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भारत में नेशनलिज्म का ऐतिहासिक विकास

हेलो दोस्तों नमस्कार स्वागत करता हूं आप सभी लोगों का एक बार मैं फिर से ओनली इस फाउंडेशन चैनल पर मैं हूं मोहम्मद आश्रम दोस्तों आज हम लोग एक बहुत ही इंपॉर्टेंट चैप्टर की शुरुआत करने जा रहे हैं क्लास 10th हिस्ट्री की एनसीईआरटी का चैप्टर नंबर तू है जो डील कर रहा है नेशनलिज्म इन इंडिया से बहुत ही इंपॉर्टेंट चैप्टर है और आपका फाउंडेशन बहुत अच्छा जहां से बन सकता है बन जाएगा ठीक है दोस्तों अब इस चैप्टर के कर पार्ट्स हैं इसी कर पार्ट्स में आपके एनसीईआरटी के अंदर भी डिवाइड है तो हमने लेक्चर का फ्लो इन्हीं कर पोर्शंस ऐसी कर हेडिंग के अंदर यहां पर पढ़ेंगे ताकि आपकी एनसीईआरटी यहां पर कर होती चली जाए क्लियर है दोस्त तो चलिए स्टार्ट करते हैं लेकिन सबसे पहले मैं आपको कुछ चीज यहां पर याद दिलाऊंगा दोस्तों जब मैं आपको याद करिए डिक ऑफ नेशनलिज्म इन यूरोप पढ़ा रहा था याद करेगा तो जब मैं उसका पार्ट तू स्टार्ट किया था उसे एनसीईआरटी का चैप्टर का पार्ट तू तो वहां पर मैंने कहा था की मिड 18 सेंचुरी के आसपास या उससे पहले की ही बात करें अगर तो यूरोप में कोई नेशन स्टेट नहीं था लोगों के अंदर कोई सेंस ऑफ कलेक्टिव बिलॉन्गिंग नहीं थी मतलब लोग अपनी एक दूसरे को बिरादरी के समझते नहीं थे बिरादरी मतलब खाने का ही है की लोगों के अंदर कोई ये फीलिंग नहीं थी की हां हम एक दूसरे को बिलॉन्ग करते हैं हर आदमी अपनी अलग अखाड़ा में था और कोई उसको नता ही नहीं था नेशन से बस वो अपना अलग चल रहा था तो कोई नेशन स्टेट नहीं था उसे वक्त कोई सेंस ऑफ कलेक्टिव बिलॉन्गिंग नहीं थी मैंने आपको बताया था की बहुत सारे रिवोल्यूशन होते हैं पूरे यूरोप में और 1830 से लेकर 1848 तक आप देखोगे वो पूरा फेस रिवॉल्यूशन जी रिवॉल्यूशन से भारत था और उसका आउटकम देखने को ये मिला की उसके बाद हमने नेशन स्टेट बनते हुए देखें मैंने आपको जर्मनी की कहानी बताई कैसे जर्मनी फॉर्म हुआ मैंने आपको इटालियन यूनिफिकेशन के बड़े में पटाया मैंने आपको ब्रिटेन की कहानी के बड़े में मैंने की मैंने आपको ब्रिटेन की कहानी बताई तो ये सब हमने देखा लेकिन इसमें एक बात समझ में आई है की हां धीमे धीमे लोगों के अंदर वो कॉन्शसनेस डेवलप हो गई थी वो सांसद कलेक्टिव बिलॉन्गिंग ए गई थी और जैसे-जैसे ये नेशन स्टेट फॉर्म हो रहे थे अलग-अलग तो लोगों के अंदर नए नए लोगों की नई आईडेंटिटी बन रही है राइट जैसे हमने आपको बताया था ब्रिटेन का मैं आपको कैसे बड़ा रहा था की उनका नया राशन एंथम ए गया था है ना फिर हमने आपको उनके फ्लैग के बड़े में बताया था तो उनके नए-नए सिंबल्स नए-नए आइकंस यह सब ए रहे थे क्लियर तो एक बार चलिए इसको यहां पर पहले मेंशन कर लेते हैं दिस ऑफ नेशनलिज्म इन यूरोप जल्दी लिख लीजिएगा राइस ऑफ नेशनलिज्म और योर लिख लीजिए यह मत सोचिए मैं गलत लिख रहा हूं मैं जानबूझ की घड़ी लिख रहा हूं नेशनलिज्म इन इंडिया नहीं पहले लिखिए राइस ऑफ नेशनलिज्म इन यूरोप और जब हमने ये पढ़ा था तो हमने देखा था की फॉर्मेशन ऑफ नेशन स्टेट यहां पर हो जाता है फॉर्मेशन ऑफ नेशन स्टेट देखने को मिलता है राइट राउंड राइट साइड अब जरा समझिएगा जब यह नेशन स्टेट बने तो मैंने क्या बताया आपको की क्या हुआ न्यू आईडेंटिटी डेवलप होने लगी लोगों की है ना नए फ्लैग नया नशा एंथम ये सब आने लगा और न्यू आईडेंटिटी का मतलब लिख लीजिए यहां पर बटर रहेगा यही के यही जैसे की न्यू सिंबल्स लिख लीजिए आप जैसे की आप लिख लीजिए नए-नए सिंबल्स फॉर्म होने लगे हैं जैसे की आप देखिए न्यू आइकंस फॉर्म होने लगे न्यू आइकंस बने लगे ठीक है ना ये सब चीज जो हैं हो गई और लोगों के अंदर जो है दोस्त क्या हुआ सेंस ऑफ कलेक्टिव बिलॉन्गिंग आने लगी लिखिएगा लोगों के अंदर सेंस ऑफ कलेक्टिव बिलॉन्गिंग जो है वो बने लगी थी तो यहां पर जो हमारा सवाल है या जो हमको यहां पर स्टडी कर रहे हैं वो ये स्टडी कर रहे हैं की ये जो आप कॉन्शसनेस देख रहे हैं ये जो कॉन्शसनेस है ये कॉन्शसनेस इंडियन के अंदर कैसे आई यह कॉन्शसनेस इंडियन के अंदर कैसे बनी यह चीज यहां पर हमको देखनी है यहां तक बात क्लियर हो गया अब चलिए थोड़ा समझते हैं किस प्रकार से ये चीज इंडिया नहीं इंडियन ने कारी देखो दोस्त सिंपल सी बात है और इन प्वाइंट्स को जरा आसानी से समझ लेना की क्या कहा जा रहा है ठीक है बहुत ही अच्छे समझना क्योंकि कॉन्सेप्ट एकदम मस्त सिंपल है देखो जब ब्रिटिशर्स इंडिया आए हम का सकता हूं जब ब्रिटिश ने भारत के ऊपर इंडिया के ऊपर क्या किया कब्जा कर लिया तुझे भारत के ऊपर कब्जा किया तो बेसिकली हम क्या बोल रहे थे की कॉलोनियल पीरियड स्टार्ट हो गया हम कहते हैं ना कॉलोनियलिज्म हो गया है ना तो क्या हो गया ये कॉलोनियलिज्म शुरू हो गया यानी की अंग्रेजन ने भारत को अपना क्वालिटी बनाया राइट कॉलोनियलिज्म हो गया और यही सब लोग का सकते हैं की यह इंपिरियलिज्म की शुरुआत है इंडिया के ऊपर इंपिरियलिज्म क्या है दोनों में फर्क क्या है दोनों चीज देखो इंपिरियलिज्म क्या होता है जब कोई पावर कंट्री दूसरे कंट्री के ऊपर अपने डम अपना डोमिनेशन करती है पावर दिखा के पावर दिखा रही है क्या पावर से डोमिनेट कर रही है इंपिरियलिज्म और इंपिरियलिज्म में आईडियोलॉजिकल चीजों को भी काउंट किया जाता है वेस्टर्नाइजेशन ठीक है ना ये सब चीज तो इंपिरियलिज्म में आपकी आईडियोलॉजी भी आई है कॉलोनियलिज्म बेसिकली मोरों ली वह लिमिटेड राहत है कमर्शियल ट्रेड को लेकर ट्रेडिंग को लेकर ठीक है बट हां कॉलोनियलिज्म भी आप देखोगे बिना इन्वेंशन के पॉसिबल नहीं है इवेशन तो करना ही पड़ेगा तो यहां पर अभी के लिए समझो की जब अंग्रेजन ने भारत पे कब्जा किया भारत पे कैप्चर हमला किया अटैक किया कब्जा किया तो भाई इंडिया पे जो रूल शुरू हो गया शुरू हो गया इंपिरियलिज्म शुरू हो गया अब ये जो आपका रूल थम वाला इंपिरियलिज्म वाला ये दोस्तों बहुत ही ज्यादा एक्सप्लोइटेटिव नेचर का था बहुत ज्यादा एक्सप्लोइट हो रहे थे इंडियन में एक्सप्लोइटेटिव था ये बहुत ज्यादा सप्रेसिव नेचर का था इंडियन को दबाया जा रहा था लोगों को यह बहुत ज्यादा ऑफर नेचर का था ठीक है यह बहुत ज्यादा सप्रेसिव बहुत ज्यादा ऑपरेसिव बहुत ज्यादा एक्सप्लेनेटिव नेचर का तो एक बार जो इंडियन को यहां पर समझ में आई की अगर हमको इस कॉलोनियलिज्म या इस इंपिरियलिज्म से लड़ना है तो हमको यूनाइटेड होना पड़ेगा और जब हम लोग यहां पर यूनाइटेड होंगे समझिएगा जब यहां पर ये लोग यूनाइटेड होंगे इंडियन तो इसी के खिलाफ जो लड़ाई लड़ेंगे तो इसी को हम लोग क्या बोलेंगे यही होगा हमारा एंटी कॉलोनियलिज्म क्या होगा ये एंटी कॉलोनियलिज्म और इसी को हम लोग क्या बोलेंगे एंटी इंपिरियलिज्म मतलब इसको क्या बोलेंगे इसके अगेंस्ट लड़ाई होगी तो एंटी इंपिरियलिज्म कॉलोनियलिज्म के खिलाफ लड़ाई होगी तो क्या होगा एंटी कॉलोनियलिज्म और इंपिरियलिज्म के खिलाफ लड़ाई है तो एंटी इंपिरियलिज्म अब दोस्त एक बात बताओ समझना वाली बात है ये लड़ाई जो होगी उन्होंने उनके खिलाफ ये क्या है दिस इस नथिंग बट फ्रीडम स्ट्रगल ऑफ इंडिया यही तो था यही तो फ्रीडम स्ट्रगल है इंडिया की यस ये क्या है हमारी देखिए सर हमारी यही तो हमारी फ्रीडम स्ट्रगल ऑफ इंडिया ये हमारी फ्रीडम स्ट्रगल ऑफ इंडिया बात समझ में ए रहा है की नहीं ए रहा है क्लियर हो रहा है बात अब यह जो फ्रीडम स्ट्रगल थी यह जो हमारी लड़ाई एंटी कॉलोनियलिज्म कॉलोनाइज्म के खिलाफ शुरू हुई तो इसमें यहां पर इस एनसीआरटी में इस चैप्टर में जो कहानी शुरू होती है वो हमारी महात्मा गांधी जी के अराइवल की बात की कहानी है जब वो साउथ अफ्रीका से इंडिया ए जाते हैं तो महात्मा गांधी यहां पर उनका नाम सामने आएगा इस एंटी कॉलोनियलिज्म की लड़ाई में महात्मा गांधी जी का यहां पर कहानी में कहानी से आप कहानी स्टार्ट होगी और महात्मा गांधी जी ने इसके लिए यानी की एंटी कॉलोनियलिज्म करने के लिए या फिर कोलिशन के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए या फिर फ्रीडम स्ट्रगल ऑफ इंडिया के लिए यहां पर दो मोमेंट्स की बात लॉन्च किया उन दोनों विमेंस को हमें डिस्कस करना है वन इस नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट और एक हो जाएगा आपका नोट करेगा सिविल दिस ओबेडिएंस मूवमेंट एस की बात है हमको इस वाले लेक्चर में दोस्तों करनी है दान दिस इस दी आउटलाइन अब चैप्टर को यहां से शुरू तो हो ही गया है अब यहां पर आप हैडिंग डालिए की भाई देखो वर्ल्ड वार और हो जाति है और वर्ल्ड वार एंड होने के बाद या वर्ल्ड वार की वजह से क्या-क्या इंप्लीकेशंस आए इंडिया के ऊपर वो हम लोग पहले यहां पर देखते हैं प्लीज गिव दी हेडिंग इंप्लीकेशन ऑफ वर्ल्ड वार वन ठीक है या इंप्लीकेशंस ऐसे लिख लीजिए इंप्लीकेशंस चलिए ऐसे लिख लीजिए ऑफ वर्ल्ड वार वन क्या क्या ऐसे यहां पर इंप्लीकेशंस देखने को मिलते हैं ठीक है हेडिंग ले लीजिए काफी इंपॉर्टेंट है प्लीज गिव डी हेडिंग चलिए आई बना लीजिए यह वर्ल्ड वार की वजह से बहुत सारे पॉलीटिकल और इकोनामिक चेंज हमको वार के बाद देखने को मिलते हैं देखिएगा पॉलीटिकल प्लस इकोनामिक चेंज पोस्ट देखने को मिलते हैं क्या-क्या देखने को मिले चलिए अब यहां पर देखते हैं इन्हीं प्वाइंट्स में कर होगा बहुत सारे चीजों को चेंज हो जाए लेकिन आपके एनसीईआरटी क्या-क्या प्वाइंट्स बता रही है वहां लिखने हैं देखो अब ये लड़ाई जब ब्लू ही र गई वर्ल्ड वार लड़ी गई तो सही सी बात है इसमें पैसा खर्चा बहुत पैसा बहुत चाहिए तो डिफेंस के एक्सपेंडिचर मतलब पैसा इसलिए चाहिए क्योंकि डिफेंस के ऊपर खर्चा करना है तो क्या हुआ की डिफरेंस के एक्सपेंडिचर जो है इस वर्ल्ड वार के दौरान जो है बाढ़ गए थे डिफेंस एक्सपेंडिचर क्या हुआ था बाढ़ गए थे और इसको फाइनेंस कैसे किया गया कैसे ये डिफरेंस के एक्सपेंडिचर यहां पर फाइनेंस किया गए यहां पर डिफरेंस एक्सपेंडिचर फाइनेंस क्या तरीका था एक था वार लोन और दूसरा यहां पर आप देखोगे की टैक्स की बात करेंगे बड़ा दिया गया उसके अलावा क्या किया गया इनकम टैक्स को इंट्रोड्यूस कर दिया गया बात समझ में ए गई पॉइंट नंबर तू हो गया लड़ाई होगी जाहिर सी बात है की लड़ाई हो रही है तो सर चीज जो है सर पैसा रुपया जितना भी है सब जोंक दिया जाता है मोर के अंदर यहां ब्रिटिशर्स भी यही कर रहे थे हमारे कंट्री के अंदर डिफरेंस का एक्सपेंडिचर बहुत बाढ़ गया उसको फाइनेंस करने के लिए क्या किया गया वार लोन लिया गए वारेन के वार लड़ने के लोन इसलिए गए कस्टम ड्यूटी को बड़ा दिया गया इनकम टैक्स जैसी चीजों को इंट्रोड्यूस कर दिया जाएगा समझ में ए गया पॉइंट नंबर सी अब जब लड़ाई होती है तो जाहिर सी बात है उसे वक्त आप देखोगे तो फूड शॉर्टेज होना शुरू हो गया यानी की अनाज की किल्लत होना स्टार्ट हो गई फूड शॉर्ट आगे और जब भी अनाज किल्लत है यानी फूड शॉर्टेज कम हो गया तो उसके वजह से क्या हुआ फूड प्राइसेस बढ़ाने ग गई थी इंक्रीज होने ग गया ठीक है और दें लास्टली पॉइंट नंबर फोर अंग्रेजन ने भारतीय लोगों को फोर्सफुली आर्मी के अंदर रिक्रूट किया और उनसे डिमांड कारी की आप तुम्हें जो है हमारे मतलब इंडिया तुम्हें जो है हमारे लड़ना पड़ेगा वर्ल्ड वार के अंदर तो फोर्स रिक्रूटमेंट इन आर्मी रिक्रूटमेंट किया गया आर्मी के अंदर क्लियर है यहां तक पॉइंट अब क्या हुआ दोस्त की यह तो ठीक है चल रहा था लेकिन आप देखोगे की 1918 से लेकर 1990 और 1920 से लेकर 1921 दोस्त यह वह फेस था जब क्रॉप फेलियर हो गया था क्रो फेल हो गया था प्लस हम ही का सकते हैं की भुखमरी ए गई फेम अब फूड शॉर्टेज हो जाएगा तो लोगों को आज मिलेगा नहीं लोग जो है फेम पद गया तो लोग जो है भुखमरी के करण करने लगे इसके अलावा आप देखोगे की एक एपिडेमिक फेल गया था एपिडेमिक और एपिडर्मिस क्या था इनफ्लुएंजा इनफ्लुएंजा इन दोनों कर्म की वजह से आप देखोगे की बहुत ज्यादा लॉस ऑफ लाइफ देखने को मिलता है बहुत ज्यादा लॉस ऑफ लाइव देखने को मिलता है यहां तक बात क्लियर हो गई नोट करते जाएगा बहुत इंपॉर्टेंट प्लीज अब आई प्लीज लिखिए हेडिंग दाल दीजिए डी आइडिया ऑफ सत्याग्रह चलिए पहले बातें सुन लीजिएगा फिर उसके बाद उसको नोट कर लीजिएगा महात्मा गांधी जी वह साउथ अफ्रीका में थे और साउथ अफ्रीका से वो वापस इंडिया आते हैं है ना और जब वो साउथ अफ्रीका में थे तो वहां पर वो ऑलरेडी एक रेसिस्ट लड़ाई लाड रहे थे ब्लैक सन व्हाइट रेसिस्ट रिज्यूम रेजिस्टेंस फाइट ऑलरेडी चल रही थी और उनकी जो रेजिस्टेंस फाइट थी उसको लड़ने के लिए वो जो तरीका इस्तेमाल कर रहे थे वो एक नया एक नोबेल मेथड था जिसको सत्ता ग्रह कहते थे अभी सत्ता के जो वर्ल्ड है ना इस ये इसके दो प्रिंसिपल्स हैं ट्विन प्रिंसिपल्स एक है सत्य डेट इसे ट्रुथ और दूसरा