सुप्रीम कोर्ट का एससी-एसटी रिजर्वेशन निर्णय

Aug 2, 2024

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: एससी और एसटी रिजर्वेशन पर

मुख्य बिंदु

  • फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने 2004 के अपने 20 साल पुराने फैसले को पलट दिया है।
  • सुप्रीम कोर्ट का उद्देश्य: राज्यों को सब-क्लासिफिकेशन करने का अधिकार दिया गया है।

रिजर्वेशन प्रणाली का अवलोकन

  • ओबीसी रिजर्वेशन: इसमें क्रीमी लेयर और नॉन-क्रीमी लेयर का प्रावधान है।
  • एससी और एसटी रिजर्वेशन: पहले ये एक होमोजीनस ग्रुप माना जाता था।

कोर्ट का निर्णय

  • जजों की बेंच: 7 जजों की बेंच ने 6:1 के वर्डिक्ट से निर्णय लिया।
  • मुख्य जज: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, डी वाई चंद्रचूर।
  • मेजॉरिटी रूलिंग: यह कहा गया कि सब-क्लासिफिकेशन संभव है।
  • जस्टिस त्रिवेदी का विरोध: इकलौते जज जिन्होंने इसके खिलाफ फैसला दिया।

ऐतिहासिक संदर्भ

  • 1975 का पंजाब का नोटिफिकेशन: एससी रिजर्वेशन को दो श्रेणियों में बांटा गया।
    • पहले श्रेणी: वाल्मीकि और मजहबी सिख कम्युनिटीज।
    • दूसरे श्रेणी: अन्य एससी समुदाय।
  • 2004 का फैसला: आंध्र प्रदेश की कैटेगरी इजेशन को असंवैधानिक घोषित किया।
  • 2014 में फिर से रिविजिट: सुप्रीम कोर्ट ने 2004 के फैसले को पुनः जांचने का निर्णय लिया।

नया निर्णय

  • राज्यों को दिया गया अधिकार: यदि राज्य को लगता है कि कुछ समुदायों को पर्याप्त लाभ नहीं मिला है, तो वे सब-क्लासिफिकेशन कर सकते हैं।
  • मुख्य तर्क: रिजर्वेशन के तहत लाभार्थियों का उत्थान हुआ है, लेकिन अभी भी कुछ समुदायों को सहायता की आवश्यकता है।

निर्णय का प्रभाव

  • राज्य सरकारों पर प्रभाव: विभिन्न समुदायों के लिए अलग-अलग श्रेणियों में रिजर्वेशन देने की मांग बढ़ेगी।
  • सामाजिक परिवर्तन: यह निर्णय सामाजिक संरचना में बदलाव ला सकता है।

समापन

  • छोटा और बड़ा रिजर्वेशन: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी समुदायों को रिजर्वेशन दिया जाए, न कि उन्हें हटाया जाए।
  • संविधान का संदर्भ: यूनियन टेरिटरीज का कांसेप्ट कब इंट्रोड्यूस किया गया?

तैयारी संबंधी जानकारी

  • यूपीएससी तैयारी: प्रतिज्ञा बैच में 2025 की तैयारी करने का अवसर।
  • डिस्काउंट कोड: अंकित लाइव।

ध्यान दें: इस निर्णय का व्यापक सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव हो सकता है।