रहा था समझ में आ रहा है क्या कहना चाहते है तो हमने कहा भैया तू जा किससे जापान से नहीं नहीं हमने ब्रिटिशर्स को कहा कि तुम जाओ आप लोग जाइए आप लोग जाएंगे तो अपने आप क्या हो जाएगा जापान हमको कुछ नहीं करेगा हम पे अटैक नहीं करेगा भाई आपने हमें गुलाम बना रखा है और आपको हराने के लिए वो हमें हराएगा हमें मारेगा बात समझ में आई हम लोग ने लॉन्च किया क्विट इंडिया मूवमेंट हां 1942 में पर उससे पहले क्या हुआ आइए देखें तो उससे पहले गवर्नमेंट ठप पड़ गई जो प्रोविंशियल गवर्नमेंट के इलेक्शंस हुए वो कामकाज करना बंद कर गए क्योंकि गवर्नमेंट ने जो डिमांड की थी गवर्नमेंट ने जो डिमांड की थी कि हमें मोर ऑटोनॉमी मिले हां डोमिनेंस स्टेटस मिले ये अंग्रेजों ने देने से मना कर दिया तो कामकाज प्रोविंशियल गवर्नमेंट का ठप हो गया तो इस डेडलॉक को ब्रेक करने लिए अंग्रेजों ने एक ऑफर दिया नाम था अगस्त ऑफर अगस्त ऑफर में उन्होंने कहा कि हम आपको सेल्फ गवर्निंग इंस्टिट्यूशन बनाने की अनुमति देंगे आफ्टर दी वॉर अभी नहीं देंगे जब वर्ल्ड वॉर खत्म हो जाएगा हम तब आपको क्या करेंगे देंगे पावर सेल्फ गवर्निंग बॉडीज बनाने के लिए क्या होगा हम लोग मना कर देंगे कि अभी तुम हो पता नहीं वॉर के बाद तुम बचोगे कि नहीं बचोगे हां ब्रिटेन तुम्हारा क्या होगा वॉर के बाद हम लोग सही थे बहुत बुरा हाल होगा उसका जीत के भी वो बहुत बर्बाद हो जाएगा हां वर्ल्ड वॉर में बहुत तबाही होती है भाई वर्ल्ड वॉर के बाद अमेरिका वर्ल्ड लीडर बन जाएगा जो कि पहले ब्रिटेन हुआ करता था और यह जूनियर पार्टनर बन जाएगा और अगला ऑफर उन्होंने क्या दिया जब देखा कि हमने क्रिप्स ऑफर रिजेक्ट कर दिया है कांग्रेस ने भी रिजेक्ट कर दिया हां कांग्रेस ने भी मना कर दिया और मुस्लिम लीग ने मना कर दिया अगला ऑफर उन्होने दिया क्रिप्स मिशन इसमें क्या हुआ इसमें ब्रिटिश कैबिनेट मिनिस्टर आए सर स्ट फर्ट क्रिप्स सेंट लॉरेंस हां सेंट लॉरेंस और तीसरा पैथिक मतलब ये तीन ब्रिटिश मिनिस्टर्स आए और कैबिनेट मिनिस्टर आए उन्होंने क्या किया प्रपोजल दिया कि हम इंडिया को डोमिनेंट स्टेटस देंगे आफ्टर द वॉर देंगे इंडिया को और एंपावर करेंगे कि वो अपने रूल्स को और चला सके कीपिंग द ब्रिटिश एट द टॉप बट क्रिप्स मिशन को भी कांग्रेस ने एक्सेप्ट किया और ना मुस्लिम लीग ने एक्सेप्ट किया नतीजा क्रिप्स मिशन भी फेल हो गया 42 में से लौटा दिया गया क्रिप्स मिशन के फेल होते ही देश में अनरेस्ट हो गया जगह जगह हड़ताल हुई स्ट्राइक्स हुई लोगों ने आंदोलन किया अंग्रेजों के खिलाफ कि अंग्रेजों भारत छोड़ो और लच हुआ हां वाधा एक प्लेस है वाधा में क्या हुआ एक रेजोल्यूशन पास हुआ नाम हुआ क्विट इंडिया रेजोल्यूशन और बम्बे में बम्बे रेजोल्यूशन को पास कर दिया गया और कांग्रेस ने हां इंडियन नेशनल कांग्रेस ने क्विट इंडिया मूवमेंट 8 अगस्त 1942 को लॉन्च कर दिया सारे बड़े लीडर्स ने सारे बड़े लीडर्स ने कांग्रेस के लीडर्स ने अनाउंसमेंट किया क्विट इंडिया मूवमेंट मतलब भारत छोड़ो आंदोलन यह लास्ट यह लास्ट मास मूवमेंट है गांधी जी का