हेलो स्टूडेंट आज हम इस वीडियो में जीएसटी रिटर्न का क्या मतलब होता है और टाइप्स ऑफ जीएसटी रिटर्न क्या-क्या हैं उन्हें हम डिस्कस करेंगे तो चलिए स्टार्ट करते हैं जीएसटी रिटर्न देखिए आपने सुना होगा कि आईटीआर फाइल करना है जीएसटीआर फाइल करना है तो बेसिकली होता क्या है हमें रिटर्न फाइल करना होता है कि रिटर्न फाइल करने का मतलब क्या होता है तो एक्चुअली रिटर्न क्या होता है एक तरीके का स्टेटमेंट ऑफ इंफॉर्मेशन है जो कि टैक्स पेयर के थ्रू फर्निश किया जाता है मतलब कि आपने क्या किया कैसे किया उसकी जो डिटेल है वो आपको अथॉरिटीज जो भी टैक्स अथॉरिटीज है उनको बताना है तो जिस स् जिस स्टेटमेंट में जो फॉर्म हमें होता है जिस फॉर्म में हम ये अपनी डिटेल्स भर के बताते हैं किसको टैक्स अथॉरिटीज को वो फॉर्म हमारा जीएसटी फॉर्म कहता है जीएसटी रिटर्न का फॉर्म और उसी को हम कहते हैं जब उसको हम फर्निश कर देते हैं उसको फाइल कर देते तो हम कहते हैं रिटर्न फाइल हो गया तो बेसिकली है क्या कि जो भी फैक्ट्स है जो भी इंफॉर्मेशन है उसकी एक स्टेटमेंट है रिटर्न जो कि आप किसको बता रहे हैं टैक्स अथॉरिटीज को बता रहे हैं कौन बताएगा टैक्स पेयर अगर इनकम टैक्स अथॉरिटी को बताते हैं तो उसको हम कहते हैं इनकम टैक्स रिटर्न आईटीआर वही हम जीएसटी अथॉरिटीज को अपना वो पूरा डिटेल बता रहे हैं तो उसको हम कहते हैं जीएसटीआर है ना जीएसटी रिटर्न्स कहते हैं तो रिटर्न क्या है एक स्टेटमेंट ऑफ इंफॉर्मेशन है जो कि टैक्स पेयर के थ्रू फर्निश किया जाता है अच्छा रिटर्न के जितने भी प्रोविजंस हैं वो सारे प्रोविजंस सेक्शन 39 के अंदर गिवन है और ये चैप्टर नाइंथ ऑफ सीजीएसटी एक्ट 2017 में प्रिसक्राइब है कि रिटर्न की फाइलिंग के रिलेटेड क्या-क्या प्रोविजन हैं तो इसके लिए सेक्शन 39 रिफर करते हैं और चैप्टर नान ऑफ सीजीएसटी एक्ट को देखते हैं अगर हम अभी प्रेजेंट की बात करें दिसंबर 2023 तक की अगर हम बात करते हैं तो टोटल 18 रिटर्न्स हैं जो कि जीएसटी रिजूम में आते हैं अब ये हमेशा अमेंड होते रहते हैं मतलब गवर्नमेंट नोटिफिकेशन के थ्रू इन चीजों को चेंज करती है कुछ रिटर्न सस्पेंड कर दिए जाते हैं कुछ एक्टिव कर दिए जाते हैं तो ये जो नंबर ऑफ रिटर्न्स है ना वो टाइम टू टाइम चेंज होते रहते हैं उसके लिए आपको अपडेट रहना पड़े गा जीएसटी की जो उनके ऑफिशियल वेबसाइट है उस परे जाके आप चेक करके देख सकते हैं कि कितने रिटर्न्स रहते हैं ठीक है तो ये हमेशा सस्पेंडेड भी रहते हैं एक्सटेंडेड भी रहते हैं तो इसमें हमेशा मॉडिफिकेशन रहता है लेकिन ये जो 18 रिटर्न है इसका मतलब यह नहीं कि सभी टैक्स पेयर्स जो भी जीएसटी के अंदर आ रहे हैं सबको ये भरना है नहीं जितने भी रिटर्न्स है वो सभी टैक्स पेयर्स पे अप्लाई नहीं होते इसकी एप्लीकेबिलिटी डिपेंड करती है किस चीज पे कि टैक्स पेयर का टाइप क्या है किस नेचर का टैक्स पेयर है या उसका रजिस्ट्रेशन किस नेचर के अंदर हुआ है तो जिस तरह से जिस तरह के आपका आप जेएसटी टैक्स पेयर होंगे आपका जो नेचर होगा उसके बेसिस पर आपके लिए अलग-अलग रिटर्न्स होंगे तो आपको कौन सा रिटर्न फाइल करना है वो आपको देखना पड़ेगा है ना तो ये 18 रिटर्न सभी टैक्स पेयर्स को फाइल नहीं करने पड़ते हैं तो अभी हम ये सारे रिटर्न्स का एक बार शॉर्ट रिव्यू ले लेते हैं तो बेसिकली अगर देखा जाए तो जीएसटीआर ऑटो जनरेटर मतलब एक होता है कि आप जो फाइल करते हैं और दूसरा होता है ऑटो जनरेट जो सिस्टम जो जी उनका पोर्टल है पूरा वह अपने आप उसको जनरेट कर देती है राइट तो अगर हम पहले बात करें कि जो हम जीएसटीआर फाइल करते हैं वह क्या-क्या है तो उसमें हम करते हैं जीएसटीआर व जीएसटीआर 3 बी जीएसटीआर फ जीएसटीआर 5 जीएसटीआर 5a जीएसटीआर सि जीएसटीआर 7 जीएसटीआर 8 जीएसटीआर 9 सी 9 एंड 9 सी जीएसटीआर 10 जीएसटीआर 11 राइट ये सारे क्या है ये सारे रिटर्न्स हम फाइल करते हैं ठीक है इनका फॉर्म हम फिल करके पूरा भेजते हैं ठीक है अब इसमें जैसे टू है तो जीएसटीआर टू को सस्पेंड कर दिया गया था इसी तरीके से अगर हम बात करें नाइन की तो 9a था वो भी सस्पेंडेड हो गया है ना उसको भी सस्पेंड कर दिया