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UPSC और सरकारी नौकरी

जितने लोग अनइंप्लॉयड हैं इंडिया में उसमें मोर दन 80 पर लोग गवर्नमेंट जॉब की तैयारियां कर रहे हैं इसलिए अनइंप्लॉयड हैं अगर ऐसा होता कि आईएएस बनने से आपको दुनिया की सारी खुशियां मिल जाती तो लोग छोड़ते ही नहीं नौकरी कितने सारे आईएएस ऑफिसर्स जॉब छोड़ रहे हैं आ देयर इज स्टिल अ प्रॉब्लम ऑफ करप्शन इन कंट्री जितने भी लोग सर्विस में जा रहे हैं सबका मोटिव कोई इंपैक्ट लाना नहीं है किसी को पावर चाहिए पावर से पैसा चाहिए आज की डेट में 90000 सैलरी होती है एक आईएएस ऑफिसर की क्या घर चल सकता है 90000 द पॉइंट इज एज अ सोसाइटी हम ऑपरेट ही करप्शन पे करते हैं हर जगह ना कोचिंग इंडस्ट्री का एक माफिया है यहां पर भी ऐसा होता है यस लोग ना 10थ के बाद ही स्टार्ट कर दिया है ट्रैप करना फॉर समथिंग जो उसे ग्रेजुएशन के बाद करनी है अगर किसी को आईएएस बनना है तो उसके लिए दो साल काफी है आप सीधा डिस्ट्रिक्ट के कलेक्टर बन जाते हैं उसमें अगर कोई आपको बोले कि मैं करा दूंगा तुम्हारा तो आप आ जाते हो उनके झांसे में मिथ्स ऑफ फैक्ट्स गवर्नमेंट जॉब इज बेटर देन प्राइवेट जॉब मिथ गवर्नमेंट जॉब में वीकें में काम नहीं करना पड़ता नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है 24 आवर्स की भी आपकी ड्यूटी हो सकती है 48 आवर्स की भी हो सकती है तो टू गो 48 आर्स विदाउट स्लीपिंग आप वर्ल्ड क्लास बनने की कोशिश कर रहे हो उस प्रिपरेशन के टाइम पे व्हाट आर द प्रोज एंड कॉन्स ऑफ रिलेशनशिप कोई भी बड़ा गोल अचीव करना है आपको तोव तपस्या की तरह होता है और तपस्या आप सुख भोग कर नहीं कर सकते अब आप सोचो कि मैं तपस्या के बीच में थोड़ा सा फन भी कर लू है ना यह भी ट्राई कर लूं वो भी ट्राई कर लू तो देन इट माइट वर्क एज अ डिस्ट्रक्शन तो मुझे लगता है इसलिए रिलेशनशिप वगैरह आपको अवॉइड करना चाहिए थोड़े टाइम के लिए अराउंड 80 पर ऑफ अनइंप्लॉयड लोग वो होते हैं जो प्रिपेयर करते हैं फॉर गवर्नमेंट एग्जाम्स यह कहा है हमारी आज की गेस्ट सलोनी खन्ना ने वो एक यूपीएससी इंटरव्यूअर है एंड दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है एंड फाउंडर है ऑफ स्केल अप फाउंडेशन आज के पॉडकास्ट में हमने बात की है अबाउट द रियलिटी ऑफ यूपीएससी कोचिंग इंस्टीट्यूट क्या एक ऑनेस्ट आईएएस ऑफिसर ग्रो कर सकता है अपने करियर में क्या गवर्नमेंट जॉब्स परमानेंट होती है क्या गवर्नमेंट जॉब्स में आराम ही आराम है मजे ही मजे एक बार हो गए तो फिर लाइफ में कुछ और नहीं करना पड़ता क्यों ज्यादा से ज्यादा बिहार के लोग ही यूपीएससी एस्परेंस होते हैं क्या आईएएस सीट सेल होती है कोई पैसे से खरीद सकता है क्या एंड क्यों नॉन इंग्लिश स्पीकिंग कैंडिडेट्स आर लेस इन यूपीएससी एग्जाम्स ऐसे कई सारे हार्ड हिटिंग क्वेश्चंस हमने आज के पॉडकास्ट में डिस्कस किए हैं अबाउट द रियलिटी ऑफ कंट्री सो एंजॉय द शो बट बिफोर यू डू दैट इस चैनल को सब्सक्राइब कर लो क्योंकि आप जितना हमें सब्सक्राइब करेंगे उतने ही बेहतर गेस्ट हम ला पाएंगे और आपको उससे बेटर वैल्यू दे पाएंगे सो प्लीज वच दिस एपिसोड टिल दी एंड एंड राज समानी क्लिप्स एंड राज समानी शॉर्ट्स को सब्सक्राइब करना मत भूलना क्योंकि वहां पर हम इस बड़े एपिसोड की छोटी-छोटी क्लिप्स डालते हैं ताकि कम समय में आप एक बेहतर इंसान एंड नॉलेजेबल लीडर बन पाएं एंजॉय द शो मेरे को ये बताओ ऑब्सेशन क्या है इंडिया में ऐसा सरकारी नौकरी का इट्स क्रेजी क्योंकि नंबर जितने इंडिया में जितने लोग अप्लाई करते हैं फॉर गवर्नमेंट जॉब इज द हाईएस्ट इन द वर्ल्ड राइट आपको पता है जितने लोग अन एमप्ला है इंडिया में उसमें मोर देन 80 पर लोग गवर्नमेंट जॉब की तैयारियां कर रहे हैं इसलिए अनइंप्लॉयड है आप समझ रहे हो तो लोग अनइंप्लॉयड इसलिए हैं क्योंकि जो उनका स्किल सेट है और जो उनकी एक्सपेक्टेशन है कि मुझे नौकरी मिले वैसी नौकरिया नहीं मिल रही और दूसरा गवर्नमेंट एग्जाम्स का यह जो ट्रैप कह सकते हैं चाम कह सकते हैं जो वीव कर दिया है वह बहुत लुक्रेटिव लगता है अब उसके दो तीन रीजन है जब आपके पेरेंट्स चाहते थे इंडिया में किसी के भी घर में बच्चा पैदा हो तो उन्हें लगता है कलेक्टर बनना चाहिए इसको एक बार आईस का पेपर दे ले यार बेट एक बार तू तो साइंस में अच्छा है तू मैथ्स में अच्छा है यूर गुड स्टूडेंट जस्ट वंस वो इसलिए क्योंकि जो और उन्होंने देखा उस टाइम पर एडमिनिस्ट्रेशन के पास बहुत ज्यादा पावर थी कलेक्टर राज कलेक्टर राज कह सकते हैं लाइसेंस राज कह सकते हैं वो दौर ऐसा था बट उसके बाद हुआ लिबरलाइजेशन जिससे एमएनसी कल्चर आने लगा यू नो हमें एक्सपोजर मिला दुनिया का दुनिया को एक्सपोजर मिला हमारा अब की डेट में अगर आप देखो तो ऐसा सिविल सर्विसेस अन डाउटेड गिव्स यू अ वेरी गुड जॉब अपॉर्चुनिटी इट्स अ ग्रेट जॉब एंड मोर देन जॉब इट्स अ सर्विस बिकॉज आप इंपैक्ट ला रहे हो और उसका जो सेटिस्फैक्ट्रिली सेट अलग है उस पर इन्वेस्ट किया गवर्नमेंट ने पब्लिक फंड एजुकेशन दी है ना उसको आईआईटी में किसके पैसे गए टैक्स पेयर्स के पैसे गए अब वो वापस आ जाता है चार पा साल तैयारी करता है एवरेज चार पाच साल लोग करते ही है तैयारी चार पाच साल में नहीं निकलता फिर जाकर कोई सब स्टैंडर्ड जॉब ले लेता है कोई मैनेजरियल रोल में जो उसके स्किल सेट से मैच ही नहीं करता है है ना तो उसका कोई सेंस ही नहीं है आपने वो आईआईटी वाली सीट भी वेस्ट की उसके बाद आपने यूपीएससी की तैयारी की और अब आप जाकर लाइफ में कुछ और कर रहे हो तो जो आपके प्राइम यर्स हैं 20 टू 30 वाले वो इसमें ही चले जाते हैं पर यह जाने किसम चाहिए थे क्लेरिटी में कि आपको क्या करना है लाइफ में आई पर्सनली बिलीव दैट ऑल द पीपल हु डू वेल इन लाइफ देर इज वन कॉमन फैक्टर व्हिच इज दैट दे हैव सम काइंड ऑफ क्लेरिटी इदर दे नो व्हाट दे वांट टू डू और दे नो व्हाट दे डोंट वांट टू डू ट्र पीपल हु डोंट नो ईदर स्पेंड टू मच टाइम इन फिगरिंग दैट आउट एंड आई वुड नट से दैट दे गेट लेट बट देन दे लूज देयर एज सो आज की जनरेशन में जब सब कुछ इतना डायनामिक है टाइम आ चेंजिंग यू नीड टू हैव दैट क्लेरिटी बट समथिंग लाइक यूपीएससी सिविल सर्विसेस एग्जाम प्रीवेंट्स यू फ्रॉम गेटिंग दैट क्लेरिटी बिकॉज़ यू आर जस्ट इंगेज्ड इन दैट साइकल टू मच आई मीट सो मेनी पीपल कभी-कभी तो इंस्पिरेशनल भी होता है एक दिन मैं अपनी सोसाइटी में थी और एक आइसक्रीम वाला था और वो लक्ष्मीकांत पढ़ रहा था लक्ष्मीकांत एक बुक है जो आपके फॉलोअर्स को पता होगा जो यूपीएससी की तैयारी करते हैं पॉलिटी के लिए मस्ट रीड बुक होती है ओके यूपीएससी की तैयारी में इट्स लाइक दी अ टॉप फाइव एसेंशियल बुक्स तो वो लक्ष्मीकांत पढ़ रहा था तो द मोमेंट आई सॉ हिम रीडिंग लक्ष्मीकांत आई सेड आर यू प्रिपेरिस फॉर यूपीएससी ही सेड यस अब उसका एस्पिरेशन तो बड़ा है कि वो आइसक्रीम बेच रहा है और साथ में मैनेज कर रहा है बट व्हाट आई एम ट्राइट टेल यू कि एवरीवन वांट्स टू बिकम एन आईएएस विदाउट इवन नोइंग कि क्या है क्यों बनना है और अगर ऐसा होता कि आईएएस बनने से आपको दुनिया की सारी खुशियां मिल जाती या ये बेस्ट जॉब होती तो लोग छोड़ते ही नहीं नौकरी हम कितने सारे आईएस ऑफिसर्स को जानते हैं जो जॉब छोड़ रहे हैं वो इसलिए छोड़ क्योंकि जो आपका आइडिया है सिविल सर्विसेस का व रियलिटी से थोड़ा अलग है या जो आपको बताया गया सिविल सर्विसेस होगा व रियलिटी से अलग है तो आपको रिलाइज होता है इट्स नॉट एबल टू मीट माय एक्सपेक्टेशन और आप छोड़ देते हो और आसान नौकरी नहीं है मतलब ऐसा नहीं है लोग बोलते हैं एक बार पेपर निकाल लो उसके बाद तो जिंदगी बढ़िया है ऐसा बिल्कुल भी नहीं है बहुत स्ट्रेस बहुत वियर्ड वर्किंग आवर्स नो वर्क लाइफ बैलेंस आपकी सैलरी बहुत कम यह सारी नेगेटिविटी है अब तो पावर भी थोड़ा बहुत किसी-किसी जगह पे कम होता है क्योंकि अकाउंटेबिलिटी बढ़ गई है ना जहां पर अकाउंटेबिलिटी बढ़ेगी वहां पावर कम हो अब आरटीआई है आपके पास कुछ और नहीं है आप अपना फोन निकाल कर एक वीडियो बनाने लग जाएंगे अगर कोई अपनी पावर का मिसयूज कर रहा होगा राइट्स सबको अपने पता है सब लोग अवेयर हैं तो ऐसा नहीं है आपके पास अनलिमिटेड पावर है और पावर भी अगर आपको यह पावर लगती है कि मैं एक अ यू नो मुझे लोग रिस्पेक्ट कर रहे हैं या मेरे अंडर लोग काम कर रहे हैं या मैं डिसीजन मेकिंग कर सकता हूं या कर सकती हूं तो ये एब्सलूट तो नहीं है इसके भी बहुत सारे चेक्स एंड