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बेसिन के प्रकार और निर्माण प्रक्रिया
Sep 1, 2024
बेसिन कैसे बनते हैं
बेसिन की परिभाषा
बेसिन एक गढ़ा या लो लैंड होता है, जिसका शेप कटोरे की तरह होता है।
इसके साइट के हिस्से जमीन से ऊँचे होते हैं।
बेसिन के प्रकार
पाली बेसिन
खाली बेसिन
बेसिन के निर्माण में समय
कुछ बेसिन बनने में हजारों साल लग सकते हैं।
कुछ बेसिन जैसे भूकंप या लैंड स्लाइड के कारण कुछ घंटों में बन सकते हैं।
रिवर ड्रेनेज बेसिन
नदी और उसकी ट्रिब्यूटरी मिलकर निचले जमीन पर एक जगह बनाते हैं, जिसे रिवर ड्रेनेज बेसिन कहा जाता है।
नदी अपने साथ मिट्टी, मलवा, और पत्थर लेकर बहती है। इसे लैंड एरोशन कहते हैं।
लगातार बहने से जमीन का हिस्सा आसपास की तुलना में कम ऊँचा हो जाता है।
प्रमुख बेसिन
अमाज़न बेसिन
: दुनिया का सबसे बड़ा बेसिन (उत्तरी साउथ अमेरिका में)।
गंगा नदी बेसिन
: भारत में।
भ्रमपुत्रा नदी बेसिन
: पूर्व में।
कृष्णा, महनदी, नर्मदा नदी बेसिन
: दक्षिण में।
ग्लेशियर्स का प्रभाव
ग्लेशियर्स (बरफ के बड़े टुकड़े) जब घिसते हैं, तो बड़े गढ़े या नाले का निर्माण करते हैं।
यह भी बेसिन कहलाता है।
महासागरों का उदाहरण
महासागर जैसे अटलांटिक ओशन एक विशाल गढ़ा है, जो पृथ्वी के जमीन पर है।
इसे ओशन बेसिन कहा जाता है, जिसमें दो कॉन्टिनेंटल लैंड मास के बीच पानी भरा होता है।
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