है अहिंसा डेट इस नॉन वायलेंस इन दो प्रिंसिपल्स को जब गांधी जी वापस इंडिया आते हैं तो इंडिया में भी यही जो नोबेल मेथड है सत्याग्रह का उसको इंडिया में अप्लाई करते हैं क्लियर हो गया इसको लिख लीजिए प्लीज राइट आईडी हो सकता है पहले इतना नोट कर लीजिए फिर हम लोग आगे बढ़ते हैं तो महात्मा गांधी साउथ अफ्रीका साउथ अफ्रीका से वापस आते हैं इंडिया रिटर्न तू इंडिया चल रही है ठीक है तो साउथ अफ्रीका जब में थे तो वहां पर वो ऑलरेडी एक रेसिस्ट फाइट चल रही थी उनकी है ना और इस रिसेस फाइट को लड़ने के लिए उन्होंने अडॉप्टेड और नोबल मेथड अडॉप्टेड एन नोबल मेथड नोबल मैच का मतलब नया एक नोबल मेथड इन अलाओपी किया और इस नोबल मेथड को हम क्या बोलते हैं दिस इस कॉल्ड आगे सत्याग्रह क्या बोल रहे हैं इसको सत्याग्रह ठीक है अब ये जो सत्याग्रह है इस सत्याग्रह की बेसिकली दोस्तों ट्विन प्रिंसिपल थे यानी की दो प्रिंसिपल्स से 12 प्रिंसिपल्स और वो क्या क्या थे ट्विंकल प्रिंसिपल्स नोट करेगा एक आपको मिलेगा सत्य सत्य डेट इसे ट्रुथ और दूसरा आपको मिलेगा अहिंसा दत इसे नॉन वायलेंस यह गांधीजी के तरीका था किसी भी सकता है गांधीजी का कहना है ये था की अगर आप किसी जस्ट गिव अप जस्ट कैसे के लिए लाड रहे हैं यानी की आप किसी अगर मां लीजिए आपकी कोई कैसे जो भी लड़ाई का है वो अगर सही है तो आपको किसी भी फिजिकल फोर्स की रिटायरमेंट नहीं है उसे लड़ाई को लड़ने के लिए आप बिना फिजिकल फोर्स के आप इन लड़ाई को इस तरीके से ट्रुथ और नॉन वायलेंस के जारी जीत सकते हैं ये था उनका आइडिया ऑफ सत्याग्रह आप चाहे तो उसको लिख सकते हो आइडिया आईएफ डी आईएफ डी आईएफ डी कैसे ऑफ फाइट इसे जस्ट यह डी रीजन इसे जस्ट लड़ने का दें नो फिजिकल फोर्स इस रिक्वायर्ड तू फाइट पर दिस थिंक क्लियर बात समझ में ए गया ये था आइडिया ऑफ सत्याग्रह अब जब गांधीजी इंडिया आते हैं तो सबसे पहले तीन जगह वो अपने इस सत्याग्रह को अप्लाई करते हैं स्नोबॉल मेथड को अप्लाई करते हैं ठीक है ना तो ये उनके एक तरह से हम का सकते हैं की तीन उनकी जगह थी जहां पर उन्होंने अपने इस नोबल मेथड को लगाया सत्य का रहे हैं की आइडिया को अप्लाई किया इसको आप हेडिंग कैसे बना सकते हैं किताब में हेडिंग नहीं दी है मैं खाली बना रहा हूं थ्री रीजनल थ्री रीजनल सत्याग्रह वैसे मैं आपको बताऊं की जो अहमदाबाद मिल स्ट्राइक उसमें आएगा वो एक्चुअली सत्याग्रह नहीं था उनका वो एक तरह का डिस्प्यूट था उसको सॉल्व किया वो सत्याग्रह के रूप में नहीं था ठीक है बट स्टाइल ठीक है यहां पर अभी हम उसको अपने समझना के लिए खाली यहां पर उसको लिख रहे हैं चलिए देखिए अब मैं बात करूंगा यहां पर लिखिएगा चंपारण सत्याग्रह चंपारण सत्याग्रह अब देखो दोस्तों जितना जितना खाली यहां पर एनसीईआरटी में दिया है खाली अभी उसको उतना कर कर रहे हैं ठीक है दूसरा लिखिएगा प्लीज नोट करेगा चंपारण के बाद लिखिए खेड़ा सत्याग्रह खेड़ा सत्याग्रह एक बात और ध्यान रखना बताता हूं रुको बताता हूं रुको खेड़ा और तीसरा पॉइंट लिखिए यहां पर आप लोग अहमदाबाद मिल स्ट्राइक अहमदाबाद मिल स्ट्राइक अब जरा बात सुनिएगा ध्यान से देखो यार दोस्त अगर देखा जाए यूपीएससी के अंदर या सिविल सर्विस एग्जाम के अंदर पहले चंपारण सत्याग्रह हुआ था ठीक है फिर उसके बाद अहमदाबाद मिल्क स्ट्राइक हुआ और अहमदाबाद मिल स्ट्राइक जब गांधी जी अहमदाबाद में थे तभी उसके ठीक कर दिन के बाद खेड़ा सत्याग्रह हुआ है ना मतलब खेड़ा में इशू स्टार्ट हो गया तो गांधीजी वहां चले गए समझना बात को क्लियर है तो पहले चंपारण हुआ फिर खेड़ा हुआ फिर अहमदाबाद हुआ फिर खेड़ा हुआ लेकिन एनसीईआरटी जो आपकी क्लास ट्वेंटी का रही है मैं उसके हिसाब से चल रहा हूं पहले चंपारण लिखा हुआ है फिर खेड़ा लिखा हुआ है फिर अहमदाबाद लिखा है एनसीईआरटी के अंदर लेकिन आप कहानी और भी देखोगे सर्च करोगे तो आपको चीज मिलेगी पहले चंपारण फिर अहमदाबाद फिर उसके बाद खेड़ा क्लियर है चलिए अब चलिए इनको चीजों को जान लेते हैं की पहले यहां पर चीज किस-किस प्रकार से थी चंपारण में क्या था चंपारण आपको पता है ये कहां पर है बिहार में ठीक है बिहार में है और 1917 में ये सत्याग्रह हुआ इसमें क्या है यहां पर क्या हुआ था यहां पर जो इंडिगो प्लांटर्स के अगेंस्ट जो एक सिर्फ सिस्टम था प्लांटेशन का उसके अगेंस्ट यहां पर गांधी जी ने सत्याग्रह किया था क्लियर है इसको यहां मेंशन कर लीजिए अगेंस्ट अगेंस्ट ऑपरेशन अगेंस्ट ऑपरेशन इंडिगो प्लांटेशन सिस्टम इंडिगो प्लांटेशन सिस्टम अभी मैं इस डिटेल में नहीं जा रहा हूं की कितने यहां पर कितना कुटिया सिस्टम जो वहां पर तीन घटिया सिस्टम था वो उन सब चीजों में भी नहीं जा रहा हूं क्योंकि एनसीईआरटी में अभी यहां पर खाली आपको बेसिक समझना है बेसिक यही है की चंपारण सत्याग्रह 1917 बिहार में हुआ और क्या उसको वहां पर क्यों हुआ क्योंकि जो वहां पर इंडिगो प्लांटेशन सिस्टम नेचर का था उसके अगेंस्ट यहां पर गांधी जी ने सत्याग्रह किया था ठीक है ना वैसे बाकी तो बहुत साड़ी चीज हैं की उनको बुलाया गया था ना ही वेट महादेव देसाई मजरुल हक ये सब भी उनके साथ गए थे तो इन सब चीजों में अभी हम नहीं जाएंगे आगे आई खेड़ा में क्या हुआ की वहां पर ड्राफ्ट पद गया सुख पद गया है ना क्रॉप फाइल योर हो गया और जब ऐसा हुआ है तो वहां पर जो किसान थे जो पीसेंट थे वो रिवेन्यू पे नहीं कर का रहे थे अब सरकार को अंग्रेजों को लेकिन अंग्रेजन ने कहा हमें मतलब नहीं है हमको तो पैसा चाहिए हमको तो पैसा खोकर रोकड़ा जो भी है उनको हम उसमें कोई रिया है तुमको नहीं देंगे गांधी जी ने ऐसे में यहां के प्रेसिडेंट को बोला की माना कर दिया की तुम लोग बिल्कुल भी तो आप जो है रिवेन्यू यहां पर नहीं करोगे सरकार को ठीक है तो खेड़ा की बात लिख लीजिए यहां पर प्लीज राइट तू सपोर्ट डी पीजेंस तू सपोर्ट डी पेशेंट ऑफ खेड़ा ठीक है और गांधीजी ने क्या किया गांधी जी आज डेम नोट तू पे गांधी जी क्लियर ठीक है अब आई इस पे यहां पर क्या चल रहा था अगर इजीली समझना है इसको कोई कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए ठीक है चलिए देखें यहां पर देखो यार क्या हुआ मैं आपको बताता हूं अहमदाबाद और से वास दी सिस्टर ऑफ अंबालाल साराभाई सही वज डी सिस्टर ऑफ अंबालाल साराभाई और ये वर्कर्स के लिए लेबर्स के लिए बहुत यहां पर उन्होंने मूवमेंट्स की हैं मूवमेंट में इनका काफी अच्छा इंपॉर्टेंट रोल था अब हुआ क्या की यहां पर एक कॉटन मिल एक कॉटन की मिल्क थी ठीक है कॉटन मिल के ओनर और उनके वर्कर्स के बीच में यहां पर डिस्प्यूट होता है कॉटन मिल के जो ओनर वर्सेस जो उसके वर्कर्स थे उसके बीच में डिस्प्यूट होता है यहां पर डिस्ट्रीब्यूशन क्या है वो मैं आपको समझा देता हूं एनसीईआरटी में दिया नहीं बस ठीक है चलो जान लेते हैं ज्यादा नहीं घुसेंगे एक्चुअली का गया की अहमदाबाद में प्लेट फेल गया था जिसकी वजह से जो वर्कर्स थे वो अपने अपने घर जान लगे अहमदाबाद छोड़कर तो यहां पर मिल ओनर ने अपने इन वर्कर्स को रोकने के लिए लुभाने के लिए कैसे रॉक उनको उनसे कहा की अगर आप रुकोगे कम करोगे तो आपको इन सेंटेंस देंगे तो जितनी भेज दे रहे थे उसका उन्होंने कहा 70% देंगे पर एग्जांपल मां लो ₹100 दे रहे थे तो उन्होंने कहा आपको अब जो वेज मिलेगा 170 रुपीस मिलेगा लेकिन जब सिचुएशन नॉर्मल हो गई तो मिलो ना कहा की आपको जो भेजो 170 दे रहे थे खाली हम इंक्रीमेंट 20% का देंगे यानी की 120 देंगे तमन्ना बात को की भैया प्लेट से पहले 170 से बोला लेकिन जब डिसीजन जो वर्कर्स थे उनकी डिमांड थी की नहीं हमको तो चाहिए कितना हमको चाहिए 150 हम ना कब नहीं करेंगे मतलब यह था प्लेग से पहले प्लेग के टाइम पे और ये था आप लेक बाद वर्कर्स की डिमांड ये थी की हमको 150 चाहिए ऐसे में गांधी जी वहां पर आते हैं और गांधी जी इनके बीच का जो सलाह है वो करते हैं वर्कर्स 150 मांग रहे थे 120 ये देने को तैयार थे कॉप ओनर वाले तो मामला जो है बीच में 135 रुपए यहां पर सेट हो गया मतलब 35% पे मामला जो है वो सेट कर दिया गया था ये था अहमदाबाद मंच पे ये थे गांधीजी के रीजनल एक तरह से जो उनके अप्लायंसेज थे रीजनल सत्याग्रह थे जो उन्होंने यहां पर किया थे गांधीजी का जो फर्स्ट पेन इंडिया मूवमेंट था जो उन्होंने पूरे इंडिया में शुरू किया था वो था रौलट सकता है प्लीज लिखिएगा अब देखो क्या हुआ था प्लीज सी वेरी वेरी इंपॉर्टेंट और काफी ज्यादा सिंपल कहानी सुनिएगा 1990 आते-आते रिवॉल्यूशनरी एक्टिविटी जो थी इंडिया के अंदर वो बहुत ज्यादा बाढ़ गई थी रिवॉल्यूशनरी एक्टिविटी और इन रिवॉल्यूशनरी एक्टिविटीज को रोकने के लिए अंग्रेजों ने एक बिल प्रपोज किया जिसको बोलते हैं हम लोग रौलट बिल ठीक है ना अब ये सिडनी रौलट थे ठीक है अब इस डीटेल्स या नहीं दिया हुआ है ठीक है तो मैं आपको फिर भी यहां पर हल्का-फुल्का ऐसे ही बता के निकलेगा क्योंकि जितना इसमें दिया है फाउंडेशन उसको क्योंकि चैप्टर बहुत बड़ा है वरना देखो रोल है सकता है 299 आते आते मैंने क्या कहा की जो जो भी रिवॉल्यूशनरी एक्टिविटीज थी वो इंडिया में बहुत ज्यादा बाढ़ गई थी और ऐसे में अंग्रेजन ने इस रिवॉल्यूशनरी एक्टिविटीज को कर्टन करने के लिए रोकने के लिए उन्होंने एक बिल प्रपोज किया जो उसको बोलते हैं हम लोग रौलट बिल ठीक है अब इंडियन ने बहुत ज्यादा अपोज किया की ये बिल पास नहीं होना चाहिए क्यों क्योंकि क्या प्रोविजंस है इसके इसके प्रोविजन ये थे की अगर मां लीजिए कहा गया की कोई भी व्यक्ति अगर रिवॉल्यूशनरी एक्टिविटी करता पाया गया देखिएगा आईएफ अन्य वन आईएफ अन्य वन फाउंड डूइंग एक्टिविटी कोई भी अगर व्यक्ति रिवॉल्यूशनरी एक्टिविटी करता पाया गया तो उसको पॉइंट नंबर भी तो उसको हम लोग जय में दाल देंगे ठीक है इंप्रेशन कर देंगे उसको हम जय में दाल देंगे यह बात रोलैंड बिल के अंदर प्रपोज कारी गई थी ये बात रोल्ड बिल के अंदर प्रपोज कारी गई थी और इंडियन जो है इस बिल को अपोज कर रहे थे की नहीं बिल पास नहीं होना चाहिए फिर भी अंग्रेजन ने बड़ी इस बिल को पास कर दिया और ये बिल जो है वो एक्ट बन गया गांधी जी ने कहा था की अगर यह बिल पास हुआ तो हम इसके खिलाफ प्रोटेस्ट करेंगे इविल पास हो गया तो उसको ब्लैक एग्स भी कहा गया आप एनसीईआरटी में नहीं आता फिर ही बता रहा हूं इसको हम लोग ब्लैक एक्ट्स बोलते हैं तो क्या था इस बिल के प्रोविजन किया ये एक्ट क्या हुआ आईएफ अन्य वन इस फाउंड डूइंग रिवॉल्यूशनरी एक्टिविटी तो उसको बिना उसका ट्रायल किया यानी बिना उससे पूछेगा तुम ये कर भी रहे थे की नहीं कर रहे थे उठा के उसको जय में दाल देंगे दो सालों के लिए कोई पूछेगा आप सोचो यहां पर कोई व्यक्ति अगर रिवॉल्यूशनरी एक्टिविटी नहीं भी कर रहा था तो अंग्रेज उसको जबरदस्ती रिवॉल्यूशन कार्यक्रम इस तरह से यहां पर किया जा रहे थे तो रोलर सत्याग्रह क्या था इसके खिलाफ यहां पर सत्याग्रह शुरू किया था गांधीजी ने गांधी जी ने कहा की उसको पास किया गया तो हम प्रोटेस्ट करेंगे और यहां पर हुआ यही आप देखोगे की इसके खिलाफ टोटल जो है वो सिक्स्थ अप्रैल से शुरू हुआ और 6 अप्रैल को हड़ताल यहां पर रख दी गई हड़ताल यहां पर कहीं गई हड़ताल करेंगे हम लोग ठीक है अब यहां पर अभी हम डिटेल में नहीं ए रहे हैं सत्याग्रह सभा बनाई गई सब चीज नहीं कर रहा है इतना एनसीईआरटी में उसको कर कर रहा है ठीक है सिक्स्थ अप्रैल को यहां कहा गया की हम लोग क्या करेंगे हम लोग यहां पर इसके खिलाफ हड़ताल करेंगे हड़ताल हुई रेलवे वर्कशॉप्स जो दुकान हैं उससे शटडाउन कर दिया गया रेलवे वर्कशॉप्स को यहां पर क्लोज कर दिया गया है ना तो जगह जगह प्रोटेस्ट देखने को मिला और 10th ऑफ अप्रैल की बात है 10th ऑफ अप्रैल को आप देखोगे क्या था की लोग जो है बड़ा पीसफुल प्रोटेस्ट कर रहे थे और उसे पीसफुल प्रोटेस्ट में पुलिस ने आके लाठी चार्ज कर दिया पीसफुल प्रोटेस्ट हो रहा था पीसफुल प्रोडक्शन में क्या हुआ पुलिस ने क्या किया पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया इसके अलावा क्या हुआ जो लोकल लीडर्स थे लोकल लीडर्स को उठा ले गए नोट अलाउड तू इंटर दिल्ली और यह सब देखते हुए क्या हुआ यहां पर मार्शल डॉ को इंपोज कर दिया गया ऐसा क्या अब इसकी कहानी सुन लो 13th अप्रैल का दिन अप्रैल को आप देखोगे की लोग जो हैं वह जलियांवाला बैग के अंदर दोस्तों इकट्ठा थे कुछ लोग तो थे एक्ट के खिलाफ कर रहे थे प्रोटेस्ट अगेंस्ट प्रोटेस्टिंग ऐसे लिख लीजिए प्रोटेस्टिंग अगेंस्ट प्रोटेस्टिंग अगेंस्ट रोल एक्ट कुछ तो उसके खिलाफ यहां पर प्रोडक्ट कर रहे थे और बाकी कुछ लोग बाहर से आए थे और उनको नहीं पता था की शहर में मार्शल लगा है उनको पता नहीं था की माशाल्लाह किस चिड़िया का नाम है तो उनको यहां पर क्या हुआ वो आए और बैसाखी का जो फेस्टिवल