बैलेंसस हैं आपके ऊपर लोग हैं हायरा की है जो आपको फॉलो करनी होती है मैंने बहुत सारे लोगों को देखा उन्हे लगता है वो सिविल सर्विसेस जॉइन करेंगे तो दुनिया बदल देंगे हम आएंगे मैम हम ये चेंज कर देंगे यह सिस्टम खराब है एक्चुअल में सिस्टम एक बहुत बड़ा सफेद हाती है जो धीरे-धीरे चल रहा है और धीरे-धीरे ही चलेगा आप एक दिन में सिस्टम नहीं बदल सकते जो भी यह ट्राई करेगा कि मैं एक दिन में सिस्टम बदल दूं व एनार्क ला रहा है क्रांति जो हम बोलते हैं लाना एनर की आएगी ना उससे सब कुछ डिस्टर्ब होगा फिर जाकर नया सेटअप बनेगा नाउ नो गवर्नमेंट नो कंट्री नो सोसाइटी इ रेडी नो सोसाइटी इ आल्सो रेडी टू एक्सपीरियंस एनकी क्योंकि एनर की का जो रिजल्ट अच्छा होगा उसकी प्रोसेस उतनी डोमेटिक होगी तो सिस्टम में आप जो सोचते हैं बदलाव आप छोटे ब मोटे बदलाव ला सकते हैं आव क्वेश्चन कि आई वा रीडिंग अ कंसल्टिंग फर्म का स्ट सो अकॉर्डिंग टू क फर्म इन हंग कांग इंडिया रैंक्स वर्स्ट इन ब्यूरोक्रेसी थ्रू आउट एशिया इंडिया की रैंकिंग ब्यूरोक्रेसी में एशिया में सबसे खराब है एंड उसम जो रेटिंग्स थी आउट ऑफ 10 इंडिया को 9.21 मिला इन द वर्स्ट ब्यूरोक्रेसी इन एशिया जब इतना डिफिकल्ट है टू गेट इन टू ब्यूरोक्रेसी इतना ज्यादा रेस है इतना ज्यादा गिन चुन के लोग जाते हैं वई इ इट स्टिल द एशिया क्योंकि मैं दूसरी कंट्रीज का भी स्कोर बताया ता हूं देन वियतनाम स्कोर्ड 8.54 इंडोनेशिया 8.37 चाइना स्कोट 7.11 मतलब हम इनमें बहुत पीछे वियतनाम इंडोनेशिया फिलिपींस चाइना इन सब से इसके दो रीजंस है इसका सबसे पहला रीजन यह है कि हमारी ब्यूरोक्रेसी एफिशिएंसी ड्रिवन नहीं है हमारी ब्यूरोक्रेसी को यह टारगेट्स नहीं दिए जाते कि आप एफिशिएंट रहोगे तो आपको इंसेंटिव करेंगे रिवर्ड करेंगे अ अगर आप एक कलेक्टर हैं तो आपका कस्टमर क्लाइंट एक विडो औरत भी हो सकती है एक छोटी बच्ची भी हो सकती है जिसको स्कॉलरशिप चाहिए विडो को विडो पेंशन चाहिए एक बिजनेसमैन भी हो सकता है अ एक स्ट्रीट हॉकर भी हो सकता है तो एफिशिएंसी इज नॉट द क्राइटेरिया इक्विटी पर हम बिलीव करते हैं कि सबको सर्विस मिल पाए और सब लोग बराबर होंगे ऐसा नहीं है कि आपने ज्यादा आधार कार्ड बांट दिए आपने ज्यादा लोगों को वोट करवा दिया आपने स्कीम का ज्यादा डिस्ट्रीब्यूशन कर दिया तो ज्यादा वाला क्राइटेरिया ही नहीं है आप कितना अच्छे से इंप्लीमेंट कर पा रहे हो कितने लोगों की प्रॉब्लम सॉल्व कर पा रहे हो कितने लोगों को इंपैक्ट कर पा रहे हो यह वाला क्राइटेरिया है एक रीज़न यह है बट दूसरा और सबसे बड़ा रीज़न यह है कि हमारी ब्यूरोक्रेसी का कॉलोनियल हैंगओवर है यह इंडिया की ब्यूरोक्रेसी नहीं है यह तो ब्रिटिशर्स की ब्यूरोक्रेसी थी ना जिसको हमने बस ले लिया और अब चलाए जा रहे हैं और उसमें कुछ ज्यादा रिफॉर्म्स भी नहीं लाए सिविल सर्विसेस रिफॉर्म्स की बात होती है हुए भी हैं ऐसा नहीं है कि नहीं हुए अलग-अलग कमिटीज बनी हैं सरकार ने अलग-अलग कमिटीज बनाई है बट अभी के इंडिया को मीट करने के लिए जो चाहिए ब्यूरोक्रेसी में वो है ही नहीं तो हम अभी भी सर मैम कल्चर इज ब्रिटिश बट हम वो फॉलो करते हैं या यह कलेक्टरेट वाला जो कल्चर है यह ब्रिटिश है आईपीएस ब्रिटिश है यह सारी चीजें करते हैं हमारे यहां पुलिस से डर लगता है लोगों को पुलिस से दोस्त वाली फीलिंग तो नहीं आ बट इज इट द सेम इन यूएस व्हेन यू कॉल 911 यू डोंट फील स्केर्ट यू फील दैट दे विल कम एंड हेल्प यू बट यहां पर रिवर्स है कोशिश कर रहे हैं हम भी कि वो इमेज बदली जाए बट द पॉइंट दैट आई एम ट्राइम टू मेक इज दैट दिस ब्यूरोक्रेसी वाज कॉन्स्टिट्यूशन और क्योंकि उसमें उतना रिफॉर्म नहीं आया तो इसलिए जो हम ये नंबर्स देखते हैं हम देखते हैं इसलिए रेड टेपिस्म भी है ब्रिटिशर्स का क्या था मेरा मन होगा तो मैं फाइल आगे साइन बिकॉज दे वर दे वर नॉट अ डेमोक्रेटिक डेमोक्रेटिक इलेक्टेड गवर्नमेंट वो तो हमें रूल कर रहे थे ना वो तो इंपीरियल जम था कि डिक्टेटरशिप थी एक किसी का राज है और वो हमें एक्सप्लोइट कर रहे हैं लेकिन वो चला आ रहा है अ भी अगर किसी ऑफिसर का मन होगा तो साइन करेगा नहीं होगा तो फाइल आपकी पड़ी रहेगी आज भी होता है आज भी होता है पर अब गवर्नमेंट ने क्या बहुत सारे मैकेनिज्म निकाल दिए कि ऑनलाइन कर दिया एक टैट सेट कर दिया है कि आपको 90 डेज में ही करके देना है ट इ टर्न अराउंड टाइम रा टर्न अराउंड टाइम या आपसे वो रिपोर्ट मांगते हैं कि आपके पास इतनी पेंडेंसी थी बताओ क्लियर हुई या नहीं हुई और ये ना जोक एक मैं अक्सर सुनाती हूं स्टूडेंट्स को कॉलेजेस में हरियाणा का सेटअप था एक फार्मर था उसके पास मुर्गे थे तो उसके पास एक सिविल सर्वेंट आया इंस्पेक्शन के लिए उसने कहा हां भाई अपने मुर्गों को क्या खिलाते हो तो उसने कहा कुछ नहीं खिलाते हम तो ऐसा जो भी पड़ा होता है अपने आप खा लेते हैं कचरा अचरा ये वो अब वो जो ऑफिसर था वो था फूड इंस्पेक्टर तो उसने कहा ये तो तुम बहुत गलत कर रहे हो हाइजीन स्टैंडर्ड्स मीट नहीं कर रहे ये मुर्गों के अंडे जाएंगे फूड चेन में और सारा खराब होगा तो पेनल्टी लगेगी उसने पेनल्टी भर दी अब दो दिन बाद फिर से कोई आया सरकारी उसने कहा हां जी क्या खिलाते हो अपने मुर्गों को उसने सोा पिछली बार मैंने कूड़ा बोला था तो इस बार कुछ अच्छा बोलता हूं ताकि पेनल्टी ना लगे उसने बोला जी मैं तो काजू बादाम खिलाता हूं अपने मुर्गों को अब इस बार था इनकम टैक्स वाला तो उसने कहा काजू बादाम खिलाते हो इतने पैसे हैं तुम्हारे पास चलो फाइन भरो फिर से फाइन हुआ तीसरी बार जब कोई ऑफिसर आया तो किसान से पूछा भाई क्या खिलाता है अपने मुर्गों को उसने कहा जी मैं कुछ नहीं खिलाता मैं दोनों को पाच पाच रप दे देता हूं बोलता हूं जो मन है खा लो तो ब्यूरोक्रेसी का हाल ये था लेकिन क्या अब वैसा है अब हम इतने एक्टिविज्म का जमाना है सोशल मीडिया का जमाना है अब हमें अपने राइट्स पता है बट तो भी कुछ नहीं होता बहुत सारी जगह प आज भी ऐसे ही है और कहीं कहीं में पार्शल है कहीं कहीं में कंप्लीट है बदल तो रहा है ना तो थोड़ा बेटर हुआ है पर है तो हालत वही जहां पे तुम्हें मतलब स्पेसिफिकली अगर मैं बिजनेस हाउसेस की बात करूं एंड श छोटे शहरों की बात करूं मे बी मुंबई डेल्ली में बेटर हो गया है राइट लाइक इन माय वर्ल्ड एवरीथिंग इज ग्रेट आई डोंट थिंक हमारे अधर कोई किसी को भी प्रॉब्लम आती है ऑल द फ्रेंड्स दैट आई स्पीक टू नोबडी टॉक्स अबाउट इट बट जब मैं अपने दोस्तों से बात करता हूं जो मे बी ग्वालियर में बिजनेस चला रहे हैं भोपाल में चला रहे हैं रतलाम में चला रहे हैं इंदौर में चला रहे हैं जबलपुर में कर रहे हैं वहां तो बहुत दिक्कत है और आज भी यही होता है कि पोल्यूशन वाले डिपार्टमेंट आते हैं क्या पोल्यूशन निकलता है कुछ नहीं ऐसा हो ही नहीं सकता कुछ नहीं ये लो फाइन तुम छुपा रहे हो अच्छा धुआ निकलता है ये लो कुछ भी हो फाइन अगर उनका मन है तो फाइन लगाएंगे नहीं है तो नहीं लगाएंगे क्योंकि लैक ऑफ अवेयरनेस है अवेयरनेस के बाद भी यू हैव य ऑल पेपर्स यू हैव ट आई विल टेल यू इट हैपेंड विद मी वन आई यूज टू डू बिजनेस नहीं मैं एंबेसडर नहीं बनना चाहूंगी ये कहने का कि सब बदल गया है या चेंज हो रहा है यस लॉट ऑफ डिपार्टमेंट जहां पे पहले ब मुझे ऐ लगता है स्कोप कम होता जा रहा है हां मतलब जहां पे बिल्कुल ट्रांसपेरेंसी नहीं थी वहां पे बहुत ट्रांसपेरेंट हो गया ऑनलाइन फॉर्म हो गया तो वहां प ऑप्शन क कम होते गए बट यूमन डिसीजन मेकिंग रहेगी वहां डिस्क्रीशन तो रहेगा फॉर्म होने के बाद भी मतलब सब क्लियर होने के बाद ऑनलाइन होने के बाद भी आपको होता है क्योंकि और आई थिंक द बिगर प्रॉब्लम इज आल्सो आपका डर इतना है ना कि आप उनके अगेंस्ट को एक्शन लेना भी नहीं चाहते वो भी और दूसरी बात ये भी कि आपको क्या लगता है इंडिया में जितने भी लोग बिजनेस कर रहे हैं सब लोग अपना जीएसटी पूरा पे करते हैं नहीं करते बट क्या जस्ट बिकॉज कुछ लोग खराब कर रहे हैं हर कोई थोड़ी चोर होता है बहुत सल आई विल टेल यू एक ना बहुत बढ़िया बात बोली थी किसी ने मुझे यहीं पे पॉडकास्ट पे एक बिजनेस ओनर ने उन्होंने वो इंडिया में बहुत बड़ा बिजनेस करते हैं अमेरिका में बहुत बड़ा बिजनेस करते हैं मल्ट बिलियरटी बता सकता हूं इंडिया के बारे में ऑफ कैमरा ही टोल्ड मी एंड आई लव्ड व्ट ही सेड बट इट्स रियलिटी ऑफ कंट्री जब आप अमेरिका में जाते हो ना तो ऑफिसर आपको या गवर्नमेंट आपको देखती है कि यार तू टैक्स पेयर है तो तेरी