लेक्चर नोट्स
विषय: रीसाइक्लिंग, बाईपास और पर्ज सिस्टम्स
परिचय
- गुड मॉर्निंग सभी को!
- आज का लेक्चर रीसाइक्लिंग, बाईपास और पर्ज सिस्टम्स पर है।
- यह हमारा तीसरा लेक्चर इस हफ्ते का है।
महत्वपूर्ण जानकारी
- लाइफ साइंस स्टूडेंट्स के लिए गेट 2023 के लिए प्री टॉपिक।
- प्लांट फिजियोलॉजी के लेक्चर हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध।
- डेली प्रैक्टिस पेपर्स, स्टडी मटीरियल और वीडियो लेक्चर सब उपलब्ध हैं।
रीसाइक्लिंग सिस्टम
- रीसाइक्लिंग का मतलब है कि हम उपयुक्त उत्पाद को फिर से फीड में डालते हैं।
- स्पेंड फर्मेंटेशन प्रॉडक्ट्स को कंसेंट्रेट करके वापस रीसाइक्ल किया जाता है।
- रीसाइक्लिंग में एसेब्टिक कंडीशन्स का ध्यान रखना आवश्यक है।
बाईपास सिस्टम
- बाईपास सिस्टम में, हम कुछ इनपुट को बाईपास करते हैं और उसे प्रॉडक्ट बनाने के लिए उपयोग करते हैं।
- यह प्रक्रिया प्रॉडक्ट बनाने के लिए महत्वपूर्ण होती है।
पर्ज सिस्टम
- पर्ज सिस्टम में, कुछ सेल्स या एंजाइम्स को निकाल दिया जाता है और कुछ को रीसाइक्ल किया जाता है।
- यह सिस्टम रीसाइक्लिंग और बाईपास दोनों का समावेश करता है।
इलेक्ट्रोन बैलेंस
- इलेक्ट्रोन बैलेंस की गणना कैसे करें:
- उपलब्ध इलेक्ट्रॉन्स की संख्या निकालें।
- C, H, O, N के वैलेंस का ध्यान रखें।
- ग्लूकोज (C6H12O6) के लिए उपलब्ध इलेक्ट्रॉन्स की गणना 24 होगी।
डिग्री ऑफ रेडक्शन
- डिग्री ऑफ रेडक्शन का मतलब है उपलब्ध इलेक्ट्रॉन्स की संख्या को एक ग्राम कार्बन पर निकालना।
- इसे गामा (
(\gamma)) के साथ प्रदर्शित किया जाता है।
- उदाहरण: ग्लूकोज की डिग्री ऑफ रेडक्शन 4 होगी।
थियॉरेटिकल ऑक्सीजन डिमांड
- बायो रिएक्टर्स में एरोबिक कंडीशन में ऑक्सीजन की कमी से समस्या होती है।
- ऑक्सीजन की डिमांड बायो प्रोसेस में महत्वपूर्ण होती है।
- यह इलेक्ट्रोन बैलेंस के माध्यम से कैलकुलेट की जाती है।
गणना संभावनाएँ
- अधिकतम संभव उपज (Maximum Possible Yield) का मतलब है कि जब प्रॉडक्ट नहीं बन रहा हो।
- अधिकतम बायोमास उपज तब होती है जब सभी सब्स्ट्रेट प्रॉडक्ट में जा रहे हों।
निष्कर्ष
- आज के लेक्चर में रीसाइक्लिंग, बाईपास, पर्ज सिस्टम्स, इलेक्ट्रोन बैलेंस, डिग्री ऑफ रेडक्शन और थियॉरेटिकल ऑक्सीजन डिमांड पर चर्चा की गई।
- अगले लेक्चर में न्यूटोनियन और नॉन न्यूटोनियन फ्लूड्स पर चर्चा करेंगे।
नोट्स को अच्छे से पढ़ें और प्रश्नों का अभ्यास करें। धन्यवाद!