पुराने और नए कानूनों की तुलना
परिचय
- प्रस्तुतकर्ता: प्रिया
- विषय: पुराने कानूनों और नए कानूनों की तुलना
- उद्देश्य: नए कानूनों के महत्वपूर्ण सुधारों और परिवर्तनों को समझना
- यह वीडियो शैक्षणिक है और चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) का इतिहास
- थॉमस बेविंगर मकॉले ने IPC का प्रारूप तैयार किया।
- मकॉले से पहले:
- विभिन्न धर्मों के अनुसार अलग-अलग कानून लागू थे।
- मकॉले के आने के बाद:
- चार मुख्य कारणों से एक सामान्य सेट कानून की आवश्यकता।
- असंगतता
- गैर-कोडिफाइड
- ब्रिटिश प्रबंधन के लिए राजनीतिक लाभ
कानूनों की श्रेणियाँ
- सामग्री कानून (Substantive Laws):
- अपराध की परिभाषा और सजा के संबंध में।
- प्रक्रियात्मक कानून (Procedural Laws):
- अपराध के बाद की प्रक्रिया।
मकॉले का योगदान
- IPC का पहला प्रारूप 1834 में तैयार किया गया।
- IPC को 1860 में लागू किया गया।
- 1861 में पहला प्रक्रिया कानून (CRPC) लागू हुआ।
- 1872 में भारतीय साक्ष्य अधिनियम लाया गया।
महत्वपूर्ण समय सीमाएँ
- IPC और साक्ष्य अधिनियम को स्वतंत्रता के बाद जारी रखा गया।
- 1973 में नया CRPC लागू किया गया।
लॉ कमीशन की भूमिका
- कानून में परिवर्तनों के सुझाव।
- महत्वपूर्ण रिपोर्टों का उल्लेख:
- 262वीं रिपोर्ट: मृत्यु दंड को समाप्त करने की सिफारिश।
- 87वीं रिपोर्ट: कैदियों की पहचान अधिनियम।
नए कानूनों की विशेषताएँ
- महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए विशेष अध्याय।
- समय सीमाएँ:
- न्याय प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए निश्चित समय सीमा।
- सामुदायिक सेवा:
- छोटे अपराधों के लिए नई सजाएँ।
- प्रौद्योगिकी का उपयोग:
- ई-एफआईआर और डिजिटल साक्ष्य।
- पीड़ित-केन्द्रित दृष्टिकोण:
- पीड़ितों को सूचना का अधिकार।
निष्कर्ष
- नए कानूनों की समझ में सुधार के लिए पाठ्यक्रम का सुझाव।
- पुराने और नए कानूनों की तुलना महत्वपूर्ण है।
- वीडियो के अंत में नए कानूनों के बारे में अधिक जानकारी के लिए पाठ्यक्रम की सिफारिश।
धन्यवाद
- वीडियो देखने के लिए धन्यवाद।
- आगामी कक्षाओं में मिलते हैं।
यह नोट्स आपको पुराने और नए कानूनों के बीच के मुख्य बिंदुओं को समझने में मदद करेंगे।