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एग्रीगेट डिमांड और इसकी अवधारणाएँ

हेलो हेलो एवरीवन दिस इस अक्षिव श्विष्णवि विलकम टू मैंग्नेट प्रींट्स सो स्टूडेंस वह पढ़ने वाले अब हम लोग अपनी पर सिविन है वाटिस एग्रीगेट डिमांड आंड रिलेटिट कंसिप्ट उसका वन सॉट रिवीजन देखने वाल कि हम एक ही वीडियो में जो पूरा चाप्तर है उसे क्या करेंगे कंप्लीट करेंगे आई होप सो स्टूडेंट कि आप लोगों ने जो डिटेल्ड डिस्कस्शन है वह ऑलरेडी कंप्लीट कर लिया डिटेल्ड एक्स्प्लीनेशन जो है वह आप विकॉस स्टूडेंट देखिए कि मैंने भी क्या बोला था वन शॉट रिवीजन रिवीजन यहां पर टर्म आया है तो हम किसी भी इसको रिवाइज कब करते हैं हम तभी जब भी रिवाइज करते हैं जब हमने वह पढ़ लिए राइट जब हम एक बार सब कुछ पढ़ चुके हैं उसके बाद में जब हम एक रिकाप लेते हैं ताकि एक-एक चीज जो है वह हमारे माइंड में अच्छे से फिट हो जाए उसे हम बोलता है रिवीशन एंड आई होप सो कि आप लोगों ने वह जो डिटेल्ड डिस्कशन आज वह डिटेल्ड एक्सप्ल और वह जरूरी इसलिए है students because आपकी जो वीडियो होगा इसमें हो सकता है कि मैं किसी particular point पर या किसी particular topic में detail में ना जाओं, आपको लग सकता है कि ma'am आपको इस particular topic में detail में जाना था, right, आपको लग सकता है किसी next person को लगेगा कि नहीं इतना sufficient था, तो वो तो differ करता है students अपने परिवेट होना चाहिए ओके क्योंकि अगर आपको सब कुछ अच्छे से पता होगा अगर आप लोगों ने सब कुछ जो ऐसे से पढ़ लिया होगा एक पूरा इलाबरेटेड मेथोड में या मैनर में जो है वह पढ़ लिया होगा तो आपको जो फर्थ प्रॉब्लम्स नहीं आएंगी इसीलिए आपका डिटेल्ड एक्स्प्लीनेशन कंप्लीट करना जरूरी है और यह वीडियो topic को जो है एक एक वीडियो में cover किया है तो आप लोगों को कोई भी problem नहीं होने वाली है किसी भी चीज को समझने में यहाँ पर हम लोग क्या देख रहे है one shot revision that means कि एक ही वीडियो में जो आपका पूरा chapter है वो हम क्या करेंगे complete करेंगे बस एक चीज का ध्यान रखना कि यह जो वन शॉट रिवीजन है स्टूडिंग्स यह है आपकी जो रिफरेंस बुक है संदीप गर्ग उसके अकॉर्डिंग एंची आटी के जो चाप्टर्स है या जो आपका जो फ्रंट इंडेक्स होता है उसके अकॉर्डिंग अपना कंप्लीशन नहीं कर रहे हैं हम कंप्लीशन किसके अकॉर्डिंग कर रहे हैं यह वन शॉट रिवीजन का अकॉर्डिंग टू या रिफरेंस बुक संदीप करके त कंसेप्ट है एक बार उन्हें फिर से रिवाइज कर लेते हैं ओके तो सबसे पहले आता है हमारे पास में ओवरव्यू ओवरव्यू में हम लोग क्या देखेंगे ओवरव्यू में हम लोग देखेंगे कि इस चाप्टर में हम लोग कौन-कौन से टॉपिक्स पढ़ने चलने हैं तो कुछ यह आपके टॉपिक्स हो गए अब जैसे कि चाप्टर का नेम है एग्रीगेट डिमांड एंड रिलेटेड कंसिप्ट तो सेम गोस्ट टू दी टॉपिक जब एग्रीगेट डिमांड आया तो सबसे पहले तो हमें एग्रीगेट डिमांड अ demand का मतलब पता होना भी जरूरी है रही तो सबसे पहले हम देखेंगे कि एग्रिगेट डिमांड क्या होती है फिर आते हैं आपके कंपनेंट ऑफ एग्रिगेट डिमांड कंपनेंट मतलब कि क्या कि एग्रिगेट डिमांड किन-किन चीजों से किन-किन एलिमेंट से बनती है ओके फिर आता है एग्रिगेट डिमांड इन टू सिक्टर मॉडल फिर आती है एग्रिगेट सप्लाई अब जैसे कि हम लोगों ने अपनी माइक्रो इकनॉमिक्स में पढ़ाए डिमांड एंड सप्लाई सेम गोस्ट या और मैक्रो एकोनॉमिक्स जिसमें हम क्या पढ़ने एग्रीगेट डिमांड एंड एग्रीगेट सप्लाई अब चुड़ेंस हम लोगों ने माइक्रो और मैक्रो के बीच का डिफरेंस भी पढ़ा है माइक्रो एकोनॉमिक्स में हम क्या पढ़ते हैं इंडिवीजुअल यूनिट्स को और मैक्रो एकोनॉमिक्स में हम यह पढ़ते हैं एग्रीगेट यूनिट्स को एग्रीगेट मतलब कि एग्रीगेट का मतलब होता है कि ऑन एन होल सारी चीजों को अपनी जो भी स्टडी है उसमें इनक्लूड करना वह होता है एग्रीगेट एक individual person की जो demand है वो आएगी आपके micro economics में right और वही इस पूरी country की जो demand होगी वो क्या हो जाएगी वो हो जाएगी आपकी aggregate demand ठीक है तो ये छोटे छोटे concepts आप लोगों को पता भी होना चाहिए और आप लोगों को distinguish करते भी आना चाहिए कि कौन सी चीज micro economics का part है कौन सी चीज पढ़ते हो इंडियन इकानॉमिक जेवलपमेंट स्टाटिस्टिक्स फॉर इकानॉमिक्स माइ अगर हम बात करें इंडियन इकानॉमिक डेविलाप्मेंट और स्टाटिस्टिक्स की तो वो तोड़े से हो जाते हैं डिफरेंट राइट उनसे ऐसा कुछ हम डिस्टिंग्वेश हम लोग यहाँ पर नहीं देखते कि अच्छा ये चीज माइक्रो के अंदर आरी है मैक्रो क होता है कि क्या-क्या है ठीक है लेकिन माइक्रो एंड मैक्रो में जो डिस्टिंग्विश है वह आपको पता होना चाहिए ओके फिर आपने एग्रिगेट सप्लाय एंड नेशनल इनकम हम लोग अपने प्रीवेस चैप्टर में पढ़ सुके प्रीवेस वी बढ़ चुके हमने इसका भी वन शॉट रोवीजन देखा था यह सब कुछ आपको प्लेलिस्ट में मिलेगा अगर आपने नहीं देखे हैं तो ठीक है तो अब ने प्रशिकल इनकम और एग्रीएट सप्लाई का क्या रिलेशनशिप है वह हम समझेंगे फिर आता है कंजम्शन फंक्शन ठीक है क्या होता है वह देखेंगे जैसे कि कंजम्शन फंक्शन कंज्यूम करने का कुछ फंक्शन है तो वह क्या है वह हम समझेंगे टाइप्स आफ प्रोपेंसिटी टू पंसीव सेविंग फंक्शन टाइप्स आफ प्रोपेंसिटी टू सेव फिर आता है इन्वेस्टमेंट फंक्शन and then comes equilibrium level और इसमें एक और topic है जो यहाँ पर add करना मैं बूल गई और वो क्या है वो है आपका investment multiplier ठीक है ये particular जो topic है वो भी हम इसी chapter में पढ़ने वाले है ओके तो I hope so कि इतनी चीज़े तो आप लोगो clear है अब चलते हैं अपने first topic की तरफ that is aggregate demand अब aggregate demand जैसे कि मैंने अभी आप लोगो समझा है या यही था एकदम short में कि ग्रीगेट डिमांड क्या हो गई पूरी जो कंट्री के डिमांड है वह हो गई एग्रीगेट डिमांड राइट एक इंडिवीजुअल डिमांड क्या होती है स्टूडेंट इन्डिवीजुअल डिमांड होती है कि एक परसन जो है वह किन गुड्ड को खरीदना चाहता है विलिंग एबिलिटी राइट खरीदना चाहता है उसके साथ साथ में एबल है तो वह जो है वह फिर आपका क्या है जो कि कंजूमर्स डिमांड करते हैं लेकिन aggregate demand क्या हो जाएगी यह individual demand को यह जो सारी different individual demand सबको हम add करेंगे सबको हम एक साथ में लेंगे तो वह बनेगी आपकी aggregate demand राइट सो aggregate demand क्या हो गया aggregate demand हो गया all the goods and services that are demanded by all the consumers of an economic ठीक है या फिर हम बोल देंगे सारे sectors जो है यह जो आपके कंजूमर्स ने डिफरेंट डिफरेंट सेक्टर्स में होते हैं सेक्टर्स कौन-कौन से है आई होप आप लोगों को पता है जब हम लोगों ने स्टूडेंट सर्कुलर फ्लॉव इनकम्स हमारा चाप्टर था वह पढ़ा नेशनल इनकम पढ़ा तो इन में आपको पताया था कि डिफरेंट सेक्टर्स ऑफ इकनॉमिक यह होता है रही कौन-कौन से होते हैं हाउसओल सेक्टर फर्म्स गवर्नमेंट एंड फॉरेंड सेक्टर रही हाउसओल सेक्टर मतलब कि जो हम कंजूमर्स हैं वह फॉर्म जो कि प्रोड्यूस होती है गुड़ ठीक है वह होती है फॉर्म फॉर्म भी कंसम्शन करेंगी बिल्कुल करेंगी देखो फर्म्स को जो है रॉ मटेरियल्स पहले पर्चेस करने पड़ते हैं वो या रॉ मटेरियल्स को कंजीउम करना पड़ता है उसी के बाद में वो इन रॉ मटेरियल्स को कनवर्ट करती है इंटू फिनिज्ड गुड्स ठीक है तो इसलिए फर्म्स भी इसका यूज करके वो जो है वह जनरल पब्लिक के यूज में यूज करना ओके आई फॉरेंड सेक्टर दाट इस यह जो हम इंपोर्ट एक्सपोर्ट करते हैं जब हम सॉरी जब हम बात कर रहे हैं डिमांड की ठीक है तो डिमांड में क्या demand की बात करते हैं तो क्या हैगा एक्सपोर्ट चाहेगा ओके आई होप सो एग्रिगेट डिमांड का जो मतलब है यह आप लोगों को अच्छे से क्लियर हो गया होगा ना लिखा गया एक बार जो हमारी प्रॉपर डिफिनेशन है वह हम देख लें तो एग्रिगेट डिमांड रिफर्स टू दी टोटल विल्यू आफ फाइनल गुड्स एंड सर्विसेस वेज ऑल नी सेक्टर्स ऑफ द इकनॉमी आर प्लानिंग टू बाय आट गिवन लेवल ऑफ इंकम डूरिंग अपीरिड ऑफ वन अकांट accounting year ठीक है क्या होती aggregate demand aggregate demand होती है final goods and services की total value सारे final goods and services की जो total value है जो कि हर एक sector या फिर हम बोलें जो कि different different sector जो है वह plan कर रहा है कि वह buy करें एक चीज हमेशा ध्यान रखना इस term को आटर्स प्लानिंग ओके यह बहुत ही अच्छे से स्टूडेंट आप लोगों को याद रखना है कि आप जो aggregate demand निकाल बोल रहे हो वो प्लानिंग मतलब की वो प्लान होगी एक्चुअल हम नहीं बोल रहे हैं एक्चुअल में असल में कितनी डिमांड हुई है हम उसकी बात एग्रीगेट डिमांड में नहीं कर रहे हैं हम किसकी बात करते हैं प्लान की ठीक है कि कितना planned demand थी पहले से मतलब की plan कले कि अच्छा इतनी जो है demand हो सकती है या हम बोल रहे हैं कि ये जो सारे हमारे different sectors हैं they are planning कि हमें इस चीज़ का इतना जो है consumption प्रोशन करना है ठीक है तो यह प्लानिंग टर्म आप लोगों को अच्छे से याद रखना है दाट एग्रिगेट डिमांड जो वह प्लान आउटपुट आपको बताती है ठीक है तो आयोप्स व कि एग्रिगेट डिमांड की जो डिफिनेशन व आप लोगों को अच्छे से क्लियर हो गई होगी एडी इस दिए एग्रिगेट एक्सपेंडीचर द डिफरेंट सेक्टर्स आफ द इकानमी आर विलिंग टू इनका डिविंग पीरिड ऑफ डिविंग गिवन पीरिड ठीक है एडी क्या है एग्रिगेट एक्सपेंडीचर एक्सपेंडीचर क्या होता है खर्चा रही अब ऑफिसी चीज स्टूडेंट इफ आयाम प्लानिंग टो पर्चेस समथिंग इफ आयाम प्लानिंग टो पर्चेस अकार तो इट इन्स कि मेरा जो है खर्चा तो होगा ना उस कार को खरीदने में मान लो वह जो कार है वह एट लाइक्स की है तो अगर मैंने उसे पर्चेस की है तो मेरा कितने का खर्चा हुआ है मेरा कितने का एक्सपेंडीचर मैंने इनकर किया है एट लाइक्स का ठीक है तो एग्रिगेट डिमांड को हम यह बोल सकते हैं कि एग्रिगेट डिमांड demand क्या है aggregate demand aggregate expenditure के बराबर होती है बिकॉज दाट शोज आज कि कितना जो है आप सारे जो सेक्टर्स है वह कितना expenditure इंकरप करना करने का सोच रहे हैं ठीक है तो aggregate demand is equals to aggregate expenditure हम बिल्कुल बोल सकते हैं बिकॉज डिमांड जो है वह एल्टीमेटली expenditure ही आपको क्या कर रही है शो कर रही है ठीक है अब जैसे aggregate demand हम बोल रहे हैं कि ये planned है ये actual नहीं है तो same goes to aggregate expenditure aggregate expenditure भी क्या हो जाएगा हम बोलेंगे कि aggregate expenditure भी planned expenditure है actual expenditure नहीं है जो तना हम plan कर रहे हैं कि हमें ये चीज़ खरीदनी है वो खरीदनी है जैसे मैं individually सोच रही हूँ वैसे ही सब लोग अपने अपने level पर अपना अपना सोच रहे हैं कि किसे क्या purchase करना है कि आप किसे क्या चीज डिमांड करने है और ऐसा तो हो नहीं सकता कि कोई भी डिमांड ही ना कर रहा हो इवन जिसके पास में money नहीं होता है वो भी डिमांड करता है ठीक है जिसका कोई income source नहीं है ना वो भी डिमांड करेगा अगर वो डिमांड नहीं करेगा तो वो survive कैसे करेगा if he is demanding food तो वो जो food है वो भी तो demand में आ रही है अब वो उसके लिए एक दो चार छे रुपए जहां से भी उसे मिल रहे है वो उसे spend करके उसे खरीद रहा है दिया रहा है लेकिन वह भी एक डिमांड है राइट तो एग्रीगेट डिमांड जो कि एक प्लांड डिमांड है प्लांड डिमांड हम बोल सकते हैं पूरे सेक्टर की किसके इक्वल होती है एग्रीगेट एक्सपेंडिचर के ओके सॉइट ओप लोगों कि आप लोगों जो एग्रीगेट डिमांड है इसका मतलब अच्छे से क्लियर हो गया है ओके फिर आते हैं कंपोनेंट ऑफ एग्रीगेट डिमांड कंपोनेंट मतलब क्या हो गया कि क्या-क्या चीजें मिलकर एग्रीगेट डिमांड बनाती है देखो अब इस चीज को याद रखना बहुत ही सिंपल है सिंपल क्यों हम आप बिकॉज स्टूडेंट हमें पता है कि आ इकनामी में कितने सिक्टर होते हैं अहां कितने सिक्टर होते चार होते हैं राइट हाउसओल्ड फर्म गवर्नमेंट एंड फॉर इन सिक्टर बस उन्हीं का जो डिमांड होगी वहीं तो एग्रीगेट डिमांड बनाएगी ना उन्हीं की जो प्लांड डिमांड होगी टर्म चेंज हो सकते हैं बट मतलब वही है अगर आप आप लोगों को एक चीज कुछ अच्छे से समझ में आ गई है तो आप जो आगे का अपने आप से कर भी पाओगे तो कंपनेंट और डिटर्मिनेंट और कंस्ट्रिट्वेंट्स ऑफ एडी ठीक है प्राइवेट कंसम्शन एक्सपेंडीचर यह प्राइवेट कंसम्शन एक्सपेंडीचर क्या हो गया यह हाउसवॉल्ड का एक्सपेंडीचर आप मान लो ठीक है कि जो प्राइवेट सेक्टर है वह कंज्यूम कर रहा है गुड्ज को फिर आता है गुड्ज या सर्वस को और इसे डिनोट कैसे करेंगे इसके डिनोशन आप लोगों या दोने चाहिए, that is C, ठीक है, फिर आता है investment expenditure, अब देखो कोई भी एक firm है, students, वो क्या कर रही है, investment कर रही है, वो कोई machinery खरीद रही है, वो अपने further production को enhance करने के लिए, any kind of investment कर रही है, तो वो क्या आएगा, वो आएगा आपका investment expenditure, तो ये हम ले सकते हैं कहां से, firms इसे ले सकते हैं, देखो इसके description में क्या लिखा है, total expenditure incurred by all, प्राइवेट फर्म्स ऑन कैपिटल गुड्ज ठीक है इसमें कैपिटल गुड्ज लेना भी भी consumer goods खरीद रही है तो वो फिर आपके इसके अंदर आ जाएगा वैसे जो firms है वो capital goods का हम लोग क्या ले रहे हैं investment expenditure ले रहे हैं और एक और चीज याद रखना कि जो investment expenditure है इसमें हम private firms ही include कर रहे हैं जो होते हैं वो government firms भी होते हैं private भी होते हैं right लेकिन हम लोग सिर्फ और सिर्फ private firms को ही ले रहे हैं यहाँ पर ठीक है और अगर वही मैं private consumption expenditure की बात करूँ तो ये क्या है household