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समास की जानकारी और प्रकार

नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है MSSC notes में तो दोस्तों आज हम लोग समास का टॉपिक लेकर आए हुए हैं जो 10 मिनट की सीरीज चल रही है यानि 10 मिनट के अंदर सारे टॉपिक्स खत्म कर देंगे और विद एक्सलोनेशन विथिट्रिक्स और अच्छे तरीके से तो इसमें हम लोग समास पढ़ेंगे आज ठीक है तो समास को कैसे समझा जा सकता है और आपको पता है कि हर एग्जाम में कोई भी एग्जाम होगा वहां पर समास आता ही आता है अ है तो यहां से एक दो नंबर आपके पक्के होने वाले हैं यह वीडियो अगर आप पूरा देख लेंगे तो वीडियो को लाइक जरूर कर दें क्योंकि वीडियो अच्छा ही लगने वाला है और लास्ट में कमेंट करके भी जरूर बताया करें देखिए हम भाई बात करेंगे हम लोग समास के कितने प्रकार है समास का आर्थ तो समास का आर्थ होता है संक्षेप समास का आर्थ क्या होता है संक्षेप है और समास के कितने भेदों तेरे कौन-कौन से अव्यय भाव तत्पुरुष कर्मधारे द्विगु बहुबृही और द्वंद्ध समास ठीक है अब आ जाओ अब यहां पर अव्यय भाव समास सबसे पहले समझते दो अव्यय भाव समास समझने से में हमें एक समझ में आए कि अव्यय भाव में यहां पर अव्यय लिखा हुआ है क्या लिखा हुआ है अव्यय अव्यय में क्रियाविश्य चणाते हैं कि संबंध बोदक समुच्चय बोदक विष्म आदि बोदक ठीक है अब इसके साथ साथ अब इसमें एग्जांपल पहले देखेंगे फिर समझेंगे जैसे एग्जांपल है प्रतिदिन यथा शक्ति रातो रात ठीक है तो एक चीज याद रखना कि किसी भी सब्द में आगे उपसर्ग लगाओ जैसे यहां पर प्रति यथा आ उप आव ठीक है जैसे क्या है जैसे आज जीवन हो जाता है उसमें ठीक है और या फिर कहीं ऐसे सब्द मिले जो रिपीट हो रहे हो जैसे रातों रात ठीक है रातों रात दिनों दिन फटाफट खटा-खट धडडडड यह सभी धीरे-धीरे होले-होले यह सभी क्या है यह सभी अव्याय भाव के उदारण हो जाएंगे एग्जाम में याद रखना कि आगे या तो उपसर्ण लगा होगा या तो रिपीट करेगा ठीक है अगला तचपुरुष समास की बात करेंगे तो तत्पुरुष समास में हमें अगर कारण पता है करताने कर्म को करण से संप्रदान के लिए आप आदान से संबंध का के की फिर अधिकरण में पेपर और संबोधन हेरेभो में लाश वाला संबोधन और करता वाला यह दोनों छोड़कर बाकि छह जो है यह तत्पुरुष समास के भेद में आ जाते हैं जैसे एग्जांपल दिखेगा जैसे गृहागत है ना तो गृहागत को अगर खोलेंगे तो मिलेगा गृह को आगत यहां पर को क्या है कार्यक्षिन है तो जहां जहां आपको कार्य देखेगा वहां पर मान लेना तत्पुरुष समास हो जाएगा राजपुत्र राजा का पुत्र धर्मयुक्त धर्म से यूप्त ठीक है तो यह सभी क्या है तत्पुरुष समास कर्मधारय की बात करेंगे दोस्तों तो कर्मधारय कर्मधारय में धारय सब्द है मतलब धारण करना कर्म का मतलब है कोई न कोई एक स्पेसिआलिटी ठीक है तो इसमें चीज समझेगा इसमें पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेषण होता है विशेषण का मतलब जो किसी की विशेषण बताए यानि ऐसा सब्द दिखे जिसमें पहला वाला वर्ड जो है वह पीछे वाले सब्द की विशेष्टा बताता हुआ दिख जाए वहां कर्मदारे जैसे यहां पर सुपुरुष तो सुपुरुष में भाईया पुरुष हमारा है संघ्याप ठीक है और कैसा पुरुष है सुपुरुष तो अच्छा यानि विशेष्टा बता रहा है क्वालिटी बता रहा है इसलिए यहां पर कर्मदारे समास महात्मा आत्मा ऐसी महान है जो आत्मा ठीक है तो महा आत्मा है तो महा क्या है विशेष्टा बता रहा है आत्मा क्या है विशेष्टी हो गया मंद बुद्धि बुद्धि की विशेष्टा क्या है इसमें कि बुद्धि मंद है तो मंद बुद्धि हो गई ठीक है तो यह भी चाहो गया कर्मधार्य हो गया समझ में आ गया अगला देखें दूर समाज की बात करेंगे भाईया तो यहां पर ध्यान से देखेंगे यहां पर देखिए नवरात्र यानि रातों यहां पर दूर समाज को पहले समझ लेते हैं कि होता क्या दूर समाज में आपको दिख