न्यूटन रिंग एक्सपेरिमेंट
उद्देश्य
- सोडियम प्रकाश की तरंग दैर्ध्य (वेवलेंथ) निर्धारित करना न्यूटन रिंग विधि का उपयोग करके।
सेटअप
- सोडियम लैंप: पीले रंग का प्रकाश उत्पन्न करता है
- लेंस: प्रकाश इस लेंस से होकर गुजरता है
- हाफ सिल्वर ग्लास प्लेट: प्रकाश इस पर गिरती है और प्रतिबिंबित होती है
- प्लानो कंवेक्स लेंस: ग्लास प्लेट के ऊपर रखा होता है
- ट्रैवलिंग माइक्रोस्कोप: रिंग्स को देखने और मापने के काम आता है
- रिंग्स: गोलाकार फ्रिंज जो इंटरफेरेंस की घटना से बनते हैं
सैद्धांतिक आधार
- प्लानो कंवेक्स लेंस और ग्लास प्लेट के बीच पतली हवा की परत बनती है
- प्रकाश की किरणे ं विभिन्न सतहों से परावर्तित होती हैं और इंटरफेरेंस पैदा करती हैं
- फ्रिंज बनते हैं जहां परिस्थितियाँ पूरी होती हैं
- काले और सफेद वलय (रिंग्स) मात्रात्मक होते हैं
इंटरफेरेंस कंडीशन
- फेज डिफरेंस (Δφ)
- फ़्रिंज बने जटिल सेटअप से गोलाकार प्रतीत होते हैं
- काले और सफेद फ्रिंज का विश्लेषण किया जाता है
प्रयोग का संचालन
- रिंग्स की पहचान: एक क्रॉस वायर का इस्तेमाल
- मापन: तीसरी, पांचवीं और सातवीं फ्रिंज का व्यास (डायमीटर) मापा जाता है
- द्रव्य कोण: ऊपरी और निचली क्रॉस वायर की पोजीशन रिकॉर्ड करना
फॉर्मूला
- तरंग दैर्ध्य (λ) निकालने का सूत्र:
λ = (D_m² - D_n²) / 4(M - N)R
R
: प्लानो कंवेक्स लेंस का वक्रता त्रिज्या
M और N
: फ्रिंज की संख्या, M>N
डेटा टेबल
D_m
: पांचवीं फ्रिंज का व्यास
D_n
: तीसरी फ्रिंज का व ्यास
- रेडियस ऑफ कर्वेचर: 200 सेमी
ऑब्जर्वेशन और गणना
| रिंग संख्या | मेन स्केल रीडिंग | वर्नियर स्केल रीडिंग | कुल रीडिंग |
|--------------|---------------------|------------------------|-------------|
| तीसरी (राइट) | 4.1 | 24 | 4.124 |
| तीसरी (लेफ्ट)| 4.7 | 31 | 4.731 |
| पांचवीं (राइट) | 4.1 | 90 | 5.00 |
| पांचवीं (लेफ्ट)| 4.8 | 64 | 5.864 |
| सातवीं (राइट) | 4.1 | 51 | 4.151 |
| सातवीं (लेफ्ट)| 4.8 | 96 | 4.896 |
गणनाये
- λ (सोडियम प्रकाश का वेवलेंथ):
- वेवलेंथ का मीन वैल्यू: 5830Å (अंगस्ट्रॉम)
निष्कर्ष
- तरंग दैर्ध्य लगभग 5893 Å के करीब पाया गया
- यह अनुमानित मूल्य के साथ मेल खाता है
प्रीकॉशंस
- लेंस और ग्लास प्लेट को ठीक से साफ रखना चाहिए
- बड़े वक्रता त्रिज्या वाले लेंस का उपयोग किया जाना चाहिए
- क्रॉस वायर को सही तरीके से एलाइन करना चाहिए