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सात्विक रोटी बनाने की विधि

हाय इस वीडियो में हम सात्विक रोटी बनाने का तरीका सीखेंगे साधारण रोटी और सात्विक रोटी में क्या अलग है साधारण रोटी हम पूरी तरह आटे की बनाते हैं लेकिन सात्विक रोटी में हम 50 पर आटा और 50 पर सब्जी डालते हैं जैसे चुकुर पालक गाजर मेथी घिया कोई भी मौसम की सब्जी ऐसा हम क्यों करते हैं देखिए आजकल के मॉडर्न लाइफस्टाइल में जब हम ज्यादा मेहनत का काम नहीं करते पूरा टाइम बैठने करने का काम करते हैं तो आटे को भी अकेले नहीं डाइजेस्ट कर पाते लेकिन आटे में सब्जी मिलाने से रोटी हल्की हो जाती है और आसानी से डाइजेस्ट हो जाती है अगर साधारण रोटी को डाइजेस्ट होने में लगते हैं 18 घंटे तो सात्विक रोटी को लगेंगे करीब सिर्फ 9 घंटे आपके खाने का अच्छे से डाइजेस्ट होना बहुत जरूरी है जब आपका खाना पूरी तरह नहीं पचता वो अंदर पड़ा सड़ता है और बीमारी में कन्वर्ट होता है यदि आप ऐसा खाना खाएं जो जल्दी से अच्छी तरह डाइजेस्ट हो जाए तो आपको कोई बीमारी आ ही नहीं सकती तो आइए शुरू करते हैं चुकुर की चपाती से पहले चुकुर को मोटा-मोटा काट लीजिए फिर उसको इस तरीके से बारीक कद्दूकस कर लीजिए एक कप कद्दूकस किया हुआ चुकुर ले लीजिए और एक कप गेहूं का आटा दोनों को एक साथ अच्छे से मिक्स कर लें जरूरत पड़े तो उसमें थोड़ा पानी डाल ले और फिर इस तरीके से आटे को गूंद [संगीत] ले आटे को गूंद करर 15-20 मिनट के लिए एक कटोरी में डालकर ढक कर छोड़ दीजिए ऐसा करने से आपकी रोटी बहुत ज्यादा सॉफ्ट बनेगी फिर उस आटे की लोई बनाकर उसको बेल लीजिए जैसे आप सामान्य तरीके से घर पर रोटी बेलते हैं हो सकता है कि आपकी रोटी बिल्कुल गोल ना बिले क्योंकि इसमें हमने बहुत सब्जी मिलाई है फिर एक मिट्टी का तवा ले ले और रोटी को धीमी आंच पर तवे पर सेक लीजिए चाहे तो कपड़े से दबा भी सकते हैं ताकि रोटी अच्छे से फूल जाए सीधा आंच पे ना सेके वैसा करने से इसके सारे न्यूट्रिएंट सारे पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं और यह बन गई आपकी सात्विक चुकुर की रोटी इसका कलर बहुत ही सुंदर आता है सब्जी मिलाने से रोटी बहुत सॉफ्ट बनती है और टेस्ट में भी बहुत अच्छी लगती है इसी तरह आप पंपकिन यानी सीताफल की रोटी भी बना सकते हैं पहले सीताफल को मोटा-मोटा काट लीजिए और फिर मिक्सी में उसका पेस्ट बना लीजिए फिर एक कप पेस्ट और एक कप गेहूं का आटा लेकर दोनों को मिक्स करके उस आटे को गूंद लीजिए उसकी रोटी बेलकर मिट्टी के तवे पर सेक लीजिए आप देखेंगे कि जब आप सब्जी का पेस्ट बनाकर रोटी बनाएंगे तो रोटी अच्छी तरह फूलती है सीताफल की रोटी हल्की मीठी मीठी होती है इसी तरह आप पालक की रोटी भी बना सकते हैं पालक लीजिए और उसको मिक्सी में थोड़े पानी के साथ पेस्ट बना लीजिए एक कप पालक का पेस्ट और एक कप गेहूं के आटे को मिलाकर उसको मिक्स कर ले और उसका आटा गूंद ले और फिर उसकी रोटी बना ले [संगीत] [संगीत] ऐसे ही आप खीरे की रोटी भी बना सकते हैं खीरा लेकर उसको मिक्सी में पेस्ट बना लीजिए एक कप खीरा और एक कप आटे को गूंद ले और फिर आपको पता ही है क्या करना [संगीत] है ऐसे ही आप मौसम के अकॉर्डिंग अलग-अलग सब्जी की रोटी बना सकते हैं गर्मियों में आप तोरी की रोटी घिया की रोटी परवल की रोटी धनिया की रोटी चलाई की रो रोटी बना सकते हैं और सर्दियों में आप गाजर की रोटी मेथी की रोटी चुकुर की रोटी बथुए की रोटी बना सकते हैं आप देखेंगे कि रोज आपके घर में अलग-अलग फ्लेवर अलग-अलग कलर की रोटी बन रही होगी गेहूं को पंचाना मुश्किल होता है लेकिन इस तरीके से अगर आप एक रोटी खाते हैं तो आपके पेट में गेहूं सिर्फ आधी रोटी का जाता है अगर आप दो रोटी खाते हैं तो गेहूं सिर्फ एक रोटी का पेट में जाता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप डबल रोटी खाने लग जाएं जितनी पहले खाते थे उतनी ही खानी है एक और बात अगर आप एक रोटी खाते हैं तो दो कटोरी सब्जी खाइए दो रोटी खाते हैं तो चार कटोरी सब्जी खाइए