मैट्रिक्स और उसकी विशेषताएँ
परिचय
- मैट्रिक्स का अध्ययन करने के लिए आज हम एक संक्षिप्त सत्र में उपस्थित हैं, जहां मैट्रिक्स के विभिन्न प्रकार और उनकी विशेषताओं पर चर्चा की जाएगी।
- मुख्य उद्देश्य: सभी प्रकार के बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के अनुसार मैट्रिक्स की थ्योरी को समझना।
मुख्य अवधारणाएँ
1. स्केलर और आइडेंटिटी
- स्केलर मैट्रिक्स: जब डायगोनल तत्व समान होते हैं। यदि यह समानता 1 हो जाती है, तो इसे आइडेंटिटी मैट्रिक्स कहा जाता है।
2. ऑर्डर ऑफ मैट्रिक्स
- मैट्रिक्स का आकार रो और कॉलम के अनुसार निर्धारित होता है।
- मैट्रिक्स के एलिमेंट्स की संख्या = रो × कॉलम।
3. स्पेशल मैट्रिक्स
- कॉलम मैट्रिक्स: जिसमें एक ही कॉलम होता है।
- रो मैट्रिक्स: जिसमें एक ही रो होता है।
- स्क्वायर मैट्रिक्स: रो और कॉलम की संख्या बराबर होती है।
- डायगोनल मैट्रिक्स: मुख्य डायगोनल नॉन-जीरो, बाकि जीरो।
- ज़ीरो मैट्रिक्स: सभी एलिमेंट जीरो होते हैं।
मैट्रिक्स की गणितीय क्रियाएं
1. जोड़ और घटाव
- दो मैट्रिसिस में जोड़-घटाव तब होता है जब उनका ऑर्डर समान हो।
2. गुणा
- गुणा संभव है जब पहले की कॉलम की संख्या दूसरे की रो की संख्या के बराबर हो।
महत्वपूर्ण गुण
- कम्यूटेटिव लॉ: a+b = b+a
- स्केलर गुणा: स्केलर कम मात्रा का गुणा मैट्रिक्स में होता है।
- मल्टीप्लिकेशन प्रॉपर्टी: a(bc) = (ab)c
ट्रांसपोज मैट्रिक्स
- रो और कॉलम की अदला-बदली करना।
- गुणधर्म: (A^T)^T = A, (A+B)^T = A^T + B^T
एड जॉइंट और इनवर्स मैट्रिक्स
- एड जॉइंट: Co-factor बनाया जाता है और ट्रांसपोज किया जाता है।
- इनवर्स मैट्रिक्स: A^-1 = adj(A)/det(A)
विशेष प्रकार के मैट्रिक्स
- आईडेमपोटेंट मैट्रिक्स: A^2 = A
- निलपोटेंट मैट्रिक्स: A^k = 0
- ऑर्थोगोनल मैट्रिक्स: A^T = A^-1
व्याख्यान का समापन
- प्रॉपर्टीज़ और उदाहरणों के माध्यम से विस्तृत अध्ययन।
- पीडीएफ और प्रश्नावली का उपयोग करके पुनरावृत्ति और अभ्यास।
यह नोट्स उन सभी महत्वपूर्ण विषयों को कवर करते हैं जो व्याख्यान में निर्दिष्ट किए गए थे। यह आपके अध्ययन के लिए एक उपयोगी संसाधन होगा।