Overview
इस लेक्चर में हमने चार्ज्ड स्फियर के कारण उत्पन्न इलेक्ट्रिक फील्ड के कॉन्सेप्ट, फॉर्मूले और ग्राफ्स को विस्तार से समझा, जिसमें कंडक्टिंग, नॉन-कंडक्टिंग, हॉलो और सॉलिड स्फियर के केस शामिल हैं।
चार्ज्ड स्फियर की किस्में
- स्फियर दो प्रकार के होते हैं: हॉलो (खोकला/शेल) और सॉलिड (ठोस)।
- दोनों ही प्रकार कंडक्टिं ग या नॉन-कंडक्टिंग (डाइलेक्ट्रिक/इंसुलेटर) हो सकते हैं।
- कुल चार केस बनते हैं: हॉलो कंडक्टिंग, हॉलो नॉन-कंडक्टिंग, सॉलिड कंडक्टिंग, सॉलिड नॉन-कंडक्टिंग।
इलेक्ट्रिक फील्ड: हॉलो/सॉलिड कंडक्टिंग स्फियर (चार्ज सरफेस पे)
- इन सभी केस में चार्ज केवल सरफेस पर रहता है।
- चार्ज डेंसिटी (σ): चार्ज पर यूनिट एरिया (Q/A)।
- इलेक्ट्रिक फील्ड अंदर (r < R): E = 0 (Gauss Law से Q_inside = 0)।
- इलेक्ट्रिक फील्ड बाहर (r > R): ( E = \dfrac{1}{4\pi\epsilon_0} \dfrac{Q}{r^2} )।
इलेक्ट्रिक फील्ड: सॉलिड नॉन-कंडक्टिंग स्फियर (चार्ज वॉल्यूम में)
- चार्ज पुरे वॉल्यूम में यूनिफार्मली डिस्ट्रीब्यूट रहता है।
- चार्ज डेंसिटी (ρ): चार्ज पर यूनिट वॉल्यूम (Q/V)।
- बाहर (r > R): ( E = \dfrac{1}{4\pi\epsilon_0} \dfrac{Q}{r^2} )।
- अंदर (r < R): ( E = \dfrac{1}{4\pi\epsilon_0} \dfrac{Q}{R^3} r ), यानी E ∝ r।
नॉन-यूनिफार्म चार्ज डिस्ट्रीब्यूशन (ρ = ρ₀r)
- यदि चार्ज डेंसिटी रेडियस के अनुसार बदलती है, तो dq = ρ₀x·4πx²dx।
- अंदर इलेक्ट्रिक फील्ड: ( E = \dfrac{\rho_0}{4\epsilon_0} r^2 ), यानी E ∝ r²।
- बाहर फॉर्मूला वही रहेगा, बस Q_calculated = ( \rho_0 \pi R^4 ) से मिलेगा।
इलेक्ट्रिक फील्ड के ग्राफिकल विश्लेषण
- हॉलो/कंडक्टिंग स्फियर: E अंदर जीरो, सरफेस पर अधिकतम, बाहर ∝ 1/r²।
- सॉलिड नॉन-कंडक्टिंग स्फियर: E अंदर r के अनुसार बढ़ता है, बाहर 1/r² के अनुसार घटता है।
- पॉइंट चार्ज जैसा व्यवहार: बाहर से देखने पर सारा चार्ज सेंटर पर स्थित मान सकते हैं।
Key Terms & Definitions
- Gauss Law — बंद सरफेस से गुजरने वाला कुल फ्लक्स = Q_inside/ε₀।
- Surface Charge Density (σ) — सरफेस पर प्रति यूनिट एरिया चार्ज।
- Volume Charge Density (ρ) — वॉल्यूम में प्रति यूनिट वॉल्यूम चार्ज।
- Conductor — चार्ज हमेशा सतह पर जाता है।
- Non-conductor/Dielectric — चार्ज वॉल्यूम में बंट सकता है।
Action Items / Next Steps
- अगले लेक्चर में non-uniform charge distribution पर आधारित सवाल हल करने हैं।
- पिछले फॉर्मूले और ग्राफ्स अच्छी तरह याद करें।
- NCERT के संबंधित टॉपिक्स और हल किए गए उदाहरण पढ़ें।