गया तो इस तरह से हमेशा टाइमली कई रिटर्न्स को सस्पेंड किया जाता रहता है तो उसके लिए हमें वो देखते रहना पड़ता है जीएसटी आर टू 2a तो मैंने बताया 2 ब था उसे भी सस्पेंड किया गया जीएसटीआर थ था उसे भी सस्पेंड किया गया तो ये इस तरह से ये हमेशा सस्पेंडेड होते रहते हैं तो ये चीजें आपको देख देखते रहनी पड़ेगी अब हम बात करते हैं ऑटो जनरेट की कि जो सिस्टम जनरेट होता है जो अपने आप रिटर्न कंसोलिडेट करके या जो रिटर्न आप फाइल कर रहे उसके बेसिस पे वो अपने आप ऑटो जनरेट हो जाता है उन रिटर्न्स की अगर बात करें तो वो छह हो जाते हैं वो कौन-कौन से जैसे जीएसटीआर 2a जीएसटीआर 2 बी जीएसटीआर 3a जीएसटीआर 4a जीएसटीआर 6a और जीएसटीआर 7a ये सारे वो रिटर्न है जो कि ऑटो जनरेटर है सिस्टम के थ्रू अपने आप जनरेट हो जाते हैं अब हम क्या करेंगे एक-एक जीएसटीआर को हम अच्छे से समझेंगे कि जीएसटीआर व क्या होता है थ भी क्या होता है फोर क्या होता है इनको हम डिटेल्स में समझ लेते हैं ठीक है तो चलिए स्टार्ट करते हैं जीएसटीआर वन की बात सबसे पहले करेंगे कि जीएसटीआर वन क्या होता है तो देखिए जीएसटीआर वन ये एक मंथली या क्वार्टरली स्टेटमेंट होता है किस चीज का आउटवर्ल्ड आउट वर्ड सप्लाईज का क्या मतलब हुआ जो आप सेल कर रहे हैं बीइंग अ बिजनेस पर्सन बीइंग एन इंडिविजुअल बीइंग अ गुड्स और सर्विसेस के सप्लायर आप जो सेल कर रहे हैं उसको हम कहते हैं आउटवर्क सप्लाईज ठीक है और इनवर्ट क्या हो ग जो चीजें हमने परचेज कर रखी है तो जीएसटीआर व में किस चीज की डिटेल जाएगी जितने भी आपने सेल कर रखी हैं उन सारी आउटपुट सप्लाईज की सारी डिटेल जाती है अब ये डिटेल आप मंथली भी भेजेंगे और क्वार्टरली भी किनको मंथली किनको क्वार्टरली वो अभी हम आगे देखते हैं अब इसे कौन फाइल करता है तो सभी जो भी जीएसटी के अंदर रजिस्टर्ड है जो नॉर्मल टैक्स पेयर है वो और जो कैजुअल टैक्स पेयर है रजिस्टर्ड वो उन सभी को जीएसटीआर व फाइल करना पड़ता है ठीक है ये सप्लायर के थ्रू फाइल किया जाता है और यह टव सप्लाईज के लिए और सभी नॉर्मल टैक्स पेयर या कैजुअल टैक्स पेयर को जीएसटीआर वन फाइल ही करना पड़ता है अब जो हमने कहा कि फाइलिंग फ्रीक्वेंसी के मंथली या क्वार्टरली तो उसके लिए मंथली करना होता है तो मंथली कब करना पड़ेगा तो मंथली देखिए जैसे इस मंथ का रिटर्न है इस मंथ का हमने जो भी आउटपुट सप्लाईज की उसका रिटर्न हमको नेक्स्ट मंथ की 11थ तक कर देना होगा तो बाय द 11थ ऑफ द सक्सेडियो सप्लाई है उसको मार्च के 11 तक कर देंगे तो हमेशा ये याद रखिएगा फॉलोइंग मंथ या सक्सी मंथ में आपकी डेट रहेगी जीएसटीआर व की ठीक अच्छा किनको मंथली रिटर्न फाइल करना पड़ेगा अगर इसकी बात करें तो अगर आपका एग्रीगेट टर्नओवर 5 करोड़ से एक्सीड कर जाएगा या आप क्यू आरएमपी स्कीम के अंदर नहीं आ रहे होंगे तो ऐसे सिचुएशन पे आपको मंथली रिटर्न फाइल करना पड़ेगा मतलब 5 करोड़ से ज्यादा आपका एग्रीगेट टर्न ओवर है अब क्यू आरएमपी स्कीम क्या है बेसिकली क्यूआर एमपी का फुल फॉर्म होता है क्वार्टरली रिटर्न्स विद मंथली पेमेंट इट मींस कि अ जैसे आप रिटर्न तो फाइल करेंगे क्वार्टर में लेकिन जो टैक्स का पेमेंट करेंगे वो मंथ वाइज करेंगे आपकी जो टैक्स ड्यू है वो मंथली बेसिस पर ड्यू है तो आप चालान के थ्रू उसको पेमेंट कर देंगे और बाद में जब क्वार्टरली रिटर्न का टाइम आएगा तो आप उसमें पूरा डिटेल फिल करके दे देंगे कि इस चालान के थ्रू इतना पेमेंट इस चालान के थ्रू इतना म आपने जो मंथ मंथ में टैक्स दिया है उसकी डिटेल वहां पे कर देंगे तो इसे को कहते हैं क्यू आरएमपी स्कीम क्वार्टरली रिटर्न विथ मंथली पेमेंट तो जो भी टैक्स पेयर्स जीएसटीआर व या जीएसटीआर थ भी फाइल करते हैं वो एलिजिबल होते हैं क्यू आरएमपी स्कीम के लिए तो यह चीज़ हो गई कि मंथली किसको करना है जो क्यू आरएमपी स्कीम में नहीं आएगा जिसका एग्रीगेट टर्नओवर 5 करोड़ से एक्सीड करेगा व उनको मंथली रिटर्न फाइल करना पड़ेगा मंथली जीएसटीआर व फाइल करना पड़ेगा और क्वार्टरली किसको फाइल करना पड़ेगा अगर क्वार्टरली की बात करते हैं तो क्वार्टरली हमें करना होगा कि अगर आप