इज्जत करनी है इधर जब जाते हो ना तो आपको बहुत सारे गवर्नमेंट ऑफिसर्स और टैक्स पेयर देखते हैं यह तो चोर है यह बड़ा बन गया इसने चोर करके क्या तो इससे निकल वाते हैं एंड ट्स द बिगेस्ट डिफरेंट ऑफ परसेप्शन परसेप्शन जॉब चेंज हो रहा है 100% बट अगर कोई बिजनेसमैन जो 40 साल धंदा कर रहा है वो बोल रहा है उसको पता होगा यार कुछ यार यूएस कितनी पुरानी कंट्री है मतलब कितनी पुरानी डेमोक्रेसी है हम तो अभी बच्चे हैं हमने उनके आधे साल भी नहीं किए बट यू फील ये होता है बिल्कुल होता है हर जगह पर होता है बहुत सारी चीजें तो क्या होता है ऐसा मतलब जब 0.01 पर लोग चूज हो जाते हैं इतना स्क्रूटनी होती है हर कोई उनको हर लेवल पर टेस्ट करता है कि वह करप्ट तो नहीं है इन्फ्लुएंस तो नहीं हो रहे कैसे हो रहे वो इस इस जोश में जाते हैं आई प्राइमर बिलीव कि हर ह्यूमन बीइंग अ होता है आई प्राइमर बिलीव कि वो बचपन से ऐसा नहीं सोचता कि मैं बड़े होकर कुछ बेकार करूंगा दूसरे लोगों का काम खराब करूंगा उसको आगे बढ़ना है यस बढ़ना है वो बढ़ना चाहता है तो जब अच्छे इंटेंशन से जाते हैं ड यू थिंक कि स्क्रीनिंग में प्रॉब्लम होती है इंटरव्यू के टाइम प सही तरीके से हम सही लोगों को चूज नहीं कर पाते हैं हम वैल्यू सिस्टम नहीं जज कर पाते हैं कि सिस्टम ऐसा है कि वहां कितना भी क्लीन आदमी जाए कुछ ना कुछ सिचुएशन या कुछ सिटीज या स्टेट में जाएगा वहां पर उसको दूसरे लोग करप्ट कर ही देंगे व्हाट डू यू थिंक इज द प्रॉब्लम व्हाई देयर इज स्टिल अ प्रॉब्लम ऑफ करप्शन इन कंट्री जो बहुत कम हो रहा है 100% देर नो डाउट टू इट कि पहले से कम हुआ है बट हो तो अभी भी बहुत बिल्कुल बिल्कुल मुझे ऐसा लगता है कि इट्स नॉट जस्ट अबाउट स्क्रीनिंग वैसे भी आप एक घंटे के इंटरव्यू में सब कुछ तो किसी का चेक कर ही नहीं सकते हो और ऐसा भी नहीं है कि लोग फेक नहीं करते हैं पहली बात तो ये कि जितने भी लोग सर्विस में जा रहे हैं सबके सबका मोटिव कोई इंपैक्ट लाना नहीं है बहुत कम परसेंटेज लोग हैं जिनका मोटिव य है सबका मोटिव सेल्फिश ड्रिवन है किसी को पावर चाहिए पावर से पैसा चाहिए फिर पैसे से पावर चाहिए तो वो एक अपने आप में विश सर्कल है तो उनको क्लेरिटी है कि चाहिए और बची बात यह कि आप जो कह रहे हो अ क्यों करते हैं उनका वैल्यू सिस्टम या होते तो इन्हेरेंटली वो भी अच्छे इंसान हैं आप मुझे बताओ आज की डेट में 80000 टू 90000 सैलरी होती है एक आईएएस ऑफिसर की क्या घर चल सकता है 180000 टू 90000 मैं करप्शन को जस्टिफाई नहीं कर रही पर मैं ये बोल रही हूं कि हमें मैकेनिज्म डिवाइज करने पड़ेंगे अगर हमें करप्शन को बीट करना है जैसे कि य कि सैलरी बढ़ाना जैसे कि ये कि ट्रू वर्थ को अ कंपनसेटर क्योंकि कॉरपोरेट सेक्टर में भी जो लोग काम कर रहे हैं शायद उनकी भी इससे फोर टू फाइव टाइम्स सैलरी होती है और एक आईएएस ऑफिसर का काम तो बहुत ज्यादा है 24 घंटे की नौकरी है तो आपको एक ड्यू कंपनसेशन देना मतलब जरूरी है इस इस पर सोचा जा सकता है और करप्शन ना यार सिर्फ ऑफिसर्स नहीं कर रहे हैं सोसाइटी कर रही है तो वो पूरी सोसाइटी का माइंड सेट है करप्शन वाला अगर एक ऑफिसर जो करप्ट नहीं है उसके नीचे और ऊपर वाले लोग करप्ट हैं या फिर उसको लोग अप्रोच करते हैं बार-बार और अ हो सकता है आप x अमाउंट के लिए करप्ट ना हो x + 100 के लिए हो जाओ फिर हो सकता है आप x + 100 के लिए नहीं हो x + 1000 के लिए हो जाओ x प् लख x प् करोड़ तो देर इज नो एंड टू इट द पॉइंट इज एज अ सोसाइटी हम ऑपरेट करप्शन पे करते हैं बट आपको एक बहुत अच्छी बात बताती हूं मतलब इ इट्स इट्स नॉट मोरली गुड बट एज एन इकोनॉमिस्ट करप्शन इज ग्रीस ऑफ द इकॉनमी अगर करप्शन नहीं होगा इकॉनमी में तो अ सब कुछ बहुत स्लो चलेगा उससे बिजनेसेस इंपैक्ट होंगे उससे प्रोडक्टिविटी इंपैक्ट होगी उससे जीडीपी इंपैक्ट होगा तो जो पूरी नेशन का आउटपुट है वो भी इंपैक्ट होगा तो इकोनॉमिक्स में हम ये पढ़ते हैं कि थोड़ी करप्शन जो है वो ग्रीस होती है इकॉनमी के लिए तो वो होती रहनी चाहिए नॉट दैट आई एम प्रमोटिंग इट इन एनी वे और नॉट दैट यनो टक इन पॉजिटिव लाइट अबाउट इट बट जट इंटरेस्टिंग कांसेप्ट इ क इफ यू लुक एट जितना बड़ा इंसान उतनी जल्दी उसका काम होता है एंड अगर हर किसी को सेम लेंथ से सेम तरीके से देखने लगे तो बड़ा इंसान बड़े लेवल में बड़ा इंपैक्ट बहुत जल्दी नहीं ला पाएगा बड़ी वेल्थ नहीं क्रिएट कर पाएगा तो उसे आसपास वो करप्शन करता है इसलिए उस का दुबई जाते हैं तो वहां पर बोलते हैं यू कैन जंप द क्यू इफ यू पे एक्स्ट्रा दे गिव यू दिस ट्रैप यू नो इफ यू गो टू एनी रीक्रिएशनल पार्क और एनीथिंग हां वीआईपी वीआईपी या यू कैन जंप द क्यू अब क्यों करना है क्यू जंप मतलब आप सोचोगे कि सबको इक्वलिटी होनी चाहिए टिकट तो सब लेकर आए हैं पॉइंट ये है कि उनके पास टाइम कम है मतलब जो लोग जंप द क्यों करना चाहते हैं वो पे कर रहे हैं और यह है भी अ अगर आपको अपनी फाइल मान लो कुछ प्रोसेसिंग जल्दी करानी है लेट्स से पासपोर्ट की एप्लीकेशन है तो उसका एक तत्काल एप्लीकेशन होता है और एक उसका उसका नॉर्मल एप्लीकेशन होता है आप तत्काल में प्रीमियम पे करते हो बट ऐसा हर चीज में कर पाना अभी पॉसिबल नहीं है मतलब होना तो इवली वही चाहिए ऐसे आइडल वर्ल्ड में तो वही होगा मतलब आज आपको अगर तीन जोनस बना दो ये 50 पर इनकम टैक्स वाले लो फास्ट सर्विस आ नहीं लेकिन मुझे उसम ये बताओ कि अगर यह हम हॉस्पिटल के बेडस में कर देंगे कोविड के टाइम अगर ऐसा होता कि आप प्रीमियम पे कर दो और आपको गवर्नमेंट हॉस्पिटल का बेड दे देगी या ऑक्सीजन सिलेंडर दे देगी तो एज अ वेलफेयर स्टेट हम कहां जाएंगे यह हम हर चीज में इसलिए नहीं कर सकते क्योंकि हम सिर्फ एक कैपिट स्टेट नहीं है ना हम एक सोशलिस्ट स्टेट है हम एक वेलफेयर स्टेट है हमें जो लाइन के एंड में खड़ा आदमी उसके बारे में भी सोचना है तो फिर तो गरीब जो है वो और गरीब और गरीब होता ही जाएगा क्योंकि जो रिच है वो पैसे देकर काम करा सकते इज इट लाइक आईम जस्ट आस्किंग अ क्वेश्चन आ माय नॉलेज टू दिस इज नॉट वेरी ग्रेट बट जस्ट क्वेश्चन कि अगर मान लो वी मेक थ्री स्लैब्स एग्जांपल सर्विस बेसिस प त सर्विसेस पे यह इंसान है इसको इतने टैक्स लगता है नॉर्मल सर्विस यह आपको थोड़ा फास्ट सर्विस के लिए 20 पर ज्यादा लगेगा एकदम अल्ट्रा फास्ट के लिए आपको 50 पर लगेगा तो टैक्स रेवेन्यू ज्यादा आएगा जब टैक्स रेवेन्यू ज्यादा आएगा तो प्रोबेबली वेल मतलब स्टेट के पास वेलफेयर के वेलफेयर पे खर्चा करने के लिए पैसा भी तो बढ़ेगा एंड देन दैट दे कैन यूज फॉर स्पेसिफिक स्पेसेस बिल्कुल ठीक बात है पर आप क्या सिर्फ यहां पैसे के बेस पर डिसाइड कर रहे हो ना कि आप किसको कितनी जल्दी रिवॉर्ड करोगे क्या आपने ये सोचा कि जो आदमी नॉर्मल वाला कर रहा है हो सकता है उसकी नीड ज्यादा हो हो सकता है उसकी अर्जेंसी ज्यादा हो मान लो उसको भी पासपोर्ट चाहिए और एक ही दिन है उसके पास उसकी मदर डेथ बेड पर है या फिर उसको हॉस्पिटल उसको कैंसर के लिए ट्रीटमेंट चाहिए और कोई और है जिसे बस बुखार के लिए ट्रीटमेंट चाहिए पर वो अफोर्ड कर सकता है कि वो फास्ट सर्विस ले ले तो आपने उसको बुखार का ट्रीटमेंट तो जल्दी कर दिया कैंसर वाले का नहीं किया दैट इज द प्रॉब्लम मैं ये बोल रहा हूं कि इस टाइम पर करप्शन के थ्रू भी तो वही हो रहा है जिसको कैंसर के लिए बेड चाहिए उसको तो आज भी नहीं मिल रहा क्या हमें बेटिंग को लीगलाइज कर देना चाहिए जो सट्टा खेलते हैं लोग उसे लीगलाइज कर देना चाहिए क्योंकि रेवेन्यू मिलेगा सरकार को उससे लोग खेल तो अभी भी रहे ही हैं बट क्यों नहीं करते हम उसको लीगलाइज इसलिए नहीं करते ना बिकॉज फॉर अ सोसाइटी इट्स नॉट गुड नॉट गुड क्योंकि और कम पैसे वा जदा पैसे मिल सकते हैं अभी भी अगर देखा जाए गवर्नमेंट का बहुत सारा रेवेन्यू अल्कोहल से आता है जिन स्टेट्स में प्रोहिबिशन लगा उनका रेवेन्यू सफ कर रहा है तो उस बेसिस पर तो हमें मरवाना भी लीगलाइज कर देना चाहिए क्योंकि लोगों की चॉइस है सरकार का ऑब्जेक्टिव इट्स नॉट अ प्रॉफिट मेकिंग एंटरप्राइज द ऑब्जेक्टिव इज नॉट जस्ट टू मेक मोर मनी और ऐसा नहीं है कि जितना ज्यादा पैसा होगा उतना वेलफेयर कर पाएंगे अगर आज गवर्नमेंट चाहे तो आप आपको लगता है कि गवर्नमेंट के पास पैसा नहीं है वेलफेयर करने के लिए इसलिए वेलफेयर नहीं हो रहा ऐसा नहीं है द पॉइंट इज वेलफेयर इट सेल्फ इज सच अ कॉम्प्लेक्शन सेप्ट दैट यू नो इवन इफ गवर्नमेंट स्पेंड्स दे डों टू सॉल्व