लेक्चर नोट्स: फिजिक्स - चैप्टर 2 (स्केलर और वेक्टर)
परिचय
- असलामुअलेकुम, सभी छात्रों को नमस्कार।
- आज हम चैप्टर नंबर 2 "स्केलर और वेक्टर" शुरू करेंगे।
- यह चैप्टर फिजिक्स की मैकेनिक्स शाखा का आधार है।
- वेक्टर का समुचित ज्ञान अन्य अध्यायों में मदद करेगा।
फिजिकल और नॉन-फिजिकल क्वांटिटीज़
- फिजिकल क्वांटिटीज़: जिनको हम उपकरण से माप सकते हैं।
- उदाहरण: उम्र, ऊँचाई, लंबाई।
- नॉन-फिजिकल क्वांटिटीज़: जिनको नहीं मापा जा सकता।
फिजिकल क्वांटिटीज़ की श्रेणियाँ
- फिजिकल क्वांटिटीज़ को मुख्यतः तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
- स्केलर: केवल एक संख्या के साथ परिभाषित होते हैं।
- वेक्टर: संख्या के साथ कम से कम एक दिशा की आवश्यकता होती है।
- टेंसर: एक से अधिक दिशाओं की आवश्यकता होती है।
स्केलर क्वांटिटीज़
- स्केलर क्वांटिटीज़ को केवल संख्या द्वारा परिभाषित किया जाता है।
वेक्टर क्वांटिटीज़
- वेक्टर क्वांटिटीज़ को संख्या और दिशा दोनों की आवश्यकता होती है।
वेक्टर का जोड़ और गुणा
- वेक्टर जोड़ने के लिए दिशा महत्वपूर्ण होती है।
- वेक्टर की जोड़ प्रक्रिया अलग होती है, जैसे साधारण अंकगणितीय जोड़ नहीं।
- वेक्टर गुणा भी एक विशेष प्रक्रिया है।
वेक्टर का प्रतिनिधित्व
- वेक्टर को ग्राफ पर निर्देशित रेखा खींचकर दर्शाया जाता है।
- रेखा की लंबाई वेक्टर का मैग्निट्यूड बताती है।
- तीर (एरो) की दिशा वेक्टर की दिशा बताती है।
ग्राफिकल प्रतिनिधित्व
- रेखा के लंबाई से वेक्टर का मैग्निट्यूड और तीर के सिर से दिशा को दर्शाया जाता है।
- वेक्टर को लिखने के लिए आमतौर पर एरो का प्रयोग होता है।
कार्टेशियन कोऑर्डिनेट सिस्टम
- 3D स्पेस में x, y, z अक्ष होते हैं।
- ये अक्ष आपस में 90 डिग्री पर होते हैं।
- प्लेन में दो अक्ष होते हैं (x & y), और स्पेस में तीन (x, y & z)।
निष्कर्ष
- स्केलर और वेक्टर के बीच का अंतर समझना बहुत जरूरी है।
- वेक्टर की परिभाषा में मैग्निट्यूड और दिशा दोनों शामिल होते हैं।
- आगे हम वेक्टर जोड़ने और गुणा का विस्तार से अध्ययन करेंगे।
यह नोट्स वेक्टर के मूल सिद्धांतों और अवधारणाओं का सारांश देते हैं, जो आगे के अध्ययन के लिए सहायक होंगे।