दोस्तो आज की इस वीडियो में हम लोग डिस्कुस करेंगे डॉक्टर सैमिल जॉनसन का लिखा हुआ एक बहुत ही फेमस वर्क प्रिफेस टू शेक्स्पियर दोस्तो ये जो वर्क है ये शेक्स्पिरियन क्रिटिसिजम में एक लैंडमार्क की तरह माना जाता है इसमें शेक्स्पियर की प्लेज को स्टडी करके डॉक्टर सैमिल जॉनसन ने नौ साल तक इन प्लेज को स्टडी करके इसका क्रिटिसिजम दिया है दो काफी कुछ आपको नया जानने को मिलेगा मैं जितना अच्छे से हो सके इस वीडियो में इसको डिस्कुस करूँगा शुरू करते हैं दोस्तो प्रेफेस टू शेक्स्पियर में डॉक्टर सैमिल जॉनसन ने शेक्स्पियर की प्लेज का क्रिटिसिज्म किया है ये एक ऐसे टाइप का मान लो सबसे पहला पार्ट है शेक्स्पियर जनर निचर एक्सिलेंसी दूसरा है शेक्स्पियर फाल्ट्स पहले तो ये work publish हुआ था 1765 पे तो सबसे पहले Johnson बोलते हैं कि जिस time पर वो थे यानि कि Augustan age में उस time पर लोग क्या करते थे कि old को तो glorify करते थे old की तो तारीफ करते थे old writer जो अपना work लिख करके गए हैं जबकि contemporaries की कोई value नहीं थी साथ के writers की कोई value नहीं थी Johnson यहाँ पर बताते हैं कि कैसे decide किया जाए एक piece of literature अच्छा है या नहीं सबसे पहले तो ये देखो कि वो लंबे time के लिए रहने लायक है या नहीं दूसरा, टाइम के साथ धीरे ग्राजुअली उसकी पहचान बढ़ रही है या नहीं तीसरा, दूसरे वर्क से अगर उसका कंपेरिजन किया जा रहा है तो क्या कंडिशन है उस वर्क की इस वर्क में सैमिल जॉनसन ने शेक्स्पिर के प्लेज का अनलिसिस किया है इनका किया हुआ क्रिटिसिजम बहुत ही जरूरी है दोस्तों मॉडर्न क्रिटिसिजम के लिए तो कुछ मानते हैं जॉनसन ने इस वर्क का क्रिटिसिजम करते हुए प्रेजुडिस रखा है लेकिन सच तो ये है कि 18th century में इससे बहतर लिटरिटरी क्रिटिसिजम पर कोई वर्क नहीं रहा दोस्तों क्योंकि इसको लिखने से पहले डॉक्टर साहब ने 9 साल लगा दिये शेक्सपिर की वर्क स्कूर ठीक से पढ़ने में और इस वर्क को प्रेडूस करने में उन्होंने ऐसा जज्मेंट दिया इस वर्क के अंदर कि शेक्सपिर को सारे यूरोपियन राइटर्स में सबसे उपर चड़ा दिया अब वो इस वर्क में बोलते हैं, शेक्स्पियर के प्लेज प्रैक्टिकल नॉलेज का खजाना है, उसमें लाइफ की फिलोसोफी मिलती है, इनमें सर्फ एक पैशन नहीं होता, सर्फ लौव का पैशन नहीं होता, बलकि डिफरेंट टाइप के पैशन्स होते हैं, तो शेक्स्पियर के टाइम पर भी कुछ ऐसा ही था कि उनके contemporary writers उनको पसंद नहीं करते थे क्योंकि उन्होंने tragedy और comedy को mix करके tragic comedy बना दिया था और ये चीज अपाल्ट मानी जाती थी उस वक्त क्योंकि उस वक्त माना जाता था classical rules के हिसाब से tragedy और comedy को separate रखो लेकिन जॉनसन ने इसमें शेक्स्पियर को defend किया है कि अच्छा ही किया शेक्स्पियर ने दोनों को mix कर दिया क्योंकि real life में भी इसा तो नहीं होता या फिर सिर्फ अच्छी चीजे होती हो तो दूनों चीजों का मिक्षिर होती है लाइव जॉय, सौरो, टियर्स और स्माइल्स, गुड और एवल दूनों का मिक्षिर होती है जिन्दगी भले ये चीज क्लासिकल रूल्स के खिलाफ है शेक्स्पिर ने रियल लाइफ के बहुत करीब ला दिया था अपने प्लेज को