इट या दे डोंट नो हाउ टू सॉल्व इट एंड इट विल ओनली हैपन इवें और कभी भी 100% सॉल्व नहीं हो सकती सब प्रॉब्लम्स एंड बिकॉज ये कॉम्प्लेक्टेड नो व्हाट टू डू गट ल सेल्फिश एंड देन जस्ट मूव अरा थ दे आर सो मेनी पीपल आउट देयर हु थिंक दैट यू नो दे विल बी ऑनेस्ट आफ्टर जॉइनिंग द सिस्टम आल्सो बट सिस्टम करप्ट्स देम बिकॉज यू आर सीइंग कि मैं तो कुछ नहीं भी कर रहा फिर भी ये चल ही रहा है मैं इसका पार्ट नहीं हूं बट दिस इज स्टिल हैपनिंग हा कहीं पर टूट जाता है और जो नहीं टूटते हैं सिस्टम बहुत अलग-अलग तरीको से कोई उस पर प्रेशर डलवा देगा कोई किसी से कलवा देगा तो वैसे वाली चीजें हैं बट हैविंग सेड ट इसका मतलब यह नहीं है कि सब लोग करप्ट है कुछ लोग हैं जो सिस्टम में होने के बाद भी चूज करते हैं कि नहीं करना है और इसीलिए चीजें बेटर हो रही है डू यू थिंक की करंट सिचुएशन में बिना करप्ट हुए बिना बिना किसी की ट लेकिंग करे क्या कोई ऑफिसर रैंक्स में टॉप ऑफ द रैंक तक पहुंच सकता है आपको पता है क्या इट्स इट्स एन अन सेड सीक्रेट जितने भी सिविल सर्वेंट्स होते हैं इन सबकी ईगो बहुत फ्रेजा इल होती है ऑफिस में आपके पास बहुत अथॉरिटी है पर घर पे आप क्या होते हो यू आर जस्ट अ हस्बैंड और अ फादर और अ सन यू आर नॉट अ सिविल सर्वेंट एट होम बट द हैंगओवर इज सो मच दैट फॉर सम पीपल दे ब्रिंग इट होम आल्सो तो ऐसे हम कभी-कभी जोक करते हैं अब यू नो वन वी वाइव्स सिट टुगेदर कि एक डोर मैट होना चाहिए जिस पर लिखा हो कि ऑफिसर नॉट अलाउड घर के बाहर तो ऑफिसर छोड़कर आना पड़ेगा नाउ व्हेन आई से कि ईगो बहुत फ्रेजा होती है सिस्टम ने इतनी पावर दे दी है इतना ग्लैमराइज कर दिया है सब आपको ऐसे दिखते हैं कि ओ ओके आप भगवान हो तो आप अपने खुद के फ्लज नहीं देख पाते हो और इसीलिए आपके नीचे वाले भी जो लोग हैं जैसे सिस्टम में भी ऐसा नहीं है ना कि आईएएस सब आईएएस है कोई एक बैच का आईएस है कोई दूसरे बैच का तो देर इज हायरा की और वो एक एक साल के गैप से ही हायरा की है अब उस हायरा की में भी तो आपको लोगों को प्लीज करना है अगर कोई 2014 बैच का ऑफिसर है और कोई 2012 बैच का ऑफिसर है तो वो 2012 वाले को ऑफेंड थोड़ी कर सकता है अब भले ही वो सही हो या गलत हो जस्ट जस्ट द वे इन प्राइवेट सेक्टर यू कैन नॉट अफोर्ड टू यू नो डिस्प्लीजिंग यू नो इफ यू आर हार्ड वर्किंग और इफ यू आर मीटिंग योर टारगेट्स यहां पर टारगेट्स वगैरह नहीं है पर यहां प्रमोशन सबका होता है इवन इफ यू आर समबीत है ना बूट लिकिंग करता है सिर्फ अपने काम से काम रखता है औरत और अपना काम भी नहीं करता है आप काम भी नहीं करते हो तो भी आपका प्रमोशन हो जाएगा ना रियली हां मतलब गवर्नमेंट में हर किसी का प्रमोशन होना है हां क्योंकि वो आपके पूरे बैच का होता है अनलेस एंड अटिल आप पे कोई क्रिमिनल केस है आपके रिपोर्ट कर तो बस प्रमोशन हो जाएगा एकली तो बहुत सारे मतलब यही तो प्रॉब्लम है कि मेरिट के लिए रिवर्ड नहीं है तो इसलिए लोग डी मोटिवेटेड भी फील करते हैं डिस इंसेंटिवाइज फील करते हैं कि मैं क्यों ज्यादा काम करूं अगर मैं 5:00 बजे तक काम कर रहा हूं तो भी उतनी सैलरी मिल रही है और अगर मैं 8 बजे तक काम कर रहा हूं तो भी उतनी सैलरी मिल रही है तो इन फॉर्म्स ऑफ मनी तो कुछ ज्यादा नहीं मिल रहा बट अगर मैं 5:00 बजे तक काम कर रहा हूं तो मेरा बॉस शायद मुझे गाली दे देता है लेकिन अगर मैं 8:00 बजे तक कर रहा हूं तो गाली नहीं दे रहा बट क्या बॉस की गाली से पेट भरेगा मतलब इ ड चेंज अ लट सो योर सैलरी डजन गेट इंपैक्टेड इफ यू आर वर्किंग टू मच और यू वर्किंग टू लेस इट जस्ट सेम आई हैव अ क्वेश्चन की नॉन इंग्लिश स्पीकर्स जो होते हैं उनके लिए इतना इन एक्सेसिबल क्यों है पूरा यूपीएससी का एग्जाम एंड एंटरिंग द होल सिस्टम क्योंकि अगेन आ स्टर्ट की 5 पर से भी कम लोग इंडिया में यूपीएससी एग्जाम्स है जो रीजनल लैंग्वेज में देते हैं हिंदी में देते हैं बाकी सब इंग्लिश में देते हैं ऐसा क्यों मतलब डज इट मीन कि जो नॉन इंग्लिश स्पीकिंग इंसान है उसके पास तो पहले ही वह एक हैंडीकैप से स्टार्ट कर रहा है कि उसके पास राइट ही नहीं है जीतने का लाइक देर हिंदी तमिल तेलुगु मलयालम बंगाली इनफैक्ट उनकी ज्यादा जरूरत है क्योंकि वो लोकल लेवल पे एकदम ग्राउंड लेवल पे जाके वेलफेयर पे ज्यादा हेल्प कर सकते हैं अ आपकी बात बिल्कुल ठीक है कि एज है इंग्लिश वाले लोगों को बट अगेन आई माइट साउंड रिपेरटिव इन दिस इट इज कोलोनियल सुप्रीम कोर्ट क्यों इंग्लिश में हियरिंग करती है सारी अब आप हम वहां भी बोल सकते हैं कि लोगों के पास यू नो जो शुरू करना चाहते हैं हिंदी में उनके पास तो है ही नहीं ऑ क्योंकि हमारा कॉन्स्टिट्यूशन इंग्लिश में लिखा हुआ इसलिए क्योंकि यूपीएससी भी जब बना कमीशन बना या जो सिविल सर्विसेस का कांसेप्ट है वो बहुत ज्यादा इंग्लिश पर बेस्ड था तो वो रह गया उसमें चेंजेज नहीं किए गए हैं हैविंग सेड दैट ऐसा नहीं है कि हिंदी मीडियम वाले लोग सक्सीडेंस है मुझे लगता है इंडिया में जितने भी कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स हैं उनमें सबसे ज्यादा फेयर अगर कोई एग्जाम है तो वह सिविल सर्विसेस एग्जाम है यूपीएससी एक ऐसी बॉडी है जो नॉन बायड है जो मेरिट को रिवर्ड करती है टाइम पे एग्जाम होता है आपने कभी नहीं देखा होगा कि यूपीएससी का एग्जाम लीक हो गया चीटिंग हुई उसमें या यू नो कोई किसी तरह का नले बाजी करप्शन हुआ स्टेट सर्विसेस में आप देखो ऐसा हो जाता है यूपीएससी में नहीं होता स्टेट सर्विसेस में हो सकता है और एसएससी बाकी सब में हो सकता है यूपीएससी की एक अपनी सैक्रोसैंक्ट इमेज है जो मतलब इंडिया के वन ऑफ दी क्लीने इंस्टीट्यूशंस में से है ओके टेल मी आपने ना स्टार्टिंग पे जब आप हमने बात करना स्टार्ट करी थी आईएएस एंड दिस होल सिविल सर्विसेस का टॉपिक तो आपने बोला था कि कोचिंग सेंटर्स ने बहुत ग्लैमराइज कर दिया है क्या मीनिंग था व्हाट इज द हर इंडस्ट्री में जैसे आईआईटी में मेडिकल में हर जगह ना कोचिंग इंडस्ट्री का एक माफिया है एंड दे रन द शो यस यहां पर भी ऐसा होता है बिल्कुल देस अ कोचिंग माफिया क्या होता है कोचिंग माफिया कैसे लिर करते हैं क्या है एंड टू एंड जस्ट एक्सप्लेन मी द होल प्रोसेस आज से कुछ साल पहले तक क्या होता था आपको कॉलेज के बाद ट्रैप किया जाता था कि कॉलेज के बाद आप आइए और आप सिविल सर्विसेस का एग्जाम दीजिए हम आपको कोचिंग देंगे हम सब तैयार कराएंगे आपके सब्जेक्ट्स अ और आपका सिलेक्शन होगा हमारे ये टॉपर्स वो टॉपर्स इस इस पर गवर्नमेंट ने भी कुछ-कुछ एक्शंस लिए हैं कि आपको टर्म्स एंड कंडीशंस लिखनी है आपसे कौन सा कोर्स किसने लिया बिकॉज आप ऐसे जनरली नहीं क्लेम कर सकते जैसे आईआईटी में जैसे नीट में एक टॉपर होता है उसका नाम चार कोचिंग सेंटर्स यूज कर रहे होते हैं तो ये पॉसिबल नहीं है कि उसने चार जगह से कोचिंग लि हो तो आपको और मुझे दोनों को पता है कि क्या हुआ होगा तो सेम इस इंडस्ट्री में भी है लेकिन अब प्रॉब्लम ये हो गई है कि अब लोग ना 10थ के बाद ही स्टार्ट कर दिए है ट्रैप करना बच्चों को अब 10थ के बाद किसी बच्चे को ट्रैप करो आप 12थ के बाद कुछ करना उसे अंडर ग्राड के लिए तो समझ आता है लेकिन अगर आप उसको 10थ के बाद ही ट्रैप कर रहे हो और फॉर समथिंग जो उसे ग्रेजुएशन के बाद करनी है मतलब आप देखिए बीच में 5 साल है 6 साल है हो सकता है 6 साल में उसका मन बदल जाए या हो सकता है 6 साल में रूल्स बदल जाएं या फिर आपने उसको अपना कॉलेज का एक्सपीरियंस भी ढंग से लेने नहीं दिया क्योंकि आपने उसको कॉलेज से पहले ही ट्रैप कर लिया क्यों जरूरी है कि हम सब कॉलेज का एक्सपीरियंस अच्छे से ले हमारी जो पर्सनालिटी शेप होती है हमारी जो चॉइसेज हम मेक करते हैं हमारी जो डिसीजन मेकिंग है वो सब हमारे एनवायरमेंट से आती है अगर आप एक अच्छे कॉलेज में गए हैं आप एक कॉन्फिडेंट इंडिविजुअल होंगे आपके पास फॉल बैक करने के लिए कुछ होगा अगर आपका यूपीएससी का एग्जाम नहीं हुआ आपको एक्सपोजर मिलेगा तो आप भी एक्सप्लोर कर पाएंगे कि और क्या-क्या चीजें हैं करने के लिए यूपीएससी इज नॉट द ओनली थिंग वही अगर आप एक ऐसे कॉलेज में हैं जहां पर कुछ और होता ही नहीं है ना पढ़ाई अच्छी है ना एक्स्ट्रा करिकुलर है ना कोई और अपॉर्चुनिटी है तो आपको लगा ठीक है यार मैं भी सिविल सर्विसेस दे देता हूं तो इसलिए बच्चों को अच्छे कॉलेज से जाना जाने से वंचित करना सिर्फ कोचिंग के नाम पर मुझे लगता है गलत है बट आफ्टर ग्रेजुएशन जो लोग