purchase of household on a household on purchase of goods and services ठीक है यहां पर expenditure लिख लेना expenditure of household on purchase of goods and services ओके फिर आता है government expenditure अब इसमें तो मुझे यह चीज बिल्कुल भी बताने की जरूरत ही नहीं है कि यह कौन सेक्टर को बिलॉक कर रहा है इसके टर्म में आ गया है government ठीक है तो government sector जो भी demand जो भी demand करता है यहां बोलें कि जो भी expenditure इंकर करने वाला है है वह यहां पर आते हैं आपके गवर्नमेंट एक्सपेंडीचर के अंदर और इसे हम डिनोट करते हैं विद जी ठीक है और कंजीमर गुड्स एंड कैपिटल गुड्स टू सैटिसफाइड नेज ऑफ दी इकोनॉमी अब यहां पर कंजीमर और कैपिटल दोनों ही जाएंगे मतलब कि ओवर ऑल हम बोलेंगे कि पूरा जो गवर्नमेंट सेक्टर है वह इसमें इंक्लूड होगा ठीक है और फिर इंपोर्ट्स ठीक है टोटल एक्सपोर्ट्स माइनस टोटल इंपोर्ट्स यह होता है आपका नेट एक्सपोर्ट्स एक्सपोर्ट्स को हम लोग एक से डिनोट करते हैं इंपोर्ट्स को एम से डिनोट करते हैं अब एक्सपोर्ट्स कहां का हो गया स्टूडेंट यह हो गया हमारा फॉरेंड सेक्टर ठीक है तो देखिए जो चार सेक्टर हमें पता है वही चार डिफरेंट सेक्टर के जो एक्सपेंडीचर होंगे वही किसका पार्ट है आपके एग्रिगेट डिमांड का पार्ट होते हैं अ ठीक है अब एक चीज ध्यान रखना कि हम लोग यह जो हमारा पूरा चाप्टर पढ़ रहे है ना उसमें स्टूडेंट हम लोग आगे जो भी एग्रिगेट डिमांड का फंक्शन पढ़ रहे हैं या कुछ भी पढ़ रहे हैं एक्विलीब्रियम लेवल पर देख रहे हैं कु प्रेशन है या हमारे जो सारे कंसिप्ट उसमें इंक्लूड नहीं करते हैं लेकिन आप लोगों को पता होना चाहिए कि टोटल जो एडी के कंपोनेंट है वह यह सारे होते हैं इफ आपके पास में कोई भी लॉन्ग आंसर लिखने को आपको यह पारो ही डिफाइन करने ठीक है लेकिन अगर आपको कोई कुछ भी चीज बोली जाए कि एडी का फंक्शन बताओ या एडी जो है टू सेक्टर मॉडल में शो करो तो आप लोग फिर यह बताओगे दाट सिर्फ और सिर्फ इसमें सी और आई आएगा प्राइवेट expenditure ओके यह चीज याद रखना हम लोग सिर्फ टू सेक्टर मॉडल को ही ले रहे हैं हम फोर सेक्टर मॉडल को नहीं लेंगे यहां पर ठीक है सुबह डिटर्मिनेशन ऑफ इनकम एंड एंप्लॉयमेंट टू बी स्टडीड इन दिक्स्ट ऑफ टू सेक्टर विभिन्स वह हम आगे आने वाले चाप्टर में पढ़ेंगे तो इसके अकॉर्डिंग एडी जो है वह क्या हो गया AD का अगर मैं एक formula लिखना चाहूँ तो क्या हो गया AD is equals to C plus I that is consumption expenditure plus investment expenditure right मलब कि ये जो है C और I को अगर मैं plus कर दूं तो क्या हो जाएगा aggregate demand मुझे पता चल जाएगी ठीक है the other components government expenditure and net exports are not taken into account okay I hope so कि इतनी चीज clear हो गई होगी आप लोगों फिर आते aggregate demand in two sector model नाओ इसका जो schedule और graph है वो देखते हैं, नाओ एक चीज़ याद रखना कि हम जो हमारा पूरा concept पढ़ना है, हम जो हमारा पूरा chapter पढ़ने वाले और आगे भी हम जो हमारे chapters पढ़ने वाले, उसमें आपका जो ये I है न, this I, इसको ये रहेगा आपका constant, ठीक है, मतलब कि सार सेम रहने वाला है, ये constant रहने वाला है, ओकी, if we are telling कि 20 है कोई investment expenditure, तो starting से लेकर end तक वो आपको 20 ही दिखेगा, यह आपको assume करना है, और यह assume करना जरूरी है, because अगर हम यह assume नहीं करेंगे, तो जिन भी economist ने यह सब कुछ दिया होता है, उनके according फिर हम नहीं चल पाते, फिर हमारे अपने concept बनने लगते हैं, फिर हम और कहीं पर पहुँच जाते हैं, इसलिए आपको यह चीज़े माननी पड़ेगी as it is, कि हमें investment को क्या रखना है, investment को constant रखना है ठीक है कि अच्छा सिर्फ जो आपकी economy उसमें investment इतना ही होता है है लेकिन कंजम्शन तो चेंज होगा ना राइट जो चोटी-चोटी चीजें हैं जो डेली के कंजूमर कुछ हैं उन्हें वह तो चेंज होते रहते हैं तो आपका जो कंजम्शन है वो क्या होगा चेंज होगा ना शुदेंस आपका जो कंजम्शन और investment है ये दोनों मिला कर क्या बनता है ये दोनों मिला कर बनता है आपका AD that is aggregate demand या फिर aggregate expenditure भी हम बोल सकते हैं नहीं एक simple से चीज है कि एक person expenditure का बिंकर कर सकता है जब उसके पास में income होगी, right, simple सी बात है न, अगर मेरे पास में 500 rupees हैं, या मुझे 500 rupees मिल रहे हैं, तो मैं expenditure 500 तक का ही कर पाऊंगी, मैं जादा कर लूँगी, मैं जो हूँ, वो ले लूँगी, हम लोग उधार पर ले लेंगे, कोई जान पहचान की shop है, उस way में, लेकिन अगर हम ethically सोचें, और ethically समझें, तो अगर expenditure इंकर करना है, तो expenditure को इंकर करने के लिए, हमारे पास में income भी होनी चाहिए, इसलिए हमने एक लिया है क्या आपका income, that is y, और ये जो है ये further आपकी जो graph है उसमें भी use होगा, तो हमने income लिए है, consumption लिए है, investment लिए है और AD लिए है, ठीक है, अब AD कैसे लिया है students, तो AD को ध्यान रखना कि इन दोनों का sum ही लिया है, that is C plus I ही किया है, because हमें पता है aggregate demand C plus I ही होती है, ठीक है, तो 40 plus 20, 120 plus 20, फिर ये 200 plus, plus 20 इस way में आ गया और investment कैसा है investment हमारा constant है अब अगर इसी चीज को मैं plot करूँ students यहाँ पर ठीक है हमारा जो graph है अगर उसमें मैं plot करूँ तो मैं क्या देख रही हूँ कि यहाँ पर income 0 है लेकिन consumption कैसा है consumption 40 है और अगर मैं पूरा जाकर देखूं तो यहाँ पर ये क्या रहा है इंवेस्टमेंट जीरो कर दिया तो आगे भी इंवेस्टमेंट आपका जीरो जाएगा इसलिए हम इसे भी जीरो नहीं कर सकते हैं ठीक है अब बात याती कि माम जब इनकम नहीं है तो कंजम्शन कैसे तो देखो स्टूडिंग या तो कुछ पास्ट सेविंग्स होगी या कुछ भी होगा जिसे यूज करके एक पर्सन जो वह कंजम्शन करता है विकॉज कंजम्शन करना इज अनेसिसिटी अगर हम कंज्यूम नहीं करेंगे कुछ तो हमारी जो नेसिसिटीज है लाइफ की वह पूरी कैसे होंगी ठीक है इसलिए कंजम्शन consumption जो है वो बहुत ही ज़रूरी है even जिसकी income नहीं होती है वो भी consumption करते हैं ठीक है तो इसलिए at zero level of income there is some consumption ठीक है फिर हम बोलें there is positive aggregate demand अब इसी जीज को हमने plot कर दिया हमने लिया students x-axis पर क्या income that is in crores हमने लिये यहाँ पर जिसमें लेंगे वही यहाँ पर ले लेंगे इधर ह लिए नीचर वह भी किसमें आ गया हमारा करोड़ में आ गया अब यह जो आपका इन्वेस्टमेंट यह तो कैसा है कॉन्स्टेंट है इसकी हमने एक यह कॉन्स्टेंट लाइन बना दी दाटर आए और यह जो कॉन्स्टेंट चीज रहती है सुबह इसे हम बोलते हैं और टोनमिस ओके सो दिस वर्ड ऑटोनॉर्मस इन्वेस्टमेंट जो कि आप यह लाइन देख सकते हो अब आपका इन्वेस्टमेंट कितना था ट्वेंडी था और आपका कंजम्शन कितना है 40 है मतलब कि कंजम्शन इन्वेस्टमेंट से क्या है ज्यादा है ठीक है तो अब इसी चीज है है कि अगर आपका consumption is sorry investment इस point से start हो रहा है तो consumption इसके above point से start होगा तो consumption start हुआ है कुछ यहां से ओके अब यहां से जो start हुआ है वो क्या बता रहा है कि income तो zero है लेकिन consumption हो रहा है ठीक है तो इस पूरा जो point है मतलब कि यह जो पूरा 40 है students इसे हम denote करते हैं with C bar और यह हमें show करता है यह जो आपका C bar है यह चीज यही denote कर रहा है कि there is consumption at zero level of income, ठीक है, तो इसे हमेशा याद रखना है, यह हम किस से कर रहे हैं, जब income zero और कोई consumption होता है, तो उसे हम C bar से denote करते हैं, फिर आगे के जो हमारे different, आगे के जो भी consumption हैं, या आगे के हमारे जो भी values हैं, उन्हें as it is हम क्या कर देंगे, पुट कर देंगे इस वाले curve में, आपका जो investment function है, या जो investment curve है, वो तो horizontal straight line बने जाएगी, because वो constant है, अब ये बन गई आपकी क्या consumption that is this is C अब बात आती है किसकी AD की अब बहुत ही obvious ही चीज है कि AD जो है वो आपके C और I दोनों से उपर होगी और इनके बीच में जो difference होगा वो किसका होगा मतलब कि जो आपका consumption वाला curve और जो AD वाला curve है ये दोनों पैलर रहेंगे ये दोनों पैलर क्यों रहेंगे students because इन दोनों के बीच का जो difference है न वो constant है from starting till end मत कि आप देखोगे कि कंजम्शन और एग्रिगेट डिमांड दाट इस यह 40 है यह 60 है तो डिफरेंस कितना आया 20 आया यह 120 है 140 है डिफरेंस कितना आया 20 आया और यही चीज़ आप देखोगे कि लास्ट तक जो डिफरेंस है बिट्वीन एडी आंड कंजम्शन वो कितना है 20 है और आपका इन दोनों के बीच का जो हम बोलेंगे कि difference है या इन दोनों के बीच का जो gap है, ये क्या represent कर रहा है, ये represent कर रहा है आपका investment, ठीक है, कि इतना इतना जो है investment हुआ है, okay, तो I hope so कि आप लोगो aggregate demand का जो मतलब है वो अच्छे से clear हो गया होगा, aggregate demand का ये जो schedule और ये जो graph है ये भी अच्छे से clear हो गया होगा, students aggregate demand को हमने समझ लिया, अब आगे हम अपने दूसरे कंसिप्ट करेंगे दाट इस एग्रिगेट सप्लाइट ठीक है एग्रिगेट सप्लाइट पर जाने से पहले कुछ इंपोर्टेंट पॉइंट्स देख लेते हैं एडी के बारे में सबसे पहली चीज एडी इज इक्वल्स टू सी पॉइंट्स आए हम लोग समझ चुके हैं ऑलरेडी ठीक है फिर आता है सिगिन वाला देर इस पॉजिट level is 0, यह चीज़ भी मैं आप लोगों समझा चुकी हूँ, that is जो हमारा C bar होगा, that is जो autonomous consumption होता है, इसे हम क्या बोलते हैं, इसे हम autonomous consumption बोलते हैं, तो यह क्या show करता है, कि at 0 level of income there is some कंजम्शन ठीक है तो वह मतलब कि कुछ पॉजिटिव कंजम्शन होता ही होता है कंजम्शन कर वह शोप अपवर्ड्स बिकॉज ऑफ पॉजिटिव रिलेशनशिप बेट्वीन इनकम आंड कंजम्शन ठीक है जो कंजम्शन कर वह स्टूडिंग हमने इससे देखा वह शोप करता है अपवर्ड्स क्यों करता है बिकॉज जो इनकम और कंजम्शन है उसमें कैसा रिलेशनशिप है पॉजिटिव रिलेशनशिप जो तनी ज्यादा इनकम बढ़ेगी उतनी ज्यादा हम क्या करेंगे expense इंकर करेंगे या उतना जादा हम जो है consumption बढ़ाएंगे आज मेरी income मान लो 10,000 रुपीज हैं मैं उसमें किसी एक चीज के 4 units खरीद रही हूँ वही चीज अगर मेरी 20,000 हो जाए income तो मेरे जो consumption है वो भी क्या हो जाएगा बढ़ जाएगा ठीक है तो with increase in income there is increase in consumption इसलिए जो consumption curve होता है वो कैसा होता है वो upward sloping या फिर हम बोले positive curve होता है ठीक है investment expenditure that is a straight line parallel to the x-axis as it is assumed to be independent of the level of income जो investment होता है वो वह हम अज्यूम करते हैं कि वह इनकम लेवल से इंडिपेंडेंट है इंडिपेंडेंट कैसे है मतलब कि इनकम के बढ़ने से या इनकम के कम होने से इनवेस्टमेंट पर कोई इफेक्ट नहीं होगा हम यह अज्यूम करते हैं कंजम्शन में ऐसा है वह हमें सेम देखने को मिलता है विद इंक्रीज और डिक्रीज इन इनकम दाटर इसीला हमने बोला है कि वह क्या है एक autonomous investment है, that is, constant रहेगा जो investment है वो, ठीक है, तो यह आपका क्या है, यह है आपका, जो कुछ important points है, किसके बारे में, AD के बारे में, that is, aggregate demand के बारे में, okay, फिर आता है students आपका क्या aggregate supply, अब जो aggregate demand हमने पढ़ा है कि एक individual की demand ना होकर सारे individual की जो demand होती है, वो होती है aggregate demand same goes to aggregate supply, जो सारे producers supply करेंगे, ठीक है, एक producer का supply हम नहीं देख रहे हैं, जो इतने है जो सारे producers हैं, जो सारे producers supply करेंगे, वो होता है aggregate supply, ओके तो अब एग्रिगेट सप्लाई क्या है उसकी प्रॉपर हम डिफिनेशन देख लें तो एग्रिगेट सप्लाई रिफर्स टू मनी वेल्यू फाइनल गुड्स एंड सर्विसेस दाड़ दी प्रेडूजर्स आर विलिंग टू सप्लाई इन एकोनॉमी इन अ गिवन पीरे कि वो सपलाए करें ठीक है एक किसी भी given point period of time में तो यहाँ पर भी याद रखना है कि there is willingness और यहाँ पर क्या रहेगा कि सारे जो producers हैं वो supply करना चाहते हो ओके तो I hope sir कि aggregate supply का जो मतलब है वो आप लोगो clear है नाव आता है students aggregate supply and national income अब aggregate supply और national income का क्या relationship है वो देखें the national income is a spend on consumption of goods and services and the balances सेख प ठीक है जो नाशनल इनकम है वो क्या है नाशनल इनकम जो है वो सेव की जाती है या फिर जो है क्या किया जाता है कंसम्शन किया जाता है मतलब कि नाशनल इनकम अगर नाशनल जो वर्ड है वो नहीं हमें समझ में आ रहा है तो सिंपल इनकम की अगर बात करें स्टूडेंज मे मेरे कंजम्शन में आ गई है ठीक है कि यह मैंने क्या कर दिया है इन्वेस्टमेंट या मैंने जो गुड़ जन सर्विसेस हैं वह कंजीम कर लिए हैं और फिर एक आता है आपका सेविंग्स अमान लो कि मैंने जो है इस टेन थाउजन्ड में से एट थाउजन मैंने सेव कर लिए होंगे राइट तो इंटिमेंटली हम यही बोलेंगे कि जो इनकम है वह किसके इक्वल है यह income होगी sorry ठीक है जो income हो गिसके equal है income equal होती है या consumption plus saving के ठीक है that is national income is equals to