क्यू आरएमपी स्कीम के अंदर आ रहे हैं जो भी बिजनेसमैन है वह क्यू आरएमपी स्कीम के अंदर आते हैं और उनको कब करना होगा तो उनको हर क्वार्टर की जैसे इस क्वार्टर का नेक्स्ट क्वार्टर का जो भी मंथ रहेगा पहला मंथ उसके 13 तक करना पड़ेगा है ना तो आपको होता है कि चार क्वार्टर होते हैं तो जैसे मार्च है मार्च एंड होता है फिर अप्रैल मे जून अप्रैल मे जून का एक क्वार्टर हो गया नेक्स्ट क्वार्टर कब शुरू होगा जुलाई अगस्त सितंबर ये दूसरा क्वार्टर हो जाएगा तो वही चीज कह रहा है कि आपको पहले क्वार्टर का कब करना होगा जैसे अप्रैल म जून का आप कब करेंगे तो जुलाई की जो आपकी 13th डेट है ना उस तक आपका ड्यू डेट है मतलब उस तक आपको कर देना होगा तो यह आपका क्वार्टरली जीएसटीआर वन हो जाता है अब हम बात करते हैं नेक्स्ट रिटर्न की दैट इज योर जीएसटीआर 3 बी तो जीएसटीआर थ भी क्या है एक समरी रिटर्न है समरी किस चीज की है समरी है आपके इनवर्ट और आउटवर्ल्ड की तो पहले जो जीएसटीआर टू जिसको सस्पेंड कर दिया गया था वो बेसिकली सिर्फ इनवर्ट सप्लाईज का होता था जीएसटीआर व आउटवर्क का जीएसटीआर टू इनवर्ट सप्लाईज का होता था ठीक है तो अभी जीएसटीआर 3 भी क्या हो जाता है समरी हो जाएगी इनवर्ट और आउटवर्क सप्लाईज की समरी हो जाती है ठीक है तो इसमें क्या चीज हो जाती है कि ये करते क्यों हैं क्योंकि इस थ्री बी में ये जो समरी आप करते हैं उसमें आपको पूरा जो टैक्स पेयर प जितना भी जीएसटी की लायबिलिटीज बनती है जो भी पर्टिकुलर टैक्स उस पी टैक्स पीरियड में जो भी लायबिलिटीज बन रही है जितनी उसको जीएसटी पे करनी है वो सारी चीजें यहां पे डिक्लेयर कर दी जाती क्योंकि आपका समरी बन गया कि इनवर्ट इतनी आउटवर्क इस हिसाब से आपकी टैक्स लायबिलिटी इतनी बनती है ठीक है तो जो भी नॉर्मल टैक्स पेयर या कैजुअल टैक्स पेयर हैं उनको जीएसटीआर 3 भी भरना होता है ठीक है तो जीएसटीआर व जीएसटीआर 3 भी जीएसटीआर व आउट वर्ड का जीएसटीआर 3 भी समरी है इनवर्ट और आउटवर्क हैं कि जीएसटीआर 3 भी में कब फाइल करनी पड़ेगी है ना मंथली या क्वार्टरली कब तो देखिए मंथली जब इसको फाइल करना होता है तो मंथली करने का वही कंडीशन रहेगी पर टाइमिंग का है ड्यू डेट क्या है इसकी तो सेम 20th आपकी डेट बन जाएगी जैसे जीएसटीआर व के लिए 11थ थी तो यहां पे सक्सी मंथ की क्या हो जाएगी आपकी 20th डे ठीक है 20 तारीख बेसिकली इसी तरह अगर हम अ इसकी क्वार्टरली की बात करते हैं कि क्वार्टरली को कब करना पड़ेगा तो क्वार्टरली की जो ड्यू डेट होती है वो डिफरेंट होती है स्टेट या यूटी के अकॉर्डिंग तो 22 या 24th डे ऑफ द फॉलोइंग मंथ जो क्वार्टर का फॉलोइंग मंथ होगा उसमें आप उसकी 22 डेट को या 24th डेट को ये डिपेंड करेगा कि किस स्टेट या यूटी का उनके हिसाब से जो भी डेट नोटिफाई की जाएगी उस डेट को क्वार्टरली जो क्वार्टरली रिटर्न जाना होगा जिनको भरना होगा उनको फाइल करना पड़ता है ठीक है तो ये हमारा जीएसटीआर थ भी हो गया अब हम बात करेंगे जीएसटीआर फोर की जीएसटीआर फोर बेसिकली कंपोजिशन स्कीम जिस जिन्होंने ऑप्ट की होती है ना उनके लिए होता है तो ये एक तरीके से ईयरली रिटर्न होता है इसको एक बार भरना होता है साल भर में ठीक है हर फाइनेंशियल ईयर में सिर्फ एक बार यह रिटर्न फाइल किया जाएगा इसीलिए इसको अ कंपोजिशन स्कीम का एनुअल रिटर्न भी हम कहते हैं तो यह क्या हो गया जो भी रजिस्टर्ड टैक्स पेयर है जिन्होंने भी कंपोजिशन स्कीम के अंदर अपना रजिस्ट्रेशन कराया है उनको जीएसटीआर फ फाइल करना होगा बाकियों को नहीं करना होगा आपका रजिस्ट्रेशन है लेकिन आप कंपोजिशन स्कीम के अंदर नहीं है तो आपका एनुअल रिटर्न जीएसटीआर फ नहीं होगा लेकिन अगर आपने कंपोजिशन स्कीम ऑट की है तो आपका एनुअल रिटर्न साल में एक बार जो रिटर्न जाने वाला है वो कौन सा होगा जीएसटीआर फर होगा ठीक है तो इस इस आपकी जो रिटर्न होती है उसमें क्या क्या डिटेल्स फाइल मतलब क्या-क्या डिटेल आपको देनी पड़ती है तो आपकी आउटवर्क सप्लाईज क्या है इनवर्ट सप्लाईज कितनी है कितनी सर्विसिंग आपने इंपोर्ट करी हुई है या रिवर्स चार्ज के अंदर आपने क्या-क्या सप्लाई की हुई है तो