बट मैंने कहा गांधी जी नहीं बाकी भी सारे बड़े लीडर सब सब सब अरेस्ट हो जाएंगे हां सब अरेस्ट हो जाएंगे तो कुछ ही लीडर्स जो कि जो कि सो कॉल्ड बैक सीटेड लीडर्स थे वो अब आगे आ जाएंगे और अरुणा आसिफ अली नाम सुन लीजिएगा ये लीड करें इस मूवमेंट को और कौन जय प्रकाश नारायण जी आचार्य पटवर्धन जी ये लोग अब इस मूवमेंट को लीड करेंगे हां लोहिया जी ये लोग क्या करने वाले हैं अब इस मूवमेंट को क्विट इंडिया मूवमेंट को लीड करेंगे और बाकी सारे बड़े लीडर्स मतलब जवाहरलाल नेहरू से लेकर के महात्मा गांधी तक सब लोग जेल हां सरदार वल्लभ भाई पटेल भी सबको अंग्रेजों ने जेल कर दिया और जो बचे उनको खूब मारा पीटा फ्लॉगिंग की 100 हज लोगों को किल कर दिया गया सही कह रहा हूं क्विट इंडिया मूवमेंट के दौरान 60 हज लोगों को जेल हो गई तो अंग्रेजों ने कोई कसर नहीं छोड़ी मास प्लॉगिंग मतलब पूरे गांव के गांव को लोगों को बेद से चाबुक से हंटर से मारा गया यहां तक कि उन्होंने बम तक गिरा दिए तो अंग्रेजों ने हर कुछ किया इस मूवमेंट को बंद करने के लिए मूवमेंट तो स्रेस हो गया मूवमेंट तो सप्रे हो गया क्योंकि सबसे शॉर्ट लिट मूवमेंट यही था बट इसके अंदर लोगों के अंदर जो आग थी अंग्रेजों से लड़ने की क्योंकि एक एक नारा दिया गया था इसमें डू और डाय करे करो या मरो मतलब इसमें अब तय हो गया था कि इंडियंस को अब कोई दबा नहीं सकता अंग्रेजों को भी समझ में आ गया था कि इंडियस को दबा नहीं सकते तो इस मूमेंट से देशप्रेम की आग और भड़क गई अब अंग्रेजों को भी समझ में आ गया कि इंडियस कैन नो मोर बी केप्ट गुलाम फिर सुभाष चंद्र बोस जी के बारे में बताते हैं 19 38 में त्रिपुर सेशन में सुभाष चंद्र बोस जी कांग्रेस के प्रेसिडेंट बन जाएंगे 1939 में भी सुभाष चंद्र बोस जी कांग्रेस के प्रेसिडेंट बन जाएंगे उन्होंने गांधी जी के द्वारा रखे गए एक गांधी जी के पसंदीदा कैंडिडेट कौन पिता भी सीता रमैया को हरा दिया हां सही सुन रहे हैं गांधी जी चाहते थे कि सुभाष चंद बोस चुनाव ना लड़े प्रेसिडेंट का कांग्रेस के प्रेसिडेंट का पर सुभाष चंद्र बोस जी लड़ते हैं और गांधी जी के पसंदीदा कैंडिडेट पिता भी सीता रमैया को हरा देते हैं सुभाष चंद्र बोस जी कांग्रेस के सेकंड टाइम प्रेसिडेंट बन जाते हैं 1939 में पर कांग्रेस के मिनिस्टर्स ने धोखा दिया कांग्रेस के बहुत सारे मिनिस्टर लगभग 12 मिनिस्टर्स ने गांधी जी के के को विल को मानते हुए इच्छा को मानते हुए रिजाइन दे दिया सुभाष बाबू को लगा कि उनका काम पूरा अच्छे से नहीं हो रहा है उन्होंने भी कांग्रेस के डेंट शिप को त्याग दिया उन्होंने रिजाइन कर दिया कहा नहीं चाहिए मुझे पद और 1939 में उन्होंने बनाई एक पार्टी नाम रखा फॉरवर्ड ब्लॉक हां फॉरवर्ड ब्लॉक यह एक क्रांतिकारी ऑर्गेनाइजेशन थी जिसका मकसद था किसानों को यूथस को साथ लेकर चलना एक नया करेंसी सिस्टम डेवलप करना एक नए सेटअप से एक नए सेटअप से क्या करना देश को डेवलप करना आजाद कराना तो बड़ी अग्रेसिव सोच थी इनकी सुभाष चंद्र बोस जी देश से बच कर के हां उनको हाउस अरेस्ट कर लिया गया था