consumption plus saving होती है यह हमें पता है अब जो national income है उसका मतलब क्या होता है national income refers to total output of goods and services in an economy national income क्या बताती है students national income हमें बताती है जो total goods and services services है एक इकोनॉमी में वह होते हैं क्या उन सब की जो विल्यू है वह क्या उन सबसे क्या बनता उन सबसे बनती है नेशनल इनकम ठीक है अब देखो एक छोटी सी चीज एग्रिगेट सप्लाई क्या बता रहा है एग्रिगेट सप्लाई बता रहा है कि जो producers हैं, वो कितने goods and services को supply करना चाहें, अब अगर एक producer चाहा रहा है student मान लीजे, इतको ही हम बोले कि chips जो produce कर रहा है, ठीक है, मान लो कि एकी firm है पूरी आपकी country में, जो की chips का production करती है ये जो chips का production कर रही है, जो firm, वो plan कर रही है to supply thousand units of chips ठीक है, इसने क्या plan किया है, कि ये thousand units of chips चिप्स को क्या करेगी सप्लाई करेगी अब जो थाउजेंड यूनिट सप्लाई कर दिए ठीक है आपका जो मार्केट है इसमें कितना आएगा इसमें यही थाउजेंड आएगा कि और कुछ भी आ सकता है थाउजेंड के ऊपर आएगा क्या चिप्स की सर्फ एकी फर्म है जो कि चिप्स के थाउजेंड यूनिट सप्लाई कर रही है तो क्या थाउजेंड से ज्यादा यूनिट या थाउजेंड से ज्यादा कोई भी क्वाइंटिटी जो आपके मार्केट में आ सकती है क्या इसमें प्रोड्यूजर्स सारे लेना सारे सारे इट मीन्स की जो फॉरेंड के प्रोड्यूजर्स हैं वह भी मतलब की जो हमारे इंपोर्टेड गुड्स आते हैं वह भी लेना वह अदरवाइस आप बोलोगे कि माम या आपने यह कर दिया ठीक है मतलब की जो है बाहर से भी तो आ सकता है इसलिए बोल रहे हूं कि सारे प्रोड्यूजर्स ले लेना ओके अब यह किसमें आ गए आपके मार्केट में आए मार्केट में कितने आए थाउसेंट यूनिट्स तो आपकी जो नेशनल इनकम है अगर हम है उसमें चिप्स की क्वांटिटी को इन्क्लूड करना चाहूं तो कितने quantity आ रहे हैं, thousand आ रहे हैं, इन ही की value मैं लूँगी, तो ultimately हमें क्या समझ में आ रहा है कि ये जो supply है, ये किसके equal हो जाएगी, ये equal हो जाएगी आपके national income के, ठीक है, that is वही कि national income जो है वो total output of goods and services है, aggregate supply भी यही है कि total output of goods and services that all the producers are willing to supply, तो willing to supply तो obvious ही चीज़ है, ये aggregate supply है वह मतलब कि aggregate supply और जो national income है दोनों का मतलब कैसा है दोनों का मतलब सेम है राइट यह चीज मैंने अभी अभी आप लोगों को explain भी कर दी है तो इस चीज को मैं यह बोल सकती हूं था टेस इसी को इस टू नाशनल इनकम या फिर हमने यही बोल दिया कि नाशनल इनकम इसी को इस टू एग्रीगेट सप्लाइट ठीक है तो अभी अभी हम पढ़के आए कि national income क्या होती है consumption plus saving right तो जो consumption plus saving national income है तो aggregate supply that is ASB क्या हो जाएगा ASB exactly same हो जाएगा that is Y is equals to AS is equals to consumption plus savings okay तो I hope so कि आप लोगों को AD वाला function भी clear है और ये जो AS का function है ये भी clear है, AD क्या होता है consumption plus investment और जो आपकी AS है that is aggregate supply है वो क्या है consumption plus savings. ठीक तो आप लोगों को ख्लीयर हो गई जो एग्रिगेट सप्लाई और नाशनल इनकम का जो कंसेप्ट है यह ख्लीयर है अब बात आती एग्रिगेट सप्लाई स्ट्रीडूल की ना हो इसमें भी हमने क्या लिया यह इनकम ली है यह कंसम्शन यह यह चीज यार ध्यान रखना students, जैसे कि हमने अभी-अभी पढ़कर आये, कि income किसके equal है, aggregate supply के, तो this would be equal to this, ठीक है, हमेशा याद रखना ये, आगे भी कभी आपको कुछ schedules दे दे, या कुछ missing figures वाले questions, जाते हैं तो आप लोगों को अच्छे से पता होना चाहिए कि income that is जो y है वो किसके equal है as के equal होती है ठीक है जो numbers आप देखोगे वो exactly आपको same देखने को मिलेंगे now जो कि हम पढ़के आये थे students अपने ad में में क्या कि जीरो लेवल ऑफ इनकम पर भी कुछ कंजम्शन होता है रही मतलब कि जो सी बार हम लोग पढ़कर आये थे ऑटोनॉमस कंजम्शन वाली चीज तो देखो जीरो लेवल ऑफ इनकम पर भी क्या हो रहा है कंजम्शन हो रहा है कितना फॉर्टी का अब यह जो फॉर्टी है यह जो फॉर्टी रुपीज यह परसन कहां से लाएगा वह उसकी कुछ पास चीज सेविंग्स में से लेकर आएगा तो इसलिए यह जो सेविंग है यह क्या हो जाएगी यह हो जाएगी आपकी माइनस फॉर्टी ठीक है अगर इस इसमें कंफ्यूजन भी होना तो एक सिंपल सी चीज हम कर सकते हैं जो कि क्या होगी हमें पता है वायर इक्वल्स टू क्या होता है सी प्लस ऐस होता है वायर कितना है आपका जीरो है सी है आपका 40 और ऐसा आपका नहीं दिया हुआ है इस 40 को मैं इधर माइनस कर दूं तो जीरो तभी तो यूज करेंगे मान लोगी मेरे पास में 120 रुपीज की क्या है सेविंग्स है और मैं बोल रही हूं कि मैं इसमें से 40 रुपीज ले रही हूं ठीक है 40 रुपीज यूज कर रही हूं तो मुझे क्या करना पड़ेगा मुझे इसमें माइनस 40 करना पड़ेगा राइट saving में हम बोल रहे हैं एक जो हम अगर saving curve बनाएंगे अभी इन इसमें ही आगे बनाएंगे तो उसमें आप देखोगे कि हम लोगों ने जो consumption था उसमें क्या लिया था C bar लिया था ठीक है लेकिन saving में क्या लेते हम negative C bar ठीक है देखो यह है आपका C bar यह हमें पता है यह चीज हम AD में पढ़कर आ चुके हैं और वही आप देख रहो यह 40 है यह क्या है यह है आपका minus 40 तो यह क्या आगे यह आगे आपका minus C bar that is negative negative सीवा ठीक है वेल्यू सीम रहती है बस एक नेगेटिव का साइन हमें लगाना होता है ओके तो आप सब्सक्राइब लिया रहे फिर अगर मैं नेक्स्ट देखो तो देखो यहां पर इनकम कितनी है 100 है और यहां पर कंजम्सप्शन कितना 120 है मेरी इनकम तो अंडेडी हो रही है लेकिन मैं कंजम्सप्शन कितना कर रही हूं 120 का कर रही हूं तो यह जो एक्स्ट्रा 20 रुपीज है यहां पर तो सर्फ मैं 100 तक तो उठा जो है खर्चे कर सकती हूं खर्च कर सकती हूं उस मनी को लेकिन जो एक्स्ट्रा 20 रुपीज में कर दो कर रही हूं वह कहां से कर रही हूं वह जरूर मेरे पास में सेविंग्स रखी होगी इसलिए यह फिर से क्या आया यह फिर से आपका माइनस 20 आया ठीक है फिर लेकिन देखें तो इनकम हमारी 200 है कंजम्शन भी 200 है तो मतलब कि जितने की इनकम थी उतना पूरा क्या कर लिया उतना पूरा कंजीम कर लिया है तो आप सेविंग्स क्या बचेंगी सेविंग्स कुछ भी नहीं बची सेविंग्स वॉड बी जीरो ओके तो आई हॉप तो कि यह जो शिड्यूल है आपको क्लियर हो गया होगा पर 300 आपकी income आ गई है तो आपका जो consumption है वो कितना है 280 है अब अगर मैं 300 minus 280 करूँ तो क्या आ गया 20 मेरी savings आ गई है ठीक है तो इस way में आपकी consumption और savings को मिला कर आपकी income या फिर हम बोले aggregate supply बनती है और same goes कि अगर income दिया है consumption दिया तो उससे आप saving निकाल सकते हो income दिया है saving ये चीज़ें एकदम clear है और यह आप देख सकते हो कि income की जो values है वही as it is same आपके aggregate supply के भी values होने वाली है, अब इसी का हम क्या देखें students, इसी का अगर हम graph देखें, तो हमेशा याद रखना, कि AS curve जो होता है, that is जो aggregate supply का curve होता है, वो हमेशा 45 degree का curve होता है, मतलब कि ये जो आपका पूरा 90 degree है, इतना match तो सभी को आता है, तो ये जो आपका पूरा 90 degree है, इसे exactly match, मिडल में से कट करता है जो आपका AS कर्व होता है और AS कर्व हमेशा 45 डिग्री का होता है ये चीज आप बहुत अच्छे से note down कर लीजिए बहुत अच्छे से याद रखिए कि AS कर्व जो है वो हमेशा 45 डिग्री का कर्व ही मिलेगा अब 45 डिग्री होने के पीछे का reason क्या है तो देखो हम लोगों ने x axis पर क्या लिया है x axis पर लिया है हमने income y axis पर क्या लिये consumption plus saving that is consumption plus saving क्या होती है AS होती है प्रेस्टूडेंज की Y और AS दोनों ही क्या है same है right as it is हमारे same जो points है वो हमने plot किये हैं तो जब आप same points को match कर रहो ऐसा तो नहीं कर रहा है ना मैं कि ये 100 को इस 600 से draw कर रही हूँ नहीं ये जो 100 है ये 100 से ही जाएगा ठीक है ये 200 will go with 200, 300 will go with 300 तो इस way में because ये दोनों equal है इसीलिए आपका जो पूरा curve है वो 45 degree का curve कर्व बनता है बिकॉज आपका एस और वाइड जो है वह एक्जाक्टली सेम है वह बिल्कुल इक्वल है एक दूसरे के ठीक है इसलिए यह पर्टिकुलर कर्व आपका पॉटीफाइव डिग्री का कर्व बनता है ठीक तो आई होप सो कि आप लोगों को यह फिर आते हैं अपने next topic पर, that is consumption function, या फिर हम बोलें propensity to consume, अब propensity का मतलब क्या होता है, tendency, ठीक है, कितना एक person consume करना चाहता है, मान लोगे हमारे पास में दो लोग हैं, एक है, ए और एक है बी ठीक है दोनों की income मान लीजे कितनी है दोनों की income है ten thousand rupees and ten thousand rupees जो बी है वो consume कर रहा है और save कर रहा है ठीक है कितना इतना कंजीम कर रहा है तो वह कंजीम कर रहा है 5000 रुपीज और सेव कर रहा है 5000 रुपीज ठीक है और वहीं मैं एक ही बात करूं तो एक कंजीम कर रहा है नाइन थाउजन रुपीज का और वह सेव कर रहा है वन थाउजन का ठीक है तो यहां तो यह जो दोनों ए और बीए स्टूडेंस दोनों की जो टेंडेंसी है टू कंजीम वह डिफरेंट है इन एस एव कम किया और वह जो है कंजीम ज्यादा कर रहा है दाट मींस एक ही टेंडेंसी क्या है एक जो मन है वह क्या है कि वह वह कंजीम ज्यादा करेगा वह सेव कम करेगा लेकिन वहीं हम देखें बी को तो बी क्या कर रहा है बी ने बोला कि नहीं जो इनका उसका हाफ पार्ट तो मुझे सेव करना ही है फ्यूचर के लिए तो बी ने जो है हाफ पार्ट सेव किया और हाफ पार्ट जो है वह क्या किया है कंजीम किया तो वह उसकी टेंडेंसी है तो सेम कि हर एक परसेंट की जो टेंडेंसी होती है वह डिफरेंट होती है जो प्रोपेंसिटी होती है वह क्या होती है डिफरेंट होती है और इस प्रोपेंसिटी को कंजीम के डिफरेंट जो मेजर होते हैं वह हम लोग पढ़ने वाले हैं और कैसे इसे find out किया जाता है वो भी हम पढ़ेंगे ठीक है so it represents the willingness of households to purchase goods and services at the given level of income during a given period of time ठीक है जो आपका propensity to consume है वो क्या represent करता है वो represent करता है willingness किसकी willingness household की willingness to purchase goods and services जैसे कि एक जो है वो जादा willing था किसी भी goods या services तो इसको खरीदने के लिए उसे कंजीम करने के लिए सेम हमने देखा बी को तो बी जो है वह इतना विलिंग नहीं था बी ने बोला कि नहीं मुझे सेव भी करना है तो एक परसन की विलिंगनेस कितनी है कंजम्शन की यह चीज शो करता है आपका प्रोपेंसिटी टू कंजीम ठीक है इट रिफर्स टू दी फंक्शनल रिलेशनशिप बेट्वीन कंजम्शन आंड नेशनल इनकम यह किसके बीच का फंक्शनल रिलेशनशिप बता रहा है कंजम्शन और नेशनल इनकम का दाट इज सीज इक्वल्स टू to F of Y, ऐसा जो functions है, यह हम लोगों ने पहले भी पढ़े हैं, C क्या हो गया, C हो गया आपका consumption, F हो गया आपका functional relationship, और Y क्या है, आपकी income, अब एक person जो है, वो उसकी tendency क्या होती है, जैसे जैसे income बढ़ती है न, वैसे वैसे consumption भी बढ़ता है, income के साथ मैं savings नहीं बढ़ती, जैसे कि देखो, एक कोई person है, उसकी income हम ले लेते है, students 10, फिर आई 20, फिर 30, 30, फिर 40, और फिर 50, ठीक है, मान लीजिए, यह हमने क्या ली है, income level ली है, यह लिया हमने consumption, और यह ली हमने saving, एक जो person था, वो पहले 5, जो consume कर रहा था, और 5 भी क्या कर रहा था, save कर रहा था, ठीक है, फिर वहीं जब वो उसकी income बड़ी 20, तो वो आप consume करने लग गया कितना मैंने यह दिखा दी आपको कि saving जादा है, लेकिन फिर भी जो consumption है, वो क्या हो रहा है, increase होता हुआ दिख रहा है ना, तो ऐसा कोई doubt अगर आपके मन में आए, कि नहीं माम हम increased income को save ही कर रहे है, तो देखो एक यह general human tendency है, कि वो at least एक minor सा जो है, अपना consumption बढ़ा देगा, तो यह consumption उससे क्या होता है, increase होता ही है with increase in income, तो जो आपका consumption function है, functional relationship, relationship between income and consumption जो की कैसा होता है positive होता है with increase in income consumption consumption also increases, okay, तो I think कि ये जो इतना मतलब था ये आप लोगों को clear है, अब इसी consumption function को हम उसके schedule और graph के terms में पढ़ें, अगर इसे अगर इस way में समझे, तो जैसे कि मैंने आपको बताया ही कि with increase in income consumption will also increase वही चीज यहाँ पर आपको देखने को मिलेगी 0, 100, 200 300, 400, 500, 600 increase होते हुए दिख रही है same goes to consumption 41, 22 200, 280, 360, 440 and 520 क्या हो रहा है? increase हो रही है with increase in income consumption also increases और इसी का हम अगर curve बना दे तो AD में जो हम लोगों ने अपना consumption बनाया था ना same way में बनेगा ठीक है? यह जो आपका यह C आपको दिखेगा यह same जो हम लोगों ने AD में बनाना सीखा था वो है और यह जो Y है students यह क्या हो गई? यह Y हो गई आपकी जो अभी हमने AS में सीखी थी ठीक है?