ये चीजें भी आपको पूरी यहां पे मेंशन करनी पड़ती है अब नेक्स्ट जो हमें देखना है वो क्या देखना है कि जीएसटीआर 4 को कब फाइल करते हैं तो जैसा हमने कहा कि ये एक एनुअल रिटर्न है है ना एनुअल रिटर्न का मतलब क्या हो गया साल में एक बार हो जाएगा हर फाइनेंशियल ईयर में एक बार होगा पर फाइनेंशियल ईयर में एक बार किस डेट को को करना होगा तो जो ड्यू डेड की अगर बात करते हैं तो ज फाइनेंशियल आपका जो एंड होता है उसका जो नेक्स्ट मंथ होगा नेक्स्ट फाइनेंशियल ईयर का जो सक्सी मंथ होगा उसकी 30 तारीख तक आप आपको ये कर देना पड़ेगा इसकी ड्यू डेट रहेगी अब इस डेट को गवर्नमेंट टाइम टू टाइम एक्सटेंड करती है मतलब नोटिसेज आती हैं कि ड्यू डेट बढ़ा दी गई है तो ये चीजें आपकी एक्सटेंड होती रहती हैं ठीक है पर नॉर्मली जो डेट है वो कितनी है कि आपकी फाइनेंशियल ईयर का जो सक्सीडेंस ईयर का नेक्स्ट हम देखेंगे जीएसटीआर फ ये नॉन रेसिडेंशियल टैक्सेबल पर्सन जो होते हैं एनआरटीपी उनके लिए यह रिटर्न बेसिकली होता है ठीक है तो जैसे जीएसटीआर फ किसके लिए था कंपोजिशन स्कीम के लिए स्पेसिफिक था इसी तरह जीएसटीआर फ स्पेसिफिक है किसके लिए एनआरटीपी के लिए तो जितने भी नॉन रेसिडेंट फॉरेन टैक्स पेयर या नॉन रेसिडेंट टैक्स पेयर हैं जो जीएसटी के अंदर रजिस्टर्ड हुए हैं और अपना बिजनेस इंडिया में ट्रांजैक्ट कर रहे हैं अपना बिजनेस ट्रांजैक्शन कंप्लीट कर रहे हैं तो उनको क्या भरना पड़ेगा जीएसटीआर 5 भरना पड़ेगा ठीक है इसमें उनको पूरी डिटेल भरनी पड़ेगी कि आउटवर्ल्ड कितनी थी इनवर्ट सप्लाईज कितनी थी क्रेडिट डेबिट नोट्स क्या आपका इशू किया गया है टैक्स लायबिलिटी कितनी आ रही टैक्सेस कितने पेड सारे डिटेल्स यहां पे एनआरटीपी को फाइल करना पड़ता है ठीक है अब ये जो जीएसटीआर फ फाइव हम लोग फाइल करेंगे मतलब एनआरटीपी जो फाइल करते हैं उसके लिए उनको टाइम पीरियड दिया जाता है ठीक है कि कब तक आपको जीएसटीआर फ फाइल कर देना है तो उसमें बोला जाता है कि फॉर द पीरियड फॉर व्हिच दे हैव ऑब्टेन रजिस्ट्रेशन विदन अ पीरियड ऑफ़ सेवन डेज आफ्टर द डेट ऑफ एक्सपायरी ऑफ रजिस्ट्रेशन आपने जितने भी पीरियड के लिए अपना रजिस्ट्रेशन पाया है क्योंकि अगर आपने रजिस्ट्रेशन का वीडियो देखा तो आपने वहां देखा होगा कि सीटीपी और एनआरटीपी का रजिस्ट्रेशन का टाइम पीरियड अलग होता है है ना उनका ड्यू डेट भी उनका मतलब स्पेसिफिक मंथ के लिए ही बस उतने टाइम पीरियड के लिए उनको रजिस्ट्रेशन मिलता है ज्यादा लंबे टाइम के लिए नहीं मिलता है ठीक है तो वही कह रहा है कि उनका जो भी टाइम पीरियड है रजिस्ट्रेशन का उसके एक्सपायर होने के सात दिनों के अंदर आपको जीएसटीआर फ फाइल कर देना है मतलब आपका रजिस्ट्रेशन एक्सपायर हो रहा एक्सपायर होने के सात दिनों के अंदर आप अपना वो फाइल कर दीजिए ठीक है अगर एक महीने से ज्यादा का आपका रजिस्ट्रेशन की वैलिडिटी है तो ऐसे केस में आपको क्या करना होगा 13th ऑफ द जो 13 13वां दिनों का महीने का उस दिन आपको क्या करना होगा अपना रिटर्न फाइल करना होगा जीएसटीआर फ फाइल करना होगा ये अक्टूबर 2022 से एप्लीकेबल है ठीक है तो ये चीजें चेंज भी होती रहती हैं तो अभी के हिसाब से ये सारी चीजें गेसिंग है अब हम बात करेंगे जीएसटीआर 5a की फाइव तो एनआरटीपी के लिए था 5a किसके लिए है तो देखिए ये रिटर्न फर्निश किया जाता है ओआई डीआर ए के थ्रू मतलब कि जो ऑनलाइन इंफॉर्मेशन एंड डेटाबेस एसेस और ट्राइबल सर्विसेस प्रोवाइड करते हैं उनके थ्रू ये रिटर्न फाइल किया जाता है ऑफ द सर्विसेस प्रोवाइडेड टू नॉन टैक्सेबल पर्सन जो एनटीपी को उन्होंने सर्विसेस प्रोवाइड की है फॉर द प्लेस आउटसाइड इंडिया टू अ पर्सन इन इंडिया है ना जो आउटसाइड इंडिया के बाहर हैं और फ हैं इंडिया के उनको जो सर्विसेस दी जाती है ओडीआर के थ्रू तो उनको क्या जीएसटीआर 5 ए का रिटर्न फाइल करना पड़ता है अब इसका भी रिटर्न फाइल करने का टाइम पीरियड क्या है तो जो भी मंथली रिटर्न होगा आपका वो 20th डे जो होगा आपका सक्सी मंथ का उसमें मतलब जब से आप जब आपका पीरियड बन रहा है कि आपको रिटर्न फाइल करना है आपका टाइम पीरियड आ गया तो आपको