कृषि का महत्व और प्रकार

Sep 2, 2024

कृषि (Agriculture) - कक्षा 10, भूगोल

अध्याय 4: कृषि का महत्व

  • भारत की 2/3 जनसंख्या कृषि से जुड़ी हुई है।
  • कृषि एक प्राथमिक गतिविधि है, जो हमारे लिए अधिकांश भोजन का उत्पादन करती है।
  • कृषि उद्योगों के लिए कच्चे माल का मुख्य स्रोत है।

कृषि के प्रकार

1. प्राइमिटिव सबसिस्टेंस फार्मिंग

  • संक्षेप में:

    • केवल आत्म-उपभोग के लिए कृषि।
    • पुरानी औजारों का उपयोग (ह्यू, डाउ, डिगिंग स्टिक्स)।
    • प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर (मानसून, मिट्टी की उर्वरता)।
  • स्लैस और बर्न एग्रीकल्चर:

    • बड़े क्षेत्र में भूमि को साफ करना, फिर जलाना।
    • जब भूमि की उर्वरता कम हो जाती है, तो किसान दूसरी भूमि पर जाते हैं।
    • विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नाम (जैसे, जमिंग, दीपा)।

2. इंटेंसिव सबसिस्टेंस फार्मिंग

  • संक्षेप में:
    • आत्म-उपभोग के लिए की जाती है।
    • जनसंख्या अधिक, भूमि कम।
    • आधुनिक उपकरण और इनपुट का उपयोग (फर्टिलाइजर्स, पेस्टीसाइड्स)।
    • ट्यूब वेल और नहरों का उपयोग।

3. कमर्शियल फार्मिंग

  • संक्षेप में:
    • मुख्य उद्देश्य पैसा कमाना।
    • बड़े पैमाने पर कृषि, आधुनिक उपकरणों का उपयोग।
    • उत्पादन बेचने के उद्देश्य से की जाती है।

4. प्लांटेशन फार्मिंग

  • संक्षेप में:
    • एक प्रकार की कमर्शियल फार्मिंग।
    • एकल फसल (चाय, कॉफी, रबर, आदि) बड़े क्षेत्रों में उगाई जाती हैं।

भारतीय कृषि के पैटर्न

कृषि मौसम

  1. रवी मौसम (रबी सीजन):

    • अक्टूबर से दिसंबर में बोई जाती हैं।
    • प्रमुख फसलें: गेहूं, चना, सरसों।
  2. खरीफ मौसम (खेरिब सीजन):

    • जून से जुलाई में बोई जाती हैं।
    • प्रमुख फसलें: धान, कपास, जूट।
  3. जायद मौसम (जैद सीजन):

    • गर्मियों में उगाई जाती हैं।
    • विशेष फसलें: ककड़ी, तरबूज।

प्रमुख फसलें

  • धान (राइस):

    • भारत में चावल का उत्पादन अपेक्षाकृत अधिक।
    • उच्च तापमान और वर्षा की आवश्यकता।
  • गेहूं (वीट):

    • ठंडे मौसम की आवश्यकता।
    • प्रमुख उत्पादक राज्य: पंजाब, हरियाणा।
  • मौटे अनाज (मिलेट्स):

    • जुवार, रागी, बाजरा।
  • गन्ना (सुगर केन):

    • ट्रॉपिकल और सब्ट्रॉपिकल फसल।
    • प्रमुख उत्पादक राज्य: उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र।
  • तेल बीज (ओयल सीट्स):

    • मूँगफली, सरसों।
    • भारत तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक।

कृषि में तकनीकी और संस्थागत सुधार

  • स्वतंत्रता के बाद कई सुधार किए गए।
  • ग्रीन रेवोल्यूशन:
    • कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए।
  • भूदान ग्रामदान आंदोलन:
    • भूमि सुधार के लिए बिनोबा भावे द्वारा शुरू किया गया।

निष्कर्ष

  • भारत में कृषि का बहुत महत्व है।
  • विभिन्न प्रकार की कृषि गतिविधियाँ और फसलें।
  • कृषि में सुधार की आवश्यकता है।

(यह नोट्स कृषि पर आधारित कक्षा 10 के भूगोल पाठ के महत्वपूर्ण बिंदुओं को संक्षेप में प्रस्तुत करते हैं।)