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एग्रीगेट डिमांड और इसकी अवधारणाएँ
Sep 4, 2024
एग्रीगेट डिमांड और संबंधित अवधारणाएँ
एक शॉट रिवीजन
एग्रीगेट डिमांड का अध्ययन करेंगे और विभिन्न संबंधित अवधारणाओं को समझेंगे।
रिवीजन का मतलब है पहले से पढ़ी गई सामग्री की समीक्षा करना।
एग्रीगेट डिमांड क्या है?
एग्रीगेट डिमांड
: अर्थव्यवस्था के सभी उपभोक्ताओं द्वारा मांगी गई सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य।
यह एक देश का कुल मांग है, जिसमें व्यक्तिगत मांगों को जोड़ा जाता है।
एग्रीगेट डिमांड के घटक
प्राइवेट कंजम्प्शन एक्सपेंडीचर (C)
: घरों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं पर खर्च।
इन्वेस्टमेंट एक्सपेंडीचर (I)
: निजी कंपनियों द्वारा पूंजीगत वस्तुओं पर खर्च।
सरकारी खर्च (G)
: सरकार द्वारा वस्तुओं और सेवाओं पर खर्च।
नेट एक्सपोर्ट्स (NX)
: निर्यात - आयात।
एग्रीगेट डिमांड का समीकरण
AD = C + I + G + NX
एग्रीगेट डिमांड और एग्रीगेट सप्लाई
एग्रीगेट सप्लाई (AS) उन सभी वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य है जो उत्पादक आपूर्ति करने को तैयार हैं।
एग्रीगेट डिमांड का औसत उपभोग (Average Propensity to Consume - APC)
APC = कुल उपभोग / कुल आय
APC 1 से अधिक होने पर, उपभोग आय से अधिक है।
एग्रीगेट सप्लाई का औसत बचत (Average Propensity to Save - APS)
APS = कुल बचत / कुल आय
APS 0 से कम हो सकता है, जब व्यक्ति अपने पिछले बचत का उपयोग कर रहा हो।
अंतर्विरोधी और स्वैच्छिक बेरोजगारी
स्वैच्छिक बेरोजगारी
: व्यक्ति काम नहीं करना चाहता, भले ही उसके पास काम करने का अवसर हो।
अवांछित बेरोजगारी
: व्यक्ति काम करने के लिए इच्छुक है लेकिन उसे काम नहीं मिल रहा है।
निष्कर्ष
एग्रीगेट डिमांड और एग्रीगेट सप्लाई का आपस में गहरा संबंध है।
विभिन्न प्रकार की बेरोजगारी की समझ आवश्यक है।
आर्थिक स्थितियों का अध्ययन करते समय सभी पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए।
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