3D और 4D के तत्वों की चर्चा
3D सीरीज के तत्व
- 3D सब सेट में अंतिम इलेक्ट्रॉन जाकर भरता है।
- सभी तत्व 3D सब सेट में जाते हैं।
- जो रंग दिखाई देता है, वह उसके कॉम्प्लीमेंटरी रंग के अवशोषण के कारण होता है।
लास्ट इलेक्ट्रॉन और रिएक्शन
- जब हम बाएँ से दाएँ जाते हैं, तो आकार घटता है।
- इस आकार की कमी को "कॉन्ट्रक्शन" कहा जाता है।
- अत्यधिक रिड्यूस करने वाला तत्व ऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है।
- उदाहरण:
डी और एफ ब्लॉक के तत्व
- D ब्लॉक के तत्व इलेक्ट्रो पॉजिटिव होते हैं।
- सभी D और F ब्लॉक के तत्व मेटल्स होते हैं।
- ग्रुप नंबर 3 से 12 तक D ब्लॉक के तत्व शामिल होते हैं।
- फर्स्ट से लेकर लास्ट ग्रुप तक के सभी तत्व मेटल्स होते हैं।
लैंथेनाइड और एक्टिनाइड सीरीज
- लैंथेनाइड सीरीज में 4F इलेक्ट्रॉन होते हैं।
- एक्टिनाइड सीरीज में 5F इलेक्ट्रॉन होते हैं।
- लैंथेनाइड और एक्टिनाइड में आकार की कमी होती है।
ऑक्सीडेशन स्टेट
- सीरियम +4 ऑक्सीडेशन स्टेट पर रहता है।
- एक्टिनाइड्स में आमतौर पर +3 ऑक्सीडेशन स्टेट होता है।
मैग्नेटिक प्रॉपर्टीज़
- इनकी मैग्नेटिक प्रॉपर्टी अनपेयर्ड इलेक्ट्रॉनों की मौजूदगी पर निर्भर करती है।
- पैरामैग्नेटिक तत्वों में अनपेयर्ड इलेक्ट्रॉन होते हैं।
- डायमैग्नेटिक तत्वों में अनपेयर्ड इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं।
रंग और ट्रांजिशन
- रंग मुख्यतः डीडी ट्रांजिशन द्वारा उत्पन्न होते हैं।
- F इलेक्ट्रॉन ट्रांजिशन से भी रंग उत्पन्न हो सकते हैं।
उपयोग
- लैंथेनाइड्स का उपयोग स्टील बनाने में होता है।
- एक्टिनाइड्स का उपयोग परमाणु ऊर्जा में किया जाता है।
निष्कर्ष
- D और F ब्लॉक के तत्वों में कई महत्वपूर्ण रासायनिक गुण होते हैं।
- इनके ऑक्सीडेशन स्टेट और मैग्नेटिक प्रॉपर्टीज़ अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- इनका उपयोग औद्योगिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में किया जाता है।
यह नोट्स आपके अध्ययन में सहायक होंगे।
सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखें।
रिवीजन करते रहें!