कोचिंग लेने आते हैं वो बच्चे नहीं होते क्योंकि यूपीएससी के लिए एलिजिबिलिटी है 21 इयर्स तो तब तक आप अपने एडल्टहुड में होते हो आप अपने ठीक डिसीजंस ले सकते हो तो आप डिसाइड करते हो कि मुझे इस एग्जाम के लिए बैठना है क्योंकि प्रॉब्लम ये है इंडिया में लोगों को लगता है ये एग्जाम एक शॉर्टकट है अगर आपका सिलेक्शन हो गया तो विद इन टू इयर्स आपकी लाइफ बदल जाएगी नो अदर प्रोफेशन इन आवर कंट्री और मे बी एनी वेयर इज सो क्विक इन इट्स रिवार्ड्स आप कितने साल से यह जर्नी कर रहे हैं बहुत टाइम हो गया बहुत टाइम से लेकिन अगर किसी को आईएएस बनना है तो उसके लिए 2 साल काफी है अगर आपने 2 साल में पेपर निकाल लिया 3 साल में पेपर निकाल लिया आप सीधा एक डिस्ट्रिक्ट के कलेक्टर बन जाते हैं आपके अंडर मतलब 150 लोग काम कर रहे हैं आप समझ रहे हो कितना बड़ा शॉर्टकट है कि कितना इंस्टेंट प्रमोशन हो गया जो करने में लोगों को शायद 7 8 10 12 साल लगेंगे वो आपको इमीडिएट मिल गया तो ये हाई रिस्क हाई रिवॉर्ड वाला गेम हो जाता है इसलिए लोग लर हो जाते हैं अब जब हाई रिस्क हाई रिवर्ड वाला गेम होता है उसमें अगर कोई आपको बोले कि मैं करा दूंगा तुम्हारा या मैंने 100 लोगों का कराया है या हमें तो पता है या हम इंडस्ट्री एक्सपर्ट हैं तो आप आ जाते हो उनके झांसे में और जितने भी लोग हमारे आसपास है स्पेशली मिडिल क्लास फैमिलीज में जो लोग गवर्नमेंट जॉब्स में होते हैं उनके पेरेंट्स ने ट्राई तो सिविल सर्विसेस किया होता है पर वो नहीं हुआ होता तो वो स्टेट सर्विस कोई किसी पीएसयू में कोई किसी यूनिवर्सिटी में कोई बैंक के एग्जाम निकाल के कहीं कहीं फिट हो गया होता है पर सपना तो आईएस वाला ही रह जाता है ना और सबसे बड़ी बात ये सिर्फ वो लोग नहीं जो सिलेक्ट नहीं हुए हैं जो खुद आईएस बन जाते हैं वो भी अपने बच्चों को आईएस ही बनाना चाहते हैं क्योंकि जैसे कि मैंने आपको बताया कि सिविल सर्विसेस का ना एक परसेप्शन है अपना और वो परसेप्शन से लोग पार्ट नहीं करना चाहते जैसे जब लोग रिटायर होते हैं आइडेंटिटी आइडेंटिटी जब आप आईएएस रहे हो 65 इयर्स ऑफ योर लाइफ 60 इयर्स ऑफ योर लाइफ और आप 60 साल बाद रिटायर होते हो तो आप उससे पार्ट नहीं करना चाहते मतलब अ इट्स वे राद फनी आई स्टिल रिमेंबर फोर फाइव इयर्स बैक आई मेट समवन एंड यू नो यू कैन से दैट इट वाज काइंड ऑफ अ डेट यू नो आई मीट दिस गाय एंड माय ब्रदर वाज आल्सो सिटिंग देयर माय एल्डर ब्रदर एंड ही इंट्रोड्यूस्ड मी टू द पर्सन एंड द मोमेंट ही जस्ट य ही शुक हिज हैंड विद मी ही ऑफर्ड हिज हैंड टू मी टू शेक हिज हैंड ही सेड हाई आई एम आईएएस एंड देन ही सेड हिज नेम सो आई वाज लाइक यू नीड टू टेल योर नेम बिफोर यू नो हाउ कैन यू बी सो ऑबसेस्ड विद दिस आईडिया दैट यू आर आईएएस एंड देन यू हैव टू टेल योर नेम तो अब लोग यही है जो लोग सिविल सर्विसेस में है उनके लिए यह सफिक्स बहुत इंपॉर्टेंट है वो जो ऐसे हम एक कविता भी है कि वो प्रीफिक्स प्रीफिक्स फॉर देम इ नहीं इसने प्रीफिक्स में बोला था वैसे नॉर्मली लोग एबीसी आईस एबीसी आईपीएस ना तो हम कहते हैं यह जो दो तीन अक्षर लग गए हैं तुम्हारे नाम के आगे ध्यान रहे यह अक्षर तुम नहीं हो इन अक्षरों से तुम हो सकते हो लेकिन यह तुम्हारी आइडेंटिटी नहीं है तुम इन अक्षरों की कुर्सी पर जरूर बैठो पर ये अक्षर तुम्हारे सर पर ना बैठ जाए तो ये बहुत जरूरी है कि आप मैं बहुत पहले ट्वीट किया था एक आउट ऑफ माय पर्सनल एक्सपीरियंस कि तुम किसी भी इंस्टिट्यूट में हो या कोई भी प्रोफेशन में या कोई भी एडमिनिस्ट्रेशन प हो अगर तुमने जब व क्रैक कर लिया उसके 5 साल बाद भी तुम्हें उसका सहारा लेना पड़ रहा है खुद को इंट्रोड्यूस करने के लिए तो ट्रस्ट मी तुमने ज्यादा कु खाड़ा नहीं है स बात ला ग्रेट ट यू आर फ्रॉम दिस एस्टीम इंस्टिट्यूशन और पार्ट ऑफ दिस ऑर्गेनाइजेशन इट्स ग्रेट बट नेक्स्ट फाइव इयर्स इ अबाउट मेकिंग बेटर योर नेम शुड स्टैंड आउट एंड इट शुड बी बिगर सेइंग ल ऑफ दिस आई पुट आउट वन पर्सनल काव ट आ फेल्ट मैं जितने स ऑफिसर से मिला ह ना अभी मैं हर बार इंप्रेस होता हूं मतलब आई डोंट नो क्या है उन लोगों में हर बार वो एक मेरे को नई पर्सपेक्टिव दे देते हैं आई हैव मुझे पैटर्न रिकॉग्नाइज करने में बहुत मजा आता है कि हर इंसान का पैटर्न क्या है एक टाइप की कैटेगरी के लोगों को एक टाइप जैसे तुम कर सकते हो कि नहीं कर सकते हो राइट अ दिस तो एक पैटर्न होता है जो प्रोफेशनल्स और जो इंस्टीट्यूशन में होता है जिनका एलीटिज्म करियर्स होते हैं वोह आपने बता दिया कि वह अपने नाम के आगे पहले यही लगाते हैं हर कोई करता है डॉक्टर्स भी पहले डॉक्टर लगाएंगे सीए अपना सीए लगाएंगे ठीक है आईएस ऑफिसर आईएस लगाएंगे हर कोई अपना एक वो वो लगाता है ट्स एन एलीटिज्म प्रोफेशनल करियर्स वो सब करते हैं राइट लॉयर्स सुप्रीम कोर्ट लॉयर हाई कोर्ट लय वो लगाए एवरी बडी विल राइट दैट राइट तो मैं और पैटर्न ने की कोशिश करता हूं पर मैं जितने आईएस ऑफिसर्स मिला मेरे को हर कोई एक नया पैटर्न देता है एंड आई एम इंप्रेस्ड बाय देम एवरी टाइम आई मीट देम अलग ही पर्सपेक्टिव अलग ही इं नो सो मेनी थिंग्स दे नो सो मेनी थिंग अबाउट सो मेनी हर बार इंप्रेस किया मुझ हर मीटिंग एन आई आई एम वेटिंग टू मीट एन आईएएस ऑफिसर जो मुझे इंप्रेस नहीं करे जो मुझे लगे कि अरे इसको किसने बना दिया ला नेवर इन माय लाइफ आई हेल्प यू मीट सच पीपल ल्स बट मोस्ट ऑफ देम आर दिस वे बिकॉज वन दे आर वेल रेड एंड टू दे कंटीन्यूअसली कीप वर्किंग ऑन देम सेल्व आई विल गिव यू अ वेरी स्मल एग्जांपल बहुत कम सिविल सर्वेंट्स ऐसे होंगे मैं तो हार्डली मैं नहीं जानती किसी को जो सुबह अखबार नहीं पढ़ते हो अब उन्हें कोई एग्जाम तो निकालना नहीं है क्यों पढ़ना है उन्हें अखबार आदत होई अच्छी आदत है आप जब आईएएस बनते हो कुछ आपकी प्रिपरेशन का टाइम और कुछ आपकी ट्रेनिंग का टाइम आपके अंदर अच्छी आदतें छोड़ जाता है जिसमें से एक है अखबार पढ़ना जिसमें से दूसरा है किताबें पढ़ना जिसमें से तीसरा है लोगों से डीलिंग तो ऐसे यह वाली जो आदतें हैं ये अगर आप छोड़ दो तो फिर यू विल नॉट बी द सेम पर्सन तो इतनी ज्यादा इंग्रे हो जाती है आप में देन यू आर सिटिंग विद सिमिलर काइंड ऑफ पीपल अगर आप वेल रेड नहीं हो और आप अपने बाकी फेलो बैचमेट्स के साथ बैठे हो तो आपको खराब लगेगा इनफीरियर लगेगी यार फिर जब आपको काम भी करना होता है तो लॉज आर इवॉल्विंग चेंज होते रहते हैं कुछ कुछ अमेंडमेंट्स आती रहती हैं यू ऑलवेज हैव टू कीप रीडिंग अगर आप वो नहीं पढ़ रहे हो तो आप अपना काम एफिशिएंटली नहीं कर पाओगे तो यह सारा कुछ प्रोफेशन की रिक्वायरमेंट है यू नो एक क्वेश्चन मैंने पूछा था एक आईस है हम दोनों जानते उनसे मैंने पूछा था कि व्हाट इज द बिगेस्ट लर्निंग जो हर आईएएस ऑफिसर को कभी ना कभी लाइफ में मिल जाएगी लेकिन स्टार्टिंग में सब गलतियां करते हैंट गेस आंसर आई डोंट नो मे बी ओो ही सेड कि आईएएस ऑफिसर कभी भी स्ट्रेट फॉरवर्ड नहीं हो सकता इन हिज वर्ड्स डिप्लोमेटिक ही रहना पड़ेगा और यह बहुत टाइम बाद सीखते हैं एंड फिर उसके बाद एक अपग्रेडेड लर्निंग आती है कि स्ट्रेट फॉरवर्ड सिर्फ एक्शन में रहना है वर्ड में हमेशा डिप्लोमेटिक रहना है अच्छी लर्निंग है एंड क्योंकि बहुत लोग आते हैं स्टार्टिंग में सीधे हां मेरी तरह से ये सही है ये कर दिया खत्म बहुत प्रॉब्लम्स होती है फिर वहां पर किसी को आपने डिस्टर्ब कर दिया प्रोबेबली माइनॉरिटी को मेजॉरिटी को कम्युनिटी को पॉलिटिशियन को एंड आप नहीं लड़ सकते क्योंकि हर किसी के लिए कुछ सही है और हर किसी के लिए वही चीज गलत लेकिन एज एन आउटसाइडर मुझे लगता है कि एक सिविल सर्वेंट के लिए जो सबसे बड़ी लर्निंग होनी चाहिए वो एक कांसेप्ट है उसका नाम है एटलस सिंड्रोम ओके आपने एटलस की पिक्चर देखी है जो ग्रीक गॉड एटलस है उस पूरा अर्थ उसने उठाया अपने हाथ पे उसे लगता है मैं ही पूरा अर्थ उठाकर घूम रहा हूं ऐसे ही हर सिविल सर्वेंट को लगता है कि मैं ही सब कुछ कर रहा हूं यू नो एवरीथिंग इज ऑन माय शोल्डर्स इफ टुडे आई स्लीप सम बिट मोर थिंग्स विल चेंज अगर मैंने यह नहीं या तो यह हो जाएगा परट ऐसा नहीं है हर कोई रिप्लेसेबल है अ हर कोई अपने हिस्से की चीजें कर रहा है और अगर आप थोड़ा कभी ब्रेक ले लेंगे या आपसे कुछ गलती भी हो जाएगी या कुछ छूट भी जाएगा तो ऐसा नहीं है कि पूरा सिस्टम खत्म हो जाएगा मतलब लेट्स से कोई एक सिविल सर्वेंट है वो एयरपोर्ट चलाते हैं ठीक है अब वो सोचे कि