था बैसाखी का जो फेयर था उसको एंजॉय करने लगे ये बात पता चली जनरल डायर को जनरल डायर वहां पर मार्क मार्च करके आता है जनरल डायर के हाथ में साड़ी कमान होती है मार्शल लगा होता है ऑर्डर तू क्लोज ओनली एग्जिट ऑफ जलियांवाला बैग ऑफ जलियांवाला बैग ऑर्डर कर देता है बैंड कर दो और उसके बाद वहां पर होती है अंधाधुन फायरिंग में आप देखोगे तो बहुत सारे लोग जो है इनोसेंट लोगों की यहां पर जान चली जाति है कभी आप नहीं गए हो तो अमृतसर जाइए अमृतसर में आप देखोगे तो वहां पर आपको आप जाओगे जलियांवाला बैग में गोल्डन टेंपल के बगल में ही है पास में ही है वहीं से वॉकिंग डिस्टेंस पे ही है तो आप जलियांवाला बैग जाइए वहां पर आज भी दीवारों के ऊपर वो निशान पड़े हुए हैं वो कुआं है जहां पर लोग बचाने के लिए उनकी गोलियां से बचाने के लिए केन में कूद गए थे आलू कुआं बैंड कर दिया गया ऊपर से जारी लगा दी गई है लेकिन कुआं एग्जिट कर रहा है वो जगह है दीवानों पर जहां लोग द्वार-फांद के जाना छह रहे थे दीवार पे जब गली मेरी गई तो गोलियां की निशान आज भी वहां पड़े हुए हैं वो स्पोर्ट्समैन लिखे गए हैं की कहां से शूटिंग कारी गई थी अभी आप नहीं गए इसको हम लोग जलियांवाला बैग और ये मैसेज यहां पर होता है लिख लीजिएगा इनोसेंट पीपल जब इस तरह की चीज हुई तो जाहिर सी बात है लोग यहां पर और ज्यादा नाराज हो गए लोग सड़कों पर उतार आए लोग प्रोडक्ट्स करने लगे इसके खिलाफ लोगों ने काफी आवाज है उठाई काफी और हड़ताल हुई और दुकानों को लूट गया हमले हुए थोड़ा हादी हुई जगह जगह सड़कों पर देखा गया तो आंदोलन हुए तो गांधीजी को लगा की इस छोटे रोलर सत्याग्रह से कुछ होगा नहीं क्योंकि आप देखोगे यह रोलर सत्याग्रह जो था यह मेजर्ली आप देखोगे सिटीज में था यह बहुत दीप पेनिट्रेट नहीं कर पाया गांव तक रिमूव एरिया तक नहीं पहुंच ये सकता है बहुत इंपॉर्टेंट है एग्जाम के अंदर ए शक्ति है रोलेक्स एनसीईआरटी में लाइन लिखी हुई है की रोलर एट सत्याग्रह लिमिटेड तू ऑलमोस्ट सिटीज के अंदर मैं मुंह से खाली बता रहा हूं लिख नहीं रहा हूं चाहे तो लिख लो चाहे तो लिख लो लिमिटेशंस आप लिख लो इमिटेशन यह सिर्फ सतीश तक लिमिटेड था और कुछ ही लोगों ने पार्टिसिपेट करिए तो यह इतना इंपैक्टफुल नहीं हुआ इसलिए गांधीजी ने कहा की भैया जरूरी है की हम एक बड़े लेवल पे मूवमेंट को लॉन्च करें जो ज्यादा लोगों को कैप्चर करें और या फिर जो ज्यादा पेनिट्रेट करें और गांधीजी को यह मौका मिलता है खिलाफत मूवमेंट में प्लीज गिव दी हेड की हेडिंग खिलाफत इशू वेरी इंपॉर्टेंट जरूरी है की आप चीजों को कांसेप्चुअल क्लेरिटी से समझे बहुत जरूरी है तो यह एग्जाम नहीं निकाल पाओगे यह मैं आपसे दवा कर रहा हूं सिविल सर्विसेज एग्जाम नहीं निकाल सकता कभी सोचिए क्यों ऐसा हुआ क्या करण था क्योंकि हर चीज की वजह होगी बिना कोई वजह से नहीं हुआ होगा उसे वह चीज हुई उसका इंपैक्ट क्या पड़ा अपनी पढ़ाई को इस तरह से प्रेम करिए इस तरह से उसको बनाया इनक्विजिटिव नेचर होना चाहिए आपके आपका की आप जो पढ़ रहे हैं उसके बड़े में सोचें जी दिन से आपने करना स्टार्ट कर दिया आपका इनको पॉजिटिव नेचर अगर ए गया क्यों हुआ कैसे हुआ किस लिए हुआ कहे को हुआ कब हुआ क्यों हुआ ये सब चीज ए गई ना तो आप उसे दिन समझ लीजिए की इस एग्जाम को क्लियर करने की बहुत नजदीक होंगे आप इसका मतलब आपका इंटरेस्ट गलत हो गया अगर ये सब सवाल आप पूछ रहे हैं इसका मतलब आपका इंटरेस्ट है आप जानकारी करना छह रहे हैं अरे भैया नॉर्मल लाइफ में जानकारी करते हो की नहीं कहां गए थे क्यों गए थे दोस्त से पूछते हो पूछते हो ना अरे मैडम से पूछते हो भाई क्या है क्या चल रहा है क्या हो रहा है हर चीज जन की कोशिश करते हो घर वाले से पूछोगे पापा मम्मी से पूछोगे तो आप अपने आप इनक्विजिटिव हो जाते हो उसे चीज को लेकर कोई नई चीज ए गई चार्ज गुप्त जन की जिज्ञासा है हर चीज देखोगे इंस्टाग्राम पढ़ने के लिए चलने के लिए नहीं सब लोग कर रहे हैं मैं भी करूंगा अपने आप शिखा होगा कैसे फोटो अपलोड करेंगे कैसे क्या करेंगे कैसे लाइव जाएंगे कैसे शॉर्टलिड डालेंगे अपने आप क्यों क्योंकि इनक्विजिटिव थे आप जन की जिज्ञासा रख रहे थे ऐसे यहां पर भी यार दोस्त जिज्ञासा रखो कितनी स्मूथ कहानी चल रही है कुछ भी ऐसा नहीं है जो कनेक्ट ना हो स्मूथ गांधीजी को यह समझ में ए गया की मुझे और बड़ा लेवल पर मूवमेंट को चलाना पड़ेगा और ये उनको लगा की अगर हम हिंदू और मुसलमान को यूनाइटेड कर ले जाएंगे तो हम बहुत हद तक सक्सेसफुल हो सकते हैं और यह अपॉर्चुनिटी उनको मिलती है खिलाफत इशू में कहानी सुनिएगा देखो प्लीज प्लीज करता हूं इस तरह से थोड़ा सा आपको दिमाग में होता है ना कभी पिक्चर याद आई है क्या पढ़ा था ब्रिटेन ने हमला पता था वर्ल्ड वार हुई है तो ओबवियसली आ टर्की के ऊपर जो है हमला हुआ था और यह पता था ऐसे की अंग्रेज जो हैं वो तुर्की लगाने जा रहे हैं त्रुटि जो इंपोज करने जा रहे हैं वो बड़ी ही हर्ष है दिस वज मैरली रयूमर यह ऐसा एनसीआरटी शब्द लिखा हुआ है ऐसा एन लगे खिलाफ एक रूल था और इस्लामिक यहां इस्लामिक का जो हेड था यहां पर दोस्त वह हेड यहां पर क्या था खलीफा था जिसको अंग्रेजी में कहते थे कालीकट और इसका शब्द क्लेरिटी बहुत सिंपल है क्या था ओटोमन अंपायर ओटोमन अंपायर का मतलब क्या हुआ इस्लामिक अंपायर इस्लामिक हेड तो यह बता यार भाई जो वर्ल्ड वार वन का जो ट्रीटी यहां पर इंपोज कारी जा रही है वो ट्रीटी बहुत ज्यादा क्या है वो ट्रीटी बहुत ज्यादा हर्ष है ऐसी बातें यहां पर बोली गई बात समझ में ए गया जब ऐसा हुआ तो इंडिया के मुसलमान को लगा की भैया ये तो हमारे ग्रेवाल में हाथ दाल रहे हैं हिंदुस्तान के मुसलमान क्यों क्योंकि मुसलमान का हेड कौन है खलीफा तुमको लगाया जा रहा हमारे खलीफा के ऊपर अगर हमला किया जा रहा है तो आईटी इस एन अटैक ऑन अवर प्रेस्टीज ये हमारे प्रेस्टीज के ऊपर अटैक किया जा रहा है तो इसलिए हिंदुस्तान के मुसलमान वैसे भी अंग्रेज खफा हो गए और हिंदुस्तान से गांधी जी ने देखा की यार हिंदू भी खफा है मुसलमान भी खफा है और ऐसे में जो खलीफा के ऊपर यहां पर जो ट्रीटी इंपोज कभी जा रही थी जो उम्र से ही ट्वीट और हर्ष और इंपोज कर दी जाएगी उसके खिलाफ यहां पर इंडिया में एक खिलाफत कमेटी फॉर्म होती है इसके खिलाफ इंडिया में खिलाफत कमेटी फॉर्म होती है खिलाफत कमेटी यह फॉर्म होती है आपकी मुंबई में 1990 और इसको फोन करते हैं यहां पर दो लोग दो ब्रदर्स को बोलते हैं हम लोग अली ब्रदर्स अली ब्रदर्स नाम क्या था मोहम्मद अली मोहम्मद अली और शौकत अली गांधी जी से इन लोगों ने बातचीत कारी गांधी जी से की भैया गांधी जी कैसे क्या हो सकता है इसमें हम लोग प्लीज इसी में हम लोग क्या करेंगे हिंदू क्या करेंगे प्लीज नोट करिए हिंदू प्लस हिंदू प्लस मुस्लिम इसको हम लोग यहां पर यूनाइटेड कर सकते हैं ठीक यहां पर हो जाति है यह यूनिटी यहां पर अगर देखने को मिलेगी हमको यूनिटी देखने को मिलेगी तो हम लोग जो है इजीली अंग्रेजन के खिलाफ यहां पर आवाज उठा सकते हैं तो यहां पर ये खिलाफत इशू में खिलाफत इशू में ये एडवांटेज यहां देखने को मिला ठीक है और खिलाफत इशू में यहां हिंदू और मुस्लिम को मतलब ऐसा नहीं था की हिंदू मुस्लिम का खिलाफ यूनाइटेड हो सकते हैं ये गांधीजी का यहां पर सोचना था हिंदू मुस्लिम को इनवाइट कर लेते हैं ठीक है गांधी जी को खिलाफ संभालिए और हिंदू मुस्लिम को उन्होंने कहा की सबसे बढ़िया टाइम भी है हम हिंदुओं मुसलमान यहां पर नाइट हो जाएंगे तो हम लोग अंग्रेजन को यहां पर जवाब दे सकते हैं क्लियर है इसको यहां पर नोट कर लीजिए इसके पीछे वाला भी नोट कर लीजिए अगर यहां पर अभी आपने नोट नहीं किया है तो ठीक है क्लियर अच्छा एक चीज है जो और यहां पर मैं आपको बताना चाहूंगा रोलेट एक्ट के बड़े में रोलेट एक्ट को मैं मिस आउट कर गया एक बड़ी इंटरेस्टिंग चीज है जो आपको बता सकता हूं की रोलेट एक्ट को याद करने का तरीका क्या हो सकता है देखिए हो सकता है इसको मैं ऐसे लिख दे रहा हूं ताकि आपको चीज जो हैं वो याद रहे देखो राइट को याद करने का तरीका है लिखिएगा नो अपील नो वकील यानी एक्टिविटी करते हुए रिवॉल्यूशन आपको आपका कैसे लड़ने के लिए कोई वकील नहीं मिलेगा और नो दलील किसी प्रकार का आर्गुमेंट नहीं सुना जाएगा इस तरह को याद कर सकते हैं ठीक है इसको आप लोग यहां पर नोट कर लीजिए एनसीईआरटी पर आइएगा एनसीईआरटी का आपका पेज वन पेज तू पेज थ्री रोलेट एक्ट वाला यहां पर पूरा हो गया पेज फोर ये पूरा हो गया रुला टाइट वाला अब यहां पर ए गए खिलाफत कमेटी वाला तू डिफेंड का खलीफा इस टेंपोरल पावर डी खिलाफत कमेटी वज फॉर्म्ड इन बॉम्बे इन मार्च 1990 यंग जेनरेशन ऑफ मुस्लिम लीडर्स लाइक ब्रदर्स मोहम्मद अली और शौकत अली बिगाड़ डिस्कसिंग विद महात्मा गांधी अबाउट दी पॉसिबिलिटी ऑफ एन यूनाइटेड मास एक्शन ऑन डी इशू यह क्या कोई मास एक्शन हो सकता है यूनाइटेड मास एक्शन गांधी जी को लगा की हां यार ये तो बेस्ट चेस है हम हिंदू और मुस्लिम की यूनिटी यहां पर कर सकते हैं और फिर आगे एनसीईआरटी कहती है गांधी जी सऊदी अपॉर्चुनिटी तू बिंग मुस्लिम अंदर दी अंब्रेला ऑफ यूनाइटेड नेशन मूवमेंट आते डी कोलकाता सेशन ऑफ कांग्रेस सितंबर 1920 ही कन्वेंस डी अदर लीडर्स तू स्टार्ट एन नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट इन सपोर्ट ऑफ खिलाफत आज वेल आज स्वराज तो यहां पर क्या हुआ अब सुनिएगा की गांधी जी ने जो क्या किया गांधी जी ने उन्होंने कहा देख लिया क्या हां भाई पॉसिबिलिटी बड़ी अच्छी है तो गांधीजी ने जो कोलकाता सेशन था इंडियन नेशनल पार्क कोलकाता सेशन तो उसे सेशन में जो की आपका 1920 में हुआ था इस सितंबर के सेशन में कोलकाता सेशन में सितंबर दासजन में उन्होंने कन्वेंस कर लिया था लीडर्स को की हां हमें नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट को यहां पर लागू चला मतलब स्टार्ट करना चाहिए तो देखो ये सितंबर का जो सेशन है ध्यान रखना सितंबर सेशन ये कोलकाता सेशन था ठीक है और उसमें यहां पर उन्होंने क्या किया कन्विंस्ड लीडर्स गे के लिए कन्वेंस किया कन्वेंस डेम पर नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट कन्वेंस डेम पर नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट इसके लिए यहां पर उनको कन्वेंस कर लिया गया बात समझ में ए रही है की नहीं ए रही है ठीक है तो गांधीजी ने कहा की हम लोग यहां पर नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट की स्टार्टिंग करेंगे और वार्ड ग्राउंड्स उन्होंने कहा की नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट की स्टार्ट करेंगे वेरी वेरी इंपॉर्टेंट देखिएगा पहले ग्राउंड होगा क्या लिखिएगा पंजाब इंडस्ट्री पंजाब इंडस्ट्री पंजाब में जो हुआ अमृतसर में जलियांवाला बैग उसके खिलाफ हम लोग यहां पर ये नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट लॉन्च करेंगे हम लोग एनसीएस को लॉन्च करेंगे जो गांधीजी का रहे थे पहले पंजाब इंडस्ट्री दूसरा लिखिएगा दूसरा खिलाफत इशू खिलाफत इशू और तीसरा नोट करेगा स्वराज यह तीन ग्राउंड से जी पर गांधीजी ने कहा की हम नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट को यहां पर स्टार्ट करेंगे गांधी जी ने क्या किया गांधी जी ने 1920 के दिसंबर सेशन में नागपुर सेशन में नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट यहां पर फाइनली अडॉप्ट कर लिया गया ठीक है क्लियर एनसीईआरटी एक बार ए जाइए मैं एनसीईआरटी खोल हुए हूं प्लीज सी 1.3 जो हेडिंग है वही नॉन कोऑपरेशन तो वहां गांधी जी ने अपनी किताबें उनके हिंद स्वराज हिंदू स्वराज में गांधी जी ने कहा की हम लोग क्यों अंग्रेजन के उसमें कब्जे में हैं क्योंकि हम अंग्रेजन को कॉरपोरेट कर रहे हैं अगर हम अंग्रेजन को कॉरपोरेट करना बैंड कर दें यानी की अगर हम लोग नॉन कॉर्पोरेट करें तो हम लोग अंग्रेजन को देश से भाग सकते हैं यही से ये नाम आता है नॉन कोऑपरेशन का नाम यहां पर कहा जाता है क्लियर है ठीक है क्लियर ठीक बात है आई होप यह बात यहां पर सबको समझ में ए गई होगी क्लियर ठीक है तो नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट को जो है क्या किया गया एनसीएस को अडॉप्ट कर लिया गया एनसीएस अडॉप्टेड कब दिसंबर 1920 इन डी नागपुर सेशन कांग्रेस के अंदर आपका यह जो सेशन जो आपका सितंबर में हुआ था 1920 का यह वाला जो सेशन जो हुआ था इसमें और इसमें बड़ा यहां पर तास था क्यों क्योंकि यहां पर ये कहा गया था नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट क्या करना है ना उनको ऑपरेशन मूवमेंट में तो भैया उन्होंने कहा की हम लोग अपने टाइटल्स को सुरेंद्र कर देंगे हम लोग नॉन कॉर्पोरेट करेंगे टिटनेस को सिलेंडर कर देंगे हम