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बिहार के विशेष राज्य का दर्जा

मदुबनी पेंटिंग के चटक रंगों से सजे कोहबर, रसोई से आती लिट्टी चोखे की खुश्बू, भोजपूरी गीतों की मिठास, आंचलिक कथाकारों की कहानियों को जिस राज्य ने अपनी धरोहर के रूप में संजोया है, तुरभाग्यवश आज उसकी पहचान गरीबी, सरवाधिक जिनसंख्या घनत्व, साक्षरता की कमदर्व, प्राकृतिक आपदाओं और बिछड़ेपन से होती है। हम बात कर रहे हैं बिहार की बिहार की धर्ती आज विकास के सभी आयामों पर पिछड रही है यही कारण है कि बिहार के विकास के लिए बहुत लंबे समय से वहां की विधाईका और मुख्यमंत्री उसे विशेश राज्य का दर्जी जा देने की मांग करते रहे हैं एक जगह पर अभियान चलेगा विशेष राज्य का दर्जा दो विशेष राज्य का दर्जा दो विशेष राज्य का दर्जा अलग दिलाएंगे विशेष राज्य का दर्जा अलग दिलाएंगे विशेष राज्य का दर्जा लेके रहे था। के मांदंड क्या है विशेस राज्य दर्जा मिलने से राज्य को क्या लाब हो सकते हैं और केंदर सरकार इसे देने में इतनी आनाकानी क्यों करती है और बिहार के लिए क्यों महत्वपूर्ण है विशेस राज्य दर्जा भारत के पुर्वी हिस्से में बसारा जिबिहार जो खुद विराट एतिहासिक धरोहर को समेटे हुए है लेकिन मौजूदा समय में आर्थिक कठिनाईयों से जूज रहा है तराई में बसारा जिबिहार प्रशी प्रधान है लेकिन यहां के किसान कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं साथ ही राज्य में बुनियादी ढांचे की भी कमी है इन सभी कारणों से बिहार सरकार और वहां के लोग विशेष राज्य का दर्जा चाहते हैं ताकि राज्य को अधिक वित्तिय सहायता मिल सके और विकास कार्यों को गति दी जा सके वहीं विशेष राज्य के दर्जे की बात करें तो यह एक ऐसा विशेष अधिकार है जो केंद्र सरकार द्वारा किसी राज्य को प्रदान किया जाता है इसका का मुख्य उद्देश ऐसे राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता पदान करना है जो विकास की दोड में पीछे छूट गयें। साल 1979 में एतिहासिक कदम उठाते हुए महावीर त्यागी की अध्यक्षता में गटित पांचनी वित्त आयोग के सिफारिश पर विशेश श्रेणी का दर्जा किसी पिछड़े राज्य को उनकी विकास दर के आधार पर दिया जाता है। एक सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा हो तो उसे कर और शुल्क में विशेष छूट देने के लिए एक विशिष्ट दर्जा दिया जाता है। हाला कि भारतीय सम्विधान किसी राज्य को उसके समग्र विकास के लिए विशेष दर्जा देने का कोई प्रावधान नहीं करता है। बता दें कि पहली बार यह दर्जा साल 1979 में ताकालीन राज्य जम्मू कश्मीर, असम तथा नागा लैंड को प्रदान किया गया था। नव गठित राज्य तेलंगाना भी शामिल है। तेलंगाना को यह दर्जा इसलिए दिया गया क्योंकि वह आंध्रपदेश राज्य से अलग होकर बना था। चलिए बात करते हैं विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के मांदंडों की विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए कुछ मांदंड में मिर्धारित किए गए हैं जो गाड़गिल फार्मूले पर आधारित हैं भवकोलिक कठिनाइयां जैसे भाड़िक शेत्र दुर्गम स्थान कम जनसंख्या घनत्व या जनजातिय जनसंख्या का बड़ा हिस्सा आर्थिक तथा आधारभूत संरचना में पिछड़ापन पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर सामरेक स्थिति राज्य के विद्ध की गैर व्यवहार प्रकृति चलिए जानते हैं विशेष स्रिणी का दर्जा मिलने पर राज्यों को क्या-क्या लाद प्राप्त होते हैं। विशेष स्रिणी का दर्जा मिलने पर राज्यों को कई तरह से लाब होते हैं। मसलन केंद्र विशेष स्रिणी का दर्जा प्राप्त राज्यों को केंद्र प्रायोजित योजना में आवश्यक धनरासी का 90% का भु करता है जबकि अन्य राज्यों की मामले में ये महज 60 से 75 फीस्टी तक ही होता है। इसके लावा यदि विशेष श्रेणी का दर्जा प्राप्त राज्य विकास के लिए प्राप्त धनराशी को एक वित्ती वर्ष में खर्च नहीं कर पाते तो शेष धन आगामी सब पर प्रति प्रति प्रत राज्यों को उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क आयकर एवं कारपुरेट कर में भी महतुपूर रियायतें प्रदान की जाती हैं। दबाव डालता है। इससे विभिन राज्यों के बीच धन के आवंटन को संतुलित करना मुश्किल हो जाता है। साथी इससे गैर विशेष रेणी दर्जा राज्यों के बीच असमानता की भावना या असंतोष भी उत्पन हो सकता है और दूसरे राज्य भी कुछ विशेष् और सीमित निवेश अवसरों सहित महतुपूर्ण आर्थिक चुनोतियों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे वहां की आजीविका और आर्थिक स्थित्रता प्रभावित हो रही है साथी भी हार में बुनियादी ढांचे का अभाव है विशेष कर सिंचाई सुविधाओं और जलापूर्थी के मामले में सिंचाई के लिए पर्याप्त संसाधनों का अभाव कृषि पादकता को प्रभावित करता है जो आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए आजीविका का प्राथ्निक श्रोत है भी हार में गरीबी परिवार रहते हैं जिनकी वार्षिक आय छह हजार रुपए से भी कम है विशेष श्रेणी का दर्जा देने से भी हार सरकार को अगले पांच वर्षों में विभिन कल्याण कारी यूजनाओं के लिए लगभग 2.5 लाख करोण रुपए की वित्तिय सहायता प्राप्थ होगी जो राज्य के विकास में सहायक होगी तो आज हमने जाना विशेष श्रेणी के दर्जे के विभिन आयामों और भी हार की विशेष श् प्रश्नकारी से रूगरू होने के लिए जुड़े रहे हमारे साथ फिर मिलेंगे एक नए और रोचक विशय के साथ अगर आपको वीडियो पसंद आया हो तो कृपया लाइक और सब्सक्राइब करें अपने सुझाव और विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं धन