देश से वेश बदल कर के वो जर्मनी जाते हैं वहां पे हिटलर से मिलते हैं हां सही सुन रहे हैं एडोल्फ हिटलर से मिलते हैं हमारे सुभाष बाबू वहां उनका स्वागत होता है जर्मन में जो इंडियंस रहते हैं वो उन्हें नेताजी कह के बुलाते हैं और तब से सुभाष जी का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस हो गया हां और सुभाष जी यहां नहीं ठहरे उन्होंने लोगों के लिए इंडियंस को आजाद कराने की थान ली थी कि अब उनका तरीका क्या था आजाद कराने का बातचीत से नहीं करेंगे अंग्रेजों को बंदूक का जवाब बंदूक से देंगे गोली का जवाब गोली से देंगे और उन्होंने पैसे इकट्ठा किए हथियार इकट्ठे शुरू कर दिए और इसी दौरान जब इंडियन नेशनल आर्मी बनाई गई कौन बनाया था नहीं सुभाष चंद्र बोस जी ने नहीं बनाई थी प्लीज रिमेंबर दिस इसको बनाने है कैप्टन मोहन सिंह कैप्टन मोहन सिंह ने बनाई कैसे बनाई कैप्टन मोहन सिंह ने जब वर्ल्ड वॉर सेकंड चल रहा था तो हमारे इंडियन सैनिक को अरेस्ट कर लिया गया को को को गुलाम बना लिया यह लोग तो प्रिजनर ऑफ वॉर्स लगभग 400 हज प्रिजनर्स ऑफ वॉर थे जापान के पास ये हमारे सैनिक थे भारतीय सैनिक थे जो ब्रिटेन के पक्ष में लड़ रहे थे जापान से वर्ल्ड वॉर के दौरान इनको जापान ने अपना गुलाम बना लिया उनमें से एक थे कैप्टन मोहन सिंह कैप्टन मोहन सिंह ने जापान को दे दीजिए अरे मुझे दे दीजिए और उसने बनाई इंडियन नेशनल आर्मी जिसके बाद में सुप्रीम कमांडर बने श्री सुभाष चंद्र बोस जी हां उन्होंने एक महिला विंग भी बनाई रानी लक्ष्मीबाई हां रेजीमेंट हां सच कह रहा हूं 19 मैं 42 की बात कर रहा हूं उस दौरान जब ऐसा हुआ सोचिए तो यह रेजीमेंट बनाई इन्होंने मिल कर के अंग्रेजों के नाखों चने चबा दिए इंडिया के कई सारे पोस्ट हां ये जो सेना थी वो इंडियन ही सैनिक थे और इनको आर्म्स एंड वेपंस में मदद कर रहा था जापान और हमने अटैक किया ब्रिटेन पे अटैक किया क्लंग क्लंग और कई सारे ऐसे इंफाल कई सारे प्लेसेस में हमने विजय भी हासिल की इंडिया का जो अंडमान निकोबार ने उसको आजाद भी करा लिया उसका नाम रखा सुभाष जी ने स्वराज एंड शहीद आइलैंड तो इस तरीके से काफी जीत हासिल हुई उन्होंने देश में एक नया गवर्नमेंट झंडा लहराया अपना झंडा लहराया देश के कुछ हिस्सों को आजाद करा लिया अंग्रेजों से बट यह आजादी बहुत लंबे समय तक नहीं रही क्योंकि वहां जापान का सरेंडर हो गया वहां जापान जो हमें मदद कर रहा था सेना के साथ हथियारों के साथ वहां जापान विड्रॉ कर गया अपना सपोर्ट और यहां हमारे सैनिकों को ब्रिटेन ने अपनी नई पावर के साथ खूब बढ़ी हुई सेना के साथ क्या कर दिया हरा दिया सरेंडर तो जरूर हो गए हम हार तो हम जरूर मान गए हमारे सिपाही तो जरूर पकड़े गए बट सुभाष बाबू पकड़े नहीं गए 1945 में ऐसा माना जाता है कि सुभाष चंद्र बोस जी का प्लेन क्रैश हो गया और उनके बारे में फिर कुछ ना पता चला हां आज तक नहीं पता चल पाया और बाकी इंडियंस में देश प्रेम की भावना इतनी भर चुकी थी कि अब उन्हें गुलाम बनाना असंभव था ब्रिटिशर्स भी जान चुके थे कि अब इंडियंस किसी लेवल तक