लोग हम लोग ये लेजिसलेटिव असेंबली को की इलेक्शंस को बाय गॉड कर देंगे तो ये बातें बड़ी अजीब लगी की यार लेजिसलेटिव असेंबली के इलेक्शंस को बाय गॉड कर देंगे हम तो भैया अंग्रेजन पर अपनी शिकंजा कासना चाहते हैं और अगर हम असेंबली इलेक्शन को छोड़ देंगे तो कैसे चिकन ठीक है तो बड़ा तास बना रहा उन्होंने कहा की कैसे करेंगे इन्होंने कॉरपोरेशन सुरेंद्र ऑफ टाइटल्स टाइटल सुरेंद्र कर देंगे स्कूल को बाय गॉड कर देंगे पुलिस को बाय गॉड कर देंगे सिविल सर्विसेज को कुछ नहीं मांगेंगे मांगेंगे कोर्ट कचहरी को छोड़ देंगे लेंस रीडर असेंबली के इलेक्शंस को बाय गॉड कर देंगे ये सब उन्होंने बोला तो बड़ा यहां पर आपको डिस्प्यूट जो है वो देखने को यहां पर मिलता है जो यहां होता है और इसीलिए गांधीजी कहते हैं की भैया पुलिस गवर्नमेंट आर्मी सब को बाय गॉड करो तुम बहुत अल था बट फाइनली आप देखोगे की 1920 का जो नागपुर सेशन था इसमें नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट को यहां पर फाइनली अडॉप्ट जो है वो कर लिया जाता है क्लियर हो गया क्लियर हो गया ये सब बात जो मैंने आपको बताई ये इंपॉर्टेंट है इसको यहां पर आप चाहे तो साइड में लिख सकते हो गांधीजी की जो किताब है हिंद स्वराज हिंद स्वराज गांधी जी की बुक है ये इस बुक में आप देखोगे क्या की गांधी जी का वाइन ऑन का ऑपरेशन मूवमेंट वे आर कोऑपरेटिंग ब्रिटिश आईएफ वे आईएफ वे नॉन कॉर्पोरेट दें बिल कम तू एन और ब्रिटिश रूल खराब हो जाएगा तो भैया क्यों खत्म नहीं हो रहा है क्योंकि हम एक ऑपरेट कर रहे हैं इसलिए उन्होंने कहा नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट समझ में ए गया तो ये 1.3 जो आपका एनसीईआरटी में दे रखा है वो यहां पर पूरा हो गया आई होप मैंने देखो जो चीज नहीं लिखी है वो मैंने आपको बता दिया की बाय कोर्ट कैसे करना है सुरेंद्र ऑफ टाइटल करना है है ना पुलिस आर्मी गवर्नमेंट इन सबको सुना ही नहीं है इनकी लेट गेट का कॉन्सेप्ट करना है ये सब तरीके से उनके बॉयकॉट करने के तो फाइनली आप देखोगे की दिसंबर 1920 का जो कांग्रेस सेशन था नागपुर में उसमें जो है कंप्रोमाइज आउट किया गया और नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट को अडॉप्ट कर लिया गया था दिसंबर 1920 ठीक है ना बट सवाल ये आता है की कौन-कौन जो है वो नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट में पार्टिसिपेट किया थे तो इसके लिए यहां पर अब हम लोग नेक्स्ट हैडिंग यहां पर डालेंगे ठीक है प्लीज गिव डी हेडिंग डिफरेंट डिफरेंट आपके डिफरेंस या डिफरेंट डिफरेंट ट्रेंड्स थे अलग-अलग तरीके से यहां पर किस प्रकार से मूवमेंट जो है वो हो रहे हैं ठीक है ना तो हमको एक तो मूवमेंट इन टोंस पढ़ना है किस प्रकार से मूवमेंट पार्ट देख लीजिए फर्स्ट मूवमेंट इन टोंस मोमेंट इन टोंस दूसरा लिख लीजिए मूवमेंट इन कंट्री साइड और तीसरा लिख लीजिए स्वराज इन प्लांटेशन स्वराज इन प्लांटेशन गांधी जी ने कहा नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट अब इस नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट का अलग-अलग हमको चेहरा देखने को मिला शेरों में अलग दिखा गांव में कंट्री साइड यानी ग्रामीण इलाकों में और एरियाज में अलग दिखा और प्लांटेशंस के अंदर हमको अलग मतलब देखने को मिला तो जब ये गांधीजी ने कहा की नाउन कम नॉन कोऑपरेशन तो शेरों के अंदर लोगों ने चीजों को फौरन गुड्स को बैंड करना स्टार्ट कर दिया फॉरेन क्लॉथ को बैंड कर दिया फौरन गुड्स उसे करना ऑफ कर दिए उनके स्कूलों को बॉयकॉट कर दिया टीचर्स भी स्कूल छोड़ के ए गए हैं लॉयर उसने अपना कोर्ट कचहरी छोड़ दिया है ना पॉलीटिकल पार्टी ने असेंबली इलेक्शंस कोई बॉयकॉट कर दिया जस्टिस पार्टी को छोड़कर तो अलग-अलग कंट्रीशाइड में आएंगे तो अवध किसान सभा बनाई गई है ना नई धोबी बैंड मूवमेंट शुरू हो गया है ना एवरग्रीन नाइट्स होने लगे ये सब चीज इसको हम लोग करके डिस्कस यहां पर करेंगे क्लियर हो रहा है तो डिफरेंस स्टेंस इन डी मोमेंट को यहां पर इस तरह से हम लोग डिस्कस करेंगे राइट तो चलिए शुरू करते हैं हम लोग पहले हेडिंग दाल दीजिए मूवमेंट इन टर्म्स किस प्रकार से ये जो मोमेंट है नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट जब गांधी जी ने बोला तो किस प्रकार से मूवमेंट टोंस के अंदर चला है शेरों में चला है प्लीज गिव मी हेडिंग मूवमेंट इन टर्म्स मूवमेंट इन टर्म्स बना लीजिए जल्दी जल्दी तो आपको याद रहेगी ठीक है चलिए आई नंबर वन देखो यार फर्स्ट पॉइंट मूवमेंट का पहलू शहर के अंदर क्या था मतलब शहर के अंदर किस प्रकार से नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट चला वो समझना जा रहे हैं ठीक है समझ में ए गया ना एमसीए नोट कर लिया गया है 1920 में दिसंबर 1920 के नागपुर सेशन में एनसीएस अडॉप्टेड अब जब एनसीएस आगे बाढ़ रहा है तो शेरों में गांव में ग्रामीण इलाकों में और प्लांटेशंस में अलग-अलग तरीके से नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट को लिया गया पहले हम पढ़ रहे हैं मोमेंटम टोंस कैसा था शेरों में कैसा था फर्स्ट पॉइंट देखो यार जो मिडिल क्लास था मिडिल क्लास मिडिल क्लास बड़ा ही एक्टिव पार्टिसिपेशन का मिडिल क्लास पार्टिसिपेशन मिडिल क्लास बड़े एक्टिवली पार्टिसिपेट कर रहा था नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट के अंदर ठीक है ना पॉइंट नंबर बी जो स्टूडेंट से स्टूडेंट उन्होंने क्या किया उन्होंने स्कूलों को छोड़ दिया ठीक है ना जो सरकारी स्कूल थे उन्होंने स्टूडेंट लेफ्ट स्कूल देखिएगा उनको छोड़ दिया अब जब बच्चे चले गए स्कूल से तो ऑब्वियस सी बात है पॉइंट नंबर सी टीचर्स और हेड मास्टर्स वो क्या करेंगे बैठकर तो टीचर्स और हेड मास्टर्स लेफ्ट स्कूल इन्होंने भी स्कूल छोड़ दिया ठीक है इसके अलावा लॉयर्स इन्होंने बाईकोट किया लॉयर्स बाय कॉटेज कोर्ट कचहरी या ना बैंड कर दिया जो भैया कौन कैसे सॉल्व करेगा और पॉइंट नंबर ए पॉइंट नंबर इलेक्शंस जो पॉलीटिकल पार्टी थी उन्होंने इलेक्शंस को बाय गॉड किया एक पार्टी थी जिसने नहीं किया था एक्सेप्ट जस्टिस पार्टी एक्सेप्ट पार्टी बात समझ में ए गई किस प्रकार से मूवमेंट्स के अंदर जो मिडिल क्लास था उसका पार्टिसिपेशन पार्टिसिपेशन शेरों के अंदर बड़ा ही एक्टिव था एक्टिवली पार्ट्स पे कर रहे थे स्टूडेंट ने स्कूल छोड़ दिया जब स्टूडेंट छोड़ देंगे तो वहां के टीचर्स और हेड मास्टर से क्या करेंगे उन्होंने भी छोड़ दिया स्कूल बॉयकॉट कर दिया लॉयर्स ने कोर्ट कचहरी को बाय कोर्ट कर दिया जो इलेक्शंस थे पॉलीटिकल पार्टी ने उन इलेक्शंस को बाय कोर्ट किया एक्सेप्ट दी जस्टिस पार्टी कहानी क्या था कांग्रेस की सरकार में भैया जो इलेक्शंस उनको बाय गॉड कर दो है ना यही तो था ना नॉन कोऑपरेशन कैसे करेंगे इलेक्शन बाय गॉड कर दो तो एक पहलू था एक जो था जो उन्होंने बाइक और नहीं किया था वो था जस्टिस पार्टी क्लियर है अब देखिए इस नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट का इकोनामिक इंपैक्ट क्या पढ़ा प्लीज लिखिएगा इकोनामिक इंपैक्ट हैंड में दाल दीजिए इकोनामिक इंपैक्ट ऑफ एनसीएस नॉन कोऑपरेशन फॉरेन जो गुड थे उसको बाय कोर्ट किया गया नोट करेगा फॉरेन गुड्स को बाय गॉड किया गया नोट करिए यस इंपैक्ट देखो इकोनामिक इंपैक्ट फॉरेन गुड्स बाय कॉटेज किया गया लिकर शॉप्स नोट करेगा लिकर शॉप्स पिक्टेड फॉरेन गुड्स बाय गॉड किया गया फॉरेन क्लॉथ को बैंड कर दिया गया जल दिया गया पॉइंट नंबर दी पॉइंट नंबर और ट्रेड को हाफ कर दिया गया ट्रेडर्स और मरचेंट्स रिफ्यूज तू ट्रेड इन फॉरेन गुड्स रिफ्यूज्ड तू ट्रेड इन फॉरेन कुछ उन्होंने फॉरेन गुड्स में ट्रेड करने से माना कर क्लियर ये था इकोनामिक इंपैक्ट इकोनामिक इंपैक्ट कैसे पड़ा एनसीएस का फॉरेन गुड्स को बाय गॉड किया तो ओबवियस सी बात है इसका इकोनामिक इंपैक्ट देखने को मिलेगा फॉरेन गुड्स अब ए ही नहीं रहे थे इंडिया में जो कोई ए रहा है देखो खरीदी नहीं रहा था उसको फॉरेन गुड्स को बाय कोर्ट कर दिया लेकर शॉप्स को एकदम पैकेट कर दिया अन्य को लाइन मैं बैंड कर दी उखाणे शुरू डॉ कर दुकान बाहर लाइट लगा दी उसने नहीं देंगे फॉरेन क्लॉथ को बैंड कर दिया गया ठीक है उसके अलावा फॉरेन ट्रेड जो बाहर से ट्रेड हो रहा था उसको अलग कर दिया गया तो घाट हो रहा था और ट्रेडर्स और मर्चेंट ने रिफ्यूज कर दिया की वो फॉरेन गुड्स में ट्रेड नहीं करेंगे ये था आपका इकोनामिक इंपैक्ट ऑफ नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट इसको नोट कर लीजिएगा लेकिन इसी के साथ साथ कुछ कुछ लिमिटेशंस भी थे जो एनसीएस के यहां पर देखने को मिलेंगे प्लीज राइट लिमिटेशंस लिमिटेड यस नंबर वन फर्स्ट पॉइंट देखो मैंने आपसे कहा की मिडिल क्लास का पार्टिसिपेशन एक्टिव था बिल्कुल सही की एक्टिविटी कर रहे थे लेकिन उनकी संख्या बहुत नहीं थी मां लो की 10 लोग पार्टिसिपेट कर रहे हैं तो बड़े एक्टिवली पार्ट्स पे कर रहे हैं लेकिन संख्या बड़ी कम है ठीक है ना लिखिएगा मिडिल क्लास पार्टिसिपेशन एक्टिव मिडिल क्लास पार्टिसिपेशन क्या ली ठीक है ना की भैया एक्टिव तो था बट ली ठीक है मिडिल क्लास पार्टिसिपेशन ऐसे लिख लीजिए पार्टिसिपेशन एक्टिव बट ली इन नंबर नंबर जो नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट का इमिटेशन हुआ पॉइंट नंबर बी क्या हुआ अब जो नेशनल एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस से वो भी यहां पर क्या हुए वो भी ली थे बस कम थे नेशनल एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस तो बच्चों को वापस वही स्कूल में जाना पड़ा अरे कहां पढ़ाई करेंगे आपने जुड़वा तो दिया स्कूल के वहां से निकालो लेकिन आपने अल्टरनेटिव स्कूल भी है ना तो पढ़ना ही पढ़ेंगे कहां पर जाके इसलिए वापस स्कूल में दान कर रहा है लिखिएगा नेशनल एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस नेशनल एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस नेशनल एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस लेस स्टूडेंट वेयर स्टूडेंट हद तू रिटर्न तू स्कूल तू से स्कूल में जाना पड़ा जब बच्चे पहुंच जाएंगे पॉइंट नंबर सी वापस क्या हुआ टीचर और हेडमास्टर भी जो है वो रिटर्न हो गए स्कूल पहुंच गए ठीक है ना टीचर्स और हेड मास्टर भी क्या हो गए रिटर्न कर गए स्कूल में लिखिएगा टीचर्स और हेड मास्टर्स अलसो खड़ी वास एक्सपेंसिव सबसे इंपॉर्टेंट पॉइंट है ये भैया आपने फॉरेन क्लॉथ को बाय गॉड करवा दिया आपने फॉरेन क्लॉथ को बैंड करवा दिया मैंने ये क्या पहनेगी और जो खड़ी था वो बहुत ज्यादा एक्सपेंसिव था और लोग उसको फोड़े नहीं कर सकते थे दिस वज दी इमिटेशन ऑफ दी नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट टोंस केयर के अंदर शेरों के अंदर ये चीज चल रही थी क्लियर हो गया अब आई प्लीज गिव दी हेडिंग नेक्स्ट मूवमेंट इन कंट्रीज साइड अब आते हैं इस पर वूमेन और डाउंस हो गया अब आते हैं मूवमेंट इन कंट्रीज साइड चलिए प्लीज गिव दी हेडिंग मोमेंट इन एंट्रीज साइड मूवमेंट इन कंट्री साइड ठीक है अवध किसान सभा आता है एनसीईआरटी में पहले लिखिए नई धोबी बैंड और तीसरा अवध किसान सभा और किसान सभा और इंटरप्रिटेशन ऑफ स्वराज ट्रबल इंटरप्रिटेशन ऑफ क्लियर ठीक है और सर्विसेज करके धोबी की धोबी मतलब क्या हो गया वॉशरमैन की वॉशर मां इन सर्विसेज को स्टॉप कर दिया गया क्लियर हो गई बात ठीक है अवध किसान सभा की बात करूंगा तो यह कैसी सत्य सभा बनाई गई थी जिसको बनाया था लिखिएगा जवाहरलाल नेहरू प्लस बाबा रामचंद्र अभी इनका मैं आपको नाम बताता हूं की ये कौन थे इनके द्वारा यहां पर यह शब्द किसान सभा को बनाया गया था और ये किसान सभा का ऑब्जेक्टिव था की गांव गांव जाकर लोगों के गृहयां से इसको सुनती थी ठीक है तू हर तू हर दी आंसर ऑफ पीपल नाइट्स और ट्राईबल इंटरप्रिटेशन ऑफ स्वराज ठीक है तो चलिए पहले हेडिंग दाल दीजिए एग्रेरियन राइट्स यदि हेडिंग एग्रेरियन अब देखिए यह राइट्स क्या थे ठीक है तो यहां पर यह राइट्स पीजेंट ने की है ट्राईबल्स ने किया किसके खिलाफ अगेंस्ट दी लैंडलॉर्ड और दी तालुकदार क्यों हुए इसका जवाब के लिए यहां पर चलिए ये बना लीजिए फ्लोर चार्ट प्लीज मेक दिस फ्लोचार्ट यस फर्स्ट पॉइंट फर्स्ट पॉइंट कर रहे थे इनिक्वेंस और ट्राईबल से लिखेगा की जो लैंडलॉर्ड और तालुकदार हैं तालुकदार क्या कर रहे हैं ये लिखिएगा डिमांडिंग डिमांडिंग हाय रेंट यह का रहे थे की हाय रन दे दो हमको हाय रैंड दो इसे का रहे थे की हमको ही रहने दो अब भाई जाहिर से मतलब एग्रीकल्चर नाइट से एग्रीकल्चर एग्रीकल्चर राइट्स है तो ये बेचारे जी जमीन पे कम कर रहे थे उनसे हाय रेंट मांगा था भाई होता क्या था जमीन किसी और की अब