नेक्स्ट मंथ की 20th तक आपको फाइल कर देना ड्यू डेट है और ये डेट कमिशनर एक्सटेंड कर सकते हैं ठीक है ये रिटर्न फाइल करना क्या होता है मैंडेटरी होता है मैंडेटरी इन द सेंस ये समझिए कि अगर निल रिटर्न भी है मतलब कोई बिजनेस एक्टिविटी नहीं भी हुई है एकदम निल है फिर भी आपको जीएसटीआर फवे फाइल ही करना पड़ेगा क्लियर है तो ये हो गया हमारा जीएसटीआर फाइव ओ आईडीए आर के लिए नेक्स्ट हमारा था जीएसटीआर सिक्स जो कि आईएसडी रिटर्न है मतलब इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर जिन्हे हम कहते हैं उनको स्पेसिफिकली जीएसटीआर सि का रिटर्न फाइल करना पड़ता है तो ये भी मैंडेटरी रिटर्न है जो कि मंथली बेसिस प फाइल करना होता है और फाइल कौन कर करेगा आईएसडी फाइल करते हैं इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर और क्यों करते हैं आईटीसी के क्रेडिट लेने के लिए कि मतलब कितना डिस्ट्रीब्यूशन हुआ आईटीसी का उस चीज के लिए इनको आईटीआर सि को फाइल करना पड़ता है ठीक है अब य नल रिटर्न है वो भी फाइल होगा भले ही आईटीसी कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर द मंथ या कोई क्रेडिट ना लिया गया हो बट स्टिल आपको अगर जीरो है तो भी आपको जीएसटीआर सि फाइल ही करना है दैट इज मैंडेटरी लाइक जीएसटीआर 5a तो ओ आईडीए आर वालों के लिए आईएसडी के लिए ये सारे रिटर्न्स मैंडेटरी हैं निल है तब भी उनको करना पड़ेगा और ड्यू डेट की बात करते हैं तो मान लीजिए रिटर्न फॉर द मंथ m हमको m मंथ के लिए रिटर्न फाइल करना है मतलब मान लीजिए जून के लिए रिटर्न फाइल करना है तो हम कब फाइल करेंगे ऑन और बिफोर द 13th ऑफ द मंथ m+ 1 मतलब जुलाई जो नेक्स्ट सक्सी मंथ होता है बस ये कहने का तरीका है जैसे हम लोग फॉलोइंग मंथ सक्सी दिंग मंथ कह रहे हैं वैसे यहां पे समझाने का तरीका तो जो आपका नेक्स्ट मंथ होगा लाइक जुलाई है आपका तो जुलाई के 13th तक तक आपका रिटर्न फाइल हो जाना चाहिए मतलब सक्सेडियो जाना चाहिए क्लियर है अब हम नेक्स्ट रिटर्न देखते हैं दैट इज योर जीएसटीआर से टीडीएस रिटर्न अब टीडीएस रिटर्न का मतलब क्या हो गया कि ये रिटर्न उन लोगों को फाइल करना पड़ेगा जो लोग टीडीएस मतलब टैक्स डिडक्ट करते हैं ठीक है मतलब जो भी पेमेंट या जो भी चीजें वो क्रेडिट कर रहे हैं किसी को उसमें से पहले टीडीएस का अमाउंट कट कर ले रहे हैं टू सप्लाई टुवर्ड्स द इनवर्ट सप्लाईज रिसीव भी इवर्स प्राइज वो रिसीव किए हैं उनमें जो है आपका टीडीएस डिडक्ट हुआ है तो ऐसी सिचुएशन पे उनको क्या करना होता है जीएसटीआर से फाइल करना पड़ता है तो इसमें क्या होगा इस रिटर्न में आपको टीडीएस की पूरी डिटेल भरनी पड़ेगी टीडीएस की कितनी लायबिलिटी पेबल है टीडीएस में आप क्या रिफंड क्लेम कर रहे हैं अगर कुछ है तो तो आपको सारी डिटेल्स यहां पे देनी पड़ती है और इसकी ड्यू डेट क्या होगी जीएसटीआर से की ड्यू डेट क्या होगी तो वो नेक्स्ट मंथ की सेवंथ तक आपको सॉरी 10थ तक आपको को कर देना होगा तो जो सक्सी मंथ है उसकी 10थ डे जो होगी उसको आपको वहां पे फाइल कर देना पड़ेगा जीएसटीआर से को ठीक है अब यहां पे एक चीज और क्लियर कर दी कि टीडीएस रिटर्न वही फाइल करेगा जो टीडीएस डिडेक्ट करेगा तो टीडीएस डिडेक्ट करने की भी बात किसको कही गई है है ना क्योंकि हु नीड्स टू फाइल फॉर्म जीएसटीआर सेन सिर्फ उनको जिन्होंने टीडीएस डिडेक्ट करने की परमिशन मिली हुई है तो एज पर सेक्शन 151 ऑफ द सीजीएसटी एक्ट फॉलोइंग पर्सन या एंटिटीज एस्टेब्लिशमेंट आर रिक्वायर्ड टू डिडक्ट टीडीएस सिर्फ ये जो लोग हैं उनको ही टीडीएस डिडक्ट करने की परमिशन मिली है और फिर अगर इनको ही परमिशन मिली है तो इन्हीं लोगों को ये जीएसटीआर से भी फाइल करना पड़ेगा सबको करने की जरूरत नहीं है अब वो कौन-कौन से लोग हैं तो एक हो गया कि डिपार्टमेंट और एस्टेब्लिशमेंट ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट और स्टेट गवर्नमेंट तो सेंट्रल गवर्नमेंट या स्टेट गवर्नमेंट के कोई डिपार्टमेंट कोई एस्टेब्लिशमेंट है तो वो ट्रीट डेक्ट करने के लिए लायबल है कोई लोकल अथॉरिटी है वो लायबल है गवर्नमेंट एजेंसीज हैं