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लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप 2008

हेलो मेरे पर विद्यारतियों कैसे हैं आप लोग होप आप सब बढ़े होंगे बच्चों मैं भी एकदम बढ़े हूं तो फाइनली बच्चों आज हमें स्टार्ट करने जा रहे हैं ता लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनर्शिप एक्ट 2008 मजे की बात बताओ आप वेक ओल्ड स्लेबस के अंदर ता लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनर्शिप एक्ट 2008 का स्लेबस बहुत जादा था पट न्यूस लेबस के अंदर बच्चों इसे कम कर दिया गया है ड्रास्टिकली कम कर दिया गया है और मार्क्स तो 6 मार्क्स का एक ही सवाल आपको एकजाम में दिखेगा और वो भी मोशली थ्योरी ही कोशिशन आपको दिखने वाला है तो स्टार्ट किया जाए यस सर चलिए तो स्टार्ट करते हैं भाई आज के सेशन को क्या इसमें कवर किया जाएगा इस वीडियो के अंदर बिटा, इस वीडियो के अंदर आपका full chapter, एक concept कवर किया जाएगा, यहाँ पर अगर आप ये देख लेते हैं, तो आपके exam में 6 marks पक्के हैं मेरे बच्चा, 6 marks पक्के हैं, चले? अच्छा, सबसे पहला question जो आपके म को यह होना चाहिए कि सर यह एक्ट 2008 में आया है एडियो पर 2008 लेकिन सर अ कि ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी कि हमें एक नया फॉर्म ऑफ बजनेस ऑर्गनाइजेशन लाना पड़ा दाट एस लिमिटेड लायबिल्टी पार्टनर्शिप पहले कंपनी हुआ करती थी तो प्रोप्राइटरशिप हुआ करती थी पार्टनर्शिप फर्म लाइबिल्टी पार्टनर्शिप इज रिक्वायर्ड लिमिटेड लाइबिल्टी पार्टनर्शिप की जरूरत क्यों पड़ी अब यह सवाल का अंसर अगर आपको चाहिए तो मैं यह एज्योम कर रहा हूं कि आपने हमारा कि कंपनी जैक का वन शॉट और इंडियन पार्टनर्शिप एक्ट का वन शॉट देखा हुआ है तभी आपको यह सवाल का अंसर मिल पाएगा देखो क्या होता है ना हमने पार्टनर्शिप के बारे में पड़ा था कहां पड़ा था दा इंडियन पार्टनर्शिप एक्ट कि 1932 में द इंडियन पार्टनर्शिप एक्ट 1932 में पड़ा था वहां पर हमने जाना था अ कि पार्टनर्शिप की एडवांटेजीज क्या होती है? क्या एडवांटेजीज होती है? सबसे पहली एडवांटेज होती है वेरी फ्लेक्सिबल बहुत फ्लेक्सिबल है जैसे आप चाहो वैसे पार्टनर्शिप को चला सकते हो सब कुछ एग्रीमेंट में लिख दो जो एग्रीमेंट में लिखा होगा वो फॉलो किया जाएगा नेक्स्ट बेस्ट ओन एग्रीमेंट यानि पार्टनर्शिप मिलकर डिसाइड करते हैं लेस कंप्लाइंस का मतलब है कि भाईयो उस एक्ट के अंदर सेक्शन बहुत कम है पार्टनर्स के ऊपर जो रिस्पॉंसिबिलिटीज डाली गई है लीगल रिस्पॉंसिबिलिटीज वह बहुत कम है और इसे बनाना आसान है बहुत ही आसान है आप चाहो त रिटर्न भी बना सकते हो, रिटर्न एग्रीमेंट करके भी बना सकते हो, और ये इजी टू डिसॉल्व है, और बन करना भी बहुत ही इजी है, लेकिन पार्टनर्शिप है, तो भाईया कुछ डिसेडवांटेजेस भी होंगी, क्या डिसेडवांटेजेस थी, सबसे बड़ी कि जो पार्टनर्शिप की थी वह थी उसकी अनलिमिटेड लायबिल्टी ऑफ पार्टनर्स की लायबिल्टी अनलिमिटेड थी यानि पार्टनर्शिप बसनस के लॉसिस को पार्टनर्शिप बसनस के क्रेडिटर को पैसा देने लिए पार्टनर्स की पर्सनल एसेट्स भी बिक जाया करते थे और साथ ही साथ मिच्चुल एजन्सी जी हां गडबड एक partner करता था, सजा सभी partners को मिलती थी, तो mutual agency, तो ये इसकी disadvantage थी, फिर हमने एक और form के बारे में पढ़ा, company form के बारे में कहा पढ़ा, companies act, 2013 कहां पड़ा company's Act 2013 के अंदर पड़ा मेरे बच्चा हमने बहुत सारी advantages पड़ी company की लेकिन company की सबसे main advantage थी limited liability of members limited liability of shareholders depending upon the type of company so यहाँ पर अगर मैं बात करता हूँ advantages की तो सबसे पहली advantage थी perpetual succession यानि members के मरने से members के insolvent होने से company पर कोई असर नहीं होता, उसके बाद separate legal entity, company अलग, company के members अलग, law की नजरों में, artificial legal person, limited liability of members, यह गलती से लिख दिया है, हाँ नहीं, limited liability of members, यहाँ पे आएगा, limited liability of कि मेंबर्स और उसके बाद बेटा मैक्सिमम मेंबर कंपनी में कितने हो सकते हैं अगर आपकी कंपनी पब्लिक कंपनी है ना तो उसमें मैक्सिमम मेंबर बेटा अनलिमिटेड हो सकते हैं अनलिमिटेड देर इस नो लिमिट इन दिन मेंबर्स ऑफ मेंबर इन केस ऑफ पब्लिक कंपनी बात करते हैं डिसएडवांटेज इसकी कंपनी से की सबसे बड़ी डिसएडवांटेज है कि उसके अंदर 470 सेक्शन और सेवन शेडूल है यानि जो कंप्लायंस है वो बहुत जादा है next क्योंकि ये एक separate legal person है ये law के procedure से ही बनती है और law से ही मरती है तो इसे binding up करना बहुत ही difficult है law का पूरा procedure follow करना पड़ता है जो कि बहुत time लेता है और lack of personal interest shareholder normally पैसा invest कर देते हैं company के director धन्दा चलाते हैं तो shareholder का जो personal interest होता है day to day का वो कहीं न कहीं missing रहता है कि ओके सर फिर आई बेटा फिर हमें लगा कि आप हमें जरूरत है कुछ ऐसी चीज की जिसमें पार्टनर्शिप के भी सारे एडवांटेज आ जाए जिसमें कंपनी के भी सारे एडवांटेज आ जाए और हमने जन्म किया मिक्स करके ताल लिमिटेड लायबिल्टी कि पार्टनरशिप का द लिमिटेड लायबिल्टी पार्टनरशिप का मेरे बच्चा यह देखो यह मिला रहा है पार्टनरशिप के एडवांटेजीज यह मिला रहा है कंपनी के एडवांटेज और फाइनली जाकर क्या बना लिमिटेड लायबिल्टी पार्टनरशिप आप देखिए एडवांटेज इसको देखिए एलपी के देखिए सबसे पहले पार्टनरशिप क्या थी फ्लेक्सिबल थी एलपी भी फ्लेक्सिबल है कि पार्टनर्शिप एग्रीमेंट पर चलती थी एलएपी भी एग्रीमेंट में चलती है पार्टनर्शिप में लेस्ट कंप्लाइंस था एग्रीमेंट में भी लेस्ट कंप्लाइंस है पार्टनर्शिप को बनाना इजी था एलएपी को भी बनाना इजी था पार्टनर्शिप को बंद करना इजी है एलएपी को भी बनाना इजी है अ कि कंपनी में परपेच्चुअल सक्सेशन होती है एलएलपी में भी परपेच्चुअल सक्सेशन होती है कंपनी में सेपरेट लीगल एंटिटी एलएलपी में भी सेपरेट लीगल एंटिटी कंपनी आर्टिफिशल लीगल परसन एलएलपी भी दोनों के advantages को mix करके LLP बनाई गई है और इसलिए हम कई बारी ये भी कहते है कि LLP is a hybrid, hybrid मतलब mixture, hybrid form of organization, LLP जो है वो hybrid form of organization है क्योंकि वो partnership और company के advantages के features को mix करके बनाई गई है इसलिए, चीके? ओके सर तो सबसे पहला कोशन जो आपके एग्जाम में आ सकता है वो आपका पेज नंबर 5.9 पर दिया हुआ है पहला कोशन है वट आर दी एडवांटेजेस आफ एललपी फॉर्म एललपी खोल के धन्दा करने के लिए क्या एडवांटेजीज हैं तो सबसे पहला एडव एलेलपी आपको बहुत ज़्यादा फ्लेक्सिबिल्टी देती है ज्यादा लीगल या प्रोसीजरल कंप्लायंस नहीं देती है तीतरा इसे बनाना आसान है चौथा इसे बंग करना आसान है पाचवा सारे पार्टनर्स इंजॉय करते हैं लिमिटेड लाइबिल्टी और प्लेक्सीबल कैपिटल स्ट्रक्चर तो ये सारे अडवांटेजिस है बिटा इसके इलावा भी और अडवांटेजिस है बट आपके मॉड्यूल में बस इतने दिये हुआ है तो ये आप लर्न कर ले एग्रीमेंट पर चलती है, फ्लेक्सिबिल्टी मिलती है, बनाना आसान है, खतम करना आसान है, और पार्टनर्स के पास लिमिटेड लाइबिल्टी है, और कैपिटल स्ट्रक्चर बहुती ज़ादा फ्लेक्सिबल है, मेरे बच्चे, कैपिटल स्ट्रक्चर बहुती ज़ादा कि सबसे पहले उन्होंने बताया कि यह जो बिल था ना यह जो बिल था यह बिल पास हुआ कब पास हुआ 12 दिसंबर 2008 बिल पार्लियामेंट में कप पास हुआ 12 दिसंबर 2008 ओके सर चलिए यह वाली डेट हो गई उसके बाद इसे प्रेसिडेंट ओफ इस बिल को एल पी बिल 2008 को पार्लियामेंट में पास किया गया 12 दिसमबर 2008 को फिर इसे प्रेसिडेंट ओफ इंडिया का एप्रूवल मिला कौन सी तारीक को एप्रूवल मिला जी इसको एप्रूवल मिला है 7 जनवरी 2009 को ताक जनवरी 2009 को फिर इसे ऑफिशल गैजेटे में डाला गया मिनिस्ट्री ऑफ लॉएंड जस्टिस ने नौ जनवरी यहां पर टाइपिंग मिस्टिक है 2007 की जगह 2009 होगा मेरे बच्चा 2009 ठीक है तो जनवरी 2009 में इसे ऑफिशल गैजेटे में डाला गया कि आधा ला गया ऑफिशल गैजेटे में डाला गया और मैं आपको बता दूं 31 मार्च तो 2009 से इसे अफेक्टिव कर दिया गया तो एक्चुली में इसको 2008 इसलिए यह दिया गया है क्योंकि यहां पर बिल मेरे बच्चा क्या हुआ था पिल मेरे बच्चा क्या हुआ था 12 दिसंबर 2008 को पार्लियामेंट में पास हुआ था जबकि ये एप्लीकेबल 2009 से हुआ था चलिए ओके सर ये जो एक्ट है मेरे बच्चा इस एक्ट का नाम हमने क्या रखा है लिमिटिड लाइबिल्टी पार्टनर्शिप एक्ट 2008 रखा है और ये act whole of India में applicable है whole of India में applicable है इस act को क्यों बनाया गया है इस act को LLP form करने के लिए और LLP's को regulate करने के लिए बनाया गया है आगे चलते हैं now बात करते हैं structure of LLP act 2008 इस ट्रक्चर ऑफ एल पी आक्ट 2008 की हम लोग बात करेंगे ठीक है ओके सर इसमें कितने सेक्शन है इसमें 81 सेक्शन से कितने सेक्शन से 81 सेक्शन से कंपनी जगह कितने दे 470 के गरीब सेक्शन थे इसमें शेडूल कितने है चार शेडूल्स है मेरे बच्चा चार शेडूल्स कंपनी एक्ट में सेवन शेडूल्स है ठीक है इस चार शेडूल्स की अगर मैं बात करता हूं पर पस्ट शेडूल तेकन शेडूल पर शेडूल पॉर्थ शेडूल बात करते हैं फर्स्ट शेडूल किस चीज के लिए बनाया गया है तेकन शेडूल किसलिए बनाया गया है थर्ड शेडूल और फॉर शेडूल किसलिए बनाया गया है तो फर्स्ट शेडूल के अगर मैं बात करता हूं बेटा तो फर्स्ट शेडूल आपको बताता है मिचुल राइट एंड ड्यूटीज मिच्चुअल राइट्स एंड ड्यूटीज ऑफ पार्टनर्स जैसा कि आपने दा इंडियन पार्टनर्स के पैक्ट में पढ़े थे सेक्शन 12 सेक्शन 13 सेक्शन 14 12 13 पढ़ा था जिसमें आपको पता चला था कि अगर एग्रीमेंट के अंदर प्रॉफिट ये आपको पता था ये बात कहां लिखी थी इंडियन पार्टनर्शिप आक्ट के अंदर लिखी थी पट एललपी आक्ट में क्या किया उसे सेक्शन्स का पार्टना बना कर फर्स्ट शेडियूल में बता दिया कि अगर एग्रीमेंट साइलेंट है कुछ मुद्दों को लेकर अगर agreement silent है तो भाईया आपके rights and duties partner के कैसे decide होंगे first schedule से decide होंगे और बेटा ये जो first schedule में आपको पता चल जाएगा कि equal बातेंगे क्या कहते है capital कैसे आएगी वो सारी बातें आपको यहाँ पर पता चल जाएगी next आता है बेटा second schedule के अगर मैं बात करता हूँ तो यहाँ पर मेरे बच्चा क्योंकि LLP Act 2008 बहुत बाद में आया, तो कई बार ऐसा होता है, कि हम लोग कोई और form of business organization खोल चुके होता है, कोई इंसान partnership खोल चुका होता है, Indian Partnership Act के अंदर, कोई इंसान company खोल चुका होता है, लेकिन उसे बाद में समझ आता है, अरे इससे ज़्यादा beneficial कि चुना मैं लिमिटेड लायबिल्टी पार्टनर्शिप में अपनी पुरानी ओरगनाइजेशन को कनवर्ट कर लो तो सेकंड शेड्यूल सेकंड शेड्यूल आपको बताता है प्रोसीजर कि कैसे आपकी पार्टनर्शिप फर्म एलएलपी में कनवर्ट होगी एलएलपी में कनवर्ट होगी तो यह आपको क्या बताता है कनवर्जन ऑफ पार्टनर्शिप फर्म अ इंटू एलपी लियर है यह सर नेक्स्ट थाड़ शेड़्यूल अगर किसी ने प्राइवेट कंपनी को लिए और वह अपनी प्राइवेट कंपनी को एलपी में कन्वर्ट करना चाहता है तो कन्वर्जन ऑफ प्राइवेट कंपनी इंटू एलपी और लास्ट बेटा फोर्थ शेडूल अगर आप अपनी अनलिस्टेड पब्लिक कंपनी को एललपी में कन्वर्ट करना चाती हूं तो तो कन्वर्जन आफ अनलिस्टेड पब्लिक कंपनी इंटू एल पी ध्यान दीजिएगा आप पार्टनर्शिप फर्म को एल पी में कन्वर्ट कर सकते हैं प्राइवेट कंपनी को एल पी में कन्वर्ट कर सकते हैं और अनलिस्टेड पब्लिक कंपनी को आप एल पी में कन्वर्ट कर सकते हैं लेकिन लिस्टेड कं� लेकिन