पीजेंस कम कर रहे हैं उसे पर जो भी यहां खेती बड़ी होगी उससे जो कमाएगी उससे वो उसे जमीन का रेंट देते थे तो ये इनका जो रेंट हाउस कहते थे की हमारे पास कोई राइट नहीं है हमारे पास कोई जब की सिक्योरिटी नहीं है हमको आप राइट दीजिए लिखेगा पॉइंट नंबर बी क्या बोल रहे हैं यह लोग नो राइट किसी प्रकार किसी प्रकार का यहां पर राइट नहीं है वो ये बोल रहे हैं ठीक है वो का रहे हैं पॉइंट नंबर सी हमारे पास किसी प्रकार की जब सिक्योरिटी नहीं है पॉइंट नंबर सी देखिएगा नो नो जब सिक्योरिटी कभी भी आप हमको निकाल देंगे ये चीज यहां पर बोली जा रही थी एक बार जरा एनसीईआरटी पे आई फिर उसके बाद हम लोग आगे बढ़ते हैं एनसीईआरटी पे वो पेज खोलियेगा प्लीज कम तू डी हेडिंग मैं आपको बता देता हूं रिबेलीयन इन कंट्री साइड ठीक है एनसीईआरटी में हेडिंग है 2.2 डी कंट्री अवध इस जगह की हम लोग बात यहां पर कर रहे हैं अब जरा देखिए एनसीईआरटी पे आई वापस से फिर लिखा है ना पेशेंट बाय बाबा रामचंद्र और सन्यासी हक आ हूं हेड एलियर बेन तू फिजी आगे एन इन डेंजर लेबर डी मूवमेंट वास अगेंस्ट तालुकदार फ्रॉम पीजेंस एग्जॉर्बिटेंटली हाय रेंज और ए वैरायटी ऑफ अदर सेसेस फिर लिखा है पीजेंस हैव तू डू बिगर और क और लैंडलॉर्ड फॉर्म्स विदाउट अन्य पेमेंट तो थर्ड नो जब सिक्योरिटी पॉइंट नंबर दी लिख लीजिएगा प्लीज राइट पॉइंट नंबर दे लिखिए हमारे पास कोई जब सिक्योरिटी नहीं है हमसे आप बेकार कर रहे हो विदाउट पेमेंट ऐसे में और इन ट्राईबल्स की आवाज को उठाने वाला एक व्यक्ति सामने आता है जिनका नाम है आप इसी में लिख लीजिए आप [संगीत] ऐसे में यह ऐसे में एक व्यक्ति का नाम सामने आता है जो इनकी इन प्रॉब्लम्स को यहां पर उठा रहा होता है और ही इसे लिखिएगा बाबा रामचंद्र अब मैंने आपको इनके बाद इनका नाम लिया थोड़ा सा क्या है की सीक्वेंस बन जाता है प्रॉब्लम समझ में ए गई व्हाट इसे डी प्रॉब्लम और ट्राईबल्स स्ट्रगल कर रहे हैं अगेंस्ट हाय रैंड डिमांड्स किसके ऑफ था लैंडलॉर्ड और तालुकदास यहां पर इनकी आवाज उठाने के लिए बाबा रामदेव का नाम सामने आता है और ये बाबा रामचंद्र भी एक सन्यासी थे नोट करेगा ही बहुत सन्यासी और ये इंडेंटेड लेबर थे इंडियन शर्ट लेबर कहां के फिजी के अब देखो इसका मतलब क्या हुआ एक्चुअली क्या था की यहां से अंग्रेज जो है वो कम करने के लिए इन फिजिक्स पर लोगों को ले जाते थे कैरेबियन आईलैंड्स भी ले गए ठीक है कांटेक्ट कर लिया की भैया तुमको बाहर ले जाएंगे फौरन ट्रिप कराएंगे बढ़िया तो घूमने है ऐश करना तुमको पैसा देंगे और तुम अपना बढ़िया एंजॉय करना और तुमको 5 साल के बाद लाकर वापस छोड़ देंगे तो जिनको कॉन्ट्रैक्ट कर के ले गए बाहर अंग्रेज लेकिन वो लोग वहां से वापस नहीं लोट पे हैं वो वहां के इन डेंजर लेबर हो गए ठीक है तो बाबा रामचंद्र लेबर जो फिजिशियन लोट आए थे ठीक है सन्यासी ये इनकी आवाज को यहां पर उठाते हैं और ये ठगरियन राइट्स समझ में ए गया पॉइंट नंबर वन और यही से फिर आया अगर नई धोबी बैंड मूवमेंट जो भी सर्विसेज यहां पर दी जा रही थी ना बार-बार की वॉशरमैन की उसको रॉक दिया गया फिर आवाज किसान सभा बनाई गई अवध किसान सभा में नाम क्या लिया मैंने जवाहरलाल नेहरू और बाबा रामचंद्र यही वाले इन्होंने किसान सभा बनाई और ये लोगों की गृहनन से इसको सुन रहे थे जगह-जगह जा जा के गांव गांव क्लियर तो ये था नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट जब कहा जा रहा था जब गांधी जी ने कहा है नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट तो शेरों का अंदर अलग मतलब था बता चुका हूं आपको गांव के अंदर अलग था गांव के अंदर भी एग्रेरियन कुछ लोग एग्रीगें राइट्स मतलब गांधीजी ने कहा एनसीएस तो लोगों ने कहा की भैया हमको नहीं पे करना है गांधी जी ने कहा एनसीएस लोगों ने कहा की हम नई और धोबी की सर्विसेज बैंड कर देंगे गांधी जी ने कहा एनसीएस तो भैया यहां पर किसान सभा बन गई और फिर आता है लास्ट ट्रबल इंटरप्रिटेशन ऑफ स्वराज प्लीज गिव डी हेडिंग नो ट्रबल इंटरप्रिटेशन ऑफ स्वराज ट्रबल इंटरप्रिटेशन ऑफ स्वराज चलिए अब यहां पर बात हो रही है आंध्र प्रदेश की आंध्र प्रदेश का यहां पर क्या गुड इवनिंग क्या है आंध्र प्रदेश का यहां पर रहते हैं ट्राईबल एस ट्रेवल्स आपको पता है ट्राईबल्स है तो ये डिपेंडेंट है ऑन फॉरेस्ट डिपेंडेंट ऑन फॉरेस्ट अब अंग्रेज जब आए तो अंग्रेजन ने फॉरेस्ट के ऐसे लॉस बना दिए और फॉरेस्ट में इन ट्राईबल्स को एंट्री करने से माना कर दिया ठीक है वहां से कलेक्ट नहीं कर सकते अब वह कूद नोट कलेक्ट या फिर इंटरप्रिटेशन पर आई गोरिल्ला मूवमेंट स्प्रेड अभी देखो मैंने मिलिटेंट नहीं बताया बाद में बताऊंगा तरीका देखो क्या है देखो लिखा है नोट लिखा है हेयर एस एन अदर फॉरेस्ट विजन डी कॉरिडोर गवर्नमेंट हेड क्लोज्ड बड़े फॉरेस्ट प्रीवेंटिंग पीपल फ्रॉम एंटिंग दी फॉरेस्ट तू ग्रेस देवर कैपिटल नहीं ग्रेस कर सकते थे कूद नोट बेसिक नहीं करवा सकते थे अब सोचो यह जब अंग्रेजन डॉ बना दिया तो इनकी ना ही लाइवलीहुड जबकि इनका लाइफ भी डिस्टर्ब हो गया ये लोग गुस्सा ए गए की क्या करें ऐसे बड़ी दिक्कत है भाई सोचो ना की भैया इनकी ये राइट से ये अपने कैटल की ग्रेजिंग करते थे जंगल में जाकर ये फ्यूल भूत करेक्ट करते थे ये फ्रूट्स कलेक्ट करते थे अब कॉलोनियल गवर्नमेंट ने ऐसे डॉ बना दिए जिसके तहत इन लोगों को एंट्री बैंड कर दी गई जंगलों के अंदर ठीक है उसकी वजह से ना ही इन लोगों की लाइवलीहुड इफेक्ट हुआ बल्कि इनकी जो डेली की रोज मारे की लाइव थी इनके जो ट्रेडिशनल बिलीव थे इनके जो कस्टम थे इनके जो फैज था वो भी यहां पर हैंपर हुआ है की नहीं सब चीज हम पर हुई भाई ट्रेडिशनल बिलीव भी थे इनके कस्टम भी थे इनके बिलीव थे इनके आपको इनकी जो लाइवलीहो तो डिस्टर्ब हुई हुई ये सब तो गया ही गया इनका ट्रेडिशनल बिलीव भी चला गया इस वजह से ये लोग बड़े गुस्सा ए गए और यहां पर क्या हुआ ऐसे में इन ट्राईबल्स की आवाज को उठाने के लिए एक व्यक्ति का नाम सामने आता है और हज नाम इसे एलुरी सीताराम राजू अभी इनकी एक प्रतिमा भी जो है वो लगे गई थी आंध्र प्रदेश में रिसेंट करंट अफेयर्स में भी था लास्ट एयर ठीक है एलुरी इसी तरह राजू और ये ट्राईबल्स को बोलते हैं क्या करना चाहिए मिलिटेंट गोरिल्ला वाॅरफेयर एक बार गुरिल्ला की स्पेलिंग देख लीजिए वरना खाओगे यहां पर स्टार्ट हो जाति है तो जो अलवर मौजूद थे ही वैसे बेसिकली यह भक्ति थे गांधी जी के आइडियल ऑफ गांधीजी वैसे आइडल ठीक है ना यहां पर ऐसे लिख लीजिए गांधी जी अब यह नॉनवेज के रास्ते पर चल रहे थे लेकिन ट्राईबल्स को जब यह मार्गदर्शन दिखाई हैं की क्या करना चाहिए तुमको तो वहां पर ये बैलेंस का साथ ले लेते हैं और इसी वजह से यहां से वो गांधीजी के रास्तों से अलग हो जाते हैं ये आपके एनसीईआरटी में यहां दिया है एक बार इसको रीड कर लेते हैं देखिए इस 2.3 का जो हेडिंग है ना उसे हेडिंग के ऊपर जो जितना भी लिखा है उसको एक बार रीड करेंगे आपको पूरा क्लियर हो जाएगा देखो लिखा हुआ है की इन गुड्स ऑफ आंध्र प्रदेश पर रेजिस्टेंस अब मिलिटेंट गोरिल्ला मूवमेंट स्प्रेड इन डी अर्ली 2020 नोट एन फॉर्म ऑफ स्ट्रगल डेट डी कांग्रेस को अप्रूव ऐसा स्ट्रगल था जो कांग्रेस अप्रूव नहीं कर शक्ति थी क्योंकि वायलेंस था उसमें है ना वही बोल रहा है हेयर आगे अंदर फॉरेस्ट रीजन डी कॉलोनियल गवर्नमेंट हेड क्लोज यहां पर बैंड कर दिया गया था और तू कलेक्ट फ्यूल वुड और फ्रूट्स दिस और रेस डी हेल्प पीपल नोट ओनली देवर लाइवलीहुड इफेक्टेड बट डिफेल्ड डेट ट्रेडिशनल राइट सर बीइंग डी नाइट व्हेन डी गवर्नमेंट ये तुम बेकार करो सब चीज करो तो ये लोग फिर क्या करते हैं स्टार्टड प्रोटेस्ट अगेंस्ट सरकार पर रोड बिल्डिंग डी हेल्प पीपल रेवोल्टेड हिल पीपल यहां रिवॉल्ट कर देते हैं डी परसों हूं कम तू लीड डेम वैसे एन इंटरेस्टिंग फिगर और उसका नाम होता है आलोरी सीताराम राजू क्लेम अब आलोरी सिद्धांत राजू क्लेम करते थे की मेरे पास स्पेशल पावर्स हैं तुम्हें कोई चोट ग गई गली ग गई मैं हिल कर सकता हूं मेरे पास मेरे पास गोली पावर्स है मैं इन चीजों को हिल कर सकता हूं ये चीज वो क्लेम कर रहे थे लोगों लगा रहे हैं भैया साक्षात भगवान होता रहा है ये तुम्हारे लिए ठीक है ना ये उनको लगा यहां पर क्लियर है सो बेसिकली यहां पर गांधी जी के रास्ते पे चल रहे थे लेकिन राजू सीताराम राजू क्योंकि उन्होंने वायलेंस का रास्ता अपनाया फाइनली अंग्रेजी उनको पकड़ लिया और ही वास एग्जीक्यूटेड एग्जीक्यूटेड कब 1924 नोट यहां पर ये लड़ाई ये था दोस्तों ट्रबल इंटरप्रिटेशन ऑफ स्वराज अब आते हैं नेक्स्ट लास्ट पोर्शन जो की हमारा है और वो इसका वो है स्वराज इन प्लांटेशन तो चलिए इसकी यहां पर हेडिंग दाल दीजिए प्लीज गिव डी हेडिंग स्वराज इन प्लांटेशन सिंपल है ज्यादा इसमें है नहीं बट फिर भी आप इसको यहां पर हेडिंग डालिए एक बार डिस्कस कर लेते हैं स्वराज इन प्लांटेशन स्वराज इन प्लांटेशन चलिए एक एक्ट बना रखा था जिसको हम लोग बोलते हैं इमीग्रेशन आईलैंड इमीग्रेशन एक्ट इंग्लैंड इमीग्रेशन ठीक है अब इस इंग्लैंड इमीग्रेशन एक्ट के तहत क्या था देखो ये अगर मां लीजिए कोई प्लांटेशन है तो भाई यह कहा गया था की जो भी वर्कर्स इस प्लांटेशन में कम कर रहे हैं कैन नोट को होम वो अपने घर नहीं जान सकते या फिर कैन नोट को मूव आउटसाइड दिस प्लांटेशन वो इसके बाहर जो है यहां से नहीं निकाल सकते यह का रहा था आईलैंड इमीग्रेशन मूवमेंट तो इन लोगों ने सुना तो उन्होंने कहा अच्छा एनसीएस तो इसका मतलब क्या है कॉरपोरेट नहीं करना है इन्होंने इस आईलैंड इमीग्रेशन को पकड़ लिया स्वराज प्लांटेशन में स्वराज का क्या मतलब निकाला गया वो ये मतलब यहां पर निकाला गया था ठीक है ना ठीक है और यहां पर जान लगे तो उन्होंने एक स्लोगन भी निकाला है देखो एनसीईआरटी में स्लोगन लिखा हुआ है स्लोगन है स्वतंत्र भारत ड्रे डी स्लोगंस डिमांडिंग स्वतंत्र भारत यहां पर स्वतंत्रता स्वतंत्र भारत ये स्लोगन ये स्लोगन यहां पर रेस किया गया और ये चीज यहां पर डिमांड जो है वो कारी जान लगी है बात समझ में ए गई क्लियर हो गया बात यहां पर ये चीज ठीक है यही चीज यहां पर लिखी हुई है आईलैंड इमीग्रेशन एक्ट ऑफ 1859 इमीग्रेशन एक्ट ऑफ 1859 प्लांटेशन वर्कर्स आर नोट परमिटेड तू लीव गार्डन विदाउट परमिशन की आप ये जो मतलब टी गार्डन विदाउट परमिशन बिना परमिशन जो है आप नहीं निकाल सकते गांधी जी ने कहा की भैया एनसीएस तो ये निकाल बैठे आगे को क्या लिखा हुआ है लिखा है की व्हेन डी हार्ट ऑफ दी नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट थाउजेंड ऑफ वर्कर्स डिसाइड डी अथॉरिटी लेट डी प्लांटेशन गांधी राज वास कमिंग उनको लगता था गांधी घर जान वाला है और एवरीवन वुड बी जिवन लैंड इन देवर ऑन विलेज उनको उनको अपने अपने गांव में जमीन दी जाएगी दे हॉवेवर नेवर रिच डी डेस्टिनेशंस वो अपने डेस्टिनेशन नहीं पहुंचे स्टैंडर्ड ऑन डी वे बाय रेलवे और स्टीमर स्ट्राइक दे व गो बाय डी पुलिस और उनको वहां पर मारा गया ठीक है ना क्लियर है तो गांधीजी ने देखा की बहुत ज्यादा वायलेट वायलेंस हो रहा है चाहे हम स्वराज और प्लांटेशंस की बात करें चाहे हम कंट्रीशाइड की बात करें चाहे हम टोंस की बात करें जगह-जगह बहुत वायलेंस हो रहा है और गांधी जी जो है वो प्लेन कर रहे थे की हम नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट को विद्रोह कर लेंगे तभी एक बहुत ही इन फेमस इंसिडेंट हो जाता है और ये इंसिडेंट आप देखोगे की किताब के अंदर सिर्फ एक फोटो में दिया गया है डिटेल में नहीं है और वो था आपका चोरी चौरा इंसिडेंट चोरी चौरा गोरखपुर में आपको देखने को मिलेगा यह पुलिस थाना था ठीक है लोग जो है यहां पर प्रोटेस्ट कर रहे थे बाजार के अंदर और उनके प्रोटेस्ट को पुलिस ने जो है उसको लाठी चार्ज किया लोग चले गए फिर अगले दिन आए फिर ऐसा मतलब कई सारे फेस में हुआ सेकंड को कुछ हुआ आप थर्ड को कुछ हुआ फोर्थ को वापस ए गए ऐसा चित्र चल रही थी और दें फाइनली लोग बहुत गुस्सा ए गए तो लोग गए इस पुलिस ठाणे में लोगों ने आज लगा दी चोरी छोरा इसको इंसिडेंट बोलते हैं यहां पर पुलिस ठाणे में आज लगे तो यहां पुलिसकर्मी जो है उनकी यहां पर डेथ भी होती है तो बहुत ज्यादा वायलेंस हो जाता है और यही एक इमीडिएट कैसे बंता है गांधी जी का दिस बाज दी इमीडिएट कैसे किसका युवा समझ में ए गई अब आप लोग अब आगे बढ़ते हैं अपने नेक्स्ट टॉपिक की तरफ डेट इस सिविल डिसऑबेडिएंस तो एन नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट को वीडियो कर लिया गया था गांधी जी के द्वारा गांधी जी ने नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट विड्रॉ कर लिया और जब मूवमेंट विड्रॉ किया तो लोगों ने