मैं ऑफकोर्स यू शुड एट बी लैक्स अबाउट योर ड्यूटी यू शुड एट बी केरलेससवीडियो पर्सन रनिंग द शो देर आर मल्टीपल पीपल हु आर रनिंग द शो एंड ईच ऑफ देम हैव देयर ओन रोल टू प्ले तो बहुत सारे सिविल सर्वेंट्स एटलस सिंड्रोम से ग्रसित रहते हैं और उन्हें काफी टाइम लगता है समझने में कि ये हमारा एटलस सिंड्रोम ही था मस्त लगा मुझे एटलस सिंड्रोम हर कोई अपनी दुनिया में यही सोचता है हां कि मैं ही सब कर रहा हूं मैं आई एम द वन हु रंस द शो या ओके आपने ना बहुत डिबेट्स करी है आईव रेड यू हैव डन मोर देन 500 डिबेट्स इन योर लाइफ गिव मी टिप्स गिव मी थ्री टिप्स कि एक डिबेट में कैसे जीत सकते हैं ठीक है सबसे पहली टिप यह है कि आपका जो थॉट्स का स्ट्रक्चर है वो बहुत सिंपल होना चाहिए अगर आपको मान लो बात करनी है कि क्या इंडिया में होमोसेक्सुअलिटी को लीगलाइज कर देना चाहिए तो आपके पास तीन बुलेट पॉइंट्स होने चाहिए इफ यू सपोर्टेड देन और इफ यू अपोज इट देन न टूथ इट शुड बी लाइक म्यूजिक द वे यू सेड ना स्ट्रक्चर बहुत सिल होना चाहिए क्लेरिटी पॉइंट नंबर वन टू थथ टू सपोर्ट माय आर्गुमेंट दूसरा आपको ये करना चाहिए कि आपको ऐसे पॉइंट्स ढूंढने चाहिए जो सामने वाला बोलेगा आपका ोने बोलेगा और फिर आपको आप उसको नेक्स्ट स्टेप में डाइस सेक्ट कर दो री बटल कर दो आप कि मेरा अपोनेंट ये ये ये बोल चुका है या बोलेगा तो यह तीन उसके तर्क थे और इसका काउंटर लॉजिक मेरा ये है मतलब बेसिकली दिस इज अबाउट द स्ट्रक्चर फर्स्ट पॉइंट इज योर स्ट्रक्चर शुड बी वेरी हम सेकंड पॉइंट एज यू सेड व्हेन यू आर ऑन स्टेज एंड यू आर डिबेटिंग और मे बी एनी वेयर ऑन अ न्यूज़ चैनल आल्सो यू डोंट हैव टू बी लाउड आपकी आवाज इंपैक्ट क्रिएट नहीं करती है आपके थॉट्स और आपके वर्ड्स इंपैक्ट क्रिएट करते हैं तो आप जितना कम चिल्लाकर जितना कम अग्रेशन के साथ और जितना अपने नॉर्मल सेल्फ की तरह बात करेंगे आप उतना इजली अपना पॉइंट कम अक्रॉस कर पाएंगे हो सकता है आप ड्रामे िक ज्यादा हो जब आप चिल्ला रहे और यू नो अ बहुत ज्यादा ड्रामा कर रहे हैं यू कैन बी मोर ड्रामे िक यू कैन गेट मोर अटेंशन बट यू वट बी एबल टू कन्विंसिबल टॉकिंग टू देम तो दैट इज दी सेकंड पॉइंट एंड थर्डली नेवर डिबेट टू विन विन दी टॉपिक नॉट दी कंपटीशन ओके बिकॉज यू यू सी जस्ट लाइक एन एक्टर इज गिवन अ रोल उसको पर्सनली तो नहीं लेता कि अच्छा है मुझे रोल दे दिया है क्या मैं जेनुइनली गरीब हूं अगर किसी गरीब का रोल दे दिया या किसी को प्रोस्टिट्यूट का रोल दिया तो उससे एसोसिएट कर ले कुछ अलग स्टिग्मा कि आई एम नॉट अ प्रोस्टिट्यूट व्हाई एम आई ऑफर सिमिलरली व्हेन यू आर डिबेटिंग इट इज जस्ट लाइक यू हैव बीन गिवन वन शूज टू फिल इन तो उसको पर्सनली नहीं लेना है कि मैं पर्सनली तो वमन अ की फेवर करती हूं मैं तो फेमिनिज्म के सपोर्ट में हूं मैं कैसे ये बोल दूं इट इज योर जॉब व्हिच एवर साइड ऑफ द टॉपिक यू आर एट इट इज योर जॉब टू लॉजिकली एंड एनालिटिकली डिफेंडो तो उसको लेकर इमोशनल बहुत ज्यादा होने की जरूरत नहीं है तो ये मुझे लगता है किसी भी डिबेट में जब आप यह करते हो तो बेस्ट ऑफ थॉट्स सामने आती है बेस्ट ऑफ एनालिसिस हो पाता है और आप अपना पॉइंट भी अच्छे से रख पाते हो ओके टेल मी यू हैव क्लोज वर्क विद विकास दिव्या कीर्ति सर के साथ काम किया है राइट हा तो व्हाई इज ही सो लवेबल इतना ज्यादा इंटरनेट पर उनको इतना प्यार क्यों मिलता है इतना ट इज देयर इन हिम क्योंकि हमें तो सिर्फ वीडियोस देखने को मिलते हैं आपने क्लोजल उनके साथ काम किया है क्या है उनमें ऐसी खासियत व्हिच इज व्हाई ही इज गोइंग वायरल अक्रॉस इंटरनेट अ आई थिंक द थिंग्स दैट ही शेयर्स विद पीपल अ वो एक वो सारी बातें आप घर के किसी बड़े से सुनना चाहते हो और सर के केस में ऐसा है कि वो सिर्फ आपसे उम्र में बड़े नहीं है उनकी क्रेडिबिलिटी है कि वो एकेडमिक से हैं और वो आपको अच्छे थिंकर्स के बारे में बताकर या अकडम तरीके से बताकर उस बात की क्रेडिबिलिटी बढ़ा देते हैं जैसे अगर अगर सर कहे कि मेन आर आल्सो इमोशनल एंड मेन शुड आल्सो क्राई या सर कहे कि अ आपको लाइफ में जल्दी मूव ऑन करना चाहिए चीजों से अगर आपके साथ कुछ खराब हो गया है या यनो शुड बी स्टक विद फेलियर ये सब कहे बट ही वुड ऑलवेज बैक इट विद अकैडेमिक्स दैट गिव्स हिम क्रेडिबिलिटी एंड आल्सो सिंस ही हैज सो मच एक्सपीरियंस इन लाइफ दैट यू वांट टू बिलीव हिम ही इज अ टीचर तो एक टीचर को आप बिलीव करना चाहते हो ही इज नॉट अ मोटिवेशनल स्पीकर यू नो और ही इज नॉट समबे ही इज अ टीचर तो पहला तो कनेक्शन यही बन जाता है कि वो टीचर है व आपको कोई नई अच्छी बात सिखा रहे हैं आप सुनना चाहते हैं गुरु है तो वो इज्जत उनको मिल जाती है और उन्होंने तो ये जो टीचर्स की और गुरुओं की इज्जत है मतलब एटलीस्ट सोशल मीडिया पर उनकी वजह से हम जैसे लोगों की भी इज्जत है व ना टीचिंग प्रोफेशन को कोई पूछता नहीं था कोई इस बारे में बात नहीं करता था तो थैंक्स टू हिम एटलीस्ट नाउ पीपल लुक अप टू टीचर्स ऑन सोशल मीडिया एटलीस्ट नाउ व्हाई इज ही सो लवेबल माय पर्सनल एक्सपीरियंस इज ऑल द पीपल हु वर्क विद हिम ही ट्रीट्स देम लाइक फैमिली ओके वायरल होने का मुझे नहीं पता कि मतलब क्यों वो इतने वायरल हैं वो मैंने जैसे आपको बताया कि मेरी अंडरस्टैंडिंग है मुझे लगता है कि सर बहुत मुश्किल बातों को बहुत सिंपली अपने एक्सपीरियंस और अड से जोड़ के बता देते हैं तो लोग रिलेट कर पाते हैं लेकिन वो लवेबल इसलिए हैं क्योंकि वो अपने आसपास सभी लोगों को फैमिली की तरह ट्रीट करते हैं मतलब अगर आज आपने उनके साथ दो दिन के लिए काम किया या चार दिन के लिए काम किए बट इफ यू रीच आउट टू हिम फॉर एनीथिंग सिंस ही इज अ वेरी बिजी मैन एंड यू नो हीज सो मेनी कमिटमेंट्स इवन देन ही वुड स्पेयर टाइम फॉर यू ही वुड लिसन टू यू ही वुड ट्राई टू हेल्प यू इन हिज बेस्ट कैपेसिटी सो एवरी पर्सन हु मीट्स हिम यू वड यू वुड लीव हिम न व्हेन एवर यू वुड लीव हिम यू वुड बी अ बिट बेटर यू वुड फील अ बिट बेटर अबाउट योरसेल्फ आई थिंक ट्स अ यूनिक ट्रेट ही हैज आप जब भी उनसे मिलने जाओगे आप अपने बारे में थोड़ा सा अच्छा सोच कर ही वापस आओगे क्योंकि वो और वो ऐसा नहीं है आपकी तारीफ कर देंगे या वो आपकी फ्लैट ट्री करेंगे वो ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे वो बस आपसे नॉर्मल बात वो आपको इतना कंफर्ट दे देते हैं कि आप आपको खुद अच्छा लगता है कि अरे वाह मुझे उनसे बात करने में बहुत मजा आता है मतलब वैसे वाला बात करने से मुझे याद आया बात करने पे रा से रीच आउट करने से यू नो अब मुझे वो बात याद आ गई वेर यू टोल्ड दैट यू वेंट आउट वन टाइम एंड किसी ने अपने आप को इंट्रोड्यूस करा राइट तो सही तरीका क्या है इंट्रोड्यूस करने का खुद को इंटरव्यू में या जनरली टेल मी बोथ फॉर्मल इंटरव्यू में और एक नॉर्मल डे टू डे लाइफ में इनफॉर्मल सेटिंग में फॉर्मल इंटरव्यू में हम जानना चाहते हैं आपसे स्पेशली यूपीएससी के इंटरव्यू में आपने अपना नाम बताया आपने बताया आप कहां से आते हैं आप अपनी एक दो क्वालिटीज बताएं जो आपको लगता है कि एग्जाम में आपके लिए हेल्पफुल है आप डेफिनेटली बताएं आप कहां से पढ़े हैं क्योंकि वो एक कॉन्टेक्स्ट देता है हमें जो यूपीएससी का इंटरव्यू होता है ना वो एक कॉरपोरेट जॉब इंटरव्यू से बहुत अलग है कॉरपोरेट जॉब इंटरव्यू में जब इंट्रोडक्शन देना होता है तो आप अपने आप को तभी बेचने लग जाते हो कि आई एम गुड एट दिस आई एम गुड एट दैट दिस इज यू नो व्हाट आई हैव डन इन पास्ट एंड दिस इज व्हाट आई विश टू अचीव फॉर दिस कंपनी यूपीएससी के इंटरव्यू में ये नहीं है यूपीएससी के इंटरव्यू में जो आपका इंट्रोडक्शन है वो डेफिनेटली आपका लेबल आपकी समरी तो है ही लेकिन वो हमें एक पीप देता है कि हमें अब आगे आपसे क्या पूछना है तो आपको इस चीज के लिए भी प्रिपेयर्ड रहना है कि इट इज जस्ट द ट्रेलर सो व्हेन यू इंट्रोड्यूस योरसेल्फ इन यूपीएससी इंटरव्यू ऑफकोर्स यू शेयर योर नेम यू हैव टू टेल द प्लेस यू आर फ्रॉम यू टेल योर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट अब उससे होगा क्या फॉलो अप सवाल इसी पर आएंगे फिर आप कुछ लोग बताते हैं मेरे फादर ये हैं मेरी मदर ये बताने की जरूरत नहीं है अ क्योंकि आप चाहते नहीं हो ना उस पर सवाल आए तो आप स्मार्ट रहिए उस बारे में क्यों बताना है आप वही शब्द निकालिए अपने मुंह से जिस पर आपने तैयारी की हुई है जिस पर की काउंटर क्वेश्चन आए तो आप आंसर कर पाए फिर आप