एक indirect रास्ता है कि पहले आप listed को unlisted करो और unlisted करने के बाद fourth schedule का रास्ता follow करके आप उसे LLP में convert कर लो तो आईए पटाक से read कर लेते हैं page number 5.2 को क्या बुला है LLP Act 2008 के अंदर 81 section 4 schedule है पर्स शेडूल मिच्चोल राइट्स और ड्यूटीज बताता है पार्टनर का सेकंड शेडूल कनवर्जन और फर्म इंटू एललपी थाड शेडूल प्राइविट कंपनी को एललपी में और फोर्थ शेडूल अनलिस्टिट पब्लिक कंपनी को एललपी में नेक्स आता है इस एललपी एक्ट में सब कुछ सही चल रहा है या नहीं वो कौन देखेगा देखे आप जानते हैं कि बहिया कंपनी एक्ट पर नजर कौन लगता है कंपनी एक्ट 2013 रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज रेड इस आर ओ सी पार्टनर्शिप एक्ट इंडियन पार्टनर्शिप एक्ट 1932 रजिस्ट्रार ऑफ फर्म आर ओ एफ उसके बाद आता है लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनर्शिप लिमिटेड लायबिलिटी कि पार्टनर्शिप एक्ट 2008 पर कौन नजर रखेगा तो ध्यान से याद रखना मेरे बच्चों रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी ही तैट इस आरोसी ही नजर रखता है यानि आरोसी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी पर भी देखेगा और लेल पर भी देखेगा सो मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्परेट अफेयर्स देट इस एमसी ए और एंड रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी देट इस आरोसी आर इंट्रस्टेड उन्हें हमने दी है पावर विद टास्क ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिंग एल एलपी एक्ट को एडमिनिस्टर करने की पावर दी है उसके बाद मेरे बच्चा एलपी एक्ट 2008 किसने बनाया है पारलियामेंड ने किसने बनाया है पारली अमेड ने, बट एल पी रूल्स बनाने की पावर किसके पास है, एल पी रूल्स बनाने की पावर है, सेंटरल गवर्नमेंट के पास, तो यही बात उन्होंने बोली, दे सेंटरल गवर्नमेंट हैस दी अथॉरिटी, तो फ्रेम ये सर यहां तक सभी को क्लियर है अब एक और सबाल आता है सर अगर एल पी के ऊपर कौन से एक्ट लगेगा सर एल पी के ऊपर एल पी एक्ट 2008 लगता है वेरी गुड लेकिन क्या एल पी के ऊपर क्या एल पी पर इंडियन पार्टनर्शिप एक्� क्या उस पर लगेगा क्या so kindly note कर लीजिए कि जो Indian Partnership Act 1932 है वो सिरफ normal partnership पे लगता है it is not applicable to limited liability partnership limited liability partnership clear है yes sir एकदम crystal clear चलिए very good आगे चलते हैं next सवाल जो की theory में आ सकता है need of new form of LLP lawmaker को 2008 के अंदर ललपी जैसे form of organization की, ललपी act 2008 लाने की, क्या ज़रूरत लगी, उसे lawmaker को ऐसा क्यों लगा, कि companies act से काम नहीं चल रहा है, lawmaker को ऐसा क्यों लगा, कि Indian partnership act से काम नहीं चल रहा है, अब हमें LLP लाने की ज़रूरत है, तो ध्यान से सुनियेगा, लाउमेकर्स ने इन्वेजाइस किया, लाउमेकर्स को ज़रूरत महसूस हुई, कि एक नया लॉ लाया जाए लिमिटिड लायबिल्टी पार्टनर्शिप का ताकि इंडियन इकनॉमी की जो कंटेंप्रेरी ग्रोथ है क्योंकि इंडियन इकनॉमी करंटली बेटा क्या कर रही है बहुत तेजी पर ग्रोव कर रही है उस ग्रोथ को मी ठीक है एक जरूरत अनीड है बिन फेल्ट एक जरूरत वेल्ट हुई कि एक नए बिजनेस फॉर्म एक नए बिजनेस ओर्गनाइजेशन की जरूरत है जो कि अल्टरनेट प्रोवाइड कर सके अल्टरनेट किसे जो लोग पार्टनर्शिप की ट्रेडिशनल पार्टनर्शिप कि कंपनी के जो लोग कंपनी के हाई कंप्लाइंस से परशान है उनके लिए अल्टरनेटिव लाया गया क्या अल्टरनेटिव लाया गया जो लोग अनलिमिटेड लायबिल्टी परशान थे पार्टनर्शिप की उन्हें उन्हें भी limited liability partnership दिखाई गई जिससे की जो आज की तारीक में professional expertise है जो entrepreneurs है बिटा वो क्या कर सकते हैं वो LLP act का use करके LLP form करेंगे करके अपना business start कर सकते हैं और इतना ही नहीं बेटा कुछ लोगों में तो ये बहुत ज़्यादा popular हो चुकी है सर किन लोगों में ये बहुत ज़्यादा popular हो चुकी है बेटा अगर मैं बात करूँ service sector के अंदर currently जो लोग service sector में है ना चाहे किसी भी type की services दे रहे हो service sector में LLP बहुत ज़्यादा चल रही है दूसरा venture capitalist कौन होते हैं जो लोग दूसरी startups के अंदर फंडिंग डालते हैं उनको वेंचर कैपिटलिस्ट बोला जाता है वेंचर कैपिटलिस्ट भी फंडिंग करने के लिए एलएलपी फॉर्म कर रहे हैं मेरे बच्चा एलएलपी फॉर्म कर रहे हैं सो देरफॉर एलएलपी एक ऐसा फॉर्म ऑफ वेशनल ऑर्गनाइजेशन है जो कि अल्टरनेटिव है कंपनी के लिए जो कि अल्टरनेटिव कंपनी और पार्टनर्शिप के लिए यह प्रोवाइड करता है इसमें आपको लिमिटिड लायबिल्टी का बेनिफिट तो मिलेगा ही मिलेगा साथ में आपको flexibility भी मिलेगी यानि company का limited liability का benefit कंपनी का limited liability का benefit और partnership का flexibility का benefit दोनों benefit आपको LLP में दिखाई देंगे और इसी वज़ासे LLP जो है वो entrepreneurs, professionals या वो लोग जो service sector में है उन्हें help करती है business करने के अंदर even जितने भी छोटे enterprises है जितने भी venture capitalists है वो आजकल LLP की form में चलते हैं वो LLP की form में चलते हैं clear है सबको है यह सब आइए नेक्स्ट चलते हैं अब एक्जाम में ध्यान से देखना कि एक्जाम में क्वेश्चन क्या पूछा गया है अगर एक्जाम में पूछा गया है डिफाइन लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनर्शिप इन फाइन लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनर्शिप है ठीक है तो आप वहां पर क्या लिखेंगे टैफी नेशन लिखेंगे क्या लिखेंगे टैफी नेशन ऑफ एलपी अंसर में लिखेंगे लेकिन अगर मेरे बच्चा क्वेश्चन आता है एक्सप्लेन मीनिंग आफ एलपी आपको एलपी का मीनिंग एक्सप्लेन करना है तो पेज नंबर फाइव पाइंट थी पेज नंबर फाइव पाइंट थी आइए पढ़ते हैं मीनिंग ऑफ एलपी में क्या दिया हुआ है वही सेम बात चार बार दी हुई है जो अभी हमने पिछली स्लाइड में पड़ी है कि एलपी एक नया फॉर्म है एक नई तरह की बिजनेस एंटिटी है जिसमें पार्टनर्स की लिमिटेड लायबिल्टी होती है पड़ चुके हैं उसके बाद यह एक अल्टरनेटिव कॉर्परेट बिजनेस है जो benefit देता है, limited liability के, less compliance होता है, ठीक है, इसमें flexibility भी दी जाती है, again यही point पीछे भी लिखा हुआ था, उसके बाद LLP एक separate legal entity है, ठीक है, और LLP अगर कोई उधार लेती है, तो LLP के सारे assets बिख जाते हैं उस liability को pay करने के लिए, लेकिन partners के सारे assets नहीं बिखते हैं, तो यही point यहाँ पर बोला है, LLP will be liable for the full extent of its asset, but the liability of partner will be limited, यानि वो कह रहे हैं कि LLP की liability तो unlimited है, पिगे, है लेकिन एलएपी के पार्टनर्स की लायबिलिटी लिमिटेड है मेरे बच्चा लिमिटेड है कहां तक लिमिटेड है अब तू एग्रीड कॉंट्रीब्यूशन जितना उन्होंने वादा किया था कॉंट्रीब्यूशन लाने का बस उतना पैसा उन्हें लाना पड़ेगा चाहे वो फिर किसी भी फॉर्म में लाए कॉंट्रीब्यूशन उन्हें लेकर आना पड़ेगा जितना उन्होंने प्रॉमेस किया वोई बात अरे भाई एकी बात को सो बार लिखने से कुछ हो दोड़ी जाएगा बट क्या इंस्टिटूट ने कहा थोड़ा सा बड़ा लगेगा चैप्टर लिख देते हैं तो एललपी एक सिपरेट लिगल एंटिटी है एक बिजनस ओर्गनाइजेशन है जो अल्टरनेटिव कॉर्परेट बिजनस है जो लिमिटेड लाइबिल्टी के बेनिफिट्स देती है फ्लेक्सिबिल्टी देती है पार्टनर्शिप की एललपी में दोनों स्ट्रक्चर होते ह कि एक ही बात को दस बार लिखेंगे चलिए हैं नेक्स्ट टॉपिक पर चलते हैं तर नेक्स्ट टॉपिक कैपिटर नेक्स्ट टॉपिक है डेफिनेशन तारी डेफिनेशन समारे सिलेबस का पार्ट नहीं है कुछ डेफिनेशन समारे सिलेबस यह डाली गई है वह हमें मेरे बच्चा देखने है सबसे पहली जो डेफिनेशन हमारे यहां डाली गई है वह डाली गई है बॉडी कॉर्परेट की डेफिनेशन किसकी डेफिनेशन बॉडी कॉर्परेट की डेफिनेशन बॉडी कॉर्परेट में चार चीजें कवर होती है बॉडी कॉर्परेट इंक्लूड करती है चार चीजें कंपनी इन कॉर्पोरेटेड इन इंडिया कंपनी इंडिया में इन कॉर्पोरेट हुई है वह दूसरा कंपनी इन कॉर्पोरेटेड आउटसाइड इंडिया अ तीसरा एलएपी इन कॉर्पोरेटेड इन इंडिया और चौथा एलएपी इन कॉर्पोरेटेड आउटसाइड इंडिया तो बॉडी कॉर्परेट बॉडी कॉर्परेट के अंदर मेरे बच्चा, कम्पनी इंकॉर्परेटेट इन इंडिया, कम्पनी इंकॉर्परेटेट आउटसाइड इंडिया, ललपी इंकॉर्परेटेट इन इंडिया, ललपी इंकॉर्परेटेट आउटसाइड इंडिया, अब आपका सवाल आएगा, स कि पार्टनर्स बन सकता है इसका जवाब है इंडिविजुअल बन सकता है एंड बॉडी कॉर्परेट बन सकता है एंड बॉडी कॉर्परेट बन सकता है इंडिविजुअल और बॉडी कॉर्परेट बन सकते हैं मतलब यह जो चारों है यह एल पी के अंदर पार्टनर बन सकते हैं तो क्या मिस्टर एक्स एल पी में पार्टनर बन सकता है दांसर एज येस या एबीसी लिमिटेड जो कि पूने की कंपनी है क्या वह एल एल पी में पार्टनर बन सकती है दांसर इस येस नेक्स्ट उबर इंक यूएससे की कंपनी है क्या यह एल पी में पार्टनर बन सकती है येस अ एक्स वाइजड एलएलपी क्या एलएलपी में पार्टनर बन सकती है यह बाहर की एलएलपी क्या बन सकते हैं दांसर इस यह अब बट डॉज नॉट इंक्लूड बट बॉडी कॉर्परेट में तीन चीजें नहीं आएंगी तो यह तीन चीजें एलएलपी के अंदर पार्टनर नहीं बन पाएगी क्योंकि यह बॉडी कॉर्परेट पर काउंट नहीं होती कौन-कौन सी तीन चीजें तब से पहला कॉर्परेशन सॉल अ कोरपरेशन सोल तैकिन कॉर्परेटिव सोसाइटी और थाड एनीबॉडी कॉर्परेट नोटिफाइड बाइंट एंट्रल गवर्नमेंट नोटिफाइड बाइंट एंट्रल गवर्नमेंट सो बॉडी कॉर्परेट का मतलब होता है वह कंपनी जो इंडिया के अंदर बनी है एलएलपी जो इस एक्ट यानि एलएलपी 2008 के अंदर बनी है एलएलपी जो इंडिया के बाहर बनी है और कंपनी जो इंडिया के बाहर बनी है बट इट डॉस नॉट इंट्रोड पॉपरेशन सॉल कॉपरेटिव सोसाइटी और एनी अदर बॉडी कॉर्परेट जो सेंट्रल गवर्नमेंट ऑफिशल गैजेट में निकालेगी यानि यह चार लोग यहां से लेकर यहां तक कि यह एलपी में पार्टनर बन सकते हैं लेकिन यह तीन लोग एलपी में पार्टनर नहीं बन सकते हैं कि यह रखें सबको यह सब नेक्स्ट आपको डेफिनिशन दी गई है कि बिजनेस की इंपोर्टेंस बता देता हूं लॉ गया था है एलएपी एक्ट 2008 कहता है कि अगर आप एलएपी फॉर्म कर रहे हो तो सिर्फ और सिर्फ बिजनेस के लिए फॉर्म कर सकते हो यानि एलएपी जो है कैननॉट बी फॉर्म्ड कैननॉट बी फॉर्म्ड फॉर चैरी टेबल एक्टिविटीज आप चैरी टेबल एक्टिविटीज करने के लिए एल पी नहीं बना सकते हो आपको एल पी बनानी है तो सिरफ और सिरफ बिजनस करने के लिए बनानी है और यही बात तो यहां पर बिजनस की डेफिनेशन दी है बिजनस में क्या हैगा कोई भी ट्रेड कोई भी प्रोफेशन कोई भी ओक्यूपेशन कोई भी ट्रे कोई भी profession कोई भी occupation सबी को हम business में count करेंगे लेकिन exception दे दिया अगर किसी activity को central government ने अगर किसी activity को central government ने नोटिफिकेशन निकाल कर एस्क्लूड कर दिया बिजनस की डेफिनेशन में तो फिर हम उसे बिजनस नहीं मानेंगे यानि फिर उस एक्टिविटी के लिए जिसे सेंटल गवर्नमेंट ने ओफिशल गैजेटे में से बिजनस की डेफिनेशन में थे बार कर दिया है उस एक क्योंकि business नहीं माना जाएगा तो उसके लिए LLP भी नहीं खोल पाओगे उसके लिए LLP भी नहीं खोल पाओगे तो LLP बनाए जाती है business करने के लिए LLP नहीं बना सकते charitable activity के लिए business का मतलब होता है कोई भी trade, कोई भी profession, कोई भी occupation लेकिन अगर कोई activity central government notification से exclude कर देगा तो उसे business की definition में से बाहर कर दिया गया तो LLP फिर आप LLP उस activity को करने के लिए