जा सकते हैं अपने आप को आजाद कराने के लिए और 1945 का दौर था जब एक तरह से कहे ब्रिटेन का पावर खत्म हो रहा था कहते हैं ना ब्रिटेन का सूरज ढल रहा था जो कभी सुपर पावर ओवर करता था आज जूनियर पार्टनर बन जाएगा अमेरिका का हां ध्यान दीजिए वर्ल्ड वॉर टू में भले जीत हासिल होगी ब्रिटेन जीतेगा जरूर पर जीत के भी हार जाएगा अब देश में देश में पावर ट्रांसफर करने की बात हो रही है क्योंकि ब्रिटेन में जब चुनाव होगा तो नए प्राइम मिनिस्टर इलेक्ट होंगे क्लेमेंट एटली हां क्लेमेंट एटली शुरू से ही इंडिया के फेवर में थे वो चाहते थे लेबर पार्टी के लीडर थे वो चाहते थे कि इंडिया को आजाद कर दिया जाए उन्होंने अनाउंसमेंट भी किया कि हम अगस्त 1947 तक इंडिया को आजाद कर देंगे ये इंडिया को ट्रांसफर ऑफ पावर कर देंगे और इसके लिए ब्रिटिश की सोच बदली मैंने कहा इरादा बदला क्योंकि वो कमजोर हो चुके थे उन्होंने कैबिनेट मिशन को भेजा कैबिनेट मिशन आया जरूर पर इसके प्लांस एक्सेप्ट नहीं हो पाए क्योंकि उन्होंने ग्रुप ऑफ स्टेट्स बनाए जिनमें ग्रुप ए ग्रुप बी ग्रुप सी जिसमें हिंदू मेजॉरिटी स्टेट्स को मुस्लिम मेजॉरिटी स्टेट्स को अलग कर दिया तो पार्टीशन क्योंकि इसमें क्लियर कट नहीं समझ में आ रहा था तो मुस्लिम लीग ने ने इसको एक्सेप्ट करने से मना कर दिया बोला नहीं इस कैबिनेट मिशन प्लांस को हम एक्सेप्ट नहीं करेंगे और कांग्रेस ने इससे मना कर दिया क्योंकि इसमें पार्टीशन की बू आ रही थी क्योंकि इसमें हिंदू मेजॉरिटी स्टेट्स अलग हो रहे थे मुस्लिम मेजॉरिटी स्टेट्स अलग हो रहे थे अलग कांस्टीट्यूएंट असेंबली बनाई जा रही थी अब ये सब बातें एक्सेप्ट ना होने के बाद फाइनल आया फाइनल आए कौन फाइनल आए अ माउंट बेटन प्लान 1946 खत्म हो जाएगा और हिंदू मुसलमान आपस में झगड़ चुके हैं दोनों में कमल राइट्स हो चुके हैं दंगे हो रहे हैं दोनों में याद रखिएगा क्योंकि मुस्लिम लीग चाहता है कि उनको सेपरेट नेशन पाकिस्तान मिले जहां पर सिर्फ मुस्लिम्स हो और कांग्रेस चाहती थी कि हमारे पास यूनाइटेड इंडिया हो अत देश अलग ना हो बटवारा ना हो इसी बात का झगड़ा था और अंत में क्या होगा देखिए अंत में क्या होगा मुसलमानों को देना पड़ेगा तो 1946 में इलेक्शन होगा कांस असेंबली का कां असेंबली में भी सीट्स कांग्रेस को मिल जाएंगी और कांग्रेस की मेजॉरिटी आने से फिर जानते हैं देश में दंगे हो जाएंगे क्योंकि मुस्लिम लीग इनको काम नहीं करने देना चाहती है मुस्लिम लीग ने एक अनाउंसमेंट कर रखा था नाम था डायरेक्ट एक्शन उन्होंने एक दिन को घोषित कर दिया डायरेक्ट एक्शन डे मतलब हम बोलेंगे नहीं हम अटैक करेंगे उन्होंने गवर्नमेंट प्रॉपर्टीज पे हां अटैक करना शुरू कर दिया और 1946 बहुत बड़े दंगे हुए खास करके पंजाब में बंगाल में जहां हिंदू मुस्लिम मेजॉरिटी साथ में र रहती थी बहुत ज्यादा न भाई मुस्तान हुआ यह सब कुछ अंग्रेजों ने अब दोनों के बीच में दोनों कम्युनिटीज के बीच में एक नफरत उन्होंने पैदा कर दी थी यही उसका नतीजा हुआ अब आया एक एटली जो क्लेमेंट एटली मैंने कहा ब्रिटेन प्राइम