अपनी हॉबीज कुछ लोग बता देते हैं कि अगर कोई स्पोर्ट्समैन रहा है तो बता देता है मैं स्पोर्ट्समैन रहा हूं या कुछ लोग ये अपनी इंट्रो में बता देते हैं कि ये मेरा चौथा इंटरव्यू है या मेरा पांचवा इंटरव्यू है तीसरा इंटरव्यू है अब वो भी दोनों साइड जा सकता है आपसे कोई पूछेगा पहले दो क्यों फेल हो गए और अगर आप आप बोलते हैं कि सक्सेसफुल भी तो रहा क्योंकि इंटरव्यू तक आया हूं तो मतलब इट कैन गो बोथ द वेज इट्स अ डबल एज स्वर्ड वी कैन आस्क यू व्हाई डिड यू फेल बिफोर एंड वी कैन आल्सो सी दैट सी इट्स हिज थर्ड टाइम और हर थर्ड टाइम तो वी हैव टू बी कंसीडरेट और यू नो वी हैव टू सेट एक्सपेक्टेशन अकॉर्डिंग बिकॉज दे ऑलरेडी नो व्हाट इज द प्रोसेस ऑफ द इंटरव्यू तो वो है तो मुझे लगता है जो आपका यूपीएससी का इंटरव्यू होता है उसको आपको शॉर्ट रखना चाहिए और उसमें आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप वही चीजें बोले जो आपने तैयारी की हुई है और डेफिनेटली अपना एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन नाम कहां से आप आते हैं और अपनी कुछ अपनी पर्सनालिटी के बारे में कुछ जो भी आपको लगता है यू आर प्राउड ऑफ बट फसगा मत मतलब ऐसा नहीं कि आप कुछ फेंक दें और फिर आपको आता है आप बोल द कि मैं तो बहुत बड़ा मूवी बफ हूं या बोल दें कि मुझे दुनिया के जिओ पॉलिटिकल अफेयर्स पढ़ना पसंद है और अगला ही क्वेश्चन जिओ पॉलिटिक्स पे आया और आपको कुछ आता ना हो तो देन दैट डिपॉट य बेसिकली द गोल इज कि पूरे इंटरव्यू में किसी को डिसपिटर व्यू देखा था आईएस मॉक प्रिपरेशन वाला ही जहां पर वो बोलता आई लव रीडिंग एंड उससे पूछ लास्ट बुक कौन सी पढ़ी आपने तो उससे पूछा नॉन फिक्शन की फिक्शन उसने नॉन फिक्शन फिर उससे पूछ लिया जाता है कि कौन सी लास्ट बुक पढ़ी वो फस जाता है वो नाम लेता है बुक का एंड फिर शायद किसी इंटरव्यू ने पढ़ रखी होती है वो बुक ए व गया प्रॉपर वो डेढ़ मिनट की रील है वहां पर ऐसा दि कि शायद कैडेट की शकल प दिख गया कि तना ओबवियस नहीं है मतलब अगर आपने रीडिंग हॉबी लिखी है क्योंकि हमारे पास डफ होता है डीटेल्ड एप्लीकेशन फॉर्म उसमें आपकी हॉबीज लिखी जाती हैं आपकी अचीवमेंट्स लिखी जाती है लाइफ की लीडरशिप कुछ अचीवमेंट्स हैं आपके मार्क्स लिखे होते हैं सो मच सो दैट आपके पेरेंट्स की इनकम भी लिखी होती है आपके पेरेंट्स का प्रोफेशन भी लिखा होता है तो सब कुछ लिखा हुआ है उसमें अब आपको पता है कि यह डफ रहेगा सामने वाले के पास तो आप तैयारी करके आइए हॉबी तो आपने खुद ही लिखी है ना और हॉबीज भी बहुत अजीब अजीब होती है लोगों की अ जैसे एक इंटरव्यू में एक लड़का था उसका सिलेक्शन अभी इस बार नहीं हो पाया बट उसकी वो जम्मू कश्मीर से था और उसकी हॉबी थी मोटू पतलू कार्टून देखना अब आप कहोगे आईएएस इंटरव्यू में मोटू पतलू कार्टून देखना मतलब ये कैसे हॉबी हो सकती है मी बीइंग मी आई आस्ड हिम अ क्वेश्चन आई सेड यू हैव रिटन दैट यू लाइक टू वच मोटू पतलू कार्टून बट आई बिलीव कि ये जो मोटू पतलू कार्टूंस हैं ये बच्चों के बीच में बॉडी शेमिन के कांसेप्ट को ओरिजनेट कर रहे इंट्रोड्यूस कर रहे हैं कि ये क्या बात हुई मोटू पतलू मतलब ये तो सोसाइटी में और स्पेशली यंग बच्चों में बॉडी शेमिन को इंट्रोड्यूस करने जैसा है व्हाट इज योर ओपिनियन ऑन दैट उसने बोला मैम दिस इज वन वे टू लुक एट इट बट हाउ आई लुक एट इट इज कि ये मोटू पतलू साथ में दोस्त हैं तो ये बॉडी पॉजिटिविटी को भी रिइंफोर्स कर रहे हैं और इंक्लूजिविटी को भी रिइंफोर्स कर रहे हैं अब जो उसके लिए प्रॉब्लमैटिक हो सकता था उसने उसे कितने बढ़िया तरीके से हैंडल किया वरना मतलब हम हंस रहे थे पहले कि ये कैसी हॉबी यासे करेगा बफा ब्यूटीफ प्रिपेयर करके आया था प्रिपेयर करके आया था इसलिए प्रिपेयर करके जाना चाहिए ओके एंड इनफॉर्मल वेज में वन यू आर ऑन अ डेट कौन सा राइट वे है टू इंट्रोड्यूस योरसेल्फ विदाउट यूजिंग अ प्रीफिक्स और सफिक्स मुझे लगता है इंडिया में ना लोग बहुत ऑबसेस्ड है विद व्हाट यू डू तो जब हम किसी से कन्वर्सेशन करते हैं हम दूसरा तीसरा सवाल ये पूछते हैं व्हाट डू यू डू या बट बट देन डोंट यू थिंक दैट शुड कम लेटर एंड व्हाट शुड कम बिफोर इज ओके अ हु आर यू व्हाई आर यू हियर व्हाट डू यू लाइक टू डू इन लाइफ नॉट अबाउट व्हाट डू यू डू एज इन वर्क मेरे को आपके वर्क के बारे में नहीं जानना मैं आपसे पर्सनल सेटिंग में मिल रही हूं तो मुझे आपसे जानना है कि अच्छा आप यहां पर क्यों हो इस कैफे में क्यों हो या इस पार्टी में क्यों हो किसको जानते हो अ क्या करना अच्छा लगता है व्हाट व्हाट आर योर वेज ऑफ रिलैक्सिंग यू नो व्हाट इज योर आइडिया ऑफ चिलिंग हाउ डू यू एंजॉय व्हाट काइंड ऑफ कन्वर्सेशन यू लाइक उसके बाद शायद मैं जानना चाहूंगी कि अच्छा काम क्या करते हो क्योंकि यह कोई प्रोफेशनल सेटिंग तो है नहीं अगर मान लो यह कोई नेटवर्किंग मीट हो कॉन्फ्रेंस हो तो मुझे समझ आए मुझे जानना है आप कौन सी कंपनी से और आप क्या करते हो आपका रोल क्या है बट पर्सनल सेटिंग में आपको अपने बारे में अपनी इंडिविजुअलिटी के बारे में अपनी पर्सनालिटी के बारे में ज्यादा बताना चाहिए दैट इज ट्रू बट सबसे बड़ी प्रॉब्लम ये होती है कि क्योंकि हमारा 70 टू 80 पर टाइम काम करने में जाता है हमारी पर्सनालिटी वही हो जाती है एंड जब भी आप दूसरे से मिल रहे हो आप चाहते हो कि सामने वाला मेरी पर्सनालिटी से इंप्रेस हो एंड इसीलिए आप आपकी पर्सनालिटी की जो आपको लगती सबसे इंप्रेसिव बात है वो बताते हो दैट यूजुअली इन मोस्ट केसेस इज वर्क एंड दैट व्हाई पीपल ल बट दैट इज ओनली विद पीपल हु आर अम्लिप हु आर नॉट अकॉम्प्ली दे डोंट वांट टू टॉक अबाउट देर वर्क हां दे डोंट बट दे एंड अप टॉकिंग अबाउट इट बिकॉज देन उनकी लाइफ में उनको लगता है कि यार बाकी तो और भी कुछ मैंने बहुत इंटरेस्टिंग किया ही नहीं है तो इससे बेटर मैं इसी के बारे में बता दूं हम सो इट्स आल्सो क्योंकि जो अकॉम्प्ली है अकॉम्प्ली कैन बी पर्सनली इन प्रोफेशन पर्सनल लाइफ स्पोर्ट्स वेवर साइड वेज मे बी सबसे पहले वो उसकी बात ही करेगा बट डोंट यू थिंक अगर कोई अंप है तो इट वुड कम अक्रॉस एज बीइंग बोस्टफुल बट आई एम सेइंग इट डज कम लाइक दैट पर हमें पता ही नहीं होता हम इट्स अ इट्स जस्ट मेरे दिमाग में ओके सो देर आर देर आर थ्री रियलिटीज ऑफ एवरी इंडिविजुअल ओके सो एवरी मैन हैज थ्री रियलिटीज वन इज व्च इज इन माय हेड वन इज व्हिच इज इन योर हेड एंड वन व्हिच इज एक्चुअली देर या व इ रियल सो व्हेन एवर समबलपुरी इ एन इंप्रेसिव थिंग लेकिन मुझे लगता है कि पर्सनल सेटिंग में जो आदमी ज्यादा सुनने के लिए विलिंग है मतलब यू डोंट नीड टू इंट्रोड्यूस योरसेल्फ अ लट इफ यू गिव अदर पर्सन द अपॉर्चुनिटी टू टॉक मोर दैट इज वेर यू विन द गेम मुझ लगता है पर्सनल सेटअप में वो ब ज्यादा अच्छे से काम करता है इट इट्स इट्स अ रूल एक आई फॉरगॉट दिस गाय नेम ही वाज वेरी फेमस न इं फ पे मतलब ही यूज टू बी दिस आई थिंक रिलेशनशिप कोच और सम समवन नाम भूल गया ओके उसने बोला द इजस्ट वे टू विन अदर पार्टनर एट अ इनफॉर्मल सेटिंग इज आस्क मोर देन यू टॉक ट्रूस्ट मोर देन यू टेल जस्ट आस्क मतलब एंड आस्क राइट क्वेश्च ची पूछते जाओ और तु यू विल नॉट लाइक यू डोंट हैव टू बी इंटरेस्टिंग यू जस्ट हैव टू प्रिटेंड दैट यू आर इंटरेस्टेड एंड ल ऑफ अ सडन थिंग्स विल गो सो सो स्मूथ फॉर यू देन इव देन यू कैन लेटर रिलाइज की ओके एम आई एक्चुअली इंटरेस्टेड नो फिर वो तुम देख सकते हो कन्वर्सेशन कैसे आर बट फर्स्ट लेयर ऑफ कन्वर्सेशन अगर तुम्हे क्रॉस करना है ना कि जहा सामने वाला इंसान कंफर्टेबल हो जाए जस्ट आस्क ए मेरे को बड़ा मस्त लगता है वो इट्स इट्स इट इज ओके आई हैव फ्यू सेट ऑफ क्वेश्चंस पांच चच इज मिथ्स ऑफ फैक्ट्स ये मुझे बताना दिस इ द लास्ट सेक्शन एंड देन आल आस्क यू वन लास्ट क्वेश्चन ठीक है सो फर्स्ट इज यह मिथ्स एंड फैक्ट्स में यूपीएससी कर लो तो लाइफ सेट ही सेट है मिथ और फैक्ट फैक्ट अ लॉट ऑफ पीपल से गवर्नमेंट जॉब 925 है यह मिथ है कि फैक्ट है मिथ मिथ गवर्नमेंट जॉब इज बेटर देन प्राइवेट जॉब मिथ ओके गवर्नमेंट जॉब परमानेंट होती है नोबडी गेट फाय फैक्ट कुछ भी कर लो ऐसा नहीं है क्रिमिनल चार्जेस छोड़ के बहुत बहुत कम नॉन परफॉर्मेटिव तो चलेगा हां हां बहुत मुश्किल है हटाना एंड गवर्नमेंट जॉब में वीकेंड में काम नहीं करना पड़ता नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है इटस मि या कोई वर्क लाइफ बैलेंस