ओम्नमेश्योए सभी बगतों को जय श्रीराम अभी कुछ समय पहले मैंने एक साधना बताई थी गुलाबो देवी की साधना बहुत सारी साधकों ने गुलाबो देवी की साधना की और सफलता भी प्राप्त की उस साधना में मैंने जो मंत्र बताया था वो बीज मंत्र बताया था आज मैं पुने उस साधना को विस्तार पुरो बता रहा हूँ कि जिन साधकों की वैसाधना सफल नहीं हो पाई है वो इस इस तरीके से उनकी साधना 101% सफल हो जाएगी पहले मैंने साधना में बीज मंतर बताया था या गुलाबो आ गुलाबो या गुलाबो आ गुलाबो अब मैं आपको विस्तार से उसका संपूर्ण मंतर और संपूर्ण विधान बता दे रहा हूँ मुझे ये देखकर बहुत अच्छा लगा बहुत सारे साधकों की कमेंट्स आई कुछ लेकिन उसमें से कुछ साधक ऐसे हैं जिनको सफलता नहीं प्राप्त हो पाई तो जिनको नहीं हो पाई वो इस तरीके से साधना को करें आपको सफलता अविश्य प्राप्त हो जाएगी सरपर्तम आप यह जान लीजिए कि साधना से आपको क्या-क्या लाब होता है और इस साधना से क्या-क्या आपको फायदे होते हैं यह साधना गुलाबो देवी की साधना है और इस साधना को साधक इस देवी को साधक माता के रूप में भी इसको सिद्ध कर सकता है अपनी प्रेमिका के रूप में सिद्ध कर सकता है, अपनी मेहन के रूप में सिद्ध कर सकता है, लेकिन मैं आपको एक बात कहूँगा, कि साधना को ज़्यादातर आप अपनी माथा के रूप में करें, बुलावो देवी को, परन्तु कोई यदि प्रेमिका के रूप में भी क कि आपको इससे कोई अनिष्ट रहे होगा ऐसा नहीं होगा कि आपको किसी प्रकार की कोई समस्या यह कोई प्रॉब्लम आ जाएगा अन्य परियों की साधना करने में समस्या आती है बहुत बड़ी वह यह आती है कि जब हम किसी परियों की साधना करते हैं कि बहुत नहीं किया किसी को चुड़ेल की साधना करते हैं तो उन साधनाओं में सफलता प्राथ होने के बाद सब्सक्राइब कर देते हैं उसको मार देती है ताकि वह साधक केवल और केवल उस अ जिसकी हमने साधना किये उसी का बनकर रह जाए लेकिन इस साधना में ऐसा नहीं है ऐसा बिलकुल भी नहीं है गुलाबो दिवी की साधना में ऐसा बिलकुल भी नहीं है आप गरस्त में हैं या नहीं हैं इससे उनको कोई फरक नहीं पड़ता इसका कारिया है सिरिप और सिरिप साधक का साध देना सिरिप और सिरिप साधक के साथ रहकर उसके साथ रहकर उसकी जो भी चाहे उसकी पूर्टी करना क्योंकि गुलाबो दिवी जब जब भी साधक के साथ रहकर उतना ही वैं अपनी योनि से उपर उठती चली जाती है। बुलावो दिवी अपने आप में एक बड़ी पावरफुल सक्ति है, बड़ी पावरफुल साधना है। इस साधना को करने के लिए आपको सुकरवार की दिन की आपको आशकता पड़ेगी। इस साधना से आप दूसरे के विशे में एक मिनट में आपको बता देती है कि दूसरे को क्या समझ है, क्या प्रोबलम है, क्या दिक्कत है� कि पहले ही आपके बिना दूसरे के पूछे सब कुछ आपको बताते कि साथ ही आपको धन क्या हो सकता तो आपको धन भी लाकर देगी और यदि आपसे प्रेमियका के रूप में आप इसको साधन है तो यह प्रेमियका के रूप की तरह ही रहकर आपके सभी कार्य भी सफल करती है चाहिए अच्छे-बुरे कैसे भी सभी कार्य सफल करती है इसको इस तरह भी कर सकती है अपनी माता या बहन या फ्रेंड के रूप में आप लड़किया भी इस साधना को कर सकते हैं यह साधना सुक्करवार के दिन की जाती है किसी भी मैने के सुक्करवार को साधना को की जाता है लेकिन इस साधना के कुछ नियम है कुछ तरीके हैं वह क्या क्या है आई जानते हैं इस निर्जन अस्थान आप देख लीजिए एकांत अस्थान आपको इसके लिए चाहिएगा यह साधना आप रात्री में रात्री 11 बजे से प्राते तीन बजे के बीच में साधना को कर लेना चाहिए इस साधना में सिर्फ और सिर्फ 30 मिनट यानि कि आधे गंटे का समय लगता है सिर्फ और सिर्फ आधे गंटे की यह साधना है सिर्फ और सिर्फ आधे गंटे की आधे गंटे से उपर बिल्कुल नहीं गएगा आधे एकांत कमरा आपको चैन चाहिएगा उसमें आपने आसन लगाना है गुलाबी वस्तर का गुलाबी वस्तर का आसन आपने लेना उसके ऊपर आपने बैठना है गुलाबी आपने वस्तर पैनने है साफ स्वच्च वक्र आप बैठ जाएगे आपका मुक रहेगा पूरब के ओर भवान शिव को सीविलिंग के ऊपर आपने इस मालक को सुद्ध गंगा जल से स्नान करा कर भवान शिव को पैना करा