त्रिकोण अध्याय नोट्स
अध्याय का परिचय
- श्री शोबित इरवान द्वारा प्रस्तुत किया गया।
- त्रिकोण (Triangle) एक ऐसा आकृति है जिसमें 3 कोण होते हैं।
- त्रिकोण के अंदर के कोण का योग हमेशा 180 डिग्री होता है।
त्रिकोण की परिभाषा
- त्रिकोण: ऐसा आकृति जिसमें 3 कोण और 3 भुजाएँ होती हैं।
- त्रिकोण के कोण: कोण A, कोण B, कोण C।
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कोणों के संदर्भ में विभिन्न नामों का प्रयोग:
त्रिकोणों की समरूपता (Congruency of Triangles)
- समरूपता (Congruent): यदि दो त्रिकोणों की भुजाएँ और कोण समान हैं, तो उन्हें समरूप कहा जाता है।
- समरूपता के नियम:
- SAS (Side-Angle-Side): दो भुजाएँ और उनके बीच का कोण समान हो।
- ASA (Angle-Side-Angle): दो कोण और उनके बीच की भुजा समान हो।
- AAS (Angle-Angle-Side): दो कोण और एक ना शामिल भुजा समान हो।
- SSS (Side-Side-Side): तीनों भुजाएँ समान हों।
- RHS (Right Angle-Hypotenuse-Side): यदि दो दाहिनी कोण त्रिकोणों में कर्ण और एक भुजा समान हो।
त्रिकोण के गुण
- त्रिकोण में दो भुजाएँ समान होने पर उनके सामने वाले कोण समान होते हैं।
- समकोण त्रिकोण (Isosceles Triangle) में संबंधित कोण समान होते हैं।
प्रश्न और उत्तर
- प्रश्न: त्रिकोण ABC में AB = AC, तो angle B = angle C।
- उत्तर: इस तरह की स्थिति में, AB और AC के विरोधी कोण समान होते हैं।
- प्रश्न: यदि AB = AC और AD = AB हो, तो AC = AD होगा।
- उत्तर: यह सिद्धांत है कि यदि दो भुजाएँ समान हैं, तो उनके सामने वाले कोण भी समान होते हैं।
निष्कर्ष
- त्रिकोण अध्याय में समरूपता के सिद्धांत बहुत महत्वपूर्ण हैं।
- त्रिकोणों की विशेषता और गुणों का ज्ञान महत्वपूर्ण है।
- अभ्यास से सिद्धांतों को समझना और प्रश्नों को हल करना आसान होगा।
नोट्स का महत्त्व: ये नोट्स अध्ययन हेतु सहायक हैं और त्रिकोण के मूल सिद्धांतों और समरूपता नियमों को अच्छे से समझाने में मदद करेंगे।