that is aggregate supply में supply और national income equal होता है ना, या फिर income हम बोल दें कि क्या है, equal है, national income हम क्यों बोल रहे हैं, because students जो aggregate supply है, वो कहीं एक individual person या individual producer की supply नहीं है ना, वो सारे producers की supply है, तो same goes to income, income भी हम एक person की नहीं लेंगे, हम किसकी लेंगे, सारे जो लोग हैं, उनकी income ली जाती है, ठीक है, तो यह आपकी आएगी क्या, income का curve, यह आएगा आपका consumption का curve, सबसे पहले तो यह जो C bar है that is जो autonomous consumption है ठीक है zero level of income पर क्या हो रहा है कुछ ना कुछ consumption हो रहा है जिसे कि हम क्या बोलते है autonomous consumption बोलते है जिसे हम denote करते है with C bar और यह हमें क्या बता रहा है यह हमें बता रहा है disc saving disc saving क्यों शो कर रहा है disc saving इसलिए शो कर रहा है कि obvious सी चीज है अगर एक person की income नहीं हो रही है तो वो consumption कहां से कर रहा है वो यह expenditure कहां से इनकर कर रहा है तो वह यहीं कर कर रहा है from his past savings ठीक है इसलिए यह क्या है this saving मतलब कि savings जो हैं वह अब कम हो रही है यहां हम savings को use कर रहे हैं ठीक है तो यह आपका इतना point जो है वो this savings शो करेगा फिर एक point पर जहां पर आपकी income और consumption equal हो जाएंगे ठीक है जैसे कि जो यह वाला point है आपका 200-200 ठ दोनों जो कर्व हैं वो एक दूसरे को intersect करेंगे ठीक है यह दोनों ग्या करेंगे एक दूसरे को intersect करेंगे और फिर उसके बाद में आप देखोगे कि जो आपका income curve है वो उपर चला गया और saving curve जो है वो income curve से नीचे है right यहाँ पर हम देख रहे हैं यह income कुछ यह है हमारी और consumption गर्व है अगर मैंने सेविंग बोल दिया तो अंड अगर मैंने कंजम्शन नहीं बोला तो तो कोई प्रॉब्लम ही नहीं है ठीक है तो देखो यह जो इनकम है स्टूडेंज अभी यह ज्यादा हो गई है कि से आपके कंजम्शन से राइट आपकी इनकम टू अंडेड अच्छा रिफिटरी अंडेड कंजम्शन टू एटी का है और 20 रुपीज वह क्या हो गए से हो गए यह फॉर हंड्रेड यह थ्री सिक्स रहा है तो आप देख रहे हो कि आपका जो कंजम्शन वह बढ़ता रहा है लेकिन वह इनकम से ज्यादा नहीं बढ़ रहा है ठीक है यह हम बोलें कि इनकम जो है वह सेव भी की की जा रही है और ऐसा क्यों होता है स्टूडेंस तो देखो विश्वी चीज है कि हर एक पर्सन जो है वह अपनी नेज भी पूरी करना चाहिए और वह फ्यूचर के लिए सेव भी करना चाहेगा तो जब एक पर्सन की इनकम कम है तो वह सेव कम पर कम कर पाता है बिकॉज उसे अपनी नेसेसिटीज तो फुलफिल करनी ही पड़ेगी ना अगर किसी एक पर्सन की इनकम ही अंड्रेड रुपीज और हम उसे बोलने की नहीं तुम 50 सेव करो तो वह 50 रुपीज में क्या करेगा रही लेकिन अगर वहीं किसी पर्सन की इनकम वन लाख रुपीज है और अगर वह उसमें से ट्वेंडी थाउजेंड या टेन थाउजेंड रुपीज सेव कर ले तो बाकी में उसका कंजम्शन इजिली हो सकता है ठीक है तो जिसकी इनकम कम रहती है वह कंजम्शन ज्यादा करता है वह उतना सेव नहीं कर पाता है लेकिन जब इनकम बढ़ने लगती है तो कंजम्शन भी हो जाता है पूरा और उसमें से जो है मनी सेव भी किया जाता है ठीक है तो आफ्टर देस्ट पॉइंट जो सेविंग्स वाली पार्ट वह स्टार्ट होती है यहां पर कंजम्शन हमारा बंच आ गया इनकम हमारी ऊपर चली गई और यह जो डिफरेंस है इसके बीच में यह आपको शो कर रहा है क्या कि इतनी जो है सेविंग्स की जा रही है ओके जो इनकम अगर वह स्पेंड नहीं हो रही तो ऑविश चीज है वह क्या और यह सेव है ठीक है और यह जो पॉइंट जहां पर यह दोनों इंटरसेक्ट करते हैं उसे हम क्या बोलते हैं उसे हम बोलते हैं ब्रेक इवन पॉइंट ठीक है प्राटर जीरो सेविंग्स है यहां पर यहां पर कंजम्शन और इनकम क्या है इक्वल है एक दूसरे के consumption function students यह आप लोगों अच्छे इसे क्लियर हो गया होगा एकदम सिंपल सी यह हमारी चीज थी फिर आता है टाइप्स ऑफ प्रोपेंसिटी टू कंस्यूम टाइप्स ऑफ टाइप्स है क्या है एक है आपकी एवरेज प्रोपेंसिटी टू कंस् अब average किसी भी चीज का निकालना मतलब क्या हो गया, कि on an average कितना, कोई भी person consumption करता है, या on an average, सभी की tendency for consumption, या propensity हम बोल रहे हैं consumption की, वह कैसी है वहीं हम बोलें marginal propensity to consume तो marginal propensity to consume क्या हो जाएगा marginal जैसे ही हम लोगों ने economics में पहले भी पढ़ा है students और मैं आज फिर से बता देती हूं marginal जब term आता है तो यह define करता है कुछ additional units के बारे में ठीक है marginal propensity to consume की मैं बात कर रही हूं that means कि additional income जो है ओके इनकम वह additional income बड़ी है उसका कितना पार्ट जो है जो है कंज्यूम किया जा रहा है ओके वेट इनक्रीज इन इनकम या विध हम बोले एडिशनल इनकम कितनी जो है एक पर्सन कंजम्शन बढ़ा रहा है वह होगा आपका क्या मार्जिनल प्रोपेंसिटी टू कंजीव अब इस चीज को हम प्रॉपर पढ़ लें और यह एपीसी एमपीसी आगे हम लोग पढ़ेंगे एमपीस एपीस तो उन सब के जो फॉर्मुलेज ना यह सारे आप लोगों को याद होने चाहिए यह आपके numericals में बिलकुल पूछे करते हैं ठीक है यह बहुत ही नॉर्मल है इसके निमारिकल्स पूछना तो आप लोगों को यह चीजें याद होनी चाहिए ओके सॉफ्ट प्रोपेंसिटी टू कंज्यूम क्या हो गया आवरेज प्रोपेंसिटी टू कंज्यूम रिफर्स टू दी जेसियो ऑफ कंजम्शन एक्सपेंडीचर टू दी करस्पॉंडिंग लेविल ऑफ इनकम जो सारा कंजम्शन है उसको अगर हम सारी इनकम डिवाइड कर देंगे तो वह क्या हो जाएगा आपका एपीसी दाटर एवरेज प्रोपेंसिटी टू अंजूम हो जाएगा मैं बोल रही हूं मेरी इनकम 600 300 है और मैं कंजम्शन कितना कर रही हूं 300 का तो मेरा जो आवरेज प्रोपेंसिटी टू कंज्यूम है वह कितना निकल जाएगा स्टूडेंस वह निकल गया आपका पॉइंट फाइड ठीक है तो दाट इज एपीसी कितना आगे आपका पॉइंट फाइड निकल गया वह पार्ट सेव कर रहे हो और हाफ पार्ट का क्या कर रहे हो कंजम्शन कर रहे हो ओके फिर वहीं आते हैं हम किस पर इसके जो आवरेज प्रोपेंसिटी टू कंज्यूम का जो हमारा ग्राफ उस पर आते हैं तो इनकम आया कंजम्शन आया अब हमें क्या पता है C by Y करना है हमें तो 40 divided by 0 आप करोगे तो यह चीज तो define हो नहीं सकती इसलिए यह ऐसा ही कर दिया हमने फिर क्या है आपका 120 divided by 100 that is 1.20 अब यह 1.20 है अगर 1 से जादा है तो एक चीज समझ लेना कि आप जो consume जादा कर रहे हो आपकी income से ठीक है income से जब जादा consumption अगर 1 आ रहा है students, तो उसका मतलब है कि जितनी income है, उतना क्या है, उतना ही consumption है, ठीक है, यह आप लोगों के जो logic से आप लोगों को पता होना चाहिए, अगर 0. something something आ रहा है, तो that means कि जितनी income है, उतना पूरा जो है consume नहीं किया जा रहा है, income से कम consumption है, that is यह देख लो, 230 divided by 300 graph के थूँ देखें तो यह कुछ हमारा graph आया, आपका यह हमने CC curve बनाया, that is जो consumption का जो curve होता है, ठीक है, यह जो consumption है वो हमने draw कर दिया, यह है आपकी income, यह है आपका consumption, अब अगर मुझे किसी भी चीज़ पर क्या निकालना है, average propensity to consume निकालना है, तो हमने क्या किया, यह दो lines और यह जो यहाँ पर n है वो किता है 280 है ठीक है, तो अब मैं बोल रही हूँ यह y is equals to 0 y1 ठीक है, मतलब कि यह जो y लिया है, तो दाटर 0 y1 कितना हो गया, कहां तक है, यह 300 तक है, तो यह 300 हमने लिया, और यह वाला अगर part देखूं मैं, तो यह किता है 280 है ठीक है, तो इस वे में apc is equals to c by y is equals to on and o y1, ठीक है, sorry, 0, Y1 and 0, N, ठीक है, तो इस way में आप आपके graph से भी देख सकते हो, वैसे graph जो है इतना confuse होने की हमें जरूरती नहीं है, हमें schedule से पता है, और as it is अगर graph में कभी आपको दे भी दे, कि आपको एक graph दे दिया, schedule नहीं दिया है, तो या तो आप उस graph को interpret करके उसका schedule बन प्रोपेंसिटी टू कंजीम क्लियर हो गया है कुछ इंपोर्टेंट पॉइंट्स अब आप इसी देख लेते हैं हम लोग एपीसी इज मोर दैन वन जब एपीसी मोर दैन वन होता है तो क्या होता है एज लॉन्ग एस कंजम्शन इज मोर दैन नाशिटल अनकम दाट इस बिफोर देख इवन पॉइंट एपीसी इज मोर दै आना आपको समझाई कि जब consumption जादा है तब APC क्या होगा more than 1 होगा, अभी अभी मैंने आपको ये चीज schedule में समझाई थी, APC is equal to 1, ये क्या show कर रहा है, कि at the break even point, ठीक है, जो APC है, वो किसकी equal होता है, APC equal होता है 1, इसका मतलब कि income और consumption दोनों क्या होते हैं equal होते हैं ठीक है तो APC equal to 1 वाली जो condition है वो कब apply होती है consumption is equal to national income so APC is equal to 1 at the income level of 200 crores जो कि अभी मैंने आपको show किया ही था, APC is less than 1, जब less than 1 हो जाएगा, 0 point something something, 0 point something something, तो वो क्या show करता है, कि आपका जो consumption है, वो आपकी income से कम है, ठीक है, so beyond the break, break-even point, consumption is less than national income, as a result, APC is less than 1, अब इतनी चीजे तो हम लोग पढ़ी चुके हैं, ठीक है, ये चीजे मैंने आपको समझाई दिये, फिर आता है, APC falls with increase in income, APC जो है, वो क्या हो रहा है, fall हो रहा है with increase in income, देखो, ये जो हमारा schedule है, इसी में आप देख लो, APC पहले किता है, 1.20, फॉल हो गया 0.933 फिर इससे और फॉल हुआ कितना हुआ 0.90 अगर इसे मैं और एक्सटेंट करती तो यह आपको और फॉल होते हुए दिखता अब यह फॉल क्यों रहा है स्टूडेंस देखो सिंपल सी चीज है जब 1.20 था तो हम यह बोल रहे हैं कि कंजम्शन ज्यादा है कि से नैचनल इनकम से ठीक है यह हम बोलते हैं इनकम से फिर जब यह वन हुआ तो इनकम और कंजम्शन हो गए इक्वल जब यह और फॉल हुआ तो कंजम्शन कम हो गया इनकम से ठीक है जो चीज मैंने आपको थोड़ी देर पहले समझाई थी कि जब एक person की income बढ़ती है तो उसका consumption बढ़ता तो है लेकिन उतना नहीं बढ़ता है ठीक है मतलब कि पहले जो है एक person की अगर income कम है अगर एक person की 100 rupees की income है तो उसे consumption के लिए जादा spend करना पड़ेगा लेकिन वही अगर person की 10,000 income हो जाएगी तो वो जो है consumption का कम spend करेगा consumption के लिए as a percentage of his whole income ठीक है उसकी whole income income के basis पर देखना है हमें कि whole income का कितना spend हो रहा है ये नहीं कि previous में इतना spend था या previous में consumption इतना था ये ये चीज नहीं बोल रहे हैं उसी की जो income है उससे उसका कितना part consume किया जा रहा है ठीक है तो यह आपको कहां देखने को मिलता है अदलब कि ये जो है ये चीज शो करता है कि AP needs उसकी जो भी demand है वो तो fulfill हो रही है लेकिन साथ साथ में जो money है वो भी क्या होता जाएगा save होता जाता है ठीक है तो अगर मैं income का proportion बताओ या income का percentage बताओ तो income का ये जो हमारा percentage होता है या proportion होता है that is जो APC हम कहते हैं वो decrease होता है ठीक है so APC falls continuously with increase in income because the proportion of income spend on consumption keeps on decreasing ठीक है ये income जो income spend कर रहे है consumption का वो decrease होता रहता है, ओके, फिर APC can never be 0, APC कभी भी 0 नहीं हो सकता है, even at the 0 level of income वो 0 नहीं है, बैस उस चीज़ को हम determine नहीं कर सकते थे, ये जो हम लोगों ने देखा कि यहाँ पर जो है APC determine ही नहीं हो सकता, बिकोस 40 divided by 0 हो रहा है, तो जब हम किसी भी चीज़ को 0 से divide करते तो वो determine नहीं किया जा सकता है, ठीक है, तो APC can never be zero because consumption can never be zero, ठीक है, consumption जो है वो कभी zero हो नहीं सकता है, इसलिए APC भी कभी भी zero नहीं हो सकता है, APC can never be zero only when consumption becomes zero, however consumption is never zero at any level of income, even at zero level of national income there is autonomous consumption, जो की क्या होता है C bar यह bar यहाँ पर जरूर ले लेना वो थोड़ा सा mistake हो गई है वहाँ पर आया नहीं है उसको हम C bar ही लिखेंगे तो I hope so कि यह जो average propensity to consume है यह आप लोगों को अच्छे से clear है फिर आता है marginal propensity to consume अब marginal propensity to consume क्या होता है कि एडिशनल जो इनकम बढ़ी है उसका कितना unit जो है consume किया जा रहा है ठीक है so marginal propensity to consume refers to the ratio of change in consumption expenditure to change in total income ठीक है जो consumption expenditure है उसमें change divided by total income में change that is MPC is equals