तो उनके प्लेज हमें ट्राजिडी के इंस्ट्रक्शन्स और कॉमेडी के प्लेजर्ट्स दूनों देते हैं तो यहाँ पर किसी तरह से tragedy की power कमजोर हो गई कि tragic comic plays की अंदर comedy कहीं भी tragedy के passion की progress को बीच में interrupt नहीं करती इसलिए in fact Shakespeare खुछ जानते थे कि pleasure बहुत सारी varieties में मिलना चाहिए सिर्फ melancholy और तकलीफ मिलती रहे ये चीज pleasing नहीं होती बात कीजाए comedy की तो Shakespeare genius थे क्योंकि उनकी प्लेज में कॉमेडी नैचरली ही आती थी लगता है कि कॉमेडी सीन्स लिखने में उनको ज्यादा हाड़ वर्क नहीं करना पड़ता था और ये कॉमेडी सीन्स टाइम के साथ डिरिबल थे टाइम के साथ इनकी पपुलर्टी पर कोई भी खास असर नहीं पड़ा इसलिए अब तक वो पुराने नहीं हुए हैं तो ट्रेजडीज में तो स्किल्स लगाते थे और कॉमेडी नैचुरली आती थी अभी यहां मैं शेक्सपियर के फाल्ट्स की भी बात करूँगा लेकिन पहले बात करते हैं जॉनसन ने शेक्सपियर के यूज आफ यूनिटीज को डिफें� classical rules क्या बोलते हैं Aristotle के कि time, place और action की unity होनी चाहिए लेकिन Shakespeare की जो histories थी गौर से सुनना यहाँ पे Johnson क्या बोलते हैं कि Shakespeare की जो histories थी वो ना तो tragedy थी ना comedy थी इसलिए उसमें Shakespeare को classical rules को follow करने की जरूरत क्या थी इसमें भी time, place और action को follow करो क्योंकि history तो history होती है तो history place के अंदर कहां से वो time, place और action की unity को follow करते हैं उनको इन हिस्ट्री प्लेज के अंदर बस कंसिस्टेंसी और नैचुरलनस को मैंटेन करना था अपने कैरेक्टर्स में जो उन्होंने बड़े अच्छे से किया है बाकि हिस्ट्री के अलावा दूसरे वर्क्स की अगर बात की जाये तो वहाँ पर भले ही टाइम और प्लेज को ढंग से मैंटेन नहीं किया हो लेकिन एक्शन की यूनिटी अच्छे से मैंटेन की है लेकिन ऐसा माना जाता था कि टाइम और प्लेस की यूनिटी को फॉलो करने से ड्रामा में विश्वास बना रहता है लेकिन जॉनसन यहाँ पर बूलते हैं कि आर्डियन्स अच्छे से ये बात जानती है कि फिक्षन कभी भी रियल नहीं बन सकता उसमें कुछ भी हो सकता है बिजली कड़क रही है ऐसा माहौल बनाना जरूरी है डर तो कहीं भी लग सकता है कैसे भी तो शेक्स्पियर फोकस करते थे कि ये एक्शन के इवेंट्स एक दूसरे से कनेक्टेड हो आगे जॉनसन बोलते हैं ड्रामा हमको आगे ले करके जाता है इसलिए नहीं कि जो सब हो रहा है वो सब रियल है बलकि इसलिए कि आडियन्स भी ये फील कर सके कि ये ड्रामा में जो कुछ भी हो रहा है वो हमारे साथ भी हो सकता है जैसे एक फिल्म है बागबन वो बड़ी डिंजरिस फिल्म है इसलिए जॉनसन बोलते हैं कि ड्रामा में यूनिटी आफ एक्शन हो ये सफिशियंट है जरूरी नहीं ये टाइम और प्लेज की यूनिटी भी हो क्योंकि ये जूटी अजुम्शिंस को बढ़ावा देती है अब जॉनसन शेक्स्पियर के कुछ फाल्स भी गनवाते हैं सबसे पहला तो शेक्स्पियर कभी भी मॉरल परपस के लिए नहीं लिखते थे उनका मकसद होता था audience को मजा देना बजाय कुछ सिखाने की और ये उनकी plays के साथ politic justice नहीं हुआ ये एक fault है जिसके लिए उनको उनकी ही age में शायद