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वाइगोस्की का संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत

इससे पहले की classes में हम cognitive development के बारे में भी जान चुके हैं और हम एबी जान चुके हैं कि पिया जे की cognitive development की theory क्या थी उन्होंने cognitive development के बारे में क्या बाते की तो पिया जे ने cognitive development के बारे में बताया कि बच्चों का जो cognitive development होता है बच्चा जब पैदा होता है धीरे बड़ा होता है और इसका जो cognitive development होता है तो उसमें बच्चे के खुद के efforts होते हैं खुद के प्रयत्न होते हैं खुद के experience के थूँ बच्चों का जो ये संज्ञानात्मक विकास होता है लेकिन आज की इस वीडियो में हम वाइगोस्किक की बात करेंगे कि वाइगोस्किक की थिवरी ओफ कॉगनेटिव डवलप्मेंट क्या है और उनकी जो ये थिवरी है किस तरह से तो वीडियो को आखरी तक देखिए और वीडियो कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताईए तो हम वीडियो को सुरू करते हैं और सबसे पहले हम वाइगॉस्की के बारे में जानते हैं वाइगॉस्की कौन थे तो वाइगॉस्की वाजर रसियन साइकलोजिस्ट कि वो एक रूसी मनोवैज्ञानिक थे और उन्होंने बच्चों का अध्यान किया और उन्होंने बच्चों का अध्यान किया और सीखना कैसे होता है इसके बारे में उन्होंने अपने सिधान विक्षित किये तो वाइगॉस्की ने तरक दिया कि संस्कृति का बच्चे की मानसिक जाना है शमताओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है पिया जी ने तो कहा कि बच्चों का जो कॉगनेटिव डेवलप्मेंट होता है बच्चा अपने सेंसिस के थूँ एक्सपीरियंस लेता है ठीक है खुद के एफ़र्ट से बच्चा चीजों को सिखता है और इस तरह से धी पड़ता है, he believed that social interaction could facilitate a child's ability to learn, कि उनका मानना था कि समाजिक संपर्ग बच्चे की सीखने की जो शम्ता है उसको और सुविधा जानक बनाता है, क्योंकि हम एक social being है, एक समाजिक प्राणी है, तो जो भी कुछ सीखते हैं, जो कुछ जानते हैं, उस पर हमारे society के लोगों का, हम तो इसलिए उनका यह मानना था कि समाजिक संपर्ग बच्चे की सीखने की शम्ता को और सुविधाजनक बना सकता है। वाइगोस्की की संग्यानात्मक विकास की सिध्धान का प्रस्ताव है की सीखने और समस्या समधान जैसी संग्यानात्मक शम्ताएं बच्पन की दोरान समाजिक संपर्ग के माध्यम से ही विक्सित होती है। बिना दूसरे की हेल्प से बच्चा कैसे चीजों को सीखेगा उसको कैसे पता चलेगा कि सही क्या है गलत क्या है कौन सी चीज कैसे करनी है कैसे बोलना है तो इसलिए वाइगोस्की ने बोला कि बच्चे का जो एक कॉगनेटिव डवलमेंट हो रहा है जो संग्यनात्मक विका पैरेंट्स बच्चों को बोलना शिखाते हैं तो बच्चा धीरे बोलने लगता है तो इसलिए वाइगोस्की की जो संग्यानात्म की कास का जो सिधान तो उसका प्रस्ताव है कि सीखने और समस्या समधान जिसी संग्यानात्मक जो चमताएं है बच्पन के दौरान सामा Culture and Environment play a significant role in Cognitive Development की संस्कृति और परियावरण संज्ञानात्मक विकास में महत्वून भुमिका निभाते हैं उनका मानना था कि