to change in consumption इसे हम कैसे लिखता है ये delta C is delta का मतलब क्या हम बोलेंगे कि यह किस चीज को यहां पर डिफाइन कर रहा है चेंज को ठीक है अब इस चीज को तो अभी हम रहने देते हैं पहले जो हम अपना चीजें गिवन है और चीजें में हम लोग कैसे फाइंड आउट करने वाले हैं देखो आपके पास में इंकम है स्टूडिंज कंजम्शन अब अकॉर्डिंग टू एमपीसी हमें क्या चाहिए हमें चाहिए चे तो आप change in consumption आप कैसे find out करोगे, ये 40 है, ये 120 है, कितने से change हुआ है, मतलब कि ये जो consumption है, कितने से increase हुआ है, कैसे करोगे, 120 minus 40 कर देंगे, तो ये कितना आगया, 80, ठीक है, मतलब कि change हमें कितना देखने को मिला, 80 जो है वो हमें change देखने को मिला है, अब यहाँ पर ये मत करना कि आप 40 minus 120 कर रहो, नहीं, हमें पता है कि consumption increase होता है with increase in income, तो विसी चीज़े की, कि नीचे वाला number ही बड़ा होगा, तो आपको ऐसे उल्टर नहीं करना है, आपको यह करना है 120-40 करना है, फिर से हमें next वाला change निकालना है, तो हम क्या करेंगे, 200-120, यह क्या हो गया, यह हो गया, फिर से आपका 80, फिर से हमें change निकालना है, 280-200, यह कितना आ गया, आपका 80 आ constant रहेगा 8080 का, नहीं है, यह तो बस इस schedule के according 8080 का difference था, इसलिए ऐसा आ गया, बाकि यह compulsion नहीं होता है, ठीक है, यह जो है आपको change भी दिखता है, कि हाँ कहीं पर 80 है, तो कहीं पर 60 से change है, कहीं पर 40 से है, तो यह चीज possible होती है, अब जैसे कि हमने change in consumption निकाला है, same way में हम क 100 तो कितना चेंज हुआ 100 का ठीक है फिर वहीं 200 और 100 के बीच का डिफरेंस यह चेंज फिर से आपको क्या दिख रहा है 100 का ठीक है यह 300 200 में भी आपको मिल गया और 400 300 में भी देखने को मिल गया ठीक है तो आपकी जो चेंज इनकम है वह कुछ यह हो गई अब हम बात कर रहें एमपीसी की तो एमपीसी कैसे पाइंड आउट करते हैं एमपीसी को हम पाइंड आउट करते हैं चेंज इन सी डिवाइडेड बाय चेंज इन वाय करके दाटर यहां आपका चेंज इन सी और यहां आपका आपका चीन जन वाय एटी डिवाइडेड बाय हंड्रेड एटी डिवाइडेड बाय हंड्रेड एटी डिवाइडेड बाय हंड्रेड इस वे में तो आपका जो एमपीसी वह आ जाता है ओके तो आई होप्स हो कि एमपीसी को फाइंड आउट कैसे करना है आपको समझ में यह चेंज चाहिए देखो एपीसी में हम क्या कर रहे थे एपीसी में हम आज एटर यह पूरी पूरी वेल्यूज ले रहे थे राइट यह वाली और यह वाली लेकिन अब हमें यह नहीं करना है अब हमें सिर्फ चेंज वाला चाहिए ठीक है तो जैसे कि देखो आपने यहाँ पर दो चीजे ली M और N लिया यहाँ पर Y1 और Y2 लिया ठीक है मान लो यह Y1 है आपका 100 यह Y2 कितना है 200 है ठीक है और यह M और N जो है यह मैं अपने मन के अकॉर्डिंग कुछ भी values यहाँ पर लिख देती हूँ that is मान लीजि ना है तो मैं कैसे निकालूंगी मान लो मुझे MPG निकालना है students ये वाला ठीक है तो देखो मैंने एक यहाँ पर line draw की है M और Y1 को join कर दिया और इदर मैंने join कर दिया किसको N और Y2 को ओके अब मुझे निकालना है सिर्फ जो additional है तो इस M में मतलब कि ये B तक यहाँ पर इसको cut निकलेगा वाय वन माइनस वाय टू ठीक है तो यह आपका निकलेगा सर्वाई टू माइनस वाय वन तो यह आपका क्या आजाएगा यह आपका जाएगा 200 माइनस 100 डिवाइड में आप 100 लिख दोगे और यह जो एम एम है ठीक है यह इतने की जो वेल्यू लाटस टू हंड्रेड और 120 के बीच के कितनी वेल्यू है 80 है यहां पर 80 का जो है हमारा मार्जन आपका जो एम एम है वह कितना आ गया 80 आ गया ठीक है तो इस वेयर में यह आपका 80 डिवाइडेड बाई हंड्रेड आप करोगे तो क्या मिले� marginal propensity to consume मिलेगा, ओके, बहुती simple सी चीज थी, I think कि आप लोगो clear हो गई होगी, now जो आपका marginal propensity to consume है, वो हम देखें, अगर इसकी कुछ points देखें, तो value of MPC lies, between 0 and 1, जो value होती है MPC की, वो 0 और 1 के बीच में ही lie करती है, अब ऐसा क्यों है, तो देखो, एक simple सी चीज है students, हम क्या बोल रहे है, marginal propensity to consume, मैंने बोला है, कि जो change in Y है आपका, और change in C ले रही हूँ ठीक है मान लो change in Y आपका 80 है मतलब कि 80 रुपी से जो income है वो क्या हुई है change हुई है और मैं बोल रही हूँ कि change in C कितना है तो change in C भी 80 है अब मेरे पास मैं change in C है और क्या है change in Y है अगर ये दोनों है तो मैं MPC easily निकाल सकती हूँ yes बिलकुल निकाल सकती हूँ मुझे क्या करना है change in C divided by change in Y ये क्या आगई मेरी value 1, that means कि जब MPC की value 1 है, तो वो हमें ये show कर रहा है, कि जितनी भी income, जितनी भी additional income earn की गई है, वो पूरी की पूरी income जो है, वो spend कर दी गई consumption पे, okay, तो ये हो गया क्या, ये हो गया आपका जो MPC है वो 1, ठीक है, अब MPC is 0, अब MPC 0 कब होगा, मान लो आपकी जो income है, वो कितने से increase हुई 80 से जो आपका consumption है वो 0 से अब आप क्या लिखोगे 0 divided by 80 इसकी value क्या आ गई 0 ठीक है मतलब की सीधी सी बात है 80 zeros will be 0 ठीक है तो 0 divided by 80 कितना आ गया आपका 0 आ गया है that means कि 2 cases हो सकते है मतलब कि 2 extreme वाले cases हमने बूल दिये या तो पूरी की पूरी income spend कर दी तो वो 1 हो गया या तो पूरी की की पूरी income जो है वो save कर ली consume हमने कुछ किया ही नहीं तो क्या आ गया आपका MPC zero आ गया अब जो बाकी की चीज है कि income का कुछ part जो है वो save करा कुछ consume करा ये वाली चीज है तो वो zero और one के बीच में ही तो lie करेगी तो हमेशा आपकी जो MPC की value है वो किसके बीच में lie करेगी zero and one के बीच में ठीक है I hope so कि ये concept आप लोगों को अच्छे से clear हो गया होगा ना जो next वाला है वो क्या है next day MPC of पूर इज मोर देन दाट ऑफ रिच जो एमपीसी है पूर का वह रिच से ज्यादा है ज्यादा होता है अब ऐसा क्यों होता है स्टूडिंग्स मार्जिनल प्रोपेंसिटी टू कंजीम का मतलब क्या है कि एडिशनल इनकम आप कितना आपकी जो एडिशनल इनकम है उसको आप कैसे यूज कर रहे हो या उसका कितना पार्ट आप कंजीम कर रहे हो मान लो एक कोई परसन है जिसकी इनकम कितनी है हंड्रेड रुपीज है और एक परसन है जिसकी इनकम है अ चेन लाख रुपीज ठीक है यह दो परसन हमने लिया अब इस परसन की इनकम जो है वह बढ़ी ओके यह टेन लाख थी अब यह हो गई कितनी ट्वेल लाख ओके विजियों डिफिकेशन लाख से कितने पर गया चुटला पर गया यह अंड्रेड से कहां गया तो यह हंड्रेड से गया मान लीजिए 200 पर ओके अब स्टूडेंट जो यह वाला परसन है उसकी जो नीड है उसकी जो डिमांड है वह इस hundred में fulfill नहीं हो पा रही होगी तो जब इसकी income बढ़ी तो वो ये जो extra hundred rupees जो बढ़े हैं वो उसे save करने की नहीं सोचेगा क्यों नहीं सोचेगा because इसकी कुछ needs हैं जो की fulfill नहीं हो पा रही है या नहीं हो पाई थी तो पहले वो अपनी needs को fulfill करेगा ठीक है जब needs को fulfill करेगा रुपीज है इसका हो सकता है कोई भी पार्ट सेव ना करें या हो सकता है बहुत ही जो है लिटल अमाउंट सेव करें लेकिन अगर मैं इस पर्सन की बात करूं तो जिसकी इनकम टिन लाख रुपीज थी उसकी ऑलरेडी उसकी जो नीज वह तो फुलफिल्ड है उसके पास नहीं इतना मनी है ऑलरेडी कि वह अपनी हर एक नीड को फुलफिल कर सकता है जब इसकी इनकम क्या हुई बढ़ी है ओके टू लाख रुपीज से बढ़ी है तब जाकर वह ट्वेल लाख हुआ तो यह जो एडिशनल टू लाख है इसकी जाने जासे वह कंजम नहीं बढ़ा देगा कि अच्छा इनकम बढ़ गई तो कंजम्शन बढ़ा दूं उसकी तो नीड वैसे भी फुल्फिल हो रही थी ना तो वो क्या सोचेगा इस मनी को सेव कर लेता हूं ठीक है तो इसलिए हम बोलते हैं कि जो एमपीसी है पूर का वह ज्यादा रहेगा किस से रिच से बिकॉस पूर वे टेंड टू कंजीव मोर ऑफ वी एडिशनल या फिर इनक्रीज इनकम आज कंपेर्ट टू रिच ठीक है एमपीसी फॉर्म्स विच सक्सेसिव इनक्रीज इन इनकम जो एमपीसी है वह क्या होगा फॉर पॉल होगा विच सक्सेसिव इंक्रीज इन इंकम अब पता है कि इधर तो हो गई होगा, रिच की बात छोड़ दो अगर पूर की बात करूँ, तो चलो ये 200 से कहा आ गया, 500 पर आ गया, 200 में भी कुछ needs से वो fulfill नहीं हो रही थे, तो 500 में वो उसकी fulfill हुई, फिर वो आ गया किस पर, 1000 पर, तो आप जब ऐसे constant पहले इनक्रीज होती रहेगी इनकम तो ये person भी सोचेगा कि अब ये क्या करें सेविंग्स करें सेव करना स्टार्ट करें बिकोस इसकी भी जो needs वो कही न गई fulfill तो हो ही कही है और अब उसे जो है सेव भी कर लेना चाहिए ताकि in future वो वह यूज हो सके तो जैसे-जैसे इनकम बढ़ती है वैसे-वैसे इन पीछे होता है फॉल होता है एक पर्सन ही सोचेगा कि अब वह कंज्यूम कम करें और स्पेंड ज्यादा करें ओके तो आयोग सकी जो तीनों ही पॉइंट हमारे एंड पीछे के बारे में यह तीनों ही पॉइंट आप लोगों को अच्छे से क्लियर हो गए हैं ठीक फिर आते हैं हम सेविंग फंक्शन पर हमने देखा था कि वो होता है functional relationship between income and consumption, तो जो saving function है, वो क्या होगा, saving function होगा functional relationship between savings and income, okay, तो यह हो जाएगा आपका saving function, मतलब कि आपकी जो income है, उसका आप कितना part, या जो income है, वो उसे आप कितना save करते हो, या उस income को कैसे use करते हो, ठीक है, savings में है, consumption में, अब हम saving function की बात कर रहे हैं, कर रहा हूं यह चीज इसमें आईएगी ठीक है सो सेविंग फंक्शन रिफर्स टू दी फंक्शनल रिलेशनसिप बेटूवीन सेविंग एंड नेशनल इनकम और इसे हम इसी वे में डिनोट करते हैं दाट टेस एस इसी इक्वल्स टू एफ ऑफ वाइस सेविंग एक्वल्स टू फंक्शनल फंक्शन ऑफ इनकम ठीक है सेविंग फंक्शन और प्रोपेंसिटी टू सेव शोज दी सेविंग to consume, same way में हम पढ़ेंगे students propensity to save, ठीक है, यह क्या पढ़ेंगे, propensity to save, that means tendency to save, जो income है उसका कितना part एक consumer, एक household, sorry, save कर रहा है, that is what we call propensity to save, ठीक है, the saving function or propensity to save, क्या शो कर रहा है, the saving of households at the given level of income during a given period of, of time, ठीक है, कि एक person जो है, वो कितना save करना चाह रहा है, how much he tends to save, ठीक है, यह आगे आपका saving function, saving function और आपका जो consumption function है, या फिर मैं बोलू propensity to save and propensity to consume है, वो exactly same है, exactly same, I should not say, slight difference है, वो यह है, कि जहां जहां पर consume word आएगा, आपके propensity to consume में, या saving में क्या जाएगा saving word आ जाता है बाकी concept same है कि अच्छा उसमें भी APC होता है MPC होता है तो इसमें APS और MPS हो जाएगे that is marginal propensity to save और average propensity to save हो जाएगा concept वही रहेगा बस अब consumption की जगह हम क्या use करने लगेंगे saving use करने लगेंगे तो मतलब कि अगर आपने एक चीज को अच्छे से समझा है तो उसकी help से आप दूसरी चीज को भी बहुत ही अच्छे से समझ पाओगे अगर हम schedule देखें student saving का schedule चैटीव लेकर तो हम लोग क्या देख सकते हैं वहीं हमने लिया जो हमने कंसम्शन में चैटीव लिया था इनकम कंसम्शन एंड सेविंग यह चीज में आपको पहले बताइए कि जितना आपका ऑटोनॉर्मस कंसम्शन होता है वह जो सी बार है वही एक्जाक्टली आपका सेविंग में क्या आएगा माइनस सी बार दाट इज दिस इज वॉट ऑटोनॉर्मस सेविंग अब दिस इज नॉट ऑटोनॉर्मस सेविंग सॉरी दिस इस डिस सेविंग ठीक है यहां पर क्या हो रहा है डिस सेविंग हो रही है अगर सेविंग नेगेटिव में है तो हम सेविंग को यूज कर रहे हैं सीधा सा मतलब इसका यह होता है ठीक है और वह किसके इक्वल हो गया सी बार के इक्वल हो गया आपका माइनस सी बार ठीक है तो अगर एक परसन की इनकम जीरो और वो आपका स्टेडियोल वह एक्जैक्टली उस कंजम्शन सेडियोल का सेम है यह आप देख सकते हो आपके सारे कंजम्शन जो यह क्या minus 40 से minus 20 गया फिर 0, फिर 20, 40, 60, 80, मतलब कि जैसे जैसे ये income बढ़ रही है, 0, 100, 200, 300, 400, same way में, जो saving है, वो भी क्या हो रही है, increase हो रही है, ठीक है, so with increase in income, जो saving है, वो भी क्या होती है, increase होती है, because जब एक person की constant increase होती जाती है income, तो वो person जो है, he tends to save also, ठीक है, इसी का अगर हम कर देखें तो कुछ यहाँ आएगा देखो यहाँ पर ध्यान देना कि आप लोगों ने जो आपका consumption curve बनाये था वो कुछ यहाँ से start हुआ ठीक है यह जो part होता है ना consumption curve का यह वाला जो part होता है वो exactly equal होगा इस पार्ट के, ठीक है, because यह आपका 40 है और यह क्या है, minus 40 है, बस जो sides है वो change होगी, यह आपका C bar था, यह क्या बन गया, आपका minus C bar, यहाँ पर भी यह 40 आएगा, और इस sides, लाइट भी है क्या है माइनस सी बार दाट पर प्रट पर आएगा