मिनिस्टर बन चुके थे उन्होंने अनाउंसमेंट कर दी थी और फाइनली साइन भी कर दिया था इंडिया का इंडिपेंडेंस अब इस एक्ट का नाम था इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट अच्छा इसको पूरा करने के लिए लॉर्ड माउंटबेटन जो कि लास्ट ब्रिटिश रोए हैं ये आखरी यह लास्ट वॉइज रय हैं जो इंडिया को पावर ट्रांसफर करने आए हैं लॉर्ड माउंटबेटन प्लान लेके आएंगे नाम है माउंट बेटन प्लान इस प्लान में डिवीजन ऑफ इंडिया की बात होगी डिवीजन ऑफ इंडिया इनटू टू डोमेंस इंडियन यूनियन को इंडिया जो कि 15 अगस्त 1947 को आजाद होगा और पाकिस्तान जो कि 14 अगस्त 1947 को आजाद होगा तो दो पार्ट्स में इंडियन यूनियन को डिवाइड किया जाएगा अ बाउंड्री कमीशन वास एस्टेब्लिश टू डिवाइड द पॉलिटिकल बाउंड्रीज और क्या किया गया इंडिया को जो कांस असेंबली के मेंबर्स थे जो जो कांग्रेस के थे उनको यही रिटेन कर दिया गया और मुस्लिम मंस को क्या कर दिया गया अलग कर दिया जो कंस्ट असेंबली थी उसको पावर कर दिया गया कि अब वो देश के लिए नया संविधान सर कांस्टिट्यूशन सुप्रीम लॉ ऑफ द लैंड लिखने के लिए ठीक है और इस तरह से इंडिया का कांस्टिट्यूशन बना और कांस्टिट्यूशन इंप्लीमेंट होने में तो समय लगता है प्रश्न बनना शुरू हो गया 1947 15 अगस्त को भारत आजाद जवाहरलाल नेहरू बिम दी फर्स्ट प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया ठीक है अब दोनों ने प्लान क्यों एक्सेप्ट कर लिया था तो रीजन बहुत सिंपल सा है माउंट बेटन प्लान से पहले देश में इतने दंगे हो चुके थे कि अब देश टुकड़ों में बट जाता सिविल वॉर हो जाता देश के अंदर और डिवाइडेड इंडिया इससे बेटर है कि छोटा इंडिया हो पर यूनाइटेड इंडिया हो तो इसीलिए कांग्रेस ने एक्सेप्ट कर लिया मुस्लिम लीग की डिमांड फॉर दी पाकिस्तान अदर वाइज देयर वुड हैव बीन स्मॉल स्मॉल स्मॉल सेक्शंस ऑफ द कंट्री तो इससे ज्यादा अच्छा है कि एक ही हिस्सा रहे पर डिवाइडेड ना हो यूनाइटेड हो तो व कहते हैं ना वॉर को अवॉइड करना ब्लड शेड को अवॉइड करना फाइट्स को अवॉइड करने का तरीका यही था कि आखिरी में क्या किया कांग्रेस ने मान ही लिया और ब्रिटिश में एक एक्ट पास हुआ पार्लियामेंट में कानून पास हुआ क्लेमेंट एटली के ऑर्डर से कि इंडिया को हम उसका पावर सौंपते हैं ट्रांसफर ऑफ पावर करते हैं और 19 47 में ये एक्ट पास होने के बाद इंडिया को आजादी का पावर मिल गया दो अलग नए देश बन गए आउट ऑफ इंडियन यूनियन पाकिस्तान एंड इंडिया आई एम शोर हां आई एम श्यर मैं 12थ के हां 12थ के जो आईएससी के स्टूडेंट्स होते हैं इनको हमेशा कहता हूं कि आप मेगा स्टार्स है मेगा इसलिए क्योंकि आप सर्वोच्च है और आपसे चाहिए मुझे सर्वोच्च प्यार ढेर सारा मैसेजेस अब आप बताइए कि इसके बाद क्या बनाऊं हां आप जो कहेंगे बस वही होगा ठीक है मैं आपके लिए मेहनत कर रहा हूं यस तुम्हारे लिए मेहनत कर रहा हूं माय मेगा स्टार्स और यकीन जानिए मेरी कोशिश यही है कि आपको सिंपलेस्ट कंटेंट सिंपल लैंग्वेज में मिल पाए बाय टेक केयर गॉड ब्लेस यू लव यू माय मेगास्टार्स कमेंट जरूर करिएगा