नहीं बना सकते हो क्योंकि वो business नहीं मानी जाती क्यों नहीं मानी जाती क्योंकि central government ने उसे notification से बाहर कर दिया चलिए आगे चलते हैं next designated partner की जब हम designated partner का section आएगा section number 7 वहाँ पर cover हो जाएगी entity की definition आपको पढ़ने की जरूरत नहीं है ठीक है ok sir अब आती है financial year की definition कि जो कि इंपोर्टेंट है कौन सी डेफिनेशन दोस्त फाइनेंशल यह चलिए फाइनेंशल यह कि अगर मैं बात करता हूं तो एलपी का जो फाइनेंशल यह होता है वह स्टार्ट होता है एक अप्रेल को अ और खत्म होता है 31 मार्च को जैसे एग्जांपल 1 अप्रेल 2024 से लेकर 31 मार्च 2025 1 अप्रेल 2025 से लेकर कि 31 मार्च 2000 अब इस एक अप्रेल 2026 ते लेकर 31 मार्च 2007 आज समझ गए सर बस ओके समझ गए ना हम चाहते तो एक जनवरी से 31 दिसमबर भी ले सकते थे, बट हमने 1 अपरेल से 31 मार्च का ही financial year क्यों चुना, तो उसका logic दिया हुआ है, क्योंकि income tax department ने भी अगर आप कल को जब CA इंटर में जाओगे तो आप एक एक्ट पढ़ोगे, Income Tax Act 1961, वहाँ पर आप सिखोगे कि Income Tax Department ने भी 1 अपरेल से 31 मार्च का पीरियड ही बताया हुआ है, टेक्स लगाने के लिए, इसलिए यूनिफॉर्म रखने के लिए, दो कि फाइनेंशल यह की इंपोर्टेंस क्या यूपर रहे हम लोग फाइनेंशल यह की डेफिनेशन विकॉट बेटा एलएपी को हर फाइनेंशल यह वाइस कुछ चीजें बनानी होती है जैसे कि उसके फाइनेंशल स्टेटमेंट उसकी बैलेंश इट उसका प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट उसका कैश लो स्टेटमेंट अ यह LLP को बनाना होता है तो जब LLP यह बनाना होता है मेरे बच्चा तो यह कैसे बनाती है financial year wise बनाती है हर LLP को एक statement भी बनाना होता है जिसको हम कहते है statement of accounts and solvency वो भी financial year wise बनाया जाता है इसलिए financial year की इतनी importance है ठीक है आइए पढ़ते हैं तो LLP के लिए financial year का मतलब होता है वो पीरियड जो स्टार्ट होता है एक अप्रेल से और खत्म होता है 31 मार्च ऑफ नेक्स्ट येर following का मतलब होता है next year यानि एक अप्रेल को स्टार्ट होकर 31 मार्च को खत्म हो जाता है अब आता है important point ठीक है क्या important point है वो कह रहा है कि अगर आपकी LLP तीस सेप्टेंबर के बाद बनी है माल लीजिए तीस सेप्टेंबर के बाद मतलब पंधर ओक्टूबर को बनी है अगर आपकी LLP माल लीजिए बनी है तीस सेप्टेंबर के बाद ये क्या है डेट आफ इन कॉर्पोरेशन यह क्या है डेट आफ इन कॉर्पोरेशन किस चीज़ की इन कॉर्पोरेशन की डेट है एल पी की डेट आफ इन कॉर्पोरेशन आफ एल पी तो यहाँ पर मेरे बच्चा 15 ओक्टूबर 2019 को हमारी एल पी इन कॉर्पोरेट हुई लॉ� 2020, यहां से लेकर यहां तक हमारा financial year होना चाहिए था, लेकिन उन्होंने क्या लिखा, अगर आपकी LLP incorporate होती है, अगर आपकी LLP incorporate होती है, 30 सेप्टेंबर के बाद, 30 सेप्टेंबर के बाद incorporate होती है, तो आपकी LLP का financial year end होगा, 31 मार्च को ही end होगा, लेकिन कब? 31 मार्च of the next following that year next following that year मतलब ये वाला 31 मार्च नहीं बलकि इससे अगला 31 मार्च आप लेंगे 31 मार्च 2021 तो आपका financial year 15 अक्टूबर से start होकर 31 मार्च 21 तक जाएगा और यही बात आपके example में लिखी है कि अगर LLP incorporate हुई 15 अक्टूबर 2019 को तो उसका financial year पंद्रा अक्टूबर 2019 से 31 मार्च 21 तक जाएगा तो यह पॉइंट आप याद रखना सर अगर सर हमारा इन कॉर्परेशन 30 सेप्टेंबर 2019 को होता तो क्या होता 2019 को मेरे बच्चा अगर आपका इन कॉर्परेशन 30 सेप्टेंबर 2019 को होता है तो लॉ ने सिरफ बताया है अगर 30 सेप्टेंबर के बाद होगा यहां तो आपका exact 30 सेप्टेंबर पे हो रहा है तो फिर 31 मार्च 2020 हाँ अगर यही आपका 1 सेप्टेंबर कह रहा हूं मैं 1 अक्टूबर 2019 को होता तो फिर यह चला जाता 31 मार्च कि 2021 पर क्लियर है क्या 30 सप्टेंबर तक कोई दिक्कत नहीं है लेकिन जैसे 30 सप्टेंबर के बाद इन कॉर्परेशन होगा तो फाइनेंशल यह अगले साल का चला जाएगा यह इशू सिर्फ पर्स टीवर में आता है उसके बाद नॉर्मल चलता रहेगा उसके बाद तो क्या होगा उसके बाद अगला यह एक अप्रेल 21 को स्टार्ट होगा और 31 मार्च 22 को खत्म होगा ठीक है चलिए सर हम आपकी बात को समझ गए नेक्स्ट आता है मेरे बच्चा अ पॉरन एल पी नेक्स्ट की आता है पॉरन एल पी की डेफिनेशन और एल पी की डेफिनेशन पहले हम लोग एल पी भी कवर कर लेते हैं और फिर साथ में हम लोग पॉरन एल पी भी कवर कर लेते हैं चलिए पढ़ते हैं लिमिटिड लाइबिल्टी पार्टनर्शिप की डेफिनेशन एल पी की डेफिनेशन क्या कह रही है लिमिटिड लाइबिल्टी पार्टनर्शिप का मतलब है वह पार्टनर्शिप जो फॉर्म और रजिस्टर हुई है अंडर दिस एक अंडर दिस एक मतलब एलएलपी एक्ट 2008 तो एलएलपी मीन्स एनी पार्टनर्शिप एलएलपी मीन्स एनी पार्टनर्शिप कोई भी पार्टनर्शिप जो बनी है और जो register हुई है under this act मतलब under this act को आप replace कर सकते हो under LLP act 2008 यानि अगर कोई भी LLP अगर कोई भी partnership LLP act 2008 का procedure follow करके register करी गई है तो हम उसे इस act के अंदर LLP count करते हैं next आता है foreign LLP का मतलब होता है वो LLP ऐसी LLP जो form हुई है जो incorporate हुई है outside India जो बनी तो India के बाहर है लेकिन उसने अपना place of business establish कर लिया लेकिन उसने अपना place of business establish कर लिया इंडिया में कुछ example लेंगे तम बजाएगा example number 1 example number 2 example number 3 ठीक है कि सबसे पहला एग्जांपल चंदू एलपी इन कॉर्पोरेटेड अंडर एलपी एक्ट 2008 चंदू एलपी इन कॉर्पोरेटेड अंडर एलपी एक्ट 2008 तो मेरे बच्चा यहां पर इसे क्या बोला जाएगा इसे LLP बोला जाएगा या Foreign LLP इसे बेटा LLP बोला जाएगा फिर उसके बाद Uber LLP Incorporated in USA having place of business in India कि इंडिया के बाहर बनी है पर इंडिया में प्लेस ऑफ बिजनेस है इसको क्या बोला जाएगा फॉरन एलएलपी बोला जाएगा फॉरन एलएलपी बोला जाएगा उसके बाद डीडी एलएलपी इन कॉर्पोरेटेड इन चाइना डीडी एलपी इन कॉर्परेट का हुई है चाइना में इन कॉर्परेट हुई है डीडी एलपी चाइना में इन कॉर्परेट हुई है एंड नॉट है विंग प्लेस ऑफ बसनर्स इन इंडिया लेकिन इसका इंडिया में कोई भी प्लेस ऑफ बसनर्स नहीं है इसका इंडिया के अंदर कोई भी place of business नहीं है तो अब क्या मैं इसे foreign LLP कह सकता हूँ foreign LLP होने के लिए दो condition होनी चाहिए foreign LLP होने के लिए दो condition होनी चाहिए सबसे पहला वो LLP इंडिया के बाहर incorporate होनी चाहिए और दूसरा उस LLP का इंडिया में place of business होना चाहिए ये LLP इंडिया के बाहर तो बनी है लेकिन इसका इंडिया के अंदर कोई भी place of business नहीं है तो नॉट आफ पॉर्ण एलपी हम इसे फॉर एलपी नहीं मानेंगे क्या यह पॉइंट सभी को क्लियर है तो यह दोनों चीजें हमने कवर कर ली एक लास्ट एग्जांपल आपके लिए और ले लेता हूं एग्जांपल फॉर गुरु एलपी इन कॉर्पोरेटेड इन पूने अंडर अ झाल एलएलपी एक्ट 2008 है विन प्लेस ऑफ बसनस इन सिंगापुर गुरु एलएलपी पूने में बनी है एलएलपी एक्ट 2008 के अंदर लेकिन इसका प्लेस ऑफ बसनस सिंगापुर में है कि इसे कौन सी अलपी कहा जाएगा बेटा देखो अगर कोई अलपी एक्ट 2008 के अंदर बनी है ना तो हम उसे क्या बोलेंगे सिर्फ एलपी बोलेंगे ठीक है चलिए नेक्स्ट आता है बेटा एलपी एग्रीमेंट एक्स्ट एफिरेशन किसके एलपी एग्रीमेंट मान लीजिए तीन पार्टनर है ABC और इनकी एलपी है ABC एलपी आप यह तो मानते हो ABC अलग है और ABC एलपी अलग है तो अ डेफिनेशन पढ़िये, LLP agreement means any written agreement, सबसे पहली चीज़ गया होनी चाहिए, LLP agreement हमेशा क्या होगा, written होगा बिटा, कभी भी oral नहीं होगा, किसके बीच में होगा, LLP agreement between the partners होगा, यह ऐसा written agreement जो कि partners के बीच में हुआ है, या वो, between the LLP and its partner, या वो LLP और उसके partners के बीच में हुआ, तो ऐसा agreement जो partners के बीच में हुआ है, या LLP और उसके partners के बीच में हुआ है, जिसके अंदर क्या बताई जाती है, LLP agreement के अंदर बिटा, rights and duties बताई जाती है, partners की, and in relation to that LLP, उसे हम LLP agreement कहते हैं, चलिए. है ओके सर समझ गए सर हम आपकी बात को चलिए नेक्स्ट डेफिनेशन पर चलते हैं मेरे बच्चा नेक्स्ट डेफिनेशन आती है पार्टनर की कि पार्टनर कौन होता है अगर हम बोलें कि भाईया मिस्टर एक्स एलएलपी का पार्टनर है एलएलपी का पार्टनर है तो यह पार्टनर का मतलब क्या है तो एलएलपी के पार्टनर का मतलब होता है एलएलपी के पार्टनर का मतलब होता है ऐसा पर्सन जो एलएलपी में पार्टनर जाता है वह कह रहे हैं मिस्टर एक्स को हम एलएलपी का पार्टनर कभ कहेंगे जब वह एलएलपी का पार्टनर बनेगा कैसे बनेगा एस पर LLP agreement, LLP agreement के अंदर जो भी terms and condition लिखी होगी मेरे बच्चा, LLP agreement के अंदर जो भी terms and condition लिखी होगी उसको follow करके, अगर वो person partner बन रहा है तो हम उसे LLP का partner मानेगे, ठीक है, चलिए, आगे चलते हैं, next आती है बिटा small limited liability partnership की definition, इसको मैं लिखवा के दे देता हूँ, आपको exam में बस उतना ही लिखना है, small limited liability partnership, एक तरफ मैं आपको definition लिखवा हूँगा, एक तरफ मैं आपको example solve करवाँगा, ठीक है ok sir, क्या लिखा हुआ है, small limited liability partnership small limited liability partnership means a LLP कि इस मॉल लिमिटेड लायबिल्टी पार्टनरशिप मतलब वह एलपी तक कॉंट्रीब्यूशन विच द कॉंट्रीब्यूशन विच पहला तक कॉंट्रीब्यूशन आफ विच डॉज नॉट एक्सीड रूपीज 25 लेक्स डॉप्स नॉट एक्सीड रूपीज 25 लेक्स एंड तर्न ओवर एस पर स्टेटमेंट ऑफ अकाउंट्स एंड सॉल्वेंसी तर्न ओवर आज पर स्टेटमेंट आफ अकाउंट्स एंड टॉल वेंसी ऑफ प्रिसीडिंग फाइनेंशल यह आफ प्रिसीडिंग फाइनेंशल यह डॉज नॉट एकसीड रुपीज 40 लेक्स डॉज नॉट एकसीड रुपीज 40 लेक्स बस इतना आपको याद रखना है स्माल एललपी वो एललपी होती है जिसका total contribution, partners का, सभी partners का contribution मिला कर maximum 25,00,000 और turnover maximum, पिछले साल का turnover maximum 40,00,000, अगर ये दोनों condition satisfy हो जाती हैं तो हम उसे small LLP कहते हैं, अब एक बच्चा कहेगा sir, यहाँ पर तो दो figure लिख जी हुई है, एक 25,00,000, एक 5,00,000,000 और आप हमें बस 25,00,000 ही सिखा रहे हो, मेरे बच् 25 लाख रुपे है, Central Government के पास Power है, कि वो इस 25 लाख की लिमिट को Future में बढ़ा कर 5 करोड तक ले जा सकती है, Similarly, अभी लिमिट 40 लाख रुपे है, but central government के पास power है, कि वो इस 40 लाख की turnover की limit को future में, 50 करोड रुपे तक ले जा सकती है, इसलिए हमने जो definition लिखी है, वो current limit के हिसाब से लिखी है, I hope आपका ये doubt भी clear हो गया होगा, तो example लेते हैं, मालिजिए एक LLP है, XYZ LLP, जिसमें contribution है 20 लाख, और turnover है 30 लाख, क्या हम इस LLP को small LLP कहेंगे? तो सबसे बहले, क्या ये एक LLP है? Yes. क्या इसका contribution 25 लाग तक है? Yes. क्या इसका turnover 40 लाग तक है? Yes. तो Yes, ये एक small LLP कहनाईगी. Example 2. ABC LLP, जिसका contribution पीस लाख है बट जिसका टर्न ओवर ताट लाख है जल्दी बताइए कॉंट्रीबेशन 20 लाख टर्न ओवर 60 लाख क्या मैं इसे स्मॉल एलपी कह सकता हूं बेटा 40 लाख से ज्यादा हो गया नॉट आफ स्मॉल एलएपी यह स्मॉल एलएपी नहीं कहलाएगी लियर है सबको यह सर