संज्ञानात्मक विकास Cognitive Development के लिए दोसरों के साथ समाजिक संपर्क है और इसका उधारन उन्होंने क्या दिया कि अधिक जानकार द्वारा बच्चों को कुछ करने की तरीके के वारे में निर्देश देने से बच्चा नए कौसल सीखेगा और नए कौसल विख्षित होगा ठीक है तो एक उधारन के लिए चुटा बच्चा है ठीक है वो स्केटिंग सीखता है ठीक है तो अपने आप से को जिसको स्केटिंग जो स्केटिंग में एक्सपॉर्ट है जो अच्छे से करता है अगर वह बच्चों को आकर टेक्निक्स बताएगा चीजें बताएगा कि कैसे की जाती है क्या चीजें करनी है क्या चीजें नहीं करनी है तो जाहिर सी जाते हैं बच्चा जो स्केटिंग है बहुत ही अच्छे से तरीके से सीख जाएगा और मालो बच्चा खुश से ही कोशिश करता है तो अगर खुश से कोशिश करेगा तो उसको चोट लग सकती है ठीक है और हो सकता है कि जो तो तरीके जो है वह उतने अच्छे से ना सीट पाए ठीक है क्योंकि किसी एक पर experts से अगर हम सीखेंगे तो हमें काफी अच्छी technique हमें पता चलेगी ठीक है कि उनका मानना था कि पारस्परिक निर्देश के बिना बच्चों का दिमाग बहुत आगे नहीं बढ़ पाएगा क्योंकि उनका ज्ञान केवल उनकी अपनी खोजों पर आधारित होगा तो इसीलिए अगर किसी को आगे बढ़ाना है कि चीज किसी को सही बच्चा दिखानी है ठीक है तो उसके लिए अच्छा गाइडेंस होना बहुत जरूरी और गाइडेंस को निर्देशन कौन देगा बच्चे के आसपास के जो लोग है उसके पैरेंट्स है उसके नेबर है बच्चे के जो टीचर से वही सही दिशा बच्चों को दिखा सकते हैं क्योंकि बच्चा अपने आप से कोशिश तो करेगा लेकिन वो फिर केवल अपने आप तक ही सीमित रह जाएगा तो इसलिए सोचल इंटरेक्शन बहुत ज़रूरी है देरफूर वाइगोस्की थियोरी ओप कॉर्नेटिट डेवलप्मेंट इस ऑल सो कॉल्ड सोशियो कल्चर थियोरी के इसलिए वाइगोस्की की जो संग्यानात्मक विकास की जो थियोरी ये सिद्धानत इसको सामाजिक सांस्कृतिक सिद्धानत या सोशियो कल्चर थियोरी भी अब हम बात करते हैं component of Vygotsky's theory of cognitive development की Vygotsky का जो संग्यानात्मिक विकास का जो सिद्धान्त है इसके कौन-कौन से component है इसके कौन-कौन से घटक है तो यहाँ पर इनोंने यहाँ पर तीन जो components है उसका जिकर किया गया है सबसे पहले क्या है the journal of proximal development समीपस्त विकास का छेत्र जिसको short में क्या कहते है ZPD इसके अलावा inner speech आंतरिक भर्षन और कि आइस के फॉर्लिंग ठीक है मचान तो अगर हम वाइगोस्की के कॉनेटिव डेवलपमेंट की बात करते हैं इनके थिवरी की बात करते हैं तो इसके जो मीन थ्री कंपोनेंट से तीन घटक है तो इनके बारे में भी एक-एक करके हम जान लेते हैं सबसे पहले अगर हम बात करते हैं जड़ पीडी का मतलब क्या है जॉन ऑफ प्रोक्सिमल डेवलपमेंट तो इसको भी हम समझ लेते हैं वायर गुस्की बेस्ट नोन कंसेप्ट इस द जड़ पीडी जब हम वायर गुस्की की थिवरी की बात करते हैं तो जब पीडी को भी जानना बहुत ज्यादा जरूरी है ठीक है तो जब पीडी बच्चों को अधिक जानकार अन्य लोगों से जानकारे प्राप्त करने की अनुमति देता है तो इस जब पीडी क्या कहता है ठीक है कि कोई भी चीज बच्चा मान वह खुशे कर सकता है लेकिन जब उसको उस फिल्ड के एक्सपोर्ट से और अगर गाइडेंस सही से मिलेगी