पूछा गांधी जी से की भैया अब आगे क्या कैसे चलेगी कैसे चलेगी अपनी गाड़ी तो गांधीजी ने कहा की प्रोटेस्ट करते रहेंगे तो बहुत सारे लोग थे जो गांधी जी के इस इतिहास से आइलैंड नहीं थे वो का रहा था भैया बहुत हो गया प्रोटेस्ट इससे कुछ नहीं होगा अब हमें कोई डिफरेंट तरीका अपनाना पड़ेगा तो जो लोग गांधी जी के साथ थे यानी गांधी जी की जो स्ट्रेटजी थी प्रोटेस्ट करने की मास प्रोडक्ट्स करने की उसके साथ थे उसको हम लोग नो चेंज कहते हैं यानी की वो कोई चेंज नहीं जाते थे गांधीजी की स्ट्रेटजी में लेकिन जो लोग गांधी जी की अब स्ट्रीट्स के साथ एलाइनमेंट नहीं थे वो का रहे थे की बेकार है गांधी जी की स्ट्रेटजी से कुछ नहीं होने वाला हमको रदर अब प्रोविजन इलेक्शंस में पार्टिसिपेट करना चाहिए जीत के पार्लियामेंट के अंदर घुसाना चाहिए वहां बैठना चाहिए फिर अंग्रेजन की पॉलिसी को डिसाइड करना चाहिए जो लोग ये सोच रहे थे वो एक डिफरेंट अप्रोच रख रहे थे गांधी जी की स्ट्रेटजी से और इसलिए उनको हम लोग प्रसचेंजर्स कहते हैं यानी की वो चेंज छह रहे थे तो बेसिकली यहां पर इस कैटिगरी के लोग जो चेन छह रहे थे उसमें से यहां पर दो नाम सामने आते हैं मैं आपको बता देता हूं चित्र रंजन दास और मोतीलाल नेहरू इन्होंने स्वराज पार्टी का गठन किया 1 जनवरी 1923 को अब ये पार्टी जो है वैसे तो इंडियन नेशनल कांग्रेस के अंदर की फंक्शन कर रही थी बाहर नहीं थी आईएनसी के अंदर थी लेकिन जो उसका ऑब्जेक्टिव था वो फुलफिल नहीं हो पाया यह पार्टी ज्यादा बड़ा इंपैक्ट नहीं छोड़ पी क्यों क्योंकि चितरंजन दास की डेथ हो जाति है और जो भी इसका ऑब्जेक्टिव था वो यहां पर फूल नहीं हो पता है पार्टी का ऑब्जेक्टिव र जाता है ठीक है ना तो ये चीज यहां पर हुई अब सिचुएशन जो है इंडिया में बहुत खराब होती जा रही थी 1926 आते-आते आप देखोगे तो एग्रीकल्चर के जो एग्रीकल्चर चीज थी वो एग्रीकल्चर प्राइस गिरने ग गए थे और 1930 के बाद तो एग्रीकल्चर मार्केट क्रश कर गया क्यों क्योंकि ग्रेट इकोनामिक डिप्रेशन आया था ये आपको याद होगा है ना तो एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट भी गिर गया एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट गिरने से क्या हुआ रिवेन्यू नहीं मिल रहा था किसान को पैसा ही नहीं मिल रहा है लेकिन अंग्रेजन ने अपनी डिमांड कम नहीं कारी तो ये प्रॉब्लम जो है इंडिया के अंदर काफी बढ़नी चली जा रही थी और इसी बैक ड्रॉप के अंदर जो तुरी गवर्नमेंट ब्रिटेन की उसने क्या किया उसने जो है एक कमीशन इंडिया भेजो उसको बोलते हैं इंडियन स्ट्रैटगरी कमीशन इसको जॉन साइमन हेड कर रहे थे इसलिए इसको हम लोग साइमन कमीशन भी कहते हैं बात समझ में ए गया इस कमीशन के अंदर सेवन मेंबर्स थे और इसको अपोज इसलिए किया गया क्यों क्योंकि इसमें कोई भी इंडियन नहीं थे कोई भी इंडियन नहीं था सबके सब कोई भी नो इंडियन सेवन नंबर्स कोई भी इंडियन नहीं इसलिए इसको अपोज किया गया और जब ये कमीशन भी आया है तो उसको को बैक साइमन नारा लगाकर उसको अपोज किया गया ठीक है तो यहां पर ये चीज था अच्छा एक चीज और आई है गवर्नमेंट ऑफ इंडिया 1990 में की भैया ये कहा गया था इस एक्ट में की हम 10 साल के बाद फंक्शनिंग ऑफ दी कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ दी गवर्नमेंट को देखेंगे ये कैसे यहां पर फंक्शनिंग हो रही है तो उसको रिव्यू करेंगे वो रिव्यू 1929 में हनी थी है ना लेकिन सिचुएशन जैसे मैंने आपको बताया इतनी खराब होने लगी है एग्रीकल्चर प्राइस गिरने ग गए एक्सपोर्ट गिरने ग गया पैसा नहीं मिल रहा था सिचुएशन बहुत खराब हो गई थी तो 1927 में ही इंडियन स्ट्रैटगरी कमीशन ए गई लेकिन एकदम लास्ट में आई है और स्टार्ट करती है फंक्शन करना 19-208 में ठीक है ना तो ये पॉइंट यहां पर याद रखिएगा इंडियन ने इसको इंडियन ने इसको अपोज किया और कहा को बैक साइमन क्लियर है अब इसी से नारियों में जब यहां पर देखा उसे वक्त के लाड वैसे जो इंडिया में थे जो सर ये सब जो वायसरा इंडिया में थे लॉर्ड इर्विन तो लॉर्ड अरविंद ने देखा की यार जो हालात है इंडिया में बड़े खराब हो रहे हैं हमारा जो अपोजिशन है वो लगातार बढ़ता चला जा रहा है तो ऐसे में एक लॉलीपॉप पकवाने की कोशिश कारी और कहा क्या लॉर्ड अरविंद ने कहा डोमिनियन स्टेटस ले लो तो वहीं लोगों का डोमिनेंस स्टेटस तो बहुत सारे नेता थे इंडियन लीडर्स हो भैया सख्त लड़के थे उन्होंने कहा नहीं नहीं हम इस डोमिनियन स्टेटस पर नहीं जवाहरलाल नेहरू सुभाष चंद्र बस इन्होंने कहा की हमको चाहिए पूर्ण स्वराज कंप्लीटेड इंडिपेंडेंस और उससे कम कुछ नहीं चाहिए इसके लिए यहां पर रेजोल्यूशन पास किया गया लाहौर के सेशन में 1929 और पूर्ण स्वराज यानी कंप्लीट इंडिपेंडेंस का यहां पर क्या किया गया ये जो रेजोल्यूशन है उसको पास कर दिया गया क्लियर है ये डिक्लेअर किया गया की 26 जनवरी 1930 हमारा इंडिपेंडेंस जो दे होगा लेकिन ये दिन इतना ज्यादा इंपैक्ट या अट्रैक्शंस नहीं छोड़ पाया क्यों नहीं छोड़ पाया नहीं आया अट्रैक्शंस है ना 26 जनवरी 1930 इंडिपेंडेंस नहीं आया ओबवियसली क्योंकि मतलब एक चीज समझ में आई गांधी जी को की भैया अभी भी यहां पर अमीर गरीब हमारे सब में डिफरेंस है अगर कोई मामला अमीर का है रिच पीपल का है तो उसमें आगे आएंगे पार्टिसिपेट करेंगे उसमें घड़ी पार्ट्स नहीं करेगा अगर कोई मामला गरीबों का है तो उसमें अमीर आदमी नहीं दिखेगा समझने के लिए बता रहा हूं डिफरेंस इन दी पीपल उनके इंटरेस्ट भी डिफरेंस थे तो गांधीजी ने कहा की भाई अगर हम कुछ ऐसा टूल ऐसा हथियार निकले ऐसा कुछ चीज रखें जो दोनों को इंपैक्ट करती हो तब ये दोनों एक साथ आएंगे और यही रीजन था क्योंकि दोनों एक साथ नहीं ए रहे थे इस वजह से 26 जनवरी 1930 जो बोला गया की इंडिपेंडेंस दे मनाएंगे वो उतना अट्रैक्शंस नहीं ले पाया ठीक है तो यहां पर जो टूल नजर आया वह आया साल्ट नमक चाहे अमीर हो चाहे गरीब हो खाता स्वाद अनुसार ही है है ना ऐसा नहीं है की अमीर आदमी है तो 1 किलो का लगा गरीब आदमी है तो 100 गा खाएगा नमक खाया अनुसार जाता है तो यहां पर साल्ट को टूल बनाया और 31 जनवरी 1930 को गांधी जी ने यहां पर लेटर लिखा लॉर्ड रिम को 31 जनवरी और 11 डिमांड्स रखें उन्होंने और कहा की अगर हमारी ये डिमांड्स लॉर्ड एडवेंचर से कहा की टीम है उन्होंने कहा अरविंद साहब अगर हमारी ये डिमांड 11 मार्च 1930 तक पुरी नहीं हुई तो हम 12 मार्च से साल्ट मार्च शुरू कर देंगे हम यहां पर नमक आंदोलन साल्ट मार स्टार्ट कर देंगे और यही हुआ उनकी डिमांड यहां पर फुलफिल नहीं कारी गई 12थ मार्च से साल्ट मार्च का शुरू हो गया और यही से जैसे ही साल्ट मार्च शुरू हुई दिस वज डी बिगनिंग ऑफ डी सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट यही से डीएम सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट की शुरुआत जो है स्टार्ट हो जाए हो जाति है क्लियर है 12th मार्च 1930 यहां से यह शुरू होती है 78 वॉलिंटियर्स यहां पर गांधी जी के साथ चलना शुरू करते हैं 12 मार्च से और 6 अप्रैल तक ये जो मार्च है जो दांडी यात्रा है वो यहां कारी जाति है साबरमती आश्रम से और शुरू करते हैं और वो दांडी के तट तक जाते हैं 240 माइल्स की यात्रा 24 दिन में पुरी होती है 78 वॉलिंटियर्स के साथ और जैसे ही वहां वो पहुंचने हैं दांडी के तट पे तो वहां पर साल्ट डॉ ब्रेक करते हैं नमक बनके ठीक है और यही से स्टार्ट हो जाता है सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट क्लियर हो गया ये था आपका साल्ट डॉ अब सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट में क्या हो रहा था देखो ये जस्ट मैंने समझने के लिए लिखा है कोई अप तो चीज नहीं है ये समझना मैंने आपको डिफरेंस बताने के लिए नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट में गवर्नमेंट को स्टैंड करना है गवर्नमेंट को क्या करना है स्टैंड स्टाइल कर देना है एडमिनिस्ट्रेशन एकदम स्टैंड स्टाइल हो जाए एडमिनिस्ट्रेशन क्या हो जाए अब सोचो ये चीज अगर मिल जाए डॉ ब्रेक से ये कानून तोड़ना है तो डीएम में क्या हो गया बला ब्रेक डॉ को ब्रेक करना है तो वो सीधे मैं समझने के लिए मतलब ऐसा मत समझना की एनसीएस प्लस इक्वल तू ये वो समझने के लिए है की हां एनसीएस तो हो ही रहा है अगर इसी एडमिनिस्ट्रेशन में जहां नॉन कोऑपरेशन कर रहे हैं उसमें अगर लॉस को ब्रेक करेंगे तो ऑब्वियसली लॉस को ब्रेक करोगे तो कहानी ना कहानी नॉन कॉरपोरेट भी कर ही रहे हो है ना तो वो डीएम हो जाएगा अब डीएम में क्या-क्या हुआ फॉरेन क्लॉथ को बाय गॉड कर दिया गया था ठीक है ना ये सिविल दिस ने जो वाइड इंडिया हर जगह हुआ क्या-क्या हुआ फॉरेन क्लॉथ को बॉयकॉट किया गया था लेकर शॉप्स को पैकेट किया गया चौकीदार ही टैक्स को अबॉलिश कर दिया गया पीजेंस ने स्टॉप कर दिया रॉक दिया आपने रेगुलर पे नहीं किया फॉरेस्ट लॉस को ब्रेक किया गया ये सब चीज जो है सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट हो रही है पता है ना डॉ को ब्रेक करना तो देखो जल लॉस को ब्रेक किया गया यहां पर ठीक है ना तो देखो चौकीदारी टैक्स को पॉलिश कर दिया गया फॉरेन क्लॉथ को बाय गॉड मतलब यहां पर आपको ये सब चीज जो है है वह देखने को दोस्तों यहां पर मिल रही है बात समझ में ए रही है यह सब हो रहा था आपका सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट में अब यहां पर एक ऐसी मोमेंट आता है आपके एनसीईआरटी में नहीं है बस मैंने बता दिया खान अब्दुल गफ्फार खान का इनको फ्रंटियर गांधी भी कहते थे और ये फॉलोअर थे गांधी जी के तो पाकिस्तान के पेशाब में यहां पर आप देखोगे तो ये मूवमेंट चला रहे थे उसको बोलते हैं रेड शर्ट वूमेन इसको खुदाई खिदमतगार भी बोलते हैं यहां पर क्लियर है चलिए तो खाली बॉन्ड एनसीआरटी था ये वाला पार्ट अब एनसीईआरटी में आएंगे तो एक एपिसोड एक एक इवेंट इंसिडेंट वहां दिया गया है उसको बोलते हैं हम लोग सोलापुर एपिसोड ये डीएम के अंदर ही आता है हुआ क्या की भैया इसमें क्या किया गया डॉ ब्रेक किया गए डीएम में ठीक है लीडर्स को जय में दाल दिया गया प्रोटेस्ट हुआ लोगों ने प्रोटेस्ट किया उसके खिलाफ गांधीजी को अरेस्ट कर लिया गया और जब गांधी जी को अरेस्ट कर लिया गया तो लोग सड़कों पर उतार आए बिल्डिंग इसको अटैक करने लगे 12 पीपल को इस मामले में जय के अंदर दाल दिया बिहाइंड डी बर्स ठीक है ब्रिटिशर्स ने सरप्राइज कर दिया मतलब ये जो मूवमेंट हुआ था ब्रिटिश सरप्राइज किया लोगों को उठाकर जय में दाल दिया ये था आपका 16 अप्रैल एपिसोड देख रहा हूं किस प्रकार से यहां पर चीज हो रही है यह था डीएम के अंदर ठीक है इस सिचुएशन में गांधीजी ने डिसाइड किया क्या गांधीजी ने डिसाइड किया की हम सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट को विदड्र कर लेंगे बात समझ में ए गई ओबेडिएंस मूवमेंट को विदड्र कर लेंगे क्लियर है तो लॉर्ड अरविंद ने जब आपने बताया था डोमिनोज स्टेटस देने की बात कारी तो दो चीज वहां पर हुई थी एक तो उन्होंने कहा था डोमिनो'एस स्टेटस और दूसरा उन्होंने कहा था राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में डिस्कशन तो यहां पर अब चीज आगे कैसे आई देखो अब होता है गांधी सिचुएशन बहुत ज्यादा खराब है जगह-जगह लॉस ब्रेक हो रहे हैं तो एडमिन साहब का रहे हैं की भैया कैसे कम चलेगा यह लोग तो कानून तोड़े जा रहे हैं कितने लोगों को पकड़ के हम जय में डालेंगे कैसे कर पाएंगे और जय की भी रखना में लिमिट जेल ने भी लोगों को रखना की लिमिट होती है कितने लोग भरोगे रिजल्ट के अंदर तो यहां पर आपको गांधीजी से बात करनी पड़ेगी और गांधी इर्विन पेस्ट हुआ फिफ्थ मार्च 1931 अब यहां पर क्या क्या बोला गया देखो पहले चीज गांधीजी के यहां बोला गांधी डिसाइड किया क्योंकि अरविंद साहब ने कहा भैया बैंड दोस्तों कितना मतलब आप लोग तोड़े जा रहे हो और हम जय में दाल रहे हैं कब तक क्योंकि अरविंद साहब को लगा भैया अरविंद को लगा अब कैसे होगा कहां तक जय में रहेंगे गांधी जी प्लीज तो गांधीजी ने ठीक है स्टेडियम को हम विदड्र कर लेंगे लेकिन उसके बदले क्या उसके बदले गांधीजी ने कहा की जो इनोसेंट पीपल को आपने जो अरेस्ट करके रखा है जय के अंदर प्रेजेंट के अंदर उनको रिलीज कर दीजिए कर देंगे दूसरा पॉइंट गांधी जी एग्री तू पार्टिसिपेट इन दी सेकंड आरडीसी गांधी जी ने सेकंड राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस है पार्टिसिपेट करने को मां लिया बताया ना मैंने आपको कीर्तन ने डोमिनियन स्टेटस दिया था और राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में डिस्कशन करने के लिए बोला तो गांधीजी उसमें भी फर्स्ट में नहीं गए सेकंड आर्टिस्ट के पार्ट्स का तीन राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस हुई थी गांधी जी ने सिर्फ सेकंड राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में पार्टिसिपेट किया था ठीक है नेगोशिएशंस फेल हो जाते हैं राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में कोई भी नतीजा नहीं निकलता है गांधी जी वापस इंडिया आते हैं तो दो चीज देखते हैं पहले ये कांग्रेस को डिक्लेअर कर दिया गया है इलीगल ऑर्गेनाइजेशन और दूसरा लीडर्स को फिर से जय के अंदर पीछे दाल दिया गया है जब यह सिचुएशन अच्छी गांधी जी ने गांधी जी ने का क्या मतलब फिर वही हो रहा है तो गांधी जी ने कहा सिंह के गांधी ने कहा की मैं फिर से मैं सिविल डिसऑबे इंस्ट्रूमेंट फिर से लॉन्च करूंगा डीएम को लॉन्च किया गया लेकिन 1934 में फिर से सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट को विदड्र कर लिया गया ये चीज यहां पर इस तरह से सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट खत्म हो गया अब जी प्रकार से हमने नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट को पढ़ा था की उसमें कैसे-कैसे पार्टिसिपेशन हुआ लोगों का टोंस के अंदर कैसे हो रहा था कंट्री साइड में कैसे था है ना स्वराज में क्या देखा गया मतलब प्लांटेशंस के अंदर क्या स्वराज का मतलब निकाला गया वैसे ही यहां पर अब ये आता है हो पार्टिसिपेंट्स सौदा मूवमेंट यानी की सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट में जिन-जिन लोगों ने पार्टिसिपेट किया उन लोगों ने सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट को किस प्रकार से देखा तो दोस्तों इसमें यहां पर पांच कैटिगरीज है जो हमको देखनी है एक है आपका रेसिपीज एक हैं आपके पुर पीजेंस एक हैं आपके बिजनेस मां एक हैं आपके इंडस्ट्रियल वर्कर्स और एक है आपके वूमेन इन पांचो को पढ़ के पढ़ेंगे तो हमारा यहां पर डीएम जो है खत्म हो जाएगा तो चलिए स्टार्ट करते हैं रिच पिजन से देखो कहानी जो है बड़ी सिंपल है एक्सपीरियंस की अब यहां पर कहानी क्या है देखो रिस्क पूजन की बात करेंगे तो गुजरात के पाटीदार हो या अप के जाट हो ये लोग यहां पर रिच पीजेंस थे है ना मतलब वेल तू डू पीजेंस से रिच मतलब ऐसा नहीं की अमीर रिज पिजंस का मतलब वेल तू डू पीजेंस थे तो गुजरात के पाटीदार थे या फिर अप के जो जाट पिजंस थे ये बेल्ट टूट है ठीक है तो होता क्या है की कमर्शियल क्रॉप्स का ये लोग कर रहे होते हैं कमर्शियल क्रॉप्स उगते हैं है ना कमर्शियल क्रॉप्स ज्यादा पैसा ही मिलता है तो क्या पता है मैंने ग्रेट इकोनामिक डिप्रेशन ए गया था और ग्रेट इकोनामिक डिप्रेशन की वजह से एग्रीकल्चर प्रोडक्ट से एग्रीकल्चर जो मार्केट जो से जो चीज थी वो ड्रॉप हो गई एग्रीकल्चर प्राइस जो है वो गिर गया एक्सपोर्ट हो नहीं का रहा था तो जब ट्रेड गिर गया तो इन सब की इनकम पे भी फर्क आया इन सब की इनकम भी कम हो गई क्योंकि इन लोगों की जब इनकी इनकम कम हो गई तो इन्होंने ब्रिटिश सरकार से गुजारिश किया की भैया हमसे जो आप यहां रेगुलर मांग रहे हो उसे रिवेन्यू को रिड्यूस कर दीजिए ये इन्होंने हाथ जोड़कर बोला लेकिन बीड्स ने इनको रिवेन्यू कम करने इनका जो डिमांड था उसे नहीं सुना और उन्होंने कहा हम कम नहीं करेंगे स्टोरेज प्रेजेंट है इसको अपोज किया और स्वराज की डिमांड करने लगे बात समझ में ए गया सिविल डिसऑबेडिएंस सिंपल है सिंपल है पाटीदार गुजरात के और जाट्स अप के जाट कमर्शियल क्रॉप्स ग्रा करते थे बढ़िया पैसा कमाते थे ग्रेट इकोनामिक डिप्रेशन हुआ ट्रेड गिर गया इनकम गिर गई इन लोगों ने हाथ जोड़ा की भैया हमारा हमसे आप जो रिवेन्यू ले रहे हो उसके कम कर दो अंग्रेजन ने नहीं सुना तो रेस्ट पीरियड्स में अपोज किया अंग्रेजन को और स्वराज की डिमांड करें यह था रेस्पिरेशन का खेल अब जरा मेरी बात आप बताओ की अगर रिच पीजेंस इसमें इतने फस गए थे तो पुर प्रेसिडेंट का भी से था अब ये पुर पेंट है ये दूसरे के जमीन पर कम करते हैं खुद की जमीन नहीं है प्लीज मतलब गरीब है वैसे भी दूसरे के जमीन में कम करते हैं और जो ये कम करते हैं तो जो भी प्रोड्यूस करते हैं उसको बेचकर जो पैसा मिलता है उससे वो लोग रेंट देते हैं भाई मैं जमीन का किराया दे रहा हूं क्योंकि मैं इस पे कम कर रहा हूं मैं जब इन दूसरे की है मलिक तो ऐसे घर होता है ना की मैं दूसरे घर में र रहा हूं किराएदार हूं वैसे जमीन दूसरे की है मैं उसके जमीन पर कम करता हूं जो भी खेतीबाड़ी के जो प्रोड्यूस मुझे मिलता है मार्केट भेजता हूं सेल करूंगा और पैसा रखेगा रख लूंगा अपने पास अब बच्चा बकाया जो बचेगा उसको किराया होगा वो किराया दे दूंगा ठीक है अब यहां पर क्या हुआ की पुर प्रेजेंट्स भी हिट हुए इस ग्रेट इकोनामिक डिप्रेशन से इनकी भी खेती बड़ी इतनी नहीं हुई ट्रेड इतना नहीं हुआ तो इनको इतना प्रोड्यूस मिला नहीं मतलब इनको क्या हुआ इतनी इनकम नहीं बनी क्योंकि मार्केट में इंता समाज बिकिनी पाया एग्रीकल्चर गुड्स की डिमांड क्या हो गई थी खत्म हो गई थी क्रश कर गई थी तो इनका समाज ही नहीं सामान्य का तो इनकी इनकम नहीं बनी जब इनकम नहीं बनी तो इन्होंने डिमांड किया की भैया हमारा रेंट माफ कर दीजिए अंग्रेजन ने नहीं सुना अंग्रेज का नहीं उन्होंने कहा मलिक दे नहीं सकते कहां से दे दे मुझे नहीं सुना तो इन्होंने कैंपेन चलाया जिसको बोलते हैं नो रेंट कैंपेन नो रेंट कैंपेन में शुरू किया जस्ट कैंपेन डिड नोट गो सपोर्ट ऑफ कांग्रेस लेकिन हुआ क्या इस कैंपेन को जो नूर और कैंपेन चलाया गया उसको कांग्रेस का सपोर्ट नहीं मिला क्यों क्योंकि कांग्रेस को ये था की भैया अगर हमने पुर प्रेसिडेंट को यहां पर सपोर्ट कर दिया तो क्या होगा जो अमीर पिस्सेंट्स वो हमसे नाराज हो जाएंगे समझ रहे हो क्या हो रहा है ये चीज तो डिमांड ब्रिटिशर्स तू मतलब इनकी डिमांड थी हमारा रिवेन्यू रिड्यूस कर दो ब्रिटिश रिव्यूज किया तो उन्होंने कैंपेन चालू किया ये कैंपेन को सपोर्ट नहीं मिला क्यों क्योंकि भैया इनको ग रहा है कांग्रेस सपोर्ट नहीं करते क्यों क्योंकि अगर सपोर्ट करते हैं तो जो अमीर थे वो नाराज हो जाते हैं इस वजह से जो रिलेशंस थे कांग्रेस के वो बहुत ही अनसर्टेन रहे की अच्छे थे की नहीं थे कभी अच्छे हुए कभी खराब हुए है तो एंपावर रिच पिजन से हिट हुए रिच पिजन थे थोड़ा और पैसा था तो मैनेज कर लगा लेकिन पुर पिजन बेचारे उनके पास तो कुछ भी नहीं है वो रेंट भी नहीं दे सकते जमीन पर कम कर रहे हैं इसलिए उन्होंने कैंपेन शुरू किया और नो रन कैंपेन को भी यहां पर क्या किया गया कांग्रेस सपोर्ट नहीं किया इस वजह से यहां पर जो रिलेशंस थे पुर पीजेंस और कांग्रेस के वो बहुत ही अनसर्टेन रहे हैं फिर आते हैं बिजनेस क्लास के बाद अब देखिए वर्ल्ड वार वन यहां पर चल रही थी तो इंडियन बिजनेसमैन को बहुत प्रॉफिट हुआ क्यों हुआ क्योंकि ऑब्वियस सी बात है जितनी डिमांड हुई वर्ल्ड वार वन के टाइम पे तो उसको फुलफिल करने के लिए अंग्रेजन ने इंडियन बिजनेसमैन से भी सर लिया कहा की भैया ये चीज हमारे लिए प्रोड्यूस करो तो ऐसे में जब इंडियन बिजनेसमैन ने प्रोड्यूस किया तो उनको बड़ा प्रॉफिट हुआ है ना और अब वो अपने बिजनेस को एक्सपेंड करना चाहते थे तो यहां पर क्या हुआ की ऑर्गेनाइजेशन यहां पर उन्होंने फॉर्म कारी दो बंटी है फिक्की लेट स फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्री और दूसरी यहां पर ऑर्गेनाइजेशन बनाई जाति है जिसको बोलते हैं इंडस्ट्रियल और कमर्शियल कांग्रेस ये दो यहां पर आप देखोगे तो जो यहां पर ऑर्गेनाइजेशंस है वो फॉर्म करेगी और इन जैसी ऑर्गेनाइजेशंस को फिक्की या फिर इंडस्ट्रियल और कमर्शियल कांग्रेस को यहां पर बड़े-बड़े इंडस्ट्रीज का सपोर्ट मिला जैसे की पुरुषोत्तम दास ठाकुर और गड़ बिरला इन जैसे लोगों को यहां पर यहां पर क्या किया गया इनको साथ मिलता है इंडस्ट्रियल वर्कर्स की बात करेंगे तो अब देखो यहां पर क्या हुआ देखो कांग्रेस को ये लगा की अगर हम इंडस्ट्रियल वर्कर्स को हेल्प करेंगे इंडस्ट्रियल वर्कर्स भाई जो इस बिजनेस मां की फैक्टरीज में कम कर रहा है इंडस्ट्रीज में कम कर रहा है कांग्रेस को लगा की अगर हम इनको सपोर्ट कर देंगे फिर सपोर्टेड डेम तो ये लोग जो है गुस्सा ए जाएंगे बिजनेसमैन वाले है की नहीं इसलिए आप देखोगे इंडस्ट्रियल वर्कर्स जो है वो भी इस नोट वेरी एक्टिव इन डीएम तो सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट में ज्यादा एक्टिव इंडस्ट्रियल वर्कर्स यहां पर नहीं होते हैं डोज वो जॉइन डी डीएम जो इंडस्ट्रियल वर्कर्स सिविल डिसऑबे दिस मोमेंट में जॉइन कर भी रहे थे तो क्या वो क्या कर रहे थे वो बॉयकॉट कर रहे थे फॉरेन गुड्स को वो स्ट्राइक कर रहे थे यही सब कम हो यहां पर कर रहा है तो इंडस्ट्रियल वर्कर्स रेमंड आलू फ्रॉम डी कांग्रेस इस तरह से इंडस्ट्रियल वर्कर्स भी कांग्रेस क्या हो है इंडस्ट्रियल वर्कप्लेसमेंट भी यहां कांग्रेस से उनका वो हो रहा है अलग हो रहा है अब आप देखोगे यहां पर आगे की रो ऑफ वूमेन क्या था इस सिविल डिसऑबे ने वूमेन का रोल किया था देखो वूमेन का बहुत ही बड़े स्केल पार्टिसिपेशन था बहुत ही बड़े मंत्र पर वूमेन ने सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट ने पार्ट्स पे किया वो अपने घरों से बाहर निकाल के आई उन्होंने गांधी जी की बटन को सुना साल्ट मार्च में वूमेन पार्टिसिपेट इन दांडी मार्च कम आउट आउट इन नंबर्स लिसन तू डी स्पीशीज ऑफ गांधीजी ठीक है पार्टिसिपेट इन फुटेज मैचेस मैन्युफैक्चर्ड साल्ट क्रिकेटर शॉप्स वारंट क्लॉथ शॉप लिकर शॉप वूमेन ने अर्बन एरियाज और एरियाज इन सब जगह मतलब जो अर्बन एरियाज की हाय कास्ट फैमिली थी रिच पिजंस हाउसहोल्ड थे वो पार्टिसिपेट कर रहे हैं वो या पार्टिसिपेट कर रहे हैं तो एवं आफ्टर सो मैच एक्टिव रूल कांग्रेस ने इतना किया लेकिन फिर भी कांग्रेस उनको पावर नहीं दे रही है इंडस्ट्रियल वर्कर्स को कांग्रेस सपोर्ट नहीं कर रही है पुर पीजेंस तू कांग्रेस ने सपोर्ट ढंग से नहीं दिया तो एक तरह से हम यहां पर बहुत सारे लोग जो है वो कांग्रेस से ना खुश हो रहे हैं है और यही रीजन बन गया सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट बहुत अच्छी तरह से नहीं अप्लाई हो पाया या फिर नहीं चल पाया क्योंकि कुछ क्षेत्र ऑफ पीपल हैं जो कांग्रेस ने कांग्रेस अपने सपोर्ट के लिए की बड़े लोगों का सपोर्ट रहे तो उनको सपोर्ट कर रही है ठीक है ना तो यहां पर इस प्रकार से रोल ऑफ वूमेन यहां पर देखने को मिलता है तो लिमिटेशंस क्या थे यहां पर सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट के अब जरा वो यहां डिस्कस करते हैं देखिए दो बड़े चीज यहां पर हमको बात करनी है दो बातें एक तो ये इमिटेशन था पहले अनटचेबिलिटी वाला अनटचेबल्स का जो डीएम में रूल था वो बहुत ही मतलब वो नहीं था और दूसरा मुस्लिम पॉलीटिकल ऑर्गेनाइजेशंस का यहां पर रोल नहीं था चलिए इनको समझते हैं कैसे रहेगा पहले हम बात करते हैं अनटचेबल्स की देखिए हमारा दर्द सुने नहीं जा रहा है तो वो जो बोला गया ना स्वराज सेल्फ रूल तो उन्होंने तुम हमको तो सेल्फ करने नहीं देते हो अनटचेबल्स खुद को रूल कर नहीं का रहे हैं तुम आवाज उठा रहे हो स्वराज की मतलब समझ रहे हो यह बात यहां पर बोली गई एक्सप्लोइटेड हो रहा है हम लोग हम लोग एक्सप्लोइटेड हैं सरप्राइज्ड हैं ऑपरेस्ड हैं डिफरेंस है और पॉइंट नंबर थ्री कांग्रेस ने दें अगेन दलित को सपोर्ट नहीं किया जैसे वहां पर वूमेन को नहीं किया इंडस्ट्रियल लेबर्स को नहीं किया और गर्ल्स को ऐसे पोलर बीयर्स को नहीं किया उन्होंने दलित को नहीं है क्यों क्योंकि उन्होंने कहा अगर हमने इनको सपोर्ट किया तो अपार कास्ट जो है वो हमसे यहां पर नाराज हो जाएगी ये बात कांग्रेस के दिमाग में ऐसे ठीक है दे थॉट दे बिल लॉस डी सपोर्ट ऑफ हाय कास्ट हिंदू ठीक है आईएफ कांग्रेस सपोर्टेड दें हाय कास्ट हिंदू नाराज हो जाएंगे ये बात यहां पर बोलेंगे ठीक है ना एक बार लिमिट ऑफ डीएम पे इसमें आएंगे आप लोग एनसीईआरटी पर प्लीज एक बार इसमें आइएगा मैं आपको यहां बताता हूं कौन सा पेज है उसे पर हम लोग आते हैं हो पार्टिसिपेंट स्वाति मूवमेंट जो 3.2 हेडिंग है दोस्तों उसे 3.2 हेडिंग में आइएगा उसमें इन दी कंट्री साइड हो गया फिर बिजनेस क्लास हो गया दें उसके बाद आपका इंडस्ट्रियल वर्किंग क्लास हो गया अंदर इंपॉर्टेंट फीचर जो है वो वूमेन का हो गया हां अब आई लिमिट्स ऑफ सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट का ठीक है ठीक है अब देखिए यहां लिखा है इसमें आई यहां देखिए लिखा हुआ है 3.3 में नोट जो सोशल ग्रुप पर मूव्ड बाय दी एब्स्ट्रेक्ट कॉन्सेप्ट ऑफ स्वराज सब लोग मूव नहीं थे वन सच ग्रुप वैसे डी नेशंस अनटचेबल्स हूं फ्रॉम अराउंड डी 1930 हद बिगन तू कल लम्स ऑफ दलित और ऑपरेस्ड वो अपने आप को दलित और ऑपरेट्स अपने आप को वो बोल रहे थे फिर लिखा है पर डी लॉन्ग डी कांग्रेस बहुत लंबे समय तक कांग्रेस में दलित को इग्नोर किया क्यों आगे लिखा है पर फेयर ऑफ ऑफेंडिंग डी सन ऑफेंडिंग डी सन सनातन इस कंजरवेटिव हाय कास्ट हिंदू सनातनी थे ऐसा ना हो की वो ऑफेंड हो जैन इसलिए बहुत लंबे समय तक कांग्रेस को यहां पर क्या किया वो इग्नोर किया ठीक है फिर लिखा है बट महात्मा गांधी डिक्लेअर डेट स्वराज वुड नोट कम पर एन 100 इयर्स आईएफ टच अनटचेबिलिटी वैसे नोट यहां पर गांधी जी ने बोला की कांग्रेस इतने टाइम से दलित को यहां पर क्या कर रही है इग्नोर करें क्यों क्योंकि अगर उनको लगता था मैं सपोर्ट कर दिया तो जो हाय कास्ट यहां पर हिंदू है सनातनीज वो हमसे नाराज हो जाएंगे ऐसे में गांधीजी का यहां पर स्टेटमेंट आता है गांधी जी कहते हैं स्वराज बिल नोट कम पर 100 इयर्स तुम 100 साल ले लो फिर भी स्वराज नहीं ए सकता अगर आप अनटचेबिलिटी को एलिमिनेट नहीं करेंगे और इसके लिए गांधी जी ने क्या स्टेप्स लिए गांधी जी ने अनटचेबल्स को बोला हरिजन चिल्ड्रन ऑफ गॉड ये बोला गांधी जी ने कहा लोगों से की अपने दिलों को बदलो गांधी जी पर सूर्यंदर हार्ट तुम लोग अपने दिलों को बदलो ये सोच समझ रखो गांधी जी ने खुद यहां पर सत्याग्रह किया एंट्री इन टेंपल्स सत्याग्रह किया की एंट्री मिलनी चाहिए एक्सेस होना चाहिए इन लोगों को पब्लिक पार्क्स का आपको टॉयलेट्स का एट सिटेरा और गांधी जी ने खुद टॉयलेट क्लीन किया इसको इसके लिए ताकि लोगों को लगी की नहीं क्वालिटी है और गांधी जी इसी चीज को करना चाहते थे की ऐसा नहीं है की ये लोग टॉयलेट क्लीन कर रहे हैं तो आप उनको अनटचेबल्स कर दो गांधीजी खुद यहां टॉयलेट क्लीन किया बात समझ में ए गई ये चीज यहां पर हुआ तो दलित अप्रेस्ट क्लास था और उनकी वॉइस को रेस करने के लिए यहां पर एक व्यक्ति का नाम सामने आता है और ही इसे डॉक्टर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बी आर अंबेडकर साहब ने यहां पर एक ऑर्गेनाइजेशन बनाई संगठन बनाया जिसको हम लोग बोलते हैं डिप्रैस क्लास संगठन अब इस डिफरेंस क्लास संगठन की दो डिमांड थी पहले कार्ड डिमांड थी पहले डिमांड थी रिजर्व सिट्स इन एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस जो भी आपके एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस हैं स्कूल हैं कॉलेजर्स हैं उसमें दलित के लिए सिट्स को रिजर्व किया जाए मां लीजिए किसी जगह 100 सीट है किसी कॉलेज के अंदर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन के अंदर तो वहां पर कुछ पर्टिकुलर अमाउंट ऑफ सिट्स को रिजल्ट कर दिया जाए की इसमें सिर्फ और सिर्फ एडमिशन यहां पर किसका होगा डिप्रैस क्लास का होगा ठीक है और दूसरा उनकी डिमांड थी सेपरेट इलेक्टरेट सेपरेट इलेक्टरेट मतलब क्या था की भैया वॉटर दलित क्यों होंगे और जो उसमें चुनाव पे खड़ा होगा लड़ने के लिए वह दलित का होगा सेपरेट कैसे हो गया भाई कैसे क्या होता है नॉर्मली क्या होता है जॉइंट इलेक्ट्रिक क्या होता है की भाई मां लीजिए मैं हूं होश अब मैं इसमें खड़ा हूं अन्य वन कैन वोट अब मैं मुस्लिम कैंडिडेट कोई भी वोट कर सकता है लेकिन सेपरेट लेटर क्या होगा की मुस्लिम कैंडिडेट और मुस्लिम इलेक्ट सिर्फ मुसलमान ही मुझे वोट कर रहा हूं डेट इस डेन सेपरेट इलेक्ट्रिक ठीक है तो यहां पर उनकी डिमांड थी की भैया अगर कैंडिडेट दलित का खड़ा हो रहा है उसे कांस्टीट्यूएंसी से तो वहां पर सिर्फ वोट डिलीटेड दाल सकते हैं ये सेपरेट इलेक्टरेट की डिमांड थी बात समझ में ए रहा है ये इन्होंने यहां पर डिमांड राखी थी वो और अंबेडकर साहब डिमांड ब्रिटिशर्स जो है वो उनकी डिमांड है कंसीड कर देते हैं का रहा है भैया बहुत बढ़िया क्योंकि विदिशा चाहते थे डिवाइडेड रूल हो जाए रिलिजन के बेसिस पे कास्ट के बेसिस सब जगह जैसे हो जाए तो ब्रिटिशर्स में उनकी डिमांड कर दिया जब ऐसा हुआ है उनकी डिमांड कंसर्ट की गई तो गांधीजी जो है वो फास्ट और फ्यूरियस बैठ गए हमारा टेंशन पर बैठ गए हैं ना और दिस पोज दी बोर्ड ऑफ कंटेंशन बिटवीन गांधी और अंबेडकर गांधी और अंबेडकर बीच में यह बोर्ड ऑफ कंटेंशन था यह उनके बीच का डिस्प्यूट था क्या सेपोरेट इलेक्टरेट ये सेपरेट इलेक्टरेट होना चाहिए की जॉइंट डायरेक्टर होना चाहिए अंबेडकर साहब का रहे थे सेपरेट इलेक्टरेट और गांधी जी इसके लिए एग्री नहीं थे इस वजह से इन दोनों के बीच में गांधीजी और अंबेडकर साहब के बीच में एक यहां पर फैक्ट होता है जिसको हम लोग बोलते हैं पूनाप एक्ट ऑफ 19302 इस पूना पद के तहत क्या हुआ क्या कहा गया की भाई प्रवंसेज में जो है आप देखोगे और सेंट्रल असेंबली यहां पर रिजर्व सिट्स यहां पर दी गई की भैया रिजर्व सीट देंगे आपको सेपरेट इलेक्टरेट नहीं तो बिना पैक नहीं है तू रिजर्व सिट्स के लिए बोला गया की सेंट्रल असेंबली और प्रॉब्लम समझने के लिए मैंने लिखा है की जैसे मां लीजिए 545 सिट्स हैं तो 50 सिट्स रिजर्व कर दी गई कैंडिडेट दलित होगा वोट यहां पर जो करेंगे ठीक है तो ये यहां पर कहा गया की भाई रिजर्व सिट्स होंगे सीट रिजर्व हो जाएगी और वोटिंग मतलब ऐसा नहीं है की यहां पर अलग से खाली दलित वोट कर पाएंगे दलित का होगा इन 50 सीटों पे मां लीजिए 50 सीट रिजर्व कर दी एग्जांपल ले रहा हूं 50 सीट रिजर्व कर दी तो कैंडिड दलित का होगा लेकिन वोटिंग यहां सब करेंगे ठीक है रिजर्व सीट है सेपरेट नहीं है ऐसे अप की बात करें 50 सीट है तो 10 सीट रिजर्व कर दी पर दलित्स ठीक है तो वोटिंग सब करेंगे लेकिन उसे कांस्टेंट से खड़ा खाली वहां पर दलित का आदमी होगा मुस्लिम पॉलीटिकल ऑर्गेनाइजेशन भी यही कुछ का रहा था मुस्लिम पॉलीटिकल दो जहां पर खाली मुसलमान जो है खड़ा होगा और सिर्फ मुसलमान और वोट करेंगे उसको है तो मुस्लिम पॉलीटिकल ऑर्गेनाइजेशन जहां पर यह कहती हैं की हम अपनी इस डिमांड को सेपरेट इलेक्ट्रिक को डिमांड को खत्म कर सकते हैं या हम उसको हम छोड़ सकते हैं अगर हमको यह आश्वासन दिया जाए की अगर हमको यह आश्वासन दिया जाए की भाई हमारे लिए आप सीट रिजर्व कर डॉग सेंट्रल लेजिसलेटिव असेंबली में ठीक है ना तो मुस्लिम पॉलीटिकल ऑर्गेनाइजेशन ये का रही थी डिमांड उनका सेपरेट इलेक्टरेट का था की बीबी के और गिव अप डी डिमांड ऑफ सेपरेट इलेक्टरेट हम सेपरेट इलेक्ट्रिक डिमांड कर देंगे आईएफ वे आर एन शॉर्ट रिजर्व सिट्स इन सेंट्रल लेजिसलेटिव असेंबली अकॉर्डिंग तू योर पापुलेशन हमारे जितनी जनसंख्या है उसके हिसाब से हमारी अगर आप सीट रिजर्व कर देंगे सेंट्रल लेजिसलेटिव असेंबली के अंदर तो हम लोग ये सेपरेट की डिमांड को यहां पर गिव अप कर देंगे क्लियर है अब इसके हम लोग लास्ट क्वेश्चन पे ए गए हैं वो है सेंस ऑफ कलेक्टिव बिलॉन्गिंग जो की मुश्किल से पास से 7 मिनट आपका लगा उसमें कोई ज्यादा है नहीं अब देखो सेंस ऑफ कलेक्टिव बिलॉन्गिंग यहां पर कैसे यूनाइटेड कैसे फीलिंग आई अब उसके लिए यहां पर कई साड़ी चीज जैसे की लोग अपने कलर से बिना हो गए जैसे की पेस्ट एक्सपीरियंस लोगों को बिना कर गया उनके अंदर सेंस ऑफ कलेक्टिव बिलॉन्गिंग ले आया है ना जैसे की फिगर्स और इमेज वही सब चीज जो हमने प्राइस ऑफ नेशनलिज्म इन यूरोप में अच्छी थी फिगर्स और इमेज जैसे की इंडियन फोकलर स्वदेशी मूवमेंट रेनडिप्रिटेशन ऑफ हिस्ट्री इन प्वाइंटर्स को यहां पर चलिए हम लोग डिस्कस कर लेते हैं वो सिंपल सिंपल से प्वाइंट्स हैं अब देखिए कलर की बात करें मैं आपको कितनी बार ये डिस्कस कर चुका हूं पढ़ना में एक तरीका बता चुका हूं कलर है अब लोकल सोंग्स है लोकल लैंग्वेज है लोकल क्लॉथ है लोकल खाना है ये सब बाउंड करता है जैसे आपका लोकल फूड है अब आप मां लीजिए की घूमने जा रहे हैं जैसे मैं एग्जांपल दूंगा गया था बाली घूमने के लिए ठीक है अब बाली में जो उनका बैलेंस जो उनका फूड है उनका तरीका है जो मैं खाना बनाने का वो पसंद नहीं आया अब वही अगर हम वो क्या ढूंढ रहे हैं वहां पर वहां ढूंढ रहे हैं कोई इंडियन रेस्टोरेंट मिल जाए तो क्या हो रहा है मैं अपने कलर से बाउंड हूं वहां पर मुझे अपना इंडियन वाली जो सेंस ऑफ कलेक्टिव बिलॉन्गिंग हां मुझे ए रही है मैं अपना इंडियन फूड ढूंढ रहा हूं बात समझ में ए रही है पास एक्सपीरियंस देखा की भाई 1857 में क्या हुआ था लोगों को रिलाइज हुआ की हम सब अलग-अलग थे लेकिन क्या हुआ था 1857 में फर्स्ट वार ऑफ इंडिपेंडेंस सारे लोग एक साथ खड़े हो गए थे अंग्रेजों के खिलाफ पेस्ट एक्सपीरियंस ये का रहा है की अगर हम यूनाइटेड रहेंगे तो ही हमारे यहां पर क्या होगा हम लाड पाएंगे तो उनको पास एक्सपीरियंस से बता रहा है की यूनाइटेड वे शुड स्टैंड अगर हम अलग-अलग रहेंगे तो क्या हो रहा था भाई उससे पहले बहुत लड़ाइयां हो रही थी 1757 बैटल ऑफ प्लासी 1764 बैटल ऑफ बक्सर बैंगलोर मराठा एंग्लो मैसूर कितनी लड़ाइयां हुई हैं पानीपत सब लड़ाई हुई लेकिन किसी लड़ाई में इन सब लड़ाइयां में आप देखोगे रीजनल फाइट्स और सिर्फ मैसूर लाड रहा था अंग्रेजन के खिलाफ एंग्लो मराठा लाड रहे थे लड़ाई नहीं हो रही थी मतलब सब लोग मिल गए थे ठीक है नेशनलिज्म इन यूरोप फ्रांस का अधिकारी ब्रिटानिया था ऐसे ही इंडिया का भी यहां पर पहचान बनाई गई यहां पर फिगर्स और इमेज आई भारत माता भारत माता की पेंटिंग यहां पर सामने आई है उसको यहां पर मैं आपको बताता हूं भारत माता फर्स्ट टाइम उसको क्रिएट किया था बंकिम चंद्र चटर्जी ने कहीं गई आपको चट्टोपाध्याय मिलेगा किताबें के अंदर ठीक है और यहां पर एक नवल में लिखी थी आनंद मठ किसने आनंदमती यहां पर नोबेल थी उसमें आपको वंदे मातरम ये मिलता है ठीक है बंकिम चंद्र चटर बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय की यहां पर एक नवल थी आनंदमठ उसके अंदर वंदे मातरम यह सॉन्ग जो है जो हमारा है उसको उसके बड़े में पता चला है उनको ठीक है और फिर इसी को जो भारत माता की पेंटिंग है उसको सेकंड टाइम यहां पर क्रिएट किया था जिसने अब आनंद टैगोर ने तो देखिए भारत माता की पेंटिंग वो इंडिया को रिप्रेजेंट कर रही है जैसे जर्मनी या जर्मनी को मेरिया ने फ्रांस को है ना ब्रिटानिया ब्रिटेन को वैसे ही भारत माता की पेंडिंग जो है वो किसको इंडिया को रिप्रेजेंट कर रही है भारत माता की क्लियर है तो ये फिगर्स और इमेज हो गया अब हम स्वदेशी मूवमेंट की बात करेंगे तो 1905 के आसपास फ्लैग और फ्लैग भी मैंने आपको बताया था ब्रिटेन का जब नया फ्लैग बना है ना तो वैसे ही देखो नहीं आइडेंटिटी ए रही है अभी बस समझ में ए रही है की नहीं जो मैंने आपको स्टार्टिंग में बताया था जब मैं ये चैप्टर यहां पर शुरू कर रहे थे हम लोग क्या ये वाला की भैया उसे चैप्टर में देखो हमने देखा नहीं नहीं एम्टी लाइन लगी थी जब नए-नए स्टेशन स्टेट बने थे नए सिंबल्स नए आइकंस जिसे आने लगे थे सेंस ऑफ कलेक्टिव बिलॉन्गिंग आने लगी थी वही चीज आप यहां पर इंडिया में हम लोग पढ़ रहे हैं बात देख रही है आपको देख रहे हो कैसे चीज़ यहां पर कनेक्ट हो रही हैं आई होप ये चीज आपने समझ का रहे होंगे किस प्रकार से यहां चीज जो हैं वो कनेक्ट यहां पर हो रही है है ना हो तो 1905 के आसपास जो फ्लैग था इंडिया का वह रेड ग्रीन और येलो कलर में था फिर आप देखोगे 1921 के आसपास 1951 में फ्लैग बना वो रेड व्हाइट और ग्रीन हुआ इसमें जो है देखिए स्पिनिंग व्हील लगाया गया जो साइनिफाई करता था सेल्फ हेल्प को ठीक है सिंबल्स ए रहे हैं देखो सेल्फ हेल्प कर रहा है ठीक है 1921 का और दें फाइनली आप देखोगे री इंटरप्रिटेशन ऑफ हिस्ट्री यहां पर लोगों को भी पसंद समझ में आया की हां हमारा एक बहुत ही ग्लोरियस पास्ता हिस्ट्री आप पूरा पढ़ चुके हो एजेंट हिस्ट्री में देखा क्या बड़े-बड़े यहां पर क्या गजब का उसे वक्त हमारा कलर था है ना मैग्नीफिकेंट टेंपल्स बनाए थे तो ग्लोरियस पार्ट था पास था हमारा क्या गजब के आठ है आर्किटेक्चर थे रिलिजन ऑफ कलर इतने सारे थे लेकिन डाइवर्सिटी थी हैंडलूम को लेकर इतना हमारा हम रिच थे लेकिन लोगों को समझ में आया की ये सब चीज हमसे छन लिया अंग्रेजन ने ये सब चीज इंडिया में खत्म हो गई है पीपल गो एंग्री और इसलिए लोग अब जो है इन सब चीजों के अगेंस्ट मतलब इन सब चीजों को अपने के लिए की हम ये कैसे हमसे छीना ए गया हम फिर लड़ेंगे इसके लिए तो लोग यूनाइटेड हो जाते हैं और इस तरह से यहां पर लोगों के अंदर सेंस ऑफ कलेक्टर लॉगिन आई है तो दोस्तों ये कुछ तरीके थे यहां पर किस तरह से सेंस करके बिलॉन्गिंग लोगों के अंदर आई है तो ये हमारा पूरा चैप्टर जो था नष्टम इन इंडिया वो यहां पर पूरा होता है और इसी के साथ हम इस चैप्टर के और पे ए गए हैं तो दोस्तों अब हम लोग मिलते हैं अपने अगले लेक्चर में सो थॉट्स जो पर टुडे फ्रॉम मी साइड पढ़ाई करती है मेहनत करते रहिए जय हिंद जय भारत