चलिए आगे चलते यह पॉइंट हम पढ़ चुके थे सेक्शन फॉर यह कहता है कि लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनर्शिप के ऊपर सिर्फ लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनर्शिप 2008 के प्रोवीजन लगेंगे इस पर इंडियन पार्टनर्शिप 1932 के प्रोवीजन कि चीजेंगे पार्टनर्स के बारे में ठीक है फिर हम कुछ बातें सीखेंगे डेजिगनेटेड पार्टनर के बारे में ठीक है और फिर हम कुछ बातें सीखेंगे पार्टनर वर्सेस डेजिगनेटेड पार्टनर के बारे में ठीक है ओके सर समझ गए हम चल दो तो सबसे पहले हम लोग पार्टनर्स के बारे में पढ़ते हैं, आईए, पार्टनर्स के बारे में सेक्शन 5 के अंदर बताया हुआ, क्या बताया हुआ है, कि LLP के अंदर पार्टनर तो लोग बन सकते हैं, एक इंडिविजुअल और एक बॉडी कॉर्परेट, क्या बोला मैं पॉडी कॉर्परेट पार्टनर बन सकता है बॉडी कॉर्परेट अब आप जानते हो कंपनी इन कॉर्परेटेड इन इंडिया कंपनी इन कॉर्परेटेड आउटसाइड इंडिया एलपी इन कॉर्परेटेड इन इंडिया एलपी इन कॉर्परेटेड आउटसाइड इंडिया ठीक है यह बात अब आप जानते हैं ठीक है अब यहां पर मेरे बच्चा अगेन एक क्वेश्चन आ सकता है वह यह कि अगर मालनीजिए एक पार्टनर्शिप फर्म है ए बी सी एंड को पार्टनर्शिप फर्म और यह पार्टनर बनना चाहती है एक्स वाइज एड एल ए एलएपी के अंदर पार्टनर बन सकती है क्या क्योंकि ABC एंड को नॉट आप बीसी क्योंकि यह एक बॉडी कॉर्परेट नहीं है इसीलिए कैननोट बिकम पार्टनर मेरे बच्चा कैननोट बिकम पार्टनर यह पार्टनर नहीं बन सकती है ठीक है तो एक पार्टनर्शिप फर्म किसी LLP के अंदर पार्टनर नहीं बन सकते क्योंकि वो बॉडी कॉर्परेट नहीं होते क्योंकि वो सेपरेट लिगल एंटिटी नहीं होती है लेकिन अगर यहीं पर ABC LLP होता जो XYZ LLP के अंदर पार्टनर बनना चाहता ओके सर चल ये तो ये वाला पॉइंट हमारा क्लियर हो गया उसके बाद उन्होंने कहा कि कुछ इंडिविजुअल्स जो होते हैं ना वो एललपी के पार्टनर नहीं बन सकते कुछ इंडिविजुअल हमने का कौन से सबसे पहला वो इंडिविजुअल जो अन साउंड मा अंडिस्चार्ज्ड इंसॉल्वेंट यह कौन सा इंसॉल्वेंट है अंडिस्चार्ज्ड यानि वो अभी तक अपनी लायबिल्टी से डिस्चार्ज नहीं हो पाया है ऐसे पार्टनर को हम अंडिस्चार्ज्ड इंसॉल्वेंट कहेंगे यह भी पार्टनर नहीं बन सकता या और उसकी application अभी भी pending है तो तीन individuals partner नहीं बन सकते या partner थे वो तो ऐदा partner continue नहीं कर पाएंगे सबसे पहला अगर court ने किसी को unsound mind का declare कर दिया दूसरा undischarged insolvent और तीसरा अगर किसी ने insolvent declare होने के लिए application करी थी और उसकी application अभी भी pending है next आता है बिटा section number 6 जो बात करता है minimum number कितने होने चाहिए minimum number कितने होने चाहिए section 6 section 6 कहता है LLP के अंदर minimum दो पार्टनर होने चाहिए कितने पार्टनर होने चाहिए मिनिमम दो पार्टनर होने चाहिए मिनिमम मैक्सिमम पर बेटा लॉकेंदर कोई भी लिमिट नहीं है एललपी के अंदर मैक्सिमम पैमबर कितने हो सकते हैं तेर इस नो लिमिट ओन मैक्सिमम नंबर आफ पार्टनर् येस सर अब आती है बड़ी खुबसूरत बात क्या होता है माल लीजिए दो पार्टनर थे ए बी येसी चलिए तीन पार्टनर माल लेते हैं ए बी सी तीन पार्टनर थे एक जनवरी को बी और सी की क्या हो जाती है डेथ हो जाती है एक जनवरी को क्या हो जाता है मेरे बच्चा B और C की death हो जाती है but LLP में तो लिखा था minimum 2 partner होने चाहिए यहाँ पर क्या हो गया less than 2 हो गये yes or no B और C की वज़ासे less than 2 हो गये अब ये partnership आगे कैसे चलेगी क्योंकि partnership के अंदर minimum 2 लोगों की जरूरत होती है अगर minimum 2 लोग बचे ही नहीं तो partnership तो section 6 कहता है हम Mr. A को 6 महिने का time देंगे, कितने महिने का? 6 month का time देंगे, यह 6 महिने का time किसले दिया गया है? कि Mr. A इस LLP के अंदर एक नया partner ढूंड कर ले आए 6 महिने, 6 महिने के अंदर ले आया तो ठीक है, लेकिन अगर 6 महिने expire हो जाते हैं, अगर 6 महिने खतम हो जाते हैं और अभी भी partners, लेस देन टू है अभी भी पार्टनर लेस देन टू है यानि मिस्टर ए किसी नए पार्टनर को नहीं ला पाया छे महीनों के अंदर तो लॉ कह रहा है अब इस पीरियड यानि छे महीने खतम होने के बाद इस पीरियड में एललपी जितने भी कॉंट्रेक्ट करेगी उसके लि इस मिस्टर ए लाइबल होगा उसके लिए मिस्टर ए लाइबल होगा यानि यहां पर आपका भाईया कॉर्परेट वील उठ चुका है एलएलपी की एक्जिस्टेंस एक तरीके से खत्म कर दी गई है क्योंकि सीधा उस पार्टनर को क्या कर दिया गया है लाइबल कर दिया गय नंबर आफ पार्टनर्स एल पी के रिड्यूस बिलो टू दो से कम हो जाते हैं एंड एल पी धंदा करती रहती है छह महीने से ज्यादा देखो छह महीने तक कोई दिक्कत नहीं है छह महीने का टाइम इनफ होता है नया पार्टनर ढूंढने पर छह महीने से ज्यादा वाइल दा नंबर इस सो रिड्यूस जबकि दो से कमी है तो वो partner, वो person जो की अकेला partner था, यानि Mr. A, वो business कर रहा था, तो after 6 months, क्योंकि उसे पता था, उसको knowledge थी, Mr. A को knowledge थी, कि अब B or C नहीं रहे हैं, तो वो personally liable हो जाएगा LLP की obligation के लिए, यानि LLP के debts, अब Mr. A के debts बन जाएगे, लेकिन ध्यान रखना, कौन से period के लिए, incurred during that period का मतलब है, आफ्टर 6 मन यानि 6 महीने के बाद LLP जो contract करेगी उसके लिए Mr. A क्या हो जाएगा personally liable यानि एक तरह से बहिया उन्होंने कह दिये कि अब LLP partnership बची ही कहा है 6 महीने से उपर हो गया तुम्हारे पास दूसरा partner ही नहीं है और दो partner होने चाहिए इ डेजिगनेटिड पार्टनर के प्रवीधन पर सेक्षन नंबर 7 अगर मैं बात करता हूँ डेजिगनेटिड पार्टनर की आईए पढ़ते हैं सेक्षन 7 क्या कह रहा है सबसे पहला कह रहा है हर LLP में हर LLP शौल है अब अट लीस्ट हर LLP में मिनिमम तो designated partner होने चाहिए, ठीक है, हर LLP में minimum designated partner कितने होने चाहिए, minimum, तो designated partner होने चाहिए, अब एक बच्चे का doubt आएगा, मतलब दो partner अलग और दो designated partner अलग, मतलब चार लोग होने चाहिए, example लेके समझिए, माल लीजिए एक partnership है जिसमें A और B partner है, A और B कौन है, partner of LLP, तो यहाँ पर मेरे बच्चा ये दोनों ही A और B क्या बन जाएंगे designated partner भी बन जाएंगे यानि partner of LLP में से ही select किये जाते है designated partner जैसे माल लिजिए A, B और C, A, B और C तीनों partner थे LLP में तो अब इसमें से designated partner कौन बनेगा, तो यहाँ पर आपके पास option है, या तो A and B को बना दो, या तो B and C को बना दो, या A and C को बना दो, या A, B, C तीनों को बना दो, तो आपके पास option होते हैं, मेरे बच्चा option होते हैं, but minimum दो designated partner होने चाहिए, तो designated partner क्यों बनाए जाते हैं, देखो LLP act के अंदर ना, बहुत ज़ादा compliance है, बहुत सारे documents हमें ROC के साथ file करने होते हैं, बहुत सारी चीज़िया हमें follow करनी बढ़ती है, तो उस LLP ने LLP act follow किया है, या नहीं किया है इसका ध्यान कौन रखेगा designated partner रखेंगे और designated partner अगर नहीं रखेंगे तो उन पर penalty लगा दी जाएगी और इतना ही नहीं आप अगर किसी को भी designated partner बनाना चाते हो ना तो आपको उससे पहले क्या लेनी पड़ेगी उसकी return consent लेनी पड़ेगी मेरे बच्चा उसकी return consent लेनी पड़ेगी आगे चलते है section 7 की अगली line बढ़ LLP shall have at least two designated partner who are individuals, यानि LLP में designated partner हमेशा individuals होंगे, हमेशा individual होंगे, partner individual plus body corporate बन सकते हैं, partner individual plus body corporate बन सकते हैं, लेकिन designated partner सिरफ और सिरफ individual ही बन सकते हैं और जिसमें से minimum एक partner इंडिया का resident होना चाहिए इंडिया का resident का मतलब क्या है यहाँ पर इंडिया का resident का मतलब है वो person जो इंडिया के अंदर minimum 120 दिन financial year में रहा था minimum 120 दिन financial year में रहा था ठीके ok sir अभी हम इसे example में लेंगे जैसे यहाँ पर एक example दिया हुआ है example number 2 example number 2 देखिए एक LLP है जिसका नाम है helicopter LLP एक LLP है जिसका नाम है helicopter LLP helicopter LLP के अंदर 5 partners हैं मेरे बच्चा कितने partners हैं 5 partners कौन है कि ABCD e a b c d e a non-resident be known the student in on the student be known the student at the CCCCCC the resident in a student ती रेसिडेंट और इन रेसिडेंट है ठीक है अब हमें मिनिमम दो पार्टनर चाहिए मिनिमम दो डेजिनेटेड पार्टनर चाहिए सवाल याता है ऑप्शन वन क्या मैं ए और बी को सिर्फ ए और बी को डेजिनेटेड पार्टनर बना सकता हूं क्या अरे भाई तो इंडिविजुअल्स तो हो गए चलो मानता हूं ए और भी दो इंडिविजुअल्स तो हो गए लेकिन ए भी नॉन रेसिडेंट है और बीबी नॉन रेसिडेंट है तो यहाँ पर बेटा कम से कम एक resident person होना चाहिए तो आप इसे नहीं बना सकते हो आप सिरफ A और B को अगर हम A और B को designated partner बना लेंगे so it will not serve the purpose आपको एक resident person तो रखना ही पड़ेगा यानि या तो C को रखो या तो D को रखो या तो E को आपको एक तो designated partner में रखना ही पड़ेगा अब एक बड़ा प्यारा सवाल आता है तो क्या सवाल आता है अरे बता रहा हूं ना भाई बताइए सब मान लीजिए मेरे बच्चा एक एलएलपी है एक्स वाइज एड एलएलपी कि इसमें टाटा मोटर्स लिमिटेड पार्टनर है टाटा मोटर्स लिमिटेड क्या है पार्टनर है और दूसरी रिलाइंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड झाल पार्टनर है, Reliance Industries Limited क्या है? पार्टनर है, इस LLP के अंदर, अब यहाँ पर बेटा, तोनों Body Corporate पार्टनर है, अब सवाल ही आएगा, designated partner कौन बनेगा, क्योंकि partner तो body corporate बन सकते हैं, लेकिन designated partner नहीं बन सकते ना वो, अब क्या करें, तो इस problem का solution आपको दिया है, इस पैरा में, अगर किसी LLP में सारे partners body corporate है, तो क्या होगा, हम nominee of body corporate को appoint करेंगे, nominee of body corporate मतलब, Tata Motors यहाँ पर एक nominee appoint करेगी, माल लिजिये, Mr. S, और Reliance Industries यहाँ पर appoint करेगी एक nominee, Mr. Q, है और यह जो नॉमिनी है यह डेजिगनेटेड पार्टनर की तरह काम करेंगे यह डेजिगनेटेड पार्टनर की तरह काम करेंगे अच्छा एक और सवाल लेते हैं गुर्परीज सिंह और गुर्परीज समोसे वाला गुर्परीज समोसे वाला प्राइवेट लिमिटेड अ कि यह दोनों पार्टनर है एबीसी एलपी में अब सवाल आता है अब क्या होगा बेटा बहुत ही सिंपल है गुर्परीज सर बन जाएंगे डेजिगनेटेड पार्टनर एक तो गुर्परीज डेजिगनेटेड पार्टनर बन जाएंगे साथ ही साथ गुर्परीज समूसे वाला मिस्टर एक्स को अपना नॉमिनी रखेगा अ और इस nominee को क्या बना देगा, designated partner बना देगा, तो अगर किसी LLP में, जिसमें एक या एक से ज़ादा partners individual है, और body corporate, यानि individual और body corporate mix है, तो minimum दो individuals, जो partner है, उन्हें बना दो, या body corporate को nominee बना कर आपको designated partner बना पड़ेगा, designated partner बना के बनाना पड़ेगा, clear है सबको? येस और नो येस सर क्लियर है आइए अब आते हैं पार्टनर्स वर्सिस डेसिगनेटेड पार्टनर्स के डिफरेंस पर पार्टनर्स मिनिमम कितने होने चाहिए पार्टनर्स मिनिमम दो डेसिगनेटेड पार्टनर कितने होने चाहिए मिनिमम दो ये तो सेमी हो गया भाई पार्टनर