नए भारतीय कानून (1 जुलाई से लागू)
परिचय
- तीन नए कानून:
- भारतीय न्याय संहिता
- भारतीय साक्ष अधिनियम
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
- पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने इन कानूनों के खिलाफ पत्र लिखा है
- कर्नाटका ने भी ऐतराज जताया है
मुख्य समस्याएँ
- जल्दबाजी में पारित
- संसद के शीतकालीन सत्र में बिना पर्याप्त विचार मंथन के पारित हुए
- 97 सांसद निलंबित थे जब कानून पास हुए
प्रभाव और चुनौतियाँ
- वकीलों और न्यायाधिकारियों को नए सिरे से सीखना होगा
- न्यायिक प्रणाली में 100 साल से बनी धाराओं और प्रावधानों में पूर्णतः बदलाव
- गैर हिंदी प्रदेशों में हिंदी धाराओं के नामकरण से दिक्कतें
भारतीय बार काउंसिल की प्रतिक्रिया
- बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने बार एसोसिएशन और राज्य बार काउंसिल से इन कानूनों का विरोध न करने का अनुरोध किया
- वकीलों को प्रभावित करने वाले कारणों का विरोध करने से रोका गया
कानूनी बदलाव और भाषाई मुद्दे
- तीनों कानून के नाम हिंदी में रखे गए, कर्नाटका ने संविधान के अनुच्छेद 348 का हवाला दिया
- हिंदी और अंग्रेजी के समन्वय की आवश्यकता
हिरासत और रिमांड के नियम
- पहले 15 दिन की पुलिस रिमांड; अब 90 दिन तक बढ़ाई जा सकती है
- पुलिस द्वारा हिरासत 90 दिनों तक हो जाएगी, जो बेल के अधिकार पर संकट पैदा करेगा
प्राथमिक जांच और एफआईआर के प्रावधान
- प्राथमिक जांच के बिना 7 साल से कम की सजा वाले मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं होगी
- सुप्रीम कोर्ट के ललिता कुमार फैसला के विपरीत
- पुलिस की प्राथमिक जांच से एफआईआर दर्ज करने में देरी
आईपीसी धारा 124a और नया राजद्रोह कानून
- पहले की धारा 124a पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी
- नए कानून में राजद्रोह को अधिक व्यापक बनाया गया, धारा 150 में संप्रभुता, एकता और अखंडता का जिक्र
संभावित दिक्कतें
- मामूली हिंसा की घटनाओं को भी आतंकवाद के स्तर पर ले जाने का भय
- यूएपीए के मामले में स्थानीय जांच अधिकारियों के पास भी शक्तियां दी गईं
- अब थानेदार किसी को भी आसानी से डरा सकता है
डी-कॉलोनाइजेशन और नई धाराओं के प्रभाव
- धाराओं के नंबर बदल दिए गए हैं, जैसे हत्या की धारा 302 अब 103
- सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट में महत्वपूर्ण बदलाव नहीं, केवल नाम और अंक बदले
वकीलों और पुलिस अधिकारियों के लिए चुनौतियाँ
- नए कानूनों को समझने और पालन करने के लिए समय और मेहनत की आवश्यकता
निष्कर्ष
- नए कानून जल्दी लागू किए गए
- इन कानूनों का अध्ययन और चर्चा आवश्यक
- नागरिकों के स्वतंत्रता और जीवन के अधिकारों पर प्रभाव
- प्रक्रिया का पालन क्यों महत्वपूर्ण है
रवीश कुमार: समझना है नए कानूनों का व्यापक प्रभाव और न्यायिक प्रणाली पर इसका असर।