यानी रोटी कम खानी है और सब्जी ज्यादा चलिए आगे बढ़ते हैं प्लीज आप इस वीडियो को एंड तक देखें क्योंकि मैं आपको इस रोटी के बारे में कुछ बहुत जरूरी बातें बताने वाली हूं और इस चैनल को जरूर सब्सक्राइब करें और नीचे दिए गए बेल बटन को दबाएं ताकि आपको हमारी न्यू वीडियोस के अपडेट मिलते रहे सात्विक रोटी बनाते समय आपको चार बातों का खास ध्यान रखना है पहली रोटी पर ऊपर से कोई घी नहीं लगाना दूसरी आटे गंते समय उसमें नमक मिर्च नहीं मिलाना तीसरी यह रोटी आपको मिट्टी के तवे प ही बनानी है जितना आपका खाना जरूरी है उतना ही जरूरी यह कि आप उस खाने को किस मटेरियल में बनाते हैं एलुमिनियम सबसे डेंजरस मटेरियल है अगर आपने आज एक नया एलुमिनियम का बर्तन लिया और उसका वजन किया फिर 3 साल बाद यूज करने के बाद फिर से उसको वजन किया तो आपको उसका वजन कम हुआ हुआ मिलेगा तो वह सारा एलुमिनियम कहां गया हमारे पेट में और हमारी फैमिली के पेट में अगर आपकी किचन में एलुमिनियम के बर्तन यूज होते हैं तो उनको अभी निकाल दीजिए सबसे बेस्ट है मिट्टी के बर्तन हमारे पूर्वज सब मिट्टी के बर्तन यूज करते थे और व एक कारण है कि वह इतनी स्वस्थ जिंदगी जीते थे आयुर्वेद हमें बताता है कि हमारा खाना धीरे-धीरे पकना चाहिए यानी हमें स्लो कुक्ड फूड खाना चाहिए हाई टेंपरेचर पे पकाने से सारे पोषक तत्व यानी न्यूट्रिएंट्स खत्म हो जाते हैं तो मिट्टी के बर्तनों प बनाया हुआ खाना धीरे-धीरे पकता है और इसीलिए खाने के पोषक तत्व खत्म नहीं होते मिट्टी के तवे पर बनाई गई रोटी का टेस्ट भी बहुत अच्छा आता है आजकल मिट्टी के तवे बहुत आसानी से मिलने लगे हैं आप इसको छोटी मिट्टी की दुका नों से खरीद सकते हैं याद रखें कि आपको नॉन कोटेड वाले तवे ही लेने हैं या फिर आपके लिए इसको इजी बनाने के लिए हमने कुछ नॉन कोटेड तवे अपनी वेबसाइट पर भी अवेलेबल किए हैं ऑर्डर करने का लिंक आपको इस youtube0 बनाते हैं तो उसको तेज आंच पर नहीं पकाना उससे तवा टूट जाता है उसको धीमी आंच पर ही रखना है दूसरी मिट्टी के बर्तनों को धोने के लिए साबुन ना इस्तेमाल करें क्योंकि वो साबुन को सोख लेता है सफाई करने के लिए उसको कपड़े से रगर कर पानी से साफ करें चौथी चोकर वाला आटा इस्तेमाल करें बिना चोकर के पैकेट में मिलने वाला आटा बिल्कुल बेकार है हमारा खाना पेड़ पौधों से आना चाहिए फैक्ट्रीज और पैकेट से नहीं पैकेट वाले आटे में चोकर यानी गेहूं की आउटर लेयर को निकाल दिया जाता है और वह चोकर ही है जिसमें अंदर के बीज को पचाने की शक्ति होती है सारे न्यूट्रिएंट्स और पोषक तत्व होते हैं मां प्रकृति ने हमें जो भी दिया है बहुत सोच समझ कर दिया है हमें उसे अपनी मर्जी से अलग नहीं करना चाहिए बिना चौकर के आटा खाना ऐसा है जैसे हमने आम तो फेंक दिया और अंदर की घुट खा ली बिना चोकर का आटा हम डाइजेस्ट नहीं कर पाते हमारी इंटेस्टाइन यानी आंतों में जाकर वो चिपक जाता है तो क्या करें अपना गेहूं खुद खरीदें और उसको किसी चक्की से पिसवा एं या फिर आजकल घर पर रखने के लिए आटा पीसने वाली छोटी मशीनस भी मिलने लगी हैं याद रखें रोटी बनाने से पहले आटे को छानना नहीं है वो फिर चोकर को अलग कर देता है तो आई होप कि आप यह सात्विक रोटी बनाना शुरू करेंगे अगली वीडियो में हम सब्जी को सात्विक तरीके से बनाना सीखेंगे ऐसी और हीलिंग रेसिपीज के लिए सात्विक फूड बुक को ऑनलाइन ऑर्डर करें इस बुक में बताया गया है कि आप कैसे किसी भी बीमारी को सिर्फ अपना खाना बदलकर बिना दवाई से जड़ से खत्म कर सकते हैं इसमें करीब 50 हीलिंग रेसिपीज दी गए हैं इसमें जो प्रिंसिपल्स हैं वह हमारे पुराने शास्त्रों पर आधारित है और जो रेसिपीज हैं वह आजकल के मॉडर्न लाइफस्टाइल को ध्यान में रखते हुए बनाए हैं अगर आप किसी पर्टिकुलर रेसिपी का सात्विक वर्जन बनाना सीखना चाहते हैं तो हमें नीचे कमेंट्स में बताएं इस चैनल को जरूर सब्सक्राइब करें और बेल बटन को दबाएं ताकि आपको हमारी फ्यूचर वीडियोस के अपडेट्स मिलते रहे अभी के लिए इतना ही हम वापस फिर मिलेंगे