के अगर मैं बात करता हूँ और बॉडी कॉर्परेट भी बन सकता है एंड बॉडी कॉर्परेट भी बन सकता है लेकिन डेजिनेटेड पार्टनर कौन बनेगा ऑनली इंडिविजुअल मैक्सिमम पार्टनर कितने हो सकते हैं बिटा मैक्सिमम नो लिमिट कोई लिमिट नहीं है डेजिनेटेड पार्टनर पर भी मैक्सिमम पर जितने पार्टनर है सभी को डेजिनेटेड पार्टनर बना दो तो यानि ultimately इस पर भी कोई limit अलग से डाली नहीं गई है। उसके बाद partner क्या काम करते हैं बिटा partner business को manage करते हैं, partner क्या करते हैं business को manage करते हैं और designated partner responsible for legal compliance for legal कि ठीक है तो नेक्स्ट टॉपिक पर चलते हैं मेरे बच्चा नेक्स्ट टॉपिक है करेक्टर स्टिक्स आफ एलपी next topic is characteristics of LLP, जिसमें से आपको कोई भी 3 या 4 exam के अंदर पूछे, सारे नहीं पूछेगा, of course, वो सारे नहीं पूछेगा, सारे तो बहुत सारे होगे न, 6 marks के लिए सारे क्यों पूछेगा, कोई भी 3-4 उठा के पूछ लेगा, ये वाला पूछ लेगा, ये वाला, तो वो हमें पार्टनरशिप एक्ट इंडियन पार्टनरशिप एक्ट एंड कंपनी जटाफ का कंपलीट हो जाना चाहिए तो अगर आप यह वाले करेक्टर स्टिक देखोगे तो आपको गया रहे हुआ चलिए ओके सर तो स्टार्ट करते हैं सबसे पहला करेक्टर स्टिक्स एक बॉडी कॉर्परेट होता है एलपी क्या होता है बॉडी कॉर्परेट यह बात हमने कहां पड़ी है यह बात बिटा दो जगह लिखी हुई है एलएलपी एक 2008 में कितनी जगह दो जगह लिखी हुई है कि एलएलपी एक बॉडी कॉर्परेट है सबसे पहली यह बात एलएलपी की डेफिनेशन एलपी में जो बॉडी कॉर्परेट की डेफिनेशन है वहां ल दूसरा section 3 LLP act के section 3 में भी लिखा हुआ है कि LLP एक body corporate है यानि ये बात LLP एक body corporate है ये बात body corporate की definition में भी लिखी हुई है और section number 3 में भी लिखी हुई है next आता है बिटा perpetual succession यानि partners के मरने से partners के insolvent होने से पार्टनर्स के चेंज होने से LLP की एक्जिस्टेंस पर कोई फरक नहीं पड़ता है, LLP चलती जाती है, यही होता है, perpetual succession, the LLP can continue its existence, LLP अपनी एक्जिस्टेंस में रहेगी, irrespective of changes in partner, partners बदलते रहेंगे, but LLP चलती रहेगी, death, पागलपन, retirement, insolvency का कोई impact नहीं होता है, LLP के existence पर कोई impact नहीं होता है, और LLP अपने नाम पर property वगैरा खरीज सकते हैं, यह तो next point में है, यहीं तक है main, ठीक है, चलिए, उसके बाद मेरे बच्चा, LLP एक separate legal entity है, यानि XYZ LLP law की नजरों में एक separate person है, और उसके partner XYZ, यह सब, ए परेट परसन है यह सब सेपरेट परसन है तो अगर एक्स वाइज एड एल पी मिस्टर एसे लोन लेती है अगर एक्स वाइज एल पी मिस्टर एसे लोन लेती है तो इस लोन के लिए ओनली एक्स वाइज एड एल पी इज लाइबल एंड नॉट एड पार्टनर लेकिन उसके पार्टनर लाइबल नहीं होंगे तो अ LLP एक separate legal entity है, LLP के सारे assets बिख जाएंगे, LLP की liability को pay करने के लिए, LLP के सारे assets बिख जाएंगे, लेकिन partners की liability limited होती है, और वो भी कितनी जितना उन्होंने वादा किया है, simple शब्दों में कहा जाए, तो LLP के creditors, एलएलपी के ही क्रेडिटर्स माने जाएंगे ना कि उसके पार्टनर्स के यानि मिस्टर एन अगर एक्स वाइज लोन दिया है तो वह सिर्फ एक्स वाइज लोन दिया है तो वह सिर्फ पढ़ा था कि नहीं पढ़ा था आजर आप गया रहे होंगे तो पढ़ा ही होगा तो हमने वहाँ पर सीखा था कि अगर ABC तीनों मिलकर ABC and Co. खेलते हैं तो इनके बीच में क्या होती है? इनके बीच में क्या होती है? मिच्चॉल एजन्सी होती है मतलब contract Mr. A करेगा contract Mr. A करेगा लेकिन liable कि एबी होगा बीबी होगा और सीबी होगा क्योंकि एडिटिंग ऑफ बी एंड सी लेकिन यह बात बेटा एलपी में एप्लाई नहीं होती है लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनर्शिप एक्ट 2008, यह बात यहाँ पर लाइबल नहीं होती है, अगर XYZ ने मिलकर XYZ LLP खोली है, और Mr. X कोई contract करता है, Mr. X कोई contract करता है, तो इस contract से, Mr. X के इस contract से LLP तो लाइबल होगी, क्योंकि LLP एक separate person है, but other partners लाइबल नहीं होंगे, पर अटर पार्टनर्स आर नॉट जगह नहीं बची क्या लाइबल ठीक है तो नो पार्टनर इज लाइबल ऑन अकाउंट ऑफ इंडिपेंडेंट और अनॉट ऑफ अगर कोई और पार्टनर कर रहा है तो बाकी के पार्टनर्स पाइंड नहीं होते हैं दस individual partners are protected from joint liability created by another partner's wrongful business decision or misconduct, अगर कोई partner गलत business decision भी ले लेता है, तो इससे बाकी partners की बात नहीं लगती है all partners, LLP के सारे partner agent होते हैं LLP के यानि अगर Mr. X contract कर रहा है उससे XYZ LLP bind हो जाएगी Mr. Y contract कर रहा है XYZ LLP bind हो जाएगी Mr. Z contract कर रहा है XYZ LLP bind हो जाएगी लेकिन बाकी partner उससे bind नहीं होने वाले हैं कि नो पार्टनर कैन बाइंड दी अधर पार्टनर कैन बाइंड अगर मैं सिंपल कहूं पार्टनर ऑफ एलएपी कैन बाइंड दी एलएपी पाइड हिस एक्स बट इक्ट नोट बाइंड कि दी आदर पार्टनर बट ही कैननोट बाइंड दी अधर पार्ट लियर है सबको यह शोर नो यह सर लियर है सब एक दो चलिए नेक्स्ट पॉइंट आता है मेरे बच्चा एल एलपी एग्रीमेंट नेक्स्ट पॉइंट कौन साता है एलपी एग्रीमेंट अभी हमने दिया था एलपी एग्रीमेंट क्या होता है अ रिटन एग्रीमेंट होता है एलपी एग्रीमेंट क्या होता है रिटन एग्रीमेंट होता है इसके बीच में एग्रीमेंट होता है यह तो बिट्वीन पार्टनर्स या बिट्वीन पार्टनर्स एंड एलपी या बिट्वीन पार्टनर्स एंड एलपी और यह जो होता है इसमें क्या बताया जाता है अ मिच्चुल राइट्स एंड ड्यूटीज बताई जाती है अच्छा अगर एल पी एग्रीमेंट किसी मैटर पर साइलेंट है अगर एग्रीमेंट किसी मैटर पर साइलेंट है तो फिर हम क्या देखेंगे पर्स्� द एलपी एक्ट प्रोवाइड फ्लेक्सिबिलिटी टू पार्टनर टू ड्राफ्ट देर एग्रीमेंट आफ पर देर चॉइस एवं देर इस नो एग्रीमेंट मतलब उस मैटर पर कुछ नहीं लिखा हुआ है तो इन राइट ट्यूटी शॉल बी डिसाइड बाई दी एलपी एक देट इस पर शेडूल से वह डिसाइड करी जाएगी नेक्स्ट आता है बेटा आर्टिफिशल लीगल पर्सन एलपी क्या है एलपी एक आर्टिफिशल आर्टिफिशल क्यों कह रहे हैं? Because इसका other than natural birth हुआ है. क्योंकि इसका natural birth नहीं हुआ है. Legal क्यों कह रहे हैं? Because it is created by legal process. Because यह legal process से create होती है. कि परसन क्यों कह रहे हैं क्योंकि इसके पास ऑलमोस्ट वह सारे राइट्स है इसके पास ऑलमोस्ट वह सारे राइट्स है तो एक इंडिविजुअल के पास हो सकते हैं जो कि इंडिविजुअल के पास हो सकते हैं मैं मानता हूं कि कुछ काम LLP नहीं कर सकती, यह से शादी नहीं कर सकती, डाइवोर्स नहीं कर सकती, ओत नहीं ले सकती, CA या मेडिसिन का प्रोफेशन प्रक्टिस नहीं कर सकती, बगखी सारे काम LLP कर सकती है, तो LLP एक artificial legal person है, because it is created by legal process and it is given all the rights of an individual. इट केंड डू एवरीथिंग विच अनैचुरल इट केंड डू ऑलमोस्ट एवरीथिंग विच अनैचुरल परसन केंड डू एक्सेप्ट फ्रॉम कॉंट्रेक्ट्स कौन-कौन से उसे जेल नहीं बेज सकते कसम नहीं खिला सकते शादी नहीं करा सकते डाइवोर्स बेटा कॉमन सील क्या होती है एलएपी का ऑफिशल सिग्नेचर होता है अ एलपी का ऑफिशियल टिगनेचर होता है कॉमन सील पर आज की तारीख में बेटा कॉमन सील ऑप्शनल है ऑप्शनल मतलब आप चाहो तो कॉमन सील रख भी सकते हो और आप चाहो तो विदाउट कॉमन सील भी without common seal भी काम चला सकते हो, ठीक है, तो क्योंकि LLP एक artificial person है, इसके हाथ और पैर नहीं होते हैं, तो ये अपने सारे काम, अपने partners, अपने designated partner, और अपने employees के थ��ँ करती है, LLP अगर चाहे तो उसके पास common seal हो सकती है, it is not mandatory for a LLP to have a common seal, common seal होना mandatory नहीं है, करा LLP ने कि हम तो common seal रखेंगे उस case में common seal किसकी custody में रहेगी किसी responsible official किसी responsible person की custody में उसे रखा जाएगा और जब भी उस common seal को किसी document पे up fix करना होगा, किसी document पे लगाना होगा, and जब भी उसे किसी document पे लगाना होगा, तो उस time पे जब वो document पे लगाई जा रही है, minimum दो designated partner वहाँ present होनी चाहिए, और उनकी आखों के सामने common seal उस document पे लगाई जानी चाहिए. Next आता है मेरे बच्चा limited liability, यह तो हम बार पढ़ चुके हैं, कि अगर LLP कोई loan लेती है, अगर LLP कोई उधार लेती है, LLP अगर धन्दा कर रही है उसके कुछ debts हो जाते हैं, तो उसके लिए only LLP is liable and not other partners, और partners के अगर liability भी है तो limited है, कितनी limited है जितना उन्होंने promise किया है contribution देने के लिए. लेकिन एक ऐसा case है मेरे बच्चा, जहाँ पर partners की liability limited से unlimited हो जाती है LLP में, और वो case होता है fraud का, जब partners LLP का इस्तमाल करके fraud करते हैं ना, तो वहाँ पर उनकी liability limited से unlimited हो जाती है, तो every partner of LLP for the purpose of business of the LLP, the agent of the LLP but not of other partners, ये तो हम भी हमने बताया था, कि भाईया हर partner LLP का तो agent है बट दूसरे partners का agent नहीं है, तो the liability of partners will be limited, partners की liability zero नहीं है, limited है, कितनी limited है, to the agreed contribution, जितना उन्होंने promise किया है, कि वो contribution लेकर आएंगे, उतना तो उन्हें देना पड़ेगा, अब वो contribution चाहे tangible form में लाए, चाहे intangible form में लाए, उससे फरक नहीं पड़ता है, उससे फरक नहीं पड़ता है, Example number 3 में बस ये बताया है कि कौन से लोग हैं जो limited liability, partnership की limited liability होने की वज़ाज़े आज की तारिक में LLP का फायदा उठा रहे हैं. Normally, Chartered Accountants, Engineers, Consultants, सभी लोग बेटा limited liability की वज़ाज़े क्या कर रहे हैं? LLP open कर रहे हैं, LLP open कर रहे हैं. Next आता है business को कौन manage करेगा? Who will manage? कि बसनस ऑफ एलबी एंड सेकंड वह इस रिस्पॉनसीबल और अ लीगल कंप्लाइंस और लीगल कंप्लाइंस ऑफ एलपी तो मेरे बच्चा कौन मैनेज करेगा कह रहे हैं ऑल पार्टनर्स इन दिया लगती यानि जितने भी एलपी के पार्टनर्स हैं वह सभी के पास राइट है कि वह एलपी का बिजनस पर प्लेज कर सकते हैं लीगल कंप्लाइंस कौन देखेगा डेजिनेटेड पार्टनर्स देखेंगे मेरे बच्चा अ कि टैजिगनेटेड पार्टनर्स देखेंगे ओके सर आगे चलते हैं नेक्स्ट आता है मिनिमम और मैक्सिमम नंबर ऑफ पार्टनर तो मेरे बच्चा मिनिमम पार्टनर कितने होने चाहिए तो मैक्सिमम कितने होने चाहिए नो लिमिट मिनिमम कि टैजिग्नेटिड पार्टनर कितने होने चाहिए दो इसमें से एट लीस्ट एक दो इंडिविजुअल्स होने चाहिए कि दो इंडिविजुअल्स होने चाहिए इसमें से एट लीस्ट एक ROI resident of India होना चाहिए resident of India होना चाहिए next क्या हम LLP को charitable purposes के लिए बना सकते हैं law कहता नहीं आप LLP को सिर्फ business करने के लिए और वो भी कौन सा business profit की intention से उसी लिए बना सकते हैं the essential requirement for forming LLP is carrying on lawful business business करो with a view to earn profit कमाने के लिए LLP कभी भी charitable या non economic purposes के लिए