रहा है यहां पर दूर में दूर लगा है दूर का बताओ दो से दो क्या है एक संख्या तो याद रखना कि जहां पर संख्या होगी वहां पर दूर समास होगा आपके मन में एक डाउट आ रहा होगा उसको मैं लास्ट में बहुब्रही के समय पर क्लियर करूंगा मुझे पता है कि आप लोग क्या कहने वाले हो ठीक है तो दूर समास की बात करेंगे तो जैसे नवरात्र में आगे देखिए नौ यानि नौ रातों का समूह लेकिन यह केवल नवरात्र ही है चौराहा में चार राहों का समूह सत्सई में 700 किताब का समूह या साथ सो दोहे का समय साथ सो और त्रिबुज में क्या हो गया तीन भुजाओं का समूह ठीक है क्या कहलाएगा देखुछ समास अब आते हैं बहुब्रही समास पे देखिए बहुब्रही समास में जैसे यहां पर क्या है चक्र पाणी यानि जिसके हाथ में चक्र हो तो बहुब्रही समास का मतलब क्या है बहुब्रही समास का मतलब होता है जहां पर दो सब्द तो दिये हैं लेकिन अर्थ किसी तीसरे को ज भगवान विश्णु लंबोदर लंबा उदर है किसका भगवान स्री गणेश का ठीक है जैसे कहते हैं एक दंत वक्त तुंड ठीक है यह सभी किसके हैं गणेश जी के हैं तो जब भी यह दिखेंगे तो हमारे कौन से समाच हो जाएंगे बहुवरी यानी कि यहां पर लंबोदर से हम जैसे ही लंबोदर देख रहे तो हमारे मन में अपने आप गणेश आ रहा है तो जैसे ही देखकर हमें कोई तीसरा सब्द याद आ रहा है इसका मतलब है वहां पर बहुवरी समाच उसके अधिन नील कंठ नील कंठ किन को तीलोचनाए भस्मांगराए महस्वराए नित्याए शुद्धाए दिगमनदाए तस्मेनकराए नमस्युआए तो उसको मैं हम तीलोचन भी कहते हैं उनको तीलोचनाए यानि तीलोचन भी कहते हैं कि उनको शिव जी को कहते हैं तो नील कंठ भी कहते हैं ठीक हैं पंचानन भी पंचानन भी कहते हैं पंचानन भी शिव को भी कहते हैं और हनुमान जी को भी पंचानन कहते हैं यहां पर पंच मतलब पांच और सर है अब यहां पर बहुत बच्चे कमेंट करेंगे कि अरे सर यहां पर तो पांच है तो यहां पर दुगु समास होना चाहिए था देखिए अगर यहां पर तीसरा अर्थ ना निकले कहीं पर संख्या दिया हो और तीसरा अर्थ ना निकले यानि किसी तीसरे की बात ना हो किसी अदर की बात ना हो कोई अदर सब्द ना है तब वहां ही होगा यहां पर किसी का किसी तीसरे चीज का दिमाग में नहीं आ रहा है इसलिए यह क्या है दुगु समास कि स्री हनुमान या फिर अगर हम बात करें दशानन की तो दशानन के बोलने पर हमें किसका समझ में आता है दशानन बोलने पर रावण समझ में आता है इसलिए क्या है हमारे बहुवरी समाज दुन्द समाज का मतलब होता हैं एक जैसे लग रहे हैं ठीक है तो दो और दो की बात करें तो यह दोनों पत्त प्रधान हो जैसे रात दिन सुरासुर पाप पुन्य अब कुछ लोग कहेंगे सुरासुर में कैसे हो गया तो सुरासुर में सुर और असुर कि सुराशुर को तोड़ेंगे सुर और असुर आएगा दिन रात में रात और दिन ठीक है पाप पुन्य पाप और पुन्य माता-पिता माता और पिता भाई-बहन और बहन इस तरीके से इसको क्या कहेंगे दोनों समाज कहेंगे जहां पर दोनों पर आपस में प्रधान होते हैं यानि इसकी वेल्यू भी अपनी है इसकी अपनी वेल्यू है इसकी अपनी हमारे समास के और आई होब ये छोटी सी वीडियो और छोटी सी कोशिस मेरी आप लोगों को एकजाम में बहुत हेल्प करेगी और ये मैं इस वर से भी प्राधना करता हूँ कि आप सबको बहुत ज़्यादा लाब भी पहुचाए और जो भी बच्चे सुरू से लेके लास्ट कि जो भी लिखना है दिल खोल के लिखा करो मैं स्वागत करता हूं कमेंट बॉक्स होता है इसीलिए तो कमेंट करके जरूर बताए लेकिन कमेंट करना मत भूलना भाई ठीक है और अगर अच्छी लगी वीडियो तो सेयर कर दे अपने दोस्तों साथ में ग्रूप में सेयर कर दे आपका भी बढ़ा होगा मेरा भी बढ़ा होगा ठीक है मेरी जो यह मतलब सोच है कि तो अगर आपको कोशिश अच्छी लग रही है तो सेर जरूर करें और हाँ वीडियो को लाइक करें और चैनल पर पहली बार है हो सब्सक्राइब जरूर कर लें और मेरी किताब आने वाली है बहुत चल्दी आपको मिल जाएगी जुलाई 2013 की बाद से मिलना स्टार्ट हो जा