बिहार के विशेष राज्य का दर्जा

Sep 2, 2024

बिहार की विशेष राज्य का दर्जा

परिचय

  • बिहार की धरोहर:
    • मदुबनी पेंटिंग, लिट्टी चोखे की खुशबू, भोजपूरी गीत।
  • वर्तमान स्थिति:
    • गरीबी, उच्च जनसंख्या घनत्व, कम साक्षरता, प्राकृतिक आपदाएँ।

विकास की चुनौतियाँ

  • बिहार का विकास सभी आयामों पर पिछड़ रहा है।
  • विधायिका और मुख्यमंत्री विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।

विशेष राज्य का दर्जा

  • विशेष राज्य का दर्जा क्या है?
    • केंद्र सरकार द्वारा किसी राज्य को दिया जाने वाला विशेष अधिकार।
    • आर्थिक सहायता और विकास में बढ़ावा देने के लिए।

विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के मापदंड

  • 1979 में महावीर त्यागी की अध्यक्षता में पांचवीं वित्त आयोग की सिफारिश।
  • पिछड़े राज्यों का विकास दर के आधार पर विशेष श्रेणी का दर्जा दिया जाता है।
  • मापदंड:
    • भौगोलिक कठिनाइयाँ, जनसंख्या घनत्व, आर्थिक पिछड़ापन।

विशेष राज्य का दर्जा मिलने के लाभ

  • केंद्र प्रायोजित योजनाओं में 90% धनराशि का भरण।
  • धनराशि खर्च नहीं करने पर शेष धन अगले वर्ष में प्रेषित।
  • करों में छूट:
    • उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क, आयकर, कारपोरेट कर में रियायत।

बिहार की वर्तमान स्थिति

  • बुनियादी ढांचे की कमी।
  • सिंचाई सुविधाओं और जलापूर्ति की कमी।
  • गरीबी की स्थिति:
    • वार्षिक आय 6000 रुपए से कम।
  • विशेष श्रेणी का दर्जा मिलने से 2.5 लाख करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता।

निष्कर्ष

  • बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा महत्वपूर्ण है।
  • सभी से सुझाव और विचारों की मांग।
  • वीडियो को लाइक और सब्सक्राइब करने की अपील।

👉 यह नोट्स बिहार के विशेष राज्य का दर्जा पर आधारित हैं और इसकी आवश्यकता एवं लाभों को समझाते हैं।
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