के लिए नहीं बनाई जा सकती है उसके लिए आप क्या बनाएंगे सेक्शन एट कंपनी बनाओ पब्लिक चेरिटेबल ट्रेस्ट बनाओ पब्लिक सोसाइटीज बनाओ वो सब बनाओ एललपी मत बनाओ उसके लिए एललपी मत बनाओ फिर कुछ आगे के पॉइंट दिये हु� Central Government को ये Power देता है, Investigate कराने की LLP के Affairs को, और Central Government किस से वो Investigate कराएगा, वो Appoint करेगा किसी Authority को, और उस Authority को बोलेगा कि तू जाओ और चेक करके आए इस LLP के अंदर क्या गडबट चल रही है. क्या mergers और amalgamation भी हो सकता है LLP का क्या एक LLP दूसरी LLP में merge हो सकती है बिल्कुल हो सकती है उसके provision भी beta LLP act के अंदर बताए गए है merger amalgamation कराने के procedure भी बताए गए है क्या हम पुरानी partnership firm को पुरानी private company को पुरानी unlisted public company को LLP में convert कर सकते है बिल्कुल कर सकते है second, third और fourth schedule को follow करके second, third और fourth schedule को follow करके अच्छा आगे जाकर आप पढ़ेंगे, जब आप CA intermediate में आएंगे, तो आप यह पढ़ेंगे कि LLP को बहुत सारे documents registrar के साथ file करने होते हैं, तो सवाल यह आता है, यह जो documents हमें registrar के साथ file करने हैं, यह physical करने है, hard copy करनी होती है, या electronically उनका PDF file करना होता है, और उसी का जवाब यहाँ प जो हमें फाइल या डिलीवर करना है LLP Act और LLP Rules में उसे आप कंप्यूटर रिडेबल फॉर्म में एलेक्ट्रॉनिकली फाइल करेंगे कौन सी वेबसाइट पर www.mca.gov.in Ministry of Corporate Affairs की website पे जाकर आप उसे online file कर सकते हैं आपको physical copy जमा कराने की जरूरत नहीं है उसके और इन documents पर क्या होगा बिटा digital signature होगा क्योंकि electronic document है तो signature भी क्या होगे electronic या digital होगे next foreign LLP already covered हो चुका है दुबारा पढ़ने की जरूरत नहीं है बस यहाँ पर एक line extra लिखी है कि foreign LLP Indian LLP में partner बन सकती है यह बात हमें body corporate की definition में ही पता चल गई थी पता चल गई थी yes or no yes sir चलिए next topic पर चलते हैं मेरे बच्चा incorporation incorporation of NLP माल लीजिये तीन लोग गोपाल लकी और वादव Mr. गोपाल कि लक्की और माधव यह तीनों लोग मेरे पास आते हैं और कहते हैं कि हम जी एल एम या आप यह मान लीजिए हम जी एल एम एल पी ओपन करना चाहते हैं जी फॉर गोपाल एल फॉर लक्की एम फॉर माधव किसके पास आते हैं तीए गुर्परीत सिंह के पास आते हैं कि यह गुरपरी सिंह के पास ठीक है कि हम जी एल एम एल पी इनकॉर्पोरेट करने वाले हैं ओके मैंने का बिल्कुल कर देंगे सब तो कह रहे कितने पैसे लोग है मैंने का देखिए भाइया आपके एलपी बना देंगे कम से कम भाईया आराम से आप से fees लेंगे, 25,000 रुपीस की, और जो ROC को fees पेवगी वो अलग है, यह हम अपनी fees बता रहे हैं, हम आपके LLP को register करने की, आपका LLP agreement draft करने की, सारी total मिला कर fees हम आपसे, 25,000 रुपीस लेंगे, 25,000 दे देंगे, इतना तो business में investment करना ही पड़ता है, नाम reserve कराते हैं, लेकिन, लेकिन उसके प्रोवीदन मॉड्यूल में आगे दिया हुए वह हम आगे डिस्कस करेंगे अभी हम सीधा जा रहे हैं कि गोपाल लक्की और मादब जो कि एलएलपी के पार्टनर्स बनने वाले हैं उन्हें रजिस्ट्रार के पास उन्हें रजिस्� incorporation document incorporation document का purpose है जब आप एक नई LLP बनाना चाते हो तो आप इस document को online file करते हो साती साथ एक statement भी file करना पड़ेगा वो statement में क्या लिखा होगा हम बताएंगे और साती साथ ROC की fees पेड़नी पड़ेगी कितनी fees होगी जितनी rules के अंदर prescribed करी गई है वो pay करनी पड़ेगी जब ये सारे documents registrar के पास online टब्मिट हो जाएंगे तो रजिस्ट्रार क्या करेगा उसके पास एक रजिस्टर होता है जिसका नाम होता है रजिस्टर ऑफ एलएलपी क्या नाम होता है रजिस्टर ऑफ एलएलपी में उस रजिस्टर के अंदर आपकी एलएलपी क्या नाम लिख लेगा आपके पार्टनर्स का नाम लिख लेगा और उस दिन से आपकी एलएलपी क्या हो जाएगी इनकॉर्परेट हो जाएगी और आपको क्या तारे बच्चे देखेंगे, Government of India MCA Certificate of Incorporation, मुझे लगता है शायद आपको clear नहीं दिख रहा होगा, बट कोई बात नहीं, ignore कर दीखेगा, LLP का identification number, जो ROC ने दिया है, फिर लिखा है, यहाँ पर हम certify कर रहे हैं, कि 3G Yoga PETA LLP, incorporate हो चुकी है under LLP Act 2008, फिर यहाँ पर date लिखी ह� ट्वन्टी एड फैब दो हजार बीच यह क्या है डेट ऑफ इनकोरपोरेशन है मेरे बच्चा एल पी की और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने इसे क्या किया है डिजिटल सिगनेचर किया है और यहाँ पर उनका रजिस्टर्ड एड्रेस लि इन कॉर्परेशन डॉक्यूमेंट क्या बोला गया अगर आप एक एल पी को इन कॉर्परेट करना चाहते हैं अगर आप एक एल पी को इन कॉर्परेट करना चाहते हैं तो सबसे पहले क्या करिएगा मिनिमम दो या दो से जादा लोग लाइएगा क्या हमारे केस में मिन जो साथ में आएंगे, क्यों साथ में आएंगे, lawful business, कोई legal, illegal business नहीं, legal business करने के लिए आएंगे, और क्या कमाना चाहते हैं, business करके profit कमाना चाहते हैं, अगर वो business कर रहे हैं, अगर वो non charitable activity कर रहे हैं, तो उसके लिए LLP नहीं खुलेगी, LLP तब खुलेगी, जब minimum दो लोग ह इन लोगों को अपना नाम subscribe करना पड़ेगा जैसे company के case में हम अपना नाम memorandum of association पर subscribe करते हैं वैसे ही LLP के case में हम कहां पर subscribe करते हैं incorporation document में करते हैं ठीक है यह जो incorporation document है यह file किया जाएगा ROC के पास along with the prescribed phase, but India के अंदर तो बहुत सारे ROC है, हमारी application, हमारा incorporation document कौन से ROC के पास जाएगा, तो बेटा उस ROC के पास जाएगा, जहां पर आपकी LLP का registered office situated होने वाला है, जिस state के अंदर, जिसकी jurisdiction में आपके LLP का registered office होगा, उसके पास जाएगा, फोर example, अगर आपका office प्रयाग राज उत्तर प्रदेश में है, तो आपकी application कहां जाएगी, कानपुर वाले registrar के पास जाएगी, अगर आपका office पूने में है, तो registrar वाले पूने में जाएगी, ठीक है, चलिए, आगे चलते हैं, incorporation document के साथ, incorporation document तो file करना ही करना है, साथ में एक statement भी file करनी पड़ेगी, इन कॉर्पोरेशन डॉक्यूमेंट के साथ आपको एक स्टेटमेंट भी फाइल करनी पड़ेगी और यह स्टेटमेंट कौन बनाएगा पड़ते हैं यह स्टेटमेंट बनाएगा या तो एडवोकेट या तो company secretary, या तो chartered accountant, या तो cost accountant, जिसे LLP बनाने के लिए appoint किया गया है, हमारे example के अंदर LLP बनाने के लिए किसे appoint किया गया था, CA Gurpreet Singh को appoint किया गया था, यानि ये statement कौन बनाएंगे, CA Gurpreet Singh बनाएंगे, उसके बाद by any one person, और इसके साथ by any one person जिसने अपना नाम incorporation document पर subscribe किया था यानि गोपाल, लकी और मादव में से गुर्परी सर तो sign करेंगे ही करेंगे साथ में गोपाल, लकी और मादव में से भी एक person इस statement पर sign करेगा सर इस statement में क्या लिखा होगा बेटा इस statement में declaration लिखी होती है कि LLP को incorporate करने के लिए LLP Act 2008 में जो requirement बताई थी और LLP rules के अंदर जो requirements बनाई थी आपने उन्हें comply कर लिया है ये point यहाँ पर लिखा है that all the requirements of LLP Act 2008 and LLP rules have been complied with आपने उन्हें follow कर लिया है तो हम क्या भेज रहे हैं partners रजिस्टरार को क्या दे रही है एक तो दे रही है इन कॉर्पोरेशन डॉक्यूमेंट दूसरा दे रही है स्टेटमेंट और तीसरा दे रहे है प्रिस्क्राइव डिफिस तीसरा क्या दे रहे है मेरे बच्चा प्रेस्क्राइब्ड फीस दे रहे हैं नेक्स्ट आपका क्वेश्चन आएगा सर यह जो इन कॉर्पोरेशन डॉक्यूमेंट जमा कराया जा रहा है यह इन कॉर्पोरेशन डॉक्यूमेंट का क्या कंटेंट होता है इसमें क्या बताते हैं तो कंटेंट ऑफ इन कॉर्पोरेशन डॉक्यूमेंट कंटेंट ऑफ इन कॉर्पोरेशन डॉक्यूमेंट सबसे पहले आप उसमें एलएपी का नाम बताते हैं जैसे हमारा नाम क्या था जीएलम एलएपी और यह नाम बेटा पहले से रजिस्टर हुआ होता है उसके बाद आप प्रपोस्ट बिजनस, LLP कौन से बिजनस के लिए खोल रही है, माल लिए ये लोग LLP खोल रहे हैं, Cotton Candy बेचने के लिए, क्या बेचने के लिए, Cotton Candy का बिजनस करने के लिए, उसके बाद, State the Registered Address Office of LLP, LLP का Registered Address का Address हमें बताना पड़ेगा, जो भी होगा, उसके बाद, नाम और एड्रेस हर पार्टनर का आपको बताना पड़ेगा आपको गोपाल का पूरा नाम गोपाल का पूरा एड्रेस माधव का पूरा नाम माधव का पूरा एड्रेस लकी का पूरा नाम लकी का पूरा एड्रेस हमें बताना होगा प्लस जो लोग designated partner बन रहे हैं उनका नाम और address भी बनाना पड़ेगा उनका नाम और address भी बताना पड़ेगा और कोई और information जो rules के अंदर prescribe करी है सर एक सवाल है सर हमने incorporation document file किया हमने statement file करी है अगर हम incorporation document में जूत बोल दे या कोई important बात को छुपा दे तो क्या होगा अगर आप पर संगीत स्टेटमेंट एस डिस्कस्ट अगर कोई पर संगीत कुछ कह रहा है तो वह जानता है कि झूठ बोल रहा है या वह उसके सच में बिलीव नहीं करता उसको पणिशमेंट मिलेगी बेटा पणिशमेंट और पता है कितनी पणिशमेंट है जेल मैक्सिमम दो साल तक की तो जेल हो जाएगी मैक्सिमम दो साल या फाइन लगा दिया जाएगा, कितना फाइन लगा दिया जाएगा, minimum 10,000 और maximum 5,000,000, 2 साल तक की जेल, 2 साल तक की जेल और फाइन लगा दिया जाएगा, सर दोनों में से कोई एक लगेगा, या दोनों लगेंगे, मेरे बच्चा यहाँ पर क्योंकि end word है, क्योंकि यहाँ पर end word एंड फाइन भी लगाया जाएगा अगर यहाँ पर वर्ड और होता एंड की जगा और होता तो दोनों में से कोई एक लगता बट क्योंकि यहाँ पर वर्ड एंड है तो यहाँ पर जेल भी बेजा जाएगा मैक्सिमम दो साल तक बेजा जा सकता है और दस हजार से लेके पाँ जान मूच के जूट बोला है या आपने जो बोला है आप उस पर यकीन नहीं करते हो तो चलिए अब सेक्शन 11 खतम हो गया हमारा सारा काम खतम हो चुका है अब चालू होता है रजिस्ट्रार का काम अब चालू होता है किसका आरो सी का काम चालू होता है रजिस्ट्रार का काम चालू होता है सेक्शन नंबर 12 के अंदर मेरे बच्चा कौन सेक्शन के अंदर सेक्शन नंबर 12 के अंदर चालू होता है जैसे ही आप सेक्शन 11 की requirement को पॉलो कर देते हो कंप्लाई कर देते हो तो रजिस्ट्रार इन कॉरपोरेशन डॉक्यूमेंट को अपने पास संभाल के रखता है और 14 दिन के अंदर कितने दिन के अंदर 14 दिन के अंदर आपकी एललपी को रजिस्टर कर देता है आपके इन कॉरपोरेशन डॉक्यूमेंट को आपको एक certificate issue करता है जिसको हम बोलते है certificate of incorporation जिसमें LLP का नाम लिखा होता है कि भाईया LLP की date of incorporation लिखी होती है और LLP का identification number लिखा होता है और ये जो certificate issue करा जाता है ना इस certificate के उपर शॉल भी सेंड यह जो certificate है इस पर registrar के sign होते है और registrar का official seal होता है और यह जो certificate of incorporation होता है यह conclusive evidence माना जाता है कि आपकी LLP incorporate हो चुकी है LLP Act 2008 के अंदर अच्छा अब यहाँ पर भी एक point लिखा