कंपनी कानून - एक शॉट रिविजन
परिचय
- वीडियो का उद्देश्य: दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए कंपनी कानून की त्वरित पुनरावलोकन।
- विशेष रूप से B.Com Honors और B.Com Program के छात्रों के लिए।
कंपनी का अर्थ
- कंपनी: स्वैच्छिक व्यक्तियों का संघ जो एक सामान्य उद्देश्य को हासिल करने के लिए मिलते हैं।
- कंपनी अपने सदस्यों से अलग एक अलग कानूनी इकाई है।
- परपेचुअल सक्सेशन: कंपनी हमेशा चलती रहती है, भले ही सदस्य बदलते रहें।
- आर्टिफिशियल पर्सन: कंपनी एक कृत्रिम व्यक्ति होती है, जो अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के माध्यम से कार्य करती है।
- लिमिटेड लाइबिलिटी: सदस्यों की ज़िम्मेदारी केवल उनके शेयरों की रकम तक सीमित होती है।
कंपनी की विशेषताएँ
- कानूनी व्यक्ति: यह अपने आप में एक कानूनी इकाई है।
- परपेचुअल सक्सेशन: सदस्यों की मृत्यु से प्रभावित नहीं होती।
- कॉन्ट्रैक्ट्स: कंपनी अपने नाम पर अनुबंध कर सकती है।
कंपनियों के प्रकार
- प्राइवेट कंपनी: 50 सदस्यों तक सीमित; सार्वजनिक को शेयर आवंटित नहीं कर सकती।
- सरकारी कंपनी: 51% या उससे अधिक शेयर सरकार के पास होते हैं।
- विदेशी कंपनी: किसी अन्य देश में स्थापित।
- वन पर्सन कंपनी: पूरी शेयर पूंजी एक व्यक्ति के पास होती है।
- स्मॉल कंपनी: अधिकतम 50 लाख की शेयर पूंजी, 2 करोड़ का टर्न ओवर।
- एसोसिएट कंपनी: किसी अन्य कंपनी के साथ महत्वपूर्ण प्रभाव।
- डॉर्मेंट कंपनी: सक्रिय नहीं है।
- चैरिटेबल कंपनी: लाभ के लिए नहीं।
- अवैध संघ: जिसमें निर्धारित संख्या से अधिक सदस्य होते हैं।
कॉर्पोरेट वील का उत्थान
- यह कानूनी अवधारणा है जो सदस्यों और कंपनी के बीच के संबंध को छुपाती है।
- उत्थान के मामले:
- कराधान से बचने के लिए।
- धोखाधड़ी के मामलों में।
कंपनी की स्थापना प्रक्रिया
- प्रमोशन: विचार से लेकर व्यावसायिक शुरुआत तक।
- रजिस्ट्रेशन और इंकॉर्पोरेशन: कंपनी का नाम और कार्यालय।
- व्यापार का प्रारंभ: रजिस्ट्रार से प्रमाणपत्र मिलने के बाद।
डायरेक्टर का कार्य
- पदस्थापन: पहले निदेशक को मेमोरेंडम के आधार पर नियुक्त किया जाता है।
- महिला निदेशक: सूचीबद्ध कंपनियों के लिए अनिवार्य।
- स्वतंत्र निदेशक: प्रमोटरों से स्वतंत्र।
बैठकें
- बोर्ड बैठक: प्रति तीन माह में एक बार।
- वार्षिक सामान्य बैठक (AGM): हर वर्ष एक बार।
- विशेष सामान्य बैठक (EGM): जब तत्काल निर्णय आवश्यक हो।
शेयरों का आवंटन
- स्वेट इक्विटी शेयर: बिना नकद के लिए।
- बोनस शेयर: प्रॉफिट का हिस्सा।
- अधिकार प्रस्ताव: मौजूदा शेयरधारकों को।
ऑडिट और ऑडिटर्स
- ऑडिट: कंपनी के वित्तीय लेन-देन की जांच।
- ऑडिटर की नियुक्ति: AGM में।
कंपनी का तरलकरण
- तरलकरण: कंपनी का जीवन समाप्त होना।
- ट्रिब्यूनल द्वारा तरलकरण: अगर कंपनी नियमों का पालन नहीं करती।
यह नोट्स दिल्ली विश्वविद्यालय के B.Com Honors और B.Com Program के छात्रों के लिए कंपनी कानून पर एक त्वरित पुनरावलोकन प्रदान करते हैं।