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दीर्घ आयु और आयुर्वेद का ज्ञान

Apr 24, 2025

चरक संहिता - दीर्घ आयु अध्याय

परिचय

  • दीर्घ आयु का अर्थ है लंबी जीवन अवधि
  • चार भागों में विभाजित

आयुर्वेद का इतिहास

  • ब्रह्मा: आयुर्वेद का स्मरण
  • प्रजापति, अश्विनी कुमार, इंद्र: से ज्ञान का प्रसार
  • ऋषि भारद्वाज: पहले लौकिक व्यक्ति, जिन्होंने आयुर्वेद का ज्ञान लिया

फर्स्ट संभाषण परिषद

  • स्थान: हिमालय के पास
  • उद्देश्य: रोग की शांति के उपाय
  • विचार: इंद्र की शरण में जाकर उपाय प्राप्त करना

त्रिसूत्रम्

  • हेतु, लिंग, औषध: स्वस्थ और रोगी जीवन के महत्वपूर्ण आयाम
  • शाश्वत पुण्यम: सदैव अच्छे परिणाम देने वाले

आयुर्वेद की परिभाषा

  • चार प्रकार की आयु: हितायु, अहितायु, सुखायु, दुखायु
  • आयुर्वेद का कार्य: आयु का हिट और अहित बताना

आयु के लक्षण और पर्यायवाची

  • संयुक्त आयु: शरीर, इंद्रिय, आत्मा का संयोजन
  • पर्यायवाची: धारी, जीवित, नित्य, अनुबंध

पाठ का पुनरावलोकन

  • फोकस विषय: दीर्घ आयु, आयुर्वेद का महत्व, स्वास्थ्य के तीन स्रोत
  • महत्वपूर्ण श्लोक:
    • हितं सुखम दुःखम आयुष दश हिताहितम्

अध्ययन के निर्देश

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