हुआ है क्या लिखा हुआ है registrar अगर चाहे तो झाल एक्सेप्ट कर सकता है इस स्टेटमेंट को एज सफीशेंट एविडेंस कौन सी स्टेटमेंट की बात हो रही है अरे जो सी ए गुरप्री सिंह ने दी ना कि हमने इस एललपी को बनाने के लिए एललपी एक्ट और एललपी रूल्स को फॉलो किया है इस statement को register और evidence मान सकता है कि यार ये लोग कह रहे हैं तो इन्होंने follow किया होगा और वो इस बात को sufficient evidence मान के आपकी LLP को register कर सकता है अब जैसे ही मेरे बच्चा आपकी LLP register होती है तो section 14 कहता है LLP जिस दिन register होगी ललपी जिस दिन register होगी उस दिन मान लो आपकी GLM LLP register हो गई तो उस दिन बेटा एक body corporate का जनम हो गया है और ये body corporate अपने नाम use करके किसका नाम use करके अपना नाम use करके मेरे बच्चा क्या कर सकती है सबसे पहले तो इन एंड बिंग सूट यह एलपी दूसरे लोगों पर केस कर सकती है दूसरे लोग एलपी पर केस कर सकते हैं यह एलपी खरीद सकती है ओन कर सकती है होल्ड कर सकती है डेवलप कर सकती है किसी भी टाइप की प्रॉपर्टी अपने नाम पर होल्ड कर सकती है अपने खुद के नाम पर होल्ड कर सकती है और अगर वह चाहे यह ऑप्शनल है अगर वह चाहे तो कॉमन सील भी रख सकती है अगर वो चाहे तो common seal भी रख सकती है और last वो सारे काम कर सकती है जो एक body corporate call out है जैसे की contracts में enter करना जैसे की contracts में enter करना और चाहो तो वो common seal भी रख सकती है चाहे तो वो common seal भी रख सकती है कि यह सब नेक्स्ट आता है बेटा सेक्शन नंबर 13 एक्शन नंबर थाटी एक्शन 13 मेरे बच्चा बात करता है रजिस्टर्ड ऑफिस ऑफ एलपी के वह कहता है सेक्शन 13 कहता है कि एवरी एलपी के पास क्या होना चाहिए रजिस्टर्ड ऑफिस होना चाहिए अगर नहीं होगा तो क्या लगेगी पेनल्टी लगेगी और अगर एललपी अपना रजिस्टर्ड ऑफिस चेंज कर रही है तो उसे ये बात रजिस्टर्ड को बतानी पड़ेगी अगर रजिस्टर्ड को नहीं बताएगी तो भी क्या लगेगी पेनल्टी लगेगी रजिस्टर्ड ऑफिस का काम क्या होता है क्यों हर एलएपी को रजिस्टर्ड ऑफिस चाहिए बिकॉज बेटा अगर आरोसी को या किसी और परसन को एलएपी को कोई नोटिस कोई document भेजना है, तो वो कहां भेजेंगे, हम वो LLP के registered office पर भेजेंगे, और सिरफ भेजेंगे नहीं, law कहता है registered office पर कम से कम एक बन्दा होना चाहिए, जो कि उस notice या document को receive करे, वहाँ पर receive करे, एवरी एल पी शॉल है, शॉल मतलब mandatory है, हर एल पी के पास एक registered office होना चाहिए, जहाँ पर हम सारे communication और सारे notices भेज सके, and सिरब भेजेंगे नहीं वहाँ पर वो receive भी होने चाहिए, वहाँ पर कम से कम एक बन्दा होना चाहिए, LLP के भिहाफ़ पर जो क्या करेगा, receive करेगा, जो क्या करेगा, receive करेगा, अगर LLP चाहे, तो वो अपना registered office change कर सकती है, लेकिन अगर आप अपना registered office change करोगे, तो आपको ये बात, ये change की बात आपको registrar को बतानी पड़ेगी अगर आप उसे ये बात नहीं बताओगे तो आपका registered office change नहीं माना जाएगा और साथ ही साथ क्या लगेगी LLP के उपर contravention penalty लगेगी अगर LLP के पास registered office नहीं है या LLP का registered office change हुआ और हमने registrar को नहीं बताया तो उस case में LLP के उपर और हर partner के उपर 500 रुपे पर डे की penalty लगेगी, 500 रुपे की per day की penalty, जो कि maximum कहा तक जाएगी, 50,000 रुपे तक जाएगी, तो कोई भी document, अगर हमें LLP को भेजना है, अगर हमें LLP के partner को भेजना है, अगर हमें LLP के designated partner को भेजना है, तो वो document हम post से, रजिस्टर्ड पोस्ट से या किसी और तरीके से जो रूल्स में प्रिस्क्राइब करा है हम अगर LLP के रजिस्टर्ड ऑफिस पर भेज देंगे या अगर हम कोई ऐसे अड्रेस पर भेज देंगे जो LLP ने डिक्लेयर किया है तो हम ये मान लेंगे कि हमारा नोटिस LLP तक पह� प्रोवीजन आफ प्रोवीजन रिलेटेड टू नेम ऑफ एलपी प्रोवीजन रिलेटेड टू नेम ऑफ एलपी के नाम से रिलेटेड मेरे बच्चा प्रोवीजन की बात कहा रही है सबसे पहले वो कह रहे है कि आप जब एलपी का नाम रखते हो ना एलपी का नाम एक तो अंडिजाइरेबल नहीं होना चाहिए एलपी का नाम अंडिजाइरेबल नहीं होना चाहिए और दूसरा वो identical यानि same to same या resembling यानि मिलता जुलता closely मिलता जुलता identical या nearly resembling किसी body corporate किसी body corporate या किसी का trademark से मिलना नहीं चाहिए example लेते हैं मान लीजिए गुर्परी सर अपनी LLP का नाम रखना चाहते हैं पर रिलायंस इंडॉस्ट्रीज ए लेट पी क्या रख सकते हैं लॉ कह रहा है नॉट अलाउड रिलायंस इंडॉस्ट्रीज एलएपी लॉ कह रहा है नॉट अलाउड क्यों क्योंकि इस नाम की ऑलरेडी एक कंपनी है आप नहीं रख सकते हैं अगर गुर्पृत सर अपनी एलएपी का नाम रखना चाहते हैं पर एक्सल एलपी क्या रखना चाहते हैं सर्फ एक्सल एलपी क्या रख सकते हैं लॉ कह रहा है सर्फ एक्सल रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क है तरफ एक्सल रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क है इसका रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क है हिंदुस्तान यूनी लिवर लिमिटेड का हिंदुस्तान यूनी लिवर लिमिटेड का इसीलिए आप ये नाम नहीं रख सकते हो यही बात बोलिये कि हर एललपी के नाम के आगे या तो लिमिटेड लाइबिल्टी पार्टनर्शिप वर्ड लिखा होगा या एललपी वर्ड लिखा होगा हर एललप कोई भी LLP रजिस्टर नहीं हो सकती ऐसे नाम के साथ जो कि Central Government के Opinion में Undesirable है या identical मतलब same to same या two nearly resemble मतलब बहुत ज़्यादा मिलता जुलता है किसी और LLP के नाम से किसी और company के नाम से या किसी registered trademark किसी LLP किसी company या किसी registered trademark से अगर आपका नाम identical या मिलता जुलता है तो आप अपनी LLP का नाम नहीं रख सकते हो आप अपनी LLP का नाम वैसे नहीं रख सकते हो अच्छा अब आपके question आएगा सर मान लीजिए अगर by mistake by inadvertence गलती से अगर किसी LLP का नाम किसी दूसरी LLP या company से company के identical हो गया तो क्या होगा या अगर किसी के register trademark से identical हो गया, किसी के register trademark से identical हो गया, तो क्या होगा, तो वो कह रहे है not withstanding, परक नहीं पड़ता, सेक्शन 15 और सेक्शन 16 में क्या लिखा था? अगर इन एडवर्टेंस यानि गलती से या किसी और रीजन की वज़ा से LLP का जो नाम है, LLP रजिस्टर हो जाती है किसी आइडेंटिकल नाम से या बहुत ही मिलते जुलते नाम से जो कि मिल रहा है किसी और LLP के नाम से, जो कि मिल रहा है किसी कंपनी के नाम से या किसी का रजिस्टर ट्रेडमार्क से तो क्या होगा? आइए देखते हैं मान लीजिये आप आपनी कंपनी हमने अपनी एलएपी का नाम एक्सल एलएपी रख लिया क्या हम रख सकते थे लोग नहीं आप अपनी एलएपी का नाम एक्सल एलएपी नहीं रख सकते क्यों नहीं रख सकते हो क्योंकि यह ऑलरेडी रजिस्टर ट्रेडमार्क है रजिस्टर ट्रेडमार्क है इन दूसरा अजय को प्यूनी लीवर लिमिटेड का, तो आप ये रख नहीं सकते, पट मान लिजिए अगर किसी रीजन की वज़ासे हमें ये नाम मिल जाता है, तो क्या होगा, तो लौ कह रहा है, ये जो ओनर है, यह जो owner of trademark है इसको 3 साल के अंदर central government को application करनी है कि देखिए सर इस LLP का नाम हमारे registered trademark से मिल रहा है अब central government को अगर application 3 साल में आएगी तो ही central government action लेगी, otherwise central government action लेने वाली नहीं है, अगर 3 साल में application आ गया तो central government action लेगी, वरना action नहीं लेगी, मान लो कि 3 साल के अंदर आया तो central government क्या action लेगी, तो उस case में central government एक order पास करेगी, इसके लिए LLP के लिए, और LLP को बोलेगी देख, अपना नाम 3 महीने के अंदर change कर आप देगी एलपी को कि तीन महीने के अंदर अपना नाम क्या कर ले चेंज कर ले अब यहां पर दो कैसी दो सकते हैं या तो एलपी सेंटल गवर्नमेंट की बात मानेंगी या तो एलपी सेंटल गवर्नमेंट की बात नहीं मानेंगी बात मानेंगी और बात नहीं मानेंगी मतलब या तो वो तीन महीने के अंदर अपना नाम चेंज करेगी या तो वो तीन महीने के अंदर अपना नाम चेंज नहीं करेगी अग अगर एल पी ने डिफॉर्ट कर दिया मतलब तीन महीने के अंदर सेंटर गवर्नमेंट की बात को सुनकर भी अनसुना कर दिया और अपना नाम चेंज नहीं करा तो उस केस में सेंटर गवर्नमेंट को गुस्सा आ जाएगा Central Government खुद एक नया नाम उस LLP को Allot कर देगी, Central Government अब कहेगी अब तुम्हारा वक्त गया, अब मैं तुम्हारा नाम रखूँगी, वो नाम तुम्हारा आगे से चलेगा, और Registrar क्या करेगा, उस नए नाम को Register of LLP में लिख लेगा, Register of LLP में लिख देगा, और एक नया Certificate of Incorporation Central Government की बात मान ली, Central Government का order आया कि 3 महिने में नाम change कर लो, LLP वालों को लगा हाँ यार गलती हो गई है, अपना नाम ठीक कर लेते हैं, अगर LLP अपना नाम change कर लेती है, Central Government की बात सुनकर, तो वो 15 दिन में ठीक है, it shall within a period of 15 days, नाम change करने के 15 दिन में, वो registrar को बता देगी, कि central government के इस order की वज़ासे हमने अपना नाम change कर लिया, अब registrar क्या करेगा, registrar नया certificate of incorporation बनाएगा with new name, और नया certificate of incorporation चेंज कर देगा, issue कर देगा, लेकिन ध्यान रखना, जो application आनी चाहिए, trademark के owner से, वो 3 साल के अंदर आनी चाहिए, वो आपको ध्यान नखना है, clear है क्या, yes or no, yes sir, चलिए, एक और last point बचा था, वो आपको बता देता हूँ, देखो क्या होता है, जब Gopal, Madhav, और Lucky मेरे पास आये थे, और उन्होंने बोला कि sir, हम जी एल एम एल पी नाम की एल पी खोलना चाहते हैं तो हम सीधा इनकॉर्परेशन डॉक्यूमेंट और ये सब में नहीं लगते हैं हम सबसे पहले क्या करते हैं जी एल एम एल पी ये नाम को हम रिजर्व कराते हैं ये नाम को हम क्या करते हैं रिजर्व कराते हैं किसके पास रिजर्व कराते हैं रजिस्ट्रार के पास रिजर्व कराते हैं तीन महीने के लिए, कितने महीने के लिए? तीन महीने के लिए मेरे बच्चा ये नाम रिजर्व किया जाता है, कितने महीने के लिए? तीन महीने, मतलब? आपका जिस दिन नाम reserve हुआ उसके 3 महीने के अंदर आपको क्या करना है LLP incorporate करा लेनी है जैसे ही आप within 3 month LLP incorporate करा लोगे permanently वो नाम आपकी LLP का हो जाएगा लेकिन अगर आप 3 महीने में उसे incorporate नहीं कर बाते हो किसी reason की वज़ा से तो वो नाम बापस से unreserve हो जाएगा और कोई to the registrar for reservation of name कोई भी person registrar के पास LLP का नाम reserve करने के लिए application कर सकता है नाम दो reason की वज़ासे reserve कर जाते हैं एक अगर आप नई LLP incorporate कर रहे हो तो नई LLP का नाम दूसरा अगर आप किसी existing LLP का नाम change करवाना चाते हो the name to which a LLP proposes to change its name या तो आप नई LLP खोल रहे हो उसका नाम reserve करोगे या अगर आपकी कोई पुरानी LLP है आपको लग रहा है उसका नाम अच्छा नहीं है अब आप उसे change कराना चाते हो उसके लिए आप नाम reserve करोगे जैसे ही application receive होगी registrar को application जैसे ही registrar को receive होगी वो पहले check करेगा कि आपका नाम undesirable तो नहीं है आपका नाम किसी और LLP से तो मिलता नहीं है आपका नाम किसी और company से मिलता तो नहीं है आपका नाम किसी registered trademark से मिलता नहीं है अगर वो satisfied है