ठीक है और जब यह नीचे से स्टार्ट होता है ना आपका सेविंग कर्व मतलब कि नेगेटिव एक्सेस से स्टार्ट हो रहा है तो वह शो कर रहा है क्या डिस सेविंग ठीक है यह पूरा ट्राइंगल है इसका जो एरिया का वर्ड हम यह बोलेंगे कि यहां पर हमें डिस सेविंग देखने को मिलती है फिर एक पॉइंट आता है जो सेविंग कर वे इस एक्सेस पर आकर मीट करती है तो वह पॉइंट होता है जब सेविंग्स क्या होती है जीरो होती है ठीक है यह याद रखना यह मत बोल देना कि सेविंग इनकम के पराबर हो गई सेविंग इनकम के पराबर तो इनकम वहां पर उस पॉइंट पर क्या है जीरो होता है ठीक है तो आपकी जो सेविंग वह क्या है वह उस टाइम पर जीरो है उस टाइम पर कंजम्शन और इक्वल कंजम्शन और इनकम जो वह इक्वल होता है ठीक है अगर यह सेविंग कुछ यहां पर आकर मिलती तो वह बात हम बोलते हैं कि हम कोई नंबर है अब यह तो एक्सेस पर मिल रही है तो वह टाइम इन जीरो और फिर के उपर, जब axis के उपर हम बात कर रहे हैं कि आपका saving curve चला गया है, तो जो saving है वो हमें positive axis में देखने को मिलती है, मतलब कि आप जो है एक person save कर रहा है, okay, जब negative axis में आप देख रहे हो, तो यह है आपकी dis savings, और जब वो positive axis में जाता है, तो यह बताता है आपका savings, okay, तो I hope sir कि point कौन सा होता है जब saving 0 होती है consumption curve में break even point कौन सा होता है जब आपकी consumption और income क्या है equal है मतलब कि in short हम बोल सकते हैं कि ये वाला जो पूरा हमारा scenario है ये हमारा break even point का scenario है ok तो I think कि ये जो आपका saving function है या मैं बोलू ये जो schedule और जो हमारा graph है ये आप लोगों को अच्छे से clear हो गया है ठीक है फिर आते हैं types of propensity to save पर, तो जैसे कि आपके propensity to consume थे दो, वैसे ही क्या आ गए, आपके propensity to save आ गए, that is average propensity to save and marginal propensity to save, ठीक है, तो अब average propensity to save, to save क्या है APS refers to the ratio of saving to the corresponding level of income देखो average propensity to consume हम कैसे निकाल देते है students हम करते थे consumption divided by income राइट या फिर इतना ना लिखकर मैं एकदम सॉट में लिख दूं C डिवाइडेड बाई Y अब जैसे कि मैंने आपको पहले ही बोला कि जहां जहां पर कंजम्शन आ रहा है उसे आप चेंज कर दो कि से सेविंग से ठीक है तो इस कंजम्शन को मैं सेविंग से बदल दू इन वाय आ गया, ओके, एकदम सिंपल सी चीज है, I think कि आप लोगों को clear भी हो गई होगी, इसका हम देख लें क्या, schedule, तो कैसे find out करना है, अब हम सीख गए हैं, income है, saving है, और APS निकालना है, तो सीधा सीधा क्या करना है, आपको इसको इससे divide करना है, minus 40 divided by 0 करोगे, तो आप define ही नहीं कर सकते हो, फिर यहाँ है minus 20 divided by 100, minus point 20, जब तक यह minus आ रहा है, that means कि आप disk saving कर रहो, याद रखना जब तक आपका APS negative है, that means you are disk saving, आप save नहीं कर रहो, बलकि जो पुरानी savings हैं, उन्हें use कर रहो, उन्हें भी क्या कर रहो, आप use करते जारो, तो वो disk saving होती है, ठीक है? आज जी रो डिवाइडेड बाई 200 तो यह क्या आ गई आपकी यहां पर एपीएस जीरो आगे एपीएस जीरो है इट मीन्स कि इस पॉइंट पर आपकी सेविंग्स भी क्या है जीरो है ठीक है फिर आता है आपका च्वेंडी डिवाइडेड बाई 300 जीरो 0.067 फिर आया गया 40 डिवाइडर बाइट 400 0.1 ठीक है हम यह देख रहे हैं कि जो सेविंग जो सारी एपीएस है वह विद इनक्रीज इन इनकम या फिर हम बोलें विद इनक्रीज इन सेविंग वह भी क्या होता चाहिए इनक्रीज होता जा रहा है ठीक है इसे अगर हम ग्राफ के थ्रू निकालना चाहेंगे तो कैसे निकालेंगे स्टूडेंस यह हमारा सेविंग कर हमारा बना ठीक है अब सेविंग कर में से हमें क्या चाहिए हमें चाहिए सेविंग और इनकम की विल्यू आप कैसे निकाल लेंगे जैसे हमने कंजम्शन में निकाला था सीम वे में ठीक है यहां पर हमने यह दो चीजें दो जो lines है वो draw की दोनों को join कर दिया मान लो यहाँ पर income हमारी कितनी है 200 है यहाँ पर saving हमारी कितनी है तो यह saving आपकी आप मान लीजिए 120 है ठीक है यह 20 बोल ��ेते हैं sorry 20 मान लेते हैं इसे 0 मत मान ले चलो इसको मैं 300 कर देती हूँ ओके तो वो 300 है और ये कितनी हो गई आपकी 20 हो गई तो अब ये जो value है that is 0 और r की जो value है वो कितनी हो गई आपकी यहाँ पर हम लिख देंगे 20 और इस इसको डिवाइड कर दो जीरो वाइब वन से तो इसकी वेल्यू कितनी है स्टूडेंस यह वाली पूरी या आपकी 300 शो कर रही है तो यह आगे आपका एपीएस डाटस 20 डिवाइडेड बाइ 300 ठीक है तो इस वे में जो है हम क्या निकालते हैं इस वे में हम अपना एपीएस फाइंड आउट करते हैं विद थी हेल्प ऑफ ग्राफ ओके तो आई होप सो कि यह जो आपका एपीएस का जो पूरा कंसेप्ट है यह आप लोगों क्लियर हो गया होगा अब जो इसके इंपोर्टेंट पॉइंट से एपीएस के वह क्या है APS can never be 1 or more than 1, APS कभी भी 1 या more than 1 नहीं हो सकता, ये APS 1 के बराबर कब हो सकता है students, जब आपकी जो total income है, मान लो 200 income है और यही total income को अगर मैं save कर लूँ, तो मेरा APS क्या निकलेगा, 1 निकलेगा, ठीक है, ये मैंने saving ली 200 और income ली 200, तो अगर saving और income equal हो, तो ही आपका APS 1 निकल यह तब भी हम कंजम्शन करते हैं इट मीन्स कि कभी भी जो पूरी इनकम है वह सेव नहीं की जा सकती उसका कुछ ना कुछ पार्ट तो कंजम कंजूम किया ही जाएगा इसलिए आपका जो एपीएस है वह कभी भी वन के इक्वल नहीं हो सकता है और ना ही वन से ज्यादा हो सकता है वन से ज्यादा कब होता जब आप इनकम से ज्यादा सेविंग कर लो और यह चीज तो जो एपी ऐसा वह कभी अभी भी वन या फिर मोर दन वन नहीं हो सकता है एस सेविंग के निवर वीडियो टू और मोर दन नाशनल इनकम ठीक है फिर एपिएस कैन भी जीरो एपिएस बिल्कुल जीरो हो सकता है जब आपकी सेविंग जीरो होगी तो आपका एपिएस जीरो लगा और सेविंग जीरो आराम से हो सकती है जितनी इनकम मेरी है मैं पूरी के पूरी स्पेंड कर सकती हूं दूसरे जब पॉसिबिलिटी ठीक है तो एपिएस इग्वल्स टू जीरो एस सेविंग जीरो एड इनकम लेवल ऑफ चूहंड़ेड करोड़ इस पॉइंट होती है या हम बोलें APS 0 होता है तो उसे हम break even point कहते हैं APS can be negative or less than 1 APS negative भी हो सकता है or less than 1 भी हो सकता है अब more than 1 या equal to 1 नहीं होगा तो obvious चीज़ वो less than 1 तो होगा और negative कब होगा negative होगा जब dis-saving हो रही हो ठीक है so at income levels which are lower than the break even point APS can be negative as there will be dis-savings in the economy and APS rises with the increase in income होती कि जो एपिएज वह क्या होता है राइज होता है अब जैसे कि मैंने बताया स्टूडेंस आपको कंजम्शन वाले में कि जब कंजम्शन के हम बात कर रहे हैं तो विद इंक्रीज इन इंकम कंजम्शन बढ़ता तो है लेकिन बिकॉज हमारी सेविंग्स भी क्या होने लगती है सेविंग्स भी आपकी जो है वह इनक्रीज होने लगती है ठीक है तो I hope so कि ये जो चारों ही points हमारे APS के बारे में ये आप लोगों अच्छे से clear हो गए हैं, okay, फिर आता है MPS जैसे कि MPC पढ़ा, वैसे MPS पढ़ लेते हैं, क्या होगा marginal propensity to save, इसका मतलब क्या हो गया कि जो additional income है उसका कितना proportion save किया जा रहा है, ठीक है, तो जैसे कि हमें पता है कि हमें क्या करना है कंजम्शन की जगह पर सेविंग यूज करना है तो सेम गोस्ट टू दिस कि एमपीएस लिखा हुआ है तो चेंज इन सेविंग डिवाइडेड बाइट चेंज इन कम कर देंगे जब एमपीएसी होता है स्टूडेंट तब हम क्या करते हैं एमपीएसी जब होता है तो हम करते हैं चेंज इन कंजम्शन डिवाइडेड बाइट चेंज इन स लेकिन MPS में consumption की जगह पर हम क्या लिख देंगे, savings लिख देंगे, okay, so MPS refers to the ratio of change in saving to change in total income, इसे find out कैसे किया जा सकता है अगर ग्राफ के थ्रू हमें find out करना है तो कैसे करेंगे जैसे कि MPC सीखा था सेम वे में MPAS होगा बस difference यह होगा कि अब यहां पर यह वाला कर्व मतलब कि consumption कर्व ना होकर क्या बना है saving कर्व बना है बाकी देखो consumption function या sorry consumption जब हमने निकाला था MPC जब निकालना सीखा था विद ग्राफ तो ऐसा ही था और MPP एक्जैक्टली सेम ही है यह हमने यहां पर यह ड्रॉक किया और यह ड्रॉक किया ठीक है तो आप डिफरेंस देखना होता है एडिशनल देखना होता है ना तो यह होगी आपकी एडि कि एडिशनल ठीक है तो दाट इज व्हाट वाइवन वाइट टू आंड पी आर जो है यह आपकी एडिशनल है तो पी आर डिवाइडेड है क्या कर देंगे वाइवन वाइट टू ठीक है तो क्या जाएगा तो आपका जो एमपीएस वह निकल जाएगा अब इसका अगर शेडूल देखें तो कुछ यह होगा यह शेडूल में आपको क्या करना है आपको एक चेंज एंड सेविंग और चेंज इनकम वाली जो आपका आपका column है वो increase हो जाएगा ठीक है इसे आप change in income कर लीजिए students वो थोड़ा सा copy paste में क्या हो गया same हो गया ठीक है तो आपको क्या करना है ये change in income है divided by sorry change in income है that is delta हुआ है और यहां पर भी जो है आप क्या लेने वाले हो यहां पर भी आप लोगे MPS is equals to change in saving divided by change in income ओके तो इस way में जो है हम लोग अपना ये MPS का जो curve है वो बनाने वाले है ठीक है यह हमारी income हो गई यह हमारे हो गए क्या saving change in saving कैसे निकाल ली वही जो हमें पता है minus 20 minus 40 करेंगे हम minus minus 40 करेंगे, देखो ऐसे जब ये minus minus sign जाना तो इसमें confused नहीं होना है, properly लिख लो इसे, minus 20 मेंसे हमें करना है, हमें minus करना है इस पूरे number को, that is minus 40 को क्या करना है, हमें minus करना है, अब ये minus minus का sign है ना, तो ये minus minus क्या हो जाएगा, ये minus minus plus हो जाएगा, ठीक है, और ये minus 20 as it is रहे नियुक्त होने वाला है लेकिन आपका जो अंसर है वह पॉजिटिव लिखोगे बिकॉज यह जो आपका लार्जर नंबर उसके पास में पॉजिटिव का साइन है जो भी लार्जर नंबर के पास में साइन होता है हम वहीं यूज करते हैं तो लार्जर नंबर के पास में आपका है पॉजिटिव साइन है तो वह क्या आगे वह आगे 20 ठीक है तो आपकी जो चेंज एंड सेविंग है वह क्या ही 20 और यह फर्स्ट वाली हम कुछ भी नहीं लेंगे बिकॉज इसके पहले क्या था वह हम नहीं बता सकते हैं ना तो इसलिए यह वाला हम ब्लैंक ही रखते हैं तो फिर यह minus 20 और यह क्या हो गया, 0, तो आपको यहाँ करना है, 0 minus minus 20 करना है, ठीक है, यह याद रखना, आपको यहाँ करना है, 0 minus minus 20 करना है, because यहाँ पर जो term है, वो तो पूरा है न, तो minus minus क्या हो गया, यह हो गया आपका plus, तो that would be 0 plus 20, तो यहाँ आए आपकी 20, ठीक है, फिर sorry 20 minus 0 हो गया आपका 20 और 40 minus 20 भी क्या हो गया आपका 20, तो यहाँ आगई आपकी जो सारी change in savings हैं वो, जो कि हमारी constant आई है, 2020 compulsion नहीं है कि constant ही रहेगी, वो तो जैसे consumption रहेगा उसके साप से savings भी change होती है, ठीक है, फिर आता है यहाँ पर क्या, यह आएगा आपका change in income, इसे आप income ही लेना, यह आएगा आपका delta y, ठीक है, change in income में क्या करना है, 100 minus 0, 200 minus, 100-100 300-200 and 400-300 बदल कि इस वे में हमें माइनस करते जाना है तो यह आ गए हमारे 100-100 ठीक है यह आगे आपकी चेंज इनकंप अब हमें क्या निकालना है अब हमें निकालना है हमारा एमपीएस तो उसे हम कैसे निकालेंगे चेंज इन सेविंग डिवाइडेड बाए चेंज इन इनकंप ठीक है इस वे में जो हमारा एमपीएस हम लोग निकालना वाले यह आपका 20 डिवाइडेड बाए 100 क्या गया वह पॉइंट टू जीरो सेम गोस्ट to this 0.20 क्योंकि यहां पर हमारी saving और income constant है same same चल रहे हैं इसलिए आपकी MPS भी जो है वो same ही मिलेगी आपको ठीक है तो I hope so कि MPS को कैसे find out करना और MPS का जो concept है ये भी आप लोगो को clear हो गया है ठीक फिर आता है इसके बीच के मतलब की जो आपके MPS के कुछ important points हैं वो, MPS varies between 0 and 1, MPS जो है वो 0 और 1 के बीच में क्या करता है, vary करता है, that is जो additional income है students, वो या तो पूरी save कर ली, या फिर पूरी ही, या फिर कुछ भी save नहीं किया है, सीधा सा मतलब यह है, देखो आपका जो APS है, वो कभी भी 1 नहीं हो सकता, APS जो है वो कभी भी 1 नहीं हो सकता, यह आगर, रखना है क्यों बिकॉस वह पूरा आवरेज बता रहा नहीं कि आपकी इतनी इनकम है और इतनी आपकी क्या है सेविंग है तो कभी भी इनकम और सेविंग इक्वल नहीं हो सकते लेकिन जो एमपीएस है वह वन हो सकता है एडिशनल मान लो कि मैं एक एडिशनल मान लो कि मैंने पहले मेरी क्या थी इनकम थी उसमें कंजम्शन कर रही थी कितने का और सेविंग कर रही थी कितने की फिर उसके बाद में मेरी जो है इनकम बड़ी ठीक है मेरी income बड़ी है कितनी? 200 हो गई कंजम्शन नहीं बढ़ाया, मेरा कंजम्शन as it is है कितने का?