तो बच्चा वह चीजें और बढ़िया तरीके से कर सकता है उदाहरण के लिए देखिए अगर हम बात करें सचीन तेंदुलकर ठीक है अपनी आप में हम कहते हैं कि गॉड ऑफ क्रिकेट लेकिन उनके भी तो कोश्च थे ठीक है आचरेकर जी जिनके गाइडेंस में उन्होंने अलग लग टेकनीक सीखी ठीक है और आगी चलकर अपने जो भी आप कह सकते हो कि कमिया थी उसको दूर करके एक महान प्लेयर चीजों को अच्छे से पढ़ता हो जानता हो लेकिन उसको भी गाइडेंस की जरूरत होती है वह भी अक्सर जब प्रोब्लम होता है तो टीचर्स के पास हेल्प के लिए जाता है तो यहां पर क्या कहा गया है कि जड़ पीड़ी बच्चों को अधिक जानकार या अन्नी लोगों से जानकारी प्राप्त करने के अनुमति देता है जैसे मालो आपको अगर गाड़ी चलाना सीखना है ठीक है आप खुश से भी आफ़र्ट कर सकते हो लेकिन जारातर लोग यह सोचते हैं कि चलो अगर हमें गाड़ी चलाना है तो आपके घर में अगर किसी को गाड़ी चलाना आता हो या आप अ जो ड्राइविंग स्कूल है वहां पर जाकर जो एक्सपोर्ट है आप मुझसे हेल्प लेते हैं क्योंकि वह बेसिक चीजें जो टेक्निक है आपको बताते हैं जिससे आप और बहतर तरीके से गाड़ी चलाना सीख जाते हैं ऐसा नहीं कि आप में गाड़ी चलाने की काबिलि स्वेम कुछ समझ नहीं पाता तो उसे उचित विकास के लिए आवस्यक कौसल विकसित करने के लिए कहीं और जानकारी प्राप्त करने की आवसकता होती है कई बार आप में चीजें है लेकिन आपको प्रोबलम होती है आप कुछ कोशिस तो कर रहे हैं लेकिन आपको सक्सेस न सकते हैं लेकिन सहायता की बिना अपने दम पर पूरा नहीं कर सकते उसमें उनको किसी ना किसी की हेल्प चाहिए होती है अगुड टीचर एडिंटिफाइज और चायन जब डिएंट हेल्प बाद चायल इस रेट बियोंट एड की एक अच्छा सिप्षक देखता है बच्चों को जानता है तो वह बच्चों के बारे में मतलब एक जानता है कि बच्चों को कहां पर हेल्प की जरूरत है तो बच्चों को कहां पर गाइड करना है तो बच्चों की प्रॉब्लम के हे कि बच्चों को सीखने में मदद करने वाला व्यक्ति शुरू में उनकी मदद करने की जिम्मेदारी लेता है जब हम जट पीडी की बात करें ठीक है यहां पर बच्चों को क्या प्रॉब्लम है उनको गाइडेंस देना ठीक है उनकी एल्प करना तो उनकी हेल्प करने का यह मतलब नहीं कि हमेशा उनकी हेल्प करते रहो ठीक है चाहिए कोई टीचर चाहिए कोई इंसान है स्टार्टिंग में ठीक है मान लो एक जो आपको अगर कहीं से गाड़ी सीखना शुरू करें किसी ड्राइविंग स्कूल में गए तो ड्राइविंग स्कूल वाला साल भर तक आपको थोड़ा सिखाता है आपको हफ्ते दो हफ्ते आपको बेसिक चीजें बताता है टेक्निक बताता है उसके बाद धीरे इस टार्टिंग में तो आपको आपके साथ बैठ करो चीजों को सिखाता है लेकिन धीरे ज शुरू में उनकी मदद करने की जिम्मेदारी लेता है लेकिन धिरे यह जिम्मेदारी बच्चों पर डाल देता है कि चलो अब तुम सीख गए हो अब तुम उससे थीजों को करो एक बार जब बच्चा किसी कार्य में महारत हासिल कर लेता है तो जिम्मेदार वैस्क ब� वह सीख गया वह अपने आपसे मैस की जो प्रॉब्लम है को से सॉल कर लेता है बच्चा इस काविल हो गया तो आप कोई दूसरा एरिया मालो बच्चों को लैंग्वेज प्रॉब्लम इसको सोशल साइंस में प्रॉब्लम है उनको साइंस में प्रॉब्लम करके उनको आगे बढ़ाया जा सकता है यदि कोई बच्चा किसी वैस्त