कि हाँ ये ऐसा नहीं है तो फिर वो आपके नाम को reserve पूरा पीरड ऑफ थ्री बन्स फ्रॉम दी डेट ऑफ इंटीमेशन तीन महीने के लिए आपका नाम रिजर्व कर देगा लेकिन अगर आपका नाम अंडिजायरेबल है किसी और एलएलपी से मिलता जुलता है किसी कंपनी से मिलता जुलता है तो वो आपकी एप्लीकेशन को क् जो आपके syllabus में थे, अभी LLP Act 2008 खतम नहीं हुआ है, LLP Act 2008 के बाकी के provision, आपके CA intermediate में आपको पढ़ाए जाएंगे, मैं ही पढ़ाऊंगा आपको, और वहाँ पर हम लोग इसे पूरा complete करेंगे, यहाँ पर हमें कितना time लगा है, around 2 hours के करीब लगा है, वहाँ पर आप मान लीजिए हमें 10 to 12 hours के करीब लगेगा, जब हम LLP Act को, और आगे जाकर आगे के provision, यह तो same है ही, इतना तो syllabus में वहाँ भी है, यहाँ भी है, तो मज़े की बात है, आपने आज जो lecture देखा, उसमें आपका CA foundation का syllabus भी cover हो गया है, और CA intermediate का, क्योंकि यह same topic, जितनी भी बातें मैंने बताई है, CA intermediate में repeat होने वाली है, लेकिन उसके बाद हां सब कुछ डिटेल में पढ़ लो ना तुम मुझसे है ना चलो लास्ट लाइन भी बता देता हूं यह लाइन यह कह रही है अगर सेंटरल तुमने सेंटरल गवर्नमेंट की बात नहीं मानी सेंटरल गवर्नमेंट ने क्या काता नाम चेंज करो तुमने अगर तुम चाहो जो सेंटरल गवर्नमेंट ने तुम्हें नया नाम अलोट किया है ना तुम उस name को वापस से change कर सकते हो section 16 का procedure follow करके यानि registrar के पास नाम reserve कराके तुम दुबारा से central government के दिये गए नाम को change कर सकते हो जो भी तुम रखना चाहोगे ठीक है चलिए आगे let's यहाँ पर हमें दो differences पढ़ने है LLP और partnership के बीच का difference है और LLP और company के बीच difference का है क्योंकि अभी तक बस हम एकी चीज पढ़ते आये थे LLP बनी है partnership से मिलाकर company से मिलाकर दोनों से मिलाकर LLP बनी है मान लिया कि LLP में कुछ-कुछ रूप partnership का है कुछ-कुछ रूप कंपनी का है लेकिन इन दोनों में कुछ डिफरेंसिस भी तो होंगे वो डिफरेंसिस को हमें जानना है ताकि हम आगे जब हमारे पास क्लाइंट आए और बाहर कहे कि सर मुझे पार्टनर्शिप खोलनी चाहिए ललपी खोलनी चाहिए कंपनी खोलनी चाहिए तो हम उसे बता डिफरेंस बिट्वीन एल पी और पार्टनर्शिप का सबसे पहले एल पी पर कौन सा एक्ट लगता है एल पी एक्ट 2008 लगता है पार्टनर्शिप पर कौन सा एक्ट लगता है इंडियन पार्टनर्शिप एक्ट 1932 लगता है इन दोनों में से बॉडी कॉर्परेट और partnership firm body corporate नहीं है separate legal entity कौन सी है बिटा LLP law की नजरों में separate legal entity है जबकि partnership firm separate legal entity नहीं है next creation अगर हमें LLP को बनाना है तो हमें क्या करना पड़ेगा हमें legal procedure follow करना पड़ता है LLP को बनाने के लिए incorporation document फाइल करना पड़ता है statement फाइल करनी पड़ती है और fees पे करनी पड़ती है तब जाकर बनती है so it is created by a legal process को called registration under LLP act, लेकिन partnership firm तो orally भी बन सकती है, return भी बन सकती है registration कराना है, कराओ नहीं कराना so it is created by agreement between the partner, चाहे वो oral हो, चाहे वो return हो, next आता है registration किस में compulsory है, बिटा LLP में registration compulsory है जबकि partnership firm में registration compulsory नहीं है voluntary है, लेकिन अगर आपकी partnership firm registered नहीं है, तो वो third party पर case नहीं कर सकती है, but LLP हमेशा registered होती है, तो वो तो अपने नाम पर लोगों पर case कर ही सकती है next आता है बिटा perpetual succession यानि अगर partner की death हो जाती है वो पागल हो जाता है कुछ भी हो जाता है partner के साथ तो किसकी existence पर effect आता है तो मेरे बच्चा अगर partner की death पागल होना retire होना या insolvent हो जाता है तो उससे LLP पर कोई effect नहीं आता है, LLP चलती रहती है, जबकि partnership form में मेरे बच्चा, अगर partner की death, insanity, retirement या insolvent आ जाता है, तो उस case में क्या होता है, partnership की existence पर फरक पड़ता है, क्योंकि partnership में कोई भी perpetual succession नहीं होती है, जबकि LLP में perpetual succession होती है, next आता है बिटा नाम, अगर मैं नाम की बात करूँ, तो LLP के नाम के last में, या तो limited liability partnership word, या LLP word लिखना mandatory है, but ऐसी कोई guidelines partnership में नहीं है, actually मैं है, सच बताओं तो, यहां लिखी नहीं है, कि अगर आपकी partnership firm registered होती है, तो उसके bracket में registered लिखा जाता है, बट ठीक है, उसके बाद आता है liability of partners, पाट एल पी के पार्टनर्स की लाइबिलिटी मेरे बच्चा लिमिटिड होती है एक्सेप्ट इन केस ओफ फ्रॉट को छोड़ दो बाकी सारे केसीज में पार्टनर्स की लाइबिलिटी क्या होगी लिमिटिड होगी एल पी के जबकि पार्टनर्शिप फर्म में होती है उनकी लायबिल्टी क्या होती है अनलिमिटिट होती है उनके पर्सनल एसेट्स भी बिट जाते हैं उनके पर्सनल एसेट भी बिट जाते हैं नेक्स्ट आफ एमिट्रोल एजेंसी बेटा एलएंपी के केस में एवरी पार्टनर कैन बाइंड पार्टनर्शिप फर्म के केस में एवरी पार्टनर कैन बाइंड पार्टनर्शिप फर्म ऑलसो एज वेल एज अदर पर Partners also as well as other partners also designated partner. LLP के case में minimum दो designated partner होने चाहिए, जिसमें एक resident in India होना चाहिए, और दोनों individual होने चाहिए. लेकिन partnership के अंदर ऐसा designated partner का कोई भी concept नहीं है, there is no concept for such type of partners under the partnership act. Next आता है मेरे बच्चा common seal, common seal अगर मैं बात करता हूँ, तो LLP के अंदर common seal optional होती है, LLP अगर चाहे तो common seal रख भी सकती है, अगर चाहे तो नहीं भी, so common seal इसकी official signature होती है, और यह optional होती है, but partnership firm में, there is no concept of common seal under the partnership act, under the partnership act, next आता है legal compliances कौन देखता है, LLP में legal compliances कौन देखता है और traditional partnership में legal compliances कौन देखता है LLP के अंदर मेरे बच्चा जो legal compliances होते हैं ना वो designated partners देखते हैं जबकि partnership firm में क्योंकि designated partner का concept ही नहीं है इसलिए सारे partners responsible होते हैं सारे partners responsible होते हैं next मेरे बच्चा annual filing of documents LLP के अंदर जब आप आगे जाकर LLP Act 2008 पढ़ते हो तो आप धीरे पढ़ोगे कि LLP Act को हर साल एक annual statement बनानी होती है of accounts and solvency हर साल एक annual return बनाना होता है और registrar के साथ file करना होता है बट partnership firm के case में ऐसा कुछ भी नहीं है partnership firm के case में annually कोई document अलग से बनाने के लिए नहीं बोला है, next आता है बिटा, क्या foreign citizens, LLP के अंदर partner बन सकते हैं, the answer is yes, foreign exchange management act में यह बात लिखी है, उनकी regulations में यह बात लिखी है, कि बाहर के foreign citizens, LLP के अंदर partner बन सकते हैं, लेकिन foreign citizens, normal partnership के अंदर partner नहीं बन सकते हैं, उसके बाद बिटा, minor as partner, क्या minor LLP के अंदर partner बन सकता है, तो वो कह रहे है minor ना ही LLP के अंदर partner बन सकता है, और ना ही LLP के अंदर beneficiary बन सकता है, but partnership में minor जो है, वो beneficiary बन सकता है with the consent of all the existing partners. यहाँ पर हमारा difference खतम होता है LLP versus partnership का. अब लास्ट डिफरेंस आता है बच्चो इस चेप्टर का दैट इस LLP वर्सिस लिमिटेड लाइबिल्टी कंपनी कंपनी में लिमिटेड लाइबिल्टी कंपनी में और लिमिटेड लाइबिल्टी पार्टनर्शिप में क्या डिफरेंस होता है तो सबसे पहले वो ही एक्ट LLP पर लगता है LLP एक्ट 2008 और यहाँ पर टाइपिंग मिस्टेक है कंपनी कंपनी पर लगता है मेरे बच्चा, Companies Act 2013, next बात करते हैं, members और partners की, LLP में जो capital contribute करता है, उसे हम partner कहते हैं, कंपनी के अंदर जो capital contribute करता है, जो share hold करता है, उसे हम company का member कहते हैं, next, LLP का internal structure कैसे govern होता है बिटा LLP agreement से LLP का internal structure है वो LLP agreement से govern होता है जबकि company का internal structure companies act 2013 यानि it is regulated by the statute उसके बाद नाम की अगर बात करें तो बिटा LLP के नाम के last में limited liability partnership या LLP लिखना mandatory है और कंपनी के नाम के आगे प्राइवेट लिमिटेट या limited word लिखना जरूरी है, लेकिन section 8 company को वो applicable नहीं होता, उसके बाद minimum और maximum partner, LLP के अंदर minimum partner, 2 और maximum पर कोई limit नहीं है, maximum पर कोई limit नहीं है, but अगर मैं बात करता हूँ company की, अगर मैं बात करता हूँ company की, तो depend करता है आपकी कौन सी company है, अगर आपकी private company है, तो minimum 2 maximum 200 अगर आपकी public company है minimum 7 maximum no limit ठीक है और अगर आपकी 1% company है तो minimum 1 maximum 1 अच्छा LLP के अंदर partner कौन बन सकता है या तो individual या तो body corporate लेकिन company के अंदर बेटा members individual और body corporate तो बनी सकते हैं साथ में trust organization और other type of business forms भी बन सकते हैं नेक्स्ट आता है बिटा liability, अगर मैं liability की बात करता हूँ, तो partners की liability limited होती है, जितना उन्होंने contribution agree किया था, except in case of fraud, fraud चोड़ दो, fraud में unlimited हो जाती है, otherwise limited होती है, और company के case में मेरे बच्चा, कितनी, यहाँ पर भी limited होती है, कितनी limited होती है, जितना जितना shares पर amount unpaid रह गया है, बस उतनी limited होती है, next आता है बिटा, business को manage कौन करता है, business को, तो बिटा, LLP के case में business manage करते हैं, सभी partner, so the business of the, यहाँ पे company क्यों लिखा है, business of the LLP, is managed by the partners, including designated partner, कि कंपनी का बिजनेस कॉन मैनेज करते हैं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर अपॉइंटेड बाई शेयर होल्डर्स सो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर अपॉइंटेड बाई शेयर होल्डर्स बिजनेस मैनेज करते हैं ठीक है नेक्स्ट आता है बेटा मिनिमम नंबर ऑफ डायरेक्टर और मिनिमम नंबर ऑफ डेजिगनेटेड पार्टनर एलएपी में मिनिमम दो डेजिगनेटेड पार्टनर चाहिए होते हैं जबकि कि कंपनी के अंदर प्राइवेट कंपनी में मिनिमम दो डायरेक्टर और पब्लिक में मिनिमम तीन डायरेक्टर तर हमने तो पब्लिक में साथ पड़ा था अब एक दूं बच्चे पब्लिक कंपनी में मिनिमम साथ मेंबर पड़ा था तुमने अभी हम बात कर रहे हैं मिनिमम तीन डायरेक्टर तट्टे बाज लोगों तुम रटे बाज लोग हो तुम चलिए तो फाइनली मेरे बच्चा हमने यहाँ पर LLP Act 2008 लाइन बा लाइन वर्ड बा वर्ड ICI मॉड्यूल से पढ़ लिया है इसके बाहर से मॉड्यूल में आप कुछ बचा ही नहीं है आपका 100% यहां से इसी वन शॉट से क्लियर हो जाता है तो चलिए टाटा बाबाई टेक केर