50 का, लेकिन अब जो saving है, वो कितनी हो गई मेरी? saving हो गई मेरी 150 रुपीज की, ठीक है? अब हमें क्या चाहिए? अब हमें चाहिए change in saving and change in income, कैसे? निकालेंगे change in income को delta s निकालते हैं पहले तो ठीक है change in saving निकालते हैं कैसे निकालेंगे इसमें से इसको minus कर देंगे 150 minus 50 कितना हो गया यह हो गया आपका 100 इसको आपको divide करना है किस से change चेंज इन वाइस इम चेंज इन वाइस 200-100 कितना हो गया यह हो गया आपका फंडे दोनों को अगर मैं कैंसल आउट कर दूं तो यह जो आपका चेंज इन सी एस टोरी चेंज इन एस डिवाइडेड बाय चेंज इन वाइ है वह किसके इक्वल हो गया आपके वन के दाटे से इक्वल्स टू वन जो तिन्हीं भी एडिशनल इनकम है अगर वह पूरी की पूरी इनकम एडिशनल पूरी इनकम सेव कर ली जाए तो आपका क्या हो जाएगा वन हो जाएगा एमपीएस कैन बी वन बट एपीएस के निवर भी एपीएस का मतलब क्या हो गया एपीएस का मतलब हो गया है कि आप इसे डिवाइड कर रहो इससे ठीक है डिरेक्टली आप क्या कर रहे हो 150 डिवाइडेड बाई 200 डिवाइड कर रहे हो इस वो आपको आपको आपको ही हो सकता लेकिन MPS can be 1 उसके बाद में MPS जो है वो 0 कब होगा MPS 0 हो रहा है student आपने जो आपकी जो additional 100 रुपीस की income थी वो पूरी की पूरी 100 रुपीस की income इधर spend कर दी saving आपकी as it is उतनी ही है 50 ठीक है तो आप देखो मेरे पास में जो change in savings है वो कितनी होगी 50-50 कितनी हो गई यह हो गई 0 और जो आपकी change in income है वो कितनी हो गई 200-100 that will give you 100 तो 0 divided by 100 will give you जीरो तो जो आपका एमपीएस है वह क्या हो गया वह हो गया आपका जीरो तो एमपीएस जीरो हो सकता है एमपीएस वन हो सकता है लेकिन जीरो से कम और वन से ज्यादा नहीं हो सकता है आपका जो एमपीएस है वह इस रेंज में कहीं पर भी हो सकता है ठीक है इसकी मिनिमम वेल्यू बोलेंगे जीरो मेक्सिमम वेल्यू वन है इससे ज्यादा नहीं हो सकता बिकॉस जितनी इनकम आपकी इंक्रीज हो रही है उससे ज्यादा आप सेव नहीं कर सकते हो ठीक है अब कि इनक्रीज आपकी इनकम हो रही है rate से और आप बोल रहो मैंने saving increase कर दी 150 से वो नहीं होगा ठीक है तो I hope so कि ये चीज आप लोगो clear हो गई है ओके जैसे कि अगर मैं इस चीज को आपको शो भी करूँ तो उस वे में हम कैसे शो कर सकते हैं अगर मैं बोल रही हूँ कि मैंने जो है अपनी सेविंग 150 नहीं 150 से जादा की बढ़ा दी 160 से मैंने जो है मतलब कि अब मेरी सेविंग 160 हो गई है तो मेरी कंजम्शन कितनी होगी 40 इंक्रीज हो रहा है तो हमारा लॉ ही गलत हो गया इसलिए कभी भी वन से ज्यादा एमपीएस नहीं हो सकता मतलब कि जितनी हमारी एडिशनल इनकम है उससे ज्यादा हम जो है सेव नहीं करेंगे हमारा जो पुराना कंसम्शन है वह तो आज आएगा यह आएगा वह और इंक्रीज होकर आ सकता है लेकिन उतना तो आना ही पड़ेगा ओके तो आई होप से कि आप तो कोई जो हमारा फर्स्ट वाला पॉइंट है एमपीएस वेरीज बिट्टी इन जीरो एंड वन यह क्लियर हो गया इफ बिन टाइम इडिस्ट additional income is saved that is change in C is equals to 0 then MPS is equals to 1 ठीक है अगर change in C that is consumption में कोई change नहीं है तो MPS क्या आ जाएगा 1 आ जाएगा ये चीज मैंने आपको explain कर दिये मैं बापिस यहाँ पर उतना time नहीं लूँगी because आप लोग समझी चुके हो ठीक है एक बार read कर लेते हैं however if the entire additional income is consumed that is change in S is 0 then MPS is equals to 0 and in normal situation विल्यू आफ एमपीएस वेरीज बिट्वीन जीरो एंड वन नॉर्मल सिच्वेशन में यही होती है जो हम लोगों को पता है वह यही होता है हां वह पॉसिबिलिटी मैं यह नहीं बोल रही हूं कि बिल्कुल चेंज हो नहीं सकता हम कंजम्शन कम कर सकते हैं लेकिन अगर हम सब कुछ अपने मन से करने लगेंगे तो यह जो लॉज है यह सारे गलत हो जाएंगे ठीक है इसलिए हमें यह चीजें अजय करने पड़ती है और इसीलिए यहां पर भी बोला गया कि नॉर्मल सिच्वेशन में वह और बन के बीच में ही वेरी करता है ओके तो आप लोगों को ख्लीयर हो गई है फिर आते हैं अपने नेक्स्ट पर दाट इनवेस्टमेंट फंक्शन अब देखो जैसे कि कंजम्शन फंक्शन पड़ा सेविंग फंक्शन पड़ा सेम वे में हम क्या पड़ें इन वेस्टमेंट फंक्शन इन वेस्टम में अगर हम बात करें investment की students तो हम लोगों ने तो ये देखा है जब हम लोगों ने aggregate demand पढ़ा था पहले तो उसमें हमने ये ही समझा था कि जो AD है वो consumption plus investment होता है और उसमें जो हम investment ले रहे हैं वो कैसा है वह कंस्टेंट है ठीक है वह विद इनक्रीज इन इनकम उस पर कोई एफेक्ट नहीं होता है इनक्रीज और डिक्रीज इन इनकम जो भी है आपका इन्वेस्टमेंट पर उसका कोई फेक्ट नहीं होता आपका इन्वेस्टमेंट कैसा रहता है आपका इन वेस्टमे रहता है राइट यह चीज हम लोगों ने तब पड़ी थी लेकिन अभी जो हम यह इन्वेस्टमेंट फंक्शन बढ़े इसमें हम दो प्रिपरेंट थिंग टीविंग कंजूमर गुड्स क्या हो गए जो हम लोगों ने कंजूम किए हैं अपने अभी भी के परपस के लिए हम उस पर इन्वेस्टमेंट नहीं कर रहा है हमारे जो ऐसे ही वांट है उन्हें फुलफिल करने के लिए जो हम चीजें खरीदते करते हैं एक एक्सपेंडीचर इनकर करते हैं वह हमारे कंजीमर गुड्स पर एक्सपेंडीचर होते हमें रिटर्न प्रोवाइड करते हैं ठीक है बगला कि मैंने आज को यह मशीन खरीदी है तो वह मशीन से मैं और प्रोडक्शन करूंगी जिसकी वजह से मुझे मेरी जो इनका है वो बढ़ेगी तो मैंने आज अगर किसी मशीन पर पैसे लगा है तो वो मुझे return provide करेगी ठीके मैंने एक land खरीदा है वो land को आज खरीदा है वो in future मुझे return provide करेगा मैं उस पर घर बनागर उसे rent पर दूँगी ये return मिल रहा है मुझे या फिर मैं उस land को जब और further prices hike हो जाए ठीक है वह होता है आपका investment तो investment की जब हम बात करते हैं तो यह capital assets पर जो expenditure इंकर किया जाता है वह आता है आपके किसमें investment में ठीक है it includes the expenditure incurred on assets like machinery, building, equipment, raw material, etc. विच लीड टू इंक्रीज इन दी प्रोडक्टिव कैपेसिटी ऑफ एन इकोनॉमी ठीक है यह जो एक्सपेंडीचर है वह इन किसी भी असित्स प��� इंकर करना ठीक है यह ऐसे असित्स जो की प्रोडक्टिव कैपेसिटी इंक्रीज करते हैं जिनकी हेल्प से और जादा प्रो उसे कहते हैं हम investment okay, the investment expenditure is classified under two heads, one is induced investment and one is autonomous investment, अब इन दोनों का ही हम मतलब समझ लें कि ये क्या होते induced and autonomous investment सबसे पहला आता है हमारे पास में induced investment, so induced investment refers to the investment which depends on the profit expectations and is directly influenced by income level मतलब कि सीधी सीधी बात है है कि जब आपका जो इनवेस्टमेंट है वह चेंज हो रहा है विच चेंज इन इनकम तो वह आता है आपके इंड्यूज़ इनवेस्टमेंट में ठीक है मतलब कि इनकम में चेंज की वजह से अगर इनवेस्टमेंट में चेंज हो रहे हैं तो वह आपका इनड्यूज़ इनवेस्टमेंट जिस पर कोई भी effect नहीं होता with change in income अब ऐसे normally देखो तो obviously चीज़े अगर हम अपनी normal life में देखेंगे एक reality वाली situation देखें तो income level से तो investment affect हो गई होगा जैसे income level से consumption affect होता है same way में income level से investment भी affect होगा ही लेकिन अब वो कुछ assumptions हमें लेने बढ़ते हैं इसलिए हम AD को compute करते टाइम क्या लेते हैं investment को autonomous मानते हैं आप लोगों को क्लियर है कि इंडूज़ इन्वेस्टमेंट क्या होता है?

इट इस इंकम इलास्टिक दाट विज़ इंक्रीज़ विज़ इन इंकम आनवाइज वर्सा तो जैसी इंकम चल रही है वैसा इंवेस्टमेंट भी चलेगा अब अब्यूशिशी चीज़ अगर मेरी इंकम कम हो जाए तो पहले मैं गया देखूंगी पहले मैं देखूंगी मैं अपना कंजम्शन पूरा करूँ इंवेस्टमेंट मैं बाद में कर लूँगी जब इं इनकम नहीं हो रही तो मैं इन्वेस्टमेंट करके वह इन्वेस्टमेंट में पैसे लगाऊंगी कहां से ठीक है तो अब इसी चीज है कि जब इनकम बढ़त होती है तो इन्वेस्टमेंट भी कम हो जाती है ठीक है फिर आते हैं हम ऑटोनॉर्मस इन्वेस्टमेंट पर तो यह वह इन्वेस्टमेंट हो गया वेज इज इंडिपेंडेंट ऑफ दी चेंज इन दिन कम ठीक है यह हम बोलें कि इन्डिपेंडेंट ऑफ दी इनकम लेवल से बिल्कुल इंडिपेंडेंट रहता है ऐसे इन्वेस्टमेंट को हम ऑटोनॉर्मस इन्वेस्टमेंट रहते हैं सॉटर नॉर्म इन्वेस्टमेंट रिफर्स टू दी इन्वेस्टमेंट विच जॉस नॉट अफेक्टेड बाय चेंजें लेवल ऑफ इनकम income and is not induced solely by profit motive ठीक है जो autonomous investment है वह लेवल ऑफ इनकम से अफेक्ट नहीं होता है और वह सोली प्रॉफिट मोटिव से भी नहीं चलता है प्रॉफिट मोटिव से अगर चलता तो इनकम देखने को मिलता है लेकिन जो आपका ऑटोनॉम इन्वेस्टमेंट है यह प्रॉफिट मोटिव से नहीं चलता है यह जो है कंस्टेंट ही रहता है इस पर income का कोई effect नहीं होता है it is income in elastic that is it is not influenced by change in income यह कैसा है यह income in elastic है ठीक है यहाँ पर जो है change in income से यह influence नहीं होता है autonomous investments are generally made by government on infrastructural activities autonomous investment generally कौन undertake करता है government undertake करती है infrastructural activities से ठीक है इसकी help से जो है लोगों को employment में मिलती रहती है इसलिए government जो है ऐसी चीजें करते हैं मतलब कि government का एक sole motive profit motive नहीं होता ना social motive होता है तो चलो लोगों को employment में मिल गई साथ ही साथ में जो infrastructure है वो भी बन जाएगा तो इस way में जो है government जो है ऐसे investments undertake करती है the level of autonomous investment depends on the social economic and political condition of the economy कितना investment करना है जिस चीज पर डिपेंडेंट होता है यह डिपेंडेंट होता है जो सोशल एक्टर नॉमिक और पॉलिटिकल कंडीशन्स होती एक कंट्री की वह अगर कोई एक लीडर है वह बोल रहे हैं कि नहीं हम तो बिल्कुल सोशल वर्क नहीं करेंगे तो आपका इकोनॉमिक सिनारियों आपकी और जो सोशल सिनारियों है इन सब पर डिपेंडेंट होता है ऑटोनॉमस इनवेस्टमेंट बस यहां पर प्रॉफिट मोटर नहीं आएगा बाकि आप कोई सा भी जमाने भर के कोई से भी मोटर लाकर लिख दो सब सही हो जाएंगे ठीक है बस प्रॉफिट नहीं लिखना है क्योंकि प्रॉफिट जब आता है तो फिर साथ में पूरा माइंड यूज किया जाता है कब कहां क्या प्रॉफिट है कितनी इनकम है कितना इनवेस्टमेंट करना यह सब कुछ यूज होगा ठीक है तो आटोनॉमस इनवेस्टमेंट का मत लोगों अच्छे से क्लियर हो गया है और इंड्यूज इनवेस्टमेंट का भी अच्छे से क्लियर हो गया है ना हम लोगों ने चीज पढ़ी है कि हम जो एडी देख रहे हैं ठीक है एग्रिगेट डिमांड जब हम लोगों ने पढ़ा था तो उसमें ने प्लाइन वाला जो टर्म है वह लिया था रही एक्चुअल वाले मैंने बोला था कि एक्चुअल आप नहीं यूज करने वाले हो सेम गोश्च वॉट एग्रिगेट सप्लाई कि वहां पर भी आपके लेते हो प्लांड लेते हो तो यह प्लाइन और एक्चुअल जो है ना इसके के प्रॉपर टर्म होते हैं वह क्या होते हैं एक्स एंट एंड एक्स पोस्ट सेविंग एंड इनवेस्टमेंट ठीक है एक्स एंट एंड एक्स पोस्ट अब एक्स पोस्ट और एक्स एंट का मतलब क्या होता है अगर हम वह समझ गए तो आगे की चीज है तो हम इजीली समझ जाएंगे एक्स एंड जब आएगा तो याद रखना प्लान या फिर एक्सपेक्टेड वेल्यू ठीक है एक्स एंड का मतलब क्या है जो हम प्लान करने एक्स पोस्ट क्या हो जाएगा स्टूडिंग एक्स पोस्ट हो जाएगा जो कि आक्शुल में में हुआ है ओके अब देखो पोस्ट पोस्ट से क्या समझ में आया अच्छा बाद में ओके आप यह तो प्रीपॉन्ट या पोस्टपॉन्ट करते हैं पोस्टपॉन्ट क्या बाद में तो जो बाद में हो रहा है वह क्या है वह है आक्चुअल और जो एक्स एंट है वह क्या है वह है प्लांट ठीक है तो हम जब अपना एग्रिगेट सप्लाई यह चीजें फाइंड आउट करते हैं या हम इनके कोई भी वेरिएबल्स देखते हैं तो यह सारे वेरिएबल्स कैसे होते हैं एक्स एंट वेरिएबल होते हैं ठीक है एक्स पोस्ट नहीं होते हैं हम लोग एक्स पोस्ट वेरिएबल्स को एंडेटेइन नहीं करेंगे हम किसे एंडेटेइन करते हैं हम किसे का इंक्लूड करते हैं अपनी जो कंप्यूटेशन उसमें एक्स एंट वेरिएबल्स को ठीक है एक्स एंड आर प्लान और एक्सपेक्टेड वेल्यू आफ वेरिएबल एंड एक्स पोस्ट वेरिएबल इस दिया चुआल और रिलाइज्ड वेल्यू आफ है ओके ना उस टूडेंस हमारे पास में कुछ कंसिप्ट आते हैं लाइक फुल एंप्लॉयमेंट अनेंप्लॉयमेंट ठीक