त्रिकोण और समरूपता के मूल सिद्धांत

Sep 16, 2024

त्रिकोण अध्याय नोट्स

अध्याय का परिचय

  • श्री शोबित इरवान द्वारा प्रस्तुत किया गया।
  • त्रिकोण (Triangle) एक ऐसा आकृति है जिसमें 3 कोण होते हैं।
  • त्रिकोण के अंदर के कोण का योग हमेशा 180 डिग्री होता है।

त्रिकोण की परिभाषा

  • त्रिकोण: ऐसा आकृति जिसमें 3 कोण और 3 भुजाएँ होती हैं।
  • त्रिकोण के कोण: कोण A, कोण B, कोण C।
  • कोणों के संदर्भ में विभिन्न नामों का प्रयोग:

    • angle BAC
    • angle CAB

त्रिकोणों की समरूपता (Congruency of Triangles)

  • समरूपता (Congruent): यदि दो त्रिकोणों की भुजाएँ और कोण समान हैं, तो उन्हें समरूप कहा जाता है।
  • समरूपता के नियम:
    1. SAS (Side-Angle-Side): दो भुजाएँ और उनके बीच का कोण समान हो।
    2. ASA (Angle-Side-Angle): दो कोण और उनके बीच की भुजा समान हो।
    3. AAS (Angle-Angle-Side): दो कोण और एक ना शामिल भुजा समान हो।
    4. SSS (Side-Side-Side): तीनों भुजाएँ समान हों।
    5. RHS (Right Angle-Hypotenuse-Side): यदि दो दाहिनी कोण त्रिकोणों में कर्ण और एक भुजा समान हो।

त्रिकोण के गुण

  • त्रिकोण में दो भुजाएँ समान होने पर उनके सामने वाले कोण समान होते हैं।
  • समकोण त्रिकोण (Isosceles Triangle) में संबंधित कोण समान होते हैं।

प्रश्न और उत्तर

  • प्रश्न: त्रिकोण ABC में AB = AC, तो angle B = angle C।
    • उत्तर: इस तरह की स्थिति में, AB और AC के विरोधी कोण समान होते हैं।
  • प्रश्न: यदि AB = AC और AD = AB हो, तो AC = AD होगा।
    • उत्तर: यह सिद्धांत है कि यदि दो भुजाएँ समान हैं, तो उनके सामने वाले कोण भी समान होते हैं।

निष्कर्ष

  • त्रिकोण अध्याय में समरूपता के सिद्धांत बहुत महत्वपूर्ण हैं।
  • त्रिकोणों की विशेषता और गुणों का ज्ञान महत्वपूर्ण है।
  • अभ्यास से सिद्धांतों को समझना और प्रश्नों को हल करना आसान होगा।

नोट्स का महत्त्व: ये नोट्स अध्ययन हेतु सहायक हैं और त्रिकोण के मूल सिद्धांतों और समरूपता नियमों को अच्छे से समझाने में मदद करेंगे।