criticize जरूर किया गया होगा ऐसे आपने Shakespeare का एक play पढ़ा होगा Merchant of Venice उसके अंदर पार्शिया जब आदमी का भेज बजल कर एक lawyer बन कर court में जाती है trial attend करने तो उस time पर ये चीज morally accepted नहीं थी कि उस time पर woman ऐसा कुछ कर दे लेकिन शेक्स्पियर ने इसके पीछे कोई भी अपना मॉरल परपस नहीं छोड़ा और अगर माल लो उस वक्त अगर कोट में उसको कोई पैचान लेता तो पूरा प्लाट खराब हो जाता दूसरी गलती वो अपने प्लाट को बड़ा लूजली डिजाइन करते थे कभी भी प्लाट को इंप्रूव करने की कोशिश नहीं करते थे गलती हो गई तो हो गई जैसे Merchant of Venice में एक कमी आपने नोटिस की होगी नहीं की होगी एंटोनियों शायलोक से क्या कहे कर पैसे उधार दिलवाता है कि मेरे जहाज समुद्र में यहां वहां फैले हुए हैं जैसे ही वो वापस आ जाएंगे तो मैं तुमको तुमारा पैसा वापस कर दूँगा लेकिन क्या ख़बर आती है कि इसके जहाज डूब गए अब यहां वहां जहाज फैले हुए हैं तो सारे जहाज के एक साथ डूब गए एक साथ खो गए या एक साथ ही नहीं लौटे सारे के सारे तो ये चीज़े गलती है और एक बात ये कि शेक्सपिर ने एजिप्ट, इटली, डैनमार्क और सब कंट्रीज के बारे में इन सब के करक्टर प्ले की स्पीज कभी कबार बहुत ही cold और weak हो जाती थी ये puns का use बहुत करते थे puns के लिए ये reason और truth से भी sacrifice कर देते थे जैसे kinglier के अंदर king और fool साथ में थे लेकिन वो साथ में रहने के बावजूद ऐसे लगता है कि किंग तो कभी फूल की लैंग्वेज बोल रहा है और फूल कभी किंग की लैंग्वेज बोल रहा है अब पता नहीं क्यों क्या रीजन था कि शेक्सपेर कोई आदत थी वो लोवर कैरेक्टर से हमेशा एक लोवर कैरेक्टर था उससे नोबल लैंग्वेज बुलवाते थे दूसरा वो अपनी स्पीच को थोड़ा सा एफेक्टिव बना सकते थे कैसे कि वो अपने वर्क्स के अंदर ग्रीक और इटालियन कल्चर्स के क्लासिकल कल्चर्स के रेफरेंस जरूर उठाते थे लेकिन वो ऐसे कलासिकल रेफरेंस ये सोचकर उठाते थे कि इससे स्पीच स्ट्रॉंग हो जाएगी जैसे Merchant of Venice में, पॉर्ट्शिया शैलोक से बोलती है कि ठीक है, तुम एंटोनियो का एक पाउंड मास काट लो, लेकिन एक भी बून्द खून की बहाए बिना. तो अब मैं जहां तक जानता हूँ, ये प्ले का सबसे इंपोर्टेंट पार्ट है, स्पीच को थोड़ा बड़ा करके एफेक्टिव बनाया जा सकता था और एक दो फाल्ट ये कि प्लाट को थोड़ा लंबा खैंसते थे जैसे हैमलेट के अंदर वो अपने चाचा को मारने से हिचके चाता है हैमलेट तो एक दो एक्ट के अंदर तो ये चीज साई लगती है लेकिन उसकी बाद उबाव लगने लगती है चीज अब वो एक लड़के से भी काम चल सकता था कॉमेडीज के अंदर जूक्स अकसर कभी कबार मनमाने तरीके से गंदे भी हो जाते थे और वो इस टाइप के narration में कुछ हजीब बातें बहुत ही ज़्यादा highlight करके दिखाते थे कभी-कभी narration about type का भी हो जाता था यह सब parts गिनवाने के बाद में Dr. Samuel Johnson उनके merits की बात करते हैं qualities की एक सबसे बड़ी अच्छी चीज Shakespeare ने blank words को perfect कर दिया इसमें flexibility लाकर और ऐसा करके यह इसे prose वाली language के करीब ले आए I hope आपको ये वीडियो पसंद आई होगी दोस्तों आज की वीडियो मे