वो लायबल है या फिर सच पर्सन और कैटेगरी ऑफ पर्सन एज मे बी नोटिफाइड बाय द गवर्नमेंट ऑन द रिकमेंडेशन ऑफ काउंसिल तो जीएसटी काउंसिल की रिकमेंडेशन पे अगर गवर्नमेंट ने किसी और पर्सन को या किसी कैटेगरी ऑफ पर्सन को नोटिफाई कर दिया कि ये भी टीडीएस डिडेक्ट करने कर सकता है तो उस पर्टिकुलर पर्सन को भी टीडीएस का रिटर्न फाइल करना पड़ेगा जीएसटीआर से में तो ये हो गया हमारा जीएसटीआर सेवन अब नेक्स्ट देखते हैं दैट इज र जीएसटीआर 88 तो जीएसटीआर ड जो होता है वो ई-कॉमर्स ऑपरेटर के लिए होता है है ना जैसे हमारे मंत्रा है ना यह सारे जो है वो ई-कॉमर्स ऑपरेटर हो गए तो अब यह भी कौन से ई-कॉमर्स ऑपरेटर तो कहा गया कि जो टीसीएस करते हैं मतलब टैक्स कलेक्टेड जो कलेक्ट करते हैं टीसीएस जो कलेक्ट करते हैं बेसिकली उनको यह ई-कॉमर्स ऑपरेटर को यह फाइल करना पड़ता तो ये एक तरीके से टीसीएस का स्टेटमेंट है जो कि ई-कॉमर्स ऑपरेटर के थ्रू फाइल किया जाएगा कि हमने इतना टैक्स कलेक्ट किया है टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स ठीक है टीसीएस इतना इकट्ठा किया है तो उसकी डिटेल यहां पे फनि की जाती है जीएसटीआर 8 में अब इसमें क्या-क्या डिटेल होती है कि कितनी टैक्सेबल सप्लाईज की गई थी उसकी पूरी डिटेल जो कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के थ्रू की गई थी और उसपे कितना टीसीएस कलेक्ट किया गया है वो पूरी डिटेल उस उस जीएसटीआर एट के फॉर्म में भरी जाएगी ठीक है अब किसको फाइल करना है तो जैसा हमने बताया कि जीएसटीआर 8 हम फाइल करेंगे हर कॉमर्स ऑपरेटर जिसको भी ये रिक्वायर्ड है कि वो टीसीएस कलेक्ट करें किस चीज पे जो भी आउटपुट सप्लाईज वो गुड्स या सर्विसेस की कर रहा है अपने ई-कॉमर्स पोर्टल या अपने प्लेटफॉर्म के थ्रू उन सभी को अ जो रजिस्टर्ड हैं तो उन सभी को यह जरूरत है जरूरत है कि वो टीसीएस का रिटर्न फाइल करें जीएसटीआर 8 को फाइल करें क्लियर है नेक्स्ट देखते हैं जीएसटीआर ना और जीएसटीआर ना को एनुअल रिटर्न भी कहा जाता है अब एनुअल रिटर्न का मतलब ही क्लियर हो गया कि यह साल में एक बार भरा जाएगा फाइनेंशियल ईयर में एक बार भरा जाएगा कौन भरेगा सारे रेगुलर टैक्स पेयर जो भी रजिस्टर्ड है जीएसटी एक्ट के अंदर उन सभी ही को जीएसटीआर 9 मत साल भर में एक एनुअल रिटर्न तो फाइल करना ही करना होगा इंक्लूडिंग जो सेज यूनिट्स या सेज डेवलपर है स्पेशल इकोनॉमिक जन की जो यूनिट्स हैं या उनके जो डेवलपर्स हैं उनको भी उनको भी इंक्लूड कर लीजिए या आपका एक साल का एक रिटर्न जो है वो जाएगा वो सभी के लिए जाएगा जो नॉर्मल आपके टैक्स अप पेयर है कंपोजिशन स्कीम के लिए वो कौन सा था फोर्क था है ना और यहां पे क्या हो जाएगा आपका इनके लिए नाइन हो गया जीएसटी आर नाइन हो जाता है ठीक है अब यहां पे एक चीज और कि इनको इस पूरे रिटर्न में क्या डिटेल फाइल करनी पड़ेगी क्या डिटेल फर्निश करनी पड़ेगी तो वहां पे पूरा परचेस कितना आपने किया सेल्स कितना किया आईटीसी का क्रेडिट क्या है आपका कितना रिफंड आप क्लेम कर रहे हैं डिमांड कितना डिमांड क्रिएट किया मतलब आप पूरी डिटेल जो होती है पूरी डिटेल इस रिटर्न में फाइल की जाएगी और ये रिटर्न कब करना पड़ेगा इसकी ड्यू डेट क्या है तो इसकी ड्यू डेट जो होती है वो हमारी होती है 31 दिसंबर ऑफ द रिलेवेंट फाइनेंशियल ईयर जो फॉलोइंग रिलेवेंट फाइनेंशियल ईयर होगा उसकी 31 दिसंबर तक हमको यह डेट ये फाइल कर देना पड़ेगा जीएस 9 के कुछ एक्सेप्शन है जिसमें इंक्लूड किए जाते हैं जैसे कंपोजिशन स्कीम के कैजुअल टैक्स पर पर्सन इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर एनआरटीपी और जो टीडीएस पे कर रहे हैं सेक्शन 51 के अंदर है ना वो सारी चीजें जीएसटीआर 9 के एक्सेप्शन के अंदर आ जाते हैं नेक्स्ट जो रिटर्न हम देखेंगे दैट इज आवर जीएसटीआर 9c जीएसटीआर 9 स क्या होता है एक तरीके का यह रिकंस स्टेटमेंट होता है रिकंस इल करते हैं ना इस चीज़ को इस चीज़ को साइल किया कि क्या डिफरेंस है तो ये एक तरीके से र रिकन साइल स्टेटमेंट होता है रिकंस स्टेटमेंट होता है जिसको सीए या कॉस्ट अकाउंटेंट जो होते हैं उनके