की साहिता से भी किसी कार्य में माहरत नहीं कर सकता मालो कोई चीजें सीखने में बच्चों को प्रॉब्लम हो रही है और अगर को किसी टीचर की हेल्प ले रहा है किसी एक एक्सपर्ट की हेल्प ले रहा है फिर भी और चीजों को नहीं सीख पा रहा नहीं जान पा रहा तो इसका मतलब है कि जो चीजों सीखने की कोशिश कर रहा है उसका कठनाई का जो लेवल है वह ज्यादा है तो कहीं ना कहीं उस लेवल को कम किया जाना चाहिए एक जिम्मेदार वैस्त के माधर्शन से एक बच्चे को दिखाया जाता है कि साइकिल ऐसे चलाई जाती है ठीक है एग्जांपल के लिए कि जहन छोटे बच्चे क्या है कि साइकिल लेकर अ छोटे बच्चों को दो साइकल चलाने यह नहीं आती तो अक्सर पैडल मारते रहते हैं ठीक है तो कोई ना कोई एक एक्सपोर्ट चैनल के पैरेंट हो सकते हैं चाहिए आसपास के लोग हो सकते हो क्या करते हो बच्चों को सिखाते हैं भाई तुम्हें साइकल कैसे चलानी है और बच्ची में ऐसा नहीं कि बच्चा साइकल चलाने सकता उसमें साइकल चलाने की छमता तो है लेकिन उस साइकल को कोशिश तो कर रहा है लेकिन चला नहीं पा रहा तो ऐसे बस को किसको चाहिए उसको गाइडेंस चाहिए उसको किसी ने किसी की हेल्प चाहिए ठीक है तो अ इस कॉसल को सीखने के लिए उन्हें सामाजिक संपर्क और मार्डशन की आवसकता होती है किसी दूसरे की हेल्प की आवसकता होती है ठीक है तो इस तरह से क्या होता है बच्चा साइकल चलाना सीख जाता है तो इससे ही हम क्या कहते हैं जट पीडी की बच्चा है उसमें क्वालिटी उसमें हुनर है लेकिन बच्चा काम खुश से नहीं कर पा रहा तो ऐसे में उसको किसी ना किसी की हेल्प की जरूरत है और हेल्प करने वाला भी स्टार्टिंग में बच्चों की वह बच्चों को छोड़ देता है कि बच्चा खुश से वह चीजे कर लेगा ठीक है तो उसे हम जड़ पीडी कहते हैं और फिर हम इनर स्पीज की बात करते हैं आंतरिक संभासन की बात करते हैं तो अक्सर आप खुश से बात करते हैं ठीक है अक्सर जब आप चुप बैठते ह बहुत महसूस कर रहे हो तो जब आप सांध रहते हैं और इस तरह की कोई प्रॉब्लम होती है कोई सोच रहे होते हैं तो अक्सर आप क्या करते हैं खुशे बातें करते हैं तो वाइगोस्की का मानना था कि बच्चे समस्याओं को सुलजाने या विचारों को स्पश्ट करने क कहा है it is an important force in cognitive development की संग्यानात्म विकास का एक बहुत ही महत्वपूर्ण आप कह सकते हो कि शक्ति है पावर है एक छोटा बच्चा अपने विचारों को जोर से बोल सकता है लेकिन एक बार जब वो बड़ा हो जाता है तो क्या करता है वो जोर से बोलता है नहीं वो अपने वि सोचता है, खुद को बताता है, खुद को समझाता है, किस तरह से planning करनी है, किस तरह से उसके implement करना है, तो जो inner speech है, बच्चे के अंदर चलती रहती है, और इस तरह की जो speech है, बच्चों के future की planning बनाने के लिए, समस्या को solve करने के लिए, काफी helpful रहती है. तो एक बार जब बच्चा आप इस तरह से हम देखते हैं कि एक बार जब बच्चा गिंती करना सीख जाते हैं तो जब उनसे चार और दो जैसी कोई भी चीज जोड़ने के लिए बोला जाता है तो वे उत्तर जानने के लिए अपने दिमाग में ही गिंती करते हैं ठीक है तो कि इसके फोल्डिंग के बात करते हैं तो जो हम स्कैप फोल्डिंग के बात करते हैं ठीक है तो