है ऐसी वॉलेंट्री अनेंप्लॉयमेंट ये जो चीज़े हैं ओके तो ये हम पढ़ रहे हैं जैसे कि हमारा जो पूरा चाप्टर हम बोले एग्रिकेट डिमांड और रिलेटेड कंसेप्स तो इन रिलेटेड कंसेप्स में वही होता है जिटर्मिनेशन ओफ इंकम एंप्लॉयमें लेवल तो इनका हम लोगों ने पढ़ लिया सब कुछ आउटपुट का भी हमें पता ही है employment क्या क्या हो सकते हैं different different kind की वो हमें पता होना चाहिए और फिर इसी के आगे हम लोग पढ़ेंगे कि ये जो different employment levels हैं इन में जो है equilibrium level के कैसे attain किया जाता है ok so full employment level की अगर हम बात करें तो full employment क्या हो गया सब कुछ employed हर एक person जो है वो employed है वो हो जाएगा आपका full employment level ठीक है एकदम उसके name से समझ में आ गया full employment ठीक so full employment refers to a situation in which all those people who are willing and able to work at the existing wage rate get work विदाउट एनी अंड्यू डिफिकल्टी ठीक है तो फुल एंप्लाइमेंट जो है वो क्या बोल रहा है कि यह वह सच्चुएशन है जिसमें कि हर एक पर्सन जो से काम करना है जो चाहता है काम करना और वह एबल भी है कि वह कर सकता है किस पर एक्जिस्टिंग वेज रेट पर ओके जो वेज रेट्स चल रहे हैं उस पर जो अगर पर्सन काम करना चाहता है और वह एबल भी है और उसे वर्क मिल भी रहा है यह होता है full employment level मतलब की एक simple चीज है जैसे कि हम ये बोल दें कि मैं चाहती हूँ कि मुझे काम करना है ठीक है अब मैं चाहती हूँ मैं able भी हूँ able कैसे है कि हाँ मेरे पास में ability है वो work करने की ठीक है मैं चाहती हूँ कि मुझे काम करना और मेरे पास में उस चीज की ability भी है और जो existing wage rate है जो भी existing जो यह फुल एंप्लॉयमेंट अब यह मैंने अपना इंडिविजुअल को बताया ऐसे ही आप समझ लो सभी का ठीक है तो यह होता है फुल एंप्लॉयमेंट अगर हम लॉजिकली देखें या हम अपना जो एक चीज बोले कि ट्रुथफुली अगर यह चीज हम देखें तो क्या चाहते हैं कि वो काम करें और वो able भी है लेकिन उन्हें काम मिल नहीं रहा है और अगर फिर मिल रहा है तो वो satisfied नहीं because उन्हें जो wage rates आई है उस पर नहीं मिल रहा है just because वो एक मजबूरी हो जाती है कि हमें earn तो करना ही पड़ेगा यहसे लिए कम rates पर भी लोग काम करने लगत इसका मतलब क्या है किसी भी का नहीं है वर्क इट मीन्स डिमांड फॉर लेबर इज इक्वल टू वेट्स सप्लाइड जितनी डिमांड है लेबर की उतनी ही सप्लाइड क्योंकि यहां पर क्या है नो अनेंप्लॉयमेंट अनेंप्लॉयमेंट है ही नहीं और अनेंप्लॉयमेंट नहीं है इसका मतलब कि डिमांड सप्लाई क्या हो रहे होंगे मां चोरे होंगे राइट जितनी सप्लाई हो रही होगी लेबर की उतनी ही डिमांड में हो रही होगी लेबर ही तभी तो हर एक परसन को काम मिल रहा है ठीक है तो हावेबर इन मैक्रो इकनोमिक्स देर कैन बी सम टाइप्स ऑफ अनेंप्लॉयमेंट इवन डियूरिंग फुल एंप्लॉयमेंट अब जैसे कि हमें पता है कि फुल एंप्लॉयमेंट वाली सचुएशन तो पॉसिबल नहीं है विकॉल कि हर एक परसन जो से काम चाहिए उसे काम मिलता नहीं है तो हम जो यह मैक्रो इकनॉमिक्स इसमें यह पढ़ते हैं कि फुल एंप्लॉयमेंट के अंदर भी कुछ काइंड ऑफ एंड एंप्लॉयमेंट हो सकता है अब वह एंप्लॉयमेंट कांवल सकता है वह हम पढ़ लेते हैं ठीक है इट मीन्स कि फुल एंप्लॉयमेंट डाज नॉट स्टैंड फॉर जीरो एंप्लॉयमेंट और सेंट पर सेंट एंप्लॉयमेंट ठीक है इसका मतलब क्या हुआ कि अनेम जो फुल एंप्लॉयमेंट उसका मतलब यह नहीं हुआ कि कि जीरो अनेंप्लॉयमेंट या जीरो अनेंप्लॉयमेंट या फिर सेंट पर सेंट एंप्लॉयमेंट मतलब कि हंड्रेड परसेंट एंप्लॉयमेंट है ऐसा नहीं होगा बिकॉज माकरो इकनॉमिक्स में हम लोग फुल एंप्लॉयमेंट में भी कुछ काइंड आप अनेंप्लॉयमेंट देखते हैं ओके अब वह क्या है जो कुछ जो हमारे डिफरेंट काइंड आफ आनेंप्लॉयमेंट फ्रिक्शनल अनेंप्लॉयमेंट इट रिफर्स टू टेंपरेरी अनेंप्लॉयमेंट विच एक्सिस्ट डूरिंग द पीरेड वेर एन वर्कर्स लीव वन जॉब एंड जॉइंट सम अदर ठीक है यह कौन सा अनेंप्लॉयमेंट है यह वह अनेंप्लॉयमेंट है जिसमें कि एक जो वर्कर होता है वह एक जॉब से दूसरी जॉब में switch कर रहा है और यह जो switch करना है उसके बीच में जो time period होता है जिसमें वो काम नहीं कर रहा है वो होता है frictional unemployment जैसे कि मान लो कि मैंने जो है कोई एक organization को leave किया on 20th दिसेंबर ठीक है और मैं न्यू ऑर्गनाइजेशन जॉइन करने वाली हूं और फॉर्स्ट ऑफ जानवरी अब ट्वेंटी अथ ऑफ दिसेंबर एंड फॉर्स्ट ऑफ जानवरी डिफरेंस है ना दोनों में एक दिन तो नहीं है यहां पर जो है आप सीधा सीधा देखोगे कि आपके कुछ टेन इलेवन डेस जो है मैं काम नहीं करूंगी तो उस टाइम पीरेड के लिए मैं जो फ्रिक्शनल अनेंप्लॉयमेंट का पार्� को छोड़कर या एक काम को छोड़कर जब दूसरे पर स्विच करता है तो उसके बीच का जो टाइम पीरियड है वह होता है आपका फ्रिक्शनल अनेंप्लॉयमेंट ठीक है फिर आता है स्ट्रक्चरल अनेंप्लॉयमेंट तो इन विच पीपल रेमेन अनेंप्लॉयमेंट ड्यू टो मिसमैच बेट्वीन अनेंप्लॉयड पर्सन आई डिमांड फॉर स्पेसिफिक टाइप ऑफ वरकर्स ठीक है स्ट्रक्चरल अनेंप्लॉयमेंट क्या है यह वह अनें वो unemployed है क्योंकि उनकी जो qualities है या qualifications है वो जो demand है उससे relate नहीं कर रही है उसके according नहीं है जैसे कि मान लो कि demand है engineer की अगर मैं जाकर वहाँ पर काम करना चाहूं तो क्या मैं कर सकती हूँ नहीं कर सकती हूँ because I am not an engineer ठीक है इसलिए अगर मैं unemployed हूँ तो इसे मैं बोलूंगी structural unemployment है ओके ऐसा नहीं है कि इकानामी में जो है वर्क अपॉर्ट्यूनिटीज नहीं मिल रही है लेकिन किसके लिए मिली है वह कौन सी पर्टिकुलर क्वालिफिकेशन के लिए मिली है वह मिली है एक इंजीनियर के लिए बट बिकॉज कि मुझे उस चीज बिल्कुल भी नॉलेज नहीं है मैंने पढ़ाई की नहीं है मैं इंजीनियर हूं ही नहीं तो फिर मैं जाकर वहां पर वर्क नहीं कर सकती तो आप जो मैं आइन एमप्लोइड हूं इसे मैं बोलूंगी स्ट्रक्चरल अनेंप्लॉमेंट कि मेरी क्वालिफिकेशन का मेरी क्वालिटीज जो है वह और जो specific work के लिए जो भी जिसके लिए भी हम बोलेंगे opportunities हैं अभी या vacancies हैं अभी वो मेरी जो भी qualifications है वो उस पर eligible नहीं है ठीक है तो यह होता है आपका structural unemployment यह usually ऐसे professional works में ही देखने को मिलेगा जहांपर बिलकुल professional experts ही चाहिए होते हैं ठीक है फिर आता है students involuntary unemployment हमारा full employment complete हो गया अब आता है involuntary unemployment अब देखो involuntary इस term से इस word से या इस term से क्या समझ में आया हमें voluntary का मतलब होता है होता है कि हम चाहा रहे हैं, हम अपने मन से कुछ कर रहे हैं, involuntary क्या हो जाएगा, इसका just opposite हो जाएगा कि हम जो हैं अपने मन से नहीं कर रहे हैं, हम तो चाहते हैं कुछ काम करना लेकिन हमें काम मिल नहीं रहा है, that is involuntary, ठीक है, और जैसे कि आगे मैंने पूरा काम वाला बोली दिया है तो वो क्या हो जाएगा unemployment, involuntary unemployment क्या हो जाएगा, ये वो unemployment है जिसमें कि एक person जो है, वो चाहता है कि वो काम करें लेकिन उसे काम मिल नहीं रहा है, ठीक है, वो voluntarily ऐसे free नहीं बैठा है, वो अपने मन से free नहीं बैठा है इन वॉलेंट्री अनेम्प्लॉयमेंट रिफर्स टू एन अनेम्प्लॉयमेंट इन विच ऑल दोस्त पीपर वार्ड विलिंग एंड एबल टू वर्क एड एग्जिस्टिंग वेज रेट डू नॉट गेट वर्क अब एक चीज याद रखना जब आप यह ऐसी डिफिनेशन लिखोगे क्या विलिंग एबल एंड एग्जिस्टिंग वेज रेट यह तीन टर्म्स को याद रखना ठीक है और दोस्तों वह विलिंग एंड एबल ट एक इंसान के हाँ वो काम करे और वो able भी है और वो existing wage rate पर काम करने के लिए भी ready है लेकिन उसे काम मिल ही नहीं रहा है तो यह होता है आपका involuntary unemployment ठीक है फिर आता है voluntary unemployment अब I hope so कि आप लोगों समझ में आई गया होगा कि voluntary unemployment क्या होगा कि एक person खुद के मन से काम करने नहीं जा रहा है ठीक है वो है आपका voluntary unemployment so voluntary unemployment refers to the situation situation when a person is unemployed because he is not willing to work at the existing wage rate एक्जिस्टिंग वेज रेट है उस पर वो काम करना नहीं चाह रहा है जैसे कि मान लो कि मुझे कोई सेलरी पे कर रहा है 20,000 पर मंत की ओके मतलब कि ये ओफर है अब मैं मान लो कि मैं एंप्लॉइड नहीं हूँ ठीक है I am an unemployed person and मुझे तो 20,000 पर मंत का एक ऑफर आया है अब मैं उस ऑफर को एक्सेप्ट नहीं कर रही हूं बिकॉज मुझे यह लग रहा है कि 20,000 जो है वह बहुत ही कम अमाउंट है ठीक है 20,000 में तो क्या ही होगा इससे अच्छा चलो मैं free ही बैठी हूँ, तो मैं voluntarily मेरे पास offer होने के बाद भी मैं काम करने नहीं जा रही हूँ at the existing wage rate, यह होता है आपका voluntary unemployment, ठीक है, so voluntary unemployment is not counted while estimating the size of unemployment, जब भी हम size of unemployment निकालते हैं, तो voluntary unemployment को हम जो है अपनी calculation में या countation में use नहीं करते हैं, because इसमें एक person खुदी नहीं चाहा जब मैं खुद ही नहीं काम करना चाह रही हूँ, तो मैं अपने आपको unemployed बोल रहूँ, तो ये चीज तो गलत हो जाएगी, मतलब कि वो जो एक unemployment वाली जो condition है, या जो हमारा unemployment rate है, अगर उसमें मेरा भी नाम लिख दो, आपकी हाँ ये particular madam जो है, ये भी जो है unemployed है, तो ये सही तो सीधी सी बात है कि मैं जब वॉलेंट्री अनेंप्लॉयमेंट की बात कर रहे हैं हम तो वॉलेंट्री अनेंप्लॉयमेंट को हम अनेंप्लॉयमेंट को एस्टिमेट करने में यूज नहीं करते हैं। प्रोसीजर आपको गूगल ओपन करना और उस पर आपको सर्च करना है www.magnetbrains.com तो जो विबसाइट है वो ओपन हो जाएगी आपको इसे स्क्रोल करना है स्टूडेंट जब आप स्क्रोल करोगे तो आपको क्या दिखेगा explore top courses उसके अंदर आपको class 12 से लेकर class first kindergarten, term 1 exam, ncrt examplers, one short revision, extra learning ऐसे कुछ जो है आपको जो heads वो दिखेंगे आपको जो पढ़ना है आपको उस पर click करना है जैसे कि हमें class 12 economics पढ़ना है है तो क्लास ट्विल्ट पर हम लोग क्लिक करेंगे अब स्क्रोल कीजिएगा तो आपको नीचे यह देखेगा अब यहां पर तो आपको कुछ यह 8 प्लेयलिस्ट ही देख रही है लेकिन जो आप अक्शल में वेबसाइट खोलोगे तो आप लोगों वहाँ पर बहुत सारी नं रिप्रेजन किया है और जो हमारी संदीब गर्ग रिफरेंस बुक है वह भी हम लोग पढ़ रहे हैं तो आपके लिए आपको कोई प्रॉब्लम ना हो इसलिए इन सारों ही चीजों की अलग-अलग प्लेटिस्ट मतलब कि संदीब गर्ग की आपको दो प्लेटिस्ट मिलेगी एक मैक्रो इक्वलमिक्स मिलेगी एक इंडियन इक्वलमिक जेवलपमेंट की मिलेगी आज सेम गोस्ट इन चीज एक इंडियन इक्वलमिक जेवलपमेंट और एक मैक्रो इक्वलमिक तो ऐसे करके टोटल चार जो प्लेटिस्ट है वह आपको आपकी ही है आप जब इसे थोड़ा स्क्रोल करोगे ना तो ऊपर की साइड आपको दो और दिख जाएंगे ठीक है अनॉ इसमें भी कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं कि कौन सी पर्टिकुलर प्लेटिस में क्या है बिल्कुल स्पेसिफिकली और क्लियर ले को देखने को मिलेंगे इधर अगर हम आए तो यहां पर क्या है बुक इंडियन इकनोमिक जिवलपमेंट संदीब कर ठीक है यहां पर पर हमें क्या देखने को मिलेगा इंडियन इकनॉमिक डेवलपमेंट जो हमारी बुक है उसका संदीबगर का डिस्क्रेशन जो एनसी आर्टी है उसमें लिखा होगा बुक मैक्रो इकनॉमिक्स एनसी एरटी ठीक है एंड सेम गोस्ट इंडियन इकनॉमिक इसके अंदर जो सारे चाप्टर जापके वह सिस्टमाटिकली अरेंज्ड और इनके जो टॉपिक्स है ठीक है वह भी बिल्कुल सिस्टमाटिक बार टिकली अरेंज्ड बस आपको इसको स्क्रोल करके देखना है और कुछ भी नहीं है यहां पर बिल्कुल क्लियर लिखेगा अब जैसे कि मान लो हमारा जो चाप्टर वन सर्कुलर फ्लॉव इनकम इसका हमें वन शॉट रिवीजन देखना है तो हम लेगा ठीक है वीडियो के यहां पर आपको नेक्स्ट वीडियो ऑप्शन मिल रहा है इफ आपको नेक्स्ट वीडियो पर जाना है तो इधर क्लिक कर देना इफ नेक्स्ट पर नहीं जाना है तो यहां से कैंसल करना कैंसल करने से सुडेंट जो वेबसाइट का होम पेज वह बापस ओपन होगा और इसी वे में आप अब यह जो पूरी प्रोसेस थी से फिर से अप्लाई करना और इसी वे में आप किसी भी क्लास के किसी भी सब्जेक के किसी भी टॉपिक को बहुत ही इजीली एक्सेस कर सकते हो और सुडेंट हमारा शेयर करें एंड ऑल्सों जू लाइक दी वीडियोस हैंक