कुछ नहीं होता गवर्नमेंट एप्ल का भी कु सिविल सर्वेंट्स का तो नहीं होता है बाकी सब गवर्नमेंट एंप्लॉई का अलग है सिविल सर्वेंट्स का तो कुछ भी नहीं रात को 2 बजे भी फोन आ सकता है आपको तो यू हैव टू डू न दि नो सड डे या या आई हैव सीन दिस हम तो मतलब कुछ ऐसा कोई ज्यादा ग दे 24 आवर्स की भी आपकी ड्यूटी हो सकती है 48 आवर्स की भी हो सकते है तो यू हैव टू गो 48 आर्स विदाउट स्लीपिंग सो इफ आई बोयल डाउन इन सिविल सर्वेंट्स एंड प्राइवेट जॉब इ जस्ट आप प्राइवेट जॉब में जितना ज्यादा काम करोगे बहुत ज्यादा काम करोगे आपको सैलरीज बढ़ते आगी यू रैंक अप द लैडर एंड इसीलिए आप और ज्यादा काम करते हो इसलिए आप वर्क लाइफ बैलेंस प कॉम्प्रोमाइज करते हो ट्र इन सिविल सर्विस यू कॉम्प्रोमाइज ऑन वर्क लाइफ बिकॉज आपको पावर में रैंकिंग अप होती जाती है ड यू थंक सो वो भी पावर में रैंकिंग अप होती जाती है और दूसरा यू डोंट हैव अ चॉइस इफ यू हैव टू डू योर जॉब वेल देन ट्स द पार्ट ऑफ द जॉब अ नहीं बट व्ट्स द मोटिवेशन ऑफ डूइंग जॉब वेल मतलब अगर जब आपने बोला कि फायर करना बहुत डिफिकल्ट है सम बडी कैन चूज टू नॉट वक आई टेल यू लेट्स से टुडे यू आर गिवन पोस्टिंग ऑफ बिकमिंग एन एसपी इन साउथ बम्बे नाउ साउथ बम्बे इज इंपोर्टेंट प्लेस इन बम्बे तो आपको अगर एसपी बनाया साउथ बॉम्बे का और आप बहुत लैक्स हो आपको वर्क लाइफ बैलेंस चाहिए आप काम नहीं कर रहे तो आपको हटा दिया जाएगा और आपको कहीं नॉन सेंसिटिव जगह डाल दिया जाएगा तो आपका मोटिवेशन काम करने का यह होता है कि आपको अच्छी पोस्टिंग्स मिले हां मतलब अच्छी पावरफुल जगह पे ढंग से रखा जाए पावरफुल नहीं जहां पर एक्सपोजर आदा है ओके द लास्ट क्वेश्चन व्हिच आई हैड मैंने बोला था कि मिथ्स एंड फैक्ट्स के बाद पूछूंगा यू नो वन बिग पार्ट इज वर्क लाइफ बैलेंस एंड वन बिग पार्ट नाउ इज लाइफ व्हिच इज पर्सनल लाइफ तो पर्सनल रिलेशनशिप्स के क्या प्रोज एंड कॉन्स होते हैं एट द टाइम वन यू प्रिपेयरिंग टू बी या तो आप वर्ल्ड क्लास बनने की कोशिश कर रहे हो या आप यूपीएससी एग्जाम क्रैक करने की कोशिश कर रहे हो या कोई भी ऐसे कंपटीशन में जहां पर आपको नंबर वन बनना है या आपको एक प 0.01 पर क्लब का पार्ट बनना है उस टाइम पे उस प्रिपरेशन के टाइम पे व्हाट आर द प्रोज एंड कॉन्स ऑफ रिलेशनशिप आपने 12थ फील देखी है सब लोगों ने देखी है मजा आया बहुत अच्छी मू थी बहुत मजा आया मान लो मनोज सर और श्रद्धा मैम में से कोई एक भी नहीं बनता सिविल सर्वेंट आपको लगता है उनकी शादी होती मतलब हम तो स्पेक्युलेटिव है जैसे जो हॉटस्पॉट्स है यूपीएससी तैयारी के राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर वहां पर आपको इतने सारे बेचारे आशिक मिल जाएंगे जिनके कोई पार्टनर था उसका हो गया और उसने फिर इनको छोड़ दिया क्योंकि अब वो सिलेक्ट हो गए और ये नहीं हुए या बहुत सारे ऐसे लोग मिल जाएंगे जो अपने पार्टनर को हेल्प कर रहे थे तैयारी करने में कि दोनों साथ में निकालेंगे एक का निकल गया और दूसरा रह गया तो कुछ भी हार्ड एंड फास्ट तो नहीं है ऐसा भी पॉसिबल है ऐसे भी मैंने केसेस देखे हैं जहां पर आपका रिलेशनशिप एक पॉजिटिव रोल प्ले करता है आपकी तैयारी में क्योंकि वो अ वो जो आपका कंपेनिया होता है वो एक अच्छा साथी होता है आपका स्टडी पार्टनर होता है आपका इमोशनल सपोर्ट होता है अ आपका क्रिटीक भी होता है आपके लिए वो चेक भी रखता है कि आज आपने अपना टारगेट्स मीट किए नहीं किए तो यू नो बहुत सारे रोल्स वो प्ले कर सकता है और सेम आप उनके लिए करते हो पर मैंने पर्सनली ऐसे केसेस बहुत कम देखे हैं बहुत सारी डिस्ट्रक्शंस हैं उसमें एक और डिस्ट्रैक्टर सकते आप एक ऐसे एलिमेंट को नहीं ला सकते जो सर्टेन नहीं है क्योंकि आज की डेट में जहां मैरिजस भी सर्टेन नहीं है वहां रिलेशनशिप्स का सर्टेन होने की प्रोबेबिलिटी कम हो जाती है और फेल करने की टेंडेंसी बढ़ जाती है अब अगर मान लो आपके प्रीलिम से 10 दिन पहले सामने वाला इंसान आपको छोड़कर चला गया आप जबरदस्ती तो किसी को रख नहीं सकते लेकिन आप 10 दिन पहले कैसे संभालेंगे खुद को तो ऐसे एलिमेंट्स को इंट्रोड्यूस ही क्यों करना इक्वेशन में और फिर मैं थोड़ा सा यह भी बिलीव करती हूं जो पुराने एजुकेशन सिस्टम में होता था कि कोई भी बड़ा गोल अचीव करना है आपको तोव तपस्या की तरह होता है और तपस्या आप सुख भोग कर नहीं कर सकते जैसे एक आपने भी कभी देखा होगा सोशल मीडिया पर एक पिक्चर होती थी एक कोई ऋषि हैं स्टूडेंट है बेसिकली स्कॉलर हैं और उनकी चोटी है उन्होंने वो चोटी को खूटे से टांगा हुआ है पीछे क्यों टांगा हुआ है ताकि वो सो ना पाए बैठे हैं वो और चोटी को खुटे से बांध रखा है और पढ़ रहे हैं तो पढ़ाई जो है किसी भी कॉम्पिटेटिव एग्जाम में अपने लिए जगह बनाना वर्ल्ड क्लास बनना नंबर वन बनना वह सब एक तपस्या है अब आप सोचो कि मैं तपस्या के बीच में थोड़ा सा फन भी कर लूं है ना और मैं यह भी ट्राई कर लूं वो भी ट्राई कर लूं तो देन इट माइट वर्क एज अ डिस्ट्रक्शन एंड इट्स हायर प्रोबेबिलिटी दैट इट विल वर्क एज अ डिस्ट्रक्शन तो मुझे लगता है इसलिए रिलेशनशिप वगैरह आपको अवॉइड करना चाहिए थोड़े टाइम के लिए बट ये ब्लैक एंड वाइट नहीं है यह सबके लिए अपना-अपना वर्क कर सकता है अगर कोई से रिले जैसे मैंने बहुत सारे लोगों को देखा है शादी के बाद उन्होंने एग्जाम क्वालीफाई किया अब आप कहोगे मैम वो शादी छोड़ दें क्या लेकिन शादी एक सर्टेन सेंस ऑफ स्टेबिलिटी दे देती है आपको तो अगर आपके रिश्ते में एक सर्टेन सेंस ऑफ ठहराव है एक सर्टेन सेंस ऑफ स्टेबिलिटी है आपको पता है कि सामने वाला इंसान मेरे को और वल्नरेबल नहीं करता मेरे लिए स्ट्रेंथ ऐड करता है या सामने वाले इंसान पर मैं इतना डिपेंड कर सकता हूं या कर सकती हूं कि आने वाले दो-तीन साल में मेरी लाइफ में कोई भी चैलेंज आए तो वो आसपास रहेंगे या उनकी वजह से मुझे कोई इशू नहीं होगा मेरी वजह से उन्हें नहीं होगा तो आप चूज कर सकते हैं पर जब आप नए लोगों से मिलकर नए रिश्तों की शुरुआत करते हैं उस फेज में तो मुझे लगता है आप वोलेट को बढ़ा देते हैं क्योंकि आप जानते ही नहीं है किसी को आप आप गए कोचिंग सेंटर पे बगल में बैठी थी वो आपको पसंद आ गई बात होने लग गई नोट्स एक्सचेंज हुए दो-तीन महीने में आप डेट करने लग गए आपको लगा मुझे तो प्यार है लेकिन आप जानते ही नहीं है उनको आपको पता ही नहीं है व्हाट शी विल ब्रिंग टू टेबल और व्हाट ही विल ब्रिंग टू टेबल इन दैट केस यू शुड अवॉइड इट सो बॉटम लाइन है कि अगर वर्ल्ड क्लास की प्रिपरेशन कर रहे हो एंड अभी सिंगल हो तो सिर्फ वर्ल्ड क्लास प्रिपरेशन करो दिमाग मत लगाओ कहीं और अगर आप ऑलरेडी एक रिलेशनशिप में हो या सेंस ऑफ स्टेबिलिटी या शादी हो तो फिर कोई प्रॉब्लम नहीं है बिकॉज दे सेंस ऑफ स्टेबिलिटी और अगर आपकी बहुत शयो है अबाउट रिलेशनशिप एंड रिलेशनशिप में आने के बाद चार पाच साल बाद आपको वर्ल्ड क्लास बनने का ख्याल आता है तो शादी कर लो अर्ली एंड देनन गेट इन टू और एक्सेप्शनल सिचुएशन भी जिसमें आपको कोई बहुत अच्छा पार्टनर मिल रहा है और वो आपकी लाइफ में ग्रोथ तभी फर्स्ट डे से ही आपको दिखा रहा है तो आप ये रिस्क ले सकते हो पर ये याद रखना आपने ये रिस्क लिया है हो सकता है वो अच्छा वर्क करे आपके लिए और हो सकता है नेगेटिव वर्क करे तो मेंटली प्रिपेयर्ड रहना है कि इट कैन गो बोथ वेज बट मुझे जनरली लगता है कि लोगों को एटलीस्ट यूपीएससी की तैयारी तो अकेले ही करनी चाहिए और इसमें इतनी वोलेट इंट्रोड्यूस करने की जरूरत नहीं है इंटरेस्टिंग वेल थैंक यू सो मच प्लेजर हैविंग यू थैंक यू सो मच मच ये एपिसोड एंड तक देखने के लिए हमें प्लीज कमेंट में यह बताओ कि कैसे हम हमारे एपिसोड एंड पॉडकास्ट को बेटर करें कौन सी ऐसी चीजें हैं जो हम नहीं करें एंड कौन सी ऐसी चीजें हैं जो आप चाहते हो हम कंटिन्यू करते जाएं एंड हमें कमेंट्स में यह भी बताओ कि कौन से अगले गेस्ट हैं जो आप देखना चाहते हो क्योंकि आप हमारी हेल्प करेंगे और आप हमें फीडबैक देंगे तो हम आपके लिए उस फीडबैक से सीख के बेहतर से बेहतर वैल्यू ला पाएंगे एंड दैट इज अवर गोल एट फिगरिंग आउट ये एपिसोड खत्म करने से पहले किसी एक इंसान के साथ शेयर करना मत भूलना क्योंकि एक कन्वर्सेशन इनफ होती है किसी की जिंदगी चेंज करने के लिए प्लीज शेयर दिस विद समवन जिसकी लाइफ में इसे देखकर इंप्रूवमेंट आएगा आई विल सी यू नेक्स्ट टाइम अंट्स टाइम कीप फिगरिंग आउट एंड डोंट फॉरगेट टू सब्सक्राइब द चैनल [संगीत]