वायगोस्की ने तो जट पीडी दिया था तो इसके फोल्डिंग क्या है तो यह भी जट पीडी जैसा ही है लेकिन है क्या तो मचान या हम जब द्वारा नहीं दिया था फिर किसने दिया था इसको जो अन्य सिद्धानकार थे उन्होंने प्रस्तावित किया था जिन्होंने उनके काम पर काम किया वागोश की के बाद उनकी थिवरी पर जब आगे चलकर और साइक्लोजिस्ट ने काम किया तो उन्होंने जो यह जट पीडी की जो हम बात कर रहे हैं ठीक है इसको एक नए शब्द से शम्मूदित किया और उस शब्द क्या था स्कैप फॉर्डिंग ठीक है तो अगर हम स्कै� किया जाता है एजर पर्सन बेल्ड नॉलेज इंट्रोलाइज एक एंड कॉन्फिनेंस इंक्रीज एक्सटरनल स्पोर्ट इस ग्रेजुली रिड्यूस की जैसे-जैसे व्यक्ति ज्ञान करिए मान करता है उसे आंतरिक बनाता है और विश्वास बढ़ता है तो बाहरी मर्थन धीरे-धीरे कम हो जाता है तो स्टार्टिंग में हम देखते हैं कि हर किसी को छोटे बच्चों को कहें उनको बाहरी सपोर्ट की आवसकता होती है ठीक है चाहिए को सीख देखिए अ देखते हैं कोई भी प्रॉब्लम होती है तो अब बच्चों को बाहरी सपोर्ट की सहायता चाहिए ठीक मतलब बाहरी सपोर्ट चाहिए लेकिन दिरे-दिरे जब बच्चा चीजों को सीख जाता है उसका आत्मिस्वास बढ़ता है तो धीरे-धीरे बाहरी समर्थन है वह कम हो जाता है ठीक है एग्जांपल भी है कि अपना ड्राइविंग टेस्ट पास करने के बाद ठीक है जब आप खुश से गाड़ी चलाना सीख जाते हैं तो आपको किसी भी जो साथ में जो सपोर्ट के लिए आपके होते हैं जो एक्सपेशन सब्सक्राइब करते हैं तो आगे चलकर जो वाइगोस्की की जो थिरीयर उस पर जिन साइक्लोजिस्ट ने काम किया तो जट पीडी जो है इसके लिए उन्होंने एक नया जो शब्द आप कह सकते हैं स्कैर फॉर लिंग का योज किया तब हम बात करते हैं कि वाइगोस्की की जो थिरीयर इसके एजुकेशनल इंप्लीकेशन क्या-क्या है तो द थिरीयर इन करेंगे इस parents education system and children to reach their full potential कि यह सिद्धान माता पिता सिख्षा पर नाली और बच्चों को उनकी पूरी चम्ता तक पहुँचने के लिए प्रोसाइट करता है कि चाहे हम पूरे education system की बात करें चाहे हम parents की बात करें चाहे हम teacher की बात करें कि सब की responsibility सब की जिम्मेदारी है कि बच्चों को उनके target को achieve करने में बच्चों की समस्या को दूर करने में सब को ही बच्चों के मदद करने चाहिए या सिद्धान्त ज्ञान की स्तर को बढ़ा सकता है और संज्ञान विचार और विवार को विक्षित कर सकता है ठीक है तो इस अगर थिवरी के तुरू क्या हो सकता है कि चाहे हम सोशल की बात करें चाहे हम कल्चर की बात करें तो इस तरह से बच्चों को सपोर्ट दे कर ठीक ह बच्चों के विकास में लागू करने से बच्चों में बच्चपन में मजबूर दोष्टी विक्षित हो सकती है बच्चों का आत्मिश्वास बढ़ सकता है उनका सकरात्मक मानसिक स्वास्थ आत्मसम्मान और जो टीम वर्क है ठीक है इस सारी चीजें बहतर हो सकती है और जो जो पोजिटिव मेंटल हेल्थ है जो सेल्प इस टीम है जो टीम वर्क के सारी चीजें बच्चों में डेवलप्ट की जा सकती है तो वाइगोस्की ने जब अपनी कॉनेटिव डेवलप्पमेंट की जो थिवरी दित उन इसमें उन्होंने सोशल इंट्रेक्शन सोशल कल्चर इसको बहुत ही महत्वपूर्ण माना बच्चों के कॉनेटिव डेवलप्पमेंट के लिए तो