महादेवी वर्मा का रेखाचित्र: गिल्लू

Jul 23, 2024

महादेवी वर्मा का रेखाचित्र: गिल्लू

परिचय

  • महादेवी वर्मा: हिंदी साहित्य में प्रसिद्ध नाम, छायावाद के प्रमुख स्तंभों में से एक।
  • जन्म: 1977, फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश
  • प्रमुख रचनाएँ:
    • रश्मि
    • निहार
    • संध्या गीत
    • शृंखला की कड़ियां
    • पथ के साथी
  • परिवार: पिता - गोविंद प्रसाद, माता - हेमा रानी
  • साहित्यिक वातावरण में पली-बढ़ी।

रेखाचित्र

  • रेखाचित्र: किसी व्यक्ति या संदर्भ के चित्र को शब्दों में खींचना।
  • महादेवी वर्मा ने अपने गिलहरी, गिल्लू से जुड़े संस्मरण को रेखाचित्र के रूप में प्रस्तुत किया।

गिल्लू की कहानी

  • पहली मुलाकात: महादेवी जी को घायल हालत में गिल्लू मिला।
    • उसे घर के अंदर ले जाकर उपचार किया।
    • रूई और पेंसिलिन के उपयोग से घाव साफ किया।
    • कई घंटे के उपचार के बाद वह थोड़ा स्वस्थ हुआ।
  • स्वास्थ्य लाभ: तीन दिन बाद गिल्लू इतना स्वस्थ हुआ कि महादेवी वर्मा की उंगली पकड़ने लगा।

गिल्लू की आदतें

  • चंचलता: गिल्लू की चमकीली आँखें और झब्बेदार पूँछ सबको आकर्षित करती थी।
  • नटखटपन: महादेवी वर्मा को तंग करने और ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश करता।
  • स्नेह: हमेशा महादेवी वर्मा के पास रहना चाहता।

महत्त्व

  • मानवीय संवेदना: महादेवी वर्मा ने दिखाया कि छोटे जीवों में भी भावना और संवेदना होती है।
  • शिक्षा: मानवीयता और संवेदनशीलता का महत्व बताया गया है। गिल्लू के माध्यम से प्रेम और विश्वास का उदाहरण प्रस्तुत किया।

निष्कर्ष

  • गिल्लू केवल एक गिलहरी नहीं थी, वह महादेवी वर्मा के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी।
  • रेखाचित्र के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि हर जीव में संवेदना और प्रेम का पात्र है।