थ्रू वेरीफाई किया जाता है और उन्हीं के थ्रू डिजिटली साइन किया जाता है ठीक है अब यह रिटर्न आपको कब फाइल करना पड़ता है यह रिटर्न आपको जीएसटीआर 9 के साथ फाइल करना पड़ता है ठीक है एक स्पेसिफाइड एग्रीगेट टर्नओवर की लिमिट है अगर आपका वो एक्सीड करता है तो ऐसे सिचुएशन में जीएसटीआर 9 के साथ आपको जीएसटीआर 9 सी भी फाइल करना पड़ेगा ठीक है और जीएसटी नाइ से भी हम कब फाइल करते हैं तो जैसे उसकी हमारी ड्यू डेट थी 31 दिसंबर तो वैसे ही इसकी भी हमारी क्या है ड्यू डेट है 31 दिसंबर रहेगी हां ये अलग बात है कि गवर्नमेंट इनमें से किसी की भी ड्यू डेट एक्सटेंड कर सकता है जैसा वो अपनी नोटिस में अगर ला देगा नोटिफिकेशन ला देगा तो वो एक्सटेंड कर सकता है ठीक है पर नाइन सी पोर्टल पे कब ओपन होगा नावल कब होगा कि आप उसे फाइल कर सकते हैं जब आपका जीएसटीआर नान अच्छे से फिल हो जाता है तब अपना एनसी फाइल कर सकते हैं तो बेसिकली एक तरीके से वेरिफिकेशन फॉर्म हो गया रिकंस फॉर्म हो गया जो सीए के थ्रू किया जाने वाला कौन करेगा जो ना नाइन भर रहे हैं उनको ना सी करना पड़ेगा अगर एग्रीगेट टर्नओवर एक्सीड किया है तो ठीक है और ऐसे सिचुएशन ड्यू डेट सेम रहती है लेकिन पोर्टल पे नासी ओपन कब होगा जब जीएसटीआर नन सक्सेसफुली फाइल कर दिया जाएगा ओनली देन आपका नासी का पोर्टल ओपन होगा ठीक है नेक्स्ट बात करते हैं जीएसटीआर 10 की जिसको हम फाइनल रिटर्न भी कहते हैं ठीक है फाइनल रिटर्न इन द सेंस आप ये समझिए जब हम रिटर्न्स पढ़ते हैं ना तो रिटर्न में क्या कभी-कभी टाइप्स ऑफ रिटर्न में एक चीज भी आती है कि फर्स्ट रिटर्न एनुअल रिटर्न एंड फाइनल रिटर्न तो फर्स्ट रिटर्न अलग हो गया एनुअल रिटर्न जैसे हमने जेएसआर फ और नाइन को बताया कंपोजिशन स्कीम के लिए फोर और नॉर्मल टैक्स पेयर के लिए जस नान तो वो हमारा क्या हो गया एनुअल रिटर्न और जो तीसरा रिटर्न आता हमारा फाइनल रिटर्न जिसको जीएसटीआर 10 के अंदर भर के भेजते हैं अब इन तीनों का सेक्शन भी अलग है तो जैसे फर्स्ट रिटन के लिए सेक्शन 40 आता है है ना उसी तरीके से आपका जो ये आपका एनुअल रिटर्न आता है कि एनुअल रिटर्न और फाइनल रिटर्न उनके लिए भी अलग सेक्शन मेंशन है जनल रिटर्न के लिए सेक्शन 44 फाइनल रिटर्न के लिए सेक्शन 45 तो इस तरह से इनके अलग सेक्शन भी मेंशन है ठीक है तो अब हम बात करेंगे कि फाइनल रिटर्न तो फाइनल रिटर्न जो कि सेक्शन 45 के अंदर डील किया जाता है उसमें जिस 10 फॉर्म भरना पड़ता है हमको तो वो क्या है क्या किसको हम फाइनल रिटर्न कहते हैं यह समझ लेते हैं तो जो भी टैक्सेबल पर्सन है जीएसटी के अंदर अगर उसका रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो रहा है या वो अपना रजिस्ट्रेशन सरेंडर कर रहा है तो उसको एक फुल एंड फाइनल अपनी रिटर्न फाइल करनी पड़ती है जिसको हम कहते हैं जीएसटीआर 10 मतलब आपका रजिस्ट्रेशन खत्म हो रहा है आप सरेंडर कर दे रहे हो कि अ जीएसटी का रजिस्ट्रेशन हमको नहीं चाहिए तो आपको एक फुल एंड फाइनल रिटर्न सबमिट करनी पड़ेगी उसके लिए कौन सा फॉर्म आएगा जीएसटीआर 10 आएगा अब इस इस रिटर्न में हम क्या देते तो बेसिकली एक स्टेटमेंट है किस चीज का कि आप जिस टाइम आपका कैंसिलेशन हो रहा है उसके जिस्ट प्रोसीडिंग डेट पे इमीडिएट प्रोसीडिंग डेट पे आपके पास स्टॉक कितना है उसकी पूरी एक स्टेटमेंट है ये ठीक है अब ये रिटर्न कब फाइल कर देना चाहिए तो इसके लिए बोला गया कि जब भी आपका डेट ऑफ कैंसिलेशन है मतलब जब भी आपका ऑर्डर आ गया कैंसिलेशन का या डेट ऑफ कैंसिलेशन जो है उसके ती महीनों के अंदर आपको ये चीज फाइल कर देनी है मतलब आपका जो डेट ऑफ कैंसिल है उसके तीन महीने देख लो या डेट ऑफ ऑर्डर जो है कैंसिल का उसके तीन महीने दोनों में जो भी बाद में होगा उस उस तक आपको अपना यह फाइनल रिटर्न फाइल कर देना पड़ेगा क्लियर है अब जीएसटी आट में एक और इंपॉर्टेंट बात है वो क्या है कि जीएसटीआर 10 अ किसको मतलब हर टैक्स पेयर्स को फाइल करना पड़ेगा ब जितने भी जितने भी अपना सरेंडर किया है जिसका भी खत्म हो रहा होगा उन सबको फाइल करना पड़ेगा लेकिन एक्सेप्ट एक्सेप्ट कुछ लोग हैं मतलब