उसको निकाल कर लेकर आ जाए बस आपकी माला जाप करने योग्य हो जाती है अन्यता मंत्रों की प्रकार से किस प्रकार जाधरत की जाती है मैंने पहले ही वीडियो बनाई भी है आप देख सकते हैं कि मंत्रों से किस प्रकार हम माला को सिद्ध कर सकते हैं उस तरीके से आप सि गुलाबी वस्तर आपने बेचा देना है, उसके पर गुलाब की कुछ पकड़ी आपने रख देनी है, एक सुन्दर अफसरा का फोटो आपने उसके पर लगाना है, उसके सामने आपने एक मिट्टी का मटका, मिट्टी का मटका होता है, मिट्टी का मटका आपने रखना है, उ दो गुलाब के पुष्प आपने रखने हैं, सारती दो गुलाब जामन खाने वाले गुलाब जामन आपने उसके अंदर रखने हैं, और गुलाब का इत्र मही सारे पूरे कमरे में आपने पूजास्थान पर, सारे कमरे में और अपने वस्तरों के पर छिड़क दे रहा है, क� सर पर्थम आप धरती माता को परनाम करेंगे धरती माता को परनाम करेंगे उसके बाद आप अपने आसन को परनाम करेंगे उसके बाद अपने गुरू को नमन करेंगे जो आपके गुरू है उनको परनाम करेंगे गुरू नहीं है अपने इष्ट देव को परनाम करेंगे उसक बहुत छोटा मंत्र है, 31 माला जाप करने में आपकी 20-25 मिनट आपकी लगेंगे, सिर्फ ज़्यादा नहीं आपकी 20-25 मिनट का आपको टाइम देना है, 20-25 मिनट आपकी लगेंगे, आपने 31 माला पूरी हो गई, अब आपने गुलाब देव को परनाम करना है, और वह जो जल क जो गुलाब जमन जो दो गुलाब जमन आपने मिठाई आपने भव में लगाई है उसमें से एक गुलाब जमन उठाना है और कहना है कि गुलाबों देवी मैंने अपने इस्था का भव प्रसाद खा लिया है आपके इस्था का मैंने रख दिया है एक गुलाब जमन आपने उसमें से खा लेना है दोनों गुलाब के फूश आपको लेने है एक गुलाब जमन आपको लेना है पलस आपने पानी का बटका देपक आपने लेकर नेरजलन स्थान पर जाना है खाली स्थान पर कई पर भी देपक निचे रख दे दोनों पुष्प वहीं पर रख देना है, एक गुलाब जमन वहीं पर रखकर आपने घर आ जा रहा है, यह इस तरीके से एक दिन की साधना है, इसी परकार आपकी यह कंटिन्यू 31 दिन चलेगी, लेकिन जैसे ही आपके 15 दिन आपके गुजर जाएंगे, कंटिन्यू नियम के तो इस तरीके से आप निष्चित होकर बिल्कुल सांध भाव से आप साधना को करते रहें। आपके साथ छेड़कानी भी की जाएगी, आपके गुपतांगों को छेड़ा जाएगा, आप बिल्कुल भी उत्तेजना में ना आए। बस आपको ध्यान रखना, कि जिस समय, गुलाबो देवी आकर आप से कहे कि आप जिस दिये भी मुझे बुकार रहे हैं मैं आपका कार्य करने को तयार हूँ आप मेरा भूग परसाद मुझे दे दीजे उस समय आपने गुलाबो देवी से तीन वचन बोलने हैं कि आप मुझे और मेरे परिवार को कभी कोई कंश्ट नहीं पहुंचाओगे तीन वचन आप गुलावे देशे ले ले और उनसे दोनों जो गुलाव हैं उनके पास हाथ रखकर पलच जो गुलाव जाओ ना उनके पास हाथ रखकर कि वह गुलाब जामन हो सकता है आपको ना मिले वहां पर गुलाब देवी ने को खा चुकी होगी अगर यह नहीं भी खाई होगी तो महारा खेंगे तो भी कोई आप पत्ती ना समझे बहुत सारे सदस्य समझते हैं कि वह गुलाब जामन नहीं हो गए तो सब कुछ आपका सफल हो गया सुबह आप उठना है और वह समान जिस पर कारण आप हर रोज रात्री में बार कराते दें उसी पर का रात सुबह के समय आपने रख कराना है शिरीफ उसी दिन आपको सुमय के समय रखा रहा है जिस दिन आपके बचन होगे अन्यता रात्री में ही रखा रहा है शिरीफ उस दिन आपको सुमय के समय रखा रहा है जिस दिन आपके बचन होगे तो इस तरीके से आपको यह साधना करनी है मंतर है ओम एम ह्रिम गुलाबो परी आगच्छ आगच्छ फट स्वाहा ओम एम ह्रिम गुलाबो परी आगच्छ आगच्छ फट स्वाहा ये मंत्र है इस मंत्र का आपनी जाप करना है आपको शफलता अविश्य प्राप्त होगी लेकिन इन 31 दिनों में आपको पून ब्रह्मचारे का पालन नखना होगा सात्रिक भोजन करना होगा और रात्री के साम के समय आप हलका बल्कुल हलका ना की बराबर या भोजन लें यानि कि बहुत ही अलपहार भोजन करें सात्रिक जिवन रहते वे और बिल्कुल ब्रह्मचारे का पालन करते वे आपको इस साधना को करना है और इस साधना के द्वारा आपको बस एक ही साधना आपको परियाबत है अन्य किसी साधना की आवसकता नहीं ये एक ही साधना आपको बड़े से बड़े कारी आपके सफल कर देगी स