जयो के बिजनेस मॉडल की सफलता के कारण

Jul 17, 2024

जयो के बिजनेस मॉडल की सफलता के कारण

परिचय

  • जयो, टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज की ब्रांड, की शुरुआत 2016 में बैंगलोर में एक ऑफलाइन रिटेल स्टोर के साथ हुई थी।
  • 2024 में जयो के 545 ऑफलाइन स्टोर्स पूरे इंडिया में टियर 2, 3 और 4 सिटीज़ में हैं।

पडेम के बावजूद प्रॉफ़िटेबल

  • जयो पडेम के दौरान भी प्रॉफिटेबल रही।
  • बिजनेस टुडे 2024 के रिपोर्ट के अनुसार: हर मिनट 90 टीशर्ट्स सेल होते हैं।
  • प्रॉफिट ग्रोथ:
    • 2018: 144 करोड़
    • 2020: 478 करोड़
    • 2021 (पडेम के दौरान): 480 करोड़
    • 2022: 1050 करोड़
    • 2023: 3252 करोड़

सफल होने के सिद्धांत

ग्राहक को वैल्यू प्रोवाइड करना

  • मिडल और लोअर मिडल क्लास ऑडियंस को टारगेट किया।
  • वेस्ट साइड, ज़ारा और H&M जैसे डिजाइंस और कपड़े बजट में उपलब्ध कराना।

प्राइसिंग स्ट्रेटेजी

  • प्रीमियम ब्रांड्स की तुलना में किफायती दाम।
  • टियर 2, 3, और 4 सिटीज़ के लोगों को टारगेट किया।

कोको मॉडल

  • कंपनी ओन कंपनी ऑपरेटेड मॉडल।
  • फ्रेंचाइजी मॉडल: फ्रेंचाइजी ओनर स्टोर खोलता है, जयो उसे ऑपरेट करता है।
  • फ्रेंचाइजी पार्टनर को प्रॉफिट में प्रतिशत मिलता है।

प्राइवेट लेबल

  • जयो खुद कपड़े नहीं बनाता, किसी और मैन्युफैक्चरर से बनवाता है।
  • मैन्युफैक्चरिंग के खर्चे बचते हैं।

मार्केटिंग स्ट्रेटेजी

  • नहीं है कोई बड़े ऐड या ब्रांड एंबेसडर।
  • मार्केटिंग खर्चों में बचत।

फास्ट फैशन ट्रेंड

  • लेटेस्ट ट्रेंडिंग कपड़े और एक्सेसरीज पर फोकस।
  • जेन Z और अन्य एज ग्रुप्स को आकर्षित करता है।
  • ट्रेंडिंग प्रोडक्ट्स सस्ते और अच्छी गुणवत्ता के होते हैं।

निष्कर्ष

  • जयो की सफलता की रणनीतियाँ प्रेरणादायक हैं जो इंडिया में बिजनेस शुरू करने वाले लोगों के लिए एक मिसाल हैं।
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