जेएस इज रिक्वायर्ड टू फाइल एवरी टैक्स पेयर जिसका भी सरेंडर किया जा रहा है जिसका भी कैंसिल हो रहा है एक्सेप्ट कुछ लोग हैं इन लोगों को नहीं करना है कौन-कौन से हैं जो कि पहला है इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर आईएसडी जिसे हम कहते हैं एनआरटीपी जो है क्योंकि इनका खुद ही शॉर्ट टम के लिए होता है टीडीएस जो जिनको कलेक्ट करने का मिला हुआ है ठीक है वो भी फुल एंड फाइनल रिटर नहीं करेंगे आपने टीडीएस में देखा किसको कट करने की परमिशन मिली हुई है फिर जिनको सेक्शन 10 के अंदर जो लोग है मतलब कंपोजिशन स्कीम वाली वो वो उनको भी नहीं करने की जरूरत है और फिर जिनको टीसीएस कलेक्ट करना होता है जो कि सेक्शन 52 में डील किया गया है उनको भी नहीं करना होता है तो यह हमारा क्या हो जाता है फाइनल रिटर्न आ जाता है उसके बाद हमारा एक और रिटर्न इंपोर्टेंट है दैट इज योर जेटीआर व जेटीआर 11 ये क्या होता है ये हर उस रजिस्टर्ड पर्सन को फिल करना पड़ेगा जिसके पास एक यूनिक आइडेंटिटी नंबर है यूआई एन और अगर आपको याद हो कि डीम्ड रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रेशन के टाइप्स में हमने एक पढ़ा था डीम्ड रजिस्ट्रेशन तो डीम रजिस्ट्रेशन मैंने यही पढ़ा था कि अगर किसी स्टेट या यूटी के अंदर उसको यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर अलॉट हो गया है तो हम ये मान लेंगे कि उसका रजिस्ट्रेशन सीजीएसटी एक्ट के अंदर हो गया है तो वही कह रहे हैं कि जिनको यूआई एन मिला हुआ है ना उनको क्या करना पड़ता है है उनको जीएसटीआर 11 फाइल करना पड़ता है टू गेट द टैक्स क्रेडिट या रिफंड अंडर जीएसटी है ना उनको फिर 11 फाइल करना पड़ेगा और यह रिटर्न क्वार्टरली बेसिस पे होता है यहां पे एक चीज है कि जीए 11 कोई मैंडेटरी रिटर्न नहीं है मतलब अगर आपको कोई इनवर्ट सप्लाईज नहीं है आपके यूएन होल्डर पे मतलब आप जो यूआईएन पर्सन है तो ऐसे सिचुएशन पे आपको कोई जरूरत नहीं है कि आप जीएसटीआर 11 को फाइल करें ठीक है तो ये अभी तक के हमारे सारे रिटर्न हो गए आई होप आपको क्लियर क्लियर हुआ होगा देखिए एग्जाम के क्वेश्चंस की अगर बात करें तो एग्जाम में कह देते हैं कि आप जीएसटीआर जीएसटी रिटर्न से क्या समझते उसके टाइप्स को डिस्कस करिए ठीक है अब आपको इनमें से जो भी रिटर्न के टाइप्स याद है आप उनमें से पांच छ सात आप रिटर्न के टाइप्स लिख के उसकी डिटेल्स लिख सकते हैं अगर किसी स्पेसिफिक रिटर्न के बारे में पूछा जाता है तो फिर आपको उसकी डिटेल लिखनी पड़ती है ठीक है पर बेसिकली ये सारे वो रिटर्न्स हैं जो कि इंपॉर्टेंट है और आपको याद रहना चाहिए और इसको याद करने का बहुत इजी तरीका है जैसे जीएसटीआर व आपको याद रहेगा आउटवर्ल्ड के लिए हो गया सिंपल जीएसटीआर 3 भी क्या हो गया समरी रिटर्न हो जाता है है ना उसके अलावा जीएसटीआर 4 कंपोजिशन स्कीम वालों के लिए हो जाएगा जीएसटीआर 5 एनआरटीपी के लिए हो जाएगा जीएसटीआर सि आईएसडी वालों को भरना पड़ेगा है ना इस तरह जीएसटीआर से जिन्होंने टीडीएस डिडक्ट करते हैं उनके लिए है जीएसटीआर 8 जो ई-कॉमर्स ऑपरेटर टीसीएस करते हैं कलेक्ट करते हैं उनके लिए हो जाता है जीएसटीआर 9 एक एनुअल रिटर्न है सबको करना पड़ेगा जो नॉर्मल टैक्स पेयर है जीएसटीआर 10 क्या हो गया फाइनल रिटर्न है है ना जब सरेंडर होगा कैंसिल होगा तब करना पड़ेगा और जीएसटीआर 11 क्या हो गया यूआई एन का हो गया इस तरह से इंपॉर्टेंट रिटर्न्स आप याद कर सकते हैं और आपको याद भी रहेगा कि ये इन लोगों को फाइल करना है ठीक है सो आई होप आपको क्लियर हुआ होगा यहां पे कि जस्ट रिटर्न क्या है सिस्टम जेनरेटेड और ऑर्डर जेनरेटेड जो भी रिटर्न्स है उनको हम बहुत शॉर्ट में एक नेक्स्ट वीडियो में देख लेंगे ठीक है वहीं उसी के साथ हम ये भी देख लेंगे कि फर्स्ट एनुअल और फाइनल रिटर्न किसे कहते हैं तो फाइनल रिटर्न किसे कहते हैं वो हमने देख लिया एनल रिटन किसे कहते हैं वो भी हमने देख लिया किस फॉर्म में जाएगा वो भी देख लिया जी फर्स्ट रिटर्न क्या होता है उसको भी हम वहां पे समझ लेंगे सो आई होप आपको क्लियर हुआ होगा विश यू ऑल द बेस्ट थैंक यू सो मच